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ु या की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है । इस यात्रा में शामिल चार मंदिर यमनु ोत्री,
गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। इसे छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है । इनके इलावा एक और
चार धाम है जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गए था। इनमे दे श के चार अलग-अलग कोनों में चार पवित्र
तीर्थ स्थल शामिल हैं, जैसे उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गज
ु रात में द्वारका, उड़ीसा में परु ी और तमिलनाडु में रामेश्वरम।
छोटा चार धाम यात्रा के सभी पवित्र स्थल अलग-अलग दे वी दे वताओं को समर्पित हैं। केदारनाथ धाम 12
ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं और यह भगवान शिव को समर्पित है । बद्रीनाथ धाम भगवान बद्री या विष्णु को समर्पित
है । गंगोत्री धाम माता गंगा और यमन ु ोत्री माता यमन
ु ा को समर्पित हैं।
यदि आप इस पवित्र तीर्थ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो चारधाम यात्रा पैकेज बक
ु करे | इसमे आपको खाना,
प्खद
ु की गाड़ी और रहने को बजट के अनस ु ार स्थान मिलेगे | और जानकारी के लिए हमे आज ही सम्पर्क करे |
चारधाम यात्रा का हिन्द ू धर्म में बहुत अधिक धार्मिक महत्व है । यह माना जाता रहा है कि प्रत्येक हिंद ू को अपने
जीवनकाल में कम से कम एक बार इस तीर्थ यात्रा पर जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि चारधाम यात्रा जीवन भर
के पापों को धो कर मोक्ष के द्वार खोलती है । और ऐसा कहा जाता है कि जब कोई तीर्थयात्री चारधाम यात्रा समाप्त
करता है , तो वह मन की पर्णू शांति प्राप्त करता है ।यहाँ हर साल लाखों की संख्या में दनि
ु या भर से श्रद्धालु आते
हैं।
यात्रा आपकी सवि ु धानस ु ार दिल्ली, हरिद्वार, ऋषिकेश या दे हरादन ू से शरूु हो सकती है ।
चार धाम यात्रा का बायोमेट्रिक पंजीकरण अनिवार्य है ।
आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, या पासपोर्ट जैसे आवश्यक दस्तावेज यात्रा में अपने
साथ ले जाएं।
स्विस कॉटे ज में शिविर सवि ु धाएं तीर्थ के पास उपलब्ध हैं और मल ू भत ू सविु धाओं से सस ु ज्जित हैं। डीलक्स और
बजट आवास भी उपलब्ध हैं।
श्रद्धालओ ु ं के लिए हे लीकॉप्टर द्वारा चार धाम यात्रा भी उपलब्ध है । बकि ु ं ग की ऑफलाइन और ऑनलाइन
सविु धा उपलब्ध है । जो लोग चलने में असमर्थ हैं, उनके लिए पालकी, घोड़ा और पिट्ठू भी उपलब्ध हैं।
यात्रा के दौरान गर्म जैकेट, दस्ताने, स्वेटर, ऊनी मोजे और रे नकोट ले जाना ना भल ू ें।
यात्रा के दौरान अच्छी पकड़ वाले आरामदायक जत ू े ही पहने।
चार धाम तक कैसे पहुंचे? – HOW TO REACH CHAR DHAM BY ROAD & BY HELICOPTER
चारधाम यात्रा या तो हरिद्वार या दे हरादन ू से शरू
ु होती है । यात्रा शरूु करने के दो तरीके हैं – सड़क और हे लीकाप्टर
द्वारा। यहाँ पवित्र स्थलों तक पहुँचने के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है :
चार धाम यात्रा को परू ा करने का मार्ग: हरिद्वार – ऋषीकेश – बरकोट – जानकी चट्टी – यमन ु ोत्री – उत्तरकाशी –
हरसिल – गंगोत्री – घनसाली – अगस्तमनि ु – गप्ु तकाशी – केदारनाथ – चमोली गोपेश्वर – गोविन्द घाट –
बद्रीनाथ – जोशीमठ – ऋषीकेश – हरिद्वार
2. हे लीकॉप्टर द्वारा:
सहस्त्रधारा हे लीपैड, दे हरादनू से चार धाम के लिए हे लीकाप्टर सेवा उपलब्ध है । हे लीकॉप्टर सेवा दे हरादन
ू से
खरसाली तक है , जो यमन ु ोत्री मंदिर से लगभग 6 किमी दरू है । हरसिल हे लीपैड गंगोत्री मंदिर के लिए निकटतम
हे लिपैड है , जो मंदिर से 25 किमी दरू स्थित है । बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के हे लिपैड भी मंदिर के पास स्थित
हैं।
