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(बार का दृश्य)
सेल्समैन :- लाल माांस लाया हां तो जल्दी घर जाना चाहता हां। मैं आज रात इसका अच्छे से स्वाद लेना चाहूँगा।
सेल्समैन :- कब?
ववभीषण :- मैं खुर्ी-खुर्ी तेज चलना चाहां लेककन यह थोडा मुजश्कल है...
(ववभीषण ने रूमाल ननकाला और थोडा खाांसते हुए अपनी नाक और मुांह पोंछा।)
वाचमेकर :- आप अदरक वाली चाय का स्वाद चखें। मुझे यकीन है कक यह आपके ललए सही चीज है।
बारओनर :- सर,वह आदमी क्या कह रहा है उस पर ध्यान न दें । मैं र्राब बेचता हां, चाय नहीां।
कारपेंटर :- सर, अगर आप बैठना चाहें तो कृपया आइए और हमारे साथ बैदठए।
ववभीषण :- धन्यवाद। मैं अपना कोट उतार सकता हूँ। यहाूँ काफी गमी है।
(कारपें टर उसकी मदद करने के ललए उठ खडा हुआ)
(बारओनर ने ववभीषण द्वारा मांगवाई गई र्राब लाकर उसके सामने रखी और उसकी जगह पर बैठ गया। उसने
अपनी लसगरे ट ननकाली और उनके सामने पेर् की।)
वाचमेकर :- तुम हमारे सामने पैसों को तांगी का ढोंग करते हो और जेब में इतनी महांगी लसगरे ट रखते हो।
कारपेंटर :- मैंने लसगरे ट पीते समय ब्ाांड की कभी परवाह नहीां की। ऐसा लग रहा है मानो इत्र पी रहा हां। न जाने, बडे
लोगों को यह क्यों पसांद हैं?
सेल्समैन :- उन्हें क्यों पसांद है ? उन्हें क्यों पसांद है? ददखावा करने के ललए। बस इतना ही। क्या आपको लगता हैं उन्हें
इसका स्वाद पसांद है । लेककन उन्हें ददखावा करना पडता है । वे लसफश ददखावा करना चाहते हैं। बस इसललए कक वे ऐसा
कर सकें।
जब मैं बांगाल में काम कर रहा था, तब मैं एक अच्छे और सभ्य पररवार में रहता था। खैर, एक पाषशद हमारे ठीक
सामने वाली सडक पर रहता था। ककसी मांत्रालय में एक बडा अफसर। हर सुबह वह अपनी बालकनी पर बबल्कुल नांगा
खडा होता था और व्यायाम करता था। हर सुबह, सदी हो या गमी।
ववभीषण :- अगर मैं चचाश में र्ालमल हो सकां ! मैं एक बार ऐसे उच्च वगीय पररवार के साथ था।
कारपेंटर :- अगर मैं पछ सक तो आपकी जोब क्या है?
वाचमेकर :- अहा!
ववभीषण :-मेरा इरादा र्ेखी बघारने का नहीां है, लेककन इन ददनों, जब व्यापार में पहले से कहीां अगधक घोटालेबाज हैं,
मुझे लगता है कक इस पर ज़ोर दे ना ज़रूरी है।
कारपेंटर :- एक आदटशस्टीक फोटोग्राफर! इस बात से भी फकश पडता है कक कोई आदमी अपना काम कैसे करता है।
लोग कुछ सुांदर पाने के ललए अपना पैसा बचाते हैं। न लसफश अच्छा, बजल्क खबसरत भी। इसललए यह महत्वपणश है कक
एक कुर्ल कारीगर अपना काम कैसे करता है।
ववभीषण :- बबल्कुल,यदद हो सके, तो मैं उस आनांद का उल्लेख करना चाहूँगा जो तब उत्पन्न होता है जब एक आदमी,
ककसी अन्य व्यजक्त के सांबांध में अपने स्वयां के व्यजक्तगत, पणश ववकलसत स्वाद को उगचत ठहरा सकता है।
सेल्समैन :- सभी का स्वाद एक जैसा नहीां होता है, है ना? मेरे ववचार में, अगर हर ककसी का स्वाद बबल्कुल एक जैसा
हो तो जीवन का कोई मल्य नहीां होगा। मुझे जीने की परवाह नहीां होगी। चाहे हम कहीां भी जाएां, हमें वही चीज़ें ददखेंगी
हर जगह। और ककताबों की दनु नया भी है । लेखक केवल एक ही तरह के ववषय पर ललख सकता है, और उसके अांदर के
कई गहन मुद्दों का क्या होगा, जजन्हें वह सामने नहीां ला सकता क्योंकक पाठक केवल एक ही तरह का काम चाहते हैं?
