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महोदय,

मेरा बेटा मैं अपने बेटे के स्कूल द्वारा किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न की कायत करने
के लिए यह लिख रहा हूं।

स्कूल एक मंदिर और बच्चे का दूसरा घर होता है। शिक्षक हर बच्चे के दूसरे अभिभावक होते
हैं। लेकिन मेरे बेटे के स्कूल में एक प्रसिद्ध और सम्मानित शिक्षक को यौन उत्पीड़न के
झूठे मामले में फंसाने की साजिश चल रही है। निर्दोष होने के बावजूद झूठी प्राथमिकी दर्ज
कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया था। यह साजिश प्रधानाध्यापिका लक्ष्मी सिंह एवं
कुछ अन्य साथी शिक्षकों मुख्यत:

मेरा बेटा और कई अन्य छात्र झूठे आरोप में फँसे शिक्षक का समर्थन कर रहे हैं और स्कूल
की राजनीति से प्रेरित इस साजिश के लिए स्कूल प्रबंधन का विरोध कर रहे हैं। वे सभी शपथ
पत्र भी देने को तैयार हैं। इस वजह से प्राचार्या, स्कूल प्रबंधन और साथी शिक्षक इन छात्रों
को आंतरिक मूल्यांकन और प्रीबोर्ड परीक्षाओं में फेल करने की धमकी दे रहे हैं। मेरा
बेटा और अन्य छात्र मानसिक आघात में हैं और भयभीत हैं। काउंसिलिंग के नाम पर इन
सभी को काफी देर तक प्रार्थना सभा में रोककर रखा गया और धमकाया गया है। यहां तक कि
सभी छात्रों को काउंसलिंग के नाम पर किसी भी समय बुलाया जाता है और फिर निर्दोष शिक्षक का
समर्थन न करने की धमकी भी दी जाती है। शिक्षक उन्हें शौचालय में भी नहीं जाने दे रहे हैं।
बच्चे बहुत डरे हुए हैं और प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। यह सब उनकी शिक्षा और मानसिक
स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। वे पढ़ाई में भी ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं।
छात्रों का भविष्य और करियर दांव पर है। मैं आपसे सहृदय अनुरोध करता हूं कि कृपया इस पर
गौर करें और प्राचार्या की अनुपस्थिति में केंद्रीय विद्यालय के अलावा किसी अन्य विभाग
से स्वस्थ जांच शुरू कराएं और असली दोषियों को सजा दिलाएं और उत्पीड़न करने वालों को
सबक सिखाएं। कृपया मदद करे। कृपया बच्चो के हितों को ध्यान में रखकर समस्या की गंभीरता
समझने की कृपा करें।

धन्यवाद।

भवदीय,

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