Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 8

कहािनय से स

ं बं धत मह पू ण बात

1. बात अठन्नी की a) यह एक सामाजिक कहानी है|


b) व्यंग्यात्मक ,रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार में लिप्त यह कहानी है |
c) कहानी का उद्देश्य
d) शीर्षक की सार्थकता
e) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
* बाबू जगत सिंह - भ्रष्ट इंजीनियर , रिश्वतखोर , दयालुता का सर्वत्र
अभाव , लालची और उग्र स्वभाव |
* शेख सलीमुद्दीन - ज़िला मजिस्ट्रेट , रिश्वतखोर अधिकारी ,हृदय में
मानवता का अभाव, अपनी तरह दुनिया भ्रष्ट दिखायी देती थी |
* रसीला - इंजीनियर बाबू जगत सिंह का नौकर ,मेहनती ,
ईमानदार ,निर्धन व्यक्ति
* रमज़ान - ज़िला मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन का चौकीदार , रसीला

ns
का मित्र , अत्यंत दयालु , निष्कपट व्यक्ति,मददगार
f) रसीला के परिवार में कितने सदस्य थे - उसके बूढ़े पिता , पत्नी
,एक लड़की और दो लड़के
g)‘आँखों में खून उतर आना ’ - अत्यधिक क्रोधित होना |
iah)‘शेख साहब न्याय प्रिय आदमी थे’ - कथन में निहित व्यंग्य स्पष्ट
कीजिए |
उत्तर : ‘शेख साहब न्याय प्रिय आदमी थे’- कथन में ‘न्याय’ शब्द के
SE
द्वारा व्यंग्य स्पष्ट किया गया है| जबकि वास्तव में वे एक रिश्वतखोर
भ्रष्ट मजिस्ट्रेट थे जो प्रतिदिन हज़ारों रुपये की हेरा - फेरी करते थे |
i)‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’- दुष्ट व्यक्तियों को दंड की भाषा
समझ में आती है ।जो व्यक्ति दुष्ट होते हैं, जो बुरे कार्य करते हैं, तो
ऐसे व्यक्तियों को बातों से समझाने पर उन्हें कुछ समझ में नहीं आता
IC

मगर जब उन्हे दंड दिया जाता है तो वे हर एक बात को समझ जाते हैं


और ‌अपना जुर्म कबूल कर लेते हैं ।
j) रुमाल का ज़िक्र - किसी ने उस रुमाल में बाँधकर एक हज़ार की
रिश्वत दी थी और इससे यह पता चलता है कि वे कितने बड़े
रिश्वतखोर हैं क्योंकि उन्होंने उस रुमाल को भी नहीं छोड़ा,जिसमें
किसी ने उन्हें एक हज़ार रुपए बाँधकर दिए थे l उस रुमाल को भी वे
अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल कर रहे थे |
k) रंग उड़ना - घबरा जाना
l) वर्तमान ‘न्याय व्यवस्था’के सम्बन्ध में अपने विचार प्रकट
कीजिए |
उत्तर : कुछ समय पूर्व न्याय व्यवस्था एक ऐसी सुदृढ़ व्यवस्था थी ,
जिसमें न्याय होता था अन्याय नहीं | आज का न्याय धनी व सशक्त
लोगों का न्याय बनकर रह गया है , क्योंकि यहाँ भी अब भ्रष्टाचार
और रिश्वतखोरी का बोलबाला है | दूसरी समस्या आज की न्यायिक
प्रक्रिया है जो इतनी लम्बी है कि वर्षों तक मुक़दमे चलते रहते हैं,
उनका निर्णय नहीं हो पाता है |
m) हमें अपने नौकरों से कैसा व्यवहार करना चाहिए ? कहानी के
आधार पर उदाहरण देकर समझाइए |
n) इस कहानी में लेखक ने समाज की किस बुराई को प्रकट करने क
प्रयास किया है ? क्या वे अपने प्रयास में सफल हुए ? समझाकर
लिखिए |

