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EDU TERIA

EDUTERIA
69th BPSC P.T. Test Series (2023)
TEST-03 SET No.

C
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11 June
18 June
25 June
02 July
09 July
16 July
23 July
30 July

1 1
1. (B) राजेन्‍द्र्प्रथम 8. (C) नुसरत्शाह
चोल शासक राजेन्‍दर प्रथम ने समुरगुप्त के रास्ते का अनुसरण करते 1529 ई. में बंगाल के शासक नुसरत शाह को पराखजत कर के शेर
हुए गंगा घाटी के स्थानीय राजाओं को हराया था। अपनी इसी खॉं (शेरशाह) ने ‘हजरते-आला’ की उपाक्षध ग्रहण की थी। 1539 में
विजय स्मृवत के रूप में राजेन्‍दर प्रथम ने कािेरी नदी के मुहाने पर नई चौसा का युि जीतने के बाद शेर खॉं ने ‘शेरशाह’ की उपाक्षध ग्रहण
राजधानी ‘गंगईकोंड चोलपुरम’ का वनमाण कराया। की थी।

2. (B) 2 1 3 9. (A) ववत्त्ववभाग दीवान-ए-अजष


सूची-I सूची-II सल््तनतकालीन्पद संबंधित्ववभाग
(लडाई) (संबंधित्वर्ष) दीिान-ए-अजण सैन्‍दय विभाग
पानीपत की पहली लडाई 1526 ई. दीिान-ए-अमीर-ए-कोही कृ मि विभाग
(बाबर एिं इब्राहीम लोदी के मध्य) दीिान-ए-इंशा पत्राचार विभाग
खानिा की लडाई 1527 ई. दीिान-ए-विजारत वित्त विभाग
(बाबर एिं राणा सांगा के मध्य)
कन्‍दनौज की लडाई 1540 ई. 10. (C) जैनुल्आबदीन
(शेरशाह एिं हुमायूँ के मध्य) सुल्तान जैनुल आबदीन (1420-1470 ई.) की उदार
जनकल्याणकारी, और सठहष्णुतािादी नीवतयों के कारण उसे
3. (B) इल््तुतममश ‘कश्मीर का अकबर’ कहा जाता है तथा कश्मीर में मल्य वनयंत्रण
इल्तुतममश (1210-1236 ई.) को ददल्ली सल्तनत का िास्तविक व्यिस्था के कारण उसे ‘कश्मीर का अलाउद्दीन खखलजी’ कहा जाता
संस्थापक कहा जाता है क्योंवक उसने ददल्ली सल्तनत की सैन्‍दय, है।
आर्थिक, कृ मि एिं मुरा व्यिस्था में महत्िपणण सुधार करते हुए
ददल्ली सल्तनत की मजबत नींि रखी। साथ ही बंगाल, ग्िाललयर 11. (A) बलबन
आदद क्षेत्रों में साम्राज्य का विस्तार करते हुए नि गठित सम्राज्य को ददल्ली सल्तनत के शासक बलबन ने सैवनको के ललए अलग विभाग
मंगोल आक्रमण से सुरक्षक्षत रखा। दीिान-ए-अजण की स्थापना की थी। इस विभाग के द्वारा सैवनकों
की भती, सेना को सुसज्जित करना एिं सैवनको को िेतन देने का
4. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं कायण वकया जाता था। बलबन ने मंगोल आक्रमण से मुकाबला
बलबन (1265 से 1287 ई.) ने विरोहों का दमन एिं सुल्तान की करने के ललए ददल्ली सल्तनत की सैन्‍दय व्यिस्था को मजबत वकया
प्रवतष्िा को स्थामपत करने के ललए “रक्त एिं लौह” की नीवत था।
अपनाई तथा चालीसा दल का दमन वकया था। उसने ‘क्षसजदा’ और
‘पाबोस’ की प्रथा को अपने दरबार में मिर से शुरू करिाया तथा 12. (C) बुक््का्प्रथम
ईरानी त्योहार नौरोज प्रथा को भी आरम्भ वकया। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हररहर एिं बुक्का ने 1336 ई. में
की थी। इस साम्राज्य के संगमिंशी शासक बुक्का प्रथम (1356-77
5. (C) राजा्रतन्मसिंह ई.) ने 1374 ई. में चीन के सम्राट के पास अपना दतमंडल भेजा था।
अलाउद्दीन खखलजी ने 1303 ई. में र्चत्तौड अलभयान की शुरूआत बुक्का प्रथम को ‘िेद-मागण प्रवतष्िापक’ की उपाक्षध प्राप्त है।
की थी। इस समय र्चत्तौड का शासक राजा रतन क्षसिंह था। इस
अलभयान में राजा रतन क्षसिंह की पराजय हुई थी। 13. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
देिराय दद्वतीय (1422-1446 ई.) विजयनगर का महानतम शासक
6. (C) अलाउद्दीन्खिलजी था। उसकी प्रजा ने उसे ‘इम्मादड देिराय’ की उपाक्षध प्रदान की थी।
अलाउद्दीन खखलजी ने राजस्ि में िृद्घि के ललए घरी कर (गृह कर) उसके अलभलेखों में उसके ललए गजबेटकर अथात् हार्थयों के
लगाया था तथा इसके साथ दध
ु ारू पशुओं पर भी चराई कर लगाया द्घशकारी की उपाक्षध ममलने का उल्ले ख है। देिराय दद्वतीय के काल
था। अलाउद्दीन खखलजी पहला शासक था खजसने उपज का 50% में ईरानी राजदत अब्दरु णज्जाक ने विजयनगर की यात्रा की थी।
भमम कर के रूप में िसल वकया था।
14. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
7. (A) फिरोज्शाह्तुगलक सल््तनत्काल्में्पॉंच्प्रकार्के्कर्प्रचधलत्थे्–
मिरोजशाह तुगलक ने बागिानी में अपनी रूर्च के कारण-ददल्ली 1. उश्र्– मुसलमानों से ललया जाने िाला भममकर 5 प्रवतशत से 10
एिं उसके आस-पास के क्षेत्र में 1200 नए बाग लगिाए एिं िलों प्रवतशत तक।
की गुणित्ता सुधारने का प्रयास वकया था। 2. िराज्– गैर मुसलमानों पर भममकर 1/3 से 1/2 तक।

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3. िुम््स्– लट, िानों अथिा भमम में गडे हुए खजानों से प्राप्त धन, 20. (B) 1579्ई.
खजसके 1/5 भाग पर राज्य का अक्षधकार था। शेि 4/5 भाग पर अकबर ने समस्त धाममिक मामलों को अपने हाथों में लेने के ललए
सैवनकों का अक्षधकार होता था। मिरोज तुगलक को छोडकर शेि तथा धाममिक मामलों में अपनी सिोच्चता बनाने के ललए 1579 ई.
सभी ने (अलाउद्दीन, गयासुद्दीन तथा वबन तुगलक) 4/5 भाग अपने ‘मजहरनामा’ नामक घोिणापत्र जारी वकया। मजहरनामा को स्मिथ
ललए रखा। ने अचक आज्ञापत्र (Infallibility Decres) कहा है।
4. जकात्– मुसलमानों पर धाममिक कर 2 से 2.5 प्रवतशत होता था
तथा उन्‍दहीं की भलाई के ललए व्यय वकया जाता था।
21. (B) कन्‍द्नौज्का्र्ुद्घ
5. जजजर्ा्– गैर-मुसलमानों पर लगाया जाने िाला धाममिक कर था।
हुमायूँ द्वारा लडे गये युिों का क्रम वनम्न प्रकार है -
खजसके बदले में उसके जीिन तथा सम्पमत्त की रक्षा होती थी तथा
- देिरा का युि – 1531 ई.- हुमायूँ ने अिगानो को हराया था।
िे सैवनक सेिा से मुक्त कर ददये जाते थे।
- चौसा का युि – 1539 ई. शेरशाह ने हुमायूँ को हराया था।
* स्त्रियॉं, बच्चे, जभिारी, पुजारी, साधु आदद इस कर से मुक्त थे।
- वबलग्राम / कन्‍दनौज का युि – 1540 ई. – शेरशाह द्वारा हुमायूँ अंवतम
मिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जखजया लगाया जो पहले इस
रूप से पराखजत
कर से मुक्त थे।

15. (A) राणा्कुम््भा 22. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक

राणा कु म्भा (1433-1468 ई.) एक महान संगीतकार एिं कु शल मुगल शासक बाबर का मकबरा काबुल में तथा जहॉंगीर का मकबरा

िीणािादक था। उसने संगीतशास्त्र पर संगीत राज, संगीत मीमांसा, शाहदरा (लाहौर) रािी नदी के वकनारे स्थित है। हुमायूँ का मकबरा

संगीत रत्नाकर, सुप्रबंधन आदद ग्रंथ ललखे जो संगीत के क्षेत्र में ददल्ली में है।

उसकी प्रिीणता का प्रमाण हैं।


23. (C) चूरामन

16. (B) धशहाबुद्दीन्अहमद्प्रथम औरंगजेब के खखलाि पहला संगठित विरोह आगरा एिं ददल्ली के

द्घशहाबुद्दीन अहमद प्रथम (1422-1446 ई.) ने सिणप्रथम गुलबगा के क्षेत्र में बसे जाटों ने वकया था। शुरूआत में आन्‍ददोलन का नेतृत्ि

स्थान पर बीदर को अपनी राजधानी बनाई। बहमनी साम्राज्य की गोकु ला नामक मथुरा के जमींदार ने वकया था। आगे चलकर इस

