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अध्याय

कंपनी का �नगमन और इससे


संबं�धत मामले

सीखने का प�रणाम
इस अध्याय का अध्ययन के बाद आप समथर् ह�गे-
 कंपनी के गठन और �नगमन (प्राइवेट �ल�मटे ड/पिब्लक �ल�मटे ड), एकल
कंपनी (ओपीसी) और अलाभकार� संगठन के गठन क� व्याख्या करने म�
 संस्था के ब�ह�नर्यम (एमओए) और संस्था के अंत�नर्यम क� ज़रूरत� को
पहचानने और उसम� आवश्यक प्रसां�गक प�रवतर्न� को समझने म�
 पंजीकरण के प्रभाव को समझने म�
 कंपनी के पंजीकरण कायार्लय से संबं�धत अवधारणाओं समझने म� और
पहचानने म�
 समझ� �क दस्तावेज़ कैसे प्रस्तुत �कए जा सकते ह� और उन्ह� कैसे
दा�खल �कया जा सकता है ।
 दस्तावेज�, कायर्वाह� और अनुबध
ं � के प्रमाणीकरण और �व�नमय �बल� के
�नष्पादन आ�द के बारे म� जानने म�

© The Institute of Chartered Accountants of India


2.2 कॉप�रे ट और अन्य कानून

अध्याय अवलोकन
यह अध्याय कंप�नय� के �नगमन और उससे जड़
ु े मामल� से संबं�धत कंपनी अ�ध�नयम 2013 के
अध्याय II म� �न�हत प्रावधान� पर �वस्तार से चचार् करे गा। इस अध्याय का दायरा नीचे �दए गए �चत्र
म� �दखाया गया है ;

कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले

गठन और �ापन और लेख दस्तावेज़ अन्य प्रावधान


�नगमन

न्यन
ू तम सदस्य �ापन (एमओए) पंजीकृत कायार्लय
एवं ओपीसी (धारा 4) सेवा (धारा 20) (से। 12)
(धारा 3 एवं 3ए)

"""""""अनछ
ु े द (एओए) प्रमा�णकता व्यवसाय का प्रारं भ
ज़रूर� दस्तावेज (धारा 5) (धारा 21) (धारा 10ए)
(धारा 7)

एमओए/एओए को �नष्पादन
ओवरराइड करने के �लए नाम म� प�रवतर्न
कंपनी का कोई (धारा 22)
अ�ध�नयम (धारा 6) (धारा 16)
लाभ नह�ं (धारा 8)

�ापन म� प�रवतर्न
कंपनी का प�रवतर्न
पंजीकरण का (धारा 13)
(धारा 18)
प्रभाव (धारा 9)

लेख म� प�रवतर्न सहायक कंपनी


सूत्रधार म� अंश
(धारा 14)
नह�ं रख सकती
(धारा 19)
एमओए/एओए (धारा 15) क� प्रत्येक
प्र�त म� �लखे जाने वाले प�रवतर्न� का
अद्यतनीकरण

सदस्य� को एमओए/एओए क�
प्र�त दे ना (धारा 17)

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.3

1. कंप�नय� और प्रमोटर� के �नगमन का प�रचय


अध्याय II इसम� धारा 3 से 22 के साथ-साथ कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 शा�मल
ह�।

एक कंपनी अपने सदस्य� से एक अलग कानूनी इकाई है । इसका शाश्वत उत्तरा�धकार है और इसे
केवल वैध उद्देश्य� के �लए ह� शा�मल �कया जा सकता है । �नगमन से पहले, प्रचार ग�त�व�धयाँ
आवश्यक ह�। प्रमोशन वा�णिज्यक द�ु नया से प�र�चत कई व्यावसा�यक प�रचालन� को दशार्ता है
िजसके द्वारा एक कंपनी को अिस्तत्व म� लाया जाता है 1 10

जो व्यिक्त कंपनी को शा�मल करने के �लए प्रचार ग�त�व�धयाँ करते ह�, उन्ह� आम तौर पर प्रमोटर के
रूप म� जाना जाता है । कंपनी अ�ध�नयम, 2 क� धारा 2(69), 2013 2 (इसके बाद 'अ�ध�नयम' के रूप
11

म� संद�भर्त) “प्रमोटर” शब्द को प�रभा�षत करती है (मॉड्यूल के अध्याय 1 म� पहले से ह� उल्लेख


�कया गया है ; यहां �वस्तत
ृ �कया गया है )। प्रमोटर का अथर् है एक व्यिक्त;

a. �ववर�णका म� प्रमोटर के रूप म� �कसे ना�मत �कया गया है ; या

b. वा�षर्क �रटनर् म� कंपनी द्वारा प्रमोटर के रूप म� �कसे पहचाना गया है ; या

c. कंपनी के मामल� म� िजसका प्रत्य� या अप्रत्य� रूप से, अंशधारक, �नदे शक या अन्यथा के
रूप म� �नयंत्रण है ; या

d. िजनक� सलाह, �नद� श या �नद� श के अनुसार कंपनी का �नदे शक मंडल कायर् करने का आद� है ,
ले�कन इसम� ऐसे व्यिक्त को शा�मल नह�ं �कया जाएगा जो केवल पेशेवर �मता जैसे वक�ल,
तकनीक� या कायार्त्मक �वशेष� के रूप म� कायर् कर रहा हो।

छात्र� को यह ध्यान दे ने क� सलाह द� जाती है �क उपरोक्त प�रभाषा का उद्देश्य �कसी व्यिक्त को


गलत बयानी के माध्यम से धोखाधड़ी के �लए 'प्रमोटर क� �मता म� ' उत्तरदायी बनाना है , ले�कन यह
उजागर नह�ं करना है �क वास्तव म� प्रमोटर क्या करते ह�। इस�लए, न्या�यक घोषणाओं पर �वचार
करने से प्रमोटर क� भू�मका के संबंध म� हमार� समझ म� सध
ु ार होता है।

प्रमोटर वह होता है जो �कसी �दए गए प्रोजेक्ट के संदभर् म� एक कंपनी बनाने और उसे शरू
ु करने का
कायर् करता है , और जो उसे पूरा करने के �लए आवश्यक कदम उठाता है।

1
व्हे ल� �ब्रज �प्रं�टंग कंपनी बनाम ग्रीन (1880) 5 B. 109
2
2013 का अ�ध�नयम 18

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2.4 कॉप�रे ट और अन्य कानून

उद्देश्य। 12 प्रमोटर बनने के �लए, �कसी को कंपनी के प्रारं �भक गठन से जुड़ा होना जरूर� नह�ं है ; जो
3

बाद म� इसक� पूंजी को प्रवा�हत करने क� व्यवस्था करने म� मदद करता है , उसे समान रूप से प्रमोटर

माना जाएगा। 4 13

इस�लए, "प्रमोटर" �कसी भी व्यिक्त, संघ, साझेदार� या एक कंपनी को दशार्ता है जो एक कंपनी को

शा�मल करने (बनाने और ढालने) के �लए 5 सभी आवश्यक कदम उठाता है और इसे एक प्रत्ययी
14

िस्थ�त म� स्था�पत करता है । 6 15

�चत्रण (सह�/गलत)

कथन – प्रमोटर बनने के �लए कंपनी के प्रारं �भक गठन से जुड़ा होना आवश्यक है ।

उत्तर - गलत, जो बाद म� कंपनी को आगे बढ़ने, फंड जुटाने और बोडर् को सलाह दे ने म� मदद करता

है (पेशेवर �मता के अलावा) उसे भी प्रमोटर माना जाएगा।

2. कंपनी का गठन [धारा 3]


पहले कंप�नय� को शाह� चाटर् र द्वारा अ�धकार �दए जाते थे, ले�कन अब �कसी कंपनी को �वधा�यका

के एक �वशेष अ�ध�नयम या कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के तहत शा�मल �कया जा सकता है ।

तदनस
ु ार, एक �नग�मत कंपनी या तो चाटर् डर् कंपनी, वैधा�नक कंपनी या पंजीकृत कंपनी हो सकती है ।
अ�ध�नयम क� धारा 3 पंजीकृत कंप�नय� से संबं�धत है ।

कंप�नय� के प्रपत्र

कंप�नय� को मोटे तौर पर नीचे �चत्र म� �दखाई गई श्रे�णय� म� वग�कृत �कया गया है । इनम� से कई

क� प�रभाषाएँ पहले से ह� इस मॉड्यूल के अध्याय 1 के अंतगर्त शा�मल ह�।

3
ट्�वक्रॉस बनाम ग्रांट (1877) 2 सी.पी.डी. 469
4
लगुनास नाइट्रे ट कंपनी बनाम लगुनास �सं�डकेट (1899) 2 अध्याय 392।
5
एला�गर v न्यू सोम्ब्रेरो फॉस्फेट कंपनी (1878) 48 एलजे सीएच 73
6
उक्त

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.5

कंप�नय� के प्रकार

कम्पनी

सिम्म�लत कंप�नयाँ संयुक्त राष्ट्र से

पंजीकरण क� �व�ध के आधार पर

पंजीकृत वैधा�नक चाटर् डर्


कंप�नयाँ कंप�नयाँ कंप�नयाँ

दे नदार� के आधार पर

शेयर� द्वारा सी�मत गारं ट� द्वारा सी�मत असी�मत

सावर्ज �नजी पूंजी के साथ पूंजी के �बना पूंजी के साथ पूंजी के �बना

जनता �नजी जनता �नजी सावर्ज �नजी जनता �नजी

धारा 3 क� उप-धारा 1 म� प्रावधान है �क वैध उद्देश्यके �लए, �ापन म� अपना नाम दजर् करके और
इस अ�ध�नयम क� आवश्यकता का अनुपालन करके;

a. एक सावर्ज�नक कंपनी सात (7) या अ�धक व्यिक्तय� द्वारा बनाई जा सकती है

b. एक �नजी कंपनी दो (2) या अ�धक व्यिक्तय� द्वारा बनाई जा सकती है

c. एक व्यिक्त कंपनी (�नजी कंपनी के रूप म�) एक (1) व्यिक्त द्वारा बनाई जा सकती है।

इसके अलावा, उप-धारा 2 से धारा 3 म� प्रावधान है �क, ऊपर �न�दर् ष्ट अनुसार बनाई गई कंपनी को
या तो शा�मल �कया जा सकता है ;

a. शेयर� द्वारा सी�मत कंप�नयाँ; या

b. गारं ट� द्वारा सी�मत कंप�नयाँ; या

c. असी�मत दे यता वाल� कंप�नयाँ।

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2.6 कॉप�रे ट और अन्य कानून

�टप्प�णयाँ : सी�मत दे यता कंप�नयाँ गारं ट� के साथ-साथ शेयर� द्वारा भी सी�मत कंप�नयाँ हो सकती
ह�।

�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक या �न�दर् ष्ट आईएफएससी �नजी कंपनी केवल शेयर� द्वारा सी�मत
कंपनी के रूप म� बनाई जाएगी। आईएफएससी कंपनी का मतलब गज
ु रात क� तरह भारत म� �कसी
भी अंतरार्ष्ट्र�य �वत्तीय सेवा क�द्र म� व्यवसाय स्था�पत करने के �लए लाइस�स प्राप्त कंपनी है
अंतरार्ष्ट्र�य �वत्त टे क-�सट�।

एक व्यिक्त कंपनी (ओपीसी)

कंपनी अ�ध�नयम, 2013 म� पहल� बार सी�मत दे नदार� वाले केवल एक व्यिक्त द्वारा कंपनी के गठन
क� अनम
ु �त द� गई, िजसे एक व्यिक्त कंपनी कहा जाता है ; ऐसी कंपनी को धारा 3(1)(सी) के तहत
एक �नजी कंपनी के रूप म� व�णर्त �कया गया है । इसके अलावा धारा 3(1) कंपनी (�नगमन) �नयम,
2014 के �नयम 3 और 4 के साथ, नीचे सूचीबद्ध एक व्यिक्त कंपनी के मामले म� �वशेष रूप से लागू
कुछ प्रावधान प्रदान करती है ;

एक व्यिक्त कंपनी कौन बना सकता है ?

नाबा�लग को छोड़कर केवल एक प्राकृ�तक व्यिक्त; जो एक भारतीय नाग�रक है भारत म� �नवासी है


या अन्यथा एक व्यिक्त कंपनी को शा�मल करने के �लए पात्र होगा।

भारत म� �नवासी का अथर् उस व्यिक्त से है जो ठ�क �पछले �वत्तीय वषर् के दौरान कम से कम एक


सौ बीस �दन� क� अव�ध के �लए भारत म� रहा हो।

ओपीसी को अ�ध�नयम क� धारा 8 के तहत �कसी कंपनी म� शा�मल या प�रव�तर्त नह�ं �कया जा
सकता है । इसके अलावा, ओपीसी गैर-ब��कं ग �वत्तीय �नवेश ग�त�व�धय� को अंजाम नह�ं दे सकता है
�कसी भी �नकाय-कॉप�रे ट क� प्र�तभ�ू तय� म� �नवेश।

नामां�कत व्यिक्त का नाम और सहम�त बताएं

एक व्यिक्त कंपनी के �ापन म� उस प्राकृ�तक व्यिक्त का नाम भी होगा, जो नाबा�लग से �भन्न है ;


जो एक भारतीय नाग�रक है , चाहे वह भारत म� �नवासी हो या अन्यथा (ना�मत व्यिक्त के रूप म�),
फॉमर् संख्या आईएनसी-3 म� उसक� पव
ू र् �ल�खत सहम�त के साथ, जो ग्राहक क� मत्ृ यु या अनब
ु ंध
करने म� असमथर्ता क� िस्थ�त म� कंपनी का सदस्य बन जाएगा।

�टप्प�णयाँ : यह प्रावधान ओपीसी के कानूनी अिस्तत्व के सतत उत्तरा�धकार को सु�निश्चत करने के


�लए है ।

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.7

उदाहरण - सश्र
ु ी मधु ने एक ओपीसी का गठन �कया िजसम� श्री सूडान नामां�कत ह� क्य��क उनका
नाम उनक� सहम�त के साथ एमओए म� �न�दर् ष्ट है ।"सश्र
ु ी मधु को �दवा�लया घो�षत कर �दया गया,
�दवा�लया घो�षत होने तक, वह अनुबध
ं करने म� अ�म हो ग�, इस�लए, श्री सूडान ऐसे ओपीसी के
सदस्य बन गए।

फॉमर् संख्या आईएनसी-32 (एसपीआईसीई) म� ऐसे ना�मत व्यिक्त का नाम, फॉमर् संख्या आईएनसी-3
म� प्राप्त ऐसे ना�मत व्यिक्त क� सहम�त और कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014
म� प्रदान क� गई फ�स के साथ कंपनी के �नगमन के समय रिजस्ट्रार के पास उसके �ापन और लेख�
के साथ दायर �कया जाएगा।

�टप्प�णयाँ : एक प्राकृ�तक व्यिक्त �कसी भी समय एक व्यिक्त से अ�धक कंपनी का सदस्य नह�ं
होगा और उक्त व्यिक्त एक से अ�धक व्यिक्त कंपनी का नामां�कत व्यिक्त नह�ं होगा।

य�द कोई प्राकृ�तक व्यिक्त, इस �नयम के अनस


ु ार एक व्यिक्त कंपनी म� सदस्य होने के बाद उस
एक व्यिक्त कंपनी म� ना�मत होने के कारण ऐसी �कसी अन्य कंपनी म� सदस्य बन जाता है , तो ऐसा
व्यिक्त एक सौ अस्सी �दन� क� अव�ध के भीतर उपरोक्त �न�दर् ष्ट मानदं ड� को पूरा करे गा (केवल एक
ओपीसी का सदस्य हो सकता है ) ।

नामां�कत व्यिक्त द्वारा सहम�त वापस लेना

ऐसा अन्य व्यिक्त (नामां�कत) ऐसे एकमात्र सदस्य और एक व्यिक्त कंपनी को �ल�खत रूप म� नो�टस
दे कर अपनी सहम�त वापस ले सकता है

इस दशा म� एकमात्र सदस्य वापसी क� सच


ू ना प्राप्त होने के within पंद्रह �दन� के भीतर �कसी अन्य
व्यिक्त को ना�मत व्यिक्त के रूप म� ना�मत करे गा और कंपनी को इस तरह के ना�मत व्यिक्त क�
�ल�खत सहम�त के साथ फॉमर् आईएनसी-3 म� इस तरह के ना�मत व्यिक्त क� �ल�खत सहम�त के
साथ इस तरह के नामकरण क� सच
ू ना भेजग
े ा।

�टप्प�णयाँ : इस दशा म� एकमात्र सदस्य वापसी क� सूचना प्राप्त होने के पंद्रह �दन� के भीतर �कसी
अन्य व्यिक्त को ना�मत व्यिक्त के रूप म� ना�मत करे गा और कंपनी को इस तरह के ना�मत
व्यिक्त क� �ल�खत सहम�त के साथ फॉमर् आईएनसी-3 म� इस तरह के ना�मत व्यिक्त क� �ल�खत
सहम�त के साथ इस तरह के नामकरण क� सच
ू ना भेजेगा।

नामां�कत व्यिक्त के स्थान पर दस


ू रे को �नयुक्त करना

सदस्य �कसी भी कारण से �कसी भी समय अपने द्वारा ना�मत व्यिक्त का नाम बदल सकता है ,
िजसम� ना�मत व्यिक्त क� मत्ृ यु या अनब
ु ंध करने क� अ�मता क� िस्थ�त म� भी शा�मल है और फॉमर्

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2.8 कॉप�रे ट और अन्य कानून

नंबर आईएनसी-3 म� ऐसे अन्य व्यिक्त क� पूवर् सहम�त प्राप्त करने के बाद �कसी अन्य व्यिक्त (नया
ना�मत) को ना�मत कर सकता है ।

सदस्य कंपनी को �ल�खत सच


ू ना दे कर ऐसा कर सकता है।

यह अ�ध�नयम या �नयम� म� �न�दर् ष्ट नह�ं है �क क्या सच


ू ना प�रवतर्न करने से पहले होगी या बाद
म� द� जा सकती है , ले�कन य�द हम उ�चत �नमार्ण पर �वचार करते ह� तो सच
ू ना 'पव
ू र् सच
ू ना' होगी।

व्यिक्त के नाम को �सम�नयम� म� प�रव�तर्त नह�ं �कया जाएगा।

उदाहरण - राजेश ने एक 'वन पसर्न कंपनी (ओपीसी) बनाई है , िजसम� उनक� पत्नी रूपाल� को
नामां�कत व्यिक्त के रूप म� ना�मत �कया गया है । �पछले दो वष� से उनक� पत्नी रूपाल� लाइलाज
बीमार� से पी�ड़त ह� और इस क�ठन तथ्य के कारण वह उन्ह� नामां�कत व्यिक्त के रूप म� बदलना
चाहते ह�। उसका एक �वश्वसनीय और अनुभवी �मत्र राम�नवास है िजसे नामां�कत �कया जा सकता है
या उसका (राजेश) पत्र
ु र�क जो सत्रह वषर् का है । वतर्मान मामले म�, राजेश अपने �मत्र राम�नवास
को अपने ओपीसी म� ना�मती के रूप म� �नयक्
ु त कर सकता है , न �क र�क के रूप म�, क्य��क र�क
नाबा�लग है ।

जब नामां�कत व्यिक्त सदस्य बन जाता है

जहां एकल सदस्य सदस्य होना बंद कर दे ता है और नामां�कत व्यिक्त नया सदस्य बन जाता है , तो
ऐसा नया सदस्य सदस्य बनने के पंद्रह �दन� के भीतर एक व्यिक्त (नया नामां�कत व्यिक्त) को
नामां�कत करे गा जो उसक� मत्ृ यु या उसक� सं�वदा करने क� अ�मता क� िस्थ�त म� ऐसे कंपनी का
सदस्य बन जाएगा।

रिजस्ट्रार को प�रवतर्न क� सच
ू ना

उपयुक्
र् त तीन� प�रवतर्न� के मामले म� (नामां�कत व्यिक्त द्वारा सहम�त वापस लेना, नामां�कत
व्यिक्त को �कसी अन्य व्यिक्त से बदलना और जब नामां�कत व्यिक्त सदस्य बन जाता है ) कंपनी
ना�मत व्यिक्त द्वारा सहम�त वापस लेन,े सदस्य से नामां�कत व्यिक्त के प�रवतर्न या समािप्त क�
सूचना प्राप्त करने के तीस �दन� के भीतर रिजस्ट्रार के पास इस तरह क� सहम�त वापस लेन,े
प�रवतर्न या समािप्त क� सूचना दजर् करे गी और कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शल्
ु क) �नयम,
2014 म� प्रदान �कए गए शल्
ु क के साथ-साथ ऐसे अन्य व्यिक्त क� पूवर् �ल�खत सहम�त के साथ-साथ
फॉमर् नंबर आईएनसी -3 म� ना�मत व्यिक्त का नाम भी दजर् करे गी।

�टप्प�णयाँ : ऊपर अपे��त सभी नो�टस और सच


ू नाएं केवल �ल�खत रूप म� ह�गी, चाहे �व�शष्ट प्रपत्र
प्रदान �कया गया हो या अन्यथा।

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.9

�चत्रण (सह�/गलत)

कथन – यहां तक �क एक अ�नवासी भारतीय भी ओपीसी का सदस्य बन सकता है ।

उत्तर – सत्य, कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 का �नयम 3(1)।

नाबा�लग को छोड़कर केवल एक प्राकृ�तक व्यिक्त; जो एक भारतीय नाग�रक है भारत म� �नवासी है


या अन्यथा एक व्यिक्त कंपनी को शा�मल करने के �लए पात्र होगा।

अ�त�रक्त पढ़ना

ओपीसी को उपलब्ध छूट� म� शा�मल ह�:

 धारा 2(40) के प्रभाव से नकद�-प्रवाह �ववरण तैयार करने क� आवश्यकता नह�ं है।

 धारा 92 के तहत प्रस्तत


ु वा�षर्क �रटनर् पर �नदे शक द्वारा हस्ता�र �कए जा सकते ह� और
जरूर� नह�ं �क कंपनी स�चव ह� हो, यहां तक �क सं��प्त वा�षर्क �रटनर् भी �नधार्�रत �कया
जा सकता है ।

 इसके अलावा, इसी तरह क� पंिक्त का अनस


ु रण करते हुए, धारा 134 म� प्रावधान है �क यह
पयार्प्त होगा य�द एक �नदे शक लेखापर���त �वत्तीय �ववरण� पर हस्ता�र करता है और
�नदे शक �रपोटर् का सं��प्त रूप �नधार्�रत �कया जा सकता है ।

 ओपीसी के मामले म� धारा 96 के तहत वा�षर्क आम बैठक आयोिजत करना आवश्यक नह�ं
है । इसके अलावा, धारा 100 से 111 के तहत �न�दर् ष्ट सामान्य बैठक� और असाधारण
सामान्य बैठक� से संबं�धत कुछ �व�शष्ट प्रावधान ओपीसी पर लागू नह�ं होते ह�।

 यहां तक �क बोडर् क� बैठक� आयोिजत करने म� भी छूट द� गई है , धारा 173 के अनुसार


एक ओपीसी को एक कैल�डर वषर् के प्रत्येक आधे भाग म� �नदे शक मंडल क� केवल एक बैठक
आयोिजत करने क� आवश्यकता होती है ।

 धारा 137 के तहत, ओपीसी को 30 �दन� के बजाय �वत्तीय वषर् क� समािप्त से छह मह�ने
के भीतर �वत्तीय �ववरण दा�खल करने क� अनुम�त है ।

3. कुछ मामल� म� सदस्य गंभीर रूप से उत्तरदायी होते ह�


उदाहरण के �लए न्यूनतम सदस्यता म� कमी [धारा 3ए]
कंपनी क� प्रकृ�त के आधार पर सदस्य क� दे नदार� सी�मत या असी�मत हो सकती है । आम तौर पर,
सदस्य कंपनी के ऋण के �लए संयक्
ु त रूप से उत्तरदायी होते ह�, ले�कन वे कंपनी के ऋण� के

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2.10 कॉप�रे ट और अन्य कानून

भुगतान के �लए अलग-अलग रूप से उत्तरदायी ह�गे और इस�लए उन पर अलग-अलग मक


ु दमा
चलाया जा सकता है ; य�द �कसी भी समय:
1. सावर्ज�नक और �नजी कंपनी के मामले म� कंपनी के सदस्य� क� संख्या क्रमशः सात (7) और
दो (2) से कम हो जाती है ; और

2. ऐसी कंपनी सदस्य� क� कम संख्या के साथ छह मह�ने से अ�धक समय तक कारोबार करती
है ; और

3. प्रत्येक ऐसा व्यिक्त जो उन छह मह�न� के बाद व्यापार करता है , इस तथ्य से प�र�चत


(जागरूक) है �क व्यापार कम सदस्य� द्वारा �कया जाता है

ऐसे सदस्य उस समय के दौरान (छह मह�ने के बाद) करार �कए गए कंपनी के सभी ऋण� के
भुगतान के �लए उत्तरदायी होते ह�।

उदाहरण – अमर, अकबर और एंथनी अपने पांच दोस्त� के साथ हामर्नी �ल�मटे ड के सदस्य थे। 18
अगस्त 2022 को अमर और अकबर क� मत्ृ यु हो गई, प�रणामस्वरूप सदस्य� क� संख्या घटकर 6 रह
गई और हर कोई इसके बारे म� जानता है । हामर्नी �ल�मटे ड ने सदस्य� को बढ़ाए �बना अपना संचालन
जार� रखा। माचर् 2023 म�, कंपनी ने व्यवसाय संचालन के �लए ऋण �लया और उसके भुगतान म�
चूक क�। ऐसे ऋण का ऋणदाता कंपनी, या एंथोनी या बाक� पांच दोस्त� म� से �कसी पर मुकदमा कर
सकता है , क्य��क �दए गए मामले म� सदस्य उक्त ऋण के �लए अलग-अलग उत्तरदायी ह�गे।

�चत्रण (सह�/गलत)

कथन – जो सदस्य जानबझ


ू कर धारा 3 म� �न�दर् ष्ट न्यूनतम सदस्य� क� संख्या से कम के साथ छह
मह�ने से अ�धक समय तक कंपनी का संचालन करते ह�, वे सदस्य� क� संख्या म� पहल� बार कमी के
बाद क� अव�ध के दौरान कंपनी द्वारा अनुबं�धत सभी ऋण� के भग
ु तान के �लए समान रूप से
उत्तरदायी होते ह�।

उत्तर – गलत, अ�ध�नयम क� धारा 3ए दे ख�। ऐसे सदस्य उस समय के दौरान (छह मह�ने के बाद)
सं�वदाबद्ध कंपनी के सभी ऋण� के भग
ु तान के �लए समान रूप से उत्तरदायी होते ह�।

4. कंपनी का �नगमन [धारा 7]


अ�ध�नयम क� धारा 7 �कसी कंपनी के �नगमन के �लए अपनाई जाने वाल� प्र�क्रया का प्रावधान
करती है । �नगमन क� प्र�क्रया म� शा�मल चरण� को नीचे �दखाए गए �चत्र (�नगमन के चरण) म�
दशार्या गया है । अ�धकांश चरण धारा 7 के अंतगर्त आते ह� जब�क एमओए और एओए जैसे दस्तावेज़�
से संबं�धत कुछ अन्य चरण क्रमशः धारा 4 और 5 द्वारा शा�सत होते ह�। संबं�धत प्र�क्रयात्मक

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.11

पहलुओं को कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 12 से 18 द्वारा व�णर्त �कया गया है और
शुल्क को कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शल्
ु क) �नयम, 2014 के �नयम 12 के माध्यम से
अ�धसू�चत �कया गया है।

शुल्क और मुहर शुल्क क� रा�श का चुनाव कर�

1. कंपनी क� प्रकृ�त 2. अनुपालन और अन्य 3. एमओए और एओए का


�नधार्�रत कर� (�नजी या घोषणाओं क� वैधा�नक मसौदा तैयार करना और
सावर्ज�नक) घोषणा प्रस्तुत करना उस पर हस्ता�र करना

6. अनुपालन क� वैधा�नक 5. �नदे शक� के रूप म� 4. आरओसी को एमओए


घोषणा प्रस्तुत करना नामां�कत व्यिक्तय� क� और एओए जमा करना
सहम�त

7. शुल्क और स्टाम्प शुल्क 8. �नगमन का प्रमाण पत्र 9. पंजीकृत कायार्लय के


क� रा�श का भुगतान कर� प्राप्त कर� पते के बारे म� दजर् घोषणा

�टप्प�णयाँ : अब, व्यवसाय शरू


ु करने से पहले पंजीकृत कायार्लय के सत्यापन को भरने के अलावा,
एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करना भी आवश्यक है �क सभी ग्राहक� ने उनके द्वारा �लए जाने वाले शेयर�
के मूल्य का भग
ु तान कर �दया है ।

रिजस्ट्रार के पास दस्तावेज़ और जानकार� दा�खल करना [उप-धारा 1]

