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भौतिकी (Physics)

भौतिकी (Physics)

प्रकाश

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भौतिकी (Physics)
प्रकाश (Light) - प्रकाश ऊर्ाा का ही एक रूप है। यह विद्यतु चम्ु बकीय विवकरण है, र्ो विविन्न प्रकार के प्राकृ वतक तथा
मानि वनवमात स्रोतों से प्राप्त होता है। प्रकाश का अविज्ञान हमें आख
ं ों द्वारा होता है। फोटोग्राफी वफल्मों और प्लेटों में
रासायवनक अविविया उत्पन्न करना तथा पौधों में प्रकाश सश्ल ं ेषण की विया ऐसे उदाहरण हैं र्ो वसद्ध करते हैं वक प्रकाश
एक ऊर्ाा है।
प्रकाश सयू ा, तारों, लैम्प आवद से प्राप्त एक प्रकार की ऊर्ाा है, र्ो विद्यतु चम्ु बकीय तरंगों के रूप में सचं ाररत होती है।
इसकी तरंगदैर्धया 3900𝐴̇ से 7800 𝐴̇ के बीच होती है। (1𝐴̇ = 10-10m)
सयू ा से पृथ्िी को लगिग 4 x 1026 र्ल ू प्रवत सेकेण्ड की दर से ऊर्ाा वमलती है।
र्ो प्रकाश र्ीि-र्न्तओ ु ं से प्राप्त होता . उसे र्ैि- प्रकाश कहते हैं।
प्रदीप्त वस्िुएँ (Luminous Bodies) - प्रदीप्त िस्तएु ँ िे िस्तएु ँ हैं, र्ो अपने स्ियं के प्रकाश से प्रकावशत होती हैं,
र्ैसे-सयू ा, विद्यतु , बल्ब आवद ।
अप्रदीप्त वस्िुएँ (Non-luminous Bodies) - अप्रदीप्त िस्तएु ं, िे िस्तएु ँ हैं, वर्नका अपना स्ियं का प्रकाश नहीं
होता, लेवकन उन पर प्रकाश डालने पर िे वदखाई देने लगती हैं।
पारदशशक वस्िुएँ (Transparent Bodies) - पारदशाक िस्तएु ँ िे िस्तएु ँ हैं, वर्नसे होकर प्रकाश की वकरणें
वनकल र्ाती हैं, र्ैसे- काचं , हिा और पानी ।
अर्द्शपारदशशक वस्िुएँ (Translucent Bodies) - कुछ िस्तएु ँ ऐसी होती हैं, वर्न पर प्रकाश की वकरणें पड़ने से
उनका कुछ िाग तो अिशोवषत हो र्ाता है तथा कुछ िाग बाहर वनकल र्ाता है, ऐसी िस्तओ ु ं को अद्धापारदशाक
िस्तएु ँ कहते हैं, र्ैसे- तेल लगा हुआ कागर्,खनू , कोहरा , विसा हुआ कांच ।
अपारदशशक वस्िुएँ (Opaque Bodies) - अपारदशाक िस्तएु ँ िे िस्तएु ँ हैं, वर्नसे होकर प्रकाश की वकरणें बाहर
नहीं वनकल पाती है, र्ैसे- धातएु ँ ,ईट , वकताब आवद ।
प्रकाश की चाल (Velocity of Light) - सामान्यत: प्रकाश की चाल िायु तथा वनिाात में सबसे अवधक होती
है। वनिाात में प्रकाश की चाल तीन लाख वकलोमीटर प्रवत सेकेण्ड होती है तथा यह मार्धयम के अपितानाक ं पर वनिार
करती है। वर्स मार्धयम का अपितानाक ं वर्तना अवधक होता है, उसमें प्रकाश की चाल उतनी ही कम होती है।
प्रकाश वफल्टर का उद्देश्य विविन्न रंगों के प्रकाश का सचं रण या समािेशन करना है ।
प्रकावशक (ऑवप्टकल फाइबर में वसग्नल संपणू ा आतं ररक पराितान के कारण होता है।
चन्रमा से परािवतात प्रकाश को पृथ्िी तक आने में 1.28 सेकेण्ड का समय लगता है।
प्रकाश का पराितान (Reflection of Light) - प्रकाश वकरण के वचकने पृष्ठ से टकराकर िापस लौटने की िटना
को प्रकाश का पराितान कहते हैं।

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भौतिकी (Physics)
तवतभन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल
माध्यम प्रकाश की चाल (मी./से.)
तनवाशि 3 × 108
पानी 2.25 × 108
िारपीन का िेल 2.04 × 108
काच
ां 2 × 108
रॉक साल्ट 1.96 × 108
नायलॉन 1.96 × 108