इस निीन राजधानी को मुहम्मदाबाद नाम ददया। विरोह को राजाराम एिं चरामन ने नेतृत्ि प्रदान वकया था। राजाराम
ने क्षसकन्‍ददरा में स्थित अकबर के मकबरे को लट ललया था और
मकबरे से अकबर की हदियों को वनकाल कर जला ददया था।
17. (C) अमीर्िुसरो
लेिक रचना
24. (A) I, II, III एवं्IV
अमीर खुसरो खाजाइन-उल-िु तह ममतिा –
शेरशाह के भराजस्ि व्यिस्था के संदभण में उपरोक्त सभी कथन सत्य
उल-िु तह, तारीखे अलाई,
है।
तुगलकनामा, वकरान-उल -सादेन,
⚫ शेरशाह की लगान व्यिस्था मुख्य रूप से रैयतिाडी व्यिस्था
आद्घशका
थी, खजसमें वकसानों से प्रत्यक्ष सम्पकण स्थामपत वकया जाता
हसन वनजामी ताजुल माक्षसर
था।
खजया नक्शबी ततीनामा
⚫ शेरशाह ने उत्पादन के आधार पर भमम को तीन श्रेखणयों,
अच्छी, मध्यम और खराब में विभाखजत वकया था ।
18. (B) कृष््णदे व्रार्
⚫ शेरशाह ने भमम माप के ललए ‘क्षसकन्‍ददरी गज’ (39 अंगुल या
बाबर ने अपनी आत्मकथा ‘तुजुक-ए-बाबरी’ चगताई तुकण
32 इंच) एिं सन की डंडी का प्रयोग वकया।
(Chagatai Turkic) भािा में ललखी थी खजसका िारसी में
1
अनुिाद अब्दल
ु रहीम खान-खाना ने वकया थ। बाबर ने अपनी ⚫ शेरशाह के समय भराजस्ि उत्पादन का भाग कर के रूप
3
आत्मकथा में विजयनगर के तत्कालीन शासक कृ ष्णदेि राय को में िसल वकया जाता था।
समकालीन भारत का सबसे शमिशाली राजा है।

25. (C) दास्प्रथा्का्अन्‍द्त-्तीथष्र्ात्रा्कर्की्समाफि्–्जजजर्ा्


19. (C) रॉल््ि्फििंच कर्की्समाफि्–्दहसाला्प्रणाली्लागू्करना
रॉल्ि मििंच (1583-91 ई.) ितेहपुर सीकरी एिं आगरा पहुूँचने िाला दास प्रथा का अन्‍दत – 1562
पहला अंग्रेज व्यापारी तथा यात्री था। इसने भारत के विलभन्‍दन भागों तीथण यात्रा कर की समामि – 1563
में भ्रमण करते हुए अनेक स्थानों का अिलोकन वकया तथा 16िीं जखजया कर की समामि – 1564
सदी के भारतीय व्यापाररक तथा नगर के न्‍दरों के बारे में मल्यिान दहसाला प्रणाली लाग करना - 1582
वििरण प्रस्तुत वकया है।

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26. (B) जहॉंगीर 33. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
जहॉंगीर ने मुगल मनसबदारी व्यिस्था में एक ऐसी प्रथा चलाई, प्रश्न में ददए गए सभी विकल्प राज्य के नीवत-वनदेशक तत्िों की
खजसमें वबना ‘जात’ पद बढाये ही मनसबदारों को अक्षधक सेना रखने नीवतयों में शाममल हैं। इनका वििरण वनम्न हैं -
को कहा जाता था। इस प्रथा को ‘दो अस्पा’ एिं ‘क्षसिंह अस्पा’ कहा ⚫ अनुच्छेद-47 में राज्य के ललए यह वनदेश है वक िह स्िास््य के ललए
जाता था। हावनकारक मादक रिों तथा अन्‍दय पदाथों पर प्रवतबंध लगाएगा।
⚫ अनुच्छेद 43 में यह उल्लेख है वक राज्य ग्रामीण क्षेत्रों में व्यमिगत
27. (C) िैजी
या सहकारी के आधार पर कु टीर उद्योगों को प्रोत्साहन देगा।
अकबर ने अपने राजकवि िै जी की अध्यक्षता में अनुिाद विभाग
⚫ अनुच्छेद-44 के अंतगणत यह प्रािधान वकया गया है वक राज्य भारत
की स्थापना की थी। गखणत की पुस्तक ‘लीलािती’ का िारसी में
के समस्त राज्य क्षेत्र में नागररकों के ललए एक समान क्षसविल संठहता
अनुिाद िै जी के द्वारा वकया गया था।
प्राप्त कराने का प्रयास करेगा।
28. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं ⚫ अनुच्छेद-48 के अंतगणत यह उपबंध वकया गया है वक राज्य गाय,
मसक््ि्गुरु उनके्कार्ष बछडा ि अन्‍दय दध
ु ारू पशुओं की बलल पर रोक लगाएगा तथा उनकी
गुरु अंगद गुरूमुखी ललमप की शुरूआत नस्लों में सुधार को प्रोत्साठहत करेगा।
गुरु अजुणनदेि आददग्रंथ की स्थापना ⚫ अनुच्छेद-40 के अंतगणत यह उपबंध वकया गया है वक राज्य ग्राम
गुरु गोविन्‍दद क्षसिंह पाहुल प्रथा की शुरूआत पंचायतो के गिन हेतु कदम उिाएगा और उन्‍दहें आिश्यक शमियॉं
प्रदान कर स्िायत्त शासन की इकाई के रूप में कायण करने की शमि
29. (B) अमात््र् प्रदान करेगा।
द्घशिाजी के अष्टप्रधान में वनम्न अक्षधकारी शाममल थे -
(i) पेशिा – राजा का प्रधान मंत्री।
34. (B) फनदे शक्तत््व्न्‍द्र्ार्ालर््में्प्रवतषनीर््नहीं्है, बकक्मौधलक्
(ii) अमात्य – वित्त एिं राजस्ि मंत्री।
अधिकार्प्रवतषनीर््है।
(iii) िावकयानिीस – राजा के दैवनक कायों तथा दरबार की
मौललक अक्षधकार, राज्य के नीवत वनदेशक तत्ि से लभन्‍दन हैं, क्योंवक
प्रवतददन की कायणिाठहयों का वििरण रखता था।
वनदेशक तत्ि न्‍दयायालय में प्रितणनीय नहीं है, जबवक मौललक
(iv) सर्चि – राजकीय पत्र व्यिहार का कायण देखना।
अक्षधकार प्रितणनीय है। मौललक अक्षधकार ‘िाद योग्य’ है तथा इन्‍दहे
(v) सुमंत या दबीर – विदेश मंत्री।
न्‍दयायालयों द्वारा प्रिवतित वकया जा सकता है। सरकार इन अक्षधकारों
(vi) सेनापवत या सर-ए-नौबत- सेना की भती, संगिन, रसद आदद
से लोगो को िंर्चत नहीं कर सकती। नीवत वनदेशक तत्िों को
का प्रबंध करना।
न्‍दयायालयों द्वारा प्रिवतित नहीं वकया जा सकता अथात् िे ‘िाद योग्य’
(vii) पंदडत राि – विद्वानों और धाममिक कायों के ललए अनुदानों
नहीं है। सरकार को मौललक अक्षधकारों की रक्षा के ललए न्‍दयायालय
का दामयत्ि वनभाना।
के आदेश को मानना पडेगा, जबवक नीवत वनदेशक तत्ि के िल एक
(viii) न्‍दयायाधीश – मुख्य न्‍दयायाधीश।
नैवतक क्षसिांत हैं, जो लोक कल्याणकारी राज्य की अिधारणा के
अनुकल हैं।
30. (A) 3 4 2 1
मुगलकालीन्प्रमसद्घ्महहलाएँ प्रमुि्कार्ष 35. (C) 1, 2्और्3
गुलबदन बेगम हुमायूँनामा प्रश्न में ददये गए कथन (1), (2) और (3) सही है। अनुच्छेद 54 के
माहन अनगा मदरसा-ए-बेगम अंतगणत राष्रपवत के वनिाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों
जेबुदिसा बैतुल-उल-उलम (राज्यसभा ि लोकसभा) के वनिार्चत सदस्य, राज्य की
अस्मत बेगम इत्र बनाने की विक्षध विधानसभाओं के वनिार्चत सदस्य तथा ददल्ली ि पुदच
ु ेरी संघ-
राज्य क्षेत्रो के विधानमंडल के वनिार्चत सदस्य शाममल होते हैं।
31. (C) उपराष््रपवत
राष्रपवत, उपराष्रपवत की वनयुमि नहीं करते हैं। अनु. 66 के अनुसार, 36. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं
उपराष्रपवत का वनिाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से के िल संसद ही राष्रपवत को महालभयोग की प्रवक्रया के द्वारा उसके
ममलकर बनने िाले वनिाचक मंडल द्वारा होती है। पद से हटा सकती है। खजस प्रकार राष्रपवत के वनिाचन की एक
विद्घशष्ट प्रवक्रया है, उसी प्रकार उसे हटाने की भी एक विद्घशष्ट
32. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं प्रवक्रया है।
राज्य सभा स्थायी सदन होती है इसका विघटन नहीं होता है। इसके राष्रपवत को अपदस्थ करने की प्रवक्रया को महालभयोग कहते हैं।
1 राष्रपवत पर संविधान के उल्लंघन करने के आरोप में महालभयोग
सदस्यों का कायणकाल 6 ििण का होता है। इसके सदस्यों का
3 प्रवक्रया संसद के वकसी भी सदन में चलाई जा सकती है तथा दसरे
वनिाचन प्रत्येक दो ििों पर होता है। सदन द्वारा उसका अनुमोदन वकया जाता है।