�कसी कंपनी के पंजीकरण के �लए एक आवेदन उस रिजस्ट्रार के पास दायर �कया जाएगा िजसके
अ�धकार �ेत्र म� कंपनी का पंजीकृत कायार्लय एसपीआईसीई+(कंपनी को इलेक्ट्रॉ�नक रूप से शा�मल
करने के �लए सरल�कृत प्रोफामार् प्लस) म� िस्थत होना प्रस्ता�वत है। आईएनसी-32) कंपनी (पंजीकरण
कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014 के तहत प्रदान क� गई फ�स के साथ �नम्न�ल�खत दस्तावेज�
और सच
ू नाओं के साथ;

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2.12 कॉप�रे ट और अन्य कानून

एसपीआईसीई+ एक एक�कृत वेब फॉमर् है जो तीन क�द्र�य मंत्रालय� और �वभाग� द्वारा 10 सेवाएं
प्रदान करता है । (कॉप�रे ट मामल� के मंत्रालय, श्रम मंत्रालय और �वत्त मंत्रालय म� राजस्व �वभाग)
िजससे भारत म� व्यवसाय शरू
ु करने के �लए कई प्र�क्रयाओं, समय और लागत क� बचत होती है।
एसपीआईसीई+ व्यवसाय करने म� आसानी क� �दशा म� एक पहल है । छात्र अ�धक जानकार� के �लए
एमसीए क� वेबसाइट पर एसपीआईसीई+ फॉमर् पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न दे ख सकते ह�
�ववरण https://www.mca.gov.in/MinistryV2/spicefaq.html

�व�धवत हस्ता��रत एसो�सएशन का �ापन और एसो�सएशन के लेख

इस प्रकार प्रस्तुत �कए गए कंपनी के �ापन (फॉमर् संख्या आईएनसी-33 म� ई-एमओए) और लेख
(फॉमर् संख्या आईएनसी-34 म� ई-एओए) पर �नयम 13 द्वारा �नधार्�रत तर�के से �ापन के सभी
ग्राहक� द्वारा �व�धवत हस्ता�र �कए जाएंगे। कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 जैसा �क नीचे बताया
गया है :

a. प्रत्येक ग्राहक को अपना नाम, पता, �ववरण और व्यवसाय, य�द कोई हो, जोड़ना होगा, कम से
कम एक गवाह क� उपिस्थ�त म� जो हस्ता�र को सत्या�पत करे गा हस्ता�र करे गा और अपना
नाम, पता, �ववरण और व्यवसाय, य�द कोई हो, जोड़ेगा।

b. जहां कोई ग्राहक अनपढ़ है , वह अपने अंगूठे का �नशान या �नशान लगाएगा िजसे उसके �लए
�लखने वाले व्यिक्त द्वारा व�णर्त �कया जाएगा, जो ग्राहक का नाम �नशान के सामने या नीचे
रखेगा और इसे अपने हस्ता�र से प्रमा�णत करे गा और वह ग्राहक के नाम के सामने उसके
द्वारा �लए गए शेयर� क� संख्या भी �लखनी होगी।

�टप्प�णयाँ : ग्राहक� और गवाह� के टाइप �कए गए या म�ु द्रत �ववरण� को तब तक अनम


ु �त
द� जाएगी जैसे �क यह �लखा गया हो, जब तक �क इसम� हस्ता�र या अंगठ
ू े का �नशान
शा�मल हो।

c. जहां ग्राहक एक कॉप�रे ट �नकाय है वहां �ापन और एसो�सएशनके लेख� पर �नदे शक मंडल के
एक संकल्प द्वारा इस संबंध म� �व�धवत अ�धकृत �नकाय कॉप�रे ट के �नदे शक अ�धकार� या
कमर्चार� द्वारा हस्ता�र �कए जाएंगे।

d. जहां ग्राहक एक सी�मत दे यता भागीदार� है , उसे सी�मत दे यता भागीदार� के एक भागीदार
द्वारा हस्ता��रत �कया जाएगा, जो सी�मत दे यता भागीदार� के सभी भागीदार� द्वारा
ु ो�दत एक प्रस्ताव द्वारा �व�धवत अ�धकृत होगा:
अनम

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.13

�टप्प�णयाँ : ऊपर बताए गए �कसी भी मामले सी या डी म�, इस प्रकार अ�धकृत व्यिक्त, एक


ह� समय म�, एसो�सएशन के �ापन और लेख� का ग्राहक नह�ं होगा।

e. जहां �ापन का ग्राहक भारत के बाहर रहने वाला एक �वदे शी नाग�रक है , तो �ापन और
एसो�सएशन के लेख� पर उसके हस्ता�र और पता और पहचान का प्रमाण एक प्रमाण पत्र के
साथ नोटर� (सावर्ज�नक) द्वारा नोटर�कृत �कया जाएगा। इसके अलावा, य�द ऐसा व्यिक्त
राष्ट्रमंडल के बाहर �कसी दे श म� रहता है या जो हे ग एपोिस्टल कन्व� शन, 1961 का प�कार
नह�ं है , तो नोटर� (सावर्ज�नक) का प्रमाण पत्र एक राजन�यक या कांसुलर अ�धकार� द्वारा
प्रमा�णत �कया जाएगा।
f. जहां �ापन का ग्राहक एक �वदे शी नाग�रक है जो भारत के बाहर रहता है और भारत म� आया
है और एक कंपनी को शा�मल करने का इरादा रखता है , ऐसे मामले म� �नगमन क� अनुम�त
द� जाएगी, य�द उसके पास वैध �बजनेस वीजा है। य�द व्यिक्त भारतीय मूल का है या भारत
का �वदे शी नाग�रक है , तो व्यवसाय वीज़ा क� आवश्यकता लागू नह�ं होगी।

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2.14 कॉप�रे ट और अन्य कानून

व्यावहा�रक अंतदृर्िष्ट/�चत्रण

इंफो�सस �ल�मटे ड (कॉप�रे ट पहचान संख्या) के �ापन के अंश: L85110KA1981PLC013115)

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.15

कंपनी के पेशेवर और �नदे शक, प्रबंधक या स�चव द्वारा अनुपालन क� घोषणा

एक घोषणा �क इस अ�ध�नयम क� सभी आवश्यकताओं और पंजीकरण के संबंध म� इसके तहत बनाए


गए �नयम� और पूवव
र् त� या प्रासं�गक मामल� का अनुपालन �कया गया है , फॉमर् नंबर एनआईसी-8 म�
भरा जाएगा:

a. एक वक�ल, एक चाटर् डर् अकाउं ट� ट, कॉस्ट अकाउं ट� ट या प्रैिक्टस करने वाला कंपनी स�चव जो
कंपनी के गठन म� लगा हुआ है और

b. लेख� म� कंपनी के �नदे शक, प्रबंधक या स�चव के रूप म� ना�मत व्यिक्त।

�ापन के ग्राहक� और पहले �नदे शक� के रूप म� ना�मत व्यिक्तय� द्वारा घोषणा

�ापन के प्रत्येक हस्ता�रकतार् और लेख� म� प्रथम �नदे शक� (य�द कोई हो) के रूप म� ना�मत
व्यिक्तय� से फॉमर् आईएनसी -9 म� एक घोषणा, िजसम� कहा गया है �क कंपनी के पंजीकरण के �लए
रिजस्ट्रार के पास दा�खल �कए गए सभी दस्तावेज� म� ऐसी जानकार� है जो उसके सव�त्तम �ान और
�वश्वास के अनस
ु ार सह� और पण
ू र् और सत्य है ।

a. कंपनी को �कसी प्रचार, गठन या प्रबंधन के संबध


ं म� �कसी अपराध का दोषी नह�ं ठहराया गया
है , अथवा

b. वह �पछले पांच वष� के दौरान इस अ�ध�नयम या �कसी भी �पछले कंपनी कानून के अंतगर्त
�कसी भी कंपनी को �कसी भी धोखाधड़ी या गलतफहमी या �कसी भी कतर्व्य के उल्लंघन का
दोषी नह�ं पाया गया है ।

पत्राचार के �लए पता

कंपनी के पंजीकृत कायर्लय क� स्थापना तक पत्र-व्यव्हार के �लए पता;

प्रथम �नदे शक के रूप म� ना�मत व्यिक्तय� का �ववरण

�ववरण यानी नाम, िजसम� उपनाम या प�रवार का नाम, �नदे शक पहचान संख्या (डीआईएन),
आवासीय पता, राष्ट्र�यता और कंपनी के पहले �नदे शक के रूप म� लेख म� उिल्ल�खत प्रत्येक व्यिक्त
क� पहचान का प्रमाण और अन्य फम� म� उसक� रु�च स�हत अन्य �ववरण शा�मल ह�। या कॉप�रे ट
�नकाय को कंपनी के �नदे शक के रूप म� कायर् करने के �लए अपनी सहम�त (फॉमर् नंबर डीआईआर -
2) के साथ कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014 म� प्रदान �कए गए शुल्क के साथ

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2.16 कॉप�रे ट और अन्य कानून

फॉमर् नंबर डीआईआर -12 म� दा�खल करना होगा।

�ापन के ग्राहक� का �ववरण

�ापन म� प्रत्येक ग्राहक के �नम्न�ल�खत �ववरण भरे जाएंगे;

a. नाम (उपनाम या प�रवार के नाम स�हत) और नवीनतम फोटोग्राफ �चपकाया गया

b. �पता/माता का नाम

c. राष्ट्र�यता, य�द ग्राहक �वदे शी नाग�रक है तो राष्ट्र�यता का प्रमाण

d. जन्म �त�थ और स्थान (िजला और राज्य)

e. अकाद�मक योग्यता एवं व्यवसाय

f. स्थायी खाता संख्या

g. सब्सक्राइबर क� ईमेल आईडी और फोन नंबर

h. स्थायी आवासीय पता और वतर्मान पता भी

i. आवासीय प्रमाण जैसे ब�क स्टे टम�ट, �बजल� �बल, टे ल�फोन/मोबाइल �बल, बशत� �क ब�क
स्टे टम�ट �बजल� �बल, टे ल�फोन या मोबाइल �बल दो मह�ने से अ�धक परु ाना न हो।

j. पहचान का प्रमाण (भारतीय नाग�रक� के �लए - मतदाता पहचान पत्र, पासपोटर् प्र�त, ड्राइ�वंग
लाइस�स प्र�त, �व�शष्ट पहचान संख्या (यआ
ू ईएन) और �वदे शी नाग�रक� और अ�नवासी
भारतीय� के �लए - पासपोटर् )

k. य�द ग्राहक पहले से ह� �कसी कंपनी का �नदे शक या प्रमोटर है , तो कंपनी के नाम से संबं�धत
�ववरण; कॉप�रे ट पहचान संख्या; चाहे �नदे शक या प्रमोटर के रूप म� रु�च हो

जहां �ापन का ग्राहक एक कॉप�रे ट �नकाय है , तो �नम्न�ल�खत �ववरण रिजस्ट्रार के पास दा�खल
�कए जाएंगे

a. कॉप�रे ट �नकाय का नाम और कंपनी क� कॉप�रे ट पहचान संख्या या कॉप�रे ट �नकाय क�


पंजीकरण संख्या, य�द कोई हो

b. जीएलएन, य�द कोई हो

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.17

c. पंजीकृत कायार्लय का पता या व्यवसाय का मख्


ु य स्थान

d. इ-मेल Id

e. य�द �नकाय कॉप�रे ट एक कंपनी है , तो बोडर् के प्रस्ताव क� प्रमा�णत सत्य प्र�त�ल�प, िजसम�
अन्य बात� के साथ-साथ एमओए क� सदस्यता लेने के �लए प्रा�धकरण �न�दर् ष्ट हो।

f. य�द कॉप�रे ट �नकाय एक सी�मत दे यता भागीदार� या साझेदार� फमर् है , तो सभी भागीदार�
द्वारा सहमत संकल्प क� प्रमा�णत सत्य प्र�त, अन्य बात� के साथ-साथ एमओए क� सदस्यता
के �लए प्रा�धकरण को �न�दर् ष्ट करती है ।

g. �वदे शी �नकाय कॉप�रे ट के मामले म�, �वदे शी �नकाय कॉप�रे ट के �नगमन प्रमाणपत्र क� प्र�त से
संबं�धत �ववरण; और पंजीकृत कायार्लय का पता।

कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 12 के अनुसार

य�द �कसी कंपनी के उद्देश्य� म� से �कसी के �लए आरबीआई और सेबी जैसे �ेत्रीय �नयामक� से
पंजीकरण या अनुमोदन क� आवश्यकता होती है , तो प्रस्ता�वत कंपनी को ऐसे उद्देश्य� को आगे बढ़ाने
से पहले ऐसा पंजीकरण या अनुमोदन प्राप्त करना होगा और इसके �लए �नगमन के चरण म� एक
घोषणा प्रस्तुत करनी होगी।

�कसी कंपनी को �न�ध के रूप म� शा�मल �कए जाने के मामले म�, अ�ध�नयम क� धारा 406 के तहत
क�द्र सरकार द्वारा घोषणा व्यवसाय शरू
ु करने से पहले �न�ध द्वारा प्राप्त क� जाएगी और कंपनी
द्वारा �नगमन के चरण म� इस संबध
ं म� एक घोषणा प्रस्तुत क� जाएगी। ।

पंजीकरण पर �नगमन प्रमाणपत्र जार� करना

दायर �कए गए दस्तावेज� और सूचनाओं के आधार पर रिजस्ट्रार, सभी दस्तावेज� और सूचनाओं को


रिजस्टर म� पंजीकृत करे गा और फॉमर् नंबर एनआईसी-11 म� �नगमन का प्रमाण पत्र जार� करे गा �क
प्रस्ता�वत कंपनी इस अ�ध�नयम के तहत शा�मल है । �नगमन प्रमाणपत्र म� कंपनी क� स्थायी खाता
संख्या का उल्लेख होगा, जहां यह आयकर �वभाग द्वारा जार� �कया गया है ।

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2.18 कॉप�रे ट और अन्य कानून

व्यावहा�रक अंतदृर्िष्ट

�नगमन द्वारा प्रमाण पत्र

छात्र� को नोट करने क� सलाह द� जाती है ;

प्रमाणपत्र म� कंपनी का नाम, उसके जार� होने क� तार�ख, सीआईएन (कॉप�रे ट पहचान संख्या) और उसक� मह
ु र
के साथ रिजस्ट्रार के हस्ता�र शा�मल ह�।

�नगमन का प्रमाणपत्र पंजीकरण (�नरं तर उत्तरा�धकार के साथ अलग कानूनी इकाई का अिस्तत्व) का प्रमाण
है । इसके प्रभाव� को खंड 9 द्वारा उजागर �कया गया है , इस अध्याय म� बाद म� समझाएं।
पहले, �नगमन प्रमाणपत्र को �नणार्यक प्रमाण माना जाता था, ले�कन कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के अनुसार,
�नगमन प्रमाणपत्र �नगमन से पहले क� हर चीज के सह� होने का �नणार्यक प्रमाण नह�ं है । धारा 7 क� उपधारा
(6) और (7) इस समझ को दशार्ती ह�।

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.19

कॉप�रे ट पहचान संख्या (सीआईएन) का आवंटन

�नगमन प्रमाणपत्र म� उिल्ल�खत �त�थ से, रिजस्ट्रार कंपनी को एक कॉप�रे ट पहचान संख्या आवं�टत
करे गा, जो कंपनी के �लए एक �व�शष्ट पहचान होगी और िजसे �नगमन प्रमाणपत्र म� भी शा�मल
�कया जाएगा।

सीआईएन एक 21 अल्फ़ा-न्यम
ू े�रक अंक� पर आधा�रत �व�शष्ट पहचान संख्या है , िजसम� डेटा
अनुभाग/तत्व शा�मल ह� जो कंपनी के बारे म� आधार पहलओ
ु ं का खुलासा करते ह�।
7
उदाहरण - सीआईएन को �डकोड कर�

इंफो�सस �ल�मटे ड का सीआईएन L85110KA1981PLC013115 है

पहला अ�र – L (�लिस्टं ग िस्थ�त का पता चलता है, एल सूचीबद्ध के �लए और यू असूचीबद्ध
के �लए, उदाहरण के �लए इंफो�सस सूचीबद्ध है )

अगले पांच अंक – 85110

अगले दो अ�र – KA (भारत के उस राज्य का खुलासा करते ह� जहां कंपनी पंजीकृत है ,


उदाहरण के �लए केए कनार्टक के �लए है )

अगले चार अंक – 1981 (�कसी कंपनी के �नगमन के वषर् का पता चलता है )

अगले तीन अ�र – PLC (कंपनी वग�करण का पता चलता है - सावर्ज�नक के �लए पीएलसी,

सभी दस्तावेज� और सूचनाओं क� प्र�तय� का रखरखाव

कंपनी इस अ�ध�नयम के तहत अपने �वघटन तक अपने पंजीकृत कायार्लय म� मूल रूप से दायर �कए
गए सभी दस्तावेज� और सच
ू नाओं क� प्र�तय� को बनाए रखेगी और संर��त रखेगी।

�नगमन के समय झठ
ू � या ग़लत जानकार� दे ना या वास्त�वक तथ्य को �छपाना (उदाहरण �नगमन
प्र�क्रया के दौरान)

य�द कोई व्यिक्त झठ


ू � या गलत सच
ू ना या साथर्क जानकार� को �छपाता है , िजसके बारे म� उसको
पता है �क दस्तावेज रिजस्ट्रार के पास दजर् �कया गया है , वह धारा 447 के अंतगर्त कायर्वाह� के �लए
उत्तरदायी होगा।

7 यह उदाहरण केवल �वद्या�थर्य� को समझने के �लए है ।

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2.20 कॉप�रे ट और अन्य कानून

�टप्प�णयाँ : धारा 447 के प्रावधान� को पस्


ु तक अध्याय 3 म� �वस्तार से समझाया गया है ;
�ववर�णका और प्र�तभ�ू तय� का आवंटन।

कंपनी पहले से ह� कोई झठ


ू � या गलत जानकार� या प्र�त�न�धत्व प्रस्तुत करके या �कसी साथर्क तथ्य
को छुपाकर (यानी �नगमन के बाद) शा�मल क� गई है

जहां, �कसी कंपनी के �नगमन के बाद �कसी भी समय यह सा�बत हो जाता है �क कंपनी का �नगमन
�कसके द्वारा �कया गया है

a. कोई गलत या गलत जानकार� या अभ्यावेदन प्रस्तुत करना या

b. ऐसी कंपनी को शा�मल करने के �लए दायर या �कए गए �कसी भी दस्तावेज़ या घोषणा म�
�कसी भी महत्वपूणर् तथ्य या जानकार� को �छपाकर, या

c. �कसी भी कपटपूणर् कायर् द्वारा,

�फर, प्रमोटर, कंपनी के पहले �नदे शक के रूप म� ना�मत व्यिक्त और इस धारा के तहत
घोषणा करने वाले व्यिक्त धारा 447 के तहत धोखाधड़ी के �लए कारर्वाई के �लए उत्तरदायी
ह�गे।

अ�धकरण का आदे श

जहां एक कंपनी को �नग�मत �कया गया है

a. झूठ� या गलत जानकार� या प्र�त�न�धत्व or प्रस्तुत करना, या

b. ऐसी कंपनी को शा�मल करने के �लए दायर या �कए गए �कसी भी दस्तावेज़ या घोषणा म�
�कसी भी महत्वपूणर् तथ्य या जानकार� को �छपाकर या

c. �कसी भी कपटपूणर् कायर् द्वारा,

�फर �ट्रब्यन
ू ल (एनसीएलट�) इस बात से संतष्ु ट होने पर �क िस्थ�त उ�चत है , उसे �दए गए आवेदन
के जवाब म� , वह आदे श पा�रत कर सकता है , िजसम� वह उ�चत समझे;

a. सावर्ज�नक �हत म� या कंपनी और उसके सदस्य� और लेनदार� के �हत म� , इसके �ापन और


लेख� म� प�रवतर्न, य�द कोई हो, स�हत कंपनी के प्रबंधन का �व�नयमन; या

b. �नद� �शत कर सकते ह� �क सदस्य� का दा�यत्व असी�मत होगा; या

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.21

c. कंप�नय� के रिजस्टर से कंपनी के नाम को हटाने के �लए �नद� �शत कर सकते ह�; या

d. कंपनी का समापन ; या

बशत� �क ऐसा कोई भी आदे श दे ने से पहले:

a. इस मामले म� कंपनी को सुनवाई का उ�चत अवसर �दया जाएगा; तथा

b. प्रा�धकरण कंपनी द्वारा �कए गए लेनदे न पर �वचार �कया जाएगा, िजसम� दा�यत्व�, य�द कोई
हो, अनुबं�धत या �कसी दे यता का भुगतान शा�मल है ।

�ट्रब्यूनल का मतलब कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 408 के तहत 1 जून, 2016 को ग�ठत
राष्ट्र�य कंपनी कानून �ट्रब्यन
ू ल (एनसीएलट�) है । एनसीएलट� भारत म� एक अधर्-न्या�यक �नकाय है
जो भारत म� कंप�नय� से संबं�धत मुद्द� का �नणर्य करता है ।
उदाहरण - एसो�सएशन के �ापन के ऑब्जेक्ट खंड म� उिल्ल�खत कंपनी क� वस्तओ
ु ं क� वैधता के
संबंध म� �नगमन प्रमाणपत्र �नणार्यक प्रमाण नह�ं है । जैसे, य�द कोई कंपनी पंजीकृत क� गई है
िजसक� वस्तुएं अवैध ह�, तो �नगम अवैध वस्तुओं को मान्य नह�ं करता है । ऐसे मामले म� , कंपनी को
बंद करना ह� एकमात्र उपाय है ।

5. धमार्थर् वस्तुओं आ�द वाल� कंप�नय� का गठन .[धारा 8]


कंपनी के गठन का अंत�नर्�हत उद्देश्य हमेशा आ�थर्क ग�त�व�धय� के संचालन के माध्यम से लाभ
कमाना नह�ं है , इसम� धमार्थर् या सामािजक उद्देश्य हो सकते ह�।

उदाहरण के �लए टाटा फाउं डेशन (सीआईएन U85191MH2014NPL253500) और अजीम प्रेमजी


फाउं डेशन (सीआईएन U93090KA2001NPL028740)। छात्र� को यह ध्यान रखने क� सलाह द� जाती
है �क दोन� सीआईएन के 5 व� डेटा अनभ
ु ाग म� 'एनपीएल' शा�मल है , जो नॉट-फॉर-प्रॉ�फट लाइस�स
कंपनी को दशार्ता है ।

ऐसी कंप�नय� को कंपनी अ�ध�नयम, 2013 8, क� धारा 8 के तहत क�द्र सरकार* द्वारा लाइस�स �दया
16

जाता है , धारा 8 के प्रासं�गक प्रावधान और उन पर लागू �नयम नीचे व�णर्त ह�।

�टप्प�णयाँ : धारा 8 के तहत क�द्र सरकार क� शिक्तयाँ �नम्न�ल�खत को स�पी गई ह�:

(i) आरओसी 9 इस सीमा तक और उद्देश्य के �लए:


17

8
2013 का अ�ध�नयम 18
9
एस.ओ. 1353(ई), �दनांक 21 मई, 2014

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2.22 कॉप�रे ट और अन्य कानून

उप-धारा (1):

खंड (i) से उप-धारा (4), �कसी अन्य प्रकार क� कंपनी म� रूपांतरण के मामले म� �ापन म� प�रवतर्न
को छोड़कर; और

उप-धारा (5)

�ेत्रीय �नदे शक 10 क� सीमा तक और उद्देश्य के �लए:


18

�कसी अन्य प्रकार क� कंपनी म� रूपांतरण के मामले म� �ापन म� प�रवतर्न के �लए खंड (i) से उप-
धारा (4); और

उप-धारा (6)

धारा 8(1) के तहत लाइस�स कौन जार� और प्राप्त कर सकता है ?

धारा 8 के अनस
ु ार, क�द्र सरकार (अपनी ओर से आरओसी) ऐसा लाइस�स दे सकती है य�द यह संतुिष्ट
के साथ सा�बत हो जाए �क कोई व्यिक्त या व्यिक्तय� का संघ इस अ�ध�नयम के तहत एक सी�मत
कंपनी के रूप म� पंजीकृत होने का प्रस्ताव रखता है ।

a. इसका उद्देश्य� म� वा�णज्य, कला, �व�ान, खेल, �श�ा, अनस


ु ंधान, सामािजक कल्याण, धमर्,
दान, पयार्वरण क� सुर�ा या ऐसी �कसी अन्य वस्तु को बढ़ावा दे ना है ;

b. अपने लाभ( य�द कोई हो) या अन्य, आय द्वारा उद्देश्य� को बढ़ावा दे ने म� लागू करने का
इरादा रखता है ; तथा

c. �कसी भी लाभांश के भुगतान को अपने सदस्य� के भुगतान पर प्र�तबंध लगा सकते ह�;

�टप्प�णयाँ : ऐसा प्रतीत होता है �क 'व्यिक्त' शब्द का उपयोग �कसी एक व्यिक्त को भी �न�दर् ष्ट
वस्तुओं के �लए एक कंपनी बनाने क� अनम
ु �त दे ता है। हालाँ�क, जैसा �क पहले भी चचार् क� गई है
(इस अध्याय के 'ओपीसी' शीषर्क के 'ओपीसी' शीषर्क के तहत) �क कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014
का �नयम 3(5) धारा 8 के तहत ओपीसी को एक कंपनी म� शा�मल करने या प�रव�तर्त करने पर
रोक लगाता है । इसी तरह, धारा 2(85) के अनस
ु ार, एक छोट� कंपनी को धारा 8 कंपनी म� शा�मल
या प�रव�तर्त नह�ं �कया जा सकता है । धारा 8 के अंतगर्त एक फमर् पंजीकृत कंपनी क� सदस्य हो
सकती है ।

सदस्य� का दा�यत्व सी�मत होने के बावजद


ू , इसके नाम म� '�ल�मटे ड' या 'प्राइवेट �ल�मटे ड' शब्द नह�ं

10
एस.ओ. 4090(ई), �दनांक 19 �दसंबर, 2016

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.23

जोड़े जाएंगे। पंजीकरण पर, कंपनी एक सी�मत कंपनी के समान �वशेषा�धकार और दा�यत्व� का
आनंद उठाएगी।

लाइस�स ऐसी शत� पर जार� �कया जा सकता है िजन्ह� क�द्र सरकार (आरओसी) उ�चत समझे।

लाइस�स का उपयोग कर कंपनी का पंजीकरण

लाइस�स दे ने के बाद कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के �नयम 19 म� �न�दर् ष्ट तर�के से कंपनी के
पंजीकरण के �लए धारा 8(1) के तहत रिजस्ट्रार को आवेदन �कया जाएगा।

पंजीकरण के �लए आवेदन

धारा 8(1) के तहत सी�मत दा�यत्व वाल� �कसी कंपनी को शा�मल करने के इच्छुक व्यिक्त या
व्यिक्तय� का एक संघ, फॉमर् एसपीआईसीई+ (इलेक्ट्रॉ�नक रूप से कंपनी को शा�मल करने के �लए
सरल�कृत प्रोफामार् प्लस) म� रिजस्ट्रार को आवेदन करे गा। आईएनसी-32) कंपनी (पंजीकरण कायार्लय
और शुल्क) �नयम, 2014 म� �दए गए शल्
ु क के साथ।

आवेदन के साथ सहायक दस्तावेज़

ऊपर �न�दर् ष्ट अनुसार प्रस्तुत आवेदन �नम्न�ल�खत दस्तावेज� के साथ होना चा�हए;

a. क्रमशः फॉमर् संख्या एनआईसी-13 और फॉमर् संख्या एनआईसी-31 म� प्रस्ता�वत कंपनी का


�ापन और एसो�सएशन के लेख;

b. अगले तीन वष� के �लए कंपनी क� भ�वष्य क� वा�षर्क आय और व्यय का अनुमान, आय के


स्रोत और व्यय क� वस्तओ
ु ं को �न�दर् ष्ट करना;

c. एक वक�ल, एक चाटर् डर् अकाउं ट� ट, लागत लेखाकार या कंपनी स�चव द्वारा फॉमर् संख्या
एनआईसी-14 म� घोषणा और फॉमर् संख्या एनआईसी-15 म� आवेदन करने वाले प्रत्येक व्यिक्त
द्वारा घोषणा, �क;

 �ापन और एसो�सएशन के लेख धारा 8 के प्रावधान� और उसके तहत बनाए गए


�नयम� के अनरू
ु प तैयार �कए गए ह�

 धारा 8 के तहत कंपनी के पंजीकरण से संबं�धत अ�ध�नयम और उसके तहत बनाए गए


�नयम� क� सभी आवश्यकताओं और प्रासं�गक या पूरक मामल� का अनुपालन �कया
गया है ;

�ापन और अनुच्छे द� म� बदलाव के �लए सरकार क� पूवर् अनम


ु �त क� आवश्यकता होती है

इस धारा के तहत पंजीकृत कंपनी को पूवर् अनुम�त क� आवश्यकता होती है ;

