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CLASS 8 AANAND - HINDI-50

प्रश्न 1 गिरिजा कुमाि माथुि ने ‘हम होंिे कामयाब’ कविता के द्िािा क्या संदेश ददया?
उत्ति: कवि ‘श्री गिरिजा कुमाि माथुि’ अपनी कविता के माध्यम से विश्िास के महत्ि के
बािे में बता िहे हैं। अिि हम पिू े विश्िास के साथ काम किें िे तो हम ज़रूि उस काम में
सफल हो जायेंिे। हमें विश्िास है कक हमािे दे श में चािों ओि शांतत ज़रूि होिी । इस
प्रकाि की सन
ु हिी स्थथतत एक न एक ददन ज़रूि आयेिी। हमें विश्िास है कक हम सभी
लोि एक दस
ू िे के हाथ से हाथ ममलाकि साथ-साथ ममलकि चलेंिे। अथाात हम सभी लोि
भाई-भाई की तिह िहें िे | हम कई सालों तक िल
ु ामी में िह िहे थे । लेककन आज हम
बबना डि के आज़ादी से िह िहे हैं। हमें पिू ा विश्िास है कक एक न एक ददन हमािे लक्ष्य
को साकाि कि सकेंिे । अथाात हि जिह कामयाब होंिे औि दे श का नाम हमेशा ऊँचा
िखेंिे ।

प्रश्न 2. मशिम औि विल्सन की कहानी संक्षेप में मलखो ।


उत्ति: मशिम ििीब पिं तु बहुत परिश्रमी ि होमशयाि विद्याथी था । िह कक्षा में सदा
प्रथम आता था । विल्सन समेत सभी विद्याथी उसके ममत्र थे । विल्सन ने एक बाि
उसे एक संुदि खखलौना भें ट ददया । इस पि मशिम बहुत खश
ु हुआ क्यों कक उसने ऐसा
खखलौना पहली बाि दे खा था । कफि विल्सन ने उससे कहा कक खखलौने के बदले उसे
उसका ‘िह
ृ काया’ किना होिा औि िह यह बात ककसी को नहीं बताएिा । मशिम उसकी
बात मान िया औि यह मसलमसला लिाताि चलने लिा । मशिम को िं िीन चश्मा,
ममठाई, चाकलेट इत्यादद सब िह
ृ काया के बदले ममलने लिा ।
एक ददन मशिम ने िौि से दे खा तो उसे अपना चेहिा आईने में ‘मुिझाया’ सा
लिा । उसका तेज खत्म हो िया था । कफि उसे अपनी माँ की बात याद आई कक
“हमें हमेशा सच बोलना चादहए औि लोिों की मदद किनी चादहए। अंदि की यही
संद
ु िता हमािे चेहिे पि ददखाई दे ती है ।“
मशिम ने जाकि सािी बात अपनी माँ से बताई औि पूछा की मैं इसका पश्चाताप
ककस तिह करूँ ? तब माँ ने कहा “जो अपनी िलती सुधाि लेता है िही सच्चा पश्चाताप
होता है ।“ मशिम को बात समझ आ िई औि उसने सािे खखलौने विल्सन को लौटा
ददए । अब उसका चेहिा खखल िहा था ।
प्रश्न 3 ककसान की दयालत
ु ा अपने शब्दों में बयान कीस्जए ।

उत्ति: एक बाि बाजीिाि पेशिा ने िाँि के बाहि डेिा डाला था। उहोने प्रमुख सिदाि को
भूखी प्यासी सेना के मलए भोजन प्रबंध का आदे श ददया । आदे श ममलते ही सिदाि
सैतनकों की एक टुकड़ी के साथ िाँि जा पहुंचे । िहाँ एक ककसान ददखा तो उन्होंने
उसे ककसी बड़े खेत पि ले जाने के मलए कहा । ककसान उन्हें िहाँ ले िया । खेत दे खते
ही सिदाि ने सैतनकों से फसल काटने का आदे श ददया । ककसान समझ िया कक
सैतनक अपनी भख
ू ममटाने के मलए फसल काटने आए हैं । उस ककसान ने सिदाि से
साथ िाले छोटे खेत की फसल काटने को का आग्रह ककया । सिदाि ने उससे इसका
कािण पूछा । तब ककसान ने शांत थिि मे कहा कक यह बड़ा खेत ककसी दस
ू िे व्यस्क्त
का है मैं अपने सामने उसका खेत कैसे कटिा सकता हूँ ? िह छोटा खेत मेिा है आप
उस खेत से फसल काट कि ले जा सकते हैं । मैं सहर्ा अनुमतत दे ता हूँ । ककसान की
बात सुनकि सिदाि आश्चया से भि उठा । तभी बाजीिाि पेड़ के पीछे से तनकल कि
आए औि ककसान को सीने से लिा मलया औि कहा “जब तक तुम जैसे दयालु ककसान
इस िाज्य में हैं तब तक कोई भी भख
ू ा नहीं सो सकता है । तम्
ु हािी भािना सबसे
पवित्र है ।“

प्रश्न ४ विंि कमांडि अमभनंदन की कहानी अपने शब्दों में मलखखए ।

उत्ति : २७ फिििी २०१९ की सब


ु ह को पड़ोसी दे श के विमान भाित की सीमा में घुस
आए थे । उनको खदे ड़ने के मलए भाित के सुखोई-30 औि ममि-21 विमान तनकाल
पड़े । उनमें से हमािे ममि-२१ विमान ने उनके सुपिसोतनक विमान एफ-16 को माि
गििाया। ममि-21 के पायलट थे विंि कमांडि अमभनंदन िधामान । विमान गििाते
व्यक्त उनका विमान भी जल उठा औि इसी कािण उन्हें पड़ोसी दे श की सीमा में
उतिना पड़ा । िहाँ लोिों ने उनपि हल्ला बोल ददया । उनके पास वपथतौल थी पि िे
ककसी तनदोर् को नहीं मािना चाहते थे । उन्हें बंदी बना मलया िया, लेककन बंदी
बनाने से पहले उन्होंने सािे जरूिी कािज चबा डाले औि उन्होंने कुछ भी जानकािी
नहीं दी । भाित सिकाि कड़ाई से उनकी रिहाई की बात कि िही थी । आखखि
पड़ोसी दे श को झुकना पड़ा । 1 माचा 2019 को उन्हें िाघा बॉडाि पि रिहा ककया
िया । इस साहस के मलए उन्हें “िीि चक्र” प्रदान ककया िया । आज भी िे फ्लाइंि
ऑकफसि के पद पि दे श को अपनी सेिाएं दे िहे हैं । जय दहंद !!!

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