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Class X Board Hindi Practice Questions
Class X Board Hindi Practice Questions
(ii) भारतीय संस्कृति में नारी को निम्नलिखित में से क्या नहीं कहा गया है ?
(क) अर्धांगिनी
(ख) सहदे वी
(ग) गहृ लक्ष्मी
(घ) गह
ृ दे वी
(क) जहाँ नारियों की पजू ा होती है , वहाँ दे वता निवास करते हैं।
(ख) जहाँ दे वता निवास करते हैं, वहाँ नारियों की पज ू ा होती है ।
(ग) जहाँ नारियाँ पज
ू ी जाती हैं वहाँ दे वता निवास करते हैं ।
(घ) जहाँ दे वता निवास करते हैं, वहाँ नारियाँ पज ू ा करती हैं।
(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा गण
ु है , जो नारी के सम्मान के योग्य नहीं है ?
2- प्रस्तत
ु गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
2.मनष्ु य अपने भविष्य के बारे में चिंतित है । सभ्यता की अग्रगति के साथ ही चिंताजनक अवस्था उत्पन्न होती
जा रही है । इस व्यावसायिक यग ु में उत्पादन की होड़ लगी है । कुछ दे श विकसित कहे जाते हैं, कुछ विकासोन्मख ु ।
विकसित दे श वे हैं, जहाँ अत्याधनिु क तकनीक का पर्ण ू उपयोग हो रहा है । ऐसे दे श नाना प्रकार की सामग्री का
उत्पादन करते हैं और उस सामग्री की खपत के लिए बाज़ार ढूँढ़ते रहते हैं। अत्यधिक उत्पादन क्षमता के कारण ही
ये दे श विकसित और अमीर हैं। यह सभी जानते हैं कि आधनि ु क विज्ञान और तकनीक ने मनष्ु य को बहुत कुछ
दिया है । उनकी कृपा से संसार के मनष्ु य एक-दस ू रे के निकट आ गए हैं, अनेक परु ाने संस्कार जो गलतफ़हमी पैदा
करते थे, समाप्त होते जा रहे हैं। मनष्ु य को निरोग, दीर्घ जीवी और सस ु स्
ं कृत बनाने के अनगिनत साधन बढ़े हैं,
फिर भी मनष्ु य चिंतित है । जो प्रकृति के मल्
ू यवान भंडारों की अंधाधध ंु लट ू मचाकर आराम और संपन्नता प्राप्त
कर रहे हैं, वे बहुत परे शान नहीं हैं। वे यथास्थिति भी बनाए रखना चाहते हैं और यदि संभव हो तो अपने
व्यक्तिगत, परिवाररात और अतिगत सफलता अधिक-से-अधिक बड़ा लेने के लिए परिश्रम भी कर रहे हैं। ऐसे
सखु ी लोग मनष्ु य का भविष्य जैसी बातों के कारण परे शान नहीं हैं, पर जो लोग अधिक संवेदनशील हैं और मनष्ु य
जाति को महानाश की ओर बढ़ते दे खकर विचलित हो उठते हैं, वे ही परे शान हैं ।
गद्यांश 3
3.अच्छा नागरिक बनने के लिए भारत के प्राचीन विचारकों ने कुछ नियमों का प्रावधान किया है । इन नियमों में
वाणी और व्यवहार की शद्ु धि, कर्तव्य और अधिकार का समचि ु त निर्वाह, शद्
ु धतम पारस्परिक सद्भाव और सेवा
की भावना आदि नियम बहुत महत्त्वपर्ण ू माने गए है । ये सभी नियम यदि एक व्यक्ति के चारित्रिक गण ु ों के रूप में
भी अनिवार्य माने जाएँ तो उसका अपना जीवन सख ु ी और आनंदमय हो सकता है । सभी गण ु ों का विकास एक
बालक में यदि उसकी बाल्यावस्था से ही किया जाए तो वह अपने दे श का श्रेष्ठ नागरिक बन सकता है । इन गण ु ों के
कारण वह अपने परिवार, आस पड़ोस
विद्यालय में अपने सहपाठियों एवं अध्यापकों के प्रति यथोचित व्यवहार कर सकेगा। वाणी एवं व्यवहार की
मधरु ता सभी के लिए सख ृ धि करती है , किंतु अहं कारहीन व्यक्ति
ु दायक होती है , समाज में हार्दिक सद्भाव की वद्
ही स्निग्ध वाणी और शिष्ट व्यवहार का प्रयोग कर सकता है । अहं कारी और दं भी व्यक्ति सदा अशिष्ट वाणी और
व्यवहार का अभ्यासी होता है , जिसका परिणाम यह होता है कि ऐसे आदमी के व्यवहार से समाज में शांति और
सौहार्द का वातावरण नहीं बनता । जिस प्रकार एक व्यक्ति समाज में रहकर अपने व्यवहार से कर्तव्य और
अधिकार के प्रति सजग रहता है , उसी तरह दे श के प्रति भी उसका व्यवहार कर्त्तव्य और अधिकार की भावना से
भावित रहना चाहिए। उसका कर्तव्य हो जाता है कि न तो वह स्वयं कोई ऐसा काम करे और न ही दस ू रों को करने
दे , जिसमें दे श के सम्मान, संपत्ति और 'स्वाभिमान को ठे स लगे। समाज एवं दे श में शांति बनाए रखने के लिए
धार्मिक सहिष्णत ु ा भी बहुत आवश्यक है । यह वत्ति
ृ तभी आ सकती हैं जब व्यक्ति संतलि ु त व्यक्तित्व का हो। वह
आंतरिक व बाहरी संघर्ष से परे सामाजिकता की अनभ ु ति
ू से परिपर्ण
ू व्यक्तित्व होना चाहिए।
i. गद्यांश के संदर्भ में अच्छा नागरिक बनने के लिए नियमों का प्रावधान आवश्यक है , क्योंकि यह
iv. संतलि
ु त व्यक्तित्व से तात्पर्य है ।
v. धार्मिक सहिष्णत
ु ा की स्थापना आवश्यक है , क्योंकि इससे
गद्यांश 4
III. 'कोई साहित्य अपने रचनाकाल के सौ वर्ष बीत जाने पर भी उतना ही प्रासंगिक रहता है ।' कथन के आधार पर
उचित तर्क है
(क) साहित्य की श्रेष्ठता मात्र ही उसके नित्य आकर्षण का आधार नहीं है
(ख) संपर्ण
ू साहित्य का स्थायी व स्पष्ट आधार नहीं है
(ग) लोक कल्याणकारी, स्थायी एवं प्रेरणाप्रद साहित्य होने की दशा में
(घ) पारिभाषिक शब्दावली द्वारा स्पष्टीकरण करने की दशा में
IV. 'साहित्यकार निरपेक्ष होता है और उस पर कोई भी दबाव आरोपित नहीं होना चाहिए।' कथन किस मनोवत्ति
ृ को
प्रकट करता है ?
गद्यांश 5
5.वर्तमान यग ु कंप्यट ू र का यग
ु है । यदि भारतवर्ष पर नज़र दौड़ाकर दे खें तो हम पाएँगे कि जीवन के लगभग सभी
क्षेत्रों में कंप्यट ू र का प्रवेश हो गया है । बैंक, रे लवे स्टे शन, हवाई अड्डे, डाकखाने, बड़े-बड़े उद्योग-कारखाने,
व्यवसाय हिसाब-किताब तथा रुपये गिनने तक की मशीनें कंप्यट ू रीकृत हो गई हैं। आज भी कंप्यट ू र का प्रारं भिक
प्रयोग है तथा आने वाला समय इसके विस्तत ृ फै लाव का संक े त दे रहा है । प्रश्न उठता है कि क ं प्यट
ू र आज की
ज़रूरत है ? इसका उत्तर है -कंप्यट ू र जीवन की मल ू भत ू अनिवार्य वस्तु तो नहीं है , किंतु इसके बिना आज की दनि ु या
अधरू ी जान पड़ती है । सांसारिक गतिविधियों, परिवहन और संचार उपकरणों आदि का ऐसा विस्तार हो गया है कि
उन्हें सच ु ारु रूप से चलाना अत्यंत कठिन होता जा रहा है । पहले मनष्ु य जीवन-भर में यदि सौ लोगों के संपर्क में
आता था, तो आज वह दो-हज़ार लोगों के संपर्क में आता है । पहले वह दिन में पाँच-दस लोगों से मिलता था, तो
आज पचास-सौ लोगों से मिलता है । पहले वह दिन में काम करता था, तो आज रातें भी व्यस्त रहती हैं। आज
व्यक्ति के संपर्क बढ़ रहे हैं, व्यापार बढ़ रहे हैं, गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, आकांक्षाएँ बढ़ रही हैं तथा साधन बढ़ रहे हैं।
इस अनियंत्रित गति को सव्ु यवस्था दे ने की समस्या आज की प्रमख ु समस्या है । कहते हैं आवश्यकता आविष्कार
की जननी है । इस आवश्यकता ने अपने अनस ु ार निदान ढूँढ़ लिया है ।
कंप्यट ू र एक ऐसी स्वचालित प्रणाली है जो कैसी भी अव्यवस्था को व्यवस्था में बदल सकती है । हड़बड़ी में होने
वाली मानवीय भल ू ों के लिए कंप्यटू र रामबाण औषधि है । क्रिकेट के मैदान में अंपायर की निर्णायक भमि ू का हो या
लाखों-करोड़ों की लंबी-लंबी गणनाएँ, कंप्यट ू र पलक झपकते ही आपकी समस्या हल कर सकता है । पहले इन कामों
को करने वाले कर्मचारी हड़बड़ाकर काम करते थे, एक भल ू से घबराकर और अधिक गड़बड़ी करते थे।
परिणामस्वरूप काम कम, तनाव अधिक होता था। अब कंप्यट ू र की सहायता से काफी सवि ु धा हो गई है ।
i. वर्तमान यग
ु कंप्यट ू र का यग ु क्यों है ?