भगवान सुरक्षित रखें हमें ककसी भी चीज़ में समान होने से रोकें! प्रत्येक व्यजक्त को जो कुछ भी वह व्यजक्तगत रूप से
सुखदायक लगता है, उसका जजस भी तरीके से चाहे, आनांद लेने दें ।'
ववभीषण :- मैं अब भी सोचता हूँ - बर्ते मुझे सोचने की इजाज़त हो - कक ऊांचे स्वाद को रुझान स्थावपत करने का
अगधकार है ताकक अगधक अश्लील, कम ववकलसत स्वाद को बदल ददया जा सके जजतनी जल्दी हो सके। ऊांचे व्यजक्त
को यह अगधकार है।
वाचमेकर :- अहा।
कारपेंटर :- उस पर कोई ध्यान मत दो। उसे लोगों को परे र्ान करना पसांद है।
ववभीषण :- मेरा ववचार यह है कक अगर हमने सीख ललया है, यानी हमें ज्ञान प्रदान हुआ है, तो यह हमारा कतशव्य है कक
हम वपछडों को उनकी राय बदलने के ललए प्रोत्सादहत करें , ताकक वे उन ववचारों को त्याग दें जजन्हें उन्होंने पकड रखा
है।
वाचमेकर :- अहा। (ग्लास उपर उठाते हुए) यह अच्छे स्वास््य के ललए। और आइए हर ककसी को जो भी पसांद हो, उसे
करने दें ।
सेल्समैन :- अगर अपनी बालकनी में नांगा होकर नाचने से उस अफसर को खुर्ी लमलती है, तो उसे नाचने दो या वह
कुछ भी करने दो जो वह वास्तव में चाहता है जब तक वह कर सकता है । मैं व्यांग्य नहीां कर रहा बजल्क बहुत गांभीर हां।
लांबे समय में, जो चीज हमारे जीवन को महत्व दे ती है वह यह है कक हम ननजश्चत हैं कक हम अपनी इच्छा के अनुसार
कायश करने के ललए स्वतांत्र हैं। यदद चीजें ऐसी नहीां होतीां, तो हम खुद को इांसान नहीां कह सकते।
बारओनर :- सत्य वचन, सत्य वचन।
सैल्समैन :- परे र्ानी तो तब है जब आपका अफसर, जो अपनी बालकनी पर नांगा घम रहा था,उसे परे दे र् में रोटी
ववतरण का काम सौंपा गया है । कल्पना कीजजए कक वह सडक पर ननकल रहा है और लोगों का एक समह दे खता है -
मदहलाएां, पुरुष, बच्चे, प्रेमी, बढे लोग, हर तरह के इांसान। वह मन ही मन सोचता है: वहाूँ दो रार्न जा रहे हैं, वहाूँ एक
रार्न जा रहा है; वहाूँ एक बुड्ढा रार्न जा रहा है, जो र्ायद कल रार्न न हों।
सैल्समैन :- क्या आप र्ाांनत से सो सकते हैं या रह सकते हैं या, मैं क्या कहां, एक मदहला के साथ हमबबस्तर हो सकते
हैं यदद आपने इस व्यजक्त को यहाां युद्ध लडने का आदे र् यह कहते हुए ददया होता: कतशव्य बुलाता है, चुपचाप चले
जाओ!
सैल्समैन :- तुम्हें पता है तुम कैसे हो? ककराना व्यापारी के तोते की तरह। वह कहता रहता है: माललक, माललक!"
वाचमेकर :- सही कहा। वह एक चतुर तोता है, एक बुक सैल्समैन से भी अगधक चतुर।
सैल्समैन :- क्या आपको लगता है कक मैंने उस 'सैल्समैन' में छुपे हुए तांज को नहीां समझा?
वह अपने र्ब्दों पर मुस्कुराने लगा और खुर्ी से सेल्समैन की आूँखों में दे खने लगा।
बारओनर (सैल्समैन से) :- हम सभी को इतने अच्छे से लमलते-जुलते और चुपचाप बातचीत करते हुए दे खकर उसे
दख
ु होता है । उसे तवज्जो मत दो।
सैल्समैन :- आप दे खना ककसी ददन र्ैतान आएगा और उसे ले जाएगा। उन मांबत्रयों और कमाांडडांग जनरलों और उन
सभी लोगों के बारे में क्या जो लोगों का जीवन चलाते हैं? उदाहरण के ललए, फोटोग्राफर का पैर। जनरल या जजसने भी
इसे युद्ध में जाने का आदे र् दे ने वाले दस्तावेज़ पर हस्तािर ककए हों, ऐसा व्यजक्त उस दख
ु के साथ कैसे जी सकता है
?
