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Hindi Core A Ch06 Shamser Bahadur Singh
Hindi Core A Ch06 Shamser Bahadur Singh
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2. भोर का नभ
राख से लीपा हुआ िौका
(अभी गीला पडा है )
नयी कविता में कोष्ठक, विराम–चिह्नों और पंक्ततयों के बीि का स्थान भी कविता को अथथ दे ता है ।
उपयत
ुथ त पंक्ततयों में कोष्ठक से कविता में तया विशेष अथथ पैदा हुआ है ? समझाइए।
उत्तर:- नयी कविि में कोष्ठक, विर म-चचह्नों और पंक्तियों के बीच क स्थ न भी कविि को अथथ दे ि है ।
यह अतिररति ज नक री, पंक्ति क महत्त्ि आदद की ज नक री प्रद न करि है । र ि से िीप हुआ चौक में
गीि पन स्ियं ही आ गय है परं िु अतिररति ज नक री ‘अभी गीि पड है ’ से िह अचधक स्पष्ट हो ज ि
है ।
3. अपने पररिेश के उपमानों का प्रयोग करते हुए सूयोदय और सूयाथस्त का शब्दचित्र खींचिए।
उत्तर:- प्र िः क िीन सूयथ उददि हो रह है जो ऐस िगि हैं म नो अपने सुनहरे िस्र की रोशनी से आक श
और धरिी दोनों को भर दे ि है । सभी अपने ददन की शुरुआि करिे है । धीरे -धीरे ददन आगे बढ़ि है
सूय थस्ि के समय जैसे हम अपनी पोश क बदि के सोने ज िे है िैसे ही सूयथ हल्की ि ि पोश क पहनकर
सोने के लिए िैय र हो ज ि है । उसे दे ि सभी अपने दै तनक क यथ सम प्ि कर सोने की िैय री करने िगिे
है ।