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​ rade 10 Hindi

G
Chapter -2 Diary Ka Ek Panna (Sparsh-2) Notes

पाठ-1 डायर का एक प ना
(क) न न ल खत न के उ र (25-30 श द म) ल खए -

1. 26 जनवर 1931 के दन को अमर बनाने के लए या- या तैया रयाँ क ग ?


उ र- ​26 जनवर 1931 के दन को अमर बनाने के लए काफ तैया रयाँ क गयी थी। केवल चार पर दो
हजार पए खच कये गए थे। कायकताओं को उनका काय घर घर जाकर समझाया गया था। कलक ा शहर म
जगह-जगह झंडे लगाए गए थे। कई थान पर जल ु सू नकाले गए तथा झंड़ा फहराया गया था। टो लयाँ
बनाकर भीड़ उस थान पर जटु ने लगी जहाँ सभ
ु ाष बाबू का जल
ु स
ू पहुँचना था।

2. 'आज जो बात थी वह नराल थी'− कस बात से पता चल रहा था क आज का दन अपने आप म


नराला है ? प ट क िजए।
उ र- ​आज का दन नराला इस लए था य क वतं ता दवस मनाने क थम पन ु राव ृ थी। पु लस ने
सभा करने को गैरकानन ू ी कहा था कं त सभ
ु ु ाष बाब ू के आ वान पर परू े कलक ा म अने क संगठन के मा यम
से जल
ु स
ू व सभाओं क जोशील तैयार थी। परू ा शहर झंड से सजा था तथा क सल ने मोनम ु ट के नीचे झंडा
फहराने और वतं ता क त ा पढ़ने का सरकार को खल ु ा चैलज दया हुआ था। पु लस भरपरू तैयार के बाद
भी कामयाब नह ं हो पाई।

3. पु लस क म नर के नो टस और क सल के नो टस म या अंतर था?
उ र- प ​ ु लस क म नर ने नो टस नकाला था क कोई भी जनसभा करना या जल ु स
ू नकालना कानन
ू के
खलाफ़ होगा। सभाओं म भाग लेने वाल को दोषी माना जाएगा। क सल ने नो टस नकाला था क मोनम
ु ट
के नीचे चार बजकर चौबीस मनट पर झंडा फहराया जाएगा तथा वतं ता क त ा पढ़ जाएगी। इस कार
ये दोन नो टस एक दस ू रे के खलाफ़ थे।

4. धमत ले के मोड़ पर आकर जल ु स


ू य टूट गया?
उ र- ज
​ ब सभ ु ाष बाब ू को पकड़ लया गया तो ि याँ जल
ु स
ू बनाकर चल पर तु पु लस ने लाठ चाज से उ ह
रोकना चाहा िजससे कुछ लोग वह ं बैठ गए, कुछ घायल हो गए और कुछ पु लस वारा गर तार कर लए गए
इस लए जल ु स
ू टूट गया।

5. डॉ. दासगु ता जल
ु सू म घायल लोग क दे ख-रे ख तो कर रहे थे, उनके फ़ोटो भी उतरवा रहे थे। उन
लोग के फ़ोटो खींचने क या वजह हो सकती थी? प ट क िजए।
उ र- डॉ. दास गु ता लोग क फ़ोटो खचवा रहे थे। इससे अं ेज़ के ज़ु म का पदाफ़ाश कया जा सकता था,
दस
ू रा यह भी पता चल सकता था क बंगाल म वतं ता क लड़ाई म बहुत काम हो रहा है ।

(ख) न न ल खत न के उ र (50-60 श द म) द िजए -


1. सभ
ु ाष बाबू के जल
ु स
ू म ी समाज क या भू मका थी?

उ र- ​सभ
ु ाष बाबू के जलु स
ू म ी समाज क मह वपण ू भू मका रह थी। भार पु लस यव था के बाद भी
जगह-जगह ी जलु स
ू के लए टो लयाँ बन गई थीं। मोनम
ु ट पर भी ि य ने नडर होकर झंडा फहराया,
अपनी गर ता रयाँ करवाई तथा उनपर ला ठयाँ बरसाई। इसके बाद भी ि याँ लाल बाज़ार तक आगे बढ़ती
ग ।

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Chapter -2 Diary Ka Ek Panna (Sparsh-2) Notes

2. जल
ु स
ू के लाल बाज़ार आने पर लोग क या दशा हुई?