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2.24 कॉप�रे ट और अन्य कानून

a. क�द्र सरकार (�ेत्रीय �नदे शक� को स�पी गई शिक्त) अपने �ापन म� प�रवतर्न के �लए और

b. इसके अनुच्छे द� म� प�रवतर्न के �लए क�द्र सरकार (आरओसीको शिक्त स�पी गई)।

�कसी अन्य वगर् क� कंपनी म� प�रवतर्न

इस धारा के तहत पंजीकृत कोई कंपनी नीचे व�णर्त कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के �नयम 21 और
22 म� �नधार्�रत शत� का पालन करने के बाद ह� खुद को �कसी अन्य प्रकार क� कंपनी म� प�रव�तर्त
कर सकती है ;

a. एक कंपनी ऐसे रूपांतरण को मंजरू � दे ने के �लए एक आम बैठक म� एक �वशेष प्रस्ताव पा�रत


करे गी

b. ऐसी सामान्य बैठक क� सूचना के �लए एक व्याख्यात्मक बयान म� ऐसे रूपांतरण के कारण का
�ववरण �दया जाना चा�हए।

c. कंपनी �वशेष प्रस्ताव क� प्रमा�णत सत्य प्र�त और रूपांतरण के अनुमोदन के �लए व्याख्यात्मक
�ववरण स�हत बैठक बुलाने के नो�टस क� एक प्र�त के साथ शुल्क के साथ �ेत्रीय �नदे शक के
साथ फॉमर् संख्या एनआईसी-18 म� एक आवेदन दा�खल करे गी।

पंजीकृत डाक या हाथ से �डल�वर� द्वाराभेजे गए नो�टस क� तामील का प्रमाण भी संलग्न कर� :

 कंपनी पर अ�धकार �ेत्र रखने वाले मुख्य आयकर आयुक्त,

 आयकर अ�धकार� िजसका कंपनी पर अ�धकार �ेत्र है ,

 चै�रट� क�मश्नर,

 उस राज्य का मुख्य स�चव िजसम� कंपनी का पंजीकृत कायार्लय िस्थत है ,

 क�द्र सरकार या राज्य सरकार या अन्य प्रा�धकरण का कोई संगठन या �वभाग िजसके
अ�धकार �ेत्र म� कंपनी संचा�लत हो रह� है ।

�टप्प�णयाँ : य�द इनम� से कोई भी प्रा�धकार� �ेत्रीय �नदे शक को कोई अभ्यावेदन दे ना चाहता
है , तो उसे कंपनी को एक अवसर दे ने के बाद, नो�टस प्राप्त होने के साठ �दन� के भीतर ऐसा
करना होगा।

d. �ेत्रीय �नदे शक के पास दायर �कए गए अनल


ु ग्नक� के साथ आवेदन क� एक प्र�त रिजस्ट्रार के
पासभी दा�खल क� जाएगी।

e. कंपनी, �ेत्रीय �नदे शक को आवेदन जमा करने क� तार�ख से एक सप्ताह के भीतर, अपने खचर्

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.25

पर, एक नो�टस प्रका�शत करे गी और प्रका�शत नो�टस क� एक प्र�त, �ेत्रीय �नदे शक को तुरंत
भेजी जाएगी और उक्त नो�टस फॉमर् संख्या एनआईसी-19 म� होना चा�हए और प्रका�शत �कया
जाएगा;

 कम से कम एक बार उस िजले क� मुख्य स्थानीय भाषा म� एक स्थानीय समाचार पत्र


म� िजसम� कंपनी का पंजीकृत कायार्लय िस्थत है , और उस िजले म� एक व्यापक प्रसार
है , और कम से कम एक बार अंग्रेजी भाषा म� एक अंग्रेजी समाचार पत्र म� उस िजले म�
एक व्यापक प्रसार है ; और

 कंपनी क� वेबसाइट पर, य�द कोई हो, और जैसा �क क�द्र सरकार द्वारा अ�धसू�चत या
�नद� �शत �कया जा सकता है ।

f. कंपनी को �ेत्रीय �नदे शक को आवेदन जमा करने से पहले के �वत्तीय वषर् और वा�षर्क �रटनर्
और �ेत्रीय �नदे शक को आवेदन जमा करने क� तार�ख तक अ�ध�नयम के तहत दायर �कए
जाने वाले अन्य सभी �रटनर् दा�खल करने चा�हए थे।

�टप्प�णयाँ : य�द आवेदन �पछले �वत्तीय वषर् क� तार�ख से तीन मह�ने क� समािप्त के बाद
�कया जाता है , िजसम� �वत्तीय �ववरण दा�खल �कया गया है , तो सनद� लेखाकार द्वारा
�व�धवत प्रमा�णत �वत्तीय िस्थ�त का �ववरण तीस �दन� से पहले क� तार�ख तक नह�ं बनाया
जाता है । आवेदन दा�खल करना संलग्न �कया जाएगा।

g. आवेदन प्राप्त होने पर, और संतष्ु ट होने पर, �ेत्रीय �नदे शक प्रत्येक मामले के तथ्य� और
प�रिस्थ�तय� म� लगाए गए �नयम� और शत� के अधीन कंपनी को �कसी अन्य प्रकार क�
कंपनी म� बदलने का आदे श जार� करे गा।

h. शत� को लागू करने या आवेदन को अस्वीकार करने से पहले कंपनी को �ेत्रीय �नदे शक द्वारा
सुनवाई का उ�चत अवसर �दया जाएगा

i. �ेत्रीय �नदे शक क� मंजूर� �मलने पर, कंपनी अपने मेमोर� डम ऑफ एसो�सएशन और आ�टर् कल
ऑफ एसो�सएशन म� संशोधन के �लए एक �वशेष प्रस्ताव पा�रत करने के �लए अपने सदस्य�
क� एक आम बैठक बल
ु ाएगी और उसके बाद कंपनी इन्ह� रिजस्ट्रार के पास दा�खल करे गी
(पालन करने क� घोषणा के साथ) �ेत्रीय �नदे शक द्वारा लगाई गई शत�, य�द कोई ह�)

j. ऊपर उिल्ल�खत दस्तावेज� क� प्रािप्त पर रिजस्ट्रार दस्तावेज� को पंजीकृत करे गा और �नगमन


का नया प्रमाणपत्र जार� करे गा।

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2.26 कॉप�रे ट और अन्य कानून

लाइस�स का रद्दीकरण

a. क�द्र सरकार (�ेत्रीय �नदे शक को स�पी गई शिक्त) आदे श द्वारा उस कंपनी का लाइस�स रद्द
कर सकती है जहां;

 कंपनी इस धारा क� �कसी भी आवश्यकता या शत� का उल्लंघन करती है िजसके अधीन


लाइस�स जार� �कया जाता है

 कंपनी के मामले धोखाधड़ी से संचा�लत �कए जाते ह�, या कंपनी के उद्देश्य� का उल्लंघन
करते हुए या सावर्ज�नक �हत पर प्र�तकूल प्रभाव डालते हुए �कए जाते ह�,

�टप्प�णयाँ : �नरस्तीकरण पर, रिजस्ट्रार रिजस्टर म� कंपनी के नाम के सामने '�ल�मटे ड' या
'प्राइवेट �ल�मटे ड' लगाएगा।

ऐसे �नरस्तीकरण से पहले ऐसी कंपनी को एक �ल�खत नो�टस �दया जाना चा�हए और मामले
म� सुनवाई का अवसर �दया जाना चा�हए।

b. जहां लाइस�स रद्द कर �दया गया है और क�द्र सरकार संतुष्ट है �क यह सावर्ज�नक �हत म�
आवश्यक है ; �फर सन
ु वाई का उ�चत अवसर दे ने के बाद; आदे श के अनस
ु ार वह यह �नद� श दे
सकता है

 इस अ�ध�नयम के तहत कंपनी को बंद कर �दया जाएगा। प�रसमापन या �वघटन पर


अ�त�रक्त संपित्त, उसके ऋण� और दे नदा�रय� क� संतुिष्ट के बाद, स्थानांत�रत क� जा
सकती है ;

 इस धारा के तहत पंजीकृत एक अन्य कंपनी और समान उद्देश्य वाल�, ऐसी शत�
के अधीन जो �ट्रब्यूनल लगा सकती है , या

 बेचा जा सकता है और इसक� आय �दवाला और �दवा�लयापन सं�हता, 2016 क�


धारा 224 के तहत ग�ठत �दवाला और �दवा�लयापन कोष म� जमा क� जा सकती
है ।

 कंपनी को इस धारा के तहत पंजीकृत और समान उद्देश्य वाल� �कसी अन्य कंपनी के
साथ �मला �दया जाएगा। क�द्र सरकार ने उक्त समामेलन को ऐसे सं�वधान, संपित्तय�,
शिक्तय�, अ�धकार�, �हत�, अ�धका�रय� और �वशेषा�धकार� के साथ एकल इकाई बनाने

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.27

और ऐसी दे नदा�रय� कतर्व्य� और दा�यत्व� के साथ प्रदान करने का अ�धकार �दया है जो


आदे श म� �न�दर् ष्ट �कए जा सकते ह�।

उल्लंघन करने पर दं ड/सजा

धारा 8 के तहत अपराध� के �लए दं ड का सारांश नीचे �दया गया है ;

अपराध दं ड

कंपनी इस अनुभाग म� �नधार्�रत कंपनी पर दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का


�कसी भी आवश्यकता का अनुपालन जुमार्ना लगाया जा सकता है
करने म� कोई चूक करती है कंपनी के �नदे शक और प्रत्येक अ�धकार�, जो चक करे गा,

पच्चीस हजार रुपये से लेकर पच्चीस लाख रुपये तक के
जुमार्ने से दं डनीय होगा।

कंपनी का कामकाज धोखाधड़ी से चूक करने वाला प्रत्येक अ�धकार� धारा 447 के तहत कारर् वाई
संचा�लत �कया गया के �लए उत्तरदायी होगा

�चत्र- धारा 8 क� उपधारा 6 से 11 का सारांश

उल्लंघन

लाइस�स रद्द सजा

एक्सप्रेशन समान उद्देश्य� के साथ 10 लाख से 1 करोड़


समापन अ�धशेष वाल� कंपनी
�ल�मटे ड या प्रा. सेक्शन 8 कंपनी के साथ
प�रसंपित्तय� का
�ल�मटे ड के नाम �वलय।
स्थानांतरण:
म� जोड़ा गया
25 हजार से 25 लाख
तक का डायरे क्टर या
अ�धकार�
समान उद्देश्य� वाल� धारा �दवाला/�दवा�लयापन (धारा 447
8 कंपनी। �न�ध

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2.28 कॉप�रे ट और अन्य कानून

अ�त�रक्त पढ़ना

धारा 8 कंपनी को उपलब्ध छूट� म� शा�मल ह�;

 21 �दन� के बजाय 14 �दन� का स्पष्ट नो�टस दे कर अपनी आम बैठक बुला सकते ह�

 �नदे शक�, स्वतंत्र �नदे शक� आ�द क� न्यन


ू तम संख्या क� आवश्यकता लागू नह�ं होती है।

 नामांकन और पा�रश्र�मक स�म�त और शेयरधारक संबंध स�म�त का गठन करने क�


आवश्यकता नह�ं है ।

6. पंजीकरण का प्रभाव[धारा 9]
अ�ध�नयम क� धारा 9 �कसी कंपनी के पंजीकरण के पंजीकरण के प्रभाव का प्रावधान करती है , इसम�
कहा गया है ;

�नगमन प्रमाणपत्र म� �न�दर् ष्ट �नगमन क� तार�ख से, �ापन के ग्राहक और अन्य सभी व्यिक्त, जो
ऐसी कंपनी के सदस्य बन सकते ह�, �ापन म� �दए गए नाम से एक कॉप�रे ट �नकाय ह�गे।

इसके बाद उक्त नाम से ऐसा �नकाय कॉप�रे ट; करने म� स�म होगा;

a. इस अ�ध�नयम के तहत एक �नग�मत कंपनी के सभी काय� का प्रयोग करना और

b. शाश्वत उत्तरा�धकार होना

c. चल और अचल, मूतर् और अमूतर् दोन� प्रकार क� संपित्त अिजर्त करने, धारण करने और
�नपटाने क� शिक्त,

d. अनुबंध करना और मक
ु दमा करना और मक
ु दमा �कया जाना।

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.29

धारा 9 का सारांश

�ापन के सदस्य
तथा
अन्य सभी व्यिक्त,
जो समय-समय पर कंपनी के सदस्य बन सकते ह�

पंजीकरण (�नगमन प्रमाणपत्र प्रदान �कया गया)

�नगमन क� �त�थ से

�नगमन प्रमाणपत्र म� �न�दर् ष्ट,

�ापन म� �न�दर् ष्ट नाम से, कॉप�रे ट �नकाय बन�

उक्त नाम के तहत

एक �नग�मत कंपनी संपित्त अिजर्त करने, अनब


ु ंध करना और
शाश्वत
के सभी काय� का धारण करने और मुकदमा करना और
उत्तरा�धकार होना
�नष्पादन करना व्ययन करने क� मुकदमा �कया

शिक्त जाना।

चल और अचल मत
ू र् और अमत
ू र्

7. संस्था के ब�ह�नर्यम – एमओए (MOA) [धारा 4]


मेमोर� डम ऑफ एसो�सएशन (एमओए) कंपनी के गठन के �लए मौ�लक दस्तावेज है , इस�लए इसे
इसका चाटर् र या सं�वधान माना जाता है । �ापन कंपनी के बाहर� लोग� के साथ संबध
ं को प�रभा�षत
करता है क्य��क यह उन सभी लोग� को स�म बनाता है जो कंपनी के साथ काम करते ह� यह जानने
के �लए �क इसक� शिक्तयां क्या ह� और यह �कन ग�त�व�धय� म� संलग्न हो सकती है । �ापन म�
�नम्न�ल�खत खंड शा�मल ह�गे:

a. नाम खंड

b. िस्थ�त खण्ड (पंजीकृत कायार्लय खण्ड भी कहा जाता है )

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2.30 कॉप�रे ट और अन्य कानून

c. उदे श्य खंड

d. दा�यत्व खंड

e. पूंजी खंड (लागू, य�द कंपनी शेयर पज


ूं ी के साथ बनाई गई हो)

f. एसो�सएशन क्लॉज या सब्स�क्रप्शन क्लॉज (�वशेष रूप से ओपीसी के मामले म� तैयार �कया
गया)

g. नामांकन खंड (ओपीसी के मामले म� लागू)

अ�ध�नयम क� धारा 4, कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के प्रासं�गक �नयम� के साथ, �ापन के संबंध
म� आवश्यकताओं का प्रावधान करती है ।

नाम खण्ड [धारा 4 (1) (ए) उपधारा 2 से 5 के साथ पढ़� ]

पिब्लक �ल�मटे ड कंपनी के मामले म� कंपनी का नाम अं�तम शब्द "�ल�मटे ड" या प्राइवेट �ल�मटे ड
कंपनी के मामले म� "प्राइवेट �ल�मटे ड" के साथ आता है।

उपरोक्त धारा धारा 8 कंप�नय� के मामले म� लागू नह�ं है।

�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक कंपनी 11 और आईएफएससी �नजी कंपनी"12के मामले म� , नाम म�
19 20F

प्रत्यय, "अंतरार्ष्ट्र�य �वत्तीय सेवा कंपनी" या "आईएफएससी" होगा।

प्रस्ता�वत कंपनी के �लए नाम आर��त करने हे तु आवेदन [उपधारा 4]

कोई व्यिक्त एसपीआईसीई+ (इलेक्ट्रॉ�नक रूप से कंपनी को शा�मल करने के �लए सरल�कृत प्रोफामार्
प्लस) म� आवेदन कर सकता है : एनआईसी-32) शुल्क के साथ, जैसा �क कंपनी (पंजीकरण कायार्लय
और शल्
ु क) �नयम, 2014म� प्रदान �कया गया है , रिजस्ट्रार को प्रस्ता�वत कंपनी के नाम के रूप म�
आवेदन म� �नधार्�रत नाम के आर�ण के �लए।

दोष, य�द कोई हो, के सध


ु ार के �लए 15 �दन� के भीतर पन
ु ः सब�मशन क� अनम
ु �त द� जाएगी।

मौजद
ू ा कंपनी के बदलते नाम के �लए नाम आर��त करने हे तु आवेदन [उपधारा 4]

कोई व्यिक्त कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014म� �दए गए शुल्क के साथ वेब
सेवा आरयए
ू न (�रजवर् य�ू नक नेम) का उपयोग करके आवेदन म� �नधार्�रत नाम के आर�ण के �लए

11
जीएसआर 08 (ई) �दनांक 04.01.2017
12
जीएसआर 09 (ई) �दनांक 04.01.2017

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.31

रिजस्ट्रार को आवेदन कर सकता है । वह नाम िजससे कंपनी अपना नाम बदलने का प्रस्ताव रखती है ।
दोष, य�द कोई हो, के सध
ु ार के �लए 15 �दन� के भीतर पन
ु ः सब�मशन क� अनुम�त द� जाएगी।

नाम� और उनम� शब्द� और अ�भव्यिक्तय� के उपयोग के संबंध म� प्र�तबंध [उप-धारा 2 और 3]

उपधारा 2 म� कहा गया है �क �ापन म� उिल्ल�खत नाम नह�ं होगा;

a. इस अ�ध�नयम या �कसी भी कंपनी कानून के अंतगर्त पंजीकृत �कसी मौजद


ू ा कंपनी के नाम
के समान या उसके समान होगा; या

b. ऐसा, िजसका उपयोग कंपनी द्वारा उस समय लागू �कसी भी कानून के तहत अपराध माना
जाएगा; या

c. ऐसा, िजसका उपयोग कंपनी द्वारा क�द्र सरकार क� राय म� अवांछनीय है (क�द्र सरकार क� यह
शिक्त आरओसी को स�पी गई है ) 13 21

इसके अलावा, उप-धारा 3 प्रदान करती है , जब तक �क क�द्र सरकार क� �पछल� मंजूर� प्राप्त
नह�ं क� गई हो; कोई कंपनी उस नाम से पंजीकृत नह�ं होगी;

d. िजसम� कोई भी शब्द या अ�भव्यिक्त शा�मल हो िजससे यह आभास हो �क कंपनी �कसी भी


तरह से क�द्र सरकार, �कसी राज्य सरकार, या क�द्र सरकार द्वारा ग�ठत �कसी स्थानीय
प्रा�धकरण, �नगम या �नकाय से जुड़ी हुई है या उसका संर�ण प्राप्त है। या �कसी राज्य
सरकार द्वारा उस समय लागू �कसी कानून के तहत; या

e. िजसम� शब्द या भाव अथार्त ् बोडर् शा�मल ह�; आयोग; अ�धकार; उपक्रम; राष्ट्र�य; संघ; क�द्र�य;
संघीय; गणतंत्र; अध्य�; राष्ट्रप�त; लघु उद्योग; खाद� और ग्रामोद्योग �नगम; �वत्तीय �नगम
और उसके जैसे; नगरपा�लका;; �वकास प्रा�धकरण; प्रधान मंत्री या मुख्यमंत्री; मंत्री; राष्ट्र; वन
�नगम; �वकास योजना; क़ानन
ू या वैधा�नक; न्यायालय या न्यायपा�लका; राज्यपाल; ब्यरू ो; और
सरकार, राज्य, भारत, भारत या �कसी भी सरकार� प्रा�धकरण के नाम के साथ या क�द्र, राज्य
या स्थानीय सरकार� और प्रा�धकरण� द्वारा शरू
ु क� गई योजनाओं से �मलते-जल
ु ते �कसी भी
तर�के क� योजनाओं के समान है ।

�कसी नाम को 'समान' तब कहा जाता है जब अंतर केवल और केवल का हो

a. एक या दोन� नाम� म� शब्द� का बहुवचन या एकवचन रूप (ग्रीन टे क्नोलॉजी �ल�मटे ड, ग्रीन्स
टे क्नोलॉजी �ल�मटे ड और ग्रीन्स टे क्नोलॉजीज �ल�मटे ड के समान है)

13
एसओ 1353(ई), �दनांक 21st मई, 2014.

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2.32 कॉप�रे ट और अन्य कानून

b. अ�र� का प्रकार और मामला, अ�र� के बीच का अंतर, और एक या दोन� नाम� म� प्रयक्


ु त
�वराम �चह्न (एबीसी �ल�मटे ड एबीसी �ल�मटे ड और एबीसी �ल�मटे ड के समान है )

c. एक या दोन� नाम� म� अलग-अलग काल का उपयोग (एस�डड


े सॉल्यश
ू ंस �ल�मटे ड, एस�डड

सॉल्यश
ू ंस �ल�मटे ड और एस�डड
े सॉल्यश
ू ंस �ल�मटे ड के समान है)

d. व्याकर�णक �भन्नता स�हत दोन� नाम� क� वतर्नी म� थोड़ा अंतर है (�डस्क सॉल्यूशस
ं �ल�मटे ड,
�डस्क सॉल्यश
ू स
ं �ल�मटे ड के समान है ले�कन यह �डस्को सॉल्यश
ू ंस �ल�मटे ड के समान नह�ं है )

e. �कसी अ�भव्यिक्त के गलत वतर्नी वाले शब्द� के उपयोग स�हत �व�भन्न ध्वन्यात्मक वतर्नी
का उपयोग (बी के �ल�मटे ड बीके �ल�मटे ड, बी के �ल�मटे ड, बी के �ल�मटे ड, बी के �ल�मटे ड,
बीके �ल�मटे ड और बी के �ल�मटे ड के समान है )

f. �कसी मौजूदा नाम का �हंद� या अंग्रेजी म� पूणर् अनुवाद या �लप्यंतरण, न �क उसका कोई भाग
(राष्ट्र�य �वद्यत
ु �नगम �ल�मटे ड, राष्ट्र�य �वद्यत
ु �नगम �ल�मटे ड के समान है )

g. होस्ट नाम जैसे 'www' या डोमेन एक्सट� शन जैसे ।net' का उपयोग। org', 'dot' या 'com' एक
या दोन� नाम� म� (अल्ट्रा सॉल्यूशंस �ल�मटे ड Ultrasolutions।com �ल�मटे ड के समान है ले�कन
सप्र
ु ीम अल्ट्रा सॉल्यश
ू ंस �ल�मटे ड Ultrasolutions।com �ल�मटे ड के समान नह�ं है )

h. नाम� म� शब्द� का क्रम (र�व �बल्डसर् एंड कॉन्ट्रै क्टसर् �ल�मटे ड र�व कॉन्ट्रै क्टसर् एंड �बल्डसर्
�ल�मटे ड के समान है )

i. एक या दोन� नाम� म� �निश्चत या अ�निश्चत लेख का उपयोग (कॉन्जे�नयल टूसर् �ल�मटे ड ए


कॉन्जे�नयल टूसर् �ल�मटे ड और द कॉन्जे�नयल टूसर् �ल�मटे ड के समान है ले�कन ईशा इंडस्ट्र�ज
�ल�मटे ड अनीशा इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड के समान नह�ं है ।)

j. �कसी मौजद
ू ा नाम म� �कसी स्थान का नाम जोड़ना, िजसम� �कसी स्थान का नाम न हो; (य�द
साल्वेज टे क्नोलॉजीज �ल�मटे ड एक मौजद
ू ा नाम है , तो यह साल्वेज टे क्नोलॉजीज �दल्ल�
�ल�मटे ड के समान है ले�कन रे ट्रो फामार्स्यू�टकल्स रांची �ल�मटे ड रे ट्रो फामार्स्यू�टकल्स चेन्नई
�ल�मटे ड के समान नह�ं है )

k. �कसी मौजद
ू ा नाम म� अंक� को दशार्ने वाले अंक� या अ�भव्यिक्तय� को जोड़ना, हटाना या
संशो�धत करना, जब तक �क अंक �कसी ब्रांड का प्र�त�न�धत्व नह�ं करता (थंडर स�वर्सेज
�ल�मटे ड थंडर 11 स�वर्सेज �ल�मटे ड और वन थंडर स�वर्सेज �ल�मटे ड के समान है)

छात्र कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के �नयम 8ए म� �न�दर् ष्ट 23 उदाहरण� का भी उल्लेख कर सकते
ह� जो "अवांछनीय नाम�" के समान ह�।

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.33

नाम का आर�ण [उपधारा 5]

आवेदन प्राप्त होने पर रिजस्ट्रार, आवेदन के साथ द� गई जानकार� और दस्तावेज� के आधार पर,
अनुमोदन क� तार�ख से बीस �दन� क� अव�ध या ऐसी अन्य अव�ध के �लए नाम आर��त कर सकता
है ।

बशत� �क नाम द्वारा आर�ण के �लए आवेदन के मामले म� या मौजूदा कंपनी द्वारा नाम म�
प�रवतर्न से, रिजस्ट्रार द्वारा �त�थ से साठ �दन� क� अव�ध के �लए नाम का आर�ण कर सकता है ।

नाम आवं�टत करते समय, संबं�धत कंपनी रिजस्ट्रार को यह सु�निश्चत करने के �लए उ�चत
सावधानी बरतनी चा�हए �क नाम प्रतीक और नाम (अनु�चत उपयोग क� रोकथाम) अ�ध�नयम,
1950 के प्रावधान� का उल्लंघन नह�ं ह�। यह आवश्यक है �क रिजस्ट्रार पूर� तरह से उ�चत
अ�ध�नयम के प्रावधान� से प�र�चत हो सकते ह�। 14 22

कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के �नयम 9ए के तहत नाम के आर�ण के �वस्तार के �लए आवेदन
20 �दन� क� समािप्त से पहले �कया जा सकता है ;

`1000, के शल्
ु क के साथ अन्य 20 �दन (कुल 40 �दन) के �लए, िजसे `2000 के शुल्क के साथ
अगले 20 �दन (कुल 60 �दन) के �लए बढ़ाया जा सकता है ।

या

अन्य 40 �दन� के �लए (कुल 60 �दन) 3000 के शल्


ु क के साथ

आर��त नाम को रद्द करना [उपधारा 5]

य�द नाम को आर��त रखने के बाद यह पाया जाता है �क नाम के �लए आवेदन झूठ और गलत
सूचना के दा�खल करके प्राप्त �कया गया है , तब-

a. य�द कंपनी को �नग�मत नह�ं �कया गया है , तो आर��त नाम रद्द कर �दया जाएगा और िजस
व्यिक्त ने आवेदन �कया है वह एक दं ड के �लए उत्तरदायी होगा िजसे एक लाख रुपये तक हो
सकता है ;

b. य�द नाम म� कंपनी का �नगमन हो चक


ु ा है , तो रिजस्ट्रार कंपनी को सन
ु वाई का अवसर प्रदान
करने के बाद-

 कंपनी को सामान्य प्रस्ताव पा�रत करने के बाद 3 मह�ने क� अव�ध के भीतर अपना
नाम म� प�रवतर्न करने का �नद� श �दया जा सकता है ;

14
सामान्य प�रपत्र क्रमांक 29/2014, �दनांक 11th जुलाई, 2014

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2.34 कॉप�रे ट और अन्य कानून

 कंप�नय� के रिजस्टर से कंपनी का नाम हटाने के �लए कारर्वाई करना; या

 कंपनी को बंद करने के �लए या�चका दजर् कर सकते ह�।


उदाहरण : श्री अ�नल दे साई ने कंपनी के नाम के आर�ण के �लए एक उपसगर् "संवा�रया" के साथ
आवेदन �कया है । उन्ह�ने दावा �कया �क उपसगर् "सैनव�रया" उनके नाम पर पंजीकृत ट्रे डमाकर् है । बाद
म�, यह पाया गया �क उक्त उपसगर् श्री अ�नल दे साई के साथ पंजीकृत नह�ं है , हालाँ�क,उन्ह�ने कंपनी
के नाम को लागू करते समय गलत दस्तावेज/जानकार� दे कर कंपनी का गठन �कया है । ऐसे मामले
म�, रिजस्ट्रार द्वारा अ�ध�नयम के प्रावधान� के अनुसार करवाई क� जा सकती है ।

िस्थ�त खंड - धारा 4 (1) (बी)

धारा 4(1)(बी) के अनुसार, कंपनी के �ापन म� उस राज्य का नाम अं�कत होना चा�हए, जहां पंजीकृत
कायार्लय िस्थत होना प्रस्ता�वत है ।

