Professional Documents
Culture Documents
मुगलकाल मे समाज में स्त्रियों की दशा।
मुगलकाल मे समाज में स्त्रियों की दशा।
मुगलकाल मे समाज में स्त्रियों की दशा।
प्रस्तावना
1
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
मग
ु ल काल में सल्तनत काल की अपेक्षा स्त्रियों की स्तिथि अपेक्षाकृत अधिक
सन्तलि
ु त थी । बाबर ने तैमरू और चंगेज खाँ की परम्पराओं का अनस
ु रण
किया और अपनी स्त्रियों को राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए
प्रोत्साहित किया। परन्तु बाबर ने संप्रभत
ु ा का अधिकार उन्हें नहीं दिया।
जिस समय बाबर के पिता उमर शेख मिर्जा की मत्ृ यु हुई (1494) उसकी उम्र
11 वर्ष की थी । अपनी दादी एहसान दौलत बेगम के निर्देश से बाबर ने
प्रशासन का कार्य चलाया और अपनी स्थिति सदृ
ु ढ़ की।
बाबर की दस
ू री पत्नी बीवी मब
ु ारिका यस
ू फ
ु जई कबीले की थी। यस
ू फ
ु जाई
कबीले के लोगों और बाबर के बीच उनसे समझौता कराने में योगदान दिया।
जिसके कारण बाबर का अधिकार अफगानिस्तान पर बना रह सका।
2
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
चन
ु ार के अफगान गवर्नर ताजखां सारं गखानी की पत्नी लाड मलका अत्यन्त
सन्
ु दर और प्रखर बद्
ु धि की महिला थी। उसकी उदारता से मैनिक अधिकारी
और अभिजात वर्ग के लोग उसका समर्थन करते थे। अन्त में ताज खाँ की
मत्ृ यु के बाद शेरशाह ने उससे विवाह कर लिया और चन
ु ार पर अधिकार कर
लिया।
3
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
4
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
जहाँगीर के शासनकाल में नरू जहाँ सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में अत्यन्त
प्रभावशाली रही। उसने प्रशासन का कार्य चलाने के लिये अपना एक दल
बनाया । उसने न केवल प्रशासनिक कार्य में बल्कि सैनिक क्षेत्र में भी अद्भत
ु
कुशलता प्रदर्शित की जब उसने अपने पति जहाँगोर को महावत खां के चंगल ु
से छुड़वाया । नरू जहाँ ने सामाजिक क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया। उसने
निर्धन मस
ु लमानों को सरकार की ओर से अनद
ु ान दिया जिससे वे अपनी
पत्रि
ु यों का विवाह कर सकें। उसने नये-नये डिजाइनों के वस्त्रों का उपयोग
किया और नये फैशन चलाये । जहाँगोर की मत्ृ यु के बाद शाहजहाँ के गद्दी
पर बैठने के बाद उसने राजनीति से सन्यास ले लिया ।
5
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
जहाँनारा ने मग़
ु ल परिवार के दःु खी सदस्यों को सांत्वना दी। उसके हो प्रभाव
के कारण शाहजहाँ ने औरं गजेब को कई बार क्षमा किया और उसको अपने पद
पर बने रहने दिया। 1656 में गोलकुण्डा के सल्
ु तान अब्दल्ु ला कुतब
ु शाह ने
जहाँआरा को पत्र लिखा कि वह सम्राट पर अपना प्रभाव डाले और औरं गजेब के
उसके राज्य पर आक्रमण को रोकने में सहायता करे । उत्तराधिकार के संबध
ं में
विजयी होने के बाद औरं गजेब ने अपने भाइयों को मरवा डाला और शाहजहाँ
को कैद कर लिया। ऐसे समयमें जहाँनारा निरं तर शाहजहाँ की सेवा करती रही
। जहाँनारा अपने मतृ भाइयों के बच्चों की दे खभाल करनी रही। औरं गजेब ने
भी सदै व जहाँआरा का सम्मान किया।
6
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
काबल
ु के गवर्नर अमीर खाँ की पत्नी साहिबजी प्रशासकीय मामलों में दक्ष थी
। वह राजनीति में भाग लेती थी। काबल
ु प्रान्त का वास्तविक गवर्नर उसे
समझा जाता था।
