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76254bis61611 m1 cp2
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सीखने का प�रणाम
इस अध्याय का अध्ययन के बाद आप समथर् ह�गे-
कंपनी के गठन और �नगमन (प्राइवेट �ल�मटे ड/पिब्लक �ल�मटे ड), एकल
कंपनी (ओपीसी) और अलाभकार� संगठन के गठन क� व्याख्या करने म�
संस्था के ब�ह�नर्यम (एमओए) और संस्था के अंत�नर्यम क� ज़रूरत� को
पहचानने और उसम� आवश्यक प्रसां�गक प�रवतर्न� को समझने म�
पंजीकरण के प्रभाव को समझने म�
कंपनी के पंजीकरण कायार्लय से संबं�धत अवधारणाओं समझने म� और
पहचानने म�
समझ� �क दस्तावेज़ कैसे प्रस्तुत �कए जा सकते ह� और उन्ह� कैसे
दा�खल �कया जा सकता है ।
दस्तावेज�, कायर्वाह� और अनुबध
ं � के प्रमाणीकरण और �व�नमय �बल� के
�नष्पादन आ�द के बारे म� जानने म�
अध्याय अवलोकन
यह अध्याय कंप�नय� के �नगमन और उससे जड़
ु े मामल� से संबं�धत कंपनी अ�ध�नयम 2013 के
अध्याय II म� �न�हत प्रावधान� पर �वस्तार से चचार् करे गा। इस अध्याय का दायरा नीचे �दए गए �चत्र
म� �दखाया गया है ;
न्यन
ू तम सदस्य �ापन (एमओए) पंजीकृत कायार्लय
एवं ओपीसी (धारा 4) सेवा (धारा 20) (से। 12)
(धारा 3 एवं 3ए)
"""""""अनछ
ु े द (एओए) प्रमा�णकता व्यवसाय का प्रारं भ
ज़रूर� दस्तावेज (धारा 5) (धारा 21) (धारा 10ए)
(धारा 7)
एमओए/एओए को �नष्पादन
ओवरराइड करने के �लए नाम म� प�रवतर्न
कंपनी का कोई (धारा 22)
अ�ध�नयम (धारा 6) (धारा 16)
लाभ नह�ं (धारा 8)
�ापन म� प�रवतर्न
कंपनी का प�रवतर्न
पंजीकरण का (धारा 13)
(धारा 18)
प्रभाव (धारा 9)
सदस्य� को एमओए/एओए क�
प्र�त दे ना (धारा 17)
एक कंपनी अपने सदस्य� से एक अलग कानूनी इकाई है । इसका शाश्वत उत्तरा�धकार है और इसे
केवल वैध उद्देश्य� के �लए ह� शा�मल �कया जा सकता है । �नगमन से पहले, प्रचार ग�त�व�धयाँ
आवश्यक ह�। प्रमोशन वा�णिज्यक द�ु नया से प�र�चत कई व्यावसा�यक प�रचालन� को दशार्ता है
िजसके द्वारा एक कंपनी को अिस्तत्व म� लाया जाता है 1 10
जो व्यिक्त कंपनी को शा�मल करने के �लए प्रचार ग�त�व�धयाँ करते ह�, उन्ह� आम तौर पर प्रमोटर के
रूप म� जाना जाता है । कंपनी अ�ध�नयम, 2 क� धारा 2(69), 2013 2 (इसके बाद 'अ�ध�नयम' के रूप
11
c. कंपनी के मामल� म� िजसका प्रत्य� या अप्रत्य� रूप से, अंशधारक, �नदे शक या अन्यथा के
रूप म� �नयंत्रण है ; या
d. िजनक� सलाह, �नद� श या �नद� श के अनुसार कंपनी का �नदे शक मंडल कायर् करने का आद� है ,
ले�कन इसम� ऐसे व्यिक्त को शा�मल नह�ं �कया जाएगा जो केवल पेशेवर �मता जैसे वक�ल,
तकनीक� या कायार्त्मक �वशेष� के रूप म� कायर् कर रहा हो।
प्रमोटर वह होता है जो �कसी �दए गए प्रोजेक्ट के संदभर् म� एक कंपनी बनाने और उसे शरू
ु करने का
कायर् करता है , और जो उसे पूरा करने के �लए आवश्यक कदम उठाता है।
1
व्हे ल� �ब्रज �प्रं�टंग कंपनी बनाम ग्रीन (1880) 5 B. 109
2
2013 का अ�ध�नयम 18
उद्देश्य। 12 प्रमोटर बनने के �लए, �कसी को कंपनी के प्रारं �भक गठन से जुड़ा होना जरूर� नह�ं है ; जो
3
बाद म� इसक� पूंजी को प्रवा�हत करने क� व्यवस्था करने म� मदद करता है , उसे समान रूप से प्रमोटर
माना जाएगा। 4 13
शा�मल करने (बनाने और ढालने) के �लए 5 सभी आवश्यक कदम उठाता है और इसे एक प्रत्ययी
14
�चत्रण (सह�/गलत)
कथन – प्रमोटर बनने के �लए कंपनी के प्रारं �भक गठन से जुड़ा होना आवश्यक है ।
उत्तर - गलत, जो बाद म� कंपनी को आगे बढ़ने, फंड जुटाने और बोडर् को सलाह दे ने म� मदद करता
तदनस
ु ार, एक �नग�मत कंपनी या तो चाटर् डर् कंपनी, वैधा�नक कंपनी या पंजीकृत कंपनी हो सकती है ।
अ�ध�नयम क� धारा 3 पंजीकृत कंप�नय� से संबं�धत है ।
कंप�नय� के प्रपत्र
कंप�नय� को मोटे तौर पर नीचे �चत्र म� �दखाई गई श्रे�णय� म� वग�कृत �कया गया है । इनम� से कई
3
ट्�वक्रॉस बनाम ग्रांट (1877) 2 सी.पी.डी. 469
4
लगुनास नाइट्रे ट कंपनी बनाम लगुनास �सं�डकेट (1899) 2 अध्याय 392।
5
एला�गर v न्यू सोम्ब्रेरो फॉस्फेट कंपनी (1878) 48 एलजे सीएच 73
6
उक्त
कंप�नय� के प्रकार
कम्पनी
दे नदार� के आधार पर
सावर्ज �नजी पूंजी के साथ पूंजी के �बना पूंजी के साथ पूंजी के �बना
धारा 3 क� उप-धारा 1 म� प्रावधान है �क वैध उद्देश्यके �लए, �ापन म� अपना नाम दजर् करके और
इस अ�ध�नयम क� आवश्यकता का अनुपालन करके;
c. एक व्यिक्त कंपनी (�नजी कंपनी के रूप म�) एक (1) व्यिक्त द्वारा बनाई जा सकती है।
इसके अलावा, उप-धारा 2 से धारा 3 म� प्रावधान है �क, ऊपर �न�दर् ष्ट अनुसार बनाई गई कंपनी को
या तो शा�मल �कया जा सकता है ;
�टप्प�णयाँ : सी�मत दे यता कंप�नयाँ गारं ट� के साथ-साथ शेयर� द्वारा भी सी�मत कंप�नयाँ हो सकती
ह�।
�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक या �न�दर् ष्ट आईएफएससी �नजी कंपनी केवल शेयर� द्वारा सी�मत
कंपनी के रूप म� बनाई जाएगी। आईएफएससी कंपनी का मतलब गज
ु रात क� तरह भारत म� �कसी
भी अंतरार्ष्ट्र�य �वत्तीय सेवा क�द्र म� व्यवसाय स्था�पत करने के �लए लाइस�स प्राप्त कंपनी है
अंतरार्ष्ट्र�य �वत्त टे क-�सट�।
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 म� पहल� बार सी�मत दे नदार� वाले केवल एक व्यिक्त द्वारा कंपनी के गठन
क� अनम
ु �त द� गई, िजसे एक व्यिक्त कंपनी कहा जाता है ; ऐसी कंपनी को धारा 3(1)(सी) के तहत
एक �नजी कंपनी के रूप म� व�णर्त �कया गया है । इसके अलावा धारा 3(1) कंपनी (�नगमन) �नयम,
2014 के �नयम 3 और 4 के साथ, नीचे सूचीबद्ध एक व्यिक्त कंपनी के मामले म� �वशेष रूप से लागू
कुछ प्रावधान प्रदान करती है ;
ओपीसी को अ�ध�नयम क� धारा 8 के तहत �कसी कंपनी म� शा�मल या प�रव�तर्त नह�ं �कया जा
सकता है । इसके अलावा, ओपीसी गैर-ब��कं ग �वत्तीय �नवेश ग�त�व�धय� को अंजाम नह�ं दे सकता है
�कसी भी �नकाय-कॉप�रे ट क� प्र�तभ�ू तय� म� �नवेश।
उदाहरण - सश्र
ु ी मधु ने एक ओपीसी का गठन �कया िजसम� श्री सूडान नामां�कत ह� क्य��क उनका
नाम उनक� सहम�त के साथ एमओए म� �न�दर् ष्ट है ।"सश्र
ु ी मधु को �दवा�लया घो�षत कर �दया गया,
�दवा�लया घो�षत होने तक, वह अनुबध
ं करने म� अ�म हो ग�, इस�लए, श्री सूडान ऐसे ओपीसी के
सदस्य बन गए।
फॉमर् संख्या आईएनसी-32 (एसपीआईसीई) म� ऐसे ना�मत व्यिक्त का नाम, फॉमर् संख्या आईएनसी-3
म� प्राप्त ऐसे ना�मत व्यिक्त क� सहम�त और कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014
म� प्रदान क� गई फ�स के साथ कंपनी के �नगमन के समय रिजस्ट्रार के पास उसके �ापन और लेख�
के साथ दायर �कया जाएगा।
�टप्प�णयाँ : एक प्राकृ�तक व्यिक्त �कसी भी समय एक व्यिक्त से अ�धक कंपनी का सदस्य नह�ं
होगा और उक्त व्यिक्त एक से अ�धक व्यिक्त कंपनी का नामां�कत व्यिक्त नह�ं होगा।
ऐसा अन्य व्यिक्त (नामां�कत) ऐसे एकमात्र सदस्य और एक व्यिक्त कंपनी को �ल�खत रूप म� नो�टस
दे कर अपनी सहम�त वापस ले सकता है
�टप्प�णयाँ : इस दशा म� एकमात्र सदस्य वापसी क� सूचना प्राप्त होने के पंद्रह �दन� के भीतर �कसी
अन्य व्यिक्त को ना�मत व्यिक्त के रूप म� ना�मत करे गा और कंपनी को इस तरह के ना�मत
व्यिक्त क� �ल�खत सहम�त के साथ फॉमर् आईएनसी-3 म� इस तरह के ना�मत व्यिक्त क� �ल�खत
सहम�त के साथ इस तरह के नामकरण क� सच
ू ना भेजेगा।
सदस्य �कसी भी कारण से �कसी भी समय अपने द्वारा ना�मत व्यिक्त का नाम बदल सकता है ,
िजसम� ना�मत व्यिक्त क� मत्ृ यु या अनब
ु ंध करने क� अ�मता क� िस्थ�त म� भी शा�मल है और फॉमर्
नंबर आईएनसी-3 म� ऐसे अन्य व्यिक्त क� पूवर् सहम�त प्राप्त करने के बाद �कसी अन्य व्यिक्त (नया
ना�मत) को ना�मत कर सकता है ।
उदाहरण - राजेश ने एक 'वन पसर्न कंपनी (ओपीसी) बनाई है , िजसम� उनक� पत्नी रूपाल� को
नामां�कत व्यिक्त के रूप म� ना�मत �कया गया है । �पछले दो वष� से उनक� पत्नी रूपाल� लाइलाज
बीमार� से पी�ड़त ह� और इस क�ठन तथ्य के कारण वह उन्ह� नामां�कत व्यिक्त के रूप म� बदलना
चाहते ह�। उसका एक �वश्वसनीय और अनुभवी �मत्र राम�नवास है िजसे नामां�कत �कया जा सकता है
या उसका (राजेश) पत्र
ु र�क जो सत्रह वषर् का है । वतर्मान मामले म�, राजेश अपने �मत्र राम�नवास
को अपने ओपीसी म� ना�मती के रूप म� �नयक्
ु त कर सकता है , न �क र�क के रूप म�, क्य��क र�क
नाबा�लग है ।
जहां एकल सदस्य सदस्य होना बंद कर दे ता है और नामां�कत व्यिक्त नया सदस्य बन जाता है , तो
ऐसा नया सदस्य सदस्य बनने के पंद्रह �दन� के भीतर एक व्यिक्त (नया नामां�कत व्यिक्त) को
नामां�कत करे गा जो उसक� मत्ृ यु या उसक� सं�वदा करने क� अ�मता क� िस्थ�त म� ऐसे कंपनी का
सदस्य बन जाएगा।
रिजस्ट्रार को प�रवतर्न क� सच
ू ना
उपयुक्
र् त तीन� प�रवतर्न� के मामले म� (नामां�कत व्यिक्त द्वारा सहम�त वापस लेना, नामां�कत
व्यिक्त को �कसी अन्य व्यिक्त से बदलना और जब नामां�कत व्यिक्त सदस्य बन जाता है ) कंपनी
ना�मत व्यिक्त द्वारा सहम�त वापस लेन,े सदस्य से नामां�कत व्यिक्त के प�रवतर्न या समािप्त क�
सूचना प्राप्त करने के तीस �दन� के भीतर रिजस्ट्रार के पास इस तरह क� सहम�त वापस लेन,े
प�रवतर्न या समािप्त क� सूचना दजर् करे गी और कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शल्
ु क) �नयम,
2014 म� प्रदान �कए गए शल्
ु क के साथ-साथ ऐसे अन्य व्यिक्त क� पूवर् �ल�खत सहम�त के साथ-साथ
फॉमर् नंबर आईएनसी -3 म� ना�मत व्यिक्त का नाम भी दजर् करे गी।
�चत्रण (सह�/गलत)
अ�त�रक्त पढ़ना
धारा 2(40) के प्रभाव से नकद�-प्रवाह �ववरण तैयार करने क� आवश्यकता नह�ं है।
ओपीसी के मामले म� धारा 96 के तहत वा�षर्क आम बैठक आयोिजत करना आवश्यक नह�ं
है । इसके अलावा, धारा 100 से 111 के तहत �न�दर् ष्ट सामान्य बैठक� और असाधारण
सामान्य बैठक� से संबं�धत कुछ �व�शष्ट प्रावधान ओपीसी पर लागू नह�ं होते ह�।
धारा 137 के तहत, ओपीसी को 30 �दन� के बजाय �वत्तीय वषर् क� समािप्त से छह मह�ने
के भीतर �वत्तीय �ववरण दा�खल करने क� अनुम�त है ।
2. ऐसी कंपनी सदस्य� क� कम संख्या के साथ छह मह�ने से अ�धक समय तक कारोबार करती
है ; और
ऐसे सदस्य उस समय के दौरान (छह मह�ने के बाद) करार �कए गए कंपनी के सभी ऋण� के
भुगतान के �लए उत्तरदायी होते ह�।
उदाहरण – अमर, अकबर और एंथनी अपने पांच दोस्त� के साथ हामर्नी �ल�मटे ड के सदस्य थे। 18
अगस्त 2022 को अमर और अकबर क� मत्ृ यु हो गई, प�रणामस्वरूप सदस्य� क� संख्या घटकर 6 रह
गई और हर कोई इसके बारे म� जानता है । हामर्नी �ल�मटे ड ने सदस्य� को बढ़ाए �बना अपना संचालन
जार� रखा। माचर् 2023 म�, कंपनी ने व्यवसाय संचालन के �लए ऋण �लया और उसके भुगतान म�
चूक क�। ऐसे ऋण का ऋणदाता कंपनी, या एंथोनी या बाक� पांच दोस्त� म� से �कसी पर मुकदमा कर
सकता है , क्य��क �दए गए मामले म� सदस्य उक्त ऋण के �लए अलग-अलग उत्तरदायी ह�गे।
�चत्रण (सह�/गलत)
उत्तर – गलत, अ�ध�नयम क� धारा 3ए दे ख�। ऐसे सदस्य उस समय के दौरान (छह मह�ने के बाद)
सं�वदाबद्ध कंपनी के सभी ऋण� के भग