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37. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक 42. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
दद्वसदनात्मक व्यिस्था के संदभण में प्रश्न में ददए गए सभी तकण सही भारत के उच्चतम न्‍दयायालय के न्‍दयायाधीशों के संदभण में सभी कथन
है। भारतीय संसद में दो सदन हैं। जब वकसी विधामयका में दो सदन सही है। भारत के संविधान में यह िखणित है वक उच्चतम न्‍दयायालय
होते हैं, तो उसे दद्वसदनात्मक विधामयका कहते हैं। भारतीय संसद के न्‍दयायाधीशों की वनयुमि राष्रपवत करेगा। अन्‍दय न्‍दयायाधीशों की
का एक और लाभ यह है की संसद के प्रत्येक वनणणय पर दसरे सदन वनयुमि में राष्रपवत मुख्य न्‍दयायाधीश से परामशण करता है।
में पुनवििचार हो जाता है। न्‍दयायधीशों की संख्या में पररितणन का उत्तरदामयत्ि संसद का है और
विक्षध द्वारा संसद ऐसा कर सकती है।

38. (C) उपराष््रपवत् की् उपस्थिवत् में् संसदीर्् कार्षमंत्री् 43. (B) 1्और्2
राज््र्सभा्की्बैठकों्की्अध््र्क्षता्करता्है। उच्चतम न्‍दयायालय के प्रारंलभक क्षेत्राक्षधकार के अंतगणत कथन (1)
राज्यसभा के संदभण में कथन (c) सत्य नहीं है। राज्यसभा को संसद और (2) शाममल हैं। इसमें कथन (3) शाममल नहीं है, क्योंवक संसद
का उच्च सदन कहते हैं। उप-राष्रपवत राज्यसभा का पदेन सभापवत के वकसी सदन अथिा राज्य विधानमंडल सदस्यों के वनिाचन संबंधी
वििाद उच्च न्‍दयायालय के प्रारंलभक क्षेत्राक्षधकार के अंतगणत शाममल
होता है। उपराष्रपवत की अनुपस्थिवत में राज्यसभा का उपसभापवत
वकए जाते हैं। सिोच्च न्‍दयायालय के प्रारंलभक क्षेत्राक्षधकार में भारत
बैिकों की अध्यक्षता करता है। राज्यसभा में गणपवति के ललए सदन
सरकार तथा एक या एक से अक्षधक राज्यों के बीच वििाद और
1
की संख्या के सदस्यों का बैिक में उपस्थित होना अवनिायण है। परस्पर दो राज्यों के बीच वििाद शाममल हैं।
10
राज्यसभा के एक-वतहाई सदस्य प्रत्येक दो ििण पर अिकाश प्राप्त 44. (C) वन
करते हैं। िन, िन्‍दयजीि संरक्षण, जनसंख्या वनयंत्रण और पररिार वनयोजन
आदद वििय भारत के संविधान के समिती सची में हैं। समिती सची
39. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं में मल-संविधान में कु ल 47 प्रविवियॉं थीं, परंतु ितणमान में इसमें
लोकसभा अपने सदस्यों में से अध्यक्ष एिं उपाध्यक्ष का चुनाि कु ल 52 प्रविवियॉं हैं।
करती है। दोनों लोकसभा के कायणकाल तक जो सामान्‍दयत: पॉंच 45. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
ििण का होता है, के ललए चुने जाते हैं। अध्यक्ष लोकसभा की
के न्‍दर-राज्य के संदभण में सभी कथन सत्य है। के न्‍दर-राज्य संबंधों में
अध्यक्षता ि संचालन करता है। लोकसभा अध्यक्ष को पद-सची के राज्यपाल के िै सलों को अक्सर राज्य सरकार के कायों में के न्‍दर
िरीयता क्रम में राष्रपवत, उपराष्रपवत, प्रधानमंत्री के बाद चौथा सरकार के हस्तक्षेप के रूप में देखा जाता है। जब के न्‍दर और राज्यों
स्थान प्राप्त है। हमारे यहॉं लोकसभा स्पीकर (अध्यक्ष) को लगभग में अलग दल सत्तारूढ होते हैं, तब राज्यपाल की भममका और
िही शमियॉं प्राप्त है, जो वब्रटेन के ‘हाउस ऑि कॉमन्‍दस’ के स्पीकर वििादास्पद हो जाती है।
को होती है। के न्‍दर-राज्य संबंधों से जुड े विियों की पडताल के ललए के न्‍दर सरकार
द्वारा ििण 1983 में एक आयोग बनाया गया। इस आयोग को
40. (C) ककसी्ववर्र््पर्पक्ष्और्ववपक्ष्के्समान्मत्होने् की् सरकाररया आयोग के नाम से जाना जाता है। इस आयोग ने ििण
स्थिवत्में 1988 में अपनी ररपोटण में यह क्षसिाररश की थी वक राज्यपालों की
वनयुमि अवनिायण तथा वनष्पक्ष होकर की जानी चाठहए।
लोकसभा अध्यक्ष अपने वनणायक मत का प्रयोग तभी करते हैं जब
कभी वकसी वििय पर सदन में पक्ष विपक्ष का मत समान हो जाए। 46. (A) ज््वालामुिी्के्आांतररक्स््थलरूपों्का
इसके अवतररक्त जब कोई सदस्य कायण स्थगन प्रस्ताि रखता है तो ज्िालामुखी लािा के जमाि से वनममित स्थलरूपों में बैथेललथ,
इसे स्िीकार वकया जाए अथिा नहीं इसका वनणणय लोकसभा लोपोललथ, डाइक, िै कोललथ आदद प्रमुख है।
अध्यक्ष ही करता है। ⚫ बैथोललथ – चट्टानों में मैग्मा का गुम्बदनुमा जमाि
⚫ लोपोललथ – अितक ढाल िाला मैग्मा का जमाि
41. (A) सावषजफनक्महत््व्के्फनमित्अत््र्ावश््र्क्मुद्दे् पर्बहस् ⚫ डाइक – लािा का लम्बित् जमाि
करने्हेतु ⚫ िै कोललथ – मोडदार पिणत के रूप में लािा का जमाि
स्थगन प्रस्ताि के द्वारा सदन का सामान्‍दय काम-काज स्थवगत कर
47. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं
सािणजवनक महत्ि के विशेि मुद्दे पर विचार वकया जाता है। यदद
समुरी्समीर्– ददन के समय स्थल भाग समुर की अपेक्षा जल्दी
कोई वििय इतना आिश्यक है वक विलंब नहीं वकया जा सकता
गमण हो जाते हैं खजससे स्थल भाग में वनम्न िायुदाब क्षेत्र बनता है।
है, तो संसद सदस्यों द्वारा उस वििय पर चचा के ललए स्थगन प्रस्ताि
गमण िायु जब ऊपर उिती है तो समुर की आर तथा िं डी हिा उस
स्िीकृ त वकया जाता है। यह इस बात का संकेत है वक यह प्रस्ताि ररक्त स्थान को भनरे के ललए स्थल की ओर आ जाती है, खजसे
सरकार की नीवतयों के प्रवत सशक्त विरोध के रूप में हो रहा है। यदद समुरी समीर (Sea Breeze) कहते हैं।
स्थगन प्रस्ताि पाररत हो जाता है तो लोकसभा में सरकार के विरूि स््थल्समीर्– रादत्र के समय स्थिवत इसके विपरीत होती है। इस
अविश्िास प्रस्ताि लाया जा सकता है। राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताि समय समुरी भाग में वनम्नदाब क्षेत्र बनता है अत: हिा स्थल से समुर
नहीं लाया जाता है। की आरे चलती है, खजसे स्थल समीर (Land Breeze) कहते हैं।

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48. (C) उत्तरी्अमेररका्के्पूवी्तट्पर 53. (A) 10्प्रवतशत
सारगैसों सागर समुर में एक घास का मैदान है। इसकी अिस्थिवत िैज्ञावनक ललिंडमैन के अनुसार स्थलीय पाररस्थिवतक तंत्रों में एक स्तर
उत्तरी अमेररका के पिी तट पर 20° से 40° उत्तरी अक्षांश एंि 35° से दसरे स्तर में औसत 10 प्रवतशत ऊजा का ही स्थानांतरण होता है।
से 75° पर्िमी देशान्‍दतर के मध्य स्थित है। यह अटलांदटक महासागर इसे 10 प्रवतशत का वनयम भी कहा जाता है।
में सिाक्षधक लिणता िाला क्षेत्र भी है।

49. (A) कनाडा


ग्रेट वबयर एिं ग्रेट स्लेि झील कनाडा में स्थित है। इसके अवतररक्त
विवनपेग, रेंदडयर एिं अथािस्का भी कनाडा में स्थित झील है।
⚫ कनाडा एिं संयुक्त राज्य अमेररका में संयुक्त रूप से स्थित
प्रमुख झील है – सुपीररयर, इरी, ह्यरॉन, ओंटाररयो।

50. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं 54. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक


उपरोक्त सभी सही सुमेललत है। प्रमुख मरूस्थल एिं उनकी भमंडलीय तापन के ललए खजम्मेिार गैसों को ग्रीन हाउस गैस कहते
अिस्थिवत हैं। प्रमुख ग्रीन हाउस गैसे हैं –
मरूस््थल अवस्थिवत * काबणन डाइऑक्साइड (CO2)
सहारा उत्तरी अफ्रीका * नाइरोजन ऑक्साइड (N2O)
वगब्सन ऑस्रेललया * क्लोरो फ्लोरो काबणन (CFC)
गोबी मंगोललया एिं चीन * परफ्लोरो काबणन (PFCs)
कालाहारी बोत्सिाना * सल्िर हेक्साफ्लेाराइड (SF6)
थार भारत एिं पावकस्तान * ममथेन (CH4)
काराकु म तुकणमेवनस्तान * हाइड्रोफ्लोरो काबणन (HFC5)
पेटागोवनया अजेंटीना
ग्रेट विक्टोररया ऑस्रेललया 55. (C) नावेस््टर्–्न्‍द्र्ज
ू ीलैंड
ये सभी स्थानीय पिनों के उदाहरण हैं। विश्ि के कु छ प्रमुख स्थानीय
51. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक पिनें वनम्नललखखत हैं –
उपरोक्त सभी कथन सही है। ब््लैक्रोलर्– उत्तरी अमेररका में चलने िाली गमण एिं धलभरी हिा।
विकिील््डर्– ऑस्रेललया के विक्टोररया में चलने िाली उष्ण एिं
शुष्क हिा।
नावेस््टर्– उत्तरी न्‍दयजीलैंड में चलने िाली गमण एिं शुष्क हिा।
लू्– उत्तर भारत में चलने िाली गमण हिा।
मचनूक्– उत्तरी अमेररका में रॉकी पिणत के ढालों पर चलने िाली
गमण हिा।
िॉन्– आल्पस पिणत के ढालों पर चलने िाली गमण हिा।