उत्तर मग
ु ल काल में महिलाओं की स्थिति
जहाँदार शाह के शासन काल में लाल कँु वर प्रशासकीय करती थी। उसके ही
कहने पर लोगों को जागीरें दो जाती थीं। मामलों में हस्तक्षेप उसके सगे
संबधि
ं यों को उसकी सिफारिश पर जागीरें दी गई। उसे शाही चिह्न प्रदान किये
गये।1712- 13 में फरुखसियर की मां ने राजनीति से फरुखसियर मग़
ु ल
सम्राट बनाया गया ।और सैयद भाइयों के समर्थन बाद में अपनी मां की
सिफारिश पर मह
ु म्मद मरु ाद कश्मीरी को विकालत खां की उपाधि और 1000
का मनसब दिया।
मह
ु म्मद शाह के समय में उसकी मां महत्वपर्ण
ू भमि
ू का अदा की । उसके
प्रयासों के उसके शासन काल में कोकी ज्यू ने राजनीति में मां नवाब कुरे सिया
को अपने ज्योतिष के ज्ञान से नवाब कुरे सिया बेगम ने राजनीति में कारण
सैयद भाइयों का पतन हुआ । सक्रिय भाग लिया। उसने सम्राट की प्रभावित
किया ।मह
ु म्मद शाह के सम्राट बनने के बाद कोकी ज्यू को शाही मोहर रखने
के लिये दिया ।बहुत से अमीरों ने ऊँची जागीरों के लिये उसके माध्यम से
सम्राट से संपर्क स्थापित किया और उन्हें सफलता मिली । इस प्रकार कोकी
ज्यू ने 'पेशकश' के रूप में बहुत-सा धन संग्रहीत किया ।
7
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
मग
ु ल काल में राजकीय परिवार की स्त्रियों को विविध उपाधियों से सम्मानित
किया जाता था, जैसे 'मरियम मकानी', 'मरियमस
ु जनानी', बिलकिस
मकानी, सबसे महत्वपर्ण
ू उपाधि 'नरू महल' और 'नरू जहाँ' जहाँगीर ने
मेहरुन्निसा को दी। उसे 'शाह- वेगम' भी कहा जाता था । शाहजहाँ ने अपनी
पत्नी अर्जुमन्दबानू बेगम को 'मम
ु ताज महल' की उपाधि दी और उसकी
स्मति
ृ में ताजमहल बनवाया ।
8
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
मग
ु ल सम्राटों ने अपने हरम के जनानखाने को सव्ु यवस्थित किया। स्त्रियों को
सरु क्षा के लिये अंगरक्षक (अहदीज) महल के चारों तरफ रखे जाते थे । महल
में नाजिर होता था जिसकी दे ख-रे ख में अंगरक्षक कार्य करते थे। इसके
अतिरिक्त मग
ु ल सम्राट महल के अन्दर, स्त्रियों की नियक्ति
ु करता था
जिनका कार्य हरम के विषय में प्रतिदिन विस्तत
ृ जानकारी सम्राट को दे ना था
। हरम में स्त्रियों को पर्दे में रखा जाता था। कोई बाहरी व्यक्ति अन्दर नहीं जा
सकता था ।
अभिजात वर्ग की स्त्रियाँ बड़े ही शान शौकत से रहनी थीं। टे र्वानयर ने लिखा है
कि जफराँ की स्त्री बहुत उदारता से खर्च करती थी। उसने एक दावत में सम्राट
अकबर को भी आमंत्रित किया था ।
9
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
मग
ु ल हरम में बाबर की पत्र
ु ी गल
ु बदन बेगम सबसे शिक्षित महिला थी। वह
फारसी और तर्की
ु भाषायें अच्छी तरह जानती थी। वह कवितायें भी करती थी।
उसकी बहुमल्
ू य कृति 'हुमायन
ूँ ामा' है । बाबर की दस
ू री पत्र
ु ी गल
ु रुख बेगम एक
कवयित्री थी। अकबर की पत्नी सलीमा सल् ु तान बेगम फारसी भाषा की
जानकार थी और कवितायें भी लिखती थी, उनका अपना एक ग्रन्थालय था ।
10
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
कुछ मग़ु ल स्त्रियों ने शिक्षा के प्रसार के लिये स्कूल खोले । हुमायूँ को पत्नी
बेगा बेगम ने अपने पति के मकबरे के समीप स्कूल खोला । अकबर को दाई
महाम अंगा ने दिल्ली की खैरुलमंजिल मसजिद में एक स्कूल खल ु वाया।
जहाँनारा वेगन ने आगरे की जामा मसजिद में एक मदरसा खल
ु वाया। प्रान्तों
में भी बहुत सी शिक्षित मस्लि