सच है, सच है... लेककन इसमें इसके अलावा भी बहुत कुछ है। इस तरह से दे खा जाए तो आप सही हैं। लेककन यह भी
सच है कक ककसी को यह तय करना होगा कक ककसे यद्
ु ध में जाना चादहए और कब। मेरा मतलब है, ककसी को दे र्
चलाना होगा -एक सरकार या एक प्रधान मांत्री या एक राजा। यदद यद्
ु ध होता है, तो हमें अपनी रिा स्वयां करनी होगी।
इससे कोई फकश नहीां पडता कक हम क्या कहते हैं।
बारओनर :- मजाक मत करो। युद्ध करने लायक कोई भी चीज़ नहीां है। मैं पढा-ललखा नहीां हां, होने का दावा भी नहीां
करता। लेककन मैं इतना जानता हां: युद्ध करने लायक कोई कारण नहीां है।
ववभीषण :- यदद आप एक लमनट के ललए मेरा साथ दे । उदाहरण के ललए, यदद कोई आपको कहे कक आप गलत हैं, तो
आप क्या करें गे?
ववभीषण :- और क्या होगा यदद, मान लीजजए, वह न केवल इतना कहेगा बजल्क यह भी कहेगा कक यदद आप ऐसी बातें
कहते हैं, तो आप बेवकफ हैं? मुझे गलत मत समझो। हो सकता है कक कोई और भी यह राय व्यक्त कर रहा हो। चलो
मान लेते हैं, अगर कोई ऐसा करे तो तुम क्या करोगे?
बारओनर :- ठीक है, मैं उसे कहांगा कक वह गलत है क्योंकक मैंने कोई मखशतापणश बात नहीां कही।
अवप्रय चेहरे वाले पुरुष जो मुस्कुराते समय बचकानी मासलमयत दर्ाशते हैं।
सैल्समैन :- अगर वह व्यजक्त कफर भी यह कहे कक तुमने कुछ बेवकफी भरी बात कही है तो तुम क्या करोगे?
ववभीषण :- और इससे कोई फकश नहीां पडता कक आपने क्या उत्तर ददया, वह आपको बेवकफ कहने पर अडा रहा!
बारओनर :- ऐसे कोई बबना ककसी कारण के ककसी अन्य व्यजक्त के साथ ऐसी बात नहीां करे गा।
ववभीषण :- दसरे र्ब्दों में उसे यकीन हो गया है कक आप मखश हैं। और जहाूँ भी आप जाते हैं वह आपके पीछे गचल्लाता
है: तुम मखश हो!
बारओनर :- तब मैं उसे पीटने के ललए मजबर हो जाऊांगा क्योंकक वह बबना वजह मेरा अपमान कर रहा है ।
ववभीषण :- इतनी जल्दी नहीां! यह वास्तव में उतनी छोटी बात नहीां है, यहाां कुछ महत्वपणश है जजसे आप आसानी से
नजरअांदाज कर रहे हैं।
सैल्समैन :- क्या?
ववभीषण :- कक इस व्यजक्त के पास इस मामले के बारे में अपना ववचार था। उसने अपनी राय को आपकी राय से
अगधक सही माना। उसने क्या ककया? यह जानकर सांतुष्ट रहने के बजाय कक आप गलत हैं, उसने कोलर्र् की कक
तुम्हारा उस ज्ञान से पररचय हो जाए।
ववभीषण:- वह भावनाओां में बह गया। आख़िरकार, बहस करने का क्या मतलब होगा अगर उसे गहराई से ववश्वास
नहीां था कक वह सही हैं? अगर उसे लगता है कक उसका अपना नजररया सही है, तो क्या उसे ऐसा नहीां करना चादहए?
सैल्समैन :- सभी परे र्ाननयाां इसी तथरह से र्ुरू होती हैं कक ये पागल लोग हैं जो इस बात पर जोर दे ते हैं कक हर ककसी
को उस पर ववश्वास करना चादहए जो वे स्वयां सच मानते हैं। यदद कोई ऐसा नहीां करता है, तो उसका काम हो गया!
इस दनु नया में इस तरह के दो या तीन सनकी काफी हैं।
कारपेंटर :- माफ करें , लेककन मैं कुछ कहना चाहांगा। हमें इस बात पर भी ववचार करना चादहए कक यदद हमारे भगवान
श्रीकृष्ण को अपने ववचारों पर इतनी दृढता से ववश्वास नहीां होता तो वे अजुशन को कैसे परमज्ञान दे ते और हमारा
कल्याण कैसे होता।
सैल्समैन :- ज्ञान पाने से उसे क्या लाभ हुआ? या हमे इसके बारे में बताने से?