(क) क्योंकि कंप्यट ू र के बिना जीवन की कल्पना असंभव सी हो गई है
(ख) क्योंकि कंप्यट ू र ने परू े विश्व के लोगों को जोड़ दिया है
(ग) क्योंकि कंप्यटू र जीवन की अनिवार्य मल ू भतू वस्तु बन गई है ।
(घ) क्योंकि कंप्यट
ू र मानव सभ्यता के सभी अंगों का अभिन्न अवयव बन चक ु ा है
v. कंप्यट
ू र के बिना आज की दनि
ु या अधरू ी है , क्योंकि
गद्यांश 6
6.अपनी सभ्यता का जब मैं अवलोकन करता हूँ, तब लोगों को काम के संबध ं की उनकी विचारधारा के अनस ु ार
उन्हें विभाजित करने लगता हूँ। एक वर्ग में वे लोग आते हैं, जो काम को उस घणि ृ त आवश्यकता के रूप में दे खते
हैं, जिसकी उनके लिए उपयोगिता केवल धन अर्जित करना है । वे अनभ ु व करते हैं कि जब दिनभर का श्रम समाप्त
हो जाता है , तब वे जीना सचमच ु शरू
ु करते हैं और अपने आप में होते हैं।
जब वे काम में लगे होते हैं, तब उनका मन भटकता रहता है । काम को वे उतना महत्त्व दे ने का कभी विचार नहीं
करते, क्योंकि केवल आमदनी के लिए ही उन्हें काम की आवश्यकता है । दस ू रे वर्ग के लोग अपने काम को आनंद
और आत्मपरितोष पाने के एक सय ु ोग के रूप में दे खते हैं। वे धन इसलिए कमाना चाहते हैं, ताकि अपने काम से
अधिक एकनिष्ठता के साथ समर्पित हो सकें। जिस काम में वे संलग्न होते हैं, उसकी पज ू ा करते हैं।
पहले वर्ग में केवल वे लोग ही नहीं आते हैं, जो बहुत कठिन और अरुचिकर काम करते हैं। उसमें बहुत-से संपन्न
लोग भी सम्मिलित हैं, जो वास्तव में कोई काम नहीं करते हैं। ये सभी धन को ऐसा कुछ समझते हैं, जो उन्हें काम
करने के अभिशाप से बचाता है । इसके सिवाय कि उनका भाग्य अच्छा रहा है , वे अन्यथा उन कारखानों के मजदरू ों
की तरह ही हैं, जो अपने दै निक काम को जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप समझते हैं। उनके लिए काम कोई घणि ृ त
वस्तु है और धन वांछनीय, क्योंकि काम से छुटकारा पाने के साधन का प्रतिनिधित्व यही धन करता है ।
यदि काम को वे टाल सकें और फिर भी धन प्राप्त हो जाए, तो खश ु ी से यही करें गे। जो लोग काम में अनरु क्त हैं
तथा उसके प्रति समर्पित हैं, ऐसे कलाकार, विद्वान ् और वैज्ञानिक दस ू रे वर्ग में सम्मिलित हैं।वस्तओ ु ं को बनाने
और खोजने में वे हमेशा दिलचस्पी रखते हैं। इसके अंतर्गत परं परागत कारीगर भी आते हैं, जो किसी वस्तु को रूप
दे ने में गर्व और आनंद का वास्तविक अनभ ु व करते हैं। अपनी मशीनों को ममत्वभरी सावधानी से चलाने और
उनका रख-रखाव करने वाले कुशल मिस्त्री और इंजीनियर इसी वर्ग से संबधि ं त हैं।
II. दस
ू रे वर्ग के लोग धन क्यों कमाना चाहते हैं?
(क) क्योंकि यही उनका एकमात्र उद्दे श्य होता है
(ख) क्योंकि धन से ही इच्छाओं की पर्ति
ू होती है
(ग) क्योंकि वे अपने काम से अधिक एकनिष्ठता के साथ समर्पित हो सकें
(घ) क्योंकि वे दिनभर की थकान मिटा सकें
IV. दस
ू रे वर्ग के लोगों के विषय में कौन-सा कथन सही नहीं है ?
V. प्रस्तत
ु गद्यांश के अनस
ु ार काम के प्रति समर्पित लोगों में शामिल है ।
(क) कलाकार
(ख) विद्वान
(ग) वैज्ञानिक
(घ) ये सभी
गद्यांश 7
7.व्यक्ति चित्त प्रत्येक समय आदर्शों द्वारा चालित नहीं होता। जितने बड़े पैमाने पर मनष्ु य की उन्नति के विधान
बनाए गए, उतने ही बड़े पैमाने पर लोभ, मोह जैसे विकार भी विस्तत ृ होते गए, लक्ष्य की बात भल ू गए, आदर्शों को
मज़ाक का विषय बनाया गया और संयम को दकियानस ू ी मान लिया गया। परिणाम जो होना था, वह हो रहा है ।
यह कुछ थोड़े-से लोगों के बढ़ते हुए लोभ का नतीजा है , परं तु इससे भारतवर्ष के परु ाने आदर्श और भी अधिक स्पष्ट
रूप से महान और उपयोगी दिखाई दे ने लगे हैं।
भारतवर्ष सदा कानन ू को धर्म के रूप में दे खता आ रहा है । आज एकाएक कानन ू और धर्म में अंतर कर दिया गया
है । धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता, परं तु कानन ू को दिया जा सकता है । यही कारण है कि जो धर्मभीरू हैं, वे भी
त्रटि
ु यों से लाभ उठाने में संकोच नहीं करते।
इस बात के पर्याप्त प्रमाण खोजे जा सकते हैं कि समाज के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता रहा हो, भीतर-बाहर
भारतवर्ष आज भी यही अनभ ु व कर रहा है कि धर्म, कानन ू से बड़ी चीज़ है । आज भी सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और
आध्यात्मिकता के मल् ू य बने हुए हैं। वे दब अवश्य गए हैं, लेकिन नष्ट नहीं हुए हैं। आज भी वह मनष्ु य से प्रेम
करता है , महिलाओं का सम्मान करता है , झठ ू और चोरी को
गलत समझता है तथा दस ू रों को पीड़ा पहु ँ चाने को पाप समझता है ।
गद्यांश 8
8.एक ज़माना था जब मह ु ल्लेदारी पारिवारिक आत्मीयता से भरी होती थी। सब मिल-जल ु कर रहते थे।
हारी-बीमारी, खश
ु ी-गम सब में लोग एक-दस ू रे के साथ थे। किसी का किसी से कुछ छिपा नहीं था। आज के लोगों
को शायद लगे कि लोगों की अपनी 'प्राइवेसी' क्या रही होगी, लेकिन इस 'प्राइवेसी' के नाम पर ही तो हम एक-दस
ू रे
से कटते रहे और कटते कटते ऐसे अलग हुए कि अकेले पड़ गए।
पहले अलग चल् ू हे चौके हुए, फिर अलग मकान लेकर लोग रहने लगे, निजी स्वतंत्रता की अपनी नई परिभाषा दे कर
यह एकाकीपन हमने स्वयं अपनाया। मह ु ल्ले में आपस में चाहे कितनी चखचख हो, यह थोड़े ही संभव था कि बाहर
का कोई आकर किसी को कड़वी बात कह जाए! परू ा मोहल्ला टिड्डी-दल की तरह उमड़ पड़ता था। दे खते-दे खते
ज़माना हवा हो गया। मह ु ल्लेदारी टूटने लगी, आबादी बढ़ी, महँगाई बढ़ी, पर सबसे ज़्यादा जो चीज़ दर्ल
ु भ हो गई
वह था आपसी लगाव, अपनापन लोगों की आँखों का शील मर गया। दे खते-दे खते कैसा रं ग बदला है ! लोग
अपने-आप में सिमट कर पैसे के पीछे भागे जा रहे हैं। सारे नाते-रिश्तों को उन्होंने ताक पर रख दिया है , तब फिर
पड़ोसी से उन्हें क्या लेना-दे ना है । यह नीरस महानगरीय सभ्यता महानगरों से चलकर कस्बों और दे हातों तक को
अपनी चपेट में ले चक ु ी है । मकानों में रहने वाले एक-दस ू रे को नहीं जानते। इन जगहों में आदमी का अस्तित्व
समाप्त हो गया है । यदि आपको फ्लैट नंबर मालम ू नहीं है तो उसी बिल्डिंग में जा कर भी वांछित व्यक्ति को नहीं
ढूंढ पाएँगे। ऐसी जगहों में किसी प्रकार के संबध
ं ों की अपेक्षा ही कहाँ की जा सकती है ?
i. 'प्राइवेसी' से तात्पर्य है
(क) निजता
(ख) आत्मीयता
(ग) मेल-जोल
(घ) भाईचारा
II. मह
ु ल्लेदारी के बारे में क्या सच नहीं है ?
V. प्रस्तत
ु गद्यांश का उचित शीर्षक है
गद्यांश 9
9.सिनेमा जगत के अनेक नायक-नायिकाओं, गीतकारों, कहानीकारों और निर्देशकों को हिंदी के माध्यम से पहचान
मिली है । यही कारण है कि गैर-हिंदी भाषी कलाकार भी हिंदी की ओर आए है । समय और समाज के उभरते सन को
परदे पर परू ी अर्थवत्ता में धारण करने वाले ये लोग दिखाने के लिए भले ही अंग्रेजी के हो, लेकिन बनि
ु यादी और
जमीनी हकीकत यही है कि इनकी पँज ू ी, इनकी प्रतिष्ठा का एकमात्र निमित्त हिंदी ही है ।
लाखों करोड़ों दिलों की धड़कनों पर राज करने वाले ये सितारे हिंदी फ़िल्म और भाषा के सबसे बड़े प्रतिनिधि है ।
'छोटा परदा' ने आम जनता के घरों में अपना मक ु ाम बनाया तो लगा हिंदी आम भारतीय की जीवन-शैली बन गई।
हमारे आद्यग्रंथों रामायण और महाभारत को जब हिंदी में प्रस्ततु किया गया तो सड़कों का कोलाहल सन्नाटे में
बदल गया। 'बनि ु याद' और 'हम लोग' से शरूु हुआ सोप ऑपरा का दौर हो या सास-बहू धारावाहिकों का, ये सभी
हिंदी की रचनात्मकता और उर्वरता के प्रमाण हैं। 'कौन बनेगा करोड़पति' से करोड़पति चाहे जो बने हों, पर सदी के
महानायक की हिंदी हर दिल की धड़कन और हर धड़कन की भाषा बन गई।
सरु और संगीत की प्रतियोगिताओं में कर्नाटक, गज ु रात, महाराष्ट्र, असम, सिक्किम जैसे गैर-हिंदी क्षेत्रों के
कलाकारों ने हिंदी गीतों के माध्यम से पहचान बनाई। ज्ञान गंभीर 'डिस्कवरी' चैनल हो या बच्चों को रिझाने-लभ ु ाने
वाला 'टॉम एंड जेरी'। इनकी हिंदी उच्चारण की मिठास और गण ु वत्ता अद्भत ु प्रभावी और ग्राह्य है । धर्म-संस्कृति,
कला कौशल, ज्ञान-विज्ञान सभी कार्यक्रम हिंदी की संप्रेषणीयता के प्रमाण हैं।
i. गैर-हिंदी भाषी कलाकारों के हिंदी सिनेमा में आने का क्या कारण था?
