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Cambridge International AS Level


A Level

HINDI LANGUAGE 8687/02


9687/02
Paper 2 Reading and Writing October/November 2020

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बदला ज़माना, बदले खेल

समय के साथ कदमताल करती तकनीक ने जहां हर काम को आसान बनाया है , वहीं आदमी के
सामने कुछ मशु ्कलें भी खड़ी की हैं। इसका सबसे जयादा प्रभाव ‘बचपन’ पर पड़ा है । एक ऐसी अवसथा
में जब बचचे सबसे जयादा अपने पररवार, समाज और दोसतों के करीब होते हैं, वे अब अकेलेपन के
शिकार होकर तकनीक के विीभत ू होते जा रहे हैं। कभी खेल के मैदान में घंटों समय बबताने वाले बचचों
की दनु नया मोबाइल, कंपयटू र पर उपलब्ध खेलों तक ही सीशमत हो गई है । साथी और दोसतों की कमी 5
तकनीक ने ले ली है । इसके गंभीर नतीजे भी सामने आ रहे हैं।

बीते करीब डेढ़ दिक में बचचों के खेलने के तरीकों में बड़ा बदलाव आया है । आज करीब नबबे
फीसदी बचचों को टीवी या इंटरनेट आसानी से उपलब्ध है । पहले जहाँ लक ु ानछपी, गगलली डंडा, रससी
कूद, क्रिकेट, फुटबाल, पतंग उड़ाना जैसे दौड़-भाग वाले पारं पररक खेल बचचों को लभ ु ाते थे, वहीं अब
उनके खेल घर की चारदीवारी तक शसमट गए हैं। इस कारण उनका िारीररक और मानशसक ववकास 10
बाग्धत हो रहा है ।

कुछ वविेषज्ञ समाट्ट फोन को क्कसी निे की लत से कम नहीं मानते। इन खेलों का सबसे बरु ा प्रभाव
यह है क्क अब बचचों का रुझान सामहू हक खेलों के बजाय अकेले खेले जाने वाले खेलों की तरफ जयादा
हुआ है । इससे उनमें अकेलेपन की प्रवशृ त्त बढ़ रही है । बचचों में खेल भावना ख़त्म हो रही है और उनमें
एक तरह की हहंसक प्रवशृ त्त जनम ले रही है । लगातार हहंसक खेलों के संपक्ट में रहने की वजह से बचचे 15
कम उम्र में ही संवेदनिीलता खोने लगते हैं। अकसर खेलों को दृ्य रूप में दे ख कर बचचे ख़द ु को उस
खेल का हहससा समझने लगते हैं। ऐसे में नकारात्मक खेल उन पर हावी हो जाते हैं और वे हहंसक होकर
एक तरह की प्रनतसप्धा्ट करने लगते हैं। कुछ अधययनों में सामने आया है क्क हहंसक खेल बचचों को
िीघ्र बदला लेने की प्रवशृ त्त की ओर अग्रसर कर रहे हैं। वे इनहें दे ख कर ववचशलत नहीं होते। वे ननष्ुर
हो जाते हैं। 20

इस म� ु े पर वव्व सवास्थय संसथान की ओर से जारी आंकड़े गचंता को बढ़ाते हैं। इनके मत ु ाबबक
अत्यग्धक मार-्धाड़ वाले टीवी चैनल, वीडडयो गेम को खेलने वाले जयादातर बचचे तनावग्रसत होते जा
रहे हैं और उनका रकतचाप सामानय बचचों के मक ु ाबले अग्धक पाया जा रहा है । साथ ही उनमें मोटापा
और उससे संबगं ्धत बीमाररयों की दर में बढ़ोतरी हो रही है । इसके बावजद ू खेलकूद के मैदान शसकुड़ते
जा रहे हैं और आए हदन यव ु ा-अपरा्ध के समाचारों के कारण माता-वपता बचचों को बाहर खेलने भेजने 25
से डरते हैं।

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पारं पररक खेल बनाम डिजिटल खेल

ववकास जीवन का अननवाय्ट चरि है । यही वजह है क्क हर पीढ़ी अपनी वपछली पीढ़ी से कुछ अलग करने
का प्रयास करती, कुछ नया तलािती-रचती-बरतती है । इसी कारण से खेल भी बदलते रहे हैं। गगलली-
डंडा, कंचा-गोली, छुपम-छुपाई जैसे खेल एक समय बचचों के वप्रय खेल हुआ करते थे। इन बदलते
संदभभों को दे खकर आज उन खेलों की याद ताजा हो जाती है और यह पूछने का मन होता है क्क दौर
बाररिों का आज भी है , क्फर कयों उसमें कागज की नाव तैराते बचचे नजर नहीं आते हैं? माहौल बदला 5
तो बचचों के खेल-खखलौने और िौक भी बदल गए।

पुरानी पीढ़ी के बचचे घर से बाहर खेलकर अपनी िारीररक कसरत कर शलया करते थे। कोई भी
मौसम उनके शलए रूकावट नहीं था। बाररि भी खेल का हहससा हुआ करती थी। खेल के शलए कोई
पैसा भी खच्ट नहीं करना पड़ता था और ना ही वे बबजली पर आगरित थे। मात्र अपनी कलपना िशकत
से वे नये खेल गढ़ शलया करते थे। कुछ खेलों में बचचे और बड़ों को साथ-साथ खेलने और बनतयाने 10
का आनंद भी शमलता था। समूह में रहकर आपसी सहयोग और हार-जीत की भावना को गले लगाना
सीखते थे। खेल के मैदान में ही पककी दोसती बन जाती थी।

लेक्कन यह कहना उगचत नहीं होगा क्क सब कुछ समापत हो गया है । िो्धकत्ता्ट इन नए डडशजटल
खेलों के कई सकारात्मक प्रभावों को उभारने में सक्षम हुए हैं। जो छोटे बचचे फोन अथवा टै बलेट पर
खेलते हैं उनके हाथ एवं आँखों के आपसी तालमेल में सु्धार हो रहा है । इसका उनके ववकास के दस ू रे 15
पहलुओं पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है । जीतने के शलए घड़ी से होड़ लगाकर तीव्र गनत से खेले जाने
वाले खेल बचचों की ननणा्टयक-क्षमता में वबृ � करते हैं।

जैसे-जैसे दनु नयाभर में तेज गनत का इंटरनेट वयापक सतर पर उपलब्ध हुआ है वैसे-वैसे बचचे दे ि
की सीमाओं से बाहर जाकर नये दोसत बना रहे हैं। एक-दस ू रे से इंटरनेट की सांझी भाषा में संवाद कर
रहे हैं। दरू -दराज में फैले बचचों को खेल से जुड़ने का अवसर प्रदान कर रहे हैं। भले ही वे असपताल में 20
कयों न हों।

अतः कया यह कहना सही होगा क्क पारं पररक खेलों के लुपत होने और ऑनलाइन खेलों की वबृ �
से बचचों पर केवल नकारात्मक प्रभाव ही पड़े हैं? अधययन के इस नये प्र्न पर िो्धकत्ता्ट ववभाशजत
नजर आते हैं।

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