ु तान के �लए समान रूप से उत्तरदायी होते ह�।
पहलुओं को कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 12 से 18 द्वारा व�णर्त �कया गया है और
शुल्क को कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शल्
ु क) �नयम, 2014 के �नयम 12 के माध्यम से
अ�धसू�चत �कया गया है।
�कसी कंपनी के पंजीकरण के �लए एक आवेदन उस रिजस्ट्रार के पास दायर �कया जाएगा िजसके
अ�धकार �ेत्र म� कंपनी का पंजीकृत कायार्लय एसपीआईसीई+(कंपनी को इलेक्ट्रॉ�नक रूप से शा�मल
करने के �लए सरल�कृत प्रोफामार् प्लस) म� िस्थत होना प्रस्ता�वत है। आईएनसी-32) कंपनी (पंजीकरण
कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014 के तहत प्रदान क� गई फ�स के साथ �नम्न�ल�खत दस्तावेज�
और सच
ू नाओं के साथ;
एसपीआईसीई+ एक एक�कृत वेब फॉमर् है जो तीन क�द्र�य मंत्रालय� और �वभाग� द्वारा 10 सेवाएं
प्रदान करता है । (कॉप�रे ट मामल� के मंत्रालय, श्रम मंत्रालय और �वत्त मंत्रालय म� राजस्व �वभाग)
िजससे भारत म� व्यवसाय शरू
ु करने के �लए कई प्र�क्रयाओं, समय और लागत क� बचत होती है।
एसपीआईसीई+ व्यवसाय करने म� आसानी क� �दशा म� एक पहल है । छात्र अ�धक जानकार� के �लए
एमसीए क� वेबसाइट पर एसपीआईसीई+ फॉमर् पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न दे ख सकते ह�
�ववरण https://www.mca.gov.in/MinistryV2/spicefaq.html
इस प्रकार प्रस्तुत �कए गए कंपनी के �ापन (फॉमर् संख्या आईएनसी-33 म� ई-एमओए) और लेख
(फॉमर् संख्या आईएनसी-34 म� ई-एओए) पर �नयम 13 द्वारा �नधार्�रत तर�के से �ापन के सभी
ग्राहक� द्वारा �व�धवत हस्ता�र �कए जाएंगे। कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 जैसा �क नीचे बताया
गया है :
a. प्रत्येक ग्राहक को अपना नाम, पता, �ववरण और व्यवसाय, य�द कोई हो, जोड़ना होगा, कम से
कम एक गवाह क� उपिस्थ�त म� जो हस्ता�र को सत्या�पत करे गा हस्ता�र करे गा और अपना
नाम, पता, �ववरण और व्यवसाय, य�द कोई हो, जोड़ेगा।
b. जहां कोई ग्राहक अनपढ़ है , वह अपने अंगूठे का �नशान या �नशान लगाएगा िजसे उसके �लए
�लखने वाले व्यिक्त द्वारा व�णर्त �कया जाएगा, जो ग्राहक का नाम �नशान के सामने या नीचे
रखेगा और इसे अपने हस्ता�र से प्रमा�णत करे गा और वह ग्राहक के नाम के सामने उसके
द्वारा �लए गए शेयर� क� संख्या भी �लखनी होगी।
c. जहां ग्राहक एक कॉप�रे ट �नकाय है वहां �ापन और एसो�सएशनके लेख� पर �नदे शक मंडल के
एक संकल्प द्वारा इस संबंध म� �व�धवत अ�धकृत �नकाय कॉप�रे ट के �नदे शक अ�धकार� या
कमर्चार� द्वारा हस्ता�र �कए जाएंगे।
d. जहां ग्राहक एक सी�मत दे यता भागीदार� है , उसे सी�मत दे यता भागीदार� के एक भागीदार
द्वारा हस्ता��रत �कया जाएगा, जो सी�मत दे यता भागीदार� के सभी भागीदार� द्वारा
ु ो�दत एक प्रस्ताव द्वारा �व�धवत अ�धकृत होगा:
अनम
e. जहां �ापन का ग्राहक भारत के बाहर रहने वाला एक �वदे शी नाग�रक है , तो �ापन और
एसो�सएशन के लेख� पर उसके हस्ता�र और पता और पहचान का प्रमाण एक प्रमाण पत्र के
साथ नोटर� (सावर्ज�नक) द्वारा नोटर�कृत �कया जाएगा। इसके अलावा, य�द ऐसा व्यिक्त
राष्ट्रमंडल के बाहर �कसी दे श म� रहता है या जो हे ग एपोिस्टल कन्व� शन, 1961 का प�कार
नह�ं है , तो नोटर� (सावर्ज�नक) का प्रमाण पत्र एक राजन�यक या कांसुलर अ�धकार� द्वारा
प्रमा�णत �कया जाएगा।
f. जहां �ापन का ग्राहक एक �वदे शी नाग�रक है जो भारत के बाहर रहता है और भारत म� आया
है और एक कंपनी को शा�मल करने का इरादा रखता है , ऐसे मामले म� �नगमन क� अनुम�त
द� जाएगी, य�द उसके पास वैध �बजनेस वीजा है। य�द व्यिक्त भारतीय मूल का है या भारत
का �वदे शी नाग�रक है , तो व्यवसाय वीज़ा क� आवश्यकता लागू नह�ं होगी।
व्यावहा�रक अंतदृर्िष्ट/�चत्रण
a. एक वक�ल, एक चाटर् डर् अकाउं ट� ट, कॉस्ट अकाउं ट� ट या प्रैिक्टस करने वाला कंपनी स�चव जो
कंपनी के गठन म� लगा हुआ है और
�ापन के ग्राहक� और पहले �नदे शक� के रूप म� ना�मत व्यिक्तय� द्वारा घोषणा
�ापन के प्रत्येक हस्ता�रकतार् और लेख� म� प्रथम �नदे शक� (य�द कोई हो) के रूप म� ना�मत
व्यिक्तय� से फॉमर् आईएनसी -9 म� एक घोषणा, िजसम� कहा गया है �क कंपनी के पंजीकरण के �लए
रिजस्ट्रार के पास दा�खल �कए गए सभी दस्तावेज� म� ऐसी जानकार� है जो उसके सव�त्तम �ान और
�वश्वास के अनस
ु ार सह� और पण
ू र् और सत्य है ।
b. वह �पछले पांच वष� के दौरान इस अ�ध�नयम या �कसी भी �पछले कंपनी कानून के अंतगर्त
�कसी भी कंपनी को �कसी भी धोखाधड़ी या गलतफहमी या �कसी भी कतर्व्य के उल्लंघन का
दोषी नह�ं पाया गया है ।
�ववरण यानी नाम, िजसम� उपनाम या प�रवार का नाम, �नदे शक पहचान संख्या (डीआईएन),
आवासीय पता, राष्ट्र�यता और कंपनी के पहले �नदे शक के रूप म� लेख म� उिल्ल�खत प्रत्येक व्यिक्त
क� पहचान का प्रमाण और अन्य फम� म� उसक� रु�च स�हत अन्य �ववरण शा�मल ह�। या कॉप�रे ट
�नकाय को कंपनी के �नदे शक के रूप म� कायर् करने के �लए अपनी सहम�त (फॉमर् नंबर डीआईआर -
2) के साथ कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014 म� प्रदान �कए गए शुल्क के साथ
b. �पता/माता का नाम
i. आवासीय प्रमाण जैसे ब�क स्टे टम�ट, �बजल� �बल, टे ल�फोन/मोबाइल �बल, बशत� �क ब�क
स्टे टम�ट �बजल� �बल, टे ल�फोन या मोबाइल �बल दो मह�ने से अ�धक परु ाना न हो।
j. पहचान का प्रमाण (भारतीय नाग�रक� के �लए - मतदाता पहचान पत्र, पासपोटर् प्र�त, ड्राइ�वंग
लाइस�स प्र�त, �व�शष्ट पहचान संख्या (यआ
ू ईएन) और �वदे शी नाग�रक� और अ�नवासी
भारतीय� के �लए - पासपोटर् )
k. य�द ग्राहक पहले से ह� �कसी कंपनी का �नदे शक या प्रमोटर है , तो कंपनी के नाम से संबं�धत
�ववरण; कॉप�रे ट पहचान संख्या; चाहे �नदे शक या प्रमोटर के रूप म� रु�च हो
जहां �ापन का ग्राहक एक कॉप�रे ट �नकाय है , तो �नम्न�ल�खत �ववरण रिजस्ट्रार के पास दा�खल
�कए जाएंगे
d. इ-मेल Id
e. य�द �नकाय कॉप�रे ट एक कंपनी है , तो बोडर् के प्रस्ताव क� प्रमा�णत सत्य प्र�त�ल�प, िजसम�
अन्य बात� के साथ-साथ एमओए क� सदस्यता लेने के �लए प्रा�धकरण �न�दर् ष्ट हो।
f. य�द कॉप�रे ट �नकाय एक सी�मत दे यता भागीदार� या साझेदार� फमर् है , तो सभी भागीदार�
द्वारा सहमत संकल्प क� प्रमा�णत सत्य प्र�त, अन्य बात� के साथ-साथ एमओए क� सदस्यता
के �लए प्रा�धकरण को �न�दर् ष्ट करती है ।
g. �वदे शी �नकाय कॉप�रे ट के मामले म�, �वदे शी �नकाय कॉप�रे ट के �नगमन प्रमाणपत्र क� प्र�त से
संबं�धत �ववरण; और पंजीकृत कायार्लय का पता।
य�द �कसी कंपनी के उद्देश्य� म� से �कसी के �लए आरबीआई और सेबी जैसे �ेत्रीय �नयामक� से
पंजीकरण या अनुमोदन क� आवश्यकता होती है , तो प्रस्ता�वत कंपनी को ऐसे उद्देश्य� को आगे बढ़ाने
से पहले ऐसा पंजीकरण या अनुमोदन प्राप्त करना होगा और इसके �लए �नगमन के चरण म� एक
घोषणा प्रस्तुत करनी होगी।
�कसी कंपनी को �न�ध के रूप म� शा�मल �कए जाने के मामले म�, अ�ध�नयम क� धारा 406 के तहत
क�द्र सरकार द्वारा घोषणा व्यवसाय शरू
ु करने से पहले �न�ध द्वारा प्राप्त क� जाएगी और कंपनी
द्वारा �नगमन के चरण म� इस संबध
ं म� एक घोषणा प्रस्तुत क� जाएगी। ।
व्यावहा�रक अंतदृर्िष्ट
प्रमाणपत्र म� कंपनी का नाम, उसके जार� होने क� तार�ख, सीआईएन (कॉप�रे ट पहचान संख्या) और उसक� मह
ु र
के साथ रिजस्ट्रार के हस्ता�र शा�मल ह�।
�नगमन का प्रमाणपत्र पंजीकरण (�नरं तर उत्तरा�धकार के साथ अलग कानूनी इकाई का अिस्तत्व) का प्रमाण
है । इसके प्रभाव� को खंड 9 द्वारा उजागर �कया गया है , इस अध्याय म� बाद म� समझाएं।
पहले, �नगमन प्रमाणपत्र को �नणार्यक प्रमाण माना जाता था, ले�कन कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के अनुसार,
�नगमन प्रमाणपत्र �नगमन से पहले क� हर चीज के सह� होने का �नणार्यक प्रमाण नह�ं है । धारा 7 क� उपधारा
(6) और (7) इस समझ को दशार्ती ह�।
�नगमन प्रमाणपत्र म� उिल्ल�खत �त�थ से, रिजस्ट्रार कंपनी को एक कॉप�रे ट पहचान संख्या आवं�टत
करे गा, जो कंपनी के �लए एक �व�शष्ट पहचान होगी और िजसे �नगमन प्रमाणपत्र म� भी शा�मल
�कया जाएगा।
सीआईएन एक 21 अल्फ़ा-न्यम
ू े�रक अंक� पर आधा�रत �व�शष्ट पहचान संख्या है , िजसम� डेटा
अनुभाग/तत्व शा�मल ह� जो कंपनी के बारे म� आधार पहलओ
ु ं का खुलासा करते ह�।
7
उदाहरण - सीआईएन को �डकोड कर�
पहला अ�र – L (�लिस्टं ग िस्थ�त का पता चलता है, एल सूचीबद्ध के �लए और यू असूचीबद्ध
के �लए, उदाहरण के �लए इंफो�सस सूचीबद्ध है )
अगले चार अंक – 1981 (�कसी कंपनी के �नगमन के वषर् का पता चलता है )
अगले तीन अ�र – PLC (कंपनी वग�करण का पता चलता है - सावर्ज�नक के �लए पीएलसी,
कंपनी इस अ�ध�नयम के तहत अपने �वघटन तक अपने पंजीकृत कायार्लय म� मूल रूप से दायर �कए
गए सभी दस्तावेज� और सच
ू नाओं क� प्र�तय� को बनाए रखेगी और संर��त रखेगी।
�नगमन के समय झठ
ू � या ग़लत जानकार� दे ना या वास्त�वक तथ्य को �छपाना (उदाहरण �नगमन
प्र�क्रया के दौरान)
जहां, �कसी कंपनी के �नगमन के बाद �कसी भी समय यह सा�बत हो जाता है �क कंपनी का �नगमन
�कसके द्वारा �कया गया है
b. ऐसी कंपनी को शा�मल करने के �लए दायर या �कए गए �कसी भी दस्तावेज़ या घोषणा म�
�कसी भी महत्वपूणर् तथ्य या जानकार� को �छपाकर, या
�फर, प्रमोटर, कंपनी के पहले �नदे शक के रूप म� ना�मत व्यिक्त और इस धारा के तहत
घोषणा करने वाले व्यिक्त धारा 447 के तहत धोखाधड़ी के �लए कारर्वाई के �लए उत्तरदायी
ह�गे।
अ�धकरण का आदे श
b. ऐसी कंपनी को शा�मल करने के �लए दायर या �कए गए �कसी भी दस्तावेज़ या घोषणा म�
�कसी भी महत्वपूणर् तथ्य या जानकार� को �छपाकर या
�फर �ट्रब्यन
ू ल (एनसीएलट�) इस बात से संतष्ु ट होने पर �क िस्थ�त उ�चत है , उसे �दए गए आवेदन
के जवाब म� , वह आदे श पा�रत कर सकता है , िजसम� वह उ�चत समझे;
c. कंप�नय� के रिजस्टर से कंपनी के नाम को हटाने के �लए �नद� �शत कर सकते ह�; या
d. कंपनी का समापन ; या
b. प्रा�धकरण कंपनी द्वारा �कए गए लेनदे न पर �वचार �कया जाएगा, िजसम� दा�यत्व�, य�द कोई
हो, अनुबं�धत या �कसी दे यता का भुगतान शा�मल है ।
�ट्रब्यूनल का मतलब कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 408 के तहत 1 जून, 2016 को ग�ठत
राष्ट्र�य कंपनी कानून �ट्रब्यन
ू ल (एनसीएलट�) है । एनसीएलट� भारत म� एक अधर्-न्या�यक �नकाय है
जो भारत म� कंप�नय� से संबं�धत मुद्द� का �नणर्य करता है ।
उदाहरण - एसो�सएशन के �ापन के ऑब्जेक्ट खंड म� उिल्ल�खत कंपनी क� वस्तओ
ु ं क� वैधता के
संबंध म� �नगमन प्रमाणपत्र �नणार्यक प्रमाण नह�ं है । जैसे, य�द कोई कंपनी पंजीकृत क� गई है
िजसक� वस्तुएं अवैध ह�, तो �नगम अवैध वस्तुओं को मान्य नह�ं करता है । ऐसे मामले म� , कंपनी को
बंद करना ह� एकमात्र उपाय है ।
ऐसी कंप�नय� को कंपनी अ�ध�नयम, 2013 8, क� धारा 8 के तहत क�द्र सरकार* द्वारा लाइस�स �दया
16
8
2013 का अ�ध�नयम 18
9
