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डॉ. विशाल गोयल, डॉ. एन.के . गोयल एवं डॉ. संदीप रावल
पिछले कु छ दिनों से यमुनानगर जिले के अधिकतर सभी खंडों के कु छ खेतों में गेहूं के पत्ते पीले दिखाई दे रहे हैं (फोटो 1, 2 एवं 3))। गेहूं में
पत्ते पीले होने के अनेकों कारण हो सकते हैं जिन्हें समझकर ही उनका निदान किया जाना चाहिए। कृ षि विज्ञान कें द्र, दामला के वैज्ञानिकों के अनुसार इन
दिनों अधिकतर खेतों में गेहूं के पत्तों का पीला पड़ना गंधक (सल्फर) की कमी की वजह से है जिसके लक्षण एवं निदान निम्नलिखित हैं:
गेहूं में सल्फर की कमी के लक्षण: सल्फर को द्वितीयक पोषक तत्व की श्रेणी में रखा गया है जिसका अर्थ है कि इसकी आवश्यक मात्रा प्राथमिक पोषक तत्वों
(जैसे – नाइट्रोजन, फॉसफोरस एवं पोटाश) से कम है लेकिन सूक्ष्म पोषक तत्वों ( जैसे – लौहा, तांबा, मैंगनीस, जस्ता इत्यादि) से अधिक है। सल्फर
पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में भी आवश्यक भूमिका निभाता है इसलिए इसकी कमी की वजह से पत्तियों में पीलापन देखने को मिलता है लेकिन यह
पीलापन नाइट्रोजन की कमी से मिलता-जुलता है जिसे पहचानना आवश्यक है। नाइट्रोजन की कमी में पुराने पते पहले पीले पड़ते हैं (क्योंकि नाइट्रोजन एक
सक्रिय तत्व है जोकि पुराने पत्तों से नए पत्तों में चले जाने की वजह से लक्षण पुराने पत्तों में दिखाई देते हैं)। जबकि सल्फर की कमी में लक्षण पहले अधिकतर
नए पत्तों पर दिखाई देते हैं। पत्तों का पीलापन ऊपर से शुरू होकर नीचे की तरफ बढ़ता है (फोटो 4) और बाद में पूरा पत्ता पीला हो जाता है। कु छ खेतों में
पत्ती के ऊपर का हिस्सा (ऊपरी नौक) नेकरोटिक/परिगलित (कोशिकाओं की मृत्यु) होने की वजह से भूरा-काला हो जाता है जिसपर काली फफूं द भी
दिखाई दे सकती है (फोटो 5)। हालांकि पत्ती की ऊपर के नोकीले हिस्से का परिगलित होना नाइट्रैट के संचयन की वजह से होता है। उर्वरक सुपर फास्फै ट
की जगह डाई अमोनियम फास्फै ट (डी.ए.पी.) के अधिक प्रयोग की वजह से काफी खेतों में सल्फर की कमी हो रही है जिसे समय-से मृदा जांच करवाकर
ठीक किया जा सकता है। सल्फर की कमी से गेहूं की बालियों पर भी कु प्रभाव पड़ सकता है । अत: इसका समय से निदान आवश्यक है ताकि अधिकतम
पैदावार ली जा सके ।
गेहूं में सल्फर की कमी को दूर करने के उपाय:
1. फसल बोने से पहले मृदा की जांच करवाएं एवं सिफारिश अनुसार उर्वरक प्रयोग करें।
2. दो बैग (100 कि.ग्रा.) प्रति एकड़ जिप्सम का प्रयोग करें।
गेहूं में पत्तियां पीली होने के अन्य कारण: सल्फर की कमी के अतिरिक्त अन्य पौषक तत्वों की कमी जैसे नाइट्रोजन, मँगनीस आदि), विभिन्न रोग (जैसे रतुआ
रोग), पादप कार्यिकी (अधिक जल-भराव, न्यूनतम तापमान का कम होना, लवणीय भूमि आदि), कीटों (जैसे ऐफ़िड) आदि अनेकों कारण है जिससे
गेहूं के पत्ते पीले दिखाई पड़ सकते हैं। अत:, अधिक जानकारी हेतु कृ षि वैज्ञानिक अथवा कृ षि विभाग की सलाह अनुसार लक्षणों को देखते हुए उचित प्रबंधन
करें।
फोटो 1,2 एवं 3: सल्फर की कमी दर्शाते हुए गाँव खानपुर (यमुनानगर) के एक खेत का दृश्य l
फोटो 4: सल्फर की कमी से नए पत्तों में पीलापन ऊपर से शुरू होकर नीचे की तरफ बढ़ता हैl
फोटो 5: पत्ती के ऊपर का हिस्सा (ऊपरी नौक) नेकरोटिक/परिगलित (कोशिकाओं की मृत्यु) होने की वजह से भूरा-काला हो जाता हैl