III. निम्नलिखित में से किसकी हिंदी ने दर्शक वर्ग को सर्वाधिक प्रभावित किया?
(क) रामायण की
(ख) सास-बहू धारावाहिक की
(ग) सदी के महानायक की
(घ) डिस्कवरी चैनल की
IV. प्रस्तत
ु गद्यांश का सर्वाधिक उपयक्
ु त शीर्षक क्या होगा ?
गद्यांश 10
10.शिक्षा ही मानव को मानव के प्रति मानवीय भावनाओ से पोषित करती है । शिक्षा से मनष्ु य अपने परिवेश के
प्रति जाग्रत होकर कर्तव्याभिमख ु हो जाता है । 'स्व' से 'पर' की ओर अग्रसर होने लगता है । निर्बल को सहायता
करना, दःु खियों के दःु ख दरू करने का प्रयास करना, दस ू रों के दःु ख से दःु खी हो जाना और दस ू रों के सखु से स्वयं
सख ु का अनभ ु व करना जैसी बातें एक शिक्षित मानव में सरलता से दे खने को मिल जाती हैं।
इतिहास, साहित्य, राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र इत्यादि पढ़कर विद्यार्थी विद्वान ् ही नहीं बनता,
वरन ् उसमें एक विशिष्ट जीवन-दृष्टि, रचनात्मकता और परिपक्वता का सज ृ न भी होता है । शिक्षित सामाजिक
परिवेश में व्यक्ति अशिक्षित सामाजिक परिवेश की तल ु ना में सदै व ही उच्च स्तर पर जीवनयापन करता है । आज
आधनि ु क यग ु में शिक्षा का अर्थ बदल रहा है । शिक्षा भौतिक आकांक्षा की पर्ति ू का साधन बनती जा रही है ।
व्यावसायिक शिक्षा के अंधानक ु रण में छात्र सैद्धांतिक शिक्षा से दरू होते जा रहे हैं, जिसके कारण रूस की क्रांति,
फ्रांस की क्रांति, अमेरिका की क्रांति, समाजवाद, पँज ू ीवाद, राजनीतिक व्यवस्था, सांस्कृतिक मल् ू यों आदि की
सामान्य जानकारी भी व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को नहीं है । यह शिक्षा का विशद् ु ध
रोज़गारोन्मख ु ी रूप है । शिक्षा के प्रति इस प्रकार का संकुचित दृष्टिकोण अपनाकर विवेकशील नागरिकों का
निर्माण नहीं किया जा सकता।
IV. व्यावसायिक शिक्षा का दष्ु परिणाम किस रूप में सामने आता है ?
(क) व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को सामान्य विषयों की जानकारी न होना
(ख) व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर आत्मनिर्भर न बनना
(ग) व्यावसायिक शिक्षा द्वारा रोजगारोन्मख
ु ी न बनना
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
13. 'वहाँ शांति के लिए तीन से अधिक आदमियों को प्रवेश नहीं दिया जाता।' यहाँ रे खांकित में कौन-सा पदबंध है
(क) वजीर अली अवध दरबार को अंग्रेजी असर से पाक करने में कामयाब हो गया था।
(ख) वह मंद गति से झमू ता पतन की ओर चला आ रहा था।
(ग) मोटर में बैठकर सब तरफ दे खना बहुत अच्छा मालमू हो रहा था।
(घ) एक दिन ततारा समद्रु किनारे टहलने निकल पड़ा।
15.'अभिनय के दृष्टिकोण से 'तीसरी कसम' राजकपरू की जिंदगी की सबसे हसीन फिल्म है ।' यहाँ रे खांकित में
कौन-सा पदबंध है ?
18- 'चाजीन ने अँगीठी सल ु गाई। चाजीन में उस पर चायदानी रखी।' इन दोनों से बना संयक्
ु त वाक्य है
(क) जैसे ही चाजीन ने अँगीठी सल ु गाई वैसे ही उस पर चायदानी रखी।
(ख) चाजीन ने अँगीठी सल ु गाई और उस पर चायदानी रखी।
(ग) चाजीन ने अँगीठी सल ु गाकर उस पर चायदानी रखी।
(घ) इनमें से कोई नहीं। दिए गए वाक्यों में मिश्र वाक्य है
हो गए।
(क) घट
ु ने टे कना
(ख) चादर तानकर सोना
(ग) आग बबल ु ा होना
(घ) घी के दिये जालाना
34. सामने के मकान में रहने वाला नीरज कुशल चित्रकार है । रे खांकित में पद है
(क) संज्ञा पद
(ख) विशेषण पद
(ग) क्रिया पद
(घ) क्रिया विशेषण पद
35. नानी कहानी सन
ु ाती रहती है । वाक्य में संज्ञा-पदबंध है
(क) नानी
(ख) कहानी
(ग) सनु ाती
(घ) रहती है
37. मझ
ु े छत से चाँद दिखाई दे रहा है । वाक्य में रे खांकित पदबंध है ।
38. 'तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था।' वाक्य में रे खांकित पदबंध का भेद है
39. रात्रि के आठ बजते ही मैंने पढ़ना बंद कर दिया वाक्य रचना की दृष्टि से है
44. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है , वैसे-वैसे समझ भी बढ़ती है — वाक्य , रचना की दृष्टि से है
49. 'गगन को चम
ू ने वाला' का समस्त पद है
(क) गगनचम ू ी
(ख) गगनचब ंु ी
(ग) गगनभमिू
(घ) गगनचब
ंु ी
(क) सद् है जो जन
(ख) सत ् है जो जन
(ग) अच्छा है जो परु
ु ष
(घ) सत ् के समान जन
(क) तीनलोचन
(ख) लोचन
(ग) त्रिलोचन
(घ) त्रयलोचन
53.- मैं एक बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। रे खांकित पदबंध का भेद है -
54- 'अपने ऊपर का विश्वास लप्ु त हो गया और फिर चोरों का-सा जीवन कटने लगा।' रे खांकित का पदबंध-भेद
बताइए।
58. 'हे डमास्टर साहब एक हजार रुपये पाते हैं, लेकिन उनके घर का इंतजाम उनकी बढ़
ू ी माँ करती हैं।' रचना के
आधार पर वाक्य का भेद है -
61. 'भाई साहब ने कनकौए की डोर पकड़ ली। भाई साहब बेतहाशा होस्टल की तरफ़ दौड़े।'
इन वाक्यों से बना संयक्
ु त वाक्य है -
(क) भाई साहब कनकौए की डोर पकड़कर बेतहाशा होस्टल की तरफ दौड़े।
(ख) भाई साहब ने कनकौए की डोर पकड़ ली और बेतहाशा होस्टल की तरफ दौड़े।
(ग) जब भाई साहब ने कनकौए की डोर पकड़ ली, तब बेतहाशा होस्टल की तरफ दौड़े।
(घ) (ख) तथा (ग) दोनों
62.'खब
ू ी के साथ' विग्रह का समस्तपद है -
(क) बखब ू
(ख) बखब ू ी
(ग) खबू ीसहित
(घ) बेखबू ी
64. जिस समास में उत्तरपद प्रधान होने के साथ ही साथ पर्व
ू पद तथा उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य का संबध
ं भी
होता है , उसे कौन-सा समास
कहते हैं?
(क) कर्मधारय
(ख) बहुव्रीहि
(ग) तत्परुु ष
(घ) द्वंद्व
65. 'मखु -दर्शन' में कौन-सा समास है ?
(क) कर्मधारय
(ख) बहुव्रीहि
(ग) तत्परुु ष
(घ) द्वंद्व
67.तम
ु इतनी दे र से ---------- रहे हो। उपयक्
ु त मह
ु ावरे से वक्य परू ा करें ।
(क) मर जाना
(ख) नौ-दो ग्यरह हो जाना
(ग) गला फ़डना
(घ) पत्ता साफ़ होना
68.'तत
ू ी बोलना' मह
ु ावरे का अर्थ है -
(क) चिल्लाना
(ख) बोलबाला होना
(ग) डराना
(घ) तत
ु लाना
70.'चप
ु चाप आना' किस महु ावरे का अर्थ है ?
(क) नौ-दो ग्यारह होना
(ख) चंपत हो जाना
(ग) बाट जोहना
(घ) दबे पैर आना
1× 5 = 5
भगत कारण रूप नरहरि, धरयो आप सरीर बढ़ ू तो गजराज राख्यो, काटी कुञ्जर पीर।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर ।।
(ii) पद के अनस
ु ार हरि ने किस-किस के कष्टों को दरू किया ?
74.सखि
ु या सब संसार है , खायै अरू सोवै । दखि
ु या दास कबीर है , जागै अरू रोवै ॥
हम घर जाल्या आपणाँ, लिया मरु ाड़ा हाथि। अब घर जालौं तास का, जे चलै हमारे साथि ।।
(i) किसी का भी
(ii) जो उनके साथ भक्ति की राह पर चलने को तैयार है
(iii) किसी का भी नहीं
(iv) हर किसी का
(ग) प्रस्तत
ु पंक्तियों में कौन-कौन नज़रों से ओझल हो गए हैं?
(i) पर्वत
(ii) झरने
(iii) शाल वक्ष
ृ
(iv) उपर्युक्त सभी
(i) चिड़ियों की
(ii) झरनों की
(iii) नदियों की
(iv) ताल की
(ग) तोप साल में दो बार चमकाई जाती है ।' यह दो बार किस चीज़ की ओर संकेत कर रहा है ?
(i) सबु ह
(ii) शाम
(iii) सबु ह-शाम दोनों वक्त
(iv) किसी भी समय
77.खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे छू न
पाए सीता का दामन कोई भी राम तम ु ,तम्
ु हीं लक्ष्मण साथियो अब तम्
ु हारे हवाले वतन साथियो
(क) किसको इस तरफ आने से रोकने के लिए खूँ से ज़मीन पर लकीर खींचने की बात कही गई है ?
(ग) उपर्युक्त पंक्तियों में 'रावन' शब्द से किसकी ओर संकेत किया गया है ?
