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KARNATAKA SCHOOL EXAMINATION AND ASSESMENT BOARD

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II PUC EXAMINATON – 1 MARCH 2024

¢éwÃAiÀÄ ¦AiÀÄĹ ¥ÀjÃPÉë - 1 ªÀiÁZïð 2024


SUBJECT : HINDI MODEL ANSWERS SUBJECT CODE : 03
«µÀAiÀÄ ªÀiÁzÀj GvÀÛgÀUÀ¼ÀÄ «µÀAiÀÄ ¸ÀAPÉÃvÀ

MARCH – 2024
SCHEME OF VALUATION
SUBJECT : HINDI CODE : 03 VERSION : HINDI
QN. No. MARKS

I. अ) 1
1 भोला 1
2 मं दर म 1
3 15 अग त 1947 1
4 शामनाथ 1
5 िमजु 1
6 कृ ण 1
7 गहने 1
8 मानवता 1
9 बेला 1
10 अहंकार 1

11 i) ने 1
ii) के िलए 1
iii) का 1
iv) म 1
v) को 1

12 i) तैयार होना 1
ii) असहनीय दुख होना 1
iii) काम िबगड़ जाना 1
iv) भाग जाना 1
v) ब त प र म करना 1

II

13 पेड़ के नीचे बैठकर सुजान सोचने लगता है क अपने ही घर म 3
उसका यह अनादर। अभी यह अपािहज नह है, हाथ-पाँव थके
नह है। घर का कु छ काम करता ही रहता है। फर भी यह
अनादर! यह घर, जमीन सब उसी के म का फल है। ले कन इस
पर अब उसका कोई अिधकार नह रहा। अब वह ार का कु ा है,
घरवाले जो दे उसे खाकर पेट भर िलया करे। ऐसे जीवन का
िध ार है। सुजान ऐसे घर म नह रह सकता ।

14 म ू भंडारी का ज म म य देश के भानपुरा म आ। उनका 3


बचपन अजमेर के पुरी मोह ले के दो मंिजला मकान म गुजरा।
वे अपने पाँच भाई-बहन म सबसे छोटी थ । वे बड़ी बहन सुशीला
के साथ सारे खेल खेलती थ । लंगड़ी टाँग, पकडम पकडाई, गु -े
गुिडय के याह रचाए। भाइय के साथ िग ली-डंडा भी खेलती
थ । उनका रं ग काला और दुबली, म रयल भी थी। गोरारं ग
िपताजी क कमजोरी थी।

15 िव े र या क िसि और पदो ित देखकर कु छ इं जीिनयर 3


उनसे जलने लगे। उस व उनक उ के वल सतालीस थी।
िव े र या अपने पुराने और सीिनयर इंजीिनयर से वेतन और
पद क दृि से आगे बढ़ गए थे। वे पहले से सूप र ट डग इंजीिनयर
थे। इस पर हर बात म उनक सलाह ली जाती थी।

16 शामनाथ क माँ िवदेशी स यता से अप रिचत, अनपढ़, गंवार 3


और बूढ़ी थी। मांस, मछली, पीना-िपलाना आ द से वह दुर रहती
थी। वह कु स पर टाँगे ऊपर चढ़ाकर बैठती थी। कभी नंगे पाँव,
कभी खड़ाऊँ पहनकर घूमती थी। पुराने ढंग के कपड़े पहनती थी।
खराटे लेने क आदत थी, िजससे पाट म बाधा पड़ने क संभावना
थी। इसिलए शामनाथ पत्नी के साथ िमलकर माँ को चीफ से
िछपाने का असफल यास करते ह। उन दोन क चता यही थी
क अगर चीफ का सा ात् माँ से हो गया हो कह लि त नह
होना पड़े।


17 पाठ का नाम – कत और स यता ½

लेखक का नाम – डॉ. यामसुंदर दास ½

कत के बारे म बताते ए लेखक कहते ह क हमारे मन म एक 2


ऐसी शि है जो हम बुरे काम करने से रोकती है और अ छे काम
क ओर हमारी वृि झुकाती है। गलत काम करने पर हमारी
आ मा हम कोसती है। इसिलए हमारा मन जो काम करने से
िहच कचाए और उससे दूर भागे ऐसे काम हम ना कर। हम अपना
कत धम न छोड़।

18 पाठ का नाम – गंगा मैया से सा ा कार ½

लेखक का नाम – डॉ. बरसाने लाल चतुवदी ½

लेखक जब अंितम करता है क माँ भिव य म या संभावनाएँ 2


है? तब गंगा मैया कहती है क यह कृ ित सवशि मान है। पतन
जब अिधक होना शु हो जाता है, तभी उ थान का माग खुलता
है।

