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दीवाना नंबर 4
दीवाना नंबर 4
नैरेटर - यह अक्सर शाम को आता है । (दीवाना चलना शरू ु करता है इश्ताइल में और
दक ु ान के सामने लाइट में आकर छज्जे की तरफ दे खकर कंघी जेब से निकालकर बाल
सेट करने लगता है ) इसका विश्वास है , ट्यब
ू लाइट में आदमी ज्यादा खबू सरू त लगता
है ।
हलवाई - तझ
ु े कैसे पता?
(लड़की चल्
ू हा फंू कने भीतर बैठ जाती है )
दीवाना - आज तम्
ु हारी भाभी हमे दे खकर बहुत खश
ु है भाई इसी खश
ु ी में चाय हमारी
तरफ से…
दीवाना हलवाई से - सीटी, सीटी 3, ताली, ओये हलवाई सबको चाय… बाकी खाते में
जोड़ लेना
दीवाना - अरे , हजारों रुपए फंू क दिए हैं, यहां तो पैसे को मिट्टी समझते हैं। जरूरतमंद
हो और मांगें, तो हजार-दो हजार दे दे ते हैं। और भल ू जाते हैं।
एक आदमी - तम
ु 2 हजार ही दे दो यार
(नोटों से हवा करते हुए) दीवाना - अरे पैसा बहुत है प्यार चाहिए…
नैरेटर - इस चिछोरे मेरा मतलब बिचारे ने समय गलत चन ु ा। इसे शाम के पहले, सबेरे
या दोपहर को आना चाहिए। पर इसकी भी मजबरू ी है । इसके चेहरे पर चेचक के हल्के
दाग हैं, इसलिए इसे टयब ू लाइट में ही आना पड़ता है ।
वह आदमी - 8
दीवाना - गलत 10
वह आदमी - 10?