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10 व क ा अधवा षक परी ा 2023-24

तृतीय भाषा हदी 61-H


xÉqÉrÉ : 3 bÉÇOåû MÑüsÉ AÇMü : 80
==================================================================
I. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ mÉëzlÉÉåÇ Måü िलए Måü cÉÉU-cÉÉU िवक प सुझाए गये ह, उनम से सवािधक उिचत िवक प चुनकर
उसके संकेता र सिहत पूण प से ÍsÉÎZÉL : 8x1=8
1. इन म से पु लग श द WÇæû,
A. sÉåÎZÉMüÉ B. माँ C. sÉåZÉMüÐ D. MüÌuÉ
2. ClÉ zÉoSÉåÇ qÉåÇ LMüuÉcÉlÉ ÃmÉ WæûÇ,
A. MüWûÉÌlÉrÉÉð B. AÉÆZÉ C. QÇûQåû D. oÉÉiÉå
3. ‘AcNûÉ’ zÉoS MüÉ ÌuÉsÉÉåqÉÉjÉïMü WæûÇ,
A. AcNûÉD B. oÉÑUÉ C. oÉÑUÉD D. aÉÑhÉ
4. ClÉqÉåÇ xÉå mÉëjÉqÉ mÉëåUhÉÉjÉïMü या प WæûÇ,
A. MüUlÉÉ B. ÍsÉZÉlÉÉ C. cÉsÉÉlÉÉ D. mÉÄRûlÉÉ
5. महादेवी वमा जी को आधुिनक मीरा कहा जाता Wæû | CxÉ uÉÉYrÉ qÉåÇ rÉWû uÉÏUÉqÉ ÍcÉ»û Wæû,
A. mÉëzlÉuÉÉcÉMü B. AsmÉ ÌuÉUÉqÉ C) ÌuÉxqÉrÉÉÌS oÉÉåkÉMü D. mÉÔhÉï ÌuÉUÉqÉ
6. ‘रमेश’ zÉoS qÉåÇ rÉWû xÉÇÍkÉ WÇæû,
A. SÏbÉï B. aÉÑhÉ C. rÉhÉ D. uÉ×ή
7. ’पौ फटना’ इस मुहावरे का अथ है,
A. रात होना B. दन िनकलना C. भात होना D. सूरज िनकलना
8. पेड़ ---- फल िगरा | ËU£ü xjÉÉlÉ qÉåÇ ÌlÉqlÉ MüÉUMü AÉiÉÉ Wæû -
A. Måü B. से C. MüÉå D. पर
II. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ mÉëjÉqÉ SÉå zÉoSÉåÇ Måü xÉÇoÉÇÇध Måü AlÉÑÂmÉ iÉÏxÉUå zÉoS MüÉ xÉÇoÉÇÍkÉiÉ zÉoS ÍsÉÎZÉL : 4x1=4
9. qÉåUÉ oÉcÉmÉlÉ : AÉiqÉMüjÉÉ :: MüzqÉÏUÏ xÉåoÉ : ..................
10. जैनुलबदीन :आिशय मा : : जलालु ीन : ................
11. SrÉÉ : kÉqÉï MüÉ qÉÔsÉ :: mÉÉmÉ : .............
12. फे सबुक : वरदान :: है कग : ............
III. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ mÉëzlÉÉåÇ Måü E¨ÉU LMü-LMü पूण uÉÉYrÉ qÉåÇ ÍsÉÎZÉL : 4x1=4
13. किव भगवतीचरण वमा भारत माता से या िनवेदन कर रहे ह ?
14. mÉëåqÉcÉÇS eÉÏ को YrÉÉ नज़र आया ?
15. ÌMüxÉMåü WÒûYqÉ mÉU mÉuÉlÉ iÉÉmÉ cÉÄRûiÉÉ AÉæU EiÉUiÉÉ Wæû ?
16. CÇOûUlÉåOû MüÉ AjÉï YrÉÉ Wæû ?
IV. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ mÉëzlÉÉåÇ Måü E¨ÉU दो-तीन uÉÉYrÉÉåÇ qÉåÇ ÍsÉÎZÉL: 8x2=16
17. qÉÉiÉ×pÉÔÍqÉ MüÉ xuÉÂmÉ MæüxÉå xÉÑzÉÉåÍpÉiÉ Wæ ?
18. ‘MüzqÉÏUÏ xÉåoÉ’ mÉÉPû xÉå AÉmÉMüÉå YrÉÉ xÉÏZÉ ÍqÉsÉiÉÏ Wæû ?
19. qÉWûÉSåuÉÏ uÉqÉÉï eÉÏ MüÉ krÉÉlÉ AÉMüÌwÉïiÉ MüUlÉå Måü ÍsÉL ÌaÉsलू YrÉÉ MüUiÉÉ jÉÉ ?
20. ’ कृ ित mÉU xÉuÉ§É Wæû ÌuÉeÉrÉÏ mÉÑÂwÉ AÉxÉÏlÉ’ CxÉ mÉÇÌ£ü MüÉ AÉzÉrÉ xÉqÉfÉÉCL |
21.लेखक को भेजे गये िनमं ण प म या िलखा था ?
22. urÉÉmÉÉU AÉæU oÉæÌMÇüaÉ CÇOûUlÉåOû xÉå YrÉÉ qÉSS ÍqÉsÉiÉÏ Wæû ?
23. कलाम जी को जलालु ीन ने नई दुिनया बोध कराया । कै से ?
24. zÉÌlÉ LMü xÉÑÇSU aÉëWû Wæ û| कै से ? वणन क िजए ।
AjÉuÉÉ
zÉÌlÉ LMü PÇûQûÉ aÉëWû Wæû | MæüxÉå ?
V. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ mÉëzlÉÉåÇ Måü E¨ÉU तीन-चार uÉÉYrÉÉåÇ qÉåÇ ÍsÉÎZÉL: 9x3=27