चार धाम दर्शन के लिए हे लीकॉप्टर कैसे बक ु करें ? – HOW TO BOOK HELICOPTER TICKET
सहस्त्रधारा हे लीपेड, दे हरादन ु ं ग ऑनलाइन और
ू से चार धाम के लिए हे लिकाप्टर सेवा उपलब्ध है । हे लिकाप्टर बकि
ऑफलाइन हो सकती है । सेरसी, फाटा, और गप्ु तकाशी से चार धाम यात्रा के दौरान हे लीकॉप्टर सेवाएं मिलती हैं।।
इनकी ऑफिशल वेबसाइट से बकि ु ं ग कर सकते हैं। वरना इनके काउं टर्स भी उपलब्ध हैं हे लिपैड पे जहाँ से आप उसी
वक़्त बकिु ं ग कर सकते हैं। हे लिऑप्टर टिकट को एडवांस बक ु करना उचित है । क्योंकि उसी समय वहां जा के
हे लीकॉप्टर टिकट प्राप्त करने की संभावना कम होती है । वे उपलब्धता के आधार पर ही बक ु की जा सकती हैं।
चार धाम जाने का सबसे अच्छा समय – BEST TIME TO VISIT CHARDHAM YATRA
चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जन ू और सितंबर से अक्टूबर तक है । इन महीनों में मौसम
सह ु ाना होता है जो की यात्रा को आरामदायक और सख ु द बनता है । गर्मियों के दौरान मौसम अच्छा रहता है ।
मानसन ू के मौसम में यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि क्षेत्र में भारी बारिश होती है , जिसके कारण कुछ
क्षेत्रों में भस्
ू खलन और बाढ़ की आशंका बानी रहती है । सर्दियों के मौसम में , इस क्षेत्र में भारी बर्फ बारी होती है
जिसके कारण मंदिर लगभग छह महीने तक बंद रहते हैं। सर्दियों में केदारनाथ की मर्ति ू यां ऊखीमठ के ओंकारे श्वर
मंदिर में एवं बद्रीनाथ की मर्ति ू यां जोशीमठ स्थानांतरित हो जाती हैं । भक्त वहां जा कर दर्शन कर सकते हैं।
1. यमन
ु ोत्री धाम
yamunotri temple
यमन ु ा नदी का स्रोत, यमन ु ोत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में समद्र
ु तल से 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है ।
यमन ु ोत्री मंदिर हिमालय के ग्लेशियरों और थर्मल स्प्रिंग्स से घिरा हुआ है । हिंद ू पौराणिक कथाओं के अनस ु ार
यमन ु ा, मत्ृ यु के दे वता – यम की बहन हैं। ऐसा माना जाता है कि यमन ु ा में स्नान करने से शान्ति मिलती है । यहाँ
से दे हरादन ू 182 किमी की दरू ी पर स्थित है और हरिद्वार 226 किमी दरू है ।
2. गंगोत्री धाम
gangotri-temple
यह मंदिर दे वी गंगा को समर्पित है । हिंद ू पौराणिक कथाओं के अनस ु ार, गंगोत्री धाम वह स्थान है जहां गंगा नदी
स्वर्ग से उतरी थी जब भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं से छोड़ा था। समद्र ु तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर
स्थित, गंगोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित है । यहाँ से हरिद्वार 285 किमी और दे हरादन ू 240 किमी है ।
3. केदारनाथ धाम
२०२3 में चार धाम यात्रा की तैयारी कैसे करे : पर्ण
ू जानकारी
4. बद्रीनाथ धाम
Badrinath-Temple
नर और नारायण पर्वत श्रख ं ृ लाओं के बीच स्थित बद्रीनाथ धाम समद्र ु ताल से 3300 मीटर की ऊंचाई पे स्थित है ।
यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है । बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है , जिन्हें दिव्य हिंद ू त्रिमर्ति
ू
(ब्रह्मा, विष्णु और शिव) का रक्षक और संरक्षक माना जाता है । इन महत्वपर्ण ू कारणों के अलावा, बद्रीनाथ धाम
को चारधाम यात्रा में इसलिए महत्वपर्ण ू माना जाता है क्योंकि यह वह स्थान है जहाँ आदि शंकराचार्य ने मोक्ष
प्राप्त किया था, इस प्रकार, पनु र्जन्म की प्रक्रिया से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करते हैं। केदारनाथ से दरू ी 218 किमी है
और हरिद्वार से इसकी दरू ी 316 किमी है । दे हरादन ू से बद्रीनाथ 334 किमी पे स्थित है ।
बद्रीनाथ मंदिर खल
ु ने की तारीख – 8 मई से 20 नवंबर 2023 तक
दर्शन का समय – मंदिर में दै निक अनष्ु ठान महा अभिषेक और अभिषेक पज ू ा के साथ लगभग 4:30 बजे शरू ु होते