सैल्समैन :- अच्छा, मैं और क्या कह सकता हूँ ? हम सभी जानते हैं कक क्या हो रहा है, हमारे आसपास। सर, मुझे आर्ा
है कक आप ग़लत नहीां समझेंगे।
वाचमेकर :- मुझे नहीां पता कक मुझे टोमोसीकी बनना चादहए या जज। अगर आप मेरी मदद करें गे तो मुझे सबसे
ज्यादा खुर्ी होगी। मैं इस मामले में आपकी सलाह के ललए बहुत आभारी रहांगा। सच कहां तो, मैं काफी असहज
जस्थनत में हां।
कारपेंटर :- यदद कोई आपसे पछे कक आप क्या बनना चाहें गे, टोमोसीकी या जज?
कारपेंटर :- लेककन मैं यह भी नहीां जानता कक वह टोमोटाइक या जो कुछ भी उसे बुलाया जाता है और वह जज कौन
है।
यह टोमोसीकी जजसका मैंने पहले जजक्र ककया था, एक बहुत महान स्वामी है। वह लुच-लुच द्वीप का राजकुमार है।
सैल्समैन :- बेर्क, पुराने लमत्र, मुझे आपको बताना होगा कक जजस द्वीप के बारे में आपका लमत्र बात कर रहा है वह
दनु नया में कहीां भी मौजद नहीां है, लेककन अगर यह आपको परे र्ान नहीां करता है, तो भल जाइए कक मैंने इसका जजक्र
ककया था।
वाचमेकर :- एक गुलाम! और आपको उनमें से ककसी एक को चुनना होगा, इसके अलावा सब कुछ एक
खेल ही है। आइए पहले जज को लें। यह जज इस टोमोसीकी के र्ासन के तहत लुच-लुच द्वीप पर एक
आम गुलाम है। लेककन वास्तव में वह ककस तरह का गुलाम है? उन्होंने उसकी जीभ अभी कुछ समय
पहले ही काट दी थी, जब वह बत्तीस साल का था, क्योंकक सांयोगवर् वह तब मुस्करा ददया जब उसके
स्वामी उसके ठीक सामने एक कि को पार कर रहे थे। उसके स्वामी ने उससे पछा: ‘तुम ककस बात पर
मुस्कुराए, बदमार्?’ परे र्ानी को भाांपते हुए, जज ने ईमानदारी से उत्तर ददया: ‘मेरे ददमाग में कुछ आया
और मुझे मुस्कुराने पर मजबर कर ददया।‘ ‘तो,’ उसके स्वामी ने कहा। ‘ठीक है, मैं यह सुननजश्चत करूूँ गा
कक तुम्हारे मन में कफर कभी कोई बात न आए!’ और उसने जज की जीभ काट दी, जज काफी आसानी
से छट गया जब हम इस बात पर ध्यान दे ते हैं कक एक अन्य अवसर पर टोमोसीकी ने, एक गुलाम की
जीभ काटने के बजाय, उसका लसर काट ददया था। जैसा कक मैंने कहा, उन्होंने उसकी जीभ काट दी,
लेककन यह इतनी सामान्य घटना थी कक जज ने स्वयां को इससे कोई ववर्ेष दुःु ख नहीां हुआ। जब उन्होंने
उसकी बेटी को उससे छीन ललया – वह ग्यारह साल की एक खबसरत बच्ची थी, टोमोसीकी ने उसे जज
की ओर से उपहारस्वरुप समझा। वह थोडा रोया, जब उसे पता चला कक उसकी बेटी की मृत्यु टोमोसीकी
के हवस के कारण हुई, लेककन कुछ वषों में वह अपना ददश भल गया और सुलह कर ली। कफर, दो साल
बाद, वे ले गए उसके छोटा बेटे को भी। जज की पीडा भयानक थी, लेककन समय बीतता गया और उसे
एहसास हुआ कक उसकी जस्थनत तब तक ऐसी ही रहेगी जब तक उसकी मत्ृ यु नहीां हो जाती; वह इससे
कभी नहीां बच पायेगा। काम करते समय हुई ककसी गलती के कारण उसकी पत्नी की नाक काट दी गई।
एक साल बाद उन्होंने उसकी एक आांख ननकाल ली क्योंकक उसने अपने माललक के छोटे पालत बांदर की
पांछ पर पैर रख ददया था। जज को यह सब सहना पडा, और उसने ऐसा ककया। आखखरकार, उसने अपने
चारों ओर हर जगह ऐसी चीजें होते दे खीां, अनगगनत इांसान हर ददन ऐसी पीडा सह रहे थे। हालाांकक, एक
चीज ने उसे लगभग असहनीय पीडा पहुांचाई। यह उसके ललए कोई र्ारीररक ददश नहीां था, और इसने उसे