25. pÉÉUiÉ qÉÉð Måü mÉëMüÌiÉ-xÉÉæÇSrÉï MüÉ uÉhÉïlÉ MüÐÎeÉL |
26. गाजर के बार म म
े चंद जी ने या िवचार कट कया है ?
27. ÌaÉsलू Måü mÉëÌiÉ qÉWûÉSåuÉÏ uÉqÉÉï eÉÏ MüÐ qÉqÉiÉÉ MüÉ uÉhÉïlÉ MüÐÎeÉL |
28. eÉælÉÑsÉÉoÉSÏlÉ lÉqÉÉÄeÉ Måü oÉÉUå qÉåÇ YrÉÉ MüWûiÉå Wæû?
29. ÌSlÉMüU eÉÏ Måü AlÉÑxÉÉU qÉÉlÉuÉ MüÉ xÉWûÏ mÉËUcÉrÉ YrÉÉ Wæû ?
30. xÉÇcÉÉU uÉ xÉÑcÉlÉÉ Måü ¤Éå§É qÉåÇ CÇOûUlÉåOû MüÉ YrÉÉ qÉyiuÉ Wæû?
31. लेखक के धूप का च मा खो जाने क घटना का वणन क िजए ।
32. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ SÉåWåû MüÉ pÉÉuÉÉjÉï AmÉlÉå zÉoSÉåÇ qÉåÇ ÍsÉÎZÉL :
दया धम का मूल है, पाप मूल अिभमान ।
तुलसी दया न छाँिडये, जब लग घट म ाण ॥
33. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ ग यांश MüÉ AlÉÑuÉÉS Mü³ÉÄQû rÉÉ AÇaÉëåeÉÏ qÉåÇ MüÐÎeÉL :
आज हम सभी इं टरनेट का उपयोग करते ह । यह हमारी आधुिनक जीवनशैली का मह वपूण अंग बन गया है । सचमुच
इं टरनेट एक वरदान है ।
VI. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ mÉëzlÉ MüÉ E¨ÉU पाँच-छ: uÉÉYrÉÉåÇ qÉåÇ ÍsÉÎZÉL: 2x4=8
34. oÉxÉÇiÉ LMü DqÉÉlÉSÉU sÉÄQûMüÉ Wæû | MæüxÉå ? वणन क िजए ।
AjÉuÉÉ
UÉeÉÌMüzÉÉåU eÉÏ Måü qÉÉlÉuÉÏrÉ urÉuÉWûÉU MüÉ mÉËUcÉrÉ SÏÎeÉL |
35. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ MüÌuÉiÉÉÇzÉ mÉÔhÉï MüÐÎeÉL:
qÉÑÎZÉrÉÉ qÉÑZÉ xÉÉåÇ ___________________ |
____________________ xÉÌWûiÉ ÌuÉuÉåMü ||
VII. 36. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ aÉkrÉÉÇzÉ MüÉå krÉÉlÉmÉÔuÉïMü mÉÄRûMüU ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ mÉëzlÉÉåÇ Måü E¨ÉU ÍsÉÎZÉL: 4x1=4
सृि का सव े ाणी मानव है । मानव क िज ासावृित उसे पशु से िभ करती है । कृ ित के रह य
को खोजने , उ ह उपयोग म लाकर जीवन को सुखमय बनाने और ान िव तार के मूल म उसक िज ासा
ही है । अपनी िज ासा से उसे यह लाभ िमलता है । मानव म एक िवशेष गुण और है , वह है स दयानुभूित
मानव सृि के सम त चराचर म अपने इसी गुण से अ छी और खराब व तु म भेद कर सकता है । अपने
इस िववेक से ही मनु य ने लिलत कला का िवकास भी कया है ।
क. मानव पशु से कै से िभ है ?
ख. िज ासा से मानव को या लाभ है ?
ग. मानव का िवशेष गुण या है ?
घ. अपने िववेक से मानव या कर सका है ?
VIII. 37. ÌSL aÉL ÌoÉÇSÒAÉåÇ Måü AÉkÉÉU mÉU 12-15 uÉÉYrÉÉåÇ qÉåÇ ÌMüxÉÏ LMü ÌuÉwÉrÉ Måü oÉÉUå qÉåÇ ÌlÉoÉÇkÉ ÍsÉÎZÉL : 1x4=4
Mü) eÉlÉxÉÇZrÉÉ MüÐ xÉqÉxrÉÉ
*AjÉï
*eÉlÉxÉÇZrÉÉ uÉ×ή Måü MüÉUhÉ AÉæU mÉËUhÉÉqÉ
*ÌlÉrÉǧÉhÉ
*EmÉxÉÇWûÉU
ZÉ) xuÉcNû pÉÉUiÉ AÍpÉrÉÉlÉ
* pÉÔÍqÉMüÉ
* xÉTüÉD MüÉ qÉWûiuÉ
* EmÉxÉÇWûÉU
aÉ) CÇOûUlÉåOû LMü uÉUSÉlÉ Wæû
* AjÉï
* EmÉrÉÉåaÉ
* AÉuÉzrÉMüiÉÉ
* EmÉxÉÇWûÉU
IX. 38. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ ÌuÉwÉrÉ Måü oÉÉUå qÉåÇ mÉ§É ÍsÉÎZÉL : 1x5=5
सकारण देते ए SÉå ÌSlÉÉå MüÐ छु ी Måü ÍsÉL mÉëkÉÉlÉÉkrÉÉmÉMü Måü lÉÉqÉ mÉ§É ÍsÉÎZÉL :
AjÉuÉÉ
अपनी पढ़ाई के बारे म बताते ए माiÉÉeÉÏ MüÉå mÉ§É ÍsÉÎZÉL :

