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पेपर III

तुलना मक आपरा धक या एवं दं ड व ान

अपरा धय का उपचार

. यायालय और अ भयोजन एज सय का संगठन

. . आपरा धक अदालत का पदानु म और उनका े ा धकार

. . . भारत म याय पंचायत

. . . . आ दवासी े म पंचायत

. . अपरा धय पर मुक दमा चलाने के लए अ भयोजन एज सय का संगठन

. . . अ भयोजक और पु लस

. . अ भयोजन वापस लेना.

. परी ण पूव या.

. अ भयु क गर तारी एवं पूछताछ।

. अ भयु के अ धकार

. पु लस ारा ज त एक त कए गए बयान व तु का सा य मू य

. परामश का अ धकार

. . जांच म अ भयोजक और या यक अ धकारी क भू मका

. परी ण या.

. परी ण क दोषारोपण णाली और ज ासु णाली

. मुक दमे म यायाधीश अ भयोजक और बचाव वक ल क भू मका।

. सा य क वीकायता और अ वीकायता

. वशेष सा य

. . ली बारगेन

. भारत म नवारक उपाय

. . दं ड या सं हता म ावधान

. . वशेष अ ध नयम
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. प रचया मक

. . पेनोलॉजी क प रभाषा

. सज़ा के स ांत

. . तकार

. . उपयो गतावाद रोकथाम नरोध

. . उपयो गतावाद डराना

. . वहा रक रोकथाम अ मता

. . वहार नवारण पुनवास ाय त

. . सजा के लए शा ीय ह और इ लामी कोण।

. मृ युदंड क सम या

. . मृ युदंड क संवैधा नकता

. . भारत म मृ युदंड के त या यक कोण एक जांच

क़ानून क़ानून और मामला क़ानून.

. . कानून सुधार ताव

. कारावास

. . आज भारत क जेल क त

. . भारतीय जेल क अनुशासना मक व ा

. . कै दय का वग करण

. . कै द के अ धकार और हरासती कमचा रय के कत ।

. . संर क कमचा रय ारा वचलन

. . खुली जेल

. . या यक नगरानी आधार वकास सुधार


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यू नट ।

यायालय और अ भयोजन एज सय का संगठन

. उ े य

. . प रचय

. वषय ीकरण

. . आपरा धक यायालय का पदानु म और उनका े ा धकार

. . . . भारत का सव यायालय.

. . . .उ यायालय

. . . . फौजदारी यायालय का गठन और उनका े

े ा धकार

. . . भारत म याय पंचायत

. . . आ दवासी े म पंचायत

. . . अपरा धय पर मुक दमा चलाने के लए अ भयोजन एज सय का संगठन

. . . . अ भयोजक और पु लस

. . . . अ भयोजन वापस लेना.

. व श ा के लए

. . आइए सं ेप कर

. . श दकोष

. . संदभ

. उ े य

इस इकाई का अ ययन करने के बाद व ाथ यह समझने म स म हो जायेगा

. आपरा धक यायालय का पदानु म और उनका े ा धकार

. भारत म याय पंचायत का कामकाज

. आ दवासी े म पंचायत का अ त व
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. अ भयोजन चलाने हेतु अ भयोजन एज सय के संगठन का काय करना

अपरा धय

. अ भयोजक और पु लस का संबंध

. .प रचय

भारत के सं वधान के अनुसार सव यायालय क भू मका है

संघीय यायालय सं वधान का संर क और अपील का सव यायालय।

दे श म उ यायालय ह जनम से तीन का े ा धकार इससे भी अ धक है

एक से अ धक रा य. क शा सत दे श म अके ले द ली म ही अपना उ यायालय है

अपना। अ य छह क शा सत दे श अलग अलग रा य के अ धकार े म आते ह

उ यायालय.

रा य के लगभग हर जले म जला यायालय ह और इसके अंतगत

जला यायालय म स यायालय या सेशन यायालय यायालय मु य या यक होते ह

म ज े ट सीजेएम या यक म ज े ट थम ेण ी का यायालय जेएमएफसी ।

भारतीय यायपा लका क संरचना म सुधार म सबसे नया सुधार ाम है

यायालय. ाम यायालय उ े य का एक संयोजन तीत होता है

तकू ल सुनवाई पर नय मत तनाव क असमानता म कई वशेष अदालत।

जनजातीय लोग के लए नया अ ध नयम भी उतना ही मह वपूण है।

लोक अ भयोजक मामल को न प प से चलाने म एक मह वपूण है

नप रह और हर नणय बना कसी भय या उ ेज ना के ल।

. वषय ीकरण

. . आपरा धक यायालय का पदानु म और उनका े ा धकार

भारत का सव यायालय सव यायालय है और इसके ारा ग ठत एक नकाय है

सं वधान ही. संबं धत रा य के उ यायालय ारा भी दान कया जाता है

सं वधान। अ य आपरा धक यायालय क श याँ एवं काय वहाँ ह

सीआर ारा दान कया गया। पीसी


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. . . . भारत का सव यायालय.

सव यायालय भारत का सव यायालय है। यह भाग V ारा ा पत है

सं वधान का अ याय IV. भारत के सं वधान के अनु ेद से तक

भारत के सव यायालय क संरचना और अ धकार े नधा रत कर।

के मूल सं वधान म एक सव यायालय क प रक पना क गई थी

मु य यायाधीश और यायाधीश इस सं या को बढ़ाने का काम संसद पर छोड़ना। म

ारं भक वष म सव यायालय के सभी यायाधीश सुनवाई के लए एक साथ बैठते थे

उनके सम मामले तुत कये गये। जैसे जैसे कोट का काम बढ़ता गया और बकाया बढ़ता गया

मामले बढ़ने लगे संसद ने यायाधीश क सं या से बढ़ा द

से म म म और म ।

जज क सं या बढ़ गई है वे दो और तीन क छोट बच म बैठते ह

या अ धक क बड़ी बच म एक साथ के वल तभी जब ऐसा करना आव यक हो

कसी मतभेद या ववाद को सुलझाना।

भारत के सव यायालय म मु य यायाधीश और अ य शा मल होते ह

यायाधीश क नयु भारत के रा प त ारा क जाती है। उ तम यायालय के यायाधीश सेवा नवृ हो जाते ह

वष क आयु ा त करना। सव यायाधीश के प म नयु होने के लए

यायालय एक को भारत का नाग रक होना चा हए और कम से कम पांच वष तक रहा होगा

वष तक कसी उ यायालय का या लगातार दो या अ धक ऐसे यायालय का यायाधीश या

कसी उ यायालय या दो या दो से अ धक ऐसे यायालय का लगातार एक वक ल

रा प त क राय म कम से कम वष या उसे एक त त होना चा हए

याय वद्. एक उ यायालय के यायाधीश क एक व ापन के प म नयु के लए ावधान मौजूद ह।

सव यायालय के अ ायी यायाधीश और सव यायालय या उ यायालय के सेवा नवृ यायाधीश के लए उस

यायालय के यायाधीश के प म बैठना और काय करना।

http supremecourtofindia.nic.in history.htm


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सव यायालय के पास मूल अपीलीय और सलाहकार े ा धकार है। इसका

वशेष मूल े ा धकार सरकार के बीच कसी भी ववाद तक फै ला आ है

भारत और एक या अ धक रा य के बीच या भारत सरकार और कसी के बीच

एक तरफ रा य या रा य और सरी तरफ एक या अ धक रा य या दो के बीच

या अ धक रा य य द और जहां तक ववाद म कोई शा मल है चाहे का ।

कानून या त य जस पर कानूनी अ धकार का अ त व या सीमा नभर करती है। म

इसके अलावा सं वधान का अनु ेद एक ापक मूल े ा धकार दे ता है

मौ लक अ धकार के वतन के संबंध म सव यायालय म। यह है

नदश आदे श या रट जारी करने का अ धकार जसम रट क कृ त भी शा मल है

लागू करने के लए बंद य ीकरण परमादे श नषेध यथा वारंटो और उ ेषण

उ ह।

सव यायालय को कसी भी नाग रक के ानांतरण का नदश दे ने क श दान क गई है

या आपरा धक मामला एक रा य उ यायालय से सरे रा य उ यायालय म या से

एक यायालय सरे रा य के उ यायालय के अधीन है। उ तम यायालय य द

संतु ह क मामल म समान या काफ हद तक समान शा मल ह

कानून इसके और एक या अ धक उ यायालय के सम या दो या अ धक के सम लं बत ह

उ यायालय और ऐसे सामा य के मह वपूण ह

मह व उ यायालय के सम लं बत कसी मामले या मामल को वापस ले सकता है

उ यायालय ऐसे सभी मामल का नपटारा वयं करते ह। म य ता के तहत और

सुलह अ ध नयम अंतरा ीय वा ण यक म य ता भी हो सकती है

सु ीम कोट म पहल क गई.

सव यायालय के अपीलीय े ा धकार को एक माण प ारा लागू कया जा सकता है

अनु ेद या के तहत संबं धत उ यायालय ारा दान कया गया

उ यायालय के कसी नणय ड या अं तम आदे श के संबंध म सं वधान

द वानी और आपरा धक दोन मामल म जसम कानून के मह वपूण शा मल ह

सं वधान क ा या. द वानी म भी सव यायालय म अपील क जाती है

मायने रखता है य द संबं धत उ यायालय मा णत करता है ए क मामले म शा मल है


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सामा य मह व के कानून का पया त और बी क क राय म

उ यायालय उ का नणय उ तम यायालय ारा कया जाना आव यक है। म

आपरा धक मामल म य द उ यायालय ए ने अपील क है तो उ तम यायालय म अपील क जा सकती है

अपील ने एक आरोपी को बरी करने के आदे श को उलट दया और उसे सजा सुनाई

मौत या आजीवन कारावास या वष से कम क अव ध के लए कारावास या बी

अपने अधीन कसी भी यायालय से कोई भी मामला अपने सम वचारण के लए वापस ले लया है

ा धकरण ने ऐसे मुक दमे म आरोपी को दोषी ठहराया और उसे मौत क सजा सुनाई

या आजीवन कारावास या वष से कम क अव ध के लए कारावास या सी

मा णत कया गया क मामला उ तम यायालय म अपील के लए उपयु है। संसद है

सव यायालय को मनोरंज न के लए कोई और श याँ दान करने के लए अ धकृ त कया गया है

उ यायालय क आपरा धक कायवाही म कसी भी नणय अं तम आदे श या सजा के खलाफ अपील सुनना।

. . . .उ यायालय

उ यायालय रा य के या यक शासन का मुख होता है। येक

उ यायालय म एक मु य यायाधीश और रा प त जैसे अ य यायाधीश शा मल होते ह

समय समय पर नयु कर सकते ह। उ यायालय के मु य यायाधीश क नयु क जाती है

भारत के मु य यायाधीश और रा यपाल के परामश से रा प त ारा

रा य क । यायाधीश क नयु क या वही है सवाय इसके क

संबं धत उ यायालय के मु य यायाधीश से भी परामश कया जाता है। वे पद पर ह

वष क आयु तक और यायाधीश क तरह ही हटाये जा सकते ह

सव यायालय। यायाधीश के प म नयु के लए पा होने के लए को होना चा हए

भारत का नाग रक हो और दस वष तक भारत म या यक पद पर रहा हो

कसी उ यायालय या ऐसे दो या अ धक यायालय म वक ल के प म अ यास कया हो

समान अव ध के लए उ रा धकार.

येक उ यायालय को अपने अ धकार े के भीतर कसी भी को जारी करने क श है

नदश आदे श या रट जसम वे रट शा मल ह जो बंद क कृ त म ह

http supremecourtofindia.nic.in jurisdiction.htm


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वतन के लए कॉपस परमादे श नषेध यथा वारंटो और उ ेषण

मौ लक अ धकार और कसी अ य उ े य के लए। ये श भी हो सकती है

े के संबंध म े ा धकार का योग करने वाले कसी भी उ यायालय ारा योग कया जाता है

जसके अंतगत कारवाई का कारण पूण या आं शक प से ऐसे अ यास के लए उ प होता है

श इस बात के बावजूद क ऐसी सरकार या ा धकारी क सीट या

ऐसे का नवास उन े के भीतर नह है।

येक उ यायालय को अपने अंतगत सभी यायालय पर अधी ण क श याँ ा त ह

े ा धकार। यह ऐसे यायालय से रटन मांग सकता है सामा य नयम बना सकता है और

उनके अ यास और कायवा हय को व नय मत करने के लए फॉम नधा रत कर और उस तरीके और ा प को नधा रत

कर जसम पु तक व यां और खाते रखे जाएंगे।

. . . . आपरा धक यायालय का गठन और उनका े ीय े ा धकार

आपरा धक अदालत का गठन आपरा धक या सं हता के अनुसार कया जाता है

सी.आर.पी.सी. .

आपरा धक यायालय क े णयाँ .

उ यायालय और कसी भी कानून के तहत ग ठत यायालय के अलावा अ य

इस सं हता के अनुसार येक रा य म अपरा धय क न न ल खत े णयां ह गी

यायालय अथात्

i स यायालय

ii थम ेण ी के या यक म ज े ट और कसी भी महानगरीय े म

महानगर म ज े ट

iii तीय ेण ी के या यक म ज े ट और

iv कायकारी म ज े ट।

ादे शक भाग .

येक रा य एक स भाग होगा या इसम स भाग शा मल ह गे

और येक स भाग इस सं हता के योजन के लए एक जला होगा या

http supremecourtofindia.nic.in jurisdiction.htm


धारा Cr. पीसी
धारा
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जल से मलकर बनता है बशत क येक महानगरीय े उ के लए होगा

उ े य एक अलग स संभाग और जला हो।

रा य सरकार उ यायालय से परामश के बाद प रवतन कर सकती है

सीमा या ऐसे भाग और जल क सं या.

रा य सरकार उ यायालय से परामश के बाद वभाजन कर सकती है

कसी भी जले को उप वभाजन म वभा जत कया जा सकता है और इसक सीमा या सं या म प रवतन कया जा सकता है

उप वभाग.

कसी रा य म मौजूद स मंडल जले और उप मंडल

इस सं हता का ारंभ इसके तहत ग ठत माना जाएगा

अनुभाग।

महानगरीय े .

रा य सरकार अ धसूचना ारा इसक घोषणा कर सकती है जैसे क ऐसी तारीख से

जैसा क अ धसूचना म न द कया जा सकता है रा य म कोई भी े जसम कोई शहर या शा मल हो

वह शहर जसक जनसं या दस लाख से अ धक है महानगरीय े होगा

इस सं हता के उ े य.

इस सं हता के ारंभ से येक ेसीडसी नगर

ब बई कलक ा और म ास तथा अहमदाबाद शहर को माना जाएगा

उप धारा के तहत एक महानगरीय े घो षत कया गया।

रा य सरकार अ धसूचना ारा व तार कटौती या प रवतन कर सकती है

कसी महानगरीय े क सीमाएँ ले कन कटौती या प रवतन इस कार नह कया जाएगा

ता क ऐसे े क जनसं या को दस लाख से कम कया जा सके ।

जहां कसी े को घो षत करने के बाद या घो षत कया गया समझा जाता है

एक महानगरीय े हो ऐसे े क जनसं या दस लाख से कम हो

ऐसा े ऐसी तारीख से जब तक रा य सरकार बनाए

अ धसूचना इस संबंध म न द एक महानगरीय े नह रहेगा ले कन

इस तरह के तबंध के बावजूद कोई भी जांच परी ण या अपील तुरंत लं बत है

ऐसे े म कसी भी यायालय या म ज े ट के सम इस तरह के समापन से पहले जारी रहेगा

इस सं हता के तहत नपटा जाएगा जैसे क ऐसा कोई समापन नह आ था।

धारा
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जहां रा य सरकार उपधारा के तहत कटौती या प रवतन करती है

कसी भी महानगरीय े क सीमा इस तरह क कमी या प रवतन से कोई भाव नह पड़ेगा

ऐसी कटौती या प रवतन से ठ क पहले जांच सुनवाई या अपील लं बत है

कसी भी यायालय या म ज े ट के सम और ऐसी येक जांच परी ण या अपील क जाएगी

इस सं हता के तहत इस कार नपटा जाना जारी रहेगा जैसे क ऐसी कमी या प रवतन कया गया हो

नह आ.

ीकरण. इस धारा म अ भ जनसं या का अथ जनसं या है

जैसा क पछली पछली जनगणना म सु न त कया गया था जसके ासं गक आंक ड़े ह

का शत हो चुक है।.

स यायालय .

रा य सरकार येक स के लए एक स यायालय क ापना करेगी

वभाजन।

येक स यायालय क अ य ता एक यायाधीश ारा क जाएगी जसे नयु कया जाएगा

उ यायालय

उ यायालय अ त र स यायाधीश और सहायक क नयु भी कर सकता है

सेशन यायाधीश का सेशन यायालय म े ा धकार का योग करना।

एक स भाग के स यायाधीश क नयु उ ारा क जा सकती है

यायालय कसी अ य भाग का अ त र स यायाधीश भी होगा और ऐसे म

कसी मामले म वह ऐसे ान पर या सरे ान पर मामल के नपटारे के लए बैठ सकता है

उ यायालय के नदशानुसार वभाजन।

जहां स यायाधीश का पद र है वहां उ यायालय बना सकता है

कसी अ याव यक आवेदन के नपटान क व ा जो है या हो सकता है

कसी अ त र या सहायक ारा ऐसे स यायालय के सम बनाया गया या लं बत है

स यायाधीश या य द कोई अ त र या सहायक स यायाधीश नह है तो ए ारा

स भाग म मु य या यक म ज े ट और ऐसे येक यायाधीश या

म ज े ट के पास ऐसे कसी भी आवेदन से नपटने का अ धकार े होगा।

स यायालय सामा यतः ऐसे ान या ान पर अपनी बैठक आयो जत करेगा

जैसा क उ यायालय अ धसूचना ारा न द कर सकता है ले कन य द कसी वशेष मामले म

धारा
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स यायालय क राय है क यह सामा य सु वधा क ओर वृ होगा

पा टय और गवाह को स म कसी अ य ान पर अपनी बैठक आयो जत करने के लए कहा गया है

वभाजन यह अ भयोजन और अ भयु क सहम त से उस पर बैठ सकता है

मामले के नपटारे या कसी गवाह या गवाह क परी ा के लए ान

उसम.

ीकरण. इस सं हता के योजन के लए नयु म शा मल नह है

सरकार ारा कसी क पहली नयु पो टग या पदो त

संघ या रा य के मामल के संबंध म कोई सेवा या पद

जहां कसी भी कानून के तहत ऐसी नयु पो टग या पदो त आव यक हो

सरकार ारा बनाया गया.

सहायक स यायाधीश क अधीनता .

सभी सहायक स यायाधीश स यायाधीश के अधीन ह गे

वे कसके यायालय के े ा धकार का योग करते ह।

स यायाधीश समय समय पर इसके अनु प नयम बना सकते ह

ऐसे सहायक स यायाधीश के बीच वसाय के वतरण के संबंध म सं हता।

स यायाधीश कसी अ याव यक न तारण का ावधान भी कर सकता है

आवेदन उसक अनुप त या काय करने म असमथता क त म कसी अ त र या ारा

सहायक स यायाधीश या य द कोई अ त र या सहायक स नह है

यायाधीश मु य या यक म ज े ट ारा और ऐसे येक यायाधीश या म ज े ट ारा

ऐसे कसी भी आवेदन से नपटने का े ा धकार माना जाएगा।

या यक म ज े ट क अदालत .

येक जले म महानगरीय े नह होने पर के पम ा पत कया जाएगा

थम ेण ी और तीय ेण ी के या यक म ज े ट के कई यायालय

और ऐसे ान पर जैसा क रा य सरकार परामश के बाद कर सकती है

उ यायालय अ धसूचना ारा न द कर।

ऐसे यायालय के पीठासीन अ धका रय क नयु उ यायालय ारा क जाएगी

धारा
धारा
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उ यायालय जब भी उसे यह समीचीन या आव यक तीत हो कर सकता है।

थम ेण ी या तीय ेण ी के या यक म ज े ट क श याँ दान करना

यायाधीश के प म काय करने वाले रा य क या यक सेवा के कसी भी सद य पर वग

एक स वल कोट म.

मु य या यक म ज े ट और अ त र मु य या यक म ज े ट आ द .

येक जले म महानगरीय े नह होने पर उ यायालय करेगा

थम ेण ी के या यक म ज े ट को मु य या यक नयु कर

म ज े ट.

उ यायालय थम ेण ी के कसी भी या यक म ज े ट को नयु कर सकता है

एक अ त र मु य या यक म ज े ट और ऐसे म ज े ट के पास सभी या ह गे

इस सं हता के तहत या कसी के तहत मु य या यक म ज े ट क कोई भी श

अ य कानून फलहाल लागू ह जैसा क उ यायालय नदश दे सकता है।

ए उ यायालय थम ेण ी के कसी भी या यक म ज े ट को ना मत कर सकता है

कसी भी उप वभाग म उप वभागीय या यक म ज े ट के प म काय करना और उसे कायमु करना

अवसर क आव यकता के अनुसार इस अनुभाग म न द ज मेदा रयाँ।

बी मु य या यक म ज े ट के सामा य नयं ण के अधीन येक उप

ड वजनल या यक म ज े ट के पास भी ऐसी श यां ह गी और वे उनका योग भी करगे

या यक म ज े ट के काय पर पयवे ण एवं नयं ण इसके अलावा

अतर मु य या यक म ज े ट उ यायालय के प म उप वभाजन म

सामा य या वशेष आदे श ारा इस संबंध म न द कया जा सकता है।

वशेष या यक म ज े ट.

क या रा य सरकार ारा अनुरोध कए जाने पर उ यायालय ऐसा कर सकता है

कसी ऐसे को स मा नत कर जो इसके अंतगत कोई पद धारण करता हो या कर चुक ा हो

सरकार इसके ारा या इसके अंतगत द या द सभी या कोई श याँ

वशेष मामल के संबंध म तीय ेण ी के या यक म ज े ट पर सं हता

या मामल के वशेष वग के लए या आम तौर पर कसी भी जले म मामल के लए नह

महानगरीय े

धारा
धारा
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बशत क कसी को ऐसी कोई श तब तक नह द जाएगी जब तक उसके पास न हो

कानूनी मामल के संबंध म उ यायालय जैसी यो यता या अनुभव

नयम के अनुसार न द कर सकते ह।

ऐसे म ज े ट वशेष या यक म ज े ट कहलाये जायगे और रहगे

उ यायालय के प म एक समय म एक वष से अ धक नह क अव ध के लए नयु कया जाता है

सामा य या वशेष आदे श ारा नद शत कर सकते ह।

या यक म ज े ट का ानीय े ा धकार .

उ यायालय के नयं ण के अधीन मु य या यक म ज े ट

समय समय पर उन े क ानीय सीमाएँ प रभा षत कर जनके अंतगत

धारा या धारा के तहत नयु म ज े ट सभी या का योग कर सकते ह

इनम से कोई भी श याँ जसके साथ उ ह मशः इसके अंतगत नवेश कया जा सकता है

कोड.

ऐसी प रभाषा े ा धकार और श य ारा अ यथा दान कए जाने के अलावा

ऐसे हर एक का

म ज े ट का व तार पूरे जले म होगा।

या यक म ज े ट क अधीनता .

येक मु य या यक म ज े ट स यायाधीश के अधीन होगा

और येक अ य या यक म ज े ट के सामा य नयं ण के अधीन होगा

स यायाधीश मु य या यक म ज े ट के अधीन ह गे।

मु य या यक म ज े ट समय समय पर नयम बना सकता है या दे सकता है

वसाय के वतरण के संबंध म इस सं हता के अनु प वशेष आदे श

उनके अधीन या यक म ज े ट के बीच।

मे ोपो लटन म ज े ट क अदालत .

येक महानगरीय े म इतनी सं या म यायालय ा पत कये जायगे

महानगर

म ज े ट और ऐसे ान पर जहां रा य सरकार परामश के बाद कर सकती है

उ यायालय के साथ अ धसूचना ारा न द कर।

धारा

धारा
धारा
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ऐसे यायालय के पीठासीन अ धका रय क नयु उ यायालय ारा क जाएगी

येक मे ोपॉ लटन म ज े ट के अ धकार े और श य का व तार होगा

पूरे

महानगरीय े ।

मु य मे ोपॉ लटन म ज े ट और अ त र मु य मे ोपॉ लटन म ज े ट .

उ यायालय अपने ानीय े के येक महानगरीय े के संबंध म

े ा धकार एक मे ोपॉ लटन म ज े ट को मु य मे ोपॉ लटन नयु कर

ऐसे महानगरीय े के लए म ज े ट.

उ यायालय कसी भी मे ोपॉ लटन म ज े ट को नयु कर सकता है

अतर मु य मे ोपॉ लटन म ज े ट और ऐसे म ज े ट के पास सभी या ह गे

इस सं हता के तहत या इसके तहत मु य मे ोपॉ लटन म ज े ट क कोई भी श

फलहाल लागू कोई अ य कानून जैसा क उ यायालय नदश दे ।

वशेष मे ोपॉ लटन म ज े ट .

क या रा य सरकार ारा अनुरोध कए जाने पर उ यायालय ऐसा कर सकता है

कसी ऐसे को स मा नत कर जो इसके अंतगत कोई पद धारण करता हो या कर चुक ा हो

सरकार इसके ारा या इसके अंतगत द या द सभी या कोई श याँ

व श मामल या वशेष के संबंध म मे ोपॉ लटन म ज े ट पर सं हता

मामल क े णयाँ या आम तौर पर मामल के लए कसी भी महानगरीय े म उसके ानीय े के भीतर

े ा धकार
बशत क कसी को ऐसी कोई श तब तक नह द जाएगी जब तक उसके पास न हो

कानूनी मामल के संबंध म उ यायालय जैसी यो यता या अनुभव

नयम के अनुसार न द कर सकते ह।

ऐसे म ज े ट वशेष मे ोपॉ लटन म ज े ट कहलाएंगे और ह गे

उ यायालय के प म ऐसी अव ध के लए नयु कया जाएगा जो एक समय म एक वष से अ धक नह होगी

सामा य या वशेष आदे श ारा नद शत कर सकते ह।

धारा
धारा
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इस सं हता म अ य कसी बात के होते ए भी एक वशेष

मे ोपॉ लटन म ज े ट वह सजा नह दे गा जो या यक म ज े ट दे ता है

तीय ेण ी महानगरीय े के बाहर लगाने म स म नह है।

मे ोपो लटन म ज े ट क अधीनता .

मु य मे ोपॉ लटन म ज े ट और येक अ त र मु य मे ोपॉ लटन

म ज ेट स यायाधीश के अधीन होगा और हर सरे

मे ोपॉ लटन म ज े ट स के सामा य नयं ण के अधीन होगा

यायाधीश मु य मे ोपॉ लटन म ज े ट के अधीन ह।

उ यायालय इस सं हता के योजन के लए क सीमा को प रभा षत कर सकता है

अतर मु य मे ोपो लटन म ज े ट क अधीनता य द कोई हो

मु य मे ोपॉ लटन म ज े ट.

कायकारी म ज े ट .

येक जले और येक महानगरीय े म रा य सरकार कर सकती है

वह जतने य को कायकारी म ज े ट के प म उपयु समझे उतने य को नयु करेगा और करेगा

उनम से एक को जला म ज े ट नयु कर।

रा य सरकार कसी भी कायकारी म ज े ट को नयु कर सकती है

अतर जला म ज े ट और ऐसे म ज े ट के पास सभी या कोई भी होगा

इस सं हता के तहत या कसी अ य कानून के तहत जला म ज े ट क श यां

समय भावी है.

जब भी जला म ज े ट का पद बनने के प रणाम व प

र होने पर कोई भी अ धकारी अ ायी प से कायकारी शासन म सफल हो जाता है

जला ऐसा अ धकारी रा य सरकार के आदे श लं बत रहने तक काय करेगा

ारा द एवं अ धरो पत सभी श याँ एवं मशः सभी कत का पालन करना

यह सं हता जला म ज े ट पर.

रा य सरकार एक कायकारी म ज े ट को इसका भारी नयु कर सकती है

उप वभाजन और अवसर क आव यकता के अनुसार उसे भार से मु कर सकता है और यह

धारा
धारा
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कसी उप वभाग के भारी बनाए गए म ज े ट को उप वभाग कहा जाएगा।

संभागीय म ज े ट.

इस धारा क कोई भी बात रा य सरकार को इससे नह रोके गी

कसी आयु को उस समय लागू कसी भी कानून के तहत दान करना

पु लस के संबंध म कायकारी म ज े ट क सभी या कोई श याँ

महानगरीय े ।

वशेष कायकारी म ज े ट .

रा य सरकार ऐसे कायकाल के लए जो वह उ चत समझे कायकारी क नयु कर सकती है

म ज े ट को वशेष े के लए वशेष कायकारी म ज े ट के प म जाना जाएगा

या व श काय के न पादन के लए और ऐसे वशेष दान करने के लए

कायकारी म ज े ट को ऐसी श याँ जो इस सं हता के अंतगत द ह

कायकारी म ज े ट जैसा उ चत समझे।

कायकारी म ज े ट का ानीय े ा धकार .

रा य सरकार के नयं ण के अधीन जला म ज े ट

समय समय पर उन े क ानीय सीमाएँ प रभा षत कर जनके अंतगत

कायकारी म ज े ट अपनी सभी या कसी भी श का योग कर सकते ह

इस सं हता के तहत नवेश कया जा सकता है।

ऐसी प रभाषा े ा धकार और श य ारा अ यथा दान कए जाने के अलावा

ऐसे येक म ज े ट का व तार पूरे जले म होगा।

कायपालक म ज े ट का अधीनता .

अतर जला म ज े ट के अलावा सभी कायकारी म ज े ट

जला म ज े ट और येक कायकारी म ज े ट के अधीन होगा

उप वभागीय म ज े ट के अलावा उप वभाग म श य का योग करना

तथा प उप वभागीय म ज े ट के अधीन भी होगा

जला म ज े ट का सामा य नयं ण।

जला म ज े ट समय समय पर नयम बना सकता है या वशेष दे सकता है

के बीच वसाय के वतरण के संबंध म इस सं हता के अनु प आदे श

धारा

धारा
धारा
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कायकारी म ज े ट उसके अधीन होते ह और उ ह वसाय का आवंटन होता है

एक अ त र जला म ज े ट.

. . . भारत म याय पंचायत

ाम यायालय अ ध नयम जनवरी म पा रत कया गया रा प त ारा पा रत ।

ाम यायालय क ापना के लए जनवरी को सहम त ।

याय तक प ंच दान करने के उ े य से जमीनी तर पर

नाग रक को उनके दरवाजे पर याय सु न त करने के अवसर सु न त करना

कसी भी नाग रक को सामा जक आ थक या अ य वकलांगता के कारण वं चत नह कया जाता है

और उससे संबं धत या उसके आनुषं गक मामल के लए।

भारत के व व ध आयोग ने म ाम का ताव रखा था

यायालय एक अलग यायालय के प म। रपोट ने क अवधारणा क सफा रश क

ाम यायालय के दो उ े य थे। म लं बत मामल को संबो धत करते ए

अधीन यायालय मुख उ े य था सरा उ े य था

याय के एक सहभागी मंच क शु आत। इसे सहभागी बनाने के लए

व ध आयोग ने सफा रश क क म ज े ट के साथ दो भी ह

जो यायाधीश के प म काय करगे उ ह म ज े ट का कानूनी श ण दया जाएगा

सामा य य के ान से पूरक जो इसम लाएंगे

याय नणयन के लए ब त आव यक सामा जक आ थक आयाम। यह ता वत कया गया था

नणय का ऐसा मॉडल ामीण मुक दमेबाजी के लए सबसे उपयु होगा। हालां क

वतमान अ ध नयम म भागीदारी पहलू को अलग रखा गया है और हम ाम पाते ह

यायालय नय मत या यक थम ेण ी म ज े ट ारा संचा लत होता है। कानून

आयोग ने यह भी पाया क ऐसी अदालत आदश प से उपयु होगी

गाँव म ऐसे यायालय के सम आने वाले ववाद क कृ त सरल होगी

सरल और जा हर तौर पर समाधान के लए आसान होगा और ऐसा

ववाद को या मक जाल म नह फँ साना चा हए।

यह अ ध नयम ज मू रा य को छोड़कर स ूण भारत पर लागू होता है

क मीर नागालड रा य अ णाचल दे श रा य और रा य

स कम और दे श के आ दवासी इलाक को. इस अ ध नयम के अंतगत जनजातीय े


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इसका मतलब पैरा ाफ के नीचे द गई ता लका के भाग I II IIA और III म न द े है

असम रा य के अंतगत सं वधान क छठ अनुसूची के रा य

मशः मेघालय पुरा रा य और मजोरम रा य क ।

ाम यायालय क ापना

रा य सरकार उ यायालय के परामश के बाद

येक पंचायत के लए एक या अ धक ाम यायालय ा पत करना। ऐसा

त ान कसी अ य कानून के तहत ा पत अदालत के अ त र ह गे

फलहाल लागू . रा य सरकार के अनुसार करेगी

यह अ ध नयम अ धकार े क ानीय सीमाएँ न द करता है साथ ही वृ या करता है

ाम यायालय क ऐसी सीमा को कम करना या बदलना।

याया धकारी ाम म ववाद के मामल क अ य ता करेगा

यायलय और उ यायालय के परामश से नयु कया जाएगा। कोई

थम ेण ी के या यक म ज े ट के प म नयु होने के लए पा होगा

याया धकारी के प म नयु होने के यो य। अ ध नयम म इसका वशेष उ लेख है

क अनुसूची के सद य को उ चत त न ध व दया जायेगा

जा तयाँ अनुसू चत जनजा तयाँ म हलाएँ और ऐसे अ य समुदाय जो हो सकते ह

रा य सरकार ारा अ धसूचना म न द । वेतन और अ य भी

भ े और सेवा के नयम और शत या यक के समान ह गी

म ज े ट थम ेण ी.

याया धकारी उन मामल क अ य ता नह करेगा जनम उसक च हो या

ऐसी कायवाही म अ यथा शा मल है या कसी प से संबं धत है। अगर ऐसा है तो वह

मामले को जला यायालय या स यायालय को संद भत करेगा जो करेगा

बाद म मामले को अ य याया धकारी को ानांत रत कर। का कत होगा

याया धकारी समय समय पर अपने अ धकार े और आचरण के तहत गाँव क जाँच करता है

परी ण या कायवाही. य द ाम यायालय मोबाइल कोट आयो जत करने का नणय लेता है

अपने मु यालय के बाहर यह तारीख और ान के बारे म ापक चार करेगा

जहां मोबाइल कोट लगाने का ताव है.


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ाम यायालय का े ा धकार.

ाम यायालय नाग रक और आपरा धक दोन े ा धकार का योग करेगा

तरीके से और इस अ ध नयम के तहत दान क गई सीमा तक। और उसके अनुसार काय कर

दं ड या सं हता या स वल या सं हता या कोई भी

अ य कानून फलहाल लागू है।

ाम यायालय कसी शकायत पर या कसी अपराध का सं ान ले सकता है

पु लस रपोट करेगी और करेगी

ए पहली अनुसूची के भाग I म न द सभी अपराध का यास कर और

बी अ ध नयम के तहत न द सभी अपराध क सुनवाई करेगा और राहत दान करेगा य द कोई हो

उस अनुसूची के भाग II म शा मल है।

सी ऐसे सभी अपराध क भी सुनवाई करेगा या रा य अ ध नयम के तहत ऐसी राहत दे गा

जसे रा य सरकार ारा धारा क उपधारा के तहत अ धसू चत कया जा सकता है

मुक दमे के अंत म य द नणय दोन के बीच आम सहम त से नह होता है

प पीठासीन यायाधीश ववाद का एक सं त ववरण तैयार करेगा

सा य नणय और नणय के समथन म कारण। वो होगा

तीन जज ने ह ता र कये. मतभेद क तम

ब मत का नणय बा यकारी होगा. कानून के एक पर कोण

पीठासीन यायाधीश ारा क गई बात आम यायाधीश पर बा यकारी होगी।

य द ाम यायालय को लगता है क उसका कोई अ धकार े नह है तो वह इसे अपने अधीन कर सकता है

मामले को जला यायालय म ानांत रत करने का े ा धकार रखने वाला मामला

े ा धकार रखने वाला यायालय.

पहले कदम के प म इसम नधा रत या को बनाए रखना उ चत है

ाम के सम अपराध क सुनवाई के लए दं ड या सं हता

यायालय. हालाँ क एक और भी सरल उपाय तैयार करने का यास कया जाना चा हए

ऐसी या जो सं वधान के अनु ेद क कसौट पर खरी उतर सके ।

ऐसे स त ससू के प म सा य अ ध नयम लागू नह होगा।


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ाम यायालय के सम उप त होने वाले प इसके हकदार ह गे

स वल और आपरा धक दोन कायवाही म अपनी इ ा के वक ल के मा यम से उप तह।

ले कन ाम यायालय मामले को गत नह करेगा या ान नह बदलेगा

वक ल को समायो जत कर. ता वत रा ीय कानूनी सेवा अ ध नयम होना चा हए

येक ाम यायालय से दो वक ल नयु कर जो ह गे

पाट के भाव से वतं और जो अदालती अ धका रय के प म सहायता करेगा

ववाद का नपटान और य द प कार को भी यह आसानी से उपल होगा

वे ब त चाहते ह.

ाम यायालय को ये अ धकार ह गे

ए कसी भी क उप त को लागू करेगा और शपथ पर उसक जांच करेगा

बी द तावेज और भौ तक व तु के उ पादन के लए मजबूर करना

सी गवाह क परी ा के लए या य द गवाह है तो कमीशन जारी कर

शारी रक अ मता के कारण इसके सम उप त होने म असमथ और

डी ऐसे अ य काय कर जो नधा रत कए जाएं।

ाम यायालय के सम कायवाही रा य म संचा लत क जायेगी

इलाके क बोली का उपयोग करने क अनुम त दे ने वाली भाषा। रकाड ह गे

रा य भाषा म बनाए रखा जाएगा और तयां उन लोग को दान क जाएंगी

वैसी ही इ ा करो. नणय य द पा टय क सहम त से नह है दज कया जाएगा

कोट क भाषा म. कायवाही म कोई यायालय शु क नह लगाया जाएगा

ाम यायालय से पहले .

ाम यायालय के अलावा कसी भी नणय के व कोई अपील नह क जा सके गी

वह जसम आपरा धक मुक दमे के अंत म एक ठोस सजा द जाती है।

एक पुनरी ण या चका उस जले के जला यायालय म दायर क जाएगी जसम

ाम यायालय काय कर रहा है। इससे के वल कानून क ु टयां ही सुधारी जा सकती ह

पुनरी ण मंच. भले ही यह नणय आ जाए क सरा कोण संभव है

ाम के नणय म ह त ेप करने का उसे कोई अ धकार े नह होगा

यायालय. सा थय के फै सले म अदालत को ह त ेप नह करना चा हए

इसक अ य ता एक यायाधीश ारा क जाती है जो मामले पर पूरी तरह से तकनीक कानूनी से वचार करता है

कोण।
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ाम के फै सले के खलाफ स यायालय म अपील क जाएगी

कसी आपरा धक मामले म यायालय जसम कारावास क वा त वक सजा हो

लगाया गया है. अपील त य और कानून दोन के सवाल पर होगी।

अपील का नपटान सं हता के ावधान के अनुसार कया जाना चा हए

के नणय के व वचार क गई अपील पर आपरा धक या लागू होती है

एक या यक म ज े ट थम ेण ी। कसी भी अ य कोण से अनु ेद का उ लंघन होने क संभावना है

सं वधान का.

