हज़रत अली (अ.स.) की 100 फ़ज़ीलतें

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हज़रत अली (अ.स.

) और
उनके फ़रज़न्दो (अ.म.ु स.)
की 100 बेममसाल फ़ज़ीलतें

-प्रकाशक-
हाजीनाजी मेमोररयल ट्रस्ट
माली टे करा, अम्बाचौक,
भावनगर (गुजरात इंडिया)

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HAZRAT ALI A.S… - 1 HAJINAJI.com


लेखक

इब्ने शाज़ान

अँग्रेज़ी तर्जम
ु ा

सैय्यद मोहससन अल हजसैनी


अल मीलानी

हहन्दी (लीपी)

हार्ी नार्ी मेमोरियल ट्रस्ट

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प्रकाशक की दो बातें

अल्लाह के नाम से र्ो िहमान व िहीम है


हज़ित अमीरुल मोमेनीन अली इब्ने अबी
तासलब (अ.स.) के फ़ज़ाएल व मनाककब औि
उनकी अज़मतों व बलंदीयों तक पहजंचने के
सलये इंसानी सोच आजर्ज़ है

हज़ित िसूले खजदा (स.अ.व.) इिशाद फिमातें


हैं अय अली (अ.स.) तजम को अल्लाह
तआला औि मेिे अलावा कोई दस
ू िा पहचान
न सका.

एक दस
ू िी हदीस में पैग़म्बिे इस्लाम
(स.अ.व.) इिशाद फिमाते हैं.

अय लोगो अगि सािी काएनात वादी के एक


ककनािे से औि अली (अ.स.) तन्हा वादी के

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दस
ू िे ककनािे से र्ा िहे हों तो हक़ उधि है .
जर्धि से अली (अ.स.) र्ा िहे हैं.

इसी सलए अहमद बबन हर्िे हयशमी सलखते


हैं कक हज़ित िसूलेखजदा (स.अ.व.) गदीि के
हदन यह इिशाद फ़िमाया जर्सका जर्सका
मै मौला हूँ उस्के उस्के यह अली (अ.स.)
मौला हैं. अय अल्लाह तू उसे दोस्त िख र्ो
अली (अ.स.) को दोस्त िख्खे औि तू उसे
दश्ज मन िख र्ो अली (अ.स.) के साथ
दश्ज मनी िख्खे. तू उस से मह
ज ब्बत कि र्ो
अली (अ.स.) से मजहब्बत किे . तू उस पि
ग़ज़ब नाक हो र्ो अली (अ.स.) को
ग़ज़बनाक किे . तू उस की मदद कि र्ो
अली (अ.स.) की मदद किे , तू उस से
नफ़ित कि र्ो अली (अ.स.) से नफ़ित किे
औि तू हक़ को उधि मोड़ दे जर्धि अली
(अ.स.) मजड़ें.

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इमामे शाफ़ई फ़िमाते हैं अय अहलेबैते िसूल
(स.अ.व.) तजम्हािी मोहब्बत अल्लाह की
तिफ़ से वह फ़िीज़ह है . जर्सको अल्लाह ने
कजिान में नाजज़ल ककया है. अय अहलेबैते
िसूल (स.अ.व.) तजम्हािी अज़मत के बयान
में इतना कहना काफ़ी है कक ‘मल्लम
यस
ज ल्ले अलैकजम ला सलातलह’ नमाज़ में
र्ो आप पि दरू
ज द न भेर्े उसकी नमाज़
नमाज़ नहीं है .

उसी फ़ज़ीलतों के समंदि से इब्ने शाज़ान


अबबल हसन मोहम्मद बबन अहमद बबन
अली इब्ने अल हसन अल क़जम्मी ने 100
फ़ज़ीलतों को र्मा कि के एक ककताबी
शक्ल दी है. जर्स का नाम िख्खा ‘हज़ित
अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.) औि उनके
फ़िज़न्दों की 100 बेसमसाल फ़ज़ीलतें ’

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अस्ल में यह ककताब अिबी ज़बान में है ,
औि इसका तिर्जमह अंग्रेज़ी ज़बान में हो
चजका है. अल्लाह के फ़ज़्ल से हार्ी नार्ी
मोमेरियल ट्रस्ट भावनगि इस ककताब को
हहन्दी पढने वालों की आसानी केसलये
‘’हहन्दी लीपी में’’ मोहहब्बाने अहलेबैत
(अ.म.ज स.) व मवासलयाने हैदिे किाुि (अ.स.)
की खखदमत में पेश किने की सआदत
हाससल कि िहा है.

पिविहदगािे आलम से दआ
ज है कक हमािी
तौफ़ीक़ात में इज़ाफ़ह फिमाये,

औि दींन की खखदमत किने का र्ज़्बह


इनायत फिमाये र्ो हमािी नर्ात. अहलेबैत
(अ.म.ज स.) औि उन्के हक़ीक़ी वारिस क़ाइमे
आले मोहम्मद (अ.स.) की खश
ज नद
ू ी का
सबब बने. बािगाहे इलाही में दआ
ज है कक

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हमािे इमाम (अ.स.) के ज़जहूि में तअर्ील
फिमाये.

इस ककताब को तैय्याि किने में बहजत


इहततयात से काम सलया गया है कफि भी
अगि कोई भूल िह गई हो तो मजन्दर्ुह ज़ेल
पते पि िाबेतह किने की ज़हमत फिमाएं.

हार्ी नार्ी मेमोरियल ट्रस्ट


माली का टे किा, अम्बाचौक,
भावनगि - 364001
मो. ;+91-8460534598

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अर्पण (तोहफ़ह र्ेश करना)
ये तोहफ़ह मझ
ज े ककस्को पेश किना चाहीये, ये
एक कोसशश मेिे मौला औि मेिे आक़ा के
सलए है यह अल्लाह की तिफ से तोहफ़ह है .
उन्हों ने कहा कक यह अल्लाह की तिफ से
हज़ित अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.) के
सलए है.1
1 ये वोह हदीस है जर्सको हाकफ़ज़ दै लमी ने
अपनी ककताब. कफिदौस में अब्दल
ज िज़्ज़ाक से
र्ो मोअम्मि (जज़यादह उम्र के) थे उन्हों ने
ज़ोहिी से उन्हों ने अिफ़ाह बबन ज़जबैि से उन्हों
ने इब्ने अब्बास से कक उन्हों ने कहा कक जर्स
वक्त हज़ित अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.)
ने अम्र बबन अब््वद अल अमेिी को क़त्ल
ककया: आप (अ.स.) अपनी खून भिी तल्वाि
जर्स से अम्र का खून टपक िहा था
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की खखदमत में लेकि
हाजज़ि हजवे. उस वक्त िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने

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हज़ित अली (अ.स.) की र्ातनब तनगाह ककया
तो फ़िमाया अय अल्लाह अली (अ.स.) को
ऐसी फ़ज़ीलत अता कि र्ो ककसी दस
ू िे को
अता न की हो उसी वक्त र्नाबे जर्ब्रईल
र्न्नत से एक नािं गी लेकि नाजज़ल हजवे औि
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से कहा अल्लाह अज्ज़
वर्ल ने आप को सलाम भेर्वाया है औि
कहा है कक हज़ित अली इब्ने अबी तासलब
(अ.स.) को मेिी तिफ़ से सलाम पहूंचाएं औि
ये नािं गी उनको दे दें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने
उस नािं गी को हज़ित अली इब्नें अबी तासलब
(अ.स.) को हदया तो उसके दो हहस्से हो गए
उस नािं गी में एक हिे िं ग का िे श्मी कपडा था
जर्स में ये सलखा हजआ था यह तोहफ़ा अल्लाह
की तिफ़ से हज़ित अली इब्ने अबी तासलब
(अ.स. ) के सलए है.
(ख्वािज़मी ने अपनी मनाककब में पेर्. 105,
ज़हबी ने मीज़ानजल एअतेदाल जर्ल्द.1, पेर्.76.
कजंन्दज़
ज ी ने यनाबीउल मव्दह, पेर्. 95.)

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-लेखक का थोड़े शब्दों में
र्ररचय-

इब्ने शाज़ान पांचवीं सदी के बहजत बड़े


आसलमों में से थे जर्न्हों ने अहलेबैत
(अ.म.ज स.) की शान में सलखी गई तहिीिों को
र्मा ककया औि बहजत सािी ककताबों को र्ो
अहलेबैत (अ.म.ज स.) की शान में छपी थीं
हहफ़ाज़त की. यह ककताब उन्हीं ककताबों में
से एक नमूना है.

इस ककताब का मजज स्लम दन्ज या में एक खास


असि है.

क्यूं कक मोअजल्लफ़ ने बहजत ही इहततयात के


साथ सजन्नी ककताबों से हवाला लेना पसंद
ककया है. इससलए पछतावे व एतिाज़ का
कोई सवाल पैदा नहीं होता.

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र्ो भी इस्लामी तािीख का मजतालेआ किते
हैं वह अछी तिह र्ानते हैं कक अक्सि ऐसा
होता है कक साहे बे क़लम बबक र्ाते हैं. औि
लोगों के हदलों में अपनी ज़हिीली ककताबों के
ज़िीये लोगों के हदलों में शक व शजबहा पैदा
कि दे ते हैं. हमािे आसलमेंदीन होते हैं र्ो
उनका मजक़ाबबला हहम्मत के साथ, भिोसे
मंद हवालों औि पब्लीशि से किते हैं, इसी
सलये इस तबाअत में ककसी ककस्म का ज़ाती
ि्दो बदल नही ककया गया है.

यह ककताब दो बाि छप चजकी है पहली


तबाअत आयतल्
ज लाह सय्यद मस्
ज तफा
खजन्सािी की लाइब्रेिी में है औि दस
ू िी
तबाअत आयतजल्लाह अल मिअशी अल
नर्फ़ी की लाइब्रेिी में है .

इब्ने शाज़ान की बहजत कीमती नशिीयात


मजन्दिर्ह र्ैल हैं.

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1- ईज़ाह दे फ़ाएन अन्नवाससब
2- अल इख्तेलाफ़ फ़ी वहदत कत्ताबीन
3- ि्दल
ज शम्स अला अमीरुल मोमेनीन
4- अल मनाककब

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मोअल्ललफ़ इब्ने शाजान का
नोट
अल्लाह के नाम से र्ो िहमान व िहीम है.
तमाम तािीफें अल्लाह के सलए हैं र्ो हमेशह
से था औि हमेशह िहे गा अपने फैसले में
आहदल व िहमान, ऐसा मासलक कक जर्सको
ककसी की ज़रूित नहीं वह बलंद होने के
बावर्द
ू अपने बन्दों से नज़दीक है यह
उसकी हम्द व सना है . कक र्ो र्ानता है
कक उसकी हम्द ज़रूिी है. औि उसको भूल
र्ाना गजनाह है. जर्न लोगों का यह अक़ीदह
है वो र्ानते हैं. उसका काम उसके अक़ीदे
पि मजन्हससि है.
वही पिविहदगािे आलम पि भिोसा किते हैं.
वह अल्लाह कक र्ो उस्के ऊपि भिोसह
किता है वह मानता है. कक उस्की ताकत के
अलावह कोई ताकत नहीं.

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मैं गवाही दे ता हूँ कक अल्लाह के ससवा कोई
खजदा नहीं औि मेिी यह गवाही मिते दम
तक बाकी िहे गी.
मैं यह उम्मीद िखता हूं कक मजजश्कल के
वक्त यही मजझे बचाए गी मै गवाही दे ता हूं
कक मोहम्मद (स.अ.व.) उस्के बन्दे ह औि
िसल
ू हैं वह हमािे नबीए िहमत हैं वह
उम्मत के चेिाग हैं वह उम्मत को र्ेहालत,
तािीकी से बचाने वाले हैं. आल्लाह से दआ

है कक उन पि औि उन की आल पि दरू
ज द
व िहमत नाजज़ल फ़िमाए.
मैंने अमीरुल मजमेनींन, मोसमनों के
सिदाि,अल्लाह के शेि, हज़ित अली इब्ने
अबी तासलब (अ.स.) की बेसमसाल फज़ीलतों
को सन्
ज नी ककताबों से र्मा ककया है उसको
मज़बूती से पकड़े िहना औि अछी तिह
सीख लेना.यह छोटी छोटी हदीसें हैं. इससलए

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इसके पढ़नें में ककसी ककस्म की हदल न
लगनी वाली बात पैदा नहीं होगी.
अल्लाह हमें सीधे िास्ते पि चलने की
तौफ़ीक़ इनायत फिमाये औि हमें र्न्नत से
दिू न िख्खे.

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मोअल्ललफ़ सय्यद मोहमसन
अल हुसैनी अल मीलानी का
नोट.
यह बहजत बलंद हवालों के साथ बड़ी क़ीमती
ककताब है. पूिी कोसशश की गई है कक अिबी
से इंजललश तिर्जमा किने में कजछ, छूट न
र्ाये
यह र्ानना बहजत ज़रूिी है कक यह हदीसें
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से हैं औि अल्लाह
कजिाने किीम में इिशाद फ़िमाता है. कक ‘वह
अपनी तिफ़ से कोई बात कहता ही नहीं
र्ब तक उसपि वही न आर्ाए.’’(43:3-4)
मजन्दिर्ह र्ैल बातें इस ककताब के बािे में
हैं. इस में र्ो हवाले हदयेगए हैं उसमें
ककतनी एहततयात से काम सलया गया है.
1- हदीसों को हवालों के साथ सलया गया है .
(हि एक फ़ज़ीलत के ऊपि आख़िी शख्स को

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जज़क्र ककया गया है) इस से आप को
िसूलेखजदा (स.अ.व.) की हि एक हदीस
समझने में आसानी होगी क्यंू की आसान
लहर्ा अपनाया गया है .
2- अल्लाह के िसूल (स.अ.व.) की तिफ़ से
बयान होने वाली हदीसें जर्स में सीफ़ात
बयान किने में दस
ू िों से मक़
ज ाबबला ककया
गया है उस लहर्े पि ध्यान दें .
3- हि एक फ़ज़ीलत को एक से जज़यादह बाि
पढ़ने की कोसशश किें र्ब तक की हदीस के
पिू े मतलब को अछी तिह समझ न लें.
ककताब पढ़ने वाले का मक़सद पूिी ककताब
पढ़ कि खत्म कि दे ना नहीं होना चाहहए,
बल्की उस्को समझने की कोसशश किना
चाहहए.
हि एक फ़ज़ीलत का हवालह उसी पेर् पि
नीचे जज़क्र ककया गया है औि हि हवालह
अिबी ककताब से हदया गया है इससलए यह

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ज़रूिी नही है तिर्जमह की हजई ककताब का
पेर् अिबी ककताब के हवालेह से मजताबेकत
किे
हि ककताब पढ़ने वाले से गजज़ारिश है कक
ककताब के मोअजल्लफ़, बजज़जगु आलीमे दीन
इब्ने शाज़ान के नाम एक सूिेए फ़ाततहा पढ़
दें .

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फेहररस्त
नंबि फ़ज़ीलत पेर्
1 मखलक़
ू के सिदाि 35

2 सबसे बा फ़ज़ीलत 37

3 अली (अ.स.) औि हसन 40


(अ.स.) अल्लाह के नाम हैं
4 मख्लूक़ात के िहनजमा 42

5 साक़ीये कौसि 44

6 उम्मत के हादी 47

7 ववलायते हज़ित अली 50


(अ.स.)
8 अल्लाह की र्ातनब से खास 52
तोहफ़ह
9 अंबबया (अ.स.) के वारिस 56
मोसमनों के सिदाि
10 र्ानशीने िसूल (स.अ.व.) 60

11 क़यामत के हदन अल्लाह 64

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की तनदा
12 दश्ज मने अली (अ.स.) पि 67
अल्लाह की लाअनत
13 आसमान में भी एक 69
फरिश्ता हज़ित अली
(अ.स.) की सूित में
14 अल्लाह औि िसूल 73
(स.अ.व.) के चहीते
15 नूि की शादी नूि के साथ 75

16 पजले सेिात से गजज़िने के 78


सलए हज़ित अली (अ.स.)
का पवाुनह ज़रूिी
17 हज़ित अली (अ.स.) की 81
ववलायत क़बूल किने वाला
मोसमन औि इनकाि किने
वाला काफ़ीि है
18 इल्म का दवाुज़ह 87

19 अली (अ.स.) के चाहने 90

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वालों केसलये 70,हज़ाि
फरिश्ते असतगफ़ाि किते हैं
20 हज़ित अली (अ.स.) से 95
मजहब्बत अल्लाह से नज़दीक
होने का ज़रिया है
21 हज़ित अली (अ.स.) की 97
फ़ज़ीलत कोई शजमाि नहीं
कि सकता
22 हज़ित अली (अ.स.) उम्मत 102
के बाप हैं
23 हज़ित अली (अ.स.) की 105
नाफ़िमानी र्हन्नम का
सबब है
24 हज़ित अली (अ.स.) हाककम 107
हैं
25 सब से जज़यादह इल्म िखने 111
वाले
26 हज़ित अली (अ.स.) हिएक 113

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के अमीि हैं
27 हज़ित अली (अ.स.) के 117
हजक्म की नाफ़िमानी किने
वाला काफ़ीि है
28 मख्लक़
ू ात पि िौशन दलील 119
हज़ित अली (अ.स.).
29 हज़ित अली (अ.स.) के 122
मोहहब्बों की र्गह
30 तािीकी में नूि 124

31 वसीओं में सबसे बड़े 127

32 हव्ज़े कौसि के मासलक 130

33 हम औि अली (अ.स.) एक 133


ही नूि से हैं
34 उम्मत के इमाम 136

35 मेिार् में पंर्तनेपाक 138


(अ.मज.स.) का जज़क्र
36 हज़ित अली (अ.स.) की 140
फमाुन बिदािी किो

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37 हज़ित अली (अ.स.) के 142
चाहने वालों की 18फ़ज़ीलतें
38 हज़ित अली (अ.स.) की 150
ववलायत हहदायत है
39 हज़ित अली (अ.स.) से 152
मजहब्बत किने वालों के दर्े
40 हज़ित अली (अ.स.) के 154
सलए हारून बबन इमिान
की र्ातनब से कमीस आई
41 हज़ित अली (अ.स.) की 157
ववलायत को थाम लो
42 र्न्नत के प्याले में हौज़े 161
कौसि का पानी हज़ित
अली (अ.स.) के सलए आया
43 इमामल
ज मत्त
ज क़ीन 165

44 कौन नर्ात पायेगा औि 169


कौन हलाक हो गा
45 हज़ित अली (अ.स.) ज़मीन 171

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पि नूि हैं
46 र्न्नत र्हन्नम में कौन 173
लोग र्ाएँ गे
47 अल्लाह तअिीफ़ कि िहा है 176

48 हज़ित अली (अ.स.) की 178


समसाल उम्मत में र्नाबे
ईसा इब्ने मियम की सी है
49 सब से पहले र्न्नत में 180
दाखखल होने वाला
50 अगि दो बंदे न होते तो 183
हम हज़ित आदम (अ.स.)
को पैदा न किते
51 र्न्नत में दाखखल होने 186
केसलये अहलेबैत (अ.मज.स.)
से मोहब्बत किना चाहहए
52 क़यामत के हदन हज़ित 189
अली (अ.स.) कफ़िदौस के
ऊपि बैठे होंगे

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53 हज़ित अली (अ.स.) 192
पैगम्बि (स.अ.व.) के र्ज़

हैं
54 र्न्नत के दिवाज़े पि 194
सलखा है
55 मजनादी आसमान से तनदा 197
दे ता है ये सब से सच्चे हैं
56 पैगम्बिे अकिम (स.अ.व.) 200
के ऊपि हज़ित अली
(अ.स. के सलए अल्लाह की
वही
57 पैगम्बि (स.अ.व.) के बाद 202
अगि कोई नबी होता तो
वह अली (अ.स.) होते
58 अइम्मा (अ.मज.स.) अल्लाह 204
की िौशन तनशानी हैं
59 हज़ित पैगम्बि (स.अ.व.) 207
के बबला फस्ल खलीफह

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60 पंर्तने पाक (अ.मज.स.) के 210
मतुबे
61 र्नाबे फातेमा (स.अ.) की 212
मोहब्बत 100 मजक़ामात पि
काम आयेगी
62 अल्लाह का तोहफ़ह औि 214
सेब के ऊपि सलखा हजआ
63 हज़ित अली (अ.स.) का 217
र्ो इनकाि किे वह काफ़ीि
है
64 सब से पहला र्न्नती 219

65 शबे मेअिार् पैगम्बि 221


(स.अ.व.) ने र्न्नत में ये
एक नूि दे खा
66 हज़ित अली (अ.स.) वह बा 223
फ़ज़ीलत इंसान जर्स के
ऊपि शक किने वाला
काफ़ीि

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67 अगि सब्र, इंसानी शक्ल में 225
होता तो वह हज़ित अली
(अ.स.) होते
68 हज़ित अली (अ.स.) का 228
जज़क्र इबादत है
69 तूबा र्न्नत में एक दिख़्त 230
है
70 हज़ित अली (अ.स.) के 232
साथ र्ंग किने वाला
काफ़ीि
71 आखेित के सलए बेहतिीन 234
ज़ादे िाह अली (अ.स.)
72 मेिी वफ़ात के बाद मेिे 236
र्ानशीन अली (अ.स.)
हज़ित िसूले खजदा
(स.अ.व.)
73 खजझूि के दिख्त ने गवाही 238
दी

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74 अहलेबैत (अ.मज.स.) की 241
19फ़ज़ीलतें
75 िौशन दलील हज़ित अली 244
(अ.स.)
76 हज़ित अली (अ.स.) हज़ित 249
िसूले खजद ा (स.अ.व.) के
वज़ीि
77 अहलेबैत (अ.मज.स.) का 251
इनकाि अल्लाह तआलह को
बजिा भला कहना
78 सब से जज़यादह इल्म िखने 255
वाले
79 हज़ित अली (अ.स.) के 257
चाहने वालों के सलए खजशी
व िाहत
80 हज़ित अली (अ.स.) की 260
मदह
फ़रिश्ते किते हैं

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81 मज़बूत िस्सी हज़ित अली 262
(अ.स.) की ववलायत
82 पहले के तमाम नबबयों को 265
ववलायते अली (अ.स.) का
पैगाम हदया गया
83 क़यामत में हज़ित अली 268
(अ.स.) को सात नामों से
पजकािा र्ाएगा
84 हज़ित अली (अ.स.) के 270
चेहिे की तिफ नज़ि किना
इबादत
85 हज़ित अली (अ.स.) का 272
िास्ता सीधा िास्ता है
86 हज़ित अली (अ.स.) 274
कजिआन से भी बेहति
87 हसनैन (अ.स.) के सलए 276
र्न्नत से फल आए
88 हज़ित अली (अ.स.) पि 279

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ईमान िखने वालों के सलए
फरिश्ते अस्तगफ़ाि किते हैं
89 हज़ित अली (अ.स.) की 281
फ़ज़ीलत बयान किो
90 र्न्नत को नहीं बनाया 283
मगि ये कक तजम्हािे औि
तजम्हािे शीयाओं के सलये
91 हज़ित अली (अ.स.) के 285
शीआ 500 बिस पहले
र्न्नत में र्ाएँ गे
92 अहलेबैत (अ.मज.स.) से 287
मह
ज ब्बत किना फ़ज़ु
93 मैं (अल्लाह) हज़ित अहमद 290
(स.अ.व.) औि हज़ित अली
(अ.स.) को अपने नूि से
पैदा ककया
94 र्ो हज़ित अली (अ.स.) को 292
चाहता है अल्लाह तआला

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उस्को चाहता है
95 नमाज़ िोज़ह औि दआ
ज की 295
कजबूसलयत के सलये हज़ित
(अ.स.) से मजहब्बत ज़रूिी
96 हज़ित अली (अ.स.) के 297
शीयाओं के सलये क़यामत
के हदन सखावत के
साथ बदला
97 ककतना अच्छा खलीफ़ह 300
मोक़िुि ककया
98 क़यामत के हदन हज़ित 304
अबत
ज ासलब (अ.स.) का निू
हि एक नूि से जज़यादह
नूिानी होगा ससवाए पांच
नूि के
99 हज़ित अली (अ.स.) की 307
फ़ज़ीलतों को शजमाि किना
मजमककन नहीं

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100 अक़ीदे की क़ोबूलीयत के 306
सलये हज़ित अली (अ.स.)
की वीलायत औि उन्के
दश्ज मनों से बेज़ािी ज़रूिी है
* आसलमों ने इस ककताब के 313
बािे में क्या कहा
* वह सजन्नी ककताबें कक 316
जर्समें आसलमों ने इस
ककताब को हवाले के तौि
पि जज़क्र ककया है
* बहजत से सजन्नी उलमा कक 320
जर्न्हों ने इस ककताब के
ऊपि भिोसा ककया है औि
इस से हदीसों को नक्ल
ककया है
* बहजत से शीआ उल्मा कक 322
जर्न्हों ने इस ककताब में
उन िाववयों का जज़क्र

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ककया है र्ो उन्के नज़दीक
मोअतबि हैं
* इस ककताब में उन्हीं िाववयों 324
का जज़क्र ककया गया है र्ो
शीआ उल्मा के नज़दीक
भिोसे मंद हैं औि इस बात
का उन्हों अपनी ककताबों में
जज़क्र ककया है

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-अललाह के नाम से जो रहमान
व रहीम है -
फज़ीलत-1:
हसन इब्ने अहमद बबन सख्तवैह कूफ़ा में
374 ही.स. में अबजबक्र मोहम्मद बबन
अहमद बबन ईसा बबन मेहिान से उन्हों ने
यहहया बबन अजब्दल हमीद से उन्हों ने कैस
बबन िबीअ से उन्हों ने अअमश से उन्हों ने
अबायह से उन्हों ने हब्बतजल अिनी से उन्हों
ने अमीरुल मोमेनीन अली इब्ने अबीतासलब
(अ.स.) से कक आप (अ.स.) ने फिमाया’
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया है. कक मैं
पहले वालों का औि आखखि वालों (यानी
अव्वलीन व आखिीन) का सिदाि हूँ औि
अय अली (अ.स.) तजम मेिे बाद मखलूक के
सिदाि हो हमािे पहले वाले आखखि वालों की

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तिह हैं औि आखखि वाले पहले वालों की
तिह हैं.2
बेहाि जर्ल्द. 25 पेर्.360 ह.17, गायतजल
2

मिाम पेर्. 450, ह.14. पेर्. 620, ह.17


ख्वािज़मी मनाककब में पेर्. 31, औि मकतल
जर्ल्द. 1 पेर्. 39, यनाबीउल मव्दह 113,
हक्कजल गजम्मह जर्ल्द. 1,पेर्. 103, ऐहक़ाकजल
हक़ जर्ल्द. 6, पेर्. 111,समस्बाहजल अन्वाि पेर्.
61.

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फ़ज़ीलत-2:
अबू ज़करिया तल्हा बबन अहमद बबन तल्हा
बबन मोहम्मद अल सिाुम,अबज मआद शाह
बबन अब्दिज ुहमान बेहिात से उन्हों ने अली
बबन अब्दल्
ज लाह से उन्हों ने अब्दल
ज हमीद
कत्ताद से उन्हों ने हासशम बबन बशीि से
उन्हों ने शोअबा बबन अल हज्र्ार् से उन्हों
ने अदी बबन साबबत से उन्हों ने सईद बबन
ज़ब
ज ैि उन्हों ने इब्ने अब्बास से नक्ल ककया
है कक
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने ये फ़िमाया है
मेिे बाद हज़ित अली इबने अबी तासलब
(अ.स.) अल्लाह की अफ्जज़ले मखलक
ू हैं.
हसन (अ.स.) औि हजसैन (अ.स.) र्न्नत
के र्वानों के सिदाि हैं, औि उन्के वासलद
(अ.स.) आप दोनों पि बलंद दर्ाु िखते हैं.
औि र्नाबे फ़ातेमा (स.अ.) दन्ज या की तमाम
औितों की सिदाि हैं अली (अ..स.) ने र्नाबे

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फ़ातेमा (स.अ.) का दस्ते मजबािक माँगा है
औि अगि अली (अ.स.) से बेहति कोई
फ़ातेमा (स.अ.) के सलये होता तो आप
(स.अ.) का तनकाह अली (अ.स.) के साथ न
किता.3
शैख़ सदक
3
ू की खेसाल में,पेर्. 209 ह. 25,
बेहाि जर्ल्द 43, पेर्. 26. ह. 24, इब्ने शहिे
आशोब ने अपनी मनाककब में जर्ल्द. 3, पेर्.
103, शैख सदक
ू की मआतनल अख्बाि पेर्.
107, ह.1. कजंदज़
ू ी ने यनाबीउल मव्दह. में पेर्.
260, अवासलम जर्ल्द 11, पेर्. 44, दायल्मी ने
फ़ीिदौस में, ससयजती ने तािीखजल खोलफ़ा में पेर्.
144, इब्ने अबी हदीद ने शहे नहर्जल बलाग़ह में
जर्ल्द. 2 ,पेर्. 457, हहल्यजल अवसलया जर्ल्द.
2, पेर्. 42, ख्वािज़मी ने मकतल में जर्ल्द.1
पेर्. 79, मजजश्कलजल आसाि जर्ल्द. 1, पेर्.
48, मोहहब्बज्दीन ने ज़खाएरूल उक़बा में पेर्.
43, मोअतसि समनल मजख़्तसि जर्ल्द. 2, पेर्.

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147, सलबी ने तािीखजल इस्लाम में जर्ल्द. 2,
पेर्. 91, वसी लतजल आमाल पेर्. 80, िश्फत
अल साही 226, इस्तेआब जर्ल्द. 4 ,पेर्. 385,
ईसाबाह जर्ल्द. 4, पेर्. 378, सेिाअतल
नबवीय्यह जर्ल्द. 2, पेर्. 6, मशािे कल अन्वाि
पेर्. 105, उसजद अल गाबा जर्ल्द. 5, पेर्.
522.

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फ़ज़ीलत 3:-
अबजल तैय्यब मोहम्मद बबन हजसैन तैमजली
मोहम्मद बबन सजलैमान से नक्ल किते हैं
कक उन्हों ने यहहया बबन अहमद से उन्हों ने
मोहम्मद बबन मजतवजक्कल से उन्हों ने ज़जफ्र
बबन होज़ैल से उन्हों ने अअमश से उन्हों ने
मोविरिक से उन्हों ने र्ाबबि इब्ने
अब्दल्
ज लाह अंसािी से उन्हों ने फिमाया कक
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया है.
हसन (अ.स.) को हसन इससलए कहा र्ाता
कक ये अल्लाह का एहसान है कक उसने
आसमान व ज़मीन को बनाया औि उसे
अपनी र्गह पि िोके िख्खा औि हसन नाम
लफ्जज़े एहसान से सलया गया है.4
अली (अ.स.) औि हसन (अ.स.) ये दोनों
नाम अल्लाह के नाम से सलये गए हैं (यानी
अस्माए इलाही मे से हैं) औि हजसैन नामे

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हसन का मजसलगि है.5 (यानी प्याि से सलया
र्ाने वाला नाम)
अइम्मा (अ.मज.स.) अल्लाह की ससफ़ात के
4

मज़हि हैं अल्लाह की एक ससफ़त ये है कक वह


िहम किने वाला है इमाम हसन (अ.स.)
अल्लाह की इस ससफ़त का मज़हि हैं इमाम
हसन (अ.स.) की वर्ह से आसमान ज़मीन पि
नहीं गगिता जज़यािते र्ामेअ कबीिा में दे खें
मदीनतजल मआजर्ज़ पेर्. 202, ह .4 औि पेर्.
5

238, ह. 8 हहल्यतजल अबिाि जर्ल्द. 1, पेर्.


499, बेहाि जर्ल्द. 43 ,पेर् 252, अवासलम पेर्.
16, मनाककब इब्ने शहिे आशोब जर्ल्द. 2, पेर्,
166.

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फ़ज़ीलत-4:
अहमद बबन मोहम्मद बबन र्िाुह क़ाज़ी
उमि बबन अल हजसैन नक्ल किते हैं कक
आमेना बबन्ते अहमद बबन ज़हल बबन
सजलैमान अल अअमश उन्हों ने अपने वासलद
से उन्हों ने सजलैमान बबन मेहिान से उन्हों
ने मोहम्मद बबन कसीि से उन्हों ने अबी
खैसमा से उन्हों ने अब्दल्
ज लाह इब्ने उमि के
फ़िज़न्द से कक वह कहते हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया है.
मैं डिाने वाला हूँ औि हज़ित अली इब्ने
अबी तासलब (अ.स.) तजम्हािी हहदायत किने
वाले हैं (‘’बेशक तजम एक डिाने वाले हो औि
हि उम्मत के सलये एक हादी होता
है”(13:7)) हसन (अ.स.) के ज़रिये अल्लाह
की तिफ से तजम्हें िहमत समली है औि
हजसैन (अ.स.) के ज़रिये नर्ात पावो गे या
(उन्की नाफ़िमानी से) तम ज बदबख्त बन

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र्ाओगे इमाम हजसैन (अ.स.) र्न्नत के
दिवार्ों में से एक दिवाज़ह हैं अल्लाह ने
इमाम हजसैन (अ.स.) से र्ंग किने वालों के
ऊपि र्न्नत की खशज बू हिाम कि दी है.6
बेहाि जर्ल्द. 35 पेर्. 405, ह. 28, गायतजल
6

मिाम पेर्. 235, ह .6, बजिहान जर्ल्द. 21, पेर्.


181, ख्वािज़मी ने मकतल में जर्ल्द. 1, पेर्.
14,

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फ़ज़ीलत-5:
मोहम्मद बबन अली बबन फ़ज़ल बबन
तमामजज़्ज़ीयात मोहम्मद बबन काससम से
नक्ल किते हैं कक उन्हों ने ईबाद बबन
याकूब से उन्हों ने मूसा बबन उस्मान से
उन्हों अअमश से उन्हों ने अबू इस्हाक़ से
उन्हों ने हारिस औि सईद बबन कैस से
उन्हों ने हज़ित अली इब्ने अबी तासलब
(अ.स.) कक आप फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया मैं हव्ज़े
कौसि पि वारिदहूँगा औि अय अली
(अ.स.) तम
ज साक़ी होगे, हसन (अ.स.) लोगों
की हहमायत किनेवाले होगें हजसैन (अ.स.)
हजक्म किे गें अली इब्ने हजसैन (अ.स.) हजक्म
को नाकफज़ किें गें , मोहम्मद इब्ने अली
(अ.स.) फैलाएं गें , र्अफि इब्ने मोहम्मद
(अ.स.) उस हजक्म को आगे बढाने वाले होंगें ,
मूसा इब्ने र्अफि (अ.स.) चाहने वालों औि
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बजलज़ िखने वालों को शजमाि किने वाले होंगें
औि मजनाफ़ेक़ीन को नाबूद किने वाले होंगें ,
अली इब्ने मूसा (अ.स.) मोमेनीन को ज़ीनत
बख्शें गें , मोहम्मद इब्ने अली (अ.स.)
र्न्नत वालों के दर्ों को बताएं गें , अली
इब्ने मोहम्मद (अ.स.) अपने शीओं के
खतीब होंगें औि उन्की शादी हूिों के साथ
किाएँ गें (बड़ी बड़ी खूबसूित आँखों वाली हूिें
(56:22) हसन इब्ने अली (अ.स.) र्न्नत
वालों के सलये चेिाग होंगें औि उनको िौशनी
अता किें गें औि क़ाएम (अ.त.फ.श.)
क़यामत के हदन उन्की शफ़ाअत किने वाले
होंगें इसतिह कक अल्लाह इर्ाज़त नहीीँ दे गा
मगि ये कक जर्से चाहे औि जर्स से िाज़ी
हो.7,8.
7
ये हि एक लक़ब अल्लाह की ससफ्जतों में से एक
ससफ़त का मज़हि है, ज़रूिी नहीं है हि लक़ब
कयामत के हदन हव्ज़े कौसि से मिबूत हो
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बल्की कजछ जर्ंदगी में, क़यामत के हदन या
र्न्नत में अपनी तमाम सीफ़तों का इज़हाि किें
कजछ लक़ब दन्ज या में उन्के अखलाक से ज़ाहहि
होते हैं.
ख्वािज़मी मक़तल में जर्ल्द. 1, पेर्. 94,
8

तिाएफ़ पेर्. 173, सेिातल मजस्तक़ीम जर्ल्द. 2,


पेर्. 150, हहल्यतजल अबिाि जर्ल्द. 2, पेर्.
721, गायतजल मिाम पेर्. 35, ह. 22, औि पेर्.
692, ह. 2, फ़िाएदस्
ज सीमतैन जर्ल्द. 2, पेर्.
231 ह. 572, बेहाि जर्ल्द. 36, पेर्. 270.