परे र्ान कर ददया और उसे सोचने पर मजबर कर ददया। जब भी मेहमान आते थे, जज को दरवाजे के
सामने लेटना पडता था ताकक आगांतुक अपने पैरों की धल उसके र्रीर पर पोंछ सकें। इस तरह का
समय – उसे कभी समझ नहीां आया कक उसके मरने के ददन तक क्यों – ऐसे समय में, उसे हमेर्ा रोना
पडता था, हालाूँकक जब उसने इसके बारे में ध्यान से सोचा और इसकी तुलना अपने अन्य कतशव्यों से
की, तो यह काफी सहनीय था, लगभग आरामदायक था। जज ने अपना परा जीवन कडवे अांत तक इसी
तरह से जीया। ‘सबसे दभ
ु ाशग्यपणश भाग्य मेरे दहस्से आया,’ उसने खुद से कहा। ‘मैं एक मनहस गुलाम हां,
परी तरह से हर ककसी की दया पर ननभशर हां। वे मुझे प्रताडडत कर सकते हैं, मुझे अपमाननत कर सकते
हैं, मेरी आांख ननकाल सकते हैं, मेरे बच्चों को ले जाओ, मेरी पत्नी को मार डालो, मुझे जांगली जानवरों
के सामने फेंक दो तो कफर मेरे ललए क्या साांत्वना बची है ? केवल एक: मैंने कोई अपराध नहीां ककया।
मैंने दसरों के साथ ऐसा व्यवहार नहीां ककया। इसके बजाय, दसरों ने मेरे साथ ऐसा ककया। यह महत्वपणश
है। यदद कोई साांत्वना है तो यही है । अगर कोई खबी है तो यही है. अगर कोई चीज़ मुझे थोडा सा भी
आराम दे सकती है तो वह यही है। मैं ननदोष और हर अपराध से मुक्त रहा क्योंकक मेरे कष्टों ने मुझे
रािस बनने की अनुमनत नहीां दी। मैं अपने जीवन के अांनतम िण तक उन्हीां में से एक था। और यह
बहुत महत्वपणश है! इस तरह जज ने खुद को साांत्वना दी और सबसे चमत्काररक ढां ग से, उसे वास्तव में
ऐसे समय में आराम लमला। इस टोमोसीकी ने ऐसा जीवन जीया जो हर सांभव तरीके से दभ
ु ाशग्यपणश जज
के बबल्कुल ववपरीत था। वह राजकुमार था। लुच-लुच के सभी लोग उसकी हर आज्ञा का पालन करते थे।
त्य यह है कक वह लुच-लुच का प्रमुख था इसका मतलब यह था कक यदद जज के माललक की आत्मा
को, मान लीजजए, सत्तर ननकली हुई आांखों और अस्सी कटी हुई जीभों से दबा ददया गया था, तो उसकी
आत्मा पर अनगगनत का बोझ डाला गया था। इसमें कोई सांदेह नहीां है क्योंकक उसकी र्जक्त बहुत
अगधक थी और उसके पास बहुत सारे गुलाम थे; लुच-लुच के सभी लोगों ने उसके र्रीर और आत्मा,
खाल और बालों की सेवा की। आप उन सभी चीजों पर ववश्वास नहीां करें गे जो इस आदमी ने कीां। इन
सभी कृत्यों के बावजद, टॉमोसीकी को कभी थोडी सी भी पीडा नहीां हुई क्योंकक वह अपने युग की
नैनतकता के अनुसार व्यवहार कर रहा था।
वाचमेकर :- यही सच है ।
कारपेंटर :- कोई भी जो इतने सारे भयानक कृत्य करता है, मखश या मानलसक रोगी नहीां है, वह अच्छी
तरह से जानता है कक वह कुछ भयानक कर रहा है ।
वाचमेकर :- मुझे िमा करें , लेककन आज ऐसे लोग हैं जजनके पास खाने के ललए कुछ भी नहीां है और
जजनके पास कार हैं। वह ददन आएगा जब हमारे वांर्ज कहें गे: ‘उनकी दहम्मत कैसे हुई’ कारों में यात्रा करें
जब दसरों के पास अच्छे जते और कपडे भी नहीां थे! टोमोसीकी को हर चीज़ बहुत अच्छी लगती थी;
उसे कभी भी ग्लानन का एहसास नहीां हुआ।
सेल्समैन :- तब भी वह भयानक था।
(बाहर गाडी रुकने की आवाज। दरवाजा खुलता है, दो पुललस अगधकारी अांदर आते हैं।)
बारओनर :- जी।
बारओनर :- हाूँ।
ववभीषण :- यदद आप मुझे अनुमनत दें , तो हमने अभी भी अपनी चचाश परी नहीां की है।
सैल्समैन :- क्या बकवास है! क्या आप अभी भी वहीां अटके पडे हैं?