ाम यायालय का े ा धकार इस सीमा तक व श है

ाम यायालय को द े ा धकार के अंतगत आने वाले मामल का स मान

कसी अ य यायालय का े ा धकार समा त हो गया है ऐसा े ा धकार वैक पक नह है.

इसके आदे श के न पादन के लए एक सरल व ध दान क जानी चा हए।

न पादन क कृ त नणय ारा द गई राहत पर नभर करेगी

ाम यायालय. द गई राहत के आधार पर फल मलना चा हए

तुरंत या उसके तुरंत बाद उपल कराया जाएगा। अंत रम रोक लगाने क कोई ाथना नह

जब तक नणय से असंतु प पुनरी ण या चका दायर नह करता तब तक पुन वचार या चका दायर क जानी चा हए

मनोरंज न कया.

सभी ा धकरण राज व पु लस वन गाँव म कायरत ह

ाम यायालय क सहायता के लए तहसील तर को बा य कया जाना चा हए

अपने काय का नवहन और अपने कत का पालन करना। उनक ओर से वफलता होगी

इसे कदाचार माना जाए और ाम यायालय को इसे लेने का अ धकार दया जाए

ऐसे दोषी ा धकारी के व भावी कारवाई।

ाम यायालय के कामकाज के एक समान पैटन के लए एक सरल

रा य सरकार के परामश से कोड तैयार करना पड़ सकता है

उ यायालय।

कानूनी पृ भू म वाले एक संपक अ धकारी क नयु क जानी चा हए और

येक ाम यायालय से जुड़ा आ। के चार ओर घूमना उसका कत होगा

गाँव नय मत प से और जैसे ही वह के उ लंघन का सामना करता है या

समूह अ धकार अपनी ओर से यायालय का सहारा लेते ह। एक वैधा नक ावधान


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पाट ारा उसके अ धकार े पर सवाल उठाने क अनुम त नह द जाएगी

जनके खलाफ कारवाई शु हो गई है।

येक ाम यायालय को तैयार क गई सूची क एक त दान क जाएगी

गैर सरकारी वयंसेवी सं ा क रा य सरकार ारा

ामीण े म कायरत. ाम यायालय उनक सहायता ले सकता है

याय नणयन का सहारा लेने से पहले सुलह क कायवाही। सूची भी हो सकती है

सामा य यायाधीश के पैनल का चयन करने म उपयोगी। इससे सहभागी बनेगा

या कह अ धक भावी.

समाधान के लए इस नए मंच को तैयार करने के पीछे तीन उ े य ह

जमीनी तर पर ववाद को याय क सहभागी णाली दान करना है

ववाद का शी नपटान और याय को लोग के दरवाजे तक प ंचाया गया।

ाम यायालय अ ध नयम क मु य वशेषताएं

• ाम यायालय का उ े य लोग को स ता याय दान करना है

ामीण े उनके दरवाजे पर

• ाम यायालय थम या यक म ज े ट का यायालय होगा

वग और उसके पीठासीन अ धकारी याया धकारी ारा नयु कया जाएगा

उ यायालय के परामश से रा य सरकार

• येक पंचायत के लए ाम यायालय क ापना क जाएगी

म यवत तर या म यवत तर पर स हत पंचायत का एक समूह

कसी जले म तर पर या जहां म यवत तर पर कोई पंचायत नह है

कसी भी रा य स हत पंचायत के समूह के लए

• इन ाम यायालय क अ य ता याया धकारी करगे

स ती से या यक अ धकारी और समान वेतन ा त करगे

उ यायालय के अधीन काम करने वाले थम ेण ी म ज े ट के समान श याँ

• ाम यायालय एक मोबाइल कोट होगा और इसका योग करेगा

आपरा धक और स वल यायालय दोन क श याँ

• ाम यायालय क सीट मु यालय पर त होगी

म यवत पंचायत वे गांव म जाएंगे वहां काम करगे और नपटान करगे

मामल का
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• ाम यायालय आपरा धक मामल द वानी मुक दम दाव आ द क सुनवाई करेगा

वे ववाद जो पहली अनुसूची और सरी म न द ह

अ ध नयम क अनुसूची

• क सरकार के साथ साथ रा य सरकार भी रही ह

क पहली अनुसूची और सरी अनुसूची म संशोधन करने क श द गई

अपनी अपनी वधायी मता के अनुसार काय कर

• ाम यायालय आपरा धक मुक दमे म सारांश या का पालन करेगा

• ाम यायालय स वल यायालय क श य का योग करेगा

कु छ संशोधन और दान क गई वशेष या का पालन करगे

अ ध नयम म

• ाम यायालय यथासंभव ववाद को नपटाने का यास करेगा

पा टय के बीच सुलह लाना और इस उ े य के लए यह

इस योजन के लए नयु कए जाने वाले समाधानकता का उपयोग करेगा

• ाम यायालय ारा पा रत नणय एवं आदे श मा य होगा

ड बनना और उसके न पादन म दे री से बचने के लए ाम यायालय

इसके न पादन के लए सारांश या का पालन करेगा

• ाम यायालय सा य के नयम से बा य नह होगा

भारतीय सा य अ ध नयम म दान कया गया है ले कन इसके ारा नद शत कया जाएगा

ाकृ तक याय के स ांत और उ ारा बनाए गए कसी भी नयम के अधीन

अदालत

• आपरा धक मामल म अपील स यायालय म क जाएगी जो होगी

क त थ से छः माह क अव ध के अ दर सुनवाई एवं न तारण कया जायेगा

ऐसी अपील दा खल करना

• स वल मामल म अपील जला यायालय म क जाएगी जसक सुनवाई क जाएगी

और दा खल करने क तारीख से छह महीने क अव ध के भीतर नपटाया जाता है

पुनवाद

• कसी अपराध का आरोपी या चका दायर कर सकता है

सौदे बाजी.
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. . . आ दवासी े म पंचायत

म व के साथ ाम तरीय लोकतं भारत के लए एक वा त वक संभावना बन गया

सं वधान म संशोधन जसम संसाधन ज मेदारी को अ नवाय कया गया

और नणय लेने का अ धकार क सरकार से सबसे नचली इकाई को दया जाए

शासन ाम सभा या ाम सभा। तीन तरीय संरचना

इस संशोधन के अंतगत ानीय वशासन क प रक पना क गई।

चूं क कानून वचा लत प से अनुसू चत े पंचायत को कवर नह करते ह

अनुसू चत े तक व तार अ ध नयम को इसके बाद पेसा अ ध नयम के प म संद भत कया जाएगा

इन े म जनजातीय वशासन को स म करने के लए दसंबर को काय कया गया था।

इस अ ध नयम ने पंचायत के ावधान को नौ रा य के आ दवासी े तक बढ़ा दया

जसम पांचवी अनुसूची े ह। पूव र के अ धकांश रा य छठे ान पर ह

अनुसूची े जहाँ वाय प रषद मौजूद ह PESA के अंतगत नह आते ह

काय कर य क इन रा य के पास शासन के लए अपनी वाय प रषद ह।

पाँचव अनुसूची े वाले नौ रा य ह आं दे श छ ीसगढ़

गुज रात हमाचल दे श झारखंड महारा म य दे श उड़ीसा

और राज ान.

पेसा अ ध नयम जनजातीय समुदाय को क रपंथी शासन श याँ दे ता है

ानीय ाकृ तक संसाधन पर अपने पारंप रक सामुदा यक अ धकार को मा यता दे ता है। यह नह

के वल थागत कानून सामा जक और धा मक था और क वैधता को वीकार करता है

सामुदा यक संसाधन क पारंप रक बंधन थाएँ ब क नदश भी दे ती ह

रा य सरकार ऐसा कोई कानून न बनाएं जो इनसे असंगत हो।

समुदाय के लए एक भू मका को वीकार करते ए यह ापक श यां दान करता है

ाम सभाएं ज ह अब तक कानून नमाता ने उ ह दे ने से इनकार कर दया था

दे श।

ाम सभा को वशेष प से न न ल खत श याँ ा त ह

म नषेध लागू करने या ब को व नय मत या तबं धत करने क श और

कसी भी नशीले पदाथ का सेवन

ii लघु वन उपज का वा म व
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iii अनुसू चत े म भू म के ह तांतरण को रोकने और लेने क श

के लए उ चत कारवाई अनुसू चत जा त क कसी भी अवैध प से ह तांत रत भू म को बहाल करना

जनजा तयाँ

iv गाँव के बाजार को चाहे कसी भी नाम से पुक ारा जाए बंधन करने क श

v अनुसू चत को धन उधार दे ने पर नयं ण रखने क श

जनजा तयाँ

vi सभी सं ान और पदा धका रय पर नयं ण रखने क श

सामा जक े

vii ऐसी योजना के लए ानीय योजना और संसाधन पर नयं ण करने क श

जनजातीय उप योजना स हत

वदे शी लोग के अ धकार

नया भर म वदे शी लोग ने अपनी पहचान क मा यता मांगी है

उनके जीवन के तरीके और पारंप रक भू म े और ाकृ तक पर उनका अ धकार

संसाधन फर भी पूरे इ तहास म उनके अ धकार का उ लंघन कया गया है। यूनाइटे ड

वदे शी मु पर रा ायी मंच अ टू बर

पछले छह दशक म भारत ने न न ल खत े म मह वपूण उपल यां हा सल क ह

आ थक वकास सां कृ तक आ मसा करण और वै क राजनी तक हत। तथा प

वकास के दायरे म आ दवासी मामल को धके ल दया गया है

कु छ लोग के न हत वाथ क पू त के लए शे फ। गरीब जनजा तय को बनाया गया है

अपनी ही मूल भू म म ए लयंस क तरह महसूस कर। दशक से चली आ रही या

वकास के कारण बार बार उनक पारंप रकता का मक ास आ है

वन स हत उनके भू म संसाधन पर अ धकार। इसका उपयु प से उ लेख कया जा सकता है

कानून म खा मय दोषपूण काया वयन और लालची शोषण के कारण

बेईमान ापारी सा कार आ द।

सं वधान और आ दवासी

भारत म अ धकांश जनजा तय को सामू हक प से अनु ेद और के तहत पहचाना जाता है

अनुसू चत जनजा तय और आ म नणय के अ धकार क गारंट भाग X ारा द गई है


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अनुसू चत और जनजातीय े अनु ेद अनुसू चत े का शासन

और जनजातीय े .

. पांचव अनुसूची के ावधान शासन पर लागू ह गे और

कसी भी रा य म अनुसू चत े और अनुसू चत जनजा तय का नयं ण इसके अलावा

असम मेघालय पुरा और मजोरम रा य ।

. छठ अनुसूची के ावधान शासन पर लागू ह गे

असम मेघालय पुरा और मजोरम रा य म जनजातीय े ।

भारतीय सं वधान का उ े य जनजातीय हत वशेषकर जनजातीय हत क र ा करना है

पांचव और छठ अनुसूची के मा यम से वाय ता और भू म पर उनके अ धकार।

अनु ेद के अनुसू चत े को पांचव अनुसूची के अनुसार अ धसू चत कया गया है

अनु ेद के जनजातीय े को छठ अनुसूची के अनुसार अ धसू चत कया गया है। छठा

अनुसूची म रा य म जनजातीय े के शासन के ावधान शा मल ह

असम मेघालय पुरा और मजोरम के । यह कानून ब त बड़ा दे ता है

वधायी और के संदभ म वाय े और जल को वतं ता

कायका रणी श । कानून कहता है क येक वाय े का अपना होगा

वाय े ीय प रषद और येक वाय जला अपना है

वाय जला प रषद.

पंचायत अनुसू चत े तक व तार अ ध नयम ।

यह भाग IX के ावधान के व तार का ावधान करने वाला एक अ ध नयम है

अनुसू चत े के लए पंचायत से संबं धत सं वधान ारा अ ध नय मत

भारत गणरा य के सतालीसव वष म संसद।

इस अ ध नयम म जब तक क संदभ से अ यथा अपे त न हो अनुसू चत े का अथ है

सं वधान के अनु ेद के खंड म उ ल खत अनुसू चत े ।

सं वधान के भाग IX का व तार

पंचायत से संबं धत सं वधान के भाग IX का ावधान इस कार है

ऐसे अपवाद और संशोधन के अधीन अनुसू चत े तक व ता रत

जैसा क धारा म दया गया है। .


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सं वधान के भाग IX के अपवाद और संशोधन

सं वधान के भाग IX के अंतगत कसी बात के होते ए भी

कसी रा य का वधानमंडल उस भाग के अंतगत कोई कानून नह बनाएगा जो क है

न न ल खत म से कसी भी वशेषता के साथ असंगत अथात्

ए पंचायत पर एक रा य वधान बनाया जा सकता है

थागत कानून सामा जक और धा मक था और के अनु प

सामुदा यक संसाधन क पारंप रक बंधन थाएँ

बी एक गांव म आम तौर पर एक ब ती या ब तय का एक समूह या एक शा मल होगा

ब ती या ब तय का एक समूह जसम एक समुदाय शा मल होता है और उसके मामल का बंधन करता है

परंपरा और री त रवाज के अनुसार

सी येक गांव म एक ाम सभा होगी जसम जन य के नाम ह गे

ाम तर पर पंचायत के लए मतदाता सूची म शा मल ह

डी येक ाम सभा सुर ा और संर ण के लए स म होगी

लोग क परंपराएं और री त रवाज उनक सां कृ तक पहचान समुदाय

संसाधन और ववाद समाधान का पारंप रक तरीका

ई येक ाम सभा करेगी

म। सामा जक एवं आ थक योजना काय म एवं प रयोजना का अनुमोदन करना

ऐसी योजना काय म और प रयोजना को शु करने से पहले वकास करना

ाम तर पर पंचायत ारा काया वयन

तीय. लाभा थय के पम य क पहचान या चयन के लए ज मेदार ह गे

गरीबी उ मूलन और अ य काय म के तहत

च ाम तर पर येक पंचायत को इससे ा त करना आव यक होगा

ाम सभा उस पंचायत ारा धन के उपयोग का माणन

खंड ई म न द योजनाएं काय म और प रयोजनाएं

छ अनुसू चत े म येक पंचायत म सीट का आर ण होगा

उस पंचायत म समुदाय क जनसं या के अनुपात म

सं वधान के भाग IX के तहत आर ण दे ने क मांग क गई है

बशत क अनुसू चत जनजा त के लए आर ण इससे कम नह होगा

सीट क कु ल सं या का आधा बशत क सभी सीट


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सभी तर पर पंचायत के अ य अनुसू चत जा त के लए आर त कये जायगे

जनजा तयाँ

ज रा य सरकार ऐसे अनुसू चत य को नामां कत कर सकती है

जनजा तय का म यवत तर पर पंचायत म कोई त न ध व नह है

जला तर पर पंचायत

बशत क ऐसा नामांक न कु ल सद य के दसव ह से से अ धक नह होगा

उस पंचायत म नवा चत होना

i उ चत तर पर ाम सभा या पंचायत से परामश कया जाएगा

वकास के लए अनुसू चत े म भू म अ ध हण करने से पहले

प रयोजना और ऐसी प रयोजना से भा वत य को फर से बसाने या पुनवास करने से पहले

अनुसू चत े म प रयोजना क वा त वक योजना और काया वयन

अनुसू चत े म रा य तर पर सम वय कया जाएगा

जे अनुसू चत े म छोटे जल नकाय क योजना और बंधन

उ चत तर पर पंचायत को स पा जाएगा

के ाम सभा या पंचायत क सफा रश

पूव ण लाइसस दे ने से पहले उ चत तर को अ नवाय बनाया जाएगा

या अनुसू चत े म गौण ख नज के लए खनन प ा

एल ाम सभा या पंचायत क पूव अनुशंसा

के लए रयायत दान करने के लए उ चत तर को अ नवाय बनाया जाएगा

नीलामी ारा गौण ख नज का दोहन

एम अनुसू चत े म पंचायत को ऐसी श यां दान करते ए

ा धकार जो उ ह व सं ा के प म काय करने म स म बनाने के लए आव यक हो सकता है

सरकार एक रा य वधानमंडल यह सु न त करेगा क पंचायत

उ चत तर और ाम सभा वशेष प से संप है

i नषेध लागू करने या ब को व नय मत या तबं धत करने क श

कसी भी नशीले पदाथ का सेवन

ii लघु वन उपज का वा म व
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iii अनुसू चत े म भू म के ह तांतरण को रोकने और लेने क श

अनुसू चत जा त क कसी भी अवैध प से ह तांत रत भू म को बहाल करने के लए उ चत कारवाई

जनजा त

iv गाँव के बाजार को चाहे कसी भी नाम से पुक ारा जाए बंधन करने क श

v अनुसू चत जनजा तय को धन उधार दे ने पर नयं ण रखने क श

vi सभी सामा जक सं ान और पदा धका रय पर नयं ण रखने क श

vii ऐसी योजना के लए ानीय योजना और संसाधन पर नयं ण करने क श

जनजातीय उप योजना स हत

एन रा य वधान जो पंचायत को श यां और अ धकार दान कर सकते ह

जैसा क उ ह वयं के सं ान के प म काय करने म स म बनाने के लए आव यक हो सकता है

सरकार यह सु न त करने के लए सुर ा उपाय करेगी क पंचायत उ तर पर ह

नचले तर पर कसी भी पंचायत क श य और ा धकार को हण नह कया जाता है

तर या ाम सभा का

ओ रा य वधानमंडल छठे के पैटन का पालन करने का यास करेगा

शास नक व ा को डज़ाइन करते समय सं वधान क अनुसूची बनाएं

अनुसू चत े म जला तर पर पंचायत।

पंचायत पर मौजूदा कानून क नरंतरता

सं वधान के भाग IX म अपवाद स हत कसी बात के होते ए भी

इस अ ध नयम ारा कए गए संशोधन पंचायत से संबं धत कसी भी कानून का कोई ावधान

यह अ ध नयम जस तारीख को है उससे ठ क पहले अनुसू चत े म लागू होगा

रा प त क सहम त ा त होती है जो के ावधान से असंगत है

ऐसे अपवाद और संशोधन के साथ भाग IX लागू रहेगा

जब तक कसी स म वधानमंडल या अ य स म ारा संशो धत या नर त नह कया जाता

ा धकरण या इस अ ध नयम क तारीख से एक वष क समा त तक

रा प त क सहम त ा त होती है

बशत क ऐसी त थ से ठ क पहले व मान सभी पंचायत

उनक अव ध क समा त तक जारी रहेगा जब तक क ज द ही भंग न हो जाए

उस रा य क वधान सभा ारा इस आशय का ताव पा रत कया गया


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वधानमंडल के येक सदन ारा वधान प रषद वाले रा य का मामला

उस रा य का.

. . . अपरा धय पर मुक दमा चलाने के लए अ भयोजन एज सय का संगठन

आपरा धक मुक दमे का उ े य कसी भी क मत पर कसी स ांत का समथन करना नह है ब क इसका समथन करना है

अपराध क जाँच करना और अ भयु क गलती या बेगुनाही का नधारण करना

और लोक अ भयोजक का कत पु लस का नह ब क पु लस का त न ध व करना है

ाउन और उसके कत का नवहन उसे न प ता और नभयतापूवक करना चा हए

ज मेदारी का पूरा एहसास जो उनके पद से जुड़ा है।

कुं जा सु ब ध और अ य म पटना उ यायालय । बनाम स ाट करोड़ एलजे

भारत म आपरा धक याय णाली अ भयोजन के लए ज मेदार है

पी ड़त क ओर से अपराधी। पी ड़त को न प सुनवाई का अ धकार है। अपराधी म

याय णाली म अ भयोजक मुक दमे म मह वपूण भू मका नभाता है। क एक वशेष वशेषता

आपरा धक कानून के े म याय शासन के वल जनता का है

अ भयोजक कसी आरोपी के खलाफ मामला चला सकता है। यह इसम प रल त होता है

दं ड या सं हता क धारा म न हत आदे श। वहाँ है

इस नयम का कोई अपवाद नह . घायल या कसी अ य ारा नयु कोई नजी परामश

अ धव ा को मृतक के र तेदार ारा जानकारी द गई चाहे वे कतने भी भा वत य न ह

हो सेशन मामल म अ भयोजन चलाने का हकदार नह है।

लोक अ भयोजक को सं हता क धारा यू म कसी भी के प म प रभा षत कया गया है

धारा के तहत नयु कया गया है और इसम नदशन के तहत काय करने वाला कोई भी शा मल है

लोक अ भयोजक का. इस कार एक वशेष लोक अ भयोजक भी होगा

कसी वशेष मामले या मामल के एक वग के संबंध म लोक अ भयोजक जसके लए वह है

नयु कया जाता है।

भारत के व ध आयोग ने या यक शासन पर अपनी व रपोट द

अ भयोजन एजसी के वषय से नपटते समय यह सु न त कया गया


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खंड के अ याय XXXV के पैरा म सफा रश ासं गक उ रण ह

नीचे पुन पा दत

यह है क इस त य से क वह पु लस बल का सद य है और

कसी मामले को अदालत म लाने जैसे कत क कृ त का उ ह नवहन करना पड़ता है ले कन ऐसा नह है

उनके लए वैरा य क उस ड ी का दशन करना संभव है जो एक म आव यक है

अ भयोजक. मरणीय है क वभाग म उनक पदो त हो

यह इस बात पर नभर करता है क अ भयोजन चलाने के दौरान वे कतने दोष स ा त कर पाते ह

अ धकारी. इस लए हमारा सुझ ाव है क सुधार क दशा म पहले कदम के पम

अ भयोजन एजसी को पु लस वभाग से पूण तः अलग कर दे ना चा हए।

व ध आयोग क इन सफा रश को क ने वीकार कर लया

सरकार और संसद द ड या सं हता बनाकर

का अ ध नयम क धारा और म आव यक ावधान कया गया


सी.आर.पी.सी

. . . . अ भयोजक और पु लस

वभ यायालय ने माना है क अ भयोजन और पु लस पूरी तरह से एक ह

व भ एज सयाँ और कसी को भी सरे पर नयं ण नह रखना चा हए। सीधे श द म कह तो

अ भयोजन जांच का ह सा नह हो सकता है और पु लस नदश नह दे सकती है या हो सकती है

अ भयोजन का ह सा. जांच चरण के दौरान और दा खल होने तक

आरोप प जांच एजसी कायवाही के नयं ण म है। एक बार

कोट म आरोप प दा खल कर दया गया है लोक अ भयोजक पीपी ने पदभार संभाल लया है।

हालाँ क यह दे ख ते ए क दोन को याय णाली म पूरक भू मका नभानी है

यह है क एक भावी और कु शल कामकाजी संबंध क आव यकता है

दोन एज सय के बीच उदाहरण के लए पीपी क सलाह मांगी जा सकती है और मांगी जानी चा हए

पु लस ने आरोप प दा खल करने से पहले. हालाँ क यह कामकाजी संबंध

पु लस ारा अ भयोजन पर नयं ण का तक नह दया जा सकता एक त

यह तक अ त व म था जब आपरा धक या सं हता म संशोधन कया गया था।

आज़ाद से पहले पीपी के लए वक ल होने क कोई आव यकता नह थी और

ये पद आम तौर पर पु लस अ धका रय के पास होते थे। यह णाली एक म काम करती थी


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औप नवे शक रा य जहां अ भयोजक दमन करने म मह वपूण थे

आज़ाद क लड़ाई को अपराध घो षत करना। कानून क व भ रपोट

और म आयोग ने एक वतं क ापना क सफा रश क

अ भयोजन एजसी. जब क सरकार क ओर से इस पर पूरी तरह से यान नह दया गया.

अ ैल से भावी नई सीआरपीसी म पीपी को वक ल होना आव यक था

यूनतम सात वष का अ यास।

लोक अ भयोजक . येक उ यायालय के लए क सरकार या

रा य सरकार उ यायालय के परामश के बाद एक सावज नक नयु करेगी

ऐसे यायालय म कोई अ भयोजन अपील या अ य संचालन के लए अ भयोजक

जैसा भी मामला हो क या रा य सरकार क ओर से कायवाही करना।

येक जले के लए रा य सरकार एक लोक अ भयोजक नयु करेगी

और जले के लए एक या अ धक अ त र लोक अ भयोजक भी नयु कर सकता है।

जला म ज े ट स यायाधीश के परामश से

उन य के नाम का एक पैनल तैयार कर जो उनक राय म नयु के यो य ह

जले के लए लोक अ भयोजक या अ त र लोक अ भयोजक के प म।

रा य सरकार ारा कसी भी को जनता के प म नयु नह कया जाएगा

जले के लए अ भयोजक या अ त र लोक अ भयोजक जब तक क उसका नाम न हो

उप के तहत जला म ज े ट ारा तैयार कए गए नाम के पैनल पर दखाई दे ता है

धारा ।

कोई के वल लोक अ भयोजक या के प म नयु होने के लए पा होगा

उप धारा या उप धारा के तहत अ त र लोक अ भयोजक य द उसके पास है

एक वक ल के प म कम से कम सात वष तक अ यास म रहा हो।

क सरकार या रा य सरकार के लए नयु कर सकती है

कसी भी मामले या मामल के वग के उ े य के लए एक वक ल जो अ यास म रहा हो

वशेष लोक अ भयोजक के प म दस वष से कम नह ।

धारा
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सहायक लोक अ भयोजक . रा य सरकार नयु करेगी

संचालन के लए येक जले म एक या अ धक सहायक लोक अ भयोजक

म ज े ट क अदालत म मुक दमा।

उपधारा म जैसा अ यथा ावधा नत है उसके अलावा कोई भी पु लस अ धकारी नह होगा

सहायक लोक अ भयोजक के प म नयु होने के पा ।

जहां कसी भी योजन के लए कोई सहायक लोक अ भयोजक उपल नह है

वशेष मामले म जला म ज े ट कसी अ य को नयु कर सकता है

उस मामले के भारी सहायक लोक अ भयोजक

बशत क कसी पु लस अ धकारी को इस कार नयु नह कया जाएगा

ए य द उसने अपराध के संबंध म जांच म कोई ह सा लया है

जस आरोपी पर मुक दमा चलाया जा रहा है या

बी य द वह इं े टर के पद से नीचे है।

. . . . अ भयोजन वापस लेना.

सीआरपीसी क धारा के तहत सरकारी वक ल के पास इसे वापस लेने क श है

फै सला सुनाए जाने से पहले कसी भी समय मामला। कोई नह है

हालाँ क सं हता म संके त दया गया है क इस श का योग कै से कया जाना है। मामला

कानून ने संके त दया है क वापस लेने क श का योग पीपी ारा कया जा सकता है

के वल रा य सरकार या शकायतकता के अनुरोध पर नणय

वापस लेना है या नह यह के वल पीपी का मामला है और इसे कसी को नह स पा जा सकता है

अ य रा य सरकार स हत।

उप लेख ाकार म के रल उ यायालय क पूण पीठ

जनरल बनाम के रल रा य ने इस अनुभाग को क़ानून म शा मल करके माना

पु तक म वधा यका ने सरकारी वक ल को एक मामला वापस लेने क ापक श द

अ भयोजन प से आरोपी. जब संसद ने वाइड दान कया

एक लोक अ भयोजक पर सं हता क धारा के तहत ववेक ा धकार क प रक पना क गई है

उनके उ पद पर यह व ास जताया गया है क ववेक ा धकार नह होगा

धारा
एआईआर करोड़। एलजे
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गलत तरीके से योग कया या आपरा धक याय शासन को हराया। इस तरह

अ भयोजक को वतं प से अपना दमाग लगाना चा हए और न प होना चा हए

आरोपी भी.

अपीलीय यायालय क यह सतत नी त रही है क यह उनका वशेषा धकार है

सरकारी वक ल को अ भयोजन वापस लेने क सफ़ा रश करनी होगी। वा तव म यह

वशेषा धकार अ धकार का योग यायालय क अनुम त से कया जाना है। और यह है

मामले के कानून को यान म रखते ए यह धारणा क य द सरकारी वक ल

वतं प से यानी बना वापसी के ताव के साथ आता है

सरकार से भा वत होकर कोट अनुम त दे सकता है. शेओ नंदम पासवान बनाम बहार रा य और मोह मद मुमताज

बनाम नं दनी स पथी म

सु ीम कोट ने फै सला सुनाया क सरकारी वक ल अ भयोजन वापस ले सकता है

कसी भी तर पर और एकमा सीमा क सहम त क आव यकता है

अदालत। यहां तक क जब आरोप को सा बत करने के लए व सनीय सबूत पेश कए गए ह

सरकारी वक ल अ भयोजन वापस लेने के लए यायालय क सहम त ले सकता है।

कोट ने वशेष प से फै सला सुनाया क यह दे ख ा जाना चा हए क या आवेदन के लए आवेदन कया गया है

वापसी अ े व ास सावज नक नी त और याय के हत म क जाती है

और क़ानून क या को वफल या बा धत करने के लए नह ।

. वयं सीखने के लए

भारत म आपरा धक अदालत के पदानु म और उनके े ा धकार पर चचा कर।

भारत म याय पंचायत कै से काय करती ह

. या आ दवासी े म पंचायत का अ त व हमारी यायपा लका के लए व है

णाली

अ भयोजन चलाने के लए अ भयोजन एज सय का संगठन कै सा है

अपराधी काम करते ह

या अ भयोजक और पु लस एक साथ काम करते ह य

सव यायालय के पास कस कार का े ा धकार है

एआईआर एससी

एआईआर एससी
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एक से अ धक पर अ धकार े रखने वाले तीन उ यायालय के नाम बताइए

रा य।

जला यायालय का श काय और े ा धकार या है

सीजेएम कोट म कन मामल क सुनवाई होती है

जेएमएफसी क श यां या ह

. अ भयोजन का सव ा धकारी कौन सा है

लोक अ भयोजक क भू मका या है

. . आइए सं ेप कर

सव यायालय और संबं धत रा य के उ यायालय ारा दान कया जाता है

सं वधान। अ य आपरा धक अदालत सीआर ारा दान क जाती ह। पीसी यह है

व त वभाजन करना मह वपूण है ता क कोई म न हो

यायालय के पदानु म अ धकार े श और काय के संबंध म। अलावा

भारत म यायालय के साथ साथ याय पंचायत का भी ावधान है

आ दवासी े म पंचायत. ऐसा इस लए है य क सं वधान का वादा है

हर नाग रक को व ास है क याय होगा और न प होगा। और इस लए

यायालय के सुचा संचालन के लए लोक अ भयोजक क नयु क जाती है

अपरा धय पर मामला दज कया जाता है और नद ष को बचाया जाता है।

. . श दकोष

. यायालय याय करने के लए कानून ारा बनाई गई इकाई।

. जनजातीय े सी.आर. पीसी लागू नह है ले कन सरकार क

संबं धत रा य इसे लागू कर सकते ह।

. दं ड या सं हता या का कानून यह कोई दं डा मक अ ध नयम नह है

यह दं डा मक ावधान वाले कसी भी अ ध नयम के तहत पालन क जाने वाली या नधा रत करता है

ावधान.

. . संदभ

. रतनलाल और धीरजलाल दं ड या सं हता वधावा एंड कं पनी वां सं करण पुनमु ण ।


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यु नट ।

परी ण पूव या.

. उ े य

. . प रचय

. वषय ीकरण

. . अ भयु क गर तारी एवं पूछताछ।

. . अ भयु के अ धकार

. . ारा ज त एक त कए गए बयान व तु का सा या मक मू य

पु लस

. . परामश का अ धकार

. . . जांच म अ भयोजक और या यक अ धकारी क भू मका

. व श ा के लए

. . आइए सं ेप कर

. . श दकोष

. . संदभ

. .उ े य

इस इकाई का अ ययन करने के बाद व ाथ स म हो जायगे...

. आरो पय क गर तारी और पूछताछ से जुड़े कानून को समझ.

. अ भयु के अ धकार

. पु लस ारा ज त एक त कये गये बयान व तु का सा या मक मू य

. अ भयु को परामश दे ने का अ धकार

. जांच म अ भयोजक और या यक अ धकारी क भू मका

. . प रचय

गर तारी म गर तार कए गए क वतं ता पर तबंध शा मल है और इस लए इसका उ लंघन होता है

वतं ता के बु नयाद मानवा धकार. फर भी भारत का सं वधान भी

य क अंतरा ीय मानवा धकार कानून कसी को भी गर तार करने क रा य क श को मा यता दे ता है

कानून और व ा बनाए रखने क अपनी ाथ मक भू मका के एक भाग के पम ।


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सं वधान को कानून ारा ा पत यायसंगत न प और उ चत या क आव यकता है

जसके तहत ही वतं ता से इस तरह का हनन वीकाय है।

हालाँ क सं वधान का अनु ेद यह ावधान करता है क येक

गर तारी के आधार के प म जतनी ज द हो सके गर तारी के तहत सू चत कया जाएगा और

अपने कसी वक ल से परामश करने और उसका बचाव करने के अ धकार से वं चत नह कया जाएगा

वक प और दं ड या सं हता सीआर. पीसी क धारा क आव यकता है

कसी भी को गर तार करने वाले पु लस अ धकारी को तुरंत उससे पूरी बात कहनी होगी।

उस अपराध का ववरण जसके लए उसे गर तार कया गया है या इसके लए अ य आधार

गर तार करना । वा त वक वहार म ये आव यकताएँ उ लंघन म अ धक दे ख ी जाती ह।

. वषय ीकरण

. . अ भयु क गर तारी एवं पूछताछ।

हालाँ क भारत म कसी भी कानून म प रभा षत नह है हालाँ क गर तारी श द ए है

कानूनी ा धकारी ारा कसी क गर तारी के प रणाम व प उसे वं चत कर दया जाता है

वतं ता । अं ेज ी कानून म गर तारी म वा त वक ज ती या कसी को छू ना शा मल होता है

के शरीर को उसक हरासत क से। सु ीम कोट ने पंज ाब रा य बनाम अजायब सह मामले म गर तारी श द को

प रभा षत कया है जैसा क अनु ेद म दखाई दे ता है।

भारत का सं वधान के तहत कसी के शारी रक संयम का संके त दे ता है

कसी क थत आरोप या चूक या उ लंघन के संबंध म कानून का अ धकार

कानून।

गर तारी वारंट के साथ या बना वारंट के भा वत हो सकती है। वारंट के साथ गर तारी है

सीआरपीसी क धारा से के तहत अ याय VI म नपटाया गया है इस लए इसका दायरा

वतमान अ याय मोटे तौर पर बना वारंट के गर तारी तक ही सी मत है। न न ल खत

अ धका रय क मय को बना वारंट के गर तार करने का अ धकार है।

ए कोई भी पु लस अ धकारी

बी एक पु लस टे शन का भारी अ धकारी

एआईआर एससी
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सी नजी

डी म ज े ट

ई सश बल का मक।

ए कोई भी पु लस अ धकारी चाहे वह कसी भी रक का हो बना कसी आदे श के

म ज े ट और बना वारंट के एक नधा रत शत को पूरा करने पर

सीआरपीसी क धारा और म नीचे। पीसी

धारा i के तहत

ए कोई भी सं ेय अपराध से संबं धत है या जसके खलाफ उ चत है

क गई शकायत या व सनीय जानकारी ा त ई या उ चत संदेह मौजूद है।

बी कसी भी के पास बना कसी बहाने के घर तोड़ने का उपकरण है।

सी कोई भी घो षत अपराधी।

डी कसी भी के पास चोरी क संप होने का संदेह है।

ई कोई भी जो ूट पर पु लस अ धकारी के काम म बाधा डालता है या जो भाग गया है या

हरासत से भागने का यास.

च सेना नौसेना या वायु सेना से कोई भी भगोड़ा .

छ भारत के बाहर अपराध करने के लए य द यह भारत म अपराध है .

ज धारा के तहत बनाए गए नयम का उ लंघन करने वाला कोई भी रहा कया गया दोषी

सी.आर.पी.सी

i जसक गर तारी के लए कसी अ य पु लस अ धकारी से मांग ा त ई है।

धारा के तहत जब कोई गैर संयोजी अपराध कया जा रहा हो

उनके वचार म अ भयु और अ भयु अपना नाम और पता बताने से इंक ार करते ह

गलत नाम या पता दे ता है.

धारा के तहत जब रहा कया गया शत का उ लंघन करता है

व त .

धारा के तहत सं ेय अपराध के घ टत होने से रोकने के लए य द

ारा डज़ाइन कया गया.


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धारा के तहत कोई भी जसका नलंबन माफ कर दया गया है

रा य सरकार ारा सज़ा र कर द गई है कसी को भी पूरा करने म उसक वफलता के कारण

त।

ानीय और वशेष कानून के तहत जो बना गर तारी को अ धकृ त करता है

वारंट उदाहरण के लए पु लस अ ध नयम क धारा वन अ ध नयम क धारा यू एस

श अ ध नयम के व ोटक अ ध नयम क धारा धारा और के तहत

द ली पु लस अ ध नयम वदे शी अ ध नयम क धारा और धारा के तहत

मोटर वाहन अ ध नयम के

भारत क आपरा धक या सं हता के अनुसार को गर तार कया जा सकता है

न न ल खत आधार द ड या सं हता जैसा क संशो धत कया गया है

आपरा धक कानून संशोधन अ ध नयम आपरा धक या सं हता

संशोधन अ ध नयम पु लस को गर तार करने या गर तार करने क ापक श याँ दान करता है

बना वारंट के पूछताछ और तलाशी संप ज त करना बयान दज करना

गवाह बनाना म ज े ट ारा वीकारो दज करवाना आ द। पु लस सभी काय करती है

अपराध क जाँच के दौरान ऐसी श याँ एसएस से ।

कोड या सामा य कानून और व ा रखरखाव काय के दौरान।

पु लस क जाँच श याँ तीन तरीक म से कसी एक म उ प हो सकती ह

ए कसी सं ेय अपराध के घ टत होने से संबं धत सूचना ा त होने पर

एक मुख बर से धारा के तहत

बी कसी भी म ज े ट से जांच करने का आदे श ा त होने पर धारा के तहत और

सी कसी सं ेय कमीशन के बारे म कसी ोत से जानकारी ा त होने पर

उसके अ धकार े के भीतर अपराध धारा के तहत ।

चूँ क गर तारी क श शारी रक वतं ता का गंभीर उ लंघन करती है

कसी के लए सीआर के तहत कई ावधान ह। इसका मागदशन करने के लए पी.सी. जैसे

एसएस के पम से धारा आ द। ये ावधान न के वल पु लस को सश बनाते ह ब क

गर तारी क श के पयोग के खलाफ आव यक अंत न हत सुर ा उपाय भी दान कर

धारा म न हत है गर तार को गर तारी के आधार और अ धकार के बारे म सू चत कया जाएगा

जमानत धारा ए गर तारी और हरासत के ान के बारे म सू चत करने का दा य व


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नामां कत एस. गर तार के अनुरोध पर च क सा परी ण एस.