(i) राम की
(ii) लक्ष्मण की
(iii) (i) तथा (ii) दोनों
(iv) इनमें से कोई नहीं
78.स्कूल का समय निकट था, नहीं ईश्वर जाने यह उपदे श माला कब समाप्त होती। भोजन आज मझ ु े
निःस्वाद-सा लग रहा था। जब पास होने पर यह तिरस्कार हो रहा है , तो फेल हो जाने पर तो शायद प्राण ही ले लिए
जाएँ। भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का जो भयंकर चित्र खींचा था. उसने मझ ु े भयभीत कर दिया। स्कूल
छोड़कर घर नहीं भागा, यही ताज्जब
ु है , लेकिन इतने तिरस्कार पर भी पस् ु तकों में मेरी अरुचि ज्यों-की-त्यों बनी
रही। खेल-कूद का कोई अवसर हाथ से न जाने दे ता। पढ़ता भी, मगर बहुत कम। बस, इतना कि रोज टास्क परू ा हो
जाए और दरजे में जलील न होना पड़े। अपने ऊपर जो विश्वास पैदा हुआ था, वह फिर लप्ु त हो गया और फिर चोरों
का-सा जीवन
कटने लगा।
(ङ) बड़े भाई साहब के उपदे शों का लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा ?
(i) विश्वास बढ़ गया
(ii) विश्वास लप्ु त हो गया
(iii) विश्वास कम हो गया
(iv) इनमें से कोई नहीं
79.सभ ु ाष बाबू के जल ु स
ू का भार पर्णो
ू दास पर था पर यह प्रबंध कर चक ु ा था। स्त्री समाज अपनी तैयारी में लगा
था। जगह-जगह से स्त्रियाँ अपना जल ु स
ू निकालने की तथा ठीक स्थान पर पहुँचने की कोशिश कर रही थीं।
मोनमु ें ट के पास जैसा प्रबंध भोर में था वैसा करीब एक बजे नहीं रहा। इससे लोगों को आशा होने लगी कि शायद
पलि
ु स अपना रं ग न दिखलावे पर वह कब रुकने वाली थी। तीन बजे से ही मैदान में हज़ारों आदमियों की भीड़ होने
लगी और लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घम ू ने लगे। आज जो बात थी वह निराली थी। जब से कानन ू भंग का
काम शरू ु हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी और यह सभा तो कहना चाहिए
कि ओपन लड़ाई
थी। पलिु स कमिश्नर का नोटिस निकल चक ु ा था कि अमक ु -अमक
ु धारा के अनसु ार कोई सभा नहीं हो सकती। जो
लोग काम करने वाले थे उन सबको इंसपेक्टरों के द्वारा नोटिस और सच ू ना दे दी गई थी कि आप यदि सभा में
भाग लेंगे तो दोषी समझे जाएँगे। इधर कौंसिल की तरफ़ से नोटिस निकल गया था कि मोनम ु ें ट के नीचे ठीक चार
बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराया जाएगा तथा स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। सर्वसाधारण की उपस्थिति
होनी चाहिए। खल ु ा चैलेंज दे कर ऐसी सभा पहले नहीं की गई थी।
(ii) पर्णो
ू दास (iv) हरिश्चंद्र सिंह
(ख) मोनम
ु ें ट के पास पलि
ु स के प्रबंध में कब थोड़ी ढिलाई आई?
(i) सब
ु ह छह बजे (iii) शाम चार बजे
(ग) पलि
ु स कमिश्नर के नोटिस के अनस
ु ार
80.गए विकल्पों से चनु कर लिखिए। 1. सदियों पर्व ू , जब लिटिल अंदमान और निकोबार आपस में जड़ ु े हुए थे तब
वहाँ एक सदंु र-सा गाँव था। पास में एक सद ंु र और शक्तिशाली यव ु क रहा करता था। उसका नाम था तताँरा
निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदै व दस ू रों की सहायता के लिए
तत्पर रहता। अपने गाँववालों की ही नहीं, अपितु समच ू े द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता
था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते। वक्त मस ु ीबत में उसे स्मरण करते और
वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। दस ू रे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता।
उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते।
पारं परिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदै व एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजद
ू
लकड़ी की होने पर, उस तलवार में अद्भत
ु दै वीय शक्ति थी।
(i) सदंु र
(ii) शक्तिशाली
(iii) मददगार
(iv) क्रोधी
(ग) तताँरा किनकी सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था?
81.'संगम' की अद्भतु सफलता ने राजकपरू में गहन आत्मविश्वास भर दिया और उसने एक साथ चार फ़िल्मों के
निर्माण की घोषणा की- 'मेरा नाम जोकर', 'अजन्ता', 'मैं और मेरा दोस्त' और 'सत्यम ् शिवम ् सद ंु रम ्' । पर जब
1965 में राजकपरू ने 'मेरा नाम जोकर' का निर्माण आरं भ किया तब संभवतः उसने भी यह कल्पना नहीं की होगी
कि इस फ़िल्म का एक ही भाग बनाने में छह वर्षों का समय लग जाएगा।इन छह वर्षों के अंतराल में राजकपरू
द्वारा अभिनीत कई फ़िल्में प्रदर्शित हुईं, जिनमें सन ् 1966 में प्रदर्शित कवि शैलेंद्र की 'तीसरी कसम' भी शामिल
है । यह वह फ़िल्म है , जिसमें राजकपरू ने अपने जीवन की सर्वोत्कृष्ट भमि
ू का अदा की। यही नहीं, 'तीसरी कसम'
वह फ़िल्म है , जिसने हिंदी साहित्य की एक अत्यंत मार्मिक कृति को सैल्यल ू ाइड पर परू ी सार्थकता से उतारा।
'तीसरी कसम' फ़िल्म नहीं, सैल्यल ू ाइड पर लिखी कविता थी।'तीसरी कसम' शैलेंद्र के जीवन की पहली और अंतिम
फिल्म है । 'तीसरी कसम' को 'राष्ट्रपति स्वर्णपदक' मिला, बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ
फ़िल्म और कई अन्य परु स्कारों द्वारा सम्मानित किया गया। मास्को फिल्म फेस्टिवल में भी यह फ़िल्म परु स्कृत
हुई।
(ख) 1965 में 'मेरा नाम जोकर' फ़िल्म का निर्माण कार्य शरू
ु होने के बाद इसके एक भाग को ही बनने में कितने
वर्ष लग गए?
(i) पाँच
(ii) छह
(iii) सात
(iv) आठ
(1) 1965
(ii) 1966
(iii) 1967
(iv) 1968
(ङ) 'तीसरी कसम' फ़िल्म को किस फ़िल्म फेस्टिवल में परु स्कृत किया गया था?
(i) सोलीमीन
(ii) सलु ेमीन
(iii) सलु ेमान
(iv) सोलोमन
(ग) सल
ु ेमान किनकी भाषा जानते थे?
(घ) सल
ु ेमान के लश्कर के घोड़ों के टापों की आवाज़ सन
ु कर कौन डर गईं?
83.हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है । यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है । कोई बोलता नहीं, बकता है । हम
जब अकेले पड़ते हैं, तब अपने आप से लगातार बड़बड़ाते रहते हैं। अमेरिका से हम प्रतिस्पर्धा करने लगे। एक
महीने में परू ा होने वाला काम एक दिन में परू ा करने की कोशिश करने लगे। वैसे भी दिमाग की रफ़्तार हमेशा तेज़
ही रहती है । उसे 'स्पीड' का इंजन लगाने पर वह हज़ार गन ु ा अधिक रफ़्तार से दौड़ने लगता है । फिर एक क्षण ऐसा
आता है जब दिमाग़ का तनाव बढ़ जाता है और परू ा इंजन टूट जाता है । यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ
बढ़ गए हैं। अकसर हम या तो गज ु रे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं। हम या तो भत ू काल में रहते
हैं या भविष्य काल में । असल में दोनों ही काल मिथ्या हैं। एक चला गया है , दस ू रा आया नहीं है । हमारे सामने जो
वर्तमान क्षण हैं, वही सत्य है । उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन दिमाग से भत
ू और भविष्य दोनों ही
काल उड़ ' थे। केवल वर्तमान क्षण सामने था।
(क) गद्यांश में मानसिक रोगों के बढ़ने का कारण क्या बताया गया है ?
84 - रहो न भलू के कभी मदांध तच् ु छ वित्त में , सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में । अनाथ कौन है यहाँ ?
त्रिलोकनाथ साथ हैं , दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं- स्पष्ट कीजिए ।
85 - कवि ने मनष्ु य को मत्ृ यु से भयभीत न होने की प्रेरणा क्यों दी है ? कौन-से व्यक्ति मरकर भी अमर हो जाते हैं
? विश्व के महापरु
ु षों का उदाहरण दे ते हुए अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
87 - मनष्ु यता कविता में कवि ने सबको एक साथ होकर चलने की प्रेरणा दी है ? इससे समाज को क्या लाभ हो
सकता है ? स्पष्ट कीजिए ।
88 - पथ्
ृ वी से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? मानव सेवा के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले तीन परोपकारी मनष्ु यों
के महान कार्यों का उल्लेख कीजिए ।
89 - मनष्ु य और पशु में क्या अंतर है ? मनष्ु य कहलाने का सच्चा अधिकारी कौन है ?
90 - मनष्ु यता कविता में अभीष्ट मार्ग किसे कहा गया है और क्यों ? आप उस अभीष्ट मार्ग को प्राप्त करने के
लिए क्या प्रयत्न कर रहे हैं ?
91 - 'मनष्ु यता' कविता के आधार पर लिखिए कि कवि ने सबसे बड़ा विवेक किसे कहा है और क्यों?
92 - नश्वर वस्तओ
ु ं के आकर्षण में आने से मनष्ु य कैसे प्रभावित होता है ? 'मनष्ु यता' कविता के आधार पर
बताइए ।
93 - 'मनष्ु यता' कविता के आधार पर बताइए कि रं तिदे व, दधीचि, उशीनर तथा कर्ण जैसे पात्र किस कारण
प्रसिद्ध हो गए तथा उनके जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
95 - पंत प्रकृति चित्रण के सर्वोत्तम कवि हैं - स्पष्ट करते हुए पर्वत प्रदे श में पावस कविता के प्राकृतिक सौंदर्य के
विषय में बताएँ ।
96 - पर्वतीय प्रदे श में वर्षा के सौंदर्य का वर्णन पर्वत प्रदे श में पावस कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
98 - पर्वत प्रदे श में पावस कविता के आधार पर प्रकृति के दो सबसे मनोरम दृश्यों का चित्रण अपने शब्दों में
कीजिए
99 - पर्वत प्रदे श में पावस कविता का केंद्रीय भाव लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए ।
101 - बादलों के अचानक पर्वत पर छा जाने के बाद झरनों का कवि ने किस प्रकार वर्णन किया है ?