पंजीकृत कायार्लय क� िस्थ�त (स्थान) �कस दृिष्ट से महत्वपण


ू र् है ;

a. अनप
ु ालन (आरओसी, आरडी आ�द), न्या�यक पहलओ
ु ं (एनसीएलट�, उच्च न्यायालय आ�द क�
पीठ), राजकोषीय पहलुओं (कराधान), और कई अन्य उद्देश्य� के संदभर् म� �ेत्रा�धकार �नधार्�रत
करने के उद्देश्य से कंपनी का अ�धवास स्था�पत करना।

b. वह स्थान जहां कंपनी क� वैधा�नक पस्


ु तक� आम तौर पर रखी जानी चा�हए (सावर्ज�नक कंपनी
के मामले म� , आम बैठक भी पंजीकृत कायार्लय या उस शहर म� आयोिजत क� जानी चा�हए
जहां यह िस्थत है )।

c. उस पते के रूप म� कायर् कर� िजस पर नो�टस और अन्य संचार भेजे जा सकते ह�।

एक कंपनी, उसके �नगमन के तीस �दन� के भीतर और उसके बाद हर समय, एक पंजीकृत कायार्लय
होगा जो सभी संचार और सच
ू ना प्राप्त करने और स्वीकार करने म� स�म हो, जैसा �क उसे संबो�धत
�कया जा सकता है ।

ऑब्जेक्ट क्लॉज और अल्ट्रा वायसर् का �सद्धांत

धारा 4(1)(सी) के �लए आवश्यक है �क कंपनी के �ापन म� उन उद्देश्य� का उल्लेख हो िजनके �लए
कंपनी को शा�मल करने का प्रस्ताव है और उसे आगे बढ़ाने के �लए आवश्यक समझे जाने वाले �कसी
भी मामले का उल्लेख होना चा�हए।

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.35

�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक कंपनी और आईएफएससी �नजी कंपनी एसईजेड �नयम, 2006 के
साथ प�ठत �वशेष आ�थर्क �ेत्र अ�ध�नयम, 2005 के तहत अनम
ु �त के अनस
ु ार �वत्तीय सेवा
ग�त�व�धय� को करने के �लए अपनी वस्तओ
ु ं को बताएगी और अंतरराष्ट्र�य स्तर पर संचा�लत करने
के �लए लाइस�स के अनुसार इसे आगे बढ़ाने के �लए आवश्यक समझे जाने वाले �कसी भी मामले
को बताएगी। �वत्तीय सेवा क�द्र एक अनुमो�दत बहु सेवा �वशेष आ�थर्क म� िस्थत है
ज़ोन RBI, SEBI, या IRDA द्वारा प्रदान �कया गया।

कोई कंपनी �ापन म� बताए गए अपने उद्देश्य� से परे या बाहर कुछ भी करने के �लए प्रस्थान नह�ं
कर सकती है और य�द उससे परे �कया गया कोई भी कायर् अ�धकारे तर और शून्य होगा, तो उसे
शेयरधारक� के पूरे �नकाय क� सहम�त से भी अनुमो�दत नह�ं �कया जा सकता है ।

�टप्प�णयाँ : �नदे शक� के अ�धकार से परे अ�ध�नयम� को कंपनी द्वारा अनम


ु ो�दत �कया जा सकता
है । 15 अनुच्छे द एमओए द्वारा स्था�पत दायरे के भीतर �व�नयम� का प्रावधान करते ह�, इस�लए
23

अनुच्छे द� से परे (अल्ट्रा-वायर) अ�ध�नयम� को शेयरधारक� द्वारा अनुमो�दत �कया जा सकता है


बशत� �क संबं�धत प्रावधान �ापन से परे न ह�। उदाहरण;दे कर स्पष्ट करने के �लए; �नदे शक� म� से
एक को `10000, का चेक जार� करने का अ�धकार है , ले�कन उसने `12000 का चेक जार� �कया;
कंपनी
ऐसा अनुसमथर्न कर सकते ह�।

यहां यह ध्यान दे ने योग्य है �क वस्तुओं के दायरे को व्यापक बनाने के �लए कंपनी के �ापन म�
बदलाव �कया जा सकता है , ले�कन इस तरह के बदलाव का केवल संभा�वत प्रभाव होगा; पव
ू व्र् यापी
नह�ं, इस�लए एक बार अल्ट्रा-वाइरस अ�ध�नयम हमेशा बना रहता है ।

एक कंपनी कुछ भी कर सकती है �न�दर् ष्ट उद्देश्य� के �लए आकिस्मक और प�रणामी है और ऐसा
कायर् एक अ�धकारातीत अ�ध�नयम नह�ं होगा।16 व्यापार के �लए उदाहरण के तौर पर �कसी के पास
एक इमारत �कराए पर है या उसका मा�लक है , चालान जार� करता है , भुगतान करता है और प्राप्त
करता है ।

अल्ट्रा वायसर् के �सद्धांत का सार

अल्ट्रा वायसर् का �सद्धांत कंपनी के शेयरधारक� और लेनदार� या कंपनी के साथ लेनदे न करने वाले
�कसी भी व्यिक्त क� सरु �ा के �लए है ।

15
राज�द्र नाथ दत्ता बनाम �शल�द्र नाथ मुखज�, (1982) 52 कॉम केस 293 (कैलोर�)
16 अटॉन�-जनरल बनाम ग्रेट ईस्टनर् रे लवे कंपनी (1880) 5 एसी 473

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2.36 कॉप�रे ट और अन्य कानून

अल्ट्रा वायसर् �सद्धांत का प्र�तपादन |

अ�धकार� से परे का �सद्धांत सबसे पहले हाउस ऑफ लॉड्र्स द्वारा एक क्ला�सक मामले म� प्र�तपा�दत
�कया गया था,
एशबर� रे लवे कै�रज एंड आयरन कंपनी �ल�मटे ड बनाम �रचे। 17 24

उक्त मामले म� कंपनी के �ापन ने इसके उद्देश्य� को इस प्रकार प�रभा�षत �कया: इस मामले म�
कंपनी के सीमा�नयम म� अपने उद्देश्य� को इस प्रकार प�रभा�षत �कया “उद्देश्य िजसके �लए कंपनी
स्था�पत क� गई है वह बनाना और �वक्रय उधर दे ना या �कराया दे ना, रे लवे संयत्र
ं यां�त्रक
इंजी�नयर�और समान ठे केदार� के व्यवसाय को जार� रखना है .......”।

कंपनी ने मेससर् के साथ एक अनुबध


ं �कया �रच, बेिल्जयम म� रे लवे लाइन के �नमार्ण का �वत्तपोषण
करने वाल� रे लवे ठे केदार� क� एक फमर् है । बाद म� कंपनी द्वारा अ�धकारातीत होने के आधार पर इस
अनुबंध को अस्वीकार करने पर, �रच ने अनुबंध के उल्लंघन के आधार पर हजार्ने का मामला दायर
�कया, जैसा �क उनके अनस
ु ार शब्द थे वस्तु खंड म� "सामान्य ठे केदार�" ने कंपनी को इस तरह के
अनुबंध म� प्रवेश करने क� शिक्त द� और इस�लए, यह कंपनी क� शिक्तय� के भीतर था। अ�धकतर
अंशधारक� के बहुमत से अनब
ु ंध क� पिु ष्ट क� गई थी।

हाउस ऑफ लॉड्र्स ने माना �क अनुबंध कंपनी के अ�धकार से बाहर था और इस�लए यह अशक्त और


शन्
ू य है । शब्द "सामान्य ठे केदार" को आमतौर पर ऐसे अनब
ु ंध� के �नमार्ण के रूप म� इं�गत करने के
�लए व्याख्या �कया गया था जो मैके�नकल इंजी�नयर� के व्यवसाय से जुड़े हुए ह�। कोटर् ने कहा �क
अगर कंपनी का हर शेयरधारक कमरे म� होता और कहता, "यह एक अनब
ु ध
ं है िजसे हम बनाना
चाहते ह�, िजसे हम �नदे शक� को बनाने के �लए अ�धकृत करते ह�", तब भी यह अल्ट्रा वायसर् होगा।
शेयरधारक इस तरह के अनुबध
ं क� पुिष्ट नह�ं कर सकते, क्य��क अनुबध
ं उद्देश्य खंड के �वपर�त था,
िजसे संसद के अ�ध�नयम द्वारा करने से प्र�त �नषेध �कया गया था।

अल्ट्रा वायसर् के �सद्धांत के प्रभाव

मुख्य प्रभाव इस प्रकार होगा;

a. जब भी कोई अ�धकारे तर कायर् �कया गया है या �कया जाने वाला है , तो कंपनी का कोई भी
सदस्य उसे आगे बढ़ने से रोकने के �लए �नषेधा�ा प्राप्त कर सकता है।18

b. कोई भी प� (यहां तक �क बाहर� व्यिक्त भी) ऐसे समझौते के प्रवतर्न या �व�शष्ट �नष्पादन
के �लए मक
ु दमा नह�ं कर सकता है । रचनात्मक सच
ू ना शीषर्क के अंतगर्त कारण बताया गया है

17
(1878) L.R. 7 H.L. 653

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.37

दा�यत्व खंड

धारा 4(1)(डी) के �लए आवश्यक है , कंपनी के �ापन म� कहा जाएगा;

a. अंश� द्वारा सी�मत कंपनी के मामले म� , सदस्य� का दा�यत्व उनके द्वारा धा�रत अंश� पर
बकाया रा�श, य�द कोई हो, तक सी�मत है तथा 18 25

b. गारं ट� द्वारा सी�मत कंपनी के मामले म� , ऐसी रा�श जो प्रत्येक सदस्य ने अंशदान के �लए
घो�षत क� हुई है -

 कंपनी के सदस्य होने पर या उसके सदस्य बनने के एक वषर् म� समाप्त होने क�


िस्थ�त म� कंपनी क� संपित्त के �लए कंपनी द्वारा दे नदा�रय� के भुगतान के �लए या
ऐसे ऋण और दे नदा�रय� के रूप म� सदस्य बनने से पहले हर िस्थ�त म� अनुबं�धत
�कया जा सकता है ; तथा

 समापन क� लागत, व्यय और शुल्क तथा


 अंशदाताओं के आपसी समायोजन के अ�धकार� के �लए;
�टप्प�णयाँ : वे शेयरधारक जो कंपनी के समापन के समय इसके सदस्य थे, उन्ह� सच
ू ी 'ए' म�
शा�मल �कया गया है । वे कंपनी के समापन के समय कंपनी को भुगतान करने के �लए मुख्य रूप
से उत्तरदायी ह�। जब�क सच
ू ी 'बी' म� वे व्यिक्त शा�मल ह� जो समापन क� तार�ख से पहले 12
मह�न� के दौरान कंपनी के सदस्य थे। य�द सच
ू ी 'ए' के योगदानकतार्ओं से प्राप्त रा�श कंपनी क�
दे नदा�रय� का �नवर्हन करने के �लए पयार्प्त नह�ं है , तो बी सूची के योगदानकतार् योगदान करने के
�लए उत्तरदायी ह�।

उदाहरण - मॉडनर् फ़�नर्चर �ल�मटे ड, शेयर� द्वारा सी�मत एक कंपनी िजसक� शेयर पंज
ू ी `10 अं�कत
मूल्य वाले शेयर� म� �वभािजत होती है , िजनम� से `8 मंगाए जाते ह�। श्री �संह, िजनके पास 200
शेयर ह�, ने प्रत्येक शेयर पर `8 का भुगतान �कया, जब�क सश्र
ु ी सरला के पास 100 शेयर ह�, उन्ह�ने
रुपये (2 रुपये अ�ग्रम) का भग
ु तान �कया; जब�क 250 शेयर� के मा�लक श्री संजू ने प्र�त शेयर `6
रुपये (प्र�त शेयर `2 बकाया) का भुगतान �कया। श्री �संह, सश्र
ु ी सरला और श्री संजू क� दे नदार�
अ�धकतम `400, शून्य और `1000 तक ह� होगी; क्रमश।

पूंजी खंड

धारा 4 (1) (ई) (आई) के �लए आवश्यक है , शेयर पूंजी वाल� कंपनी के मामले म� , कंपनी के �ापन
म� बताया जाएगा;

18
अटॉन�-जनरल बनाम ग्रेट ईस्टनर् रे लवे कंपनी (1880) 5 एसी 473

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2.38 कॉप�रे ट और अन्य कानून

a. शेयर पज
ंू ी क� वह रा�श िजसके साथ कंपनी को पंजीकृत �कया जाना है (आमतौर पर इसे
ूं ी कहा जाता है)); और
अ�धकृत या नाममात्र पज

b. एक �निश्चत रा�श के शेयर� म� उसका �वभाजन (उदाहरण अं�कत मूल्य और शेयर� क� संख्या);
और

c. शेयर� क� संख्या िजसे �ापन के ग्राहक सदस्यता लेने के �लए सहमत होते ह�, जो एक शेयर
से कम नह�ं होगी।

सदस्यता खंड

धारा 4 (1) (ई) (ii) के �लए आवश्यक है , �कसी कंपनी के �ापन म� शेयर पूंजी वाल� कंपनी के
मामले म� , �ापन के प्रत्येक ग्राहक द्वारा �लए जाने वाले शेयर� क� संख्या, उसके नाम के सामने
इं�गत क� जानी चा�हए।

नामांकन खंड (केवल एक व्यिक्त कंपनी के मामले म�)

धारा 4 (1) (एफ) के अनस


ु ार, कंपनी के �ापन म� उस व्यिक्त (नामां�कत व्यिक्त) का नाम बताया
जाएगा, जो ग्राहक क� मत्ृ यु क� िस्थ�त म�, एक के मामले म�, कंपनी का सदस्य बन जाएगा। व्यिक्त
कंपनी।

�टप्प�णयाँ : यह प्रावधान इस अध्याय म� पहले ह� चचार् क� गई धारा 3 (1) के पहले प्रावधान के


अनुरूप है ।

�ापन से संबं�धत प्रपत्र एवं अनुसच


ू ी [उपधारा 6]

�कसी कंपनी का �ापन अ�ध�नयम क� अनुसूची I म� ता�लका ए, बी, सी, डी और ई म� �न�दर् ष्ट
संबं�धत रूप� म� होगा, जैसा �क �चत्र म� �दखाया गया है ;

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.39

MOA के रूप

ता�लका ए शेयर� द्वारा


सी�मत कंपनी के
एसो�सएशन का �ापन

ता�लका ई एक असी�मत
ता�लका बी गारं ट� द्वारा
और शेयर पूंजी वाल� कंपनी
सी�मत और शेयर पूंजी न
का मेमोर� डम ऑफ
रखने वाल� कंपनी का
एसो�सएशन
एसो�सएशन का �ापन
MOA के रूप

ता�लका डी एक असी�मत ता�लका सी गारं ट� द्वारा


कंपनी का एसो�सएशन का सी�मत और शेयर पूंजी
�ापन और िजसके पास वाल� कंपनी का एसो�सएशन
शेयर पज
ंू ी नह�ं है

1. अ�ध�नयम क� धारा 399 के अनुसार, एक �ापन एक सावर्ज�नक दस्तावेज़ है । कंपनी के साथ


अनुबंध म� पप्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यिक्त को उसम� िस्थ�त शत� के �ान होने का अनुमान
लगाया जाता है ।

2. धारा 4 (7), के अनस


ु ार, गारं ट� द्वारा सी�मत और शेयर पज
ंू ी न रखने वाल� कंपनी के मामले
म�, �ापन या लेख� म� कोई प्रावधान �कसी व्यिक्त को सदस्य के रूप म� छोड़कर कंपनी के �वभाज्य
लाभ म� भाग लेने का अ�धकार नह�ं दे गा। य�द इसके �वपर�त �कया जाता है , तो यह शन्
ू य होगा।

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2.40 कॉप�रे ट और अन्य कानून

8. एसो�सएशन के लेख - एओए [धारा 5]


वास्तव, म� सा संस्था के अन्त�नयर्म� म� कंपनी के आतं�रक �नयम और कानून शा�मल ह�। यह
मेमोर� डम का परू क है और साथ म� कंपनी के चाटर् र के रूप म� प्रभाव डालता है । अनच्
ु छे द कंपनी और
सदस्य� के बीच और सदस्य� के बीच एक अनुबध
ं स्था�पत करता है । यह अनब
ु ंध कंपनी
19
म� 26

सदस्यता के �लए प्रासं�गक सामान्य अ�धकार� और दा�यत्व� को �नयं�त्रत करता है

कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 5 और कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 10 और 11


एसो�सएशन के लेख� क� सामग्री और मॉडल प्रदान करना चाहते ह�। प्रावधान नीचे �दए गए ह�;

शा�मल क� जाने वाल� सामग्री और मामले [उप-धारा 1 और 2]

�कसी कंपनी के लेख� म� शा�मल ह�गे;

a. कंपनी के प्रबंधन के �लए �नयम।

b. ऐसे मामले जो �नधार्�रत �कए जा सकते ह� (कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 11
अ�ध�नयम क� अनस
ु ूची I के तहत �दए गए मॉडल फॉमर् म� �न�दर् ष्ट मामल� को संद�भर्त करते
ह�)।

हालाँ�क, कंपनी ऐसे अ�त�तक्त मामले शा�मल कर सकती है जो उसके प्रबंध क� आवश्यक
पा�रत हो सकती है ।

प्रवेश के �लए प्रावधान [उपधारा 3 से 5]

फंसाव एक दृिष्टकोण, आदत या �वश्वास का पुराना या गहरा तथ्य है जो दृढ़ता से स्था�पत या आद�
है , इस�लए इसे बदलना मुिश्कल या असंभव हो जाता है। उदाहरण के �लए - पुरुष रोते नह�ं ह�

प्र�क्रयाओं के साथ-साथ प्र�क्रयाओं के �लए दोन� तरह से प्रवेश संभव हो सकता है ; प्र�क्रयाएँ इतनी
अच्छ� तरह स्था�पत हो चक
ु � ह� �क उन्ह� बदलना या प्र�क्रया बनाना क�ठन हो जाता है

प�रवतर्न इतना कठोर है �क प्र�क्रया अच्छ� तरह से स्था�पत हो गई है ।

�वद्या�थर्य�, यहां हम सुर�ा को बढ़ाने के �लए लेख� म� प�रवतर्न क� प्र�क्रया को और अ�धक क�ठन
बनाने के अथर् के साथ एनट्र� चम�ट शब्द का अध्ययन कर रहे ह�।

19
नरे श चंद्र सान्याल बनाम कलकत्ता स्टॉक एक्सच� ज एसो�सएशन �ल�मटे ड एआईआर 1971 एससी 422

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.41

आम तौर पर एसो�सएशन के एक लेख को �वशेष प्रस्ताव पा�रत करके बदला जा सकता है , ले�कन
आगे बताए गए तर�के से लेख� को बदलना अ�धक क�ठन हो जाता है ;

अनुच्छे द म� फंसाने के प्रावधान हो सकते ह� [उपधारा 3]

लेख यह प्रदान कर सकते ह� �क इसम� �न�हत �न�दर् ष्ट प्रावधान� को केवल तभी बदला जा सकता है
जब �वशेष संकल्प के मामले म� लागू होने वाल� शत� क� तल
ु ना म� अ�धक प्र�तबंधात्मक और क�ठन
शत� को परू ा �कया जाता है या उनका अनप
ु ालन �कया जाता है ।

प्रवेश प्रावधान को शा�मल करने का तर�का [उपधारा 4]

फ़्र�चम�ट के प्रावधान केवल या तो �कए जाएंगे:

a. �कसी कंपनी के गठन पर, या

b. लेख� म� एक संशोधन द्वारा सहम�त व्यक्त क� गई

 �नजी कंपनी के मामले म� कंपनी के सभी सदस्य� द्वारा और

 �कसी सावर्ज�नक कंपनी के मामले म� एक �वशेष संकल्प द्वारा।

धारा 5(4) का सारांश

गठन पर

प्रवेश का समय
�नजी कंपनी - सभी सदस्य

अिस्तत्व म�
आने के बाद
सावर्ज�नक कंपनी - �वशेष संकल्प

एंट्र�चम�ट प्रावधान के रिजस्ट्रार को नो�टस [कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 10 के �नयम
10 के साथ पढ़� जाने वाल� उपधारा 5]

कंपनी लेख म� शा�मल प्रवेश प्रावधान� के बारे म� रिजस्ट्रार को नो�टस दे गी

a. एसपीआईसीई+(इलेक्ट्रॉ�नक रूप से कंपनी को शा�मल करने के �लए सरल�कृत प्रोफामार् प्लस)


म� : एनआईसी-32), कंपनी के �नगमन के समय कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम,
2014 म� प्रदान क� गई फ�स के साथ, और

b. मौजद
ू ा कंप�नय� के मामले म� , कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014 म� �दए
गए शल्
ु क के साथ, सामान जमा होने क� तार�ख से तीस �दन� के भीतर फॉमर् संख्या एमजीट�

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2.42 कॉप�रे ट और अन्य कानून

-14 म� जमा कर� ।

धारा 5(5) और �नयम 10 का सारांश


अिस्तत्व म� आने के बाद तीस �दन� के भीतर फॉमर् नंबर एमजीट�-14

लेख� के मॉडल प्रारूप [उपधारा 6 से 8]

उप-धारा 6 म� प्रावधान है �क �कसी कंपनी के लेख अ�ध�नयम क� अनस


ु ूची I म� ता�लकाओं, एफ, जी,
एच, आई और जे म� �न�दर् ष्ट संबं�धत रूप� म� ह�गे जैसा �क आंकड़े म� �न�दर् ष्ट है । ऐसे प्रपत्र� को
मॉडल प्रपत्र कहा जाता है .

इसके अलावा, उप-धारा 7 कंपनी को ऐसी कंपनी पर लागू मॉडल लेख� म� �न�हत सभी या �कसी भी
�नयम को अपनाने क� छूट प्रदान करती है ।

AOA के रूप

ता�लका F

गारं ट� द्वारा सी�मत और


अंशपज
ूं ी वाल� कंपनी के
पाषर्द सीमा�नयम

ता�लका J ता�लका G
असी�मत और �बना गारं ट� द्वारा सी�मत और
अंशपज
ूं ी वाल� कंपनी के अंशपज ूं ी वाल� कंपनी के
पाषर्द अन्त�नयर्म पाषर्द सीमा�नयम

एओए के मॉडल रूप

ता�लका I ता�लका - H

एक असी�मत कंपनी के गारं ट� द्वारा सी�मत और


एसो�सएशन के लेख और अंशपज
ंू ी वाल� कंपनी के
शेयर पज
ंू ी पाषर्द सीमा�नयम

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.43

छात्र� को नोट करने क� सलाह द� जाती है :

उपधारा 8 म� उपबंध है �क �कसी ऐसी कंपनी के मामले म� , जो इस अ�ध�नयम के प्रारं भ होने के


पश्चात ् पंजीकृत हो, जहां तक ऐसी कंपनी के पंजीकृत लेख ऐसे कंपनी पर लागू होने वाले आदशर्
लेख� म� �न�हत �नयम� को ब�हष्कृत या संशो�धत नह�ं करते ह�, वे �नयम, जहां तक लागू हो, उसी
प्रकार और उस सीमा तक उस कंपनी के �नयम ह�गे, जैसे �क वे कंपनी के �व�धवत पंजीकृत लेख�
म� �न�हत थे। – या तो स्पष्ट रूप से ब�हष्कृत कर� या संशो�धत कर� या �फर कंपनी के �लए लागू
मॉडल म� जो कहा गया है उसे लागू कर� ।

उप-धारा 9 इस अ�ध�नयम के तहत पंजीकृत या संशो�धत लेख� के �लए अनुभाग के दायरे को


प्र�तबं�धत करती है - इस�लए इस अनुभाग का कोई प्रावधान (धारा 5) �पछले कंपनी कानून के तहत
पंजीकृत लेख� पर लागू नह�ं होगा; इस अ�ध�नयम के तहत संशोधन नह�ं �कया गया है ।

�चत्रण - प्रश्न और उत्तर

प्रश्न – एमओए और एओए के बीच अंतर पर प्रकाश डाल�

उत्तर - एमओए और एओए के बीच मुख्य अंतर शा�मल ह�;

1. सामग्री - �ापन म� �नगमन के आधार के रूप म� मूलभत


ू शत� शा�मल ह�। यह उन मापदं ड� को
�नधार्�रत करता है जो बाहर� लोग� के साथ कंपनी के संबध
ं को प�रभा�षत करते ह�। लेख� म� कंपनी
के आंत�रक �नयम शा�मल ह�; इस�लए कंपनी और सदस्य� और सदस्य� के बीच संबंध� को
�व�नय�मत कर� ।

2. सव�च्चता - �ापन म� कोई भी ऐसा खंड शा�मल नह�ं �कया जा सकता जो कानून के प्रावधान�
के �वपर�त हो, जब�क लेख कानून और �ापन दोन� के अधीन ह�गे। इस�लए, दोन� के बीच संघषर्
क� िस्थ�त म� , एमओए मान्य होगा।

3. दायरा -�ापन उस दायरे को �नधार्�रत करता है िजसके आगे कंपनी क� ग�त�व�धयाँ नह�ं जा
सकतीं। कंपनी द्वारा �ापन के दायरे से बाहर �कए गए कायर् अल्ट्रावायसर् और शून्य ह�। इन्ह� सभी
शेयरधारक� द्वारा भी अनुमो�दत नह�ं �कया जा सकता है । लेख एमओए द्वारा स्था�पत दायरे के
भीतर �नयम� का प्रावधान करते ह�, इस�लए लेख� से परे कृत्य� को शेयरधारक� द्वारा अनम
ु ो�दत
�कया जा सकता है , बशत� �क प्रासं�गक प्रावधान �ापन से परे न ह�।

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2.44 कॉप�रे ट और अन्य कानून

9. रचनात्मक सच
ू ना का �सद्धांत और आंत�रक प्रबंधन का
�सद्धांत
दोन� �सद्धांत एक-दस
ू रे पर प्र�तकूल प्रभाव डालते ह�, रचनात्मक नो�टस का �सद्धांत बाहर� व्यिक्त पर
एमओए और एओए म� कह� गई बात� से अवगत होने का दा�यत्व डालता है ; जब�क आंत�रक प्रबंधन
का �सद्धांत ऐसे बाहर� व्यिक्त को आंत�रक अ�नय�मतताओं से बचाता है ।

रचनात्मक सच
ू ना का �सद्धांत

रचनात्मक सच
ू ना के �सद्धांत का सार

कंपनी के साथ काम करने वाले सभी लोग� को इसके एमओए और एओए म� जो कहा गया है , उसके
सह� प�रप्रे�य म� पता होना चा�हए, क्य��क ये दोन� दस्तावेज़ सावर्ज�नक दस्तावेज़ ह�।

धारा 399* म� प्रावधान है �क कंपनी रिजस्ट्रार के साथ पंजीकृत होने पर �ापन और लेख
'सावर्ज�नक दस्तावेज बन जाते ह�' और �फर �नधार्�रत शल्
ु क के भुगतान पर इलेक्ट्रॉ�नक माध्यम से
�कसी के द्वारा उनका �नर��ण �कया जा सकता है ।

इसके अलावा, धारा 17 म� यह प्रावधान �कया गया है �क एक कंपनी �नधार्�रत शल्


ु क के भुगतान
पर �कसी सदस्य को उसके द्वारा �ापन के अनुरोध �कए जाने के सात �दन� के भीतर
�नम्न�ल�खत दस्तावेज� म� से प्रत्येक क� एक प्र�त भेजग
े ी;

a. लेख;

b. धारा 117 क� उपधारा (1) म� �न�दर् ष्ट प्रत्येक समझौता और प्रत्येक संकल्प, य�द और जहां
तक वे �ापन और लेख� म� शा�मल नह�ं �कए गए ह�।

�कसी भी �वफलता के �लए कंपनी के साथ-साथ प्रत्येक �डफ़ॉल्ट अ�धकार� को प्रत्येक �दन के �लए
एक हजार रुपये का जम
ु ार्ना दे ना होगा, िजसके दौरान �डफ़ॉल्ट जार� रहता है या एक लाख रुपये जो
भी कम हो।

*धारा 399 पाठ्यक्रम का �हस्सा नह�ं है , ले�कन समझ �वक�सत करने के �लए आवश्यक है।

रचनात्मक सूचना के �सद्धांत का प्र�तपादन

रचनात्मक नो�टस का �सद्धांत अन�स्ट बनाम �नकोल्स म� �नधार्�रत �नयम पर आधा�रत है। 20 यह 27

20
(1857) 6 एचएल कैस 401

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.45

पहल� बार आयोिजत �कया गया था �क कोई भी व्यिक्त जो कंपनी के साथ काम कर रहा है , उसे
कंपनी के सभी सावर्ज�नक दस्तावेज� क� सामग्री से प�र�चत माना जाएगा।""प्रत्येक कंपनी का �ापन
और एसो�सएशन के लेख कंपनी रिजस्ट्रार के पास पंजीकृत होते ह�। रिजस्ट्रार का कायार्लय एक
सावर्ज�नक कायार्लय है । इस�लए, �ापन और एसो�सएशन के लेख सावर्ज�नक दस्तावेज़ बन जाते ह�।
इस�लए �कसी कंपनी के साथ काम करने वाले व्यिक्त का यह कतर्व्य है �क वह उसके सावर्ज�नक
दस्तावेज� का �नर��ण करे और स�ु निश्चत करे �क उसका अनब
ु ध
ं उनके प्रावधान� के अनरू
ु प है ।