गर तार कए गए को बना कसी अनु चत के म ज े ट या पु लस अ धकारी के सामने लाया जाएगा

वलंब धारा गर तार को बीस के भीतर या यक ा धकारी के सम तुत कया जाना है

चार घंटे और धारा गर तार को के वल उ चत या यक ारा ही छु द जाएगी

आदे श आ द। गर तारी क श क तरह पु लस को श दान क जाती है

पूछताछ करना तलाशी लेना और आपरा धक डजाइन म शा मल संप को ज त करना।

गवाह से पूछताछ करने क श का योग एसएस के तहत गर तारी से पहले चरण म कया जा सकता है।

और या गर तारी के बाद क अव ा म या तो पु लस हरासत म या

या यक हरासत. इसी कार तलाशी और ज ती भी क जा सकती है

एसएस के तहत सामा य ावधान। या तलाशी और ज ती क वशेष श याँ

एसएस के तहत गर तारी के बाद. सं हता क धारा

. . अ भयु के अ धकार

गर तारी करते समय वतन ा धकारी यह नह करेगा

. कसी को बना वारंट के गर तार कर जब तक क उ चत संतु न हो

सं ेय अपराध म क सं ल तता के बारे म. एस.एस. सी.आर.पी.सी

. धारा सीआर के तहत एक को गर तार कर। सं ेय कमीशन को रोकने के लए पी.सी

अपराध जब तक क संबं धत अ धकारी को ऐसे के डजाइन का ान न हो

कोई भी सं ेय अपराध करना और ऐसे अ धकारी को ऐसा तीत होता है क

अपराध के घ टत होने को अ यथा रोका नह जा सकता। एस.

. जब कसी को बना वारंट के गर तार कया जाता है तो अ धकारी हथकड़ी लगा सकता है

के वल तभी आरो पत कया जा सकता है जब वह संतु हो क ऐसा करना आव यक है और वह ऐसा कर सकता है

के वल आरोपी को थाने ले जाने और उसके बाद उसक पेशी तक

म ज े ट के सामने. इसके बाद बे ड़य का कोई भी योग आदे श के तहत ही हो सके गा

म ज े ट का. लोकतं के लए नाग रक बनाम असम रा य एससीसी

. कॉ ट को रोकने के लए आव यकता से अ धक बल का योग कर। एक गर तार .

S. करोड़ पीसी और कला. सं वधान के .


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. कसी भी क मत पर गर तार कए गए का सावज नक दशन कर या परेड कराएं। कला। का

मानव अ धकार क सावभौम घोषणा . कला. अंतरा ीय

नाग रक एवं राजनी तक अ धकार पर अनुबंध ।

गर तारी करते समय वतन ा धकारी यह करेगा

. सु न त कर क कोई भी अपने जीवन या गत वतं ता के अ धकार से वं चत न रहे।

कानून ारा ा पत या को छोड़कर। कला। म से

सं वधान।

. सु न त कर क गर तार को पूण ववरण या आधार क जानकारी द गई है

गर तारी कला. सं वधान के .

. सु न त कर क कसी भी को परामश दे ने और अपना बचाव करने के अ धकार से वं चत न कया जाए

अपनी पसंद का कानूनी वसायी। एस. ए करोड़. पी. सी

. सु न त कर क आरोपी को के भीतर नकटतम म ज े ट के सामने पेश कया जाए

गर तारी के ान से गर तारी के ान तक या ा म लगने वाले समय को छोड़कर घंटे

मु य यायालय। S. करोड़. पीसी

. सु न त कर क कसी को जमानती अपराध के लए बना वारंट के गर तार कया गया है

सू चत कया क वह जमानत पर रहा होने का हकदार है ता क वह इसक व ा कर सके

ज़मानत। एस.

. सु न त कर क कोई म या र तेदार या अ य जो उसे जानता हो और

उसके क याण म च लेने क संभावना है गर तारी के त य के बारे म सू चत कया गया है

और वह ान जहां उसे हरासत म लया जा रहा है। एस. ए

. गर तारी के संबंध म सू चत के बारे म त य क व सु न त कर

जसके बारे म पु लस टे शन म रखी जाने वाली एक कताब म बनाना होगा

म ज े ट जांच करने के लए बा य है। एस. ए और एस ए

. सु न त कर क गर तारी करने वाले पु लस अ धकारी क पहचान होनी चा हए

संके त दया।

. सु न त कर क गर तारी के समय य द के शरीर पर कु छ चोट पाई जाती ह

गर तार इसे गर तारी मेमो और गर तार म नद कया जाना चा हए

च क सीय जांच अव य करानी चा हए। एस.


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. सु न त कर क कसी भी म हला को सूया त के बाद और सूय दय से पहले गर तार न कया जाए सवाय इसके क

असाधारण प र तयाँ जनके लए म ज े ट क पूव अनुम त आव यक है

ज़ री। एस.

. कसी म हला क गर तारी करते समय यह सु न त कर क एक म हला पु लस अ धकारी हो

जहां तक संभव हो संब कया जाना चा हए और इसका उ चत स मान कया जाना चा हए

गर तार क ग रमा.

. सु न त कर क कसी भी प र त म कोई बल या पटाई न क जाए

कसी कशोर या ब े क गर तारी को भा वत करते ए।

. . ारा ज त एक त कए गए बयान व तु का सा या मक मू य

पु लस

आईपीसी क धारा आरोपी य ारा पु लस अ धका रय के सामने दए गए कबूलनामे पर रोक लगाती है।

धारा का उ े य यह सु न त करना है क पु लस अ धकारी जबरन अपराध वीकार न कर

अ भयु य को मजबूर करने यातना दे ने या अ यथा मजबूर करने के अवैध साधन का उपयोग करना

वीकारो करना जो सच हो भी सकता है और नह भी। मनल म ये खतरा

परी ण को म ही मा यता मल गई थी। रानी महारानी बनाम बाबू लाल

आईएलआर सभी बाबू लाल के मामले म अदालत ने दज कया क एस.

पु लस के कदाचार को यान म रखते ए सा य अ ध नयम का मसौदा तैयार कया गया था

अ धकारी ेय हा सल करने के लए आरोपी य से जबरन बयान दलवाते ह

दोष स सु न त करने के लए इसे रोकना नर त करना पड़ा। हालात अभी भी बने ए ह

हालाँ क सुधार नह आ है और S. एक अ भयु के लए उपल एक मू यवान अ धकार है

और पु लस को जबरन वसूली या यास करने से रोकने के प म काय करता है

अ यथा आरोपी य पर दबाव डाल। इसके अलावा S. संवैधा नक प से सुर ा दान करता है

आ म अपराध के व गारंट कृ त अ धकार। सीमा शु क और उ पाद शु क अ धकारी जब क

अपनी अध आपरा धक मता म काय करने वाल को इससे छू ट द गई है

धारा के तहत नयम। पंज ाब रा य बनाम बरकत राम एआईआर एससी क़ानून

जैसे टाडा और पोटा धारा म नयम से हट गए ह और पर मट

व र पु लस अ धका रय के सम दए गए इकबा लया बयान स त ावधान के तहत वीकाय ह

सुर ा उपाय.
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आईपीसी क धारा के तहत कसी क हरासत म रहते ए कसी भी ारा कोई कबूलनामा नह कया गया है

पु लस अ धकारी जब तक क म ज े ट क त काल उप त म न कया जाए

ऐसे के खलाफ सा बत आ. इस अनुभाग को एक व तार माना जा सकता है

धारा म न हत स ांत और पु लस के उसी डर पर आधा रत है

कसी अ भयु को अपराध कबूल करने के लए अवैध प से मजबूर कर सकता है या मजबूर कर सकता है य द पु लस के सामने नह तो ऐसा कर

कसी और को। यह यान दया जा सकता है क हरासत श द का अथ वा त वक नह है

गर तार करना। S. दान करता है क जहां कोई भी त य प रणाम के प म खोजा जाता है

पु लस क हरासत म एक आरोपी से ा त जानकारी

अ धकारी ऐसी जानकारी जो खोजे गए त य से प से संबं धत हो सकती है

सा बत आ. इस अनुभाग का उपयोग जांच एज सय ारा ात करने के लए कया जाता है

खुलासे के प म। यह मह वपूण है क जानकारी से पुन ा त हो

चूँ क य द पु लस को कसी वशेष ान पर कसी भौ तक व तु के बारे म पहले से ही पता था तो

अनुभाग म कोई आवेदन नह है. S. इस स ांत पर आधा रत है क य द कोई वीकारो है

एक आरोपी ारा कया गया त य क खोज से सम थत है जैसे

वीकारो चूँ क यह त य क खोज से संबं धत है मानी जा सकती है

स य होना और नकाला नह जाना।

जब क एस. के अनुसार आं शक प से इसक भाषा के कारण समझा गया है

धारा और का ावधान हो। पुलुकु री कोटा या बनाम राजा स ाट म एआईआर

पीसी वी काउं सल ने कहा धारा जसे कला मक श द म नह लखा गया है

पूववत धारा ारा लगाए गए नषेध को अपवाद दान करता है और

पु लस हरासत म कसी ारा दए गए कु छ बयान को सा बत करने म स म बनाता है।

अनुभाग को प रचालन म लाने के लए आव यक शत यह है क ए क खोज

कसी आरोपी से ा त जानकारी के प रणाम व प त य

एक पु लस अ धकारी क हरासत म अपराध को अपद कया जाना चा हए और उसके बाद

अ धकांश जानकारी प से इस कार खोजे गए त य से संबं धत हो सकती है

सा बत आ। बॉ बे रा य बनाम काठ कालू ओघड म एआईआर एससी और

सु ीम कोट क यारह जज क बच ने कहा क ये बयान वीकाय ह

S. सं वधान के A. के नषेध के अंतगत नह आएगा जब तक क


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सूचना ा त करने म बा यता का योग कया गया है। क संवैधा नकता

इस ावधान को उ र दे श रा य बनाम दे वमन उपा याय मामले म चुनौती द गई थी।

AIR SC . सु ीम कोट ने माना क S. A. का उ लंघन नह करता है

सं वधान म य के बीच वैध भेद है

हरासत म और हरासत म नह है और उ ह समान सुर ा क आव यकता नह है।

हाल के एक फै सले म ीमती। से वी और अ य बनाम कनाटक रा य

के ल सु ीम कोट ने अ नवाय ेन मै पग का फै सला सुनाया है

नाक व ेषण और झूठ पकड़ने वाले परी ण असंवैधा नक ह य क वे इसका उ लंघन करते ह

गत अ धकार। ऐसे परी ण के मा यम से ा त जानकारी मांगी गई थी

अ ध नयम क धारा के तहत ासं गक बनाया गया ले कन सु ीम कोट ने इसे के वल ऐसा माना

वह जानकारी जो एक अ भयु ारा परी ण के लए वे ा से सहमत होने के बाद ा त क गई थी

वीकाय होगा.

रा य बनाम नवजोत संधू और अफसान गु एससीसी म एक था

अ भयु ारा टे प रकॉड कए गए सा य फोन क वीकायता के बारे म उठाया गया

टे पग रकॉ डग जो कानून क उ चत या का उ लंघन करके ा त क गई थ

टे ली ाफ अ ध नयम. सु ीम कोट ने माना क गैर अनुपालन या

टे ली ाफ अ ध नयम के ावधान का अपया त अनुपालन त नह है

से वीकायता को भा वत कया और आरएम मलकानी बनाम रा य के नणय का हवाला दया

महारा . एलजे . भारत म यायालय इस मु े से नपटते समय

अवैध प से ा त सा य क वीकायता उदाहरण के लए कसी अवैध से ।

कसी प रसर या क तलाशी यह माना गया है क भले ही सा य ा त हो

अवैध साधन इसका उपयोग कसी अपराध के आरोपी प के व कया जा सकता है। ए

पूरनमल बनाम नदे शक के मामले म सु ीम कोट क सं वधान पीठ

नरी ण एससीसी ने भी इस स ांत का अनुमोदन कया है।

. . परामश का अ धकार

भारतीय के तहत गर तार के अ धकार क गारंट न न ल खत है

सं वधान के साथ साथ आपरा धक या सं हता के तहत


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गर तारी के कारण क जानकारी पाने का अ धकार गर तारी के येक मामले म

या बना वारंट के गर तार करने वाला गर तार कए गए को सू चत करेगा

बना दे र कए उसक गर तारी का आधार सं वधान क धारा बताता है

भारत के सेक . सीआरपीसी क धारा ।

जमानत के अ धकार के बारे म सू चत होने का अ धकार गर तार को सू चत कया जाना चा हए

जब उसे बना वारंट के गर तार कया जाता है तो उसे जमानत पर रहा करने का अ धकार है

जमानती अपराध धारा और ।

बना या यक कायवाही के घंटे से अ धक हरासत म न रखने का अ धकार

जांच

येक गर तारी के मामले म गर तारी करने वाले को तुत करना आव यक होता है

गर तार को गर तारी के घंटे के भीतर म ज े ट के सामने पेश कया जाएगा।

गर तारी के ान से म ज े ट क अदालत तक या ा के लए आव यक समय

घंटे क अव ध क गणना म शा मल नह कया जाएगा अनु ेद ।

सं वधान और धारा

कानूनी वसायी से परामश करने का अ धकार

सं वधान और सीआरपीसी के ावधान दोन हर कसी के अ धकार को मा यता दे ते ह

गर तार को अपनी पसंद के कानूनी वसायी से परामश करना होगा अनु ेद और धारा।

गर तार नधन को नःशु क कानूनी सहायता और सूचना पाने का अ धकार

इसके बारे म ख ी तीय बनाम बहार रा य I एससीसी सु ीम

कोट ने माना है क रा य एक संवैधा नक जनादे श अंत न हत के तहत है

कला एक नधन आरोपी को शु क कानूनी सहायता दान करना और यह

कानूनी सहायता दान करने का संवैधा नक दा य व के वल मुक दमे के दौरान ही उ प नह होता है

शु होता है ले कन तब भी जब अ भयु को पहली बार अदालत के सामने पेश कया जाता है

म ज े ट के प म भी जब उसे समय समय पर रमांड पर लया जाता है। सव यायालय


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एक कदम आगे बढ़ गया है सुक दास बनाम क शा सत दे श अ णाचल दे श

एससीसी जहां यह प से नधा रत कया गया है क जब तक

इनकार कर दया एक नधन अ भयु को मु त कानूनी सहायता दान करने म वफलता से त ख़राब हो जाएगी

मुक दमा जसम दोष स और सजा को र करना शा मल है। आरोपी होगा

जब अदालत ने रा य के खच पर अपने बचाव के लए एक वक ल नयु कया

उसके पास वक ल नयु करने के लए पया त साधन नह ह धारा ।

हाल के मामले गर तारी पर कानून

. म शीला बरसे बनाम. महारा रा य एससीसी

सु ीम कोट ने कहा क गर तार आरोपी को सू चत कया जाना चा हए

म ज े ट को उसके च क सीय परी ण के अ धकार के बारे म

सीआरपीसी क धारा

. म अर व द सह ब गा बनाम. उ र दे श रा य एवं अ य द

सु ीम कोट ने यादती अवैध गर तारी आ द क नदा क है

म हला गवाह जसका नाम न ध है को अवैध प से हरासत म रखना और

यूपी रा य को अपरा धय को लॉ च करने के लए त काल कदम उठाने का नदश दया गया

इस घनौने मामले म शा मल सभी पु लस अ धका रय के खलाफ मुक दमा चलाया जाए।

सु ीम कोट ने यूपी सरकार को भी भुगतान करने का नदश दया है

पये का मुआ वजा न ध को . येक को

ऐसे ज ह बना कसी गलती के अवैध प से हरासत म लया गया और अपमा नत कया गया।

. अनुप सह बनाम हमाचल दे श रा य एयर एससी ।

सु ीम कोट ने माना क पु लस टे शन का भारी अ धकारी कौन था

मृतक के कारावास के दौरान हर समय शारी रक प से उप त नह होना

कोई भी पु लस टे शन दोष मढ़कर अपने आपरा धक दा य व से बच नह सकता

कां टे बल जो वा तव म क मौत के लए ज मेदार थे

मृतक य क कां टे बल ारा कए गए आपरा धक काय ह

यह उसक मौन सहम त और मलीभगत से कया गया माना जाता है।

तदनुसार पु लस टे शन के भारी अ धकारी औप सह एएसआई थे

दो कां टे बल के साथ दोषी ठहराया गया।


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. डीके बसु बनाम प म बंगाल रा य म माननीय सव यायालय ने कहा है

गर तारी के संबंध म पु लस पदा धका रय को न न ल खत दशा नदश दये गये

जब कायकारी अ य कानूनी सहायता सेवाएँ प म बंगाल

भारत के मु य यायाधीश को प लखकर उनका यान इस ओर आक षत कया

व भ समाचार प म हरासत से संबं धत कु छ समाचार का शत ए

हसा। प को अनु ेद के तहत एक रट आवेदन के प म माना गया था

सं वधान और मामले को जन हत या चका के प म माना गया।

दशा नदश इस कार ह

I. गर तारी करने वाले और पूछताछ करने वाले पु लसकम

गर तार के पास सट क यमान और पहचान और नाम टै ग होना चा हए

उनके पदनाम के साथ. ऐसे सभी पु लस क मय का ववरण

गर तार से क गई पूछताछ को एक र ज टर म दज कया जाना चा हए।

तीय. गर तार क गर तारी करने वाला पु लस अ धकारी एक तैयार करेगा

गर तारी के समय गर तारी का मेमो और ऐसे मेमो को कम से कम गर तार कया जाएगा

एक गवाह जो या तो गर तार के प रवार का सद य हो सकता है या हो सकता है

उस इलाके का स मा नत जहां से गर तारी क गई है। यह भी होगा

गर तार ारा तह ता रत और इसम गर तारी का समय और तारीख शा मल होगी।

तृतीय. एक जसे गर तार कया गया है या हरासत म लया गया है और हरासत म रखा जा रहा है

पु लस टे शन पूछताछ क या अ य लॉक अप एक पाने का हकदार होगा

म या र तेदार या अ य जसे वह जानता हो या उसके क याण म च रखता हो

यथाशी सू चत कया जा रहा है क उसे गर तार कर लया गया है और कया जा रहा है

वशेष ान पर हरासत म लया गया है जब तक क मेमो का मा णत गवाह न हो

गर तार वयं गर तार का ऐसा दो त या र तेदार होता है।

चतुथ. गर तार क गर तारी का समय ान और हरासत का ान अव य होना चा हए

पु लस ारा सू चत कया जाता है क गर तार का अगला दो त या र तेदार कहाँ रहता है

जले म कानूनी सहायता संगठन के मा यम से जले या क बे के बाहर

और क अव ध के भीतर संबं धत े के पु लस टे शन को तार दया जाएगा

गर तारी के घंटे बाद तक.


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V. गर तार कए गए को कसी को रखने के इस अ धकार के बारे म अवगत कराया जाना चा हए

जैसे ही उसे गर तार कया जाता है या कया जाता है उसक गर तारी या हरासत क सूचना द जाती है

हरासत म लया।

VI. हरासत के ान पर डायरी म इस संबंध म एक व क जानी चा हए

उस क गर तारी से उसके अगले दो त के नाम का भी खुलासा होगा

वह जसे गर तारी क सूचना द गई है और उसके नाम और ववरण

पु लस अ धकारी जनक हरासत म गर तार है।

सातव . गर तार से जहां वह अनुरोध करे उस समय भी पूछताछ क जानी चा हए

उसक गर तारी और बड़ी और छोट चोट य द उसके शरीर पर कोई ह अव य होनी चा हए

उस समय रकॉड कया गया। नरी ण ापन पर दोन के ह ता र होने चा हए

गर तार और गर तारी करने वाले पु लस अ धकारी और उसक त उपल कराई गई

गर तार करने वाला।

आठव . गर तार का कसी श त से च क सीय परी ण कराया जाए

हरासत म लए जाने के हर घंटे के पैनल म एक डॉ टर को हरासत म लया जाता है

संबं धत रा य के वा य सेवा नदे शक ारा नयु अनुमो दत डॉ टर

या क शा सत दे श. नदे शक वा य सेवाएँ सभी के लए ऐसा पैनल तैयार कर

तहसील और जले भी.

नौव . ऊपर उ ल खत गर तारी ापन स हत सभी द तावेज क तयां

उसके रकॉड के लए IIIaqa म ज े ट को भेज ा जाना चा हए।

X. गर तार को पूछताछ के दौरान अपने वक ल से मलने क अनुम त द जा सकती है

हालाँ क पूरी पूछताछ के दौरान नह ।

XI. सभी जल और रा य म एक पु लस नयं ण क उपल कराया जाना चा हए

मु यालय जहाँ गर तारी और ान के बारे म जानकारी द जाती है

गर तार क हरासत क सूचना गर तारी करने वाले अ धकारी ारा द जाएगी

गर तारी के घंटे के भीतर और पु लस नयं ण क म यह होना चा हए

एक सु नो टस बोड पर द शत कया जाए।

बारहव . यहां ऊपर उ ल खत आव यकता का अनुपालन करने म वफलता को अलग कर दया जाएगा

संबं धत अ धकारी को वभागीय कारवाई के लए उ रदायी बनाने से लेक र

वह अदालत क अवमानना और कायवाही के लए दं डत कया जा सकता है


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यायालय क अवमानना का मामला दे श के कसी भी उ यायालय म ा पत कया जा सकता है

मामले पर े ीय े ा धकार. ये आव यकताएँ इसके अ त र ह

संवैधा नक और वैधा नक सुर ा उपाय और व भ अ य से वं चत न ह

सुर ा के संबंध म यायालय ारा समय समय पर दये गये नदश

गर तार के सभी अ धकार और स मान।

इसके अलावा सु ीम कोट ने नदश दया है क मुआ वजे क रा श

पी ड़त को जैसा क रट अदालत ारा दया गया है और ग़लती के नवारण के लए रा य ारा भुगतान कया गया है

कया गया कसी दए गए मामले म कसी भी रा श के व समायो जत कया जा सकता है जो पहले से ही हो सकती है

स वल मुक दमे म तपू त के प म दावेदार को भुगतान कया गया।

. . . जांच म अ भयोजक और या यक अ धकारी क भू मका

भारत म हमारे पास एक सरकारी वक ल है जो नदश के अनुसार काय करता है

जज का. आम तौर पर पूरे मुक दमे का नयं ण ायल के हाथ म होता है

यायाधीश। जांच करना पु लस का वशेषा धकार है. एक लोक अ भयोजक एक है

रा य सरकार का मह वपूण अ धकारी और रा य ारा नयु कया जाता है

दं ड या सं हता । वह जांच का ह सा नह है

एजसी। हालाँ क आम तौर पर यह माना जाता है क शू य ोसेक का पारंप रक अ धकार

अ भयोजक के पास उपल है. एक अ भयोजक को एक एजट के प म माना जाना चा हए

याय। एक लोक अ भयोजक को जो भी सा य हो उसे यायालय के सम रखना चा हए

उनके अ धकार म उनका मौ लक कत यह सु न त करना है क याय दया जाए

और इसके अनुसरण म उ ह अदालत के सम सभी ासं गक सा य रखने चा हए

जसम अ भयु के प म सा य भी शा मल ह। एक लोक अ भयोजक का कत

इसका उ े य के वल हर क मत पर आरोपी को सजा दलाना नह है ब क सजा दलाना भी है

अ भयोजन प के क जे म जो भी सा य ह उ ह अदालत के सम पेश कया जाएगा।

यह अ भयु के प म होगा या उसके व इसका नणय यायालय पर छोड़ द

ऐसे सभी सबूत पर चाहे अ भयु ने अपराध कया हो या नह कया हो

जस अपराध के लए उस पर आरोप लगाया गया था। यह अ भयोजक का भी उतना ही कत है

अदालत को यह सु न त करना होगा क पूण और भौ तक त य रकॉड पर लाए जाएं


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वहाँ हो सकता है नह होना गभपात का याय।

अनु ेद म ावधान है क येक जसे गर तार कया गया है और हरासत म रखा गया है

घंटे क अव ध के भीतर नकटतम म ज े ट के सामने पेश कया जाएगा

ऐसी गर तारी और कसी को भी उ अव ध से अ धक हरासत म नह रखा जाएगा

म ज े ट के अ धकार के बना. म ज े ट रमांड का आदे श पा रत कर सकता है

ऐसे म ज े ट के प म अ भयु को हरासत म रखने का अ धकार दे ना

उ चत समझे कु ल मलाकर दन से अ धक क अव ध के लए नह । यायमू त भगवती

इन सुर ा उपाय के उ े य को सं ेप म तुत कया गया

ख ी II बनाम बहार रा य एससीसी यह व ावधान स म बनाता है

पु लस जांच पर म ज े ट क नजर बनी रहे यह ज री है

म ज े ट को इस आव यकता को लागू करने का यास करना चा हए और जहां यह पाया जाता है

अव ा करने पर पु लस पर भारी पड़... हालाँ क ऐसा नह है

म ज े ट क ओर से न त प से रमांड दे ने का दा य व।

पु लस को उसके लए मामला बनाना होगा। यह कोई यां क आदे श नह हो सकता ।

कसी च क सक ारा जांच कराने का अ धकार जसके लए म ज े ट नदश दे सकता है

न न ल खत क पू त पर गर तार का च क सीय परी ण

तयाँ

ए च क सा परी ण कसी भी अपराध के घ टत होने का खंडन करेगा

उसे या

बी उसके शरीर के खलाफ कोई अ य अपराध ा पत करना धारा

. व श ा के लए

. अ भयु क गर तारी एवं पूछताछ के संबंध म या पर चचा कर।

. अ भयु के या अ धकार ह नण यत के स कानून क सहायता से चचा कर।

. पु लस को दए गए आरोपी के बयान का सा यक मू य या है

. पु लस ारा ज त सं हत व तु का सा यक मू य या है

. गर तारी के बाद आरोपी के या अ धकार ह


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. अ भयोजक और या यक अ धकारी क भू मका कतनी मह वपूण है

जाँच पड़ताल

. गर तारी और हरासत से या ता पय है या गर तारी हरासत से अलग है

. भारतीय सं वधान के तहत गर तार के लए या सुर ा उपाय ह

मानव अ धकार क सावभौ मक घोषणा के तहत

. हड क फ स पर एक आलोचना मक ट पणी लख।

. सीआरपीसी के तहत कसी को बना वारंट के गर तार करने का अ धकार कसे है

. कसी म हला आरोपी क गर तारी पर या या मक सुर ा उपाय ह

खोज

. या कसी सांसद या वधायक को गर तार कया जा सकता है य द हाँ तो इसक या बताय

. गर तार के अ धकार क ा या कर

. अवैध गर तारी और थड ड ी प त के योग के या प रणाम होते ह

पु लस ारा

. पु लस अ धकारी को या करना चा हए और या नह करना चा हए

गर तारी के संबंध म

. गर तारी को लेक र पु लस अ धका रय के लए या दशा नदश ह कौन कौन से ह

डीके बसु बनाम प म बंगाल रा य म सव यायालय ारा गणना क गई

. छा को गर तारी पर न न ल खत मामल का अ ययन करने क सलाह द जाती है

पंज ाब रा य बनाम. अजायब सह एआईआर एससी ।

वतन नदे शालय बनाम। द पक महाजन एआईआर एससी ।

महारा रा य बनाम. शोभा राम एआईआर एससी ।

ेम शंक र शु ल बनाम. द ली शासन एआईआर एससी ।

सुनील गु ता बनाम. म रा य एससीसी सीआर ।

सुनील ब ा बनाम. द ली शासन एआईआर एससी ।

भारतीय ईसाई समुदाय क याण प रषद बनाम। सरकार. महारा के

करोड़ एलजे बॉम.

या यक अ धकारी सेवा संघ बनाम. गुज रात रा य एआईआर एससी

.
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ख ी तीय बनाम. बहार रा य एससीसी ।

सुक दास बनाम. अ णाचल दे श का क शा सत दे श एससीसी ।

जो गदर कु मार बनाम. उ र दे श रा य एआईआर एससी ।

शीला बरसे बनाम. महारा रा य एससीसी ।

अर व द सह ब गा बनाम. उ र दे श रा य और अ य एससीजे ।

अनूप सह बनाम. हमाचल दे श रा य एआईआर एससी ।

डीके बसु बनाम. प म बंगाल रा य जे.

. . आइए सं ेप कर

पु लस अ धका रय को बना कसी को गर तार करने क ापक श याँ स पी गई ह

वारंट. ले कन गर तारी क यह श क़ानून के अनु प होनी चा हए अ यथा नह ।

नसंदेह गर तारी मौ लक अ धकार म गंभीर ह त ेप है

नाग रक क गत वतं ता जसम गर तार या अ भयु भी शा मल है

भारत के सं वधान के अनु ेद और के तहत इसक गारंट है और यह होना ही चा हए

स ती से कानून के अनुसार ता क बच सक गर तार करने वाला ा धकारी

सज़ा से.

एक पु लस अ धकारी ारा गर तारी क श का भावी ढं ग से योग करने के लए उसे अव य करना चा हए

गर तारी सु ीम कोट से संबं धत कानूनी ावधान से अ तरह वा कफ ह

गर तारी पर दशा नदश और उसके फै सले आज तक वशेषकर गर तार करते समय

म हलाएं ब े या यक अ धकारी वधायक और सांसद और लोक सेवक आ द।

इसके अलावा पु लस को गर तारी से संबं धत ावधान को मजबूती से लागू करना चा हए

प पात े ष या तशोध के डर के बना न प प से। और पु लस भी

को अपनी छ व मानवा धकार के र क के प म पेश करनी चा हए।

आईपीसी क धारा और के अनुसार कसी आरोपी को शारी रक यातना दे ना

पूछताछ एक अपराध है और इस लए से साल तक क सज़ा हो सकती है

कै द होना।

मानव अ धकार क सावभौम घोषणा का अनु ेद और अनु ेद ।

भारतीय सं वधान पु लस अ ध नयम क धारा और पु लस का नयम

आचार सं हता आरोपी पर इस तरह क शारी रक यातना दे ने से मना करती है।


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. . श दकोष

गर तारी कसी को कु छ पाने के उ े य से वतं प से घूमने से वं चत करना

अपराध के बारे म जानकारी.

अ भर ा नाबा लग या स मा नत क दे ख भाल सुर ा संर कता म

संप या ज मेदारी का भार लेने के मामले म और अपराधी के मामले म या

आरोप लगाया क यह हरासत है

गर तारी वारंट संबं धत ा धकारी को कु छ लोग को गर तार करने क अनुम त द गई

. . संदभ

. बटु क लाल दं ड या सं हता क य कानून एजसी सरा सं करण

. रतनलाल और धीरजलाल द कोड ऑफ मनल ोसीजर वाधवा एंड कं पनी वां सं करण। पुनमु ण.

. एनडी बसु दं ड या सं हता अशोक लॉ हाउस वां सं करण।

.
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इकाई ।

या।

. उ े य

. . प रचय

. वषय ीकरण

. परी ण क दोषारोपण णाली और ज ासु णाली

. मुक दमे म यायाधीश अ भयोजक और बचाव वक ल क भू मका।

. सा य क वीकायता और अ वीकायता

. वशेष सा य

. . ली बारगेन

. वयं सीखने के लए

. . आइए सं ेप कर

. . श दकोष

. . संदभ

. उ े य

इस इकाई का अ ययन करने के बाद व ाथ यह समझने म स म हो जायेगा ....

. परी ण क आरोप लगाने वाली णाली और ज ासु णाली काय करती है

. मुक दमे म यायाधीश अ भयोजक और बचाव वक ल क भू मका।

. सा य क ा ता एवं अ ा ता

. एक वशेष सा य और यह कतना मह वपूण है।

. उ चत सजा क ती ा म यायालय से अपील

. ली बाग नग

. . प रचय

प मी नया म दो मु य कानूनी णा लयाँ ह तकू ल णाली


सामा य कानून या अ भयोगा मक णाली और ज ासु णाली स वल कानून या महा पीय णाली
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एक लोक अ भयोजक रा य सरकार का एक मह वपूण अ धकारी होता है और दं ड या सं हता के तहत रा य


ारा नयु कया जाता है। वह जांच एजसी का ह सा नह है।

सीआरपीसी क धारा के अनुसार बचाव का अ धकार । पीसी और भारत के सं वधान का अनु ेद सभी
आरोपी य को अपनी पसंद के वक ल ारा बचाव का अ धकार दान करता है।

अदालत के वक ल यायाधीश या जांच म मदद करने वाली मशीनरी को संबं धत शाखा के कु छ वशेष क
आव यकता होती है जैसे फोर सक बै ल टक फगर ट लखावट अथशा मनो व ान आ द। इन वशेष को
मामले क सुनवाई के दौरान अदालत ारा आमं त कया जा सकता है। इस कार उनके बयान को वशेष क राय
के प म दज कया जाता है।

ली बाग नग अ भयु को द जाने वाली सजा पर अदालत के साथ सौदे बाजी करने क अनुम त दे ती है

. वषय ीकरण

. परी ण क दोषारोपण णाली और ज ासु णाली

श ा वद के बीच आम सहम त है क दो मु य कानूनी ह

प मी नया म णा लयाँ तकू ल णाली सामा य कानून या

अ भयोगा मक णाली और ज ासु णाली स वल लॉ या कॉ टनटल ।

णाली परी ण क तकू ल णाली वह है जहां दो समान प होते ह

अ भयोजन और बचाव प अदालत म अपने मामले मौ खक प से तुत करते ह। तकू ल

णाली अदालत को ऐसी त म रखती है जहां वह तट होती है इस लए रा य

याय को फै लाता नह है ब क याय को आगे बढ़ाने के लए एक मंच दान करता है


बाहर।

कै नेगेम का कहना है क ज ासु परी ण णाली म ाथ मकता है

प रणाम पर क त जहां तकू ल परी ण णाली पर जोर दया गया है

वा त वक या . कै नेगेम का सुझ ाव है क ज ासु कोण यह है क

स य क खोज ही इसका अं तम ल य है। इस लए ज ासु णाली क

प र े य यह है क रा य का एक वतं अ धकारी चाहे वह यायाधीश ही य न हो


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या एक अ भयोजक जो न प रहता है खोजने और खोजने के लए सबसे अ ा है

सच। डैमर एंड फे यरचाइ

तकू ल णाली अदालत को ऐसी त म रखती है जहां वह तट होती है

इस लए रा य याय को फै लाता नह है ब क इसके लए एक मंच दान करता है

याय कया जाना है. फे यरचाइ इस णाली म दोन कानूनी ह

त न ध परी ण या का एक आव यक और अप रहाय ह सा ह। एक

याय के त तकू ल कोण इस धारणा पर चलता है क स य ही सव म होगा

य द दोन प को अपने मामले जूरी के सामने रखने क अनुम त द जाती है तो सेवा दान क जाती है।

पे स पृ एक तकू ल णाली म यायाधीश सा य को दे ख ता है

यह नधा रत कर क या इसे कानून और यायाधीश के अनुसार एक कया गया है

नणय लेता है क उ चत आपरा धक या का पालन नह कया गया है और वह सा य है

अवैध प से धोखे से ा त कया गया है तो उनके पास ऐसा करने क श है

इसे मुक दमे क कायवाही से बाहर कर। फे यरचाइ और डैमर

ज ासु णाली म अ भयु को चुप रहने का अ धकार है हालाँ क शायद ही कभी

या उ ह ज ासु के मु य उ े य के प म इस अ धकार का योग करने क अनुम त है

णाली का उ े य सभी घटक क गहन जांच के मा यम से स य का पता लगाना है

अ भयु स हत आपरा धक याय णाली क । इस लए आरोपी है

स यता सामने लाने के लए जांच म पूरा सहयोग करने क अपे ा क गई है

खुला आ. वॉडन तकू ल णाली के वपरीत जहां यायाधीश होता है

तट ज ासु णाली म यायाधीश मु य खलाड़ी होता है जससे अपे ा क जाती है

अ भयोजक और पु लस के साथ जांच करने और अपना योगदान दे ने के लए

एक कए गए सभी सबूत और उसके बाद के आधार पर फै सला

एक नजी ी ायल म उ ह एक डो जयर म तुत कया गया। फे यरचाइ जब क ए

आरोपी को लाने से पहले जांच यायाधीश को मामले क पूरी जानकारी होगी

उनसे पहले सलाहकार यायाधीश को कभी भी वेश क अनुम त नह द जाएगी या कसी को भी

अ भयु का पूव ान य क इसे पूवा ह े रत करने के लए दे ख ा जा सकता है।


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. मुक दमे म यायाधीश अ भयोजक और बचाव वक ल क भू मका।

. . . मुक दमे म यायाधीश क भू मका.

यायाधीश कई भू मकाएँ नभाते ह। वे कानून क ा या करते ह सबूत का आकलन करते ह

तुत कया जाता है और नयं त कया जाता है क उनक अदालत म सुनवाई और सुनवाई कै से होती है।

सबसे मह वपूण बात यह है क यायाधीश न प नणय लेने वाले होते ह

याय का। हमारे पास वह है जसे याय क एक तकू ल णाली के प म जाना जाता है

कानूनी मामले वरोधी प के बीच त धा ह जो यह सु न त करता है

सबूत और कानूनी तक पूरी तरह और सश ढं ग से तुत कए जाएंगे।

हालाँ क यायाधीश मैदान से ऊपर रहता है एक वतं और दान करता है

त य का न प मू यांक न और कानून उन त य पर कै से लागू होता है।

कई आपरा धक मामल क सुनवाई एक यायाधीश ारा क जाती है। यायाधीश नणय ले रहा है क या

सबूत व सनीय ह और कौन से गवाह सच कह रहे ह। तब

आरोप नधा रत करने के लए यायाधीश इन त य पर कानून लागू करता है

आपरा धक मामल म संभावना के संतुलन पर ा पत कया गया है या

या उ चत संदेह से परे कोई सबूत है क सं द ध है

अपराधी।

यद तवाद को कसी अपराध के लए दोषी ठहराया जाता है तो यायाधीश सजा सुनाता है

जुमाना लगाना जो जुमाने से लेक र जेल क अव ध तक हो सकता है

अपराध क गंभीरता पर.

