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Hindi Core A Ch08 Tulsidas
Hindi Core A Ch08 Tulsidas
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3. तल
ु सी ने यह कहने की ज़रूरत तयों समझी?
धत
ू कहौ, अिधत
ू कहौ, रिपत
ू ु कहौ, िोलहा कहौ कोऊ / काहू की बेटीसों बेटा न ब्याहब,
काहूकी िातत बबगार न सोऊ।
इस सिैया में काहू के बेटासों बेटी न ब्याहब कहते तो सामाक्िक अथि में तया पररितिन
आता?
उत्तर:- तुलसी इस सिैये में यदद अपनी बेटी की शादी की बात करते तो सामाक्जक संदिि में
अंतर आ जाता तयोंकक वििाह के बाद बेटी को अपनी जानत छोड़कर अपनी पनत की ही
जानत अपनानी पड़ती है । दस
ू रे यदद तल
ु सी अपनी बेटी की शादी न करने का ननणिय लेते तो
इसे िी समाज में गलत समझा जाता और तीसरे यदद ककसी अन्य जानत में अपनी बेटी का
वििाह संपन्न करिा दे ते तो इससे िी समाज में एक प्रकार का जानतगत या सामाक्जक
संघषि बढ़ने की संिािना पैदा हो जाती।
4. धत
ू कहौ… िाले छं द में ऊपर से सरल ि तनरीह ददखलाई पड़ने िाले तुलसी की भीतरी
असललयत एक स्िालभमानी भतत हृदय की है । इससे आप कहााँ तक सहमत हैं?
उत्तर:- हम इस बात से सहमत है कक तुलसी स्िाभिमानी ितत हृदय व्यक्तत है तयोंकक ‘धत
ू
कहौ…’ िाले छं द में िक्तत की गहनता और सघनता में उपजे िततहृदय के आत्मविश्िास
का सजीि र्ित्रण है , क्जससे समाज में व्यातत जात-पााँत और दरु ाग्रहों के नतरस्कार का
साहस पैदा होता है । तल
ु सी राम में एकननष्ठा रखकर समाज के रीती-ररिाजों का विरोध
करते है तथा अपने स्िाभिमान को महत्त्ि दे ते हैं।
6. भ्रातश
ृ ोक में हुई राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर लीला की अपेक्षा सच्ची मानिीय
अनभ
ु तू त के रूप में रचा है । तया आप इससे सहमत हैं? तकिपर्
ू ि उत्तर दीक्िए।
उत्तर:- हााँ, हम इससे सहमत हैं तयोंकक लक्ष्मण के वियोग में विलाप करते राम ननसंदेह
मानिीय िािनाओं को दशाि रहे हैं। िे कहते है – यदद मझ
ु े ज्ञात होता कक िन में मैं अपने
िाई से बबछड़ जाऊाँगा मैं वपता का ििन (क्जसका मानना मेरे भलए परम कतिव्य था) उसे
िी न मानता और न तुम्हें साथ लेकर आता। ये बातें उनके मानिीय असहनीय दुःु ख और
प्रलाप को दशािती है ।
9. काललदास के रघि
ु ंश महाकाव्य में पत्नी (इंदम
ु ती) के मत्ृ य-ु शोक पर अि तथा तनराला
की सरोि-स्मतृ त में पर
ु ी (सरोि) के मत्ृ यु-शोक पर वपता के करुर् उद्दगार तनकले हैं। उनसे
भ्रातश
ृ ोक में डूबे राम के इस विलाप की तल
ु ना करें ।
उत्तर:- ननराला की सरोज-स्मनृ त में पत्र
ु ी (सरोज) के मत्ृ य-ु शोक तथा भ्रातश
ृ ोक में डूबे राम के
इस विलाप की तुलना करें तो श्रीराम का शोक कम प्रतीत होता है तयोंकक ननराला की बेटी
की मत्ृ यु हो िक
ु ी थी जबकक लक्ष्मण अिी केिल मनू छि त ही थे अिी िी उनके जीवित होने
की संिािना बिी हुई थी। साथ ही संतान का शोक अन्य ककसी शोक से बढ़कर नहीं होता।
11. यहााँ कवि तुलसी के दोहा, चैपाई, सोरठा, कवित ्त, सिैया – ये पााँच छं द प्रयत
ु त हैं।
इसी प्रकार तल
ु सी सादहत्य में और छं द तथा काव्य-रूप आए हैं। ऐसे छं दों ि काव्य-रूपों की
सच
ू ी बनाएाँ।
उत्तर:- तुलसी सादहत्य में ननम्नभलणखत ि काव्य-रूप का िी प्रयोग हुआ है –
काव्य-रूप
गेय पद शैली – गीिावली, कृ ष्ण गीिावली