********
उ र कुं जी
I.
1. D. किव
2. C. QÇûQåû
3. B. बुरा
4. C. cÉsÉÉlÉÉ
5. D. mÉÔhÉï ÌuÉUÉqÉ
6. B. aÉÑhÉ
7. C. भात होना
8. B. से
II.
9. कहानी
10. जोहरा
11. अिभमान
12. अिभशाप
III.
13. किव भगवतीचरण वमा भारत माता से जग का प बदलने क िलए िनवेदन कर रहे ह ।
14. mÉëåqÉcÉÇS eÉÏ को रं गदार गुलाबी सेब सजे ए नज़र आया ।
15. मानव के म पर पवन का ताप चढ़ता और उतरता है ।
16.इं टरनेट अनिगनत कं यूटर के कई अंतजाल का एक दूसरे से संबंध थािपत करने का जाल है ।
IV.
17. *भारत माता के खेत हरे-भरे सुहाने ह ।
*भारत के वन-उपवन फल-फू ल से भरे ए ह ।
*भारत भूिम के अंदर खिनजो का ापक धन भरा आ है।
*भारत माता सुख-संपित , धन-धाम को मु ह त से बाँट रही है ।
18. ‘MüzqÉÏUÏ xÉåoÉ’ mÉÉPû xÉå हम यह सीख िमलती है अगर खरीदारी करते समय सावधानी नह बरते तो धोखा
खाने क संभावना होती है ।
19. * लेिखका का यान आक षत करने के िग लु उनके पैर तक आकर सर से पदे पर चढ़ जाता और फर उसी
तेजी से उतरता था ।
*उसका यह दौडने का म तब तक चलता, जब तक लेिखका उसे पकड़ने के िलए न उठती ।
20. *आधुिनक मानव ने कृ ित के हर एक त व को अपने िनयं ण म कर िलया है ।
उसने जल, िव त
ु , भाप, वायु पर अपना िनयं ण बना िलया है ।