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फ़ज़ीलत-6:
मोहम्मद इब्ने अब्दल्
ज लाह बबन उबैदल्
ज लाह
बबन मोिुह अब्दल्
ज लाह बबन मोहम्मद अल
बगवी से उन्हों ने अली बबन र्अद से उन्हों
ने अहमद बबन वहब बबन मंसूि से उन्हों ने
अबज कोबैसा शजिैह बबन मोहम्मद अल
अम्बिी, से उन्हों ने अब्दल्
ज लाह बबन उमि
इब्ने अल खत्ताब से वह कहते हैं िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) ने हज़ित अली (अ.स.) से
फ़िमाया
अय अली (अ.स.) मैं अपनी उम्मत का
नज़ीि (डिाने वाला) हूँ औि तजम उन्के हादी
हो, हसन (अ.स.) िहबि हैं हजसैन (अ.स.)
आगे बढाने वाले, अली इब्ने हजसैन (अ.स.)
उन्को र्मा किने वाले हैं मोहम्मद इब्ने
अली (अ.स.) उन्के आरिफ़ हैं र्अफि इब्ने
मोहम्मद (अ.स.) सलखने वाले, मूसा इब्ने

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र्अफि (अ.स.) उन्की गगनती किने वाले हैं,
अली इब्ने मूसा (अ.स.) उन्के िास्ते को
ओबूि यानी पाि किाने वाले औि नर्ात दे ने
वाले बलज ज़ िखने वालों को दिू किने वाले
औि मोमेनीन को किीब किने वाले होंगें
मोहम्मद इब्ने अली (अ.स.) मेिी उम्मत को
क़याम दे ने वाले औि आगे बढाने वाले होंगें
अली इब्ने मोहम्मद (अ.स.) मेिी उम्मत के
साथ बहजत बड़े आसलम औि नेगिां की
हैससयत से होंगें , हसन इब्ने अली (अ.स.)
उन्को आवाज़ दे ने वाले औि अता किने
वाले होंगें क़ाएम (अ.स.) उन्को वपलाने वाले
औि उन्की हार्त पिू ी किने वाले होंगें
उस्के बाद आप (स.अ.व.) ने फ़िमाया अय
अब्दल्
ज लाह (इब्ने उमि) इसमें बािीकी से गौि
व कफ़क्र किने वालों के सलये बहजत सी
तनशातनयां हैं’ (15:75)9,10
9
हवाला न.4 दें खें

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10
बेहाि जर्ल्द. 36. पेर्. 280, मनाककबे शहिे
आशोब जर्ल्द. 1. पेर्. 251, इस्बातजल होदात
जर्ल्द. 3 पेर्. 222, 34 दस
ू िा तिीका.ससिातल
मजस्ताक़ीम जर्ल्द. 2, पेर्. 150.

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फ़ज़ीलत-7:
सहल बबन अहमद अबू र्अफि मोहम्मद
बबन र्िीि अल तबिी से नकल किते हैं कक
उन्हों ने हे नाद बबन अल ससिी से उन्हों ने
मोहम्मद बबन हे शामी से उन्हों ने सईद बबन
अबी सईद से उन्हों ने मोहम्मद बबन
मजनकहदि से उन्हों र्ाबबि बबन अजब्दल्लाह
अल अंसािी से कक उन्हों ने फ़िमाया है.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) फ़िमाते हैं कक र्ब
अल्लाह ने ज़मीन व आसमान को खल्क
ककया उस्के बाद उन्को पजकािा तो उन्हों ने
र्वाब हदया अल्लाह ने उन्के सामने मेिी
नबूवत औि अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.)
की ववलायत को िख्खा दोनों ने कबूल ककया
उस्के बाद अल्लाह ने तमाम मखलूक को
खल्क ककया औि हजक्में दीन को हमें सौंप
हदया पस खजशबख्त वह है र्ो हमािे साथ
खजश हो औि बदबख्त वह है र्ो हमािे साथ

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बदबख्ती किे हम अल्लाह के हलाल को
हलाल औि उस्के हिाम को हिाम किने वाले
है.11
गायतजल मिाम पेर्. 208 ह. 9, ख्वािज़मी ने
11

मनाककब में पेर्. 75, औि मक़तल में जर्ल्द.1


पेर्. 46, अल मोह्तज़ेि. पेर्. 97, कश्कजल
गजम्मह जर्ल्द.1, पेर्. 291, मीसबाहजल अन्वाि
पेर्. 64, बेहाि जर्ल्द.17, पेर्.13, ह. 25.

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फ़ज़ीलत-8:
क़ाज़ी अल मोआफ़ी बबन ज़करिया
अब्दल्
ज लाह बबन मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह
बबन अल अज़ीज़ अल बगवी से नकल किते
हैं, कक उन्हों ने यहहया अल ह्मानी से उन्हों
ने मोहम्मद बबन अल फ़ोज़ैल से उन्हों ने
कल्बी से उन्हों ने अबी सालेह से उन्हों ने
इब्ने अब्बास से कक वह फ़िमाते हैं. एक
हदन मैं िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) अली (अ.स.)
फ़ातेमा (स.अ.) हसन (अ.स.) औि हजसैन
(अ.स.) की खखदमत में बैठा था कक र्नाबे
जर्ब्रईल (अ.स.) नाजज़ल हजए औि िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) को सलाम ककया औि एक सेब
अता ककया. िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने सलाम
का र्वाब हदया औि सेब को क़बूल
फ़िमाया.
उस्के बाद िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) ने अली
(अ.स.) को सलाम ककया औि सेब अता

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ककया हज़ित अली इब्ने अबी तासलब
(अ.स.) सलाम नें र्वाब हदया औि सेब को
क़बल
ू कि सलया आप (अ.स.) ने सेब का
बोसा हदया औि उस्के बाद सेब को वापस
कि हदया. िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने सेब को
सलया. उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने
हसन (अ.स.) को सलाम ककया औि सेब
अता ककया हसन (अ.स.) ने सलाम का
र्वाब हदया औि सेब को क़बूल फ़िमाया
आप (अ.स.) ने सेब का बोसा हदया उस्के
बाद िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) की खखदमत में
वापस किहदया आप (स.अ.व. ) ने क़बूल
फ़िमाया
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने हजसैन
(अ.स.) को सलाम ककया औि सेब अता
ककया आप (अ.स.) ने सलाम को क़बूल
किते हजए सेब को क़बूल कि सलया. आप
(अ.स.) ने सेब का बोसा हदया औि सेब को

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िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की खखदमत में वापस
कि हदया आप (स.अ.व.) ने उन्के सलाम
को कबल
ू ककया.
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़ाततमा
(स.अ.) को सलाम ककया औि सेब अता
ककया. र्नाबे फ़ाततमा (अ.स.) ने सलाम
क़बल
ू किते हजए सेब ले सलया आप (अ.स.)
ने सेब का बोसा हदया औि सेब िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) की खखदमत में वापस कि हदया
आप (स.अ.व.) ने उन्के सलाम को क़बूल
ककया.
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़ीि
अली (अ.स.) को सलाम ककया औि सेब
हदया अली (अ.स.) ने सलाम क़बूल ककया
औि सेब का बोसा हदया. जर्स वक्त आप
(अ.स.) ने सेब को िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की
खखदमत में वापस किना चाहा उस वक्त
सेब उन्के हाथ से गगि गया. सेब के दो

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हहस्से हो गये औि उसमें से एक नूि इस
तिह से तनकला कक आसमान तक पहजंच
गया
सेब के अंदि यह पैगाम सलखा हजआ था
बबजस्मल्लाह हहि िहमा तनि िहीम.
ये अल्लाह की र्ातनब से हज़ित मोहम्मद
मस्
ज तफा (स.अ.व.) हज़ित अलीये मत
ज ुज़ा
(अ.स.) र्नाबे फ़ाततमा ज़हिा (स.अ.)
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के दोनों नवासों हसन
(अ.स.) औि हजसैन (अ.स.) के सलये तोहफ़ह
है. औि उन्के मोहहब्बों के सलये क़यामत के
हदन आग से अमान है.12
गायतजल मिाम पेर्. 659, मदीनतजल मआजर्ज़
12

पेर्. 61 ह.131, ख्वािज़मी मक़तल में जर्ल्द.1,


पेर्. 95, बेहाि जर्ल्द. 43, पेर्. 308 ह. 72,
‘अवासलम, जर्ल्द. 16 पेर् .62, शैखे सदक़

आमाली में पेर्. 477, र्वाहहि अल सातनया
पेर्. 233.

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फ़ज़ीलत-9:
नूह बबन अहमद बबन अयमान इब्राहीम बबन
एहम बबन अबी हसीन से नक्ल किते हैं
उन्हों ने अपने र्द से, उन्हों ने याहहया बबन
अजब्दल हमीद से, उन्हों ने कैस बबन िबीअ
से, उन्हों ने सजलैमान अल अअमश से उन्हों
ने र्अफि बबन मोहम्मद (इमाम साहदक़
अ.स.) से उन्हों ने अपने वासलदे गेिामी से,
उन्हों ने अली बबन हजसैन (अ.स.) से उन्हों
ने अपने वासलदे बजज़जगव
ु ाि अमीरुल मोमेनीन
(अ.स.) से आप (अ.स.) ने फ़िमाया:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने मजझ से फ़िमाया है.
अय अली: तम
ज मोसमनों के सिदाि हो औि
मजत्तककयों के इमाम हो. अय अली: तजम
तमाम अंबबया के वारिसों के सिदाि हो, तजम
तमाम नबबयों के इल्म के वारिस हो, औि
तजम सस्दीकीन में सब से बजलंद हो, औि

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अल्लाह के ऊपि ईमान लाने वालों में सब
से बजलंद हो,
अय अली: तजम उस औित के शौहि हो र्ो
दन्ज या की तमाम औितों की सिदाि हैं औि
तजम नबबयों में सब से बड़े नबी के वारिस हो
अय अली: तजम मोंसमनों के सिदाि हो
अय अली: तजम वह दलील हो कक र्ो मेिे
बाद तमाम लोगों के ऊपि, अल्लाह के वर्द

का सोबत
ू हो. र्ो तम्
ज हािी पैिवी किे गा उस्के
सलये र्न्नत है औि र्ो तजम्हािी मजखालफ़त
किे गा उस्के सलये र्हन्नम है.
अय अली: अल्लाह की कसम: जर्सने मजझे
नबी बना कि भेर्ा है औि जर्सने मझ
ज े
तमाम मख्लूक़ात में से पसंद ककया है.
अगि कोई बन्दा एक हज़ाि साल तक
अल्लाह की इबादत किे , अल्लाह उस्के
आमाल को उस वक्त तक कबूल नहीं किे गा

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र्बतक तजम्हािी औि तजम्हािे फ़िज़न्दों की
ववलायत को न माने.13
इसके बावर्ूद तजम्हािी ववलायत उस वक्त
तक कबल
ू नहीं होगी र्ब तक वह तम्
ज हािे
दश्ज मनों औि तजम्हािे फ़िज़न्दों के दश्ज मनों के
साथ दश्ज मन न हो.14
औि ये बात इस वर्ह से है कक र्नाबे
र्ब्रईल ने मजझ से कही है इसके बाद
तम्
ज हािी मर्ी है चाहे मोसमन बनों चाहे
काकफ़ि बनों.15
अल्लाह हमािी ववलायत न मानने वालों के
13

आमाल क़बूल नहीं किता


अल्लाह मेिी ववलायत के मानने के साथ साथ
14

अहलेबैत (अ.मज.स.) के दश्ज मनों के साथ दश्ज मनी


ककये बगैि कबूल नहीं किे गा
अल यकीन पेर्. 54, बेहाि जर्ल्द. 27, पेर्.
15

199, ह. 66, गायतजल मिाम पेर्. 17, ह. 9,


इस्बातजल होदात जर्ल्द. 4,पेर्. 168, ह. 507,

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कन्र्जल उम्माल पेर्.185, मजस्तदिक जर्ल्द.1
पेर्. 23, िवज़तजल र्न्नत जर्ल्द. 6. पेर्. 183,

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फ़ज़ीलत-10:
सहल बबन अहमद, अली बबन अजब्दल्लाह से
नक़ल किते हैं उन्हों ने अल ज़जबैिी इस्हाक़
बबन इब्राहीम से, उन्हों ने अब्दल
ज िज्र्ाक
बबन हम्माम से, उन्हों ने अपने वासलद से,
उन्हों ने अब्दल
ज िहमान बबन औफ़ के
गजलाम मीना से, उन्हों ने अब्दल्
ज लाह बबन
मसऊदी से, वह कहते हैं.
मैं िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के साथ था उस
वक्त आप (स.अ.व.) ने ठं डी साँस ली
में ने पूछा! या िसूलजल्लाह (स.अ.व.)!
आप क्यूं इतना उदास हैं?
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फिमाया: अय इब्ने
मसऊद! मेिी मौत किीब है.
मैं ने कहा: या िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.)! अपना
खलीफ़ह (र्ांनशीन) मजअय्यन किें

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िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने सवाल ककया: ककस
को?
मैं ने कहा: अबूबकि.
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) खामोश हो गए औि
बहजत गहिी ठं डी साँस ली.
मैं नें कहा: आप ककस वर्ह से इतना
ज़्यादा उदास हैं? मेिी र्ान आप पि कजबाुन
होर्ाए! या िसूलजल्लाह (स.अ.व.)!
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) ने फिमाया: मेिी मौत
किीब है.
मैं नें कहा: अपने खलीफ़ह को मोअय्यन
करिये.
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) ने पछ
ू ा वह कौन है?
मैं ने कहा: उमि बबन अल खत्ताब.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) खामोश हो गए औि
तीसिी बाि ठं डी सांस ली.

HAZRAT ALI A.S… - 61 HAJINAJI.com


मैं ने पूछा: आप क्यूं इस क़दि उदास हैं?
मेिे माँ बाप आप पि कजबाुन हो र्ाएँ! या
िसूलजल्लाह (स.अ.व.)!
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया: मेिी
अर्ल नज़दीक है.
मैं ने कहा अपना खलीफ़ह मोअय्यन करिये.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने स्वाल ककया वह
कौन हैं?
मैं ने कहा: हज़ित अली इब्ने अबी तासलब
(अ.स.).
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने गगिया
ककया औि फ़िमाया: आह! तजम लोग उन्की
इताअत नहीं किते. अगि इताअत किते तो
अल्लाह तजम लोगों को र्न्नत में दाखखल
होने का पिवानह दे दे ता. लेककन तजम्हािी
नाफ़ि मानी से अल्लाह तजम्हािा कोई नेक
अमल भी क़बल
ू नहीं किे गा.16

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गायतजल मिाम. पेर्. 69. ह. 14, ख्वािज़मी
16

मनाककब में पेर्. 64, फ़िाऐदजज स्समतैन


जर्ल्द.1, पेर्. 163, ह .209, तूसी अमाली में
जर्ल्द.1 पेर्. 313 ,मनाककब इब्ने शहिे आशोब.
जर्ल्द. 2, पेर्. 262, बशाितजल मजस्तफ़ा पेर्.
215, तािीखजल दसमश्क जर्ल्द. 3, पेर्. 72,
नफाहतजल लहजत पेर्. 114, अिर्ाह अल
मतासलब पेर्. 162, मक़सद अल िगीब पेर्.
29, मर्मऊज़ ज़वाएद. जर्ल्द. 5, पेर्.185,
इब्ने कसीि अपनी तफ़सीि में जर्ल्द. 9 पेर्.
200.

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फ़ज़ीलत-11:
सहल बबन अहमद बबन कूफ़ी, अब्दल्
ज लाह
बबन हजसैन बबन मोहम्मद अल गज़नवी से
नक्ल किते हैं, उन्हों ने इब्राहीम बबन
मोहम्मद अल सक्फी से, उन्हों ने अब्दल

िहमान अल सेिार् से, उन्हों ने क़तीबह बबन
सईद अबजिेर्ा से उन्हों ने नाफेअ से, उन्हों
ने अब्दल्
ज लाह बबन उमि अल खत्ताब से वह
कहते हैं
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) ने अली (अ.स.) से
फ़िमाया:
अय अली! क़यामत के हदन आप के सलये
नूि का समम्बि लाया र्ाएगा जर्स पि आप
तशिीफ़ फिमाँ होंगें औि आप के सि पि
तार् होगा र्ो इतना नूिानी होगा कक उस्की
िौशनी से लोगों की आँखें चकाचौंद हो
र्ाएगीं

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अल्लाह आवाज़ दे गा: मोहम्मद (स.अ.व.),
अल्लाह के िसूल (स.अ.व.) का वसी कहाँ
है?
उस्के बाद अय अली (अ.स.) तजम कहोगे, में
हाजज़ि हूँ
कफि आवाज़ दे नेवाले आवाज़ दें गें: र्ो तजम
से मजहब्बत किता था. उन्को र्न्नत में
दाखखल कि हदया र्ाए, औि र्ो तजम्हािी
मजखासलफ़त किता था उसे र्हन्नम में डाल
हदया र्ाये. इससलए कक अय अली (अ.स.)
तजम र्न्नत व र्हन्नम में र्ानें वालों को
तक़सीम किोगे औि ये अल्लाह की तिफ़ से
हजक्म है17
गायतजल मिाम पेर्, 64. ह. 15, शैख सदक
17
ू ने
आमाली में पेर्. 295. ह. 14, बेहाि जर्ल्द. 7
पेर्. 232, र्वाहे रुल सन्नीया पेर्. 277,
इस्बातजल होदात जर्ल्द. 3, पेर्. 402, तबिी

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बीशािा में पेर्. 68, कजन्दज़
ू ी यनाबीउल मव्दत
में पेर्. 83

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फ़ज़ीलत-12
अबज मोहम्मद र्अफ़ि बबन अहमद बबन
अल हजसैन अल शाशी, अहमद बबन जज़याद
अल क़त्तान से नक्ल किते हैं, उन्हों ने
यहहया बबन अबबतासलब से, उन्हों ने अम्र
बबन अब्दल
ज गफ्जफाि से उन्हों ने अअमश से
उन्हों ने अबी सालेह से उन्हों ने अबज हजिैिा
से, वह कहते हैं:
मैं िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) के साथ था कक
इतनें में हज़ित अली इब्ने अबी तासलब
(अ.स.) दाखखल हजये.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने मजझ से सवाल
ककया: अय अबज हजिैिा! क्या तम
ज र्ानते हो
ये कौन हैं?
मैं ने कहा हाँ, या िसूलजल्लाह (स.अ.व.)
ये हज़ित अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.) हैं

HAZRAT ALI A.S… - 67 HAJINAJI.com


उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें यह
फ़िमाया:
अली (अ.स.) भिे हजए दिया के खज़ाना हैं
वह तनकलते हजवे सूिर् हैं वह किम औि
सखावत में दियाये फोिात से आगे हैं,
औि उन्का हदल सािी दन्ज या से बड़ा है
अल्लाह की लअनत हो उसपि र्ो उनसे
नफ़ित किे .
अिबी र्जबान में नदी, दिया उसे कहते हैं जर्समें
अथाह पानी होता है, नहिे फ़ोिात को उसी में
शजमाि ककया र्ाता है.
कन्र्जल उम्माल पेर्. 62, बेहाि, जर्ल्द 27, पेर्.
227, ह. 29.

HAZRAT ALI A.S… - 68 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-13
अबजल काससम र्अफि बबन मोहम्मद बबन
मसरूि, हजसैन बबन मोहम्मद से नक्ल किते
हैं उन्हों ने अहमद बबन अलवीया र्ो इब्ने
अल अस्वद अल अस्बहा से र्ाने र्ाते हैं,
उन्हों ने इब्राहीम बबन मोहम्मद से उन्हों ने
अब्दल्
ज लाह बबन सालेह से,उन्हों ने र्जिैि बबन
हमीद से, उन्हों ने मर्
ज ाहहद से उन्हों ने इब्ने
अब्बास से: वह फ़िमाते हैं
मैं ने िसूलजल्लाह (स.स.व.) से फ़िमाते हजए
यह सजना है:
मेअिार् की िात, र्ब मैं फरिश्तों के एक
गगिोह के पास से गजज़िा तो उन्हों ने हज़ित
अली इब्ने अबब तासलब (अ.स.) के बािे में
मजझ से इतना स्वाल ककया कक मजझे यह
महसूस होने लगा कक मजझ से ज़्यादा अली
(अ.स.) आसमान में मशहूि हैं. र्ब मैं चौथे

HAZRAT ALI A.S… - 69 HAJINAJI.com


आसमान पि पहजंचा, मैं ने मौत के फ़रिश्ते
को दे खा.
उस मौत के फ़रिश्ते ने मजझ से पूछा: अय
मोहम्मद (स.अ.व.) अली (अ.स.) क्या हैं?
मैं ने कहा: अय मेिे दोस्त तम
ज अली
(अ.स.) को कैसे र्ानते हो?
उन्हों ने कहा: अय मोहम्मद (स.अ.व.)! मैं
हि एक की रूह को अपने हाथों से कब्र्
किता हूँ जर्सको अल्लाह ने खल्क ककया
है, ससवा, आप के औ अली इब्ने अबब
तासलब (अ.स.) के कक बेशक आप दोनों की
रूह अल्लाह अपने दस्ते कजदित से कब्र्
किे गा.
उस्के बाद उस अशु के नीचे पहजंचा र्ब
उस्के ऊपि तनगाह की तो दे खा कक हज़ित
अली इब्ने अबब तासलब (अ.स.) पिविहदगाि
के अशु के नीचे खड़े हैं.

HAZRAT ALI A.S… - 70 HAJINAJI.com


मैं ने कहा अय अली (अ.स) तजम ने मजझ
पि सब्कत हाससल की है.
पस र्ब्रईल ने मझ
ज से पछ
ू ा अय मोहम्मद
(स.अ.व.)! आप ककस से बातें कि िहे थे?
मैं ने कहा: यह मेिे भाई अली इब्ने अबब
तासलब (अ.स.) हैं
र्ब्रईल ने मजझ से कहा अय मोहम्मद
(स.अ.व.)! यह अली (अ.स.) नहीं हैं बल्की
यह एक फ़रिश्तह है, अल्लाह तआला ने
अली इब्ने अबब तासलब (अ.स.) की शक्ल में
बनाया है, र्ब हम फ़रिश्ते अली इब्ने आबब
तासलब (अ.स.) के चेहिे की जज़याित के
मजश्ताक होते हैं तो इस फ़रिश्ते की जज़याित
कि सलया किते हैं
इससलए कक अल्लाह के नज़दीक अली
(अ.स.) के शीओं के सलये असतग़फ़ाि किते
हैं,20

HAZRAT ALI A.S… - 71 HAJINAJI.com


20
मदीनतजल मआजर्ज़ पेर्. 143, ह. 404,
कन्र्जल उम्माल, पेर्. 259, बेहि जर्ल्द. 18
पेर्. 300, ह. 3

HAZRAT ALI A.S… - 72 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-14
अबजल हसन अली इब्ने अहमद बबन मतवैह
अल मक़िी, अहमद बबन मोहम्मद से नक्ल
किते हैं, कक उन्हों ने मोहम्मद बबन अली
से, उन्हों ने अली बबन उस्मान से, उन्हों ने
मोहम्मद बबन फ़ोिात से, उन्हों ने मोहम्मद
बबन अली अल बाककि (अ.स.) से उन्हों ने
अपने वासलदे गिामी (चौथे इमाम अ.स.)
औि अपने अपने र््दे बज़
ज िज गवाि इमाम
हजसैन (अ.स.) से, उन्हों ने अपने वासलदे
गिामी अमीरुल मोअमेनीन (अ.स.) से कक
आप (अ.स.) फ़िमाते हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया अली इब्ने
अबब तासलब (अ.स.) अल्लाह के औि मेिे
खलीफ़ह हैं. अल्लाह की औि मेिी हजज्र्त हैं.
अल्लाह के औि मेिे दिवाज़ह हैं. अल्लाह के
औि मेिे मजन्तखब किदह हैं. अल्लाह के

HAZRAT ALI A.S… - 73 HAJINAJI.com


औि मेिे हबीब हैं. अल्लाह के औि मेिे
खलील हैं. अल्लाह की औि मेिी तलवाि हैं.
ये मेिे भाई मेिे सहाबी मेिे वज़ीि मेिे वसी
उन्की मजहब्बत मेिी मजहब्बत है. उनसे
नफ़ित किना मजझसे नफ़ित किना है. उन्की
दोस्ती मेिी दोस्ती है. उनसे दश्ज मनी मजझ से
दश्ज मनी है. वह मेिी बेटी के शौहि हैं, उन्के
फ़िज़न्द मेिे फ़िज़न्द हैं, उन्की र्ंग मेिी
र्ंग है उनका कौल मेिा कौल है उनका
हजक्म मेिा हजक्म है वह अवससया के सिदाि
हैं मेिी उम्मत में सब से अफ़ज़ल व बेहति
हैं औि मेिे बाद अव्लादे आदम के सैय्यद व
सिदाि हैं21
गायतजल मिाम पेर्. 69, ह. 16, कन्र्जल
21

उम्माल जर्ल्द. 3, पेर्. 632, ह. 860, बेहाि


जर्ल्द. 26. पेर्. 263, ह. 47,

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फ़ज़ीलत-15
काज़ी मोआफ़ी बबन ज़करिया, हसन बबन
अली अल आसमी से नक्ल किते हैं कक
उन्हों ने सजहैब से, उन्हों ने अपने वासलद से,
उन्हों ने र्अफि बबन मोहम्मद अल साहदक़
(अ.स.) से उन्हों ने अपने वपदिे बजज़जिगवाि
से, उन्हों ने अली बबन हजसैन (अ.स.) उन्हों
ने अपने वासलदे मोहतिम हसन बबन अली
बबन अबब तासलब (अ.स.) से आप फ़िमाते
हैं.
उम्मे सलमाँ के घि हम िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) के साथ थे उस वक्त आप
(स.अ.व.) पि एक फ़रिश्ता नाजज़ल हजवा
जर्सके बीस सि थे हि सि में हज़ाि ज़जबानें
थीं औि हि ज़जबान से अलग अलग ज़जबान
में अल्लाह की तस्बीह व तक्दीस कि िहे थे
औि उन्के, पि सात आसमान व ज़मीन से
बड़े थे. पस िसूलजल्लाह (स.अ.व.) समझे कक
HAZRAT ALI A.S… - 75 HAJINAJI.com
यह र्ब्रईल हैं पस कहा अय र्ब्रईल तजम
इस सूित में मेिे पास कभी नहीं आये.
तब उस फ़रिश्ते ने कहा: मैं र्ब्रईल नहीं हूँ
मैं सिसाईल हूँ अल्लाह ने मजझे आप के
पास भेर्ा है ताकी एक नूि की शादी एक
नूि से किदं ू पस नबी (स.अ.व.) ने
फ़िमाया ककस की ककस से, उस फ़रिश्ते ने
कहा आप की बेटी फ़ाततमा (स.अ.) की अली
इब्ने अबब तासलब (अ.स.) के साथ.
उस्के बाद नबी (स.अ.व.) ने फ़ाततमा
(स.अ.) का तनकाह अली (अ.स.) के साथ
कि हदया, र्ब्रईल, मीकाईल, इसिाफील, औि
सिसाईल की गवाही में.
उस्के बाद नबी (स.अ.व.) ने यह दे खा कक
सिसाईल के दोनों शानों के दिसमयान सलखा
हजवा है.
ला इलाह इल्लल्लाह. मोहम्मद (स.अ.व.)
अल्लाह के िसूल हैं औि नबी हैं र्ो लोगों

HAZRAT ALI A.S… - 76 HAJINAJI.com


के सलय िहमत हैं. अली (अ.स.) अल्लाह की
मखलूक़ के सलये िौशन दलील हैं.
उस्के बाद िसूलल्
ज लाह (स.अ.व.) ने सिसाइल
से स्वाल ककया कक तजम्हािे दोनों शानों के
दिसमयान ये कब से सलखा है? सिसाइल ने
कहा हज़ित आदम की खखलक़त से बािह
हज़ाि साल पहले से.22
मदीनतजल मआजर्ज़
22
पेर्. 158, ह. 463,
ख्वािज़मी पेर्. 245, कश्कजल गजम्मह जर्ल्द. 1,
पेर्. 352, बेहाि पेर्. 436, व 123 ह. 31,
मोहतज़ि पेर्. 133.

HAZRAT ALI A.S… - 77 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-16
अबज अजब्दल्लाह बबन वहबान, अल हन्नाद
अहमद बबन इब्राहीम से नक्ल किते हैं,
उन्हों नें
हजसैन बबन अजब्दल्लाह अल
ज़अफिानी से, उन्हों ने इब्राहीम बबन
मोहम्मद अल सक़फ़ी से, उन्हों ने याहहया
बबन अब्दल
ज कज्दस
ू से उन्हों अली बबन
मोहम्मद अल त्यालसी से, उन्हों ने
मोहम्मद बबन वकीअ अल र्िाुह से, उन्हों
फ़ोज़ैल बबन मर्ूुक़ से उन्हों अतीयतजल
अवफ़ी से उन्हों ने अबी सईद अल खद
ज िी से
वह कहते हैं
मैं ने िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से फ़िमाते हजए
यह सजना है क़यामत के हदन अल्लाह दो
फरिश्तों को पल
ज े सेिात पि बबठाएगा उस पि
से कोई गजज़ि नहीं पाएगा मगि यह कक
जर्स के पास अली इब्ने अबबतासलब

HAZRAT ALI A.S… - 78 HAJINAJI.com


(अ.स.) की र्ातनब से हदया हजवा पिवानह हो
औि जर्स के पास पिवानह नहीं होगा
अल्लाह फरिश्तों को हजक्म दे गा उन्को िोको
औि उन से स्वाल किो अगि वह र्वाब
नहीं दे पाएंगे तो अल्लाह फ़रिश्तों को हजक्म
दे गा उन्हें अव्धें मजहं र्हन्नम में ढकेल दो
औि फ़रिश्ते उन्हें र्हन्नम में डाल दें गें
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया
ये है. कजिआनी आयत जर्स्को आप
(स.अ.व.) नें दलील के तौि पि पेश ककया
‘’उन्हें िोको अभी उनसे स्वाल किना बाकी
है’’ (37:24).
फ़ीि मैं ने कहा या िसूलजल्लाह (स.अ.व.) मेिे
माँ बाप आप पि कजबाुन हो र्ाएँ आप बताएं
कक यह पिवानह क्या है जर्सको अली
(अ.स.) उन्हें अता फिमाएंगें
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया उस
पिवानें पि इस तिह सलखा होगा.

HAZRAT ALI A.S… - 79 HAJINAJI.com


ला इलाहा इल्लल्लाह, मोहम्मदिज िसूलजल्लाह,
अलीयजन वलीयजल्लाह.23
अलयक़ीन फ़ी इम्रते अमीरुल मोअमेनीन पेर्.
23

57, बजिहान जर्ल्द. 4 पेर्. 17, ह. 3, गायतजल


मिाम पेर्. 17, ह. 10, बेहाि जर्ल्द. 39, पेर्.
202, ह. 22

HAZRAT ALI A.S… - 80 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-17
अहमद बबन मोहम्मद बबन उबैदल्
ज लाह अल
हाकफ़ज़, अली बबन ससनान अल मौसूली से
नक़ल किते हैं कक उन्हों नें अहमद बबन
मोहम्मद अल खलीली अल आमोली से,
उन्हों नें मोहम्मद बबन सालेह से उन्हों ने
सजलैमान बबन अहमद से, उन्हों ने जज़याद
बबन मजज स्लम, उन्हों ने अब्दल
ज िहमान बबन
यज़ीदबबन र्ाबबि से, उन्हों ने सलाम से,
उन्हों ने अबी सलमा से, वह कहते हैं.
मैं ने िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) को फ़िमाते हजए
यह सजना है;
मेिार् की िात अल्लाह ने मझ
ज से पूछा:
अय िसूल, अल्लाह की र्ातनब से र्ो कजछ
नाजज़ल हजवा है उसपि ईमान लाए ? मैं ने
कहा

HAZRAT ALI A.S… - 81 HAJINAJI.com


हाँ मैं ईमान लाया औि तमाम मोमेनीन,
अल्लाह, उस्के फरिश्तों, उस्की ककताबों औि
उस्के िसूलों पि अकीदह िखते हैं.
अल्लाह ने कहा तजम ने सच कहा.
उस्के बाद अल्लाह ने पछ
ू ा या मोहम्मद
(स.अ.व.) तजम ने अपनी उम्मत में ककसको
खलीफ़ह बनाना पसंद ककया है.
मैंने कहा अपनी उम्मत में सब से बेहतिीन
इंसान को
अल्लाह ने कहा: तजम्हािा मक़सद हज़ित
अली इब्ने अबब तासलब (अ.स.) है
मैंने कहा हाँ अय, अल्लाह उस्के बाद
अल्लाह: ने कहा अय मोहम्मद (स.अ.व.)!
मैंने अपनी तमाम मख्लूक़ात पि तनगाह
डाली औि उन में से आप को चजन सलया.
उस्के बाद मैने अपने नाम पि आप का
नाम िख्खा इस सलये ककसी केसलये यह

HAZRAT ALI A.S… - 82 HAJINAJI.com


र्ाएज़ नहीं है कक आप का नाम सलये बगैि
मेिा नाम ले.
मेिा नाम महमद
ू है औि आप का नाम
मोहम्मद है. उस्के बाद मैंने अपनी तमाम
मख्लूक़ात पि तनगाह की तो अली (अ.स.)
को पसंद ककया औि अपने नाम पि उनका
नाम िख्खा मेिा नाम आअला है औि उनका
नाम अली (अ.स.) अय मोहम्मद (स.अ.व.)!
बेशक मैं ने आप को खल्क ककया औि अली
(अ.स.), फ़ाततमा (स.अ.), हसन (अ.स.),
हजसैन (अ.स.) औि इमामे हजसैन (अ.स.) की
नस्ल से दसू िे तमाम अइम्मा (अ.म.ज स.)
को अपने नूि से खल्क ककया है. उस्के
बाद मैंने अपनी आसमान औि ज़मीन की
तमाम मख्लूकात से उन्की ववलायत कबूल
किने का हजक्म हदया जर्सने जर्सने
ववलायत क़बल
ू ककया वह मेिे नज़दीक

HAZRAT ALI A.S… - 83 HAJINAJI.com


मोसमन औि जर्सने जर्सने इनकाि ककया
वह मेिे नज़दीक काफ़ीि है.
अय मोहम्मद (स.अ.व.)! मेिे बन्दों में से
कोई बंदह मेिी इबादत इसतिह किे कक वह
टजकड़े टजकड़े हो र्ाए औि उस्के पास कजछ
बाकी न िहे लेककन वह आप की औि आप
के अली (अ.स.) औि उन्की अव्लाद में से
अइम्मह (अ.म.ज स.) की ववलायत को क़बूल
किने से इनकाि किे तो मैं उसे मोआफ़
नहीं करूँगा यहाँ तक कक आप की औि आप
के अली (अ.स.) औि उन्के फिज़न्दों में से
तमाम अइम्मा (अ.म.ज स.) की ववलायत को
कबूल न किे .
उस्के बाद अल्लाह ने मजझ से पूछा
अय मोहम्मद (स.अ.व.) क्या आप उन्को
दे खना चाहते हैं. मैं ने कहा हाँ पिविहदगाि!
अल्लाह ने कहा अशु के दाएँ र्ातनब दे खो.

HAZRAT ALI A.S… - 84 HAJINAJI.com


पस मैंनें तनगाह की औि अली (अ.स.),
फ़ाततमा (स.अ.) हसन (अ.स.),
हजसैन (अ.स.), अली बबन हजसैन (अ.स.),
मोहम्मद बबन अली, (अ.स.),
र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.), मूसा बबन
र्अफ़ि (अ.स.), अली बबन मूसा (अ.स.),
मोहम्मद बबन अली (अ.स.), अली बबन
मोहम्मद (अ.स.), हसन बबन अली (अ.स.),
औि महदी (अ.स.), को दे खा. वह हज़िात
निू से तघिे हजए थे औि क़याम की हालत में
अल्लाह की इबादत कि िहे थे. मेहदी
(अ.स.) उन्के बीच में थे औि चमकते हजए
ससतािे की तिह चमक िहे थे .
उस्के बाद अल्लाह ने कहा:
अय मोहम्मद (स.अ.व.)! वह मेिी फैसला
कजन (खजली हजई) दलील हैं औि महदी (अ.स.)
मेिी तिफ़ से बदला लेंगें. मजझे मेिी इज्ज़त

HAZRAT ALI A.S… - 85 HAJINAJI.com


व र्लाल की क़सम ये मेिे दोस्तों के साथ
मेिे दश्ज मनों से बदला लेंगें उन्की हजज्र्त
औि उन्की इताअत हि एक पि वाजर्ब है
मेिी िज़ामंदी से उन्हों ने आसमान को
ज़मीन पि गगिने से िोक िख्खा है .24
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 199, ह. 27,
24

मदीनतजल मआर्ीज़ पेर्. 143, ह. 405,


अिबईन खातून अल आबादी ह. 17, ख्वािज़मी
अपनें मक़तल में जर्ल्द. 1, पेर्. 95, तिाएफ़
पेर्. 70, ह. 270, हहल्यतजल अबिाि जर्ल्द. 1,
पेर्. 186, फिाएदजज स्समतैन जर्ल्द. 2, पेर्.
319, ह. 571, शैख तूसी अपनी गयबत में पेर्.
95, इस्बातजल होदात जर्ल्द 2, पेर्. 462,
फ़ोिातजल कूफ़ी अपनी तफ़सीि में पेर्. 5.