. . . अ भयोजक क भू मका

अ भयोजक क भू मका बना कसी परवाह के अके ले ही दोष स क मांग करना नह है

सा य का ले कन उसका मौ लक कत यह सु न त करना है क याय हो

प ंचा दया। अ भयोजन क ज मेदा रयाँ और कत इस कार ह

आदश लोक अ भयोजक को दोष स सु न त करने या इससे कोई सरोकार नह है

रा य सरकार के जन वभाग म वह रही है उ ह संतु करना

संपक करना। उसे वयं को याय का एजट मानना चा हए।


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इलाहाबाद उ यायालय ने फै सला सुनाया था क यह लोक अ भयोजक का कत है

यह दे ख ने के लए क याय क पु ई है और उसे कोई अधम नह मलना चा हए

ढ़ व ास। आपरा धक मुक दमे का उ े य अपराध का नधारण करना है या

आरोपी क नद षता एक लोक अ भयोजक का कत नह है

कसी वशेष पाट का त न ध व करते ह ले कन रा य का नह ।

अ भयु के खलाफ पूरी त परता से मुक दमा चलाया जाना चा हए

न प ता. अ भयोजन चलाने म रा य कसी भी उ े य से स य नह होता है

बदला लेने का ले कन के वल समुदाय क र ा करना चाहता है। इस लए नह होना चा हए

कसी ढ़ व ास के त तीत होने वाली उ सुक ता या उस पर पकड़ होना।

एक लोक अ भयोजक को बयान दे क र उसके खलाफ मामले को तूल नह दे ना चा हए

अ भयु बनाया जाए या कसी गवाह को वापस रखा जाए य क उसके सा य से मामला कमजोर हो सकता है

अ भयोजन के लए. एक लोक अ भयोजक का एकमा उ े य यायालय क सहायता करना होना चा हए

स य क खोज म. एक लोक अ भयोजक को कसी भी संभा वत कायवाही से बचना चा हए

कसी भी प के गवाह को डराना या अनु चत प से भा वत करना।

एक लोक अ भयोजक को जो भी सा य हो उसे यायालय के सम रखना चा हए

उसका उसका क ज़ा. एक लोक अ भयोजक का कत के वल सुर त करना नह है

अ भयु को हर क मत पर दोषी ठहराया जाए ले कन जो भी हो उसे अदालत के सम रखा जाए

सा य अ भयोजन प के क जे म है चाहे वह प म हो या प म हो

अ भयु के व और ऐसे सभी सा य पर नणय लेने का अ धकार यायालय पर छोड़ दया जाए

या अ भयु ने वह अपराध कया है या नह कया है जसके त वह खड़ा है

आरो पत.

यह सु न त करना अ भयोजक का भी उतना ही कत है जतना क अदालत का

भौ तक त य को रकॉड पर लाया जाता है ता क गभपात न हो

याय।
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लोक अ भयोजक का कत रा य का त न ध व करना है न क पु लस का।

लोक अ भयोजक रा य सरकार का एक मह वपूण अ धकारी होता है

दं ड या सं हता के तहत रा य ारा नयु कया गया है

जांच एजसी का ह सा नह .

वह एक वतं वैधा नक ा धकारी है। वह न तो कसी का डाकघर है

जांच एजसी न ही यह अ ेषण एजसी ले कन एक आरोप लगाया गया है

वैधा नक कत .

आपरा धक मुक दमे का उ े य कसी स ांत का हर क मत पर समथन करना नह है ब क इसका समथन करना है

अपराध क जाँच करना और अ भयु के अपराध या नद षता का नधारण करना

और लोक अ भयोजक का कत पु लस का नह ब क रा य का त न ध व करना है

और उसके ारा अपने कत का नवहन न प ता नडरता और न ापूवक कया जाना चा हए

ज मेदारी क पूरी भावना जो उसके पद से जुड़ी होती है।

इसम कोई संदेह नह हो सकता क संसद क यही मंशा थी

अ भयोजक को पु लस वभाग के नयं ण से मु कया जाना चा हए।

एक लोक अ भयोजक को अपने कत का नवहन न प ता और नडरता से करना चा हए

ज मेदारी क पूरी भावना के साथ जो उसके पद से जुड़ी है।

पटना उ यायालय ने माना क आपरा धक मुक दमे का उ े य कसी का समथन करना नह है

हर क मत पर स ांत दया गया ले कन अपराध क जांच करने और दोष नधा रत करने के लए

या अ भयु क बेगुनाही और त न ध व करना लोक अ भयोजक का कत है

पु लस को नह ब क रा य को अपना कत नभाना चा हए

न प ता और नडरता से और उससे जुड़ी ज मेदारी क पूरी भावना के साथ

पद।
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आं दे श उ यायालय ने फै सला सुनाया था क अ भयोजन का मतलब नह होना चा हए

उ पीड़न और अ भयोजक को अ भयु के त ईमानदारी से न प होना चा हए

इन सभी मामल म सजा के लए यास नह करना चा हए। इसम आगे कहा गया है क अदालत

इस बात का यान रखना चा हए क कसी अपराधी पर मुक दमा न चलाया जाए

एक नजी पाट के लए. कोट ने यह भी कहा क अगर नयं ण करने वाला कोई नह है

ऐसी त जब चीज के गलत होने क संभावना हो यह होगा

तशोध उ प करने का एक वैध तरीका।

कोई लोक अ भयोजक अ भयु क ओर से उप त नह हो सकता। यह असंगत है

कानूनी पेशे क नै तकता और याय शासन म न प ता के साथ

लोक अ भयोजक को अ भयु क ओर से उप त होने के लए।

जब अ भयोजक इस तरह से काय करता है जैसे क वह बचाव कर रहा हो तो कोई न प सुनवाई नह होती

अ भयु अदालत के सम स ाई तुत करना लोक अ भयोजक का कत है।

नप सुनवाई का अथ है एक न प यायाधीश एक न प अ भयोजक और के सम सुनवाई

या यक शां त का माहौल. अ भयोजक जो न प ता से काय नह करता और काय करता है

बचाव प के वक ल क तरह न प या यक णाली के लए एक दा य व है।

नकासी पर नणय लेने क वैधा नक ज मेदारी ब कु ल न हत है

सरकारी वक ल के साथ अटू ट रह और अपराधी ारा नद शत होना चा हए

या सं हता. वापसी पर नणय लेने क वैधा नक ज मेदारी

यह पूरी तरह से लोक अ भयोजक पर नभर है और पूरी तरह से उसके ववेक के अंतगत है

लोक अ भयोजक. इस पर समझौता नह कया जा सकता और इसका आदान दान नह कया जा सकता

उन लोग का प लेना जो शास नक प म उससे ऊपर हो सकते ह।

आपरा धक या सं हता लोक अ भयोजक का एकमा वामी है और वह है

के वल आपरा धक या सं हता के संदभ म ही अपना मागदशन करना होगा। इस लए

नद शत जस वचार पर उसे यान दे ना चा हए वह यह है क या


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वापसी से सावज नक याय का ापक उ े य आगे बढ़े गा या मंद होगा

या अ भयोजन जारी रखना.

लोक अ भयोजक के लए एकमा वचार जब वह नणय लेता है

अ भयोजन से वापसी याय शासन का बड़ा कारक है

न राजनी तक एहसान न पाट का दबाव न पसंद जैसी चताएं।

. . . मुक दमे म बचाव प के वक ल क भू मका.

हालाँ क एक लोकतां क समाज म अ भयु के अ धकार भी प व ह

कसी अपराध का आरोपी होने पर वह गैर नह बन जाता। अ भयु के अ धकार

इसम गर तारी के समय तलाशी के समय और आरोपी के अ धकार शा मल ह

मुक दमे आ द क या के दौरान ज ती।

अ भयु के अ धकार पर म लमथ स म त क राय थी क

अ भयु के अ धकार म रा य क ओर से दा य व शा मल है

कानून क उ चत या का पालन कर व रत और न प सुनवाई कर संयम बरत

यातना और जबरन गवाही कानूनी सहायता तक प ंच आ द ।

जब क सीआरपीसी क धारा के अनुसार बचाव का अ धकार है। पीसी और अनु ेद

भारत का सं वधान सभी आरोपी य को होने का अ धकार दान करता है

अपनी पसंद के वक ल ारा बचाव कया गया। हालाँ क यह सभी के लए उपल अ धकार नह है

अ भयु ले कन न त प से अ भयु क कु छ े णय को रा य के खच पर कानूनी सहायता

मामले उपल कराए गए ह। तो स यायालय के सम एक मुक दमे म अ भयु कहाँ है

कसी वक ल ारा त न ध व नह कया गया है और अदालत का मानना है क उसके पास नह है

एक वक ल को नयु करने के लए पया त साधन होने पर वह अपने बचाव के लए एक वक ल को नयु करेगा

सीआरपीसी क धारा के तहत रा य का खच। पीसी

ाकृ तक याय का त व यानी दोन प को सुना जाएगा या ऑडी अ टरम

पाटम और अ भयु का गवाह से जरह करने का अ धकार और उसका अ धकार

कानूनी त न ध व से तुलनीय ह। एक और मह वपूण अ धकार होगा

पूवा ह के व नयम के अनुसार कोई अपने मामले म यायाधीश नह हो सकता। यह एक

ाथ मक ाकृ तक याय स ांत जो अ भयु का भी अ धकार है


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वतमान समय क आपरा धक याय णाली. इस लए यह र ा का कत है

वक ल बना कसी पूवा ह के अपने मुव कल का बचाव करे। यही उनक नै तकता भी है

कानूनी कत ।

. सा य क वीकायता और अ वीकायता

भारतीय सा य अ ध नयम धारा के अनुसार वेश से संबं धत है

इसे इस कार प रभा षत कया गया है एक वीकारो एक बयान मौ खक या द तावेज ी या इले ॉ नक प म न हत है जो

मु े म कसी भी त य के बारे म कोई अनुमान सुझ ाता है या

ासं गक त य और जो कसी भी ारा बनाया गया है और के तहत

इसके बाद उ ल खत प र तयाँ ।

जब क धारा म कहा गया है क कायवाही म कसी प ारा या ारा दए गए बयान

ऐसी कसी भी पाट का एजट जसे अदालत प र तय के तहत मानती है

मामला जैसा क प से या परो प से उनके ारा उ ह बनाने के लए अ धकृ त कया गया है

वेश. साथ ही मुक दमा दायर करने वाले या मुक दमा दायर करने वाले प कार ारा दए गए बयान

तनधचर वेश नह ह जब तक क वे उस समय नह बनाए गए ह

उ ह बनाने वाली पाट ने उस च र को धारण कया।

इसके अलावा धारा के अनुसार दए गए कथन

वषय व तु म च रखने वाले प ारा ऐसे जनके पास कोई है

क वषय व तु म मा लकाना या आ थक हत

कायवाही और जो अपने च र म बयान दे ते ह

इतनी च रखते ह या

ऐसे ारा जनसे याज ा त आ हो वे जनसे याज ा त आ हो

मुक दमे के प कार ने वषय व तु म अपनी च ा त कर ली है

मुक दमा वेश ह य द वे नरंतरता के दौरान कए गए ह

बयान दे ने वाले य का हत।

इ स. सूचना ौ ो गक अ ध नयम अनुसूची ारा। WEF .


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धारा उन य ारा वेश जनक त पाट के व सा बत होनी चा हए

मुक दमा ऐसे य ारा दए गए बयान जनक त या दा य व के लए यह आव यक है

मुक दमे के कसी भी प के खलाफ सा बत करना वीकारो है य द ऐसे बयान ह गे

ऐसी त या दा य व के संबंध म ऐसे य के व ासं गक हो

उनके ारा या उनके खलाफ लाया गया मुक दमा और य द वे बनाने वाले के दौरान बनाए गए ह

वे ऐसे पद पर ह या ऐसे दा य व के अधीन ह।

च ण

A B के लए कराया वसूलने का वचन दे ता है।

बी ने सी से बी को दे य कराया न वसूलने के लए ए पर मुक दमा दायर कया।

ए इस बात से इनकार करता है क कराया सी से बी को बकाया था।

सी का यह कथन क उस पर बी का कराया बकाया है एक वीकारो है और ासं गक है

ए के वपरीत त य य द ए इस बात से इंक ार करता है क सी ने बी को कराया दे ना था।

धारा वाद के प कार ारा प से न द ारा वेश कथन

उन य ारा कया गया है जनके लए मुक दमे के एक प ने प से उ लेख कया है

ववा दत मामले के संदभ म जानकारी वीकारो है।

च ण

सवाल यह है क या ए ारा बी को बेचा गया घोड़ा व है।

A B से कहता है जाओ और C से पूछो C को इसके बारे म सब पता है । C का कथन एक है

वेश।

धारा उ ह बनाने वाले य के व और उनके ारा या उन पर वेश का माण

ओर से वेश ासं गक है और के व सा बत कया जा सकता है

जो उ ह या उनके हत म त न ध बनाता है ले कन वे नह हो सकते


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उस ारा या उसक ओर से सा बत कया गया जो उ ह बनाता है या उसके ारा

न न ल खत मामल को छोड़कर हत म तनध

कसी वीकारो को बनाने वाले ारा या उसक ओर से सा बत कया जा सकता है

यह जब यह इस कार का हो क य द इसे बनाने वाला होता

मृत यह धारा के तहत तीसरे के बीच ासं गक होगा

कसी वीकारो को बनाने वाले ारा या उसक ओर से सा बत कया जा सकता है

यह जब इसम कसी रा य के अ त व का ववरण शा मल होता है

मन या शरीर ासं गक या मु े म हमारे समय के बारे म जब बनाया गया

मन या शरीर क ऐसी त अ त व म है और आचरण के साथ है

इसके झूठ को असंभव बनाना।

कसी वीकारो को बनाने वाले ारा या उसक ओर से सा बत कया जा सकता है

यह य द यह एक वेश के अलावा अ यथा ासं गक है।

च ण

ए ए और बी के बीच सवाल यह है क एक न त काय है या नह

जाली नह है ए पु करता है क यह असली है बी क यह जाली है।

ए बी के इस कथन को सा बत कर सकता है क वलेख वा त वक है और बी ऐसा कर सकता है

ए ारा यह कथन स कर क वलेख जाली है ले कन A सा बत नह कर सकता

वयं का कथन है क वलेख वा त वक है न ही बी इसे सा बत कर सकता है

खुद का बयान क बैनामा फज है।

बी जहाज के क तान ए पर उसे भगाने का मुक दमा चलाया जाता है।

यह दखाने के लए सा य दया गया है क जहाज को उसके अ धकार े से बाहर ले जाया गया था

अव ध।
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ए अपने सामा य कामकाज म अपने ारा रखी गई एक कताब तैयार करता है

वसाय उन ट प णय को दखा रहा है जो क थत तौर पर उसके ारा ली गई थ

दन त दन और यह दशाता है क जहाज को बाहर नह नकाला गया था

उसका उ चत पा म. ए इन कथन को स कर सकता है य क वे

य द वह मर गया हो तो तीसरे प के बीच वीकाय होगा

धारा खंड .

सी ए पर कलक ा म उसके ारा कए गए अपराध का आरोप है।

वह अपने ारा लखा गया और उस पर लाहौर क त थ अं कत एक प तुत करता है

दन और उस दन का लाहौर पो टमाक अं कत है।

प क तारीख म दया गया ववरण वीकाय है य कयदए

मृत थे यह धारा खंड के तहत वीकाय होगा।

डी ए पर चोरी का सामान यह जानते ए भी ा त करने का आरोप है क वह चोरी का है।

वह यह सा बत करने क पेशकश करता है क उसने उ ह उनके मू य से कम पर बेचने से इनकार कर दया।

ए इन कथन को सा बत कर सकता है हालाँ क ये वीकारो ह य क

वे वषयगत त य से भा वत आचरण क ा या करते ह।

ई ए पर धोखाधड़ी से नकली सामान अपने क जे म रखने का आरोप है

वह स का जसके बारे म उसे पता था क वह नकली है।

वह यह सा बत करने क पेशकश करता है क उसने एक कु शल से जांच करने के लए कहा था

य क उसे संदेह था क स का नकली है या नह और वह

ने इसक जांच क और उसे बताया क यह असली है।

ए इन त य को पछले पूववत म बताए गए कारण से सा बत कर सकता है

च ण।

धारा जब द तावेज़ क साम ी के बारे म मौ खक वीकारो ासं गक हो मौ खक

कसी द तावेज़ क साम ी के बारे म वीकारो ासं गक नह है जब तक क और न हो

जब तक क उ ह सा बत करने का ताव दे ने वाला प यह न दशा दे क वह दे ने का हकदार है

नयम के तहत ऐसे द तावेज़ क साम ी का तीयक सा य

इसम इसके बाद न हत है या जब तक द तावेज़ क वा त वकता तुत नह क जाती

म है.
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धारा ए जब इले ॉ नक रकॉड क साम ी के बारे म मौ खक वीकृ त होती है

ासं गक .

इले ॉ नक रकॉड क साम ी के बारे म मौ खक वीकारो ासं गक नह है

जब तक क उ पा दत इले ॉ नक रकॉड क वा त वकता म न हो।

धारा स वल मामल म वेश जब ासं गक हो स वल मामल म कोई वेश नह है

ासं गक य द यह कसी शत पर बनाया गया है क इसका सबूत हो

नह दया जाना चा हए या उन प र तय म जनसे यायालय न कष नकाल सकता है

क दोन प इस बात पर एक साथ सहमत ए क इसका सबूत नह दया जाना चा हए।

ीकरण इस धारा म कु छ भी छू ट नह द जाएगी

बै र टर वक ल वक ल या वक ल को कसी भी मामले का सा य दे ने से

जसे धारा के तहत सा य दे ने के लए बा य कया जा सके ।

धारा अपने ह से के लए पया त आधार और औ च य दान करती है

अपवाद मौ खक सा य म य सा य क आव यकता के अनुसार

भारतीय सा य अ ध नयम. अ धकार क अपनी आव यकता को स ती से लागू करने के मा यम से

और वरोधी प को जरह का अवसर उपल हो यह

अपवाद संतोषजनक ढं ग से सुनी सुनाई सा य के नुक सान से बचता है और सभी को र कर दे ता है

अनु चतता के त व और व सनीयता क कमी के । जस व ध म

धारा के तहत सा य ा त और वीकार कए जाने से इसक ासं गकता बढ़ जाती है।

हालाँ क सुनी सुनाई बात के व नयम ा पत है और अ धकांश म इसका पालन कया जाता है

पर तयाँ ऐसी तय से नपटने के लए इसके अपवाद मौजूद ह

जहां ऐसे सा य क अ वीकायता याय क वफलता का कारण बनेगी।

यह ावधान कसी भी तरह से पहले गवाह क पेशी को हतो सा हत करने का यास नह करता है

हालाँ क अदालत उन तय म सा य दे ने के लए बा य है जहाँ यह स ती से सा बत हो

क गवाह उप त नह हो सकता यह उस बाधा को र करने का यास करता है

य द सा य को अ वीकाय बनाया जाना है तो अ नवाय प से उप त होना होगा

ऐसी प र तयाँ जहाँ इसक स यता को स करने म मुख भू मका होगी

मामले से संबं धत त य उपल ह।

इ स. सूचना ौ ो गक अ ध नयम अनुसूची ारा। WEF .


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. वशेष सा य

कोट के वक ल जज या मदद करने वाली मशीनरी

जांच के लए संबं धत शाखा के कु छ वशेष क आव यकता है फोर सक हो सकते ह

ये वशेष बै ल टक फगर ट लखावट अथशा मनो व ान आ द के वशेष ह

मामले क सुनवाई के दौरान अदालत ारा उ ह आमं त कया जा सकता है और इस कार उनक रकॉ डग क जा सकती है

वशेष क राय के प म बयान। भारतीय सा य अ ध नयम के अनुसार क राय

वशेष वीकाय है.

वशेष कसे कहा जा सकता है

वशेष वह होता है जसके पास उस वषय का वशेष ान होता है जसके बारे म वह या वशेष

वह गवाही दे रही है. वशेष गवाह क भू मका सहायता करना और नधा रत करना है

यायालय को वै ा नक जानकारी उपल कराकर ववाद त मु े जो क ह

यायाधीश के ान और अनुभव से बाहर होने क संभावना है। को चा हए

अदालत क वीकृ त ा त कर और आम तौर पर त य के बजाय त य के बारे म गवाही द

कानून। यायाधीश को यह सु न त करना चा हए क वशेष ववा दत मु े पर यो य है

और उससे के वल ासं गक और व सनीय राय ही वीकार क जाती है। कोई नह है

वशेष सा य क वीकायता के लए सामा य कानून म दहलीज परी ण

इसक व सनीयता को यान म रखता है और इसे वीकार करना या वीकार करना यायाधीश के ववेक पर नभर है

नह ।

वशेष सा य के त व य द सा य वशेष राय सा य के पम तुत कया जाता है

है को होना वीकाय

. यह द शत कया जाना चा हए क वशेष ान का एक े है।

. उस े का एक पहचाना आ पहलू होना चा हए जसम सा ी हो

यह द शत करता है क वशेष श ण अ ययन या अनुभव के कारण

गवाह है बनना एक वशेष ।

. पसंद दा राय पूरी तरह या काफ हद तक गवाह पर आधा रत होनी चा हए।

वशेष ान।
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. जहां तक राय वशेष ारा अवलोकन कए गए त य पर आधा रत है तो उ ह होना ही चा हए

पहचान क और वीकाय प से सा बत ारा वशेष ।

. जहां तक राय अनुमा नत या वीकृ त त य पर आधा रत है उ ह होना चा हए

पहचान क और सा बत म कु छ अय रा ता।

. यह ा पत कया जाना चा हए क जन त य पर राय आधा रत है वे एक पह

इसके लए उ चत आधार और वशेष के सा य से यह होना चा हए क इसका े कै सा है

वशेष ान जसम गवाह वशेष है और जस पर

राय पूरी तरह से या काफ हद तक आधा रत क पत त य पर लागू होती है या

तपा दत राय उ प करने के लए अवलोकन कया गया।

भारतीय सा य अ ध नयम के अनुसार न न ल खत धाराएँ मह वपूण ह

धारा वशेष क राय जब यायालय को कसी पर एक राय बनानी होती है

वदे शी कानून या व ान या कला का ब या लखावट क पहचान के प म या

उं ग लय के नशान वशेष प से उस ब पर य क राय

ऐसे वदे शी कानून व ान या कला म या पहचान से संबं धत म कु शल

लखावट या उं ग लय के नशान ासं गक त य ह।

ऐसे य को वशेष कहा जाता है।

रेख ांक न

ए यह है क या ए क मृ यु जहर के कारण ई थी।

वष से उ प ल ण के वषय म वशेष क राय

जससे यह माना जाता है क ए क मृ यु हो गई है ासं गक ह।

बी यह है क या ए एक न त काय करने के समय था

मन क अ व ता के कारण कृ त को जानने म असमथ

अ ध नयम का या क वह जो कर रहा था वह या तो गलत था या इसके वपरीत था

कानून के लए.

ल ण या ह इस सवाल पर वशेष क राय

ए ारा द शत आम तौर पर मन क अ व ता को दशाता है और या

मन क ऐसी अ व ता आमतौर पर य को अ म बना दे ती है


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वे जो काय करते ह उनक कृ त को जानना या उसे जानना

वे जो करते ह वह या तो गलत है या कानून के वपरीत है ासं गक ह।

सी यह है क या ए ने एक न त द तावेज़ लखा है। एक और

द तावेज़ तैयार कया जाता है जो सा बत हो या वीकार कया गया हो

ए ारा ल खत

इस सवाल पर वशेष क राय क या दोन

द तावेज़ एक ही या अलग अलग य ारा लखे गए थे

ासं गक ह.

धारा वशेष क राय पर आधा रत त य त य अ यथा नह

ासं गक ासं गक ह य द वे राय का समथन करते ह या असंगत ह

वशेष क जब ऐसी राय ासं गक हो।

च ण

ए सवाल यह है क या ए को कसी खास जहर से जहर दया गया था।

त य यह है क अ य ज ह उस ारा जहर दया गया था ने न तता द शत क

जन ल ण को वशेष उस जहर के ल ण होने क पु या खंडन करते ह

उपयु ।

बी सवाल यह है क या कसी बंदरगाह म कावट कसके कारण होती है

न त समु द वार.

त य यह है क अ य बंदरगाह अ य मामल म समान प से त ह ले कन

जहाँ ऐसी कोई समु द वार नह थ वहाँ लगभग कावट पैदा होने लग

वही समय ासं गक है.

धारा लखावट के संबंध म राय जब ासं गक हो जब यायालय को ऐसा करना पड़े

उस के बारे म एक राय बनाएं जसके ारा कोई द तावेज़ लखा गया था या

ह ता रत क लखावट से प र चत कसी भी क राय


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वह जसके ारा यह लखा या ह ता रत माना जाता है क यह था या था

उस ारा ल खत या ह ता रत नह होना एक ासं गक त य है।

ीकरण ऐसा कहा जाता है क कोई क लखावट से प र चत हो

कसी अ य को जब उसने उस को लखते ए दे ख ा हो या जब उसने ऐसा कया हो

के उ र म उस ारा लखे जाने वाले द तावेज़ ा त ए

वयं ारा या उसके अ धकार के तहत लखे गए और उसी को संबो धत द तावेज़

या जब वसाय के सामा य म म द तावेज़

उस ारा लखे जाने का ता पय आदतन तुत कया गया है

उसे।

च ण

सवाल यह है क या दया गया प ए ए क हामीदारी म है

लंदन म ापारी.

बी कलक ा म एक ापारी है जसने ए को संबो धत प लखे ह

उनके ारा लखे गए क थत प ा त ए। C B का लक है जसका

इसका कत बी के प ाचार क जांच करना और दा खल करना था। D B का दलाल है

जसके लए बी ने आदतन वे प स पे थे जनके लए ए ारा लखा जाना बताया जाता है

उस पर उसे सलाह दे ने का उ े य। पर बी सी और डी क राय

हालाँ क यह सवाल ासं गक है क या प ए क लखावट म है

न तो B C और न ही D ने कभी A को लखते दे ख ा।

धारा ए ासं गक होने पर ड जटल ह ता र के बारे म राय . जब अदालत

कसी भी के ड जटल ह ता र के बारे म एक राय बनानी होगी

माणन ा धकारी क राय जसने ड जटल जारी कया है

ह ता र माणप एक ासं गक त य है।

इ स. सूचना ौ ो गक अ ध नयम अनुसूची ारा। WEF


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. . ली बारगेन

ली बाग नग एक ापक प से सव ापी था है जो तेज ी लाने म मदद करती है

कानूनी या. ली बाग नग आरोपी को अदालत के साथ सौदे बाजी करने क अनुम त दे ती है

जो सज़ा सुनाई जाएगी उस पर. मह वपूण पहलू यह है क त य

क सं हता म अ याय XXIA क दलील सौदे बाजी के लए एक आवेदन म कहा गया है

आपरा धक या जसम धारा ए से एल शा मल ह जो इससे संबं धत ह

ली बारगेन। कड़ाई से कह तो दलील सौदे बाजी एक ापक अथ है

ली बाग नग या है

भारतीय व ध आयोग व क व तृत रपोट के अनुसार दलील

सौदे बाजी अपने सबसे पारंप रक और सामा य अथ म पूव परी ण को संद भत करती है

तवाद के बीच बातचीत आमतौर पर वक ल ारा आयो जत क जाती है

अ भयोजन जसके दौरान तवाद बदले म दोष वीकार करने के लए सहमत होता है

अ भयोजक ारा कु छ रयायत.

दलील सौदे बाजी क े णयाँ

ली बाग नग के कार के आधार पर दो अलग अलग े णय म आती है

अ भयोजन संबंधी रयायत जो द गई है। पहली ेण ी है भार ।

सौदे बाजी जो अ भयोजक ारा कम करने या खा रज करने के वादे को संद भत करती है

दोषी वीकारो के बदले म तवाद के व कु छ आरोप लगाए गए।

सरी ेण ी वा य सौदे बाजी है जो कसी वादे को संद भत करती है

अ भयोजक को एक व श सज़ा क सफ़ा रश करनी होगी या कोई सज़ा दे ने से बचना होगा

दोषी वीकारो के बदले सज़ा क सफ़ा रश।

भारतीय व ध आयोग क व रपोट के अनुसार जो का शत ई थी

वष दोन व धयाँ वभाव चरण को भा वत करगी

तवाद क अं तम सजा को कम करके आपरा धक कायवाही ले कन के बाद

वष बाद अंततः भारत को भी दलील सौदे बाजी पर कानून क आव यकता का एहसास आ

आपरा धक या सं हता म एक मह वपूण संशोधन पेश कया गया

वष म जो वष म लागू आ।
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भारत म दलील सौदे बाजी के मामले

मुंबई म ली बाग नग का पहला मामला हाल ही म टाइ स ऑफ म का शत आ था

इं डया जसम आरबीआई के एक ेड I कमचारी पर पये नकालने का आरोप लगाया गया था

से फज नाम पर वाउचर जारी कर आरबीआई से . करोड़

तक और पैसे को अपने गत खाते म ानांत रत कर दया। ारा उसे गर तार कर लया गया

वष म सी.बी.आई. और उसी वष नवंबर म जमानत पर रहा ए।

मामला वशेष सीबीआई यायाधीश मुंबई के सम आया और आरोप तय कये गये।

आरोपी ने ली बाग नग कानून म संशोधन का लाभ उठाकर

आपरा धक या सं हता अ याय XXI ए धारा ए से के तहत

एल ने अदालत के सम एक आवेदन दायर कया जसम कहा गया क वह वष का है

सौदे बाजी क मांग करेगा। अदालत ने अ भयोजन प और पी ड़ता को नदश दया

उसक दलील सौदे बाजी आवेदन पर अपना जवाब दा खल कर। हालाँ क सुनने के बाद

अ भयोजन प क दलील के आधार पर नचली अदालत ने दलील क अज खा रज कर द

सौदे बाजी ले कन इसने सरे के लए नई आशा के ार खोल दए ह

अ भयु वचाराधीन जो कई वष से अपने छोटे मोटे मामल क सुनवाई का सामना कर रहे ह

वष अब दलील सौदे बाजी का सहारा ले सकते ह।

वजय मूसा दास बनाम के अ य मह वपूण मामले म। सीबीआई आपरा धक व वध

आवेदन उ राखंड उ यायालय यायाधीश फु ला पंत

माच म ली बाग नग क अवधारणा को अनुम त द गई जसम आरोपी था

आईपीसी क धारा और के तहत आरोप लगाया गया। उ मामले म अ भयु मो

ओएनजीसी को घ टया साम ी क आपू त क और वह भी गलत पोट पर जो

ओएनजीसी को भारी नुक सान प ंचाया जसक जांच सीबीआई से कराई गई

आरो पय के खलाफ आपरा धक मामला दज कर. इस त य के बावजूद क ओ.एन.जी.सी

पी ड़त और सीबीआई अ भयोजन प को ली बाग नग पर कोई आप नह थी

आवेदन ायल कोट ने इस आधार पर आवेदन खा रज कर दया क

आरोपी ारा धारा बी के तहत शपथ प दायर नह कया गया था और यह भी क

मुआ वज़ा तय नह कया गया. माननीय उ यायालय ने व वध को अनुम त द ।

ायल कोट को ली बाग नग आवेदन वीकार करने का नदश दे क र आवेदन।


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दलील सौदे बाजी क या और मह वपूण पहलू

. कसी अपराध का आरोपी ली बाग नग के लए आवेदन दायर कर सकता है

वे ा से उस यायालय म जसम ऐसा अपराध वचाराधीन है।

.आवेदन म शपथ प के साथ मामले का सं त ववरण होना चा हए

यह बताते ए क ए यह उसक कृ त को समझने के बाद उसका एक वै क कदम है

सज़ा बी उसे पहले कसी मामले म अदालत ारा दोषी नह ठहराया गया है

जस पर उसी अपराध का आरोप लगाया गया था।

.आवेदन ा त होने के बाद अदालत अ भयोजन या को नो टस जारी करेगी

शकायतकता और आरोपी को नधा रत त थ पर अदालत म उप त होने के लए कहा गया है।

. सभी प क उप त म अदालत बंद कमरे म आरोपी से पूछताछ करेगी i

आवेदन वे ा से दायर कया गया है ii अदालत समय दान करेगी

अ भयोजक शकायतकता को पार रक प से संतोषजनक समाधान नकालने के लए

मामला जसम पी ड़त को मुआ वजा पार रक प से दशा नदश शा मल हो सकता है

संतोषजनक वभाव धारा जी म दया गया है ।

.य द उपरो शत को कसी भी प ारा पूरा नह कया जाता है तो अदालत आगे बढ़ सकती है

परी ण के साथ.

.एक बार धारा डी के तहत उपरो रपोट दा खल हो जाने पर अदालत ऐसा करेगी

खुली अदालत म फै सला सुनाकर मामले धारा ई का नपटारा कर

ए पी ड़त को मुआ वजा दे ना आरोपी क सुनवाई करना

सज़ा अ भयु को अ े आचरण क प रवी ा पर रहा करना आ द।

. धारा एफ के तहत पा रत नणय अं तम होगा और कोई अपील नह होगी एसएलपी को छोड़कर ।

भारत के सं वधान के अनु ेद और अनु ेद म रट या चका हो सकती है

ऐसे फै सले के खलाफ दायर कया गया।

.आरोपी के बयान का उपयोग धारा बी के तहत दलील सौदे बाजी के अलावा नह कया जा सकता है।

हम यह भी यान म रखना चा हए क कसी या चका के मामले म जो नणय दया गया है

सौदे बाजी अं तम है और ऐसे फै सल के खलाफ कोई अपील क अनुम त नह है धारा

जी . य द आरोपी पहली बार दोषी है तो उसे प रवी ा पर भी रहा कया जा सकता है

अपराधी.
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हालाँ क भारतीय या यक णाली म ली बाग नग क शु आत हो चुक है

बौ क और कानूनी स हत समाज के एक समूह ारा इसक गहन आलोचना क गई

वशेष का तक है क इससे जनता का व ास हतो सा हत होगा

आपरा धक याय णाली और नद ष असंगत लोग को भी सजा दलाएगी

दं ड समान अपराध और अमीर और भा वत लोग के लए ह का दं ड बनाते ह

लोग। सरी ओर ली बाग नग अवधारणा का वागत कया गया है

भारत म एक ां तकारी या यक सुधार के प म समाज के अ य समूह के बाद से

अमे रका यूरोप और अ धकांश ए शयाई दे श स हत पूरी नया पहले ही ऐसा कर चुक है

ली बाग नग का कानून पेश कया और लागू कया और इस लए भारत ऐसा नह कर सकता

इस कानून से बच. हम उ मीद है क भारत क अ य धक बोझ से दबी आपरा धक अदालत ऐसा करगी

ली बाग नग के कानून और आपरा धक या यक णाली से राहत पाएं

लं बत मामल के नपटारे म भी तेज ी आएगी।

. वयं सीखने के लए

परी ण क दोषारोपण णाली और ज ासु णाली कै सी है

काय

इसम यायाधीश अ भयोजक और बचाव वक ल क या भू मका है

परी ण

सा य क ा ता एवं अ ा ता या है

वशेष सा य या है और यह कतना मह वपूण है

ली बाग नग या है

. . आइए सं ेप कर

याय के त एक तकू ल कोण इस धारणा पर चलता है क स य होगा

सबसे अ ा होगा य द दोन प को अपने मामले सामने रखने क अनुम त द जाए

पंचायत। ज ासु णाली म अ भयु को चुप रहने का अ धकार है तथा प

ज ासु के मु य उ े य के प म उ ह शायद ही कभी इस अ धकार का योग करने क अनुम त द जाती है

णाली का उ े य सभी घटक क गहन जांच के मा यम से स य का पता लगाना है

अ भयु स हत आपरा धक याय णाली क । इस लए आरोपी है


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स यता सामने लाने के लए जांच म पूरा सहयोग करने क अपे ा क गई है

खुला आ. यायाधीश कई भू मकाएँ नभाते ह। वे कानून क ा या करते ह सबूत का आकलन करते ह

तुत कया जाता है और नयं त कया जाता है क उनक अदालत म सुनवाई और सुनवाई कै से होती है। अ धकांश

सबसे मह वपूण बात यह है क यायाधीश याय क खोज म न प नणय लेने वाले होते ह।

आदश लोक अ भयोजक को दोष स सु न त करने या इससे कोई सरोकार नह है

रा य सरकार के जन वभाग म वह रही है उ ह संतु करना

संपक करना। उसे वयं को याय का एजट मानना चा हए। के अ धकार

अ भयु म गर तारी के समय अ भयु के अ धकार शा मल ह

परी ण आ द क या के दौरान तलाशी और ज ती।

. . श दावली

नप सुनवाई प पात र हत सुनवाई जहां दोन प को बराबर का दजा दया जाता है

अपना प रखने का अवसर.

वशेष वशेष क प रभाषा के ावधान से संद भत कया जा सकता है

भारतीय सा य अ ध नयम क धारा के अनुसार वशेष का अथ ऐसे से है जसके पास वशेष यो यता हो

न न ल खत म से कसी म ान कौशल या अनुभव

वदे शी कानून

व ान

कला

लखावट या

उं गली का नशान और ऐसा ान उसके ारा इक ा कया गया है

क अ यास से

बी अवलोकन या

ग उ चत अ ययन।

. . स दभ

. बटु क लाल दं ड या सं हता क य कानून एजसी

सं करण
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. डेमर एचआर और फे यरचाइ ई. तुलना मक आपरा धक याय

स टम। कै लफ़ो नया सगेज ल नग।

. फे यरचाइ ई. तुलना मक आपरा धक याय णाली। कै लफ़ो नया

वड् सवथ काशन कं पनी।

. एनडी बसु दं ड या सं हता अशोक लॉ हाउस वां सं करण।

. पे स एफजे तुलना मक आपरा धक याय। डेवोन वलन

काशन.

. रतनलाल और धीरजलाल द कोड ऑफ मनल ोसीजर वाधवा एंड कं पनी वां सं करण। पुनमु ण.

. वॉडन जेपी एन इं ोड न टू कै ने डयन लॉ। सरा सं करण

टोरंटो एम ड म टगोमरी प लके शंस ल मटे ड।


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इकाई ।

भारत म नवारक उपाय

. उ े य

. . प रचय

. वषय ीकरण

. व श ा के लए

. . आइए सं ेप कर

. . श दकोष

. . संदभ

इकाई

. उ े य

इस इकाई का अ ययन करने के बाद व ाथ इसके बारे म समझ सकगे

. दं ड या सं हता के संबंध म ावधान

नवारक उपाय

. नवारक उपाय के संबंध म वशेष अ ध नयम।

. . प रचय

कसी क गत वतं ता प व है और रा य स ा प व नह हो सकती

कानून ारा नधा रत या का पालन कए बना इसे ले जाने क अनुम त द गई

अ यथा यह इसके तहत गारंट कृ त मौ लक अ धकार का उ लंघन होगा

सं वधान के अनु ेद और . अनु ेद जीवन और वतं ता का अ धकार दे ता है

अनु ेद कसी को कु छ मामल म गर तारी और हरासत से बचाता है।

नवारक नरोध एक कारावास है जसे सज़ा के प म नह दया जाता है

कसी अपराध के लए ले कन य द ऐसा है तो कसी को अपराध करने से रोकने के लए

ऐसा माना जाता है क अपराध कर सकता है। नवारक नरोध से ता पय है

वह त जब कसी को उसक वतं ता से वं चत कर दया जाता है और हरासत म रखा जाता है

उन पर कसी सं ेय आपरा धक अपराध का आरोप नह लगाया गया है या उन पर मुक दमा नह चलाया गया है

एक उ चत समय. इस श द म रा ीय के अनुसार हरासत शा मल है


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कानून के साथ साथ बना कसी कानूनी आधार के हरासत म लया गया। य द ऐसा नह होता

इसम वा त वक आपरा धक आरोप पर पकड़े गए य क सुनवाई पूव हरासत शा मल है।

नवारक नरोध दं डा मक नह ब क एक एह तयाती उपाय है। नवारक

याय म कसी को कोई भी अपराध करने से रोकना शा मल है जो वह कर सकता है

तब है ले कन अभी तक सद य के लए हा नकारक कोई काय नह कया है या नह कया है

समुदाय जो वह तब हो सकता है ले कन अभी तक नह कया है। लगभग हर म

ऐसे मामले जहां नवारक याय लागू कया जाता है कु छ क और असु वधा होती है

कसी सं द ध के कारण हो सकता है। यह अप रहाय है. ले कन पीड़ा है

उसक वतं ता या सु वधा से कह अ धक मह वपूण कसी चीज़ के लए दया गया

अथात् सावज नक सुर ा और े क र ा सु न त करने के लए।

वेब टर व लॉ ड नरी के अनुसार नवारक हरासत।

एक क़ानून क शत के तहत मुक दमा लं बत रहने तक आरोपी को कारावास म रखना है

कु छ अपराध करने के आरोप म तवा दय को जमानत दे ने से इनकार करने का अ धकार

अपराध और या खुद के लए या जनता के लए खतरा माने जाते ह

बड़ा।

. वषय ीकरण

. . . दं ड या सं हता म ावधान

नवारक नरोध का उ े य.