वाचमेकर :- थैंक्स।
Scene 3
वजीर :- आर वी रे ड्डी?
प्यादा :- हाूँ, जैसा कक मैंने बताया, यह एक मामली मामला है। ये सब छोटे लोग हैं।
राजा :- लसपाही...
( लसपाही कारपें टर को खीांच कर मांच पर लाता है, कारपें टर सैलट करने की कोलर्र् करता है)
राजा :- यहाूँ आओ! क्या तुम्हारे मुांह में जबान नहीां है ?
कारपेंटर :- माफी।
राजा :- क्या?
कारपेंटर :- माफ कर दीजजए। मैं... मैं... घनश्याम दास... मास्टर कारपेंटर हां।
कारपेंटर :- हाूँ, मेरे पास कारपेंटर लाइसेंस है... मैं एक फैलमली मैन हां। मुझे परा यकीन है कक यहाां कुछ
गलतफहमी है । आपने मुझे कोई और समझ ललया है, न केवल मुझे बजल्क उन सभी को जजन्हें आप यहाां
लाए हैं। र्ायद आप जाांच करें गे और दे खेंगे... यहाां ककसे लाया जाना चादहए था।"
राजा :- कहाां?
राजा :- कहाूँ?
कारपेंटर :- यहाां।
राजा :- मैंने तुमसे पछा 'यहाूँ' कहाूँ। क्या तुम्हें इतना अनजान बनने की इजाज़त है ? जान के भी
अनजान बनना एक घातक बीमारी है। हम तुम्हें इससे छुटकारा ददलाने की कोलर्र् करें गे। ठीक है?
कारपेंटर :- मुझे नहीां पता कक आप मुझे यहाां क्यों लाए। यह भी नहीां पता कक मैंने ऐसा क्या ककया है
जजसके ललए मुझे यहाां लाया जाना चादहए। मैं... मैं एक ररस्पेक्टे ड कारपेंटर हां।
राजा :- यह हमारे बीच की गलतफहमी है। तुमने क्या कहा कक तुम क्या हो?
राजा :- आप एक कारीगर हैं, एक ररस्पेक्टे ड कारपेंटर हैं, तो क्या आपकी पत्नी भी एक ररस्पेक्टे ड
लमसेज मास्टर कारपेंटर है या एक वेश्या ?
(कारपेंटर बौखला जाता है और अपने हाथ को ऊपर उठाता है, तभी लमश्रा उसे एक तमार्ा जडता है )
राजा :- जैसा कक तुम दे ख रहे हो, ज्ञान मुफ्त में नहीां ददया जाता है। अपने ददमाग पर जोर डालो और
यह याद रखना कक तुम एक मामली कीडे हो और तुम्हारी पत्नी एक अव्वल दजे की वेश्या है जजसने
धांधा ककया है र्हर की सडकों पर एक छोर से दसरे छोर तक। अब समझ आया? इसे अपने आप को
आईने में दे खते हुए कुछ बार दोहराना ताकक तुम इसे कफर कभी न भलों। अब, यदद कोई कीडा जजसकी
पत्नी एक वेश्या है । समाज के सभ्य वगश को जांगली जानवर कहता है, तो उन सभ्य लोगों को इससे
नाराजगी होगी।
वजीर :- नोट बैड, नोट बैड। लेककन यह एक्सीलेंट भी नहीां था। क्या मैं कुछ दटप्पणी कर सकता हूँ? यह
पहली बार नहीां है जब तुम मुझसे यह सुन रहे होंगे और न ही यह आखखरी बार होगा। इससे मुझे कोई
़िुर्ी नहीां लमल रही है मगर तुम आख़िरकार समझोंगे कक वास्तव में क्या दाांव पर लगा है, ध्यान से
सुनना। तुम्हारा मैथड आफ अप्रोच गलत है। इसललए पहले, जब मैंने पछा था कक क्या सब कुछ तैयार
है, तो तुमने कहा था कक यह महज एक मामली बात थी। यही तो तुमने मुझे बताया था, है न? मुझे
यह बताओ कक तुम इसे एक मामली बात क्यों मानते हो?
वजीर :- यस।
वजीर :- टे ल मी वाए?