52. (C) 1, 2, 3, 4 56. (B) 1987


पृ्िी के क्रस्ट का लगभग 98 प्रवतशत भाग 8 प्रकार के तत्िों से ओजोन परत संरक्षण के उद्देश्य से मॉल्ररयल सम्मेलन 16 क्षसतम्बर
बना है। 1987 को हुआ था। ितणमान में प्रत्येक ििण 16 क्षसतम्बर को ओजोन
1. ऑक्सीजन – 46.8 % ददिस मनाया जाता है।
2. क्षसललकॉन – 27.72% 57. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
3. एल्युममवनयम – 8.13% 22 ददसम्बर को मकर संक्रांवत होता है। इस ददन दक्षक्षणी गोलािण में
4. लोहा – 5.00% सबसे बडा ददन तथा सबसे छोटी रात होती है। इसी ददन उत्तरी
5. कै ल्ल्शयम – 3.63% गोलािण में सबसे बडी रात तथा सबसे छोटा ददन होता है। अत: B
6. सोदडयम – 2.83% एिं C दोनो सही है। इसकी विपरीत स्थिवत 21 जन को होती है जब
7. पोटैद्घशयम – 2.59% ककण संक्रांवत होती है।
8. मैग्नीद्घशयम – 2.09%

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58. (C) शफन 64. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं
सयण से दरी में प्रथम चार ग्रह को आन्‍दतररक ग्रह तथा अन्तिम चार ग्रह राष्रीय खाद्य सुरक्षा अक्षधवनयम के संदभण में ददए गए दोनों कथनों
को बाह्य ग्रह कहा जाता है। में से कोई भी कथन असत्य नहीं है। भारतीय खाद्य सुरक्षा अक्षधवनयम
* आन्‍दतररक ग्रह – बुध, शुक्र, पृ्िी, मंगल को खाद्य ि पोिण संबंधी सुरक्षा सस्ती कीमतों पर उपलब्ध करिाने
* बाह्य ग्रह – बृहस्पवत, शवन, अरूण, िरूण के ललए ििण 2013 में अक्षधवनयम वकया गया था।
* सभी आन्‍दतररक ग्रह िोस रूप में है तथा सभी बाह्य ग्रह गैसीय रूप इस अक्षधवनयम के अंतगणत 75% ग्रामीण जनसंख्या एिं
में है। 50% शहरी जनसंख्या को योग्य पररिार में िगीकृ त वकया गया है।
इसके अंतगणत 5 वकग्रा. प्रवत व्यमि अनाज (₹2 प्रवत वकग्रा गेहूँ ि ₹3
59. (C) दादाभाई्नौरोजी
प्रवत वकग्रा चािल) उपलब्ध करिाया जाता है।
स्ितंत्रता से पिण भारत में सबसे पहले दादाभाई नौरोजी ने वनधणनता-
रेखा की अिधारणा पर विचार वकया था। इन्‍दहोंने जेल में कै ददयों 65. (C) 1्और्3
को ददए जा रहे भोजन का बाजार कीमतों पर मल्यां कन कर जेल हररत क्रांवत के प्रभािों के संदभण में ददए गए कथनों में से कथन (1)
की वनिाह लागत का आकलन वकया। इन्‍दहोंने जेल वनिाह लागत
और (3) सत्य नहीं हैं।
में कु छ पररितणन कर वनधणनता रेखा तक पहुूँचने का प्रयास वकया।
66. (A) सीमांत्एवं्छोटे्कृर्क
60. (B) 22%
भारत में सीमांत एिं छोटे वकसानों की संख्या अक्षधक है। खजन
भारत में गरीबी रेखा से नीचे (तेंदल
ु कर सममवत के अनुसार) रहने िाले
लोगों का प्रवतशत लगभग 22% है। इस सममवत का गिन ििण 2009 वकसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम भमम होती है, िे सीमांत या छोटे
में वकया गया था। तेंदल
ु कर सममवत ने अपनी ररपोटण में शहरी क्षेत्र में वकसान कहलाते हैं। ऐसे वकसानों को कृ मि संबंक्षधत सभी सुविधाएूँ
रह रहे पररिारो के संदभण में गरीबी रेखा को ₹1000 (प्रवतव्यमि अनुपलब्ध होती है। मझोले तथा मध्य वकसानों के पास 2 हेक्टेयर
प्रवतमाह) और ग्रामीण पररिारों के ललए इसे 816 (प्रवतव्यमि से अक्षधक तथा 10 हेक्टेयर से कम भमम उपलब्ध होती है। बडे
प्रवतमाह) वनधाररत वकया था। वकसानों के पास-10 हेक्टेयर या इससे अक्षधक कृ मि योग्य भमम
होती है। भारत में लगभग 85% कृ िक सीमांत या छोटे हैं, खजनकी
61. (B) प्रच््छन्‍द्न्बेरोजगारी
आर्थिक स्थिवत सही नहीं है।
प्रच्छन्‍दन बेरोजगारी (Hidden unemployment) या छु पी हुई
बेरोजगारी के अंतगणत वकसी कायण को करने के ललए उसमें
67. (B) आर्ात-फनर्ात्के
आिश्यकता से अक्षधक श्रममक लगे होते हैं। इसमें अवतररक्त श्रममकों
भुगतान संतुलन (Balance of payment – BOT) शब्द का
को कायण से हटा देने के पश्चात् भी उत्पादकता में कोई कमी नहीं
प्रयोग आयात-वनयात के संदभण में वकया जाता है। यदद आयात
होती है अथात् सीमांत उत्पादकता शन्‍दय रहती है। शहरी क्षेत्रों में
अक्षधक एिं वनयात कम होता है, तो इस स्थिवत को ‘भुगतान
प्रच्छन्‍दन बेरोजगारी का अभाि पाया जाता है। ऐसे लोगों का कायण
असंतुलन’ की स्थिवत कहते हैं। इसके विपरीत आयात कम एिं
में लगे रहना या कायण न करना कोई महत्ि नहीं रखता है, क्योंवक ये
वनयात अक्षधक होने की स्थिवत को ‘भुगतान संतुलन’ कहते हैं।
श्रमबल की श्रेणी में नहीं आते हैं।
भुगतान शेि में दृश्य और अदृश्य (सेिाएूँ) मदो के सारे आयात-
62. (A) ग्रामीण् आवश््र्कताओं् की् पूवति, जैसे् कक् प्राथममक् वनयात का लेखा जोखा वकया जाता है। अत: वकसी देश के शेि
धशक्षा, स््वास््््र््रक्षण, पेर्जल, आवास, ग्रामीण्सडकें इत््र्ादद।् विश्ि के साथ आर्थिक लेन-देन का अक्षधक व्यापक र्चत्र भुगतान
प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना की शुरूआत ििण 2000 में की गई। शेि खाता ही ददखा पाता है।
इसके अंतगणत प्राथममक स्िास््य, प्राथममक द्घशक्षा, ग्रामीण आिास,
ग्रामीण पेयजल, ग्रामीण विद्युतीकरण तथा ग्रामीण सडकें जैसी 68. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
मलभत आिश्यकताओं के ललए राज्यों को के न्‍दर सरकार से सहायता भुगतान संतुलन में दृश्य व्यापार मदें, अदृश्य व्यापार मदें एिं ऋृण
प्राप्त होती है। को शाममल वकया जाता है। इन्‍दहें आयात-वनयात के लेखे में भी
शाममल वकया जाता है। ऐसी िस्तुएूँ खजन्‍दहे हम छ सकते हैं, खजनके
63. (C) केवल्3
भौवतक आकार को समझ सकते हैं, दृश्य मदें कहलाती है। विश्ि में
सािणजवनक वितरण प्रणाली के संदभण में ददए गए कथनों में से कथन
ऐसी िस्तुओं का व्यापार अक्षधक होता है। विलभन्‍दन प्रकार की
(3) सत्य नहीं है, क्योंवक इसके अंतगणत कोई भी व्यमि खजसे राशन
सेिाओं को अदृश्य मदों की श्रेणी में रखा जाता है।
काडण उपलब्ध करिाया गया है, िह वनधाररत आिंदटत दक
ु ान से
राशन खरीद सकता है। इसके ललए यह आिश्यक नहीं है वक व्यमि 69. (A) 1्और्2
वनकटिती दक
ु ान से ही राशन खरीदे। सरकार इसके माध्यम से ब्रेटन िुड्स सम्मेलन (ििण 1944) ने अंतराष्रीय मुरा कोि
समाज के गरीब िगो में न्‍दयनतम मल्य पर खाद्यान्‍दन का वितरण (International Monetary Fund, IMF) और विश्ि बैंक की
करती है। इसके अंतगणत खाद्यान्‍दन बाजार कीमत से कम पर लोगों स्थापना की। दोनो वित्तीय संस्थानों का मुख्यालय िांद्घशगटन डीसी
को बेचा जाता है। में स्थित है। दोनो वित्तीय संगिन एक-दसरे के पयाय माने जाते हैं।

