Hindi Core A Ch06 Shamser Bahadur Singh

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NCERT Solutions class12 Hindi


Core A Ch06 Shamser Bahadur
Singh
1. कविता के ककन उपमानों को दे खकर यह कहा जा सकता है कक उषा कविता गााँि की सुबह का गततशील
शब्दचित्र है?
उत्तर:- कवि ने प्रकृति की गति को शब्दों में ब ाँधने क अद्भुि प्रय स ककय है । तनम्नलिखिि उपम नों में
ग्र मीण जनजीिन की गतिशीि झ ाँकी स्पष्ट ददि ई दे िी है –
िह ाँ लसि है , र ि से िीप हुआ चौक है और है स्िेट की क लिम पर च क से रं ग मििे अदृश्य बच्चों के
नन्हें ह थ।
यह एक ऐसे ददन की शुरुआि है , जह ाँ रं ग है , गति है और भविष्य की उज स है ।

2. भोर का नभ
राख से लीपा हुआ िौका
(अभी गीला पडा है )
नयी कविता में कोष्ठक, विराम–चिह्नों और पंक्ततयों के बीि का स्थान भी कविता को अथथ दे ता है ।
उपयत
ुथ त पंक्ततयों में कोष्ठक से कविता में तया विशेष अथथ पैदा हुआ है ? समझाइए।
उत्तर:- नयी कविि में कोष्ठक, विर म-चचह्नों और पंक्तियों के बीच क स्थ न भी कविि को अथथ दे ि है ।
यह अतिररति ज नक री, पंक्ति क महत्त्ि आदद की ज नक री प्रद न करि है । र ि से िीप हुआ चौक में
गीि पन स्ियं ही आ गय है परं िु अतिररति ज नक री ‘अभी गीि पड है ’ से िह अचधक स्पष्ट हो ज ि
है ।

3. अपने पररिेश के उपमानों का प्रयोग करते हुए सूयोदय और सूयाथस्त का शब्दचित्र खींचिए।
उत्तर:- प्र िः क िीन सूयथ उददि हो रह है जो ऐस िगि हैं म नो अपने सुनहरे िस्र की रोशनी से आक श
और धरिी दोनों को भर दे ि है । सभी अपने ददन की शुरुआि करिे है । धीरे -धीरे ददन आगे बढ़ि है
सूय थस्ि के समय जैसे हम अपनी पोश क बदि के सोने ज िे है िैसे ही सूयथ हल्की ि ि पोश क पहनकर
सोने के लिए िैय र हो ज ि है । उसे दे ि सभी अपने दै तनक क यथ सम प्ि कर सोने की िैय री करने िगिे
है ।

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