Download as docx, pdf, or txt
Download as docx, pdf, or txt
You are on page 1of 1

Rani Lakshmi Bai

रानी लक्ष्मी बाई का जीवन परिचय:


रानी लक्ष्मी बाई, बुंदेलखंड की मराठा सम्राट पेवा बाजीराव की और महारानी
गायत्री बाई की पुत्री के रूप में 19 नवंबर 1828 को जन्मी थीं। उनका असली
नाम मणिकर्णिका था, जिसे बाद में रानी लक्ष्मी बाई के रूप में प्रसिद्धि मिली।
बचपन में उन्हें प्यार से मनु कह कर बुलाते थे। उनकी बालकृष्ण से ही वे
राजनीति में रुचि लेने लगीं। राजा गंगाधर राव के साथ विवाह के बाद, उनका
पति 1853 में विलाप हो गया, और उनकी एक ही संतान, दामोदर राव, ने जन्म
लिया।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:
रानी लक्ष्मी बाई ने 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई। झाँसी की रानी के रूप में, उन्होंने देश को आजादी के लिए
लड़ी। झाँसी की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने अपने प्रजाओं को प्रेरित किया और
अंग्रेज़ी सेना से बहादुरी से टकराई। उन्होंने ग्वालियर के सुलतान को भी
साथियों के साथ मिलकर अंग्रेज़ों से टक्कर दी। उनका यथार्थ में, "खूब
लड़ी मर्दानी, वह तो झाँसी वाली रानी थी," आज भी याद किया जाता है।
परियोजना:
"रानी लक्ष्मी बाई शिक्षा समर्थन योजना" इस योजना के अंतर्गत, हम एक शिक्षा
समर्थन योजना तैयार करेंगे जिसमें झाँसी के गरीब बच्चों को शिक्षा प्राप्त
करने में मदद मिलेगी। योजना का उद्देय श्य है कि रानी लक्ष्मी बाई की प्रतिभा,
समर्पण, और वीर गाथा को याद रखकर उनकी राजनीतिक वीरता को नई पीढ़ियों तक
पहुँचाया जा सके।
योजना में मिल होंगे:
1. गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त स्कूल यूनिफ़ॉर्म और किताबों का वितरण।
2. शिक्षा में ऊँचाई तक पहुँचाने के लिए कंप्यूटर और तकनीकी शिक्षा का प्रदान।
3. रानी लक्ष्मी बाई की जीवनी और उनकी वीर गाथाओं को शिक्षा सामग्री में
शामिल करना। यह योजना एक नए सोच और रानी लक्ष्मी बाई के आदर् र्शों
को आगे
बढ़ाने का एक कदम होगा।
उन्होंने दे के लिए कैसे बलिदान दिया:
झांसी से कालपी होते हुए रानी लक्ष्मीबाई दूसरे विद्रोहियों के साथ ग्वालियर
आ गई थीं। लेकिन कैप्टन ह्यूरोज की युद्ध योजना के चलते आखिरकार रानी
लक्ष्मीबाई घिर गईं। शहर के रामबाग तिराहे से शुरू हुई आमने-सामने की
जंग में जख्मी रानी को एक गोली लगी और वह स्वर्णरेखा नदी के किनारे
शहीद हो गईं।

You might also like