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भौतिकी (Physics)
प्रकाश का अपविशन (Refraction of Light) - र्ब प्रकाश एक मार्धयम से दसू रे मार्धयम में प्रिेश करता है, तो
अपने पथ से थोड़ा मड़ु र्ाता है, इस िटना को प्रकाश का अपितान कहते हैं। इसके वलए प्रकाश का दो अलग-अलग
मार्धयमों से गर्ु रना आिश्यक है।
सयू ोदय और सयू ाास्त के समय सयू ा का रंग लाल वदखाई देता है, क्योंवक लाल को छोड़कर अन्य सिी रंग प्रकीवणात
हो र्ाते हैं।
पानी से पैदा होने िाले बल ु बल ु े में र्ो चमक होती है, िह प्रकाश के सपं णू ा आतं ररक पराितान का पररणाम है।
र्ब प्रकाश की वकरण सिन मार्धयम से विरल मार्धयम (पानी से हिा) में प्रिेश करती है, तो िह अविलम्ब से दरू हट
र्ाती है। तो अपितान के कारण अपिवतात वकरण अविलम्ब से दरू हट र्ाती है, वर्ससे अपितान कोण सदैि आपतन
कोण से बड़ा होता है।
क्ाांतिक कोण (Critical Angle) - र्ब प्रकाश की वकरण सिन मार्धयम से विरल मार्धयम में र्ाती है, यवद
आपतन कोण के एक विशेष मान पर अपितान कोण का मान 90° होता है, तो इस विशेष मान के कोण को िावं तक
कोण कहते हैं।
हीरे के अदं र र्ब वकसी पृष्ठ पर आपतन कोण 24° से कम होता है, तिी िह प्रकाश हीरे से बाहर वनकलता है तथा
र्ब यह प्रकाश हमारी आख ं ों पर पड़ता है, तो हीरा हमें चमकदार वदखाई देता है।
पूणश आन्िररक पराविशन (Total Internal Reflection)- यवद आपतन कोण का मान िावं तक कोण से र्रा-
सा िी अवधक हो र्ाए, तो प्रकाश विरल मार्धयम से वबल्कुल नहीं र्ाता, बवल्क सपं णू ा प्रकाश परािवतात होकर सिन
मार्धयम में ही लौट आता है। इस िटना को प्रकाश का पणू ा आन्तररक पराितान कहते हैं।
प्रतितिम्ि (Image) - दपाण के सामने रखी िस्तु से चलने िाली प्रकाश वकरणें दपाण के तल से परािवतात होकर
हमारी आख ं ों में पड़ती हैं, वर्ससे हमें िस्तु की प्रकृ वत वदखाई देती है। इस आकृ वत को िस्तु का प्रवतवबम्ब कहते हैं।
प्रवतवबम्ब दो प्रकार के होते हैं वास्ितवक प्रतितिम्ि ि आभासी प्रतितिम्ि ।
वकसी वबन्दु से चलने िाली प्रकाश वकरणें पराितान या अपितान के बाद वर्स वबन्दु पर वमलती हैं, िह उस वबन्दु का
िास्तविक प्रवतवबम्ब होता है एिं वर्स वबन्दु से फै लती हुई प्रतीत होती हैं, िह उस वबन्दु का आिासी प्रवतविम्ब होता
है।
पररदशी एक प्रकावशक यत्रं है, पररदशी प्रकाश के पराितान के वसद्धातं पर काया करता है।
दपशण और लेंस (Mirror and Lens)
▪ दपशण (Mirror) - दपाण मख्ु यतः दो प्रकार के होते हैं-1. समतल दपाण (Plane Mirror) और 2. गोलीय दपाण
(Spherical Mirror) ।
▪ समिल दपशण द्वारा प्रतितिम्ि का िनना (Image Formed by Plane Mirror) - र्ब वकसी प्रकाश स्रोत
को समतल दपाण के सामने रखते हैं, तो स्रोत से चलने िाली प्रकाश-वकरणें दपाण के तल से परािवतात होकर िापस
लौटती हैं।
▪ समतल दपाण से बना िस्तु का प्रवतवबम्ब दपाण के पीछे उतनी ही दरू ी पर बनता है, वर्तनी दरू ी पर िस्तु दपाण के
सामने रखी होती है। यह आकार में िस्तु के बराबर ि आिासी होता है।