2. काकी a) यह कहानी ‘श्री सियारामशरण गुप्त’जी द्वारा लिखी गयी एक


प्रसिद्ध कहानी है, जिसमें उन्होंने बाल मनोविज्ञान का चित्रण किया है
|
b) बालमन बहुत ही निर्मल, मासूम और अबोध होता है |
c) कहानी का उद्देश्य
d) शीर्षक की सार्थकता

ns
e) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
● श्यामू - अबोध बालक , मातृ वियोग से दुखी , माँ के प्रति
असीम स्नेह, माँ से मिलने का प्रयास
● भोला - समझदार , डरपोक , भावुक हृदयी
ia ● विश्वेश्वर - अन्यमनस्क (उदास ), क्रोधी स्वभाव ,भावुक हृदय
f) ‘शुभ कार्य’ और ‘विघ्न’ शब्दों का प्रयोग किस-किस सन्दर्भ में
किया गया है ?
SE
उत्तर : श्यामू और भोला दोनों मिलकर एक अँधेरी कोठरी में बैठकर
चुपचाप पतंग में रस्सी बाँध रहे थे कि अचानक श्यामू के पिता उग्र
रूप धारण करके वहाँ आ गये | ‘ शुभ कार्य’ शब्द का प्रयोग पतंग में
रस्सी बाँधने के कार्य के सन्दर्भ में तथा ‘विघ्न’ शब्द का प्रयोग उग्र
रूप में विश्वेश्वर का कोठरी के अंदर घुसना है |
IC

g) सकपकाना - डर जाना
h) मुखबिर - भेद खोलने वाला
i) हतबुद्धि - जो कुछ सोच पाने की अवस्था में न हो
j ) ओछी - छोटी
k) ‘ भोला श्यामू से अधिक समझदार था’ उदाहरण देकर स्पष्ट
कीजिए |
उत्तर : पाठ में दिए गए उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए उत्तर लिखें |
l) राम - राम करके - बहुत कठिनाई से
m) लाख रूपये की बात सुझाना - एकदम सही सुझाव देना
n) अनंतर - उसके बाद , अगोचर - अदृश्य , आर्द्रता - नमी ,
अंतस्तल - हृदय , शोक - दुःख
o) “बच्चे अबोध होते हैं” इस पाठ के आधार पर अपने विचार
लिखिए |
3 महायज्ञ का पुरस्कार a)इस कहानी के माध्यम से कहानीकार ‘यशपाल’ जी ने यह संदेश
दिया है कि सच्ची कर्त्तव्य भावना एवं निःस्वार्थ भाव से किया गया
कर्म किसी महायज्ञ से कम नहीं होता |
b) कहानी का उद्देश्य
c) शीर्षक की सार्थकता
d) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
● सेठ - विनम्र एवं उदार प्रवृत्ति, कर्त्तव्य निष्ठ, मानवोचित
व्यवहार , बुद्धिमान, सच्चे सेवक
● सेठानी - बुद्धिमती, पतिपरायण, धैर्यवती , धर्म परायण एवं
ईश्वर पर विश्वास
● धन्ना सेठ की पत्नी - दैवी शक्ति सम्पन्न , विदुषी , महायज्ञ क
क्रेता

ns
e) ‘बेचारे’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?उसकी कैसी
हालत हो गयी थी ?
उत्तर : ‘बेचारे’ शब्द का प्रयोग भूख से छटपटाते मरणासन्न अवस्था में
ia
पड़े हुए कुत्ते के लिए है |
f) पौ फटना - सूर्य का उदय होना
g) हाथ पसारना - किसी से कुछ माँगना
SE
h) आद्योपांत - शुरू से लेकर अंत तक
i) निःस्वार्थ - बिना स्वार्थ के
j ) कृतज्ञता - उपकार मानने का भाव
k ) विस्मित - विमूढ़ — हैरान होना
l) कृतकृत्य होना - किए गए कार्यों से संतुष्ट या प्रसन्न होना |
IC