*वह नदी, समु , सागर को एक समान लाँघ सकता है ।


*उसका यान आकाश म जा रहा है ।
*वह परमाणु योग भी कर रहा है ।
*उसक बौि क मता असीिमत है ।
*आज मानव ने कृ ित के हर एक त व को िवकृ ित कर दया है ।
21. *प म िलखा था “हम लोग इस शहर म एक ईमानदार स मेलन कर रहे ह ।
*आप देश के िस ईमानदार ह ।
*हमारी ाथना है क आप इस स मेलन का उ ाटन कर ।
*हम आपको आने- जाने का पहले दज का कराया दगे तथा आवास भोजन आ द क उ म व था करगे ।
22. *इं टरनेट ारा हम घर बैठे -बैठे खरीदारी कर सकते ह ।
*कोई भी िबल भर सकते ह ।
*दुकान जाने और लाइन म घंट खड़े रहने का समय बच सकता है ।
*इं टरनेट ब कग ारा दुिनया क कसी भी जगह पर चाहे िजतने भी रकम भेजी जा सकती है ।
23. *उनके िपता अनाव यक एवं ऐशो- आरामवाली चीज़ से दूर रहते थे ।
*परं तु घर पर सभी आव यक चीज़ समुिचत मा ा म सरलता से उपल द थ ।
* इसिलए उनका बचपन बड़ी िन तता और सादगी म बीता ।
24. *शिन को य द दूरबीन से देखा जाये, तो इस ह के चारो ओर वलय(गोल) दखाई देते ह ।
* कृ ित ने शिन ह के गले म खूबसूरत हार डाल दये ह ।
*शिन के इन वलय या कं कण ने इस ह को सौर-मंडल का सबसे सुंदर एवं मनोहर ह बनाया है ।
अथवा
*शिन ह सूय से पृ वी क अपे ा करीब दस गुना अिधक दूर है, इसिलए ब त कम सूयताप उस ह तक
प च
ँ ता है - पृ वी का मा सौवाँ िह सा ।
*इसिलए शिन के वायुमंडल का तापमान शु य के नीचे 150° सटी ड
े के आसपास रहता है ।
* शिन एक अ य त ठं डा ह है ।
V.
25. *भारत माता के खेत हरे-भरे सुहाने ह ।
*भारत के वन-उपवन फल-फू ल से भरे ए ह ।
*भारत भूिम के अंदर खिनजो का ापक धन भरा आ है।
*भारत माता सुख-संपित , धन-धाम को मु ह त से बाँट रही है ।
26. *लेिखका का यान आक षत करने के िलए िग लू उनके पैर तक आकर सर से पदे पर चढ़ जाता था ।
*फू लदान के फू ल म, कभी परदे क चु ट म, और कभी सोनजुही क पि य म िछप जाता था ।
*िछपकर महादेवी वमा को चौकाता था ।
* दन भर बाहरी िगलहर रय के साथ उछलता-कू दता और ठीक चार बजे घर आकर अपने झूले म झूलने लगता था ।
*लेिखका क थाली के पास बैठकर बड़ी सफाई से खाना खाता था ।
*लेिखका खाने बैठती तब िलफ़ाफे के भीतर बैठकर उनका काय-कलाप देखा करता था।
27. *जब िग लू घायल आ था तब वमा जी ने घाव को ई से र प छकर पिसिलन का मरहम लगाया ।
*उसे रहने के िलए एक झूला बनाकर िखड़क से लटका दया ।
*उसे यार से िग लू के नाम से पुकारा। िग लू को खाने के िलए काजू िब कु ट दया करती थी ।
*थाली म से एकएक- चावल उठाकरसफाई से खाने को िसखाया। अ य िगलह रय के साथ खेलने के िलए उसे एक व था
क ।
*िग लू के अंितम दन म उसे बचाने क पूरी कोिशश क हीटर जलाकर उसे उ णता देने का यास कया ।
*उसक मृ यु के बाद सोनजुही लता के नीचे समािध बनाई गई ।
*इस कार महादेवी वमा जी ने िग लू के ित अपनी ममता को दशाया है ।
28. *जैनुलाबदीन नमाज क ासंिगकता के बारे म कहते ह- ’ जब तुम नमाज़ पढ़ते हो तो तुम अपने शरीर

से इतर ांड का एक िह सा बन जाते हो ; िजसम दौलत, आयु, जाित या धम-पंथ का कोई भेदभाव नह होता ।’

29. *किव दनकर जी कहते ह – आज मनु य ने कृ ित पर िवजय ा कर ली है ।


*मानव को ोम से पाताल तक सब कु छ ात है ।
*परं तु वयं को नह पहचाना, अपने भाईचारे को नही समझा ।
*मानव क सही पहचान वह है जो मानव-मानव के बीच ेह का बाँध बाँधता है,