19 पाठ का नाम – भोलाराम का जीव ½

लेखक का नाम – ह रशंकर परसाई ½

पाँच दन पहले भोलाराम क मृ यु ई थी। उसके जीव लाने 2


यमदूत भूलोक आये थे। ले कन भोलाराम का जीव उसे धोखा
देकर गायब आ था। पाँच दन बाद यमलोक आने पर, जब
िच गु उससे िच लाकर पूछते ह क इतने दन वह कहाँ था,
उसके उ र म यमदूत उपयु वा य कहता है।

20 पाठ का नाम – या ा जापान क ½

लेिखका का नाम – ममता कािलया ½

उद्घाटन काय म शु होने के पहले लेिखका और ऋचा िम 2


बाथ म गए। वहाँ उ ह ने एक दलच प नजारा देखा। ब त सारी
लड़ कयाँ अपने पस से टूथ श और टूथपे ट िनकालकर एक कतार
म खड़ी थ । पूछने पर पता चला क वहाँ क लड़ कयाँ हर बार
खाना खाने के बाद दाँत साफ करती ह। तब लेिखका ने उपयु
वा य कहती ह।

III अ
21 िबहारी लाल वेद और मृितय म ानी लोग जो कु छ बताए ह 3
उसके बारे म बताते ए कहते ह दुबल को पापी, राजा और रोग
दबाते ह। कमजोर शरीर पर रोग हमला करते ह। इसिलए हम
चािहए क हम कमजोर न बने।

22 महादेवी वमा कहती ह जीवन म सुख-दुःख, िवजय-पराजय 3


िनरं तर रहता है। जीवन म इन दोन को समान प से देखना है।
जीवन क साथकता वेसध
ु पीड़ा सहने म है। जीवन क साथकता
प रि थितय का सामना करने म है।

23 किव दु यंत कु मार कहते ह क समाज म अब तो दुःख, दद, पीड़ा 3


हद से गुजर गयी है। दुःख के इस महापवत को अब िपघलना ही
चािहए। जैसे िहमालय से गंगा क धारा िनकली है। वैसे ही दुःख
क कोई राह िनकलनी चािहए। किव यहाँ पर प रवतन क , ांित
क बात कर रहे ह। समाज म बदलाव लाना चाहते ह।


24 किवता का नाम – रै दासबानी ½

किव का नाम – संत रै दास ½

रै दास म के मह व बताते ए कहते ह क सब को हमेशा प र म 3

कर जीवन यापन करना चािहए। हमेशा अ छे काम करने चािहए।


ईमानदारी का मह व ब त बड़ा होता है। जीवन म उसी से
सफलता िमलेगी। नेक कमाई कभी िन फल नह जाएगी। उसका
ितफल ज र िमलेगा।
अथवा
किवता का नाम – रहीम के दोहे ½

किव का नाम – रहीम ½

रहीम कहते ह क काम करना हमारे हाथ म है, उसका ितफल 3

ईश्वर/ भा य पर छोड़ देना चािहए। वे ईश्वर क लीला और


आदमी क सीमा क बात कहते ह। रहीम कहते ह िजस कार
शतरं ज के मोहरे / फाँसे हमारे हाथ म रहते ह ले कन दाँव अपने
हाथ म नह होता।
25 किवता का नाम – एक वृ क ह या ½

किव का नाम – कुँ वर नारायण ½

पेड़ के कट जाने से किव संवद


े नशील हो गए ह। वे कहते ह शु से 3
ही मुझे डर था क कोई दु मन इस पेड़ को काट न दे। वाथ के
िलए पूरे जंगल को ही नाश करके पृ वी को म थल बनाने से
बचाना है। आतंक फै लानेवाल से शहर को बचाना है। देश को देश
के दु मन से बचाना है। मनु य क मानवता को बचाना है।
अथवा
½
किवता का नाम – भारत क धरती
किव का नाम – डॉ. पु यमच द मानव ½