m) ‘सब दिन होत न एक समान’- जीवन में सदैव वक्त एक समान


नहीं रहता | अच्छे या बुरे दिन आते - जाते रहते हैं | मनुष्य को सदैव
शांतचित्त होकर उसका सामना करना चाहिए |
n) सेठानी ने सेठ को चार मोटी -मोटी आटे की रोटियाँ बनाकर दी थ
|
o) सेठ की पोटली में चार रोटियाँ , लोटा और डोर था |
p ) यज्ञों का क्रय विक्रय - पहले यज्ञों को खरीदा और बेचा जा सकत
था |
q) उन्हें किस महायज्ञ का पुरस्कार मिला ?
4. नेताजी का चश्मा a ) प्रस्तुत कहानी पाठकों के अंदर देशभक्ति की भावना जागृत करत
है |
b) कहानी का उद्देश्य
c) शीर्षक की सार्थकता
d) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
● हालदार साहब: देशभक्त, भावुक, संवेदनशील,जिज्ञासु
● पानवाला: काला, मोटा, खुशमिज़ाज आदमी
e) पाठ के अनुसार कैप्टन चश्मे वाला देशभक्त था |
f) होम कर देना – अपना सब कुछ कुर्बान कर देना
g) ऊहापोह – अनिश्चित की स्थिति में मन में उत्पन्न होने वाला तर्क –
वितर्क |
h) दुर्दमनीय – जिसे दबाना कठिन हो |
i) बिकने के मौके ढूँढ़ना - अपना स्वार्थ सिद्ध करने वाले लोगों की
ओर संकेत किया है |

ns
j ) कितने प्रकार के चश्मे नेताजी के मूर्ति पर लगाए गए थे - कभी
गोल , कभी चौकोर ,कभी लाल ,कभी काला,कभी धूप का चश्मा ,
कभी बड़े काँचों वाला गोगो चश्मा
k ) आप अपनी देशभक्ति किस प्रकार प्रकट करेंगे ?
ia
5 अपना -अपना भाग्य a)आज के युग में व्याप्त स्वार्थपरता ,मनुष्यों की हृदय शून्यता ,
संवेदना शून्यता तथा गरीबी का यथार्थ चित्रांकन किया है |
SE
b) यह कहानी समाज में व्याप्त आर्थिक असमानता , बालश्रम की
समस्या ,मानवीय मूल्यों में कमी को दर्शाती है |
c) इस कहानी में लेखक ने बुद्धिजीवियों की उपेक्षापूर्ण उदासीनता क
मनोवृत्ति को बदलने का प्रयास किया है |
d) कहानी का उद्देश्य
IC

e) शीर्षक की सार्थकता
f) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
● पहाड़ी बालक – गरीब, दयनीय अवस्था, गरीब माता –
पिता, त्याग एवं सहनशीलता की प्रतिमूर्ति |
● लेखक का मित्र – दयालुता का प्रदर्शन, दया भावना का
अभाव , बालक के प्रति सहानुभूति , स्वार्थी |
g) नैनीताल की संध्या की विशेषताएँ – सुहावना वातावरण , भीड़ से
युक्त सड़क , डोगियों और किश्तियों से सजे हुए तालाब |
h) सनक- पागलपन
h) असमंजस – दुविधा, अड़चन
i) रेशे – महीन सूत
j) मसहरी – मच्छरदानी
k) लड़के की आँखों का सूनापन – उसकी गरीबी और जीवन के प्रति
निराशा को दर्शाता है |
l)गरीब बालक का गाँव -गाँव पंद्रह कोस दूर , गाँव के घर में -कई
भाई बहन,बाप भूखा रहता था, माँ भूखी रहती थी, रोती रहती थी |
m) वकील साहब चार रुपया रोज़ के किरए वाले कमरे में रहते थे |
n)प्रेत गति से आगे बढ़ना - अस्त व्यस्त तरीके से तेज़ी से चलना
o)सफेद और ठंडे कफ़न- बालक की मौत ठंड से हुई थी और रात में
बर्फ भी गिरी थी जिससे उसका शरीर बर्फ से ढँक गया था |
p) अगर आप लेखक या उनके मित्र की जगह होते तो आप क्या
करते ?
6 बड़े घर की बेटी a) कहानी के माध्यम से समाज में संयुक्त परिवार की भूमिका और
महत्त्व को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है|
b ) कहानी का उद्देश्य
c) शीर्षक की सार्थकता
d) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
● आनंदी – उच्चकुल में उत्पन्न, रूपवती एवं गुणवती,
समझदार पुत्री, स्वाभिमानी प्रवृत्ति, दयालु हृदयी |