HAZRAT ALI A.S… - 86 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-18
मोहम्मद बबन सईद अबजल फ़िर् अहमद
बबन मोहम्मद बबन सईद नक्ल किते हैं कक
उन्हों ने साद बबन तिीफजल खफ्जफाफ़ से,
उन्हों ने सईद बबन र्जबैि, से उन्हों नें इब्ने
अब्बास से वह फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें अली (अ.स.) से
फ़िमाया:
अय अली (अ.स.)! मैं हहकमत का शहि हूँ
(मैं शहिे इल्म हूँ) औि तजम उस्के दिवाज़ा
हो औि कोई शहि में दाखखल नहीं होसकता
मगि ये कक दिवाज़े से. वह झूठा है र्ो यह
कहे कक मजझ से मजहब्बत किता है औि तजम
से दश्ज मनी िखता है इससलये कक तजम मजझ
से हो औि मैं तजम से हूँ, तजम्हािा गोश्त मेिा
गोश्त, तम्
ज हािा खून मेिा खन
ू , तम्
ज हािा नफ्जस
मेिा नफ्जस, है र्ो तजम्हें छजपाए वह मझ
ज े

HAZRAT ALI A.S… - 87 HAJINAJI.com


छजपाता है र्ो तजम्हें ज़ाहहि किे वह मजझे
ज़ाहहि किता है.
तम
ज मेिी उम्मत के इमाम औि मेिे वसी हो.
मेिे बाद र्ो तजम्हािी इताअत किे गा वह
कासमयाब है, औि र्ो तजम्हािी मजखालफ़त
किे गा वह नाकाम है, र्ो तजम्हािी पैिवी किे
वह फ़ाएदे में है औि र्ो तजम से दश्ज मनी किे
वह घाटे में है जर्सने तजम्हािे दामन को
पकड़ सलया वह नर्ात पा गया औि र्ो
तजम से र्जदा हजआ वह नाकाम हो गया,
खसािा उठाने वालों में हो गया.
तजम्हािी समसाल औि तजम्हािे फिज़न्दों
अइम्मा (अ.मज.स.) की समसाल कजश्तये नूह
(अ.स.) र्ैसी है, र्ो सवाि हो गया नर्ात
पा गया औि र्ो पीछे िह गया जर्सने
मख
ज ालफ़त की वह डूब गया

HAZRAT ALI A.S… - 88 HAJINAJI.com


औि तजम्हािी समसाल ससतािों की तिह है कक
क़यामत तक र्ब भी एक ससतािा डूबा
दस
ू िा तनकल आया.25
गायतजल मिाम पेर्. 543, शैखे सदक
25
ू अमाली
में पेर्. 222, कमालज्दीन जर्ल्द. 1, पेर्. 241,
बेहाि जर्ल्द. 23, पेर्. 125, ह. 43, तबिी
बेशाितजल मजस्तफ़ा पेर्. 39, फ़िाएतजजस्समतैन
जर्ल्द. 2, पेर्. 243, र्ामेंउल अख्बाि पेर्. 16,
बेहाि जर्ल्द. 40, पेर्. 203, ह. 9, खतीबे
तािीखजल बगदाद में जर्ल्द. 11, पेर्. 204,
अस्कलानी नें लेहानजल मीर्ान में जर्ल्द. 5,
पेर्. 19,

HAZRAT ALI A.S… - 89 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-19
मोहम्मद बबन हमीद अल र्िाुि, हसन बबन
अब्दस्
ज समद नकल किते हैं कक उन्हों ने
यहहया बबन मोहम्मद बबन क़ाससम अल
क़ज़वीनी से उन्हों नें मोहम्मद बबन हसन
अल हाकफ़ज़ से, उन्हों नें अहमद बबन
मोहम्मद से, उन्हों नें हजदबा बबन खासलद से,
उन्हों नें हम्माद बबन सलमा से, उन्हों नें
साबबत से उन्हों ने अनस बबन मासलक से,26
वह कहते हैं:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया है
अल्लाह ने हज़ित अली इब्ने अबब तासलब
(अ.स.) के चेहिे के नूि से 70,000 फरिश्तों
को खल्क ककया. ताकी उन्के सलये27 उन्के
शीओं औि उनसे मोहब्बत किने वालों
केसलये क़यामत तक अस्तगफ़ाि किते िहें ,28

HAZRAT ALI A.S… - 90 HAJINAJI.com


26अनस मोवस्सक़ औि भिोसे मंद हैं
इससलए कक वह िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के
गजलाम थे हदीस की बहजत सी ककताबों में
उनका नाम हदीसों का मोताअलेआ किने
वाले दे खतें हैं. िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने
अनस के सामने अली (अ.स.) के बािे में
इससलए बातें कीं ताकी अनस उन की बातों
को सन
ज ें औि उस हदन के बािे में आगाह
किते िहें जर्स हदन उन्की गवाही की
ज़रूित पड़े गी. िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की
वफ़ात के बाद इमाम अली (अ.स.) ने उन्को
अबब
ज कि के पास दलील में अनस को गवाही
दे ने के सलये कक र्ो कजछ)))
27
ये आयतें अहज़ाब-33, आलेइमिान-61, नीसा-
59, तौबा-119, माऐदह-55, िाअद-43, हर्-77-
78, नहल-43, अंबबया-73, सर्दह-24, नूि-55
दलालत किती हैं कक अमीरुल मोअमेनीन
(अ.स.), फ़ाततमा (स.अ.) दन्ज या की औितों की

HAZRAT ALI A.S… - 91 HAJINAJI.com


सिदाि औि आप के 11 फ़िज़न्द अइम्मा
(अ.मज.स.) उसी तिह मासूम हैं जर्स तिह
िसूलजल्लाह (स.अ.व.)
ये हक़ीक़त है कक फ़रिश्ते अमीरुल मोअनीन
(अ.स.) के सलये अस्तग़फ़ाि किते हैं उसी
तिह जर्स तिह अल्लाह ने अपने िसूल
(स.अ.व.) के सलये कजिान में फ़िमाया है
तजम्हािा अल्लाह वो है जर्सने तजम्हािे अगले
औि वपछले गन
ज ाहों को मोआफ़ कि हदया है
(48:2)
मफ़
ज ज्ज़ल ने इमामे साहदक़ (अ.स.) से पछ
ू ा
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के कौन से गजनाह थे
र्ो अल्लाह ने मोआफ़ ककये
इमाम (अ.स.) ने फ़िमाया िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) के कोई गजनाह नहीं थे मगि उन्के
अल्लाह के पास उन्के शीओं के, अली
(अ.स.) के शीओं के औि आप के फिज़न्दों
में से क़यामत के हदन तक सभी आने वाले

HAZRAT ALI A.S… - 92 HAJINAJI.com


अइम्मा (अ.मज.स.) के शीओं के गजनाहों के
सलये र्वाब दे ने वाला बनाया है िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) ने अल्लाह से ये गजज़ारिश की कक
शीओं के गजनाह दस
ू िे अंबबया के सामने
ज़ाहहि न किें (जर्नके हहसाब दे नें की
जर्म्मेदािी उन्की है) उस्के बाद ये आयत
आप (स.अ.व.) के ऊपि नाजज़ल की जर्स
का मतलब ये है कक अल्लाह नें शीओं के
गजनाह को मोआफ़ कि हदया है (अनवारुल
नोअमातनया जर्द. 2, पेर्. 92, तफ़सीिे
कजम्मी जर्ल्द. 2, पेर्. 314)
गायतजल मिाम पेर्. 585, ह. 75, मदीनतजल
28

मआजर्ज़ पेर्. 173, ह. 487, ख्वािज़मी ने


अपनी मानाककब में पेर्. 31, ख्वािज़मी ने अने
मक्तले हजसैनी में जर्ल्द. 1, पेर्. 39, समसबाहजल
अन्वाि पेर्. 64, इशाुदल
ज मिाम पेर्. 8, ह. 18,
मानाककब अल मजतज़
ु वीय्यह पेर्. 220, कश्फजल

HAZRAT ALI A.S… - 93 HAJINAJI.com


गजम्मह जर्ल्द. 1, पेर्. 103, बेहाि जर्ल्द 39.
पेर्. 275, ह. 52.

HAZRAT ALI A.S… - 94 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-20
सहल बबन अहमद बबन अब्दल्
ज लाह, मोहम्मद
बबन र्जिैि से नक्ल किते हैं कक उन्हों नें
हसन बबन इब्राहीम अल बगदादी से, उन्हों
ने मोहम्मद बबन यअकूब अल इमामी से,
उन्हों ने अहमद इब्ने यहहया से उन्हों
अब्दल
ज िहमान अल महदी से उन्हों नें इब्ने
अब्बास से, कक वह फ़िमाते हैं:
एक शख्स िसूलल्
ज लाह (स.अ.व.) के पास
आया औि स्वाल ककया क्या अली इब्ने
अबब तासलब (अ.स.) की मोहब्बत मजझे
फ़ाएदा पहजचाएगी िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने
फ़िमाया मैं नहीं र्ानता र्ब तक की
र्ब्रईल से न पूछलूं इतने में र्नाब र्ब्रईल
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की खखदमत में आये
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने उनसे इस स्वाल को
पछ
ू ा र्ब्रईल ने कहा मैं नहीं र्ानता र्ब
तक की मैं इस्राफ़ील से न पूछलूं र्नाबे
HAZRAT ALI A.S… - 95 HAJINAJI.com
र्ब्रईल ऊपि गए औि इस्राफ़ील से पूछा
क्या अली इब्ने अबब तासलब (अ.स.) की
मोहब्बत फ़ाएदा पहूँछाएगी? उन्हों ने कहा मैं
नही र्ानता र्ब तक की मैं िब्बे र्ल्ल
र्लाल से न पूछलूं उस्के बाद अल्लाह ने
उन्की तिफ़ वही की: या इस्राफ़ील मेिे वही
के अमान्दाि फ़रिश्तों से कह दो कक मेिा
सलाम मेिे हबीब तक पहजंचा दें औि आप
(स.अ.व.) से कहें कक अल्लाह सलाम कि
िहा है औि तजम को बताना चाहता है कक
आप मजझ से इतना क़िीब हैं कक जर्तना मैं
चाहता हूँ. अली (अ.स.) औि मैं आप से
इतना किीब हूँ कक जर्तना आप मझ ज से
किीब हैं. औि र्ो कोई अली (अ.स.) से
मोहब्बत किे वो मजझसे इतना क़िीब है कक
जर्तना अली (अ.स.) आप से हैं.

HAZRAT ALI A.S… - 96 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-21
हसन बबन हमज़ा बबन अब्दल्
ज लाह, अहमद
बबन अल हसन अल खशाब से नकल किते
हैं, उन्हों नें अय्यूब बबन नूह से उन्हों ने
अब्बास से उनों ने अम्र बबन अबान बबन
तगलब से उन्हों ने अकिमा से उन्हों ने
इब्ने अब्बास से वह फ़िमाते हैं
आखिी हर् से वापस आने के बाद
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
अय लोगो! अल्लाह (र्ल्ला र्लालह) की
र्ातनब से र्ब्रईल रूहजल अमीन मेिे पास
आए औि उन्हों नें कहा अय मोहम्मद
(स.अ.व.) अल्लाह कहता हे मैं तजम से
समलने का मजश्ताक हूँ अपनी सािी वसीयतों
को तय्याि औि अपने तमाम कामों को पूिा
किो. अय लोगो मेिी मौत किीब है औि मैं
अपने औि तजम्हािे दिसमयान र्जदाई दे ख िहा
हूँ औि र्ब तम्
ज हािा बदन मझ
ज से दिू हो

HAZRAT ALI A.S… - 97 HAJINAJI.com


र्ाए, मगि अपने हदलों अपने (कोलूब) को
मजझ से दिू न किना
अय लोगो मजझसे पहले जर्तने नबी आए
अल्लाह ने ककसी को दन्ज या में हमेशा नहीं
िख्खा कक मैं हमेशा िहूँगा. अल्लाह कजिान
की इस आयत में इिशाद फ़िमाता है औि
हमने आप से पहले भी ककसी बशि के सलये
हमेश्गी नहीं क़िाि दी है तो क्या अगि आप
दन्ज या से चले गये तो यह लोग हमेशा िहने
वाले हैं हि शख्स मौत का मज़ा चखने वाला
है हि नफ्जस मौत का मज़ा चखने वाला है
(21:34:35) र्ान लो कक मेिे पिविहदगाि ने
मझ
ज े हजक्म हदया है कक तम्
ज हािे सलये वसीयतें
किता र्ाऊं.
अय लोगो र्ान लो कक मेिे पिविहदगाि नें
मजझे हजक्म हदया है कक मैं तजम लोगों को
नर्ात की कश्ती औि िोज़ी का दिवार्ा
बता दं .ू पस मेिे बाद र्ो चाहता है कक

HAZRAT ALI A.S… - 98 HAJINAJI.com


नर्ात पा र्ाये औि तबाह किदे ने वाले
फ़ीतनों से महफूज़ िहे तो उस को चाहहए
कक हज़ित अली इब्ने अबबतासलब (अ.स.)
की ववलायत को मर्बूती के साथ पकडे िहे ,
बेशक वह सस्दीके अकबि हैं औि फ़ारूके
आज़म यानी हक़ व बाततल में सब से बड़े
फैसला किने वाले हैं.
वह मेिे बाद हि मस
ज लमान के इमाम हैं र्ो
दन्ज या में उन से मोहब्बत औि उन्की पैिवी
किे गा वह हव्ज़े कौसि पि मेिे साथ वारिद
होगा औि जर्न्हों नें उन्की नाफ़िमानी की है
वह मझ ज से बहजत दिू िहे गा ना मैं उसे
दे खूगा औि ना वह मजझे, औि उसे बाएँ
र्ातनब के फ़रिश्ते पकड़ के र्हन्नम में डाल
दें गे.
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया
अय लोगो बेशक मैं तम ज से बहजत बड़ी
नसीहत कि िहा हूँ लेककन नसीहत किने

HAZRAT ALI A.S… - 99 HAJINAJI.com


वाले तजम को पसंद नहीं हैं. मैं अपने इस
कौल के साथ अपने सलये औि तजम लोगों के
सलये अल्लाह की बािगाह में अस्तगफ़ाि
किता हूँ उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने
हज़ित अली (अ.स.) के सिे मजबािक को
पकड़ा औि दोनों आँखों के दिसमयान बोसा
सलया.30
उस्के बाद िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.) ने हज़ित
अली (अ.स.) से फ़िमाया अय अली (अ.स.)
तजम्हािी फ़र्ीलतों को शजमाि नहीं ककया र्ा
सकता. अल्लाह की क़सम जर्सनें दाने में
उगने की सलाहीय्यत पैदा की औि लोगों को
खल्क ककया अगि तमाम मख्लूकात तजम्हािी
मोहब्बत पि र्मा होर्ाती औि तजम्हािे हक़
की हक़ीक़ी मअिफ़त हो र्ाती तो अल्लाह
र्हन्नम की आग को पैदा ही न किता.31
30
अिबों में पेशानी का बोसा दे ना बहजत जज़यादा
इज्ज़त व इकिाम की तनशानी है

HAZRAT ALI A.S… - 100 HAJINAJI.com


गायतजल मिाम पेर्. 45 ह. 48, ऐहक़ाकजल
31

हक्क जर्ल्द. 4 पेर्. 331.

HAZRAT ALI A.S… - 101 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-22
अबजल क़ाससम र्अफ़ि इब्ने मोहम्मद बबन
कूलवैह, अली बबन हजसैन से नक्ल किते हैं,
कक उन्हों नें अली बबन इब्राहीम से, उन्हों नें
अपने वासलद से, उन्होंने अहमद बबन
मोहम्मद से उन्हों नें मोहम्मद बबन फजर्ैल
से, उन्हों ने साबबत बबन अबी हमर्ा से,
उन्हों ने उन्हों नें अली बबन हजसैन (अ.स.)
उन्हों नें अपेनें वपदिे बज़
ज ग
ज व
ु ाि से, उन्हों नें
अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) से कक वो र्नाब
फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया है अल्लाह
ने मेिी इताअत तजम ललोगों पि वाजर्ब
क़िाि दी है औि मेिी नाफ़िमानी किने से
िोका है औि उसनें तजम्हािे ऊपि वाजर्ब
ककया है कक मेिे हजक्म की पैिवी किो औि
मेिे बाद अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.) की

HAZRAT ALI A.S… - 102 HAJINAJI.com


इताअत किो कक बेशक वो मेिे भाई मेिे
वज़ीि औि मेिे इल्म के वारिस हैं. वह मजझ
से हैं औि मैं उनसे हूँ उनसे मोहब्बत ईमान
है औि उनसे दश्ज मनी िखना कजफ्र है आगाह
हो र्ाओ जर्स का जर्स का में मौला हूँ
उसके उस्के अली (अ.स.) मौला हैं. मैं औि
अली (अ.स.) इस उम्मत के बाप हैं, पस
जर्सने अपने बाप की नाफ़िमानी की वह
क़यामत के हदन र्नाबे नूह (अ.स.) के बेटे
के साथ महशूि होगा, र्ब की अपने बेटे से
नूह (अ.स.) नें कहा अय मेिे बेटे मेिे साथ
सवाि हो र्ा काफ़ीिों के साथ न िह, उसने
कहा मै अनक़िीब पहाड़ पि पनाह लेलूंगा
(11:42-43)
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया
अय अल्लाह उस्की मदद कि र्ो अली
(अ.स.) की मदद किे औि उसे ज़लील कि
र्ो अली (अ.स.) को ज़लील किना चाहे औि

HAZRAT ALI A.S… - 103 HAJINAJI.com


उन्के दोस्त को दोस्त औि उन्के दश्ज मन को
दश्ज मन िख.
उस्के बाद िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें गगिया
ककया, महार्िीन व अंसाि र्ो वहाँ र्मा थे
सब िोने लगे औि उन्के तीन गगिोह हो गए
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से िोखसत
होये.32
गायतजल ममिाम. पेर्. 165 ह. 51, कन्र्जल
32

उम्माल पेर्. 185, बेहारुल अन्वाि. जर्ल्द. 26.


पेर् 263, ह. 48, इस्बातजल हजदात जर्ल्द. 3,
पेर्. 379, ह. 218, िवज़तजल र्न्नत जर्ल्द. 6
पेर्. 184, शैखे सदक
ू आमाली में पेर्. 22, ह.
6, तबिी अपनी बशाितजल मजस्तफ़ा में पेर्. 196,

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फ़ज़ीलत- 23
अहमद बबन मोहम्मद अपनी ककताब में
अब्दल्
ज लाह बबन र्अफ़िी से नक्ल किते हैं
कक उन्हों ने इब्राहीम बबन हाशमी से उन्हों
ने र्अफ़ि बबन मोहम्मद बबन मिवानी से
उन्हों ने अपने वासलद से उन्हों नें उबैदल्
ज लाह
बबन याहहया से उन्हों ने मोहम्मद बबन
अली अल बाकीि (अ.स.) से आप (अ.स.) नें
अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) से आप फ़िमाते
हैं
हज़ित िसूले खजदा (स.अ.व.)! इस आयत में ,
“हजक्म होगा कक तजम दोनों हि नाशजक्रे
सिकश को र्हन्नम में डाल दो (50:24) के
बािे में फ़िमाया है.
अय अली (अ.स.) क़यामत के हदन र्ब
अल्लाह तमाम मख्लूकात को एक र्गह
मैदान में र्मा किे गा, उस हदन तजम औि मैं
अल्लाह के अशु के दाएँ र्ातनब होंगें पस
HAZRAT ALI A.S… - 105 HAJINAJI.com
अल्लाह कहे गा अय मोहम्मद (स.अ.व.) अय
अली (अ.स.) उठो र्ो तजम दोनों का दश्ज मन
िहा है.33 औि तम
ज को झठ
ज लाया औि तम

दोनों की मख
ज ालफ़त की है उसे र्हन्नम की
आग में डाल दो.34
र्ो अली (अ.स.)से नफ़ित किता है उसका
33

शजमाि, अल्लाह औि िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से


नफ़ित किने वालों में होगा, जर्स का मतलब ये
है कक िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से मोहब्बत औि
अली (अ.स.) से नफ़ित हो यह मजमककन नहीं
गायतजल मिाम पेर्. 390, ह. 2, बजिहान
34

जर्ल्द. 4, पेर्. 227, ह. 18, लावामेनी अल


नविानीय्यह पेर्. 409, तफ़सीिे कजम्मी पेर्.
644, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 39, ह. 13,
तफ़सीिे फ़ोिात अल कूफ़ी पेर्. 166, औि 167,
शवाहे दत्त
ज न्र्ील जर्ल्द. 2 पेर्. 191, ह. 897,
मनाककबे इब्नें शहिे आशोब जर्द. 2 पेर् . 8,
यनाबीउल मव्दत पेर्. 85.

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फ़ज़ीलत- 24
मोहम्मद बबन अब्दल्
ज लाह बबन उबैदल्
ज लाह,
मोहम्मद बबन काससम से नकल किते हैं,
कक उन्हों नें उब्बाद बबन यअकूब से, उन्हों
नें अम्र बबन अबी अल मेकदाम से, उन्हों नें
अपने वासलद से, उन्हों ने सईद बबन र्जबैि
से उन्हों नें इब्नें अब्बास से कक वो फ़िमाते
हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया है
अल्लाह की क़सम जर्सने मझ
ज े हक़ के साथ
बशीि व नज़ीि बना कि भेर्ा है. अल्लाह नें
कजसी व अशु को नहीं बनाया, काएनात को
नहीं सर्ाया आसमानों औि ज़मीनों को
क़ाएम नहीं ककया मगि ये की अल्लाह नें
उस्के ऊपि सलखा
ला इलाह इल्लल्लाह.
मोहम्मादिज िसूलजल्लाह.

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अलीयजन वलीय्यजल्लाह.
उस्के बाद आप (स.अ.व.) नें फ़िमाया कक
र्ब अल्लाह आसमान पि ले गया तो
अल्लाह नें उन्को उन्की आवाज़ में कहा
अल्लाह नें कहा : अय मोहम्मद (स.अ.व.)
मैं नें कहा लब्बैक व सअदे क.
अल्लाह नें कहा:
मैं महमूद हूँ औि आप मोहम्मद. मैंनें आप
का नाम अपनें नाम के ऊपि िख्खा है औि
मैंनें आप को तमाम मख्लूकात पि फ़ज़ीलत
दी है पस अपने भाई अली (अ.स.) को मेिे
बन्दों के सलये पिचम की तिह नस्ब किो
र्ो मेिे बन्दों को मेिे दीन की तिफ़
हहदायत किें
अय मोहम्मद (स.अ.व.) मैनें मोमेनीन को
अपना मखसूस बंदा क़िाि हदया है औि
अली (अ.स.) को उनका अमीि बनाया है
इससलये र्ो कोई भी अली (अ.स.) पि हजक्म

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लगाए उसपि लअनत हो र्ो उन्की
मजखालफ़त किे उसपि अज़ाब हो औि र्ो
उन्की इताअत किे गोया उसने अपनें को
मजझ से किीब ककया.
अय मोहम्मद (स.अ.व.) बेशक मैंनें अली
(अ.स.) को मजसलामानों का इमाम बनाया
र्ो भी अपनें को उन से आगे होने का दावा
किता है उसको मैं ज़लील किता हूँ र्ो
उन्की नाफ़िमानी किता है उसको कैद किता
हूँ.
बेशक मैं नें अली (अ.स.) को तमाम
वासीओं का सिदाि बनाया है औि मोमेनीन
का बेहतिीन पेशवा वह तमाम मख्लूकात
पि मेिी दलील हैं.35
अल यकीन फ़ी इमित अमीरूल मोमेंनीन
35

पीर्े. 57, मदीनतजल मआजर्ज़ पेर्. 157, ह.


428, गायतजल मिाम पेर्. 17, ह. 11, बेहारुल
अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 8, ह. 16, र्वाहे रुल

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सनीय्यह पेर्. 300, तवीलजल आयत पेर्. 186,
ह. 34.

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फ़ज़ीलत- 25
अहमद बबन मोहम्मद बबन इमिान, हसन
बबन मोहम्मद अल अस्किी से नक्ल किते
हैं, कक उन्हों ने इब्राहीम बबन उबैदल्
ज लाह से
उन्हों नें अब्दल
ज िज़्ज़ाक से उन्हों नें
मोअम्मि से उन्हों नें यहहया बबन अबी
कसीि से उन्हों नें अपने वासलद से उन्हों नें
अबू हारून अल अब्दी से उन्हों नें र्ाबबि
बबन अब्दल्
ज लाह अंसािी से वो फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.)ने हज़ित अली (अ.स.)
के बािे में इस तिह फ़िमाया है:
वह सब से पहले इस्लाम में ईमान लानें
वाले हैं
वह इल्म में सब से जज़यादह हैं.
वह दीन में सब से सच्चे हैं.
वह यकीन में सब से अफ़ज़ल हैं.
वह हहल्म में , सब्र किनें में सब से जज़यादह
हैं.

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वह सब से जज़यादह मोआफ़ किने वाले औि
किम किनें वाले हैं.
वह सब से ज़्यादह शजर्ाअ हैं.
वह मेिे बाद इमाम औि वसी हैं.36
गायतजल मिाम पेर्. 45, ह. 51, इस्बातजल
36

होदात जर्ल्द. 3, पेर्. 633, ह. 862, शैख


सदक़
ू अपनी आमाली में पेर्. 16, ह. 16,
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 38, पेर्. 90, ह. 1,
हहल्यतजल अबिाि जर्ल्द. 1,पेर्. 235.

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फ़ज़ीलत-26
सहल बबन अहमद बबन अब्दल्
ज लाह, अली
बबन अब्दल्
ज लाह से नकल किते हैं, कक उन्हों
नें इस्हाक बबन इब्राहीम अल दब
ज िी से उन्हों
नें अब्दल
ज िज़्ज़ाक बबन हमाम से, उन्हों नें
मोअम्मि से, उन्हों नें उन्हों ने अब्दल्
ज लाह
बबन ताऊस से, उन्हों नें अपनें वासलद से
उन्हों नें इब्नें अब्बास से वह फ़िमाते हैं
हम लोग िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की खखदमत
में बैठे हजए थे कक इतनें में अली इब्ने अबी
तासलब (अ.स.) दाखखल हजए औि कहा
अस्सलाम अलैक या िसूलजल्लाह (स.अ.व.).
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें र्वाबे सलाम में
फ़िमाया व अलैकस्सलाम या अमीिल
मोमेंनीन व िह मतजल्लाहे व बिकातोह. अली
(अ.स.) नें फ़िमाया आप नें मजझे अमीि कह

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कि बजलाया र्ब कक आप अभी बा हयात हैं
या िसूलजल्लाह (स.अ.व.)
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया हाँ मैं
जज़न्दा हूँ औि तजम अली (अ.स.) कल हमािे
पास से गजज़िे हम औि र्ब्रईल गजफ्जतगू कि
िहे थे. मगि तजम नें सलाम नहीं ककया उस्के
बाद र्ब्रईल नें कहा क्या बात थी अमीरुल
मोंमेंनीन हमािे पास से गजज़िे मगि सलाम
नहीं ककया लेककन खजदा की क़सम अगि
सलाम किते तो हम खजश होते औि सलाम
का र्वाब दे ते पस अली (अ.स.) नें फ़िमाया
या िसूलजल्लाह (स.अ.व.) मैंनें आप को औि
दे हया37 को दे खा कक आप लोग गजफ्जतगू में
मशगूल थे पस मैंनें मजनाससब नहीं समझा
कक आप दोनों के दिसमयान हाएल हूँ
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फिमाया वह दे हया
नहीं थे वह र्ब्रईल थे मैंनें र्ब्रईल से पूछा
कैसे उन्हों नें अमीरुल मोंमेंनीन कहा.

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र्ब्रईल नें मजझ से कहा अल्लाह नें र्ंगेबद्र
में मजझ पि वही की कक मजहम्मद (स.अ.व.)
के पास र्ाव औि ये पयगाम पहजँचाव कक
वह अमीरुल मोमें नीन अली इब्नें अबी
तासलब (अ.स.) को हजक्म दें कक वह अपनें
घोड़े को दश्ज मनों के सामनें अगली सफ में
िख्खें इस सलये कक फ़रिश्ते चाहते हैं कक
आप को दे खें औि वह इस बात को पसंद
किते हैं.
इसीसलये अल्लाह नें उस हदन आसमान
में आप का नाम अमीरुल मोंमेंनीन िख्खा है
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया
अय अली (अ.स.) आप आसमान औि
ज़मीन में सब के अमीि हैं औि आप, र्ो
गजज़ि गए औि र्ो आनें वाले हैं सब के
अमीि हैं आप से पहले कोई अमीि नहीं था
औि न आप के बाद कोई अमीि होगा
इससलए र्ाइज़ नहीं है कक कोइ अपना

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नाम इस नाम पि िख्खे इससलए कक
अल्लाह नें यह लक़ब औि ककसी को अता
नहीं ककया है.38
अल यकीन पेर्. 58, ह. 79, गायतजल मिाम
38

पेर्. 18, ह. 12, मदीनतजल मआ र्ीज़ पीर्े. 8,


सेिातजल मजस्तकीम जर्ल्द. 2, पेर् . 54, बेहारुल
अन्वाि जर्ल्द . 37, पेर्. 307, ह. 39,
मनाककबे इब्नें शहिे आशोब जर्ल्द. 2, पेर्.
253.

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फ़ज़ीलत-27
मोहम्मद बबन अब्दल्
ज लाह बबन अबी
उबैदल्
ज लाह अल शैबानी, मोहम्मद बबन
यहहया अल तमीमी से नक्ल किते हैं कक
उन्हों नें अबजकोतादा अल हिाुनी से, उन्होंने
अपने वासलद से, उन्हों ने अंसाि का पिचम
उठाने वाले हरिस बबन अल खज़िर् से वह
कहते हैं
मैं नें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) को हज़ित
(अ.स.) से फ़िमाते हजए सजना है
मेिे बाद कोई तजम से आगे नहीं र्ाएगा
ससवाए काफ़ीि के औि तम्
ज हािी मख
ज ालफ़त
कोई नहीं किे गा मगि ये कक काफ़ीि सातो
आसमान के िहनें वाले अल्लाह के हजक्म से
तजम को अमीरुल मोंमें नीन कहते हैं.39

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गायातजल मिाम पेर्. 67, ह. 17, अलयक़ीन
39

पेर्. 78, समस्बाहजल अन्वाि पेर्. 164,


इस्बातजल होदात, जर्ल्द. 4, पेर्. 170, ह.
517, सेिातल मजसतकीम जर्ल्द. 2, पेर्. 55,
मनाककबे इब्ने शहिे आशोब जर्ल्द. 2, पेर्.
254, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 37, पेर्. 310,
ह. 43.

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फ़ज़ीलत-28
मेिे वासलद मोहम्मद बबन हजसैन नकल किते
हैं कक उन्हों नें मोहम्मद बबन हसन अल
सफ्जफ़ाि से उन्हों नें अहमद बबन मोहम्मद
से उन्हों नें अपनें वासलद से उन्हों नें
अब्दल्
ज लाह बबन अल मजगीिा औि मोहम्मद
बबन यहहया अल खसअमी से उन्हों नें
बहलोल अल अब्दी से उन्हों नें र्अफ़ि बबन
मोहम्मद (अ.स.) से उन्होंने अपनें वासलदे
मोहतिम मोहम्मद बबन अली (अ.स.) से
उन्हों नें अपने वपदिे बजर्जगव
ु ाि से उन्हों नें
अपनें वासलदे मोहतिम हजसैन बबन अली
(अ.स.) से कक आप (अ.स.) फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया कक मेिार्
की िात र्ब मजझे आसमान पि लेर्ाया गया
औि निू के सभी पिदे हट गए
मेिे िब (र्ल्ल र्लालह) नें मजझ से कलाम
ककया पस मजझ से कहा अय मोहम्मद

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(स.अ.व.) अली (अ.स.) को मेिी तिफ़ से
सलाम पहजचाने के बाद बता दीजर्ए कक आप
के बाद वो मेिी मख्लूक़ात पि हजज्र्त हैं
अपनें बन्दों पि उन्ही के ज़रिये िहमत की
बारिश किता हूँ औि उन्ही के तजफैल में
सािी बजिाइयों को दिू िखता हूँ औि मजझ से
मल
ज ाक़ात वाले हदन तमाम मख्लक़
ू ात पि
वही मेिी वाज़ेह दलील होंगें
इससलए लोगों को उन्के की पैिवी किनी
चाहहए औि उन्के हजक्म की इताअत औि
जर्न चीज़ों से िोकें उसे अंर्ाम नहीं दे ना
चाहहए अगि वो अयसा किें गें तो उन्हें
अपनें पास बैठने की र्गह दं ग
ू ा औि र्न्नत
में दाखखल होनें का पिवाना आता करूँगा
अगि उन्हों नें अयसा नहीं ककया तो
र्हन्नम में अपने बदतिीन दश्ज मनों के साथ
िख्खूं गा औि उन्की पिवाह नहीं करूँगा.40

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40
मदीनतजल मआजर्ज़ पेर्. 157, ह. 430, तबिी
बेशाितजल मजस्तफा पेर्. 79, बेहारुल अन्वाि
जर्ल्द. 38, पेर् 138, ह. 99.

HAZRAT ALI A.S… - 121 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-29
सहल बबन अहमद अल तिाअकी औि
मोहम्मद बबन अब्दल्
ज लाह अल कूफ़ी
मोहम्मद बबन र्िीि अल तबिी से नकल
किते हैं कक उन्हों नें खलफ़ बबन खलीफ़ा से
उन्हों नें यज़ीद बबन हारून से उन्हों नें
मोहम्मद बबन इब्राहीम बबन इब्राहीम बबन
मोबजश्शि से उन्हों नें र्ाबबि बबन अब्दल्
ज लाहे
अंसािी से वह फ़िमाते हैं
मैं िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की खखदमत में था
कक हज़ित अली (अ.स.) तशिीफ़ लाये
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें अपनें किीब बल
ज ाया
अबा से चेहिए अक़दस को पोछा औि
फ़िमाया अय अबजल हसन क्या मैं तजम्हें
खजशखबिी सजनाऊं र्ो र्ब्रईल नें मजझे सजनाई
है हज़ित अली (अ.स.) नें कहा हाँ या
िसूलजल्लाह (स.अ.व.)
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया

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र्न्नत में एक चश्मा है जर्सका नाम
तस्नीम है उस से दो नहिें तनकलती हैं र्ो
इतनीं बड़ी हैं कक तमाम दन्ज या की कश्ती
उसमें एक साथ चल सकती हैं
तस्नीम के ककनािे बहजत सािे दिख़्त हैं जर्स
की शाखें लूलू व मिर्ान की हैं औि उस्के
पत्ते ज़ाफ़िान के हैं उन दिख्तों से समली हजई
नूि की कजसी होगी उसपि लोग बैठे होंगें
उन्की पेशानी पि सलखा होगा ये मोमेनीन हैं
अली इब्ने अबबतासलब (अ.स.) से मोहब्बत
किने वाले.41
बजिहान जर्ल्द. 4, पेर्. 440, ह. 10, गायतजल
41

मिाम पेर्. 584, ह. 78.

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फ़ज़ीलत-30
अहमद बबन मोहम्मद बबन अब्दल्
ज लाह बबन
अय्याश, अल हाकफ़ज़ काज़ी अब्दल
ज बाकी
बबन फ़ालेअ से नकल किते हैं कक उन्हों नें
हजसैन बबन मोहम्मद से, उन्हों नें सल
ज ैमान
बबन कजमु से उन्हों नें मोहम्मद बबन शैबा से
उन्हों नें दाऊद बबन अली से उन्हों नें अपनें
वासलद से, उन्हों नें अपने र्द (दादा)
अब्दल्
ज लाह बबन अब्बास से, कक वह फ़िमाते
हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) से फ़िमाया
अय अली (अ.स.) र्ब्रईल नें तम्
ज हािे बािे में
मजझे इस तिह खबि दी है जर्स से मेिी
आखें ठं ढी औि हदल बहजत खजश होगया है ,
मैं तजम से बताता हूँ
र्बब्रइल नें मजझ से कहा,

HAZRAT ALI A.S… - 124 HAJINAJI.com


अय मोहम्मद (स.अ.व.) अल्लाह तआला नें
मजझसे कहा है. कक मोहम्मद (स.अ.व.) को
मेिा सलाम पहजंचाओ औि कहो कक वो इस
बात का एलान किदें कक अली (अ.स.)
हहदायत के इमाम हैं, अंधेिे तािीकी के नूि
हैं, औि वह दन्ज या वालों के सलये मेिी तिफ़
से िौशन दलील हैं.
वह सब से जज़याद सच्चे सस्दीके अकबि
औि हक़ व बाततल में सब से बड़े फैसला
किनें वाले हैं.
मेिे इज़्ज़त व र्लाल की क़सम र्ो उनको
चाहता है उनमें से ककसी एक को र्हन्नम
में नहीीँ डालँ ू गा. औि जर्न लोगों नें उन्की
औि उन्के बाद तमाम अइम्मा (अ.मज.स.)
की पैिवी की, औि मैं हिगगज़ उन्को र्न्नत
में नहीं भेर्ूंगा जर्न लोगोंनें उन्की ववलायत
को क़बूल नहीं ककया औि उन्के बाद आनें
वाले अइम्मा (अ.म.ज स.) की अताअत नहीं

HAZRAT ALI A.S… - 125 HAJINAJI.com


की ये मेिा हक़के साथ फैसला है कक मैं
र्हन्नम औि उस्के तबक़ात (दर्ों) को
जर्न्नातों औि इंसानों से भि दं ग
ू ा र्ो उन्के
दश्ज मन हैं औि र्न्नत को अपनीं उन तमाम
मख्लूकात से भि दं ग
ू ा र्ो उन्के शीआ औि
उन्की ववलायत को कबूल किने वाले हैं.42
बेहारुल अन्वाि, जर्ल्द. 37, पेर्. 133, ह. 88,
42

गायतजल मिाम पेर्. 48, ह. 52

HAZRAT ALI A.S… - 126 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-31
मोहम्मद बबन हम्माद बबन बशीि, मोहम्मद
बबन हसन बबन अब्दल
ज किीम नक्ल किते
हैं कक उन्हों नें इब्राहीम
बबन मैमन
ू औि उस्मान बबन सईद से उन्हों
नें अब्दल
ज किीम बबन यअकूब से, जज़या अल
र्ोअफ़ी से उन्हों नें अबी तजफैल से उन्हों नें
अनस बबन मासलक से कक वह फ़िमाते हैं
मैं (अनस बबन मासलक) िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) का गजलाम था एक बाि में
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की खखदमत में वज़ू के
सलये मदद कि िहा था, िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) नें फ़िमाया र्ो शख्स दाखखल
हजआ है वह अमीरुल मोमेंनींन मजसलामानों के
सिदाि वाससयों में सबसे बेहति औि लोगों
पि उनसे ज़्यादह हक्के तसरुु फ िखने वाले
िौशन पेशानी वालों के सिदाि.

