"श्री रावण कृतं सम्पूर्ण शिव तांडव स्तोत्र" Facebook

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“श्री रावण कृतं सम्पूणर् िशव तांडव स्तोत्र” | Fa…

श्री महाकालेश्वर ज्योितिलर् ङ्ग, उज्जैन

“श्री रावण कृतं सम्पूणर् िशव तांडव स्तोत्र”


21 JUNE 2016 · PUBLIC

"िशव ताण्डव स्तोत्र की मिहमा"


हर िकसी के मन में एक ख्याल हमेशा आता है िक; क्या
कोई ऐसा मंत्र है जो आपको सारा वैभव और िसिद्धयां दे
सकता है। मंत्रों में बड़ी शिक्त होती है, एक मंत्र का सही
जाप आपकी िजं दगी बदल सकता है। ऐसा ही एक स्तोत्र है
िशवतांडव स्तोत्र, िजसके जिरए आप न केवल धन-संपित्त
पा सकते हैं बिल्क आपका व्यिक्तत्व भी िनखर जाएगा।
िशव तांडव स्तोत्र रावण द्वारा रचा गया है, इसकी किठन
शब्दावली और अिद्वतीय वाक्य रचना इसे अन्य मंत्रों से
अलग बनाती है। आपके जीवन में िकसी भी िसिद्ध की
महत्वाकांक्षा हो इस स्तोत्र के जाप से आपको आसानी से
प्राप्त हो जाएगी।
सबसे ज्यादा फायदा आपकी वाक िसिद्ध को होगा, अगर
अभी तक आप दोस्तों में या िकसी ग्रुप में बोलते हुए अटकते
हैं तो यह समस्या इस स्तोत्र के पाठ से दू र हो जाएगी।
इसकी शब्द रचना के कारण व्यिक्त का उच्चरण साफ हो
जाता है। दू सरा इस मंत्र से नृत्य, िचत्रकला, लेखन,
युद्धकला, समािध, ध्यान आिद कायोर् में भी िसिद्ध िमलती
है। इस स्तोत्र का जो भी िनत्य पाठ करता है उसके िलए
सारे राजसी वैभव और अक्षय लक्ष्मी भी सुलभ होती है।
िशव ताण्डव स्तोत्र (संस्कृत:िशवताण्डवस्तोत्रम्) महान
िवद्वान एवं परम िशवभक्त लंकािधपित रावण द्वारा िवरिचत
भगवान िशव का स्तोत्र है। मान्यता है िक; रावण ने कैलाश
पवर्त ही उठा िलया था और जब पूरे पवर्त को ही लंका ले
चलने को उद्यत हुआ तो; महादे व ने अपने अंगूठे से तिनक
सा जो दबाया तो कैलाश िफर जहां था वहीं अविस्थत हो
गया।
िशव के अनन्य भक्त रावण का हाथ दब गया और वह
आतर्नाद कर उठा;
"महादे व महादे व" क्षमा कीिजये- क्षमा कीिजये, और स्तुित
करने लग गया; जो कालांतर में िशव तांडव स्तोत्र
कहलाया।

"काव्य शैली"
िशवताण्डव स्तोत्र स्तोत्रकाव्य में अत्यन्त लोकिप्रय है। यह
पञ्चचामर छन्द में आबद्ध है। इसकी अनुप्रास और समास
बहुल भाषा संगीतमय ध्विन और प्रवाह के कारण िशवभक्तों
में प्रचिलत है। सुन्दर भाषा एवं काव्य-शैली के कारण यह
स्तोत्रों िवशेषकर िशवस्तोत्रों में िविशष्ट स्थान रखता है।

" अथ रावण कृत िशव तांडव स्तोत्र "

जटाटवीग लज्जलप्रवाहपािवतस्थले
गलेऽवलम्ब्यलिम्बतां भुजंगतुंगमािलकाम्।
डमड्डमड्डमड्डम िन्ननादवड्डमवर्यं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः िशवः िशवम "1"

जटा कटा हसंभ्रम भ्रमिन्निलं पिनझर्री ।


िवलोलवी िचवल्लरी िवराजमानमूधर्िन ।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
िकशोरचंद्रशेखरे रितः प्रितक्षणं ममं "2"

धरा धरेंद्र नंिदनी िवलास बंधुवंधुर-


स्फुरदृगंत संतित प्रमोद मानमानसे ।
कृपाकटा क्षधारणी िनरुद्धदु धर्रापिद
कविचिद्वगम्बरे मनो िवनोदमेतु वस्तुिन "3"

जटा भुजं गिपं गल स्फुरत्फणामिणप्रभा-


कदं बकुंकुम द्रवप्रिलप्त िदग्वधूमुखे ।
मदांध िसं धु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो िवनोदद्भुतं िबं भतुर् भूतभतर्िर "4"

सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर-


प्रसून धूिलधोरणी िवधूसरांिघ्रपीठभूः ।
भुजंगराज मालया िनबद्धजाटजूटकः
िश्रये िचराय जायतां चकोर बंधुशेखरः "5"

ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुिरगभा-
िनपीतपंचसायकं िनमिन्निलं पनायम् ।
सुधा मयुख लेखया िवराजमानशेखरं
महा कपािल संपदे िशरोजयालमस्तू नः "6"