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भौतिकी (Physics)
▪ समतल दपाण से व्यवि को अपना परू ा प्रवतवबम्ब देखने के वलए दपाण की लंबाई कम से कम व्यवि की लंबाई से
आधी होनी चावहए।
▪ यवद कोई व्यवि समतल दपाण के लम्बित वकसी चाल से दपाण के समीप आता है या दरू र्ाता है, तो उसे अपना
प्रवतवबम्ब दगु नु ी चाल से पास या दरू र्ाता हुआ प्रतीत होता है।
▪ यवद वकसी कोण पर झक ु े हुए दो समतल दपाणों के बीच कोई िस्तु रख दें, तो हमें उस िस्तु के कई प्रवतवबम्ब वदखलाई
पड़ते हैं, प्रवतवबम्बों की संख्या दोनों दपाणों के बीच बने कोण पर वनिार करती है।
समिल दपशण से िने प्रतितिम्ि की तवशेषिाएां
1. प्रवतवबम्ब आिासी होता है।
2. यह दपाण के पीछे उसी दरू ी पर वस्थत होता है, वर्स दरू ी पर िस्तु दपाण के सम्मख ु वस्थत होती है।
3. प्रवतवबम्ब का आकार िस्तु के आकार के बराबर होता है।
4. यह पार्श्ात व्यत्ु िवमत होता है।
अथाात वबम्ब का दाएं पक्ष, प्रवतवबम्ब के बाएं पक्ष के रूप नर्र आएगा एिं वबम्ब का बाएं पक्ष, प्रवतवबम्ब के दाएं
पक्ष के रूप में नर्र र्ाएगा।
▪ गोलीय दपशण (Spherical Mirror) - वकसी काचं के खोखले गोले को काटकर यवद उसके एक तल पर पारे की
कलई एिं लाल ऑक्साइड का लेप कर वदया र्ाए तथा दसू रा तल परािताक की तरह काया करे तो यह एक गोलीय
दपाण बन र्ाता हैं। यह दो प्रकार के होते हैं - उत्तल दपाण और अितल दपाण ।
▪ वक्िा के न्र - गोलीय दपाण वर्स गोले का िाग होता है। उसके के न्र को दपाण का ििता के न्र कहते हैं।
▪ ध्रिु -दपाण के परािताक तल के मर्धय वबन्दु को दपाण का ध्रिु कहते हैं।
▪ वक्िा तिज्या - दपाण पर वस्थत वकसी वबन्दु ि ििता के न्र से गर्ु रने िाली रेखा को दपाण का मख्ु य अक्ष कहते हैं।
▪ मख् ु य अक्ष- दपाण के ध्रिु ि ििता के न्र से गर्ु रने िाली रेखा को दपाण का मख्ु य अक्ष कहते हैं।
▪ फोकस - मख्ु य अक्ष के समानान्तर आती प्रकाश वकरणें दपाण से पराितान के पश्चात वर्स वबन्दु पर आकर वमल
र्ाती है अथिा वर्स वबन्दु से आती प्रतीत होती हैं, िह वबन्दु उस दपाण का फोकस कहलाता है।
▪ फोकस दूरी - ध्रिु ि फोकस के बीच की दरू ी को फोकस दरू ी कहते हैं अथाात
ििता वत्रज्या
फोकस दरू ी =
2
▪ गोलीय दपाणों के फोकस दरू ी का सत्रू उत्तल और अितल दोनों ही दपाणों - की फोकस दरू ी वनम्नवलवखत सत्रू से ज्ञात
की र्ाती है।
1 1 1
+ =
𝑣 𝑢 𝑓
र्हाँ
u = िस्तु की दपाण की दरू ी
v = प्रवतवबम्ब की दपाण से दरू ी

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भौतिकी (Physics)
f = दपाण की फोकस दरू ी
आवर्शन - प्रवतवबम्ब की लम्बाई (l) और िस्तु की लम्बाई (O) के अनपु ात को आिधान कहते हैं और इसे m से प्रदवशात
करते हैं इसका सत्रू है-
प्रवतवबम्ब की लम्बाई (𝑙) 𝑣
m= =
िस्तु की लम्बाई (O) 𝑢
▪ र्ब गोलीय दपाण के गहराई िाले िाग पर कलई की र्ाती है, तो िह उत्तल दपाण कहलाता है; इसी तरह र्ब उिरे
हुए िाग पर कलई की र्ाती है, तो िह अितल दपाण कहलाता है।
▪ अविल दपशण से िने प्रतितिम्ि (Concave Mirror) - यह वकसी खोखले गोले के वकसी खडं के गोलीय पृष्ठ
का दबा हुआ तल होता है और इस पर पॉवलश गोलीय कोश के बाहरी सतह पर की र्ाती है।
▪ वकसी िस्तु का आिवधात और आिासी प्रवतवबंब प्राप्त करने के वलए अितल दपाण प्रयोग वकया र्ाता है।
▪ अितल दपाण का उपयोग - दाढी बनाने में आख
ं , कान एिं नाक के डाक्टरों द्वारा, गाड़ी की हेड लाइट एिं सचालाइट
में, सोलर कुकर में।