राजा :- कल हमारे दो सागथयों को गोली मार दी गई, दोनों की मौत हो गई। उससे एक ददन पहले, पाटी
केंद्र पर बम फेंके गए। आज सुबह हमने दो युवाओां को आजादी की माांग के पचे बाांटते हुए पकडा। अब,
ये बातें मामली बातें नहीां हैं। एक र्राबखाने में चार आदमी हमें जानवर और हत्यारा कहते हैं, कफर
वपयक्कडों की तरह घर चले जाते हैं। इसमें कोई र्क नहीां कक उन्होंने हमें कई बार जानवर और हत्यारा
कहा, कफर अपनी र्राब पी और घर चले गए। उन्होंने अपना मुांह बांद कर ललया। लेककन उन्होंने ऐसा
कब नहीां ककया? वे अनाप-र्नाप कहते हैं, कफर अपनी पजत्नयों के पास लौट जाते हैं। इसललए यह
मामला मामली है। मुझे नहीां लगता कक हमें उन्हें मारने के ललए उन्हें बाूँधना भी पडेगा; वे ररवॉल्वर के
सामने मेमने की तरह खडे रहें गे।
राजा :- बबल्कुल।
राजा :- आप क्या चाहते है? मुझे और क्या करना चादहए? उन्हें चॉकलेट दां ।
राजा :- यस।
राजा :- बाइ द राइट आफ अक्वायडश पावर, एट द कमाांड आफ द पेर्ांस दै ट माई आइडलस अराउज।
वजीर :- कफननसड?
राजा :- यस।
वजीर :- वैल नाउ, ललसन ट मी। वे एक पाटी केंद्र पर बम फेंकते हैं, यह एक छोटी सी बात है, मैं
कहता हां! वे पचे बाांटते हैं, वे दीवारों को अपने स्लोगनस से भर दे ते हैं - ये मामली बातें हैं! हम
दे र्द्रोहीयो को पकडते हैं और उन्हें फाांसी दे ते हैं या गोली मार दे ते हैं सर के पीछे - दहसाब बराबर हो
गया! यह मामली बात है। मामली, मामली, मामली! लेककन कफर, मेरे दोस्त, हमें उन लोगों से कोई खास
लेना-दे ना नहीां है जो बम फेंकते हैं या पचे बाांटते हैं या बांदकें चलाते हैं और मर जाते हैं, वे दे र् की कुल
आबादी के न्यनतम दहस्से का प्रनतननगधत्व करते हैं। उनमें से ककतने हैं? एक हजार, दस हजार, बीस
हजार? लेककन बाकी सब का क्या? वे जो बांदकें नहीां चलाते, बम नहीां फेंकते, या पचे नहीां बाांटते? ये सब
क्या कर रहे हैं? वे यहाां हैं, हमारे चारों ओर, जीववत हैं, साांस ले रहे हैं, वे हमारी गदशन पर हैं और हमारा
असली काम उनके साथ है । हम भेडो के युग में जी रहे हैं, भेंडचाल का युग। पहले कभी भी जनता ने
अपने बारे में और अपनी भलमका के बारे में इस तरह के भ्रम को बढावा नहीां ददया था। इस सदी में
जनता अपने बारे में क्या सोचती है, यह बेहद दख
ु द है। हडतालें, प्रदर्शन... ये कैसा समय है! जनता यह
माांग कर रही है, जनता वह माांग कर रही है! जहाां तक इन चार लोगों का सवाल है, हम इन्हें नहीां मारें गे
कफर हमने उन्हें क्यों पकडा? तुम यहीां सोच रहे हो? ताकक तुम इन्हें इनकी आखखरी साांस तक पीट सको
और उन्हें बता सको कक उनकी पजत्नयाूँ वेश्याएां हैं वे ननस्सांदेह सभ्य हैं। इसीललए तो हम लोगों को
पीटते हैं! ताकक वे सीखें कक वे कुछ नहीां कर सकते और हम सब कुछ कर सकते हैं! और यही कारण है
कक हम उन्हें नहीां मारें गे। इसके बजाय तुम उनमें से प्रत्येक को एक के बाद एक अच्छी तरह से घर
जाने दोगे। लार्ें पैदा करना आसान है, लेककन ऐसी लार्ें पैदा करना जो खाना, पीना, काम करना जारी
रखें और असली लार्ों की तरह अपना मुांह बांद रखने में सिम हों, यह कहीां अगधक कदठन है। हमें मत
ृ
लार्ों की ज़रूरत नहीां है, हमें जीववत लार्ों की ज़रूरत है जो मत
ृ लार्ों की तरह आज्ञाकारी और र्ाांत
हों। सुबह का इांतजार करना, उन्हें ददन के उजाले में ही घर तक पैदल चलकर अपनी परे र्ानी सबके
सामने रोते हुए जाना होगा।
राजा :- ओके, सर ।
राजा :- बबल्कुल ।
वजीर :- आर य श्योर?
राजा :- यस।
वजीर :- जरा इस बारे में सोचो। वे हमसे डरते हैं - और यह ठीक है। वे हमसे नफरत भी करते हैं - और
यह और भी अच्छा है क्योंकक कम से कम वे हमसे और अगधक डरें गे। लेककन उनकी नजर में खुद की
क्या छवव बनेगी? क्या उस कारपेंटर ने तुमसे माफी माांगी?