कराल भाल पिट्टकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-


द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।
धराधरेंद्र नंिदनी कुचाग्रिचत्रपत्रक-
प्रकल्पनैकिशिल्पिन ित्रलोचने मितमर्म "7"

नवीन मेघ मंडली िनरुद्धदु धर्रस्फुर-


त्कुहु िनशीिथनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।
िनिलम्पिनझर्िर धरस्तनोतु कृित्त िसं धुरः
कलािनधानबंधुरः िश्रयं जगंद्धुरध
ं रः "8"

प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकािलमच्छटा-


िवडंिब कंठकंध रारुिच प्रबंधकंधरम्
स्मरिच्छदं पुरिच्छंद भविच्छदं मखिच्छदं
गजिच्छदांधकिच्छदं तमंतकिच्छदं भजे "9"

अगवर्सवर्मंगला कलाकदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी िवजृंभणा मधुव्रतम् ।
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे "10"

जयत्वदभ्रिवभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगिद्व िनगर्मत्कराल भाल हव्यवाट् -
िधिमिद्धिमिद्धिम नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्विनक्रमप्रवितर् त प्रचण्ड ताण्डवः िशवः "11"

दृषिद्विचत्रतल्पयोभुर्जंग मौिक्तकमस्रजो-
गर्िरष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृिद्वपक्षपक्षयोः ।
तृणारिवं दचक्षष
ु ोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रवतर्यन्मनः कदा सदािशवं भजे "12"

कदा िनिलं पिनझर्री िनकुजकोटरे वसन्


िवमुक्तदु मर्ितः सदा िशरःस्थमंजिलं वहन् ।
िवमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
िशवेित मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् "13"

िनिलम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमिल्लका-


िनगुम्फिनभर्क्षरन्म धूिष्णकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं िवनोिदनींमहिनशं
पिरश्रय परं पदं तदं गजित्वषां चयः "14"

प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी


महाष्टिसिद्धकािमनी जनावहूत जल्पना ।
िवमुक्त वाम लोचनो िववाहकािलकध्विनः
िशवेित मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् "15"

इमं िह िनत्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं


पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो िवशुद्धमेित संततम् ।
हरे गुरौ सुभिक्तमाशु याित नांयथा गितं
िवमोहनं िह दे हना तु शंकरस्य िचं तनम "16"

पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं
यः शम्भूपूजनिमदं पठित प्रदोषे ।
तस्य िस्थरां रथगजेंद्रतुरग
ं युक्तां
लक्ष्मी सदै व सुमुखीं प्रददाित शम्भुः "17"

" इित िशव तांडव स्तोत्रं संपूणर्म् "

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Pradip Sharma
ओह बहुत सुंदर। पढ़ने में किठनाई आती है मगर पूरा
पढ़कर ही मन मानता है। 4

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Suresh Yelave
Very melodious prayer of Lord Shiva 2

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Shobha Tiwari
ॐनम:िशवाय.ॐनम:शि◌वाय ॐनम:िशवाय
ॐनम:िशवायॐनम:िशवायॐनम:िशवायॐनम
:िशवायॐनम:िशवायॐनम:िशवायॐनम:िशवाय
ॐनम:िशवाय
1 mth Like Reply More

मनोज मुिण्डयाफी
जय श्रीभवानीशंकर। जय श्रीसीताराम।।
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Panditji Manish
Tripurari shiv shankar namaha om
chandramoleshwar namaha 1

9 mths Like Reply More

ChiRu BaBa
Slok no. 14, 15 bht jagah use nhi kiya jata
h iska arth ky h ???? Koi btayega plz
1

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ChiRu BaBa replied · 2 replies

Suraj Sharma
नमः िशवाय
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Neeraj Rastogi
जय िशव शम्भू
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Parbeer Kumar
हर हर महादेव 1

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Archana Tripathi
ॐ नमः िशवाय
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Anju Baisla
Om Namah Shivay
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Shailendra Kumar Shukla


On namah shivay
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Vivek Kumar Saroha


ॐ नमःिशवाय
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Yogesh Sharma
Shambhunath ki baat hi nirali hai
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Ishan Rao
Jai shree mahakal
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Rohan Sarel
Har har mahadev har Sankat ko Harne wale

1 wk Like Reply More

डॉ भानु शमार् रंज


जय महाकाल जय महाकाल
21 hrs Like Reply More

Rajnish Kumar
Har har madhadav
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Kartik Awadhiya
Kai jagah or Valmiki Ramayan mein Ravan
dwara Rachit Shiv tandav main 14 Mantra
diye Hain Aisa kyon aur Kai jagah 17 Mantra
diye Hain Sahi kaun sa hai
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Vijay Patidar
Om namah shivay
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Jay Kishan Misha


Bahut sandur
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Manish Katara Mani


Om nmh shivay
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Róhït Mïshrã
om namah sivay
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Suman Mahobiya
Om namha shivay
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Raj Kishor Jha


Har Har mahadev
last Sun Like Reply More

आलोक ितवारी
हर हर महादेव
3 wks Like Reply More

Manish Bhandari
Har Har Mahadev
1 wk Like Reply More

Bhaweah Sonwani
Jai bhuteshwar nath
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Prashant Kumar
Om namah shivay
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Akash Verma
Har Har Mahadev Ji
last Sat Like Reply More

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