उ र -कृ ण यशोदा से शकायत करते ह क बार-बार क ा ध पीने पर भी उनक छोट बलराम भैया जैसी लंबी और मोट य नह होती है । -2 कृ ण मन मार कर भी बाल को यो धुलवाते, कं घी करवाते और गुथ ं ेवाते थे? उ र -कृ ण मन मार कर ही बाल को धुलवाते ,कं घी करवाते और गुंथवाते थे ता क उनके बाल ना गन क तरह लंबे और मोटे हो जाए । -3 कृ ण के मन म बाल का आदश कौन था और य ? उ र -कृ ण के मन मे बाल का आदश बलराम भैया थे य क बलराम के बाल वैसे ही थे जैसे कृ ण को चा हए थे। - 4 यशोदा या कहकर कृ ण को बहलाती थी ? उ र -मां यशोदा कृ ण को यह कहकर बहलाती है क क ा ध पीने से तु हारे बाल बलराम भैया जैसे लंबे हो जाएंगे । -5 यशोदा कस तरह से कृ ण को अनुशासन म रखती थी और य ? उ र-यशोदा माता कृ ण को माखन रोट न दे कर क ा ध पलाकर अनुशासन म रखती थी । - 6 आपको कै से पता लगता है क यशोदा कृ ण को यार करती थी ? उ र -कृ ण के गु से पर वह हँसती थी, कृ ण क लंबी उ के लए ाथना करती थी इससे पता चलता है क यशोदा कृ ण को यार करती थी। पेज न-57 1 क वता का मूल भाव अपने श द म ल खए। उ र -इस क वता म माता और पु के संबध ं क मधुरता दे खने मलती है ।क वता म माता यशोदा अपने पु कृ ण को कभी यार से ,कभी अनुशासन म रखकर ध पलाती ह और उ ह लोभन दे ती ह क उनक चोट बलराम भैया क तरह लंबी मोट और काली हो जाएगी। माता और पु के इस अनोखे ेम का यह य इस क वता म ब त ही अ तरह दशाया गया है। 3 आपको इस क वता म सबसे अ ा या लगा और य ? उ र- हम इस क वता म कृ ण क नटखट लीलाएं,,चंचल वभाव एवं उनक बड़े भाई बलराम से त धा ब त अ लगी। -4 I.P.
-5 द गई पं का भावाथ लख 'काढ़त ____।
उ र- कृ ण माता यशोदा से गु सा होकर कहते ह क आप रोज बाल को धोती ह, कं घी करती ह, चोट बनाती ह और मुझसे कहती ह क मेरे बाल धरती पर पड़ी ना गन क तरह काले और खूब मोटे हो जाएंगे पर ऐसा कु छ नह होता । -6 इस क वता म आपको बाल वभाव क कौन सी वशेषता ात होती है ? उ र- इस क वता से ब क चंचलता, नटखट वभाव, भोलापन एवं उनक हठ का पता चलता है। ___________________________________________________***________________________________________