नवारक नरोध एक या शत उपाय है और इसका इससे कोई संबंध नह है

अपराध जब क आपरा धक कायवाही कसी को अपराध के लए दं डत करना है

उसके ारा तब . वे समानांतर कायवाही नह ह. के कानून का उ े य

नवारक नरोध दं डा मक नह ब क के वल नवारक है। इसका सहारा कब कब लया जाता है

कायपा लका का मानना है क ऐसी हरासत को रोकने के लए यह आव यक है

को कु छ व तु के त पूवा हपूण तरीके से काय करने से हरासत म लया गया है जो

संबं धत कानून ारा न द ह। ए को हरासत म लेने म कायपा लका क कारवाई

के वल एह तयात बरत रहा है सामा यतः मामले को छोड़ दे ना ही होगा


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कायकारी ा धकारी के ववेक पर. लेटना संभव नह है

हरासत के व तु न नयम. हरासत म लेने वाले ा धकारी क संतु पर कारवाई क जा सकती है

कसी भी साम ी पर और कसी भी जानकारी पर जो उसके पास हो। ऐसी साम ी

और जानकारी को के वल पया त प से मजबूत संदेह के आधार पर लया जा सकता है

कारवाई ले कन कानूनी सबूत के परी ण को पूरा नह कर सकती जसके आधार पर ही दोष स हो सकती है

अपराध के लए मा य होगा. आ दम क मजबू रय को बनाए रखने क ज रत है

समाज म व ा जसके बना सभी अ धकार का आनंद जसम अ धकार भी शा मल है

नाग रक क गत वतं ता अपने सभी अथ खो दे गी बशत

नवारक नरोध के कानून का औ च य. कानून जो ावधान करते ह

नवारक नरोध का अथ है क कसी का आचरण तकू ल है

सावज नक व ा का रखरखाव या रा य क सुर ा या व ीय त

आधार उ चत पूवानुमान के लए संतु का आधार दान करता है

अपराधी क ओर से भ व य म समान वृ य क संभा वत अ भ ।

इस े ा धकार को कभी कभी संदेह का े ा धकार भी कहा गया है।

लोकतां क वतं ता के मू य के संर ण क बा यता

समाज और सामा जक व ा गत वतं ता म कटौती के लए मजबूर कर सकती है।

थॉमस जेफ रसन ने एक बार कहा था ईमानदारी से पालन करके अपने दे श को खोना

ल खत कानून जीवन वतं ता और उन सभी के साथ कानून को ही खो दे गा

जो हमारे साथ आनंद ले रहे ह इस कार ज रत के लए बेतुके ढं ग से याग कर रहे ह। यह

न संदेह कानून को स म बनाने के लए सै ां तक े ा धकार संबंधी औ च य है

नवारक नरोध. ले कन कानून के शासन का वा त वक तरीका

नवारक नरोध अ यंत मह वपूण है। कानून को उ चत ठहराना होगा

एक ओर गत वतं ता और सरी ओर के बीच सही संतुलन ा पत करना

सरी ओर एक व त समाज क आव यकताएँ। भारत संघ बनाम छाया घोषाल आकाशवाणी

एससी .

भारत म नवारक हरासत क संवैधा नक वैधता।

नवारक नरोध अनु ेद के खंड के दायरे म आता है

हमारे भारत का सं वधान. सं वधान संसद और रा य को इसक इजाजत दे ता है


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संघ सूची क व के तहत वधानमंडल नवारक नरोध अ ध नयम बनाएगा।

संसद के पास नवारक नरोध से संबं धत कानून पा रत करने क श है

र ा वदे शी मामले या भारत क सुर ा से जुड़े कारण और भी

ऐसी नजरबंद के अधीन य के संबंध म। संसद और दोन

रा य वधानसभा को समवत सूची क व के तहत कानून पा रत करने क श ा त है

सुर ा से जुड़े कारण से नवारक हरासत के संबंध म

रा य का सावज नक व ा का रखरखाव या आपू त का रखरखाव और

समुदाय और ऐसी हरासत के अधीन य के लए आव यक सेवाएँ।

नवारक नरोध अ ध नयम क संवैधा नकता को चुनौती द गई थी

एके गो लान का मामला एआईआर एससी . । अ ध नयम को वैध माना गया। क नया सी.जे

कहा सामा य समय म नवारक नरोध यानी बना अ त व के

यु जैसे आपातकाल को सूची I म कानून के एक सामा य वषय के प म मा यता द गई है

व और सूची III अनुसूची क व । यहां तक क मौ लक अ याय म भी

अ धकार अनु ेद म नवारक नरोध के संबंध म कानून क प रक पना क गई है

सामा य समय. अनु ेद से तक के ावधान उनक श दावली से ही

ब और जोर पर कानून क बड़ी श य को अ भा वत छोड़

वशेषकर अनु ेद ारा कसी को वं चत करने क संसद क श याँ

अपने मामले पर सलाहकार बोड ारा वचार कराने का अ धकार। भाग III और अनु ेद

वशेष प से उस श पर के वल तबंध ह और ले कन उन लोग के लए

ावधान के अनुसार इस वषय पर कानून बनाने क श काफ होती

अ तबं धत. संसद बना कसी सुर ा उपाय के कानून बना सकती थी

नवारक नरोध क या. का इतना नरंकु श वच व

अनु ेद ारा न त प से वधा यका म कटौती क गई है। नवारक नरोध का कानून

इस लए अब न के वल अनु ेद ब क अनु ेद और य द क परी ा उ ीण करनी होगी

ऐसे कसी भी कानून क संवैधा नक वैधता को चुनौती द जाती है तो अदालत को ऐसा करना होगा

यह तय कर क कसी को इससे वं चत करने के लए इस तरह के कानून ारा नधा रत या या है

उसक गत वतं ता उ चत न प और यायसंगत है। सावज नक व ा सय

सावज नक व ा और कानून और व ा के े के बीच अंतर न हत नह है

काय क कृ त या समानता ले कन इसक प ंच क ड ी और सीमा म


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समाज। कानून और व ा और सावज नक क दो अवधारणा के बीच अंतर

ऑडर ठ क है ले कन इसका मतलब यह नह है क कोई ओवरलै पग नह हो सकती।

काय कृ त म समान होते ह ले कन व भ संदभ और प र तय म तब होते ह

भ भ त याएँ उ प कर सकता है। एक मामले म यह व श य को भा वत कर सकता है

के वल और इस लए कानून और व ा क सम या को छू ता है जब क सरे म यह हो सकता है

सावज नक व ा को भा वत कर. इस लए काय अपने आप म नधारक नह है

गु वाकषण। यह के जीवन क सम ग त को बगाड़ने क मता है

समुदाय जो इसे सावज नक व ा के रखरखाव के लए तकू ल बनाता है।

अशोक कु मार बनाम द ली शासन एआईआर एससी ।

अनु ेद . कु छ मामल म गर तारी और हरासत से संर ण

गर तार कए गए कसी भी को बना हरासत म नह रखा जाएगा

ऐसी गर तारी के आधार के बारे म यथाशी सू चत कया जाएगा और न ही उसे सू चत कया जाएगा

अपने कसी कानूनी वसायी से परामश करने और उसका बचाव करने के अ धकार से इनकार कर दया

पसंद

गर तार और हरासत म लए गए येक को पेश कया जाएगा

ऐसी गर तारी के चौबीस घंटे क अव ध के भीतर नकटतम म ज े ट के सम

गर तारी के ान से अदालत तक क या ा के लए आव यक समय को छोड़कर

म ज े ट और ऐसे कसी भी को उससे परे हरासत म नह रखा जाएगा

म ज े ट के अ धकार के बना उ अव ध

खंड और म कु छ भी लागू नह होगा

ए कसी भी के लए जो कु छ समय के लए श ु वदे शी है या

बी कसी भी को जसे कसी भी कानून के तहत गर तार या हरासत म लया गया है

नवारक नरोध

नवारक नरोध का ावधान करने वाला कोई भी कानून कसी क नरोध को अ धकृ त नह करेगा

तीन महीने से अ धक लंबी अव ध के लए जब तक क ए कोई सलाहकार बोड न हो

ऐसे य से मलकर बना है जो नयु होने के यो य ह या रहे ह या यो य ह

कसी उ यायालय के यायाधीश ने उ अव ध क समा त से पहले रपोट द है

तीन महीने तक उसक राय म ऐसी हरासत के लए पया त कारण ह


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बशत क इस उपधारा म कोई भी बात कसी को हरासत म लेने का अ धकार नह दे ती

संसद ारा बनाए गए कसी भी कानून ारा नधा रत अ धकतम अव ध से परे

उप खंड बी या

बी ऐसे को बनाए गए कसी कानून के ावधान के अनुसार हरासत म लया गया है

संसद ारा खंड के उप खंड ए और बी के तहत।

जब कसी को कसी कानून के तहत दए गए आदे श के अनुसरण म हरासत म लया जाता है

नवारक नरोध का ावधान करते ए आदे श दे ने वाला ा धकारी यथाशी ऐसा करेगा

जैसा भी हो ऐसे को उन आधार के बारे म सू चत कर जन पर आदे श दया गया है

बनाया गया है और उसे ज द से ज द बनाने का अवसर दया जाएगा

आदे श के व अ यावेदन

खंड म कु छ भी ा धकारी को ऐसा कोई आदे श दे ने क आव यकता नह होगी

उस खंड म उन त य का खुलासा करने के लए संद भत कया गया है ज ह ऐसा ा धकारी मानता है

खुलासा करना जन हत के खलाफ है

संसद कानून ारा नधा रत कर सकती है

ए वे प र तयाँ जनके अंतगत और मामल का वग या वग

जसके तहत कसी को तीन महीने से अ धक समय तक हरासत म रखा जा सकता है

कसी क राय ा त कए बना नवारक हरासत का ावधान करने वाला कोई भी कानून

सलाहकार बोड खंड के उप खंड ए के ावधान के अनुसार

बी वह अ धकतम अव ध जसके लए कोई भी कसी भी वग या े णय म रह सकता है

नवारक हरासत का ावधान करने वाले कसी भी कानून के तहत मामल को हरासत म लया जाना चा हए और

सी कसी जांच म सलाहकार बोड ारा अपनाई जाने वाली या

खंड का उप खंड ए । .

अनु ेद तीन अ धकार क गारंट दे ता है। सबसे पहले यह हर के अ धकार क गारंट दे ता है

जसे गर तार कया गया है उसे उसक गर तारी का कारण बताया जाना चा हए सरे उसका अ धकार

परामश ल और अपनी पसंद के वक ल से बचाव कराएं। तीसरा हर

गर तार और हरासत म लए गए को नकटतम म ज े ट के सम पेश कया जाएगा

चौबीस घंटे क अव ध के भीतर और के वल नरंतर हरासत म रखा जाएगा


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उसके अ धकार के साथ. ये सभी अ धकार बना कसी यो यता के ह और ह

इस लए नरपे प से।

हालाँ क अ धकार के सावभौ मक अनु योग के दो अपवाद ह

अनु ेद के पहले दो खंड के तहत गारंट द गई है। ये संबं धत ह

कोई भी जो कु छ समय के लए श ु वदे शी है या

कोई भी जसे कसी कानून के तहत गर तार या हरासत म लया गया हो

नवारक नरोध.

कसी को नवारक ावधान वाले कानून के तहत गर तार या हरासत म लए जाने के मामले म

नरोध वशेष ावधान अनु ेद के खंड से म न हत ह।

पहला अपवाद सं वधान सभा ने बना कसी अपवाद के वीकार कर लया

वरोध य क इसने एक ठोस स ांत को मूत प दया। उदाहरण के लए य द भारत यु म था

सरे दे श के साथ रा ीय सुर ा के वचार से गर तारी क मांग हो सकती है

और ऐसे को हरासत म लेना जो मन दे श का नाग रक है।

उसे अनु ेद और के तहत गारंट कृ त अ धकार नह दए जा सकते ह। ले कन कोई नह

ऐसा आसान औ च य सरे अपवाद के लए उपल है जो दान करता है

सामा य समय म भी नवारक हरासत। इस धारा पर चचा

सं वधान सभा हंगामेदार और तीखी थी।

इस तरह के खंड क शु आत के कारण को डॉ. ारा समझाया गया था।

अ बेडकर इस कार

यह मानना होगा क दे श क वतमान प र तय म यह हो सकता है

कायपा लका के लए कसी ऐसे को हरासत म लेना आव यक होगा जो छे ड़छाड़ कर रहा हो

सावज नक व ा या दे श क र ा सेवा के साथ। ऐसे मामले म म नह करता

सोच क क वतं ता क आव यकता को इससे ऊपर रखा जाएगा

रा य के हत।

हालाँ क डॉ. अ बेडकर के ीकरण एक बड़े वग को संतु करने म वफल रहे

सभा के ज ह ने इस ावधान क कड़े श द म आलोचना क ।

बहस का जवाब दे ते ए डॉ. अ बेडकर ने वशेष सुर ा उपाय पर जोर दया

सं वधान म तब भी स हत है जब कसी को गर तार कया जाता है और हरासत म लया जाता है


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एक नवारक नरोध कानून. उसने कहा

अगर हम सभी अपने उ े य को ा त करने के लए पूरी तरह से संवैधा नक तरीक का पालन करते ह तो म

सो चए त अलग होती और शायद इसक आव यकता भी होती

नवारक नरोध ब कु ल भी नह हो सकता है। ले कन म एक बनाने म सोचता ं

कानून के अनुसार हम सव म को नह ब क सबसे बुरे को यान म रखना चा हए। वहाँ हो सकता है

कई पा टयाँ और ऐसे ह गे जनम अनुसरण करने के लए पया त धैय नह होगा

संवैधा नक तरीके ले कन अपने उ े य तक प ंचने म अधीर ह और य द ऐसा है तो

उस उ े य से वे असंवैधा नक तरीक का सहारा लेते ह तो बड़ी घटना हो सकती है

कतने लोग को तैयार करने के लए कायपा लका ारा हरासत म लेना पड़ सकता है

मामले और व तृत कानूनी या को पूरा करने के लए वह सब कु छ कर जो आव यक है

नधा रत। या यह ावहा रक है

हालाँ क डॉ. अ बेडकर ने इसम दान कए गए सुर ा उपाय क ओर इशारा कया

तः पूण श क कठोरता को कम करने के लए सं वधान

अनु ेद के तहत नवारक नरोध क अनुम त।

सबसे पहले नवारक हरासत के येक मामले को कानून ारा अ धकृ त कया जाना चा हए। ये नह हो सकता

कायपा लका क इ ा पर.

सरे नवारक नरोध का कोई भी कानून आम तौर पर नरोध को अ धकृ त नह करेगा

कसी का तीन महीने से अ धक समय तक.

तीसरा तीन से अ धक अव ध के लए नवारक हरासत का येक मामला

महीन को य से बने एक सलाहकार बोड के सम रखा जाना चा हए

उ यायालय के यायाधीश के प म नयु के लए यो य। ऐसे मामले रखे जाने चा हए

तीन महीने क अव ध के भीतर बोड के सम । इसके बाद भी हरासत जारी रही

तीन महीने के वल बोड क अनुकू ल राय के आधार पर होने चा हए।

इस ावधान का एकमा अपवाद तब है जब संसद कानून ारा नधा रत करती है

वे प र तयाँ जनके अंतगत कसी को तीन से अ धक समय तक हरासत म रखा जा सकता है

सलाहकार बोड क राय के बना भी महीना।

चौथा कसी भी को कसी भी नवारक नरोध कानून के तहत हरासत म नह लया जा सकता है

अन त काल तक हरासत म रखा गया. हरासत क हमेशा अ धकतम अव ध होगी


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जसे संसद को कानून ारा नधा रत करना आव यक है।

पांचवां जन मामल को सलाहकार बोड के सम रखा जाना आव यक है

बोड ारा पालन क जाने वाली या संसद ारा नधा रत क जाएगी।

छठा जब कसी को नवारक हरासत के कानून के तहत हरासत म लया जाता है

हरासत म लेने वाला ा धकारी उसे उन आधार के बारे म सू चत करेगा जन पर आदे श दया गया है

बन गया। इससे उसे ज द से ज द इसे बनाने का अवसर भी मलना चा हए

आदे श के व अ यावेदन.

डॉ. अ बेडकर के अनुसार सबसे बड़ा सुर ा उपाय या वह नवारक हरासत है

कानून के तहत ही होता है. यह कायपा लका क इ ा पर नह हो सकता. ये भी

मामल क व भ े णय के बीच अंतर करना आव यक है। वहाँ

हरासत के मामले हो सकते ह जहां प र तयां ब त गंभीर ह और

प रणाम इतने खतरनाक ह क इसक अनुम त दे ना भी उ चत नह होगा

बोड के सद य कसी क हरासत के संबंध म त य जानगे

वशेष .

ऐसे त य का खुलासा रा य क सुर ा के लए ब त खतरनाक हो सकता है

इसका अ त व ही है. ले कन यहां भी दो प र तयाँ कम करने वाली ह। पहला

ऐसे मामल को संसद ारा प रभा षत कया जाएगा। उन पर मनमाने ढं ग से नणय नह लया जाना चा हए

कायकारी ारा. सरे येक मामले म अ धकतम अव ध होगी

कानून ारा नधा रत हरासत.

नवारक हरासत के लए क य कानून आपरा धक सं हता

या Cr.PC

नवारक हरासत क श पु लस को धारा और के तहत द गई है

आपरा धक या सं हता. नवारक गर तारी का अथ है क गई गर तारी

धारा से और सीआरपीसी के तहत और ानीय पु लस अ ध नयम के तहत

जसम समान ावधान ह । जब क गर ता रय के बीच ेक अप के तहत क गई

धारा और धारा से तक नह द गई है हम वहां इसे पहचानना होगा

उनके बीच गुण ा मक अंतर है।


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पु लस क नवारक कारवाई

. सं ेय अपराध को रोकने के लए पु लस.

येक पु लस अ धकारी रोकने के उ े य से ह त ेप कर सकता है और करेगा

अपनी सव म मता से कसी भी सं ेय अपराध को होने से रोक सकता है।

. सं ेय अपराध करने क योजना क जानकारी.

येक पु लस अ धकारी को कसी भी सं ेय अपराध को अंज ाम दे ने क योजना क जानकारी मल रही है

अपराधी ऐसी जानकारी उस पु लस अ धकारी को सं े षत करेगा जसका वह है

अधीन और कसी अ य अ धकारी को जसका कत रोकना या लेना है

ऐसे कसी भी अपराध के घ टत होने का सं ान.

. सं ेय अपराध को घ टत होने से रोकने के लए गर तारी।

एक पु लस अ धकारी जो कसी सं ेय अपराध को करने क योजना के बारे म जानता हो

म ज े ट के आदे श के बना और वारंट के बना को गर तार कर सकता है

इस लए डज़ाइन करना य द ऐसे अ धकारी को यह तीत होता है क अपराध कया गया है

अ यथा रोका नह जा सकता.

उप धारा के तहत गर तार कए गए कसी भी को हरासत म नह लया जाएगा

उसक गर तारी के समय से चौबीस घंटे से अ धक क अव ध जब तक क उसक गर तारी न हो जाए

इस सं हता या इसके कसी भी अ य ावधान के तहत हरासत आव यक या अ धकृ त है

कोई अय कानून के लए समय ाणी म बल।

. सावज नक संप को त क रोकथाम.

एक पु लस अ धकारी कसी भी चोट को रोकने के लए अपने अ धकार से ह त ेप कर सकता है

उनके वचार म कसी भी सावज नक संप चल या के त तब होने का यास कया गया

अचल या कसी सावज नक ल च ह या बोया या अ य क चोट को हटाना

ने वगेशन के लए उपयोग कया जाने वाला च .


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. बाट एवं माप का नरी ण.

पु लस टे शन का कोई भी भारी अ धकारी बना वारंट के वेश कर सकता है

नरी ण के योजन के लए ऐसे टे शन क सीमा के भीतर कोई भी ान

उपयोग कए गए या रखे गए कसी बाट या माप या तौल के लए उपकरण क खोज करना

उसम जब भी उसके पास यह व ास करने का कारण हो क ऐसी जगह पर कोई है

बाट माप या तौलने के उपकरण जो म या ह।

य द उसे ऐसे ान पर कोई बाट माप या तौलने के उपकरण मल

जो गलत ह वह उसे ज त कर सकता है और तुरंत इसक जानकारी दे गा

अ धकार े रखने वाले म ज े ट को ऐसी ज ती।

आलोचना

नवारक नरोध को इसम शा मल कए जाने के बाद से कई आलोचक का सामना करना पड़ रहा है

सं वधान। नवारक हरासत के पयोग क हमेशा आलोचना क जाती है

समाज।

पहली आलोचना यह है क इसके लए नवारक हरासत क कोई आव यकता नह है

आंत रक सुर ा बनाए रखने का उ े य। सं वधान क सूची III क व

भारत क जो संसद और रा य वधानसभा को नवारक पा रत करने क अनुम त दे ती है

शां त के समय म सावज नक व ा के रखरखाव या के लए हरासत कानून

समुदाय के लए आव यक आपू त और सेवा का रखरखाव। ये मानते ए

नवारक हरासत को रा ीय सुर ा के हत म उ चत ठहराया जा सकता है

सं वधान क सूची I क व म पहचाना गया अभी भी कोई बा यकारी नह है

पहचानी गई प र तय म इस असाधारण उपाय क अनुम त दे ने का कारण

सूची III क व .

सरे अनु ेद के तहत येक गर तार को पेश कया जाना चा हए

गर तारी के घंटे के भीतर म ज े ट के सम । हालाँ क अनु ेद बी

खंड से नवारक नरोध बं दय को छू ट दे ता है और प रणाम व प यह

मानवा धकार के हत म इसे नर त कया जाना चा हए। वतमान म बं दय को रखा गया


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नवारक नरोध कानून के तहत बना कसी कार के हरासत म रखा जा सकता है

तीन महीने तक क समी ा हरासत म एक अकारण लंबी अव ध

वशेष प से यातना के वा त वक खतरे को दे ख ते ए। कम से कम सरकार

अंततः चवालीसव संशोधन अ ध नयम क धारा को लाया जाना चा हए

भाव जससे हरासत क अनुमत अव ध को घटाकर दो महीने कर दया गया।

हालाँ क यह कदम अभी भी अंतररा ीय मानवा धकार कानून का उ लंघन है

कम से कम यातना क घटना म उ लेख नीय कमी लाएँ।

तीसरा सलाहकार बोड क समी ा या सं वधान ारा नधा रत है

कायकारी नणय लेने क कायकारी समी ा शा मल है। के अभाव

या यक सं ल तता बं दय के वतं के सम पेश होने के अ धकार का उ लंघन करती है

और न प याया धकरण अंतररा ीय मानवा धकार का सीधा उ लंघन है

आईसीसीपीआर अनु ेद और सावभौम घोषणा स हत कानून

मानवा धकार अनु ेद ।

चौथा नवारक हरासत के तहत रखे गए य को अव य दया जाना चा हए

कानूनी सलाह का अ धकार और अनु ेद ारा दान कए गए अ य बु नयाद या मक अ धकार

सं वधान के और . सं वधान के अनु ेद के लए

उदाहरण के लए कानूनी सलाह के अ धकार क गारंट दे ता है ले कन अनु ेद बी इसे छ न लेता है

नवारक नरोध कानून के तहत गर तार या हरासत म लए गए य से अ धकार।

इन ावधान पर भरोसा करते ए सु ीम कोट ने एके रॉय बनाम यू नयन ऑफ मामले म कहा

भारत क बं दय को कानूनी त न ध व या ॉस का अ धकार नह है

सलाहकार बोड क सुनवाई म परी ण।

नाग रक और राजनी तक अ धकार पर अंतरा ीय सं वदा का अनु ेद

आईसीसीपीआर जसे भारत ने अनुमो दत कया है वीकाय प से अपमान क अनुम त दे ता है

आपातकाल क त के दौरान कु छ गत वतं ता क गारंट दे ना।

हालाँ क सरकार ने इस वशेषा धकार का योग नह कया है और न ही कर सकती है

भारत क वतमान त अनु ेद म नधा रत मानक से संतु नह है।

वशेष या मक सुर ा क त काल आव यकता है i बं दय क सं या कम करने के लए

यातना और भेदभावपूण वहार के त संवेदनशीलता ii अ धका रय को रोकने के लए

सरकार या सरकार से असहम त को दं डत करने के लए नवारक हरासत का पयोग करना


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ब सं यक थाएँ और iii अ त उ साही सरकारी अ भयोजक को रोकना

आपरा धक या को न करने से.

ICCPR के अनु ेद म कहा गया है जो कोई भी गर तार कया जाएगा उसे सू चत कया जाएगा

गर तारी का समय उसक गर तारी के कारण और तुरंत सू चत कया जाएगा

उसके ख़लाफ़ कसी भी आरोप के बारे म। पीएसए म आरोप लगाना शा मल नह है

सभी हालाँ क इसके लए आव यक है क अ धकारी गर तार को इसक सूचना द

दन अ धकतम दन के भीतर गर तारी का आधार ले कन अ ध नयम क धारा ।

अ धका रय को सावज नक हत के कारण कसी भी त य को छपाने क अनुम त दे ता है।

रा य के वक ल क रपोट है क इस ावधान क ब त ापक प से ा या क गई है

और यह क बं दय को इसके आधार के बारे म सू चत न करना वा तव म आम बात है

ब कु ल उनक हरासत.

ICCPR के अनु ेद म कहा गया है कोई भी जो अपनी वतं ता से वं चत है

गर तारी या हरासत म लए जाने पर आदे श के अनुसार अदालत के सम कायवाही करने का अ धकार होगा

क अदालत उसक हरासत क वैधता पर बना कसी दे री के नणय ले सकती है

य द हरासत वैध नह है तो उसक रहाई का आदे श द। बंद य ीकरण का अ धकार है

भारत म संवैधा नक प से सुर त हालाँ क वहार म उ के करीब प ँचना

पीएसए के तहत हरासत आदे श क वैधता का पता लगाने के लए रा य म यायालय

यह एक लंबी या है जसके शायद ही कभी संतोषजनक प रणाम मलते ह। रा य अ सर

अदालत म पेश होने या अनुरोध के लए अदालत के आदे श के साथ सहयोग नह करता है

द तावेज ी सा य और ज री नह क यह अदालत के फै सल का स मान करता हो।

आईसीसीपीआर अनु ेद म आगे बताता है जो कोई भी इसका शकार आ है

गैरकानूनी गर तारी या हरासत म मुआ वजे का लागू करने यो य अ धकार होगा।

भारतीय कानून म ऐसा कोई ावधान नह है.

. . . वशेष अ ध नयम

पहला नवारक नरोध अ ध नयम म संसद ारा पा रत कया गया था

गोपालन म ज द ही अ ध नयम क वैधता को सव यायालय के सम चुनौती द गई

बनाम म ास रा य। मामले क सुनवाई यायालय के छह यायाधीश और येक ने क

यायाधीश ने एक अलग राय लखी।


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येक ने सामा य प से मौ लक अ धकार के दायरे क जांच क है

सं वधान म गत वतं ता क वषय व तु का भी व तार से व ेषण कया गया है। से

ब मत के आधार पर यायालय ने अ ध नयम क धारा को छोड़कर अ ध नयम को बरकरार रखा

सवस म त से अवैध घो षत कया गया। हालाँ क इस खंड क अमा यता नह थी

शेष अ ध नयम को भा वत कर य क इसे शेष ावधान से अलग कया जा सकता है।

से तक दो दशक क अव ध के लए एक संसद य अ ध नयम बनाया गया

दे श म नवारक हरासत जारी रही। नवारक

के नरोध अ ध नयम म सात बार संशोधन कया गया हर बार तीन क अव ध के लए

वष इस कार इसे दसंबर तक बढ़ा दया गया।

इसे आगे नह बढ़ाया गया इस लए तब से कोई रोकथाम नह ई है

पूरे दे श के लए हरासत कानून। हालाँ क कु छ रा य पा रत हो गए

म नवारक हरासत पर कानून। म संसद ने एक संशो धत कानून पा रत कया

रखरखाव शीषक के तहत पुराने नवारक नरोध अ ध नयम का सं करण

आंत रक सुर ा अ ध नयम MISA जो तक अ त व म रहा

ख़ म कर दया गया.

हालाँ क म MISA का एक संशो धत सं करण शीषक के तहत पा रत कया गया था

रा ीय सुर ा अ ध नयम जसे सव ारा संवैधा नक प से बरकरार रखा गया था

म कोट.

इसी तरह का एक अ ध नयम बाद म संसद ारा आतंक वाद के म े नजर पा रत कया गया

पंज ाब म ग त व धय को आतंक वाद और वघटनकारी ग त व धयाँ रोकथाम के प म जाना जाता है

अ ध नयम टाडा कायपा लका को इसम शा मल करने म स म बनाता आ काया वत हो रहा है

आतंक वाद ग त व धय के सं द ध य क हरासत और नवारक हरासत।

दे श को बड़ी मु कल से मली आजाद क र ा के लए अभी भी सतकता क ज रत है

तोड़फोड़ और हसक ां त क ताकत से रा ीय एकता। जब तक क

येक पाट या समूह अपने उ े य को ा त करने के लए संवैधा नक साधन को वीकार करता है

उनका अ यास कर वशेष ावधान जैसे नवारक नरोध कानून और

भारत म अभी भी TADA क ज रत पड़ सकती है.

आतंक वाद नरोधक अ ध नयम पोटा एक आतंक वाद वरोधी अ ध नयम था

म भारत क संसद ारा अ ध नय मत कानून। इस अ ध नयम ने त ा पत कया


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का आतंक वाद नरोधक अ यादे श POTO और आतंक वाद और

वघटनकारी ग त व धयां रोकथाम अ ध नयम ट एडीए और इसका समथन कया गया

स ा ढ़ रा ीय जनतां क गठबंधन ारा। इस अ ध नयम को म नर त कर दया गया था

संयु ग तशील गठबंधन गठबंधन ारा.

अ ध नयम ने प रभा षत कया क आतंक वाद कृ य और आतंक वाद या है और वशेष दान कया गया

अ ध नयम के तहत व णत जांच अ धका रय को श यां। सु न त करने के लए

श य का पयोग नह होगा और मानवा धकार का उ लंघन नह होगा

अ ध नयम म व श सुर ा उपाय बनाए गए थे। नए कानून के तहत एक सं द ध हो सकता है

अदालत म आरोप प दा खल कए बना दन तक हरासत म रखा जा सकता है। यह भी

कानून वतन एज सय को गवाह क पहचान छपाने क अनुम त द और

पु लस के सम क गई वीकारो को अपराध वीकारो के प म मान। नय मत के अंतगत

भारतीय कानून के मुता बक कोई अदालत म ऐसे बयान से इनकार कर सकता है ले कन पोटा के तहत नह ।

गैरकानूनी ग त व धयां रोकथाम अ ध नयम ।

गैरकानूनी ग त व धयां रोकथाम अ ध नयम का उ े य भावी रोकथाम करना है

भारत म गैरकानूनी ग त व धयाँ संघ। सं वधान सोलहवाँ

संशोधन अ ध नयम कानून ारा उ चत तबंध लगाने के लए अ ध नय मत कया गया था

भारत क सं भुता और अखंडता के हत म। लागू करने के लए

अ ध नयम के ावधान गैरकानूनी ग त व धयाँ रोकथाम अ ध नयम थे

सं भुता के हत म कानून ारा उ चत तबंध लगाने के लए अ ध नय मत कया गया

और भारत क अखंडता पर

भाषण और अ भ क वतं ता

शां तपूवक और बना ह थयार के इक ा होने का अ धकार और

संघ या यू नयन बनाने का अ धकार.

गैरकानूनी ग त व धयां रोकथाम अ ध नयम म गैरकानूनी ारा संशोधन कया गया था

ग त व धयां रोकथाम संशोधन अ ध नयम को शा मल करने के लए

पोटा के ावधान जसे संसद ारा नर त कर दया गया था

इसके कठोर ावधान के खलाफ रा ापी वरोध दशन। गैरकानूनी ग त व धयां

रोकथाम संशोधन अ ध नयम पोटा को वापस लेने के बाद अ ध नय मत कया गया


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संसद। हालाँ क पछले संशोधन अ ध नयम म अ धकांश ावधान

पोटा को शा मल कया गया इस कार इसे समान प से कठोर बना दया गया। इसके बाद म

मुंबई हमल से इसे और बल मला.

रा ीय सुर ा अ ध नयम

धारा बी हरासत आदे श का अथ धारा के तहत दया गया आदे श है

. क सरकार या रा य सरकार

ए य द कसी के संबंध म उसे रोकने क से संतु ह

भारत क र ा संबंध के तकू ल कसी भी तरीके से काय करने से

वदे शी श य के साथ भारत या भारत क सुर ा या

बी य द कसी वदे शी के संबंध म संतु ह क उसके व नयमन क से

भारत म नरंतर उप त या उसके लए व ा करने क से

भारत से न कासन ऐसा करना आव यक है ऐसा नदश दे ने वाला आदे श बनाय

को हरासत म लया जाए.

क सरकार या रा य सरकार संतु होने पर ऐसा कर सकती है

कसी भी के संबंध म उसे कोई भी काय करने से रोकने क से

रा य क सुर ा के लए तकू ल तरीके से या कसी भी तरीके से काय करने से

सावज नक व ा बनाए रखने या कसी भी तरीके से काय करने पर तकू ल भाव डालना

के लए आव यक आपू त और सेवा के रखरखाव पर तकू ल भाव डालता है

समुदाय के लए ऐसा करना आव यक है ऐसे को नद शत करते ए एक आदे श जारी कर

हरासत म लया।

ीकरण. इस उपधारा के योजन के लए कसी भी तरीके से काय करना

के लए आव यक आपू त और सेवा के रखरखाव पर तकू ल भाव डालता है

समुदाय म कसी भी तरह से पूवा हपूण काय करना शा मल नह है

समुदाय के लए आव यक व तु क आपू त का रखरखाव जैसा प रभा षत कया गया है

कालेधन क रोकथाम क धारा क उपधारा के ीकरण म

आव यक व तु क आपू त का वपणन और रखरखाव अ ध नयम

और तदनुसार इस अ ध नयम के तहत कसी को भी हरासत म लेने का कोई आदे श नह दया जाएगा

वह आधार जस पर उस अ ध नयम के तहत हरासत का आदे श दया जा सकता है।


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य द कसी भी च लत या बल होने क संभावना वाली प र तय को यान म रखते ए

जला म ज े ट या ए के अ धकार े क ानीय सीमा के भीतर े

पु लस आयु रा य सरकार इस बात से संतु ह क ऐसा करना आव यक है

ऐसा करने के लए वह ल खत आदे श ारा नद शत कर सकता है क ऐसी अव ध के दौरान

आदे श म न द ऐसे जला म ज े ट या पु लस आयु कर सकते ह

साथ ही य द उपधारा म दए गए ावधान से संतु ह तो द श य का योग कर

उ उपधारा

बशत क रा य सरकार ारा दए गए आदे श म न द अव ध

इस उप धारा के तहत पहली बार म तीन महीने से अ धक नह होगा ले कन

रा य सरकार य द उपरो से संतु हो क ऐसा करना आव यक है

ऐसी अव ध को समय समय पर कसी भी अव ध तक बढ़ाने के लए ऐसे आदे श म संशोधन कर

कसी एक समय म तीन महीने से अ धक.

जब इस धारा के तहत कोई आदे श उप म उ ल खत अ धकारी ारा कया जाता है

धारा वह तुरंत उस रा य सरकार को इस त य क रपोट करेगा

वह उन आधार के अधीन है जन पर आदे श दया गया है

और ऐसे अ य ववरण जो उनक राय म मामले पर असर डालते ह और

ऐसा कोई भी आदे श बनने के बाद बारह दन से अ धक समय तक लागू नह रहेगा

जब तक इस बीच इसे रा य सरकार ारा अनुमो दत नह कया गया हो

बशत क जहां धारा के तहत हरासत के आधार बताए गए ह

अ धकारी ारा पांच दन के बाद ले कन दस दन से अ धक बाद आदे श नह दया जाएगा

हरासत क तारीख यह उपधारा संशोधन के अधीन लागू होगी

क बारह दन श द के ान पर पं ह दन श द त ा पत कये जायगे।

जब इसके अंतगत रा य सरकार ारा कोई आदे श कया जाता है या अनुमो दत कया जाता है

अनुभाग रा य सरकार सात दन के भीतर इस त य क रपोट करेगी

क सरकार ने जन आधार पर आदे श दया है

कया गया और ऐसे अ य ववरण जो रा य सरकार क राय म

आदे श क आव यकता पर असर पड़ता है।


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बॉ बे पु लस अ ध नयम

जब कायकारी अ धका रय पर कानून बनाए रखने क ज मेदारी स पी गई

उनके अ धकार े म आदे श सावज नक व ा के पास यह व ास करने के कारण ह क ग त व धयाँ

कसी क हरकत जनता को बनाए रखने के लए हा नकारक तकू ल होती ह

शां त और जीवन का सुचा वाह ऐसे अ धकारी सीपी डीएम अ धकृ त कर सकते ह

और ऐसे को व भ नवारक हरासत के तहत हरासत म लेने का आदे श द

कानून।

पु लस आयु और उनके अधीन े म जला म ज े ट

संबं धत आरोप बॉ बे पु लस अ ध नयम क धारा के तहत ल खत प म आदे श जारी कर सकते ह

म कसी भी सभा या जुलूस को जब भी और जतने समय तक तबं धत कया गया

सावज नक व ा के संर ण के लए इस तरह के नषेध को आव यक समझ। ऐसा

ह थयार तलवार आ द ले जाने पर रोक लगाने के लए ल खत आदे श भी जारी कया जा सकता है.