ु म महिलाओं ने शिक्षा के प्रसार के लिये संस्थायें
खोलीं । जौनपरु के शर्की सल्ु तान महमदू शाह की पत्नी बीवी राजी ने एक
कालेज खल
ु वाया और विद्या- थियों और अध्यापकों के पठन पाठन के लिये
वजीफे दिये ।
कई मग़
ु ल स्त्रियों ने ललित कलाओं में रुचि दिखलाई और उनके विकास में
योगदान दिया। नरू जहाँ की रुचि चित्रकला में थी । सजावट की कला में
11
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
नरू जहाँ प्रवीण थो। उसने नये-नये डिजाइन वस्त्रों और गलीचों पर निकाले ।
बाबर की पत्र
ु ी गल
ु बदन बेगम और महीम बेगम भी सजावट की कला में दक्ष
थो । इन लोगों ने महलों और बागों को सन्
ु दर ढं ग से सजाया ।
अनेकानेक महिलायें नत्ृ य और संगीत में रुचि लेती थीं। कुछ स्त्रियाँ नाचने
गाने का पेशा भी अपनाती थीं अकबर इनको 'किञ्चनी' कहता था ।बनियर ने
उन्हें नर्तकी लिखा है । ऐसी स्त्रियाँ उत्सवों में नाचती थीं । कभी-कभी स्त्रियाँ
अखाड़े में भाग लेती थीं, जहाँ अभिजात वर्ग की नौकरानियों को गाना और
नाचना सिखाया जाता था। ऐसे अखाड़ों में विविध संगीत के वाद्य यंत्र उपयोग
में लाये जाते थे।
औरं गजेब ने दरबार में होने वाले संगीत के कार्यक्रमों पर प्रतिबन्ध लगा दिया
था फिर भी अपने परिवार की स्त्रियों के मनोरं जन के लिये उसने संगीत की
अनम
ु ति दी थो ।कभी-कभी राजकीय परिवारों की स्त्रियाँ स्वयं गाना गाती थीं
। नरू जहाँ और जेबन्नि
ु सा उच्चकोटि की गायिका थीं और समय-समय पर
कवितायें लिखती थीं ।अबल
ु फजल ने लिखा है कि विवाह और जन्मोत्सव के
समय कुछ स्त्रियाँ सोहल और ध्रप ु द को ताल बजाकर गाती थीं। ये स्त्रियाँ
प्रायः मालवा और गजु रात की होती थीं ।
मग
ु ल काल में प्रचलित प्रथाए
पर्दा प्रथा: भारत में प्राचीन समय में पर्दा-प्रथा का प्रचलन नहीं था।
लेकिन जब मध्यकाल में मस्लि
ु म आक्रमणकारी द्वारा भारत में सत्ता
प्राप्त की गई। तभी इस प्रथा का प्रचलन प्रांरभ हुआ था। इसी प्रकार
स्वाभाविक है कि मग ु लकाल में भी पर्दा-प्रथा का प्रचलन था।
12
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
मस्लि
ु म स्त्रियां बर्के
ु का प्रयोग करती थी। विशेष अवसरों पर ही
स्त्रियां घर से बाहर निकलती थी। मस्लि
ु म शासक वर्ग ने भी पर्दा
प्रथा का अनस
ु रण किया था लेकिन नरू जहां को उक्त का अपवाद कहा
जा सकता है । हिन्द ू भी इस प्रथा से प्रभावित हुए। जायसी तथा
विद्यापति ने उत्तर प्रदे श एंव बंगाल में हिन्द ू घरों में पर्दे के प्रचलन
की बात कही है । धीरे -धीरे राजपत ू ों में भी इस प्र
था का प्रसार हुआ।
कुलीन घराने की स्त्रियां घर से बाहर घंघ ू ट निकाल कर निकलती थीं।
निम्
न हिन्द ू वर्ग की स्त्रियां पर्दा नहीं करती थीं। दक्षिण भारत में पर्दा
प्रथा नहीं थी।
13
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
मग
ु लकाल में मग
ु लों ने विधवा विवाह में प्रोत्साहित किया हॉलाकि
अकबर ने हिन्द ू रीति रिवाज के विरूद्ध जाकर इस प्रथा पर बल दे ते
हुए कानन
ु स्थापित किया। 35 औरं गजेब ने दारा शिकोह के
मरनोपरान्त उसकी बीबी राना-ए-दिल से शादी की इच्छा जताई पर
सफल नहीं हुआ। उसके बाद राना-ए-दिल को परू ी जिन्दगी एक
प्रतिष्ठा एवं सम्मान के साथ दे खा जाने लगा जिसकी वह हकदार थी।
14
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
मीना बाजार मल
ू रूप से शाही महिलाएँ, शाहजादियाँ और रईस