उ र-जलु स
ू के लाल बाज़ार आने पर भीड़ बेकाबू हो गई। पु लस डंडे बरसा रह थी, लोग को लॉकअप म भेज
रह थी। ि याँ भी अपनी गरफ़तार दे रह थीं। दल के दल नारे लगा रहे थे। लोग का जोश बढ़ता ह जा रहा
था। लाठ चाज से लोग घायल हो गए थे। खन
ू बह रहा था। चीख-पक ु ार मची थी फर भी उ साह बना हुआ था।

3. 'जब से कानन
ू भंग का काम शु हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान म नह ं क
गई थी और यह सभा तो कहना चा हए क ओपन लड़ाई थी।' यहाँ पर कौन से और कसके वारा
लागू कए गए काननू को भंग करने क बात कह गई है ? या कानन
ू भंग करना उ चत था? पाठ के
संदभ म अपने वचार कट क िजए।

उ र-यहाँ पर अं ेजी रा य वारा सभा न करने के काननू को भंग करने क बात कह गई है । वा तव म यह


कानन
ू भारतवा सय क वाधीनता को दमन करने का कानन ू था इस लए इसे भंग करना उ चत था। इस
समय दे श क आज़ाद के लए हर यि त अपना सव व लट ु ाने को तैयार था। अं ेज़ ने कानन
ू बनाकर
आ दोलन, जल ु स
ू को गैर काननू ी घो षत कया हुआ था पर तु लोग पर इसका कोई असर नह ं था। वे
आज़ाद के लए अपना दशन करते रहे , गल ु ामी क जंजीर को तोड़ने का यास करते रहे थे।

4. बहुत से लोग घायल हुए, बहुत को लॉकअप म रखा गया, बहुत-सी ि याँ जेल ग , फर भी इस दन
को अपवू बताया गया है । आपके वचार म यह सब अपव
ू य है ? अपने श द म ल खए।

उ र- स​ भ
ु ाष च बोस के नेत ृ व म कलक ा वा सय ने वतं ता दवस मनाने क तैयार ज़ोर-शोर से क
थी। पु लस क स ती, लाठ चाज, गरफ़ता रयाँ, इन सब के बाद भी लोग म जोश बना रहा। लोग झंडे
फहराते, वंदे मातरम ् बोलते हुए, खन
ू बहाते हुए भी जल
ु स
ू नकालने को त पर थे। जल
ु स
ू टूटता फर बन जाता।
कलक ा के इ तहास म इतने चंड प म लोग को पहले कभी नह ं दे खा गया था।

(ग) न न ल खत का आशय प ट क िजए -

1. आज तो जो कुछ हुआ वह अपव ू हुआ है । बंगाल के नाम या कलक ा के नाम पर कलंक था क यहाँ
काम नह ं हो रहा है वह आज बहुत अंश म धल ु गया।
उ र- ​हजार ी पु ष ने जल
ु स
ू म भाग लया, आज़ाद क साल गरह मनाने के लए बना कसी डर के
दशन कया। पु लस के बनाए कानन ू क, जल ु स ू आ द गैर कानन
ू ी काय, आ द क भी परवाह नह ं क । पु लस
क लाठ चाज होने पर लोग घायल हो गए। खन ू बहने लगे पर तु लोग म जोश क कोई कमी नह ं थी। बंगाल
के लए कहा जाता था क वतं ता के लए बहुत यादा योगदान नह ं दया जा रहा है । आज क ि थ त को
दे खकर उन पर से यह कंलक मट गया।

2. खलु ा चैलज दे कर ऐसी सभा पहले नह ं क गई थी?


उ र- प ​ ु लस ने कोई दशन न हो इसके लए कानन ू नकाला क कोई जलु स
ू आ द आयोिजत नह ं होगा पर तु
सभु ाष बाबू क अ य ता म क सल ने नो टस नकाला था क मोनम ु ट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और
वतं ता क त ा पढ़ जाएगी। सभी को इसके लए आंम त कया गया, खब ू चार भी हुआ। सारे कलक े
म झंडे फहराए गए थे। सरकार और आम जनता म खल ु लड़ाई थी।

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Chapter -2 Diary Ka Ek Panna (Sparsh-2) Notes

2. न न ल खत मह
ु ावर का वा य म योग क िजए −
रं ग दखाना
ठं डा पड़ना
टूट जाना

उ र-
रं ग दखाना- भाव या व प दखाना - त
​ म
ु रमेश को जैसा समझाते हो, वह वैसा नह ं है । जब वह अपना रं ग
दखाएगा तब तु ह समझ आएगा।

ठं डा पड़ना- ढ ला पड़ना - ओलि पक खेल आर भ होने वाले ह, अभी भी तैया रयाँ परू नह ं हुई ह। पता नह ं
सरकार इतनी ठं डी य पड़ी है ।

टूट जाना- बखर जाना - घर के मु य सद य के चले जाने से परू ा प रवार बखर गया।

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