एस.ओ. 1353(ई), �दनांक 21 मई, 2014
उप-धारा (1):
खंड (i) से उप-धारा (4), �कसी अन्य प्रकार क� कंपनी म� रूपांतरण के मामले म� �ापन म� प�रवतर्न
को छोड़कर; और
उप-धारा (5)
�कसी अन्य प्रकार क� कंपनी म� रूपांतरण के मामले म� �ापन म� प�रवतर्न के �लए खंड (i) से उप-
धारा (4); और
उप-धारा (6)
धारा 8 के अनस
ु ार, क�द्र सरकार (अपनी ओर से आरओसी) ऐसा लाइस�स दे सकती है य�द यह संतुिष्ट
के साथ सा�बत हो जाए �क कोई व्यिक्त या व्यिक्तय� का संघ इस अ�ध�नयम के तहत एक सी�मत
कंपनी के रूप म� पंजीकृत होने का प्रस्ताव रखता है ।
b. अपने लाभ( य�द कोई हो) या अन्य, आय द्वारा उद्देश्य� को बढ़ावा दे ने म� लागू करने का
इरादा रखता है ; तथा
c. �कसी भी लाभांश के भुगतान को अपने सदस्य� के भुगतान पर प्र�तबंध लगा सकते ह�;
�टप्प�णयाँ : ऐसा प्रतीत होता है �क 'व्यिक्त' शब्द का उपयोग �कसी एक व्यिक्त को भी �न�दर् ष्ट
वस्तुओं के �लए एक कंपनी बनाने क� अनम
ु �त दे ता है। हालाँ�क, जैसा �क पहले भी चचार् क� गई है
(इस अध्याय के 'ओपीसी' शीषर्क के 'ओपीसी' शीषर्क के तहत) �क कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014
का �नयम 3(5) धारा 8 के तहत ओपीसी को एक कंपनी म� शा�मल करने या प�रव�तर्त करने पर
रोक लगाता है । इसी तरह, धारा 2(85) के अनस
ु ार, एक छोट� कंपनी को धारा 8 कंपनी म� शा�मल
या प�रव�तर्त नह�ं �कया जा सकता है । धारा 8 के अंतगर्त एक फमर् पंजीकृत कंपनी क� सदस्य हो
सकती है ।
10
एस.ओ. 4090(ई), �दनांक 19 �दसंबर, 2016
जोड़े जाएंगे। पंजीकरण पर, कंपनी एक सी�मत कंपनी के समान �वशेषा�धकार और दा�यत्व� का
आनंद उठाएगी।
लाइस�स ऐसी शत� पर जार� �कया जा सकता है िजन्ह� क�द्र सरकार (आरओसी) उ�चत समझे।
लाइस�स दे ने के बाद कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के �नयम 19 म� �न�दर् ष्ट तर�के से कंपनी के
पंजीकरण के �लए धारा 8(1) के तहत रिजस्ट्रार को आवेदन �कया जाएगा।
धारा 8(1) के तहत सी�मत दा�यत्व वाल� �कसी कंपनी को शा�मल करने के इच्छुक व्यिक्त या
व्यिक्तय� का एक संघ, फॉमर् एसपीआईसीई+ (इलेक्ट्रॉ�नक रूप से कंपनी को शा�मल करने के �लए
सरल�कृत प्रोफामार् प्लस) म� रिजस्ट्रार को आवेदन करे गा। आईएनसी-32) कंपनी (पंजीकरण कायार्लय
और शुल्क) �नयम, 2014 म� �दए गए शल्
ु क के साथ।
ऊपर �न�दर् ष्ट अनुसार प्रस्तुत आवेदन �नम्न�ल�खत दस्तावेज� के साथ होना चा�हए;
c. एक वक�ल, एक चाटर् डर् अकाउं ट� ट, लागत लेखाकार या कंपनी स�चव द्वारा फॉमर् संख्या
एनआईसी-14 म� घोषणा और फॉमर् संख्या एनआईसी-15 म� आवेदन करने वाले प्रत्येक व्यिक्त
द्वारा घोषणा, �क;
a. क�द्र सरकार (�ेत्रीय �नदे शक� को स�पी गई शिक्त) अपने �ापन म� प�रवतर्न के �लए और
b. इसके अनुच्छे द� म� प�रवतर्न के �लए क�द्र सरकार (आरओसीको शिक्त स�पी गई)।
इस धारा के तहत पंजीकृत कोई कंपनी नीचे व�णर्त कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के �नयम 21 और
22 म� �नधार्�रत शत� का पालन करने के बाद ह� खुद को �कसी अन्य प्रकार क� कंपनी म� प�रव�तर्त
कर सकती है ;
b. ऐसी सामान्य बैठक क� सूचना के �लए एक व्याख्यात्मक बयान म� ऐसे रूपांतरण के कारण का
�ववरण �दया जाना चा�हए।
c. कंपनी �वशेष प्रस्ताव क� प्रमा�णत सत्य प्र�त और रूपांतरण के अनुमोदन के �लए व्याख्यात्मक
�ववरण स�हत बैठक बुलाने के नो�टस क� एक प्र�त के साथ शुल्क के साथ �ेत्रीय �नदे शक के
साथ फॉमर् संख्या एनआईसी-18 म� एक आवेदन दा�खल करे गी।
पंजीकृत डाक या हाथ से �डल�वर� द्वाराभेजे गए नो�टस क� तामील का प्रमाण भी संलग्न कर� :
चै�रट� क�मश्नर,
क�द्र सरकार या राज्य सरकार या अन्य प्रा�धकरण का कोई संगठन या �वभाग िजसके
अ�धकार �ेत्र म� कंपनी संचा�लत हो रह� है ।
�टप्प�णयाँ : य�द इनम� से कोई भी प्रा�धकार� �ेत्रीय �नदे शक को कोई अभ्यावेदन दे ना चाहता
है , तो उसे कंपनी को एक अवसर दे ने के बाद, नो�टस प्राप्त होने के साठ �दन� के भीतर ऐसा
करना होगा।
e. कंपनी, �ेत्रीय �नदे शक को आवेदन जमा करने क� तार�ख से एक सप्ताह के भीतर, अपने खचर्
पर, एक नो�टस प्रका�शत करे गी और प्रका�शत नो�टस क� एक प्र�त, �ेत्रीय �नदे शक को तुरंत
भेजी जाएगी और उक्त नो�टस फॉमर् संख्या एनआईसी-19 म� होना चा�हए और प्रका�शत �कया
जाएगा;
कंपनी क� वेबसाइट पर, य�द कोई हो, और जैसा �क क�द्र सरकार द्वारा अ�धसू�चत या
�नद� �शत �कया जा सकता है ।
f. कंपनी को �ेत्रीय �नदे शक को आवेदन जमा करने से पहले के �वत्तीय वषर् और वा�षर्क �रटनर्
और �ेत्रीय �नदे शक को आवेदन जमा करने क� तार�ख तक अ�ध�नयम के तहत दायर �कए
जाने वाले अन्य सभी �रटनर् दा�खल करने चा�हए थे।
�टप्प�णयाँ : य�द आवेदन �पछले �वत्तीय वषर् क� तार�ख से तीन मह�ने क� समािप्त के बाद
�कया जाता है , िजसम� �वत्तीय �ववरण दा�खल �कया गया है , तो सनद� लेखाकार द्वारा
�व�धवत प्रमा�णत �वत्तीय िस्थ�त का �ववरण तीस �दन� से पहले क� तार�ख तक नह�ं बनाया
जाता है । आवेदन दा�खल करना संलग्न �कया जाएगा।
g. आवेदन प्राप्त होने पर, और संतष्ु ट होने पर, �ेत्रीय �नदे शक प्रत्येक मामले के तथ्य� और
प�रिस्थ�तय� म� लगाए गए �नयम� और शत� के अधीन कंपनी को �कसी अन्य प्रकार क�
कंपनी म� बदलने का आदे श जार� करे गा।
h. शत� को लागू करने या आवेदन को अस्वीकार करने से पहले कंपनी को �ेत्रीय �नदे शक द्वारा
सुनवाई का उ�चत अवसर �दया जाएगा
i. �ेत्रीय �नदे शक क� मंजूर� �मलने पर, कंपनी अपने मेमोर� डम ऑफ एसो�सएशन और आ�टर् कल
ऑफ एसो�सएशन म� संशोधन के �लए एक �वशेष प्रस्ताव पा�रत करने के �लए अपने सदस्य�
क� एक आम बैठक बल
ु ाएगी और उसके बाद कंपनी इन्ह� रिजस्ट्रार के पास दा�खल करे गी
(पालन करने क� घोषणा के साथ) �ेत्रीय �नदे शक द्वारा लगाई गई शत�, य�द कोई ह�)
लाइस�स का रद्दीकरण
a. क�द्र सरकार (�ेत्रीय �नदे शक को स�पी गई शिक्त) आदे श द्वारा उस कंपनी का लाइस�स रद्द
कर सकती है जहां;
कंपनी के मामले धोखाधड़ी से संचा�लत �कए जाते ह�, या कंपनी के उद्देश्य� का उल्लंघन
करते हुए या सावर्ज�नक �हत पर प्र�तकूल प्रभाव डालते हुए �कए जाते ह�,
�टप्प�णयाँ : �नरस्तीकरण पर, रिजस्ट्रार रिजस्टर म� कंपनी के नाम के सामने '�ल�मटे ड' या
'प्राइवेट �ल�मटे ड' लगाएगा।
ऐसे �नरस्तीकरण से पहले ऐसी कंपनी को एक �ल�खत नो�टस �दया जाना चा�हए और मामले
म� सुनवाई का अवसर �दया जाना चा�हए।
b. जहां लाइस�स रद्द कर �दया गया है और क�द्र सरकार संतुष्ट है �क यह सावर्ज�नक �हत म�
आवश्यक है ; �फर सन
ु वाई का उ�चत अवसर दे ने के बाद; आदे श के अनस
ु ार वह यह �नद� श दे
सकता है
इस धारा के तहत पंजीकृत एक अन्य कंपनी और समान उद्देश्य वाल�, ऐसी शत�
के अधीन जो �ट्रब्यूनल लगा सकती है , या
कंपनी को इस धारा के तहत पंजीकृत और समान उद्देश्य वाल� �कसी अन्य कंपनी के
साथ �मला �दया जाएगा। क�द्र सरकार ने उक्त समामेलन को ऐसे सं�वधान, संपित्तय�,
शिक्तय�, अ�धकार�, �हत�, अ�धका�रय� और �वशेषा�धकार� के साथ एकल इकाई बनाने
अपराध दं ड
कंपनी का कामकाज धोखाधड़ी से चूक करने वाला प्रत्येक अ�धकार� धारा 447 के तहत कारर् वाई
संचा�लत �कया गया के �लए उत्तरदायी होगा
उल्लंघन
अ�त�रक्त पढ़ना
6. पंजीकरण का प्रभाव[धारा 9]
अ�ध�नयम क� धारा 9 �कसी कंपनी के पंजीकरण के पंजीकरण के प्रभाव का प्रावधान करती है , इसम�
कहा गया है ;
�नगमन प्रमाणपत्र म� �न�दर् ष्ट �नगमन क� तार�ख से, �ापन के ग्राहक और अन्य सभी व्यिक्त, जो
ऐसी कंपनी के सदस्य बन सकते ह�, �ापन म� �दए गए नाम से एक कॉप�रे ट �नकाय ह�गे।
इसके बाद उक्त नाम से ऐसा �नकाय कॉप�रे ट; करने म� स�म होगा;
c. चल और अचल, मूतर् और अमूतर् दोन� प्रकार क� संपित्त अिजर्त करने, धारण करने और
�नपटाने क� शिक्त,
d. अनुबंध करना और मक
ु दमा करना और मक
ु दमा �कया जाना।
धारा 9 का सारांश
�ापन के सदस्य
तथा
अन्य सभी व्यिक्त,
जो समय-समय पर कंपनी के सदस्य बन सकते ह�
�नगमन क� �त�थ से
शिक्त जाना।
चल और अचल मत
ू र् और अमत
ू र्
a. नाम खंड
d. दा�यत्व खंड
f. एसो�सएशन क्लॉज या सब्स�क्रप्शन क्लॉज (�वशेष रूप से ओपीसी के मामले म� तैयार �कया
गया)
अ�ध�नयम क� धारा 4, कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के प्रासं�गक �नयम� के साथ, �ापन के संबंध
म� आवश्यकताओं का प्रावधान करती है ।
पिब्लक �ल�मटे ड कंपनी के मामले म� कंपनी का नाम अं�तम शब्द "�ल�मटे ड" या प्राइवेट �ल�मटे ड
कंपनी के मामले म� "प्राइवेट �ल�मटे ड" के साथ आता है।
�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक कंपनी 11 और आईएफएससी �नजी कंपनी"12के मामले म� , नाम म�
19 20F
कोई व्यिक्त एसपीआईसीई+ (इलेक्ट्रॉ�नक रूप से कंपनी को शा�मल करने के �लए सरल�कृत प्रोफामार्
प्लस) म� आवेदन कर सकता है : एनआईसी-32) शुल्क के साथ, जैसा �क कंपनी (पंजीकरण कायार्लय
और शल्
ु क) �नयम, 2014म� प्रदान �कया गया है , रिजस्ट्रार को प्रस्ता�वत कंपनी के नाम के रूप म�
आवेदन म� �नधार्�रत नाम के आर�ण के �लए।
मौजद
ू ा कंपनी के बदलते नाम के �लए नाम आर��त करने हे तु आवेदन [उपधारा 4]
कोई व्यिक्त कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014म� �दए गए शुल्क के साथ वेब
सेवा आरयए
ू न (�रजवर् य�ू नक नेम) का उपयोग करके आवेदन म� �नधार्�रत नाम के आर�ण के �लए
11
जीएसआर 08 (ई) �दनांक 04.01.2017
12
जीएसआर 09 (ई) �दनांक 04.01.2017
रिजस्ट्रार को आवेदन कर सकता है । वह नाम िजससे कंपनी अपना नाम बदलने का प्रस्ताव रखती है ।
दोष, य�द कोई हो, के सध
ु ार के �लए 15 �दन� के भीतर पन
ु ः सब�मशन क� अनुम�त द� जाएगी।
b. ऐसा, िजसका उपयोग कंपनी द्वारा उस समय लागू �कसी भी कानून के तहत अपराध माना
जाएगा; या
c. ऐसा, िजसका उपयोग कंपनी द्वारा क�द्र सरकार क� राय म� अवांछनीय है (क�द्र सरकार क� यह
शिक्त आरओसी को स�पी गई है ) 13 21
इसके अलावा, उप-धारा 3 प्रदान करती है , जब तक �क क�द्र सरकार क� �पछल� मंजूर� प्राप्त
नह�ं क� गई हो; कोई कंपनी उस नाम से पंजीकृत नह�ं होगी;
e. िजसम� शब्द या भाव अथार्त ् बोडर् शा�मल ह�; आयोग; अ�धकार; उपक्रम; राष्ट्र�य; संघ; क�द्र�य;
संघीय; गणतंत्र; अध्य�; राष्ट्रप�त; लघु उद्योग; खाद� और ग्रामोद्योग �नगम; �वत्तीय �नगम
और उसके जैसे; नगरपा�लका;; �वकास प्रा�धकरण; प्रधान मंत्री या मुख्यमंत्री; मंत्री; राष्ट्र; वन
�नगम; �वकास योजना; क़ानन
ू या वैधा�नक; न्यायालय या न्यायपा�लका; राज्यपाल; ब्यरू ो; और
सरकार, राज्य, भारत, भारत या �कसी भी सरकार� प्रा�धकरण के नाम के साथ या क�द्र, राज्य
या स्थानीय सरकार� और प्रा�धकरण� द्वारा शरू
ु क� गई योजनाओं से �मलते-जल
ु ते �कसी भी
तर�के क� योजनाओं के समान है ।
a. एक या दोन� नाम� म� शब्द� का बहुवचन या एकवचन रूप (ग्रीन टे क्नोलॉजी �ल�मटे ड, ग्रीन्स
टे क्नोलॉजी �ल�मटे ड और ग्रीन्स टे क्नोलॉजीज �ल�मटे ड के समान है)
13
एसओ 1353(ई), �दनांक 21st मई, 2014.