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भौतिकी (Physics)

अविल दपशण द्वारा तकसी वस्िु की तवतभन्न तस्ितियों के तलए िनने वाले प्रतितिम्ि का तववरण
क्.सां. वस्िु की तस्िति प्रतितिम्ि की तस्िति प्रतितिम्ि की प्रतितिम्ि का तवस्िार
प्रकृति
1. अनन्त पर फोकस (F) पर िास्तविक उल्टा अत्यन्त छोटा
2. अनन्त और ििता के न्र F तथा C के बीच िास्तविक उल्टा िस्तु से छोटा
(C) के बीच
3. ििता के न्र C पर ििता के न्र C पर ही िास्तविक उल्टा िस्तु के बराबर
4. C और F के बीच C और अनन्त के बीच िास्तविक उल्टा िस्तु से बड़ा
5. फोकस F पर अनन्त पर िास्तविक उल्टा िस्तु से बड़ा
6. F तथा ध्रिु के बीच अनन्त पर दपाण के पीछे आिासी सीधा प्रवतवबम्ब का विस्तार

▪ उत्तल दपशण से िने प्रतितिम्ि - उत्तल दपाण में वकसी िस्तु का बना प्रवतवबम्ब सदैि आिासी होता है। ये प्रवतवबम्ब
सीधे ि िस्तु से छोटे होते हैं।
▪ अल्प फोकस दरू ी सवहत उत्तल लेंस को आिधाक लेंस कहते हैं।

उत्तल दपाण द्वारा बने प्रवतवबम्बों की वस्थवत


क्.सां. वस्िु की तस्िति प्रतितिम्ि की तस्िति प्रतितिम्ि की प्रतितिम्ि का
प्रकृति तवस्िार
1. अनन्त पर फोकस पर आिासी सीधा अत्यन्त छोटा
2. अनन्त और ध्रिु के बीच ध्रिु के बीच आिासी सीधा िस्तु से छोटा

▪ लेंस (Lens) - लेंस दो गोलाकार सतह या एक गोलाकार तथा दसू री लम्बित सतह का बना पारदशाक एिं अपिताक
मार्धयम है, र्ो शीशे का बना होता है। यह मख्ु यतः दो प्रकार का होता हैं - उत्तल लेंस और अितल लेंस।
▪ र्ो लेंस दोनों ओर से उिरा रहता है, िह उत्तल लेंस कहलाता है तथा र्ो लेंस बीच में दोनों ओर से वचपका हुआ
रहता है, िह अितल लेंस कहलाता है। अितल लेंस तीन प्रकार के होते हैं।

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भौतिकी (Physics)
1. उभयोत्तल लेंस - इसके दोनों तल उत्तल होते हैं। इनकी ििता वत्रज्याएं बराबर हो सकती हैं अथिा विन्न-विन्न हो
सकती हैं।
2. समिल - उत्तल लेंस - इसका एक तल समतल होता है तथा दसू रा उत्तल होता है।
3. अविलोत्तल लेंस - इसका एक तल अितल तथा दसू रा उत्तल होता है उत्त लेंस होने के कारण यह बीच में मोटा
तथा वकनारों पर पतला होता है।
लेंस की फोकस दरू ी का सत्रू - लेंस की फोकस दरू ी (f) ज्ञात करने के वलए वनम्नवलवखत सत्रू का प्रयोग वकया र्ाता है।
1 1 1
− =
𝑣 𝑢 𝑓

वर्समें लेंस की प्रकृ वत के अनसु ार वचन्ह संशोधन कर वलया र्ाता है।


प्रकाश का वणश तवक्षेपण (Dispersion of Light) - र्ब सयू ा का प्रकाश वकसी वप्रज्म से गर्ु रता है, तो अपितान के
पश्चात वप्रज्म के आधार की ओर झक ु ने के साथ-साथ विविन्न रंगों के प्रकाश में बंट र्ाता है। इस प्रकार प्राप्त रंगों के समहू को
िणािम तथा प्रकाश के इस प्रकार रंगों में वििि होने की विया को िणा विक्षेपण कहते हैं।
उत्तल लेंस से िने प्रतितिम्िों की तस्िति

प्रतितिम्ि की प्रतितिम्ि का
क्.स.ां वस्िु की तस्िति प्रतितिम्ि की तस्िति तवस्िार
प्रकृति