HAZRAT ALI A.S… - 127 HAJINAJI.com


मैंनें (अनस बबन मासलक ) हदल में दआ
ज की
कक पिविहदगाि अंसाि में से ककसी को क़िाि
दे , इतनें में ककसी नें दक्कजल बाब ककया
यानी दिवार्ा खट खटाया, वह हज़ित अली
इब्नें अबब तासलब (अ.स.) थे.
र्ब अली (अ.स.) दाखखल हजए नबी
(स.अ.व.) के चेहिए अकदस
बहजत पि
ज़्यादह पसीना आनें लगा पस िसोलजल्लाह
(स.अ.व.) नें अपनें चेहिे से पसीने को साफ़
ककया औि अली (अ.स.) के चेहिे पि
लगाया.
अली (अ.स.) नें पूछा: क्या आप पि वही
नाजज़ल हजई है .43
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया तजम मजझ
से हो तजम मेिी जज़म्मेंदारियो को पूिी किोगे
मेिे कज़ु की भिपाई किोगे मेिे दींन के
कामों को संभालोगे औि तजम मेिी नबूवत
की तब्लीग किोगे.

HAZRAT ALI A.S… - 128 HAJINAJI.com


अली (अ.स.) नें पूछा: क्या आप नें नबूवत
की तबलीग नहीं ककया या िसूलजल्लाह
(स.अ.व.)
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया हाँ, मैंनें
की है, लेककन मेिे बाद लोगों को कजिान की
तअवील सीखाना ज़रूिी होगा लोग र्ो चीज़ें
मेिे ज़मानें में नहीं सीख सके तजम उन्हें वह
चीज़ें ससखाओ गे.44
वही नाजज़ल होते वक्त िसूलजल्लाह (स.अ.व.)
43

जर्स्मानीं तौि पि पिे शान हो र्ाते थे औि कभी


कभी पसीना आ र्ाता था.
अल यकीन पेर्. 59, गायतजल मिाम पेर्. 18,
44

ह. 3, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 37, पेर्. 296, ह.


13, अल मजस्तदिक जर्ल्द. 3, पेर्. 192, ह. 32,
मनाककबे इब्नें शहिे आशोब जर्ल्द. 2, पेर्.
253.

HAZRAT ALI A.S… - 129 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-32
अबज अजब्दल्लाह मोहम्मद बबन अली बबन
ज़न्र्वैय्ह मोहम्मद बबन र्अफ़ि से नकल
किते हैं कक उन्हों नें र्अफ़ि बबन सलमा
से, उन्हों नें इब्राहीम बबन मोहम्मद से, उन्हों
नें अबज गस्सान से, उन्हों नें यहहया बबन
सलमाँ से, उन्हों नें अपनें वासलद से उन्हों नें
अबी इद्रीस से, उन्हों नें मस
ज य्यब से उन्हों नें
अमीरुल मोंमेंनींन (अ.स.) से, कक आप
(अ.स.) फ़िमाते हैं
मैं अल्लाह की क़सम खा के कहता हूँ कक
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें मजझे अपनी उम्मत
का वसी बनाया है इससलए मैं िसूलजल्लाह के
बाद अल्लाह की वाज़ेह दलील हूँ इससलए मैं
क़सम खा के कहता हूँ कक मेिी आताअत
आसमान व ज़मीन वालों के सलये वाजर्ब है ,

HAZRAT ALI A.S… - 130 HAJINAJI.com


मलाऐका मेिी फ़र्ीलतों का जज़क्र किते हैं
र्ो अल्लाह के नज़दीक उस्की तस्बीह है.
अय लोगो! मेिा इत्तेबअ किो मैं तम
ज लोगों
को सीधा िास्ता हदखाने वाला हूँ दाएँ बाएँ
के िास्ते को न पकड़लो वनाु गजमिाह हो
र्ावगे मेिी तिफ़ आव मैं तजम्हािे नबी
(स.अ.व.) का वसी व र्ांनशीन हूँ, मैं
मत्त
ज ककयों औि मोसमनों का इमाम हूँ, मैं उन
लोगों का अमीि औि सिदाि हूँ, मैं अपनें
शीओं को र्न्नत की तिफ़ ले र्ाऊंगा औि
अपनें दश्ज मनों को र्हन्नम में डाल दं ग
ू ा.
मैं अल्लाह के दश्ज मनों के सलये उस्की तल्वाि
हूँ, औि उस्के दोस्तो के सलये उस्की िहमत
हूँ
मैं िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के ह्व्ज़े कौसि का
मासलक हूँ, औि उन्का पिचम उठानें वाला
हूँ, मझ
ज े आप (स.अ.व.) का मक़
ज ाम हाससल है

HAZRAT ALI A.S… - 131 HAJINAJI.com


मजझे उन्के बदले में शफ़ाअत का हक़ हाससल
है.
मैं, हसन (अ.स.), हजसैन (अ.स.) औि उन्के
नव फ़िज़न्दों के साथ अल्लाह की ज़मीन
पि उस्की हजज्र्त हूँ, फ़कत हम उस्के वही
के अमीन, हम िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के बाद
मजसलमानों के इमाम हैं, औि हम अल्लाह
की मखलक़
ू पि उस्की वाज़ेह तनशानी हैं.45
45
गायतजल मिाम पेर्. 18, ह. 14.

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फ़ज़ीलत-33
मोहम्मद बबन सईद अल दे हकान मोहम्मद
बबन मसऊद से उन्हों नें अहमद बबन ईसा
अल अल्वी से, उन्हों नें हजसैन से उन्हों नें
अबी खासलद औि र्ैद बबन अली से उन्हों
नें अपनें वासलद (चौथे इमाम) से, आप नें
हजसैन बबन अली (अ.स.) उन्हों नें अमीरुल
मोंमेंनीन (अ.स.) से कक वह र्नाब फ़िमाते
हैं
मैं (अली अ.स.) िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के
पास गया आप (स.अ.व.) अपनें हजर्िों में से
ककसी एक हजर्िे में थे मैंनें इर्ाज़त तलब
की आप नें इर्ाज़त दी.
र्ैसे ही मैं दाखखल
हजआ! िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) नें फ़िमाया अय अली! क्या तजम
नहीं र्ानते कक मेिा घि तजम्हािा घि है पस
क्यू दाखखल होनें के सलये मजझ से इर्ाज़त
ली? मैं नें कहा मझ
ज े अयसा किनां पसंद है.

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िसूलल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: तजम्हें वही
चीज़ पसंद है र्ो अल्लाह को पसंद है औि
तम्
ज हिा हि काम अल्लाह के आदाब के
मजताबबक़ होता है. अय अली! तजम ये र्ानलो
कक तजम मेिे भाई हो. औि मेिा खासलक मेिा
िाजज़क़ मेिे सलये तजम्हािे अलावा दस
ू िा भाई
नहीं चाहता अय अली! तम
ज मेिे वारिस हो,
मेिे बाद तम
ज पि ज़ल्
ज म ककया र्ाएगा औि
तजम को झजठलाया र्ाएगा. अय अली! र्ो
तजम्हािे सलये साबबत क़दम है वह अय्से है
की र्न्नत में मेिे साथ मजक़ीम है औि
जर्सनें तम्
ज हें छोड़ हदया उसनें मझ
ज े छोड़
हदया. अय अली! र्ो ये खयाल किता है कक
तजम्हें नािाज़ किके मजझसे मजहब्बत किता है
वह झूठा है इससलए कक अल्लाह नें मजझे व
तम्
ज हें एक ही निू से खल्क ककया है.46
गायतजल मिाम पेर्. 7, ह. 12, अल मजस्तदिक
46

जर्ल्द. 2, पेर्. 71 ह. 1, कन्र्जल उम्माल पेर्.

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208, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 230, ह.
38, िवज़तजल र्न्नत जर्ल्द. 6, पेर्. 184.

HAZRAT ALI A.S… - 135 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-34
अहमद बबन मोहम्मद, मोहम्मद बबन
र्अफ़ि से नक्ल किते हैं, कक उन्हों नें
मोहम्मद बबन हजसैन से, उन्हों नें मोहम्मद
बबन सीनान से, उन्हों नें जज़याद बबन
मजजन्र्ि से, उन्हों नें सईद बबन र्जबैि से
उन्हों नें इब्नें अब्बास से, कक वह फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया है:
मेिे ससवा हज़ित अली इब्ने अबब तासलब
(अ.स.) से बजलंद मजक़ाम ककसी का नहीं है
वह मेिी उम्मत के इमाम हैं, मेिी उम्मत के
अमीि हैं वो मेिी उम्मत पि मेिे वसी औि
र्ानशीन हैं मेिे बाद जर्सनें उन्की पैिवी की
वो हहदायत पा गया औि जर्सनें उन्को छोड़
कि दस
ू िे की पैिवी की वो गजमिाह हो गया
औि धोखे में िहा

HAZRAT ALI A.S… - 136 HAJINAJI.com


बेशक मैं नबीये मजस्तफ़ा (बगर्
जु ीदह िसूल)
हूँ. मैं अपनी ख्वाहहश से अली (अ.स.) के
फ़ज़ाएल बयान नहीीँ किता र्ब तक की
र्ब्रईल उस्की तिफ़ से र्ो आसमान व
ज़मीन औि उस्के अंदि र्ो कजछ भी है. के
मासलक पिविहदगाि की तिफ़ से वही लेकि
नाजज़ल नहीं होर्ाते.

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फ़ज़ीलत-35
अबू अल तैयब मोहम्मद बबन हजसैन अल
तैमाली, मोतैि बबन मोहम्मद बबन
अब्दल्
ज लाह से नकल किते हैं कक उन्हों नें
यहहया अल र्म्माल से उन्हों नें हहशाम से
उन्हों नें अबू हारून अल अब्दी से उन्हों नें
अबी सईद अल खजदिी से, कक वह कहते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया कक र्ब मैं
मेिार् की िात उस आसमान पि पहजंचा
जर्सके ऊपि कोई पदाु नहीं था ससफु
अल्लाह के मजकिुम व मजअज्ज़ज़ फरिश्तों से
भिा हजआ था र्ो मजझ से कह िहे थे:
अय मोहम्मद (स.अ.व.) आप को मजबािक हो
अल्लाह नें आप को वह चीज़ आता की है
कक न इस से पहले ककसी को आता की न
इस के बाद ककसी को आता किे गा. आप
को अली इब्ने अबब तासलब (अ.स.) र्ैसा
भाई, फ़ाततमा (स.अ.) उन्की ज़वर्ा, हसन

HAZRAT ALI A.S… - 138 HAJINAJI.com


(अ.स.) औि हजसैन (अ.स.) उन्के फ़िज़न्द
औि उनसे मजहब्बत किने वाले शीआ हैं.
अय मोहम्मद (स.अ.व.) आप अफ़ज़ले
अंबीया हैं औि अली (अ.स.) अफ़ज़ले
अवससया हैं औि फ़ाततमा (स.अ.) तमाम
दन्ज या की औितों की सिदाि हैं हसन (अ.स.)
औि हजसैन (अ.स.) र्न्नत में दाखखल होनें
वाले अव्लादे अंबबया में से हि एकसे सब से
ज़्यादह मजकिुम व मोअज्ज़ज़ हैं औि
क़यामत के हदन उन्के शीआ तमाम लोगों
से अफ़ज़ल हैं. र्ो र्न्नत में सर्े सर्ाए
कमिों, महलों औि बागों में िहें गे में ऊपि
गया औि नीचे वापस आया लेककन फ़रिश्तों
का ये कहना खत्म नहीं हजआ अगि अल्लाह
नें िोका न होता तो इस आवाज़ को
जर्न्नातों औि इंसानों मेंसे हि एक नें सन
ज ी
होती.48
गायतजल मिाम पेर्. 166, ह. 56.
48

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फ़ज़ीलत-36
मोहम्मद बबन मोहम्मद बबन मजिाु, हसन
बबन अली अल आसमी नक्ल किते हैं कक
उन्हों नें मोहम्मद बबन अब्दल
ज मसलक बबन
अबी अल शिू ाब, उन्हों नें र्अफ़ि बबन
सजलैमान अल ज़बई से, उन्हों नें साद बबन
ज़िीफ़ से, उन्हों नें अस्बग से, वह कहते हैं
सलमान फ़ािसी (अ.ि.) हज़ित अली इब्नें
अबब तासलब (अ.स.) औि र्नाबे फ़ाततमा
(स.अ.) के मतुबे के बािे में सवाल किनें
आए.
अब सलमान (अ.ि.) फ़िमाते हैं कक मैंनें
िसल ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) से ये फ़िमाते हजए सजना
है. कक
मैं तजम्हें आगाह किता हूँ कक अली (अ.स.)
की तिफ़ ध्यान दो इससलए कक वह तम् ज हािे
सदाि हैं इससलए उनसे मह
ज ब्बत किो. वह

HAZRAT ALI A.S… - 140 HAJINAJI.com


रुतबे में सब से बड़े व इज़्ज़त दाि हैं,
इससलए उन्की पयिवी किो. वह इल्म में
सब से ज़्यादा हैं इससलए उन्की इज़्ज़त
किो. र्न्नत में ले र्ानें वाले वही हैं,
इससलए उन्की मअिे फ़त हाससल किो उनसे
डिो र्ब वह तजम्हें बजलाएं र्वाब दो. र्ो
हजक्म किें उस्को मानों उन्को मेिे सलये चाहो
औि इज़्ज़त किो.
मैंनें अली (अ.स.) के बािे में कजछ नहीं कहा
है मगि ये कक मेिे पिविहदगाि नें मजझे
हजक्म हदया है .

HAZRAT ALI A.S… - 141 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-37
अबजबकि मोहम्मद बबन अहमद बबन गतिीफ़
अल र्जिर्ानीं अबज खलीफ़ा अल फ़ज़ल
बबन साल अल र्मही से नकल किते हैं कक
उन्हों नें अली बबन अजब्दल्लाह बबन र्अफ़ि
से, उन्हों नें मोहम्मद बबन उबैद से. उन्हों नें
अब्दल्
ज लाह से. उन्हों नें नाफ़ेअ से. उन्हों नें
अब्दल्
ज लाह बबन उमि से उन्हों नें उमि बबन
अल खत्ताब से. कक वह कहते है
हम लोगों नें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से हज़ित
अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) के मिाततब
के बािे में सवाल ककया.
िसलू ल्
ज लाह (स.अ.व.) ग़ज़ब्नाक हजए औि
र्वाब हदया:
तजम लोगों को क्या हो गया है तजम लोग
उस्के बािे में सवाल किते हो जर्न को
अल्लाह नें मेिे र्ैसा मतुबा अता ककया है
ससवाए नबूवत के!

HAZRAT ALI A.S… - 142 HAJINAJI.com


याद िख्खो, आगाह हो र्ाओ र्ो अली
(अ.स.) को चाहता है वह मजझे चाहता है. र्ो
मजझे चाहता है वह अल्लाह को खजश किता
है, औि र्ो अल्लाह को खश
ज किता है .
अल्लाह उसे र्न्नत में अज्रे अज़ीम आता
किे गा.
याद िख्खो! फ़रिश्ते उस्के सलये अस्तगफ़ाि
किते हैं र्ो अली (अ.स.) से मजहब्बत किता
है. औि उस्के सलये र्न्नत का दिवाज़ा
खजला है. वह जर्स दिवाज़े से चाहे गा, बगैि
हहसाब दाखखल हो र्ाएगा.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) को चाहता है
अल्लाह उस्के आमाल की ककताब उस्के
दाहहनें हाथ में दे गा औि क़यामत के हदन
उसका हहसाब व ककताब आसानी से सलया
र्ाएगा र्ैसे अंबबया का हहसाब व ककताब.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मोहब्बत
किता है वह दन्ज या से नहीीँ र्ाएगा मगि ये

HAZRAT ALI A.S… - 143 HAJINAJI.com


कक पहले ह्व्ज़े कौसि से सैिाब हो र्ाए औि
तूबा के दिख़्त से खा ले औि र्न्नत में
अपना मक़
ज ाम दे ख ले.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मजहब्बत
किता है अल्लाह सकिाते मौत के वक्त
उस्की मजजश्कलों को आसान कि दे गा उस्की
कब्र को र्न्नत की बागों में से एक बाग
बना दे गा
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मजहब्बत
किता है उस्के बदन की हि िग के बिाबि
अल्लाह र्न्नत में हूि अता किे गा औि
उस्के घि के 80, अफ़िाद की शफ़ाअत
किे गा औि र्न्नत में उस्के बदन के बाल
के बिाबि शहि अता किे गा.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से उन्की
मअिफ़त के साथ मह
ज ब्बत किता है अल्लाह
उस्के पास मैत के फ़रिश्तों को उसी तिह
भेर्ेगा जर्सतिह नबबयों (अ.मज.स.) के पास

HAZRAT ALI A.S… - 144 HAJINAJI.com


भेर्ता है. औि मजन्कि व नकीि के खवफ़ से
दिू िख्खेगा औि उस्की कब्र को नूिानी कि
दे गा औि उस्की कब्र को 70 साल की
मसाफ़त इतनी चवडी कि दे गा, औि उसको
क़यामत के हदन निू ानी चेहिे के साथ उठाए
गा.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मजहब्बत
किता है. अल्लाह उसको अपनें अशु के साए
में सस्दीकीन शोहदा औि सालेहीन के साथ
िख्खेगा औि वो क़यामत के होल्नाक मंज़ि
औि मजसीबतों से अम्न व अमान में िहे गा.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मजहब्बत
किता है उस्की नेंककयां क़बूल हैं, औि उस्के
गजनाह मजआफ़ हैं, औि वह र्न्नत में र्नाबे
हमज़ा (अ.स.) सय्यदश्ज शोहदा के साथ होगा
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मह
ज ब्बत
किता है अल्लाह उस्के हदल में हहकमत
डाल दे ता है. औि उस्की ज़जबान पि

HAZRAT ALI A.S… - 145 HAJINAJI.com


सच्चाइयो को र्ािी कि दे ता है औि अपनीं
िहमत का दिवाज़ा उस्के सलये खोल दे ता है.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मह
ज ब्बत
किता है ये ज़मीन उस्के सलये कैदखाना है
अल्लाह उन्को आज़ाद किे गा औि अल्लाह
फ़रिश्तों, अशु उठानें वालों से इनकी तअिीफ़
किता है.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मह
ज ब्बत
किता है उस्के सलये एक फ़रिश्ता अशु के
नीचे सदा दे ता है औि कहता है अय
अल्लाह के बंदे! आगे बढो क्यूं कक तजम्हािे
सािे गन
ज ाहों को मआ
ज फ़ कि हदया गया है.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मजहब्बत
किता है वह क़यामत के हदन इसतिह आए
गा कक उसका चेहिा चौदवीं की चाँद की
तिह चमक िहा होगा.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मोहब्बत
किता है उस्के सि पि किामत व बजर्जगी का

HAZRAT ALI A.S… - 146 HAJINAJI.com


तार् िख्खे गा, औि उस्को इज़्ज़त का
सलबास पहनाएगा.
याद िख्खो ! र्ो अली (अ.स.) से मोहब्बत
किता है वो पल
ज े ससिात से तेज़ िफ़्ताि
बबर्ली की तिह गजज़ि र्ायेगा औि गजज़िते
वक्त ककसी मजसीबत का साम्नां नहीं किना
पड़े गा.
याद िख्खो! अली (अ.स.) से मोहब्बत किनें
वाले के सलये अल्लाह नें र्हन्नम से दिू
नफ़ाक़ से दिू औि पजले ससिात से गजज़िने
का पिवानां औि तमाम मजसीबतों से अम्न
व अमान को सलख हदया है.
याद िख्खो! र्ो अली (अ.स.) से मजहब्बत
किता है. उस्के आमाल का दफ्जति नहीं
खोला र्ायेगा, औि हहसाब व ककताब का
तिार्ू नस्ब नहीं ककया र्ायेगा, बल्की उस
से कहा र्ायेगा बगैि हहसाब व ककताब के
र्न्नत में दाखखल हो र्ाओ.

HAZRAT ALI A.S… - 147 HAJINAJI.com


याद िख्खो! र्ो िसूलजल्लाह (स.अ.व.) औि
उन्की अव्लाद से मजहब्बत किे गा वह हहसाब,
मीज़ान, औि सेिात से महफूज़ है.
याद िख्खो! र्ो िसूलजल्लाह (स.अ.व.) की
अव्लाद से मह
ज ब्बत के साथ इस दन्ज या से
र्ायेगा मलाएका उससे मजसाफ़ेहा किें गें,
नाबबयों की रूहें उस से मजलाक़ात किें गीं औि
अल्लाह उस्की तमाम हार्तों को पूिी किे गा.
याद िख्खो! र्ो आले मोहम्मद (स.अ.व.)
की दश्ज मनी में मिे गा वह काफ़ीि की मौत
मिे गा.
याद िख्खो! र्ो आले मोहम्मद (स.अ.व.)
की मजहब्बत में मिे गा वह ईमान पि मिे गा
औि उस्के र्न्नत की ज़मानत मैं लेता हूँ.
याद िख्खो! र्ो अले मोहम्मद (स.अ.व.) के
बजलज़ में मिे गा वह क़यामत के हदन
इसतिह आएगा कक उस्की दोनों आखों के

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दिसमयान सलखा होगा कक यह िहमते
पिविहदगाि से मायूस है .
याद िख्खो! र्ो अदावते आले मोहम्मद
(स.अ.व.) में मिे गा वह र्न्नत की खजशबू
नहीं सूंघ सकता.
याद िख्खो! र्ो बजलज़े आले मोहम्मद
(स.अ.व.) में मिे गा वह अपनी कब्र से
ससयाह चेहिे के साथ बाहि आएगा.49

49
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 114, ह. 89.
गायतजल मिाम पेर्. 270, ह. 10,
फ़ज़ाएलजश्शीआ पेर्. 2, ह. 1, तावीलजल आयात
पेर्. 863, ह. 1, तबिी अपनीं बशािातजल
मजस्तफ़ा में पेर्. 36, अिबईन अल खजज़ाई ह. 1.

HAZRAT ALI A.S… - 149 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-38

अहमद बबन हसन बबन मोहम्मद अल


तनशापिू ी अपनीं ककताब में मोहम्मद बबन
हजसैन अल आर्िी से नक्ल किते हैं कक
उन्हों नें र्अफ़ि बबन मोहम्मद बबन अल
अज्ज़ी से. उन्हों नें कजतैबह बबन सईद से.
उन्हों नें र्िज ै ि से. उन्हों नें मग
ज ीिा से उन्हों
नें मोहम्मद बबन अम्र बबन अबी सलमा से,
उन्हों नें इब्नें अब्बास से कक वह फ़िमाते हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:

अली (अ.स.) मेिे सलये मेिे बदन के खन


ू की
तिह हैं जर्सनें उन्की ववलायत को क़बूल
ककया वह हहदायत पा गया जर्सनें उनसे
मोहब्बत की, वही सीधे िास्ते पि है जर्सनें
उन्का इत्तेबअ ककया वह नर्ात पा गया.

HAZRAT ALI A.S… - 150 HAJINAJI.com


याद िख्खो! अली (अ.स.) चाि र्न्नततयों में
से एक हैं. मैं, अली (अ.स.) हसन (अ.स.)
औि हजसैन (अ.स.) है.50
50
गायतजल मिाम पेर्. 207, ह. 11,

HAZRAT ALI A.S… - 151 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-39
अल शिीफजल हसन बबन हम्ज़ा अल अलवी
उबैदल्
ज लाह बबन मूसा से, उन्हों नें ज़ोहिी से,
उन्हों नें उिवा से, उन्हों नें इब्ने अब्बास से
कक वह फ़िमाते हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया जर्सनें
अली (अ.स.) से मजसाफ़ेहा ककया वह अयसा
है कक र्ैसे मजझसे मजसाफ़ेहा ककया औि
जर्सनें मजझसे मजसाफ़ेहा ककया उसनें अल्लाह
के अशु के पाए से मजसाफ़ेहा ककया है. औि
जर्सनें अली (अ.स.) से मोआनेक़ा ककया
यानी उनसे गले समला वह मजझसे गले समला
औि र्ो मजझसे गले समला र्ैसे तमाम
नाबबयों से गले समला औि र्ो अली (अ.स.)
के मोहहब्बों से मजसाफ़ेहा किे अल्लाह उस्के
तमाम गजनाहों को बख्श दे ता है औि उस्को
बगैि हहसाब र्न्नत में दाखखल कि दे गा.51

HAZRAT ALI A.S… - 152 HAJINAJI.com


बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 115, ह. 90,
51

ख्वािज़मी अपनीं मानाककब में पेर्. 226,


समस्बाहजल अन्वाि पेर्. 122, गायतजल मिाम
पेर्. 583, ह. 47.

HAZRAT ALI A.S… - 153 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-40:
शैख अल सालेह अबज अजब्दल्लाह हजसैन बबन
अजब्दल्लाह अल कातीई, अबल ज हसन
मोहम्मद बबन अहमद अल हाश्मी अल
मंसिू ी से, उन्हों नें अबज मस
ू ा ईसा बबन
अहमद से, उन्हों नें अली बबन मोहम्मद
(अ.स.) से, उन्हों नें अपनें वासलदे मोहतिम
से, उन्हों नें अली बबन मूसा अि िे ज़ा
(अ.स.) से उन्हों नें अपनें वासलदे मोहतिम
से, उन्हों नें र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.)
उन्हों नें अपनें वासलदे बज़
ज ग
ज व
ु ाि से, उन्हों नें
अली बबन अल हजसैन (अ.स.) से, उन्हों नें
हजसैन बबन अली (अ.स.) से, उन्हों नें क़म्बि
(अली अ.स. के गजलाम) से, कक वह फ़िमाते
हैं
मैं अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) के साथ नहिे
फजिात के ककनािे था कक आप (अ.स.) नें

HAZRAT ALI A.S… - 154 HAJINAJI.com


अपनी कमीस उतािी औि पानी में दाखखल
हो गए पस एक मैर् आई औि कमीज़ को
लेकि चली गयी र्ब अमीरुल मोमेनीन
(अ.स.) बाहि तनकले पस कमीस को नहीं
पाया तो बहजत जज़यादा ग़मगीन हजए उसी
वक्त हाततफ़ की तिफ़ से एक आवाज़ आई
अय अबल हसन! अपनें बाएँ र्ातनब दे खखये
पस र्ो हदखाई पड़े उसे ले लीजर्ए र्ब आप
(अ.स.) नें अपनें बाएँ तिफ़ तनगाह की तो
एक बंद तोहफ़े को दे खा उस तोहफ़े में आप
नें एक कमीस दे खी र्ब आप वह कमीस
पहे न्ने लगे तो उस्की र्ेब से एक रुक्कअ
(एक कागर् का टजकड़ा) गगिा जर्स में सलखा
हजआ था बबससमल्लाह हहिुहमाँ तनिुहीम ये
हहदया अज़ीज़ल
ज हकीम अल्लाह की र्ातनब
से अली इब्नें अबब तासलब (अ.स.) के सलये
है. ये हारून बबन इमिान की क़मीस है .
‘‘औि वह नेंमतें जर्न में मज़े उड़ा िहे थे

HAZRAT ALI A.S… - 155 HAJINAJI.com


यही अंर्ाम होता है औि हम नें सब का
वारिस दस
ू िी कौम को बना हदया’’
(44:28).52

गायतजल मिाम पेर्. 660, ह. 119. अल


52

खिाएर् वल र्िाएह. पेर्. 288, ह. 60,


बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 39, पेर्. 126, ह. 13,
इस्बातजल होदात जर्ल्द. 4, पेर्. 551, ह. 201,
मानाककब इब्नें शहिे आशोब जर्ल्द. 2, पेर्.
69. मदीनतजल माजर्ज़ पेर्. 16, ह. 14,
खासाएस अि िे ज़ा. पेर्. 25.

HAZRAT ALI A.S… - 156 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-41
मोहम्मद बबन हसन बबन अहमद मोहम्मद
बबन हजसैन नकल किते हैं कक उन्हों नें
इब्राहीम बबन हाशमी से. उन्हों नें मोहम्मद
बबन सेनान से. उन्हों नें ज्याद बबन मजजन्र्ि
से उन्हों नें सईद बबन तजिैफ़ से उन्हों नें
अस्बग बबन नोबाता से उन्हों नें इब्ने
अब्बास से कक वह फ़िमाते हैं
मैंनें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से फ़िमाते हजए
सजना है.
अय लोगो! र्ानलो अल्लाह नें तजम्हािे सलये
एक दिवाज़ा बनाया है र्ो उस दिवाज़े से
दाखखल होगा वह र्हन्नम की आग औि
बहजत बड़े खौफ से महफूज़ िहे गा.
उस्के बाद अबज सीईद खजदिी खड़े हो गए
औि कहा या िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) उस
दिवाज़े को बताइये ताकी हम पहचान सकें

HAZRAT ALI A.S… - 157 HAJINAJI.com


िसोलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया.
वह अली इब्नें अबब तासलब (अ.स.) हैं
अवससया के सिदाि अमीरुल मोमेनीन
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के भाई, तमाम लोगों
पि अल्लाह के खलीफ़ा.
अय लोगो! तजम में से र्ो चाहता है कक
अयसी िस्सी को पकडे र्ो कभी ना टूटे पस
वह अली इब्नें अबब तासलब (अ.स.) की
ववलायत को थाम ले उन्की ववलायत मेिी
ववलायत है औि उन्की इताअत मेिी
अताअत है.
अय लोगो! तम
ज में से र्ो यह र्ानना
चाहता है कक मेिे बाद अल्लाह की हजज्र्त
कौन है. तो र्ानलो वह हज़ित अली इब्नें
अबब तासलब (अ.स.) हैं.
अय लोगो! तम
ज में से र्ो चाहता है कक मेिे
बाद अल्लाह औि उस्के िसूल की पैिवी किे
तो वह अली इब्नें अबब तासलब (अ.स.) औि

HAZRAT ALI A.S… - 158 HAJINAJI.com


मेिी ज़जरिुयत में से इमामों (अ.मज.स.) की
पैिवी किे ये लोग मेिे इल्म के खज़ानें हैं.
उस्के बाद र्ाबबि बबन अजब्दल्लाह अंसािी
खड़े हजए औि पूछा! या िसूलजल्लाह (स.अ.व.)
इमामों की तअदाद ककतनी है ककतनें
अइम्मा हैं.
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया अय
र्ाबबि! अल्लाह तजम पि िहम किे तजम नें
तमाम इस्लाम के बािे में मजझ से सवाल
ककया उन्की तअदाद इस्लाम के महीनों की
तअदाद के बिाबि है.” बेशक महीनों की
तअदाद अल्लाह के नज़दीक ककताबे खजदा
में, उसी हदन से बािह है जर्स हदन उसनें
आसमान व ज़मीन को पैदा ककया (9:36)
हज़ित मूसा बबन इमिान नें अपनें असा से
पत्थि पि मािा था, तो उस से बािह चश्में
र्ािी हजए थे, उतनी ही तअदाद इमामों की
है.

HAZRAT ALI A.S… - 159 HAJINAJI.com


इमामों की तअदाद बनी इसिाईल के नकीबों
(सिदािों) के बिाबि है. अल्लाह नें कजिान में
फ़िमाया है. हमनें उन में से बािह नकीब
(सिदाि) भेर्े “(5:12) पस र्ाबबि इमामों की
तअदाद बािह है. उनमें से पहले इमाम
हज़ित अली इब्नें अबब तासलब (अ.स.) औि
आखिी अल क़ाइम अल मेहदी (अ.त.फ.श.)
हैं.53

53
अल यकीन पेर्. 60, गायतजल मिाम पेर्. 18,
ह. 15, अल इस्तेनसाि पेर्. 221, बेहारुल
अन्वाि पेर्. 263, ह. 84,

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फ़ज़ीलत-42
मोहम्मद बबन अली बबन हजसैन बबन मूसा,
हसन बबन मोहम्मद बबन सईद से. उन्हों नें
फजिात बबन इब्राहीम से, उन्हों नें अहमद
बबन मूसा से उन्हों नें अबज हमीद अहमद
बबन दाऊद से, उन्हों नें अली बबन याहहया
से, उन्हों नें सजवैद से, उन्हों नें यज़ीद बबन
िबीअ से, उन्हों नें अम्र बबन दीनाि से, उन्हों
नें ताऊस से, उन्हों नें इब्नें अब्बास से, कक
वह फ़िमाते हैं. कक
जर्स वक्त िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) असि की
नमाज़ पढ़ा चजके, आप (स.अ.व.) अपनें
दोनों पाए मजबािक से खड़े होगए औि
फ़िमाया: तजम में से र्ो मजझे औि मेिे
अहलेबैत को चाहता है. वह मेिा इत्तेबअ किे
यानी मेिे पीछे आए हम लोग उन्के पीछे
गए यहाँ तक कक फ़ाततमा (स.अ.) के घि

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पहजंचे िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें आहहस्ता से
दक्कजल बाब ककया हज़ित अली इब्नें अबी
तासलब (अ.स.) घि से बाहि आए उन्के हाथ
गीली समट्टी से भिे हजए थे.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें आप से फ़िमाया
अय अबल हसन! र्ो कल दे खा है वो लोगों
से बयान किो
अली (अ.स.) नें फ़िमाया!
हाँ या िसूलजल्लाह (स.अ.व.)! मेिे माँ बाप
आप पि कजबाुन हो र्ाएँ. नमाज़े ज़ोहि का
वक्त था मझ
ज े वजज़ू किनां था, मगि मेिे पास
पानी नहीं था, पस मैंनें अपनें दोनों बेटों
हसन (अ.स.) औि हजसैन (अ.स.) को पानीं
लेनें के सलये भेर्ा, पस उन्को मेिे पास आनें
में थोड़ी दे ि हजई इतनें में मैंनें एक आवाज़
सजनी र्ो मजझ से कह िहा. है अय अबल
हसन! अपने बाएँ र्ातनब दे खो. पस मैंनें
दे खा कक सोनें का एक प्याला लटक िहा है

HAZRAT ALI A.S… - 162 HAJINAJI.com


उसमें पानीं है र्ो बिफ़ से ज़्यादा सफ़ेद,
शहद से ज़्यादा मीठा औि उस से गजलाब के
फ़ूल की खजशबू आ िही है. पस मैंनें उस से
वज़
ज ू ककया औि उसमें से थोड़ा पीया उस्के
बाद उस पानीं में से मैंने एक कतिा अपनें
सि के ऊपि डाला पस उस पानीं की ठं ढक
अपनें हदल में महसूस की.
उस्के बाद िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें पूछा:
क्या तजम्हें मालूम है कक यह प्याला कहाँ से
आया है.
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) नें
फ़िमाया अल्लाह औि उस्का िसल
ू बेहति
र्ानते हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया ये प्याला
र्न्नत के प्यालों में से है, औि पानीं हव्ज़े
कौसि के पानीं में से है . औि वह एक क़तिा
र्ो तम्
ज हािे सि के ऊपि पड़ा वह अल्लाह के
अशु के नीचे का पानीं है.

HAZRAT ALI A.S… - 163 HAJINAJI.com


उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें अली
(अ.स.) को अपनें सीनें से लगाया औि दोनों
आखों के दिसमयान बोसा सलया औि आपनें
फ़िमाया अय मेिे हबीब! कल र्ब्रईल तजम्हािे
खाहदम थे, तजम्हािा मजक़ाम व मंज़ेलत
अल्लाह के नज़दीक बहजत अज़ीम है.54

गायतजल मिाम पेर्. 638, ह. 4, मदीनतजल


54

मआर्ीज़ पेर्. 96, ह. 254.