d. व्याकर�णक �भन्नता स�हत दोन� नाम� क� वतर्नी म� थोड़ा अंतर है (�डस्क सॉल्यूशस
ं �ल�मटे ड,
�डस्क सॉल्यश
ू स
ं �ल�मटे ड के समान है ले�कन यह �डस्को सॉल्यश
ू ंस �ल�मटे ड के समान नह�ं है )
e. �कसी अ�भव्यिक्त के गलत वतर्नी वाले शब्द� के उपयोग स�हत �व�भन्न ध्वन्यात्मक वतर्नी
का उपयोग (बी के �ल�मटे ड बीके �ल�मटे ड, बी के �ल�मटे ड, बी के �ल�मटे ड, बी के �ल�मटे ड,
बीके �ल�मटे ड और बी के �ल�मटे ड के समान है )
f. �कसी मौजूदा नाम का �हंद� या अंग्रेजी म� पूणर् अनुवाद या �लप्यंतरण, न �क उसका कोई भाग
(राष्ट्र�य �वद्यत
ु �नगम �ल�मटे ड, राष्ट्र�य �वद्यत
ु �नगम �ल�मटे ड के समान है )
g. होस्ट नाम जैसे 'www' या डोमेन एक्सट� शन जैसे ।net' का उपयोग। org', 'dot' या 'com' एक
या दोन� नाम� म� (अल्ट्रा सॉल्यूशंस �ल�मटे ड Ultrasolutions।com �ल�मटे ड के समान है ले�कन
सप्र
ु ीम अल्ट्रा सॉल्यश
ू ंस �ल�मटे ड Ultrasolutions।com �ल�मटे ड के समान नह�ं है )
h. नाम� म� शब्द� का क्रम (र�व �बल्डसर् एंड कॉन्ट्रै क्टसर् �ल�मटे ड र�व कॉन्ट्रै क्टसर् एंड �बल्डसर्
�ल�मटे ड के समान है )
j. �कसी मौजद
ू ा नाम म� �कसी स्थान का नाम जोड़ना, िजसम� �कसी स्थान का नाम न हो; (य�द
साल्वेज टे क्नोलॉजीज �ल�मटे ड एक मौजद
ू ा नाम है , तो यह साल्वेज टे क्नोलॉजीज �दल्ल�
�ल�मटे ड के समान है ले�कन रे ट्रो फामार्स्यू�टकल्स रांची �ल�मटे ड रे ट्रो फामार्स्यू�टकल्स चेन्नई
�ल�मटे ड के समान नह�ं है )
k. �कसी मौजद
ू ा नाम म� अंक� को दशार्ने वाले अंक� या अ�भव्यिक्तय� को जोड़ना, हटाना या
संशो�धत करना, जब तक �क अंक �कसी ब्रांड का प्र�त�न�धत्व नह�ं करता (थंडर स�वर्सेज
�ल�मटे ड थंडर 11 स�वर्सेज �ल�मटे ड और वन थंडर स�वर्सेज �ल�मटे ड के समान है)
छात्र कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के �नयम 8ए म� �न�दर् ष्ट 23 उदाहरण� का भी उल्लेख कर सकते
ह� जो "अवांछनीय नाम�" के समान ह�।
आवेदन प्राप्त होने पर रिजस्ट्रार, आवेदन के साथ द� गई जानकार� और दस्तावेज� के आधार पर,
अनुमोदन क� तार�ख से बीस �दन� क� अव�ध या ऐसी अन्य अव�ध के �लए नाम आर��त कर सकता
है ।
बशत� �क नाम द्वारा आर�ण के �लए आवेदन के मामले म� या मौजूदा कंपनी द्वारा नाम म�
प�रवतर्न से, रिजस्ट्रार द्वारा �त�थ से साठ �दन� क� अव�ध के �लए नाम का आर�ण कर सकता है ।
नाम आवं�टत करते समय, संबं�धत कंपनी रिजस्ट्रार को यह सु�निश्चत करने के �लए उ�चत
सावधानी बरतनी चा�हए �क नाम प्रतीक और नाम (अनु�चत उपयोग क� रोकथाम) अ�ध�नयम,
1950 के प्रावधान� का उल्लंघन नह�ं ह�। यह आवश्यक है �क रिजस्ट्रार पूर� तरह से उ�चत
अ�ध�नयम के प्रावधान� से प�र�चत हो सकते ह�। 14 22
कंपनी (�नगमन) �नयम 2014 के �नयम 9ए के तहत नाम के आर�ण के �वस्तार के �लए आवेदन
20 �दन� क� समािप्त से पहले �कया जा सकता है ;
`1000, के शल्
ु क के साथ अन्य 20 �दन (कुल 40 �दन) के �लए, िजसे `2000 के शुल्क के साथ
अगले 20 �दन (कुल 60 �दन) के �लए बढ़ाया जा सकता है ।
या
य�द नाम को आर��त रखने के बाद यह पाया जाता है �क नाम के �लए आवेदन झूठ और गलत
सूचना के दा�खल करके प्राप्त �कया गया है , तब-
a. य�द कंपनी को �नग�मत नह�ं �कया गया है , तो आर��त नाम रद्द कर �दया जाएगा और िजस
व्यिक्त ने आवेदन �कया है वह एक दं ड के �लए उत्तरदायी होगा िजसे एक लाख रुपये तक हो
सकता है ;
कंपनी को सामान्य प्रस्ताव पा�रत करने के बाद 3 मह�ने क� अव�ध के भीतर अपना
नाम म� प�रवतर्न करने का �नद� श �दया जा सकता है ;
14
सामान्य प�रपत्र क्रमांक 29/2014, �दनांक 11th जुलाई, 2014
धारा 4(1)(बी) के अनुसार, कंपनी के �ापन म� उस राज्य का नाम अं�कत होना चा�हए, जहां पंजीकृत
कायार्लय िस्थत होना प्रस्ता�वत है ।
a. अनप
ु ालन (आरओसी, आरडी आ�द), न्या�यक पहलओ
ु ं (एनसीएलट�, उच्च न्यायालय आ�द क�
पीठ), राजकोषीय पहलुओं (कराधान), और कई अन्य उद्देश्य� के संदभर् म� �ेत्रा�धकार �नधार्�रत
करने के उद्देश्य से कंपनी का अ�धवास स्था�पत करना।
c. उस पते के रूप म� कायर् कर� िजस पर नो�टस और अन्य संचार भेजे जा सकते ह�।
एक कंपनी, उसके �नगमन के तीस �दन� के भीतर और उसके बाद हर समय, एक पंजीकृत कायार्लय
होगा जो सभी संचार और सच
ू ना प्राप्त करने और स्वीकार करने म� स�म हो, जैसा �क उसे संबो�धत
�कया जा सकता है ।
धारा 4(1)(सी) के �लए आवश्यक है �क कंपनी के �ापन म� उन उद्देश्य� का उल्लेख हो िजनके �लए
कंपनी को शा�मल करने का प्रस्ताव है और उसे आगे बढ़ाने के �लए आवश्यक समझे जाने वाले �कसी
भी मामले का उल्लेख होना चा�हए।
�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक कंपनी और आईएफएससी �नजी कंपनी एसईजेड �नयम, 2006 के
साथ प�ठत �वशेष आ�थर्क �ेत्र अ�ध�नयम, 2005 के तहत अनम
ु �त के अनस
ु ार �वत्तीय सेवा
ग�त�व�धय� को करने के �लए अपनी वस्तओ
ु ं को बताएगी और अंतरराष्ट्र�य स्तर पर संचा�लत करने
के �लए लाइस�स के अनुसार इसे आगे बढ़ाने के �लए आवश्यक समझे जाने वाले �कसी भी मामले
को बताएगी। �वत्तीय सेवा क�द्र एक अनुमो�दत बहु सेवा �वशेष आ�थर्क म� िस्थत है
ज़ोन RBI, SEBI, या IRDA द्वारा प्रदान �कया गया।
कोई कंपनी �ापन म� बताए गए अपने उद्देश्य� से परे या बाहर कुछ भी करने के �लए प्रस्थान नह�ं
कर सकती है और य�द उससे परे �कया गया कोई भी कायर् अ�धकारे तर और शून्य होगा, तो उसे
शेयरधारक� के पूरे �नकाय क� सहम�त से भी अनुमो�दत नह�ं �कया जा सकता है ।
यहां यह ध्यान दे ने योग्य है �क वस्तुओं के दायरे को व्यापक बनाने के �लए कंपनी के �ापन म�
बदलाव �कया जा सकता है , ले�कन इस तरह के बदलाव का केवल संभा�वत प्रभाव होगा; पव
ू व्र् यापी
नह�ं, इस�लए एक बार अल्ट्रा-वाइरस अ�ध�नयम हमेशा बना रहता है ।
एक कंपनी कुछ भी कर सकती है �न�दर् ष्ट उद्देश्य� के �लए आकिस्मक और प�रणामी है और ऐसा
कायर् एक अ�धकारातीत अ�ध�नयम नह�ं होगा।16 व्यापार के �लए उदाहरण के तौर पर �कसी के पास
एक इमारत �कराए पर है या उसका मा�लक है , चालान जार� करता है , भुगतान करता है और प्राप्त
करता है ।
अल्ट्रा वायसर् का �सद्धांत कंपनी के शेयरधारक� और लेनदार� या कंपनी के साथ लेनदे न करने वाले
�कसी भी व्यिक्त क� सरु �ा के �लए है ।
15
राज�द्र नाथ दत्ता बनाम �शल�द्र नाथ मुखज�, (1982) 52 कॉम केस 293 (कैलोर�)
16 अटॉन�-जनरल बनाम ग्रेट ईस्टनर् रे लवे कंपनी (1880) 5 एसी 473
अ�धकार� से परे का �सद्धांत सबसे पहले हाउस ऑफ लॉड्र्स द्वारा एक क्ला�सक मामले म� प्र�तपा�दत
�कया गया था,
एशबर� रे लवे कै�रज एंड आयरन कंपनी �ल�मटे ड बनाम �रचे। 17 24
उक्त मामले म� कंपनी के �ापन ने इसके उद्देश्य� को इस प्रकार प�रभा�षत �कया: इस मामले म�
कंपनी के सीमा�नयम म� अपने उद्देश्य� को इस प्रकार प�रभा�षत �कया “उद्देश्य िजसके �लए कंपनी
स्था�पत क� गई है वह बनाना और �वक्रय उधर दे ना या �कराया दे ना, रे लवे संयत्र
ं यां�त्रक
इंजी�नयर�और समान ठे केदार� के व्यवसाय को जार� रखना है .......”।
a. जब भी कोई अ�धकारे तर कायर् �कया गया है या �कया जाने वाला है , तो कंपनी का कोई भी
सदस्य उसे आगे बढ़ने से रोकने के �लए �नषेधा�ा प्राप्त कर सकता है।18
b. कोई भी प� (यहां तक �क बाहर� व्यिक्त भी) ऐसे समझौते के प्रवतर्न या �व�शष्ट �नष्पादन
के �लए मक
ु दमा नह�ं कर सकता है । रचनात्मक सच
ू ना शीषर्क के अंतगर्त कारण बताया गया है
17
(1878) L.R. 7 H.L. 653
दा�यत्व खंड
a. अंश� द्वारा सी�मत कंपनी के मामले म� , सदस्य� का दा�यत्व उनके द्वारा धा�रत अंश� पर
बकाया रा�श, य�द कोई हो, तक सी�मत है तथा 18 25
b. गारं ट� द्वारा सी�मत कंपनी के मामले म� , ऐसी रा�श जो प्रत्येक सदस्य ने अंशदान के �लए
घो�षत क� हुई है -
उदाहरण - मॉडनर् फ़�नर्चर �ल�मटे ड, शेयर� द्वारा सी�मत एक कंपनी िजसक� शेयर पंज
ू ी `10 अं�कत
मूल्य वाले शेयर� म� �वभािजत होती है , िजनम� से `8 मंगाए जाते ह�। श्री �संह, िजनके पास 200
शेयर ह�, ने प्रत्येक शेयर पर `8 का भुगतान �कया, जब�क सश्र
ु ी सरला के पास 100 शेयर ह�, उन्ह�ने
रुपये (2 रुपये अ�ग्रम) का भग
ु तान �कया; जब�क 250 शेयर� के मा�लक श्री संजू ने प्र�त शेयर `6
रुपये (प्र�त शेयर `2 बकाया) का भुगतान �कया। श्री �संह, सश्र
ु ी सरला और श्री संजू क� दे नदार�
अ�धकतम `400, शून्य और `1000 तक ह� होगी; क्रमश।
पूंजी खंड
धारा 4 (1) (ई) (आई) के �लए आवश्यक है , शेयर पूंजी वाल� कंपनी के मामले म� , कंपनी के �ापन
म� बताया जाएगा;
18
अटॉन�-जनरल बनाम ग्रेट ईस्टनर् रे लवे कंपनी (1880) 5 एसी 473
a. शेयर पज
ंू ी क� वह रा�श िजसके साथ कंपनी को पंजीकृत �कया जाना है (आमतौर पर इसे
ूं ी कहा जाता है)); और
अ�धकृत या नाममात्र पज
b. एक �निश्चत रा�श के शेयर� म� उसका �वभाजन (उदाहरण अं�कत मूल्य और शेयर� क� संख्या);
और
c. शेयर� क� संख्या िजसे �ापन के ग्राहक सदस्यता लेने के �लए सहमत होते ह�, जो एक शेयर
से कम नह�ं होगी।
सदस्यता खंड
धारा 4 (1) (ई) (ii) के �लए आवश्यक है , �कसी कंपनी के �ापन म� शेयर पूंजी वाल� कंपनी के
मामले म� , �ापन के प्रत्येक ग्राहक द्वारा �लए जाने वाले शेयर� क� संख्या, उसके नाम के सामने
इं�गत क� जानी चा�हए।
�कसी कंपनी का �ापन अ�ध�नयम क� अनुसूची I म� ता�लका ए, बी, सी, डी और ई म� �न�दर् ष्ट
संबं�धत रूप� म� होगा, जैसा �क �चत्र म� �दखाया गया है ;
MOA के रूप
ता�लका ई एक असी�मत
ता�लका बी गारं ट� द्वारा
और शेयर पूंजी वाल� कंपनी
सी�मत और शेयर पूंजी न
का मेमोर� डम ऑफ
रखने वाल� कंपनी का
एसो�सएशन
एसो�सएशन का �ापन
MOA के रूप
b. ऐसे मामले जो �नधार्�रत �कए जा सकते ह� (कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 11
अ�ध�नयम क� अनस
ु ूची I के तहत �दए गए मॉडल फॉमर् म� �न�दर् ष्ट मामल� को संद�भर्त करते
ह�)।
हालाँ�क, कंपनी ऐसे अ�त�तक्त मामले शा�मल कर सकती है जो उसके प्रबंध क� आवश्यक
पा�रत हो सकती है ।
फंसाव एक दृिष्टकोण, आदत या �वश्वास का पुराना या गहरा तथ्य है जो दृढ़ता से स्था�पत या आद�
है , इस�लए इसे बदलना मुिश्कल या असंभव हो जाता है। उदाहरण के �लए - पुरुष रोते नह�ं ह�
प्र�क्रयाओं के साथ-साथ प्र�क्रयाओं के �लए दोन� तरह से प्रवेश संभव हो सकता है ; प्र�क्रयाएँ इतनी
अच्छ� तरह स्था�पत हो चक
ु � ह� �क उन्ह� बदलना या प्र�क्रया बनाना क�ठन हो जाता है
�वद्या�थर्य�, यहां हम सुर�ा को बढ़ाने के �लए लेख� म� प�रवतर्न क� प्र�क्रया को और अ�धक क�ठन
बनाने के अथर् के साथ एनट्र� चम�ट शब्द का अध्ययन कर रहे ह�।
19
नरे श चंद्र सान्याल बनाम कलकत्ता स्टॉक एक्सच� ज एसो�सएशन �ल�मटे ड एआईआर 1971 एससी 422
आम तौर पर एसो�सएशन के एक लेख को �वशेष प्रस्ताव पा�रत करके बदला जा सकता है , ले�कन
आगे बताए गए तर�के से लेख� को बदलना अ�धक क�ठन हो जाता है ;
लेख यह प्रदान कर सकते ह� �क इसम� �न�हत �न�दर् ष्ट प्रावधान� को केवल तभी बदला जा सकता है
जब �वशेष संकल्प के मामले म� लागू होने वाल� शत� क� तल
ु ना म� अ�धक प्र�तबंधात्मक और क�ठन
शत� को परू ा �कया जाता है या उनका अनप
ु ालन �कया जाता है ।
गठन पर
प्रवेश का समय
�नजी कंपनी - सभी सदस्य
अिस्तत्व म�
आने के बाद
सावर्ज�नक कंपनी - �वशेष संकल्प
एंट्र�चम�ट प्रावधान के रिजस्ट्रार को नो�टस [कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 10 के �नयम
10 के साथ पढ़� जाने वाल� उपधारा 5]
b. मौजद
ू ा कंप�नय� के मामले म� , कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम, 2014 म� �दए
गए शल्
ु क के साथ, सामान जमा होने क� तार�ख से तीस �दन� के भीतर फॉमर् संख्या एमजीट�
इसके अलावा, उप-धारा 7 कंपनी को ऐसी कंपनी पर लागू मॉडल लेख� म� �न�हत सभी या �कसी भी
�नयम को अपनाने क� छूट प्रदान करती है ।
AOA के रूप
ता�लका F
ता�लका J ता�लका G
असी�मत और �बना गारं ट� द्वारा सी�मत और
अंशपज
ूं ी वाल� कंपनी के अंशपज ूं ी वाल� कंपनी के
पाषर्द अन्त�नयर्म पाषर्द सीमा�नयम
ता�लका I ता�लका - H
2. सव�च्चता - �ापन म� कोई भी ऐसा खंड शा�मल नह�ं �कया जा सकता जो कानून के प्रावधान�
के �वपर�त हो, जब�क लेख कानून और �ापन दोन� के अधीन ह�गे। इस�लए, दोन� के बीच संघषर्
क� िस्थ�त म� , एमओए मान्य होगा।