भाले ब क चाकू ला ठयाँ या कोई अ य व तु जो करने म स म हो

शारी रक हसा पैदा करने के लए इ तेमाल कया जा रहा है।

अ य रा य वधान

. ज मू और क मीर म मादक पदाथ के अवैध ापार क रोकथाम और

साइको ॉ पक

पदाथ अ ध नयम

. कनाटक म बूटलेगस नशीली दवा क खतरनाक ग त व धय क रोकथाम

अपराधी

जुआ री गुंडे अनै तक ापार अपराधी और झु गी झोपड़ी क जाने वाले अ ध नयम

. महारा सां दा यक असामा जक और अ य खतरनाक क रोकथाम

ग त व धयाँ अ ध नयम

. महारा लम लॉड् स क खतरनाक ग त व धय क रोकथाम

बूटलेगस और ग

अपराधी अ ध नयम

. त मलनाडु म बूटलेगस नशीली दवा क खतरनाक ग त व धय क रोकथाम

अपराधी वन
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अपराधी गुंडा अनै तक ापार अपराधी और झु गी झोपड़ी क जाने वाले अ ध नयम

. छ ीसगढ़ वशेष लोक सुर ा अ ध नयम

. म य दे श वशेष लोक सुर ा अ ध नयम

. के रल के रल रा य ने के रल असामा जक ग त व धयाँ अ ध नय मत क

रोकथाम अ ध नयम

. त मलनाडु त मलनाडु क खतरनाक ग त व धय क रोकथाम

बूटलेगस नशीली दवा के अपराधी वन अपराधी गुंडे अनै तक ापार

अपराधी और झु गी झोपड़ी पकड़ने वाले अ ध नयम ।

. महारा संग ठत अपराध नयं ण अ ध नयम

. वयं सीखने के लए

. नवारक हरासत क संवैधा नक वैधता या है

. Cr के ावधान पर व तार से चचा कर। रोकथाम के संबंध म पी.सी

कै द

. नवारक नरोध के संबंध म अ य वशेष कानून पर चचा कर

. या आप सहमत ह क नवारक नरोध क अवधारणा आव यक बुराई है

. . आइए सं ेप कर

नवारक नरोध के कु छ फायदे और नुक सान दोन ह

अ य कानून. ले कन इस श का उपयोग ब त सी मत होना चा हए या हो सकता है

जु म का ह थयार ब त आसानी से। भारत नया के कु छ दे श म से एक है

जसका सं वधान शां तकाल के दौरान नवारक हरासत क इजाजत दे ता है

सुर ा उपाय ज ह अ य सुर ा के लए बु नयाद आव यकताएं समझा जाता है

मौ लक मानवा धकार. उदाहरण के लए यूरोपीय मानवा धकार यायालय

जैसा क भारतीय म माना जाता है उसने लंबे समय से नवारक हरासत को बरकरार रखा है

सं वधान मानवा धकार पर यूरोपीय क वशन के तहत अवैध है

कानून म स हत सुर ा उपाय क परवाह कए बना।

नवारक नरोध को समाज को सुर ा दान करने के लए तैयार कया गया है। कोई भी नवारक

उपाय भले ही उनम य पर कु छ तबंध या क ठनाई शा मल हो कर


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कसी भी तरह से सज़ा क कृ त म भाग नह लेते ह ले कन इसके मा यम से ले लए जाते ह

रा य को शरारत से बचाने के लए एह तयात।

नवारक नरोध कसी को न करने के लए पूरी तरह से सरकार ारा आर त एक व ध

पूव जाग कता के बना अपनी वतं ता को रोक रहा है

मामले के बारे म अदालत को हमेशा नरंकु शता ड ी के संके तक के प म दे ख ा जाता है

यह इस बात पर नभर करता है क कसी के अ धकार का कस हद तक दमन कया जाता है

यायपा लका क भागीदारी के बना. इस कार इसके आधार पर एक उ चत

उदार लोकतं म यूनतम नवारक नरोध उपाय उपल ह गे

सरकार के लए. उदाहरण के लए भारत सरकार ने कानून बनाया है

क श याँ दान करते ए के य तथा रा य तर पर अनेक अ ध नयम पा रत कये

म द धारा के अ त र वशेष मामल म नवारक नरोध

सी.आर.पी.सी

नवारक म संशोधन करते समय न न ल खत बात पर वचार करना आव यक है

हरासत कानून.

बं दय को उनक गर तारी के सभी कारण के बारे म तुरंत सू चत कया जाना चा हए

कानूनी मांग करते समय उ ह भावी ढं ग से अपना मामला पेश करने म स म बनाने के लए हरासत म रखना

नवारण. हरासत म लए गए लोग के र तेदार को तुरंत हरासत आ द के बारे म सू चत कया जाता है

बं दय का ानांतरण. बं दय को वक ल तक नय मत प ंच मलनी चा हए

कानून के तहत प रवार के सद य और च क सा दे ख भाल को अ नवाय बनाया जाना चा हए यह सु न त कर

काया वयन। कसी को भी यातना और ू रता अमानवीय या अपमानजनक नह दया जाता है

हरासत म रहने के दौरान उपचार या सज़ा।

. . श दकोष

नवारक नरोध वेब टर व लॉ ड नरी के अनुसार

नवारक हरासत एक आरोपी को मुक दमे के लं बत रहने तक कारावास म रखना है।

आरोप लगाए गए तवा दय को जमानत दे ने से इनकार करने का अ धकार दे ने वाले क़ानून क शत

कु छ अपराध कए ह और या खुद के लए ख़तरा माने जाते ह

या बड़े पैमाने पर जनता के लए।


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. . संदभ

संदभ के लए के स कानून

सीबीकहर बनाम एनएल कलना एआईआर एससी ।

जहांगीरखान बनाम पु लस क म र। अहमदाबाद एआईआर एससी ।

रमेश बनाम गुज रात रा य एआईआर एससी ।

शेख हनीफ बनाम टे ट ऑफ ड यूबी एआईआर एससी ।

नबानी बनाम टे ट ऑफ ड यूबी एआईआर एससी ।

गाजी खान बनाम राज ान रा य एआईआर एससी ।

सुनील फू लचंद शाह बनाम भारत संघ एआईआर एससी ।

वजय कु मार बनाम ज मू एवं क मीर रा य एआईआर एससी

वजय कु मार बनाम भारत संघ एआईआर एससी ।

अलीजान मयां बनाम जला दं डा धकारी धनबाद ए.आई.आर. एससी

पूनम लता बनाम एमएलवधावन एआईआर एससी

बाल चंद बंसल बनाम भारत संघ एआईआर एससी

संज ीव कु मार अ वाल बनाम यू नयनऑफ इं डया एआईआर एससी ।

जय सह बनाम ज मू एवं क मीर रा य एआईआर एससी ।

बनोद सह बनाम जला म ज े ट धनबाद एआईआर एससी ।

गुलाब मेहरा बनाम उ र दे श रा य एआईआर एससी ।

एन. मीरा रानी बनाम सरकार। ट एन एआईआर एससी का।

अहमद सैन बनाम पु लस क म र। अहमदाबाद एआईआर एससी ।

आनंद काश बनाम उ र दे श रा य एआईआर एससी ।

सुशांत बनाम टे ट ऑफ ड यूबी एआईआर एससी ।

इमाम शेख बनाम टे ट ऑफ ड यूबी एआईआर एससी ।

एसके . सलीम बनाम टे ट ऑफ़ ड लूबी एआईआर एससी ।

वसी उ न अहमद बनाम जला म ज े ट अलीगढ़ एआईआर एससी

हेमलता बनाम महारा रा य एआईआर एससी ।

शव रतन मक म बनाम भारत संघ एआईआर एससी ।

सोनम य गडा बनाम स कम रा य एआईआर एससी ।


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राज कु मार बनाम गुज रात रा य एआईआर एससी ।

योगे मुरारी बनाम उ र दे श रा य एआईआर एससी ।

सैयद फा क मोह मद बनाम भारत संघ एआईआर एससी ।

पु तक

. बटु क लाल दं ड या सं हता क य कानून एजसी सरा सं करण

. रतनलाल और धीरजलाल द कोड ऑफ मनल ोसीजर वाधवा एंड कं पनी वां सं करण। पुनमु ण.

. एनडी बसु दं ड या सं हता अशोक लॉ हाउस वां सं करण।

. एमपी जैन भारतीय संवैधा नक कानून वाधवा एंड कं पनी नागपुर

. एचएम सरवई संवैधा नक कानून

. डॉ. सैट स ज़वारी मनल मेज र ए ट। तीसरा सं करण पुनमु ण

. दं ड या सं हता

. आतंक वाद और वघटनकारी ग त व धयाँ रोकथाम अ ध नयम

. आंत रक सुर ा रखरखाव अ ध नयम MISA

. आतंक वाद और वघटनकारी ग त व धयाँ रोकथाम अ ध नयम सामा यतः

टाडा के नाम से जाना जाता है

. आतंक वाद रोकथाम अ ध नयम पोटा

. वदे शी मु ा का संर ण एवं त करी ग त व धय क रोकथाम

अ ध नयम का

. महारा संग ठत अपराध नयं ण अ ध नयम ।

. वदे शी मु ा का संर ण और त करी क रोकथाम

ग त व धयाँ अ ध नयम का COFEPOSA

. रा ीय सुर ा अ ध नयम

. आतंक वाद और वघटनकारी ग त व धयाँ रोकथाम अ ध नयम

. ब बई पु लस अ ध नयम

. एमपीडीएसीट । महारा ।

. http www.hrdc.net sahrdc HRF


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इकाई

प रचया मक

. . उ े य.

. . प रचय

. वषय ीकरण

. . पेनोलॉजी क प रभाषा

. वयं सीखने के लए

. . आइए सं ेप कर

. . श दकोष

. . संदभ

इकाई प रचया मक

. . उ े य.

इस इकाई का अ ययन करने के बाद व ाथ स म हो जायेगा

. पेनोलॉजी क अवधारणा को समझ

. पेनोलॉजी क व भ प रभाषा से प र चत ह

. . प रचय

पेनोलॉजी श द लै टन श द पोएना से लया गया है जसका अथ है सज़ा ।

और ीक यय लॉजी अ ययन । यह अपराध व ान का एक खंड है जो संबं धत है

अपने यास म व भ समाज के दशन और अ यास के साथ

आपरा धक ग त व धय का दमन कर और उ चत मा यम से जनता क राय को संतु कर

आपरा धक अपराध के दोषी य के लए उपचार व ा।

पेनोलॉजी का संबंध उन सामा जक या क भावशीलता से है जो तैयार क गई ह

और दमन या नषेध के मा यम से अपराध क रोकथाम के लए अपनाया गया

सज़ा के डर से आपरा धक इरादा.


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. वषय ीकरण

. . पेनोलॉजी क अवधारणा

हम सबसे पहले इस बात पर वचार करना होगा क सज़ा का मतलब या है। सज़ा हो सकती है

दद या पीड़ा के अ य प जैसे ददनाक उपचार से अलग

ऐसी च क सीय त के लए जहां त नै तकता क अ भ नह है

नदा न क हमारे कु कम क त या। सज़ा नै तकता पर आधा रत है

कारण नयम के जवाब म नै तक नदा क अ भ

उ लंघन. दरअसल फ नबग नदा या नदा को संद भत करता है

सज़ा क प रभा षत वशेषता. फ नबग कहते ह सज़ा म या अंतर है

इसका अ भ ंज क काय है सजा एक पारंप रक उपकरण है

नाराजगी और आ ोश क अ भ । सज़ा सं ेप म है

एक तीका मक मह व अ य कार के दं ड से काफ हद तक गायब है फ़नबग ।

. फ़टबॉल म दं ड क तुलना कारावास से नह क जा सकती

सावज नक नदा. सज़ा वापस पाने का एक तीका मक तरीका है

आपरा धक एक कार का तशोधा मक आ ोश करना वही ।

उनका कहना है क नदा या भ सना आ ोश और नदा को जोड़ती है।

. पेनोलॉजी क प रभाषा

पेनोलॉजी सज़ा और दं ड के व भ पहलु से संबं धत है

नी तयाँ. अपरा धय को दं डत करने क व भ व ा का भी अ ययन कया जाता है

पेनोलॉजी के अंतगत.

पेनोलॉजी कानून वतन क एक व ता रत शाखा है। मु य

दं ड तं को उ चत ठहराने म रा य का सव प र काय न हत है

कानून और व ा बनाए रखना कानून वतन तं को बनाए रखना और बनाए रखना

उह त के संदभ म. इस कार जो लोग कानून क म हमा का उ लंघन करते ह और ह

सामू हक सामा जक ववेक क मांग के त अभे ववेक को हटाया जा सकता है और

चलन से बाहर रखा गया और ऐसे यूनतम कानूनी और भौ तक संपक म रखा गया

यह सु न त करने के लए क वे दे ख सक कु छ समय के लए तबंध आव यक हो सकता है

उनके तरीक क ु ट और उनके असामा जक या पथ कृ य क रपोट न कर।


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डीन जे. च पयन

एनकाटा रेफ रस लाइ ेरी के अनुसार पेनोलॉजी का अ ययन है

जेल और सज़ा बंधन. यह स ांत का अ ययन करता है वै ा नक अ ययन करता है

और अपरा धय को कै से सज़ा द जाती है जेल का बंधन कै से कया जाता है और कै से कया जाता है इसका अ यास

पुनवास का बंध कया जाता है ।

कारागार को ाय तालय भी कहा जाता है। ाय श द गढ़ा गया

व सद के अंत म य क कु छ समूह का मानना था क अके लेपन के मा यम से

बाइबल के धा मक अ ययन से कै द प ाताप करने वाले प ाताप करने वाले हो जायगे और

उनके वहार म सुधार कर. द ड के स ांत एवं वहार का अ ययन है

पेनोलॉजी कहा जाता है.

एमएस सबनीस

उनके अनुसार पेनोलॉजी को कभी कभी व ान के प म व णत कया जाता है

सज़ा हालाँ क इसम व ान क तुलना म मानवतावाद अ धक पाया जा सकता है।

पेनोलॉजी सव म प से दं ड बंधन के व त ान का एक नकाय है

उपाय और दं डा मक सं ा को इस कार डज़ाइन कया गया है क लोग के बीच अ पसं यक जो

डीएई गत और सामा जक आचरण और वहार के ा पत मानदं ड का उ लंघन करता है

कसी दए गए समय और ान पर कसी समाज ारा कानून के प म सं हताब कए गए को बाहर रखा गया है

बाक को स म करने के लए समय क न त अव ध के लए प रसंचरण

समाज जो मु य प से कानून का पालन करने वाला है उसे सामा जक प से उपयोगी बनाता है

बना अनुम त या बाधा के ग त व ध।

लैडवेल लैडवेल के अनुसार

सज़ा एक कला है जसम तशोध का संतुलन शा मल है

न के वल यायालय के संदभ म ब क मू य के संदभ म भी नवारण और सुधार

जसम यह घ टत होता है और द ड के इन उ े य के संतुलन म

पहले एक और फर सरे पर संबं धत शत के अनुसार जोर दया जाता है

प रवतन।
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पेनोलॉजी अपराध व ान क वह शाखा है जो जेल बंधन से संबं धत है

अपरा धय का इलाज. पेनोलॉ जकल अ ययन ने नै तकता को करने क को शश क है

सज़ा के आधार साथ ही समाज के उ े य और उ े य

इसे वृ करना पूरे इ तहास म और रा के बीच दं डा मक कानून म और

कसी न त समय पर लागू नी तय क याएँ और सामा जक प रणाम।

डॉ. अयमान ए जेनी

पेनोलॉजी श द सजा या दं ड श द से लया गया है।

मानवा धकार के ऊजावान आंदोलन ने इसे अपनाने म योगदान दया

एक व ान के प म पेनोलॉजी म सुधार। अब जैसे क अपराध के व संघष का उपयोग कया जाता है

न के वल दं ड ब क सुर ा उपाय और शु सामा जक तरीके भी

पेनोलॉजी का सं दाय कालानु मक हो गया।

एक व ान के प म पेनोलॉजी को रोकथाम व ान और म वभा जत कया जा सकता है

उपचार व ान. रोकथाम व ान के आयोग से पहले संचा लत होता है

जब क उपचार व ान अपराध घ टत होने के बाद होता है

अपराधी को सुधारने और उसक पुनरावृ से बचने के लए अपराध। और सुझ ाव भी दे ता है

रोकथाम और उपचार के आदश तरीके इस लए यह उस आदश अपराधी का पता लगाता है

नी त।

न कषतः पेनोलॉजी से हमारा अ भ ाय आजकल एक वक प है जसे हम कहते ह

इसे आपरा धकता के व संघष का व ान कह जसका अथ है आदश तरीके

आपरा धकता के संबंध म रोकथाम और उपचार ।

तो हम पहले बताएंगे बचाव और उसके बाद इलाज

चाहे उसका तरीका वधायी हो या यक हो या कायकारी हो।

सज़ा क एक मुख वशेषता यह है क यह एक नै तक आधार पर टक होती है जसे कया जाता है

नै तक नणय. यह चतनशील है और कारण पर आधा रत है। एक और भेद

सज़ा क वशेषता यह है क यह एक आ धका रक ोत से उ प होती है आमतौर पर

रा य। कम के प रणाम व प क सहना तब तक सजा नह है जब तक क वे ऐसा न कर

यह अपराधी पर अ धकार रखता है। अगर हम क पना कर क एक ह यारे ने पीछा कया


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पु लस ने उसक कार को घटना त कर दया और मुक दमा चलाने से पहले ही उसक मृ यु हो गई उसे कोई क नह आ

सज़ा ले कन इससे बच गये। भले ही हम कसी पर भा य आने क क पना कर

जो कोई बुरा काम करता है उसे भगवान क सजा के प म हम अभी भी क पना कर रहे ह

ा धकार से ा त दं ड.

पेनोलॉजी श द म एक जमन अमे रक ां सस लबर ारा गढ़ा गया था

दोषी अपरा धय को सजा दे ने क एक णाली को न पत करना। ले कन

सीज़ेयर बेक रया का अपराध और दं ड पर नबंध म का शत और

जो कु छ ात आ उसक शु आत का तीक है कु छ वष म। बाद म एक के पम

ला सकल कू ल ऑफ पेनोलॉजी बैक ा रया के अपराध और सजा पर वचार

इसक बु नयाद म ही मनमाना अमानवीय दमनकारी पारंप रक दं ड है

णाली क रपंथी पेनोलॉ जकल अवधारणा और स ांत को ग त दान करती है

अ धक मानवतावाद अ धक बु और तकसंगत दं ड क परेख ा दान क

णाली।

ान क एक संग ठत शाखा के प म पेनोलॉजी के वल ढाई है

स दय पुराना. पाय नयर म पेनोलॉजी क वंशावली प से दे ख ी जा सकती है

जॉन हॉवड ए लजाबेथ ाई ारा म सुधार का काय

और इं लड म मैरी कारपटर आयरलड म सर व लयम ा टन और डॉ. हनोक

यूनाइटे ड म कॉब वाइ स और बजा मन सैनबोन

रा य. हालाँ क पेनोलॉजी के स ांत पहली बार अमे रका म तपा दत कए गए थे

स ांत क घोषणा को रा ीय अमे रक जेल ारा अपनाया गया

एसो सएशन म इसका नाम बदलकर वा षक सुधार कां ेस रखा गया ।

पारंप रक पेनोलॉ ज ट आम तौर पर छह सामा य के बीच अंतर करते ह

दाश नक कोण जो उनक नी तय को रेख ां कत करते ह और सजा सुनाने क जानकारी दे ते ह

अ यास

अ मता सामा जक सुर ा

सज़ा तशोध सफ याग

नरोध
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पुनवास उपचार

रोकथाम और

तपू त तपू त।

सज़ा और दं डा मक सं ा जैसे जेल और उनके पर यान क त करना

संभा वत औ च य उसी का प रचायक है जसे पेनोलॉजी कहा जाता है।

दं ड नी त को समझना

सवाल यह है क य कु छ कृ य को अपराध घो षत कया जाता है और अ य को य नह और समाज को य

कु छ ग़लत काम के साथ कठोरता से और सर के साथ ह के ढं ग से वहार करना इस पर ब त बहस ई है

अपराधशा . ले कन जब हम दं ड नी त के संबंध म इस पर वचार करते ह तो a

बु नयाद मु ा यह है क सज़ा को कसी के त उ चत त या के प म य दे ख ा जाता है

व श घटना या वहार का तरीका। इसम तीन पूछना शा मल है

• पहला या वशेष त या क जाती है और य

• सरा य द त या दं डा मक है तो कौन सा वशेष दं डा मक वक प चुना गया है

• तीसरा दं डा मक त या का वशेष तर या है

द ड नी त के ये तीन आयाम या द ड द कै से द ड द कै से द ड द

सज़ा दे ने के लए ब त कु छ नी तगत प रणाम को आकार दे गा और जब क यह पु तक यान क त करेगी

मु य प से अं तम दो पर पहला अभी भी मह वपूण है य क यह इसके लए प र य तैयार करता है

बाद के दो त व.

पहले को दे ख ते ए हम पूछ सकते ह क त या दं डा मक य है

कसी अ य प म लेने के बजाय जैसे क सामा जक सहायता या च क सा

त या। अपराधी को एक के प म दे ख ा जा सकता है जसे होना भी चा हए

दं डत कया गया या एक बीमार के प म जसे उपचार क आव यकता है या एक अपया त के पम

जनक आपरा धकता सामा जक अभाव का प रणाम है और ज ह सामा जकता क आव यकता है

उस सम या के समाधान के लए क याणकारी नी तयां साथ ही उ चत अपराध

रोकथाम रणनी तयाँ.


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याय समुदाय के सभी सद य के त न प ता क धारणा का तीक है

पी ड़त और अपरा धय को शा मल करना और उनक त धा के बीच संतुलन बनाना

हत वतमान आपरा धक याय नी त क आधार शला ह। ले कन यह भी मानता है

याय का गठन या है और इसके संदभ म याय ा त करने पर आम सहम त

उदाहरण के लए दोष स दर म सुधार वशेष प से अ याय पैदा कर सकता है

या समूह. जसे उ चत वहार समझा जाता है उसका अथ अलग अलग होता है

सामा जक याय के व भ स ांत म ले कन इसका नमाण इस पर भी नभर करता है क कै से

सज़ा के व भ स ांत म सज़ा को तकसंगत बनाया गया है जो नै तक है

दाश नक दं डशा य और अपराधशा य का वकास आ है वशेष प से

तशोधवाद और उपयो गतावाद के शा ीय स ांत। तकारवाद से अ भ ाय है

वह कोण जो सज़ा को रे ग तान या दोषी के अनुसार जोड़ता है

और जो सज़ा क गंभीरता से मेल खाता है

अपराध क गंभीरता और अपराधी का दोष. उपयो गतावाद से है

इसका ता पय उस कोण से है जो य को अनुसरण से े रत दे ख ता है

आनंद और दद से बचाव और इसका उपयोग सामा जक और दं डा मक नी तय को तैयार करने के लए कया जाता है

अ धकतम सं या क अ धकतम खुशी को बढ़ावा दे ना। सज़ा इस पर

कोण नवारण के मा यम से अपराध करने और दोबारा अपराध करने से रोकने के लए उपयोग कया जाता है

अ मता और पुनवास.

नतीजतन यह नधा रत करना क कसी वशेष का याय या है

सज़ा के लए सज़ा के स ांत पर नणय क आव यकता होती है बस

तशोधवाद कोण से सज़ा उपयो गतावाद के लए अ यायपूण लग सकती है

प र े य और इसके वपरीत। जैसा क हम बाद म दे ख गे नवारक हरासत हो सकती है

यह उ चत है अगर ापक समाज के हत को से ऊपर ाथ मकता द जाए

अ धकार ले कन यह तशोधवाद के लए सम याएँ खड़ी करता है।

मानव अ धकार

मानवा धकार का द ड के स ांत और वहार दोन पर भाव पड़ता है

व श दं ड को उ चत ठहराने म दं ड क यायसंगतता का आकलन करने म और


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दं ड सं ान म मानक म सुधार लाने म। तो फर मानवा धकार उपकरण ह

उ चत सज़ा और अ धकार ा त करने के लए एक मुख तं वयं ह

सज़ा के कई स ांत का मह वपूण त व। उदाहरण के लए ाकृ तक अ धकार

तशोधवाद स ांत का एक मह वपूण आयाम है जो के अ धकार को मा यता दे ता है

अपराधी के साथ एक वाय मानव के प म स मानपूवक वहार कया जाना चा हए। अ धकार

इस लए टे न म दं ड व ा क आलोचना करने का एक तरीका दान कया गया है

उपयो गतावाद एक ऐसा कोण जो काफ हद तक भा वत रहा है

अपराधी के अ धकार को वीकार करने म वफलता के लए इसक आलोचना क गई

ापक जन हत के लए को अपने अ धकार का याग करने का भी अ धकार है

पहले सं द ध के सा ा कार और हरासत जैसे मु पर न हताथ

सुनवाई रमांड कै दय का उपचार और जमानत दे ना तवाद क

नप सुनवाई का अ धकार नद ष माने जाने का अ धकार गवाह के साथ वहार

नवारक नरोध सजा पूरी होने पर रहा होने का अ धकार और

अनु चत या भेदभावपूण वहार के अधीन न होने का अ धकार। ये स ांत

या यक ववेक पर नयं ण के प म काय कर सकता है और सजा म असमानता को रोक सकता है।

अ धकार अपराध के पी ड़त तक भी व ता रत होते ह और उनक भू मका पर नी त को आकार दे ने म मदद करते ह

आपरा धक या नवारण के उनके अ धकार पर। इन मु पर वचार कया जाएगा

दं डा मक सुधारक के लए अ धकार को सुधार ा त करने के एक तरीके के प म दे ख ा जाता है हालाँ क ऐसा नह है

सभी क रपंथी सुधारक अ धकार कोण के त तब ता साझा करते ह। कु छ मा सवाद

कानून के स ांतकार जो मानते ह क कानून का शासन सामा जक अ याय को छपा सकता है

अ धकार के त संदेह है य क वे मूलतः वाद नह ब क वाद ह

सामू हकतावाद को ऐ तहा सक और सामा जक संदभ से अलग करना और

य क वे ठोस याय दे ने म वफल रहते ह ई टन ए।

अ धकार का भाव आपरा धक याय णाली और उसके सभी चरण पर होता है

आपरा धक याय या ले कन हम वशेष प से च तत रहगे

हरासत के अनुभव पर अ धकार यायशा का भाव। उ चत या और

मौ लक अ धकार का कै दय के साथ वहार पर भाव पड़ता है। उदाहरण के लए

वे अनुशासना मक या के संदभ म न प वहार ा त कर सकते ह


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अलगाव और ानांतरण जैसे मु पर नणय लेना ले कन शत म भी

भोजन ायाम और समय के वा त वक अ धकार को अनलॉक कया गया।

यूके का आपरा धक याय अ ध नयम सजा दे ने के पांच उ े य बताता है अपराध

कमी सावज नक सुर ा अपराधी पुनवास सजा और तपू त।

एक कृ त स ांत हम आव यक सुसंगत अ धकार आधा रत ढांचा दान करता है।

अ धकार क सुर ा के लए एका धक सज़ा के उ े य उ चत ह। अलग

उ े य म टकराव तब होता है जब उनके पास एक समान ापक उ े य का अभाव होता है। अपराध सावज नक ह

गल तयाँ जो अ धकार का उ लंघन करती ह और धमक दे ती ह। सज़ा को इस तरह समझा जाना चा हए

अपराध के त त या जसका उ े य अ धकार क र ा करना और उ ह बनाए रखना है। के पांच उ े य

सज़ा अ धकार क सुर ा ा त करने के व भ तरीक का त न ध व करती है। एक कृ त

स ांत हम सुसंगत परेख ा दान करता है जो उनके समावेशन को उ चत ठहरा सकता है

और वहार म उनके काया वयन पर काश डाल।

सज़ा का एक कृ त स ांत आपरा धक याय सुधार के लए नए वचार तुत करता है

जो सभी के अ धकार क बेहतर सुर ा सु न त करता है।

सज़ा का एक कृ त स ांत य

व भ के बीच संभा वत संघष को बं धत करने के लए एक सुसंगत परेख ा

सज़ा दे ने के उ े य

सभी के लए एक ही कोण को अ वीकार करता है और संदभ के मह व को पहचानता है

प रणाम लचीलापन सु न त करता है ता क सजा बेहतर ढं ग से ज रत को पूरा कर सके

हतधारक क अपे ाएँ

दं डा मक पुन ापना मॉडल करता है क पुन ापना मक याय को कै से बदला जा सकता है

और अ धक ापक प से उपयोग कया गया जससे कम अपराध और कम लागत पर उ सावज नक व ास म योगदान

मला

. वयं सीखने के लए

थॉम ू स प नशमट टलेज । लॉ कू ल रसच ी फग नं. डरहम लॉ कू ल


ी फग द तावेज़ डरहम व व ालय। www.durham.ac.uk law
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. पेनोलॉजी क अवधारणा पर चचा कर।

. पेनोलॉजी को प रभा षत कर। समाज म इसका या मह व है

. या पेनोलॉजी मानवा धकार क कसौट पर खरी उतर सकती है क सहायता से समझाइये

च ण.

. . आइए सं ेप कर

इस लए पेनोलॉजी का अ ययन कै दय के उपचार से संबं धत है

दोषी अपरा धय का बाद म पुनवास। इसम पहलु को भी शा मल कया गया है

प रवी ा समुदाय म अपरा धय का पुनवास क भी

क सुर त हरासत और पुन श ण से संबं धत ाय त व ान के पम

अपराधी सं ान को सुर त करने के लए तब ह। पेनोलॉजी कई वषय से संबं धत है और

स ांत जनम जेल से संबं धत स ांत जेल सुधार कै द भी शा मल ह

वहार कै दय के अ धकार और पुनरावृ साथ ही उ े य के स ांत

सज़ा का जैसे नवारण पुनवास तशोध के पम

और उपयो गतावाद । समसाम यक पेनोलॉजी मु य प से संबं धत है

आपरा धक पुनवास और जेल बंधन। यह श द शायद ही कभी लागू होता है

कम औपचा रक वातावरण म सज़ा के स ांत और वहार

पालन पोषण कू ल और काय ल सुधारा मक उपाय।

. . श दकोष

पेनोलॉजी ऑ सफोड इं लश ड नरी पेनोलॉजी को के अ ययन के प म प रभा षत करती है

अपराध क सज़ा और जेल बंधन और इस अथ म यह समक है

सुधार के साथ.

. . संदभ

. थॉम ू स प नशमट टलेज । लॉ कू ल रसच ी फग

नह । डरहम लॉ कू ल ी फग द तावेज़ डरहम व व ालय।

www.durham.ac.uk law
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यू नट

सज़ा के स ांत

. . उ े य.

. . प रचय

. वषय ीकरण

. . . तकार

. . . उपयो गतावाद रोकथाम नरोध


. . . उपयो गतावाद डराना

. . . वहा रक रोकथाम अ मता

. . . वहार नवारण पुनवास ाय त

. . . सजा के लए शा ीय ह और इ लामी कोण

. व श ा के लए

. . आइए सं ेप कर

. . श दकोष
. . संदभ

पाप से घृण ा करो पापी से नह ....

महा मा गांधी

. .उ े य.

. सज़ा के व भ स ांत और इसके मह व को समझने म स म होना

समाज।

. शा ीय ह और इ लामी कोण को समझने म स म होना

सज़ा.

. समाज म द ड के मह व को समझ पाना

. . प रचय

अपरा धय को दं डत करना सभी नाग रक पु लस रा य का ाथ मक काय है

समाज म शां त एवं व ा बनाए रखने का दा य व है। यह अंदर है


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यह प र े य क अपराध अपराधी और सजा क सम या उलझाने वाली है

नया भर के अपराधशा य और कलमशा य का यान इस ओर है। सै म ड

अपराध को कानून ारा सम प से समाज के लए हा नकारक माना जाने वाला काय के प म प रभा षत कया गया है

हालाँ क इसका त काल शकार कोई हो सकता है । जो लोग ऐसा करते ह

दोषी पाए जाने पर कृ य को रा य ारा दं डत कया जाता है। अत यह है क

आपरा धक याय का उ े य अपरा धय को द ड दे क र उनके व समाज क र ा करना है

उ ह मौजूदा दं ड कानून के तहत. इस कार सज़ा का उपयोग एक व ध के प म कया जा सकता है

या तो संभावना को रोककर आपरा धक वहार क घटना को कम करना

अपरा धय को या अ म बनाकर और उ ह अपराध दोहराने से रोकना

या उ ह कानून का पालन करने वाले नाग रक म सुधार करके । पछले दो सौ के दौरान

वष से सज़ा का चलन और इसके बारे म जनता क राय चली आ रही है

तेज ी से बदलते सामा जक मू य और भावना के कारण इसम काफ बदलाव आया है

लोग क ।

आज मह वपूण सम या यह है क या कसी अपराधी का स मान कया जाना चा हए

समाज एक उप व है जसे शांत कया जाना चा हए या एक श ु जसे कु चला जाना चा हए या एक धैयवान होना चा हए

इलाज कया जाना चा हए या द य ब े को अनुशा सत कया जाना चा हए सज़ा के स ांत

इस लए इसम अपराध और अपरा धय से नपटने के संबंध म आम तौर पर नी तयां शा मल होती ह।

सज़ा के चार आम तौर पर वीकृ त स ांत ह अथात् नवारक

तशोधा मक नवारक और सुधारा मक। हालाँ क यह यान दया जाना चा हए क ये

स ांत पर र अन य नह ह और उनम से येक एक मह वपूण भू मका नभाता है

संभा वत अपरा धय से नपटना.

सज़ा क अवधारणा

सज़ा के स ांत से नपटने से पहले यह मह वपूण होगा

सज़ा क अवधारणा को कर। सज़ा एक न त काय का प रणाम है

जो ा धकार ारा अ वीकृ त है और इस लए लगाया गया है वह एक बुराई है यह एक है

अ य बात. ले कन इसे अपराधी या उस पर थोपा जाना चा हए

कोई ऐसा जसे उसके और उसके गलत काय के लए जवाबदे ह होना चा हए ।

सज़ा का औ च य
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सज़ा को उ चत ठहराने के कु छ वैध कारण ह जैसे

इस कार

. सज़ा को भ व य म गलत काम करने से रोकती है

. कै द को कै द म रखना उसे शारी रक प से अ म बना दे ता है

अपराध

. अपराध के पी ड़त को जुमाना या मुआ वजे का भुगतान

र तेदार या प रवार उ ह राहत दे ते ह।

. अपराधी का सुधार कानून का पालन करने वाले नाग रक के प म उसका पुनवास सु न त करता है

उसे सामा जक प से वीकाय बनाना।

. वषय ीकरण

. . . तशोध

सज़ा धम ोध को और संतु करती है जो एक व है

वचारधारा वाला समुदाय अपराध को मानता है और इस लए यह कभी कभी अंत होता है

अपने आप म। तशोधा मक स ांत सज़ा को अपने आप म एक अंत मानता है। वह था

मूलतः तशोधा मक याय पर आधा रत है जो सुझ ाव दे ता है क बुराई होनी चा हए

प रणाम क परवाह कए बना बुराई के लए लौट आए। इसके समथक

इस कोण ने सज़ा को लोक क याण सु न त करने के साधन के प म नह माना।

इस लए स ांत ने तशोध या बदला लेने के वचार को रेख ां कत कया। इस कार दद

अपराधी को सज़ा दे ना आनंद से कह अ धक था

उसके ारा अपराध से ा त कया गया। सरे श द म तशोधा मक स ांत ने यह सुझ ाव दया

सज़ा अपराधी के त समाज क अ वीकृ त क अ भ है


कायवाही करना।

इमानुएल कांट तशोध के इस स ांत के समथक म से एक थे जैसा क उ त कया गया है ।

परांज पे ने कहा या यक दं ड का उपयोग कभी भी एक साधन के प म नह कया जा सकता है

इसके बजाय वयं अपराधी या नाग रक समाज के लए कसी अ य भलाई को बढ़ावा दे ना

सभी मामल म उस पर के वल इस आधार पर लगाया जाना चा हए क उसने अपराध कया है

अपराध य क कसी इंसान को के वल एक साधन के प म कभी भी हेरफे र नह कया जा सकता है


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कसी और के उ े य

कांट के अनुसार सज़ा अपने आप म एक अंत है तशोध एक है

ाकृ तक औ च य य क समाज सोचता है क एक बुरा एक बुरा है

जैसा क अपे त था दं डत कया जाना चा हए और अ े को पुर कृ त कया जाना चा हए। स ांत

तशोध क उ प या समूह क अप र कृ त पशु वृ म होती है

चोट लगने पर पलटवार करना।

तशोधा मक स ांत मुआ वजे क धारणा से नकटता से जुड़ा आ है

जसका अथ है उ चत के प म पीड़ा उ प करके अपराध बोध को र करना

सज़ा. यह वह वचार है जो ग णतीय समीकरण को रेख ां कत करता है

परांज पे लखते ह अपराध का अथात् अपराध और सज़ा नद षता के बराबर है।

हालाँ क आधु नक कोण इस ववाद का समथन नह करता य क यह दोन म से कोई भी नह है

बु मान और न ही वांछनीय. इसके वपरीत आम तौर पर इसक तशोधा मक और नदा क जाती है

अपराधी के साथ साथ उसके प रवार के त ूर कोण।

अ धकांश दं डशा ी इस तक को वीकार नह करते क अपराधी होने चा हए

उ ह उनका बकाया चुक ाने क से दं डत कया गया। कारण यह बताया गया

और इस बात पर सहम त है क कोई भी अपराधी अपनी सजा क अव ध ज द पूरी नह कर सकता

सोचता है क उसका अपराध धुल गया और वह अपराध म ल त होने के लए वतं है

दोबारा।

. . . उपयो गतावाद रोकथाम नरोध

पुराने दन म सज़ाएँ सामा यतः नवारक कृ त क होती थ । इस कार का

सज़ा का ता पय अपरा धय पर गंभीर दं ड लगाने क से है

उ ह अपराध करने से रोक. इस स ांत के सं ापक जेरेमी थे

बथम ने नवारक दं ड के अपने स ांत को कस स ांत पर आधा रत कया

सुख वाद जसम कहा गया था क एक आदमी को अपराध करने से रोका जाएगा य द

लागू क गई सज़ा व रत न त और गंभीर थी । यह स ांत मानता है

सज़ा एक बुराई है ले कन समाज म व ा बनाए रखने के लए यह आव यक है।

नवारक स ांत मन म एक कार का डर पैदा करने का भी यास करता है

वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी वद व टमोलॉजी पृ


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अ य अपरा धय को पया त दं ड और पूण सज़ा दान करके

जो उ ह आपरा धकता से र रखता है। इस कार दं डा मक अनुशासन क कठोरता

यह अपरा धय और अ य लोग के लए पया त चेतावनी के प म काय करता है। इस लए नरोध

यह न संदेह लगभग हर दं ड णाली क कु शल नी तय म से एक है

इस त य के बावजूद वीकार करता है क यह अपने ावहा रक अनु योग म लगातार वफल रहता है।

सज़ा के उपाय के प म नवारण वशेष प से ऐसे मामल म वफल रहता है

असंवेदनशील कठोर अपरा धय को सज़ा क गंभीरता शायद ही मलती है

उन पर कोई भाव पड़ता है. यह सामा य अपरा धय को रोकने म भी वफल रहता है य क कई

अपराध बना कसी पूव इरादे के पल के आवेग म कए जाते ह

या डज़ाइन. नवारक द ड क अ भावीता को इससे समझा जाता है

त य यह है क बड़ी सं या म दात अपराधी ज द ही जेल लौट आते ह

उनक रहाई के बाद. इस कार नरोधा मक द ड का मूल उ े य न ववाद प से है

हारा आ। इस कोण को इस त य से समथन मलता है क जब मृ युदंड दया जाता है

सावज नक ान पर को फाँसी पर लटकाकर सावज नक प से स मा नत कया जा रहा था

भयानक य के बावजूद पु ष से भरी उन सभा म कई लोग ने जेबतराशी चोरी हमला या यहां तक क ह या जैसे

अपराध कए .