जैसा �क लॉडर् है दरल� ने कहा था �क चाहे कोई व्यिक्त वास्तव म� उन्ह� पढ़ता है या नह�ं, उसे उसी
िस्थ�त म� रहना है जैसे �क उसने उन्ह� पढ़ा हो।

रचनात्मक सूचना के �सद्धांत का प्रभाव

यह माना जाएगा �क प्रत्येक व्यिक्त (कंपनी के साथ काम करने वाला) दस्तावेज� क� सामग्री को
जानता है और उन्ह� उनके वास्त�वक प�रप्रे�य म� समझता है ।

एमओए और एओए क� अ�धसच


ू ना का अभाव बाहर� लोग� के �लए राहत का दावा करने का बहाना
नह�ं हो सकता है । 21 भले ह� कंपनी के साथ व्यवहार करने वाल� पाट� को इन दस्तावेज� क� सामग्री
28

क� वास्त�वक अ�धसच
ू ना नह�ं है , यह माना जाता है �क उसके पास इन दस्तावेज� क� एक �न�हत
(रचनात्मक) अ�धसूचना है ।

उदाहरण - मॉडनर् फ़�नर्चर �ल�मटे ड के लेख� म� से एक म� प्रावधान है �क `1 लाख से नीचे के चेक


पर एकल �नदे शक द्वारा हस्ता�र �कए जा सकते ह�, ले�कन य�द `1 लाख से ऊपर है तो कम से
कम दो �नदे शक� द्वारा हस्ता�र �कए जाएंगे। इसी तरह के �नद� श उन ब�क� को भी जार� �कए गए ह�
िजनम� एमएफएल का खाता है । मेससर् सागवान वुड वक्सर्, एक �वक्रेता `2.20 लाख का चेक स्वीकार
करता है , िजस पर केवल एक �नदे शक द्वारा हस्ता�र �कया गया है।
रचनात्मक सच
ू ना के �सद्धांत को ध्यान म� रखते हुए, मेससर् सागवान वुड वक्सर् (भुगतानकतार्) को दावा
करने का कोई अ�धकार नह�ं है , जब चेक ब�क द्वारा भुगतान के �बना वापस कर �दया जाएगा।

रचनात्मक सच
ू ना के �सद्धांत क� आलोचना

'रचनात्मक सच
ू ना का �सद्धांत' एक अवास्त�वक �सद्धांत है । लोग �कसी कंपनी को उसके दस्तावेज़� से
नह�ं, बिल्क उसके अ�धका�रय� से जानते ह�। चँ �ू क यह व्यावसा�यक जीवन क� वास्त�वकताओं पर
ध्यान नह�ं दे ता है , इस�लए व्यावसा�यक लेनदे न के �लए असु�वधाजनक होता है ।

21
कोटला व�कटस्वामी बनाम �चंता राममू�तर्। एआईआर (1934) मैड 579

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2.46 कॉप�रे ट और अन्य कानून

उदाहरण के �लए, जहां कंपनी के �नदे शक� या अन्य अ�धका�रय� को शेयरधारक� के कुछ पूवर्
अनुमोदन या प्र�तबंध� के अधीन कुछ शिक्तय� का प्रयोग करने के �लए लेख� के तहत अ�धकार �दया
गया था, वहां बाहर� व्यिक्त के �लए यह पता लगाना मुिश्कल है �क �कसी �वशेष अ�धकार� द्वारा
अपनी शिक्तय� का प्रयोग करने से पहले आवश्यक प्र�तबंध और अनम
ु ोदन प्राप्त �कए गए ह� या
नह�ं।

इस�लए, ऐसी िस्थ�त को कम करने के �लए, कंपनी के साथ काम करने वाले यह मान सकते ह� �क
य�द �नदे शक या अन्य अ�धकार� उन लेनदे न म� प्रवेश कर रहे ह�, तो उन्ह�ने आवश्यक मंजरू � प्राप्त
कर ल� होगी। इसे ‘इनडोर प्रबंधन के �सद्धांत’ या Tटक्वा�ड के �नयम के रूप म� जाना जाता है , और
यह रचनात्मक नो�टस के अपवाद के रूप म� कायर् करता है ।

यूरोप समद
ु ाय अ�ध�नयम, 1972 ने अपनी धारा 9 के प्रभाव से इस �सद्धांत को �नरस्त कर �दया है ।
यहां तक �क भारत म� भी कलकत्ता उच्च न्यायालय 22 ने एक ऐसी सरु �ा लागू क� िजस पर कंपनी
29

के लेख� के अनुसार हस्ता�र नह�ं �कए गए थे।

आतं�रक प्रबंधन का �सद्धांत

इनडोर प्रबंधन के �सद्धांत का सार

जो लोग कंपनी के साथ काम कर रहे ह�, वे यह मानने के हकदार ह� �क आंत�रक कायर्वाह� और
आवश्यकताओं को �व�धवत परू ा �कया गया है ।

इनडोर प्रबंधन के �सद्धांत का प्र�तपादन

इनडोर प्रबंधन का �सद्धांत सबसे पहले रॉयल �ब्र�टश ब�क बनाम टक्वा�ड 23 के मामले म� �नधार्�रत
30

�कया गया था

�कसी कंपनी के �नदे शक� को बांड पर इतनी धनरा�श उधार लेने के �लए लेख� द्वारा अ�धकृत �कया
गया था, िजसे समय-समय पर, सामान्य बैठक म� कंपनी के एक प्रस्ताव द्वारा, उधार लेने के �लए
अ�धकृत �कया जाना चा�हए। �नदे शक� ने ऐसे �कसी भी संकल्प के अ�धकार के �बना टक्वा�ड को एक
बांड �दया। सवाल उठा �क क्या कंपनी बांड पर उत्तरदायी थी। माना गया, कंपनी बांड पर उत्तरदायी
थी, क्य��क टरक्वांड यह मानने का हकदार था �क कंपनी का प्रस्ताव आम बैठक म� पा�रत हो गया
था।

22
चानॉर्क को�लयर�ज कंपनी �ल�मटे ड बनाम भोलानाथ धार। आईएलआर (1912) 39 कैल 810।
23
(1856) 6 ई एवं बी 327

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.47

इनडोर प्रबंधन के �सद्धांत का औ�चत्य

�कसी कंपनी म� आंत�रक क्या होता है यह सावर्ज�नक �ान का �वषय नह�ं है । एक बाहर� व्यिक्त
केवल कंपनी के इराद� का अनम
ु ान लगा सकता है , ले�कन उस जानकार� को नह�ं जानता िजसके बारे
म� उसे जानकार� नह�ं है ।

य�द �सद्धांत के �लए नह�ं, तो कंपनी अपनी ओर से कायर् करने के �लए अ�धका�रय� के अ�धकार से
इनकार करके लेनदार� से बच सकती है ।

इनडोर प्रबंधन के �सद्धांत के अपवाद

�नम्न�ल�खत प�रिस्थ�तय� म� कंपनी के साथ काम करने वाले �कसी बाहर� व्यिक्त द्वारा 'इनडोर
प्रबंधन' के आधार पर राहत का दावा नह�ं �कया जा सकता है ;

a. अ�नय�मतता का �ान - य�द इस 'बाहर� व्यिक्त' को कंपनी के भीतर अ�नय�मतता का


वास्त�वक �ान है , तो इनडोर प्रबंधन के �नयम के तहत लाभ अब उपलब्ध नह�ं होगा। वास्तव
म� , उसे अ�नय�मतता का �हस्सा ह� माना जाएगा।

b. लापरवाह�: य�द न्युन्तमन प्रयास के साथ, �कसी कंपनी के भीतर अ�नय�ममताओं क� खोज क�
जा सकती है , तो आतं�रक प्रबन्ध के �नयम का लाभ लागू नह�ं होगा। �नयम क� सरु �ा भी
उपलब्ध नह�ं है जहाँ प�रिस्थ�त कंपनी उ�चत जांच नह�ं करती है ।

c. जालसाजी: �नयम लागू नह�ं होता है जहाँ कोई व्यिक्त �कसी ऐसे दस्तावेज़ पर �नभर्र करता है
जो जाल� हो जाता है क्य��क कुछ भी जालसाजी को मान्य नह�ं कर सकता है । एक कंपनी को
अपने अ�धका�रय� द्वारा क� गई जालसाजी के �लए कभी भी बाध्य नह�ं �कया जा सकता है।

d. जहां सवाल �कसी एज�सी के अिस्तत्व को लेकर है।

e. जहां कंपनी को �कसी �वशेष शिक्त का प्रयोग करने से पहले एक पव


ू र् शतर् को परू ा करना
आवश्यक है । दस
ू रे शब्द� म�, �कया गया कृत्य न केवल �नदे शक�/अ�धका�रय� के अ�धकार �ेत्र
से बाहर है , बिल्क कंपनी के अ�धकार �ेत्र के अ�धकार �ेत्र से बाहर है ।

उदाहरण

आंत�रक प्रबंधन का �सद्धांत रचनात्मक सूचना का �सद्धांत माना जाता है ।

a. अपवाद

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2.48 कॉप�रे ट और अन्य कानून

b. �वस्तार

c. �वकल्प

d. संबं�धत नह�ं

उत्तर – a. अपवाद

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.49

10. �ापन, अनुच्छे द आ�द को खत्म करने के �लए अ�ध�नयम


[धारा 6]
इस अ�ध�नयम के प्रावधान� का इसम� �न�हत प्रावधान� पर अ�धभावी प्रभाव होगा;

a. कंपनी का �ापन; या

b. कंपनी के लेख; या

c. इसके द्वारा �नष्पा�दत कोई भी समझौता; या

d. कंपनी द्वारा आम बैठक म� या उसके �नदे शक मंडल द्वारा पा�रत कोई भी प्रस्ताव

क्या इसे इस अ�ध�नयम के प्रारं भ होने से पहले या बाद म� , जैसा भी मामला हो, पंजीकृत, �नष्पा�दत
या पा�रत �कया गया हो

�ापन, लेख, समझौते या संकल्प म� शा�मल कोई भी प्रावधान, अ�ध�नयम के प्रावधान� के �वरोध क�
सीमा तक; शून्य हो जाएगा।

उदाहरण - धारा 123 घो�षत करती है �क �कसी कंपनी द्वारा लाभ के अलावा कोई लाभांश
नह�ं �दया जाएगा। इस धारा के बल को एसो�सएशन के लेख� म� �कसी भी प्रावधान द्वारा
समाप्त नह�ं �कया जा सकता है , क्य��क लेख �कसी ऐसी चीज़ को मंजूर� नह�ं दे सकते ह�
जो अ�ध�नयम द्वारा �न�षद्ध है ।"�फर भी यह प्रयास �कया जाए तो वह शून्य हो जाएगा।

�टप्प�णयाँ : यह खंड बचत खंड उदाहरण "अन्यथा सहे ज� ।।।" से शरू


ु होता है , इसका मतलब है �क
य�द अ�ध�नयम का कोई अन्य खंड कहता है �क �ापन, लेख, समझौते या संकल्प म� �न�हत
प्रावधान बेहतर ह� तो हम उसके अनुसार व्यवहार कर� गे।

उदाहरण - अ�ध�नयम क� धारा 47 सदस्य� क� मतदान शिक्त से संबं�धत है । 5 जून, 2015 क� एक


अ�धसच
ू ना म� कहा गया है �क धारा 47 एक �नजी कंपनी पर उसके आ�टर्कल ऑफ एसो�सएशन
(एओए) के अधीन लागू होती है । अब य�द �कसी �नजी कंपनी का एओए कहता है �क उस पर धारा
47 लागू नह�ं होती है , तो इस मामले म� एओए श्रेष्ठ हो जाएगा और अ�ध�नयम क� धारा 47 लागू
नह�ं होगी।

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2.50 कॉप�रे ट और अन्य कानून

11. �ापन और लेख� का प्रभाव [धारा 10]


उपधारा 1 से धारा 10 का उद्देश्य �ापन और अनुच्छे द� को सं�वदात्मक बल प्रदान करना है । यह
प्रदान करता है , जब �ापन और लेख पंजीकृत हुए; यह सदस्य� को कंपनी से बांध दे गा;

a. कंपनी के सदस्य;

b. सदस्य� को कंपनी;

c. सदस्य� से सदस्य� तक;

हस्ता�रकतार् के रूप म� �ापन और लेख� के सभी प्रावधान� का पालन करना।

उदाहरण (कंपनी के सदस्य)

स्ट�ल ब्रदसर् एंड कंपनी �ल�मटे ड के एसो�सएशन के लेख� म� इस आशय के खंड शा�मल थे �क �कसी
सदस्य के �दवा�लया होने पर उसके शेयर �कसी व्यिक्त को और �नदे शक� द्वारा तय क�मत पर बेचे
जाएंगे। एक शेयरधारक बोल�ड को �दवा�लया घो�षत कर �दया गया। �दवा�लयापन म� उनके ट्रस्ट� ने
दावा �कया �क वह (बोल�ड) इन प्रावधान� से बंधे नह�ं थे और उन्ह� शेयर� को उनके वास्त�वक मल्
ू य
पर बेचने के �लए स्वतंत्र होना चा�हए। ले�कन यह माना गया �क एसो�सएशन के लेख� म� शा�मल
अनुबंध शेयर� क� मूल घटनाओं म� से एक है । उन �नयम� और शत� पर शेयर खर�दे गए ह�, यह
कहना असंभव है �क उन �नयम� और शत� का पालन नह�ं �कया जाना चा�हए। 24 31

उदाहरण (सदस्य को कंपनी)

ओडेसा वाटरवक्सर् कंपनी के लेख� म� प्रावधान है �क "�नदे शक, सामान्य बैठक म� कंपनी क� मंजरू � के
साथ, सदस्य� को भुगतान �कए जाने वाले लाभांश क� घोषणा कर सकते ह�"। शेयरधारक� को नकद
लाभांश दे ने के बजाय उन्ह� �डब�चर बांड दे ने का प्रस्ताव पा�रत �कया गया। सदस्य श्री वुड द्वारा
�नदे शक� को प्रस्ताव पर कारर्वाई करने से रोकने क� कारर्वाई म� , यह माना गया �क "सवाल यह है �क
क्या वतर्मान मामले म� जो �कया जाना प्रस्ता�वत है वह कंपनी के एसो�सएशन के लेख� के अनुसार
है । उन लेख� म� यह प्रावधान है �क �नदे शक, एक सामान्य बैठक क� मंजरू � के साथ, शेयरधारक� को
भुगतान �कए जाने वाले लाभांश क� घोषणा कर सकते ह�। प्रथम दृष्टया इसका मतलब नकद भुगतान
करना है . जार� �कए जाने वाले प्रस्ता�वत �डब�चर बांड नकद." 25 म� भग
ु तान नह�ं ह�
32

24
बोल�ड के ट्रस्ट� बनाम स्ट�ल ब्रदसर् एंड कंपनी �ल�मटे ड (1901) 1 अध्याय 279
25
वुड बनाम ओडेसा वॉटरवक्सर् कंपनी (1889) 42सीएच डी 636

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.51

उदाहरण (सदस्य से सदस्य)

�मस्टर रे फ़�ल्ड एक कंपनी म� शेयरधारक थे। कंपनी के लेख� के खंड 11 म� उन्ह� कंपनी म� अपने
शेयर� को स्थानांत�रत करने के अपने इरादे के बारे म� �नदे शक� को सू�चत करने क� आवश्यकता थी
और इसम� यह प्रावधान था �क �नदे शक उ�चत मूल्य पर उनके बीच समान रूप से उक्त शेयर ल�गे।
इस प्रावधान के अनस
ु ार श्री रे फ�ल्ड ने �नदे शक� (जो सदस्य भी ह�) को स�ू चत �कया, िजन्ह�ने तकर्
�दया �क वे शेयर लेने और उनके �लए भग
ु तान करने के �लए बाध्य नह�ं थे।"उन्ह�ने कहा, �नदे शक के
रूप म� लेख उन पर इस तरह का दा�यत्व नह�ं थोप सकते। अदालत ने उन �नदे शक� को सदस्य
मानकर उनक� दल�ल खा�रज कर द�। तदनुसार, �नदे शक� (सदस्य होने के नाते) को श्री रे फ�ल्ड के
शेयर� को उ�चत मूल्य पर लेने के �लए मजबूर �कया गया। 26 33F

छात्र� को नोट करने क� सलाह द� जाती है ;

1. अनुच्छे द सदस्य� को कंपनी से और कंपनी को सदस्य� से बांधते ह�। ले�कन उनम� से कोई भी
लेख� को प्रभावी बनाने के �लए �कसी बाहर� व्यिक्त से बाध्य नह�ं है। "कोई भी अनुच्छे द कंपनी
और �कसी तीसरे व्यिक्त के बीच अनब
ु ध
ं नह�ं बन सकता."

उदाहरण - एक कंपनी, ला �त्र�नदाद के एसो�सएशन के लेख� म� इस आशय का एक खंड था �क


ब्राउन को �नदे शक होना चा�हए और 1888 के बाद तक हटाया नह�ं जाना चा�हए। हालाँ�क, उन्ह�
पहले ह� हटा �दया गया था और कंपनी को उन्ह� बाहर करने से रोकने के �लए एक कारर्वाई क� गई
थी। यह माना गया �क ब्राउन और कंपनी के बीच कोई अनब
ु ंध नह�ं था। कोई भी बाहर� व्यिक्त
कंपनी के �वरुद्ध लेख लागू नह�ं कर सकता, भले ह� वे उसे कुछ अ�धकार दे ने का इरादा रखते ह�। 27
34

2. इसके अलावा उपधारा 2 से धारा 10 म� प्रावधान है , �ापन या लेख� के तहत कंपनी को �कसी
भी सदस्य द्वारा दे य सभी धनरा�श, कंपनी के �लए उसका दे य ऋण होगा।

[उदाहरण के �लए, एक कंपनी ऋण क� वसल


ू � के रूप म� बलपव
ू क
र् एक सदस्य से या�चकाओं क�
वसूल� कर सकती है ।]

26
रे फ�ल्ड बनाम ह�ड्स (1958) 2 डब्लूएलआर 851
27
ब्राउन बनाम ला �त्र�नदाद (1887)37 अध्याय 1

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2.52 कॉप�रे ट और अन्य कानून

12. �ापन म� प�रवतर्न [धारा 13]


�ापन म� प�रवतर्न क� प्र�क्रया:

प�रवतर्न म� प�रवधर्न, लोप और प्र�तस्थापन शा�मल ह�। कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 29
से 32 के साथ अ�ध�नयम क� धारा 13 ऐसे प्रावधान प्रदान करती है जो �ापन के प�रवतर्न से
संबं�धत ह�, िजनका �ववरण नीचे �दया गया है ;

�वशेष संकल्प द्वारा प�रवतर्न [उपधारा 1]

कंपनी �वशेष संकल्प द्वारा सदस्य� के अनुमोदन से अपने सीमा�नयम के प्रावधान� म� प�रवतर्न कर
सकती है । इसके अलावा, धारा 13(6) (ए) के अनुसार कंपनी रिजस्ट्रार के पास ऐसा �वशेष प्रस्ताव
दा�खल करे गी।

कंपनी का नाम प�रवतर्न [उपधारा 2 और 3]

उप-धारा 1 के अनस
ु ार, �कसी कंपनी के नाम म� कोई भी प�रवतर्न केवल क�द्र सरकार (क�द्र सरकार
द्वारा आरओसी को स�पी गई शिक्त) 28 के अनुमोदन से शुल्क के साथ फॉमर् नंबर आईएनसी-24 म�
35

�ल�खत रूप म� �कया जाएगा।

हालाँ�क,जहाँ कंपनी के नाम म� प�रवतर्न केवल "�नजी" शब्द का जोड़/हटाना है , अ�ध�नयम के


प्रावधान� के अनुसार कंप�नय� के �कसी एक वगर् को दस
ू रे वगर् म� बदलने पर ऐसी कोई स्वीकृ�त
आवश्यक नह�ं होगी।

िजसने रिजस्ट्रार के पास दजर् होने के कारण वा�षर्क �रटनर् या �वत्तीय �ववरण दजर् नह�ं �कया है जो
प�रपक्व जमा या ऋणपत्र तथा उस पर ब्याज का भग
ु तान करने या चक
ु ाने म� �वफल रह� है उस
कंपनी को नाम बदलने क� अनुम�त नह�ं द� जाएगी। एक बार आवश्यक दस्तावेज भरने या भुगतान
या पन
ु भग
ुर् तान हो जाने के बाद प�रवतर्न क� अनम
ु �त द� जाएगी।

उप-धारा 6 से धारा 13 के खंड (बी) के अनस


ु ार, क�द्र सरकार से अनुमोदन, कंपनी द्वारा रिजस्ट्रार के
पास दा�खल �कया जाएगा। प्रावधान का व्यावहा�रक महत्व कम हो गया है क्य��क क�द्र सरकार क�
शिक्त पहले से ह� आरओसी को स�पी गई है ।

इसके अलावा, उपधारा 2 के अनस


ु ार, �कसी कंपनी के नाम म� �कसी भी बदलाव पर, रिजस्ट्रार कंपनी
के रिजस्टर म� पुराने नाम के स्थान पर नया नाम दजर् करे गा और फॉमर् नंबर एनआईसी म� �नगमन

28
एसओ 1353(ई), �दनांक 21मई, 2014

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.53

का एक नया प्रमाण पत्र जार� करे गा। 25 नए नाम के साथ और नाम म� प�रवतर्न केवल ऐसे
प्रमाणपत्र के जार� होने पर ह� पूणर् और प्रभावी होगा।

उदाहरण – टाटा स्काई �ल�मटे ड ने अपना नाम बदलकर टाटा प्ले �ल�मटे ड (सीआईएन
U92120MH2001PLC130365) कर �लया।

औद्यो�गक अंतदृर्िष्ट

24 अगस्त, 1910 को भारत म� इंपी�रयल टोबैको कंपनी ऑफ इं�डया �ल�मटे ड के नाम से एक


कंपनी पंजीकृत क� गई थी। जैसे-जैसे कंपनी का स्वा�मत्व उत्तरोत्तर बढ़ता गया

भारतीयकरण के बाद कंपनी का नाम 1970 म� इं�डया टोबैको कंपनी �ल�मटे ड और �फर 1974 म�.
कर �दया गया। व्यवसाय� क� एक �वस्तत ृ श्रंख
ृ ला को शा�मल करने वाले आईट�सी के बहु-व्यवसाय
पोटर् फो�लयो क� मान्यता म� , कंपनी के नाम पर पण ू र् �वराम 18 �सतंबर 2001 से हटा �दया गया
था। कंपनी का नाम अब 'आईट�सी �ल�मटे ड' हो गया है , जहां 'आईट�सी' अब एक सं��प्त नाम या
आरं �भक रूप नह�ं रह गया है ।

छात्र� को सलाह द� जाती है �क वे ध्यान द� �क:

य�द �कसी कंपनी को धारा 16 के तहत अपना नाम सध


ु ारना है , तो भी, ऐसी कंपनी को धारा 13 के
प्रावधान� के अनुसार अपना नाम बदलने से कोई नह�ं रोक सकता है ।

कंपनी के नाम का सध
ु ार [धारा 16]

जहां क�द्र सरकार (इस धारा के तहत क�द्र सरकार क� शिक्त अ�ध�नयम क� धारा 458 द्वारा �ेत्रीय
�नदे शक� को प्रदत्त (प्रदत्त) है ) 29 क� राय है �क कंपनी का नाम (मल
36
ू या संशो�धत/नया) नाम के
समान है या बहुत कर�ब है िजसके द्वारा एक कंपनी अिस्तत्व म� है ;

a. अपने दम पर या

b. ट्रे ड माक्सर् अ�ध�नयम, 1999 के तहत पहले से पंजीकृत ट्रे ड माकर् के मा�लक के आवेदन पर

तब वह कंपनी को अपना नाम बदलने का �नद� श दे सकता है ;

कंपनी इस उद्देश्य के �लए एक सामान्य संकल्प अपनाने के बाद, इस तरह के �नद� श जार� होने से
तीन मह�ने क� अव�ध के भीतर, जैसा भी मामला हो, अपना नाम या नया नाम बदल दे गी।

29
एस.ओ. 4090(ई), �दनांक 19 �दसंबर, 2016

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2.54 कॉप�रे ट और अन्य कानून

नोट - पंजीकृत ट्रे ड माकर् के मा�लक द्वारा आवेदन कंपनी के �नगमन या पंजीकरण या नाम प�रवतर्न
के तीन साल के भीतर �कया जाना चा�हए।

इसके अलावा, कंपनी, अपना नाम बदलने या नया नाम प्राप्त करने के बाद, ऐसे प�रवतर्न क� तार�ख
से पंद्रह �दन� क� अव�ध के भीतर क�द्र सरकार (�ेत्रीय �नदे शक�) के आदे श के साथ रिजस्ट्रार को
प�रवतर्न क� सच
ू ना दे गी।

नो�टस प्राप्त होने पर रिजस्ट्रार �नगमन प्रमाणपत्र और �ापन म� आवश्यक प�रवतर्न करे गा।

य�द कोई कंपनी सध


ु ार के �लए �कसी �नद� श का अनप
ु ालन करने म� चक
ू करती है ;

a. कंपनी प्रत्येक �दन के �लए `1,000 के जम


ु ार्ने से दं डनीय होगी, िजसके दौरान चक
ू जार� रहे गी
और

b. चूक करने वाला प्रत्येक अ�धकार� जम


ु ार्ने से दं डनीय होगा जो `5000 से कम नह�ं होगा ले�कन
िजसे `1,00,000 तक बढ़ाया जा सकता है ।

पंजीकृत कायार्लय म� प�रवतर्न [उपधारा 4, 5, और 7] आवेदन [उपधारा 4]

एक राज्य से दस
ू रे राज्य म� पंजीकृत कायार्लय के स्थान से संबं�धत �ापन के प�रवतर्न का तब तक
कोई प्रभाव नह�ं होगा जब तक �क इसे क�द्र सरकार द्वारा अनुमो�दत नह�ं �कया जाता है (क�द्र
सरकार द्वारा �ेत्रीय �नदे शक को प्रत्यायोिजत शिक्त) 30 फॉमर् संख्या आईएनसी -23 के आवेदन पर
37

शुल्क के साथ और �नम्न�ल�खत दस्तावेज� के साथ होना चा�हए, अथार्त ्;

a. प्रस्ता�वत प�रवतर्न� के साथ मेमोर� डम ऑफ एसो�सएशन क� प्र�त;

b. आम बैठक के कायर्वत्ृ त क� प्र�त�ल�प िजसम� इस तरह के प�रवतर्न को अ�धकृत करने वाला


प्रस्ताव पा�रत �कया गया था, िजसम� प्रस्ताव के प� या �वप� म� डाले गए वोट� क� संख्या
का �ववरण �दया गया था;

c. जैसा भी मामला हो, बोडर् के प्रस्ताव या पावर ऑफ अटॉन� या �नष्पा�दत वकालतनामा क�


प्र�त।

d. लेनदार� और �डब�चर धारक� क� सच


ू ी

e. आवेदन दा�खल करने के समय राज्य सरकार या क�द्र शा�सत प्रदे श जहां पंजीकृत कायार्लय
िस्थत है , के रिजस्ट्रार और मुख्य स�चव को पण
ू र् अनुलग्नक� के साथ आवेदन क� एक प्र�त क�

30
एस.ओ. 4090(ई), �दनांक 19 �दसंबर, 2016

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.55

सेवा क� स्वीकृ�त।

समाचार पत्र� म� �व�ापन

उपरोक्त आवेदन दा�खल करने क� तार�ख से तीस �दन पहले कंपनी, िजले म� प्रमुख स्थानीय भाषा म�
स्थानीय समाचार पत्र म� और व्यापक प्रसार वाले अंग्रेजी समाचार पत्र म� अंग्रेजी भाषा म� फॉमर् नंबर
एनआईसी-26 म� �व�ापन दे गी। वह राज्य जहां कंपनी का पंजीकृत कायार्लय िस्थत है ।

क�द्र सरकार द्वारा आवेदन का �नपटान [उपधारा 5]

क�द्र सरकार (क�द्र सरकार द्वारा �ेत्रीय �नदे शक को स�पी गई शिक्त) 60 �दन� क� अव�ध के भीतर
पंजीकृत कायार्लय के स्थान प�रवतर्न के आवेदन का �नपटान करे गी। आदे श जर� करने के �लए क�द्र
सरकार स्वयं को संतुष्ट करे गी �क-

a. प�रवतर्न म� लेनदार�, ऋण-धारक� और कंपनी से संबं�धत अन्य व्यिक्तय� क� सहम�त प्राप्त है ,


या

b. कंपनी द्वारा अपने सभी ऋण� और दा�यत्व� के उ�चत �नपटारे के �लए पयार्प्त प्रावधान �कया
गया है , या

c. इस तरह के �नपटारे के �लए पयार्प्त प्र�तभ�ू त क� व्यवस्था प्रदान क� गई है ।

रिजस्ट्रार के पास आदे श क� प्रमा�णत प्र�त दा�खल करना [उपधारा 7]