102 - है टूट पड़ा भू पर अंबर - पर्वत प्रदे श में पावस कविता में कवि ने ऐसा क्यों कहा है ?
105 - 'मनष्ु यता' कविता के आधार पर लिखिए कि कवि ने सबसे बड़ा विवेक किसे कहा है और क्यों?
109 -. 'कर चले हम फ़िदा' कविता में कवि ने किस प्रकार की जवानी को व्यर्थ बताया है ?
110 -. 'मनष्ु यता' कविता के आधार पर बताइए कि रं तिदे व, दधीचि, उशीनर तथा कर्ण जैसे पात्र किस कारण
प्रसिद्ध हो गए तथा उनके हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
111 - 'मनष्ु यता' कविता में कवि मैथिलीशरण गप्ु त ने गर्व-रहित जीवन जीने के लिए क्या तर्क दिए हैं? अपने
शब्दों में लिखिए।
112 - 'पर्वत प्रदे श में पावस' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि कवि ने उच्चाकांक्षा पर क्या व्यंग्य किया है ?
114 - 'पर्वत प्रदे श में पावस' कविता प्रकृति को स्वयं की आँखों से निहारने जैसी अनभ
ु ति
ू दे ती है स्पष्ट कीजिए।
115 - 'पर्वत प्रदे श में पावस' कविता में प्रकृति के विभिन्न उपादानों उपादनों को किस-किस के समान माना गया है
?
117 - 'कर चले हम फ़िदा' गीत में वर्णित रामायण के पात्रों का प्रतीकात्मक रूप में मनोहारी चित्रण किया गया है ।
स्पष्ट कीजिए।
118 - 'कर चले हम फ़िदा' गीत के आधार पर बलिदानी सैनिकों के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
121 - 'कारतस
ू ' पाठ में लेफ्टिनेंट को ऐसा कब लगा कि कंपनी के विरुद्ध सारे हिंदस्
ु तान में एक लहर दौड़ गई है ?
122 - 'करे चले हम फ़िदा' कविता के आधार पर बलिदानी सैनिक के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
123 - जापान में चाय पीने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है ? चाय पीने की यह प्रक्रिया लेखक के दिमाग की गति
धीमी कैसे कर दे ती है ? 'पतझर में टूटी पत्तियाँ : झेन की दे न' पाठ के आधार पर बताइए।
124 - जापानियों को झेन परं परा की सबसे बड़ी दे न क्या मिली है ? 'झेन की दे न' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
125 - 'झेन की दे न' पाठ के आधार पर बताइए कि 'परू ा इंजन टूट जाता है ' पंक्ति से क्या आशय है ?
126 - जापान में चाय एक 'सेरेमनी' की तरह क्यों है ? 'झेन की दे न' पाठ के आधार पर कारण सहित स्पष्ट
कीजिए।
128 - 'कारतस
ू ' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि सआदत अली अंग्रेजों का पक्षधर क्यों था?
129 - वज़ीर अली किस बात पर गवर्नर जनरल से नाराज हो गया था?
130 - जापान की दौड़ती- भागती जीवन-शैली वर्तमान भारतीय महानगरीय जीवन-शैली पर पर्ण
ू रूप से प्रभाव
डालती है । 'झेन की दे न पठ आधार पर स्पष्ट कीजिए।
132 - 'कारतस ू ' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि अंग्रेजों का भारत में आगमन का मख्
ु य उद्दे श्य व्यवसाय
नहीं, बल्कि 'फूट डालो शत करो' की नीति था।
133 – वज़ीर अली द्वारा कंपनी के वकील का कत्ल करने का क्या कारण रहा होगा? विस्तारपर्व
ू क वर्णन कीजिए।
134 - लेखक के अनस ु ार सत्य केवल वर्तमान है , उसी में जीना चाहिए। लेखक ने ऐसा क्यों कहा होगा? 'पतझर में
टूटी पत्तियाँ: सेन की दे न पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
135 - 'पर्वत प्रदे श में पावस' कविता में कवि ने उच्चाकांक्षा पर क्या व्यंग्य किया है ? अपने शब्दों में लिखिए।
136 - वजीर अली अंग्रेजों की छावनी में किस प्रकार घस ु ा और उसके वहाँ जाने का क्या कारण था? क्या वह अपने
उद्दे श्य में सफल हो सक अपने शब्दों में उत्तर लिखिए।
137 - राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गप्ु त ने'मनष्ु यता' कविता में बंधत्ु व की भावना को सबसे बड़ी विवेकशीलता माना है ,
आप इस कथन को अपने निजी जीवन में किस प्रकार उतार रहे हैं स्पष्ट कीजिए ।
138 - लेखक बजीर अली के कार्यों की तल
ु ना किससे और क्यों करता था? 'कारतस
ू पाठ के आधार पर स्पष्ट करते
हुए बताइए कि आज दे श का हर नागरिक यदि वजीर अली बनना चाहे तो उसे क्या-क्या प्रयास करने होंगे ?
139 - 'प्रतिस्पर्द्धा की भावना यव ु ाओं को आगे बढ़ने के लिए किस प्रकार प्रेरित करती है ? जापान में यही
प्रतिद्वंदिता वहाँ के लोगों के लिए मानसिक बीमारियाँ किस प्रकार पैदा कर रही है ? स्पष्ट कीजिए।
141 - 'हरिहर काका' पाठ में हरिहर काका की अपने परिवार के सदस्यों से मोहभंग की शरु
ु आत किस रूप में हुई?
क्या यह मोहभंग उचित था? स्पष्ट कीजिए।
142 - 'सपनों के-से दिन' पाठ के आधार पर लिखिए कि अभिभावकों के बच्चों की पढ़ाई में रुचि क्यों नहीं थी?
उनके द्वारा पढ़ाई को व्यर्थ समझने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
143 - घर तथा विद्यालय का शिक्षण परिवेश विकसित करने में अमल् ू य योगदान होता है , परं तु टोपी के साथ हुआ
व्यवहार इसके ठीक विपरीत दिखाई पड़ता है । 'टोपी शक्
ु ला' पाठ के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में घर एवं विद्यालय
की भमि
ू का की समीक्षा कीजिए।
144 - 'हरिहर काका' कहानी लिखने का क्या उद्दे श्य है ? यह समाज के किस कटु सत्य की ओर संकेत करती है ?
सष्ट कीजिए ।
146 - "वर्तमान यग
ु में पद और है सियत मानवीय संबध
ं ों में कटुता का भाव उजागर कर रहे हैं।'' 'टोपी शक्
ु ला ' पाठ
के आधार पर इस कथन को स्पष्टीकरण कीजिए।
147 - जमीन-जायदाद होते हुए भी हरिहर काका मजबरू ी और उपेक्षा का जीवन जीने को बाध्य थे, क्या? उत्तर
दीजिए।
148 - पी. टी. साहब स्काउं टिंग का अभ्यास कराते समय किस प्रकार अनश
ु ासन को बनाए रखते थे? 'सपनी के से
दिन पाठ के आधार अपने शब्दों में उत्तर दीजिए।
149 - टोपी शक्ु ला के माध्यम से लेखक ने जाति-पाँति के बंधन की स्वीकार न करके किस प्रकार की भावनाओं
की प्रतिपादित करने का प्रयास किया है ? 'टोपी शक्
ु ला' पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
150 - 'हरिहर काका' एक नए शोषित वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में दिखाई दे ते हैं। क्या आप शोषित वर्ग का
प्रतिनिधित्व कर सकते हैं यदि हाँ तो स्पष्ट कीजिए ।
151 - 'सपनों के-से दिन' पाठ में लेखक ओमा की तरह क्यों बनना चाहता था? आपके दृष्टिकोण में लेखक का
ओमा की तरह बनना उचित था या अनचि ु त? स्पष्ट कीजिए।
152 - 'सपनों के-से दिन' पाठ में विद्यार्थियों व अभिभावकों का शिक्षा के प्रति उपेक्षा भाव रखना, वर्तमान संदर्भ में
कितना उचित है ?
153 - 'टोपी शक्ु ला' पाठ में नवीं कक्षा में दो बार फेल हो जाने वाले टोपी की भावात्मक समस्याओं को दे खते हुए
शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक परिवर्तनों हे तु सझ ु ाव दीजिए।
155 - ‘हरिहर काका' कहानी लिखने का क्या उद्दे श्य है ? यह समाज के किस कटु सत्य की ओर संकेत करती है ?
158 -कबीर की भक्ति भावना का वर्णन अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
165 - 26 जनवरी, 1931 में कोलकाता में हुए घटनाक्रम की उन बातों का वर्णन कीजिए, जिनके कारण लेखक ने
डायरी में लिखा, "आज जो बात थी वह निराली थी।"
166 -मीरा ने अपने पदों में प्रभु को क्या-क्या नाम दिए हैं तथा कृष्ण के दर्शन हे तु मीरा की वेश-भष
ू ा किस प्रकार
की है ?
167-पथ्
ृ वी स्वयं को धन्य कब मानती है ?'मनष्ु यता' कविता के आधार पर बताइए।
169 - मनष्ु य और पशु में क्या अंतर है ? मनष्ु य कहलाने का सच्चा अधिकारी कौन है ?
170 -पथ्
ृ वी से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? मानव सेवा के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले तीन परोपकारी मनष्ु यों
के महान ् कार्यों का उल्लेख कीजिए।
175 - पर्वतीय प्रदे श में वर्षा के सौंदर्य का वर्णन पर्वत प्रदे श में पावस' के आधार पर अपने शब्दों में कीजिए।
177 - कंपनी बाग और तोप को विरासत मानकर सरु क्षित रखे जाने का कारण अपने शब्दों में लिखिए।
178 - "समय के साथ तोप की स्थिति में बदलाव आ गया।" इस कशन को स्पष्ट कीजिए।
179 - ‘जबर’, ‘धज्जे' इत्यादि शब्दों का प्रयोग 'तोप' कविता की भाषा किस विशेषता को दर्शाता है ?
