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12 जुलाई 2018 को NHSE Pvt Ltd का इन्कॉर्परैशन हुआ । मेरे एक पुराने बैंक मित्र कु मार मनीष

(जो अब नहीं रहे) ,वारिस अहमद खान , हेमंत आनंद और मैंने मिल कर NHSE Pvt Ltd का बनाया.
सभी ने मिल कर प्लान किया की इसका मुख्यालय दिल्ली मे रखा जाएगा.

बैंकिं ग ऑपरेशन मे मेरा और कु मार मनीष को ऐड कर दिया गया । इस बीच हेमंत क्लस्टर हेड के पद पर
और वारिस अहमद ज़ोनल हेड के पद पर जॉइन किए । जब डायरेक्टर मे ऐड होने की बात हुई तो
वारिस अहमद खान ने बताया की अगर हम लोग इस कं पनी मे डायरेक्टर के पद पर जॉइन करेंगे तो
NHSE Pvt Ltd बिहार झारखंड मे एक छोटी कं पनी लगेगी क्युकी सभी लोग अनलाइन जान जाते हैं
आज काल की इस कं पनी मे कौन कौन डायरेक्टर हैं । वारिस अहमद खान ने कहा की हम लोग इम्प्लॉइ
बन कर ही काम करते हैं ताकि हम लोगों को देख कर और भी दूसरे लोग हमारी कं पनी मे जॉइन करेंगे।
धीरे धीरे बिहार और झारखंड मे हमारी कई शाखाएं खुल गई जैसे
पटना,आरा,मुजफ्फरपुर,बिहारशरीफ,पाकु र,धनबाद आदि। अब कु मार मनीष NHSE Pvt Ltd मे ऑपरेशन
और कं पलायन्स देखने लगे ।

आरा शहर से हेमंत आनंद और वारिस अहमद खान ने डिबेंचर बोल कर कई लोगों से फं ड उठाए जो
उन्होंने कं पनी के चालू खाता मे डाले। कु मार मनीष ने और मैंने भी अपने अपने स्तर पर कु छ न कु छ
फं ड इकट्ठा किया जो कं पनी के चालू खाता मे दल गया। इस जमा फं ड का इस्तेमाल व्यापार के विस्तार
मे , शाखा के रेंट मे , टैक्स मे , सैलरी मे और अन्य ऑफ़िसीयल मामलों मे खर्च होता रहा। चुकी
बीजनेस बहुत अच्छा नहीं हो रहा था इस लिये कमाई कम होती रही और बाजार से उठे पैसे से ही
सैलरी,रेंट और बाँकी खर्च होते रहे ।

इसी बीच management के द्वारा ये फै सला लिया गया की हम लोग निधि कं पनी और सेक्शन 8 कं पनी
बनाए और बैंकिं ग प्रैक्टिस भी करें । कु छ नई कं पियाँ बनाई गई। आरा जिला स्तर पर nhse Sanchay
Nidhi ltd बनाया गया जिसमे ग्राहकों को बचत खाता,आवर्ती जमा योजना , फिक्स्ट डेपोजिट की सुविधा
दि जाने लगी । आरा मे nhse Nidhi ltd पर सबसे ज्यादा खर्च किया गया जो हेमंत आनंद और
वारिस अहमद खान के द्वारा किया गया । सब कु छ ठीक ही चल रहा था की कोविड की दूसरी लहर आ
गई ।