दरवारियों के लिए आयोजित होता था। इसमें व्यापारियोंआ की भी
पत्नियाँ एवं बेटियों द्वारा अलग-अलग वस्तओ
ु ं के अलग-अलग
दक
ु ान लगाया जाता था। कपड़े, जेबरात, हस्तशिल्प, फल-फूल एवं
खाने-पीने का सामान मख्
ु य रूप से होता। इसलिए सोनार, बनिया एवं
वस्त्र व्यापारियों की पत्नियाँ इसका संचालन करती।
शैतानपरू ा : मग
ु ल बादशाहों ने विशेष रूप से अकबर और औरं गजैब
की वैश्याओं के विरूद्ध कड़ा कदम उठाया। शहर के बाहरी छोर पर
अकबर ने वैश्याओं के लिए क्षेत्र अंकित किया जिसे "शैतानपरू ा" कहा
जाता था ताकि बाकी शहरी वैश्यालयों और नग्नता से दरू रहे । इसका
15
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
मग
ु ल काल की प्रमख
ु महिलाएं
गल
ु बदन बेगम :गल
ु बदन बेगम मग
ु ल काल में एक महत्वपर्ण
ू स्थान
रखती है । यह बाबर की पत्र
ु ी और हुमांयू की बहन थी। कहा जाता है
कि माहम बेगम ने हिन्दाल और गुलबदन बेगम को गोद लिया था।
गुलबदन बेगम की प्रारम्भिक शिक्षा महाम बेगम की दे खरे ख में शरू
ु
हुयी। गुलबदन की शादी ख्वाजा खान से कर की गयी। हुमांयू अपनी
बहन से बहुत प्यार करता था। गल ु बदन शिक्षित होने के कारण
अपना अधिकतर समय ज्ञान अर्जित करने में लगाती थी। यह फ़ारसी
और तर्की
ु भाषा की अच्छी जानकर थी। उसके अंदर हमेशा कुछ न
कुछ सीखने की लालसा रहती थी । अकबर उसका बहुत आदर करता
था तथा उसका तम्बू हमेशा अपने शाही तम्बू के पास ही लगवाता था
जिसके कारण गल
ु बदनम राजनितिक और प्रशासनिक ज्ञान प्राप्त
कर पाती । गल
ु बदन कई भाषाओ की जानकार थी। कहा जाता है कि
वह अपना खाली समय कविताये लिख कर बिताती थी।
16
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
17
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
अबल
ु बका को शादी की रस्मो को परू ा करने के लिए बल
ु ाया। हमीदा
मग
ु ल काल की एक प्रभावशाली महिला थी ।
सलीमा सल्
ु ताना: सलीमा सल्
ु ताना मग
ु ल काल की एक शिक्षित
महिला थी, सलीमा बेगम का निकाह बैरम खान से हुआ लेकिन कुछ
ही समय बाद बैरम खान की मत्ृ यु के बाद उसका अकबर के साथ
विवाह हो गया। कहा जाता है कि वह पढ़ने लिखने की शौकीन थी ।
फ़ारसी भाषा की अच्छी जानकार होने से उसने फ़ारसी भाषा में बहुत
सी कविताओं की रचना की। फ़ारसी साहित्य में उसकी कविताओं का
संग्रह दीवान नाम से प्रसिद्ध है । पस्
ु तके पढ़ना उसे अच्छा लगता
था। कहा जाता है कि उसके पास एक पस्
ु तकालय था। वह अकबर के
पस्
ु तकालय का भी प्रयोग करती 4f * t ^ 10 ।
18
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
महल की रोशनी तथा नरू जहां अर्थात संसार का प्रकाश नाम दिया" ।
नरू जहां एक उच्च शिक्षित महिला थी ।
मम
ु ताज महल: मम
ु ताज महल का नाम अर्जुमंद बानो बेगम था।
यह बादशाह शाहजहाँ की प्रिय बेगम थी। यह नरू जहां की भतीजी थी।
इसके पिता का नाम असरफ खान था। मम
ु ताज एक उच्च शिक्षित
महिला थी । इसे संगीत एवं चित्रकारी से बड़ा लगाव था। यह अरबी
और फ़ारसी भाषा की अच्छी जानकार थी । यह फ़ारसी भाषा में
लेखन कार्य भी करती थी। यह अपनी सन्तानो की शिक्षा के लिए भी
सचेत थी । मम
ु ताज के पास एक महिला नाजिर भी थी जो मम
ु ताज
से गरीब छात्रों के लिए अनद
ु ान की सिफारिश करती थी । मम
ु ताज
उच्च शिक्षित महिला होने के साथ साथ राजनितिक एवं प्रशासनिक
कार्यों में भाग लेती थी । शाहजहां इसे बहुत प्यार करता था ।
19