180 - ‘जबर’, ‘धज्जे' इत्यादि शब्दों का प्रयोग 'तोप' कविता की भाषा किस विशेषता को दर्शाता है ?
182 - 'कर चले हम फ़िदा' कविता में 'साथियों' संबोधन का प्रयोग किनके लिए किया गया है ?
183 - 'कर चले हम फिदा' कविता में कवि ने दे शवासियों से क्या अपेक्षाएँ की हैं? क्या हम उन अपेक्षाओं को परू ा
कर रहे हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
184 - यद्
ु ध क्षेत्र में वीर सैनिक अपने जीवन को किस तरह सार्थक मानता है ? स्पष्ट कीजिए।
185 - कहानी के अंत में बड़े भाई उचककर पतंग पकड़ते हैं। उनका ऐसा करना क्या प्रदर्शित करता है ?
186 - 'बड़े भाई साहब' पाठ में क्या विचार व्यक्त किए गए हैं? बड़ों और छोटों पर उनका क्या प्रभाव पड़ता है ?
187 - कहानी में बड़े भाई द्वारा घमंड को एक बरु ाई के रूप में दिखाया गया है । घमंड का विरोध करने के लिए बड़े
भाई द्वारा कौन-कौन से उदाहरण दिए गए हैं?
188 - प्रस्तत
ु कहानी में बड़े भाई ने पस्
ु तकीय ज्ञान की अपेक्षा अनभ
ु व को अधिक महत्त्वपर्ण
ू बताने के लिए
कौन-कौन से उदाहरण दिए हैं?
189 - बड़ा भाई छोटे भाई पर शासन करने के लिए क्या-क्या उपाय करता है ?
190 - जल
ु स
ू और प्रदर्शन को रोकने के लिए पलि
ु स का क्या प्रबंध था ? 'डायरी का एक पन्ना' पाठ के आधार पर
लिखिए।
191 - भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में '26 जनवरी' की तिथि के महत्त्व को पाठ से संदर्भ ग्रहण करते
हुए स्पष्ट कीजिए।
194 - वामीरो की प्रतीक्षा में बैठे तताँरा की प्रेम की व्याकुलता को स्पष्ट कीजिए।
197 - एक लंबे समय तक फ़िल्म उद्योग में रहने के बाद भी शैलेंद्र फ़िल्मी तौर-तरीकों को अपने जीवन में क्यों
नहीं अपना सके?
198 - राज कपरू शैलेंद्र को फ़िल्म-निर्माता के रूप में कैसा मानते थे? उन्होंने एक सच्चा मित्र होने का दायित्व
निभाने के लिए क्या किया?
199 - आज का हिंदी सिनेमा राज कपरू के दौर वाले हिंदी सिनेमा से किन अर्थों में भिन्न है ?
200 - "एक कलाकार परू ी तरह उपभोक्ता की रुचियों को प्रभावित कर सकता है ।" 'तीसरी कसम के शिल्पकार
शैलेंद्र' पाठ के. आधार पर बताइए।
203 - "मनष्ु य बद् ु धि के बल पर केवल उन्नति की राह ही नहीं वरन ् मत्ृ यु की राह पर भी चल पड़ा है ।'अब कहाँ
दस
ू रों के दःु ख से दःु खी होने वाले' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
204 - 'सल
ु ेमान', 'शेख अयाज़ के पिता' तथा 'नह
ू ' के स्वभाव की उन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए, जो उन्हें
आज के मनष्ु यों से अलग करती हैं।
206 - कैसे कह सकते हैं कि अब कहाँ दस ू रों के दःु ख से दःु खी होने वाले पाठ के लेखक की माँ के मन में
पश-ु पक्षियों के प्रति प्रेम भरा है ?
207 - लेखक के अनस ु ार सत्य केवल वर्तमान है , उसी में जीना चाहिए। आशय स्पष्ट करते हुए बताइए कि लेखक
ने ऐसा क्यों कहा होगा? 'झेन की दे न' पाठ के आधार पर लिखिए।
208 - 'झेन की दे न' में किस बात को प्रतिपादित किया गया है ? उस पर अपने विचार लिखिए।
209 - जापान में चाय पीना एक 'सेरेमनी' क्यों है ?
210 - जापान में अस्सी प्रतिशत लोगों में मनोरुग्णता के कारणों को समझाते हुए लिखिए कि इस संदर्भ में
चा-नो-यू की परं परा को 'एक बड़ी दे न' क्यों कहा गया है ?
211 - वज़ीर अली किस बात पर गवर्नर से चिढ़ गया और उसका गस्
ु सा किस पर किस तरह फूटा? 'कारतस
ू '
नाटिका के आधार पर लिखिए।
212 - 'कारतस
ू ' नाटिका में कर्नल ने वज़ीर अली की प्रशंसा में क्या कहा और क्यों?
213 - 'कारतस
ू ' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करते हुए कोई नया शीर्षक सझ
ु ाइए तथा उस शीर्षक का आधार स्पष्ट
कीजिए।
214 - "वज़ीर अली की आजादी बहुत खतरनाक है " लेफ्टिनेट ने ये किन कारणों से कहा? किन लोगों के लिए वजीर
आ की आजादी सक ु ू न दे ने वाली थी और क्यों?
215 - समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है ? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
216 - कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, “अज्ञान की स्थिति में ही मनष्ु य मत्ृ यु से
डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मत्ृ यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है । "
217 - आम आदमी की धर्म के प्रति अंधश्रद्धा को धर्म के ठे केदार किस रूप में भन
ु ाते हैं? 'हरिहर काका' कहानी में
काका किस प्रकार इसका शिकार हुए? व्यक्ति का वैज्ञानिक दृष्टिकोण उसे किस प्रकार बचा सकता है ?
218 - "हरिहर काका एक नए शोषित वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में दिखाई दे ते हैं" इस कथन पर अपने तर्क प्रस्तत
ु
करते हुए विचार कीजिए।
221 - 'सपनों के से दिन' कहानी के आधार पर पी टी साहब के व्यक्तित्व की दो विशेषताएँ बताते हुए लिखिए कि
स्काउट परे ड करते समय लेखक स्वयं को महत्त्वपर्ण
ू आदमी, क्यों समझता था?
223 - 'सपनों के-से दिन' पाठ के आधार पर उदाहरण दे कर लिखिए कि कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं
बनती है ।
224 - टोपी और इफ्फन अलग-अलग धर्म और जाति से संबध ं रखते थे पर दोनों एक अटूट रिश्ते से बंधे थे। इस
कथन के आलोक में 'टोपी शक्
ु ला' कहानी पर विचार कीजिए ।
225 - पढ़ाई में तेज़ होने पर भी कक्षा में दो बार फेल हो जाने पर टोपी के साथ घर पर या विद्यालय में जो व्यवहार
हुआ उस पर मानवीय मल् ू यों की दृष्टि से टिप्पणी कीजिए।
226 - घर वालों के मना करने पर भी टोपी का लगाव इफ़्फ़न के घर और उसकी दादी से क्यों था? दोनों के
अनजान, अटूट रिश्ते के बारे में मानवीय मल्
ू यों की दृष्टि से अपने विचार लिखिए।
दे श की नारी-
● समाज में स्त्री का स्थान
● कर्तव्य तथा अधिकार
● आधनि ु क नारी
दे श की धरती-
● हमारी मातभ ृ मि
ू
● हमारे कर्तव्य
● धरा के हम पर उपकार
जल संरक्षण-
● हमारे जीवन में उपयोगिता
● इसके बिना हमारा जीवन
● हमारा कर्तव्य
पस्
ु तकालय ज्ञान प्राप्ति का उत्तम साधन
● पस्
ु तकालय का अर्थ
● उपयोगिता
● लाभ
पस्
ु तकालयों की आवश्यकता एवं महत्त्व
• पस्
ु तकालय के विभिन्न प्रकार
• उपाय
• लाभ
● विशेषताएँ
● ई-कचरा: आधनि ु क यग
ु की गंभीर समस्या
● ई-कचरे से तात्पर्य
● पर्यावरण के लिए घातक
प्लास्टिक की दनि
ु या
● गण
ु -दोष
● पर्यावरण पर प्रभाव
● आविष्कार और उपयोग
कोरोना वायरस-
● बचाव के उपाय
● लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव
● कोरोना का संक्रमण
आज की बचत कल का सख
ु
● बचत का अर्थ
● दःु खदायक स्थितियों में बचत का महत्त्व
● वर्तमान और भविष्य को सरु क्षित करना
स्वास्थ्य की रक्षा -
● पोषक भोजन
● लाभकारी सझ
ु ाव
आज की माँग संयक्
ु त परिवार
● संयक्
ु त परिवार की परिभाषा
● संयक्ु त परिवार के लाभ
● वर्तमान समय में संयक्ु त परिवार की प्रासंगिकता
● उपसंहार
● प्रस्तावना
● समय नियोजन का महत्त्व
● समय नियोजन का सदपु योग करने का तरीका
● समय से लाभ
● उपसहार
समाज और कुप्रथाएँ -
● समाज की संस्थापना
● समाज विरोधी तत्व एवं कुप्रथाएँ
● सामाजिक जीवन की बेड़ियाँ
● उपसंहार
मस
ु ीबत में ही मित्र की परख होती है -
● जीवन में समरसता के लिए मित्र की आवश्यकता
● जीवन संग्राम में मित्र महत्वपर्ण
ू
● सच्चे मित्र की परख और चन ु ाव
● सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य की बात
परिश्रम का पहल -
● अर्थ
● परिश्रम से सफलता और विकास,
● अकर्मण्यता से निवारण
विद्यार्थी और अनश
ु ासन
संकेत बिंद:ु -
अनश ु ासन का अर्थ तथा स्वरूप
अनश ु ासन और प्रकृति
अनश ु ासनहीनता, समाधान
विज्ञान: लाभ और हानियाँ
संकेत बिंद:ु -
विज्ञान क्या है ?
विज्ञान के लाभ
विज्ञान की हानियाँ
साहित्य और समाज-
संकेत बिंद:ु -
साहित्य क्या है ?
