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पाठ-9

डी. ए. वी. गान

प्रश्नोत्तर

प्रश्न1 गीत के प्रथम पद्य में डी. ए. वी.के लिए ककन-ककन ववशेषणों का प्रयोग गया है?

उत्तर- गीत के प्रथम पद्य में डी. ए. वी.के लिए अववरि, ननममि, सलिि सदय, ज्ञान प्रदानयनी,

ज्योनतममय और अभय इन ववशेषणों का प्रयोग ककया गया है।

प्रश्न2 गायक चारों ददशाओं में ककस उदघोष की कामना करता है?

उत्तर- गायक चारों ददशाओं में डी. ए. वी. जय जय इस उदघोष की कामना करता है।

प्रश्न3 इस गीत में डी.ए.वी. की धारा को परम पन


ु ीता क्यों कहा गया है?

उत्तर- डी. ए.वी. अपने जन्मकाि से ही ननरं तर पववत्र जिधारा की तरह प्रवादहत रही है।

चारों ओर ज्ञान का प्रकाश फैिाती रही है। इसलिए इसकी धारा को परम पनु नता कहा गया है।

प्रश्न4 डी. ए. वी. के साथ दयानंदजी और हंसराजजी का क्या संबंध है?

उत्तर- डी.ए.वी. के साथ दयानंदजी का प्रेम-भक्क्त का और हंसराजजी के साथ त्याग-शक्क्त

का संबंध है।

प्रश्न5 गायक कैसे ददनमान का उदय चाहता है?

उत्तर- गायक धमम-भक्क्त और राष्ट्र-शक्क्त के ददनमान का उदय चाहता है।

शब्दों के अथम

1.अववरि - बबना रुके हुए

2.ननममि - पववत्र
3.सलिि - पानी

4.सदय - बहना

5. प्रदानयनी - दे ने वािी

6. ज्योनतममय - प्रकाश दे ने वािी

7. उद्घोष - जयकारा

8. अभय – ननडर

9. प्रबि - शक्क्त से

10. प्रवाहमयी – बहने वािी

11. ननत-नूतन – हमेशा नई

12. सनातन – पुराने समय से चिी आ रही

13. वेद-प्रणीता – क्जसका आधार वेद हो

14.परम पुनीता – अधधक पववत्र

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