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
जैबन
ु निशा: यह औरं गजेब की बड़ी पत्र
ु ी थी। इसकी रूचि बचपन से
ही पढ़ाई में थी। इसकी पहली शिक्षिका रोशनआरा बेगम थी ।
औरं गजेब ने हाफीजा मरियम को जेबनि
ु सा का शिक्षक नियक्
ु त किया
था जो स्वयं सशि
ु क्षित महिला थी । छोटी उम्र में ही इसने अरबी भाषा
पर अपनी अच्छी पकड़ बना ली थी । अन्य शिक्षकों के निर्देशन में
उसे अरबी एवं फ़ारसी दोनों भाषाओ की अच्छी जानकारी हो गयी थी
। सैय्यद असरफ के निर्देशन में वह एक योग्य कवयित्री बन गयी थी।
जेबनि
ु सा ने एक साहित्यिक संस्था तथा एक पस्
ु तकालय का निर्माण
विद्यार्थियो के लिए कराया था जिसमे विभिन्न विषयो की अनेक
पस्
ु तके थी । यह अपना अधिकतर समय पस्
ु तके पढ़ने में बिताती थी
।
मग
ु लकालीन भारतीय समाज में जन साधारण वर्ग की स्त्रियों की
स्थिति दयनीय थी। समाज ने जो अधिकार परू
ु षों को दिए थे स्त्रियों
को उनसे वंचित रखा गया था। समाज में स्त्रियों की स्थिति परू
ु षों के
20
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
जत
ू ों के समान समझी जाती थी। उन्हें केवल भोग विलास की वस्तु
समझा जाता था। बादशाह एवं अमीर वर्ग के लोगों ने बड़े बड़े हरम
बनाए हुए थे। इन हरमों में हजारों की संख्या में अत्यन्त सन् ु दर
स्त्रियां रखी जाती थीं। वे अपनी अदाओं नत्ृ य एवं संगीत द्वारा परू
ु षों
का मनोरं जन करती थी। प्रसन्न होने पर बादशाह व अन्य अमीर
उन्हें बहुमल्
ू य उपहार भें ट करते थे। वे अपनी यौवनावस्था तक हरम
में रह सकती थी। उसके पश्चात ् उन्हें वहां से निकाल दिया जाता था।
शेष जीवन में वे दर दर की ठोकरें खाने के लिए बाध्य हो जाती थी।
उस समाज में प्रचलित निम्नलिखित कुप्रथाओं ने उनकी स्थिति को
नरक के समान बना दिया था।
21
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
22
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
विधवा पन
ु ः विवाह पर रोक : उस समय समाज में विधवा का
जीवन नरक के समान था। समाज द्वारा विधवा पन
ु र्विवाह की आज्ञा
नहीं थी। विधवा के बाल काट दिए जाते थे। उसके हार श्रंग ृ ार पर
पाबन्दी लगाई जाती थी। उसे घरे लू खश
ु ी तथा त्यौहारों के अवसरों पर
सम्मिलित होने की आज्ञा नहीं थी। विधवा का सभी निरादर करते थे।
समाज में उनका जीवन अछुत के समान था।
जौहर: बहादरू और साहसी राजपत
ू ों में जौहार की प्रथा का प्रचलन
था। जब राजपत
ू के सेनापति को यह ज्ञात हो जाता कि हम सैन्य
यद्
ु ध में हार जाएँगे तो अपने परिवार और बच्चों को किले के अन्दर
या कियी गुफा में बंद कर आग लगा दे त।े इस परम्परा को जौहर कहा
जाता था।
राजपत
ु यद्
ु ध के मैदान में समर्पित करना नहीं जानते उनका विश्वास
या तो जीत में था या फिर वीरगति प्राप्त करने में । जौहार प्रथा को
अपनाने के पीछे मल
ू भावना था कि वह अपने महिलाओं और बच्चों
को दश्ु मनों के हाथों प्रताड़ित होते नहीं दे खना चाहते थे।
अबल
ू फजल ने चितौड़ में जौहर का वर्णन करते लिखा है कि "जब
यद्
ु ध में कोई अटल मस
ु ीबत या खतरा या हार सामने आता दिखे तो
एक पिठी चन्दन के लकड़ी की बनाई जाती जो बहुत बड़ा होता, उस
पर सख
ू ी लकड़ी और तेल डाल दिया जाता। जिससे महिलाएँ व बच्चे
23
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
निष्कर्ष
संदर्भ - सच
ू ीः
24
मग
ु लकाल में स्त्रियों की दशा।
● समि
ु त सरकार , भारत का इतिहास ,प०ृ संख्या 111
25