30 अप्रैल 2021 को कु मार मनीष का कोविड-19 से निधन हो गया।


3 मई 2021 को मेरे पिता जी और 4 मई 2021 को मेरे चाचा जी की भी मृत्यु हो गई । इस दौरान
मेरे संबंधियों मे और भी कई रिश्तेदार कोविड -19 से चल बसे । मै बहुत ही टू ट चुका था । अब हिम्मत
नहीं बची थी । मै दिल्ली छोड़ कर एक साल के लिये पटना शिफ्ट हो गया ताकि कं पनी का काम ठीक
से चल पाए । कं पनी मे डायरेक्टर के तौर पर वारिस अहमद खान और हेमंत आनंद को जोड़ा गया ।अब
कं पनी मे तीन डायरेक्टर हो चुके थे । इनको बैंकिं ग मे ऐड करने के लिये मैंने ब्लैंक लेटर हेड साइन कर
के दिया लेकिन् बैंकिं ग मे कोई ऐड नहीं हुआ। एक वर्ष के बाद जब मेरी जरूरत दिल्ली हेड ऑफिस मे हुई
तब मै वापिस लौट गया । वहाँ जाने के बाद भी मैंने छः लेटर हेड कू रियर किया जिसके बारे मे मैंने मेल
भी किया की उन लेटर हेयड्स का कहाँ इस्तेमाल करना है । लेकिन वो लेटर हेड मिस्प्लैस कर दिए गए ।
डायरेक्टर बनने के बाद कं पनी मे वारिस और हेमंत का फोकस बीजनेस पर से हट कर अपना ईगो
सैटिस्फाइ करने पर चला गया की अब तो मै डायरेक्टर हूँ तो बीजनेस के लिये बाहर नहीं जाऊं गा ।
कमाई कम होती गई ,खर्च बढ़ता गया । पहले जूनियर स्टाफ और फिर सिनीअर लोगों की सैलरी बंद
होती चली गई । इसी बीच पुराने कास्टमर्स का पैसा लौटने का समय आ गया । हेमंत के एक कस्टमर
बिनोद कु मार पांडे जो बक्सर के रहने वाले हैं और आरा और रांची मे रेनटेड मकान ले कर रहते हैं
उनसे से रांची मे मैंने और हेमंत ने मुलाकात की । उनसे जो भी पैसा दिया कै श मे दिया । उन पैसों
को हेमंत ने अपने और मेरे पर्सनल और फॅ मिली अकाउंट मे डेपोसीट किया । फिर उन अकाउंट से कं पनी
के अकाउंट मे ट्रैन्स्फर कर दिया गया । मैंने हेमंत को वार्न किया की ये काला धन तो नहीं है तो उसने
कहा की सर ये सब पक्का सफे द पैसा है इससे कोई प्रॉब्लेम नहीं है । अब मार्के ट जब मार्के ट से लोगों
के पैसे का डिमांड आने लगा तब उन पैसों से पुरानी और तत्काल लियाबिलिटी चुकाई गई । उसके बाद
भी कई बार हेमंत कै श उठा कर कं पनी के खाते मे डालते रहे । उन पैसों मे से कु छ पैसे हेमंत
कं पनी मे बिना जमा किए भी खर्च करते थे। इधर आरा मे जिला स्तर पर चल रही nhse Sanchay
Nidhi ltd मे जिसमे कु ल पाँच डायरेक्टर ने जॉइन किया था उसमे से कु मार मनीष की मृत्यु हो गई ,
मै और संजीव श्रीवास्तव ऑडिट नहीं किए जाने के कारण रिजाइन कर के निकल गए । nhse
Sanchay Nidhi ltd मे मैंने बहुत बार वारिस और हेमंत को इ मेल किया की ये जिला स्तर की
पब्लिक लिमिटेड कं पनी है इसका ऑडिट करवाइए लेकिन किसी भी मेल का ना तो जवाब आया और नहीं
वारिस ने या हेमंत ने ऑडिट किया। 100 से अधिक बचत खाता खोला गया , फिक्स्ट डेपोजिट किए गए
,लोन बनते गए जिसकी कोई भी डीटेल नहीं दिया गया । अंत मे nhse Sanchay Nidhi ltd मे सिर्फ
दो डायरेक्टर रह गए वारिस और हेमंत । आज भी वो दोनों ही डायरेक्टर हैं ।

Nhse Pvt Ltd से मै भी डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया । लेकिन Nhse Pvt Ltd मे बिजनस
डेवलपमेंट हेड के तौर पर काम करता रहा ।

