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क्या फ़रमाते हैं उ’लमा-ए-दीन व मुफ्तियान-ए-शर-ए-मतीन मुन्दरिजा ज़ैल


मस’अला के बारे में कि सवाल नम्बर 1)मुनीर फातिमा की मिलकियत का एक
मकान बरे ली में है और जब मुनीर फातिमा का इन्तिक़ाल हुआ उसने अपने
इन्तिक़ाल के वक़्त तीन लड़के नसीम अहमद खान ,नईम अहमद खान और
मुस्त़क़ीम अहमद खान को छोड़ा‌। उसके बाद नसीम अहमद खान का इन्तिक़ाल हो
गया । उसने अपने इन्तिक़ाल के वक़्त पाँच लड़के फीरोज़ अहमद , तनवीर अहमद ,
मैराज , दानिश और नाजि़श और तीन लड़कियाँ मल्का , हुमा , रुही को छोड़ा ।
उसके बाद नईम अहमद का इन्तिक़ाल हुआ । उसने अपने इन्तिक़ाल के वक़्त
अपनी एक ज़ौजा शमीम बानो एक लड़का ज़ीशान और एक लड़की फरह बेगम को
छोड़ा । उसके बाद मुस्तक़ीम अहमद खान का इन्तिक़ाल हुआ । मुस्तक़ीम अहमद
खान की हयात में ही उसकी बीवी सायरा बानो का इन्तिक़ाल हो गया था । मुस्तक़ीम
अहमद खान ने अपने इन्तिक़ाल के वक़्त अपने छ; भतीजे 1-फीरोज़ 2-तनवीर
3-मैराज 4-दानिश 5-नाज़िश 6-ज़ीशान और चार भतीजियाँ 1-मल्का 2-हुमा
3-रूही 4-फरह बेगम को छोड़ा । ऐसी सूरत में मुनीर फातिमा का मकान जो बरे ली
में है वह उसके वारिसीन के दरमियान किस तरह तक़्सीम होगा ।
सवाल नम्बर 2) मुस्तक़ीम अहमद खान ने एक मकान लखनऊ में खरीदा था और
उसकी बीवी सायरा बानो का इन्तिक़ाल मुस्तक़ीम अहमद खान की हयात में ही हो
गया था । मुस्तक़ीम अहमद खान के वारिसीन का ज़िक्र सवाल नम्बर एक में कर
दिया गया है । ऐसी सूरत में मुस्तक़ीम अहमद खान का लखनऊ में खरीदा हुआ
मकान उसके वारिसीन के दरमियान अज़ रूए शरअ किस तरह तक़्सीम होगा ।
अल्मुस्तफ्ती
नसीम अहमद खान
अल्जवाब अल्लाहुम्मा हिदायतल हक़्क़ि वस्सवाब :-
बाद-ए-तक़दीम-ए-मात'क़ददम अल्लइरस़ मिस्ल-ए-अदा-ए-दुयन ू अगर
मुनीर फातिमा के ज़िम्मे हों व इजरा-ए-वसियत अगर मुनीर फातिमा ने किसी गै़र
वारिस के लिए तिहाई माल तक की हो । उसका छोड़ा हुआ कुल माल मुन्दरिजा ज़ैल
तरीक़ा के मुताबिक़ तक़्सीम होगा ।
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मस’अला 3x13=39x24=936
लड़के
नसीम अहमद खान नईम अहमद खान मु क़ म अहमद खान
1 1 1
13 13
312

मस’अला 13 मािफ द1
लड़के लड़िकयाँ
फ रोज़ तनवीर मैराज दािनश ना ज़श म ा मा ही
2 2 2 2 2 1 1 1
48 48 48 48 48 24 24 24

मस’अला 8x3=24 तबायुन मािफ द 13


ज़ौजा लड़का लड़क
शमीम1 बानो ज़ीशान फरह बेगम
3 14 7
39 182 91

मस’अला 6 मािफ द 312


इ -उल-अख़ (भतीजे) िब -उल-अख़ (भती जयाँ)
फ रोज़ तनवीर मैराज दािनश ना ज़श ज़ीशान म ा मा ही फरह
1 1 1 1 1 1 x x x x
52 52 52 52 52 52

मु रजा बाला तरीक़ा के मुतािबक़ मुनीर फाितमा का छोड़ा आ मकान


जो बरे ली म है वह नौ सौ छ ीस सहाम पर मु क़ सम होकर फ रोज़ को एक सौ ,
तनवीर को एक सौ , मैराज को एक सौ , दािनश को एक सौ , ना ज़श को एक सौ
और म ा को चौबीस , मा को चौबीस , ही को चौबीस , शमीम को
उ ालीस और ज़ीशान को दो सौ चौंतीस और फरह को इ ानवे सहाम
मलगे ।
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मु क़ म ने जो मकान लखनऊ म खरीदा था । वह मु रजा जै़ल तरीक़ा


के मुतािबक़ त सीम होगा ।
मस’अला 6
इ -उल-अख (भतीजे) िब -उल-अख (भती जयाँ)
फ रोज़ तनवीर मैराज दािनश ना ज़श ज़ीशान म ा मा ही फरह
1 1 1 1 1 1 x x x x

मु रजा बाला तरीक़ा के मुतािबक़ मु क़ म का खरीदा आ लखनऊ का


मकान छ; िह ों पर मु क़ सम होकर फ रोज़ , तनवीर , मैराज , दािनश ,
ना ज़श और ज़ीशान म से हर एक को एक एक िह ा मलेगा ।

कत’ब
क़ाज़ी शहीद आलम
मुअरख़ा 16 रबी-उस-स़ानी,1445 िहजरी

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