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70. (C) र्ह्केवल्सदस््र््दे शों्को्ही्ऋृण्प्रदान्करता्है। 76. (B) फनकेल
अंतराष्रीय मुरा कोि के संदभण में कथन (C) सत्य है। इस संस्था के ममश्रधातु में वनके ल (Nickel) के संयोग से वनष्कलंक इस्पात
पास सभी देशों की मुराओं के कोि होते हैं, खजन्‍दहें संबंक्षधत सदस्य (Stainless Steel) अचुम्बकीय (Non-Magnetic) हो जाता है,
देशों द्वारा अपने वनधाररत कोटे के अनुसार जमा कराया जाता है। जबवक अक्षधक किोरता प्राप्त करने के ललए इसमें काबणन की
जब वकसी सदस्य देश में अस्थायी रूप में वकसी मुरा की कमी पडती अक्षधक मात्रा ममलाई जाती है।
है, तो िह अपने कोटे से ऋण प्रदान करता है। यह सुविधा के िल
सदस्य देशो के ललए है। 77. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
एर्थल ऐल्कोहॉल को सान्‍दर सल्यररक अम्ल के आक्षधक्य के साथ
71. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक 170°-180°C ताप पर गमण करने से एर्थलीन बनती है।
-वकरणें धनािेद्घशत -कणों से बनी होती है। -कण पर 2 यवनट
धनािेश होता है। इनका रव्यमान हीललयम-4 परमाणु के नालभक
के रव्यमान के बराबर अथात् 4 a.m.u होता है तथा िेग लगभग एर्थल ऐल्कोहॉल एर्थलीन
1 उपयोग –
प्रकाश के िेग का होता है।
10
1. िलों को कृ दत्रम विक्षध से पकाने में
-वकरणें गैसों को आयवनत करती है। इनकी आयनकारी
2. वनश्चेतक (Anaesthetic) के रूप में
क्षमता -वकरणों की अपेक्षा 100 गुनी तथा -वकरणों की अपेक्षा
3. पॉललथीन बनाने में
10,000 गुनी होती है। - वकरणें विद्युत क्षेत्र में ऋृण आिेद्घशत प्लेट
4. मस्टडण गैस बनाने में
की ओर विक्षेमपत हो जाती हैं। - वकरणें िोटोग्रामिक प्लेट को
काला कर देती हैं।
78. (A) पी.्वी.्सी
जैि वनम्नीकृ त (Biodegradable) बहुलक िे हैं खजनका विखंडन
72. (A) ऊष््मा्के्रूप्में
जैविक प्रवक्रयाओं द्वारा समय के साथ प्राकृ वतक एिं पयािरण की
जल अपघटन (Hydrolysis) िह प्रवतवक्रया है, खजसमें लिण के
दृवि से सुरक्षक्षत तरीके से हो जाता है। सेलुलोज, स्टाचण एिं प्रोटीन
आयन और जल के आयन या अणु परस्पर संयोग करके अम्लीय या
जैि- वनम्नीकृ त बहुलक है। पी. िी. सी (PVC – Polyvinyl
क्षारीय घोल बनाते हैं। इसमें ऊजा, ‘ऊष्मा’ के रूप में वनकलती है।
Chloride) जैि वनम्नीकृ त बहुलक नहीं हैं।

73. (A) + 6
79. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं
वकसी यौवगक की ऑक्सीकरण संख्या शन्‍दय होती है और यह उसमें
⚫ सोदडयम बाईकाबोनेट को बेवकिंग सोडा के रूप में जाना
उपस्थित तत्िों की ऑक्सीकरण संख्याओं का घटक के अनुसार
जाता है।
योग होता है।
⚫ सोदडयम काबोनेट को धोिन सोडा के रूप में जाना जाता है।
H2SO4 में S का उपचयनांक
⚫ क्षसरका में एक्षसदटक अम्ल पाया जाता है।
(+1) × 2 + x + (-2) × 4 = 0
 2+x–8=0
80. (C) र्ह्1000्गुना्घट्जाती्है।
 X=6
pH वकसी विलयन की अम्लयता या क्षारकता की एक माप है। इसे
अत: H2SO4 में S का उपचयनांक = + 6
लघुगणक इकाइयों में व्यक्त वकया जाता है।
यदद वकसी विलयन का pH मान 3 हो तो H+ आयन की
74. (C) कैमसटेराइट
सान्‍दरता 10–3 मोल/लीटर होगी। इसी प्रकार यदद वकसी विलयन का
मैलेकाइट, ऐजुराइट, क्यप्राइट, कै ल्कोसाइट, कै ल्कोपाइराइट
आदद कॉपर के अयस्क हैं। कै क्षसटेराइट टीन का अयस्क है। pH मान 6 है तो H+ आयन की सांन्‍दरता 10–6 मोल/लीटर होगी जो
पहली सान्‍दरता से 1000 गुना कम होगी।
75. (C) कैल्ल्शर्म्सल््िेट हेमीहाइड्रेट
अिण जलयोखजत “कै ल्ल्शयम सल्िे ट” को सामान्‍दयत: ‘प्लास्टर ऑि 81. (A) (NH4)2SO4
पेररस’ कहा जाता है। यह एक सिे द चणण है। इसका उपयोग शल्य अमोवनयम सल्िे ट का रासायवनक सत्र (NH4)2SO4 होता है।
वक्रया में पदट्टयों के रूप में होता है। इससे मवतियॉं तथा मवतियों के अमोवनयम सल्िे ट एक अकाबणवनक यौवगक है खजसके कई
1 िाखणज्यिक उपयोग है। इसका सबसे आम उपयोग उिणरक के रूप
सांचे भी बनाए जाते हैं। इसका रासायवनक सत्र CaSO4 . H2O
2 में होता है। इसमें 21% नाइरोजन और 24% सल्िर होता है।
(कै ल्ल्शयम सल्िे ट हेमीहाइड्रेट) है।

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82. (C) क्विक्मसल््वर 87. (C) मसधलका
पारा का सामान्‍दय नाम क्विक क्षसल्िर (Quick silver) है। यह कॉंच का सबसे महत्िपणण घटक क्षसललकॉन डाईऑक्साइड (Sio2)
प्रकृ वत में अल्प मात्रा में स्ितंत्र रूप में पाया जाता है। इसका मुख्य है। सीसा मुख्यत: सल्िाइड ि काबोनेट के रूप में पाया जाता है,
अयस्क क्षसनेबार है। यह साधारण ताप पर रव्य अिस्था में विद्यमान इसका मुख्य अयस्क गैलेना है। यह एक भारी धातु है और विद्युत का
रहता है तथा यह विद्युत एिं उष्मा का सुचालक होता है। इस पर कु चालक होता है।
जल और क्षार का कोई प्रभाि नहीं पडता है। इसका उपयोग ⚫ अभ्रक (Mica) धातु है।
थमामीटर, बैरोमीटर] चाूँदी और सोने के वनष्किणण आदद में वकया
⚫ क्िाटणज – यह रेत एिं ग्रेनाइट का मुख्य घटक है।
जाता है।

88. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं


83. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक
PVC का पणण रूप पॉलीविनाइल क्लोराइड होता है। PVC विनाइल
िह प्रवक्रया खजसमें दो या दो से अक्षधक अलभकारक पदाथण ममलकर
क्लोराइड के बहुलीकरण से प्राप्त होता है। इसका उपयोग वबजली
एक या एक से अक्षधक गुणधमण िाले नए उत्पाद का वनमाण करते
की तारों की कोदटिंग, पतली चादरें, मिल्म एिं बरसाती सीट किर
हैं, तो उसे रासायवनक अलभवक्रया कहते हैं।
वकसी रासायवनक अलभवक्रया के होने की पहचान करने के बनाने में होता है।
ललए वनम्न त्यों का प्रयोग वकया जाता है –
1. पदाथण की अिस्था में पररितणन (स्थिवत बदलना) 89. (A) काबषन्डाइऑक््साइड
2. रंग में पररितणन सोदडयम काबोनेट (धोिन सोडा) को हाइड्रोक्लोररक अम्ल के साथ
3. गैस का उत्सजणन अलभवक्रया कराने पर सोदडयम क्लोराइड ि जल प्राप्त होता है तथा
4. ताप में पररितणन काबणन-डाइऑक्साइड (CO2) गैस के रूप में वनकल जाती है।