HAZRAT ALI A.S… - 164 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-43
शिीफ़ अबज र्अफ़ि मोहम्मद बबन अहमद
बबन मोहम्मद बबन ईसा अल अल्वी,
मोहम्मद बबन अहमद अल क़तीब से, नक्ल
किते हैं, उन्हों नें हम्माद बबन मेहिान से,
उन्हों नें अब्दल
ज अज़ीम बबन अजब्दल्लाह
अल हसनीं से, उन्हों नें मोहम्मद बबन अली
से, उन्हों नें मोहम्मद बबन कसीि से, उन्हों
नें इस्माईल बबन जज़याद अल बज़्ज़ाज़ से,
उन्हों नें अबी इदिीस से, उन्हों ने आएशा के
गजलाम िाफ़ेअ से, वह कते हैं.
मैं र्वान लड़का था औि आयेशा का गजलाम
था र्ब िसूलजल्लाह (स.अ.व.) आयेशा के
साथ होते तो मैं उन्की खखदमत किता.
एक हदन र्ब िसूलजल्लाह (स.अ.व.) आयेशा
के साथ बैठे थे, ककसी नें दिवाज़ा
खटखटाया, मैंनें दिवाज़ा खोला तो दे खा एक

HAZRAT ALI A.S… - 165 HAJINAJI.com


कनीज़ ढका हजआ पलेट सलये खड़ी है मैं
अंदि गया औि आयेशा को बताया उन्होंने
अंदि आने को कहा, वह कनीज़ अंदि आई
औि उस पलेट को आयेशा के सामनें िख
हदया, आयेशा नें उस्को िसूलजल्लाह (स.अ.व.)
के सामनें पेश कि हदया िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) नें उसमें से खानां शजरू ककया औि
वह कनीज़ चली गई.
उस्के बाद िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
काश अमीरुल मोमेनीन, सय्यदल
ज मजस्लेमीन
औि इमामजल मजत्तक़ीन मेिे साथ खाते.
आयेशा नें कहा: आप ककस के बािे में बातें
कि िहे हैं जर्स के पास इतनें सािे अलक़ाब
हैं?
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) खामोश िहे , कफि आप
नें उस बात की तकिाि की
तो आयेशा ने दोबािा पछ
ू ा: आप ककस के
बािे में बातें कििहे हैं जर्न के पास इतनें
HAZRAT ALI A.S… - 166 HAJINAJI.com
सािे अलक़ाब हैं? लेककन िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) नें कोई र्वाब नहीं हदया
इतनें में ककसी नें दिवाज़ा खटखटाया औि
मैने दिवाज़ा खोला. तो हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) थे मैं अंदि गया औि
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से बताया आप
(स.अ.व.) नें अंदि आनें केसलये कहा.
िसोलल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: अय
अबल हसन! तशिीफ़ लाएं मैं दो वक्त से
आप को याद कि िहा हूँ र्ब आप नहीं
आए तो मैंनें अल्लाह से दआ
ज की, कक उन्को
मेिे सलये भेर् दे . आप बैठ र्ाएँ औि मेिे
साथ खाएं.
अली (अ.स.) बैठ गए औि िसूलजल्लाह
(स.अ.) के साथ नोंश फ़िमाया.
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
अय अली अल्लाह तजम से र्ंग किनें वालों

HAZRAT ALI A.S… - 167 HAJINAJI.com


के साथ र्ंग किता है औि तजम्हािे दश्ज मनों
के साथ दश्ज मन है.
उस वक्त आयेशा नें कहा: उन्के साथ कौन
र्ंग किता है औि उनसे कौन दश्ज मनी किता
है?
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: तजम औि
तजम्हिे साथ िहनें वाले तजम ने उन्के साथ
र्ंग किना क़बल
ू ककया औि उन्हें मना नहीं
ककया िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें इस बात की
दो बाि तकिाि की.55
अल यकीन पेर् 61, गायतजल मिाम पेर्, 16,
55

ह. 18, कश्कजल गजम्माह जर्ल्द. 1, पेर्. 343,


तबिी अपनीं बेशाितजल मजस्तफा में पेर्. 165,
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 38, पेर्. 351, ह. 3,
समसबाहजल अन्वाि पेर्. 156.

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फ़ज़ीलत-44
हसन बबन हम्ज़ा, अली बबन मोहम्मद बबन
कजतैबाह से नक्ल किते हैं कक उन्हों नें
फ़ज़ल बबन शाज़ान से. उन्हों नें मोहम्मद
बबन जज़याद से, उन्हों नें र्मील बबन सालेह
से, उन्हों नें र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.)
उन्हों नें अपनें वपदिे बजज़जगव
ु ाि से उन्हों नें
अली बबन हजसैन (अ.स.) से, उन्हों नें हजसैन
बबन अली (अ.स.) से, कक वो फ़िमाते हैं.
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया है:
र्नाबे फ़ाततमा (स.अ.) मेिे हदल का खून है .
उन्के फ़िज़न्द उन्के बेटे मेिे हदल के फल हैं
उन्के शैहि मेिे हदल की ठं ढक हैं औि उन्के
तमाम फ़िज़न्द अइम्मा (अ.मज.स.) मेिे
पिविहदगाि के नजमाइंदे हैं औि वो अल्लाह
औि उस्की मखलूक़ के दिसमयान मज़बूत
िस्सी हैं जर्स ने इस िस्सी को मज़बूती से

HAZRAT ALI A.S… - 169 HAJINAJI.com


पकड़ सलया वह नर्ात पागया औि जर्स नें
छोड़ हदया वह हलाक हो गया.56
गायतजल मिाम पेर्. 46, ह. 57, ख्वािज़मी
56

अपनें मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1, पेर्. 59,


मनाककबे ज़मखशिी पेर्. 213, फ़िाएदजज स्समतैन
जर्ल्द. 2, पेर्. 66, ह. 390, यनाबीउल मव्दत
पेर्. 82, अल तिाऐफ़ पेर्. 117, ह. 180,
सेिातल मजस्तक़ीम जर्ल्द. 2, पेर्. 42, बेहारुल
अन्वाि जर्ल्द. 3, पेर्. 100, ह.16, अल
फ़ज़ाएल पेर्. 146, दोििे बहूि अल मानाककब
पेर्. 106, अल अिबईन पेर्. 14, एह्काकजल हक़
जर्ल्द. 13, पेर्. 79.

HAZRAT ALI A.S… - 170 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत 45:
अबज अजब्दल्लाह मोहम्मद बबन वहबान अल
साली, अहमद बबन अमान अल अमेिी से
नक्ल किते हैं, कक उन्हों नें अब्दल्
ज लाह बबन
अजब्दल्लाह बबन उत्बा बबन अजब्दल्लाह बबन
मसऊद से, उन्हों नें अपने वासलद से, उन्हों
नें अपनें दादा अब्दल्
ज लाह बबन मसउद से,
कक वह कते हैं.
मैंनें िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) से यह फ़िमाते
हजए सजना है: सूिर् के दो रुख होते हैं, एक
तिफ़ से आसमान वालों को िौशनी समलती
है औि दस
ू िी तिफ़ से ज़मीन वालों को
िौशनीं समलती है. उस्के दोनों तिफ़ सलखा
है. क्या तजम लोग र्ानते हो क्या सलखा है.
हम लोगों नें कहा अल्लाह औि उस्का िसूल
बेहति र्ानते हैं.

HAZRAT ALI A.S… - 171 HAJINAJI.com


िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: जर्स
तिफ़ से आसमान वालों को िौशनी समलती
है उस तिफ़ सलखा है . अल्लाह आसमान
औि ज़मीन का नूि है. (24:35). जर्स तिफ़
से ज़मीन वालों को िौशनी समलती है उस
तिफ़ सलखा है. अली (अ.स.) ज़मीन के नूि
हैं.57
57
बेहारुल अन्वाि र्ल्द. 27, पेर्. 9, ह. 21,
मदीनतजल मआजर्ज़ पेर्. 158, ह. 432.

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फ़ज़ीलत-46
अहमद बबन मोहम्मद बबन अय्यूब अल
हाकफ़ज़, अहमद बबन जज़याद से, नक्ल किते
हैं कक उन्हों नें अली बबन इब्राहीम से, उन्हों
नें अपने वासलद से, उन्हों नें िय्यान बबन
सल्त से, वह कहते हैं.
मैंनें हज़ित अली बबन मूसा अल िे ज़ा
(अ.स.) से फ़िमाते हजए सजना है. आप
(अ.स.) फ़िमाते हैं: कक.
मैंनें हज़ित मूसा बबन र्अफ़ि (अ.स.) से
फ़िमाते सजना है. कक वह (अ.स) फ़िमाते हैं
मैंनें हज़ित र्ाफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.) से
फ़िमाते सजना है वह (अ.स.) फ़िमाते हैं.
मैंनें हज़ित मोहम्मद बबन अली (अ.स.) से
फ़िमाते सजना है. वह (अ.स.) फ़िमाते हैं.
मैंनें हज़ित अली बबन हजसैन (अ.स.) से
फ़िमाते सजना है. वह (अ.स.) फ़िमाते हैं

HAZRAT ALI A.S… - 173 HAJINAJI.com


मैंनें हज़ित हजसैन बबन अली (अ.स.) से
फ़िमाते सजना है. वह (अ.स.) फ़िमाते हैं.
मैंनें हज़ित अमीरुल मोंमेंनीन (अ.स.) से
फ़िमाते सजना है. वह (अ.स.) फ़िमाते हैं
मैंनें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से फ़िमाते सजना
है. वह (अ.स.) फ़िमाते हैं.
मैंनें र्ब्रईल से कहते हजए सजना है वो
फ़िमाते हैं.
मैंनें अल्लाह से सजना है वह फ़िमाता है
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) मेिी
मखलकू के ऊपि मेिी हजज्र्त हैं. वह मेिी
ज़मीन पि मेिा नूि हैं औि मेिे इल्म के
मजहाकफज़ हैं र्ो उन्की मअिे फ़त िखता है .
उस्को र्हन्नम में नहीं डालँ ग
ू ा गिचे वह
मेिा गन
ज हगाि है. औि र्ो उन्का इनकाि
किता है. उस्को र्न्नत में नहीं र्ानें दं ग
ू ा
गिचे मेिी इताअत किे .58

HAZRAT ALI A.S… - 174 HAJINAJI.com


बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 116, ह. 91,
58

गायतजल मिाम पेर्. 512, ह. 19.

HAZRAT ALI A.S… - 175 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-47
अबज मोहम्मद इब्राहीम बबन मोहम्मद अल
मज़ािी अल खय्यात, मोहम्मद बबन र्अफ़िी
से, उन्हों नें अय्यूब बबन नूह से, उन्हों नें
अय्यूब बबन नूह से, उन्हों नें इब्नें महबूब
से, उन्हों नें अली बबन अल िय्यान से, उन्हों
नें मल्लाक बबन अतीय्या से, उन्हों नें
र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.) से, उन्हों नें
अपनें वपदिे बजर्जगव
ु ाि से, आप नें अली बबन
हजसैन (अ.स.) से, आप नें अपनें वासलदे
मजहतिम (अ.स.) से आप (अ.स.) फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.) नें हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) से फ़िमाया.
अय अबल
ज हसन! अगि तमाम मख्लक
ू ात के
ईमान औि उन्के आमाल को तिाज़ू के एक
पले में औि तजम्हािा एक हदन का अमल
तिाज़ू के दस
ू िे पले में िख्खा र्ाये तो

HAZRAT ALI A.S… - 176 HAJINAJI.com


तजम्हािा एक हदन का अमल तमाम
मख्लूक़ात के आमाल से वज़्नी है .
र्ंगे ओहद में, अल्लाह नें अपनें मोक़िुब
फ़रिश्तों के दिसमयान फ़ख्र व मब
ज ाहात
किता है, औि आसमान व ज़मीन के सातो
पदों को उठा हदया र्न्नत औि उसमें
जर्तनीं चीज़ें थीं सब तजमािे सलये चमक्नें
लगीं काइनात का िब तजम्हािे इस अमल से
िाज़ी है, औि अल्लाह नें तम
ज को उस हदन
वह र्ज़ा आता ककया, जर्स पि तमाम
अंबबया, िसूल, सस्दीकीन औि शोहदा के
सलये िश्क किनें का सबब बना है .59
गायतजल मिाम पेर्. 508, ह. 8, यानाबीऊल
59

मव्दह पेर्. 64, औि 127.

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फ़ज़ीलत-48
अहमद बबन मोहम्मद बबन सजलैमान, र्अफ़ि
बबन मोहम्मद से. नक्ल किते हैं कक उन्हों
नें यअकूब बबन यज़ीद से. उन्हों नें सफ़वान
बबन यहहया से उन्हों नें दाऊद बबन हसीन
से. उन्हों नें अम्र बबन ओर्ैना से. उन्हों नें
र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.) से उन्हों नें
अपनें वासलदे मोहतिम से. आप नें अली
बबन हजसैन (अ.स.) आप नें अपनें वासलदे
मोहतिम (अ.स.) से. कक आप (अ.स.)
फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
आय अली (अ.स.) तजम्हािी समसाल मेिी
उम्मत में मसीह ईसा इब्नें मियम र्ैसी है
उन्की कौम तीन फ़ीिकों तीन गगिोहों में बट
गई एक मोसमनों का गगिोह कक वह लोग
हवारियन
ू हैं. उन्का इत्तेबअ किने वाले, दस
ू िा
गगिोह उन्का दश्ज मन वो यहूदी हैं. तीसिा

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गगिोह उन्के सीलससले में गजलू (यानीं वो
कहते हैं कक वह अल्लाह के बेटे हैं) पस यह
दो दायेिए ईमान से बाहि तनकल गए.
उसी तिह मेिी उम्मत में तीन गगिोह हो
गए एक गगिोह तजम्हािा शीआ का है , औि
वह मोंमें नीन हैं. दस
ू िा गगिोह तजम्हािा दश्ज मन
है औि वह शक में है. तीसिा गगिोह है. र्ो
तम्
ज हािे बािे में गल
ज ू किता है (तम
ज को
अल्लाह कहता है) औि वह काफ़ीि हैं.
तजम अय अली! औि तजम्हािे शीआ औि र्ो
तजम्हािे शीओं को चाहते हैं र्न्नत में हैं.
तम्
ज हािा दश्ज मन औि र्ो गल
ज ू (तम
ज को,
अल्लाह कहता है) किता है वह र्हन्नम में
है.60
60
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द 25, पेर् 264, ह. 4,
ख्वािज़मी अपनीं मानाककब में पेर्. 226,
समसबाहजल अन्वाि पेर्. 23, यनाबबउल मव्दह
पेर्. 109.

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फ़ज़ीलत-49
हारून बबन मूसा, र्अफ़ि बबन अली अल
दक्काक से. नकल किते हैं कक उन्हों नें
हारिस बबन मोहम्मद से उन्हों नें सईद बबन
कसीि से, उन्हों नें मोहम्मद बबन हसन से
र्ो शल्कान के नाम से मशहूि हैं उन्हों नें
र्ाफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.) से, आप नें
अपनें वासलदे मोहतिम (अ.स.) से, उन्होंनें
र्ाबबि बबन अजब्दल्लाह अंसािी से, वह
फ़िमाते हैं.
मैंनें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से यह फ़िमाते
हजए सजना है. अंबबया औि सस्दीकीन में र्ो
सब से पहले र्न्नत में दाखखल होगा वो
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) हैं
उस्के बाद अबज दज्र्ाना खड़े हो गए औि
कहा या िसूलजल्लाह (स.अ.व.) क्या आप नें
हम से यह नहीं कहा है कक अल्लाह कता है

HAZRAT ALI A.S… - 180 HAJINAJI.com


र्ब तक आप र्न्नत में दाखखल नहीं हो
र्ाएं, अंबबया का दाखखल होना र्ाइज़ नहीं,
औि तमाम उम्मतों के सलये र्ाइज़ नहीं,
र्ब तक आप की उम्मत दाखखल न होर्ाए.
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: हाँ, मगि
तजम नें यह नहीं सजना है. कक जर्सके हाथों
में पिचम होता है वो सब से आगे होता है ,
औि अली (अ.स.) क़यामत के हदन पिचम
उठानें वाले होंगें र्ो मेिे आगे होंगें . वह मेिे
पिचम के मासलक हैं इससलए वो मजझसे
पहले र्न्नत में दाखखल होंगें वह पिचम के
साथ दाखखल होंगे औि मैं उन्के बिाबि ठीक
पीछे हूँगा.
उस्के बाद अली (अ.स.) उठे , खजशी से आप
(अ.स.) का चेहिा चमक िहा था औि आप
नें फ़िमाया अलहम्द ज सलल्लाह जर्सनें आप

HAZRAT ALI A.S… - 181 HAJINAJI.com


के ज़रिये मजझे ये शिफ़ अता ककया या
िसूलजल्लाह (स.अ.व.).61
ख्वािाज़मी अपनीं मानाककब में, पेर्. 227,
61

अल मोहतज़ि पेर् 97, समसबाहजल अन्वाि पेर्


111, गायतजल मिाम पेर्. 679, ह. 9, तफ़सीिे
फजिात अल कूफ़ी पेर्. 175, बेहारुल अन्वाि
जर्ल्द. 7, पेर्. 209, ह. 100, अल फ़ज़ाएल
पेर्. 31, शैख मजफ़ीद नें अल इख्तेसास में पेर्.
354, कश्कजल गजम्मह जर्ल्द. 1, पेर्. 312.

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फ़ज़ीलत-50:
अबज मोहमद हारून बबन मूसा अल
तलअकबिी अब्दल
ज अज़ीज़ बबन अजब्दल्लाह
से, उन्हों ने र्ाफ़ि बबन मोहम्मद से, उन्हों
नें अब्दल
ज किीम से, उन्होंनें कीमाज़ अल
अत्ताि से, उन्होंनें अबज क़मि से, उन्हों नें
अहमद बबन मोहम्मद बबन अल वलीद से,
उन्हों नें िबीअ बबन अल र्िाुह से, उन्होंनें
अअमश से, उन्होंनें अबी वाएल से, उन्हों नें
अब्दल्
ज लाह बबन मसऊद से, कक वह फ़िमाते
हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया है:
र्ब अल्लाह नें हज़ित आदम (अ.स.) को
पैदा ककया औि अपनीं रूह उन्के जर्स्म में
डाली आदम (अ.स.) को छींक आई कहा:
अलहम्दसज लल्लाह.

HAZRAT ALI A.S… - 183 HAJINAJI.com


उसी वक्त अल्लाह नें उन्के ऊपि एक वही
नाजज़ल की औि कहा: तजम नें मेिी हम्द की,
मेिे बन्दे मैं अपने इज़्ज़त व र्लाल की
क़सम खा के कहता हूँ अगि दो बंदे न
होते तो मैं तजम्हें पैदा न किता.
आदम (अ.स.) नें पूछा: मेिे अल्लाह वह
कौन हैं मजझ से?
अल्लाह नें कहा: हाँ, अय आदम (अ.स.)!
अपना सि उठाओ औि दे खो.
आदम (अ.स.) नें अपनें सि को उठाया औि
दे खा. कक अल्लाह के अशु के ऊपि इसतिह
सलखा है.
अल्लाह के ससवा कोई खजदा नहीं: मोहम्मद
(स.अ.व.) अल्लाह के िसूल हैं, आप नाबीये
िहमत हैं, औि अली (अ.स.) अल्लाह की
वाज़ेह दलील हैं. जर्सने अली (अ.स.) के
हक़ को पहचानां वह पाक व ताहहि है औि

HAZRAT ALI A.S… - 184 HAJINAJI.com


जर्सने उन्के हक़ का इनकाि ककया वह
लअनती व नाकाम है.
मेिे इज़्ज़त की क़सम! जर्सनें उन्की
इताअत की उस्को र्न्नत में दाखखल करूँगा
गिचे मेिी नाफ़ि मानीं ही की हो.
औि मेिे इज़्ज़त की क़सम! उस्को र्हन्नम
में डाल दं ग
ू ा जर्सनें उन्की नाफ़िमाँनीं की
चाहे मेिा इताअत गजज़ाि हो.

HAZRAT ALI A.S… - 185 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-51:
अबज अजब्दल्लाह हजसैन बबन अहमद बबन
मोहम्मद बबन अल अहूल बबन मोहम्महदयह
नक्ल किते हैं, कक उन्हों नें हजसैन बबन
र्अफ़ि से, उन्हों नें मोहम्मद बबन यअकूब
से, उन्हों नें मोहम्मद बबन ईसा से, उन्हों नें
नस्र बबन हम्माद से, उन्हों नें शोअबा बबन
अल हज्र्ार् से, उन्हों नें अय्यूब अल
सखततयानी से, उन्हों नें नाफ़ेअ से, उन्हों नें
उमि के बेटे से, वह कहते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
तजम में से जर्सको भी अल्लाह पि भिोसा
किनां हो उस्को चाहहए कक मेिे अहलेबैत
(अ.म.ज स.) से मजहब्बत किे , तजम में से
जर्सको भी र्हन्नम से बचना हो उसपि
वाजर्ब है कक मेिी इतित से मोहब्बत किे .
र्ो चाहता है कक उसे हहकमत समल र्ाए,

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उसे चाहहए कक मेिे अहलेबैत (अ.मज.स.) से
मोहब्बत किे औि जर्स की तमन्ना ये है
कक र्न्नत में बगैि हहस्साब व ककताब के
दाखखल हो र्ाए उसपि वाजर्ब है कक मेिे
अहलेबैत (अ.मज.स.) से मोहब्बत किे .
मैं अल्लाह की क़सम खा के कहता हूँ, र्ो
कोई भी मेिे अहलेबैत (अ.मज.स.) से मोहब्बत
किता है वह इस दन्ज या औि आखेित में
कासमयाब है.63
ख्वािाज़मी अपनी मनाककब में पेर् 227,
63

गायतजल मिाम पेर्. 7, ह. 16, यनाबीउल


मव्दह पेर्. 11, समसबाहजल अन्वाि पेर्. 94,
तबिी नें अपनी बेशाितजल मजस्तफ़ा में पेर्. 68,
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 68, पेर्. 130, ह. 61,
तावीलल आयात पेर्. 47, ह. 22, अल फ़ज़ाएल
पेर्. 152, ह. 79, एहक़ाकजल हक्क जर्ल्द. 4,
पेर्. 144, अिबईन पेर्. 27, दिज ि बहि अल
मनाककब पेर्. 120, अिर्हजल मतासलब पेर्.

HAZRAT ALI A.S… - 187 HAJINAJI.com


29. 63बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 116, ह.
92, गायतजल मिाम पेर्. 586, ह. 83,
ख्वािज़मी अपनें मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1,
पेर्. 59, फ़िाएदजज स्सम्तैन जर्ल्द. 2, ह. 551,
पेर्. 249, अल ऐअतेक़ाद पेर्. 296, यनाबीउल
मव्दह पेर्. 263.

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फ़ज़ीलत-52:
मोहम्मद बबन एमाद अल तजस्तिी, मोहम्मद
बबन अहमद बबन इदिीस से. नक्ल किते हैं,
कक उन्हों नें मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह अल
अस्बहानी से. उन्हों नें अपनें वासलद से.
उन्हों नें हासशम से. उन्हों नें यजनजस बबन
उबैद से. उन्हों नें हसन अल बसिी से. उन्हों
नें अब्दल्
ज लाह से. कक वह कहते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
क़यामत के हदन हज़ित अली इब्ने अबी
तासलब (अ.स.) “कफ़िदौस, (एक पहाड़ है र्ो
र्न्नत से ऊंचा है) के ऊपि तशिीफ़ फिमाँ
होंगे अल्लाह का अशु उस पहाड़ के ऊपि है
र्न्नत की नहिें उसी के पास से तनकली हैं
औि र्न्नत के बाग में बह िही होंगीं.
अली (अ.स.) निू से बनी कजसी पि बैठे होंगे
औि उन्के सामने से नहिे तस्नीम बह िही
होगी. ककसी एक को भी ससिात से गजज़नें

HAZRAT ALI A.S… - 189 HAJINAJI.com


की इर्ाज़त नहीं होगी मगि ये कक जर्स के
पास अली (अ.स.) की ववलायत औि उन्की
आले पाक की ववलायत का पिवाना होगा.
आप (अ.स.) की नज़ि र्न्नत के ऊपि होगी
उस में ससफु आप के चाहने वाले ही
दाखखल होंगे औि आप (अ.स.) की नज़ि
र्हन्नम के ऊपि होगी उसमे ससफु आप के
दश्ज मन ही दाखखल होंगे.64
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 116, ह. 93,
64

गायतजल मिाम पेर्. 207, ह. 12, ख्वािज़मी


अपनीं मनाककब में पेर्. 31, ख्वािज़मी अपनी
मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1, पेर्. 39, कश्कजल
गजम्मह जर्ल्द. 1, पेर्. 103, इिशादल
ज कोलूब
पेर्. 235, िार्ेह अल मतासलब पेर्. 550,
फ़िएदजज स्सम्तैन जर्ल्द. 1, पेर्. 292, ह. 230,
अल मनाककब अल मूतज़
ु वीय्यह पेर्. 105,
यनाबीउल मव्दह पेर्. 86, समस्बाहजल अन्वाि

HAZRAT ALI A.S… - 190 HAJINAJI.com


पेर्. 60, मनाककबे इब्नें शहिे आशोब जर्ल्द. 2,
पेर्. 7, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 39, पेर्. 202.

HAZRAT ALI A.S… - 191 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-53:

अबू मोहम्मद हारून बबन मूसा, मोहम्मद


बबन हजसैन अल खसअमी से. नक्ल किते हैं
कक उन्हों नें अली बबन काअब इम्ला से.
उन्हों नें हजसैन बबन साबबत अल र्म्माल से.
उन्हों नें अपने वासलद से. उन्हों नें अअमश
से. उन्हों नें शफ़ीक़ बबन मजसलमा से. उन्हों
नें हजज़ैफ़ा बबन अल यमानी से. वह कहते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) खड़े हजए औि हज़ित
अली इब्नें अबब तासलब (अ.स.) के दोनों
आखों के दिसमयान बोसा सलया औि
फ़िमाया:

अय अबजल हसन! तजम मेिे आज़ाए जर्स्म


का र्जज़ हो मेिे बदन का हहस्सा हो तजम
र्हां र्ाते हो वहाँ मैं र्ाता हूँ तम्
ज हे र्न्नत
में शफ़ाअत का दर्ाु हाससल है. तजम्हें औि

HAZRAT ALI A.S… - 192 HAJINAJI.com


तजम्हािे शीओं के सलये मजसिुत औि खजश्यां
हैं.65
65
गायतजल मिाम पेर्. 586, ह. 84.

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फ़ज़ीलत-54:
सहल बबन अहमद अल दीबार्ी, मोहम्मद
बबन मोहम्मद बबन अल अशअस से,
इसतिह नक्ल किते हैं कक उन्हों नें मूसा
बबन इस्माईल से. उन्हों नें अपनें वासलद
इस्माईल बबन मूसा से. उन्हों नें अपनें
वासलदे मोहतिम मूसा बबन र्अफ़ि (अ.स.)
से, उन्हों नें अपने वासलदे मोहतिम से, उन्हों
नें र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.) से, उन्हों
नें अपने वासलदे मोहतिम मोहम्मद बबन
अली (अ.स.) से उन्हों अपनें वासलदे
मोहतिम अली बबन हजसैन (अ.स.) से, उन्हों
नें अपनें वासलदे मोहतिम हजसैन बबन अली
(अ.स.) से, आप फ़िमाते हैं:
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: मैं र्न्नत
में दाखखल हजवा तो उस्के दिवाज़े पि नूि से
इसतिह सलखा हजआ दे खा

HAZRAT ALI A.S… - 194 HAJINAJI.com


कोई खजदा नहीं ससवाए अल्लाह के.
मोहम्मद (स.अ.व.) अल्लाह के िसूल हैं.
अली (अ.स.) अल्लाह के वली हैं.
फ़ाततमा (स.अ.) अल्लाह की मजन्तखब
कनीज़ हैं.
हसन औि हजसैन (अ.मज.स.) अल्लाह के
मन्
ज तखब किदह हैं.
उन्के चाहनें वालों पि अल्लाह की िहमत हो
औि उनसे नफ़ित किने वालों पि अल्लाह
की लअनत हो.66
गायतजल मिाम पेर्. 586, ह. 82, मदीनतजल
66

मआजर्ज़ पेर्. 149, ह. 415, कन्र्जल उम्माल


पेर्. 63, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 228,
ह. 31, िवज़तजल र्न्नत जर्ल्द. 6, पेर्. 181,
शैखे सदक
ू अपनी खेसाल में जर्ल्द.1, पेर्.
323, ह. 10, शैख तूसी नें आमाली में जर्ल्द. 1,
पेर्. 365, ह. 77, ख्वािज़मी अपनी मनाककब में
पेर्. 214, फ़िाएदजज स्समतैन जर्ल्द. 2, पेर्. 73,

HAZRAT ALI A.S… - 195 HAJINAJI.com


ह. 396, लेसान अल मीज़ान जर्ल्द. 5, पेर्.
70, केफ़ायतजल तासलब पेर्. 423, अल सेिातल
मजस्तकीम जर्ल्द. 2, पेर्. 75, ह. 4, कश्कजल
गजम्मह जर्ल्द. 1, पेर्. 94, अल तिाएफ़ पेर्.
64, ह. 65, मीज़ानजल एतेदाल जर्ल्द.2, पेर्.
217, समफ़ताहजल नर्ात पेर्. 15, दोिरुि बहि
अल मानाककब पेर्. 31, ख्वािज़मी अपनीं
मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1, पेर्. 18

HAZRAT ALI A.S… - 196 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-55:
मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह बबन अजब्दल्लाह
अल हाकफ़ज़ अल हाकफ़ज़, र्अफ़ि बबन अली
अल दक्काक, से उन्हों नें अब्दल्
ज लाह बबन
मोहम्मद अल काततब से, उन्हों नें सजलैमान
बबन अल िबी, उन्हों नें नस्र बबन मजज़ाहहम
से. उन्हों नें अली बबन अजब्दल्लाह से, उन्हों
ने अशअस से. उन्हों नें ज़जमिा से. उन्हों नें
अबजज़ि से. कक वह फ़िमाते हैं.
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब की तिफ़ नज़ि किके फ़िमाया:
वह आसमान व ज़मीन औि उसमें िहनें
वाले तमाम अव्वलीन व आखिीन से बेहति
हैं. वह सच्चों के सिदाि हैं. वसीयों की
ज़ीनत हैं. वह मजत्तककयों के इमाम हैं. औि
वह मोसमनों के सिदाि हैं.

HAZRAT ALI A.S… - 197 HAJINAJI.com


क़यामत के हदन अली (अ.स.) र्न्नत के
ऊंटों में से एक ऊँट पि सवाि होंगें औि ऊँट
के निू से तमाम मैदानें क़यामत िौशन
होगा.
आप (अ.स.) के सिे मजबािक पि ज़बिर्द
औि याकूत से बना हजआ तार् होगा. उस
वक्त फ़रिश्ते कहें गें, की यह मलके मजक़िुब
है औि अंबबया कहे गें कक यह नबी हैं. उस
के बाद अशु के अंदि से मजनादी नेदा दे गा
यह सस्दीक़े अकबि हैं. यह हबीबजल्लाह के
वसी हैं यह हज़ित अली इब्नें अबी तासलब
(अ.स.) हैं
अली (अ.स.) र्हन्नम के पजश्त पि खड़े होंगे
पस अपने चाहनें वालों को र्हन्नम में र्ानें
से बचा लेंगें औि अपने दश्ज मनों को र्हन्नम
में डाल दे गें
उस्के बाद अली (अ.स.) र्न्नत के दिवाज़े
की तिफ़ आएंगें औि अपनें चाहने वालों

HAZRAT ALI A.S… - 198 HAJINAJI.com


औि अपनें शीओं को जर्स दिवाज़े से चाहें गें
बगैि हहसाब ककताब दाखखल कि दें गें.67
गायतजल मिाम पेर्. 46, ह. 56, बेहारुल
67

अन्वाि जर्ल्द. 26, पेर्. 316, ह. 81,

HAZRAT ALI A.S… - 199 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-56:
अबज हसन मोहम्मद बबन र्अफ़ि अल
नहवी, अपनें वासलद से. नक्ल किते हैं, कक
उन्हों नें मोहम्मद बबन हसन बबन अली
अल क़ज़वीनी से. उन्हों नें अहमद बबन
दाऊद से, उन्हों नें मोहम्मद बबन सालेह से,
उन्हों नें अब्बास बबन िबीअ से, उन्हों नें
इस्मा बबन इस्माईल से, उन्हों नें अबज
मअशि से, उन्हों नें अबज हजिैिा से, कक वह
कहते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
मेअिार् की िात अशु के नीचे मैंनें एक
आवाज़ सजनी:
“ अली (अ.स.) हहदायत की तनशानी हैं औि
वह मेिे हबीब के वसी हैं पस र्ो कजछ
आसमान से नाजज़ल हजआ है उसे पहजँचा दो,

HAZRAT ALI A.S… - 200 HAJINAJI.com


र्ब मैं आसमान से नीचे आया तो अल्लाह
नें मेिी याद दहानीं के सलये इस आयत को
नाजज़ल ककया.
“ अय िसूल आप उस हजक्म को पहजंचा दें र्ो
आप के पिविहदगाि की तिफ़ से नाजज़ल
ककया गया है , औि अगि आप नें यह ना
ककया, तो गोया उस्के पैगाम को नहीं
पहजचाया” (5:67).68
गायतजल मिाम पेर्. 207, ह. 13, मदीनतजल
68

मआजर्ज़ पेर्. 160, ह. 405, समस्बाहजल अन्वाि


पेर्. 49, शवाहे दत
ज तन्ज़ील जर्ल्द. 1, पेर्. 187,
ह. 242.

HAZRAT ALI A.S… - 201 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-57:
काज़ी मोआफ़ी बबन ज़करिया, मोहम्मद बबन
माज़ीद से नक्ल किते हैं कक उन्हों नें अबज
कजिै ब मोहम्मद बबन अल अला से, उन्हों नें
इस्माईल बबन सबीह से, उन्हों नें अबज यूनजस
से, उन्हों नें मोहम्मद बबन अल मजन्कहदि से,
उन्हों नें र्ाबबि बबन अब्दल्
ज लाहे अंसािी से
कक वह फ़िमाते हैं :
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) से फ़िमाया;
क्या तजम इस बात से िाज़ी नहीं हो कक
तजम्हािा मतुबह मेिे नज़दीक वही है र्ो
हारून का मूसा (अ.स.) के नज़दीक ससवाए
ये कक मेिे बाद कोई नबी नहीीँ है. औि अगि
होते तो वो तजम होते.69
गायतजल मिाम पेर्. 119, ह. 74, कन्ज़जल
69

उम्माल पेर्. 282, बोगायतजल वजअत पेर्. 452,

HAZRAT ALI A.S… - 202 HAJINAJI.com


खाततब अपनीं तािीखे बजगदाद में जर्ल्द. 3, पेर्.
288, तािीखे दसमश्क़ जर्ल्द. 1, पेर्. 346, ह.
427, शैख तूसी नें आमाली में जर्ल्द. 2 पेर्.
211, ह. 15, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 37, पेर्.
255, ह. 5. इस्बातजल होदात जर्ल्द. 3, पेर्.
452, ह. 464, अिबईन पेर्. 39,
फ़िाएदजज स्समतैन जर्ल्द.1 पेर्. 123, ह. 86,
ज़य्ल अल अयाली पेर्. 59, लेसानजल मीज़ान
जर्ल्द. 5, ह. 378, तिाएफ़ पेर्. 51, अिर्हजल
मतासलब पेर्. 431, एहक़ाकजल हक्क़ जर्ल्द. 16,
पेर्. 86. ख्वािज़मीअपनें मक्तले हजसैन में
जर्ल्द. 1, पेर्. 48.

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फ़ज़ीलत-58:
अबज मोहम्मद हसन बबन अली बबन
अजब्दल्लाह अल अलवी अल तबिी, अहमद
बबन मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह से नक्ल
किते हैं कक उन्हों नें अपनें दादा अहमद
बबन मोहम्मद से, उन्हों नें अपने वासलद से,
उन्हों नें हम्माद बबन ईसा से, उन्हों नें अम्र
बबन ओर्ैना से, उन्हों नें अबान बबन अबी
अय्याश से, उन्हों नें सल
ज ैम बबन कैस अल
हे लाली से, उन्हों नें सलमान अल मोहम्मदी
से, कक वह फ़िमाते हैं:
मैं िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के पास गया तो
हजसैन (अ.स.) को उन्की गोद में दे खा.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) हजसैन (अ.स.) के
पेशानीं का अपनें होंठों से बोसा दे िहे हैं
औि फ़िमािहे हैं:

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तजम सिदाि हो सिदाि के फ़िज़न्द हो, औि
सिदाि के वासलद हो, तजम इमाम हो इमाम
के बेटे हो अइम्मा के वासलद हो, अल्लाह की
िौशन तनशानी के फ़िज़न्द हो औि अल्लाह
की वाज़ेह नीशानीं के वासलद हो, औि नौ
क़ाएम (अ.म.ज स.) तजम ही से हैं.70
70
गायतजल मिाम पेर्. 46, ह. 59, ख्वािज़मी
अपनी मक्तले हजसैन में जर्ल्द.1, पेर्. 164,
हहल्यतजल अबिाि जर्ल्द. 2, पेर्. 720, ह. 128,
अि तिाएफ़ पेर्. 174, ह. 272, अल ससिात
अल मजस्तकीम जर्ल्द. 2, पेर्. 119, अल इमाम
वल तबसेिाह पेर्. 110, इक्मालज्दीन जर्ल्द. 1,
पेर्. 272, ह. 9, ओयूनें अख्बािे िे ज़ा जर्ल्द. 1,
पेर्. 52, ह. 17, अल खेसाल पेर्. 475, ह. 38,
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 36, पेर्. 241, ह. 47,
केफ़ायतजल असि पेर्. 45, मव्दत अल कजिबा
पेर्. 95, अल मनाककब अल मजितज़वीय्यह पेर्.

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129, यानाबीयजल मव्दह पेर्. 168, अिर्ाहजल
मतासलब पेर्. 448, एहक़ाकजल हक़ जर्ल्द. 13,
पेर्. 71, कश्कजल गजम्मह जर्ल्द. 3, पेर्. 298,
अल इन्साफ़ पेर्. 164, ह. 172.