जहां �ापन म� प�रवतर्न के प�रणामस्वरूप �कसी कंपनी का पंजीकृत कायार्लय एक राज्य से दस


ू रे
राज्य म� स्थानांत�रत हो जाता है , तो प�रवतर्न को मंजरू � दे ने वाले क�द्र सरकार के आदे श क� एक
प्रमा�णत प्र�त कंपनी द्वारा प्रत्येक राज्य के रिजस्ट्रार के पास दा�खल क� जाएगी। आदे श क�
प्रमा�णत प्र�त प्राप्त होने क� तार�ख से तीस �दन� के भीतर शुल्क के साथ फॉमर् संख्या एनआईसी-28
म� जमा कर� , जो इसे पंजीकृत करे गा।

�नगमन का नया प्रमाणपत्र जार� करना [उपधारा 7]

िजस राज्य म� पंजीकृत कायार्लय को स्थानांत�रत �कया जा रहा है , उस राज्य का रिजस्ट्रार, प�रवतर्न
को इं�गत करते हुए नए प्रमाण पत्र के �नगर्मन जार� �कया जाएगा।

कंपनी के उद्देश्य म� प�रवतर्न [उपधारा 8 और 9] उद्देश्य खंड म� प�रवतर्न कौन और कैसे कर सकता

है ? [उप-धारा (8)]

जहां कंपनी ने �ववर�णका के माध्यम से जनता से धन जट


ु ाया है और उठाए गए धन म� से कोई भी

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2.56 कॉप�रे ट और अन्य कानून

अप्रयुक्त रा�श है , तो वह उन वस्तुओं को बदल सकती है िजनके �लए उठाया गया धन डाक मतपत्र
और नो�टस के माध्यम से एक �वशेष प्रस्ताव पा�रत करने के बाद ह� लागू �कया जाना है । वस्तुओं
को बदलने के संकल्प के संबध
ं म� �नम्न�ल�खत �ववरण शा�मल ह�गे, अथार्त ्;

a. कुल प्राप्त धन;

b. �ववर�णका म� बताई गई वस्तुओं के �लए उपयोग �कया गया कुल धन;

c. �ववर�णका के माध्यम से जुटाई गई धनरा�श म� से अप्रयक्


ु त रा�श,

d. वस्तओ
ु ं म� प्रस्ता�वत प�रवतर्न या प�रवतर्न का �ववरण;

e. वस्तओ
ु ं म� बदलाव या प�रवतर्न का औ�चत्य;

f. नई वस्तुओं के �लए उपयोग क� जाने वाल� प्रस्ता�वत रा�श;

g. कंपनी क� आय और नकद� प्रवाह पर प्रस्ता�वत प�रवतर्न का अनुमा�नत �वत्तीय प्रभाव;

h. अन्य प्रासं�गक जानकार� जो सदस्य� के �लए प्रस्ता�वत प्रस्ताव पर एक सू�चत �नणर्य लेने के
�लए आवश्यक है ।

i. वह स्थान जहां से कोई भी इच्छुक व्यिक्त पा�रत �कए जाने वाले प्रस्ताव क� सूचना क� प्र�त
प्राप्त कर सकता है ।

�व�ापन [उपधारा 8]

वस्तुओं म� प�रवतर्न के �लए पा�रत �कए जाने वाले प्रत्येक प्रस्ताव का �ववरण दे ने वाला �व�ापन,
साथ ह� शेयरधारक� को डाक मतपत्र नो�टस भेजने का �ववरण; होगा:

a. समाचार पत्र� म� प्रका�शत (एक अंग्रेजी म� और एक स्थानीय भाषा म� ) जो उस स्थान पर


प्रचलन म� है जहां कंपनी का पंजीकृत कायार्लय िस्थत है और

b. य�द कोई हो तो कंपनी क� वेबसाइट पर होस्ट �कया गया।

वस्तु प�रवतर्न पर असहमत शेयरधारक [उपधारा 8]

असंतष्ु ट अंशधारक� को भारत के प्र�तभ�ू त और �व�नमय बोडर् द्वारा �न�दर् ष्ट �नयम� के अनस
ु ार
�नयंत्रण रखने वाले प्रवतर्क� (प्रमोटर�) और शेयरधारक� द्वारा बाहर �नकलने का अवसर �दया जाएगा।

वस्तुओं के प�रवतर्न पर पंजीकरण को प्रमा�णत करने के �लए रिजस्ट्रार [उपधारा 9]

रिजस्ट्रार कंपनी के उद्देश्य� के संबध


ं म� �ापन म� �कसी भी बदलाव को पंजीकृत करे गा और इस धारा
के खंड (ए) से उप-धारा 6 के तहत �वशेष संकल्प दा�खल करने क� तार�ख से 30 �दन� क� अव�ध के

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.57

भीतर पंजीकरण को प्रमा�णत करे गा।

उपधारा 10 म� प्रावधान है �क इस धारा (धारा 13) के तहत �कया गया प�रवतर्न धारा के प्रावधान� के
अनुसार पंजीकृत होने के बाद ह� प्रभावी होगा।

उपधारा 11 म� कहा गया है �क गारं ट� द्वारा सी�मत और शेयर पज


ंू ी न रखने वाल� कंपनी के मामले
म� , �कसी भी व्यिक्त को सदस्य के रूप म� कंपनी के �वभाज्य लाभ म� भाग लेने का अ�धकार दे ने के
इरादे से �ापन म� कोई भी प�रवतर्न अमान्य होगा।

यह प्रावधान धारा 4(7) के प्रावधान क� पिु ष्ट और �वस्तार कर रहा है ।

13. लेख� म� प�रवतर्न [धारा 14]


कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 14 कंप�नय� को अपने लेख� को बदलने अ�धकार प्रदान करती है।
कोई कंपनी स्वयं को इन शिक्तय� से वं�चत नह�ं कर सकती। 31 ऐसे मामले िजसके संबध
38 ं म�
सीमा�नयम मौन है , उन्ह� लेख के प�रवतर्न करके �नपटाया जा सकता है । लेख� के प�रवतर्न संबध
ं ी
कानून इस प्रकार है :

�वशेष संकल्प द्वारा प�रवतर्न [उप-धारा 1]

एक कंपनी इस अ�ध�नयम के प्रावधान� और इसके �ापन म� �न�हत शत� के अधीन, एक �वशेष


संकल्प द्वारा अपने लेख� म� बदलाव कर सकती है । लेख� म� प�रवतर्न म� एक �नजी कंपनी को
सावर्ज�नक कंपनी म� बदलने या इसके �वपर�त प्रभाव डालने वाले प�रवतर्न शा�मल ह�,

सावर्ज�नक कंपनी को �नजी कंपनी म� बदलने पर प्रभाव डालने वाला कोई भी प�रवतर्न तब तक वैध
नह�ं होगा जब तक �क इसे �वशेष प्रस्ताव पा�रत होने क� तार�ख से साठ �दन� के भीतर �कए गए
आवेदन पर क�द्र सरकार के आदे श द्वारा अनुमो�दत नह�ं �कया जाता है , �ेत्रीय के साथ दायर �कया
जाना चा�हए। कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शल्
ु क) �नयम, 2014 म� �दए गए शल्
ु क के साथ ई-
फॉमर् संख्या आरडी -1 म� �नदे शक और �नम्न�ल�खत दस्तावेज� के साथ होना चा�हए, अथार्त ्;

a. सावर्ज�नक कंपनी को �नजी कंपनी म� बदलने पर प्रभाव डालने वाला कोई भी प�रवतर्न तब
तक वैध नह�ं होगा जब तक �क इसे �वशेष प्रस्ताव पा�रत होने क� तार�ख से साठ �दन� के
भीतर �कए गए आवेदन पर क�द्र सरकार के आदे श द्वारा अनुमो�दत नह�ं �कया जाता है ,
�ेत्रीय के साथ दायर �कया जाना चा�हए। कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम,

31
एंड्रयज
ू बनाम गैस मीटर कंपनी (1897) 1 अध्याय 161

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2.58 कॉप�रे ट और अन्य कानून

2014 म� �दए गए शुल्क के साथ ई-फॉमर् संख्या आरडी-1 म� �नदे शक और �नम्न�ल�खत


दस्तावेज� के साथ होना चा�हए, अथार्त ्;

b. उस साधारण सभा के कायर्वत्ृ त क� प्र�त�ल�प िजस पर इस तरह के संशोधन को अ�धकृत करने


वाले �वशेष संकल्प को पा�रत �कया गया था, साथ ह� साथ मतदाताओं के प� म� या �वप�
म� �दए गए मत� का �ववरण और असंतष्ु ट� के नाम� के साथ;

c. ऐसे रूपांतरण के �लए आवेदन दायर करने के �लए अ�धकृत करने वाले बोडर् के प्रस्ताव या
पावर ऑफ अटॉन� क� प्र�त�ल�प, जो तीस �दन से पहले क� न हो, जैसा भी मामला हो;

d. अ�ध�नयम क� �व�भन्न धारा और उसके तहत बनाए गए �नयम� के अनुपालन के संबंध म�


एक प्रमुख प्रबंधक�य का�मर्क द्वारा घोषणा;

�कसी �नजी कंपनी के मामले म�, जहां संशोधन के पश्चात ् लेख� म� वे प्र�तबंध और सीमाएँ नह�ं ह�, जो
इस अ�ध�नयम के अधीन �कसी �नजी कंपनी के लेख� म� शा�मल �कए जाने क� आवश्यकता होती है ,
तो ऐसी कंपनी ऐसे प�रवतर्न क� तार�ख से �नजी कंपनी नह�ं रहे गी।

रिजस्ट्रार के पास प�रवतर्न दा�खल करना [उपधारा 2]

लेख� म� प्रत्येक प�रवतर्न और प�रवतर्न को मंजूर� दे ने वाले क�द्र सरकार के आदे श क� एक प्र�त,
शल्
ु क के साथ फॉमर् संख्या आईएनसी 27 म� पंद्रह �दन� क� अव�ध के भीतर, प�रव�तर्त लेख� क� एक
म�ु द्रत प्र�त के साथ, रिजस्ट्रार के पास दा�खल क� जाएगी। , जो (रिजस्ट्रार) इसे पंजीकृत करे गा।

उप-धारा 3 म� प्रावधान है �क उप-धारा 1 के तहत �कया गया प�रवतर्न और इसके प्रावधान के अधीन
उप-धारा 2 के तहत पंजीकृत प�रवतर्न वैध होगा और प्रभावी होगा जैसे �क यह मल
ू रूप से लेख� म�
�न�हत था।

14. �ापन या लेख� म� प�रवतर्न प्रत्येक प्र�त म� नोट �कया


जाना चा�हए [धारा 15]
अ�ध�नयम क� धारा 15 के अनुसार कंपनी के �ापन और लेख� म� �कए गए प्रत्येक प�रवतर्न को
प्रत्येक प्र�त म� नोट �कया जाएगा। चाहे वह इलेक्ट्रॉ�नक रूप म� जार� �कया गया हो या अन्यथा;
क्य��क एमओए और एओए को धारा 399 के तहत सावर्ज�नक दस्तावेज़ माना जाता है ।

य�द कोई कंपनी उिल्ल�खत प्रावधान� का पालन करने म� कोई चक


ू करती है , तो कंपनी और प्रत्येक
अ�धकार� जो �डफ़ॉल्ट रूप से है , ऐसे प�रवतर्न के �बना जार� �कए गए लेख� क� प्रत्येक प्र�त के �लए

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.59

एक हजार रुपये के दं ड के �लए उत्तरदायी होगा।

15. कंपनी का पंजीकृत कायार्लय [धारा 12]


एक कंपनी को सदस्य� से अलग कानूनी इकाई माना जाता है । एक बार जब कोई कंपनी �नग�मत हो
जाती है , िजससे एक पंजीकृत कायार्लय बनाए रखना आवश्यक होता है । यह एक भौ�तक कायार्लय है
जहाँ �नगम आरओसी से कानन
ू ी दस्तावेज� क� सेवा प्राप्त करे गा या मक
ु दमे के मामले म� आ�द।

इसका पता पी.ओ बॉक्स म� नह�ं हो सकता है । बॉक्स ले�कन सामान्य व्यावसा�यक घंट� के दौरान
कानूनी दस्तावेज� क� सेवा प्राप्त करने के �लए एक भौ�तक स्थान होना चा�हए जहाँ कोई मौजूद हो।
यह एक प्रधान कायार्लय या कॉप�रे ट कायार्लय से अलग हो सकता है ।

कंपनी अ�ध�नयम 2013 क� धारा 12, म� आवश्यक दस्तावेज�, सूचनाओं, पत्र� आ�द के संचार और
सेवा के �लए कंप�नय� के पंजीकृत कायार्लय का प्रावधान है । �कसी कंपनी का अ�धवास और राष्ट्र�यता
उसके पंजीकृत अ�धकार� के स्थान से �नधार्�रत होती है। यह न्यायालय के �ेत्रा�धकार को �नधार्�रत
करने के �लए भी महत्वपण
ू र् है ।

पंजीकृत कायार्लय और उसका सत्यापन [उप-धारा 1 और 2]

ु ार, एक कंपनी को अपने �नगमन के तीस �दन� के भीतर और उसके बाद हर


उप-धारा 1, के अनस
समय, एक पंजीकृत कायार्लय होना चा�हए जो उसे संबो�धत सभी संचार और नो�टस प्राप्त करने और
स्वीकार करने म� स�म हो।

इसके अलावा, उपधारा 2 के अनुसार कंपनी को रिजस्ट्रार को सत्यापन प्रस्तुत करना होगा
इसके �नगमन के तीस �दन� क� अव�ध के भीतर इसके पंजीकृत कायार्लय का।

सम्मा�नत �न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक और आईएफएससी �नजी कंप�नय� के साथ, उनके पास
SEZ अ�ध�नयम, 2005 के तहत स्था�पत अनुमो�दत मल्ट�स�वर्स SEZ म� िस्थत IFSC म� अपना
पंजीकृत कायार्लय होगा, जो SEZ �नयम, 2006 के साथ पढ़ा गया है । 32 39

�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक और आईएफएससी �नजी कंपनी शब्द "तीस �दन" के मामले म�
"साठ �दन" के रूप म� पढ़ा जाएगा। 3340

कंपनी क� लेब�लंग [उपधारा 3]

32
जी.एस.आर. 08 (ई) �दनांक 4 जनवर�, 2017
33
उक्त

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2.60 कॉप�रे ट और अन्य कानून

प्रत्येक कंपनी;

a. उसका नाम, और उसके पंजीकृत कायार्लय का पता प� ट या जोड़ने, और उसे हर उस कायार्लय


या स्थान के बाहर, जहाँ उसका व्यवसाय �कया जाता है , एक �व�शष्ट िस्थ�त म�, सप
ु ाठ्य
अ�र� म� प� ट या �चपका कर रख�, और य�द �नयोिजत वणर् उस इलाके म� सामान्य रूप से
उपयोग क� जाने वाल� भाषा(ओं) के नह�ं ह�, �फर उस भाषा(ओं) के पात्र� म� भी ह�।

b. नाम इसक� मह
ु र पर सुपाठ्य वण� म� उत्क�णर् है , य�द कोई हो;

c. अपने नाम द्वारा, अपने पंजीकृत कायार्लय का पता और कॉप�रे ट पहचान संख्या के साथ
टे ल�फोन नंबर, फैक्स नंबर, य�द कोई हो, ई-मेल और वेबसाइट के पते, य�द कोई हो, अपने
सभी व्यावसा�यक पत्र�, �बलहे ड्स, पत्र पत्र� और सभी म� मु�द्रत करवाएं इसके नो�टस और
अन्य आ�धका�रक प्रकाशन; तथा
d. इसका नाम हुंडी, वचन पत्र, �व�नमय के �बल और ऐसे अन्य दस्तावेज� पर मु�द्रत कर
�नधार्�रत �कए जा सकते ह�:

�टप्प�णयाँ :

जहां �कसी कंपनी ने �पछले दो वष� के दौरान अपना नाम बदला है वह उपरोक्त �बंद ु a और साथ ह�
c के मामले म� ऐसे दोन� या सभी नाम� को प�ट या �चपकाएगा या �प्रंट करे गा।

एक व्यिक्त कंपनी के मामले म�, ''एक व्यिक्त कंपनी'' शब्द ऐसी कंपनी के नाम के नीचे कोष्ठक म�
उिल्ल�खत �कया जाएगा, जहां भी इसका नाम मु�द्रत, अं�कत या उत्क�णर् है ।

रिजस्ट्रार को प�रवतर्न और सत्यापन क� सच


ू ना [उपधारा 4]

कंपनी के �नगमन क� तार�ख के बाद पंजीकृत कायार्लय क� िस्थ�त म� प्रत्येक प�रवतर्न क� सच


ू ना,
प्रपत्र संख्या आईएनसी-22 म� सत्या�पत, �नधार्�रत शुल्क के साथ, प�रवतर्न के 30 �दन� के भीतर
रिजस्ट्रार को द� जाएगी, जो इसे दजर् करे गा।

�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक और आईएफएससी �नजी कंपनी शब्द "तीस �दन" के मामले म�
"साठ �दन" के रूप म� पढ़ा जाएगा। 34 41

प�रवतर्न क� स्वीकृ�त/पुिष्ट [उपधारा 5]

�वशेष संकल्प के द्वारा प�रवतर्न

34
जी.एस.आर. 08 (ई) �दनांक 4 जनवर�, 2017

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.61

कंपनी के पंजीकृत कायार्लय ने प�रवतर्न �वशेष संकल्पना द्वारा �कया जाएगा, �कसी शहर, कस्बे या
ग्राम क� स्थानीय सीमा के बाहर जहाँ कंपनी का कायार्लय इस अ�ध�नयम के प्रारं भ होने के समय या
बाद म� कंपनी द्वरा �वशेष संकल्पना जार� करके िस्थत होगा।

रिजस्ट्रार द्वारा न्याय �ेत्र के बाहर पंजीकृत कायार्लय का प�रवतर्न:

जहाँ कोई कंपनी अपने पंजीकृत कायार्लय क� िस्थ�त म� प�रवतर्न से एक रिजस्ट्रार द्वारा न्याय �ेत्र
म� उसी राज्य म� करती है , यहाँ ऐसे प�रवतर्न क� कंपनी के आवेदन पर �ेत्रीय �नदे शक द्वारा पुिष्ट
क� जाएगी। शल्
ु क के साथ फॉमर् नंबर एनआईसी-23 म� आवेदन करना होगा।

�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक और आईएफएससी �नजी कंपनी के मामले म� बोडर् का संकल्प
पयार्प्त होगा, बशत� �क ऐसी कंपनी अपने पंजीकृत कायार्लय के स्थान को �कसी भी स्थान पर नह�ं
बदलेगी।
उक्त अंतरार्ष्ट्र�य �वत्तीय सेवा क�द्र के बाहर अन्य स्थान। 35
42

संचार और पिु ष्टकरण दा�खल करना [उपधारा 6]

रिजस्ट्रार के न्याय �ेत्र से अन्य रिजस्ट्रार के न्याय �ेत्र म� कंपनी को पंजीकृत �कया जाएगा, होगा:

a. �ेत्रीय �नदे शक द्वारा कंपनी को आवेदन प्राप्त होने क� �त�थ से 30 �दन� के भीतर सू�चत

�कया जाएगा, और

b. कंपनी पुिष्टकरण क� �त�थ से 60 �दन� क� अव�ध के भीतर रिजस्ट्रार के पास पुिष्टकरण

फाइल करे गी जो इसे पंजीकृत �कया जाएगा, और

c. इस तरह क� पुिष्ट के दजर् होने क� तार�ख से तीस �दन� क� अव�ध के भीतर पंजीकरण को

प्रमा�णत कर� ।

35
जी.एस.आर. 08 (ई) �दनांक 4 जनवर�, 2017

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2.62 कॉप�रे ट और अन्य कानून

प्रमाण पत्र इस बात का �नणार्यक सबत


ू होगा �क पंजीकृत कायार्लय के प�रवतर्न संबंधी इस
अ�ध�नयम के अधीन सभी अपे�ाओं का अनप
ु ालन �कया गया है और प�रवतर्न इस प्रमाण पत्र क�
�त�थ से प्राभा�वत होगा।

य�द रिजस्ट्रार के पास यह �वश्वास करने का उ�चत कारण है �क कंपनी कोई व्यवसाय या संचालन
नह�ं कर रह� है , तो वह कंपनी के पंजीकृत कायार्लय का भौ�तक सत्यापन इस तरह से कर सकता है
जैसा �क �नधार्�रत �कया गया है और य�द कोई गलती पाई जाती है उप-धारा (1) क� आवश्यकताओं
का अनुपालन करते हुए, वह उप-धारा, के प्रावधान� पर प्र�तकूल प्रभाव डाले �बना, अध्याय XVIII के
अंतगर्त कंपनी के नाम को कंपनी के रिजस्टर से हटाने के �लए कारर्वाई शुरू कर सकता है ।

चूक के मामले म� जुमार्ना [उपधारा 8]

य�द इस धारा क� आवश्यकताओं के अनप


ु ालन म� कोई चूक क� जाती है , तो कंपनी और प्रत्येक

अ�धकार� जो चूक म� है , प्रत्येक �दन के �लए एक हजार रुपये का जम


ु ार्ना दे ना होगा िजसके दौरान

चक
ू जार� रहती है ले�कन एक लाख रुपये से अ�धक नह�ं।

पंजीकृत कायार्लय के स्थान प�रवतर्न के मामले म� लागू प्रावधान� का सारांश

पंजीकृत कायार्लय के स्थान म� प�रवतर्न

एक राज्य के एक राज्य के एक राज्य से दस


ू रे
शहर के भीतर भीतर (एक भीतर (एक राज्य म� (प�रिस्थ�त
शहर से दस
ू रे आरओसी से दस
ू रे म� प�रवतर्न)
शहर तक) तक)

मंडल संकल्प �वशेष संकल्प �वशेष संकल्प �वशेष संकल्प

आरओसी को आरओसी को �ेत्रीय क�द्र सरकार


सूचना सच
ू ना �नदे शक क� क� स्वीकृ�त
(तीस �दन) (तीस �दन) अनुम�त

30/60/30 60/30
आरडी/कंपनी/आरओसी सीजी/कंपनी

�नगमन द्वारा
�नणार्यक सबूत
नया प्रमाण पत्र

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.63

16. व्यवसाय आ�द का प्रारं भ [धारा 10A]


व्यवसाय प्रारं भ करने क� शत�

एक कंपनी �नग�मत

a. कंपनी (संशोधन) अध्यादे श, 2019 के शुरू होने के बाद


तथा

b. शेयर पज
ंू ी होना

कोई भी व्यवसाय शुरू करे गा या �कसी उधार लेने क� शिक्त का प्रयोग तभी करे गा जब;

a. कंपनी ने रिजस्ट्रार के पास धारा 12 क� उप-धारा (2) के अनुसार अपने पंजीकृत कायार्लय का
सत्यापन दजर् �कया है , और

b. कंपनी के �नगमन क� तार�ख से 180 �दन� क� अव�ध के भीतर, कंपनी स�चव या चाटर् डर्
अकाउं ट� ट या कॉस्ट अकाउं ट� ट द्वारा �व�धवत सत्या�पत फॉमर् संख्या एनआईसी-20A म� , एक
�नदे शक द्वारा रिजस्ट्रार के पास एक घोषणा दायर क� जाती है । �नधार्�रत शल्
ु क के साथ
अभ्यास कर� ; �ापन के प्रत्येक ग्राहक ने ऐसी घोषणा करने क� �त�थ पर उसके द्वारा �लए
जाने वाले शेयर� के मूल्य का भुगतान कर �दया है

�टप्प�णयाँ :

1. धारा 12(2) उदाहरण रिजस्ट्रार के साथ पंजीकृत कायार्लय का सत्यापन, इस अध्याय म� पहले
शीषर्क उदाहरण 15 पर चचार् क� गई है ।

2. कंपनी के मामले म� भारतीय �रजवर् ब�क, भारतीय प्र�तभ�ू त और �व�नमय बोडर्, आ�द जैसे �कसी
भी �ेत्रीय �नयामक� से पंजीकरण या अनम
ु ोदन क� आवश्यकता वाले उद्देश्य� का पीछा करते हुए,
पंजीकरण या अनुमोदन, हर तरह के मामले को ऐसे �नयामक से हो सकता है और घोषणा के साथ
भी प्राप्त और संलग्न होना चा�हए।

प�रणाम जहां िस्थ�तयाँ संतुष्ट नह�ं ह�

दं ड

य�द इस धारा क� आवश्यकताओं के अनुपालन म� कोई चूक क� जाती है , तो जुमार्ना होगा:

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2.64 कॉप�रे ट और अन्य कानून

उत्तरदायी जम
ु ार्ने क� मात्रा
कम्पनी पचास हजार रुपये
उस �दन से ह�
भुगतान जार�
रहता है
प्रत्येक �दन के �लए एक हजार रुपये, िजसके दौरान ऐसी चक
ू जार� रहती है ,
ले�कन एक लाख रुपये से अ�धक नह�ं।

180 �दन� के भीतर �नदे शक द्वारा घोषणा पत्र नह�ं भरा गया

जहां �नदे शक� द्वारा �नगमन क� तार�ख से 180 �दन� क� अव�ध के भीतर रिजस्ट्रार के पास कोई
घोषणा दा�खल नह�ं क� गई है और रिजस्ट्रार के पास यह मानने का उ�चत कारण है �क कंपनी कोई
व्यवसाय या संचालन नह�ं कर रह� है , वह अध्याय XVIII के तहत कंप�नय� के रिजस्टर से कंपनी के
नाम को हटाने के �लए कारर् वाई शरू
ु कर सकता है ।

�टप्प�णयाँ : रिजस्ट्रार द्वारा नाम हटाने क� कारर्वाई जम


ु ार्ना लगाने के साथ-साथ क� जा सकती है ।
उदाहरण - मॉडनर् फ़�नर्चर 27 जन
ू 2022 को �नग�मत हुआ, इसके �नदे शक� ने 30 जनवर� 2023 को
रिजस्ट्रार को शेयर के भुगतान उदाहरण मल्
ू य (ग्राहक द्वारा सब्सक्राइब �कए गए शेयर के �वरुद्ध) क�
प्रािप्त के संबध
ं म� एक घोषणा पत्र भरा। कंपनी पर ` 50,000, का जुमार्ना लगाया जाएगा, जब�क
उसके अ�धका�रय� (�डफॉल्ट करने वाले अ�धकार�) पर जम
ु ार्ना ` 34000 होगा (34 �दन� के �लए
उदाहरण के �लए �दसंबर 2022 के 4 �दन और जनवर� 2023 के 30 �दन)।

17. पूवर् पंजीकृत कंप�नय� का प�रवतर्न [धारा 18]


अ�ध�नयम क� धारा 18, एक कंपनी को अपने �ापन और एसो�सएशन के लेख� म� बदलाव करके खुद
को कंपनी के �कसी अन्य वगर् म� प�रव�तर्त करने का अ�धकार दे ती है।

पहले से पंजीकृत कंप�नय� के प�रवतर्न के संबंध म� कानन


ू �नम्न�ल�खत है ।

�ापन और लेख� म� प�रवतर्न द्वारा

इस अ�ध�नयम के अंतगर्त पंजीकृत �कसी भी वगर् क� कंपनी इस अध्याय के प्रावधान� के अनस


ु ार
कंपनी के �ापन और लेख� म� प�रवतर्न करके इस अ�ध�नयम के अंतगर्त स्वयं को अन्य वगर् क�
कंपनी के रूप म� प�रव�तर्त कर सकती है ।

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.65

रिजस्ट्रार को आवेदन दजर् करना

जहां भी धारा 18 के तहत रूपांतरण �कया जाना है , रिजस्ट्रार कंपनी द्वारा भरे गए आवेदन के
आधार पर खद
ु को संतुष्ट करने के बाद �क कंप�नय� के पंजीकरण के �लए लागू प्रावधान� का
अनुपालन �कया गया है ,

a. कंपनी का पूवर् पंजीकरण बंद कर� ; और

b. आवश्यक दस्तावेज� को पंजीकृत करने के बाद, �नगमन का प्रमाण पत्र उसक� तरह �नगर्�मत
�कया जाएगा जैसे उसका पहला पंजीकरण म� �कया गया था।

छात्र इनका भी उल्लेख कर सकते ह�: कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 6, 7, 7ए, और 20
से 22 और कंपनी (�नगमन) �नयम, 2016 के 37 और 38 और कंपनी (�नगमन) �नयम के तहत
फॉमर् नंबर एनआईसी-5 और एनआईसी-6 , 2014 और कंपनी (�नगमन) �नयम, 2016 के तहत
एनआईसी-27।

प�रवतर्न से पहले �लए गए ऋण, दे नदा�रयां आ�द पर कोई प्रभाव नह�ं

इस धारा के तहत �कसी कंपनी का पंजीकरण उसके द्वारा या उसक� ओर से �कए गए या �कए गए
�कसी भी ऋण, दे नदा�रय�, दा�यत्व� या अनब
ु ंध� को प्रभा�वत नह�ं करे गा।