84. (B) N2 और्S


कोयले और पेरोललयम के दहन से N2 और S के ऑक्साइड का
वनमाण होता है। ये ऑक्साइड िातािरण में अम्लीयता के सान्‍दरण
में बढोत्तरी करते हैं खजससे अम्लीय ििा होती है तथा िलों को 90. (A) उनका्इलेक््रॉफनक्ववन्‍द्र्ास्स्थिर्रहता्है।
नुकसान होता है। दलु णभ गैसों को अवक्रय गैसे भी कहा जाता है क्योंवक ये गैसे
साधारणत: रासायवनक अलभवक्रयाओं में भाग नहीं लेती, तथा
85. (C) बेककिंग्पाउडर उनका इलेक्रॉवनक विन्‍दयास स्थिर रहता है और िे हमेशा मुक्त
टाटणररक अम्ल मुख्यत: कु छ िलों में पाया जाता है। जैसे अंगर, अिस्था में रहती है। सभी अवक्रय गैसें हीललयम, वनऑन आगणन,
इमली आदद। यह बेवकिंग पाउडर का एक घटक है। बेवकिंग सोडा वक्रप्टॉन आदद रंगहीन और स्िादहीन होती हैं।
रासायवनक रूप से सोदडयम बाई काबोनेट है। बेवकिंग पाउडर में
बेवकिंग सोडा + दब
ु णल एक्षसड (टाटणररक एक्षसड) + स्टाचण होता है। 91. (A) N2O
नाइरस ऑक्साइड (N2O) खजसे आमतौर पर हूँसाने िाली गैस के
86. (A) बेंजीन रूप में जाना जाता है। इसकी खोज एक अंग्रेज िैज्ञावनक जोसेि
प्रीस्टले ने की थी। इसका उपयोग दन्‍दत र्चवकत्सकों द्वारा एनैस्थैदटक
बेंजीन एक असंतृप्त हाइड्रोकाबणन है, खजसका अणुसत्र C6H6 है।
(Anaesthetics) के विकल्प के रूप में इस्तेमाल वकया जाता है।
बेंजीन का अणु 6 काबणन परमाणुओं से बना होता है जो एक छल्ले
की तरह क्रमश: एकल और दद्वबन्‍दध द्वारा जुड े होते हैं तथा प्रत्येक
92. (A) परमाणु्आकार
काबणन परमाणु से एक हाइड्रोजन परमाणु एकल बंध द्वारा जुडा होता
आधुवनक आितण सारणी के पहले और सातिें दोनों समहों में तत्िों
है। बेंजीन रंगहीन, मीिी गन्‍दध िाला, अत्यन्‍दत ज्िलनशील रि है।
के परमाणु क्रमांक में िृद्घि के साथ उनके परमाणु के आकार में
चवक बेंजीन की ऑक्टेन संख्या अक्षधक होती है, इसीललए पेरोल में
िृद्घि होती है। वकसी आितण में परमाणु क्रमांक में िृद्घि के साथ-
यह कु छ प्रवतशत तक ममलाई जाती है। साथ तत्िों के परमाणुओं का आकार घटता है।
बेंजीन की रासायवनक संरचना : -
93. (A) न्‍द्र्ल
ू ैंड्स
अलेक्जेंडर न्‍दयलैंड्स ने 1864 ई. में ‘अष्टक वनयम’ को प्रवतपाददत
वकया था। इस वनयम के अनुसार तत्िों को उनके बढते हुए परमाणु
भार के क्रम में व्यिस्थित वकया गया तथा पाया गया वक वकसी भी
तत्ि से प्रारंभ करने पर अगले आििें तत्ि के गुण प्रथम तत्ि के
समान थे। इसको ही न्‍दयलैंड्स का ‘अष्टक क्षसिांत’ कहते हैं।

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94. (D) उपर्ुषक््त्में्से्एक्से्अधिक 99. (A) CWg
जो धातु ऑक्साइड अम्ल और क्षार दोनों से अलभवक्रया करके लिण वबहार के भौगोललक दशाओं को दशाने के ललए अलग-अलग
तथा जल बनाते हैं, उन्‍दहें उभयधमी ऑक्साइड (Amphoteric भगोलिेत्ताओं ने अलग-अलग संकेतक द्वारा िगीकरण वकया है।
कोपेन – उतर वबहार – CWg
Oxide) कहते हैं।
दक्षक्षण वबहार – AW
Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O (अम्लीय प्रकृ वत)
दरिाथण – उत्तर वबहार – CaW
Al2O3 + 6HCl → 2AlCl3 + 3H2O (क्षारीय प्रकृ वत)
दक्षक्षण वबहार – AW
ZnO + 2HCl → ZnCl2 + H2O (क्षारीय प्रकृ वत) थॉनणिेट – उत्तर-पर्िम संकीणण क्षेत्र – CB’W
ZnO + 2NaOH → Na2ZnO2 + H2O (अम्लीय प्रकृ वत) शेि वबहार - CA’W
अत: एल्युमीवनयम ऑक्साइड (Al2O3) तथा खजिंक ऑक्साइड
100. (A) 1, 2, 3, 4
(ZnO) दोनों उभयधमी ऑक्साइड हैं।
वबहार में वनममित भौगोललक आकृ वतयों को उनके वनमाण के अनुसार
वनम्न क्रम में सजाया जाता है-
95. (B) एक्परमाणु्में्स्थित्प्रोटॉनों्की्संख्र्
् ा्से। 1. धारिाड – खडगपुर की पहादडयॉं
वकसी तत्ि की परमाणु संख्या उस परमाणु में स्थित प्रोटॉनों की 2. विन्‍दध्य – कै मर की पहादडयॉं
संख्या से वनधाररत की जाती है। 3. टद्घशियरी – सोमेश्िर की पहादडयॉं
परमाणु्संख््र्ा्:्- वकसी तत्ि के परमाणु के नालभक में उपस्थित 4. क्िाटणनरी – गंगा का मैदान
इकाई धन आिेशों की कु ल संख्या या उस तत्ि के नालभक में सबसे प्राचीन भौगोललक आकृ वत खडगपुर की पहादडयॉं तथा सबसे
उपस्थित प्रोटॉनो की कु ल संख्या को उस तत्ि की परमाणु संख्या निीन नददयों के वनक्षेप से वनममित गंगा का मैदान है।
कहते हैं। इसे Z द्वारा सर्चत वकया जाता है। वकसी तत्ि की परमाणु 101. (B) घाघरा, गंगा, कमषनाशा
संख्या उस तत्ि का मौललक गुण है।
• उत्तर प्रदेश से वनकलकर या सीमा बनाकर वबहार में
परमाणु संख्या = प्रोटॉन की संख्या (p)
प्रिेश करने िाली प्रमुख नददयॉं हैं- गंगा, घाघरा,
परमाणु संख्या = इलेक्रॉनों की संख्या (e)
गंडक, कमणनाशा।
z=p=e
• बढी गंडक एिं सोन उत्तर प्रदेश से होकर वबहार में
96. (C) 1्एवं्2 प्रिेश नहीं करती है।
दोनों कथन सत्य हैं। 102. (C) गंगा
वबहार के सीमािती क्षेत्र एिं खजले- वबहार में तीन बहुउद्देशीय पररयोजनाएूँ वनममित हैं-
प. चम्पारण, पिी चम्पारण, • सोन् बहुउद्दे शीर्् पररर्ोजना- यह वबहार की सबसे प्राचीन
नेपाल 07 सीतामढी, मधुबनी, सुपौल, अरररया,
बहुउद्देशीय पररयोजना है।
वकशनगंज
➢ इसका वनमाण सोन नदी पर 1874 ई. में डेहरी में वकया गया
रोहतास, औरंगाबाद, गया, निादा, था।
झारखंड 08
जमुई, बांका, भागलपुर, कदटहार
• गंडक् बहुउद्दे शीर्् पररर्ोजना् – यह भारत एिं नेपाल की
रोहतास, कै मर, बक्सर, भोजपुर,
उत्तर संयुक्त पररयोजना है यह नेपाल सीमा पर भैंसालोटन के पास
08 सारण, सीिान, गोपालगंज, प.
प्रदेश गंडक नदी पर वनममित है।
चम्पारण
• कोसी्बहुउद्दे शीर््पररर्ोजना- यह भी भारत एिं नेपाल की
प. बंगाल 03 वकशनगंज, पखणिया, कदटहार
संयुक्त पररयोजना है। यह नेपाल सीमा पर कोसी नदी पर
वनममित है। इसकी स्थापना 1953 ई. में की गई थी।
97. (C) वबहार्का्उत्तर्से्दक्षक्षण्की्लम््बाई्483्ककमी.्है।
वबहार का भौगोललक आकार आयताकार है। वबहार की उत्तर से 103. (B) जमुई
दक्षक्षण की लम्बाई 345 वकमी. तथा पिण से पर्िम की चौडाई 483 नागी एिं नकटी िन्‍दय जीि अभ्याररय जमुई खजले में स्थित है। नागी
वकमी. है। अन्‍दय दोनों कथन सत्य हैं। (1.92 िगण वकमी.) वबहार का सबसे छोटा िन्‍दय जीि अभ्याररय है।

98. (C) 28o10’ उत्तरी्अक्षांश्रेिा 104. (D) उपर्ुक््त्में्एक्से्अधिक


उपरोक्त सभी ममदट्टयॉं वबहार में पाई जाती हैं। वबहार की प्रमुख
वबहार भौगोललक रूप से उत्तर-पिण भारत में स्थित है। वबहार का
ममदट्टयॉं वनम्न हैं-
भौगोललक विस्तार वनम्नित है-
उत्तर्वबहार दक्षक्षण्वबहार
• अक्षांश- 24o20’10” N से 27o31’15” N
1. पिणतपादीय ममट्टी 1. टाल ममट्टी
• देशांतर- 83o29’50” E से 88o17’40” E
2. तराई ममट्टी 2. कगारी ममट्टी
अत: वबहार का अक्षांशीय विस्तार 24o20’10” उत्तर से 27o31’15” उत्तर
3. बांगर ममट्टी 3. करैल-कै िाल ममट्टी
के मध्य ही हो सकता है। 28o10’ उत्तरी अक्षांश का संबंध वबहार के
4. खादर ममट्टी 4. बलथर ममट्टी
भौगोललक सीमा से नहीं है।

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105. (B) 918 112. (C) उज्जैन
⚫ वबहार का ललिंगानुपात - 918 मध्य प्रदेश के उिैन में प्रधानमंत्री नरेंर मोदी ने महाकाल लोक
⚫ वबहार का द्घशशु ललिंगानुपात - 935 पररयोजना के पहले चरण का उिाटन वकया । इसकी कु ल लागत
⚫ वबहार का जनसंख्या घनत्ि – 1106/km2 850 करोड है। महाकाल पथ में 108 स्तंभ हैं खजसमें भगिान द्घशि
⚫ वबहार की साक्षरता दर – 61.8% के जीिन को दशाने िाली विलभि मवतियों को र्चदत्रत वकया
⚫ वबहार की दशकीय िृद्घि दर – 25.42% जाएगा।

113. (D) उपर्ुषक्त्में्से्कोई्नहीं


106. (C) पार्राइट
उपयुणि ददए गए सभी कथन सही है।
वबहार में पायराइट का उत्पादन सम्पणण भारत का लगभग 95% तक
योजना के तहत गंगा नदी का पानी राजगीर, बोधगया, गया तथा
होता है। पायराइट का उपयोग उिणरक उद्योग, कागज उद्योग,
निादा में पहुूँचाया जाएगा। इसकी शुरूआत 27 निंबर 2022 को
पेरोललयम शोधन आदद में वकया जाता है।
राजगीर से और 28 निंबर 2022 को गया एिं बोधगया से की गई