3. दायरा -�ापन उस दायरे को �नधार्�रत करता है िजसके आगे कंपनी क� ग�त�व�धयाँ नह�ं जा
सकतीं। कंपनी द्वारा �ापन के दायरे से बाहर �कए गए कायर् अल्ट्रावायसर् और शून्य ह�। इन्ह� सभी
शेयरधारक� द्वारा भी अनुमो�दत नह�ं �कया जा सकता है । लेख एमओए द्वारा स्था�पत दायरे के
भीतर �नयम� का प्रावधान करते ह�, इस�लए लेख� से परे कृत्य� को शेयरधारक� द्वारा अनम
ु ो�दत
�कया जा सकता है , बशत� �क प्रासं�गक प्रावधान �ापन से परे न ह�।
9. रचनात्मक सच
ू ना का �सद्धांत और आंत�रक प्रबंधन का
�सद्धांत
दोन� �सद्धांत एक-दस
ू रे पर प्र�तकूल प्रभाव डालते ह�, रचनात्मक नो�टस का �सद्धांत बाहर� व्यिक्त पर
एमओए और एओए म� कह� गई बात� से अवगत होने का दा�यत्व डालता है ; जब�क आंत�रक प्रबंधन
का �सद्धांत ऐसे बाहर� व्यिक्त को आंत�रक अ�नय�मतताओं से बचाता है ।
रचनात्मक सच
ू ना का �सद्धांत
रचनात्मक सच
ू ना के �सद्धांत का सार
कंपनी के साथ काम करने वाले सभी लोग� को इसके एमओए और एओए म� जो कहा गया है , उसके
सह� प�रप्रे�य म� पता होना चा�हए, क्य��क ये दोन� दस्तावेज़ सावर्ज�नक दस्तावेज़ ह�।
धारा 399* म� प्रावधान है �क कंपनी रिजस्ट्रार के साथ पंजीकृत होने पर �ापन और लेख
'सावर्ज�नक दस्तावेज बन जाते ह�' और �फर �नधार्�रत शल्
ु क के भुगतान पर इलेक्ट्रॉ�नक माध्यम से
�कसी के द्वारा उनका �नर��ण �कया जा सकता है ।
a. लेख;
b. धारा 117 क� उपधारा (1) म� �न�दर् ष्ट प्रत्येक समझौता और प्रत्येक संकल्प, य�द और जहां
तक वे �ापन और लेख� म� शा�मल नह�ं �कए गए ह�।
�कसी भी �वफलता के �लए कंपनी के साथ-साथ प्रत्येक �डफ़ॉल्ट अ�धकार� को प्रत्येक �दन के �लए
एक हजार रुपये का जम
ु ार्ना दे ना होगा, िजसके दौरान �डफ़ॉल्ट जार� रहता है या एक लाख रुपये जो
भी कम हो।
*धारा 399 पाठ्यक्रम का �हस्सा नह�ं है , ले�कन समझ �वक�सत करने के �लए आवश्यक है।
रचनात्मक नो�टस का �सद्धांत अन�स्ट बनाम �नकोल्स म� �नधार्�रत �नयम पर आधा�रत है। 20 यह 27
20
(1857) 6 एचएल कैस 401
पहल� बार आयोिजत �कया गया था �क कोई भी व्यिक्त जो कंपनी के साथ काम कर रहा है , उसे
कंपनी के सभी सावर्ज�नक दस्तावेज� क� सामग्री से प�र�चत माना जाएगा।""प्रत्येक कंपनी का �ापन
और एसो�सएशन के लेख कंपनी रिजस्ट्रार के पास पंजीकृत होते ह�। रिजस्ट्रार का कायार्लय एक
सावर्ज�नक कायार्लय है । इस�लए, �ापन और एसो�सएशन के लेख सावर्ज�नक दस्तावेज़ बन जाते ह�।
इस�लए �कसी कंपनी के साथ काम करने वाले व्यिक्त का यह कतर्व्य है �क वह उसके सावर्ज�नक
दस्तावेज� का �नर��ण करे और स�ु निश्चत करे �क उसका अनब
ु ध
ं उनके प्रावधान� के अनरू
ु प है ।
जैसा �क लॉडर् है दरल� ने कहा था �क चाहे कोई व्यिक्त वास्तव म� उन्ह� पढ़ता है या नह�ं, उसे उसी
िस्थ�त म� रहना है जैसे �क उसने उन्ह� पढ़ा हो।
यह माना जाएगा �क प्रत्येक व्यिक्त (कंपनी के साथ काम करने वाला) दस्तावेज� क� सामग्री को
जानता है और उन्ह� उनके वास्त�वक प�रप्रे�य म� समझता है ।
क� वास्त�वक अ�धसच
ू ना नह�ं है , यह माना जाता है �क उसके पास इन दस्तावेज� क� एक �न�हत
(रचनात्मक) अ�धसूचना है ।
रचनात्मक सच
ू ना के �सद्धांत क� आलोचना
'रचनात्मक सच
ू ना का �सद्धांत' एक अवास्त�वक �सद्धांत है । लोग �कसी कंपनी को उसके दस्तावेज़� से
नह�ं, बिल्क उसके अ�धका�रय� से जानते ह�। चँ �ू क यह व्यावसा�यक जीवन क� वास्त�वकताओं पर
ध्यान नह�ं दे ता है , इस�लए व्यावसा�यक लेनदे न के �लए असु�वधाजनक होता है ।
21
कोटला व�कटस्वामी बनाम �चंता राममू�तर्। एआईआर (1934) मैड 579
उदाहरण के �लए, जहां कंपनी के �नदे शक� या अन्य अ�धका�रय� को शेयरधारक� के कुछ पूवर्
अनुमोदन या प्र�तबंध� के अधीन कुछ शिक्तय� का प्रयोग करने के �लए लेख� के तहत अ�धकार �दया
गया था, वहां बाहर� व्यिक्त के �लए यह पता लगाना मुिश्कल है �क �कसी �वशेष अ�धकार� द्वारा
अपनी शिक्तय� का प्रयोग करने से पहले आवश्यक प्र�तबंध और अनम
ु ोदन प्राप्त �कए गए ह� या
नह�ं।
इस�लए, ऐसी िस्थ�त को कम करने के �लए, कंपनी के साथ काम करने वाले यह मान सकते ह� �क
य�द �नदे शक या अन्य अ�धकार� उन लेनदे न म� प्रवेश कर रहे ह�, तो उन्ह�ने आवश्यक मंजरू � प्राप्त
कर ल� होगी। इसे ‘इनडोर प्रबंधन के �सद्धांत’ या Tटक्वा�ड के �नयम के रूप म� जाना जाता है , और
यह रचनात्मक नो�टस के अपवाद के रूप म� कायर् करता है ।
यूरोप समद
ु ाय अ�ध�नयम, 1972 ने अपनी धारा 9 के प्रभाव से इस �सद्धांत को �नरस्त कर �दया है ।
यहां तक �क भारत म� भी कलकत्ता उच्च न्यायालय 22 ने एक ऐसी सरु �ा लागू क� िजस पर कंपनी
29
जो लोग कंपनी के साथ काम कर रहे ह�, वे यह मानने के हकदार ह� �क आंत�रक कायर्वाह� और
आवश्यकताओं को �व�धवत परू ा �कया गया है ।
इनडोर प्रबंधन का �सद्धांत सबसे पहले रॉयल �ब्र�टश ब�क बनाम टक्वा�ड 23 के मामले म� �नधार्�रत
30
�कया गया था
�कसी कंपनी के �नदे शक� को बांड पर इतनी धनरा�श उधार लेने के �लए लेख� द्वारा अ�धकृत �कया
गया था, िजसे समय-समय पर, सामान्य बैठक म� कंपनी के एक प्रस्ताव द्वारा, उधार लेने के �लए
अ�धकृत �कया जाना चा�हए। �नदे शक� ने ऐसे �कसी भी संकल्प के अ�धकार के �बना टक्वा�ड को एक
बांड �दया। सवाल उठा �क क्या कंपनी बांड पर उत्तरदायी थी। माना गया, कंपनी बांड पर उत्तरदायी
थी, क्य��क टरक्वांड यह मानने का हकदार था �क कंपनी का प्रस्ताव आम बैठक म� पा�रत हो गया
था।
22
चानॉर्क को�लयर�ज कंपनी �ल�मटे ड बनाम भोलानाथ धार। आईएलआर (1912) 39 कैल 810।
23
(1856) 6 ई एवं बी 327
�कसी कंपनी म� आंत�रक क्या होता है यह सावर्ज�नक �ान का �वषय नह�ं है । एक बाहर� व्यिक्त
केवल कंपनी के इराद� का अनम
ु ान लगा सकता है , ले�कन उस जानकार� को नह�ं जानता िजसके बारे
म� उसे जानकार� नह�ं है ।
य�द �सद्धांत के �लए नह�ं, तो कंपनी अपनी ओर से कायर् करने के �लए अ�धका�रय� के अ�धकार से
इनकार करके लेनदार� से बच सकती है ।
�नम्न�ल�खत प�रिस्थ�तय� म� कंपनी के साथ काम करने वाले �कसी बाहर� व्यिक्त द्वारा 'इनडोर
प्रबंधन' के आधार पर राहत का दावा नह�ं �कया जा सकता है ;
b. लापरवाह�: य�द न्युन्तमन प्रयास के साथ, �कसी कंपनी के भीतर अ�नय�ममताओं क� खोज क�
जा सकती है , तो आतं�रक प्रबन्ध के �नयम का लाभ लागू नह�ं होगा। �नयम क� सरु �ा भी
उपलब्ध नह�ं है जहाँ प�रिस्थ�त कंपनी उ�चत जांच नह�ं करती है ।
c. जालसाजी: �नयम लागू नह�ं होता है जहाँ कोई व्यिक्त �कसी ऐसे दस्तावेज़ पर �नभर्र करता है
जो जाल� हो जाता है क्य��क कुछ भी जालसाजी को मान्य नह�ं कर सकता है । एक कंपनी को
अपने अ�धका�रय� द्वारा क� गई जालसाजी के �लए कभी भी बाध्य नह�ं �कया जा सकता है।
उदाहरण
a. अपवाद
b. �वस्तार
c. �वकल्प
d. संबं�धत नह�ं
उत्तर – a. अपवाद
a. कंपनी का �ापन; या
b. कंपनी के लेख; या
d. कंपनी द्वारा आम बैठक म� या उसके �नदे शक मंडल द्वारा पा�रत कोई भी प्रस्ताव
क्या इसे इस अ�ध�नयम के प्रारं भ होने से पहले या बाद म� , जैसा भी मामला हो, पंजीकृत, �नष्पा�दत
या पा�रत �कया गया हो
�ापन, लेख, समझौते या संकल्प म� शा�मल कोई भी प्रावधान, अ�ध�नयम के प्रावधान� के �वरोध क�
सीमा तक; शून्य हो जाएगा।
उदाहरण - धारा 123 घो�षत करती है �क �कसी कंपनी द्वारा लाभ के अलावा कोई लाभांश
नह�ं �दया जाएगा। इस धारा के बल को एसो�सएशन के लेख� म� �कसी भी प्रावधान द्वारा
समाप्त नह�ं �कया जा सकता है , क्य��क लेख �कसी ऐसी चीज़ को मंजूर� नह�ं दे सकते ह�
जो अ�ध�नयम द्वारा �न�षद्ध है ।"�फर भी यह प्रयास �कया जाए तो वह शून्य हो जाएगा।
a. कंपनी के सदस्य;
b. सदस्य� को कंपनी;
स्ट�ल ब्रदसर् एंड कंपनी �ल�मटे ड के एसो�सएशन के लेख� म� इस आशय के खंड शा�मल थे �क �कसी
सदस्य के �दवा�लया होने पर उसके शेयर �कसी व्यिक्त को और �नदे शक� द्वारा तय क�मत पर बेचे
जाएंगे। एक शेयरधारक बोल�ड को �दवा�लया घो�षत कर �दया गया। �दवा�लयापन म� उनके ट्रस्ट� ने
दावा �कया �क वह (बोल�ड) इन प्रावधान� से बंधे नह�ं थे और उन्ह� शेयर� को उनके वास्त�वक मल्
ू य
पर बेचने के �लए स्वतंत्र होना चा�हए। ले�कन यह माना गया �क एसो�सएशन के लेख� म� शा�मल
अनुबंध शेयर� क� मूल घटनाओं म� से एक है । उन �नयम� और शत� पर शेयर खर�दे गए ह�, यह
कहना असंभव है �क उन �नयम� और शत� का पालन नह�ं �कया जाना चा�हए। 24 31
ओडेसा वाटरवक्सर् कंपनी के लेख� म� प्रावधान है �क "�नदे शक, सामान्य बैठक म� कंपनी क� मंजरू � के
साथ, सदस्य� को भुगतान �कए जाने वाले लाभांश क� घोषणा कर सकते ह�"। शेयरधारक� को नकद
लाभांश दे ने के बजाय उन्ह� �डब�चर बांड दे ने का प्रस्ताव पा�रत �कया गया। सदस्य श्री वुड द्वारा
�नदे शक� को प्रस्ताव पर कारर्वाई करने से रोकने क� कारर्वाई म� , यह माना गया �क "सवाल यह है �क
क्या वतर्मान मामले म� जो �कया जाना प्रस्ता�वत है वह कंपनी के एसो�सएशन के लेख� के अनुसार
है । उन लेख� म� यह प्रावधान है �क �नदे शक, एक सामान्य बैठक क� मंजरू � के साथ, शेयरधारक� को
भुगतान �कए जाने वाले लाभांश क� घोषणा कर सकते ह�। प्रथम दृष्टया इसका मतलब नकद भुगतान
करना है . जार� �कए जाने वाले प्रस्ता�वत �डब�चर बांड नकद." 25 म� भग
ु तान नह�ं ह�
32
24
बोल�ड के ट्रस्ट� बनाम स्ट�ल ब्रदसर् एंड कंपनी �ल�मटे ड (1901) 1 अध्याय 279
25
वुड बनाम ओडेसा वॉटरवक्सर् कंपनी (1889) 42सीएच डी 636
�मस्टर रे फ़�ल्ड एक कंपनी म� शेयरधारक थे। कंपनी के लेख� के खंड 11 म� उन्ह� कंपनी म� अपने
शेयर� को स्थानांत�रत करने के अपने इरादे के बारे म� �नदे शक� को सू�चत करने क� आवश्यकता थी
और इसम� यह प्रावधान था �क �नदे शक उ�चत मूल्य पर उनके बीच समान रूप से उक्त शेयर ल�गे।
इस प्रावधान के अनस
ु ार श्री रे फ�ल्ड ने �नदे शक� (जो सदस्य भी ह�) को स�ू चत �कया, िजन्ह�ने तकर्
�दया �क वे शेयर लेने और उनके �लए भग
ु तान करने के �लए बाध्य नह�ं थे।"उन्ह�ने कहा, �नदे शक के
रूप म� लेख उन पर इस तरह का दा�यत्व नह�ं थोप सकते। अदालत ने उन �नदे शक� को सदस्य
मानकर उनक� दल�ल खा�रज कर द�। तदनुसार, �नदे शक� (सदस्य होने के नाते) को श्री रे फ�ल्ड के
शेयर� को उ�चत मूल्य पर लेने के �लए मजबूर �कया गया। 26 33F
1. अनुच्छे द सदस्य� को कंपनी से और कंपनी को सदस्य� से बांधते ह�। ले�कन उनम� से कोई भी
लेख� को प्रभावी बनाने के �लए �कसी बाहर� व्यिक्त से बाध्य नह�ं है। "कोई भी अनुच्छे द कंपनी
और �कसी तीसरे व्यिक्त के बीच अनब
ु ध
ं नह�ं बन सकता."
2. इसके अलावा उपधारा 2 से धारा 10 म� प्रावधान है , �ापन या लेख� के तहत कंपनी को �कसी
भी सदस्य द्वारा दे य सभी धनरा�श, कंपनी के �लए उसका दे य ऋण होगा।
26
रे फ�ल्ड बनाम ह�ड्स (1958) 2 डब्लूएलआर 851
27
ब्राउन बनाम ला �त्र�नदाद (1887)37 अध्याय 1
प�रवतर्न म� प�रवधर्न, लोप और प्र�तस्थापन शा�मल ह�। कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 29
से 32 के साथ अ�ध�नयम क� धारा 13 ऐसे प्रावधान प्रदान करती है जो �ापन के प�रवतर्न से
संबं�धत ह�, िजनका �ववरण नीचे �दया गया है ;
कंपनी �वशेष संकल्प द्वारा सदस्य� के अनुमोदन से अपने सीमा�नयम के प्रावधान� म� प�रवतर्न कर
सकती है । इसके अलावा, धारा 13(6) (ए) के अनुसार कंपनी रिजस्ट्रार के पास ऐसा �वशेष प्रस्ताव
दा�खल करे गी।
उप-धारा 1 के अनस
ु ार, �कसी कंपनी के नाम म� कोई भी प�रवतर्न केवल क�द्र सरकार (क�द्र सरकार
द्वारा आरओसी को स�पी गई शिक्त) 28 के अनुमोदन से शुल्क के साथ फॉमर् नंबर आईएनसी-24 म�
35
िजसने रिजस्ट्रार के पास दजर् होने के कारण वा�षर्क �रटनर् या �वत्तीय �ववरण दजर् नह�ं �कया है जो
प�रपक्व जमा या ऋणपत्र तथा उस पर ब्याज का भग
ु तान करने या चक
ु ाने म� �वफल रह� है उस
कंपनी को नाम बदलने क� अनुम�त नह�ं द� जाएगी। एक बार आवश्यक दस्तावेज भरने या भुगतान
या पन
ु भग
ुर् तान हो जाने के बाद प�रवतर्न क� अनम
ु �त द� जाएगी।
28
एसओ 1353(ई), �दनांक 21मई, 2014
का एक नया प्रमाण पत्र जार� करे गा। 25 नए नाम के साथ और नाम म� प�रवतर्न केवल ऐसे
प्रमाणपत्र के जार� होने पर ह� पूणर् और प्रभावी होगा।
उदाहरण – टाटा स्काई �ल�मटे ड ने अपना नाम बदलकर टाटा प्ले �ल�मटे ड (सीआईएन
U92120MH2001PLC130365) कर �लया।
औद्यो�गक अंतदृर्िष्ट
भारतीयकरण के बाद कंपनी का नाम 1970 म� इं�डया टोबैको कंपनी �ल�मटे ड और �फर 1974 म�.