समाज का साहित्य पर प्रभाव
साहित्य का महत्व
साहित्य और समाज का संबध
ं
257 - विद्यालय में खेल-कूद की सामग्री मँगवाने हे तु प्रधानाचार्य को 80-100 शब्दों में प्रार्थना पत्र लिखिए।
258 - रोगों की उत्पत्ति की और 'भारतीय स्वास्थ्य संगठन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए किसी दै निक
समाचार-पत्र के संपादक को 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए
259 - आपने अपने विद्यालय में सबसे अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसलिए अपने प्रधानाचार्य को 80-100 शब्दों
में पत्र लिखकर निवेदन करें कि विद्यालय के नियमानस
ु ार आपको छात्रवत्ति
ृ दी जाए।
260 - यात्रा में रे ल कर्मचारी के अभद्र व्यवहार की शिकायत करते हुए रे लवे अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
261 - वैक्सीन को लेकर फैली प्रांतियों को लेकर लोगों के मन में व्याप्त डर को दरू करने हे तु स्वास्थ्य पत्र लिखकर
अनरु ोध कीजिए कि इन प्रांतियों को दरू कर लोगों को जागरूक करने के उपाय बताइए।
262 - अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को अंग्रेजी तथा गणित विषय की अतिरिक्त कक्षा लगाए जाने का अनरु ोध
करते हुए लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए ।
264 - आपके मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है । नगर निगम के अध्यक्ष को
लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखकर बाल-उद्यान (पार्क ) बनवाने की प्रार्थना कीजिए।
265 - आपके क्षेत्र में लगने वाले जाम की समस्या से निजात पाने के लिए जिला प्रमख ु लगभग 120 शब्दों में पत्र
लिखिए। में हुए अभद्र व्यवहार के लिए कक्षा अध्यापक से क्षमा माँगते हुए 120 शब्दों में पत्र लिखिए।
267 - विद्यालय की ओर से विदे श जाने के लिए चन ु े जाने पर मित्र को बधाई दे ते हुए उन्हें शभ
ु कामनाएँ दीजिए
और उन्हें प्रतियोगिता की तैयारी जी- जान से करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए पत्र लिखिए ।
268 - अपने क्षेत्र में पेड़-पौधों के अनियंत्रित कटाव को रोकने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखिए ।
269 - अपने मोहल्ले में वर्षा के कारण उत्पन्न जल-भराव की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए
नगर-निगम के अधिकारी को पत्र लिखिए ।
272 - विद्यालय में खेल का अवसर न मिलने की शिकायत करते हुए तथा इस नियमित समस्या की ओर ध्यान
आकर्षित करते हुए व उपाय सझु ा कर प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए ।
273 - दरू दर्शन निदे शालय को लगऊग-120 शब्दों में पत्र लिखकर अनरु ोध कीजिए कि किशोरों के लिए दे शभक्ति
की प्रेरणा दे ने वाले अधिकाधिक कार्यक्रमों को प्रसारित करने की ओर ध्यान दिया जाए ।
274 - अपने क्षेत्र में एक नया डाकघर स्थापित करने की माँग करते हुए मख्
ु य डाक अधिकारी को पत्र लिखिए ।
275 - आप विद्यालय की छात्र-परिषद के सचिव हैं । स्कूल के बाद विद्यार्थियों का नाटक का अभ्यास करवाने के
लिए अनमु ति माँगते हुए प्रधानाचार्य को लगभग-120 शब्दों में पत्र लिखिए ।
276 -. पस्
ु तक विक्रेता या प्रकाशक से वी.पी.पी. द्वारा वसंत भाग-2 और 3 की पस्
ु तकें मँगवाने के लिए पत्र
लिखिए।
277 - .अपनी रचना प्रकाशित करवाने हे तु 'आज तक' समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
279 - आपके क्षेत्र में कोई भी अस्पताल नहीं है , इसलिए अपने क्षेत्र में अस्पताल बनवाने की माँग हे तु अपने
क्षेत्र के जिलाधिकारी को पत्र लिखिए।
280 -. बिजली के बिल में गड़बड़ी की जानकारी दे ते हुए बिजली दफ्तर के अधिशाषी अभियंता को पत्र लिखिए।
281- स्वयं को एक व्यापारी मानकर अपने क्षेत्र के सांसद को सीलिंग अभियान बंद करने के प्रयास हे तु एक पत्र
लिखिए।
282 - स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह रवैये के कारण खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या गंभीर होती जा रही है ।
विभाग के निर्देशक के नाम पत्र लिखकर इस समस्या की ओर उनका ध्यान आकर्षित कीजिए।
283 - आप प्रतिभा विकास के सचिव हैं। आपके विद्यालय में आयोजित प्रतियोगिता के लिए विद्यार्थियों को
आमंत्रित करते हुए लगभग 50 शब्दों में सच
ू ना लिखिए।
284 - विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से विद्यार्थियों को विद्यालय परिसर मोबाइल फोन पर बैन संबध
ं ी सच
ू ना
50 शब्दों में लिखिए।
288 - ऑनलाइन परीक्षा होने की जानकारी दे ते हुए प्रधानाचार्य की ओर से लगभग 50 शब्दों में सच
ू ना लिखिए।
291 - आपके विद्यालय में अंतर्राज्यीय खेल प्रतियोगिता हे तु खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। इसके लिए
लगभग 50 शब्दों में सच
ू ना लिखिए।
292 - आप अभिनव पब्लिक स्कूल के सचिव हैं। अपने विद्यालय की ओर से होने वाले वक्ष
ृ ारोपण कार्यक्रम की
सच
ू ना लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
294 - आपके विद्यालय में सांस्कृतिक वार्षिकोत्सव होने जा रहा है । इसके लिए लगभग 50 शब्दों में एक सच
ू ना
लिखिए।
295 - गर्मियों की छुट्टियों में अनामिका नत्ृ य अकादमी की ओर से शॉट टर्म डांस क्लास आरं भ किए जाने के
संदर्भ में लगभग 50 शब्दों में सच
ू ना लिखिए।
297 - एक निश्चित समय पर साईकिल रिक्शों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाते हुए यातायात पलि
ु स द्वारा
40-50 शब्दों में सच
ू ना जारी कीजिए।
298 - छठ पर्व के अवसर पर शिवनादर स्कूल 12 नवंबर, 20xx को बंद रहे गा। इसकी सच
ू ना प्रधानाचार्य की ओर
से तैयार कीजिए
299 - आप एक संस्था चलाते हैं, जहाँ गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है । इसका लाभ और भी लोग उठा
सके, इसके लिए इस संस्था की जानकारी अखबार में प्रकाशित करवाने हे तु एक सच ू ना तैयार कीजिए।
302 -. सोसायटी में डेंगू बख ु ार की जानकारी दे ने हे तु स्वास्थ्य विभाग के सदस्य आ रहे हैं। इसकी सच
ू ना सभी
निवासियों को दे ने हे तु एक सचू ना तैयार कीजिए।
303 - विद्यालय में कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है । इसकी जानकारी दे ने हे तु एक सच
ू ना तैयार
कीजिए।
305 - सरकार द्वारा योग दिवस पर आपकी कॉलोनी में योग शिविर लगाया जा रहा है । इसकी जानकारी कॉलोनी
वालों को दे ने हे तु एक सच
ू ना तैयार कीजिए।
307 -खेल विभागाध्यक्ष की ओर से विद्यालय की क्रिकेट टीम के चयन हे तु आयोजित होने वाले शिविर से
संबधि
ं त एक सच
ू ना 40-50 शब्दों में लिखिए।
308 - पस्
ु तक प्रदर्शनी में विद्यार्थियों को आने के लिए प्रधानाचार्य की ओर से 40-50 शब्दों में एक सच
ू ना
लिखिए।
311 -. परु ाना घरे लू फर्नीचर बेचने के लिए 25 से 50 शब्दों में आकर्षक विज्ञापन बनाइए।
312 - 'हर्बल टूथपेस्ट' की विशेषताएँ बताते हुए 25 से 50 शब्दों में विज्ञापन बनाइए। .