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फ़ज़ीलत-59:
अबजल क़ाससम उबैदल्
ज लाह बबन हसन बबन
मोहम्मद अल सजकजनी, हसन बबन मोहम्मद
अल बबजर्ल्ली, उन्हों नें अहमद बबन यहहया
बबन हजसैन बबन ज़ैद बबन अली से, उन्हों नें
अपनें वासलद से उन्हों नें अपनें दादा हजसैन
बबन ज़ैद से, वह कहते हैं
इमाम र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.) नें
फ़िमाया: मेिे वासलद नें मझ
ज से, उन्हों ने
अपनें वासलद से, उन्हों नें इमाम हजसैन बबन
अली (अ.स.) से, उन्हों नें अपनें वासलद
अमीरुल मोमें नींन (अ.स.) से, कक वो
फ़िमाते हैं.
र्ो यह न कहे कक चाि खोलफ़ा में से मैं
चौथा हूँ पस उसपि अल्लाह की लअनत हो
उस वक्त हजसैन बबन ज़ैद नें इमाम र्अफ़ि
बबन मोहम्मद (अ.स.) से कहा मगि आप

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कहते हैं कक वह नबी (स.अ.व.) के पहले
खलीफ़ा हैं. तो क्या यह आप झूठ नहीं बोल
िहे हैं.
इमाम र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.) नें
फ़िमाया: हाँ. अल्लाह कजिान में फ़िमाता है :
र्ब आप के पिविहदगाि नें फ़रिश्तों से कहा
कक मैं ज़मीन पि एक खलीफ़ह बनानें वाला
हूँ (2:30) वह आदम (अ.स.) थे. अल्लाह के
पहले खलीफ़ह, औि अल्लाह कजिान में
फ़िमाता है. अय दाऊद! हम नें तजम को
ज़मीन में अपना र्ानशीन बनाया है .
(38:26). इससलए दाउद (अ.स.) दस
ू िे
खलीफ़ह हैं. औि अल्लाह कजिान में फ़िमाता
है: मूसा (अ.स.) नें हारून (अ.स.) से कहा
मैं अपनीं कौम में तजम को अपना खलीफ़ह
बनाता हूँ तजम कौम की इसलाह किो
इससलए हारून (अ.स.) तीसिे खलीफ़ह हजए.
औि अली (अ.स.), मोहम्मद (स.अ.व.) के

HAZRAT ALI A.S… - 208 HAJINAJI.com


खलीफ़ह हैं. इसी सलये अली (अ.स.) नें कहा
है. कक अल्लाह की लअनत हो उसपि र्ो
यह न कहे कक अल्लाह के चाि खोलफ़ा में
से चौथे हैं.71
गायतजल मिाम पेर्. 69, ह. 19, अल बजिहान
71

जर्ल्द. 1, पेर्. 75, ह. 13, मदीनतजल मआजर्ज़


पेर्. 160, मानाककब इब्नें शहिे आशोब जर्ल्द.
2, पेर्. 261, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 38, पेर्.
153, ह. 127.

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फ़ज़ीलत-60:
अबज हफ्जस उमि बबन इब्राहीम बबन अहमद
बबन कसीि अल मक़िी, अब्दल्
ज लाह बबन
मोहम्मद बबन अजब्दल अज़ीज़ अल बगवी
से, उन्हों नें अब्दल्
ज लाह बबन उमि से, उन्हों
नें अब्दल
ज मासलक बबन उमैि से, उन्हों नें
सलीम अल बज़ाज़ से, उन्हों नें अबज हजिैिा
से, वह कहते हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया हज़ित
अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.), फ़ाततमा
(स.अ.), हसन (अ.स.), औि हजसैन (अ.स.)
मेिी उम्मत में सब से अफ़ज़ल हैं र्ो इनकी
मख
ज ालफ़त में बोले उसपि अल्लाह की
लअनतहो.72
गायतजल मिाम पेर्. 450, ह. 16, कन्ज़जल
72

उम्माल पेर्. 63, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27,

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पेर्. 228, ह. 31, िवज़तजल र्न्नत जर्ल्द. 6,
ह. 181.

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फ़ज़ीलत-61:
अबजल तैय्यब मोहम्मद बबन हजसैन अल
तैमली, अली बबन अब्बास से, नक्ल किते
हैं, कक उन्हों नें बक्काि बबन अहमद से,
उन्हों नें नस्र बबन मजज़ाहहम से, उन्हों नें
जज़याद बबन मजजन्ज़ि से, उन्हों नें मजजन्ज़ि से,
उन्हों नें सलमान फ़ािसी से कक वह फ़िमाते
हैं.
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया अय
सलमान! र्ो भी मेिी बेटी फ़ाततमा (स.अ.)
के साथ मजहब्बत किता है. वह र्न्नत में
मेिे साथ िहे गा, औि र्ो कोई उन्के साथ
दश्ज मनी किता है. वह र्हन्नम में िहे गा.
अय सलमान! र्नाबे फ़ाततमा (स.अ.) से
मजहब्बत 100 मजजश्कल र्गहों पि काम
आएगी उनमें से सब से छोटी मजजश्कल मैत
के वक्त, कब्र में , मीज़ान पि, महशि में, पजले

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ससिात पि, आमाल नामा दे खाते वक्त,
हहसाब के वक्त, उससे मैं िाज़ी हूँ जर्ससे
मेिी बेटी िाज़ी है औि जर्ससे मैं िाज़ी हूँ
उस से अल्लाह िाज़ी है .
जर्स से फ़ाततमा (स.अ.) नािाज़ हैं उससे मैं
नािाज़ हूँ जर्स से मैं नािाज़ हूँ उससे
अल्लाह नािाज़ है.
अय सलमान! वाय हो उसपि जर्सने उनपि
औि उन्के शौहि अमीरुल मोमेनीन (अ.स.)
के ऊपि ज़जल्म ककया, लअनत हो उस पि
जर्सनें उन्के शीओं औि उन्की आल पि
ज़जल्म ककया.73
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्, 116, ह. 49,
73

गायतजल मिाम पेर्. 18, ह. 17, ख्वािज़मी नें


अपनें मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1, पेर्. 59,
यनाबीयजल मव्दह पेर्. 263, मव्दतजल कजिबा
पेर्. 116, एहक़ाकजल हक्क़ जर्ल्द. 10, पेर्.
166.

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फ़ज़ीलत-66:
अबजल हसन अहमद बबन अल हसन अल
ज़हाक़ अल िाज़ी, हमज़ा बबन अजब्दल्लाह
अल मालेकी से नकल किते हैं कक उन्हों नें
अब्दल्
ज लाह बबन मोहम्मद िसमवैह से, उन्हों
नें इब्नें हिमा से उन्हों नें अनस बबन
मासलक से, कक वह कहते हैं
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें मझ
ज से अपना
खच्चि तैय्याि किनें के सलये कहा मैंनें
तैय्याि ककया उस्के बाद िसूलजल्लाह
(स.अ.व.) उस पि सवाि हजए औि मैं उन्के
पीछे चलनें लगा र्ब आप (स.अ.व.)
अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) के घि पहजंचे तो
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें मजझसे अली (अ.स.)
के खच्चि को तैय्याि किनें के सलये कहा
मैनें तैय्याि ककया िसल
ू जल्लाह (स.अ.व.) औि
अली (अ.स.) दोनों सवाि होगए औि मैं
उन्के पीछे पीछे चलनें लगा यहाँ तक कक

HAZRAT ALI A.S… - 214 HAJINAJI.com


वह एक ख़ूबसूित ज़मीन के हहस्से पि
पहजंच,े उस्के बाद एक सफ़ेद बादल उन्के
ऊपि साया कि सलया उस्के बाद मैं उन्के
नज़दीक गया तो एक बलंद आवाज़ सन
ज ी:
अस्सलामो अलयकजमा व िहमतजल्लाहे व
बिकातोह.
उनलोगों नें सलाम का र्वाब हदया कक
इतने में र्नाबे र्ब्रईल तशिीफ़ लाए औि
उस्के बाद मजझे उन लोगों को दे खनें की
ताक़त नहीं थी, र्ब र्ब्रईल चलेगए, मैंनें
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) को दे खा कक वह अली
(अ.स.) को बजला िहे हैं.
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें अली (अ.स.) को
एक सेब हदया जर्सके ऊपि ये र्जमला सलखा
हजआ था: यह अल्लाह अज़ज़ व र्ल की
तिफ़ से आप के वली हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) के सलये एक तोहफ़ह
है.74

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मदीनतजल मआर्ीज़ पेर्. 61 ह. 132.
74

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फ़ज़ीलत-63:
अबज अजब्दह अहमद बबन मोहम्मद बबन अल
हसन बबन अय्यूब, अल हाकफ़ज़ अबज अली
अहमद बबन मोहम्मद बबन र्अफ़ि अल
सौली से, नक्ल किते हैं उन्हों नें मोहम्मद
बबन हजसैन से, उन्हों नें हफ्जस बबन उमि से,
उन्हों नें अबज मोआवीया से, उन्हों नें अबज
वाएल से, उन्हों नें उमि के लड़के अब्दल्
ज लाह
से, वह कहते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया.
र्ब्रईल नें मझ
ज से कहा है कक अली (अ.स.)
खैरुल बशि. अली (अ.स.) तमाम इंसानों में
सब बेहति हैं. इस बात से र्ो इनकाि किे
वह काकफ़ि है .75
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 26, पेर्. 366, ह. 66,
75

गायतजल मिाम पेर्. 410, ह. 15, अमासलये


सदक
ू पेर्. 71, ह. 7, ओयजने अख्बािे िे ज़ा

HAZRAT ALI A.S… - 217 HAJINAJI.com


जर्ल्द. 2, पेर्. 59, ह. 225, फ़िएदजज स्समतैन
जर्ल्द. 1, पेर्. 154, ह. 116, तािीखजल बग़दाद
जर्ल्द. 3, पेर्. 192, तहज़ीबजल तहज़ीब जर्ल्द.
9, पेर्. 419, कन्र्जल उम्माल जर्ल्द. 12, पेर्.
221, ह. 1286, केफ़ायतजल तासलब ह. 245,
समफ़ताहजल नर्ात पेर्. 49, इस्बातजल होदात
जर्ल्द. 3, पेर्. 634, ह. 867, अमासलये सदक

पेर्. 71, ह. 6, आमासलये तूसी पेर्. 213,
नवाहदरुल असि फ़ी अली खय्यरुल बशि पेर्.
23-42 तािीखजल बगदाद जर्ल्द. 7, पेर्. 421,
अल मजन्तखब जर्ल्द. 5, पेर्. 35, अल फ़ज़ाएल
अहमद बबन हम्बल पेर्. 46, ह. 72, सेिातजल
मजस्तक़ीम जर्ल्द. 2 पेर्. 70, तर्हीज़ अल र्ैश
पेर्. 308, लेसानजल मीज़ान जर्ल्द. 3, पेर् 166,
समस्बाहजल अन्वाि पेर्. 138, अल
रियाज़जन्नज़िाह जर्ल्द. 2, ह. 220.

HAZRAT ALI A.S… - 218 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-64:
हसन बबन अहमद बबन सख्तवय्ह अल
मजर्ावेि, मोहम्मद बबन अहमद अल बगदादी
नक्ल किते हैं कक उन्हों नें ईसा बबन
मेहिान से, उन्हों नें याहहया बबन अजब्दल
हमीद अल हमानी से, उन्हों नें कैस बबन
िबीअ से उन्हों नें आअमश से, उन्हों नें अबी
वाएल से, उन्हों नें अब्दल्
ज लाह बबन मसउद
से, वह कहते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
आसमान में िहनें वालों में सब से पहले
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) को
भाई की तिह लेने वालों में र्ो हैं. वह
ईस्राफ़ील हैं. उन्के बाद मीकाईल, उन्के बाद
र्ब्रईल. आसमान के िहनें वालों में सब से
पहले मोहब्बत किने वाले वह हैं. र्ो
आसमान को उठाए हजए हैं. उन्के बाद

HAZRAT ALI A.S… - 219 HAJINAJI.com


रिज़वान. र्न्नत के तनगहबान, उस्के बाद
मलकजल मौत. मौत के फ़रिश्ते. जर्स तिह
अंबबया के साथ निमी से पेश आते हैं. उसी
तिह अली (अ.स.) के चाहने वालों के साथ
निमी से पेश आते हैं.76
ख्वािज़मी
76
अपनीं मानाककब में पेर्. 31,
ख्वािज़मी अपनें मकतल में जर्द. 1, पेर्. 30,
मानाककब शहिे आशोब जर्ल्द. 2, पेर्. 32,
यनाबीउल मव्दह पेर्. 133, कशकजल गजम्मह
जर्ल्द. 1, पेर्. 103, गायतजल मिाम पेर्. 580,
ह. 26, समसबाहजल अन्वाि पेर्. 61, बेहारुल
अन्वाि जर्ल्द. 38, पेर्. 335, ह. 10, एहक़ाकजल
हक्क़ जर्ल्द. 6, पेर्. 111.

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फ़ज़ीलत-65:
तल्हा बबन अहमद बबन मोहम्मद बबन
ज़करिया अल तनशापूिी सनाह बबन
अजब्दिुहमान बबन अली बबन अजब्दल्लाह
बबन अजब्दल हमीद से, उन्हों नें हासशम बबन
बशीि से, उन्हों नें शोअबा बबन अल हज्र्ार्
से, उन्हों नें अली बबन साबबत से, उन्हों नें
अबी सईद खद
ज िी से, उन्हों नें इब्नें अब्बास
से. कक वह फ़िमाते हैं. कक
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से फ़िमाते हजए सजना
है. कक मेअिार् की िात आप (स.अ.व.)
र्न्नत में दाखखल हजए औि एक नूि दे खा
र्ो चमक िहा था. तो आप (स.अ.व.) नें
र्ब्रईल से उस्के बािे में पूछा:
र्ब्रईल नें कहा अय मोहम्मद (स.अ.व.)!
यह नूि न सूिर् से है औि न चाँद से यह
निू हज़ित अली (अ.स.) की एक कनीज़ से
है. वह अपनें महल से बाहि आई औि
HAZRAT ALI A.S… - 221 HAJINAJI.com
तजम्हािी तिफ़ दे खा औि मजस्कजिाई. र्ो नूि
तजम दे ख िहे हो वह उस्की दाँतों से है. औि
वह र्न्नत में चक्कि लगाता है . र्ब तक
कक अमीरुल मोमें नीं हज़ित अल इब्ने अबी
तासलब (अ.स.) र्न्नत में दाखखल न हो
र्ाएँ.77
गायतजल मिाम पेर्. 18, ह. 18, अल यक़ीन
77

पेर्. 61, ख्वािज़मी अपनी मानाककब में पेर्.


227, औि मक़तल में पेर्. 39, केफ़ायतजल
तासलब पेर्. 321, इस्बातजल होदात जर्ल्द. 4,
पेर्. 64. ह. 482, अल मोहतज़ि पेर्. 99.

HAZRAT ALI A.S… - 222 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-66:
अबज अजब्दल्लाह हजसैन बबन मोहम्मद बबन
इस्हाक बबन अबी खत्ताब अल ससय्यजती,
इस्माईलबबन अली अल दे अबली नक्ल किते
हैं कक उन्होंने अपने वासलद से, उन्हों नें
अली बबन मूसा िे ज़ा (अ.स.) से, उन्हों नें
अपनें वासलदे मोहतिम
र्अफ़ि बबन मोहम्मद (अ.स.) से, उन्हों नें
अपनें वासलदे मोहतिम (अ.स.) से, उन्हों नें
अली बबन हजसैन (अ.स.) से. उन्हों नें अपनें
वासलदे मोहतिम (अ.स.) से, कक वह
फ़िमाते हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) से फ़िमाया अय अली!
तम
ज खैरुल बशि हो तजम इन्स्सनों में सब से
अफ़ज़ल हो इसमें कोई शक नहीं किता
मगि यह कक काकफि.78

HAZRAT ALI A.S… - 223 HAJINAJI.com


बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 26, पेर्. 306, ह. 67,
78

गायतजल मिाम पेर्. 450, ह. 17.

HAZRAT ALI A.S… - 224 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-67:
अल शिीफ़ अल नक़ीब अबज मोहम्मद अल
हसन बबन मोहम्मद अल अलवी अल हजसैनी
मोहम्मद बबन ज़करिया से, नक्ल किते हैं
कक उन्हों नें अब्बास बबन बक्काि से, उन्हों
नें अबज बकि होज़ली से, उन्हों नें इकिाम
से,उन्हों नें इब्नें अब्बास से, कक वह कहते
हैं. कक
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें अब्दल
ज िहमान बबन
औफ़ से फ़िमाया:
अय अब्दल
ज िहमान! तजम लोग मेिे सहाबी
हो लेककन हज़ित अली इब्नें अबी तासलब
(अ.स.) मझ ज से हैं औि मैं उनसे हूँ. इससलए
र्ो उन्की बिाबिी दस ू िों से किे , उसनें मजझ
पि ज़जल्म ककया औि जर्सनें मजझपि ज़जल्म
ककया उसनें मजझे अज़ीयत पहजंचाई जर्सनें

HAZRAT ALI A.S… - 225 HAJINAJI.com


मजझे अज़ीयत पहजंचाई उसपि अल्लाह की
लअनत हो.
अय अब्दल
ज िहमान! अल्लाह नें अपनी
ककताब मेिे ऊपि नाजज़ल की औि मजझे
हजक्म हदया कक तजम हज़ित अली इब्नें अबी
तासलब (अ.स.) के अलावह सबको बताव
लोगों को सीखाओ. इससलए कक उन्को (अली
अ.स.) को सीखाने की ज़रूित नहीं है .
अल्लाह नें अली (अ.स.) को मेिी तिह
बनाया है. उन्का इल्म मेिे र्ैसा है .
अगि हहल्म, इंसानी शक्ल में होता तो
हज़ित अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.)
होता, औि अगि फ़ज़्ल, बलंद अखलाक
इंसानी सूित में होता तो हसन (अ.स.)
होता, अगि हया इंसानी सूित में होती तो
हजसैन (अ.स.) होती, औि अगि हि चीज़
इंसानी शक्ल में होती तो फ़ाततमा (स.अ.)

HAZRAT ALI A.S… - 226 HAJINAJI.com


होतीं, औि आप (स.अ.) उनसब चीर्ों से
बेति हैं.
मेिी दख्
ज ति र्नाबे फ़ाततमा (स.अ.) ज़मीन
पि िहने वाली हि चीज़ से वोर्द
ू के
इअतेबाि से शिाफ़त किामत के इअतेबाि से
सब से अफ़ज़ल हैं.79
गायतजल मिाम पेर्. 512, ह. 20, ख्वािज़मी
79

अपने मक़तल में जर्ल्द. 1, पेर्. 60,


फ़िाएदजज स्समतैन जर्ल्द. 2, पेर्. 68, ह. 392.

HAZRAT ALI A.S… - 227 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-68:
क़ाज़ी मोआफ़ी बबन ज़करिया, इब्राहीम बबन
फ़ज़्ल से, नक्ल किते हैं कक उन्हों नें फ़ज़्ल
यूसजफ़ से, उन्हों नें हसन बबन साबबि से,
उन्हों नें वकीअ से, उन्हों नें हे शाम बबन
उवुह से उन्हों नें अपनें वासलद से उन्हों नें
आयेशा से कक वह कती है:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: हज़ित
अली (अ.स.) का जज़क्र अल्लाह की इबादत
है.80
80
ख्वािज़मी अपने मानाककब में पेर्. 261,
तािीखे दसमश्क जर्ल्द. 2, पेर्. 424,
मोगाज़ेलीनी अल मनाककब पेर्. 206, ह.243,
अल कफ़िदौस पेर्. 110, मनाककबे इब्ने शहिे
आशोब जर्ल्द. 3, पेर्. 6, कन्र्जल उम्माल
जर्ल्द. 12, पेर्. 201, अल मजन्तखब जर्ल्द. 5,
पेर्. 30 यनाबीउल मव्दत पेर्. 237, ह.

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261, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 38, पेर्. 199,
कोनोज़जल हक़ाएक़ पेर्.78, यनाबीउल मव्दह
पेर्. 180, अल बेदाया वन्नेहायह जर्ल्द. 7,
पेर्. 357, अल र्ामेउल सगीि जर्ल्द.1, पेर्.
583, अल फ़त्हजल कबीि जर्ल्द. 2, पेर्. 120,
मव्दतजल कजिबा जर्ल्द. 7, पेर्.111.

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फ़ज़ीलत-69:
अबजल क़ाससम र्अफ़ि बबन मसरूि अल
लहाम, हजसैन बबन मोहम्मद से नक्ल किते
हैं कक उन्हों नें इब्राहीम बबन मोहम्मद से,
उन्हों बेलाल से, उन्हों नें इब्राहीम बबन
सालेह अल अन्माती से, उन्हों नें अब्दल

समद से, उन्हों नें र्अफ़ि बबन मोहम्मद
(अ.स.) से, उन्हों नें अपने वासलदे मोहतिम
(अ.स.) से, उन्हों नें अली बबन हजसैन (अ.स.)
उन्हों ने अपने वासलद (अ.स.) से, कक आप
(अ.स.) फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से इस आयत के बािे
में पूछा गया “ र्ो लोग ईमान लाये औि
उन्हों नें नेक आमाल ककये उन्के सलये तब
ू ा
औि बेहतिीन बाज़गश्त (बेहतिीन पलटनें
की र्गह) है. िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें
फ़िमाया के यह आयत अमीरुल मोंमेनींन

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अली (अ.स.) के बािे में है औि तूबा र्न्नत
में एक दिख़्त है.81
र्न्नत में हि एक घि में इस दिख़्त की
फ़ल दाि शाखें होगी.82
कफिदौस में जज़यादह र्ानकािी के सलये
81

फ़ज़ीलत न. 52. दे खें.


82
अल यकीन पेर्. 62, गायतजल मिाम पेर्.
19, ह. 19, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 39, पेर्.
235, ह. 20, मनाककबे इब्ने शहिे आशोब
जर्ल्द. 3, पेर्. 32, मर्मउल बयान जर्ल्द.
6, पेर्. 291, अल तिाएफ़ पेर्. 100, ह. 147,
अल उम्दाह पेर्. 183, शावाहे दत्त
ज नज़ील
जर्ल्द. 1, पेर्. 304, ह. 417, मनाककबे
मजगाज़ली पेर्. 268, ह. 315, दरु
ज ु ल मंसूि
जर्ल्द. 4, पेर्. 59.

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फ़ज़ीलत-70:
अबजल क़ाससम अब्दल्
ज लाह बबन मोहम्मद
बबन इस्हाक़ बबन सजलैमान बबन हनानह अल
बज़ाज़ अल बगवी, अब्दल्
ज लाह बबन मोहम्मद
से नक्ल किते हैं कक उन्हों नें हसन बबन
अिफ़ा से, उन्हों नें ज़ज्र बबन हारून से, उन्हों
नें र्मील बबन अल तवील से, उन्हों नें
अनस से, उन्हों ने आयेशा से, कक वह कती
हैं.
मैं नें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से फ़िमाते हजए
ये सजना है कक अली इब्नें अबी तासलब
(अ.स.) इंसानों में बेहतिीन हैं. र्ो उन्का
इन्काि किता है वह काकफ़ि है.
तब लोगों नें उनसे पूछा: तो कफि तजमनें
उनसे क्यूं र्ंग की?

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आयेशा नें कहा: मैनें अपनी मज़ी से र्ंग
नहीं की बल्की तल्हा औि ज़जबैि नें मजझे र्ंग
किनें पि आमादह ककया.83
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 26, पेर्. 306, ह. 68,
83

अल मोहतज़ि पेर्. 551.

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फ़ज़ीलत-71:
आसलम अबूबकि मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह
बबन हमदं न
ू बबन अल फ़ज़्ल, काज़ी अब्दल

िहमान बबन हसन से, नक़ल किते हैं, कक
उन्हों नें इब्राहीम बबन हजसैन से, उन्हों नें
शाह अब्दल्
ज लाह बबन सलमा अल सगीि से,
उन्हों नें शोअबा बबन अल हज्र्ार् से, उन्हों
नें अबज िज़ा अल अत्ताि से, उन्हों नें समिह
से, कक वह कहते हैं
हि सजबह िसूलजल्लाह (स.अ.व.) अपनें
असहाब की तिफ़ रुख किते औि पूछते क्या
तजम में से ककसी नें कोई ख्वाब दे खा है?
एक हदन सजबह िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें
फ़िमाया मैंनें अपनें ख्वाब में अपने चचा
र्नाबे हमज़ह औि अपनें चचा के बेटे
र्ाफ़ि को दे खा. वह दोनों बैठे हैं औि उन्के
सामने अंर्ीि से भिा हजआ तश्त िख्खा है ,

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औि वह दोनों अंर्ीि खा िहे हैं. कक अंर्ीि
खझूि में बदल गई औि वह खाते िहे . उनसे
मैंने पछ
ू ा आप लोगोंनें आखेित की तैय्यािी
के सलये ककन आमाल को अफ़ज़ल पाया.
उन्हों नें कहा नमाज़, हजब्बे अली इब्ने अबी
तासलब (अ.स.) औि छजपा के सदक़ह दे ना.84
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 117, ह. 95,
84

मदीनतजल मआर्ीज़ पेर्. 172, ह. 476.

HAZRAT ALI A.S… - 235 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-72:
अबजल फ़िर् मोहम्मद बबन अल मजज़फ्जफ़ि
बबन कैस अल मक़िी हसन बबन मोहम्मद
बबन साईद से उन्हों नें सिाबा बबन इब्राहीम
से उन्हों नें अली बबन मोहम्मद बबन
मजखसलद से उन्हों नें र्अफ़ि बबन हहफ्जज़ से,
उन्हों नें मोहम्मद बबन इस्माईल से, उन्हों
नें र्ैद बबन अय्याज़ से, उन्हों नें सफ्जवान
बबन सलमान से, उन्हों नें सलमान बबन
यसाि से, उन्हों नें इब्नें अब्बास से, कक वह
फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया हज़ित
अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) मेिे सलये
मेिी जर्ल्द की तिह हैं, मेिे गोश्त की तिह
हैं, वह मेिी हड्डी की तिह हैं, मेिे सलये मेिे
खून की तिह हैं र्ो मेिे िगों में दौड िहा है .
हज़ित अली (अ.स.) मेिे भाई, मेिे वसी, मेिे

HAZRAT ALI A.S… - 236 HAJINAJI.com


खलीफ़ह, मेिा कज़ु अदा किने वाले औि वह
मेिे वादों को पूिा किने वाले है.85
र्ब मैं इस दन्ज या से चला र्ाऊ गा तो मेिी
र्गह पि अली (अ.स.) हैं.86
जर्न लोगों नें
85
अपनी कीमती चीज़ों को
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के पास अमानत िख्खी
थी.
गायतजल मिाम पेर्. 69, ह. 20.
86

HAZRAT ALI A.S… - 237 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-73:
अबजल फ़िर् मोहम्मद बबन मजज़फ्जफ़ि बबन
साईद अल दक्काक़, अहमद बबन मोहम्मद
से नकल किते हैं, कक उन्हों नें मोहम्मद
बबन मंसूि उन्हों नें उस्मान बबन अबी शेबा
से, उन्हों नें गजिैि से, उन्हों नें मोहम्मद बबन
यसाि से, उन्हों नें फ़ज़ल बबन हारून से,
उन्हों नें अबी हारून अल अब्दी से, उन्हों नें
अबी बकि अब्दल्
ज लाह बबन उस्म्मान से, कक
वह कते हैं:
मैं िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) के साथ आसमि
बबन सअद की बाग में थे. र्ैसे र्ैसे हम
लोग बाग में चल िहे थे हम लोगों ने एक
खझूि के दिख़्त को दस
ू िे खझूि के दिख़्त
से कहते हजए कजछ सन
ज ा:

HAZRAT ALI A.S… - 238 HAJINAJI.com


िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें पजछा क्या तजम
र्ानते हो यह खझूि के दिख़्त क्या कह िहे
हैं:
हम लोगों नें कहा अल्लाह औि उस्का िसूल
बेहति र्ानते हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: यह खझूि
के दिख़्त आवाज़ दे िहे हैं.
यह मोहम्मद (स.अ.व.) अल्लाह के िसूल हैं
औि हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.)
उन्के वसी हैं.
उस वक्त िसूलल्
ज लाह (स.अ.व.) नें उस
दिख़्त का नाम नखलह तजस्सैहानी िख्खा.87
(आवाज़ दे ने वाला खझूि का पेड़)
87
मदीनतजल मआजर्ज़पेर्. 65, ह. 152, सकककब
अल मानाककब पेर्. 34, ह. 17 ख्वािज़मी
अपनी मानाककब में पेर्. 221, सेिातजल
मजस्तकीम जर्ल्द. 2, पेर्. 33, इस्बातजल होदात
जर्ल्द. 5, पेर्. 68, ह.439, फ़िाएदजज स्समतैन

HAZRAT ALI A.S… - 239 HAJINAJI.com


जर्ल्द. 1, पेर्. 137, यनाबीउल मव्दह पेर्.
136, गायतजल मिाम पेर्. 157, ह. 26, अल
खिायाएर् वल र्िाएह पेर्. 478, बेहारुल
अन्वाि जर्ल्द. 17, पेर्. 265, . 17, मनाककबे
इब्ने शहिे आशोब जर्ल्द. 2, पेर्. 153, शाज़ान
बबन जर्ब्रईनी अल फ़ज़ाएल पेर्. 146, ह. 113,
मीज़ानजल एअतेदाल (सलबी) पेर्. 79, लेसानजल
मीज़ान जर्ल्द. 1, पेर्. 317, सेिातजज़ ज़हबीय्या
जर्ल्द. 2, पेर्. 256, दोिि बहि अल मानाककब
पेर्. 105, खजलासतजल वफ़ा पेर्. 39, समफ़ताहजल
नर्ात, अिबईन, अिर्ाह अल मतासलब पेर्.
39, नज्म दोिि अल ससमतैन पेर्. 124,
एहक़ाककजल हक़ जर्ल्द. 4, पेर्. 112.

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फ़ज़ीलत-74:
अबजल हसन अली बबन मोहम्मद अल
मकतब अल लजग़वी अल िज़ी, हसन बबल
अली अल वफ़वी उन्हों नें अब्बास बबन
बक्काि अल ज़ब्ज बी से, उन्हों नें अबज बकि
अल हजज़ली से, उन्हों नें अकिमह से, उन्हों
नें इब्नें अब्बास से, वह कहते हैं:
ककसी नें इब्नें अब्बास से स्वाल ककया कक
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) के अहलेबैत (अ.म.ज स.)
के बािे में बताव: इब्ने अब्बास नें कहा:
आले मोहम्मद (अ.मज.स.) मजत्तकीयूं के
मोअजल्लम हैं.
वो बहजत िहम हदल हैं.
वो अपनीं ख्वाहहशों को तकु किने वाले हैं.
वो तमाम बजिाइयों कों खत्म किने वाले हैं.
वो इस दन्ज या से हदल लगाने वाले नहीं हैं.
वो दन
ज यावी ख्वाहहश नहीं िखते.
वो निमी के साथ पेश आते हैं.
HAZRAT ALI A.S… - 241 HAJINAJI.com
वो हि वक्त हि चीज़ का इल्म िखते हैं.
वो घोड़े की बेहतिीन सवािी र्ानते हैं.88
वो िात में चमकते हजए ससतािे हैं.
वो दियाये नील हैं.89
वो इंसानों की ख्वाहहशात की पिवाह नहीं
किते.
वो हि बलंहदयों में सब से बलंद हैं.
वो हि सिदािों के सिदाि हैं.
वो ज़रूित मंदों के सलये िहमत की बारिश
हैं.
वो शेिे शजर्अ हैं.
वो नमाज़ क़ाएम किनें वाले हैं.
वो ज़कात दे नें वाले हैं.
वो नेकी किनें वाले हैं.
वो बजिाइयों कों खत्म किने वाले हैं.90
88
ये ककसी सिदाि में मजहहम तिीन सीफ़तों में से
एक है.

HAZRAT ALI A.S… - 242 HAJINAJI.com


अिब में आंम तौि से सखावत किनें वाले को
89

दिया कहा र्ाता है दिया की समसाल दी र्ाती


है. दियाए नील बड़े दाियाओं मे से एक बहजत
बड़ा दिया है
90
लेसानजल मीज़ान जर्ल्द. 3, पेर्. 237, ह.
1052.

HAZRAT ALI A.S… - 243 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-75:91
मोहम्मद बबन अली बबन फ़ज़ल अल
ज़य्यात, हजसैन बबन मोहम्मद से नक़ल किते
हैं, कक उन्हों नें हसन बबन िबीअ अल
मार्शोनी, उन्हों नें इस्माईल बबन अबान
अल वििाक़ से, उन्हों नें गगयास बबन
इब्राहीम से, उन्हों नें र्अफ़ि बबन मोहम्मद
(अ.स.) से, उन्हों नें अपनें वासलद (अ.स.)
से, वह फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
एक बाि र्ब्रईल मेिे पास आए औि वह
बहजत खजश थे उनसे िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें
पछ
ू ा तजम क्यंू इतना खजश हो:
र्ब्रईल नें कहा: अल्लाह नें आप को औि
आप के भाई अली इब्नें अबी तासलब
(अ.स.). को आप की उम्मत का इमाम

HAZRAT ALI A.S… - 244 HAJINAJI.com


बना कि र्ो शिफ़ अता ककया है , उस्को
दे खकि क्यूं न खजश हूँ.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें पूछा: मेिी उम्मत
का इमाम (हज़ित अली इब्नें अबी तासलब
अ.स.) औि मजझे अल्लाह नें ककस तिह
इज़्ज़त आता की है?
र्ब्रईल नें कहा: वपछली िात अल्लाह नें उन
फ़िीश्तों को दे खा र्ो अशु को उठाए हैं.
उन्के सामनें हज़ित अली (अ.स.) की
इबादत के बािे में फ़ख्र ककया. अल्लाह नें
उनसे कहा मेिी िौशन दलील (हज़ित अली
इब्ने अबी तासलब अ.स.) को मेिे िसूल के
बाद मेिी ज़मीन पि दे खो. र्ो ककस तिह
ख़जलूस से अपनी पेशानी मेिे सलये झजकाए
हजए हैं. मै तजम अशु उठानें वाले फ़रिश्तों को
गवाह बनाता हूँ कक वह मेिी मखलूक़ पि
इमाम औि सि दाि हैं.92

HAZRAT ALI A.S… - 245 HAJINAJI.com


91
इस ककताब में हदीस न. 75 मोकम्मल तिीक़े
से इस तिह है .
अबज मोहम्मद अब्दल्
ज लाह बबन यूसजफ़ बबन
मामवय्ह अल अस्बहानी, हमीद बबन
मोहम्मद अल हे िवी से, नक़ल किते हैं कक
उन्हों नें अली बबन मोहम्मद बबन ईसा से,
उन्हों नें मोहम्मद बबन अक्काशह से, उन्हों
नें मोहम्मद बबन सलमान से उन्हों नें
खस
ज रूफ़ से, उन्हों नें मजर्ाहहद से, वह कहते
हैं:
इब्नें अब्बास से पूछा गया आप अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) के बािे में क्या फ़िमाते
हैं?
इब्नें अब्बास नें कहा:
खद
ज ा की क़सम अली (अ.स.) दो गगिां क़दि
चीज़ों में से एक हैं जर्नको िसूल (स.अ.व.)
अपनें बाद छोड़ गए हैं. आप पहले शख्स हैं
जर्न्हों नें गवाही दी कक कोइ खजदा नहीं
HAZRAT ALI A.S… - 246 HAJINAJI.com
ससवाय अल्लाह के औि मोहम्मद (स.अ.व.)
उस्के िसूल हैं ये वो हैं जर्न्हों नें दोनों
ककबले की तिफ़ रुख किके नमाज़ अदा की
है उन्हों नें दोनों बयअत की है वह बहजत
अता किनें वाले हैं. वह िसूल (स.अ.व.) के
दोनों नवासों हसन (अ.स.) औि
हजसैन
(अ.स.) के वासलद हैं. जर्न के सलये सिू र्
दो बाि डूब कि पलटा ये वह हैं जर्न्हों नें
िसूल (स.अ.व.) की वफ़ात के बाद दो बाि
तलवाि उठाई (अमीरुल मोमेनीन अ.स. की
र्ंगों की तिफ़ इशािा) वो दो हदनों के
सिदाि हैं एक र्ंग बद्र दस
ू िी र्गे हजनैन
अली (अ.स.) इस उम्मत में ज़जलक़िनैन की
समसाल हैं. औि अली (अ.स.) मेिे उस्ताद हैं
बजिहान जर्ल्द. 1, ह. 14, ख्वािज़मी अपनी
92

मानाककब में पेर् 236, ख्वािज़मी अपनी


मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1, पेर्. 247, गायतजल

HAZRAT ALI A.S… - 247 HAJINAJI.com


मिाम पेर्. 214, ह. 24, यनाबीउल मव्दह
पेर्. 629, ह. 7.