कनाटक क गौरव गाथा गाते ए किव मानव जी कह रहे ह क 3


दुिनया भर माथा ऊँचा करनेवाले टीपू सुलतान क वीरता, अपने
बिलदान के िलए िस रानी चे मा इस धरती क देन है।
ऐितहािसक घटना का मुख ड़ा थल यह कनाटक है। कृ ित
का सुंदर प कनाटक म देखने को िमलता है। कनाटक वीर और
संत क धरती है।
IV
26 एकांक का नाम – सूखी डाली, एकांक कार – उप नाथ ‘अ क’ । 5
सूखीडाली एकां क म एक सि मिलत प रवार का िच ण है। इसम
ि , प रवार और समाज म ापक प से ा आधुिनक
संघष और मनोवै ािनक – ि थितय को बड़ी सु मता से
िनयोिजत कया है। बेला दादाजी का पोता परे श क पत्नी है। उसे
पित के घर आकर ऐसा लगता था क कसी अप रिचत के बीच
म आ गयी है। बेला इन लोग के बीच म अके लापन महसुस करने
लगी। वह कसी को समझ नह पायी। कोई उससे बातचीत नह
करते थे। खड़े होकर यादा गौरव दखाने लगे। घर क सब ीयाँ
बेला को देखकर ऐसे डरते थे जैसे मुग के ब े बाज से। बेला का
दम यहाँ घुटने लगा था। इसिलए बेला अपने मायके जाना चाहती
थी।
अथवा
27 एकांक का नाम – सूखी डाली 5
एकांक कार का नाम – उपे नाथ ‘अ क’
सूखी डाली एकांक म एक सि मिलत प रवार का िच ण है। इसम
ि प रवार और समाज म ापक प से ा आधुिनक संघष
और मनोवै ािनक ि थितय को बड़ी सू मता से िनयोिजत कया
जाता है। दादाजी मूलराज अपने प रवार को बरगत के पेड़ जैसा
मानते थे। पेड़ से अलग होनेवाली डाली क क पना से ही वे काँप
उठते थे। उनक आकां ा थी क पेड़ क सब डािलयाँ साथ-साथ
बढ़े, फल फू ल जीवन क सुखद शीतल वायु के पश से झूम और
सरसाय। प रवार के सारे लोग िमल-जुलकर खुशी से रह।

28 एकांक का नाम – ितशोध


एकांक कार का नाम – डॉ. रामकु मार वमा
ितशोध एक सां कृ ितक एकांक है। इसम सं कृ त के महाकिव 5

भारिव के जीवन से संबंिधत घटना का वणन कया गया है।


भारिव अपने िपता से पंिडतो के सामने अपमािनत हो जाता है।
ोिधत होकर िपता से बदला लेने का िनश्चय करके दो दन पहले
घर छोड़कर चला जाता है। भारिव से िमलने के िलए एक िवदुषी
भारिव के घर आती है। तब भारिव क माँ सुशीला उससे पूछती है
क वह भारिव से प रिचत है? भारती कहती है – जैसे वसंत ऋतु
म को कल के वर से सभी प रिचत है। उसने भारिव को
ातःकाल म मािलनी नदी के तट पर देखा था। तब भारिव माँ
सर वती का यान करते थे। बाद म उि होकर वहाँ से चले गये।
अथवा
29 एकांक का नाम – ितशोध
एकांक कार का नाम – डॉ. रामकु मार वमा
ितशोध एक सां कृ ितक एकांक है। इसम सं कृ त के महाकिव 5

भारिव के जीवन से संबंिधत घटना का वणन कया गया है। िपता


ने भारिव को पंिडत के सामने जो अपमान कया था उससे
ोिधत होकर भारिव ितशोध क आग म जलने लगता है। अपने
िपता क ह या करना चाहता है। ले कन माता-िपता के वातालाप
से पता चलता है क िपता भारिव के अहँकार को कम करने के
िलए ही उसक नदा अपमान कया था। इसके पीछे पु क
उ ित और मंगल कामनाएँ िछपी ई है। भारिव अपनी गलती के
िलए िपता से सजा माँगता है और ायि त करना चाहता है।
िपता कहते ह क प ाताप ही ायि त है। माँ क सेवा करके
जीवन को सफल बनाने के िलए कहते ह। भारिव कहता है क माँ-
बाप क सेवा जीवन क चरम साधना है। भारिव को अगर
जीिवत रहना है तो उसे द ड िमलना चािहए। तब ीधर उसे छः
मिहने तक ससुराल म जाकर उनक सेवा करना और जूठे भोजन
पर अपना पोषण करने का द ड देते ह।
V

30 कसी ने कहा क सुमन अ छा गाती है। इसिलए सुमन को भाई ने 3

एक हजार पये दए।



31 i) सरला गाना गाती है। 1

ii) करण खाना पकाएगी । 1


32 i) संयोजक 1

ii) दासी 1


33 i) मांसहारी 1

ii) जलचर 1

VI
अ 34 i) सच्चा िम 1

ii) िवचार क एकता 1

iii) मुि कल 1
iv) िम ता 1

v) भटके को 1


35 i) थान और दनांक
ii) संबोधन और अिभवादन
iii) प का िवषय अ) आरं भ आ) म य इ) अंत
iv) समापन : ह ता र
v) प पाने वाले का पता 5


36 1) बेरोजगारी क सम या दनो दन बढ़ती जा रही है। 1
2) हम भारत देश के नाग रक ह । 1
3) हम िमलजुलकर जीवनयापन करना है । 1
4) कल महीने का आखरी दन है । 1
5) भारत म अनेक न दयाँ ह। 1

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