अनन्त पर मख्ु य फोकस F2 पर िास्तविक उल्टा बहुत छोटा


1.
लेंस के दसू री ओर 2F िस्तु के बराबर
2. वद्वतीय फोकस (2F) के बीच िास्तविक उल्टा
पर
लेंस के दसू री ओर F िस्तु से छोटा
3. अनंत और 2F के बीच िास्तविक उल्टा
और 2F के बीच
लेंस के दसू री ओर 2F िस्तु से बड़ा
4. 2F और F के बीच िास्तविक उल्टा
अनन्त के बीच
लेंस के दसू री ओर िस्तु से बड़ा बड़ा
5. प्रथम मख्ु य फोकस पर िास्तविक उल्टा
अनन्त पर
प्रथम मख्ु य फोकस और लेंस के उसी ओर वर्धर िस्तु से बड़ा
6. आिासी सीधा (आिवधात)
प्रकाशीय के न्र के बीच में िस्तु है

▪ तप्रज्म दो परस्पर झक
ु े हुए अपिताक तलों से विरे मार्धयम को वप्रज्म कहते हैं।

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भौतिकी (Physics)
▪ वनगात वकरण और आपाती वकरण की वदशा के मर्धय बनने िाले कोण को विचलन कोण (Angle of Deviation)
कहते हैं।
▪ आपवतत र्श्ेत प्रकाश सात िणों या रंगों में वििावर्त हो र्ाता है। ये िणा या रंग हैं - बैंगनी (Violet), र्ामनु ी
(Indigo), नीला (Blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange), तथा लाल (Red)।
▪ काचं में बैंगनी रंग के प्रकाश का िेग सबसे कम तथा अपितानांक सबसे अवधक होता है ि लाल रंग के प्रकाश का
िेग सबसे अवधक तथा रि अपितानाक ं सबसे कम होता है।
▪ बैंगनी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्धया सबसे कम ि लाल रंग की तरंगदैर्धया सबसे अवधक होती है।
प्रमख
ु रांगों की िरगां दैध्यश

रांग िरांगदैध्यश रांग िरांगदैध्यश

बैंगनी 3969 Å पीला 5893Å

नीला 4861Å लाल 6563 Å

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भौतिकी (Physics)
वकसी पदाथा का फोटोग्राफ लेने के वलए अपेवक्षत उद्भासन काल पदाथा की चमक पर वनिार करता है।
वणश तवपिन (Chromatic Aberration) - र्श्ेत प्रकाश से लेंस द्वारा वकसी िस्तु का बनने िाला प्रवतवबम्ब प्राय:
रंगीन ि अस्पष्ट होता है। लेंस द्वारा उत्पन्न प्रवतवबम्ब के इस दोष को ही िणा विपथन कहते हैं। यह दोष इसवलए उत्पन्न
होता है, क्योंवक लेंस के पदाथा का अपितानाक ं तथा इसके कारण लेंस की फोकस दरू ी विन्न-विन्न रंगों के वलए
विन्न-विन्न होती है।
प्रकाश का तवविशन (Diffraction of Light) - र्ब प्रकाश स्रोत ि पदे के बीच कोई िस्तु रखी र्ाती है, तो पदे
पर उसकी छाया बन र्ाती है। यवद यह अिरोध आकार में छोटा हो, तो अिरोधों के वकनारों पर प्रकाश मड़ु कर छाया
में प्रिेश कर र्ाता है, वर्स कारण अिरोध की छाया के वकनारे तीक्ष्ण नहीं होते। प्रकाश द्वारा अिरोध के वकनारों पर
मड़ु ने की िटना को 'प्रकाश का विितान' कहते हैं।
प्रकाश के विितान के कारण ही दरू दशी में तारों के प्रवतवबम्ब तीक्ष्ण वबंदओ ु ं की तरह न वदखाई देकर अस्पष्ट धब्बों
की तरह वदखाई देते हैं।
र्धिवन तरंगों की तरंगदैर्धया प्रकाश के तरंगदैर्धया की तल
ु ना में बहुत अवधक होती है। इस कारण से र्धिवन तरंगों में विितान
की िटना आसानी से देखने को वमलती है।
वप्रज्म से गर्ु रने पर प्रकाश के रंगों में बैंगनी रंग का विचलन सबसे अवधक दशााएगा, क्योंवक इस रंग का तरंगदैर्धया
सबसे कम और वप्रज्म में इस रंग का अपितानांक सबसे अवधक होता है।
प्रकाश का प्रकीणशन (Scattering of Light) - मार्धयम के कणों द्वारा प्रकाश का सिी वदशाओ ं में होने िाला
प्रसारण प्रकाश का प्रकीणान कहलाता है।
सिाावधक प्रकीणान बैंगनी रंग के प्रकाश का एिं सबसे कम लाल रंग के प्रकाश का होता है। िायमु डं ल में विद्यमान
धल ू आवद के कणों के कारण हमें प्रकीवणात प्रकाश का वमवित रंग हल्का नीला वदखाई पड़ता है। फलतः पृथ्िी से
आकाश नीला वदखाई देता है; र्बवक ऐसे स्थान (र्ैसे चन्रमा) र्हाँ िायमु डं ल नहीं है, िहाँ से आकाश काला वदखाई
देता है।
लाल रंग का प्रकीणान कम होने के कारण सयू ोदय एिं सयू ाास्त के समय सयू ा लाल रंग का वदखाई पड़ता है; र्बवक
मर्धयाह्न में र्ब दरू ी कम होती है, तो प्रकाश का प्रकीणान कम होने के कारण सयू ा हमें र्श्ेत (सातों रंगों का वमला रूप)
वदखाई पड़ता है।
प्रकाश िरांगों का ध्रवु ण (Polarisation of Light Waves) - प्रकाश की प्रकृ वत तरंग प्रकृ वत है।
अनप्रु स्थ तरंग की पवु ष्ट प्रकाश के ध्रिु ण से की र्ा सकती है।
िैज्ञावनकों के अनसु ार, प्रकाश तरंगें एक प्रकार की विद्यतु चम्ु बकीय तरंगें हैं, वर्नमें विद्यतु ि चम्ु बकीय क्षेत्र एक-
दसू रे के परस्पर लम्बित होते हैं ि तरंग के सचं रण की वदशा के लम्बित तलों में कंपन करते हैं।
विद्यतु बल्ब, ट्यबू लाइट आवद से उत्सवर्ात होने िाली प्रकाश तरंगें अध्रवु ित तरंगें होती हैं।
समतल ध्रवु ित प्रकाश उत्पन्न करने के वलए पोलेराइडों का प्रयोग करते हैं। यह एक बड़े आकार की वफल्म होती है,
वर्से दो काचं की प्लेटों के बीच रखा र्ाता है।
वफल्म नाइट्रो सेलल ु ोर् (Nitro Cellulose) तथा हरपोथाइट (Herpothite) के वमिण की बनी होती है।
वसनेमािर में पोलेराइड चश्मे पहनकर तीन विमाओ ं िाले वचत्रों को देखा र्ाता है।

