Economics 17 Daily

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दै विक
क्लास िोट् स
Saksham BPSC
अर्थव्यिस्र्ा

Lecture – 17
विदे शी मुद्रा (भाग – 02)

सक्षम (Saksham) BPSC


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विदे शी मुद्रा (भाग – 02)


निनित या स्थायी निनिमय दर प्रणाली:-
❖ इस प्रणाली में किसी दे श िा िेंद्रीय बैंि किकिमय दर तय िरता है और इसिा मूल्य बदलिे िा अकििार िेिल
िेंद्रीय बैंि िो होता है।
❖ मुद्रा का अिमूल्यि:- यकद किसी दे श िा िेंद्रीय बैंि किकिमय दर (e) िा मूल्य बढािे िा कििल्प चुिता है, किसिा
अर्थ है कि $1 खरीदिे िे कलए अकिि रुपये िी आिश्यिता है, तो इसे अिमूल्यि िहा िाता है। यहााँ (e) िाममात्र
किकिमय दर िो दशाथता है।
उदाहरण िे कलए: e = रु.20/$1 से e = रु.30/$1 बि िाता है।
❖ मुद्रा का पुिमूूल्यि:- यकद किसी दे श िा िेंद्रीय बैंि किकिमय दर (e) िे मूल्य िो िम िरिे िा किणथय लेता है यािी
$1 खरीदिे िे कलए अब िम रुपये िी आिश्यिता होगी।
उदाहरण िे कलए: e = रु.30/$1 से e = रु.20/$1बि िाता है।
❖ मुद्रा के अिमूल्यि एिं पुिमूूल्यि का प्रभाि:-

मुद्रा नियाूत आयात

अिमूल्यि सस्ता महंगा

पुिमूूल्यि महंगा सस्ता

अस्थायी निनिमय दर:-


❖ इस प्रिार िी प्रणाली में किकिमय दर मांग और आपूकतथ िैसी बािार शक्तियों द्वारा तय िी िाती है।
❖ मुद्रा का मूल्यह्रास:-किसी मुद्रा िा मूल्यह्रास इस प्रणाली में अन्य मुद्राओं िी तुलिा में उसिे मूल्य में िमी िो
संदकभथत िरता है। इसिा तात्पयथ यह है कि किसी अन्य मुद्रा िी समाि मात्रा खरीदिे िे कलए मूल्यह्राकसत मुद्रा िी
अकिि इिाइयााँ लगती हैं।
❖ मुद्रा का मूल्यिर्ूि:- िब किसी मुद्रा िी मांग उसिी आपूकतथ िे सापेक्ष बढ िाती है, तो इसिा मूल्यििथि होता है।
सरल शब्ों में िहें तो यह अन्य मुद्राओं िी तुलिा में अकिि मूल्यिाि हो िाती है।
❖ मुद्रा के मूल्यह्रास और मूल्यिर्ूि का प्रभाि:-

मुद्रा नियाूत आयात

मूल्यह्रास सस्ता महंगा

मूल्यिर्ूि महंगा सस्ता

निनिमय दर की मांग को प्रभानित करिे िाले कारक:-


❖ यकद किदे शी िस्तुओं िी मांग बढती है, तो इसिा तात्पयथ है कि किदे शी मुद्रा िी मांग बढे गी और इसिे किपरीत क्तथर्कत
होगी।
E1 = रु.20/$1 अब e2 = रु.30/$1 हो गया
❖ निदे शी नििेश की मांग: यकद किदे शी कििेश अकिि है यािी किदे शी मुद्रा िी मांग बढे गी और यकद किदे शी कििेश िम
है तो किदे शी मुद्रा िा मूल्य घट िाएगा।

सक्षम (Saksham) BPSC


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❖ निदे शों में प्रेषण या हस्ांतरण भुगताि का बनहप्रूिाह: यकद किदे शों में बकहप्रथिाह बढे गा तो किदे शी मुद्रा िा मूल्य
बढे गा अर्िा किदे शों से मुद्रा िा प्रेषण बढे गा तो किदे शी मुद्रा िा मूल्य घट िाएगा।
❖ अिुमाि:- यकद लोग भकिष्य में किदे शी मुद्रा िे मूल्य में िृक्ति िी उम्मीद िरते हैं तो िे अकिि किदे शी मुद्रा िी मांग
िरें गे और किदे शी मुद्रा िी मांग बढे गी अर्िा किदे शी मुद्रा िी मांग िम होिे िा अिुमि रहा तो किदे शी मुद्रा िा
मूल्य घट िाएगा।
निनिमय दर की आपूनतू को प्रभानित करिे िाले कारक:-
❖ घरे लू िस्ुओ ं की मांग बढ़िा: यकद घरे लू िस्तुओं िी मांग घरे लू मुद्रा िी मांग से अकिि है तो घरे लू मुद्रा िी मांग
बढ िाएगी यािी घरे लू मुद्रा िा मूल्य बढ िाएगा। इससे किदे शी मुद्रा िी आपूकतथ बढे गी।
❖ घरे लू नििेश की मांग: यकद किदे कशयों द्वारा घरे लू कििेश िी मांग अकिि है तो किदे शी मुद्रा िी आपूकतथ अकिि है
अर्िा इसिे किपरीत यकद किदे कशयों द्वारा घरे लू कििेश िी मांग िम है तो किदे शी मुद्रा िी आपूकतथ िम है।
❖ निदे शों से प्रेषण और हस्ांतरण भुगताि का प्रिाह: यकद किदे शों से प्रेषण और हस्तांतरण भुगताि िा प्रिाह बढता
है तो घरे लू मुद्रा िी मांग बढे गी और किदे शी मुद्रा िी आपूकतथ बढे गी अर्िा इसिे किपरीत िी क्तथर्कत रही तो आपूकतथ
घटे गी।
❖ निदे शी मुद्रा की अिुमानित आपूनतू: यकद किदे शी मुद्रा िी अिुमाकित आपूकतथ बढती है तो भारतीय मुद्रा िी मांग
बढे गी।

कारक निदे शी मुद्रा का मूल्यिर्ूि निदे शी मुद्रा का मूल्यह्रास

यनद निदे शी मुद्रा की मांग बढ़ती है हााँ िहीं

यनद निदे शी मुद्रा की आपूनतू बढ़ती है िहीं हााँ

अस्थायी निनिमय दर के प्रकार:


अथर्ायी किकिमय दर दो प्रिार िी होती हैं -
❖ स्पष्ट किकिमय दर:
➢ यह दर मांग और आपूकतथ से तय होती है।
➢ िेंद्रीय बैंि इसमें हस्तक्षेप िहीं िरता।
❖ प्रबंकित अथर्ायी किकिमय दर:
➢ यह दर भी मांग और आपूकतथ से तय होती है।
➢ इसमें िेंद्रीय बैंि हस्तक्षेप िरता है।
➢ प्रबंकित अथर्ायी किकिमय दर िा पालि पूरी दु किया में किया िाता है।
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