कर �दया गया। व्यवसाय� क� एक �वस्तत ृ श्रंख
ृ ला को शा�मल करने वाले आईट�सी के बहु-व्यवसाय
पोटर् फो�लयो क� मान्यता म� , कंपनी के नाम पर पण ू र् �वराम 18 �सतंबर 2001 से हटा �दया गया
था। कंपनी का नाम अब 'आईट�सी �ल�मटे ड' हो गया है , जहां 'आईट�सी' अब एक सं��प्त नाम या
आरं �भक रूप नह�ं रह गया है ।
कंपनी के नाम का सध
ु ार [धारा 16]
जहां क�द्र सरकार (इस धारा के तहत क�द्र सरकार क� शिक्त अ�ध�नयम क� धारा 458 द्वारा �ेत्रीय
�नदे शक� को प्रदत्त (प्रदत्त) है ) 29 क� राय है �क कंपनी का नाम (मल
36
ू या संशो�धत/नया) नाम के
समान है या बहुत कर�ब है िजसके द्वारा एक कंपनी अिस्तत्व म� है ;
a. अपने दम पर या
b. ट्रे ड माक्सर् अ�ध�नयम, 1999 के तहत पहले से पंजीकृत ट्रे ड माकर् के मा�लक के आवेदन पर
कंपनी इस उद्देश्य के �लए एक सामान्य संकल्प अपनाने के बाद, इस तरह के �नद� श जार� होने से
तीन मह�ने क� अव�ध के भीतर, जैसा भी मामला हो, अपना नाम या नया नाम बदल दे गी।
29
एस.ओ. 4090(ई), �दनांक 19 �दसंबर, 2016
नोट - पंजीकृत ट्रे ड माकर् के मा�लक द्वारा आवेदन कंपनी के �नगमन या पंजीकरण या नाम प�रवतर्न
के तीन साल के भीतर �कया जाना चा�हए।
इसके अलावा, कंपनी, अपना नाम बदलने या नया नाम प्राप्त करने के बाद, ऐसे प�रवतर्न क� तार�ख
से पंद्रह �दन� क� अव�ध के भीतर क�द्र सरकार (�ेत्रीय �नदे शक�) के आदे श के साथ रिजस्ट्रार को
प�रवतर्न क� सच
ू ना दे गी।
नो�टस प्राप्त होने पर रिजस्ट्रार �नगमन प्रमाणपत्र और �ापन म� आवश्यक प�रवतर्न करे गा।
एक राज्य से दस
ू रे राज्य म� पंजीकृत कायार्लय के स्थान से संबं�धत �ापन के प�रवतर्न का तब तक
कोई प्रभाव नह�ं होगा जब तक �क इसे क�द्र सरकार द्वारा अनुमो�दत नह�ं �कया जाता है (क�द्र
सरकार द्वारा �ेत्रीय �नदे शक को प्रत्यायोिजत शिक्त) 30 फॉमर् संख्या आईएनसी -23 के आवेदन पर
37
e. आवेदन दा�खल करने के समय राज्य सरकार या क�द्र शा�सत प्रदे श जहां पंजीकृत कायार्लय
िस्थत है , के रिजस्ट्रार और मुख्य स�चव को पण
ू र् अनुलग्नक� के साथ आवेदन क� एक प्र�त क�
30
एस.ओ. 4090(ई), �दनांक 19 �दसंबर, 2016
सेवा क� स्वीकृ�त।
उपरोक्त आवेदन दा�खल करने क� तार�ख से तीस �दन पहले कंपनी, िजले म� प्रमुख स्थानीय भाषा म�
स्थानीय समाचार पत्र म� और व्यापक प्रसार वाले अंग्रेजी समाचार पत्र म� अंग्रेजी भाषा म� फॉमर् नंबर
एनआईसी-26 म� �व�ापन दे गी। वह राज्य जहां कंपनी का पंजीकृत कायार्लय िस्थत है ।
क�द्र सरकार (क�द्र सरकार द्वारा �ेत्रीय �नदे शक को स�पी गई शिक्त) 60 �दन� क� अव�ध के भीतर
पंजीकृत कायार्लय के स्थान प�रवतर्न के आवेदन का �नपटान करे गी। आदे श जर� करने के �लए क�द्र
सरकार स्वयं को संतुष्ट करे गी �क-
b. कंपनी द्वारा अपने सभी ऋण� और दा�यत्व� के उ�चत �नपटारे के �लए पयार्प्त प्रावधान �कया
गया है , या
िजस राज्य म� पंजीकृत कायार्लय को स्थानांत�रत �कया जा रहा है , उस राज्य का रिजस्ट्रार, प�रवतर्न
को इं�गत करते हुए नए प्रमाण पत्र के �नगर्मन जार� �कया जाएगा।
कंपनी के उद्देश्य म� प�रवतर्न [उपधारा 8 और 9] उद्देश्य खंड म� प�रवतर्न कौन और कैसे कर सकता
है ? [उप-धारा (8)]
अप्रयुक्त रा�श है , तो वह उन वस्तुओं को बदल सकती है िजनके �लए उठाया गया धन डाक मतपत्र
और नो�टस के माध्यम से एक �वशेष प्रस्ताव पा�रत करने के बाद ह� लागू �कया जाना है । वस्तुओं
को बदलने के संकल्प के संबध
ं म� �नम्न�ल�खत �ववरण शा�मल ह�गे, अथार्त ्;
d. वस्तओ
ु ं म� प्रस्ता�वत प�रवतर्न या प�रवतर्न का �ववरण;
e. वस्तओ
ु ं म� बदलाव या प�रवतर्न का औ�चत्य;
h. अन्य प्रासं�गक जानकार� जो सदस्य� के �लए प्रस्ता�वत प्रस्ताव पर एक सू�चत �नणर्य लेने के
�लए आवश्यक है ।
i. वह स्थान जहां से कोई भी इच्छुक व्यिक्त पा�रत �कए जाने वाले प्रस्ताव क� सूचना क� प्र�त
प्राप्त कर सकता है ।
�व�ापन [उपधारा 8]
वस्तुओं म� प�रवतर्न के �लए पा�रत �कए जाने वाले प्रत्येक प्रस्ताव का �ववरण दे ने वाला �व�ापन,
साथ ह� शेयरधारक� को डाक मतपत्र नो�टस भेजने का �ववरण; होगा:
असंतष्ु ट अंशधारक� को भारत के प्र�तभ�ू त और �व�नमय बोडर् द्वारा �न�दर् ष्ट �नयम� के अनस
ु ार
�नयंत्रण रखने वाले प्रवतर्क� (प्रमोटर�) और शेयरधारक� द्वारा बाहर �नकलने का अवसर �दया जाएगा।
उपधारा 10 म� प्रावधान है �क इस धारा (धारा 13) के तहत �कया गया प�रवतर्न धारा के प्रावधान� के
अनुसार पंजीकृत होने के बाद ह� प्रभावी होगा।
सावर्ज�नक कंपनी को �नजी कंपनी म� बदलने पर प्रभाव डालने वाला कोई भी प�रवतर्न तब तक वैध
नह�ं होगा जब तक �क इसे �वशेष प्रस्ताव पा�रत होने क� तार�ख से साठ �दन� के भीतर �कए गए
आवेदन पर क�द्र सरकार के आदे श द्वारा अनुमो�दत नह�ं �कया जाता है , �ेत्रीय के साथ दायर �कया
जाना चा�हए। कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शल्
ु क) �नयम, 2014 म� �दए गए शल्
ु क के साथ ई-
फॉमर् संख्या आरडी -1 म� �नदे शक और �नम्न�ल�खत दस्तावेज� के साथ होना चा�हए, अथार्त ्;
a. सावर्ज�नक कंपनी को �नजी कंपनी म� बदलने पर प्रभाव डालने वाला कोई भी प�रवतर्न तब
तक वैध नह�ं होगा जब तक �क इसे �वशेष प्रस्ताव पा�रत होने क� तार�ख से साठ �दन� के
भीतर �कए गए आवेदन पर क�द्र सरकार के आदे श द्वारा अनुमो�दत नह�ं �कया जाता है ,
�ेत्रीय के साथ दायर �कया जाना चा�हए। कंपनी (पंजीकरण कायार्लय और शुल्क) �नयम,
31
एंड्रयज
ू बनाम गैस मीटर कंपनी (1897) 1 अध्याय 161
c. ऐसे रूपांतरण के �लए आवेदन दायर करने के �लए अ�धकृत करने वाले बोडर् के प्रस्ताव या
पावर ऑफ अटॉन� क� प्र�त�ल�प, जो तीस �दन से पहले क� न हो, जैसा भी मामला हो;
�कसी �नजी कंपनी के मामले म�, जहां संशोधन के पश्चात ् लेख� म� वे प्र�तबंध और सीमाएँ नह�ं ह�, जो
इस अ�ध�नयम के अधीन �कसी �नजी कंपनी के लेख� म� शा�मल �कए जाने क� आवश्यकता होती है ,
तो ऐसी कंपनी ऐसे प�रवतर्न क� तार�ख से �नजी कंपनी नह�ं रहे गी।
लेख� म� प्रत्येक प�रवतर्न और प�रवतर्न को मंजूर� दे ने वाले क�द्र सरकार के आदे श क� एक प्र�त,
शल्
ु क के साथ फॉमर् संख्या आईएनसी 27 म� पंद्रह �दन� क� अव�ध के भीतर, प�रव�तर्त लेख� क� एक
म�ु द्रत प्र�त के साथ, रिजस्ट्रार के पास दा�खल क� जाएगी। , जो (रिजस्ट्रार) इसे पंजीकृत करे गा।
उप-धारा 3 म� प्रावधान है �क उप-धारा 1 के तहत �कया गया प�रवतर्न और इसके प्रावधान के अधीन
उप-धारा 2 के तहत पंजीकृत प�रवतर्न वैध होगा और प्रभावी होगा जैसे �क यह मल
ू रूप से लेख� म�
�न�हत था।
इसका पता पी.ओ बॉक्स म� नह�ं हो सकता है । बॉक्स ले�कन सामान्य व्यावसा�यक घंट� के दौरान
कानूनी दस्तावेज� क� सेवा प्राप्त करने के �लए एक भौ�तक स्थान होना चा�हए जहाँ कोई मौजूद हो।
यह एक प्रधान कायार्लय या कॉप�रे ट कायार्लय से अलग हो सकता है ।
कंपनी अ�ध�नयम 2013 क� धारा 12, म� आवश्यक दस्तावेज�, सूचनाओं, पत्र� आ�द के संचार और
सेवा के �लए कंप�नय� के पंजीकृत कायार्लय का प्रावधान है । �कसी कंपनी का अ�धवास और राष्ट्र�यता
उसके पंजीकृत अ�धकार� के स्थान से �नधार्�रत होती है। यह न्यायालय के �ेत्रा�धकार को �नधार्�रत
करने के �लए भी महत्वपण
ू र् है ।
इसके अलावा, उपधारा 2 के अनुसार कंपनी को रिजस्ट्रार को सत्यापन प्रस्तुत करना होगा
इसके �नगमन के तीस �दन� क� अव�ध के भीतर इसके पंजीकृत कायार्लय का।
सम्मा�नत �न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक और आईएफएससी �नजी कंप�नय� के साथ, उनके पास
SEZ अ�ध�नयम, 2005 के तहत स्था�पत अनुमो�दत मल्ट�स�वर्स SEZ म� िस्थत IFSC म� अपना
पंजीकृत कायार्लय होगा, जो SEZ �नयम, 2006 के साथ पढ़ा गया है । 32 39
�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक और आईएफएससी �नजी कंपनी शब्द "तीस �दन" के मामले म�
"साठ �दन" के रूप म� पढ़ा जाएगा। 3340
32
जी.एस.आर. 08 (ई) �दनांक 4 जनवर�, 2017
33
उक्त
प्रत्येक कंपनी;
b. नाम इसक� मह
ु र पर सुपाठ्य वण� म� उत्क�णर् है , य�द कोई हो;
c. अपने नाम द्वारा, अपने पंजीकृत कायार्लय का पता और कॉप�रे ट पहचान संख्या के साथ
टे ल�फोन नंबर, फैक्स नंबर, य�द कोई हो, ई-मेल और वेबसाइट के पते, य�द कोई हो, अपने
सभी व्यावसा�यक पत्र�, �बलहे ड्स, पत्र पत्र� और सभी म� मु�द्रत करवाएं इसके नो�टस और
अन्य आ�धका�रक प्रकाशन; तथा
d. इसका नाम हुंडी, वचन पत्र, �व�नमय के �बल और ऐसे अन्य दस्तावेज� पर मु�द्रत कर
�नधार्�रत �कए जा सकते ह�:
�टप्प�णयाँ :
जहां �कसी कंपनी ने �पछले दो वष� के दौरान अपना नाम बदला है वह उपरोक्त �बंद ु a और साथ ह�
c के मामले म� ऐसे दोन� या सभी नाम� को प�ट या �चपकाएगा या �प्रंट करे गा।
एक व्यिक्त कंपनी के मामले म�, ''एक व्यिक्त कंपनी'' शब्द ऐसी कंपनी के नाम के नीचे कोष्ठक म�
उिल्ल�खत �कया जाएगा, जहां भी इसका नाम मु�द्रत, अं�कत या उत्क�णर् है ।
�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक और आईएफएससी �नजी कंपनी शब्द "तीस �दन" के मामले म�
"साठ �दन" के रूप म� पढ़ा जाएगा। 34 41
34
जी.एस.आर. 08 (ई) �दनांक 4 जनवर�, 2017
कंपनी के पंजीकृत कायार्लय ने प�रवतर्न �वशेष संकल्पना द्वारा �कया जाएगा, �कसी शहर, कस्बे या
ग्राम क� स्थानीय सीमा के बाहर जहाँ कंपनी का कायार्लय इस अ�ध�नयम के प्रारं भ होने के समय या
बाद म� कंपनी द्वरा �वशेष संकल्पना जार� करके िस्थत होगा।
जहाँ कोई कंपनी अपने पंजीकृत कायार्लय क� िस्थ�त म� प�रवतर्न से एक रिजस्ट्रार द्वारा न्याय �ेत्र
म� उसी राज्य म� करती है , यहाँ ऐसे प�रवतर्न क� कंपनी के आवेदन पर �ेत्रीय �नदे शक द्वारा पुिष्ट
क� जाएगी। शल्
ु क के साथ फॉमर् नंबर एनआईसी-23 म� आवेदन करना होगा।
�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक और आईएफएससी �नजी कंपनी के मामले म� बोडर् का संकल्प
पयार्प्त होगा, बशत� �क ऐसी कंपनी अपने पंजीकृत कायार्लय के स्थान को �कसी भी स्थान पर नह�ं
बदलेगी।
उक्त अंतरार्ष्ट्र�य �वत्तीय सेवा क�द्र के बाहर अन्य स्थान। 35
42
रिजस्ट्रार के न्याय �ेत्र से अन्य रिजस्ट्रार के न्याय �ेत्र म� कंपनी को पंजीकृत �कया जाएगा, होगा:
a. �ेत्रीय �नदे शक द्वारा कंपनी को आवेदन प्राप्त होने क� �त�थ से 30 �दन� के भीतर सू�चत
�कया जाएगा, और
c. इस तरह क� पुिष्ट के दजर् होने क� तार�ख से तीस �दन� क� अव�ध के भीतर पंजीकरण को
प्रमा�णत कर� ।
35
जी.एस.आर. 08 (ई) �दनांक 4 जनवर�, 2017
य�द रिजस्ट्रार के पास यह �वश्वास करने का उ�चत कारण है �क कंपनी कोई व्यवसाय या संचालन
नह�ं कर रह� है , तो वह कंपनी के पंजीकृत कायार्लय का भौ�तक सत्यापन इस तरह से कर सकता है
जैसा �क �नधार्�रत �कया गया है और य�द कोई गलती पाई जाती है उप-धारा (1) क� आवश्यकताओं
का अनुपालन करते हुए, वह उप-धारा, के प्रावधान� पर प्र�तकूल प्रभाव डाले �बना, अध्याय XVIII के
अंतगर्त कंपनी के नाम को कंपनी के रिजस्टर से हटाने के �लए कारर्वाई शुरू कर सकता है ।
चक
ू जार� रहती है ले�कन एक लाख रुपये से अ�धक नह�ं।
30/60/30 60/30
आरडी/कंपनी/आरओसी सीजी/कंपनी
�नगमन द्वारा
�नणार्यक सबूत
नया प्रमाण पत्र
एक कंपनी �नग�मत
b. शेयर पज
ंू ी होना
कोई भी व्यवसाय शुरू करे गा या �कसी उधार लेने क� शिक्त का प्रयोग तभी करे गा जब;
a. कंपनी ने रिजस्ट्रार के पास धारा 12 क� उप-धारा (2) के अनुसार अपने पंजीकृत कायार्लय का
सत्यापन दजर् �कया है , और
b. कंपनी के �नगमन क� तार�ख से 180 �दन� क� अव�ध के भीतर, कंपनी स�चव या चाटर् डर्
अकाउं ट� ट या कॉस्ट अकाउं ट� ट द्वारा �व�धवत सत्या�पत फॉमर् संख्या एनआईसी-20A म� , एक
�नदे शक द्वारा रिजस्ट्रार के पास एक घोषणा दायर क� जाती है । �नधार्�रत शल्
ु क के साथ
अभ्यास कर� ; �ापन के प्रत्येक ग्राहक ने ऐसी घोषणा करने क� �त�थ पर उसके द्वारा �लए
जाने वाले शेयर� के मूल्य का भुगतान कर �दया है
�टप्प�णयाँ :
1. धारा 12(2) उदाहरण रिजस्ट्रार के साथ पंजीकृत कायार्लय का सत्यापन, इस अध्याय म� पहले
शीषर्क उदाहरण 15 पर चचार् क� गई है ।
2. कंपनी के मामले म� भारतीय �रजवर् ब�क, भारतीय प्र�तभ�ू त और �व�नमय बोडर्, आ�द जैसे �कसी
भी �ेत्रीय �नयामक� से पंजीकरण या अनम
ु ोदन क� आवश्यकता वाले उद्देश्य� का पीछा करते हुए,
पंजीकरण या अनुमोदन, हर तरह के मामले को ऐसे �नयामक से हो सकता है और घोषणा के साथ
भी प्राप्त और संलग्न होना चा�हए।