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भौतिकी (Physics)
मरीतचका - गवमायों में गमा ि शातं दोपहर के समय मरुस्थल सयू ा की गमी से अत्यवधक गमा हो र्ाते हैं। किी-किी
गमा मरुस्थलों में रेत के ऊपर दरू की िस्तओ ु ं अथिा आकाश के कुछ िागों के प्रवतवबम्ब वदखाई देते हैं, र्ो प्यासे
यावत्रयों अथिा पशओ ु ं को भ्रवमत कर देते हैं और उन्हें यह लगता है वक ये प्रवतवबम्ब वकसी दरू स्थ झील अथिा पानी
से िरे तालाब से पराितान द्वारा बन रहे हैं। परंतु र्ब िे उस क्षेत्र तक पहुचँ ते हैं, तब उन्हें िहाँ पर पानी नहीं वमलता।
इस दृवष्ट भ्रम को मरीवचका कहते हैं। छोटे पैमाने पर मरीवचकाएँ प्राय: एक दृवष्ट भ्रम के रूप में गवमायों में दोपहर की
तेर् धपू के समय कोलतार की सड़कों अथिा वचकने कंिीट के बने रार्मागों पर वदखाई देती हैं।
इन्रर्नुष (Rainbow) - इन्रधनषु दो प्रकार के होते हैं- (1) प्राथवमक इन्रधनषु तथा (2) वद्वतीयक इन्रधनषु ।
प्राथवमक इन्रधनषु का वनमााण तब होता है, र्ब बंदू ों पर आपवतत होने िाली सयू ा की वकरणों का दो बार अपितान
एिं एक बार पराितान होता है।
प्राितमक इन्रर्नषु में लाल रंग बाहर की ओर और बैंगनी रंग अदं र की ओर होता है।
वद्वतीयक इन्रधनषु का वनमााण तब होता है, र्ब बदंू ों पर आपवतत होने िाली सयू ा वकरणों का दो बार अपितान एिं
दो बार पराितान होता है।
तद्विीयक इन्रर्नुष में बैंगनी रंग बाहर की ओर एिं लाल रंग अदं र की ओर होता है।
वद्वतीयक इन्रधनषु , प्राथवमक इन्रधनषु की अपेक्षा कुछ धधंु ला वदखलाई पड़ता है।
प्राितमक, तद्विीयक ििा पूरक रांग
चाक्षषु प्रदशा एकक में प्राथवमक रंग लाल, हरा तथा नीला होता है।
प्राितमक रांग (Primary Colours) - लाल, हरे तथा नीले रंग के प्रकाश को प्राथवमक अथिा मल ू रंग का प्रकाश
कहते हैं।
लाल + नीला = बैंगनी
नीला + हरा = पीकॉक नीला
लाल + हरा = पीला
तद्विीयक रांग (Secondary Colours) – दो प्राथवमक रंगों को वमलाकर वद्वतीयक रंग प्राप्त वकया र्ा सकता है।
पीला, मैर्ेंटा एिं पीकॉक नीला को वद्वतीयक रंग कहते हैं।
तीन प्राथवमक रंगों को विविन्न अनपु ात में वमलाकर स्पेक्ट्रम के सिी रंग उत्पन्न वकए र्ा सकते हैं।
पूरक रांग (Colours Complementary) - र्ब दो रंग परस्पर वमलने से सफे द प्रकाश उत्पन्न करते हैं, उन्हें परू क
रंग कहते हैं।
यवद नीले ि पीले रंग के पेंट को वमलाया र्ाए, तो िे रंग - वचत्र के अनसु ार सफे द रंग न देकर हरे पेंट का रंग बनाते हैं।
ऐसा इसवलए होता है वक र्ब नीले ि पीले रंग के पेंट को वमलाकर सफे द प्रकाश में देखते हैं, तो िे प्रकाश के हरे रंग
को पररिवतात करके शेष रंगों को अिशोवषत कर लेते हैं। इस प्रकार हरे रंग का वमिण वदखाई देता है।
रंगीन टेलीविर्न में प्राथवमक रंगों - लाल, हरे ि नीले रंगों का प्रयोग वकया र्ाता है।
वस्िुओ ां के रांग (Colours of Objects) - र्ब प्रकाश वकरणें िस्तओ ु ं पर आपवतत होने के पश्चात परािवतात होकर
हमारी आख ं ों पर पड़ती हैं, तो िस्तएु ँ हमें वदखाई देने लगती हैं। अतः इस प्रवतविया में िस्तएु ँ प्रकाश का कुछ िाग
परािवतात करती हैं तथा कुछ िाग अिशोवषत िी करती हैं।