Nhse Pvt Ltd को सुचारु रूप से चलाने के लिये मैंने बहुत से लोगों को आमंत्रित किया । बिनोद कु मार
पांडे ,संजीव श्रीवास्तव और की अन्य लोग डायरेक्टर के पद पर जॉइन किए। सभी लोगों ने फिर से
प्रयास किया की अब कं पनी अच्छी तरह से चल जाए। अभी भी सभी प्रयासरत हैं । अधिकतम
Directors की संख्या ने मिल कर बोर्ड रेसोल्यूशन पास किया की बैंकिं ग कै से कार्नीन है , कै से इनकम
बढ़ाना है या कै से कं पनी को आगे बढ़ाना है । लेकिन फिर से आपसी मतभेद और समझ के अभाव मे
कु छ Directors रिजाइन कर के निकल गए ।

जो भी पैसे कं पनी के खाते मे आए उनका इस्तेमाल स्टाफ के सैलरी,ऑफिस रेंट,टैक्स,बिजली बिल या


अन्य ऑफिस के खर्च मे किया गया । हलाकी बिनोद कु मार पांडे के पैसों को 2026 से 2027 तक के
बीच लौटने की बात थी । लेकिन अचानक 23 जून 2023 से उन्होंने मुझे सारे पैसों को लौटने का दबाव
बनाना शुरू कर दिया । गाली ,धमकी और पुलिस के स की बात करने लगे । गालीयों की बौछार और
धमकी का सिलसिला अब तक जारी है । मेरा या कं पनी का नियत उनका सारा पैसा लौटाने का है
जिसके लिये वो समय नहीं दे रहे हैं। और साथ ही साथ पूरे परिवार के साथ मरने की धमकी दे रहा है
। बिनोद कु मार पांडे का कहना है की उनके पैसे से मैंने अपना फ्लै ट खरीदा है , जबकि सच्चाई ये है की
मेरा फ्लै ट जिसको मैंने 2019 मे 57,50,000/- में बुक किया था उसके लिये 50 लाख लोन लिया है
। मैंने बैंक के सभी खाते उसको शेयर किया है फिर भी उनकी धमकी नहीं रुक रही है ।

वारिस अहमद खान भी Nhse Pvt Ltd डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिए लेकिन ज़ोनल हेड के पद पर
बने रहे लेकिन उन्होंने काम नहीं किया । बच्चों के अड्मिशन के नाम पर वारिस अहमद खान ने Nhse
Pvt Ltd से 12 मई को 2.20 लाख का एक लोन लिया था जिसको उसने अभी तक नहीं चुकाया है ।
और ना ही मेल का जवाब दे रहे हैं। वारिस अहमद खान Nhse Pvt Ltd मे AMFI,PF और
MCA मे अभी भी authrized signatory है और nhse sanchay nidhi ltd मे भी डायरेक्टर है
जबकि वो Nhse Pvt Ltd को छोड़ कर डीसीबी बैंक जॉइन कर चुके हैं। जबकि अभी तक उन्हे
Nhse Pvt Ltd से रिलीज नहीं किया गया है।

वर्तमान स्थिति ये है की बिनोद कु मार पांडे और सागर कु मार जिन्होंने Nhse Pvt Ltd मे इनवेस्टमेंट
किया हुआ वो इस बात की धमकी दे रहे हैं की वो हेमंत आनंद और वारिस अहमद खान को मेरे
खिलाफ बयान दिलवा ऊपर यह दबाव बना रहे हैं की कं पनी का सारा पैसा मैंने अपने ऊपर खर्च कर
दिया है और मुझे अके ले सारा पैसा तुरंत चुकाना होगा। जबकि पिछले कई सालों से सभी डायरेक्टर
बैलन्स शीट साइन करते आए हैं और हर बैंकिं ग गतिविधि से सभी अवगत हैं। लेकिन एक षड्यन्त्र के
तहत मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दि जा रही है । कं पनी को अगर समय दिया
जाए तो ये कं पनी अपना हर लाइबिलिटी चुकाने को तैयार है।

जिस तरह से पिछले एक महीने से मुझे जान से मारने और झूठे गवाह और फर्जी एफआईआर की
धमकी दि जा रही है मै अपने और पूरे परिवार को बहुत ही असुरक्षित महसूस कर रहा हूँ । श्री मान से
अनुरोध है की उचित जांच एवं कारवाई की जाए ।

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