. . . उपयो गतावाद डराना दबाव धमक भय पैदा करना

उ े य अपराध को दं डत करना नह ब क उसे रोकना है इस लए धमक

ऐसी कसी भी कारवाई को अनाव यक बना दे गा। य द फर भी अ त मण होता है तो वह

अ भयोजन चलाता है. इस कार वह उपकरण या नरोध जो तैयार कया गया है

मूल प से सामा य खतरे म शा मल था न क वशेष दोष स म।

इस लए दं डा मक कानून का वा त वक उ े य खतरे को आम तौर पर ात कराना है

इसे कभी कभार या वयन म लाने के बजाय। यह वा तव म बनाता है

नवारक स ांत यथाथवाद है और इसे मानवीय श दे ता है। के लए यह कारगर है

असामा जक आचरण को हतो सा हत करना और नवारण का एक बेहतर वक प या

तशोध जसे अब अपराध से नपटने के तरीक के प म खा रज कर दया गया है

अपराधी. नवारक सज़ा नह ताव पर आधा रत दशन है

वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी वद व टमोलॉजी पृ


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अपराध का बदला लेने के लए ले कन उसे रोकने के लए । यह मानता है क इसक आव यकता है

अपराध क सज़ा के वल सामा जक आव यकता से उ प होती है। सज़ा दे ने म ए

अपराधी समुदाय वयं को उन असामा जक कृ य से बचाता है जो इसका कारण बनते ह

सामा जक व ा आम तौर पर इसके सद य के या संप के लए ख़तरा। म

इं लै ड बथम टु अ ट मल तथा ऑ टन जैसे उपयो गतावा दय ने समथन कया

आपरा धक कानून पर इसके मानवीय भाव के कारण नवारक स ांत। वे

इस बात पर जोर दया गया क यह कानून क न तता है न क इसक गंभीरता जो वा त वकता है

अपरा धय पर भाव.

. . . वहा रक रोकथाम अ मता

अपराध संबंधी वचार के संबंध म नवारक कोण के कारण

अपरा धय क त म जबरद त बदलाव आया इस कार जेल सं ा का वकास आ

ा त ई ग त। नवारक स ांत क पुनरावृ को रोकने का यास करता है

अपरा धय को अ म करके अपराध। इससे पता चलता है क कारावास है

यह अपराध क रोकथाम का सव म तरीका है य क इसका उ े य अपरा धय को समाज से ख म करना है

इस कार उ ह अपराध दोहराने से रोका जा रहा है। नवारक के समथक

दशन कारावास को सज़ा का सव म तरीका मानता है य क

यह एक भावी नवारक और उपयोगी नवारक उपाय के प म काय करता है। यह पूव

इसम अपरा धय पर कसी कार का शारी रक संयम शा मल है। के अनुसार

इस स ांत के समथक के अनुसार ह यार को के वल सर को डराने के लए फाँसी नह द जाती

समान अंत को पूरा करना ले कन ऐसे भयानक अपरा धय को समाज से ख म करना ।

. . . वहार नवारण पुनवास ाय त

दं ड के नवारक तशोधा मक और नवारक प के वपरीत

सज़ा के त एक नया कोण सुधारा मक कोण लाना चाहता है

अपराधी के रवैये म बदलाव ता क उसे कानून का पालन करने वाले के प म पुनवा सत कया जा सके

समाज का सद य. सुधारवाद स ांत सभी कार क भौ तकता क नदा करता है

सज़ा. सुधारवाद आंदोलन का मुख जोर पुनवास पर है

दं ड सुधारा मक सं ान म कै दय क सं या ता क उ ह पांत रत कया जा सके


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कानून का पालन करने वाले नाग रक। सुधारवाद मानवीय वहार के चारक ह

जेल सं ान के अंदर कै द । उनका यह भी सुझ ाव है क कै दय को होना चा हए

ठ क से श त नह ब क सुधार कया गया इस कार खुद को वतं प से समायो जत करने के लए पांत रत कया गया

जेल से छू टने के बाद समाज म जीवन।

दं ड व ा का सुधारा मक कोण बताता है क दं ड ही दं ड है

उ चत है य द यह भ व य क ओर दे ख ता है न क अतीत क ओर। इस पर वचार नह कया जाना चा हए

एक पुराने खाते को नपटाने के बजाय एक नया खाता खोलने के प म। इस कार समथक

इस कोण से न के वल अलग थलग करने के उ े य से कारावास को उ चत ठहराया जा सकता है

अपरा धय को समाज से ख म करना और उनम बदलाव लाना

के कायकाल के दौरान सुधार के भावी उपाय के मा यम से मान सक कोण

उनका वा य. आधु नक कानून जैसे वशेष वचार का ावधान करता है

पैरोल और प रवी ा ज ह पुनः ा त करने के सव म उपाय के प म सुझ ाया गया है

समाज म अपराधी सुधरे ए के प म।

कशोर अपरा धय के मामल म सुधारा मक तरीके उपयोगी सा बत ए ह।

म हलाएँ और थम अपराधी। हालाँ क दोबारा अपराध करने वाले और कठोर अपराधी

सुधारवाद वचारधारा के त अनुकू ल त या न द।

इस लए यह कु छ मामल म आव यक है वशेष प से असामा यता के लए

जन प तत क ज़ मेदारी कम हो गई है उ ह सज़ा नह द जानी चा हए

अपने आप म एक अंत माना जाता है। हालाँ क यह के वल एक साधन के प म अंततः के प म होना चा हए

इसका उ े य समाज म अपराधी क सामा जक सुर ा और पुनवास है।

एक और तक जो अ सर सुधारा मक उपचार के व सामने आता है वह है

क इसम कसी कार क सज़ा शा मल नह है य क सज़ा कु छ कार क होती है

दद का और इस लए इसे सही अथ म सज़ा नह माना जा सकता

अव ध। ले कन यह अव य बताया जाना चा हए क य प सुधारा मक उपचार शा मल है

उदार याय फर भी अपराधी को जेल या कसी अ य ान पर न रखना

उसके सुधार या पुनः समायोजन के लए सुधारा मक सं ा अपने आप म एक है

द ड उस मान सक पीड़ा के कारण है जसके अभाव से वह पी ड़त होता है

उस अव ध के दौरान उसक वतं ता इतनी सं ागत है।


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. . . सजा के लए शा ीय ह और इ लामी कोण

भारतीय भाषा व ा के सु व यात वशेष डॉ. पी.के . सेन ने दया है

पुरानी और नई दं ड व ा का तुलना मक ववरण। उ ह ने उस पर गौर कया

पेनोलॉजी उन मूलभूत स ांत का तीक है जन पर रा य नमाण करता है

इसक सजा क योजना. उ ह ने आगे बताया क सजा का हमेशा अभाव रहता है

सट कता य क इसका संबंध मानव आचरण से है जो नरंतर है

पर तय के अनुसार बदलता रहता है। इस लए उ ह ने यह सुझ ाव दया

दं ड को मामले दर मामले के आधार पर तैयार कया जाना चा हए ता क इससे छु टकारा पाया जा सके

कठोरता और बदलती सामा जक प र तय के साथ संशोधन करने म स म । डॉ. सेन

उ ह ने इस बात पर ज़ोर दया क दं ड व ान भारतीय अपरा धय के लए ब कु ल नया नह है

यायशा सा। ाचीन भारत म भी एक सु दं ड व ा व मान थी

मनु या कौ ट य का समय . ाचीन द ड व ा म शासक क अपे ा क जाती थी

राजधम राजा के कत म पारंगत होना जसम का वचार शा मल था

कम कत और दं ड सजा ।

ाचीन भारतीय आपरा धक याय शासक इस बात से आ त थे

सज़ा अपराध क पुनरावृ पर रोक लगाने का काम करती है और कानून तोड़ने से रोकती है।

उनका मानना था क सज़ा के सभी स ांत चाहे तशोध पर आधा रत ह

तशोध नवारण ाय त या सुधार एक सामा य क ओर नद शत होते ह

ल य यानी अपराध और अपरा धय से समाज क सुर ा। इस कार

सज़ा को सामा जक सुर ा का एक उपाय और अंत का एक साधन माना जाता था।

हालाँ क आधु नक वृ तशोधा मक और नवारक तरीक को त ा पत करने क है

सुधारा मक और सुधारा मक उपाय उ े य पुनवास है

अपराधी. दं डा मक याय के इस पहलू पर ट पणी करते ए डॉ. पीके सेन ने इस बात पर जोर दया

सज़ा क अवधारणा अब मौ लक प से बदल गई है हालाँ क यह नह है

इसे अब गलत काम करने वाले के खलाफ पी ड़त प क त या के प म माना जाता है

अपराध के खलाफ समाज क सुर ा के लए सामा जक र ा का एक साधन बन गया है

वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी वद व टमोलॉजी पीपी से उ त


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म यकाल म मु लम शासक ने अपनी वयं क दं ड व ा लागू क

भारत म कानून. यह व ा कृ त म तशोधा मक और अता कक है

अपने योग म भेदभावपूण याय के उ े य को पूरा करने म वफल। मुसलमान

कानून ने व भ अपराध के लए दं ड को चार मु य े णय म वभा जत कया है अथात्।

कसा द या हद और ताज़ीर। ये सज़ाएँ साथ साथ चल

वे ह के त पूवा ह और अवमानना रखते ह। हालाँ क मुगल के पतन के साथ

शासन करते ए अं ेज ने भारत म राजनी तक स ा पर क ज़ा कर लया। मुसलमान क अता ककताएँ

आपरा धक कानून ने टश कानून शासक को ऐसा करने का अवसर दान कया

अपनी वयं क कानून क णाली को आव यक संशोधन के साथ त ा पत कर ता क यह उपयु हो

भारत क ज रत.

अं ेज ी आपरा धक कानून के स ांत और तरीक का प रचय दे ते ए

भारतीय आपरा धक याय णाली म सज़ा दे ते समय उ ह ने ब त सावधानी बरती

यह सु न त करने के लए क प रवतन से मूल नवा सय क भावनाएं आहत न ह

लोग। टश शासक ारा शु क गई नई व ा कह अ धक तकसंगत थी

अपने पूवव तय क तुलना म न प और उ चत थे और इस लए त पर थे

भारत के लोग ारा वीकार कया गया। जैसा क पहले ही कहा जा चुक ा है ा ण का वच व

न संदेह एक बार फर से पुनज वत आ ले कन यह मूलतः टश कू टनी त का एक ह सा था

भारतीय समुदाय को बांटो और राज करो। हालाँ क समापन म यह समा त हो गया

भारत म टश कं पनी के शासन के वष .

. व श ा के लए

. सज़ा के व भ स ांत या ह

. तशोध दं ड नवारण दं ड से कस कार भ है

. सज़ा के शा ीय ह और इ लामी कोण पर चचा कर।

. . आइए सं ेप कर

समाज म अपराध अप रहाय है। ए मल ख म के वचार म नह है

वह समाज जो हर जगह अपरा धकता क सम या से जूझ ता नह है

और हमेशा ऐसे लोग रहे ह ज ह ने आक षत करने के लए इस तरह से वहार कया है

वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी वद व टमोलॉजी पीपी से उ त


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वयं पर दं डा मक दमन । . चूँ क अपराध एक सावभौ मक घटना है

यह प से हर समाज क ाथ मक चता है।

इस अ याय म हमने दं ड अथात तशोध के व भ स ांत का अ ययन कया।

उपयो गतावाद रोकथाम नवारण उपयो गतावाद धमक वहार

रोकथाम अ मता वहा रक रोकथाम पुनवास ाय त

और सजा के लए शा ीय ह और इ लामी कोण भी। मुख

जो आधु नक भाषाशा य का यान आक षत कर रहे ह वे ह या

सज़ा के पारंप रक प व श या ाथ मक बने रहने चा हए

आपरा धक वहार को सी मत करने म ह थयार को पूरक और सम बनाया जाना चा हए

के उपाय के ब त अ धक लचीले या व वध संयोजन ारा त ा पत कया गया

सुधारा मक उपचारा मक और सुर ा मक कृ त का उपचार। वचार का अ ययन करने के बाद

व भ कानूनी दाश नक से हम इस न कष पर प ंचे ह क इनम से कोई भी नह

अके ले सज़ा से ही उ े य पूरा हो सकता है इस लए यह है क इनम से कोई भी उ े य पूरा नह कर सकता

पया त प से स म ले कन एक या अ धक का संयोजन इस उ े य को पूरा कर सकता है

समाज म शां त बनाए रखना और अपराध दर पर नयं ण रखना।

. . श दावली

. सज़ा जब कसी काय को ा धकारी ारा अ वीकृ त कया जाता है और वही कया जाता है

ऐसा करने पर प रणाम यह होता है क ऐसा करने वाले पर बुरा काय थोप दया जाता है

अ वीकृ त अ ध नयम.

. द ड के स ांत तपा दत व भ स ांत और अलग अलग समय

युग ऐसी सज़ा लगाने को उ चत ठहराने के लए।

. . संदभ

. अहमद स क मनोलॉजी ॉ ल स एंड पसपे ट स ई टन

बुक कं पनी लखनऊ

. वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी स ल लॉ प लके शन

इलाहाबाद।

. वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी वद व टमोलॉजी स ल

व ध काशन इलाहाबाद।

अहमद स क मनोलॉजी सम याएं और प र े य पृ


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इकाई

मृ युदंड क सम या

. उ े य

. . प रचय

. वषय ीकरण

. . . मृ युदंड क संवैधा नकता

. . . भारत म मृ युदंड के त या यक कोण

क़ानून क़ानून और के स क़ानून के मा यम से एक जांच।

. . . कानून सुधार ताव

. वयं सीखने के लए

. . आइए सं ेप कर

. . श दकोष
. . संदभ

. उ े य

मृ युदंड क संवैधा नकता का अ ययन करना

मृ युदंड क ासं गकता जानना।

मृ युदंड के मामले म लभ से लभतम के तक क जांच करना

बला कार म दान कया गया।

वभ याय वद और सामा जक संगठन के वचार के बारे म जानना

मृ युदंड के संबंध म

. . प रचय

सामा जक संदभ म मृ युदंड सबसे ासं गक बहस है। मृ यु दं ड

भारतीय रा य म आपरा धक याय णाली का एक मह वपूण ह सा है। साथ

मानवा धकार आंदोलन क बढ़ती ताकत मृ यु का अ त व

दं ड को नै तक प से गलत मानकर सवाल उठाया गया है। कु छ वचारक का मत है क

लोग क जान क क मत पर एक को जी वत रखना एक अजीब तक है

समाज म अन गनत सद य या संभा वत पी ड़त अक पनीय और अंदर ह


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सच तो यह है क यह अनै तक है। एक तक यह भी है क मृ युदंड का अ त व है

बड़े पैमाने पर समाज क शां त और शां त के लए मह वपूण है।

भारत म कई गंभीर अपराध के लए मृ युदंड यानी मौत क सज़ा का ावधान है। म बनाम पंज ाब रा य म सु ीम

कोट ने धारा को र कर दया

भारतीय दं ड सं हता क धारा जसम अ नवाय मृ युदंड का ावधान है

आजीवन कारावास क सज़ा काट रहे अपरा धय के लए. मृ युदंड का ावधान नह है

हमेशा न पादन के बाद यहां तक क जब इसे अपील पर बरकरार रखा जाता है य क

आजीवन कारावास म बदलने क संभावना. काफ सारे लोग

म वतं ता के बाद से भारत म न पा दत कया जाना ववाद का वषय है अ धकारी

सरकारी आँक ड़ का दावा है क तब से के वल लोग को फाँसी द गई थी

आजाद । हालाँ क क भारतीय व ध आयोग क रपोट यह दशाती है

से तक भारतीय रा य म फाँसी द ग और अब तक

सुझ ाव दया गया क आज़ाद के बाद से फाँसी क कु ल सं या इस कार हो सकती है

से तक ऊँ चा। दसंबर म भारत ने संयु रा के ख़लाफ़ मतदान कया

महासभा के ताव म मृ युदंड पर रोक लगाने का आ ान कया गया। म

नवंबर भारत ने फर से मतदान ारा मृ युदंड पर अपना ख बरकरार रखा

मृ युदंड पर तबंध लगाने क मांग करने वाले संयु रा महासभा के मसौदा ताव के खलाफ।

. वषय ीकरण

. . . मृ युदंड क संवैधा नकता

भारतीय सं वधान के अनु ेद के तहत कसी भी को उसके अ धकार से वं चत नह कया जा सकता है

कानून ारा ा पत या को छोड़कर जीवन।

भारत के सव यायालय ने म फै सला सुनाया क मृ युदंड होना चा हए

के वल लभतम मामल म से लभतम म लगाया गया। उ ह ने कहा क ऑनर क लग म कमी आती है

सु ीम कोट ने लभ से लभतम ेण ी के अंतगत इसक सफा रश क है

अपूव भाकर मृ युदंड य जारी रहना चा हए इंटरनेशनल जनल ऑफ़ मै नट ज़ एंड सोशल साइंस इ वशन आईएसएसएन ऑनलाइन
आईएसएसएन ट www.ijhssi.org खंड अंक मई। पीपी. www.
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स मान करने के दोषी पाए जाने वाल को मौत क सज़ा द जानी चा हए

ह याएँ जो एक मृ युदंड अपराध होने यो य ह। सव यायालय भी

जन पु लस अ धका रय को मौत क सज़ा दे ने क सफ़ा रश क गई

मुठभेड़ ह या के प म पु लस ू रता कर।

वतमान समय म सज़ा दे ने म जो स ांत आमतौर पर लागू कया जाता है वह है

यह सज़ा जनता क सुर ा के लए द गई है यह नह होना चा हए

वतमान अपराध क गंभीरता के अनु प अ धकतम सीमा से अ धक। कु छ म

मामल म ऐसा तीत होता है क यायालय सुर ा के लए इस स ांत से हट गया है

एक खतरनाक अपराधी से जनता. हालाँ क तशोध का त व तीत होता है

जैसा क लॉड ए वथ ने कहा था सज़ा का क य वषय रहा है

...एक तीसरा स ांत और यही वह है जो मुझ े स य के सबसे करीब लगता है

क सज़ा म तशोध या ाय त का त व अव य होना चा हए ले कन उस

जब तक वह त व वहां है और उसक पया त मा ा वहां है तब तक सब कु छ है

सज़ा को ऐसा आकार दे ने के लए कहा जा सकता है जससे अ धकतर नरोध क संभावना हो और


सुधार।

वभ या यक घोषणा से गुज रने के बाद इसे कायम रखा

मृ युदंड क संवैधा नकता और लभ से लभतम स ांत का वकास

ऐ तहा सक बचन सह मामले म यह बहस छड़ गई क मृ युदंड ू र है

सज़ा और मृ यु को रोके रखने के औ च य क जांच करने का ताव है

सज़ा के प म दं ड.

इस तक पर फर से वचार करने क ज रत है क मृ युदंड एक ू र सजा है

अंतरा ीय े म हाल के दो घटना म से े रत। पहला है

मद णअ क संवैधा नक यायालय के फै सले म मौत क घोषणा क गई

सज़ा को ू र और अमानवीय सज़ा माना जाए और इस लए यह असंवैधा नक है .


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सरा इंटरनेशनल बनाने वाले क़ानून पर दे श ारा ह ता र करना है

आपरा धक यायालय जसने सज़ा के तौर पर मौत क सज़ा को ख़ा रज कर दया है

नरसंहार मानवता के व अपराध और यु अपराध।

भारत के सव यायालय ने जगमोहन सह बनाम यूपी रा य मामले म मृ युदंड को संवैधा नक प से वैध माना । फर

भी पूंज ी उ मूलन के लए आंदोलन

सज़ा दन ब दन मजबूत होती जा रही थी और सु ीम चेतावनी के मा यम से

यायालय ने धारा म एक नयम बनाया क मृ युदंड के वल लभतम मामल म ही दया जाएगा । इस नयम के

अनु प संसद ने एक अ ध नयम बनाया

धारा सीआरपीसी क नई उपधारा जो बताती है जब दोष स कसी के लए हो

यह अपराध मृ युदंड या वैक पक प से आजीवन कारावास से दं डनीय है

या वष क अव ध के लए कारावास नणय म इसके कारण बताए जाएंगे

द गई सज़ा और मौत क सज़ा के मामले म वशेष कारण

ऐसा वा य.

सु ीम कोट के फै सले क मौत क सजा के वल लभ से लभतम मामल म द जानी चा हए को म

सह बनाम पंज ाब रा य म व ता रत कया गया था ।

सव यायालय ारा न न ल खत ताव को खा रज कर दया गया

. गंभीर से गंभीर मामल को छोड़कर मौत क कठोर सज़ा दे ने क आव यकता नह है

अ य धक दोषी

. मृ युदंड का वक प चुनने से पहले अपराधी क प र तयाँ भी

अपराध क प र तय के साथ वचार करने क आव यकता है

. आजीवन कारावास नयम है और मृ युदंड अपवाद है। अ य म

श द मृ युदंड तभी दया जाना चा हए जब आजीवन कारावास तीत हो

ासं गक को यान म रखते ए यह पूरी तरह से अपया त सजा होगी

अपराध क प र त और सजा दे ने का वक प दान कया गया

एआईआर एससी

बचन सह बनाम पंज ाब रा य एआईआर एससी ।

एआईआर एससी ।
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को यान म रखते ए आजीवन कारावास का योग ववेक पूवक नह कया जा सकता

अपराध क कृ त और प र तयाँ और सभी ासं गक प र तयाँ

. बढ़ाने वाली और कम करने वाली प र तय क एक बैलस शीट बनानी होगी

ऊपर और ऐसा करने म कम करने वाली प र तय को पूरा मह व दया जाना चा हए

उ बढ़ाने और कम करने वाले के बीच उ चत संतुलन बनाना होगा

वक प का योग करने से पहले क प र तयाँ।

सुशी मुमू बनाम झारखंड रा य म अपनी समृ के लए अ भयु

साल के ब े क द ब ल. ब े क ह या वीभ स और व ोह म क गई थी

ढं ग। अदालत ने मौत क सज़ा को बरकरार रखते ए न न ल खत बात गना

पर तयाँ जहाँ मृ युदंड दया जा सकता है

उ. जब ह या ू र व च शैतानी व ोह म क जाती है

और कायरतापूण तरीके से ता क लोग म ती और अ य धक आ ोश पैदा हो सके

समुदाय

बी. जब ह या कसी ऐसे मकसद से क जाती है जो पूरी तरह से ता को दशाता है

और नीचता जैसे पैसे या इनाम या ठं ड के लए भाड़े के ह यार ारा ह या

लाभ के लए र रं जत ह या या जहां ह यारा भु वशाली त म हो या

व ास क त या जहां ह या मातृभू म के साथ व ासघात म क गई हो

C. जब SC ST अ पसं यक समुदाय आ द क ह या क जाती है तो नह

गत कारण ले कन सामा जक ोध उ प करने वाली प र तय म हन को जलाना या

दहेज ह या या जब पुन ववाह के लए ह या क जाती है

अ धक दहेज लेना या मोह के कारण सरी ी से ववाह करना

D. जब एका धक ह याएं क जाती ह और

ई. जब ह या का शकार नद ष ब ा या असहाय म हला या बूढ़ा हो

या अश हो और ह यारा भु वशाली पद पर हो या कोई सावज नक हो

आम तौर पर समुदाय ारा यार और स मान कया जाता है।

सीआरआईएलजे एससी
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अ धकतम नधा रत करने के लए सावधानी क और आव यकता है

कसी अपराध म सज़ा. और न हताथ से भी गहन और होना चा हए

नयो जत करने से पहले आरोपी से संबं धत मापदं ड क व तृत जांच

कसी यायालय ारा अ धकतम सज़ा. इस लए यायपा लका को ववेक ा धकार

यह स मान अ धकतम सज़ा घो षत करना अ यंत मह वपूण है और

मौ लक मू य. कारण व तृत होने चा हए और प से यह नधा रत करना चा हए क कोई सज़ा य द जाए

अ धकतम सज़ा के अलावा कोई सज़ा नह सुनाई जाएगी जो क द गई है

धारा के तहत वैधा नक प से मा यता ा त है।

मौत का सामना कर रहे व म सह और एक अ य ारा दायर अपील म

सजा भारतीय दं ड क धारा ए क संवैधा नक वैधता

कोड पर सवाल उठाया गया है.

. . . भारत म मृ युदंड के त या यक कोण एक जांच

क़ानून क़ानून और के स क़ानून के मा यम से।

भारतीय दं ड सं हता

भारत म टश शासन के दौरान मृ यु को इनम से एक के प म नधा रत कया गया था

भारतीय दं ड सं हता आईपीसी म दं ड और उसे बरकरार रखा गया था

आज़ाद के बाद.

अनुभाग के अंतगत
अपराध क कृ त
भारतीय दं ड सं हता

बी आपरा धक सा जश क सजा

यु छे ड़ना या यु छे ड़ने का यास करना या छे ड़ने के लए उकसाना

के खलाफ यु

भारत सरकार

व ोह के लए उकसाना

य द कसी नद ष को दोषी ठहराया जाता है और उसे फाँसी द जाती है

ऐसे झूठ का प रणाम


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मृ युदंड अपराध क दोष स सु न त करने के लए सा य

ह या

ब े या पागल को आ मह या के लए उकसाना

ए फरौती के लए अपहरण

ह या के साथ डकै ती

य द पाँच या अ धक य म से कोई एक जो एक साथ ह

डकै ती करने म ह या करने म ह या करने म

डकै ती उन सभी य को दं डत कया जाएगा

भारतीय दं ड सं हता के अलावा कानून क एक ृंख ला अ ध नय मत क गई

भारत क संसद म मृ युदंड का ावधान है।

सती आयोग रोकथाम अ ध नयम के तहत भाग। II धारा यद

कोई भी सती था को अंज ाम दे ता है चाहे वह सती था को बढ़ावा दे ने वाला कोई भी हो

य या अ य प से मौत क सज़ा होगी।

अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त अ याचार नवारण अ ध नयम

को अ याचार के अपराध को रोकने के लए अ ध नय मत कया गया था

अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त के सद य। धारा के तहत

i अ ध नयम के एक सद य के खलाफ मृ युदंड के मामले म झूठ गवाही दे ना

अनुसू चत जा त या जनजा त जसके प रणाम व प उस को दोषी ठहराया गया और फाँसी द गई

मृ युदंड का ावधान है।

म नारको टक स एंड साइको ो पक स सटस एनडीपीएस अ ध नयम था

पा रत कया गया जसम बड़े के सरे अपराध के लए अ नवाय मृ युदंड लागू कया गया

बड़े पैमाने पर नशीले पदाथ क त करी । जून को बॉ बे हाई कोट ने यह फै सला सुनाया

एनडीपीएस अ ध नयम क धारा ए जसम अ नवाय सजा लगाई गई थी का उ लंघन कया गया

सं वधान का अनु ेद जीवन का अ धकार और सरी सजा क ज रत है

यह मृ युदंड नह होगा जससे यायाधीश को पुर कार दे ने के बारे म नणय लेने का ववेक मलेगा

मृ यु दं ड।
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हाल के वष म नए आतंक वाद वरोधी अ भयान के तहत मृ युदंड लागू कया गया है

आतंक वाद ग त व धय के दोषी लोग के लए कानून। फरवरी को म

भारतीय द ली म ू र सामू हक बला कार पर सावज नक आ ोश क त या

सरकार ने एक अ यादे श पा रत कया जसम न न ल खत मामल म मृ युदंड लागू कया गया

बला कार जसम मृ यु हो जाती है या पी ड़ता को लगातार न य अव ा म छोड़ दया जाता है।

इसके तहत बार बार बला कार करने वाले अपरा धय को भी मौत क सज़ा द जा सकती है

आपरा धक कानून संशोधन अ ध नयम ।

से अ धक दे श ने या तो कानून ारा मृ युदंड को समा त कर दया है

अ यास। इसके गुण या दोष जो भी ह मौजूदा कानून इसक मांग करता है

मौत क सजा दे ते समय वशेष कारण दज करने ह गे। बचन सह बनाम पंज ाब रा य म शीष अदालत ने मृ युदंड

बरकरार रखने का समथन कया

भारत और इसे लभतम मामल म पुर कार दे ना। सु ीम के कु छ ताज़ा मामले

यायालय ने उ चत सज़ा दे ने क एक नई वृ वक सत क है। कहाँ

ह या बड़ी सं या म या उससे अ धक य ारा क गई है

जघ य या ू र तरीके से एक को मृ युदंड दया जा सकता है

अ यथा आजीवन कारावास क वैक पक सजा को ाथ मकता द जाएगी। यह

इस कोण को वामी ान द बनाम रा य के मामल म अपना समथन मलता है

कनाटक राम सह बनाम सो नया रेण ुक ा बाई बनाम महारा रा य बी.पी

स हा बनाम असम रा य अमरजीत सह बनाम पंज ाब रा य आ द।

हालाँ क सज़ा दे ने के लए कई दशा नदश दए गए ह फर भी ह

क ठनाई यह है क जघ य अपराध म कौन सी सजा उ चत होगी। नह

सावभौ मक नयम या नी त या मृ युदंड है ऐसा बीपी स हा मामले म कहा गया था

कपर तज य सा य के आधार पर भी मृ युदंड दया जा सकता है। तो वहाँ एक है

एआईआर एससी

एआईआर एससी ।

के ल ।

एससीसी

के ल एआईआर
एससी ।
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भारत म सज़ा के लए उ चत पैटन वक सत करने के लए अ ययन करने क आव यकता है ता क

जघ य अपराध म उ चत सजा द जाती है।

. . कानून सुधार ताव

आपरा धक या सं हता क धारा म संशोधन से पहले

म अदालत को दं डनीय अपराध के दोषी को सजा दे ने क आव यकता थी

मृ युदंड के साथ मृ युदंड के अलावा अ य कारण बताएं क ऐसा य नह कया गया

मौत क सज़ा दे ना. संशोधन ने इस ावधान को हटा दया ले कन वहाँ था

सीआरपीसी या भारतीय दं ड सं हता आईपीसी म इसका कोई संके त नह है

कन मामल म आजीवन कारावास क सजा द गई और कन मामल म वक प मौत क सजा द गई

दं ड। म भारत के व ध आयोग ने मृ यु का अ ययन कया

जुमाना लगाया और अपनी रपोट सरकार को स प द । इसने अपने न कष को उ चत ठहराया

इस कार मृ युदंड को बरकरार रखने के लए

भारत क प र तय सामा जक पालन पोषण क व वधता को यान म रखते ए

इसके नवा सय म नै तकता और श ा के तर म असमानता है

दे श इसके े क वशालता इसक जनसं या क व वधता और

वतमान समय म दे श म कानून व ा बनाए रखना सबसे बड़ी आव यकता है

फलहाल भारत मृ युदंड को समा त करने के योग का जो खम नह उठा सकता।

. वयं सीखने के लए

एक। सं ेप म लख दे ना

. मृ युदंड या है

. कानून सुधार ताव

बी। सं ेप म ल खए

. मृ युदंड क संवैधा नकता कै से स होती है

. के स कानून क सहायता से पूंज ी के त या यक कोण पर चचा कर

भारत म सज़ा.
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. के संबंध म व ध आयोग क सफ़ा रश पर चचा कर

मृ यु दं ड।

सी। कृ पया कु छ मह वपूण मामल का अ ययन कर

. आलोक नाथ द ा और अ य। वी. प म बंगाल रा य के ल


.

. अमरजीत सह बनाम रा य बनाम पंज ाब रा य एआईआर एससी ।


. बचन सह बनाम पंज ाब रा य एआईआर एससी ।
. बी.पी. स हा बनाम असम रा य के ल ।
. जगमोहन सह बनाम उ र दे श रा य एआईआर एससी ।
. क मीर सह बनाम हमाचल दे श रा य सुपर एससीसी ।
.म सह बनाम पंज ाब रा य एआईआर एससी ।
. राजू बनाम ह रयाणा रा य एआईआर ।
. राम सह बनाम सो नया के ल ।
.रेण ुक ा बाई बनाम महारा रा य एससीसी ।
.संभल सह बनाम उ र दे श रा य सीआरआई एलजे सभी ।
.सरदार खान बनाम कनाटक रा य एलजे एससी ।
.शुशील मुमू बनाम झारखंड रा य एलजे एससी ।
.साइमन बनाम कनाटक रा य एससीसी ।
. वामी ानंद बनाम कनाटक रा य एआईआर एससी

. . आइए सं ेप कर

सज़ा का एक उ े य कसी अपराध को रोकना है। यह उ े य है

मृ युदंड से उतना ही लाभ मलता है जतना कसी अ य कार क सजा से।

मृ युदंड का मु ा सबसे अ धक बहस वाले वषय म से एक रहा है

अपरा धक याय णाली। यह एक बु नयाद मनोवै ा नक स ांत है क मृ यु ही है

अ धकांश सामा य य के लए सबसे बड़ा डर। अ धकांश मनु य म ाकृ तक भय होता है

मौत। जब लोग जानते ह क कु छ अपराध के लए या शत है

सज़ा मौत है यह न त प से लोग को रोककर एक नवारक के प म काय करती है

ऐसे जघ य अपराध कर रहे ह. मनु य अपराध करने से कतराता है

मु य प से ऐसे कानून के अ त व के कारण जो ऐसे कृ य को करने पर दं ड दे ते ह।

ऐसे ब त कम लोग ह जो मानते ह क गलत काम करना अनै तक है। अगर

गलत काय को रोकने वाले कानून मौजूद नह होते तो मानव समाज होता

असं कृ त समाज के समान जो अ त व के स ांत पर पनपता है

सबसे यो य।
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. . श दकोष

. मृ युदंड मौत क सजा

मृ युदंड वह सजा है जो कानूनी प से कसी के ाकृ तक जीवन को समा त कर दे ती है

। इसका मतलब यह है क कसी का जीवन कानूनी प से समा त कया जा सकता है

कानून का सहारा. इसका ता पय यह है क का जीवन ाकृ तक से कट गया है

उस के जीवन क अव ध.

.संवैधा नकता दे श के सं वधान ारा मा य.

. . स दभ

बटु क लाल दं ड या सं हता क य कानून एजसी सरा सं करण

. रतनलाल और धीरजलाल द कोड ऑफ मनल ोसीजर वाधवा एंड कं पनी वां सं करण। पुनमु ण.

. एनडी बसु दं ड या सं हता अशोक लॉ हाउस वां सं करण।

. एमपी जैन भारतीय संवैधा नक कानून वाधवा एंड कं पनी नागपुर

. एचएम सरवई संवैधा नक कानून

. डॉ. सैट स ज़वारी मनल मेज र ए ट। तीसरा सं करण पुनमु ण

. दं ड या सं हता

. अपूव भाकर मृ युदंड य जारी रहना चा हए

मान वक और सामा जक व ान आ व कार के अंतरा ीय जनल आईएसएसएन

ऑनलाइन आईएसएसएन ट www.ijhssi.org खंड

अंक मई. पीपी. www.

. अहमद स क मनोलॉजी ॉ ल स एंड पसपे ट स ई टन

बुक कं पनी लखनऊ

. वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी स ल लॉ प लके शन

इलाहाबाद।
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इकाई

कै द होना

. उ े य

. . प रचय

. . वषय ीकरण

. . . आज भारत क जेल क त

. . . भारतीय जेल क अनुशासना मक व ा

. . . कै दय का वग करण

. . . कै द के अ धकार और हरासती कमचा रय के कत ।

. . . संर क कमचा रय ारा वचलन

. . . खुली जेल

. . . या यक नगरानी आधार वकास सुधार

. . वयं सीखने के लए

. . आइए सं ेप कर

. . श दकोष

. . संदभ

. उ े य

. आज भारत क जेल क त त का अ ययन करना

. भारतीय जेल क अनुशासना मक व ा को समझना

. कै दय के वग करण का अ ययन करना

. कै द के अ धकार और हरासत कमचा रय के कत को समझना।

. संर क कमचा रय ारा वचलन का अ ययन करना

. खुली जेल के ावधान का अ ययन करना

. या यक नगरानी आधार वकास सुधार

. . प रचय

जेल के मानवीकरण के लए अंतरा ीय आंदोलन के प रणाम व प यायपा लका

सामा य कानून के तहत दे श ने कै दय म स य च लेनी शु कर द


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इलाज। यह ा पत हो चुक ा है क जेल अब डज़ाइन क गई सं ाएं नह ह

सज़ा के के वल तशोधा मक और नवारक पहलु को ा त करना। वे ह

अब इसे उन ान के प म माना जाता है जहां कै दय को रखा जाता है न क भूले ए सद य के पम

समाज ले कन मनु य के प म कु छ अ धकार ह। भारत म भी यायपा लका है

बं दय के अ धकार क र ा के लए आगे आएं। शु आत म ऐसा दे ख ा जा सकता है

यहाँ भी अदालत कै दय के त उदार रवैया अपनाने म अ न ुक थ

मौ लक अ धकार क अवधारणा से जुड़ी व भ मांग के दावे। ले कन

बाद म रवैया बदला और अदालत मानवा धकार को मा यता दे ने लग

अ रश कै दय के प म अवधारणाएँ। व भ नणय के मा यम से

यायपा लका ने परामश के अ धकार व रत सुनवाई के अ धकार के अ धकार को मा यता द है

शारी रक सुर ा अ भ का अ धकार प रवार के सद य से मलने का अ धकार और अ धकार

ू र और असामा य या दमनकारी जेल था के खलाफ।

. वषय ीकरण

. . . आज भारत क जेल क त

ाचीन काल म कारागार व ा संयोगवश ही वक सत ई। यह सावधानी से नह कया गया

योजना बनाई. रोम क महान जेल का नमाण पोप इनोसट ए स ने म करवाया था

अपरा धय क दे ख भाल के लए सामा यीकृ त सं ाएँ थ । स हवाँ और

अठारहव शता द म जेल जेल सुधार के घर का उदय आ .

नरोध है. अ धकांश जेल म अ य धक भीड़भाड़ है। दो षय और

रा य क अ धकांश जेल इमारत म वचाराधीन कै दय को रखा जाता है।

सुस त ख़राब ढं ग से सुस त और उ चत व टलेशन या व ता के बना

अपया त जलापू त व ा.

. . . भारतीय जेल क अनुशासना मक व ा

जेल शासन का उसके सभी पहलु म सबसे ापक अ ययन था

म भारतीय जेल स म त ारा कया गया जसने तय क जांच क

जॉन लुईस ग लन मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी पृ ।


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न के वल भारत म ब क इं लड कॉटलड अमे रका जापान म भी जेल क सं या

फलीप स और हांगकांग.