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भौतिकी (Physics)

अपारदशी का रंग उनके द्वारा परािवतात प्रकाश के रंग पर वनिार करता है। दसू री ओर पारदशी िस्तओ ु ं का रंग उनसे
पार होने िाले प्रकाश के रंग पर वनिार करता है।
रांगों के गणु (Characteristic of Colours) - हमारी आख ं की रेवटना में बहुत-सी संिदे नशील कोवशकाएँ होती
हैं, र्ो दो प्रकार की होती हैं - शंकु तथा छड़ ।
छड़ के आकार की कोवशकाएँ प्रकाश की तीव्रता के अनरू ु प प्रवतविया करती हैं एिं शक ं ु के आकार की कोवशकाएँ
रंगों के अनरूु प प्रवतविया करती हैं और इनसे ही हमें रंगों का आिास होता है।
कुछ व्यवियों की आख ं ों की रेवटना में कुछ शक
ं ु नहीं होते हैं, वर्नके कारण िे कुछ रंगों को नहीं देख पाते हैं। यह एक
आनिु ावं शक दोष होता है। ऐसे व्यवियों को िणाांध कहते हैं। ऐसे व्यवि सामान्य रूप से ठीक देख सकते हैं। । परंतु
उनमें रंगों का अतं र करने की क्षमता नहीं होती है।
प्रकाश िरांगों का व्यतिकरण (Interference of Light Waves) - र्ब समान आिृवत एिं समान आयाम की
दो प्रकाश तरंगें र्ो मलू तः एक ही प्रकाश स्रोत से एक ही वदशा में संचाररत होती है, तो मार्धयम के कुछ वबन्दओ ु ं पर
प्रकाश की तीव्रता अवधकतम ि कुछ वबन्दओ ु ं पर तीव्रता न्यनू तम पाई र्ाती है। इस िटना को ही प्रकाश तरंगों का
व्यवतकरण कहते हैं।
सिाप्रथम 1802 ई. में थामस यंग ने प्रकाश के व्यवतकरण को प्रयोगात्मक रूप से दशााया।
र्ल की सतह पर फै ली हुई वमट्टी के तेल की परत एिं साबनु के बल ु बल
ु ों का सयू ा के प्रकाश में रंगीन वदखाई देना
प्रकाश तरंगों का व्यवतकरण के ही उदाहरण हैं।