107. (A) Zone-I थी। पहले चरण में राजगीर, गया तथा बोधगया में लाग होगा तथा

वबहार को कृ मि की दशाओं के आधार पर तीन कृ मि जलिायु क्षेत्रों 7.5 लाख घरों में पानी की आपवति करेगा। दसरे चरण को निादा में
(Zone) में विभाखजत वकया गया है। तीसरे क्षेत्र को दो उपिगों में 2023 से लाग वकया जाएगा।
विभाखजत वकया गया है।
Zone I – उत्तर पर्िम वबहार का क्षेत्र है खजसमें 13 खजले शाममल 114. (C) ्मेघालर्
हैं। यह क्षेत्र गन्‍दना, धान उत्पादन के ललए प्रक्षसि है। प्राथममक स्वास्थ्य कें रों तक दिाइयां पहुंचने के ललए भारत का
Zone II – उत्तर-पिण वबहार का क्षेत्र है खजसमें 08 खजले शाममल पहला ड्रोन स्टेशन मेघालय में िामपत वकया गया है। यह एद्घशया
है। यह क्षेत्र, जट, धान, चाय, मक्का उत्पादन के ललए का पहला ड्रोन दडलीिरी कें र है। मेघालय सरकार ने इसे 'टेक ईगल'
प्रक्षसि है। नामक स्टाटणअप कं पनी के सहयोग से िामपत वकया है। इसका
Zone III – यह दक्षक्षण वबहार का क्षेत्र है इसमें 17 खजले शाममल उद्देश्य राि के विलभि ठहस्सों में ड्रोन के माध्यम से दिाओं की
है। इसे दो उपिगण Zone III (A) एिं Zone III (B) आपवति करना है।
में विभाखजत वकया गया है।
108. (A) राजगीर
115. (B) बेंगलुरु
ब्रह्मकु रड वबहार का सबसे गमण जलकु रड है। यह राजगीर में स्थित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगलुरू में नादप्रभु कै म्पेगोडा की 108 िीट
है। राजगीर में स्थित अन्‍दय जलकु रड है- सयणकुरड, नानककु रड,
ऊूँची कांस्य प्रवतमा का अनािरण वकया, खजसे स्टैच्य ऑि
सप्तधारा आदद।
प्रॉस्पेररटी’ नाम ददया गया है।
स्टेच ऑफ़ इिललटी – हैदराबाद (तेलंगाना)
109. (A) औरंगाबाद स्टेच ऑफ़ वबलीि – नाथद्वारा (राजिान)
ओबरा वबहार के औरंगाबाद खजले में स्थित है। यह औरंगाबाद से 15 स्टेच ऑफ़ यवनटी – के िदडया (गुजरात)
वकमी. दर स्थित एक छोटा शहर है जो कालीन उत्पादन के ललए
प्रक्षसि रहा है। 116. (A) व्लाददमीर्जेलेंस्की
टाइम पदत्रका द्वारा 2022 पसणन ऑि द ईयर के रूप में यक्रेन के
110. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं राष्ट्रपवत व्लाददमीर जेलेंस्की को चुना गया। पदत्रका ने कहा वक
वबहार औद्योवगक क्षेत्र विकास प्राक्षधकरण (BIADA) की स्थापना जेलेंस्की ने रूसी आक्रमण का विरोध करने के ललए यक्रेन के लोगों
1974 ई. में की गई थी। इसका उद्देश्य उद्योगों के विकास के ललए
को प्रेररत वकया और सेना के साथ खडे रहे। एलन मस्क को 2021
एक मंच प्रदान करना है खजससे सरकार एिं उद्यममयों के बीच सीधी
पसणन ऑि द ईयर के रूप में चुना गया था।
बातचीत की जा सके ।

111. (B) लक्षद्वीप 117. (C) I, II एवं्III

डेनमाकण के िाउन्डेशन िॉर एनिायरनमेंट एजुकेशन द्वारा लक्षद्वीप उपयुणि ददए गए तीनों कथन सही है। क्षसतंबर 2023 में G-20
के दो समुरी तटों ममवनकॉय थुंडी तट और कदमत तट को ब्ल फ्लै सम्मेलन का आयोजन नई ददल्ली, भारत में वकया जाएगा। भारत
प्रमाणन प्रदान वकया गया। भारत में अब 12 ब्ल फ्लैग समुर तट ने 1 ददसंबर 2022 से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की।
है।

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[ 10 ]
118. (B) ववक्रम्-S • वबहार, गोिा और क्षसक्किम एकमात्र ऐसे राि थे खजन्होंने कोई स्वणण
भारत का पहला वनजी रूप से विकक्षसत रॉके ट विक्रम-S आन्ध्र पदक नहीं जीता।
प्रदेश के श्रीहररकोटा से लांच वकया गया। इसे हैदराबाद स्थित • वबहार ने दो कांस्य पदक जीते और पदक ताललका में 31िां िान
स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा लांच वकया गया है। प्राि वकया। वबहार ने मठहला रग्बी प्रवतयोवगता में कांस्य पदक एिं
मठहला नेटबॉल प्रवतयोवगता में कांस्य पदक जीता।
119. (A) सूर्ष
125. (B) डी्वाई्चंरचूड
अक्टबर 2022 में चीन ने सयण के अध्ययन के ललए पहला अंतररक्ष
डी िाई चंरचड – भारत के 50िें मुख्य न्यायाधीश
आधाररत सोलर टेलीस्कोप कु आि-1 लॉन्च वकया। यह टेलीस्कोप
उदय उमेश लललत - भारत के 49िें मुख्य न्यायाधीश
सयण के चुंबकीय क्षेत्र का पता लगाएगा तथा सयण के विस्फोट के
प्रदीप कु मार मोहंती – भारत के लोकपाल अध्यक्ष
रहस्य का पता चलेगा।
126. (C) आईएनएस्अररहंत
120. (C) भारत-फ्ांस्वार्ु्सेना्अभ्यास अक्टबर 2022 में भारतीय नौसेना ने भारत की पहली स्वदेशी रूप से
गरुड, भारत और फ्रांस के बीच आयोखजत वकए जाने िाला िायु विकक्षसत परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अररहंत का सिलतापिणक
सेना अभ्यास है। निंबर 2022 में गरुड VII युद्ध अभ्यास का परीक्षण वकया। भारत छिां ऐसा देश बन गया है, खजसके पास स्वदेशी
आयोजन जोधपुर (राजिान) में वकया गया। परमाणु पनडुब्बी है। 2009 में इसे लॉन्च वकया गया था। इसे
विशाखापट्टनम के द्घशप वबस्थल्डिंग सेंटर में बाकण (BARC), भारतीय
121. (D) उपर्ुषक्त्में्से्कोई्नहीं नौसेना और डीआरडीओ के विज्ञावनयों के द्वारा तैयार वकया है।
उपयुणि सभी सही सुमेललत है। 127. (D) उपर्ुषक्त्में्से्कोई्नहीं
उपयुणि ददए गए सभी कथन सही है।
122. (A) I एवं्II
• सीजन का सबसे मल्यिान खखलाडी- अजुणन देशिाल
कथन एक एिं कथन दो सही है। िीिा अंडर-17 मठहला विश्व कप (मपिंक पैंथसण)
का खखताब स्पेन ने कोलंवबया को हराकर जीता है। यह िीिा अंडर-
• रेडर ऑि द सीजन - भारत (बेंगलुरु बुल्स)
17 मठहला विश्व कप का सातिां संस्करण था। इस ििण इसका
• सीजन का दडिें डर - अंकुश (मपिंक पैंथसण)
शुभंकर ईभा रखा गया था।
• यंग प्लेयर ऑि द सीजन - नरेंर (बेंगलुरु बुल्स)
जयपुर मपिंक पैंथसण ने प्रो कबिी लीग के 9िें सीजन के
123. (C) डॉ.्मािव्हाडा
खखताबी मुकाबले में पुनेरी पलटन को हराकर खखताब
ििण 2022 के ललए 32िां वबहारी पुरस्कार डॉ माधि हाडा को उनके अपने नाम वकया। िाइनल जयपुर मपिंक पैंथसण ने पुनेरी
साठहत्य ‘पचरंग चोल पहर सखी री' के ललए ददया गया। िहीं 2021 पलटन को 33-29 से हराकर दसरी बार प्रो. कबिी लीग
के ललए 31िां वबहारी पुरस्कार मधु कांकररया को उनकी कृ वत ‘हम चैंमपयन बनी।
यहां थे' के ललए ददया गया। 128. (B) मध्य्प्रदे श
मध्य प्रदेश के इंदौर खजले की मह छािनी में 16 ददसंबर 2022 को
124. (D) उपर्ुषक्त््में्से्कोई्नहीं देश की पहली पैदल सेना संग्रहालय का उिाटन वकया गया। इस
उपयुणि ददए गए सभी कथन सही है। संग्रहालय में 1747 से 2020 तक इन्फैंरी कोर के इवतहास को र्चदत्रत
• 36िें राष्ट्रीय खेल, 2022 वकया गया है, खजसमें प्रलेखन, प्रोिाइल र्चत्र और िोटो गैलरी में
• िान- गुजरात [29 क्षसतंबर से 12 अिबर] िीर सैवनकों के बललदान को संरक्षक्षत वकया गया है।
• शुभंकर – सािज (एद्घशयाई शेर)
• उिाटन प्रधान मंत्री नरेंर मोदी द्वारा 129. (A) उत्तर्प्रदे श
• आदशण िाक्य- Celebrating unity through sports उत्तर प्रदेश सरकार ने “एक खजला, एक उत्पाद” की तजण पर एक
• सिणश्रेष्ठ पुरुि खखलाडी- – साजन प्रकाश (तैराकी) खजले में एक खेल को बढािा देने के ललए “एक खजला, एक खेल”
• सिणश्रेष्ठ मठहला खखलाडी – हाद्घशका रामचंरन (तैराकी) पहल की शुरुआत की है। इसके तहत यपी के 75 खजलों में से प्रत्येक
में एक खेल की पहचान की जाएगी और खजलेिार खेल-विद्घशि
• शौयणजीत खैरे (मलखंब) राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने िाले सबसे
प्रवतभाओं को खोजने और उनके कौशल को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय
कम उम्र के खखलाडी बने।
स्तर के टनामेंट का प्रवतवनक्षधत्व करने में सक्षम बनाएगी।
• पजा पटेल- योगासन में गोल्ड जीतने िाली पहली खखलाडी बनीं।
• 61 स्वणण पदकों सठहत कु ल 128 पदकों के साथ सवििसेज पदक
130. (B) सहरसा
ताललका में शीिण पर रहा।
वबहार का सहरसा खजला पेपरलेस होने िाला वबहार का पहला
• 37िां राष्ट्रीय खेल, 2023 गोिा में आयोखजत वकया जाएगा।
कलेक्रेट बन गया है। इसके तहत कलेक्रेट (समाहरणालय) मे ई
• राष्ट्रीय खेल 2022 में मलखंब योगासन, स्के टबोदडिंग, गोल्फ और
ऑमिस प्रणाली लाग हो गई है, खजससे सभी कायण ऑनलाइन
सॉफ्ट टेवनस को शाममल वकया गया।
संचाललत वकए जाएंगे। इससे कायों में पारदद्घशिता आएगी तथा
भ्रिाचार पर संतुलन िामपत होगा।

