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जनिहत यािचका

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िप्रिल स के िलये:
सवो च यायालय, जनिहत यािचका, िरट यािचका

मे स के िलये:
जनिहत यािचका (PIL) का मह व एवं दु पयोग

चचा म यों?

सवो च यायालय (SC) ने एक यािचकाक ा को पया त शोध के िबना जनिहत यािचका (PIL) दायर करने के िलये
चेतावनी दी।

प्रमुख िबंद ु
पिरचय:
जनिहत यािचका (PIL) मानव अिधकारों और समानता को आगे बढ़ाने या यापक सावजिनक िचंता के मु ों
को उठाने के िलये काननू का उपयोग है।
‘जनिहत यािचका (Public Interest Litigation-PIL)’ की अवधारणा अमेिरकी यायशा त्र से ली गई
है।
भारतीय कानन ू म PIL का मतलब जनिहत की सुर ा के िलये यािचका या मुकदमा दज करना है। यह
पीिड़त प ारा नहीं बि क वयं यायालय या िकसी अ य िनजी प ारा िविधक अदालत म पेश िकया गया
मुकदमा है।
यह याियक सिक् रयता के मा यम से अदालतों ारा जनता को दी गई शि त है।
इसे केवल सवो च यायालय या उ च यायालय म दायर िकया जा सकता है।
यह िरट यािचका से अलग है, जो यि तयों या सं थानों ारा अपने लाभ के िलये दायर की जाती है, जबिक
जनिहत यािचका आम जनता के लाभ के िलये दायर की जाती है।
जनिहत यािचका की अवधारणा भारत के संिवधान के अनु छे द 39 A म िनिहत िस ांतों के अनुकूल है तािक
काननू की मदद से विरत सामािजक याय की र ा और उसे िव तािरत िकया जा सके।
वे ेतर् जहाँ जनिहत यािचका दायर की जा सकती है: प्रदूषण, आतंकवाद, सड़क सुर ा, िनमाण संबंधी
खतरे आिद।

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मह व:
जनिहत यािचका सामािजक पिरवतन और कानन ू के शासन को बनाए रखने तथा कानन ू एवं याय के बीच
संतलु न को तीव्र गित देना का एक मह वपूण साधन है।
जनिहत यािचकाओं का मल ू उ े य गरीबों और हािशये के वग के लोगों के िलये याय को सुल भ या याय
संगत बनाना है। यह सभी के िलये याय की पहुँच का लोकतंतर् ीकरण करता है।
यह रा य सं थानों जैसे- जेल ों, आश्रयों, सुर ा मक घरों आिद की याियक िनगरानी म मदद करता है।
याियक समी ा की अवधारणा को लाग ू करने के िलये यह एक मह वपूण उपकरण है।
मु े:
दु पयोग:
अदालतों म लंिबत मामलों की सं या पहले से ही अिधक है और जनिहत यािचकाओं का दु पयोग बढ़
रहा है।
वष 2010 म सवो च यायालय ने यि तगत या अप्रासंिगक मामलों से जुड़ी जनिहत यािचकाओं पर
काफी नाराज़गी य त की थी और जनिहत यािचकाओं को वीकार करने के िलये अदालतों को कु छ
िदशा-िनदश जारी िकये थे।
प्रित प अिधकारों की सम या:
जनिहत यािचका की कारवाइयाँ कभी-कभी प्रित प अिधकारों की सम या को ज म दे सकती है।
उदाहरण के िलये जब कोई यायालय प्रदूषण फैलाने वाले उ ोग को बंद करने का आदेश देती है तो
कामगारों और उनकी आजीिवका से वंिचत उनके पिरवारों के िहतों को यायालय ारा यान म नहीं
रखा जा सकता है।
िवलंब:
शोिषत और वंिचत समहू ों से संबंिधत जनिहत यािचकाएँ कई वष से लंिबत ह।
जनिहत यािचका के मामलों के िनपटान म अ यिधक देरी से कई प्रमुख िनणय अ यवहािरक/
अिक् रया मक म ू य (Academic Value) के हो सकते ह।
याियक अितरेक:
जनिहत यािचकाओं के मा यम से सामािजक-आिथक या पयावरणीय सम याओं को हल करने की प्रिक् रया
म यायपािलका ारा याियक अितक् रमण के मामले हो सकते ह।

आगे की राह
पूव अटॉन जनरल सोली सोराबजी की राय म जनिहत यािचका के दु पयोग को िनयंित्रत करने के िलये 3 बुिनयादी
िनयम:

संिद ध जनिहत यािचका को उपयु त मामलों म अनुकरणीय लागत के साथ अ वीकार करना।
ऐसे मामलों म जहाँ मह वपूण पिरयोजना या सामािजक आिथक िनयमों म अिधक िवलंब के बाद चुनौती दी जाती है,
ऐसी यािचकाओं को िनलंिबत कर देना चािहये।
यिद जनिहत यािचका को अंततः खािरज कर िदया जाता है, तो जनिहत यािचका को स त शत के तहत होना
चािहये जैसे िक यािचकाक ाओं को ितपूित प्रदान करना या हज़ाने को कवर करना।

स्रोत: इंिडयन ए सप्रेस

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