HAZRAT ALI A.S… - 248 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-76:
अबू बकि मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह हम्दन
ू ,
मोहम्मद बबन अहमद से नक़ल किते हैं, कक
उन्हों नें र्अफ़ि बबन मोहम्मद बबन
शाकेरुल साएग से, उन्हों नें मंसूि बबन
सफ़िी से, उन्हों नें महदी बबन मैमजन से
उन्हों नें मोहम्मद बबन सीिीन से, उन्हों नें
अपनें भाई मअबद से, उन्हों नें अबी सईद
खजदिी से वो कहते हैं:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें अल्लाह से, कहा:
अय अल्लाह! मेिे सलये अहले आसमान
वालों मेंसे एक वज़ीि औि ज़मीन में िहनें
वालों मेंसे एक वज़ीि मजक़िुि कि.
उस वक्त अल्लाह नें आप (स.अ.व.) के
ऊपि एक वही नाजज़ल की औि कहा:
मैनें आसमान पि िहनें वालों के सलये
र्ब्रईल को आप का वज़ीि बनाया औि

HAZRAT ALI A.S… - 249 HAJINAJI.com


ज़मीन पि िहनें वालों के सलये हज़ित अली
इब्नें अबी तासलब (अ.स.) को आप का
वज़ीि बनाया है.93
गायतजल मिाम पेर्. 214, ह. 24.
93

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फ़ज़ीलत-77:
अली बबन अबी हमज़ा, र्अफ़ि बबन
मोहम्मद साहदक़ (अ.स.) से नक्ल किते हैं
कक उन्हों नें अपनें वासलद (अ.स.) से, उन्हों
नें अपने आबा व अर्दाद से, उन्हों नें
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से, कक आप फ़िमाते
हैं:
कक र्ब्रईल नें मजझ से कहा कक अल्लाह
कहता है:
र्ो कोई गवाही दे कक मेिे ससवा कोई खजदा
नहीं, मोहम्मद (स.अ.व.) मेिे बन्दे औि मेिे
िसूल हैं, हज़ित अली इब्नें अबी तासलब
(अ.स.) मेिे खलीफ़ा हैं, औि उन्के फिज़न्द
मेिी वाज़ेह दलील हैं, तो हम उस्को अपनीं
िहमत से र्न्नत में दाखखल किें गें. हम
अपनीं बख्शीश के ज़रिये उसे र्हन्नम से
महफ़ूज़ िख्खें गें . वह मजझ से किीब होगा

HAZRAT ALI A.S… - 251 HAJINAJI.com


औि में उसे इज़्ज़त अता करूंगा, हम उन्को
अपनीं तमाम िहमतो को अता किें गें औि
उन्हें चजतनन्दह औि खास लोगों में क़िाि
दें गें. अगि वो मझ
ज से स्वाल किें गें तो हम
उन्को र्वाब दें गे. अगि मजझ से दआ
ज किें गें
तो मैं क़बूल करूगा. अगि कोई चीज़ मांगेंगे
तो आता किें गे. अगि उन्हों नें मेिे पास
आनेंमें पहल नहीं ककया तो हम पहल किें गें.
अगि उनसे कोई भूल हजई तो हम उन्के साथ
िहमत से पेश आएँगे.
अगि वो मजझसे दिू होगें तो हम उन्को
अपनी तिफ़ दअवत दें गे. अगि वो मेिी
तिफ़ आएंगे तो मै उसे क़बूल करूँगा. अगि
वो मेिा दिवाज़ा खट खाटाएंगें तो मैं खोल
दं ग
ू ा.
औि अगि र्ो कोई गवाही नहीं दे गा: मेिे
ससवा कोई खजदा नहीं है , या गवाही न दे कक
मोहम्मद (स.अ.व.) मेिे बंदे औि मेिे िसूल

HAZRAT ALI A.S… - 252 HAJINAJI.com


हैं, या गवाही न दे , हज़ित अली इब्नें अबी
तासलब (अ.स.) मेिे खलीफ़ा हैं, औि गवाही
न दे , कक उन्के फिज़्न्दों में से तमाम
अइम्मा (अ.मज.स.) मेिी िौशन दलील हैं. तो
कफि वह मेिी िहमत को नहीं मानता, उसनें
मजझे ज़लील ककया, वह काकफ़ि है , औि उसनें
मेिी तनशातनयों, मेिी ककताबों या मेिे िसूलों
को नहीं मानता.
अगि वो मेिे पास आए तो मै अपनें को उस
से दिू किदं ग
ू ा, अगि वह मझ
ज से मांगे तो मै
उसे अता नहीं करूँगा, अगि वो मझ
ज े बल
ज ाए
तो मैं उस्की आवाज़ कों नहीं सजनूगा, अगि
वो मेिे पास दआ
ज किे तो मैं उस्की दआ
ज को
क़बल
ू नहीं करूगा, अगि वो मझ
ज से कजछ
चाहता है. तो मैं उसे मायस
ू किदं ग
ू ा, औि
यह, उन्की सज़ा है, औि यह मेिी मखलूक़
पि ना इंसाफ़ी नहीं है.94

HAZRAT ALI A.S… - 253 HAJINAJI.com


एहतेर्ार् तबिसी जर्ल्द. 1, पेर्. 88, मेअतो
94

मगाबा ह. 92, (से हवाले के साथ असल ककताब


से ह. 77, ह. 75, से नक्ल है). उन में से हम
नें ह. 92, कों पसंद ककया है.

HAZRAT ALI A.S… - 254 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-78:
अबज बकि मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह बबन
हमदन
ू , मोहम्मद बबन अहमद से नक्ल
किते हैं, कक उन्हों ने र्अफ़ि बबन मोहम्मद
बबन शाककि अल साएग से, उन्हों नें मंसूि
बबन सफ़ि से, उन्हों नें महदी बबन मैमून से,
उन्हों नें मोहम्मद बबन सीिीन से, उन्हों नें
अपनें भाई मअबद से, उन्हों नें अबी सईद
अल खजदिी से वह कहते हैं:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) ने फ़िमाया:
इल्म पांच हहस्सों में तक़सीम हजआ है, उसमें
से चाि हहस्सा हज़ित अली इब्नें अबी
तासलब (अ.स.) को अता ककया गया है , औि
आखिी हहस्सा लोगों के दिसमयान तक़सीम
ककया गया है . मैं अल्लाह की क़सम खा के
कहता हूँ कक जर्सनें मजझे नबी बनाकि भेर्ा
है, हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.)

HAZRAT ALI A.S… - 255 HAJINAJI.com


तमाम लोगों से ज़्यादह इल्म िखते हैं,
क्यूंकक तमाम लोगों को हदया गया इल्म
ससफु एक हहस्से में है.95
गायतजल मिाम पेर्. 512, ह. 21, औि पेर्.
95

586, ह. 85, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्.


117, ह. 96.

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फ़ज़ीलत-79:
अबज मोहम्मद बबन फ़िीद अल बोशनर्ी,
ज़जबैि बबन बकाि से, नक्ल किते हैं, कक
उन्हों नें सजफ़यान बबन अय्यीना से, उन्हों नें
अबज कोलाबा से, उन्हों नें अय्यूब अल
सजख्तयानी से, उन्हों नें अनस बबन मासलक
से, वो कहते हैं:
मैं िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के सामने मदीनें
की मजस्र्द में खडा था आप (स.अ.व.) नें
मजझ से फ़िमाया: र्ाव औि हज़ित अली
इब्नें अबी तासलब (अ.स.) को र्ल्दी से मेि
पास लाव.
मैं गया औि हज़ित अली इब्नें अबी तासलब
(अ.स.) के पास गया (र्नाबे फ़ाततमा स.अ.
आप के साथ थीं) औि मैं नें कहा की नबी
(स.अ.व.) नें आप को याद ककया है. आप
(अ.स.) फौिन मेिे साथ तशिीफ़ लाये

HAZRAT ALI A.S… - 257 HAJINAJI.com


र्ब हम िसूल (स.अ.व.) के पास पहजंचे,
हज़ित अली (अ.स.) नें नबी (स.अ.व.) को
सलाम ककया:
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: अय अली!
र्ब्रईल को सलाम किो.
तब अली (अ.स.) नें कहा: अस्सलामो
अलयक! अय र्ब्रईल! र्ब्रईल नें सलाम का
र्वाब हदया.
नबी (स.अ.व.) नें अली (अ.स.) से फ़िमाया
कक र्ब्रईल कहते हैं:
अय अली! अल्लाह तजम्हािे ऊपि सलाम
भेर्ता है , औि कहता है :
तम्
ज हें , तम्
ज हािे शीओं औि तम्
ज हािे चाहने वालों
के सलये खजशी व मजसिु त है. औि अफ़सोस
औि बहजत अफ़सोस है उनलोगों पि र्ो
तजम्हािे साथ दश्ज मनी किते हैं. क़यामत के
हदन मजनादी अशु के अंदि से आवाज़ दे िहा
होगा: मोहम्मद (स.अ.व.) औि हज़ित अली

HAZRAT ALI A.S… - 258 HAJINAJI.com


(अ.स.) कहाँ हैं? उस्के बाद दोनों सातवें
आसमान की तिफ़ र्ाएँगें औि अल्लाह के
सामने खड़े िहें गें. अल्लाह नबी (स.अ.व.) से
कहे गा: हज़ित अली (अ.स.) को हव्ज़े कौसि
पि ले र्ाव औि उन्को ये प्याला दो, जर्स
से वह अपनें चाहने वाले औि अपनें
शीआओं को सेिाब किें पानीं वपलाएं लेककन
र्ो उन्का दश्ज मन है, उनमें से ककसी एक को
भी न दें .
उस्के बाद अल्लाह कहता है: वह (हज़ित
अली अ.स.) को हजक्म दे गा कक वो अपनें
चाहने वालों को आसान हहसाब व ककताब के
साथ र्न्नत में दाखखल कि दें .96
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 117, ह. 97,
96

गायतजल मिाम पेर्. 586, ह. 56.

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फ़ज़ीलत-80:
अहमद बबन मोहम्मद बबन सई, हजसैन बबन
महफ़ूज़ से, नक्ल किते हैं कक उन्हों नें
अहमद बबन इस्हाक़ से, गतिीफ़ बबन
अजब्दल सलाम से, उन्हों नें अब्दल
ज िज़्ज़ाक़
उन्हों नें मोअम्मि से, उन्हों नें ज़ोहिी अबज
बकि अब्दल्
ज लाह बबन अजब्दिुहमान से, उन्हों
नें उस्मान बबन अफ्जफ़ान से, उन्हों नें उमि
बबन अल खत्ताब से, उन्हों नें अबज बकि बबन
अबी क़हाफ़ा से, वह कहते हैं:
िसल ू जल्लाह (स.अ.व.) से फ़िमाते हजए सन
ज ा
है: कक,
अल्लाह ने फ़रिश्तों को हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) के चेहिे के नूि से पैदा
ककया है. र्ो ससफु अल्लाह की हम्द व सना
किते हैं उस्का सवाब उन्से अली (अ.स.)

HAZRAT ALI A.S… - 260 HAJINAJI.com


औि उन्के फ़िज़्न्दों से मोहब्बत किनें वालों
को अता किता है.97
गायतजल मिाम पेर्. 8, ह. 19, बेहारुल अन्वाि
97

जर्ल्द. 27, पेर्. 118, ह. 98, मदीनतजल


मआर्ीज़ पेर्. 188, ह. 515, ख्वािज़मी अपनें
मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1, पेर्. 97, समसबाहजल
अन्वाि पेर्. 297, र्ामेउल अख्बाि पेर्. 212.

HAZRAT ALI A.S… - 261 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-81:
क़ाज़ीउल क़ोज़ात अबज अजब्दल्लाह हजसैन बबन
हारून अल ज़जब्बी, अहमद बबन मोहम्मद से,
नक्ल किते हैं कक उन्हों नें अली बबन हसन
से, उन्हों नें अपनें वासलद से, उन्हों नें अली
बबन मूसा अल िे ज़ा (अ.स.) से, उन्हों नें
अपनें वासलद (अ.स.) से, उन्हों नें र्अफ़ि
बबन मोहम्मद (अ.स.) से, उन्हों नें अपनें
वासलद (अ.स.) से, उन्हों नें अली बबन हजसैन
(अ.स.) से, उन्हों नें अपनें वासलद (अ.स.)
से, कक वह फ़िमाते हैं: कक
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: मेिे बाद
तािीक किदे नें वाला कफतना उठे गा. नर्ात
पानें वाले ससफु वही हैं. “जर्न्हों नें िस्सी को
मज़बूती से पकड़ सलया है.(2:256)’’
उस्के बाद लोगों नें नबी (स.अ.व.) से स्वाल
ककया: मज़बूत िस्सी क्या है.?

HAZRAT ALI A.S… - 262 HAJINAJI.com


िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया वससयों के
सिदाि की ववलायत.
लोगों नें पछ
ू ा: या िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.)
वससयों का सिदाि कौन है?
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: अमीरुल
मोमेनीन (अ.स.).
लोगों नें नबी (स.अ.व.) से पूछा अमीरुल
मोमेनीन कौन हैं.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
मजसलामानों के सिदाि औि मेिे बाद उन्के
इमाम.
उन लोगों नें नबी (स.अ.व.) से पछ
ू ा:
मजसलामानों के सिदाि औि आप के बाद
उन्के इमाम कौन हैं.?
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: मेिें भाई
हज़ित अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.).98
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 36, पेर्. 20, ह. 16,
98

बजिहान जर्ल्द. 1पेर्. 244, ह. 11, अल यकीन

HAZRAT ALI A.S… - 263 HAJINAJI.com


पेर्. 62, गायतजल मिाम पेर्. 19, ह. 20, औि
पेर्. 46, ह. 61, औि पेर्. 167, ह. 62.

HAZRAT ALI A.S… - 264 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-82:
हजसैन बबन मोहम्मद बबन मेहिान अल
दामगानी, मोहम्मद इब्ने अब्दल्
ज लाह बबन
नस्र से नकल किते हैं कक उन्हों नें
अब्दल्
ज लाह बबन अल मब
ज ािक अल दयनिू ी
से, उन्हों नें हसन बबन अली से, उन्हों नें
मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह बबन उवाु से,
उन्हों नें यस
ू जफ़ बबन बेलाल से, उन्हों नें
मोहम्मद बबन मिवान से, उन्हों नें अल
साएब से, उन्हों नें अबी सालेह से, उन्हों नें
इब्नें अब्बास से, वह फ़िमाते हैं: कक
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
मैं मेअिार् की िात र्ब्रईल के साथ ऊपि
र्ािहा था. र्ब हम चौथे आसमान पि
पहजंचे, तो मैंनें सजखु िं ग से बने हजए एक घि
को दे खा.

HAZRAT ALI A.S… - 265 HAJINAJI.com


र्ब्रईल नें मजझसे कहा: अय मोहम्मद
(स.अ.व.)! यह बैतजल मअमूि है. (आसमान
में िहनें वालों के सलये ककबला). अल्लाह नें
इस घि को आसमान औि ज़मीन की
खखलकत से पचास हज़ाि बिस पहले खल्क
ककया.
खड़े होर्ाइये अय मोहम्मद (स.अ.व.)! इस
घि की तिफ़ नमाज़ पहढ़ए.
उस्के बाद अल्लाह नें तमाम नबबयों औि
िसूलों को र्मा होनें का हजक्म हदया. र्ब्रईल
उन्के साथ मेिे पीछे एक सफ़ में खड़े हजए
औि मैंनें नमाज़ पढाई.
र्ब मैंनें नमाज़ खत्म की. अल्लाह नें ककसी
को मेिे पास भेर्ा औि कहा: अय मोहम्मद
(स.अ.व.)! अल्लाह नें आप को सलाम
भेर्वाया है. अल्लाह चाहता है कक आप
(स.अ.व.) िसूलों से पूछें कक उन्को आप

HAZRAT ALI A.S… - 266 HAJINAJI.com


(स.अ.व.) से पहले लोगों के सलये क्या
पयगाम भेर्ा है.
उस्के बाद मैंनें िसल
ू ों से पछ
ू ा: अल्लाह नें
तजम्हािे ऊपि क्या पयगाम भेर्ा है .
उन्हों नें (उन िसूलों नें) कहा: आप
(स.अ.व.) की ववलायत औि हज़ित अली
इब्ने अबी तासलब (अ.स.) की ववलायत का
पयगाम था.
उस्के बाद नबी (स.अ.व.) इस आयत की
तिफ़ इशािा ककया:
औि आप उन िसल
ू ों से स्वाल किें जर्न्हें
आप से पहले भेर्ा गया (43:45).99
गायतजल मिाम पेर्. 207,
99
ह. 14, बेहारुल
अन्वाि जर्ल्द. 26, पेर्. 307, ह. 69.

HAZRAT ALI A.S… - 267 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-83:
अबज मोहम्मद अजब्दल्लाह बबन हजसैन शैख
अल सालेह, मोहम्मद बबन अली अल
अअिर् से नक्ल किते हैं कक उन्हों नें
मोहम्मद बबन अल हजसैन बबन अजब्दल
वहहाब से, उन्हों नें उन्हों नें अली बबन
हजसैन से उन्हों नें िबीअ बबन यज़ीद अल
िोकाशी से, उन्हों नें अनस बबन मासलक से,
कक वह कहते हैं:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) को
क़यामत के हदन सात नामों से पक
ज ािा
र्ाएगा.
अय स्दीक (सच्चे).
अय दाल (हादी).
अय आबबद (इबादत गजज़ाि).
अय हादी (िास्ता हदखानें वाले).
अय महदी (सीधे िास्ते के ऊपि).

HAZRAT ALI A.S… - 268 HAJINAJI.com


अय फ़ता (र्वान मदु).
अय अली (बलंद).
तम
ज औि तम्
ज हािे शीआ बगैि हहसाब र्न्नत
में दाखखल हो र्ाएँगें.100
100
ख्वािज़मी अपनी मानाककब में पेर्. 228,
गायतजल मिाम पेर्. 587, ह. 88, एहक़ाकजल
हक्क़ जर्ल्द. 4, पेर्. 299, समसबाहजल
अन्वाि पेर्. 95.

HAZRAT ALI A.S… - 269 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-84:
मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह बबन अजब्दल
मजत्तसलब बबन मत्र अल शैबानी, अब्दल्
ज लाह
बबन सईदसे, नक्ल किते हैं. कक उन्हों नें
मोहम्मद बबन एहाब से, उन्हों नें अब्दल

िज़्ज़ाक से, उन्हों मोअम्मि से, उन्हों नें
ज़ोहिी से, उन्हों नें उवाु से, उन्हों नें आयेशा
से, कक वह कहती हैं.
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) मेिे
बाप (अबज बकि) के पास आये उस वक्त वह
बीमाि थे, औि उसी बीमािी के सबब वह
गजज़ि गए. मेिे बाप अली (अ.स.) के चेहिे
की तिफ़ दे ख िहे थे औि उन्की तिफ़ से
आँखों को नहीं हटाया.
उस्के बाद र्ब हज़ित अली (अ.स.) चले
गए मैंनें अपनें बाप से पूछा: तजम इस तिह
से उन्के चेहिे की तिफ़ क्यंू दे ख िहे थे?

HAZRAT ALI A.S… - 270 HAJINAJI.com


उन्हों (अबज बकि) नें कहा: उस्की वर्ह यह
थी कक मैंनें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) से फ़िमाते
हजए सन
ज ा है. कक अली (अ.स.) के चेहिे की
तिफ़ नज़ि किना अल्लाह की इबादत है.101
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 26, पेर्. 226, ह.
101

11, गायतजल मिाम पेर्. 327, ह. 21,


आमासलये सदक
ू पेर्. 119, ह. 9, कश्कजल
गजम्मह जर्ल्द. 1, पेर्. 112, तअवीलजल आयात
पेर्. 283, हहल्यतजल अब्राि जर्ल्द. 1, पेर्.
290, आमासलये तूसी जर्ल्द. 1, पेर्. 70,
तािीखे दसमश्क़ जर्ल्द 2, पेर्. 403.

HAZRAT ALI A.S… - 271 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-85:
र्अफ़ि बबन मोहम्मद बबन कूलवय्ह, अली
बबन हसन अल नहवी से नक़ल किते हैं कक
उन्हों नें अहमद बबन मोहम्मद से उन्हों नें
मंसिू बबन अबी अब्बास से, उन्हों नें अली
बबन अस्बात से, उन्हों नें हकम बबन
बहलोल से, उन्हों नें अबज हम्माम अब्दल्
ज लाह
बबन अज़ीना से, उन्हों नें र्अफ़ि बबन
मोहम्मद (अ.स.) से, उन्हों नें अपनें वासलद
(अ.स.) से, उन्हों नें अली बबन हजसैन (अ.स.)
से, उन्हों नें अपनें वासलद (अ.स.) से कक वह
फ़िमाते हैं:
उमि बबन अल खत्ताब खड़े
हजए औि
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.) से कहा: आप हज़ित
अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.) से कहते हैं
तजम मेिे नज़दीक ऐसे हो र्ैसे हारून (अ.स.)
मूसा (अ.स.) के सलये. लेककन अल्लाह नें

HAZRAT ALI A.S… - 272 HAJINAJI.com


हारून (अ.स.) का नाम कजिआन में जज़क्र
ककया है मगि अली (अ.स.) का नाम कजिान
में जज़क्र नहीं ककया है.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें उनसे कहा: अय
कसीफ़ ऐिाबी! क्या तजम नें यह आयत नहीीँ
सजनी ‫ صرا ط علي مسطقيم هذا‬अली (अ.स.)
का िास्ता सीधा िास्ता है.(15:41). कजछ
तर्म
जु ा किने वाले इसतिह तर्म
जु ा किते हैं
यह सीधा िास्ता है र्ो मेिी तिफ़ हहदायत
किता है.
गायतजल मिाम पेर्. 119, ह. 75, बेहारुल
103

अन्वाि जर्ल्द. 35, पेर्. 58, ह. 12, मनाककबे


इब्ने शहिे आशोब जर्ल्द. 2, पेर्. 302.

HAZRAT ALI A.S… - 273 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-86:
मोहम्मद बबन अली बबन सोकि, मोहम्मद
बबन क़ाससम से, नक़ल किते हैं, कक उन्हों नें
उब्बाद बबन यअकजब से, उन्हों नें शिीक से,
उन्हों नें अल िकीन बबन िबीअ से, उन्हों नें
क़ाससम बबन हस्सान से, उन्हों नें र्ैद बबन
साबबत से, वह कहते हैं:
िसोलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: मैं तजम्हािे
दिसमयान दो वज़नीं चीज़ें छोड़ के र्ा िहा
हूँ: कजिान औि हज़ित अली इब्नें अबी
तासलब (अ.स.). समझ लो कक हज़ित अली
इब्नें अबी तासलब (अ.स.) कजिान से कहीं
अफ़ज़ल हैं. इस वर्ह से की अली (अ.स.)
तजम्हािे सलये कजिान की तफ़सीि किनें वाले
हैं.104

HAZRAT ALI A.S… - 274 HAJINAJI.com


गायतजल मिाम पेर्. 214, ह. 20, अल बजिहान
104

जर्ल्द 1, पेर्. 28, ह. 15, इशाुदल


ज कजलूब पेर्.
387.

HAZRAT ALI A.S… - 275 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-87:
क़ाज़ी अबजल फ़िर् अल मोआफ़ी बबन
ज़करिया,र्ामे अल िे साफ़ह में र्ो मोहम्मद
बबन अली बबन अजब्दल हमीद बबन ज़याि
बबन याहहया अल कजिै शी से नक्ल किते हैं
कक उन्हों ने अब्दल
ज िज़्ज़ाक से, उन्हों नें
सदक़ह अल अब्सी से, उन्हों नें ज़ाज़ान से,
उन्हों नें सलमान अल मोहम्मदी से, कक वह
फ़िमाते हैं
मैं िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के पास गया औि
सलाम ककया उस्के बाद मैं र्नाबे फ़ाततमा
(स.अ.) के घि गया औि उन्को सलाम
ककया.
आप (स.अ.) नें फ़िमाया: अय अबा
अजब्दल्लाह! हसन (अ.स.) औि हजसैन
(अ.स.) भूखे हैं. औि वह िोिहे हैं उन्के हाथों
कों पकड़ो औि उन्के नाना के पास ले र्ाव.

HAZRAT ALI A.S… - 276 HAJINAJI.com


उस्के बाद में उन्को िसूलजल्ल्ह (स.अ.व.) की
खखदमत लाया. िसूलजल्लाह (स.अ.) नें पूछा
अय मेिे प्यािो क्या हजआ.
हसन (अ.स.) औि हजसैन (अ.स.) नें फ़िमाया
हम भूखे हैं. या िसूलजल्लाह.
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें तीन बाि
फ़िमाया: अय अल्लाह इन्हें खाना खखला.
उस्के बाद मैंनें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) के हाथ
में एक फल दे खा र्ो दध
ू से ज़्यादह सफ़ेद
शहद से जज़यादह मीठा औि मख्खन से
ज़्यादह निम है, िसल
ू जल्लाह (स.अ.व.) नें
उसे अपनें अंगठ
ू े से दबाया औि उस्के दो
हहस्से ककये. आप (स.अ.व.) नें आधा हहस्सा
हसन (अ.स.) को औि आधा हहस्सा हजसैन
(अ.स.) को हदया. मैं उस्के दोनों हहस्सों को
उन्के हाथों में दे खता िहा औि मेिी भी
ख्वाहहश हजई,

HAZRAT ALI A.S… - 277 HAJINAJI.com


िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें मजझ से पूछा: अय
सलमान! क्या तजम्हािी भी ख्वाहहश है.
मैंनें कहा हाँ या िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.)
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: अय
सलमान! यह खाना र्न्नत का है इस्को
कोई नहीं खा सकता र्बतक की र्हन्नम,
औि हहसाब व ककताब से नर्ात न पार्ाए
औि उस्का फैसला न हो र्ाए, चाहे वह सीधे
ही िास्ते पि क्यँू न हो औि तम
ज खैि पि
हो.105
मदीनतजल
105
मआजर्ज़ पेर्. 216, ह. 60,
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द 43, पेर्. 308, ह. 72,
अल अवासलम जर्ल्द 16, ह. 2, ख्वािज़मी अपनें
मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1, पेर्. 97.

HAZRAT ALI A.S… - 278 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-88:
अबज सहल महमूद बबन उमि बबन महमूद
अल अस्किी, मोहम्मद बबन उमि से नक्ल
किते हैं, कक उन्हों नें यूसजफ़ बबन यअकूब
से, उन्हों नें मजजस्लम बबन इब्राहीम से, उन्हों
नें हहशाम अल दस्तवाई से, उन्हों नें याहहया
बबन अबी कसीि से, उन्हों नें अबी सलमह
से उन्हों नें अबज हजिैिह से, वह कहते हैं:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
अल्लाह नें चौथे आसमान में एक सौ हज़ाि
फ़रिश्तों औि पांचवें आसमान में तीन सौ
फ़रिश्तों को खल्क ककया है. अल्लाह नें
सातवें आसमान में एक फ़रिश्ते को खल्क
ककया है. र्ो इतना बड़ा है कक उस्का सि
अल्लाह के अशु के नीचे है , औि उस्का
पैि ज़मीन से लगा हजवा है औि अल्लाह नें
बहजत सािे फ़रिश्तों को पैदा ककया है.

HAZRAT ALI A.S… - 279 HAJINAJI.com


ये फ़रिश्ते िोज़ ससफु अमीरुल मोमेनीन
अली (अ.स.) पि, औि आप (अ.स.) के
ऊपि, ईमान िखनें वालों पि, आप के चाहने
वालों पि सलवात भेर्ते हैं, औि आप
(अ.स.) के शीओं औि चाहनें वालों के सलये
अस्तगफ़ाि किते िहते हैं.106
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 26, पेर्.349, ह. 22,
106

गायतजल मिाम पेर्. 19, ह. 21, अिबईन अल


मजन्तर्बज्दीन ह. 9.

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फ़ज़ीलत-89:
अहमद बबन मोहम्मद बबन मूसा बबन उवुह,
होहम्मअद बबन उस्मान अल मोअहदल से,
नक्ल किते हैं कक उन्हों नें मोहम्मद बबन
अजब्दल मासलक से, उन्हों नें यज़ीद बबन
हारून से, उन्हों नें हम्माद बबन सलाम से,
उन्हों नें साबबत से, उन्हों नें अनस बबन
मासलक से, कक वह कहते हैं:
मैंनें िसूलजल्लाह (स.अ.व.) को ख्वाब में दे खा
औि आप नें मजझ से स्वाल ककया:
अय अनस ककस चीज़ नें तम
ज से मेिी
नाफ़िमानी किवाई र्ो कजछ मैंनें हज़ित
अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) के बािे में
कही थी जर्स की सज़ा तजम्हें समल गई.
अगि अली (अ.स.) तम्
ज हें मोआफ़ न किें तो
तजम र्न्नत की खजशबू भी नहीं सूंघ सकते.
अगि तजम अपनी नर्ात चाहते हो, तो

HAZRAT ALI A.S… - 281 HAJINAJI.com


एलान किो औि लोगों को बताव कक अली
(अ.स.) उन्की आल औि उन्के चाहने वाले
“साबेकून’’ में हैं. ये लोग पहले र्न्नत में
र्ाने वालों में से हैं.
अल्लाह के दोस्त हमज़ा (िसूलजल्लाह
स.अ.व. के चचा), र्ाफ़ि, िसूलजल्लाह
स.अ.व., हसन (अ.स.) औि हजसैन (अ.स.)
हैं. र्ो इनलोगों से मोहब्बत किता है वह
क़यामत के हदन डिे गा नहीं.107
ख्वािज़मी अपनीं मानाककब में पेर्. 32, औि
107

अपनें मक़तल में जर्ल्द. 1, पेर्. 40, कश्कजल


गजम्मह जर्ल्द 1, पेर्. 104, गायतजल मिाम पेर्.
580, ह. 27, मदीनतजल मआर्ीज़ पेर्. 51, ह.
103, समसबाहजल अन्वाि पेर्. 137, बेहारुल
अन्वाि जर्ल्द. 68, पेर्. 40, ह. 84.

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फ़ज़ीलत-90:
अबजल हसन अली बबन मोहम्मद बबन
अल्वी अल मजस्तम्ली अबज अजब्दल्लाह
मोहम्मद बबन अहमद से नक्ल किते हैं कक
उन्हों नें हमदान बबन याहहया से, उन्हों नें
मोहम्मद बबन सदका से, उन्हों नें मूसा बबन
र्अफ़ि (अ.स.) से उन्हों नें र्अफ़ि बबन
मोहम्मद (अ.स.) से, उन्हों नें अपनें वासलद
(अ.स.) से उन्हों नें अली बबन हजसैन (अ.स.)
से, उन्हों नें अपनें वासलद (अ.स.) से, वो
फ़िमाते हैं:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
र्ब अल्लाह नें र्न्नत को खल्क ककया, तो
उस से कहा तू मज़
ज य्यन हो र्ा तो वह
मजज़य्यन हो गई.
उस्के बाद अल्लाह नें र्न्नत से कहा मैं
अपनें इज़्ज़त व र्लाल की क़सम खाता हूँ

HAZRAT ALI A.S… - 283 HAJINAJI.com


कक मैंनें तजझे पैदा नहीं ककया मगि ये कक
मोमेनीन के सलये. ताकी तजझे औि तेिे अंदि
िहनें वालों के सलय खश
ज ी व मस
ज िुत हो.
उस्के बाद िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें अली
(अ.स.) से फ़िमाया: अय अली! र्न्नत को
नहीं बनाया मगि ये कक तजम्हािे औि तजम्हािे
शीओं के सलये.108
गायतजल मिाम पेर्. 587, ह. 90.
108

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फ़ज़ीलत-91:
अबज मोहम्मद हजसैन अल फ़ािसी अल बैय,
अहमद बबन मोहम्मद से नक्ल किते हैं कक
उन्हों नें मोहम्मद बबन मंसूि से, उन्हों नें
मोहम्मद बबन इस्माईल से, उन्हों नें वाकीअ
से, उन्हों नें सजफीयान से, उन्हों नें अशअब
से, उन्हों नें अकिमा से, उन्हों नें इब्नें
अब्बास से, कक वह फ़िमाते हैैः
र्ो र्जमला िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें हज़ित
अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) के सलये
फ़िमाया है अगि वह मेिे सलये कहते तो मैं
अपनी पूिी काएनात दे दे ता.
लोगों नें इब्नें अब्बास से पूछा वह कौनसा
र्जमला कहा है?
उन्हों नें कहा: िसूलजल्लाह (स.अ.) नें हज़ित
अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) से फ़िमाया
अय अली (अ.स.) तम
ज मझ
ज से हो औि मैं

HAZRAT ALI A.S… - 285 HAJINAJI.com


तजम से हूँ तजम्हािी आल मजझ से है , औि हम
उनसे हैं, औि तजम्हािे शीआ हमसे हैं, औि
हम उनसे हैं, तजम्हािे शीआ दस
ू िे लोगों से
पांच सौ साल पहले र्न्नत में र्ाएँ गें .109
गायतजल मिाम पेर्. 459, ह. 35.
109

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फ़ज़ीलत-92:
इब्राहीम बबन मज़ािी खय्यात अहमद बबन
मोहम्मद बबन सईद अल िफ़ा अल बगदादी
नक्ल किते हैं, कक उन्हों नें अहमद बबन
अलील से, उन्हों नें अब्दल्
ज लाह बबन दाऊद
अल अंसािी से, उन्हों नें मूसा बबन अली
अल क़िशी से, उन्हों नें कम्बि बबन अहमद
बबन क़म्बि से, उन्हों नें अपनें वासलद से
उन्हों नें अपनें दादा क़म्बि हज़ित अली
इब्नें अबी तासलब (अ.स.) के गल
ज ाम से,
उन्हों नें कअब बबन नोफ़ल से, उन्हों नें
बेलाल बबन हमामह से, वह कहते हैं.
एक हदन िसूलजल्लाह (स.अ.व.) लोगों के
सामने आए उन्का चेहिा चाँद की तिह
नूिानी था. पस अब्दल
ज िहमान बबन औफ़
खड़ा हजआ औि कहा या िसूलजल्लाह

HAZRAT ALI A.S… - 287 HAJINAJI.com


(स.अ.व.) ककस सलये आप का चेहिा इतना
नूिानी है.
नबी (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
मजझे मेिे अल्लाह की तिफ से यह बशाित
यह
खजशखबिी आई है. मेिे भाई मेिे इब्नें अम
औि मेिी बेटी के बािे में, की अल्लाह नें
अली (अ.स.) की शादी र्नाबे फ़ाततमा
(स.अ.) के साथ कि दी है औि रिज़वान
(र्न्नत का तनगहबान) को हजक्म हदया की
तूबा के दिख़्त को हहलाओ. रिज़वान नें
दिख़्त हहलाया औि मेिी आल के हि एक
चाहनें वालों के सलये दिख़्त से एक पत्ता
गगिा. उस्के बाद रिज़वान नें उन तमाम पत्तों
को एक फ़रिश्ते को हदया र्ो नूि से था.
क़यामत के हदन यह फ़रिश्ता आवाज़ दे गा
औि कहे गा:

HAZRAT ALI A.S… - 288 HAJINAJI.com


अय हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.)
के चाहने वालो! आव औि अपनी चीज़ ले
र्ाव. उन में से र्ो भी मझ
ज े औि मेिी
इतित से मोहब्बत किता है. वह एक एक
पत्ता ले लेगा.
यह पत्ते र्हन्नम से नर्ात का पिवाना हैं,
औि हज़ित अली इब्ने अबी तासलब (अ.स.),
मेिी दख्
ज ति फ़ाततमा (स.अ.) औि उन्के
फिज़्न्दों के साथ मह
ज ब्बत किनें वालों के
अज्र में हदया र्ाएगा.110
110
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 117, ह. 96,
गायतजल मिाम पेर्. 586, ह. 85, तािीखे
बगदाद जर्ल्द. 4, पेर्. 210, ह. 1897, असदल

गाबह जर्ल्द. 1, पेर्. 206, सवाएकजल मोहिे कह
पेर्. 103, अल फ़ज़ाएलजल खम्सह जर्ल्द. 2,
पेर्. 147.

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फ़ज़ीलत-93:
अहमद बबन र्िाुह, अजब्दल अज़ीज़ बबन
याहहया अल र्ोलूदी से, उन्हों नें मोहम्मद
बबन ज़क़रिया से, उन्हों नें अब्दल्
ज लाह बबन
मजजस्लम से, उन्हों नें मजफज्ज़ल बबन सालेह
से, उन्हों नें र्ाबबि बबन यज़ीद उन्हों नें
ज़ाज़ान से, उन्हों नें सलमान औि इब्नें
अब्बास से, वो कहते हैं:
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
मेिार् की िात मैं अपनें पालनहाि से क़िीब
हजआ दो कमान या उस से भी कम फ़ासला
था (53:9), उसनें मेिे साथ दो अकीक़ के
पहाड़ों के दिसमयान बात की औि कहा:
अय अहमद! मैंनें आप को औि अली
(अ.स.) को अपनें नूि से पैदा ककया औि
मैंनें उन दोनों पहाड़ों को अली (अ.स.) के
चेहिे के नूि से पैदा ककया. मैं अपनें र्लाल

HAZRAT ALI A.S… - 290 HAJINAJI.com


की क़सम खा के कहता हूँ कक मैंनें उन
दोनों पहाड़ों को तनशानीं के सलये पैदा ककया
है जर्स के इस्तेमाल से मोंमेंनींन पहचानें
र्ाएँगें औि मैं अपनी ज़ात की क़सम खाता
हूँ कक र्ो लोग अपने हाथ में अकीक़ की
अगूठी पहन्ते हैं, औि अली (अ.स.) की
ववलायत को मानते हैं. उन्के ऊपि र्हन्नम
हिाम है.111
गायतजल मिाम पेर्. 7, ह. 13.
111

HAZRAT ALI A.S… - 291 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-94:
मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह बबन उबैहदल्लाह
बबन बहलोल अल मवाली, मोहम्मद बबन
हसन से नक्ल किते हैं कक उन्हों नें ईसा
बबन मेहिान से, उन्हों नें उबैदल्
ज लाह बबन
मूसा से, उन्हों नें खासलद बबन तहमान अल
खफ़फ़ाफ़ से, सअद बबन र्ोनादा अल अवफ़ी
से, उन्हों नें र्ैद बबन अिकम से, उन्हों नें
अबी सईद अल खजदिी से, कक वह कहते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया: हज़ित
अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) अिबों के
सिदाि हैं.
(इस हदीस में अली (अ.स.) अिब के सिदाि
हैं इस से मजिाद आप (अ.स.) बेहतिीन
मोसमनों के सिदाि हैं.)
पस लोगों नें नबी (स.अ.व.) से पूछा: क्या
आप अिब के सिदाि नहीं हैं?