हैं और शयन आरती के साथ लगभग 9:00 बजे समाप्त होते हैं। मंदिर आम जनता के लिए सब ु ह 7:00 बजे खल ु ता
है और दोपहर में 1:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच बंद होता है ।
मंदिर के आस पास घम ू ने की जगह: तप्त कंु ड, चरण पादक
ु ा, व्यास गफ़
ु ा, गणेश गफ़ु ा, भीम पलु , पांडुकेश्वर ,
योगध्यान बद्री मंदिर , माना गाँव, सतोपंथ लेक
चार धाम यात्रा शरूु होने और बंद होने की तिथि – CHAR DHAM YATRA OPENING & CLOSING DATE
गंगोत्री और यमन ु ोत्री मंदिर के लिए यात्रा अक्षय ततृ ीया से शरू
ु होती है । केदारनाथ यात्रा की प्रारं भिक तिथि
शिवरात्रि पर और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खल ु ने की तिथि बसंत पंचमी के दिन तय होती है । चारधाम यात्रा
अप्रैल-मई में शरू
ु होती है और हर साल अक्टूबर-नवंबर में दीपावली के आसपास बंद हो जाती है ।
आपके पास अब चार धाम यात्रा से जडु ी सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध है । अब आप इन पवित्र स्थलों की
आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना सकते हैं। साथ ही प्राकृतिक सद
ंु रता भी ले सकते हैं।
[ चार धाम यात्रा की पवित्र यात्रा का सफर तेह करे हमारे पॉपल
ु र टूर पैकेजों के साथ ]
चार धाम यात्रा के दौरान रहने की जगह – WHERE TO STAY DURING CHARDHAM YATRA
चार धाम यात्रा के दौरान रुकने के लिए बहुत सारे होटल, गेस्ट हाउस, रिसॉर्ट्स, आश्रम, और धर्मशाला उपलब्ध हैं।
होटल लक्ज़री से लेकर किफायती रें ज तक उपलब्ध हैं। यात्री अपनी सवि ु धा के अनस ु ार चन
ु सकते हैं। इस क्षेत्र के
कुछ लोकप्रिय विश्राम स्थल यहाँ लिखे गए हैं:
गरवाल मंडल विकास निगम सरकारी गेस्ट हाउस – हरिद्वार, ऋषीकेश, दे हरादन ू , दे वप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग,
कर्णप्रयाग, जोशीमठ, पीपलकोटी, गोविंद घाट, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गप्ु तकाशी, हरसिल (गंगोत्री), और यमन ु ोत्री
हिमालयन एको रिसोर्ट, बरकोट
कैं प निरवाना, गप्ु तकाशी
विश्वनाथ टूरिस्ट लॉज, गप्ु तकाशी
धनेश्वर रिसोर्ट, दे वप्रयाग
रामकंु ड रिसोर्ट, दे वप्रयाग
यमनोत्री कॉटे ज
जोशीमठ चार धाम कैं प
होटल नारायण पैलेस, बद्रीनाथ
होटल चाहत, श्रीनगर
होटल हे वन , चमोली
होटल कंु दन पैलेस, उत्तरकाशी
होटल मन्दाकिनी, रुद्रप्रयाग
यात्रा के दौरान ले जाने वाली चीजें – THINGS TO CARRY DURING YATRA
हमेशा सर्दी, खांसी और बख ु ार के लिए जरूरी दवाओं की एक किट साथ रखें।
इसके अलावा, बैंड-एड्स और एक एंटीसेप्टिक मरहम ले जाएं।
सनबर्न से बचाव के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें । यदि आप धप ू में यात्रा कर रहे हैं तो टोपी पहनें और चश्मा
करें ।
ऊनी कपड़े जैसे की बॉडी वार्मर, स्वेटर, जैकेट, टोपी, जरु ाबें, एवं ग्लव्स ले के जाएँ।
विंडचीटर, रे नकोट, और बारिश से बचने के लिए छाता भी रखें।
वाटर प्रफ
ू जत ू े और वाटरप्रफ
ू बैग ले के जाएं।
बैटरी से चलने वाली टार्च और पर्याप्त बैटरी ले जाएं।
पानी और ड्राई फ्रूट्स भी रखें रास्ते के लिए।
ज़रूरी कागज़ात जैसे की टिकट्स, आइडेंटिटी प्रफ ू , और पैसे संभाल के वाटरप्र ्रोफ बैग में रखें।
आपके पास अब चार धाम यात्रा से जड ु ी सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध है । अब आप इन पवित्र स्थलों की
आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना सकते हैं। साथ ही प्राकृतिक सद ंु रता भी ले सकते हैं।
TUSHARIKA
A travel enthusiast and emerging from an engineering background Tusharika is a travel writer by
profession. Go through her penned down travel experiences on indianholiday.com
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