Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 4

[Document title]

[Document subtitle]

Abstract
[Draw your reader in with an engaging abstract. It is typically a short summary of
the document.
When you’re ready to add your content, just click here and start typing.]

Dipak Das
[Email address]
रूपरेखा
1. पररचय

1.1 पररभाषा

1.2 सम्प्रेषण से सं बं धित बाइबबल सत्य।

2. सम्प्रेषण की प्रबिया

2.1 सम्प्रेषण एक सतत प्रबिया है।

2.2 सम्प्रेषण का तत्व.

2.3 सम्प्रेषण की प्रबिया के मॉडल.

2.4 सम्प्रेषण प्रबिया

- लासवेल का मॉडल

- बेरोल का मॉडल

- तारानुमा ?

3. सम्प्रेषण का धसद्ांत

3.1 सम्प्रेषण का प्रकार

3.2 सम्प्रेषण में धसग्नल

4. रणनीबत और मसीही सम्प्रेषण

4.1 अनुप्रयुक्त सम्प्रेषण

4.2 मसीही सम्प्रेषण

5. कु शलता से सं वाद न कर पाने का कारण.

6। बनष्कषष।

1|Page
पररचय : वैज्ञाबनक दृबिकोण से सं प्रेषण एकमात्र कौशल तकनीक है वह धसर्ष है। हमारा बवस्तृत बवश्व करमास
धसकु ड़ता जा रहा है बकं तु उसकी सीमाएं र्ैलती जा रही है, अन्य बवस्तृत होती सीमाओं का पररपेक्ष में बकसी जीबवत
प्राणी का कायषकलाप सं प्रेषण कहलाता है। वस्तुत या बवषय कलाओं के क्षेत्र में आता है सं प्रेषण इतना महत्वपूणष
शबक्तशाली प्रबिया है जो समाज के ताने-बाने को टू टने से बचाए रखती है इस पृथ्वी में धजतने प्राणी है वह बकसी न
बकसी प्रकार का सं प्रेषण करते ही हैं। पृथ्वी के समस्त प्राणी बकसी न बकसी प्रकार से अपने भाव अपने भावों बवचारों
का अधभव्यक्त करते हैं, और इस प्रकार से अपनी जाबत तथा सं स्कृ बत को सुरधक्षत रखते हैं , उनका बवकास और प्रचार
करते हैं उन्हें कायम रखते हैं। सं स्कृ बत बवज्ञान बवज्ञान और प्रयोग की के आश्चयषजनक उपलब्ध बदया उपलब्धब्धयां
मनुष्य के धलए इसधलए सं भव हो सके साकी क्ोंबक उसके पास सं प्रेषण का औजार था। सं प्रेषण प्रगबत का एक
अबनवायष औजार है ।।

भूबमका: वतषमान युग की वास्तबवक सच्चाई की मनुष्य की बियाकलापों में सं प्रेषण अत्यं त महत्वपूणष स्थान रखता है
। कई कारकों में जो मनुष्य के बवचारों एवं कायष प्रणाली का बनमाषण और आकार देते हैं सं प्रेषण मुख्य कारक है।

सं प्रेषण के कई कारक हैं जो मानवीय बवचारों और कायों का आकार देते हैं।

1. सं प्रेषण का अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है बक जब एक व्यबक्त दूसरे के साथ वाताषलाप करता
है तो क्ा होता ?
2. यह समझने के धलए बक उस ज्ञान का उपयोग रोजमराष की धजं दगी में सं चार की प्रबिया को समझाने और
व्याख्या करने के धलए कै से बकया जा सकता है।
3. इसके अलावा यह व्यबक्त को अधिक कु शलता से सं वाद करने में सक्षम बनाने के धलए ज्ञान और समझ का
उपयोग करके कौशल बवकधसत करने में भी मदद करता है।

1.1 पररभाषा

1.2 सम्प्रेषण से सं बं धित बाइबबल सत्य।

2|Page
2. सं प्रेषण की प्रबिया
सं प्रेषण एक गबतमान प्रबिया है यह कभी ब्धस्थर नहीं रहती है, वरन बदलती रहती है इसका कारण समझना कबिन है ,
इस सं सार में पररवतषन जीवन का बनयम है, जो वस्तु नहीं बदलती वह नि हो जाती है। हमारा भौबतक जीवन और
सामाधजक पररवेश पररवबतषत हो रहा है। अब क्ोंबक सं प्रेषण बकसी भी बियाकलाप का आिार है इसधलए वह उसे
कायषकलाप का अबनवायष तत्व होता है जो अवस्था की पूबतष के उद्दे श्य से बकया जाता है या पररवतषन द्वारा प्रस्तुत
चुनौबतयों का सामना करने के धलए बकया जाता है।
सं प्रेषण भीम ने बवशाल बवश्व को गांव बना बदया है माशषल मां होगन ने कहा
सं प्रेषण एक ऐसी प्रबिया है धजसके माध्यम से सं देश स्रोत से श्रोता अथवा अपने वाले सं ग्रामी तक भेजा जाता है।

3|Page

You might also like