*जो मानव दूसरे मानव से म


े का र ता जोडकर आपस क दूरी को िमटाता है,
वही मानव कहलाने का अिधकारी होगा ।
*जो मनु य बुि को चैत य दय से जीतता है ।
*आपसी भाईचारा,पार प रक म
े , सहमनु य के साथ ह
े से रहना ही मानव का सही प रचय है ।
30. *इं टरनेट ारा पल भर म िबना यादा खच कए कोई भी िवचार हो, ि थर िच हो, वीिडयो िच हो दुिनया के कसी
भी कोने म भेजना मुम कन हो गया है ।
*चाहो तो पूरे एक पु तकालय क कताब के िवषय को कम समय म कह भी भेज सकते है ।
*इं टरनेट आधुिनक जीवनशैली का मह वपूण अंग बन गया है ।
*शायद इसके िबना संचार और सूचना दोन ही े ठप पड़ जाते ह ।
31. *सोशल नेटव कग एक ांितकारी खोज है । िजसने दुिनया भर के लोग को एक जगह पर ला खड़ा कर दया है ।
*सोशल नेटव कग के कई साइ स ह, जैस-े फे सबुक, ऑरकु ट, ट् वटर, लकडइन आ द ।
*इन साइट के कारण देश िवदेश के लोग क रहन- सहन, वेश-भूषा, खान-पान के अलावा सं कृ ित, कला आ द का भाव
शी ाितशी हमारे समाज पर पड़ रहा है ।
32. * तुत दोहे म तुलसीदास ने प तः बताया है क दया धम का मूल है और अिभमान पाप का ।
*इसिलए किव कहते ह क जब तक शरीर म ाण ह , तब तक मानव को अपना अिभमान
छोड़कर दयालु बने रहना चािहए ।
33.
ಇಂದು ಾ ಲ ರೂ ಇಂಟ ಬಳಸು ೕ . ಇದು ನಮ ಆಧು ಕ ೕವನ ೖ ಯ ಪ ಮುಖ ಾಗ ಾ . ಇಂಟ
ಜ ಾ ಯೂ ಒಂದು ವರ ಾ .
Today we all use the internet. It has become an important part of our modern lifestyle. Internet is truly a
boon.
34.*बसंत ईमानदार और वाभीमानी लड़का ह ।
*वह मेहनत से पैसे कमाना चाहता था ।
*इस कारण से वह बाज़ार म चीज़ बेचता है ।
*पं. राज कशोर बसंत को दो पैसे दए तो, बसंत पैसे लेने से इनकार करता है
य क वह उसे भीख समझता है, वह भीख लेना नही चाहता है ।
*मोटर दुघटना म उसक पैर क ह ी टू टने पर भी वह अपने भाई ताप को
पं. राज कशोर के घर उनके छु े पैसे देने भेजता है ।
AjÉuÉÉ
*पं. राज कशोर मजदूर के नेता थे ।
*गरीब के ित हमदद दखाते है और उनके साथ आदर से वहार करते ह ।
*इसी कारण वे गरीब बसंत के पास छलनी खरीदा उसके भरोसे पर ही एक नोट उसके हाथ म दया था ।
* ताप ारा मोटर दुघटना का िवषय पता चलते ही वे सीधे अहीर टले म रहनेवाले बसंत के घर जाते है ।
*वहाँ डा टर को भी बुलवाते है और उनसे बसंत क पैर क जाँच कराते ह ।
35. मुिखया मुख सो चािहए, खान पान को एक ।
पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सिहत िववेक ।।
36.
क. मानव पशु से िज ासावृित िभ है ।
ख. िज ासा से मानव को कृ ित के रह य को खोजने , उ ह उपयोग म लाकर जीवन को सुखमय बनाने और ान
िव तार के मूल म उसक िज ासा से लाभ है ।
ग. मानव का िवशेष गुण स दयानुभूित है ।
घ. अपने िववेक से मानव लिलत कला का िवकास कर सका है ।
37.
* तावना 1
* िवषय िव तार 2
* उपसंहार 1
38.
हा रक प :
ेषक का पता : ½

प पानेवाले का पता : ½
िवषय : ½

संबोधन : ½

प का कलेवर : 2½
समाि प : ½

अथवा

पा रवा रक प :
ेषक का पता और दनांक : ½
संबोधन और अिभवादन : 1
प का कलेवर : 2½

समाि प : ½

प पानेवाले का नाम : ½
*******

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