दं ड
उत्तरदायी जम
ु ार्ने क� मात्रा
कम्पनी पचास हजार रुपये
उस �दन से ह�
भुगतान जार�
रहता है
प्रत्येक �दन के �लए एक हजार रुपये, िजसके दौरान ऐसी चक
ू जार� रहती है ,
ले�कन एक लाख रुपये से अ�धक नह�ं।
180 �दन� के भीतर �नदे शक द्वारा घोषणा पत्र नह�ं भरा गया
जहां �नदे शक� द्वारा �नगमन क� तार�ख से 180 �दन� क� अव�ध के भीतर रिजस्ट्रार के पास कोई
घोषणा दा�खल नह�ं क� गई है और रिजस्ट्रार के पास यह मानने का उ�चत कारण है �क कंपनी कोई
व्यवसाय या संचालन नह�ं कर रह� है , वह अध्याय XVIII के तहत कंप�नय� के रिजस्टर से कंपनी के
नाम को हटाने के �लए कारर् वाई शरू
ु कर सकता है ।
जहां भी धारा 18 के तहत रूपांतरण �कया जाना है , रिजस्ट्रार कंपनी द्वारा भरे गए आवेदन के
आधार पर खद
ु को संतुष्ट करने के बाद �क कंप�नय� के पंजीकरण के �लए लागू प्रावधान� का
अनुपालन �कया गया है ,
b. आवश्यक दस्तावेज� को पंजीकृत करने के बाद, �नगमन का प्रमाण पत्र उसक� तरह �नगर्�मत
�कया जाएगा जैसे उसका पहला पंजीकरण म� �कया गया था।
छात्र इनका भी उल्लेख कर सकते ह�: कंपनी (�नगमन) �नयम, 2014 के �नयम 6, 7, 7ए, और 20
से 22 और कंपनी (�नगमन) �नयम, 2016 के 37 और 38 और कंपनी (�नगमन) �नयम के तहत
फॉमर् नंबर एनआईसी-5 और एनआईसी-6 , 2014 और कंपनी (�नगमन) �नयम, 2016 के तहत
एनआईसी-27।
इस धारा के तहत �कसी कंपनी का पंजीकरण उसके द्वारा या उसक� ओर से �कए गए या �कए गए
�कसी भी ऋण, दे नदा�रय�, दा�यत्व� या अनब
ु ंध� को प्रभा�वत नह�ं करे गा।
रूपांतरण से पहले कंपनी और ऐसे ऋण�, दे नदा�रय�, दा�यत्व� और अनुबंध� को इस तरह से लागू
�कया जा सकता है जैसे �क ऐसा पंजीकरण नह�ं �कया गया था।
अ�धक सरल तर�के से कह� तो, कंपनी अपने ऋण� और दे नदा�रय�, दा�यत्व� या अनुबध
ं � के संबंध म�
वह� इकाई बनी रहती है जो पहले थी।
नतीजतन, �कसी होिल्डंग कंपनी म� उसक� सहायक कंपनी को शेयर� का कोई भी आवंटन या
हस्तांतरण शून्य होगा। य�द होिल्डंग कंपनी एक गारं ट� या असी�मत कंपनी है , िजसके पास शेयर पूंजी
नह�ं है , तो ब्याज रखने पर उपरोक्त प्र�तबंध लागू होगा, चाहे ब्याज का कोई भी रूप हो।
�टप्प�णयाँ :
b. यह �नषेध उस सहायक कंपनी के मामले पर लागू नह�ं होता है िजसके पास अ�ध�नयम के
प्रारं भ म� पहले से ह� अपनी होिल्डंग कंपनी म� शेयर थे
उदाहरण - आरपीआईपी �ल�मटे ड ने एसएसपी प्राइवेट �ल�मटे ड के शेयर� म� 51% �नवेश �कया है ।
�ल�मटे ड 31 माचर् को 2019। एसएसपी प्राइवेट �ल�मटे ड 2013 से आरपीआईपी �ल�मटे ड क� 2%
इिक्वट� रखती है । एसएसपी प्रा. �ल�मटे ड 31 माचर् 2019 को या उसके बाद अपनी इिक्वट� को 2%
से अ�धक नह�ं बढ़ा सकता है । हालाँ�क,यह अपनी शरु
ु आती 2% �हस्सेदार� रखना या घटाना जार� रख
सकता है ।
a. पंजीकृत डाक, या
36
�हमाचल टे ल�मै�टक्स �ल�मटे ड बनाम �हमाचल फ्यूच�रिस्टक कम्यु�नकेशंस �ल�मटे ड, (1996)37"डीआरजे 476
b. स्पीड पोस्ट, या
c. कू�रयर सेवा, या
हालाँ�क, जहाँ प्र�तभू�तय� को �डपॉिजटर� के पास रखा जाता है , वहां ऐसे �डपॉिजटर� द्वारा कंपनी पर
इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड के माध्यम से लाभकार� स्वा�मत्व के �रकॉडर् क� सेवा क� जा सकती है।
इलेक्ट्रॉ�नक मोड म� रिजस्ट्रार के साथ दस्तावेज दजर् करने के �लए इस अ�ध�नयम या इसके तहत
बनाए गए �नयम� म� प्रदान �कए गए �नयम� को छोड़कर, एक दस्तावेज रिजस्ट्रार या �कसी भी
सदस्य को भेजकर क� जा सकती है -
a. डाक द्वारा, या
b. पंजीकृत डाक, या
c. स्पीड पोस्ट, या
d. कू�रयर सेवा, या
हालाँ�क, एक सदस्य �कसी �वशेष तर�के से �कसी भी दस्तावेज के �वतरण के �लए अनरु ोध कर
सकता है , िजसके �लए वह कंपनी द्वारा अपनी वा�षर्क आम बैठक म� �नधार्�रत क� जाने वाल� फ�स
का भुगतान करे गा।
प्र�तकृ�त दरू संचार (फैक्स) या इलेक्ट्रॉ�नक मेल (ईमेल), जो कंपनी अथवा उसके अ�धकार�
द्वारा समय समय पर संप्रे�ण भेजकर उपलब्ध कराया जाता है ।
इलेक्ट्रॉ�नक संचार के अन्य साधन, िजसके संबंध म� कंपनी या अ�धकार� ने उ�चत प्रणा�लय�
को यह स�ु निश्चत करने के �लए रखा है �क प्रे�क ट्रांस�मशन भेजने वाला व्यिक्त है ।
इसके अलावा उपधारा 2 म� प्रावधान है �क डाक द्वारा �डल�वर� के मामले म� ऐसी सेवा प्रभावी मानी
जाएगी:
a. बैठक क� सच
ू ना के मामले म�, पत्र पोस्ट �कए जाने के 48 घंटे बाद; तथा
b. �कसी अन्य मामले म�, िजस समय डाक के सामान्य क्रम म� पत्र �दया जाएगा।
अन्य अंशधारक� के �लए, दस्तावेज़ उस िजले म� प्रसा�रत समाचार पत्र म� सावर्ज�नक नो�टस द्वारा
तामील �कया जा सकता है जहाँ �न�ध का पंजीकृत कायार्लय िस्थत है ; और �न�ध के नो�टस बोडर् पर
�लखा जाएगा।
�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक कंपनी और आईएफएससी �नजी कंपनी के मामले म�, के �लए
शब्द "एक अ�धकार�" को "एक अ�धकार� या कोई अन्य व्यिक्त" के रूप म� पढ़ा जाएगा। 38 45
औपचा�रक कायर् केवल पावर ऑफ अटॉन� के माध्यम से ह� �नष्पा�दत �कए जा सकते ह�। इस�लए उप-
37
इस मॉड्यूल के अध्याय 1 म� धारा 2 (51) के तहत प्रमुख प्रबंधक�य व्यिक्त म� कौन शा�मल ह�, इस पर
पहले ह� चचार् क� जा चुक� है ।
38
जी.एस.आर. 08 (ई) �दनांक 4 जनवर�, 2017
उपधारा 2 का सारांश
सामान्य मुहर
वाल� कंपनी
हाँ नह�ं
भारत के बाहर।
कंपनी स�चव स�हत
एक �नदे शक
मुहर कंपनी के दस्तावेज�, उसके नाम आ�द पर भौ�तक प्रभाव डालने क� एक �व�ध है ।
सारांश
एक बार जब एक संघ �नग�मत हो जाती है यह एक कानूनी संस्था बन जाती है - यह
व्यिक्तगत सदस्य� से अलग होती है। इसम� स्थायी उत्तरा�धकार उदाहरण होगा जो �कसी
व्यिक्तगत सदस्य क� मत्ृ य,ु पागलपन या �दवा�लयापन से प्रभा�वत नह�ं होगा।
पहले, �नगमन प्रमाणपत्र को �नणार्यक प्रमाण माना जाता था, ले�कन कंपनी अ�ध�नयम, 2013
के अनस
ु ार, �नगमन प्रमाणपत्र �नगमन से पहले क� हर चीज के सह� होने का �नणार्यक प्रमाण
नह�ं है ।
सीआईएन एक 21 अल्फ़ा-न्यूमे�रक अंक आधा�रत �व�शष्ट पहचान संख्या है , िजसम� डेटा
अनुभाग/तत्व शा�मल ह� जो कंपनी के बारे म� आधार पहलओ
ु ं का खुलासा करते ह�।
संगठन का सीमा�नयम वह दस्तावेज है जो कंपनी को स्था�पत करता है और संगठन का
सीमा�नयम से यह �नधार्�रत �कया जाता है �क कंपनी �कस प्रकार चलती है , या शा�सत और
स्वा�मत्व होता है । इन दस्तावेज़� म� बदलाव �कया जा सकता है।
अल्ट्रा वायसर् के �सद्धांत के अनुसार, एमओए के तहत प्रदत्त शिक्तय� के बाहर कायर् अल्ट्रा
वायसर् ह�। ऐसे कायर् और प�रणामी समझौते शन्
ू य ह�।
रचनात्मक नो�टस का �सद्धांत उन लोग� पर िजम्मेदार� डालता है जो एमओए और एओए म�
कह� गई बात� के बारे म� जागरूक होने के �लए कंपनी से संबं�धत ह�, जब�क इनडोर प्रबंधन का
�सद्धांत पहले �न�दर् ष्ट �सद्धांत के अपवाद के रूप म� बाहर� व्यिक्त क� र�ा करता है ।
�कसी भी वगर् क� कंपनी अपने एमओए और एओए को प�रव�तर्त करने के द्वारा दस
ू रे वगर् क�
कंपनी म� अपने आप को प�रव�तर्त कर सकती है।
अ�ध�नयम के अध्याय II म� �न�हत प्रावधान� के संबध
ं म� , अंतरार्ष्ट्र�य �वत्तीय सेवा क�द्र म� या
वहां से काम करने वाल� �न�दर् ष्ट आईएफएससी कंप�नय� के मामले म� कुछ छूट प्रदान क�
जाती ह�।
(ii) वह ओपीसी का गठन नह�ं कर सकता क्य��क ठ�क �पछले वषर् वह भारत का �नवासी
नह�ं था
(d) दस
ू रा �नष्कषर् अमान्य है
3. �कसी मौजूदा कंपनी द्वारा नाम के आर�ण या उसके नाम म� प�रवतर्न के �लए आवेदन करने
क� िस्थ�त म�, रिजस्ट्रार नाम को अनुमोदन क� तार�ख से ................... क� अव�ध के �लए
आर��त कर सकता है ।
(a) 90 �दन
(b) 60 �दन
(c) 30 �दन
(d) 20 �दन
4. मॉडनर् फ़�नर्चर को 30 जन
ू 2022 को �नग�मत �कया गया, इसके �नदे शक� ने 18 अप्रैल
2023 को रिजस्ट्रार को शेयर के भुगतान उदाहरण मूल्य (ग्राहक द्वारा सब्सक्राइब �कए गए
शेयर के �वरुद्ध) क� प्रािप्त के संबंध म� धारा 10 ए (1) (ए) के तहत एक घोषणा पत्र भरा।
कंपनी और उसके अ�धका�रय� (�डफ़ॉल्ट करने वाले अ�धकार�) पर जुमार्ना लगाया जाएगा:
5. आईट�सी �ल�मटे ड ने अपना नाम बदलकर आईट�सी �ल�मटे ड कर �लया। कंपनी और उसके
अ�धका�रय� ने �ापन� और लेख� क� प्रत्येक जार� प्र�त म� प�रवतर्न करने म� �वफल होकर
�डफ़ॉल्ट �कया। इस संदभर् म� आपको �नम्न�ल�खत म� से गलत कथन� को चुनना होगा
(i) एमओए/एओए क� प्रत्येक प्र�त म� प�रवतर्न �कया जाएगा क्य��क इन्ह� सावर्ज�नक दस्तावेज़
माना जाता है ।
(ii) प्रत्येक प्र�त म� प�रवतर्न �कया जाएगा चाहे वह इलेक्ट्रॉ�नक रूप म� हो या अन्यथा।
�ववरणात्मक प्रश्न
1. डेयर� प्रोडक्ट्स प्राइवेट �ल�मटे ड ने �दसंबर, 2019 म� कंपनी के पंजीकरण के समय सीमा�नयम
के समय पंजीकृत �कया है । कंपनी के �नदे शक� का मत है �क 90% के बहुमत के प्रस्ताव को
छोड़कर अंश� क� जब्ती के बारे म� लेख� के प्रावधान� को नह�ं बदला जाना च�हए। जब�क
कंपनी अ�ध�नयम धारा 14 के अनस
ु ार, 2013 के लेख� को केवल एक �वशेष संकल्प के साथ
पा�रत करके बदला जा सकता है । �नदे शक� म� से एक ने कहा है �क वे कंपनी अ�ध�नयम� के
�खलाफ कोई प्रावधान नह�ं रख सकते ह�। आपको इस मामले पर कंपनी से सलाह लेना
आवश्यक है ।
2. व्यिक्तय� का एक समूह प्र�श�ु पायलट� को क्लास रूम �श�ण और �वमान उड़ान प्र�श�ण
प्रदान करने के �लए सी�मत दे यता कंपनी के रूप म� 'ब�डंग पायलट फ्लाइंग क्लब' नामक एक
क्लब बनाने का इरादा रखता है । कंपनी अ�ध�नयम क� धारा 8 के तहत धमार्थर् उद्देश्य के �लए
एक सी�मत दे यता कंपनी बनाने का �नणर्य �लया गया। कंप�नय� अ�ध�नयम के अंतगर्त 2013
वषर् क� अव�ध के �लए और उसके बाद क्लब को भंग कर �दया जाएगा और दे नदा�रय� पर
संपित्त का अ�धशेष य�द कोई, कंप�नय� अ�ध�नयम के तहत अनम
ु त एक सामान्य प्र�क्रया के
रूप म� सदस्य� के बीच �वत�रत �कया जाएगा।
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के प्रावधान� पर �वचार करते हुए प्रमोटर� को सलाह द� जाती है �क
प्रस्ताव क� व्यवहायर्ता क� जांच क� जाए।
3. 1 अप्रैल, 2010 को अल्फा स्कूल द्वारा कमजोर समाज के बच्च� को उनके माता-�पता क�
�वत्तीय िस्थ�त के आधार पर मफ्
ु त या बहुत मामूल� शुल्क पर �श�ा प्रदान करने के एकमात्र
उद्देश्य के साथ �श�ा प्रदान करना शुरू �कया। हालाँ�क,30 माचर् 2020 को, क�द्र सरकार के
सं�ान म� आया �क उक्त �वद्यालय अपने उद्देश्य खंड का उल्लंघन करके संचा�लत �कया गया
था, िजसके कारण कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के अंतगर्त धारा 8 कंपनी म� दजर् �कया गया था।
वणर्न क�िजए �क क�द्र सरकार द्वारा अल्फा स्कूल क� �कन शिक्तय� का प्रयोग �कया जा
सकता है ?
5. अनष्ु का सरु �ा उपकरण सी�मत सीसीट�वी कैमर� का �नमार्ता है । इसने सीसीट�वी कैमरा
�नमार्ण क� एक और इकाई शुरू करने के �लए अपने इिक्वट� शेयर� के सावर्ज�नक �नगर्म के
माध्यम से 100 करोड़ रुपये जट
ु ाए ह�। इसने 10 करोड़ रुपये का उपयोग �कया है और तब उसे
एहसास हुआ �क उसके मौजद
ू ा व्यवसाय म� �वस्तार क� कोई संभावना नह�ं है क्य��क सरकार
6. �ववेक इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड के सीमा�नयम का उद्देश्य खंड इसे �रयल-एस्टे ट व्यापार और इसके
साथ संबद्ध �कसी भी अन्य व्यवसाय पर के जाने का अ�धकार दे ता है । �रयल एस्टे ट व्यापार म�
�गरावट के करण कंपनी के प्रबंधन ने खाद्य प्रसंस्करण ग�त�व�ध के व्यवसाय को लेने का
�नणर्य �कया है । कंपनी अपने सीमा�नयम को बदलना चाहती है , ता�क खाद्य प्रसंस्करण
व्यापार को अपने उद्देश्य खंड म� शा�मल कर सक�। यह जांचा जा रहा है �क कंपनी अ�ध�नयम,
2013 के प्रावधान� के अनस
ु ार कंपनी इस तरह का बदलाव कर सकती है ?
7. कंपनी द्वारा काम करने वाले व्यिक्त (सदस्य नह�ं) हमेशा आतं�रक प्रबंधन के �सद्धांत द्वारा
संर��त होते ह�। व्याख्या क�िजये। व्याख्या क�िजए �क तकर् साध्य सूचना का �सद्धांत कब लागू
�कया जाएगा।
10. श्री ल�मी इलेिक्ट्रकल्स �ल�मटे ड (एस) एक कंपनी है िजसम� हनुमान पावर सप्लायसर् �ल�मटे ड
(एच) के पास अपनी प्रदत्त अंश पूंजी का 60% �हस्सा है । एच के अंशधारक म� से एक ने एक
दानशील ट्रस्ट बनाया और एच म� अपने 10% शेयर और ट्रस्ट को ₹50 करोड़ दान कर �दए।
वह एस को ट्रस्ट� के रूप म� �नयुक्त करता है । ट्रस्ट क� सभी संपित्तयां एस के नाम पर ह�।
क्या कोई सहायक अपनी धारक कंपनी म� इस तरह से अंश रख सकती है ?