इस बीच भारत सरकार ने यूनाइटे ड से सहायता मांगी

जेल शासन का अ ययन करने के लए एक वशेष क त नयु हेतु रा

भारत। तदनुसार डॉ. ड यूसी रेक लेस ने म भारत का दौरा कया और कई या ाएँ क

कै दय के चयन के लए बोड को संशो धत करने जैसे ब मू य सुझ ाव

समयपूव रहाई और छोट सज़ा के लए कानूनी वक प क शु आत। म

भारत सरकार ने अ खल भारतीय जेल मैनुअ ल स म त क ापना क

जसने मु य प से मागदशन के लए म आदश जेल नयम तैयार कये

रा य सरकार. ले कन महारा रा य को छोड़कर कसी अ य रा य ने ऐसा नह कया है

उ मॉडल नयम के आधार पर जेल मैनुअ ल को पूरी तरह से संशो धत कया गया।

इ माइल स म त ने म अपनी रपोट तुत करते ए मु य प से इस पर वचार कया

बदसलूक और मारपीट का आरोप. साथ ही कु छ बनाया भी है

जेल सुधार कै दय के अ धकार और अ य सहायक के लए सुझ ाव

मामले स म त ने वै ा नक वग करण क सफा रश क है

इलाज के लए कै द और सं ान का व वधीकरण आव यक है

जेल म काय म. जेल सुधार म दे री और उदासीनता से नपटना

ज टस इ माइल ने कहा क जब तक कै दय को समाज से बाहर नह नकाला जाएगा

और वे समाज के सद य बने रहगे भले ही उ ह अ ायी प से अलग कर दया गया हो

ले कन उनक रहाई के बाद समाज क मु यधारा म फर से शा मल होने क उ मीद है ऐसा है

उनके पुनवास सुधार और पुनः वेश पर खच करना रा य का कत है

समाज क मु यधारा म शा मल ह .
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भारतीय जेल म वचाराधीन कै दय क बड़ी सं या से च तत भारत सरकार ने व ध आयोग के यान म इसक आव यकता

लायी है।

नपटने के लए उपयु या यक सुधार और कानून म बदलाव करना

इससे उ प सम या के साथ। आयोग ने शी कारवाई क अनुशंसा क है

मामले क जांच. इसने ावधान को उदार बनाने क आव यकता पर काश डाला

बांड पर रहाई. इसने वचाराधीन कै दय के लए हरासत के अलग अलग ान का भी सुझ ाव दया

कै द .

त मलनाडु जेल सुधार आयोग ने सभी य को सुझ ाव दया है

अपनी वतं ता से वं चत अभी भी मानवता के साथ वहार करने और मानव क अंत न हत ग रमा और अ धकार

के स मान के हकदार ह गे। अ भयु

असाधारण प र तय को छोड़कर य को दोषी से अलग कर दया जाएगा

य और उनक त के अनु प अलग वहार कया जाएगा

अदोषी . अ पाव ध कै दय को भी उपयोगी काय दया जाना चा हए इस लए

ता क वे बेक ार न रह और उ ह मज री द जाए। स म त ने कु छ बनाये

म हला बं दय के संबंध म ग तशील सुझ ाव। का सहयोग

जन उ साही सम पत सामा जक कायकता एवं वयंसेवी संगठन होने चा हए

जेल से रहा ई म हला कै दय के पुनवास के लए सूचीब ।

ज टस एएन मु ला जेल सुधार स म त क ापना का सुझ ाव दया है

भारत म जेल के आधु नक करण क नगरानी के लए एक सतत नकाय के प म रा ीय जेल आयोग । इसने सुझ ाव

दया है क जेल क मौजूदा ै ध शासन व ा

संघ और रा य तर पर शासन को हटाया जाना चा हए। क मट

वशेष प से एक साथ लब बनाने क घृ णत था पर पूण तबंध लगाने क सफा रश क गई

जेल म बंद दात अपरा धय के साथ कशोर अपराधी। इसके अनुसार

भारतीय व ध आयोग व रपोट पृ । इसका गठन GOMS No. गृह वभाग दनांक ारा कया गया था। फरवरी ।समतम
आरएलनर स हन अ य और एसएमडीआईएज़ और डॉ.ए.वकोबा राव सद य के प म शा मल थे।

त मलनाडु जेल सुधार आयोग क रपोट पी.एल.ओ.


यायमू त मु ला स म त क नयु क य मं ालय ारा क गई थी और स म त ने अपनी रपोट तुत क
माच को गृह मं ालय को जेल सुधार।
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सुझ ाव है क जेल म कै द के क य ान का वग करण कया जाए

बनाया। म हला कै दय को सामा जक कानूनी और भावना मक समथन बढ़ाया जाना चा हए

एक सामा जक कानूनी परामश क के मा यम से और आयो जत कानूनी सहायता श वर के मा यम से

कारागार।

अभी हाल ही म व के रल वधानमंडल क ा कलन स म त ने कु छ बनाये

के रल रा य म कै दय के अ धकार के संबंध म ब मू य सुझ ाव । स म त के अनुसार नये पर वचार कर रही है

कारावास का सुधारा मक उ े य पया त अवसर दान कया जाना चा हए

कै दय के सा ा कार के लए. जेल म को और अ धक लाभदायक बनाया जा सकता है

काय को यो यता के अनुसार बांटने का ावधान हो तो उपयोगी है

कै द का वाद. स म त ने एक मह वपूण सफ़ा रश क

सरकार उन कै दय के लए सजा बढ़ाने का सुझ ाव दे रही है जो पैरोल क शत का उ लंघन करते ह ।

. . . कै दय का वग करण

जेल शासन का एक उ े य अपराधी को जेल से र करना है

भ व य म गलत काम करने से रोक और उसे समाज म सुर त और उपयोगी लौटाएं। को

इस ल य को ा त करने के लए कै दय का वै ा नक आधार पर वग करण अ यंत आव यक है

मह व। इस तरह के वग करण के बना वैय कृ त उपचार के मा यम से

अब कौन सी जेल अपने मूल उ े य को ा त करना चाहती ह यह असंभव है।

वग करण जेल शासन को व भ कार क सु वधाएं उपल कराने म स म बनाएगा

अलग अलग े णय के कै दय के साथ उनके गत वहार के अनुसार वहार कया जाता है

सुधार और पुनवास के लए मताएं और आव यकताएं। शु आती दौर का भी अनुभव

जेल सुधार से पता चलता है क य द ऐसा आ तो सबसे बुरी मनोवै ा नक परेशा नयाँ उ प ह गी

कै दय को उनके अपराध क व श ता के बावजूद एक साथ इक ा कया जाता है।

पीएमएबूबेक र स म त के अ य थे। इशाक कु र कल ईईइ माइल ए.कनारन के .कृ णनकु के .मोह मदली के .के .रामचं न मा टर थेरा बल रामकृ णन
ट . शवदासा मेनन वी.एम.सुधीरन और सी.एफ.थॉमस स म त के सद य थे। कमेट ने तारीख को अपनी रपोट स पी

जनवरी l . व के रल वधानमंडल अनुमान स म त क रपोट भी दे ख । व के रल वधानमंडल ा कलन


स म त रपोट
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आपरा धक वृ य को ख़ म करने या नयं त करने का कोई भी यास सफल नह हो सकता

कसी अपराध के इ तहास यानी प रवार के अपे त ान के बना

पृ भू म जीवन जीने का तरीका श ा सं कृ त और व भ अ य पहलू

अपराधी का जीवन. ये व तु न पहलू व भ कार के लए आधार के प म काय करते ह

भोजन आवास काय नयु मनोरंज न के मामले म उपचार का

वभ े णय के कै दय के लए बौ क एवं सुधारा मक पा म आ द।

कै दय के वग करण के व भ उ े य ह। यह स म बनाता है

जेल ा धका रय को एक के प म अपराधी का अ ययन करना और एक संग ठत करना

सम संतु लत एक कृ त और गत श ण और उपचार

काय म. यह संसाधन और उपचार सु वधा का अ धकतम उपयोग सु न त करता है

सं ा के साथ साथ समुदाय म भी उपल है। के फायदे

वग करण पर भी यान दे ना होगा। यह अ धक पया त हरासत दान करता है

पयवे ण एवं नयं ण. उ चत वग करण बेहतर अनुशासन दान करता है और

बढ़ती ई उ पाद ा। सभी श ण और उपचार का अ धक भावी संगठन

एक और फायदा है. जेल म वग करण न त आधार पर होना चा हए

स ांत अथात् आयु लग शारी रक और मान सक त शै क और

सुधार और पुनवास के लए ावसा यक श ण क आव यकताएं और संभावनाएं।

इसके अलावा अपराध क कृ त उ े य उकसावे पछला इ तहास जैसे कारक भी शा मल ह

अपराधी उसका सामा जक सं करण उसका अपराध म प र कार होना चा हए

हरासत म उसका ेड नधा रत करने और उ चत करने के लए इसे यान म रखा गया

इलाज। कृ त के आधार पर इनका ापक वग करण कया गया

और यायालय ारा वयं अपराध क सं या। वहार म वग करण है

यह मा एक दनचया और एक यां क ायाम बन गया है।

कु छ आधु नक अपराधशा य का मत है क अपराध क कृ त आव यक नह है

इस दलील पर कै दय को वग कृ त करते समय यान म रखा जाना चा हए क

कसी के अपराध क कृ त उसक मता का माप नह है


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पुनवास। जैसा क बा स और ट टस ने कहा वग करण का काय है

व भ कै दय को उनक मता के आधार पर अलग करना

सजा पर अपराध क परवाह कए बना पुनवास । इस बात से इनकार नह कया जा सकता

कसी के अपराध क कृ त उसक मता का माप नह है

पुनवास। फर भी अ तआशावाद के बुरे भाव से बचने के लए

अपराधी का मू यांक न और अ नयं त म ण और प रणामी का भी

सं षण अपराध क कृ त को उ चत प से यान म रखा जाना चा हए

जेल म बंद अपरा धय के वग करण का उ े य. य द कसी कै द को दोषी ठहराया गया है

एक संग ठत अपराध को पहले अपरा धय के साथ रखा जाता है इसक संभावना है

सामुदा यक जीवन का षण और बगड़ती त ब त अ धक रहेगी।

अत कै दय का वग करण करते समय अपराध क कृ त का यान रखना चा हए

यान।

व भ रा य और क शा सत दे श के मौजूदा जेल कोड इसका ावधान करते ह

कै दय को कमोबेश उनक उ लग अपराधी के आधार पर अलग करना

पूववृ कारावास क कृ त और शत शारी रक और मान सक तयाँ

आ द। ये यूनतम वैधा नक आव यकताएं हालां क इस उ े य के लए अपया त ह

वै ा नक वग करण का अनुपालन क अपे ा उ लंघन अ धक होता है। ये पहलू है

जेल सुधार पर नवीनतम अ खल भारतीय स म त ारा प से काश डाला गया

न न ल खत श द म वचाराधीन कै द कम सजा पाने वाले कै द

कारावास क म यम और लंबी अव ध कै दय को साधारण सजा

कारावास आदतन अपराधी आजीवन कारावास कठोर और खतरनाक कै द

ब े युवा अपराधी म हला अपराधी नाग रक कै द कै द

के तहत कोट माशल आपरा धक और गैर आपरा धक पागल बंद ारा सजा सुनाई गई

रा ीय सुर ा अ ध नयम वदे शी संर ण के तहत हरासत म लए गए

व नमय एवं त करी रोकथाम अ ध नयम त कर आ द सभी थे

हैरी ए मर बा स और नेगल के .ट टस यू होराइज स इन मनोलॉजी पृ


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एक ही सं ान म रखा गया और अलग अलग वाड म भी उनके पृथ करण क व ा भावी नह थी।

स म त ने आगे कहा क भीड़भाड़ और आव धक जैसे कारक

कै दय क बड़ी सं या सभी स ांत और आव यकता को ख म कर दे ती है

पृथ करण और वा तव म पृथ करण के वल एक ावधान बनकर रह गया है

भारत म कै दय के वग करण के लए अलग अलग मानदं ड अपनाए जाते ह। यह है

लग उ और कै दय को द गई सजा क कृ त के आधार पर बनाया गया । कै दय को मु य प से ए ेण ी

बी ेण ी और सामा य के प म वग कृ त कया गया है

कै द म हला कै द युवा कै द पागल स वल कै द अंडर

ायल कै द और मौत क सजा पाए कै द । य द कसी कै द के पास है

सं ामक रोग के कारण उसे अ य कै दय के साथ नह रखा जाना चा हए। म हला

कै दय को वग कृ त कया जाता है और अलग कया जाता है न क के वल गैर दोषी को ही दोषी से अलग कया जाता है

ब क वृ कै दय से कशोर गैर आदतन से अ य त और भी

स मा नत म हला से वे याएँ। इसके लए व भ सुर ा उपाय उपल कराए गए ह

म हला कै द . उ ह अलग से नधा रत बाड़े को छोड़ने क अनुम त नह है

म हलाएं रहाई ानांतरण या अदालत म उप त या आदे श के तहत छोड़कर

अधी क.

कै द अ ध नयम भी म हला कै दय के इस तरह के वग करण को नधा रत करता है। य द एक

पु ष कै द इ क स वष से कम उ का हो तो उसके साथ अलग वहार कया जाना चा हए

अ य कै द . इसके अलावा द वानी और आपरा धक कै द और सजाया ता और वचाराधीन कै द

जेल सुधार पर अ खल भारतीय स म त क रपोट खंड पी. ।


कै द अ ध नयम . म लखा है कै दय को अलग करने के संबंध म इस अ ध नयम क आव यकताएं इस कार ह म हला कै दय के साथ साथ पु ष
कै दय वाली जेल म म हला को अलग इमारत म कै द कया जाएगा या एक ही इमारत के अलग अलग ह से इस तरह से क उ ह पु ष कै दय के साथ दे ख ने बातचीत
करने या संभोग करने से रोका जा सके ऐसी जेल म जहां इ क स वष से कम उ के पु ष कै द बंद ह उ ह अलग करने के लए साधन उपल कराए जाएंगे। उ ह अ य
कै दय से पूरी तरह से अलग करने के लए और उनम से जो युवाव ा क उ म प ंच गए ह उ ह उन लोग से अलग करने के लए जो अभी नह प ंचे ह

गैर दोषी आपरा धक कै दय को दोषी आपरा धक कै दय से अलग रखा जाएगा और स वल कै दय को आपरा धक कै दय से अलग रखा जाएगा।
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कै दय के साथ भी अलग वहार कया जाता है। सजाया ता कै दय म य द

पर तयाँ वारंट करती ह आगे वग करण कया जा सकता है सजाया ता अपराधी

कै दय को या तो सामू हक प से या गत प से कोठ रय म या आं शक प से कै द कया जा सकता है

एक तरह से और आं शक प से सरे तरीके से। इस कार बंद अ ध नयम क धारा

जेल अधी क को सजाया ता कै दय को अलग रखने का अ धकार दे ना

उ ह अलग अलग को शका म रख और इस उ े य के लए उनक ग त व धय को तबं धत कर

जेल के भीतर अनुशासन बनाए रखना।

कै द अ ध नयम क धारा क संवैधा नक वैधता जो इस तरह के वग करण को सश बनाती है पर के .वलंबा

बनाम त मलनाडु रा य म सवाल उठाया गया था ।

कै दय के वग करण के संबंध म एक ऐ तहा सक नणय। ज टस गोकु ला

कृ णन और म ास उ यायालय के यायमू त वेण ुगोपाल ने पाया क

कै दय का वग करण सं वधान के अनु ेद के व नह है। म

वल बल या चकाकता को जेल म ग त व धय म ल त पाया गया

हसा क नी त का उपदे श दे क र अ य सह कै दय को े रत करना

धनवान वग का वनाश तथा जेल से भागने क योजना बनाना। अदालत ने माना क या चकाकता ने वयं एक वग

बनाया । उनका अलग

सुर ा उपाय के मामले म वग करण मनमाना नह था। तो कारवाई

जेल अ धका रय ने सं वधान के अनु ेद का उ लंघन नह कया।

जेल अधी क ारा अनुशासना मक पृथ करण नह लया जा सकता

जैसा क धारा के तहत वचार कया गया है इसे एका त कारावास के प म व णत कया गया है

दं ड सं हता न ही इसे सेलुलर कारावास या अलग के प म व णत कया जा सकता है

कारावास जसका उ े य जेल अपराध के लए सज़ा है

कारागार अ ध नयम क धारा और .

सीआर.एल.जे. .

सीआर.एल.जे. .
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कै दय के कु छ वग ऐसे ह जन पर वशेष यान दे ने क ज रत है

जेल पागल कै द म हला कै द और कम उ के कै द ऐसे ही होते ह

े णयाँ।

. . . कै द के अ धकार और हरासती कमचा रय के कत ।

भारत म भी कै द का दजा और उसे दए गए अ धकार लगभग समान ह

इं लड और अमे रका के समान। उसक हरकत तबं धत ह और कु छ

कै द पर वकलांगता थोप द जाती है। तरह तरह के तबंध लगाए गए ह

मौ लक अ धकार के योग पर भी. क तपय अपराध का दोष स

इसके प रणाम व प नाग रक अ धकार क हा न भी होती है। ले कन इं लड के वपरीत एक दोषी ऐसा करने म असमथ है

भारत म अपकृ य के लए मुक दमा करने के लए। भारत म कोई ायी मतदान अयो यता मौजूद नह है। यह

के वल कारावास क अव ध के लए है।

कै दय और जेल शासन का इ तहास इससे भी पहले का है

जेल अ ध नयम और जेल मैनुअ ल का अ ध नयमन। क बेहतरी क चता

भारत म पहले से ही कै दय क दशा का यास कया जाता रहा है

वभ वधान. भारत म कै दय से संबं धत कानून जेल ह

अ ध नयम बंद अ ध नयम कारागार ानांतरण अ ध नयम और बंद

यायालय म उप त अ ध नयम । वश वधान अनु े द के अलावा

भारत के सं वधान के अनु ेद और भी इस संबंध म ासं गक ह

कै द के अ धकार.

सुधारा मक उपचार अपरा धय को गैर बना दे ने क नई दशा के साथ

अपराधी अ ासं गक थे। कै दय पर स ती जेल म सुर ा का पुर कार

सज़ा आ द वधायी ाथ मकता तय क गई। वाभा वक प से भारतीय क अनुप त

सं वधान ने क य वधा यका को कै दय के नपटान क पूण श द।

यह दे ख ा जा सकता है क टश सरकार मानवा धकार को ब त कम मह व दे ती थी

कै दय के लए स ांत. यह उनके जेल दशन के अनु प था

शासन अपने वरो धय के उ पीड़न के लए एक उपकरण के प म। ले कन जब


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ायी कानून जसने अ धकार का नमाण कया छोटे वधान को नयं त करने लगा

यायालय को सं वधान को कायम रखने क अपनी शपथ के अनुसार ावधान क पुन ा या करनी पड़ी

जेल अ ध नयम ता क टश भारतीय जेल क नरपे ता को ख म कया जा सके । वह था

इस या ने कै द अ धकार के े म ां तकारी प रवतन लाये

व भ के स कानून के मा यम से। म हलाएं और ब े सुर ा मक हरासत म

मान सक प से बीमार य को मान सक अ ताल वचाराधीन कै दय म जगह नह मल पाती है

उ ह ने अपने खलाफ मुक दमा शु कए बना कई साल जेल म बताए

और कई अ य व श गुण ने भारतीय का यान आक षत कया है

सु ीम कोट।

. . . संर क कमचा रय ारा वचलन

जेल शासन क अपया तता और कै दय के साथ वहार

न के वल श ा वद से ब क आ धका रक नकाय से भी आलोचना को आमं त कया गया। एक

कै द अ धकार से संबं धत मौजूदा अ ययन और रपोट का अवलोकन दखाता है

काशन क धानता है ले कन वे कु छ व श से संबं धत ह

जेल शासन जेल अ याचार आ द जैसे पहलू।

भारतीय सं वधान म मानवा धकार स ांत को मुख ान दया गया है

जगह। कै दय के अ धकार म बाद म ए वकास वा तव म संवैधा नकता को दशाते ह

ल य और आदश. सु ीम कोट ने कै दय के अ धकार पर वचार कया है

एक रट या चका पर सुनील ब ा आई बनाम द ली शासन म व तृत तरीके से

सं वधान के अनु ेद के तहत. यहां यह नधा रत कया गया था क एक अदालत क सजा

कै द को उसके मौ लक अ धकार से वं चत नह करता। सं वधान पीठ

सुनील ब ा मामल म क त के संबंध म मह वपूण स ांत नधा रत कए गए

कै द . सं वधान पीठ ने हाथ हटाओ जेल स ांत को खा रज कर दया

कै दय के मौ लक अ धकार को बरकरार रखा हालां क अलग अलग तरह से सी मत कया गया

वैध हरासत क वा त वकता. मौ लक अ धकार ने कै दय का साथ नह छोड़ा

और य प वा य का दं डा मक उ े य सुधारा मक था

नवारक भी. आगे यह बताया गया क अदालत का सल सला जारी है

यह सु न त करने क ज मेदारी क वं चत करना संवैधा नक उ े य नह है


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जेल शासन से हार गए. फलहाल कोट को इसे अपनाने क ज रत नह है

भारत म जेल शासन क सम या के संबंध म हडलेस रवैया।

. . . खुली जेल

खुली जेल मूलतः ऐसी जेल होती ह जनम कोई ताले नह होते

आसपास क सुर ा. कै द पर भरोसा कया जाता है क वह जेल के अंदर या उसके अंदर ही रहेगा

नकटतम पड़ोस य क कई खुली जेल म ब त समय तीत होता है

उस े के बाहर काम करना जसम जेल क इमारत ह। के अभाव

ताले और इमारत जेल का पूरा माहौल बदल दे ती ह। कै द है

हरासत म लए जाने के त कम जाग क होने के कारण टाफ सद य कम त रहते ह

इन सं ान म सुर ा. तो इससे गत ज मेदारी वक सत होती है

कै द .

येक कै द खुली जेल म इलाज के लए उपयु नह है। जो भी

इसे भागने के जो खम के प म माना जाता है जो खुली जेल के लए अनुपयु है। क एक और ेण ी

खुली जेल के लए पा वे कै द नह ह जो अंत न हत ह

अपया तता या सं ागतकरण से खुली तयाँ असहनीय हो जाएंगी।

हसक और यौन अपरा धय के साथ भी खुले तौर पर अनुपयु य के पम वहार कया जाता है

जेल खुली जेल क जनसं या का चयन सावधानीपूवक कया जाना चा हए।

खुली जेल म हसा और सुर ा को लेक र चताएँ कम होती ह। यहाँ कै द ह

लंबे समय तक बने रह ता क उ ह उ पादन करने वाले य के प म जाना जा सके

एक बंद जेल से ब कु ल अलग र ता जहां एक बंद जेल है

अचय नत और लगातार बदलती जनसं या। वहार म अ धकांश खुली जेल

ामीण प रवेश म रहने वाले लोग अ सर अलग थलग ान पर होते ह। इसका मतलब है क वे ह

बंद जेल के कै दय क तुलना म अ धक सुख द और व ।

रा य क अ य बंद जेल से कै दय का चयन चयन ारा कया जाता है

स म त। के वल ऐसे कै द ज ह आजीवन कारावास क सजा द जाती है


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व ास और ज मेदारी के आधार पर कसी काय म का पया त प से जवाब दे सकते ह उ ह आमतौर पर

खुली जेल म कै द के लए चुना जाता है । कोई भी कै द दावा नह कर सकता

अ धकार के प म खुली जेल म ानांतरण। चयन स म त पर

चयन के समय मान सक और शारी रक वा य को उ चत यान दे ना होगा

कै द जेल म वहार और आचरण और ज मेदारी क भावना

द शत काय म ग त ावसा यक श ण बंद जेल म श ा

समूह समायोजन च र और आ म अनुशासन सं ागत भाव क सीमा

और खुली जेल म कारावास के लए भरोसेमंद होने के लए उसक उपयु ता।

. . . या यक नगरानी आधार वकास सुधार

सं वधान के तहत गारंट कृ त मौ लक अ धकार पूण नह ह

उनके आनंद पर कई तबंध लगाए गए ह। क वतं ता का अ धकार

मौ लक अ धकार म का अ धकार सबसे मह वपूण है। कब

कसी को दोषी ठहराया जाता है या जेल म डाल दया जाता है तो उसक त उससे भ होती है

समा य । एक कै द सभी मौ लक अ धकार का दावा नह कर सकता

एक सामा य के लए उपल . भारत का सव यायालय और व भ उ

भारत म यायालय ने व भ नणय म चचा क है। इन पर चचा करने से पहले

नणय के संबंध म व भ संवैधा नक ावधान को दे ख ना आव यक है

कै द के अ धकार.

कानूनी शत

भारत के सं वधान म कै द के अ धकार क कोई गारंट नह है।

हालाँ क कु छ अ धकार जो भाग III म गनाए गए ह

कै दय को सं वधान इस लए भी उपल है य क कै द तो रहता ही है

जेल के अंदर । अब गत वतं ता का अ धकार मल गया है

सव यायालय ारा ब त ापक ा या। यह अ धकार न के वल उपल है

लोग को मु करने के लए ब क सलाख के पीछे रहने वाल को भी। शी सुनवाई का अ धकार नःशु क कानूनी

स म त म कारा महा नरी क कारा उप महा नरी क अधी क शा मल ह


उस जेल का नाम जहां से कै दय का चयन कया जाना है और खुली जेल का अधी क।
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सहायता यातना के व अ धकार मानव के व अ धकार और अपमानजनक वहार

कसी के साथ जेल म भी जाएँ। के मह वपूण ावधान म से एक

भारत का सं वधान जो आम तौर पर अदालत ारा लागू कया जाता है वह अनु ेद है

जसम समानता का स ांत स हत है। नयम है क जैसा वहार करना चा हए।

एक जैसे और अनु ेद म न हत उ चत वग करण क अवधारणा है

कै दय क ेण ी नधा रत करने के लए अदालत के लए यह एक ब त ही उपयोगी मागद शका रही है

और व भ े णय म उनके वग करण का आधार। का अनु ेद

सं वधान भारत के नाग रक को छह वतं ता क गारंट दे ता है। इनमे से

कु छ वतं ताएँ जैसे आवाजाही क वतं ता नवास करने और बसने क वतं ता

और पेशे वसाय ापार या वसाय क वतं ता का आनंद नह लया जा सकता

इन वतं ता क कृ त के कारण और कै दय के कारण

कारावास क त.

ले कन अ य वतं ताएं जैसे भाषण और अ भ क वतं ता क वतं ता ।

कसी एसो सएशन का सद य बन आ द का आनंद कै द भी उठा सकता है

सलाख के पीछे और उसक कै द या सजा का इससे कोई लेना दे ना नह है

आज़ाद . ले कन ये जेल कानून क सीमा के अधीन ह गे।

सं वधान का अनु ेद अब तक मुक दमेबाजी का एक मुख क रहा है

कै दय के अ धकार का संबंध है. यह वतं ता के स ांत का तीक है। यह

ावधान का उपयोग भारत के सव यायालय ारा कै दय के कु छ मह वपूण अ धकार क र ा के लए कया गया है। मेनका

गांधी के स के बाद यह लेख आया है

कायपा लका वशेषकर जेल ा धका रय क मनमानी कारवाइय के व उपयोग कया जाता है।

उस नणय के बाद यह ा पत हो गया क नणय न प एवं उ चत होना चा हए

य के जीवन और गत वतं ता से वं चत करने क या।

जेल शासन म या यक भागीदारी का इ तहास यह दशाता है

जब भी जेल अ धका रय ने कै दय के साथ ू र वहार कया है

अदालत ने उनके अ धकार क र ा के लए ह त ेप कया है। जेल क त का मु ा और

मेनका गांधी बनाम भारत संघ एआईआर एससी


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पयावरण सुधारा मक वषय म से एक मुख वषय के प म उभरा है

दशन कै दय के अ धकार और जेल जीवन के भा य से संबं धत उठाता है।

मूल प से जेल के अंदर कै दय के साथ वहार ू र और ू र था

बबर जब कसी को दोषी ठहराया जाता था तो यह सोचा जाता था क उसने अपना सब कु छ खो दया है

अ धकार। जेल समुदाय को एक बंद णाली के प म माना जाता था और ऐसा नह था

कै दय के मामल म बाहरी लोग क प ंच।

अनुशासन क आड़ म अ धकारी कसी भी कार क चोट प ँचाने म स म थे

कै द . जेल ा धका रय के कृ य के व या यक समी ा का दायरा

ब त तबं धत था. अदालत के मामल म ह त ेप करने म अ न ुक थ

कै द यह पूरी तरह से कायपा लका के ववेक पर छोड़ दया गया था। ले कन धीरे धीरे

एक बदलाव दख रहा था.

नप या का अ धकार जब हम कै द के अ धकार क उ प का पता लगाते ह

भारत वह ूण जसे हम ए.के .गोपालन बनाम के मश र फै सले म पा सकते ह।

म ास रा य. या चकाकता ारा उठाए गए मु य तक म से एक यह था

वा यांश कानून ारा ा पत या जैसा क अनु ेद म न हत है

सं वधान म एक न प और उ चत या शा मल है न क के वल

जीवन से वं चत करने के लए रा य ारा नधा रत या क झलक या

य क गत वतं ता.

गोपालन म ब मत का कोण यह था क जब कोई पूरी तरह से वं चत हो जाता है

कानून ारा ा पत या के तहत उसक गत वतं ता मौ लक

आंदोलन क वतं ता के अ धकार स हत अ य अ धकार उपल नह ह। ये आ था

वह .. पूण तः पूण या अ नयं त वतं ता जैसी कोई चीज़ नह हो सकती

संयम से मु य क इससे अराजकता और अ व ा पैदा होगी....कु छ म

मामल म गत अ धकार के मु योग पर तबंध लगाना होगा

समाज के हत क र ा करना सरी ओर सामा जक नयं ण जो

जनता क भलाई के लए अ त व म है इसे नयं त कया जाना चा हए ऐसा न हो क इसका पयोग कया जाए

गत अ धकार और वतं ता क हा न ।

एके गोपालन बनाम भारत संघ


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सरा मह वपूण नणय पांडुरंग के मामले म था जसे अदालत ने माना

हरासत क शत को अ य मूलभूत सु वधा से वं चत करने तक नह बढ़ाया जा सकता

हरासत के त य के अनु प अ धकार। तवाद को हरासत म लया गया

सरकार ने उ ह काय करने से रोकने के लए ब बई क जला जेल म डाल दया

भारत क र ा सावज नक सुर ा और रखरखाव के लए तकू ल तरीके से

सावज नक व ा। जब वह जेल के अंदर थे तो उ ह ने कसक अनुम त से लखा था

सरकार ने मराठ म अनुचा अ तरंगत शीषक से एक पु तक लखी। पु तक

यह पूरी तरह से वै ा नक हत का था और इससे बचाव प पर कोई तकू ल भाव नह पड़ा

भारत क सावज नक सुर ा या सावज नक व ा। बंद ने सरकार को आवेदन दया

और अधी क से पांडु ल प को जेल से बाहर भेज ने क अनुम त मांगी

काशन के लए ले कन दोन को अ वीकार कर दया गया। उ यायालय का दरवाजा खटखटाने पर उसने फै सला सुनाया

कसी बंद को कताब बाहर भेज ने पर रोक लगाने वाले कोई नयम नह थे

इसे का शत कराने क से जेल। उ यायालय ने माना क नाग रक अ धकार और

हरासत के आदे श से कसी भी तरह से कसी नाग रक क वतं ता पर अंकु श नह लगाया जा सकता

वह हरासत म लए गए लोग के लए प र तय के भीतर अपनी ग त व धय को जारी रखने के लए हमेशा खुला था

उसक हरासत को नयं त करना।

इसने आगे कहा क कसी बंद को भेज ने से रोकने वाले कोई नयम नह थे

जेल के बाहर पु तक का शत कराने क से। सु ीम कोट भी

उ यायालय के नणय क पु क और कहा क उ शत

कसी बंद क गत वतं ता पर तबंध को व नय मत करना वशेषा धकार नह है

उसे दान कया गया है ले कन या वे शत ह जनके अधीन उसक वतं ता हो सकती है

व जत।

डीबीएम पटनायक बनाम आं दे श रा य म सव यायालय

प से कहा गया क दोषी के वल उनक हरासत के कारण नह ह

उनके सभी मौ लक अ धकार से वं चत कर दया गया है। या चकाकता म पटनायक

वशाखाप नम क क य जेल म अपनी सज़ा काट रहे थे। वह थे

साथ ही वचाराधीन कै दय को भी जसे के नाम से जाना जाता है

एआईआर एससी ।

एआईआर एससी
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पावतीपुरम न सली सा जश के स . के लए या चका दायर क गई थी

जेल के चार ओर तैनात सश पु लस गाड को हटाना और तोड़फोड़ करना

जेल क द वार के शीष पर बजली के तार लगे ए ह। उ तम

कोट ने कहा क गत वतं ता का अ धकार और कु छ अ य मौ लक अ धकार ह

इस अव ध के दौरान कसी दोषी को वतं ता से पूरी तरह से वं चत नह कया जा सकता है

क़ै द. यहां उनके कसी भी मौ लक अ धकार से कोई वं चत नह कया गया

जेल के बाहर तुरंत पु लस गाड क तैनाती करके । पु लसवाले

जो लोग जेल क खाली जमीन पर रहते ह उ ह जेल तक जाने क कोई सु वधा नह है

जो ऊं ची द वार से घरा आ है। ले कन अदालत ने कु छ मह वपूण बात बता

कै दय के अ धकार से संबं धत पहलू। चं चूड़ जे. ने कहा क क सुर ा

पु लस ारा मनमाने ढं ग से कये गये अ त मण के खलाफ वतं होना बु नयाद है

समाज और कै दय को पु लसक मय क दया पर नह छोड़ा जा सकता है

अपराध के एक अ ल खत कानून का ह सा. इस तरह क घुसपैठ मूलत व के व है

आदे शत वतं ता क एक योजना के बारे म ।

वयं सीखने के लए

. आज भारत क जेल क या त है या आपके पास सुझ ाव ह

इसका सुधार

. भारतीय जेल म लागू व भ अनुशासना मक व ा पर चचा कर।

. कै दय का वग करण कै से कया जाता है

. कै द के अ धकार या ह क टो डयल टाफ का कत कसके व है

कै द

. या संर क कमचा रय ारा कोई वचलन कया गया है ारा या राहत दान क जाती है

सु ीम कोट

. खुली जेल के ावधान का या लाभ है या यह व ा है

सफल


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. . आइए सं ेप कर

जेल के वल कारावास और नरोध का ान नह है। यह भी एक नवास ान है

पुनवास और शोधन. आधु नक वृ इसके कारण को मटाने क है

अपरा धय के बजाय अपराध को श ा द सुधारा मक और सुधारा मक तरीके से समझना

तरीके . सजा पाने के लए सजा अदालत म ही एक या होनी चा हए

य द जेल म उनके अ धकार का उ लंघन कया जाता है तो दोषी य क शकायत।

कसी को सज़ा दे ने और उसे हमेशा के लए भुला दे ने क मौजूदा व ा बदलनी चा हए.

जेल याय शासन म भावी सुधार संभव है य द

जेल म अपरा धय के इलाज म यायपा लका का अ धकार है। अदालत पर नके ल कसनी चा हए

गत मामल से परे जाकर सकारा मक नदश जारी करने क श के साथ

एक ापक कृ त.

भारत के उ यायालय और सव यायालय धीरे धीरे वक सत ए ह

दखावट जेल याय म अ धकार े का योग करना जसम सुधार करना भी शा मल है

भोजन और सु वधा क गुण व ा मज री का भुगतान और उ चत मानक

च क सा दे ख भाल। पी ड़त कै दय के लए अदालत तक प ंच आसान बनाई जानी चा हए।

जेल शासन के कोण म आमूल चूल प रवतन लाना है

नी त के साथ साथ उसके कामकाज म भी। सुधार एवं पुनवास का स ांत

अ रश और वहार दोन म वीकृ त मलनी चा हए।

. . श दकोष

खुली जेल एक खुली जेल अ नवाय प से वह होती है जसम कोई ताले नह होते ह और

आसपास कोई सुर ा नह . कै द पर भरोसा कया जाता है क वह जेल के अंदर या अंदर ही रहेगा

इसका नकटतम पड़ोस य क कई खुली जेल म ब त समय तीत होता है

उस े के बाहर काम करना जसम जेल क इमारत ह। के अभाव

ताले और इमारत जेल का पूरा माहौल बदल दे ती ह

जेल सुधार वहाँ तरोध है ले कन न न आतंक के बना वहाँ है

रोकथाम सुधार है ले कन इलाज के बजाय ाय त के मा यम से वहाँ है


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श ा वयं कानून के ान और आव यकता दोन म

सर के अ धकार को पहचान और सावज नक नदा भी हो।

. . संदभ

. अहमद स क मनोलॉजी ॉ ल स एंड पसपे ट स ई टन

बुक कं पनी लखनऊ

. वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी स ल लॉ प लके शन

इलाहाबाद।

. वीएन परांज पे मनोलॉजी एंड पेनोलॉजी वद व टमोलॉजी स ल

व ध काशन इलाहाबाद।

सूची

भारतीय व ध आयोग क व और व रपोट।

वदे शी दं ड सं हता क अमे रक ृंख ला

आचबो आपरा धक मामल म दलील सा य और अ यास

से लया है टॉम आपरा धक या

ट ना वान डेन व गाट यूरोपीय म आपरा धक या णाली

समुदाय जोएल समाहा

आपरा धक या प म

पीपु स रप लक ऑफ चाइना क आपरा धक या सं हता।

दं ड या सं हता

जॉन एन. फ़ डको आपरा धक या प म

के एनचं शेख रन प लई सं. आरवी के लकर क आउटलाइ स ऑफ मनल

या पूव लखनऊ।

पै क डेव लन द मनल ॉ स यूशन इन इं लड

सडस एंड यंग आपरा धक याय

सरकार सा य का कानून

द च कोड ऑफ मनल ोसीजर


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व कस और ॉस सा य के कानून क परेख ा

.ए. स क मनोलॉजी ई टन लखनऊ।

.अ फ रॉस ऑन ग ट र ॉ स ब लट एंड प नशमट

.मानव व ान

.एचएलए हाट प नशमट एंड र ॉ स ब लट

.हबट एल. पैक र द ल मट् स ऑफ मनल स न

.के एस शु ला सो शयोलॉजी ऑफ डे वयंट बहे वयर तीसरे आईसीएसएसआर सव ण म

समाजशा और सामा जक

.भारत का व ध आयोग बयालीसव रपोट अ याय।

.एस. छाबड़ा द वांटम ऑफ़ प नशमट इन मनल लॉ

. तापस कु मार बनज बैक ाउं ड टू इं डयन मनल लॉ

आर.कै े एंड कं पनी कलक ा।

नोट जहां भी आव यक हो पेपर को संदभ के साथ पढ़ाया जाएगा

भारत इं लड अमे रका ांस स और चीन म याएं

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