ns
● श्रीकंठ सिंह – पाश्चात्य प्रथाओं के विरोधी , धैर्यवान एवं
शांत स्वभाव , न्यायप्रिय व्यक्ति , समझदार एवं पत्नी के
स्वाभिमान के रक्षक
● लालबिहारी सिंह – अनपढ़ युवक, सुंदर शरीर का स्वामी ,
ia स्वभाव में उग्रता , चतुर स्वभाव , भ्रातृभक्त, आत्मग्लानि ,
भूल स्वीकारना
● बेनी माधव सिंह – कर्त्तव्यनिष्ठा, समझदार व्यक्ति,
SE
सम्मानित व्यक्ति, महिलाओं के प्रति उनका संकुचित
दृष्टिकोण
e) किफायत – बचत
f) त्योरी चढ़ना – क्रोध करना
g) खून का घूँट पीकर रह जाना – अपमान सहन करना
IC

h) टीम – टाम – बनाव श्रृंगार


i )श्रीकंठ गाँव की ललनाओं(स्त्रियाँ) की निंदा के पात्र क्यों थे ?
वे संयुक्त परिवार के पक्षधर थे, परिवार में मिलजुल कर न रहने को
देश व जाति के लिए हानिकारक मानते थे | उनका मानना था कि
स्त्रियों को परिवार में मिलजुल कर रहना चाहिए, लेकिन गाँव की
स्त्रियाँ उनके इस विचार से सहमत नहीं थीं और इसलिए वे उन्हें अपन
निंदक मानती थीं |

7 संदेह a) किस प्रकार मानव मन संदेह और भ्रम के जाल में फँस जाता है
और वह उन्हीं में उलझा रहता है |
b ) कहानी का उद्देश्य
c) शीर्षक की सार्थकता
d) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
* रामनिहाल – गृहहीन, महत्त्वाकांक्षी, उन्नतिशील विचार, स्त्रीप्रेमी,
अप्रत्याशित प्रेम की तलाश, मानसिक अस्थिरता
* श्यामा – विधवा स्त्री, समझदार एवं चरित्रवती, मानवीय एवं
अहृदयता, बुद्धिमती और दूरदर्शी |
* मनोरमा – सुंदर युवती, पति से वैचारिक मतभेद, पति की रक्षा के
लिए प्रयासरत, संदेह के भार से पीड़ित
*मोहनबाबू – संवेदनशील, मानसिक विक्षिप्तता, सच्चे प्रेम की
चाहत, व्यर्थ का संदेह |
e) कहानी में भावात्मक, संदेहात्मक परिस्थितियों का चित्रण किया
गया है |
f) निश्चेष्ट – चेतन शून्य
g) प्रायश्चित – अपराध के ग्लानिवश किया गया कठोर आचरण
h) मृग - मरीचिका- ऐसी तृष्णा जो संभव न हो

8 भीड़ में खोया आदमी a) जनसंख्या की समस्या को उजागर किया गया है |

ns
b ) कहानी का उद्देश्य
c) शीर्षक की सार्थकता
d) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
e) बाबू श्यामलाकांत – चार बच्चे हैं | चार लड़के और चार लड़कियाँ
ia
f) बाबू श्यामलाकांत – सीधे –सादे, परिश्रमी, ईमानदार,निजी जीवन
में लापरवाह |
* बाबू श्यामलाकांत की पत्नी – सीधी सादी, भारतीय आदर्श नारी ,
SE
स्वयं अस्वस्थ, शरीर कमजोर और चेहरा कांतिहीन |
* दीनानाथ – बड़ा बेटा , संस्कारी अच्छे विचारों वाला ,पढ़ा- लिखा
परंतु बेरोज़गार |
*सुमन – छोटा बेटा बड़े भाई की मदद करता , घर के काम में व्यस्त
रहता |
IC

