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कुं डली में द्वितीय भाव (2 हाउस )

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कुं डली के दूसरे घर को भारतीय वैदिक ज्योतिष में धन स्थान कहा जाता है तथा किसी भी
व्यक्ति की कुं डली में इस घर का अपना एक विशेष महत्त्व होता है। इसलिए किसी कुं डली को
देखते समय इस घर का अध्ययन बड़े ध्यान से करना चाहिए। कुं डली का दूसरा घर कुं डली धारक
के द्वारा अपने जीवन काल में संचित किए जाने वाले धन के बारे में बताता है तथा इसके
अतिरिक्त यह घर कुं डली धारक के द्वारा संचित किए जाने वाले सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात तथा
इसी प्रकार के अन्य बहुमूल्य पदार्थों के बारे में भी बताता है। किन्तु कुं डली का दूसरा घर के वल
धन तथा अन्य बहुमूल्य पदार्थों तक ही सीमित नहीं है तथा इस घर से कुं डली धारक के जीवन
के और भी बहुत से क्षेत्रों के बारे में जानकारी मिलती है।

कुं डली का दूसरा घर व्यक्ति के बचपन के समय परिवार में हुई उसकी परवरिश तथा उसकी
मूलभूत शिक्षा के बारे में भी बताता है। कुं डली के दूसरे घर के मजबूत तथा बुरे ग्रहों की दृष्टि से
रहित होने की स्थिति में कुं डली धारक की बाल्यकाल में प्राप्त होने वाली शिक्षा आम तौर पर
अच्छी रहती है। किसी भी व्यक्ति के बाल्य काल में होने वाली घटनाओं के बारे में जानने के
लिए इस घर का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना आवश्यक है। कुं डली के दूसरे घर से कुं डली धारक
की खाने-पीने से संबंधित आदतों का भी पता चलता है। किसी व्यक्ति की कुं डली के दूसरे घर
पर नकारात्मक शनि का बुरा प्रभाव उस व्यक्ति को अधिक शराब पीने की लत लगा सकता है
तथा दूसरे घर पर नकारात्मक राहु का बुरा प्रभाव व्यक्ति को सिगरेट तथा चरस, गांजा जैसे नशों
की लत लगा सकता है।

कुं डली का दूसरा घर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के बारे में भी बताता है तथा इस घर से विशेष
रूप से वैवाहिक जीवन की पारिवारिक सफलता या असफलता तथा कु टु म्ब के साथ रिश्तों तथा
निर्वाह का पता चलता है। हालांकि कुं डली का दूसरा घर सीधे तौर पर व्यक्ति के विवाह होने का
समय नहीं बताता किन्तु शादी हो जाने के बाद उसके ठीक प्रकार से चलने या न चलने के बारे
में इस घर से भी पता चलता है। कुं डली के इसी घर से कुं डली धारक के वैवाहिक जीवन में
अलगाव अथवा तलाक जैसी घटनाओं का आंकलन भी किया जाता है तथा व्यक्ति के दूसरे
विवाह के योग देखते समय भी कुं डली के इस घर को बहुत महत्त्व दिया जाता है। इस प्रकार
प्रत्येक व्यक्ति के वैवाहिक जीवन से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पक्षों के बारे में कुं डली के दूसरे घर से
जानकारी प्राप्त होती है।

कुं डली का दूसरा घर धारक की वाणी तथा उसके बातचीत करने के कौशल के बारे में भी बताता
है। शरीर के अंगों में यह घर चेहरे तथा चेहरे पर उपस्थित अंगों को दर्शाता है तथा कुं डली के
इस घर पर एक या एक से अधिक बुरे ग्रहों का प्रभाव होने की स्थिति में कुं डली धारक को शरीर
के इन अंगों से संबंधित चोटों अथवा बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। कुं डली का दूसरा
घर धारक की सुनने, बोलने तथा देखने की क्षमता को भी दर्शाता है तथा इन सभी के ठीक प्रकार
से काम करने के लिए कुं डली के इस घर का मज़बूत होना आवश्यक है।

कुं डली के दूसरे घर से धारक के धन कमाने की क्षमता तथा उसकी अचल सम्पत्तियों जैसे कि
सोना, चांदी, नकद धन तथा अन्य बहुमूल्य पदार्थों के बारे में भी पता चलता है। कुं डली के इस
घर पर किन्ही विशेष बुरे ग्रहों का प्रभाव कुं डली धारक को जीवन भर कर्जा उठाते रहने पर
मजबूर कर सकता है तथा कई बार यह कर्जा व्यक्ति की मृत्यु तक भी नहीं उतर पाता।

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