राजा :- नहीां।
वजीर :- यह कभी न भलना कक इांसानो में अपने आत्म-सम्मान को उसी हद तक बनाए रखने की िमता
होती है, जजस हद तक वे सम्मान के अपने भ्रम के प्रनत वफादार रह सकते हैं। इससे भी अगधक
खतरनाक कुछ जानते हो?
राजा :- क्या?
वजीर :- वे अपने बारे में ऊांची राय रखेंगे क्योंकक जब तुमने उन्हें लात मारी या उनकी पजत्नयों को वेश्या
कहा तो उन्होंने ववरोध करना चाहा। ववद्रोह करना, आपवत्त करना, ववरोध करना, उन लोगों का लिण हैं,
जो खुद पर ववश्वास करते है, जो खुद का सम्मान करते हैं। क्या तुम उन लोगों को छोड दोगे जो हमसे
नफरत करते हैं, और जजनके अांदर आत्मसम्मान हैं?
वजीर :- एक के बाद एक सभी को उनकी आखखरी साांस तक पीटना और उनका अपराध मत बताना।
यदद उन्हें पता चल जाए कक उन्होंने क्या अपराध ककया है और उन्हें क्यों पीटा जा रहा है, तो केवल वही
लोग डरें गे जजन्होंने वही अपराध ककया है। उन्हें मत बताओ! दनु नया में हर ककसी को डरने दो - दोषी
और ननदोष दोनों!
Scene 5
प्यादा :- आओ, तुम लोग अपने साथी से लमलो। क्या तुम अभी भी कुछ कहना चाहते हो, मेरे बच्चे?
यहाूँ आओ, यह काटता नहीां है।
सेल्समैन :- गुड...मॉननिंग।
वजीर :- मुझे लगता है कक अब समय आ गया है कक आप अपने पररवारों के पास लौट जाएां। आप इससे
अगधक समय अपने घरों से दर रहें , अच्छी बात नहीां है। मैं स्पष्ट रूप से स्वीकार करता हां कक आपकी
ररहाई के सांबांध में मेरे सहकमी के साथ कुछ हद तक मतभेद पैदा हो गए थे। उनकी राय थी कक हमें
आपको जाने नहीां दे ना चादहए, इसके बजाय हमें आपको मार दे ना चादहए। मैं उसका मन बदलने में
सफल रहा। जहाूँ तक मेरी जस्थनत का सवाल है, मैंने सुझ ाव ददया कक हमें आपकी ववश्वसनीयता और
ईमानदारी दे खने का अवसर नहीां छोडना चादहए । आप कहते हैं कक आपको ककसी प्रकार की गलतफहमी
के कारण यहाां लाया गया है। मेरी राय में, यह असांभव नहीां है। यही कारण है कक हम आपके सामने इस
र्ैतान को लाएां जो रस्सी से लटक रहा है और जजसके जीवन के केवल कुछ लमनट या अगधक से अगधक
घांटे बचे हैं। जब इसका मानलसक स्वास््य सही था, यह दयनीय प्राणी एक एडडटर था, लेककन कुछ
समय पहले उसने हमारे हैडक्वाटशरस में से एक को उडा ददया, क्योंकक, जैसा कक उसने हमें बताया, वह
हमें दष्ु ट, स्वतांत्रता का दमन करने वाले, मानवता और सम्मान से रदहत जानवर, ववदे र्ी आक्रमणकारी,
इस दे र् के गद्दार मानता है। सांिेप में, र्ैतानों का एक समह। हम उसे उसके तरीकों की ग़लती के बारे
में समझाने में असमथश थे क्योंकक यह परी तरह से अनैनतक पररवार से आता है। इसकी पत्नी एक वेश्या
है, और उसकी बेटी, हालाांकक अभी भी एक छोटी बच्ची है , एक पक्की वेश्या है और पहले से ही अपनी
माूँ से भी बडी वेश्या है। अपने पररवार के पास घर जाने से पहले – आप एक-एक करके इस रािस के
पास जाएांगे और उसके चेहरे पर दो वार करें गे, दोनों तरफ उसी तरह से वार करें गे, कठोर। ऐसा करते
समय आप अपने हाथ गांदे कर लेंगे, लेककन आप उन्हें घर पर बहुत आसानी से धो सकते हैं।
(एक एक करके बारओनर, सैल्समैन और कारपेंटर उसे थप्पड मारने की कोलर्र् करते हैं, लेककन उनके
हाथ उठ ही नहीां पाते। बारओनर और सैल्समैन को गोली मारी दी जाती है और कारपेंटर को वापस जेल
में डाल दे ते हैं।)