9 भेड़ें और भेड़िए a) प्रतीकात्मक, व्यंग्यात्मक एवं अत्यंत सारगर्भित |


b) लेखक ने प्रजातांत्रिक शासन व्यवस्था का वास्तविक चित्रण
प्रस्तुत किया है |
c) कहानी का उद्देश्य
d) शीर्षक की सार्थकता
e) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
(भेड़िया, बूढ़ा सियार , भेड़ें )

प्रतीक :
f) भेड़ें सीधी सादी जनता का प्रतिनिधित्व करती है |
g) भेड़िया धोखेबाज राजनेताओं का प्रतिनिधित्व करता है |
h) बूढ़ा सियार एवं रंगे सियार चापलूसों तथा मौकापरस्त व्यक्तियों के
प्रतीक के रूप में प्रस्तुत है l
रँगे सियार :
पीला सियार - विद्वान, विचारक, कवि, लेखक
नीला सियार - नेता और पत्रकार
हरा सियार - धर्मगुरु

क्रांतिकारी परिवर्तन - विचारों एवं शासन प्रणाली में भारी बदलाव l


बहुमत से आशय - अधिक से अधिक की सहमति l
विनय की मूर्ति - नम्रता तथा दया से परिपूर्ण l

10 दो कलाकार a) कहानी का कथानक सामाजिक समस्या और दो विभिन्न परिवेश


से संबंधित पात्रों का समावेश है |
b ) कहानी का उद्देश्य
c) शीर्षक की सार्थकता

ns
d) मुख्य पात्रों का चरित्र चित्रण
* अरुणा- उदार , कोमल हृदया, समझदार सच्ची सहेली, समाज
सेविका, संवेदनशील, निरक्षर और निराश्रितों की सहायक, अनाथ
बच्चों की माँ , परोपकारी
ia
चित्रा- सच्ची सहेली , धनी पिता की एकलौती पुत्री , दीन – दुनिया
से बेखबर , वैचारिक मतभेद
e) चुटकी लेना – हँसी उड़ाना
SE
खिचड़ी पकाकर से क्या आशय है ?
यह एक मुहावरा है, जिसका प्रयोग चित्रा द्वारा बनाए गए चित्र के
संदर्भ में किया गया है l

कागज़ पर निर्जीव चित्रों से आप क्या समझते हैं ?


IC

किसी भी चित्रकार द्वारा जो चित्र बनाए जाते हैं, वे चित्र भले ही


कितने भी जीवंत क्यों न दिखाई दे रहे हों लेकिन होते तो निर्जीव ही हैं
l बस एक चित्रकार की प्रशंसा होती है कि उसने कितने जीवंत चित्र
प्रस्तुत किए हैं l

दो कलाकार कहानी की पात्रा अरुणा व चित्रा का तुलनात्मक चरित्र


चित्रण कीजिए l
(इस प्रश्न के उत्तर में दोनों का चरित्र चित्रण तुलना करते हुए लिखना
है l )

देश के किसी भी भाग में आपदा की स्थिति उत्पन्न होने पर नागरिकों


का क्या कर्त्तव्य होता है ?
‘घनचक्कर’ शब्द का अर्थ बताते हुए स्पष्ट कीजिए कि अरुणा ने
घनचक्कर किसे कहा है और क्यों ?
इस शब्द का अर्थ है चक्कर में डालने वाला l अरुणा ने घनचक्कर
चित्रा द्वारा बनाए गए चित्र को कहा है l

ns
ia
SE
IC

You might also like