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[ 11 ]
131. (A) पीटी्उर्ा 138. (C) भारत
भारत की धाविका पीटी उिा को भारतीय ओलंमपक संघ अक्टबर 2022 में 90िीं इंटरपोल महासभा का आयोजन नई
(आईओए) की पहली मठहला अध्यक्ष चुना गया है। उन्होंने एद्घशयाई ददल्ली, भारत में वकया गया। इस बैिक में इंटरपोल के 195 सदस्य
खेलों में चार स्वणण तथा सात रजत पदक जीते हैं और 1984 के लॉस देशों के प्रवतवनक्षधमंडल शाममल हुए। इंटरपोल एक अंतराष्ट्रीय
एंजललस ओलंमपक खेलों में 400 मीटर की बाधा दौड में चौथे िान अपराक्षधक पुललस संगिन है। इंटरपोल की िापना 1923 में वियना,
पर रही । ऑल्स्रया में हुई थी। इसका मुख्यालय ललयोन (फ्रांस) में है।

132. (C) पूवी्वतमोर


139. (A) तेलंगाना
दक्षक्षण पिण एद्घशयाई देशों के संघ (आक्षसयान) ने पिी वतमोर को
तेलंगाना सरकार ने गरीबों के ललए कल्याणकारी योजना के रूप में
11िें सदस्य के रूप में स्वीकार करने के ललए सैिांवतक रूप से
आसरा पेंशन योजना की शुरुआत की है। यह योजना राि के िृद्ध
सहमवत व्यि की है। पिी वतमोर (वतमोर-लेस्ते) ने 2011 में इसकी
िगण, विधिाओं, शारीररक रूप से आर्श्रत व्यमियों को सामाखजक
सदस्यता के ललए आिेदन वकया था। आक्षसयान के अन्य सदस्य
सुरक्षा प्रदान करेगा।
ब्रुनेई, कं बोदडया, इंडोनेद्घशया, मलेद्घशया, लाओस, म्ांमार,
मिलीपींस, क्षसिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम हैं।
140. (D) उपर्ुषक्त्में्से्कोई्नहीं
133. (A) छत्तीसगढ़ उपयुणि ददए गए सभी कथन सही है। बेंगलुरु स्थित गैर पक्कब्लक
छत्तीसगढ के रायपुर में तीसरे राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सि का अिे यसण सेंटर (PAC) द्वारा यह सचकांक जारी वकया गया। हररयाणा
आयोजन वकया गया। इस आयोजन में 1500 जनजातीय ने 0.6948 के स्कोर के साथ बडे रािों की श्रेणी में शीिण िान
कलाकारों ने ठहस्सा ललया था। खजसमें भारत के राि और कें र हाक्षसल वकया है । इसके बाद तममलनाडु, के रल, छत्तीसगढ, पंजाब
शाक्षसत प्रदेशों के साथ-साथ 9 अलग-अलग देशों के जनजातीय और कनाटक का िान है। छोटे रािों की श्रेणी में क्षसक्किम ने
कलाकारों ने भी भाग ललया था। 0.5715 के स्कोर के साथ प्रथम िान हाक्षसल वकया।

134. (B) जॉजजिर्ा्मेलोनी 141. (A) a + 4


जॉखजिया मेलोनी - इटली की पहली मठहला प्रधानमंत्री  a, b, c, d तथा e पॉंच क्रमागत वििम संख्याएूँ हैं।
डीना बोलुआटे - पेरू की पहली मठहला राष्ट्रपवत माना की पहली वििम संख्या a है।
सुजन अनोल्ड – िाल्ट दडज्नी की पहली मठहला अध्यक्ष अत :
b=a+2
135. (B) गुजरात c=a+4
प्रधानमंत्री नरेंर मोदी ने गुजरात के के िदडया में स्टैच्य ऑि यवनटी d=a+6
िल से ममशन लाइि ( (Mission LiFE)) अलभयान की शुरुआत e=a+8
की। इसमें लाइि का मतलब लाइिस्टाइल िॉर एनिायरमेंट है।
 दी गई संख्याओं का औसत
इस अलभयान के जररए पयािरण संरक्षण के ददशा में लोगों को
(𝑎+𝑎+2+𝑎+4+𝑎+6+𝑎+8)
प्रेररत वकया जाएगा। =
5
5𝑎+20
=
5
136. (C) शेहान्करूणावतलका 5(𝑎+4)
= =a+4
5
• बुकर पुरस्कार 2022 - शेहान करूणावतलका (श्रीलंकाई
लेखक), उपन्यास - The Seven Moons of Maali
142. (C) 64्ककग्रा.
Almeida
अध्यापक का भार =[(35 × 47) – (34 × 46.5)]
• बुकर पुरस्कार 2021 - डेमन गलगुट (दक्षक्षण अफ्रीका) ,
= 1645 – 1581
उपन्यास - द प्रॉममस’ (The Promise)
= 64 वकग्रा.

137. (B) सारण


143. (C) 20
कें रीय गृह मंत्री अममत शाह ने वबहार के सारण खजले के
सीताबददयारा में लोक नायक जयप्रकाश नारायण की 14 िीट अंग्रेजी तथा इवतहास का कु ल अंक = 55 × 2 = 110
ऊंची प्रवतमा का अनािरण वकया। जयप्रकाश नारायण एक अंग्रेजी तथा विज्ञान का कु ल अंक = 65 × 2 = 130
भारतीय स्वतंत्रता कायणकता , समाजिादी और राजनीवतक नेता थे।  (विज्ञान – इवतहास) = 130 – 110 = 20
उन्हें 1970 के दशक के मध्य में प्रधान मंत्री इंददरा गांधी के विरोध
का नेतृत्व करने के ललए याद वकया जाता है , खजसे उखाड िें कने
के ललए उन्होंने “ संपणण क्रांवत “ का आह्वान वकया था। उन्होंने 1942
के भारत छोडो आंदोलन का भी नेतृत्व वकया था।

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[ 12 ]
144. (D) उपर्ुषक््त्में्से्कोई्नहीं 148. (C) 5 वर्ष
माना िस्तु का क्रयमल्य = 100 रू. माना मलधन = 5 रू.
20% लाभ पर विक्रयमल्य = 120 रू. 2
साधारण ब्याज =  5 = 2 रू.
25% लाभ पर विक्रयमल्य = 125 रू. 5
ब्याज × 100 2×100
अंतर = (125 - 120) = 5 रू. समय = = = 5 ििण
मलधन × दर 5×8
प्रश्नानुसार,
5 = 35 149. (B) 6400 रू.
35
 100 = × 100 = 700 रू. 2 ििण के चक्रिृद्घि ब्याज तथा साधारण ब्या का अंतर
5
अत: िस्तु का क्रयमल्य = 700 रू. दर 2
=( ) × मलधन
100
145. (A) 1.25्रू/संतरे  144 = (
15 2
) × मलधन
100
100 संतरे का क्रयमल्य = 80 रू. 144×20×20
 = मलधन
शेि संतरे की संख्या = 100 – 20 = 80 3×3

80 × 125
 16 × 20 × 20 = मलधन
80 संतरे का विक्रयमल्य = = 100
100  मलधन =6400 रू.
100
 1 संतरे का विक्रयमल्य = = 1.25 रू. / संतरे
80

146. (A) 18 150. (C) 100%


120 माना वक मलधन = P तथा दर = r% िामििक
45 आम का विक्रयमल्य = 40 × = 60 रू.
80
प्रश्नानुसार,
अब 60 रू. में 45 आम बेचेगा।
3
45  r 
 24 रू. में × 24 = 18 आम 8P = P  r + 
60  100 
3
8 =  1 + 
r
147. (B) 400्रू. 
 100 
प्रत्येक समान िामििक वकस्त
 R = 100%
𝑃 ×100
= 𝑟𝑡 (𝑡−1)
100 × 𝑡+

2
2200 × 100
= 𝟓 × 𝟓(𝟓−𝟏)
100 × 5 +
𝟐
2200 × 100
=
500 + 50
2200 × 100
= = 400 रू.
550

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