रूपांतरण से पहले कंपनी और ऐसे ऋण�, दे नदा�रय�, दा�यत्व� और अनुबंध� को इस तरह से लागू
�कया जा सकता है जैसे �क ऐसा पंजीकरण नह�ं �कया गया था।

अ�धक सरल तर�के से कह� तो, कंपनी अपने ऋण� और दे नदा�रय�, दा�यत्व� या अनुबध
ं � के संबंध म�
वह� इकाई बनी रहती है जो पहले थी।

18. सहायक कंपनी द्वारा सूत्रधार� कंपनी म� अंश धारण नह�ं


�कया जाना [धारा 19]
अ�ध�नयम क� धारा 19 के अनुसार, एक सहायक कंपनी को अपनी होिल्डंग कंपनी के शेयर रखने क�
अनुम�त नह�ं है । यह प्र�तबंध सहायक कंपनी के नामां�कत व्यिक्तय� तक भी लागू है।

नतीजतन, �कसी होिल्डंग कंपनी म� उसक� सहायक कंपनी को शेयर� का कोई भी आवंटन या
हस्तांतरण शून्य होगा। य�द होिल्डंग कंपनी एक गारं ट� या असी�मत कंपनी है , िजसके पास शेयर पूंजी
नह�ं है , तो ब्याज रखने पर उपरोक्त प्र�तबंध लागू होगा, चाहे ब्याज का कोई भी रूप हो।

�नषेध �नम्न�ल�खत मामल� पर लागू नह�ं होता है :

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2.66 कॉप�रे ट और अन्य कानून

a. जहां सहायक कंपनी का संबध


ं होिल्डंग कंपनी के मत
ृ सदस्य के कानूनी प्र�त�न�ध के रूप म�
है ; या

b. जहां सहायक कंपनी ट्रस्ट�के रूप म� ऐसे शेयर रखती है ; या

c. जहाँ सहायक कंपनी सत्र


ू धार कंपनी क� सहायक कंपनी बनने से पहले ह� एक अंशधारक है :

�टप्प�णयाँ :

a. होिल्डंग कंपनी क� बैठक म� केवल कानन


ू ी प्र�त�न�ध या ट्रस्ट� के रूप म� रखे गए शेयर� के
संबंध म� वोट दे ने का अ�धकार

b. यह �नषेध उस सहायक कंपनी के मामले पर लागू नह�ं होता है िजसके पास अ�ध�नयम के
प्रारं भ म� पहले से ह� अपनी होिल्डंग कंपनी म� शेयर थे

c. एक सहायक कंपनी अपनी होिल्डंग कंपनी म� शेयर खर�द सकती है , जहां वह


न्यायालय/न्याया�धकरण द्वारा स्वीकृत समामेलन योजना का �हस्सा है । 36 43

उदाहरण - आरपीआईपी �ल�मटे ड ने एसएसपी प्राइवेट �ल�मटे ड के शेयर� म� 51% �नवेश �कया है ।
�ल�मटे ड 31 माचर् को 2019। एसएसपी प्राइवेट �ल�मटे ड 2013 से आरपीआईपी �ल�मटे ड क� 2%
इिक्वट� रखती है । एसएसपी प्रा. �ल�मटे ड 31 माचर् 2019 को या उसके बाद अपनी इिक्वट� को 2%
से अ�धक नह�ं बढ़ा सकता है । हालाँ�क,यह अपनी शरु
ु आती 2% �हस्सेदार� रखना या घटाना जार� रख
सकता है ।

19. दस्तावेज� को जार� करना [धारा 20]


कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 20 कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014, के �नयम 35 (दस्तावेज� क�
सेवा) के साथ पढ़� जाती है , वह तर�का प्रदान करती है िजसम� दस्तावेज� को कंपनी, सदस्य� और
रिजस्ट्रार� को भी परोसा जा सकता है । दस्तावेज� को जार� करने के संबध
ं म� कानन
ू इस प्रकार है —

कंपनी या उसके �कसी अ�धकार� को दस्तावेज़ प्रस्तुत करना

एक कंपनी या उसके अ�धकार� को कंपनी या कंपनी के पंजीकृत कायार्लय म� अ�धकार� को भेजकर


एक दस्तावेज त�मल �कया जा सकता है -

a. पंजीकृत डाक, या

36
�हमाचल टे ल�मै�टक्स �ल�मटे ड बनाम �हमाचल फ्यूच�रिस्टक कम्यु�नकेशंस �ल�मटे ड, (1996)37"डीआरजे 476

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.67

b. स्पीड पोस्ट, या

c. कू�रयर सेवा, या

d. पंजीकृत कायार्लय पर छोड़कर, या

e. इस तरह के इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड के माध्यम से �नधार्�रत �कया जा सकता है

हालाँ�क, जहाँ प्र�तभू�तय� को �डपॉिजटर� के पास रखा जाता है , वहां ऐसे �डपॉिजटर� द्वारा कंपनी पर
इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड के माध्यम से लाभकार� स्वा�मत्व के �रकॉडर् क� सेवा क� जा सकती है।

रिजस्ट्रार या सदस्य को दस्तावेज जार� करना:

इलेक्ट्रॉ�नक मोड म� रिजस्ट्रार के साथ दस्तावेज दजर् करने के �लए इस अ�ध�नयम या इसके तहत
बनाए गए �नयम� म� प्रदान �कए गए �नयम� को छोड़कर, एक दस्तावेज रिजस्ट्रार या �कसी भी
सदस्य को भेजकर क� जा सकती है -

a. डाक द्वारा, या

b. पंजीकृत डाक, या

c. स्पीड पोस्ट, या

d. कू�रयर सेवा, या

e. अपने कायार्लय या पते पर �वत�रत करके, या

f. ऐसे इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड द्वारा �नधार्�रत �कया जा सकता है ।

हालाँ�क, एक सदस्य �कसी �वशेष तर�के से �कसी भी दस्तावेज के �वतरण के �लए अनरु ोध कर
सकता है , िजसके �लए वह कंपनी द्वारा अपनी वा�षर्क आम बैठक म� �नधार्�रत क� जाने वाल� फ�स
का भुगतान करे गा।

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2.68 कॉप�रे ट और अन्य कानून

इस खंड के प्रयोजन� के �लए, "कू�रयर" शब्द का अथर् एक व्यिक्त या एज�सी है जो दस्तावेज़


�वत�रत करता है और इसके �वतरण का प्रमाण प्रदान करता है ।

शब्द "इलेक्ट्रॉ�नक संचरण" का अथर् एक ऐसा संचार है जो एक �रकॉडर् बनाता है जो प्र�तधारण,


पुनप्रार्िप्त (पुनप्रार्िप्त) और समी�ा करने म� स�म है , और िजसे बाद म� स्पष्ट रूप से सुपाठ्य मत
ू र्
रूप म� प्रस्तत
ु �कया जा सकता है । इसके द्वारा बनाया जा सकता है

 प्र�तकृ�त दरू संचार (फैक्स) या इलेक्ट्रॉ�नक मेल (ईमेल), जो कंपनी अथवा उसके अ�धकार�
द्वारा समय समय पर संप्रे�ण भेजकर उपलब्ध कराया जाता है ।

 एक इलेक्ट्रॉ�नक संदेश बोडर् या नेटवकर् क� पोिस्टं ग िजसे रिजस्ट्रार या सदस्य ने उन संचार�


के �लए ना�मत �कया है , और कौन सा ट्रांस�मशन पोिस्टं ग पर वैध रूप से �वत�रत �कया
जाएगा, या

 इलेक्ट्रॉ�नक संचार के अन्य साधन, िजसके संबंध म� कंपनी या अ�धकार� ने उ�चत प्रणा�लय�
को यह स�ु निश्चत करने के �लए रखा है �क प्रे�क ट्रांस�मशन भेजने वाला व्यिक्त है ।

इसके अलावा उपधारा 2 म� प्रावधान है �क डाक द्वारा �डल�वर� के मामले म� ऐसी सेवा प्रभावी मानी
जाएगी:

a. बैठक क� सच
ू ना के मामले म�, पत्र पोस्ट �कए जाने के 48 घंटे बाद; तथा

b. �कसी अन्य मामले म�, िजस समय डाक के सामान्य क्रम म� पत्र �दया जाएगा।

धारा 20(2) संशोधन के अधीन �न�ध कंपनी पर लागू होगी; वह

दस्तावेज़ केवल उन सदस्य� को प्रस्तत


ु �कया जा सकता है िजनके पास अं�कत मल्
ू य म� `1,000 से
अ�धक या कुल चक
ु ता शेयर पूंजी के 1% से अ�धक के शेयर ह�; जो भी कम हो।

अन्य अंशधारक� के �लए, दस्तावेज़ उस िजले म� प्रसा�रत समाचार पत्र म� सावर्ज�नक नो�टस द्वारा
तामील �कया जा सकता है जहाँ �न�ध का पंजीकृत कायार्लय िस्थत है ; और �न�ध के नो�टस बोडर् पर
�लखा जाएगा।

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.69

उदाहरण – मॉडनर् फ़�नर्चर ने सामान्य बैठक क� सच


ू ना डाक के माध्यम से भेजी है , ऐसी सच
ू ना वाले
पत्र के पोस्ट होने के 48 घंटे बाद इसे तामील माना जाएगा। इस�लए, अ�ध�नयम क� धारा 101 के
तहत 21 स्पष्ट �दन� के नो�टस क� आवश्यकता है , य�द इस संदभर् म� दे खा जाए, तो मॉडनर् फ़�नर्चर
�ल�मटे ड को बैठक के �दन से 23 �दन पहले नो�टस वाला पत्र पोस्ट करना चा�हए था (�डल�वर� के
48 घंटे + 21 स्पष्ट �दन)।

20. दस्तावेज�, कायर्वाह� और अनुबंध� का प्रमाणीकरण [धारा


21]
अ�ध�नयम क� धारा 21 के अनुसार:

a. �कसी कंपनी द्वारा प्रमाणीकरण क� आवश्यकता वाला दस्तावेज़ या कायर्वाह� या

b. �कसी कंपनी द्वारा या उसक� ओर से �कए गए अनुबध


ं � पर हस्ता�र �कए जा सकते ह�:
a. कोई भी प्रमुख प्रबंधक�य कमर्चार� 37, या
44

b. कंपनी का एक अ�धकार� या कमर्चार� इस ओर से बोडर् द्वारा �व�धवत अ�धकृत �कया गया है ।

�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक कंपनी और आईएफएससी �नजी कंपनी के मामले म�, के �लए
शब्द "एक अ�धकार�" को "एक अ�धकार� या कोई अन्य व्यिक्त" के रूप म� पढ़ा जाएगा। 38 45

21. �व�नमय �बल� का �नष्पादन आ�द [धारा 22]


उप-धारा 1 प्रदान करती है , य�द कोई �व�नमय �बल, हुंडी या वचन पत्र �कसी कंपनी के नाम पर या
उसक� ओर से बनाया, स्वीकृत, �नकाला या पष्ृ ठां�कत �कया गया है तो उसे उसक� ओर से बनाया,
स्वीकृत, �नकाला या पष्ृ ठां�कत माना जाएगा। कंपनी के अ�धकार के तहत कायर् करने वाले �कसी भी
व्यिक्त द्वारा या उसके कारण। प्रा�धकार या तो व्यक्त या �न�हत हो सकता है ।

औपचा�रक कायर् केवल पावर ऑफ अटॉन� के माध्यम से ह� �नष्पा�दत �कए जा सकते ह�। इस�लए उप-

37
इस मॉड्यूल के अध्याय 1 म� धारा 2 (51) के तहत प्रमुख प्रबंधक�य व्यिक्त म� कौन शा�मल ह�, इस पर
पहले ह� चचार् क� जा चुक� है ।
38
जी.एस.आर. 08 (ई) �दनांक 4 जनवर�, 2017

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2.70 कॉप�रे ट और अन्य कानून

धारा 2 और 3 एक साथ प्रदान करते ह�;

a. एक कंपनी, के अंतगर्त �लखकर कर सकती है

 इसक� सामान्य मुहर, य�द कोई हो,

 हालाँ�क,य�द �कसी कंपनी क� सामान्य मुहर नह�ं होती, तो उपरोक्त प्रा�धकरण 2


�नदे शक� अथार्त एक �नदे शक और कह�ं भी कंपनी स�चव को �नयक्
ु त।

b. �कसी भी व्यिक्त को अ�धकृत कर� ,

c. या तो आम तौर पर या �कसी �न�दर् ष्ट मामले के संबंध म� ,

d. उसक� ओर से अन्य काय� को �नष्पा�दत करने के �लए उसके वक�ल के रूप म�

e. भारत म� या भारत के बाहर �कसी भी स्थान पर।

f. कंपनी क� ओर से और उसक� मुहर के अंतगर्त ऐसे वक�ल द्वारा हस्ता��रत एक �वलेख


कंपनी को बाध्य करे गा।

उपधारा 2 का सारांश

सामान्य मुहर
वाल� कंपनी

हाँ नह�ं

*�ल�खत रूप म� �कसी भी व्यिक्त को प्रा�धकरण द्वारा


(आमतौर पर या �कसी �न�दर् ष्ट मामल� के �कया जाएगा:
संबंध म�) वक�ल के रूप म� अ�धकृत कर�

भारत म�, या 2 �नदे शक, या जहां कंपनी का एक


कंपनी स�चव है

भारत के बाहर।
कंपनी स�चव स�हत
एक �नदे शक

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.71

�टप्प�णयाँ : उपरोक्त से यह दे खा जा सकता है �क �कसी कंपनी क� सामान्य मुहर हो भी सकती है


और नह�ं भी हो सकती है । य�द कंपनी एक सामान्य मह
ु र रखने का �नणर्य लेती है तो उसे कंपनी
क� ओर से �व�न�दर् ष्ट मामल�, �वलेख� के �नष्पादन के �लए लगानी होगी।

मुहर कंपनी के दस्तावेज�, उसके नाम आ�द पर भौ�तक प्रभाव डालने क� एक �व�ध है ।

धारा 22 तब लागू होती है जब कोई व्यिक्त �कसी अनब


ु ंध से उत्पन्न कंपनी के �खलाफ दा�यत्व�
को लागू करना चाहता है और कंपनी अनुबंध से इनकार करती है या अपनी दे नदार� पर �ववाद
करती है ।
जहां कायर्वाह� कंपनी द्वारा क� जा रह� है वहां इस अनभ
ु ाग का उपयोग नह�ं �कया जा सकता है ।

सारांश
 एक बार जब एक संघ �नग�मत हो जाती है यह एक कानूनी संस्था बन जाती है - यह
व्यिक्तगत सदस्य� से अलग होती है। इसम� स्थायी उत्तरा�धकार उदाहरण होगा जो �कसी
व्यिक्तगत सदस्य क� मत्ृ य,ु पागलपन या �दवा�लयापन से प्रभा�वत नह�ं होगा।
 पहले, �नगमन प्रमाणपत्र को �नणार्यक प्रमाण माना जाता था, ले�कन कंपनी अ�ध�नयम, 2013
के अनस
ु ार, �नगमन प्रमाणपत्र �नगमन से पहले क� हर चीज के सह� होने का �नणार्यक प्रमाण
नह�ं है ।
 सीआईएन एक 21 अल्फ़ा-न्यूमे�रक अंक आधा�रत �व�शष्ट पहचान संख्या है , िजसम� डेटा
अनुभाग/तत्व शा�मल ह� जो कंपनी के बारे म� आधार पहलओ
ु ं का खुलासा करते ह�।
 संगठन का सीमा�नयम वह दस्तावेज है जो कंपनी को स्था�पत करता है और संगठन का
सीमा�नयम से यह �नधार्�रत �कया जाता है �क कंपनी �कस प्रकार चलती है , या शा�सत और
स्वा�मत्व होता है । इन दस्तावेज़� म� बदलाव �कया जा सकता है।
 अल्ट्रा वायसर् के �सद्धांत के अनुसार, एमओए के तहत प्रदत्त शिक्तय� के बाहर कायर् अल्ट्रा
वायसर् ह�। ऐसे कायर् और प�रणामी समझौते शन्
ू य ह�।
 रचनात्मक नो�टस का �सद्धांत उन लोग� पर िजम्मेदार� डालता है जो एमओए और एओए म�
कह� गई बात� के बारे म� जागरूक होने के �लए कंपनी से संबं�धत ह�, जब�क इनडोर प्रबंधन का
�सद्धांत पहले �न�दर् ष्ट �सद्धांत के अपवाद के रूप म� बाहर� व्यिक्त क� र�ा करता है ।
 �कसी भी वगर् क� कंपनी अपने एमओए और एओए को प�रव�तर्त करने के द्वारा दस
ू रे वगर् क�
कंपनी म� अपने आप को प�रव�तर्त कर सकती है।
 अ�ध�नयम के अध्याय II म� �न�हत प्रावधान� के संबध
ं म� , अंतरार्ष्ट्र�य �वत्तीय सेवा क�द्र म� या
वहां से काम करने वाल� �न�दर् ष्ट आईएफएससी कंप�नय� के मामले म� कुछ छूट प्रदान क�
जाती ह�।

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2.72 कॉप�रे ट और अन्य कानून

अपना �ान क� जाच� कर�

बहु�वकल्पीय प्रश्न (MCQs)


1. मजबूती से सुर�ा बढ़ती है । मॉडनर् फ़�नर्चर �ल�मटे ड, एक मौजूदा �नजी कंपनी जो मजबूती के
प्रावधान शा�मल करने को तैयार है ; यह

(a) साधारण प्रस्ताव पा�रत करके अनुच्छे द म� संशोधन कर सकते ह�

(b) �वशेष प्रस्ताव पा�रत करके अनुच्छे द म� संशोधन कर सकते ह�

(c) सभी सदस्य� द्वारा सहमत अनुच्छे द म� संशोधन कर सकते ह�

(d) अ�तक्रमण के प्रावधान� को बनाने के �लए अनच्


ु छे द म� संशोधन नह�ं �कया जा सकता

2. आज मई 2023 है । श्री नीलांजन चट्टोपाध्याय एक 24 वष�य भारतीय यव


ु ा ह�, जो जैव-पोषक
तत्व म� अपनी �श�ा पूर� करने के बाद 2023 के जनवर� मह�ने म� भारत वापस लौटे और
ओपीसी बनाने के इच्छुक थे; ले�कन पात्रता के संबंध म� आवश्यकताओं या पूवर् शत� के बारे म�
�निश्चत नह�ं हूं। उन्ह�ने ओपीसी से संबं�धत प्रावधान� पर कुछ लेख पढ़े और �नष्कषर् �नकाला;

(i) ओपीसी का गठन केवल भारतीय नाग�रक द्वारा �कया जा सकता है

(ii) वह ओपीसी का गठन नह�ं कर सकता क्य��क ठ�क �पछले वषर् वह भारत का �नवासी
नह�ं था

(a) दोन� �नष्कषर् मान्य ह�

(b) कोई भी �नष्कषर् मान्य नह�ं है

(c) पहला �नष्कषर् अमान्य है

(d) दस
ू रा �नष्कषर् अमान्य है

3. �कसी मौजूदा कंपनी द्वारा नाम के आर�ण या उसके नाम म� प�रवतर्न के �लए आवेदन करने
क� िस्थ�त म�, रिजस्ट्रार नाम को अनुमोदन क� तार�ख से ................... क� अव�ध के �लए
आर��त कर सकता है ।

(a) 90 �दन

(b) 60 �दन

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.73

(c) 30 �दन

(d) 20 �दन

4. मॉडनर् फ़�नर्चर को 30 जन
ू 2022 को �नग�मत �कया गया, इसके �नदे शक� ने 18 अप्रैल
2023 को रिजस्ट्रार को शेयर के भुगतान उदाहरण मूल्य (ग्राहक द्वारा सब्सक्राइब �कए गए
शेयर के �वरुद्ध) क� प्रािप्त के संबंध म� धारा 10 ए (1) (ए) के तहत एक घोषणा पत्र भरा।
कंपनी और उसके अ�धका�रय� (�डफ़ॉल्ट करने वाले अ�धकार�) पर जुमार्ना लगाया जाएगा:

(a) क्रमशः"`1,11,000 और ` 1,11,000

(b) क्रमशः` 50,000 और "` 1,11,000

(c) क्रमशः` 1,11,000 और ` 50,000

(d) क्रमशः` 50,000 और ` 1,00,000

5. आईट�सी �ल�मटे ड ने अपना नाम बदलकर आईट�सी �ल�मटे ड कर �लया। कंपनी और उसके
अ�धका�रय� ने �ापन� और लेख� क� प्रत्येक जार� प्र�त म� प�रवतर्न करने म� �वफल होकर
�डफ़ॉल्ट �कया। इस संदभर् म� आपको �नम्न�ल�खत म� से गलत कथन� को चुनना होगा

(i) एमओए/एओए क� प्रत्येक प्र�त म� प�रवतर्न �कया जाएगा क्य��क इन्ह� सावर्ज�नक दस्तावेज़
माना जाता है ।

(ii) प्रत्येक प्र�त म� प�रवतर्न �कया जाएगा चाहे वह इलेक्ट्रॉ�नक रूप म� हो या अन्यथा।

(iii) ऐसे प�रवतर्न के �बना जार� क� गई वस्तओ


ु ं क� प्रत्येक प्र�त के �लए जुमार्ना एक हजार रुपये
होगा।

(a) (ii) केवल

(b) (iii) केवल

(c) (ii) और (iii) केवल

(d) (i), (ii) और (iii) म� से कोई नह�ं

�ववरणात्मक प्रश्न
1. डेयर� प्रोडक्ट्स प्राइवेट �ल�मटे ड ने �दसंबर, 2019 म� कंपनी के पंजीकरण के समय सीमा�नयम
के समय पंजीकृत �कया है । कंपनी के �नदे शक� का मत है �क 90% के बहुमत के प्रस्ताव को

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2.74 कॉप�रे ट और अन्य कानून

छोड़कर अंश� क� जब्ती के बारे म� लेख� के प्रावधान� को नह�ं बदला जाना च�हए। जब�क
कंपनी अ�ध�नयम धारा 14 के अनस
ु ार, 2013 के लेख� को केवल एक �वशेष संकल्प के साथ
पा�रत करके बदला जा सकता है । �नदे शक� म� से एक ने कहा है �क वे कंपनी अ�ध�नयम� के
�खलाफ कोई प्रावधान नह�ं रख सकते ह�। आपको इस मामले पर कंपनी से सलाह लेना
आवश्यक है ।

2. व्यिक्तय� का एक समूह प्र�श�ु पायलट� को क्लास रूम �श�ण और �वमान उड़ान प्र�श�ण
प्रदान करने के �लए सी�मत दे यता कंपनी के रूप म� 'ब�डंग पायलट फ्लाइंग क्लब' नामक एक
क्लब बनाने का इरादा रखता है । कंपनी अ�ध�नयम क� धारा 8 के तहत धमार्थर् उद्देश्य के �लए
एक सी�मत दे यता कंपनी बनाने का �नणर्य �लया गया। कंप�नय� अ�ध�नयम के अंतगर्त 2013
वषर् क� अव�ध के �लए और उसके बाद क्लब को भंग कर �दया जाएगा और दे नदा�रय� पर
संपित्त का अ�धशेष य�द कोई, कंप�नय� अ�ध�नयम के तहत अनम
ु त एक सामान्य प्र�क्रया के
रूप म� सदस्य� के बीच �वत�रत �कया जाएगा।

कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के प्रावधान� पर �वचार करते हुए प्रमोटर� को सलाह द� जाती है �क
प्रस्ताव क� व्यवहायर्ता क� जांच क� जाए।

3. 1 अप्रैल, 2010 को अल्फा स्कूल द्वारा कमजोर समाज के बच्च� को उनके माता-�पता क�
�वत्तीय िस्थ�त के आधार पर मफ्
ु त या बहुत मामूल� शुल्क पर �श�ा प्रदान करने के एकमात्र
उद्देश्य के साथ �श�ा प्रदान करना शुरू �कया। हालाँ�क,30 माचर् 2020 को, क�द्र सरकार के
सं�ान म� आया �क उक्त �वद्यालय अपने उद्देश्य खंड का उल्लंघन करके संचा�लत �कया गया
था, िजसके कारण कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के अंतगर्त धारा 8 कंपनी म� दजर् �कया गया था।
वणर्न क�िजए �क क�द्र सरकार द्वारा अल्फा स्कूल क� �कन शिक्तय� का प्रयोग �कया जा
सकता है ?

4. एक्सवाई (XY) �ल�मटे ड का पंजीकृत कायार्लय मब


ुं ई, महाराष्ट्र म� िस्थत है। अ�धक अच्छ�
प्रशास�नक सु�वधा के �लए कंपनी अपना पंजीकृत कायार्लय मुंबई से पुणे म� स्थानांत�रत करना
चाहती है । इस स्थानांतरण के �लए क्या औपचा�रकताय� पूर� करनी ह�गी जैसा �क कंपनी
अ�ध�नयम, 2013 म� प्रावधान �कया गया है ? इसके व्याख्या क�िजए।

5. अनष्ु का सरु �ा उपकरण सी�मत सीसीट�वी कैमर� का �नमार्ता है । इसने सीसीट�वी कैमरा
�नमार्ण क� एक और इकाई शुरू करने के �लए अपने इिक्वट� शेयर� के सावर्ज�नक �नगर्म के
माध्यम से 100 करोड़ रुपये जट
ु ाए ह�। इसने 10 करोड़ रुपये का उपयोग �कया है और तब उसे
एहसास हुआ �क उसके मौजद
ू ा व्यवसाय म� �वस्तार क� कोई संभावना नह�ं है क्य��क सरकार

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.75

ने सीसीट�वी कैमरे के आयात पर सीमा शुल्क कम कर �दया है . इस�लए चीन से आया�तत


कैमरे अपने स्वयं के �नमार्ण क� तुलना म� सस्ते ह�। अब संगठन के सीमा�नयम म� एक नए
उद्देश्य जोड़ कर शेष रा�श का उपयोग मोबाइल ऐप डेवलपम�ट व्यवसाय करना चाहते ह�।

क्या कंपनी अ�ध�नयम उद्देश्य के ऐसे प�रवतर्न क� अनम


ु �त दे ता है ? अगर नह�ं तो आप कंपनी
को क्या सलाह द� गे। य�द हाँ, तो पालन �कए जाने वाले कदम बताएं।

6. �ववेक इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड के सीमा�नयम का उद्देश्य खंड इसे �रयल-एस्टे ट व्यापार और इसके
साथ संबद्ध �कसी भी अन्य व्यवसाय पर के जाने का अ�धकार दे ता है । �रयल एस्टे ट व्यापार म�
�गरावट के करण कंपनी के प्रबंधन ने खाद्य प्रसंस्करण ग�त�व�ध के व्यवसाय को लेने का
�नणर्य �कया है । कंपनी अपने सीमा�नयम को बदलना चाहती है , ता�क खाद्य प्रसंस्करण
व्यापार को अपने उद्देश्य खंड म� शा�मल कर सक�। यह जांचा जा रहा है �क कंपनी अ�ध�नयम,
2013 के प्रावधान� के अनस
ु ार कंपनी इस तरह का बदलाव कर सकती है ?

7. कंपनी द्वारा काम करने वाले व्यिक्त (सदस्य नह�ं) हमेशा आतं�रक प्रबंधन के �सद्धांत द्वारा
संर��त होते ह�। व्याख्या क�िजये। व्याख्या क�िजए �क तकर् साध्य सूचना का �सद्धांत कब लागू
�कया जाएगा।

8. म�गलू और उसके दोस्त� ने टै क्समैन एडवाइजर� प्राइवेट �ल�मटे ड के नाम से एक कंपनी का


पंजीकरण करवाया। टै क्समैन एक पंजीकृत ट्रे डमाकर् है । 5 साल बाद जब ट्रे डमाकर् के मा�लक को
इसके बारे म� पता चला, तो उसने संबं�धत प्रा�धकार� के पास एक आवेदन दायर �कया। क्या
कंपनी ट्रे डमाकर् के मा�लक द्वारा अपना नाम बदलने के �लए अनुरोध कर सकता है ? क्या
पंजीकृत ट्रे डमाकर् का स्वामी कंपनी से अनुरोध कर सकता है और �फर कंपनी अपने �ववेक से
अपना नाम बदल सकती है ?

9. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के प्रावधान� के बारे म� व्याख्या क�िजए िजन प�रिस्थ�तय� म� एक


सहायक कंपनी अपनी धारक कंपनी का सदस्य बना सकती है ।

10. श्री ल�मी इलेिक्ट्रकल्स �ल�मटे ड (एस) एक कंपनी है िजसम� हनुमान पावर सप्लायसर् �ल�मटे ड
(एच) के पास अपनी प्रदत्त अंश पूंजी का 60% �हस्सा है । एच के अंशधारक म� से एक ने एक
दानशील ट्रस्ट बनाया और एच म� अपने 10% शेयर और ट्रस्ट को ₹50 करोड़ दान कर �दए।
वह एस को ट्रस्ट� के रूप म� �नयुक्त करता है । ट्रस्ट क� सभी संपित्तयां एस के नाम पर ह�।
क्या कोई सहायक अपनी धारक कंपनी म� इस तरह से अंश रख सकती है ?