HAZRAT ALI A.S… - 292 HAJINAJI.com


नबी (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
मैं इंसानों का सिदाि हूँ औि अली (अ.स.)
अिबों के सिदाि हैं. अल्लाह उस्को चाहता है
र्ो अली (अ.स.) को चाहता है र्ो उन्की
अताअत किता है अल्लाह उसे सीधे िास्ते
की हहदायत किता है. अल्लाह उसे बहिा
औि अंधा कि दे ता है. र्ो अली (अ.स.) से
नफ़ित औि उन्के साथ र्ंग किे .
अली (अ.स.) का हक़, मेिा हक़ है. उन्की
इताअत मेिी इताअत है. ससवाय इसके कक
मेिे बाद कोई नबी नहीं है. जर्सनें उन्को
छोड़ा उसनें मझ
ज े छोड़ा. जर्सनें मझ
ज े छोड़ा
उसने अल्लाह को छोड़ा.
मैं इल्म का शहि हूँ औि अली (अ.स.)
उस्का दिवाज़ा हैं. मैं हहकमत (औि वह
र्न्नत है) का शहि हूँ औि अली (अ.स.)
उस्का दिवाज़ा.

HAZRAT ALI A.S… - 293 HAJINAJI.com


पस यह मजमककन नहीं है. कक कोई दिवाज़े
के बगैि र्न्नत की हहदायत पार्ाए?
अली (अ.स.) खैरुल बशि हैं. र्ो इसका
इनकाि किे वह काकफ़ि है.113
गायतजल मिाम पेर्. 543, ह. 30, आमासलये
113

सदक
ू पेर्. 317, ह. 11, आमासलये तूसी जर्ल्द.
2, पेर्. 45, ह. 21, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द 40,
पेर्. 200, ह. 2.

HAZRAT ALI A.S… - 294 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-95:
क़ाज़ी अबज मोहम्मद हसन बबन मोहम्मद
बबन मूसा, अली बबन साबबत से नक्ल किते
हैं कक उन्हों नें हफ्जस बबन उमि से, उन्हों नें
यहहया बबन र्अफ़ि से, उन्हों नें अब्दल

िहमान बबन इब्राहीम से, उन्हों नें मासलक
बबन अनस से, उन्हों नें नाफेअ से, उन्हों नें
इब्नें उमि बबन अल खत्ताब से, वह कहते है.
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
अल्लाह उनलोगों की नमाज़, िोज़े, औि
इबादतों को क़बूल किता है. र्ो हज़ित अली
(अ.स.) से मजहब्बत किते हैं. औि उन्की
दआ
ज ओं को क़बल
ू किता है.
आगाह हो र्ाओ! र्ो अली (अ.स.) को
चाहता है. अल्लाह उस्को उस्के जर्स्म में
जर्तनीं िगें हैं. उस्के बिाबि र्न्नत में शहि
आता किे गा.

HAZRAT ALI A.S… - 295 HAJINAJI.com


आगाह हो र्ाओ! र्ो आले नबी (स.अ.व.)
को चाहता है . वह मीज़ान औि पजले ससिात
के हहसाब व ककताब से महफूज़ िहे गा.
आगाह हो र्ाओ! र्ो आले नबी (स.अ.व.)
से नफ़ित किते हजए मि र्ाए, क़यामत के
हदन उस्के आखों के दिसमयान सलखा होगा:
यह िहमते खजदा से मायूस है.114
गायतजल मिाम पेर्. 580, ह. 28, बेहारुल
114

अन्वाि जर्ल्द. 27, पेर्. 120, ह. 100,


ख्वािज़मी नें अपनी मानाककब में पेर्. 32,
ख्वािज़मी नें मक्तले हजसैन में जर्ल्द. 1, पेर्.
40, कश्कजल गजम्मह जर्ल्द. 1, पेर्. 104,
इशाुदल
ज कोलूब पेर्. 235, लेसानजल समज़ान
जर्ल्द. 5, पेर्. 62, फ़िाएदजज स्सम्तैन जर्ल्द. 2,
पेर्. 257, ह. 526, एह्काकजल हक़ जर्ल्द. 7,
पेर्. 161, अिर्हजल मतासलब पेर्. 526,
आलमज्दीन पेर्. 285.

HAZRAT ALI A.S… - 296 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-96:
अबज अजब्दल्लाह अहमद बबन मोहम्मद बबन
अय्यूब, अली बबन मोहम्मद बबन अय्येनह
बबन िोवैदा से, नक्ल किते हैं कक उन्हों नें
बकि बबन अहमद औि अहमद बबन
मोहम्मद र्िाुह से, उन्हों नें अहमद बबन
फ़ज़्ल अल अहवाज़ी से, उन्हों नें बकि बबन
अहमद से, उन्हों नें मोहम्मद बबन अली
(अ.स.) से, उन्हों नें अपने वासलद (अ.स.)
से, उन्हों नें मूसा बबन र्अफ़ि (अ.स.) से
उन्हों नें अपनें वासलद (अ.स.) से, उन्हों नें
मोहम्मद बबन अली (अ.स.) से, उन्हों नें
फ़ाततमा इमाम हजसैन (अ.स.) की दख्
ज ति से,
उन्हों नें अपनें वासलद हजसैन बबन अली
(अ.स.) औि अपनें चचा इमाम हसन बबन
अली (अ.स.) से, उन्हों नें अमीरुल मोंमें नींन

HAZRAT ALI A.S… - 297 HAJINAJI.com


हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) से,
आप (अ.स.) फ़िमाते हैं
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) फ़िमाते हैं:
र्ब मैं र्न्नत में दाखखल हूवा एक दिख़्त
के नीचे अलग अलग िं गों के घोड़ों को दे खा
र्ो हीिों से सर्े हजए थे. मैंनें हूिों, को दिख़्त
के नीचे औि रिज़्वान को दिख़्त के ऊपि
दे खा. तो मैंनें र्ब्रईल से पूछा यह दिख़्त
ककसके हैं?
र्ब्रईल नें कहा:
यह आप के भाई हज़ित अली इब्नें अबी
तासलब (अ.स.) के सलये है. र्ब अल्लाह
अपनी मखालूक़ात को र्न्नत में र्ानें का
हजक्म दे गा उस वक्त अली (अ.स.) के शीओं
को इस दिख़्त के पास ले आया र्ाएगा. वो
हीिे व र्वाहे िात से बने हजए कपडे पहनें
होंगे, औि सर्े हजए घोड़ों पि सवाि होंगें ,
उस्के बाद मजनादी तनदा दे गा. ये लोग अली

HAZRAT ALI A.S… - 298 HAJINAJI.com


(अ.स.) के शीआ हैं. इनको दन्ज या में सताया
र्ाता था तो ये सब्र किते थे इससलये इनको
आर् सखावत के साथ उस्के अर्ि व
इकिाम से नवाज़ा र्ा िहा है.

HAZRAT ALI A.S… - 299 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-97:
अहमद बबन मोहम्मद बबन हजसैन, विीज़ह
बबन मोहम्मद बबन विीज़ह से नक्ल किते
हैं कक उन्हों नें अपनें दादा वािीज़ह बबन
मोहम्मद अल गस्सानी से, उन्हों नें अली
बबन मूसा िे ज़ा (अ.स.) से, उन्हों नें अपने
वासलद (अ.स.) से, उन्हों नें र्अफ़ि बबन
मोहम्मद (अ.स.) से, उन्हों नें अली बबन
हजसैन (अ.स.) से, उन्हों नें अपनें वासलद
(अ.स.) से, कक आप (अ.स.) फ़िमाते हैं:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया है:
र्ब मैं मेिार् की िात ऊपि र्ा िहा था, तो
मैंनें अपनें र्द नूह (अ.स.) से समलाक़ात
की.
उन्हों नें मजझसे पूछा: अय मोहम्मद
(स.अ.व.)! आपनें अपनी उम्मत के सलये
ककसको खलीफ़ा मोअय्यन ककया है?

HAZRAT ALI A.S… - 300 HAJINAJI.com


मैंनें कहा हज़ित अली इब्ने अबी तासलब
(अ.स.) को
नह
ू (अ.स.) नें कहा: आप नें ककतना अछा
खलीफ़ा मोअय्यन ककया है.
उस्के बाद मैंने अपनें भाई मूसा (अ.स.) से
मजलाक़ात की उन्हों नें मजझसे पूछा: अय
मोहम्मद (स.अ.व.) आप नें अपनी उम्मत
के सलये ककसको खलीफ़ा बनाया है ?
मैंनें कहा: हज़ित अली इब्ने अबी तासलब
(अ.स.) को
मूसा (अ.स.) नें कहा ककतना बेतिीन
खलीफ़ा बनाया है.
उस्के बाद मैंनें अपनें भाई ईसा (अ.स.) से
मजलाक़ात की उन्हों नें मजझ से पूछा: अय
मोहम्मद (स.अ.व.)! आप नें अपनीं उम्मत
के सलये ककसको खलीफ़ा मोअय्यन ककया है.
मैंनें कहा: हज़ित अली इब्नें अबीतासलब
(अ.स.), को

HAZRAT ALI A.S… - 301 HAJINAJI.com


ईसा (अ.स.) नें कहा आप नें ककतना
बेहतिीन खलीफ़ा मोक़िुि ककया है .
उस्के बाद मैंनें र्ब्रईल से पूछा: मैंनें अपनें
बाप इब्राहीम को क्यूं नहीं दे खा?
तब र्ब्रईल मजझे एक र्गह ले गए र्हां
मैंनें इब्राहीम (अ.स.) को एक दिख़्त के पास
दे खा जर्स दिख़्त में भेड र्ैसा वपस्तान था.
सािे बच्चे उस दिख्त के वपस्तान से पी िहे
थे, औि अपना रिज़्क़ हाससल कि िहे थे.
र्ब ककसी बच्चे के मजहं से वपस्तान तनकल
र्ाता था. तो इब्राहीम (अ.स.) दोबािा उस्के
मजहं में दे त.े
इब्राहीम (अ.स.) नें मझ
ज से पछ
ू ा: अय
मोहम्मद (स.अ.व.)! आप नें अपनीं उम्मत
केसलये ककसको खलीफ़ा मोअय्यन ककया है?
मैंनें कहा हज़ित अली इब्नें अबी तासलब
(अ.स.).

HAZRAT ALI A.S… - 302 HAJINAJI.com


इब्राहीम (अ.स.) नें कहा ककतना अचछा
खालीफ़ा बनाया है. अय मोहम्मद (स.अ.व.)!
मैंनें अल्लाह से दआ
ज की, कक मझ
ज े अली
(अ.स.) के शीओं के बच्चो तक रिज़्क़
पहजंचानें की जज़म्मेदािी अता कि. इससलये
क़यामत के हदन तक उन्को रिज़्क़ पहजंचाने
का जज़म्मेदाि मैं हूँ.116
गायतजल मिाम पेर्. 69, ह. 21, बेहारुल
116

अनवि जर्ल्द. 27, पेर्. 121, ह. 102.

HAZRAT ALI A.S… - 303 HAJINAJI.com


फ़ज़ीलत-98:
क़ाज़ी अबजल हसन मोहम्मद बबन उस्मान
बबन अजब्दल्लाह अल नसीबी र्अफ़ि बबन
मोहम्मद अल अल्वी से नक्ल किते हैं कक
उन्हों नें अब्दल्
ज लाह बबन अहमद से, उन्हों नें
मोहम्मद बबन जज़याद से, उन्हों नें
मोफ़ज्ज़ल बबन अम्र से, उन्हों नें र्अफ़ि
बबन मोहम्मद (अ.स.) से, उन्हों नें अपनें
वासलद (अ.स.) से, उन्हों नें अली बबन हजसैन
(अ.स.) से, उन्हों नें अपनें वासलद (अ.स.)
से, कक वह फ़िमाते हैं.
अमीरुल मोंमें नींन (अ.स.) ‘िहबह, में बैठे हजए
थे, औि लोग उन्के इदु गगदु र्मा थे. एक
शख्स उठा औि उसने कहा:
या अमीरुल मोंमें नींन! अल्लाह नें आप को
इत्ना रूतबह औि दर्ाु आता ककया है .
लेककन आप के वासलद र्हन्नम में

HAZRAT ALI A.S… - 304 HAJINAJI.com


अर्ीय्यत पानें वालों में हैं. मैंनें कहा:
खामोश हो र्ा. अल्लाह तेिी ज़जबान बंद
किदे .
(यह न भूलो कक अली (अ.स.) हक्क के
साथ हैं औि हक्क अली (अ.स.) के साथ है)
अल्लाह की क़सम! जर्सनें मोहम्मद
(स.अ.व.) को नबी बनान कि भेर्ा, अगि
मेिे वासलद ज़मीन पि िहनें वाले तमाम
लोगों की शफ़ाअत किें तो अल्लाह कबल

किे गा. ककस तिह मेिे वासलद र्हन्नम में
होंगें र्बकी मैं उन्का फ़िज़न्द र्न्नत व
र्हन्नम को तक़सीम किने वाला हूँ.
अल्लाह की क़सम! जर्सनें मोहम्मद
(स.अ.व.) को नबी बनाकि भेर्ा, कयामत के
हदन मेिे वासलद का नूि हि एक नूि से
ज़्यादा होगा ससवाए पांच नूि के:
मोहम्मद (स.अ.व.) का नूि, मेिा (अली
अ.स.) का नूि, र्नाबे फ़ाततमा (स.अ.) का

HAZRAT ALI A.S… - 305 HAJINAJI.com


नूि, हसन (अ.स.) का नूि, हजसैन (अ.स.) का
नूि, औि हजसैन (अ.स.) के फ़िज़न्दों में से
तमाम अइम्मा (अ.मज.स.) के नूि. अल्लाह
इन्के नूि को आदम (अ.स.) की खखल्कत से
दो हज़ाि साल पहले खल्क ककया है.118
अल हजज्र्ाह अला साबबत एला तक्फीि अबी
118

तासलब पेर्. 72, अल दर्ुतजल िफीआ पेर्.


50, आमासलये तूसी जर्ल्द. 1, पेर्. 331, ह.
58, बशाितजल मजस्तफ़ा पेर्. 249, तबिसी नें
अल एहतेर्ार् में जर्ल्द. 1, पेर्. 340,
बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 35, पेर्. 69, ह. 3,
अल गदीि जर्ल्द. 7, पेर्. 387, ह. 3.

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फ़ज़ीलत-99:
अल मोआफ़ी ज़करिया अबजल फ़िर्,
मोहम्मद बबन अहमद बबन अबी सलर् से
नक्ल किते हैं, कक उन्हों नें हसन बबन
मोहम्मद बबन बहिाम से, उन्हों नें यूसजफ़
बबन मूसा अल क़त्तान से, उन्हों नें र्जिैि से,
उन्हों नें लैस से, उन्हों नें मजर्ाहहद से, उन्हों
नें इब्नें अब्बास से, कक वह फ़िमाते हैं:
िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
अगि तमाम दिख़्त क़लम बन र्ाएं, तमाम
दिया ससयाही बन र्ाएं, तमाम जर्न्नात
शजमाि किनें वाले गगन्नें वाले हों, औि तमाम
इंसान सलखनें वाले हों, तब भी सब समलकि
फ़ज़ाएले अली (अ.स.) को शजमाि नहीं कि
सकते.119
कन्र्जल
119
उम्माल पेर्. 128, मनाककबे
ख्वािज़मी पेर्. 2, केफायातो तासलब पेर्. 251,

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फ़िाएदजज स्समतैन जर्ल्द. 1, पेर्. 216, लेसानजल
मीज़ान जर्ल्द 5, पेर्. 62, मीज़ानजल एअतेदाल
जर्ल्द. 3, पेर्. 467, बेहारुल अन्वाि जर्ल्द. 4,
पेर्. 70, h. 105, कश्कजल गजम्मह जर्ल्द. 1, ह.
111, अल तिाएफ़ पेर्. 138, ह. 216, हहल्यतजल
अबिाि जर्ल्द. 1, पेर्. 289, यनाबीउल मव्दह
पेर्. 121, गायतजल मिाम पेर्. 493, ह. 1,
मनाककबे ख्वािज़मी पेर्. 235, अर्ाुहजल
मतासलब पेर्. 11, कश्फजल हक्क जर्ल्द. 1, पेर्.
108, अिबईन खोज़ाई ह. 38, समसबाहजल अन्वाि
पेर्. 121, तावीलजल आयात पेर्. 888, ह.13,
मव्दतजल कजिबा पेर्. 55.

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फ़ज़ीलत-100:
अबज मोहम्मद हसन बबन अहमद बबन
मोहम्मद अल मर्लदी, हजसैन बबन मोहम्मद
बबन इस्हाक़ से, उन्हों नें मोहम्मद बबन
ज़करिया से, उन्हों नें र्अफ़ि बबन मोहम्मद
(अ.स.) उन्हों नें अपनें वासलद (अ.स.) से,
उन्हों नें अली बबन हजसैन (अ.स.) से, उन्हों
नें अमीरुल मोंमें नींन (अ.स.) से कक वह
फ़िमाते हैं:
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें फ़िमाया:
अल्लाह नें मेिे भाई हज़ित अली (अ.स.) को
इतनीं फ़ज़ीलतें अता की हैं. र्ो गगनीं नहीं
र्ासक्ती. अगि कोई उन्की फ़ज़ीलतों पि
ईमान िखते हजए एक फ़ज़ीलत को बयांन
केिे तो अल्लाह उस्के अगले औि वपछले
तमाम गजनाहों को मोआफ़ कि दे ता है. अगि
कोई एक फ़ज़ीलत सलखे, तो फ़रिश्ते उस्के

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सलये उस वक्त तक अस्तगफ़ाि किते िहते
हैं. र्बतक वह तहिीि बाकी िहती है. अगि
कोई एक फ़ज़ीलत सजनता है. तो अल्लाह
उस्के कानों से ककये हजए तमाम गजनाहों को
मोआफ़ किदे ता है. अगि कोई एक फ़ज़ीलत
दे खे तो अल्लाह उस्के आँखों से ककये गए
तमाम गन
ज ाहों को मोआफ़ किदे ता है. हज़ित
अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) के ऊपि
तनगाह किना इबादत है, औि उन्का जज़क्र
किना अल्लाह की इबादत है. अल्लाह ककसी
के ईमान को कबूल नहीं किे गा र्बतक
अली (अ.स.) की ववलायत का इक़िाि नहीं
किता औि उन्के दश्ज मनों से बिाअत नहीं
किता.120
120
बेहारुल अनवि जर्ल्द. 26, पेर्. 229, ह. 10,
मनाककबे ख्वािज़मी पेर्. 2, केफ़ायतजल तासलब
पेर्. 252, फ़िाएदजज स्समतैन जर्ल्द. 1, पेर्. 19,
मीनार्जल एअतेदाल जर्ल्द. 3, पेर्. 467,

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आमासलये सदक
ू पेर्. 119, ह. 9, र्ामजल
अखबाि पेर्. 17, तावीलजल आयात पेर्. 888,
कश्कजल हक्क जर्ल्द. 1, पेर्. 108, यनाबीउल
मव्दह पेर्. 121, गायतजल मिाम पेर्. 293, ह.
2, अल मोहतज़ि पेर्. 98, कश्कजल गजम्मह
जर्ल्द. 1, ह. 112.
अल्लाह तआला कजिान मर्ीद में फ़िमाता है .
‘’अय पैगम्बि! आप कह दीजर्ए कक मैं तजम
से तब्लीगे रिसालत का कोई अज्र नहीं
चाहता अलावा इसके कक मेिे अक़रुबा से
मोहब्बत किो.’’ (सूिए शूिा आ.23).
हज़ित अब्दल्
ज लाह इब्नें अब्बास से रिवायत
है कक र्ब यह आयत नाजज़ल हजई तो सहाबा
केिाम नें पूछा
‘’या िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.)! आप के
क़िाब्दािों में कौन हैं. कक जर्नकी मोहब्बत
हमािे ऊपि वाजर्ब की है.?’’

HAZRAT ALI A.S… - 311 HAJINAJI.com


आप (स.अ.व.) नें फ़िमाया ‘’अली, फ़ाततमा,
औि उन्के दोनों फ़िज़न्द हसन औि हजसैन
(अ.स.).
(अल मोअर्मजल कबीि ह. 21)
(मज्मूउल ज़वाएद जर्ल्द. 9, पेर्. 168.)

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-आमलमों के इस ककताब के बारे
में अक़वाल-
अल्लाह के नाम से र्ो िहमान व िहीम है
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) की
हयित में डालदे नें वाली फ़ज़ीलतें बेशजमाि हैं.
यही वर्ह है कक िसूलजल्लाह (स.अ.व.) नें
फ़िमाया है. अगि तमाम दिख्तों को क़लम
बना सलया र्ाए, तमाम दियाओं को िोशनाई
बना सलया र्ाये, तमाम अजर्न्नह शजमाि
किनें वाले हो र्ाएँ औि तमाम इंसानों को
सलखनें वाला बना हदया र्ाए तो भी वो
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) की
फ़ज़ीलातों को शजमाि नहीं कि सकते हैं.
सजन्नी ककताबें भी आप (अ.स.) की हयित में
डाल दे नें वाली फ़ज़ीलतों से भिी हैं.
सजन्नी के बड़े बड़े ओल्मा जर्नमें अहमद
बबन हं बल, इस्माईल बबन इस्हाक़, अल

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नेसाई औि अबज अल नेशापूिी कहते हैं कक
‘र्ैसी भिोसे मंद औि यकीनी हदीसें
िसल
ू ल्
ज लाह (स.अ.व.) नें हज़ित अली इब्नें
अबी तासलब (अ.स.) के सलये फ़िमाएई है
ककसी सहाबी के सलये नहीं फ़िमाई है.’
आक़ा बजज़जगु तेहिानी अपनी ककताब अल
ज़िीआ में सलखते हैं.
हज़ित अली इब्नें अबी तासलब (अ.स.) औि
उन्के फ़ज़ुन्दों के बािे में एकसौ हैित में
डाल दे ने वाली फ़अज़ीलतें . आसलम अबबल
हसन मोहम्मद बबन अहमद बबन अली
हसन बबन शाज़ान अल कजम्मी नें र्मा की
है.
वह शैख क़िाचकी औि शैख नर्ाशी के
उस्ताद थे.
मोअजल्लफ़ (अल्लाह उन्के दर्ाुत बलंद किे )
उन्हों नें अहलेबैत (अ.मज.स.) की फ़ज़ीलातों
में से एकसौ िवायात र्मा ककया है.

HAZRAT ALI A.S… - 314 HAJINAJI.com


जर्स में से एक बड़ा हहस्सा अइम्मा
(अ.म.ज स.) की इमामत को मोअय्यन किनें
के बािे में बयान किता है.
ये ककताब ‘इब्नें शाज़ान के फ़ज़ाएल’ के
नाम से र्ानी र्ाती है . जर्स तिह बेहारुल
अन्वाि, मनाककबे ख्वािज़मी, औि अल दमअ
अल साकीब.
शैख अल किचकी नक्ल किते हैं कक इस
ककताब के मोअजल्लफ़ के साथ मस्र्ेदल

हिाम में मजलाक़ात की, साल 412, में मक्का
में उन्के उस्ताद थे औि मोअजल्लफ़ ने उनसे
इस ककताब के बािे मे सािी बातें तफ़सील से
नक्ल की.

HAZRAT ALI A.S… - 315 HAJINAJI.com


-वो सुनी ककताबें कक ल्जस में
आमलमों नें इस ककताब को
हवाले के तौर र्र इस्तेमाल
ककया है -
शीआ सजन्नी दोनों आसलमों ने इब्नें शाज़ान
की ककताबों का हवाला हदया है औि उसे
भिोसेमंद
र्ाना है.
नीचे दर्ु की गई बहजत सािी सजन्नी ककताबें
हैं कक जर्न्हों ने अपनी ककताबों में इस
ककताब का हवाला हदया है:
1 -अल इस्तेआब
2 –सवाएकजल मोहिे कह
3 –नूरुल अख्बाि
4 –फ़तह अल बािी

HAZRAT ALI A.S… - 316 HAJINAJI.com


5 –मजस्तदिकजल सहीहैन
6 –तफ़सीिे सलबी
7 –मनाककबे ख्वािज़मी
8 –तबक़ात हनाबेलह
9 -अल कामेल इब्ने असीि
10 –केफ़ायत अल तासलब
11 –रियाज़जल नज़िाह
12 –नोज़म दोिि अल ससमतैन
13 –तहज़ीबल
ज तहज़ीब
14 –तािीखल
ज खोल्फा
15 –सेिायातल
ज हल्बीयह
16 –इसाफ़ अल िागेबीन
17 –अल िोवाज़ अल अज़हि
18 –समफ़ताहजल नर्ा
19 -यनाबीउल मव्दह
20 –तर्हीज़जल र्ैश

HAZRAT ALI A.S… - 317 HAJINAJI.com


21 –मक़सदल
ज तासलब
22 –फ़तहजल ओला
23 –शिहे र्ामे अल सगीि अल मनावी
24 –शवाहे दत्त
ज न्र्ील
25 -तािीखे दसमश्क
26 मनाककबे अहमद बबन हम्बल
27 –मनाककब अल अशेिा लील गशबंदी
28 –मेिक़तजल मफ़ातीह फ़ी शिहे
समश्कातल
ज मसाबीह
29 –अल मजख्ताि फ़ी अल मानाककब
अल अख्याि
30 –एतहाफ़ ज़ोवे अल नर्ेबा
31 –ज़ोलोमात अबी रियाह
32 –तबकात अल मालेफीय्या
33 –मदाखेल अल केिावानी
34 –शिह रिसालत अल हलबी

HAZRAT ALI A.S… - 318 HAJINAJI.com


35 -वसीलतजन नर्ात
36 –तहिीफजल अहबाब
37 –मनल अल तालेब फ़ी मनाकेन अली
बबन अबी तासलब

HAZRAT ALI A.S… - 319 HAJINAJI.com


बहुत सारे सुन्नी ओलमा ल्जन्हों
नें इस ककताब के ऊर्र भरोसा
ककया है और इस से हदीसें
नक्ल की हैं
1-अल हाकफ़ज़ अबज मोअय्यद अल मजवफ्जफक़
बबन अहमद बबन मोहम्मद बबन अल बकिी
अल हनफ़ी र्ो अखतब अल ख्वािज़म के
नाम से र्ानें र्ाते हैं.
2-अल हाकफ़ज़ अल शाहहद अबज उबैदल्
ज लाह
मोहम्मद बबन यूसजफ़ बबन मोहम्मद अल
कजिै शी अल कन्र्ी अल शाफेई जर्न्हों नें
ककताब केफ़ायतत्त
ज ासलब सलखी है वह इस
ककताब को सलखने की वर्ह से दमास्क़स
की मजस्र्द मे कत्ल कि हदये गए इससलये
कक इन्हों ने इस ककताब में शीओं की तिफ़
दािी में कजछ बातें सलख दी थीं.

HAZRAT ALI A.S… - 320 HAJINAJI.com


3-अल मोह्हदस इब्राहीम बबन मोहम्मद
बबन मोअय्यद बबन अजब्दल्लाह बबन अली
अल हमावायनी.
अबल
ज फ़तह मोहम्मद बबन अली बबन
उस्मान अल किार्ी, सय्यद िज़ी इब्नें
ताऊस, अल मर्सलसी, सय्यद हासशम
बहिानी औि अल्लामा शैख अब्दल
ज हजसैन
अमीनी सहहत बहजत सािे शीआ ओलमा
अपनी ककताबों औि हवालों में इस ककताब
औि इब्नें शाज़ान के नशरियात को बजन्याद
बनया है.

HAZRAT ALI A.S… - 321 HAJINAJI.com


बहुत से शीआ ओलमा कक
ल्जन्हों नें इस ककताब में हदीस
को बयान करने वाले रावीयों को
अर्नें नज़दीक मोवस्सक़ और
भरोसे मंद जाना है .
1-आसलम अबी र्अफ़ि मोहम्मद बबन अली
बबन हजसैन बाबवैह.
2-आसलम अबी मोहम्मद र्अफ़ि बबन
अहमद बबन अली अल कजम्मी.
3-आसलम, अबी अल क़ाससम अली बबन
मोहम्मद बबन अली अल खज़्ज़ाज़ अल
कजम्मी.
4-आसलम अबी अब्दल्
ज लाह मोहम्मद बबन
मोहम्मद बबन नोंअमान अल मफ़
ज ीद.

HAZRAT ALI A.S… - 322 HAJINAJI.com


5-आसलम अली अल अब्बास अहमद बबन
अली अल नर्ाशी.

HAZRAT ALI A.S… - 323 HAJINAJI.com


इस ककताब में हदीस बयान
करने वाले उन रावीयों को जो
शीआ ओलमा के नज़दीक
मोवस्सक़ हैं और उन्हों नें
अर्नी ककताबों में उन्की
रवायतों को ल्ज़क्र ककया है .
1- अबज मोहम्मद इब्राहीम बबन मोहम्मद
अल मसिी अल खय्यात
2- अबल
ज हसन अहमद बबन हसन, अल
ज़ाक, अल िज़ी.
3- नेशापिज ी अहमद बबन अल हसन बबन
मोहम्मद.
4- अहमद बबन अली बबन अल हसन
बबन शाज़ान अल फ़ामी अल कजम्मी (अपने
वासलद).

HAZRAT ALI A.S… - 324 HAJINAJI.com


5- अब्दल
ज हसन अहमद बबन मोहम्मद
बबन अहमद बबन तिखान अल ककन्दी
अलग्रानी.
6- अहमद बबन मोहम्मद बबन अल
हजसैन
7- अहमद बबन मजहम्मद बबन सईद बबन
ऊक़दा
8- अहमद बबन मोहम्मद बबन सजलैमान
बबन अल हसन बबन बकीि बबन अय्यान
बबन सोनन अबज ग़ासलब अल ज़िािी
9- अबज अब्दल्
ज लाह अहमद बबन मोहम्मद
बबन उबैहदल्लाह बबन अल हसन आईश बबन
इब्राहीम बबन अय्यूब बबन अल र्ोहिी
10- अहमद बबन मोहम्मद बबन इमिान
अल र्िाुह
11- अहमद बबन मोहम्मद बबन मूसा
बबन उवुह

HAZRAT ALI A.S… - 325 HAJINAJI.com


12- अबज मोहम्मद र्अफ़िबबन मोहम्मद
बबन अल हजसैन अल शशी
13- अबजल क़ाससम र्अफ़ि बबन मोहम्मद
बबन कोलोह (अपनें चचा)
14- अबल
ज क़ाससम र्अफ़ि बबन मोहम्मद
बबन मसरूि
15- अल हसन बबन मोहम्मद अल
सोखतवैह
16- अबज मोहम्मद अल हसन बबन अहमद
बबन मोहम्मद अल मजगलदी
17- अल शिीफ़ अल हसन बबन हम्ज़ा
बबन अली बबन अजब्दल्लाह बबन मोहम्मद
बबन अल हसन अल हजसैन बबन अली बबन
अल हजसैन बबन अली बबन अबी तासलब अल
तबिी
18- अल शिीफ़ अल नकीब, हसन बबन
मोहम्मद अल अलवी अल हजसैनी

HAZRAT ALI A.S… - 326 HAJINAJI.com


19- क़ाज़ी अबज मोहम्मद अल हसन बबन
मोहम्मद बबन मस
ू ा
20- अबज अब्दल्
ज लाह अल हजसैन बबन
अहमद बबन मोहम्मद बबन अहवाल
21- मत्त
ज की शैख, अबज अब्दल्
ज लाह अल
हजसैन बबन अजब्दल्लाह अल कजतजई
22- फ़ािसी, अबज मोहम्मद अल हजसैन अल
बैय
23- अबज अब्दल्
ज लाह अल हजसैन बबन
मोहम्मद बबन इस्हाक़ बबन खतीब अल सूती
24- अल हजसैन बबन मोहम्मद बबन
मेहिान अल दमधानी
25- क़ाज़ीउल क़ोज़ात अबज अब्दल्
ज लाह अल
हजसैन बबन हारून अल दाबी
26- सहल बबन अहमद बबन अजब्दल्लाह
बबन अहमद बबन सहल अल दे बागीअल
कूफ़ी

HAZRAT ALI A.S… - 327 HAJINAJI.com


27- ज़करिय्या तल्हा बबन अहमद बबन
तल्हा बबन मोहम्मद अल सििाुम अल
नीशापूिी
28- अबज मोहम्मद अब्दल्
ज लाह अज़ीज़ बबन
र्अफ़ि बबन मोहम्मद बबन कोलोएह
29- शैख अल सालेह अबज मोहम्मद
अब्दल्
ज लाह बबन अल हजसैन
30- अबजल क़ाससम अब्दल्
ज लाह बबन
मोहम्मद बबन इस्हाक़ बबन सजलैमान बबन
हनाना अल बज़ाज़.
31- अबज मोहम्मद अब्दल्
ज लाह बबन यूसजफ़
बबन मामोअह अल अस्बहानी
32- अबल
ज क़ाससम उबैदल्
ज लाह बबन अल
हसन बबन मोहम्मद अल सख्वे
33- अबजल हसन अली बबन अहमद बबन
मोतोएह अल मकिी अल वाहे दी.

HAZRAT ALI A.S… - 328 HAJINAJI.com


34- अली बबन अल हजसैन बबन अली बबन
अल हसन अबजल हसन अल नहवी अल
िाज़ी.
35- बबन मोहम्मद मोतोल, अल कलांसी.
36- अबल
ज हसन अली बबन मोहम्मद अल
मोकतेब अल लोगवे अल िज़ी
37- अबज हफ्जस अम्र बबन इब्राहीम बबन
अहमद बबन कसीि अल मकिी
38- अल हाकफ़ज़ अबज बक्र मोहम्मद बबन
अहमद बबन अल हजसैन बबन अल क़ाससम
बबन अल गतिीफ़ अल र्जिर्ानी.
39- अल शिीफ़ अबज र्अफ़ि मोहम्मद
बबन अहमद बबन मोहम्मद बबन ईसा अल
अलवी.
40- अबजल हसन मोहम्मद बबन र्अफ़ि
बबन मोहम्मद बबन अल नज्र्ाि अल कूफ़ी
अल नहवी अल तमीमी.

HAZRAT ALI A.S… - 329 HAJINAJI.com


41- महान शैख मोहम्मद बबन अल हसन
बबन अहमद बबन अल वलीद.
42- अबजल तैय्यब मोहम्मद बबन अल
हजसैन अल तीमली.
43- मोहम्मद बबन हम्माद बबन बशीि.
44- मोहम्मद बबन हासमद बबन अल हजसैन
बबन हासमद बबन अल िीसबीया अल लोखमी
अल र्िाुि.
45- मोहम्मद बबन साद, अबजल फ़िर्.
46- मोहम्मद बबन साद अल दहकान.
47- आलीम अबज बक्र मोहम्मद बबन
अजब्दल्लाह बबन हमदन
ू अल फ़ज़ल.
48- मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह बबन
मोहम्मद बबन उबैहदल्लाह बबन अल बहलोल
बबन मताि बबन मजतलीब बबन मताि बबन
अबजल फ़ज़्ल अल शैबानी.

HAZRAT ALI A.S… - 330 HAJINAJI.com


49- मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह बबन
अजब्दल्लाह, अल हफ़ीज़.
50- मोहम्मद बबन अजब्दल्लाह बबन
उबैदल्
ज लाह बबन मजिाु.
51- क़ाज़ी अबजल हजसैन मोहम्मद बबन
उस्मान बबन अजब्दल्लाह अल नसेबी.
52- मोहम्मद बबन अली बबन हजसैन बबन
मूसा बबन बाबवैह ‘अल सदक़
ू ’
53- अबज अब्दल्
ज लाह मोहम्मद बबन अली
बबन ज़ानर्ेवीय्यह.
54- मोहम्मद बबन अली बबन सजककि.
55- अबजल हजसैन मोहम्मद बबन अली बबन
अल मफ़
ज ज़्ज़ल बबन होमम अल कूफ़ी.
56- मोहम्मद बबन फ़ज़ल बबन तमाम
अल ज़य्यात.
57- मोहम्मद बबन एमाद अल तजसतिी.
58- मोहम्मद बबन मोहम्मद बबन मजिाुत.

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59- अबजल फ़िर् मोहम्मद बबन मोज़फ्जफ़ि
बबन अहमद बबन सईद अल दगाग.
60- अबजल फ़िर् मोहम्मद बबन मोज़फ्जफ़ि
बबन कैस अल मजकिी.
61- अबज अजब्दल्लाह मोहम्मद बबन
वहबान अल हन्नाद.
62- अबज सहल महमूद बबन अम्र बबन
महमद
ू अल अस्किी.
63- क़ाज़ी, अबजल फ़िर् अल मोअफ़ीबबन
ज़किीय्या बबन याहहया अल नहिवानी.
64- शैख नूह बबन अहमद बबन अयमन.
65- अबज मोहम्मद हारून बबन मूसा बबन
अहमद बबन सईद अल तलकबािी.
66- अबज मोहम्मद बबन फ़िीद अल
बजंशर्ी.

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