11. कंपनी और कंपनी के सदस्य� पर 'दस्तावेज� क� सेवा' से संबं�धत कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के
प्रावधान� क� व्याख्या कर� ।
12. अशोक, गामा इलेिक्ट्रकल्स �ल�मटे ड �नदे शक को �ल�खत म� �दया �क �कसी भी सामान्य बैठक
और �नदे शक मंडल क� बैठक के �लए पंजीकृत डाक द्वारा य�द कोई सदस्य चाहता है �क
सूचना केवल उसके कानपुर के आवासीय पते पर द� जाए, िजसके �लए उसने पयार्प्त धन जमा
�कया है । कंपनी द्वारा भेजे गए प्रमाण पत्र के अंतगर्त साधारण मेल द्वारा उनको सच
ू ना भेजी
गई। अशोक को यह सच
ू ना नह�ं �मल� और बैठक म� शा�मल नह�ं सके और यह तकर् �कया
गया �क सूचना अनस
ु ू�चत थी।
�नणर्य करना:
13. पराग पराग कंस्ट्रक्शन �ल�मटे ड एक प्रमुख अवसरं चना कंपनी है। कंपनी के �नदे शक श्री पराग
कई वष� से कंपनी क� ओर से सभी �नमार्ण अनुबध
ं � क� जांच कर रहे ह�। सभी प� जो �कसी
भी कंपनी के साथ सौदा करते ह�, श्री पराग अच्छ� तरह से जानते ह�। कंपनी को एक प्र�सद्ध
सॉफ्टवेर कंपनी से एक बहुत ह� महत्वपण
ू र् �नमार्ण अनुबंध �मला है । पराग �नमार्ण एक
स्थानीय ठे केदार �फरोज भाई के साथ साझेदार म� इस साईट के �लए �नमार्ण कर� गे। श्री पराग
ने कंपनी क� ओर से �फरोज भाई के साथ साझेदार� पर हस्ता�र �कए क्य��क उनके पास एक
�न�हत अ�धकार है । बाद म� एक �ववाद म� कंपनी ने एक भागीदार के रूप म� दा�यत्व स्वीकार
करने से इंकार कर �दया। क्या कंपनी एक भागीदार के रूप म� अपनी दे ता से इंकार कर सकती
है ।
जवाब
बाहु�वकल्पीय प्रश्न
2. (d) दस
ू रा �नष्कषर् अमान्य है
3. (b) ""60 �दन
संर�ण के �लए प्रावधान केवल एक कंपनी के गठन पर �कया जाएगा या एक �नजी कंपनी के
मामले म� कंपनी के सभी सदस्य� द्वारा और एक सावर्ज�नक कंपनी के मामले म� एक �वशेष
संकल्प द्वारा सहमत �कए गए लेख� म� संशोधन के द्वारा �कया जाएगा।
जहाँ लेख म� संर�ण के �लए प्रावधान ह�, चाहे गठन पर या संशोधन के द्वारा, रिजस्ट्रार को
ऐसे प्रावधान� के बारे म� �नधार्�रत तर�के से सूचना दे गी।
मौजद
ू ा िस्थ�त म� , यादव डेयर� उत्पाद प्राइवेट �ल�मटे ड एक �नजी कंपनी है और अंश� क�
जब्ती के संबध
ं म� लेख� के प्रावधान� क� र�ा करना चाहती है । इसका मतलब है �क वह लेख�
के संर�ण करना चाहती है , िजसक� अनम
ु �त है । ले�कन कंपनी को सभी सदस्य� क� अनुम�त
लेकर एक प्रस्ताव पा�रत करना होगा और वह आरओसी को लेख� िस्थ�त के संबध
ं म� सच
ू ना
भी दे गी।
(b) अपने लाभ, य�द कोई हो, या अन्य, आय द्वारा उद्देश्य� को बढ़ावा दे ने म� लागू करने
का इरादा रखता है ; तथा
(c) �कसी भी लाभांश के भुगतान को अपने सदस्य� के भुगतान पर प्र�तबंध लगा सकते ह�;
क�द्र सरकार, लाइस�स जार� करके, उस व्यिक्त या व्यिक्तय� के संघ को एक सी�मत दे यता
कंपनी के रूप म� पंजीकृत होने क� अनम
ु �त दे सकती है ।
तत्काल िस्थ�त म� , व्यिक्तय� के समूह का धारा 8 के तहत दानशील उद्देश्य के �लए दस साल
क� अव�ध के �लए एक सी�मत दे यता कंपनी बनाने और उसके बाद क्लब को भंग करने और
दे नदा�रय� पर संपित्त के अ�धशेष को �वत�रत करने का �नणर्य, य�द कोई हो, सदस्य� के बीच
अच्छा नह�ं होगा, क्य��क ऊपर �बंद ु (b) म� बताया गया है �क इसके लाभ या अन्य आय को
केवल अपने उद्देश्य� को बढ़ावा दे ने के �लए लागू करने के संबंध म� प्र�तबंध है।
इसके अलावा, कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 के उप-धारा (9) म� प्रदान क� गई कंपनी
के समापन या �वघटन क� िस्थ�त म� ऐसी कंपनी क� अ�धशेष संपित्त के आवेदन म� प्र�तबंध
है । इस�लए, यह प्रस्ताव संभव नह�ं है ।
चँ �ू क, अल्फा स्कूल एक धारा 8 कंपनी थीं और इसने अपने उद्देश खंड का उल्लंघन करना शरू
ु
कर �दया था, इस�लए ऐसी िस्थ�त म� क�द्र सरकार द्वारा �नम्न�ल�खत शिक्तय� का प्रयोग
�कया जा सकता है :
(i) क�द्र सरकार उस कंपनी के लाइस�स को रद्द कर सकती है जहाँ कंपनी इस धारा क�
�कसी भी आवश्यकता या शत� का उल्लंघन करती है , िजसके अधीन लाइस�स जार�
�कया जाता है या जहाँ कंपनी के मामल� को धोखाधड़ी या उल्लंघन �कया जाता है।
कंपनी के उद्देश्य� या जन�हत के प्र�तकूल, और �नरसन पर रिजस्ट्रार कंपनी के नाम के
सामने रिजस्टर म� '�ल�मटे ड' या 'प्राइवेट �ल�मटे ड' डालेगा। ले�कन इस तरह के �नरसन
से पहले, क�द्र सरकार को लाइस�स रद्द करने के अपने इरादे और मामले म� सुनवाई के
अवसर क� �ल�खत सच
ू ना दे नी होगी।
(ii) क�द्र सरकार के आदे श द्वारा, जहाँ एक लाइस�स रद्द कर �दया जाता है , य�द वह संतष्ु ट
है �क यह सावर्ज�नक �हत म� आवश्यक है , तो कंपनी को इस अ�ध�नयम के तहत
समाप्त करने या इस धारा के तहत पंजीकृत �कसी अन्य कंपनी के साथ �वलय करने
का �नद� श दे सकती है । हालाँ�क,ऐसा कोई आदे श तब तक नह�ं �दया जा सकता जब
तक �क कंपनी को सुनवाई का उ�चत अवसर नह�ं �दया जाए।
(iii) जहाँ एक लाइस�स �नरस्त कर �दया जाता है और जहाँ क�द्र सरकार संतष्ु ट होती है �क
सावर्ज�नक �हत म� यह आवश्यक है �क इस खंड के अंतगर्त पंजीकृत कंपनी को �कसी
अन्य कंपनी के साथ समामे�लत �कया जाए और समान उद्देश्य हो तब, इसके �वपर�त
कुछ भी नह�ं है इस अ�ध�नयम म�, क�द्र सरकार आदे श दे सकती है �क इस तरह के
सं�वधान, गुण, अ�धकार, �हत, प्रा�धकरण और �वशेषधारक� के साथ एक अकेल� कंपनी
(i) इस तरह के संकल्प के संबंध म� �ववरण समाचार पत्र� (एक अंग्रेजी म� और एक �ेत्रीय
भाषा म�) प्रका�शत �कया जाएगा जो उस स्थान पर प्रचलन म� है जहाँ कंपनी का
पंजीकृत कायार्लय िस्थत है और इसे वेबसाइट पर भी डाला जाएगा। कंपनी, य�द कोई
हो, िजसम� ऐसे प�रवतर्न के औ�चत्य का उल्लेख हो;
कंपनी को आरओसी के पास �वशेष संकल्प क� प्र�त दा�खल करनी होगी और उसे तीस
�दन� क� अव�ध के भीतर पंजीकरण को प्रमा�णत कराना होगा। आरओसी द्वारा इस
प्रमाणपत्र क्र बाद ह� प�रवतर्न प्रभावी होगा।
उपयुक्
र् त दे खते हुए हम कह सकते ह� �क कंपनी अपने सीमा�नयम म� मोबाइल ऐप के
�वकास का उद्देश्य जोड़ सकती है और जनता का धन उस व्यवसाय म� लगा सकती है।
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 ने सीमा�नयम म� प�रवतर्न को सरल और अ�धक नम्य बना �दया है ।
अ�ध�नयम क� धारा 13(1) के अंतगर्त, कंपनी द्वारा इस खंड म� �न�दर् ष्ट प्र�क्रया का पालन
करने के बाद एक �वशेष संकल्प से, सीमा�नयम� के प्रावधान� को बदला जा सकता है ।
उद्देश्य खंड म� प�रवतर्न के मामले क� धारा 13(6) म� रिजस्ट्रार के साथ कंपनी द्वारा �वशेष
संकल्प दा�खल करने क� आवश्यकता होती है। धारा 13(9) म� कहा गया है �क रिजस्ट्रार कंपनी
के उद्देश्य� के संबंध म� सीमा�नयम म� �कसी भी बदलाव को पंजीकृत करे गा और कंपनी द्वारा
�वशेष संकल्प दा�खल करने क� तार�ख से तीस �दन� क� अव�ध के भीतर पंजीकरण को
प्रमा�णत करे गा।
धारा 13(10) म� आगे कहा गया है �क �ापन म� कोई भी प�रवतर्न तब तक प्रभावी नह�ं होगा
जब तक �क इसे ऊपर के रूप म� रिजस्ट्रार के पास पंजीकृत नह�ं �कया गया हो।
�हतधारक� को यह पछ
ू ने क� आवश्यकता नह�ं है �क क्या आवश्यक बैठक बल
ु ाई गई थी और
ठ�क से आयोिजत क� गई थी या क्या आवश्यक प्रस्ताव ठ�क से पा�रत �कया गया था। वे यह
मानने के हकदार ह� �क कंपनी �नय�मत रूप से इन सभी कायर्वाह� से गुजर� है ।
�सद्धांत कंपनी के बाहर� सदस्य� को कंपनी से बचाने म� मदद करता है और कहता है �क लोग
यह मानने के हकदार ह� �क आंत�रक कायर्वाह� कंपनी रिजस्ट्रार के पास जमा �कए गए
दस्तावेज� के अनुसार है ।
आंत�रक प्रबंधन का �सद्धांत तकर् साध्य सूचना के �सद्धांत के �वपर�त है । जब�क तकर् साध्य
सूचना का �सद्धांत कंपनी को बाहर� लोग� के �खलाफ एक कंपनी क� र�ा करता है , आंत�रक
प्रबंधन का �सद्धांत �कसी कंपनी द्वारा �कये गए काय� के �खलाफ बाहर� लोग� क� सुर�ा
करता है ।
(ii) लापरवाह�: य�द न्युन्तमन प्रयास के साथ, �कसी कंपनी के भीतर अ�नय�ममताओं क�
खोज क� जा सकती है , तो आतं�रक प्रबन्ध के �नयम का लाभ लागू नह�ं होगा।
�नयम क� सुर�ा भी उपलब्ध नह�ं है जहाँ प�रिस्थ�त कंपनी उ�चत जांच नह�ं करती है ।
(iii) जालसाजी: �नयम लागू नह�ं होता है जहाँ कोई व्यिक्त �कसी ऐसे दस्तावेज़ पर �नभर्र
करता है जो जाल� हो जाता है क्य��क कुछ भी जालसाजी को मान्य नह�ं कर सकता है ।
एक कंपनी को अपने अ�धका�रय� द्वारा क� गई जालसाजी के �लए कभी भी बाध्य नह�ं
�कया जा सकता है ।
8. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 16 के अनुसार य�द कोई कंपनी �कसी ऐसे नाम से
पंजीकृत है जो,-
क�द्र सरकार क� राय म� , उस नाम के समान है िजसके द्वारा एक कंपनी पहले पंजीकृत
क� गई थी, वह कंपनी को अपना नाम बदलने का �नद� श दे सकती है। �फर कंपनी एक
साधारण प्रस्ताव पा�रत करके 3 मह�ने के भीतर अपना नाम बदल लेगी।
कंपनी प�रवतर्न के 15 �दन� के भीतर क�द्र सरकार के आदे श के साथ आरओसी को नो�टस
दे गी। दोषी कंपनी और दोष करने वाले अ�धकार� मामले म� दं डनीय ह�।
�दए गए मामले म� , पंजीकृत ट्रे ड माकर् का मा�लक गलत नाम से कंपनी के पंजीकरण के 5
साल बाद आपित्त दजर् करा रहा है । जब�क इसे 3 साल के भीतर ह� दा�खल करना चा�हए था।
इस�लए कंपनी को अपना नाम बदलने के �लए मजबूर नह�ं �कया जा सकता है ।
धारा 13 के अनुसार, कंपनी कभी भी एक �वशेष प्रस्ताव पा�रत करके और क�द्र सरकार क�
मंजूर� लेकर इसका नाम बदल सकती है । इस�लए, य�द पंजीकृत ट्रे डमाकर् का मा�लक अपने
नाम को बदलने के �लए कंपनी स अनुरोध करता है और कंपनी उसी को स्वीकार करती है तो
वह धारा 13 के प्रावधान� का पालन करके स्वेच्छा से अपना नाम बदल सकती है ।
(3) सहायक कंपनी धारक कंपनी म� एक अंशधारक होने से पहले इसक� सहायक कंपनी बन
गई हो।
उपयुक्
र् त �नयम के अपवाद �नम्न�ल�खत ह�;
(c) जहाँ सहायक कंपनी अपनी धारक कंपनी क� सहायक कंपनी बनने से पहले भी एक
अंशधारक है , ले�कन इस मामले म�, उसे धारक कंपनी क� बैठक म� वोट दे ने का
अ�धकार नह�ं होगा।
�दए गए मामले म�, धारक कंपनी के अंशधारक� म� से एक ने अपने अंश� को धारक कंपनी म�
एक ट्रस्ट म� स्थानांत�रत कर �दया है जहाँ अंश सहायक कंपनी के पास रखे जाएंगे। इसका
11. कंपनी अ�ध�नयम क� धारा 20 के अंतगर्त, 2013 �कसी कंपनी या �कसी अ�धकार� को कंपनी
के पंजीकृत कायार्लय म� डाक, स्पीड पोस्ट या कू�रयर सेवा द्वारा भेज कर दस्तावेज �दए जा
सकते ह� या पंजीकृत कायार्लय म� ऐसे इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड के माध्यम से �नधार्�रत
�कया जा सकता है ।
हालाँ�क, इस मामले म� प्र�तभ�ू तय� को संग्रह स्थान पर रखा जाता है , तो लाभकार� स्वा�मत्व
के �रकॉडर् को इलेक्ट्रॉ�नक या अन्य मोड के माध्यम से कंपनी पर इस तरह के संग्रह स्थान
द्वारा �दया जाता है ।
बशत� �क कोई सदस्य �कसी �वशेष दस्तावेज के माध्यम से �कसी भी �ववरण के �लए अनुरोध
कर सकता है , िजसके �लए वह ऐसे फ�स का भुगतान करे गा जैसा �क कंपनी द्वारा वा�षर्क
बैठक म� �नधार्�रत �कया जा सकता है ।
तदनुसार, इसके अंतगर्त पूछे गए प्रश्न� के उत्तर इस प्रकार �दए जा सकते ह�:
(i) अशोक का तकर् मान्य होगा, क्य��क नो�टस क� तामील ठ�क से नह�ं क� गई थी।
(ii) द� गई प�रिस्थ�तय� म� , पंजीकृत पते द्वारा कंपनी भारत के बाहर नह�ं, बिल्क कानपुर
म� अपने आवासीय पते पर अशोक को एक वैध सच
ू ना दे ने के �लए बाध्य है ।
13. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 22 के अनुसार, कोई भी कंपनी �कसी भी व्यिक्त को भारत
म� या उसके बाहर �कसी भी स्थान पर अपनी ओर से कम� को �नष्पा�दत करने के �लए अपने
वक�ल के रूप म� अ�धकृत कर सकती है । ले�कन उनके प्रा�धकार पत्र पर सामान्य मुहर लगी
होनी चा�हए या प्रा�धकरण पत्र पर कंपनी के दो �नदे शक� के हस्ता�र होने चा�हए या उस पर
एक �नदे शक और स�चव के हस्ता�र होने चा�हए।
मौजद
ू ा िस्थ�त म� कंपनी द्वारा न तो कोई �ल�खत प्रा�धकार �दया और न ह� प्रा�धकार पत्र क�
सामान्य मुहर लगाई गई है ।
इसका मतलब है �क श्री पराग कानूनी रूप से कंपनी क� ओर से कायर् को �नष्पा�दत करने के
हकदार नह�ं है । इस�लए, उनके द्वारा �नष्पा�दत कायर्, कंपनी के �लए बध्यकर� नह�ं है । और
साथ ह� कंपनी एक भागीदार के रूप म� अपनी दे यता से इंकार केर सकती है ।