11. कंपनी और कंपनी के सदस्य� पर 'दस्तावेज� क� सेवा' से संबं�धत कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के
प्रावधान� क� व्याख्या कर� ।

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2.76 कॉप�रे ट और अन्य कानून

12. अशोक, गामा इलेिक्ट्रकल्स �ल�मटे ड �नदे शक को �ल�खत म� �दया �क �कसी भी सामान्य बैठक
और �नदे शक मंडल क� बैठक के �लए पंजीकृत डाक द्वारा य�द कोई सदस्य चाहता है �क
सूचना केवल उसके कानपुर के आवासीय पते पर द� जाए, िजसके �लए उसने पयार्प्त धन जमा
�कया है । कंपनी द्वारा भेजे गए प्रमाण पत्र के अंतगर्त साधारण मेल द्वारा उनको सच
ू ना भेजी
गई। अशोक को यह सच
ू ना नह�ं �मल� और बैठक म� शा�मल नह�ं सके और यह तकर् �कया
गया �क सूचना अनस
ु ू�चत थी।

�नणर्य करना:

(i) क्या अशोक का तकर् सह� है ।

(ii) य�द बैठक और बैठक क� सच


ू ना के दौरान अशोक एक मह�ने के �लए य.ू एस.ए.म� रहता
है तो क्या आपका उत्तर वह� होगा?

13. पराग पराग कंस्ट्रक्शन �ल�मटे ड एक प्रमुख अवसरं चना कंपनी है। कंपनी के �नदे शक श्री पराग
कई वष� से कंपनी क� ओर से सभी �नमार्ण अनुबध
ं � क� जांच कर रहे ह�। सभी प� जो �कसी
भी कंपनी के साथ सौदा करते ह�, श्री पराग अच्छ� तरह से जानते ह�। कंपनी को एक प्र�सद्ध
सॉफ्टवेर कंपनी से एक बहुत ह� महत्वपण
ू र् �नमार्ण अनुबंध �मला है । पराग �नमार्ण एक
स्थानीय ठे केदार �फरोज भाई के साथ साझेदार म� इस साईट के �लए �नमार्ण कर� गे। श्री पराग
ने कंपनी क� ओर से �फरोज भाई के साथ साझेदार� पर हस्ता�र �कए क्य��क उनके पास एक
�न�हत अ�धकार है । बाद म� एक �ववाद म� कंपनी ने एक भागीदार के रूप म� दा�यत्व स्वीकार
करने से इंकार कर �दया। क्या कंपनी एक भागीदार के रूप म� अपनी दे ता से इंकार कर सकती
है ।

जवाब

बाहु�वकल्पीय प्रश्न

1. (c) सभी सदस्य� द्वारा सहमत अनुच्छे द म� संशोधन कर सकते ह�

2. (d) दस
ू रा �नष्कषर् अमान्य है
3. (b) ""60 �दन

4. (D)"" क्रमशः ` 50,000 v ` 1,00,000

5. (d) (i), (ii) और (iii) म� से कोई नह�ं

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.77

वणर्नात्मक प्रश्न� के उत्तर


1. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 5 के अनुसार, लेख म� इस आशय के प्रावधान हो सकते ह�
�क लेख� के �न�दर् ष्ट प्रावधान� को केवल तभी बदला जा सकता है जब एक �वशेष प्रस्ताव क�
तुलना म� अ�धक प्र�तबंधात्मक शत� पूर� ह�।

संर�ण के �लए प्रावधान केवल एक कंपनी के गठन पर �कया जाएगा या एक �नजी कंपनी के
मामले म� कंपनी के सभी सदस्य� द्वारा और एक सावर्ज�नक कंपनी के मामले म� एक �वशेष
संकल्प द्वारा सहमत �कए गए लेख� म� संशोधन के द्वारा �कया जाएगा।

जहाँ लेख म� संर�ण के �लए प्रावधान ह�, चाहे गठन पर या संशोधन के द्वारा, रिजस्ट्रार को
ऐसे प्रावधान� के बारे म� �नधार्�रत तर�के से सूचना दे गी।

मौजद
ू ा िस्थ�त म� , यादव डेयर� उत्पाद प्राइवेट �ल�मटे ड एक �नजी कंपनी है और अंश� क�
जब्ती के संबध
ं म� लेख� के प्रावधान� क� र�ा करना चाहती है । इसका मतलब है �क वह लेख�
के संर�ण करना चाहती है , िजसक� अनम
ु �त है । ले�कन कंपनी को सभी सदस्य� क� अनुम�त
लेकर एक प्रस्ताव पा�रत करना होगा और वह आरओसी को लेख� िस्थ�त के संबध
ं म� सच
ू ना
भी दे गी।

2. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8(1) के अनस


ु ार, जहाँ क�द्र सरकार क� संतिु ष्ट के �लए यह
सा�बत �कया जाता है �क एक व्यिक्त या व्यिक्तय� के संघ के साथ एक अ�ध�नयम के तहत
सी�मत कंपनी के रूप म� पंजीकृत �कया गया है -

(a) इसका उद्देश्य� म� वा�णज्य, कला, �व�ान, खेल, �श�ा, अनुसध


ं ान, सामािजक कल्याण,
धमर्, दान, पयार्वरण क� सुर�ा या ऐसी �कसी अन्य वस्तु को बढ़ावा दे ना है ;

(b) अपने लाभ, य�द कोई हो, या अन्य, आय द्वारा उद्देश्य� को बढ़ावा दे ने म� लागू करने
का इरादा रखता है ; तथा

(c) �कसी भी लाभांश के भुगतान को अपने सदस्य� के भुगतान पर प्र�तबंध लगा सकते ह�;

क�द्र सरकार, लाइस�स जार� करके, उस व्यिक्त या व्यिक्तय� के संघ को एक सी�मत दे यता
कंपनी के रूप म� पंजीकृत होने क� अनम
ु �त दे सकती है ।

तत्काल िस्थ�त म� , व्यिक्तय� के समूह का धारा 8 के तहत दानशील उद्देश्य के �लए दस साल
क� अव�ध के �लए एक सी�मत दे यता कंपनी बनाने और उसके बाद क्लब को भंग करने और
दे नदा�रय� पर संपित्त के अ�धशेष को �वत�रत करने का �नणर्य, य�द कोई हो, सदस्य� के बीच
अच्छा नह�ं होगा, क्य��क ऊपर �बंद ु (b) म� बताया गया है �क इसके लाभ या अन्य आय को

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2.78 कॉप�रे ट और अन्य कानून

केवल अपने उद्देश्य� को बढ़ावा दे ने के �लए लागू करने के संबंध म� प्र�तबंध है।

इसके अलावा, कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 के उप-धारा (9) म� प्रदान क� गई कंपनी
के समापन या �वघटन क� िस्थ�त म� ऐसी कंपनी क� अ�धशेष संपित्त के आवेदन म� प्र�तबंध
है । इस�लए, यह प्रस्ताव संभव नह�ं है ।

3. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 उन कंप�नय� के गठन से संबं�धत है जो वा�णज्य, कला,


�व�ान, �श�ा, खेल आ�द क� धमार्थर् वस्तओ
ु ं को बढ़ावा दे ने के �लए बनाई गई ह�। ऐसी कंपनी
अपने वस्तुओं को बढ़ावा दे ने म� अपने लाभ को लागू करने का इरादा रखती है । धारा 8
कंप�नय� को रिजस्ट्रार द्वारा केवल तभी पंजीकृत �कया जाता है जब क�द्र सरकार द्वारा उन्ह�
लाइस�स जार� �कया जाता है ।

चँ �ू क, अल्फा स्कूल एक धारा 8 कंपनी थीं और इसने अपने उद्देश खंड का उल्लंघन करना शरू

कर �दया था, इस�लए ऐसी िस्थ�त म� क�द्र सरकार द्वारा �नम्न�ल�खत शिक्तय� का प्रयोग
�कया जा सकता है :

(i) क�द्र सरकार उस कंपनी के लाइस�स को रद्द कर सकती है जहाँ कंपनी इस धारा क�
�कसी भी आवश्यकता या शत� का उल्लंघन करती है , िजसके अधीन लाइस�स जार�
�कया जाता है या जहाँ कंपनी के मामल� को धोखाधड़ी या उल्लंघन �कया जाता है।
कंपनी के उद्देश्य� या जन�हत के प्र�तकूल, और �नरसन पर रिजस्ट्रार कंपनी के नाम के
सामने रिजस्टर म� '�ल�मटे ड' या 'प्राइवेट �ल�मटे ड' डालेगा। ले�कन इस तरह के �नरसन
से पहले, क�द्र सरकार को लाइस�स रद्द करने के अपने इरादे और मामले म� सुनवाई के
अवसर क� �ल�खत सच
ू ना दे नी होगी।

(ii) क�द्र सरकार के आदे श द्वारा, जहाँ एक लाइस�स रद्द कर �दया जाता है , य�द वह संतष्ु ट
है �क यह सावर्ज�नक �हत म� आवश्यक है , तो कंपनी को इस अ�ध�नयम के तहत
समाप्त करने या इस धारा के तहत पंजीकृत �कसी अन्य कंपनी के साथ �वलय करने
का �नद� श दे सकती है । हालाँ�क,ऐसा कोई आदे श तब तक नह�ं �दया जा सकता जब
तक �क कंपनी को सुनवाई का उ�चत अवसर नह�ं �दया जाए।

(iii) जहाँ एक लाइस�स �नरस्त कर �दया जाता है और जहाँ क�द्र सरकार संतष्ु ट होती है �क
सावर्ज�नक �हत म� यह आवश्यक है �क इस खंड के अंतगर्त पंजीकृत कंपनी को �कसी
अन्य कंपनी के साथ समामे�लत �कया जाए और समान उद्देश्य हो तब, इसके �वपर�त
कुछ भी नह�ं है इस अ�ध�नयम म�, क�द्र सरकार आदे श दे सकती है �क इस तरह के
सं�वधान, गुण, अ�धकार, �हत, प्रा�धकरण और �वशेषधारक� के साथ एक अकेल� कंपनी

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.79

बनाने के �लए इस तरह के समामेलन के �लए और इस तरह क� दे नदा�रय� कतर्व्य�


और दा�यत्व� को आदे श के रूप म� �न�दर् ष्ट �कया जा सकता है।

4. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 13 के अंतगर्त कंपनी के सीमा�नयम म� प�रवतर्न का


प्रावधान है । चँ�ू क, कंपनी सीमा�नयम का पंजीकृत कायार्लय उप�नयम मात्र उस राज्य का नाम
दशार्या जाता है िजसम� कंपनी का पंजीकृत कायार्लय िस्थत है । कंपनी का पता मुंबई के �लए
ह� रिजस्ट्रार हो तो ऐसे प�रवतर्न के �लए कंपनी को �ेत्रीय �नदे शक क� अनम
ु �त लेने क�
आवश्यकता नह�ं होती है ।

हालाँ�क,अ�ध�नयम क� धारा 12(5) के अंतगर्त कंपनी के पंजीकृत कायार्लय से संबं�धत है , एक


शहर या शहर से दस
ू रे राज्य म� पंजीकृत कायार्लय म� प�रवतर्न, कंपनी के एक �वशेष संकल्प
द्वारा अनुमो�दत होना चा�हए।

इसके अलावा, पंजीकृत कायार्लय को एक आरओसी से दस


ू रे म� स्थानांत�रत कर �दया जाता है ,
इस�लए कंपनी को �ेत्रीय �नदे शक क� मंजरू � लेनी होगी।

5. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 13 के अनस


ु ार, कंपनी, िजसने सच
ू ीपत्र के माध्यम से
जनता से धन जुटाया है और अभी भी इस तरह से जट
ु ाए गए धन म� से कोई भी अप्रयुक्त
रा�श है , तो वह �कसी प्रकार से अपने उद्देश्य को नह�ं बदलेगा, िजसके �लए उसने उसने
सूचीपत्र के माध्यम से धन जुटाया है तब तक �क एक कंपनी द्वारा �वशेष संकल्प पा�रत न
�कया जाए और-

(i) इस तरह के संकल्प के संबंध म� �ववरण समाचार पत्र� (एक अंग्रेजी म� और एक �ेत्रीय
भाषा म�) प्रका�शत �कया जाएगा जो उस स्थान पर प्रचलन म� है जहाँ कंपनी का
पंजीकृत कायार्लय िस्थत है और इसे वेबसाइट पर भी डाला जाएगा। कंपनी, य�द कोई
हो, िजसम� ऐसे प�रवतर्न के औ�चत्य का उल्लेख हो;

(ii) असंतुष्ट अंशधारक� को एसईबीआई के �नयम� के अनुसार प्रवतर्क� और अंशधारक� के


�नयंत्रण से बाहर �नकालने का अवसर �दया जाएगा।

कंपनी को आरओसी के पास �वशेष संकल्प क� प्र�त दा�खल करनी होगी और उसे तीस
�दन� क� अव�ध के भीतर पंजीकरण को प्रमा�णत कराना होगा। आरओसी द्वारा इस
प्रमाणपत्र क्र बाद ह� प�रवतर्न प्रभावी होगा।

उपयुक्
र् त दे खते हुए हम कह सकते ह� �क कंपनी अपने सीमा�नयम म� मोबाइल ऐप के
�वकास का उद्देश्य जोड़ सकती है और जनता का धन उस व्यवसाय म� लगा सकती है।

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2.80 कॉप�रे ट और अन्य कानून

ले�कन इसके �लए उसे उपयक्


ुर् त शत� का पालन करना होगा।

6. �ापन के उद्देश्य खंड का प�रवतर्न

कंपनी अ�ध�नयम, 2013 ने सीमा�नयम म� प�रवतर्न को सरल और अ�धक नम्य बना �दया है ।
अ�ध�नयम क� धारा 13(1) के अंतगर्त, कंपनी द्वारा इस खंड म� �न�दर् ष्ट प्र�क्रया का पालन
करने के बाद एक �वशेष संकल्प से, सीमा�नयम� के प्रावधान� को बदला जा सकता है ।

उद्देश्य खंड म� प�रवतर्न के मामले क� धारा 13(6) म� रिजस्ट्रार के साथ कंपनी द्वारा �वशेष
संकल्प दा�खल करने क� आवश्यकता होती है। धारा 13(9) म� कहा गया है �क रिजस्ट्रार कंपनी
के उद्देश्य� के संबंध म� सीमा�नयम म� �कसी भी बदलाव को पंजीकृत करे गा और कंपनी द्वारा
�वशेष संकल्प दा�खल करने क� तार�ख से तीस �दन� क� अव�ध के भीतर पंजीकरण को
प्रमा�णत करे गा।

धारा 13(10) म� आगे कहा गया है �क �ापन म� कोई भी प�रवतर्न तब तक प्रभावी नह�ं होगा
जब तक �क इसे ऊपर के रूप म� रिजस्ट्रार के पास पंजीकृत नह�ं �कया गया हो।

इस�लए, कंपनी अ�ध�नयम, 2013 आसानी से उद्देश्य� के खंड म� �कसी भी प�रवतर्न क�


अनम
ु �त द� जाती है । �ववेक इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड अपने संगठन के सीमा�नयम के उद्देश्य खंड म�
आवश्यक बदलाव कर सकता है ।

7. आतं�रक प्रबंधन का �सद्धांत

इस �सद्धांत के अनुसार, कंपनी के साथ काम करने वाले व्यिक्तय� को यह पूछने क�


आवश्यकता नह�ं है �क क्या अनब
ु ंध से संबं�धत आंत�रक कायर्वाह� का सह� ढं ग से पालन
�कया जाता है , जब वे संतष्ु ट हो जाते ह� �क लेनदे न �ापन और संघ के लेख� के अनस
ु ार है।

�हतधारक� को यह पछ
ू ने क� आवश्यकता नह�ं है �क क्या आवश्यक बैठक बल
ु ाई गई थी और
ठ�क से आयोिजत क� गई थी या क्या आवश्यक प्रस्ताव ठ�क से पा�रत �कया गया था। वे यह
मानने के हकदार ह� �क कंपनी �नय�मत रूप से इन सभी कायर्वाह� से गुजर� है ।

�सद्धांत कंपनी के बाहर� सदस्य� को कंपनी से बचाने म� मदद करता है और कहता है �क लोग
यह मानने के हकदार ह� �क आंत�रक कायर्वाह� कंपनी रिजस्ट्रार के पास जमा �कए गए
दस्तावेज� के अनुसार है ।

आंत�रक प्रबंधन का �सद्धांत तकर् साध्य सूचना के �सद्धांत के �वपर�त है । जब�क तकर् साध्य
सूचना का �सद्धांत कंपनी को बाहर� लोग� के �खलाफ एक कंपनी क� र�ा करता है , आंत�रक
प्रबंधन का �सद्धांत �कसी कंपनी द्वारा �कये गए काय� के �खलाफ बाहर� लोग� क� सुर�ा

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.81

करता है ।

यह �सद्धांत तकर् साध्य सूचना का दरू


ु पयोग करने क� संभावना के �खलाफ एक सरु �ा उपाय
भी करता है ।

अ�त�रक्त प्रबंधन द्वारा �सद्धांत के �लए अपवाद (रचनात्मक सच


ू ना के �सद्धांत क� प्रायोजकता)

(i) अ�नय�मतता का �ान: य�द 'बाहर�' को कंपनी के भीतर अ�नय�मतता का वास्त�वक


�ान है , तो आतं�रक प्रबंधन �नयम के अंतगर्त लाभ उपलब्ध नह�ं होगा। वास्तव म� ,
उसे अ�नय�मतता का �हस्सा ह� माना जाएगा।

(ii) लापरवाह�: य�द न्युन्तमन प्रयास के साथ, �कसी कंपनी के भीतर अ�नय�ममताओं क�
खोज क� जा सकती है , तो आतं�रक प्रबन्ध के �नयम का लाभ लागू नह�ं होगा।

�नयम क� सुर�ा भी उपलब्ध नह�ं है जहाँ प�रिस्थ�त कंपनी उ�चत जांच नह�ं करती है ।

(iii) जालसाजी: �नयम लागू नह�ं होता है जहाँ कोई व्यिक्त �कसी ऐसे दस्तावेज़ पर �नभर्र
करता है जो जाल� हो जाता है क्य��क कुछ भी जालसाजी को मान्य नह�ं कर सकता है ।
एक कंपनी को अपने अ�धका�रय� द्वारा क� गई जालसाजी के �लए कभी भी बाध्य नह�ं
�कया जा सकता है ।

8. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 16 के अनुसार य�द कोई कंपनी �कसी ऐसे नाम से
पंजीकृत है जो,-

 क�द्र सरकार क� राय म� , उस नाम के समान है िजसके द्वारा एक कंपनी पहले पंजीकृत
क� गई थी, वह कंपनी को अपना नाम बदलने का �नद� श दे सकती है। �फर कंपनी एक
साधारण प्रस्ताव पा�रत करके 3 मह�ने के भीतर अपना नाम बदल लेगी।

 एक पंजीकृत व्यापार �चन्ह के समान है और कंपनी द्वारा पंजीकरण द्वारा �नगमन के


तीन वष� के भीतर क�द्र सरकार पर उस व्यापर �चन्ह का स्वामी लागू होता है , यह
कंपनी को अपना नाम बदलने का �नद� श दे सकती है। �फर कंपनी एक साधारण प्रस्ताव
पा�रत करके 6 मह�ने के भीतर अपना नाम बदल सकती है ।

कंपनी प�रवतर्न के 15 �दन� के भीतर क�द्र सरकार के आदे श के साथ आरओसी को नो�टस
दे गी। दोषी कंपनी और दोष करने वाले अ�धकार� मामले म� दं डनीय ह�।

�दए गए मामले म� , पंजीकृत ट्रे ड माकर् का मा�लक गलत नाम से कंपनी के पंजीकरण के 5
साल बाद आपित्त दजर् करा रहा है । जब�क इसे 3 साल के भीतर ह� दा�खल करना चा�हए था।
इस�लए कंपनी को अपना नाम बदलने के �लए मजबूर नह�ं �कया जा सकता है ।

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2.82 कॉप�रे ट और अन्य कानून

धारा 13 के अनुसार, कंपनी कभी भी एक �वशेष प्रस्ताव पा�रत करके और क�द्र सरकार क�
मंजूर� लेकर इसका नाम बदल सकती है । इस�लए, य�द पंजीकृत ट्रे डमाकर् का मा�लक अपने
नाम को बदलने के �लए कंपनी स अनुरोध करता है और कंपनी उसी को स्वीकार करती है तो
वह धारा 13 के प्रावधान� का पालन करके स्वेच्छा से अपना नाम बदल सकती है ।

9. कंपनी अ�ध�नयम, क� धारा 19 के प्रावधान� के अनुसार, 2013, एक सहायक कंपनी या तो


स्वयं या अपने ना�म�तय� के माध्यम से अपनी धारक कंपनी म� कोई अंश नह�ं रख सकती है
और कोई भी धारक कंपनी �कसी भी सहायक कंपनी को अपने अंश आवं�टत या हस्तांत�रत
नह�ं करे गी। �कसी कंपनी म� अपनी सहायक कंपनी को अंश� का आवंटन या हस्तांतरण शन्
ू य
होता है । हालाँ�क, यहाँ धारा लागू नह�ं होती है :

(1) सहायक कंपनी अपनी धारक कंपनी म� एक मत


ृ सदस्य को कानूनी प्र�त�न�ध के रूप म�
अंश रखती है ,

(2) सहायक कंपनी ट्रस्ट� के रूप म� इस तरह के अंश रखती है , या

(3) सहायक कंपनी धारक कंपनी म� एक अंशधारक होने से पहले इसक� सहायक कंपनी बन
गई हो।

10. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 19 के अनस


ु ार कोई धारक कंपनी म� या अपने ना�मत� के
माध्यम से कोई अंश नह�ं रखेगी। साथ ह�, धारक कंपनी को अपनी �कसी भी सहायक कंपनी
क� अपने अंश� का आवंटन या हस्तांतरण नह�ं करना चा�हए और �कसी भी कंपनी के अंश� को
अपनी सहायक कंपनी को आबं�टत या स्थानांत�रत करना शून्य होगा।

उपयुक्
र् त �नयम के अपवाद �नम्न�ल�खत ह�;

(a) जहाँ सहायक कंपनी धारक कंपनी के मत


ृ सदस्य के कानन
ू ी प्र�त�न�ध के रूप म� ऐसे
अंश रखती है ; या

(b) जहाँ सहायक कंपनी ट्रस्ट� के रूप म� ऐसे अंश रखती है ; या

(c) जहाँ सहायक कंपनी अपनी धारक कंपनी क� सहायक कंपनी बनने से पहले भी एक
अंशधारक है , ले�कन इस मामले म�, उसे धारक कंपनी क� बैठक म� वोट दे ने का
अ�धकार नह�ं होगा।

�दए गए मामले म�, धारक कंपनी के अंशधारक� म� से एक ने अपने अंश� को धारक कंपनी म�
एक ट्रस्ट म� स्थानांत�रत कर �दया है जहाँ अंश सहायक कंपनी के पास रखे जाएंगे। इसका

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कंपनी का �नगमन और इससे संबं�धत मामले 2.83

मतलब है �क अब सहायक कंपनी होिल्डंग कंपनी म� अंश रखेगी। ले�कन यह एक ट्रस्ट� क�


�मता म� अंश रखेगा। इस�लए, हम यह �नष्कषर् �नकाल सकते ह� �क द� गई िस्थ�त म� एस,
एच म� अंश धारण कर सकता है ।

11. कंपनी अ�ध�नयम क� धारा 20 के अंतगर्त, 2013 �कसी कंपनी या �कसी अ�धकार� को कंपनी
के पंजीकृत कायार्लय म� डाक, स्पीड पोस्ट या कू�रयर सेवा द्वारा भेज कर दस्तावेज �दए जा
सकते ह� या पंजीकृत कायार्लय म� ऐसे इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड के माध्यम से �नधार्�रत
�कया जा सकता है ।

हालाँ�क, इस मामले म� प्र�तभ�ू तय� को संग्रह स्थान पर रखा जाता है , तो लाभकार� स्वा�मत्व
के �रकॉडर् को इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड के माध्यम से कंपनी पर इस तरह के संग्रह स्थान
द्वारा �दया जाता है ।

धारा 20 (2) के अंतगर्त, अ�ध�नयम म� �दए गए �नयम या इलेक्ट्रॉ�नक मोड म� रिजस्ट्रार के


साथ दस्तावेज� को दा�खल करने के �लए �दए गए �नयम के अंतगर्त बचाएं, रिजस्ट्रार या
�कसी भी सदस्य को डाक, पंजीकृत डाक या स्पीड पोस्ट द्वारा या कू�रयर द्वारा या अपने
कायार्लय या पते पर �वत�रत करके सेवा द� जा सकती है । या ऐसे इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड
द्वारा �नधार्�रत �कया जा सकता है । हालाँ�क,एक सदस्य �कसी �वशेष मोड के माध्यम से
�कसी भी दस्तावेज़ के �वतरण के �लए अनुरोध कर सकता है , िजसके �लए वह ऐसी फ�स का
भुगतान करे गा जो कंपनी द्वारा अपनी वा�षर्क आम बैठक म� �नधार्�रत �कया जा सकता है ।

12. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 20(2) के अनस


ु ार, कोई दस्तावेज़ रिजस्ट्रार या �कसी
सदस्य को डाक से या पंजीकृत डाक से या स्पीड पोस्ट द्वारा या कू�रयर द्वारा या उसके
कायार्लय या पते पर पहुंचाकर �दया जा सकता है । या ऐसे इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य तर�के से जो
�नधार्�रत �कया जा सकता है ।

बशत� �क कोई सदस्य �कसी �वशेष दस्तावेज के माध्यम से �कसी भी �ववरण के �लए अनुरोध
कर सकता है , िजसके �लए वह ऐसे फ�स का भुगतान करे गा जैसा �क कंपनी द्वारा वा�षर्क
बैठक म� �नधार्�रत �कया जा सकता है ।

इस प्रकार, पंजीकृत डाक द्वारा य�द कोई सदस्य चाहता है �क सच


ू ना केवल उसके कानपरु के
आवासीय पते पर द� जाए, िजसके �लए उसने पयार्प्त धन जमा �कया है , तो सूचना को
तदनस
ु ार तामील �कया जाना चा�हए, अन्यथा सेवा को प्रभा�वत नह�ं �कया जा सकता है ।

तदनुसार, इसके अंतगर्त पूछे गए प्रश्न� के उत्तर इस प्रकार �दए जा सकते ह�:

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2.84 कॉप�रे ट और अन्य कानून

(i) अशोक का तकर् मान्य होगा, क्य��क नो�टस क� तामील ठ�क से नह�ं क� गई थी।

(ii) द� गई प�रिस्थ�तय� म� , पंजीकृत पते द्वारा कंपनी भारत के बाहर नह�ं, बिल्क कानपुर
म� अपने आवासीय पते पर अशोक को एक वैध सच
ू ना दे ने के �लए बाध्य है ।
13. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 22 के अनुसार, कोई भी कंपनी �कसी भी व्यिक्त को भारत
म� या उसके बाहर �कसी भी स्थान पर अपनी ओर से कम� को �नष्पा�दत करने के �लए अपने
वक�ल के रूप म� अ�धकृत कर सकती है । ले�कन उनके प्रा�धकार पत्र पर सामान्य मुहर लगी
होनी चा�हए या प्रा�धकरण पत्र पर कंपनी के दो �नदे शक� के हस्ता�र होने चा�हए या उस पर
एक �नदे शक और स�चव के हस्ता�र होने चा�हए।

यह प्रा�धकरण या तो �कसी भी कायर् के �लए सामान्य हो सकता है या �कसी �व�शष्ट कायर् के


�लए हो सकता है ।

कंपनी क� ओर से और उसक� मुहर के तहत इस तरह के एक वक�ल द्वारा हस्ता��रत एक


�वलेख कंपनी को बांध दे गा जैसे �क इसे अपनी सामान्य मह
ु र के तहत बनाया गया था।

मौजद
ू ा िस्थ�त म� कंपनी द्वारा न तो कोई �ल�खत प्रा�धकार �दया और न ह� प्रा�धकार पत्र क�
सामान्य मुहर लगाई गई है ।

इसका मतलब है �क श्री पराग कानूनी रूप से कंपनी क� ओर से कायर् को �नष्पा�दत करने के
हकदार नह�ं है । इस�लए, उनके द्वारा �नष्पा�दत कायर्, कंपनी के �लए बध्यकर� नह�ं है । और
साथ ह� कंपनी एक भागीदार के रूप म� अपनी दे यता से इंकार केर सकती है ।

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