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साक्षरता का महत्व

साक्षरता का मतलब है पढऩे लिखने की योग्यता। दूसरे संसाधनों की तरह साक्षरता भी आज हमारे
जीवन की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है। साक्षरता सिर्फ हमारे खुद के विकास तक सिमित नहीं है
इसका गहरा सम्बन्ध सामाजिक और आर्थिक विकास से भी है।

मोबाइल पर बात करने से लेकर कही बाहर जाने तक में आपका शिक्षित होना बहुत आवश्यक है। ये
तो रही जीवन की बात मगर आपके खुद के बौद्धिक विकास के लिए भी पूर्ण रूप से शिक्षित होना बहुत
आवश्यक है।

आज भी कई लोग ऐसे है जो खुद तो शिक्षित नहीं है पर वो अपने बच्चों को भी शिक्षित नहीं कर रहे
है। आने वाले समय में उनको जीवन यापन करने में कितनी दिक्कत आएगी ज़रा सोचिये। क्योँ ये
लोग बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे जबकि सरकार ने कितनी सारी योजनाएं चला रखी है
जिनमे मुफ्त में शिक्षा देने का प्रावधान है।

अगर हम भारत की बात करें तो आज भी भारत में पुरुषों के मुकाबले महिला साक्षरता दर काफी कम
है जो की एक दुखद और विचारणीय विषय है।

आज जहाँ महिलाऐं हर वो काम करने में सक्षम हैं जो पुरुष कर सकते हैं वहीँ बावजूद इसके यहाँ महिला
साक्षरता दर काफी कम है और इसके पीछे कारण है की कई माता-पिता लड़कियों को स्कू ल भेजने की
अनुमति नहीं देते बल्कि उनका बाल विवाह कर दिया जाता है। हमें ये सोच बदलने की जरुरत है ताकि
महिलाऐं भी शिक्षित बनें और समाज और देश का विकास हो।

अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर को मनाया जाता है। जब देश का हर नागरिक साक्षर होगा
तभी देश की प्रगती होगी। भारत में आज भी साक्षरता की दर संतोषजनक नहीं है। विश्व में 127 में
से 101 देश ऐसे हैं जो पूरी तरह से साक्षर नहीं है जिनमें भारत भी शामिल है।

हम आशा करते है की लोग इस बात को समझेंगे और मुख्य धारा से जुड़े रहने के लिए पूर्ण रूप से
शिक्षा पाएं और अपने जीवन को सुखमय बनायें।
उम्मीद है जागरूक पर साक्षरता का महत्व कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए
फायदेमंद भी साबित होगी।

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