314 - 'ऊर्जा संरक्षण का महत्व दर्शाते हुए जनता को जागरूक करने के लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
318 - 'सरस्वती' चश्मा केंद्र के प्रचार के लिए लगभग 50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
320 - विद्यालय की कलाविथि में कुछ चित्र (पें टिग्ं स) बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इसके लिए एक विज्ञापन लगभग 50
शब्दों में लिखिए।
321 -. हिंदी की पस्
ु तकों की प्रदर्शनी में आधे मल्
ू य पर बिक रही महत्तवपर्ण
ू पस्
ु तकों को खरीदकर लाभ उठाने के लिए
लगभग 25-30 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए।
332 - परु ाना घरे लू फर्नीचर बेचने के लिए 25 से 50 शब्दों में आकर्षक विज्ञापन बनाइए।
333 -'हर्बल टूथपेस्ट' की विशेषताएँ बताते हुए 25 से 50 शब्दों में विज्ञापन बनाइए। 1
334 - रजिस्टर तथा कॉपियाँ बनाने वाली 'रचना कंपनी' के प्रचार-प्रसार हे तु लगभग 50 शब्दों में
विज्ञापन लिखिए।
335 - आपका पालतू कुत्ता खो गया है । उसकी तलाश के लिए लगभग 50 शब्दों में विज्ञापन तैयार
कीजिए।
336 - 'पल्स पोलियो' अभियान हे तु जागरूकता लाने के लिए एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार
कीजिए।
337 - आगरा में गर्मियों की छुट्टियों में नत्ृ य सिखाने का संस्थान कत्थक केन्द्र खल
ु ा है उसका एक
विज्ञापन तैयार कीजिएI
338 - एक लघु कथा लिखिए, जिसका अंतिम वाक्य हो- 'मानवीय सेवा ईश्वरीय भक्ति के समान होती
है ।'
339 - 'बीता हुआ समय हाथ नहीं आता है '-पंक्ति को आधार बनाकर लघु कथा लिखिए।
340 - छोटी भल
ू का पड़ा दष्ु परिणाम--पंक्ति को आधार बनाकर लघु कथा लिखिए।
342 - सादा जीवन उच्च विचार--पंक्ति को आधार बनाकर लघु कथा लिखिए।
343 - सत्य को छिपाया नहीं जा सकता- -पंक्ति को आधार बनाकर लघु कथा लिखिए।
346 - जाको राखे साइसाँ, मार सके न कोय--पंक्ति को आधार बनाकर लघु कथा लिखिए।
347 - मज़हब नहीं सिखाता आपसे में बैर रखना--पंक्ति को आधार बनाकर लघु कथा लिखिए।
348 -अभिमान विनाश का कारण है - -पंक्ति को आधार बनाकर लघु कथा लिखिए।
349 - 'सत्यनिष्ठ बनो' अथवा सदा सत्य बोलो' शीर्षक से सत्यवादी बनने का संदेश दे ती हुई एक लघु
कथा 100 से 120 शब्दों में लिखिए।
350 - 'मधरु बोलो' अथवा 'तोलो फिर बोलो' का संदेश दे ती हुई एक लघु कथा लिखिए।
351 - 'परिश्रम का महत्त्व दशति हुए 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए।
352 - 'दस
ू रों के लिए अच्छा करने की भावना' को दर्शाती एक लघु कथा 100 से 120 शब्दों में संदेश
सहित लिखकर उसे एक उचित शीर्षक भी दीजिए।
353 - कभी घमण्ड न करने की सीख दे ती हुई एक लघु कथा 100 से 120 शब्दों में लिखिए। कथा को
उचित शीर्षक भी दीजिए।
354 - 'शिक्षा का महत्त्व' दर्शाते हुए 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए।
355 - 'एकता में शक्ति' का संदेश दे ती एक प्रेरक तथा 100 से 120 शब्दों में लिखकर उसे उचित शीर्षक
भी दीजिए।
356 - 'आलस्य मनष्ु य का सबसे बड़ा शत्रु है ।" इस संदेश पर आधारित एक लघु कथा 100 से 120 शब्दों
में लिखिए और उसे एक उचित शीर्षक भी दीजिए।
357 - एक मछली सारा तालाब गंदा करती है विषय पर एक रोचक शिक्षाप्रद लघु कथा (100 से 120
शब्दों में ) लिखिए तथा उसमें निहित संदेश भी लिखिए।
358- 'सत्य को कभी छिपाया नहीं जा सकता' कथन को आधार बनाकर लगभग 120 शब्दों में लघु कथा
लिखिए।
359 - 'सादा जीवन उच्च विचार' उक्ति को आधार बनाकर लगभग 120 शब्दों में लघु कथा लिखिए।
360 - एक रोचक शिक्षाप्रद लघु कथा (100 से 120 शब्दों में ) लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा
उसमें निहित संदेश भी लिखिए।
361 - दिए गए संकेतों के आधार पर 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए
362 - दिए गए संकेतों के आधार पर 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए
363 -दिए गए संकेतों के आधार पर 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए
364 - कुसंगति का दष्ु परिणाम दर्शाते हुए 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए।
367 - एक राजकुमार स्वभाव से बहुत उद्दं ड और प्रजा के साथ राजा भी उसकी करतत ू ों से —-एक बार
गौतम बद् ु ध राज्य में पधारे । राजा ने बद्
ु ध से बद्
ु ध ने राजकुमार को से कुछ पत्तियाँ तोड़कर खाने को दीं।
पत्तियाँ बहुत कड़वी थीं। राजकुमार ने पत्तियाँ खाई
368 - दिए गए प्रस्थान बिंद ु के आधार पर 'लालच बरु ी बला है ' विषय पर 100 से 120 शब्दों में एक लघु
कथा लिखकर उसे उचित शीर्षक भी दीजिए।
किसी गाँव में राम और श्याम नाम के दो किसान रहते थे। राम सीधा-सादा और नेक जबकि श्याम बहुत
तेज़ चालाक और लालची था। एक बार उनके गाँव में बहुत बड़े महात्मा पधारे । राम और घर ले आया और
उनकी खब ू सेवा की। महात्मा ने प्रसन्न होकर राम की
369 -. दिए गए प्रस्थान बिंद ु के आधार पर 100-120 शब्दों में लघु कथा लिखिए। [5] एक घने वन में
खड़े एक वक्ष
ृ के साथ लिपटी एक लता भी उसके बराबर ऊँची हो गई। बेल को फलते • दे ख वक्ष ृ जल-भन ु
गया। उसे लगा वह उसके ही कारण हुआ है । वक्ष ृ अहं कार से भर उठा। उसने लता को धक्के मारकर भगा
दे ने की धमकी दी। दो पथिक वक्ष ृ की खबू सरू ती दे ख रुक गए। एक पेड़ और बेल की तारीफ़ करने लगा तो
दस ू रा कहता कि ये तो बेल की वजह से संद ु र है अन्यथा ये तो केवल छाँव ही दे ता संद
ु र नहीं दिखता। ये
कहकर वे उसकी संद ु रता निहारने के लिए वहीं आराम करने के लिए रुक गए। ये सन ु पेड़ का घमंड टूट
गया
370 - दिए गए संकेतों के आधार पर 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए
एक पहाड़ की ऊँची चोटी पर एक गरुड़ तथा वहीं की तलहटी में एक विशाल वक्ष ृ पर एक कौआ अपना
घोंसला बनाकर रहता था। गाँवों में रहने वाले पशु पालकों की भेड़-बकरियाँ जब चरने आते तो गरुड़ अपने
पंजे से किसी न किसी मेमने को अपना शिकार बना लेता था क्योंकि उसमें शक्ति अधिक थी। कौआ
प्रायः यह दृश्य दे खता। एक दिन उसने गरुड़ की तरह परू ी शक्ति से मेमने पर हमला कर दिया किन्तु
ज्यादा ऊँचे से नीचे आने पर चट्टान से टकराया और मर गया
371 - दिए गए संकेत-बिंदओ ु ं के आधार पर लघु कथा लिखिए और उसका उचित शीर्षक तथा उससे
मिलने वाली शिक्षा भी लिखिए।
संकेत-बिंद-ु
किसी गाँव के मंदिर में एक साधु । गाँव के लोगों से उसे दान में तरह-तरह के वस्त्र, उपहार, खाद्य
सामग्री और पैसे मिलना व उनको बेचकर काफी धन जमा कर लेना • साधु का किसी पर विश्वास न होना
धन को एक पोटली में रखना • के धन पर होना • पोटली सदा अपने साथ रखना • उसी गाँव में एक ठग
का आना व उसकी नजर शिष्य के वेश में ठग का साधु के पास आना • शिष्य बनाने की प्रार्थना करना •
साधु का मान जाना • ठग का भी साथ के साथ रहना मंदिर की साफ-सफाई आदि सभी कार्य करना • साधु
का साधु अपने • विश्वासपात्र बन जाना • एक दिन साधु के साथ पास के गाँव के मखिु या के घर पर जाना
• रास्ते में नदी पर • साधु का स्नान करने जाना • ठग का गठरी लेकर चंपत हो जाना।
372 - दिए गए संकेतों के आधार पर 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए
एक दिन एक सियार का किसी गाँव से गुजरना गाँव के बाजार के पास लोगों को दे खना• वहाँ दो तगड़े
बकरों की आपस में लड़ाई होना • सभी लोगों का ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाना और तालियाँ बजाना • दोनों
बकरों का दरू ी तरह से लहूलह ु ान होना और सड़क पर खन ू बहाना • इतना सारा ताज़ा खन ू दे खकर अपने
आप को न रोक पाना भल ू • खन ू का स्वाद लेने के लिए बकरों पर टूट पड़ना सियार को दे खकर बकरों के
द्वारा अपनी शत्रतु ा जाना • ) संकेत-बिंद ु मिलकर सियार पर हमला बोल दे ना व सियार को वहीं मार दे ना
।
373 - दिए गए संकेतों के आधार पर 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए
हिमालय की एक कंदरा में एक बलिष्ठ शेर का रहना एक दिन एक भैंसे का शिकार कर अपनी गुफा में
लौटना रास्ते में एक मरियल-सा सियार का मिलना • सियार द्वारा शेर को दं डवत प्रणाम करना • शेर
द्वारा • ऐसा करने का कारण पछ ू ना दे ना • शेर से अपनी शरण में लेने की प्रार्थना करना • शेर की सेवा
करने का आश्वासन 'शेर का उसकी बात मान लेना • कुछ ही दिनों में शेर द्वारा छोड़े शिकार को
खा-खाकर बहुत मोटा हो जाना एक दिन शेर से अपने शक्तिशाली होने का दं भ भरना • हाथी का शिकार
करने की बात कहना • शेर • द्वारा समझाना • घमंड के कारण न मानना • पहाड़ की चोटी से हाथियों के
ु को दे खना • शेर की तरह गर्जना करते हुए एक बड़े हाथी के ऊपर कूद पड़ना किंतु हाथी के सिर के
झंड
ऊपर गिरते हुए उसके पैरों पर जा गिरना • हाथी का अपनी मस्तानी चाल से चलते हुए उसके सिर पर पैर
रखकर बढ़ जाना • सियार का सिर • बकनाचरू हो जाना • प्राण पखेरू उड़ जाना।
374 - दिए गए प्रस्थान बिंद ु के आधार पर 100-120 शब्दों में लघु कथा लिखिए।
एक मछुआरा प्रतिदिन सब ु ह नदी किनारे जाकर अपना जाल डाल आता और शाम को जाकर निकालता।
उसमें मछलियों के साथ कुछ केकड़े फँस जाते। वो उन्हें टोकरी में अलग कर बाज़ार में बेच दे ता। वह
मछलियों को ढक्कन लगाकर रखता और केकड़ों को खल ु ा। एक अजनबी ने कहा, “अरे ऐसे तो सब केकड़े
बाहर निकल जाएँगे।" मछुआरा बोला, "नहीं, जब तक यह साथ हैं ये कहीं नहीं जाएँगे क्योंकि इन्हें
एक-दस ू रे की टाँग खींचनी आती है । "
375 - दिए गए प्रस्थान बिंद ु के आधार पर 100-120 शब्दों में लघु कथा लिखिए।
एक पेड़ पर संद ु र और लगभग एक जैसे तोते के दो बच्चे रहते थे। एक दिन ज़ोर की आँधी आई और एक
को चोरों के इलाके में दस
ू रे को ऋषि मनिु यों के आश्रम में जाकर गिरा दिया। दोनों का पोषण अपने-अपने
हिसाब से हुआ। एक राजा जब जंगल में शिकार के लिए आए और थककर पेड़ के नीचे आराम करने लगे
तो कर्क श आवाज़ में तोते ने कहा 'इसे लट ू लो, ये मालदार है ।' राजा वहाँ से भागते हुए आश्रम पहुँचा तो
दस
ू रे तोते ने जलपान के लिए पछ ू ा। मनि
ु के आने पर उन्होंने जंगल में दिखे ऐसे ही तोते के बारे में बताया
और सारी बात बताकर इनका रहस्य जाना। मनि
ु ने सारी बात बताकर संगत का प्रभाव राजा को
समझाया।