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भौतिकी (Physics)
मानव नेि (Human Eye)
आांख
आख ं शरीर का एक महत्िपणू ा अगं होता है, वर्सकी सहायता से वकसी िस्तु को देखा र्ाता है।
मानि नेत्र बाहर से एक कठोर ि अपारदशी वझल्ली से ढका रहता है, वर्से कॉवनाया कहते हैं।
नेत्रदान के समय मनष्ु य कॉवनाया का दान करता है।
कॉवनाया के पीछे एक रंगीन अपारदशी र्श्ेत वझल्ली का पदाा होता है, वर्से आइररस कहते हैं।
आइररस का काम प्रकाश की मात्रा को वनयवं त्रत करना होता है, वर्सके कारण यह अवधक प्रकाश में वसकुड़कर छोटा
हो र्ाता है तथा अधं ेरा या कम प्रकाश में स्ितः फै ल र्ाता है।
कॉवनाया और आख ं के लेंस के बीच में एक नमकीन पारदशी रि िरा रहता है,
वर्से नेत्रो या र्लीय रि कहा र्ाता है। इसका अपितानाक ं 1.336 होता है।
रि पटल (Choraid) के नीचे आख ं के सबसे िीतर एक पारदशी वझल्ली होती है, वर्से दृवष्ट पटल या रेवटना कहते
हैं।
रेवटना पर िस्तु का प्रवतवबम्ब उल्टा एिं िास्तविक बनता है।
मानि नेत्र की स्पष्ट दृवष्ट की न्यनू तम दरू ी 25 सेमी. होती है।
वकसी िस्तु को स्पष्ट देखने के वलए प्रकाश वकरणों का रेवटना पर के वन्रत होना आिश्यक होता है। यवद िस्तु रेवटना
के आगे या पीछे के वन्रत होगी तो िह िस्तु हमें वदखाई नहीं देगी।
दृति दोष के प्रकार
▪ तनकट दृति दोष (Myopia) - इस प्रकार के दृवष्ट दोष िाले व्यवि को वनकट की िस्तएु ँ तो स्पष्ट वदखाई देती हैं,
परंतु दरू की िस्तएु ँ स्पष्ट नहीं वदखती हैं।
▪ इस दृवष्ट दोष के कारण िस्तु का प्रवतवबम्ब रेवटना पर न बनकर रे वटना के आगे बनता है।
▪ वनकट दृवष्ट दोष के वनिारण के वलए अितल लेंस का उपयोग वकया र्ाता है।
▪ दूर दृति दोष (Hypermetropia) - इस दृवष्ट दोष िाले व्यवि को दरू की िस्तएु ँ तो स्पष्ट वदखाई देती हैं, परंतु
वनकट की िस्तएु ँ स्पष्ट वदखाई नहीं देती हैं।
▪ इस दृवष्ट दोष के कारण िस्तु का प्रवतवबम्ब रेवटना के पीछे बनना है।
▪ दरू दृवष्ट दोष के वनिारण के वलए उत्तल लेंस का उपयोग वकया र्ाता है।
▪ जरा दृति दोष (Presbyopia) - िृद्धािस्था के कारण कुछ व्यवियों में वनकट तथा दरू दोनों ही दृवष्ट दोष एक साथ
होते हैं। ऐसे व्यवि वद्वफोकसी लेंस (उियतल लेंस) का उपयोग करते हैं, वर्सका एक िाग अितल लेंस की तरह
काया करता है तथा दसू रा उत्तल लेंस की तरह काया करता है।
▪ अतिन्दुकिा (Astigmatism) - यह दृवष्ट दोष गोलीय विपथन दोष की तरह होता है। इसमें नेत्र क्षैवतर् वदशा में तो
ठीक देख पाता है परंतु उर्धिा वदशा में नहीं देख पाता है। इस दोष का वनिारण बेलनाकार लेंस की सहायता से वकया
र्ाता है।

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भौतिकी (Physics)
1. दृश्य प्रकाश का तरंगदैर्घया विस्तार है 8. वनिाात में प्रकाश की चाल लगिग होती है
(A) 200-900एनएम . के बीच (A) 3 × 1010 m/s
(B) 250-850एनएम . के बीच (B) 3 × 108 m/s
(C) 300-800एनएम . के बीच (C) 3 × 108 km/s
(D) 390-780 एनएम . के बीच (D) 3 × 108 light years
2. मानि आँख तरंगदैर्घया के दृश्य प्रकाश के प्रवत सिाावधक 9. प्रकाश का िेग अवधकतम होता है
संिेदनशील होती है (A) हीरा
(A) 6050 Å (B) पानी
(B) 5500 Å (C) िैक्यमू
(C) 4500 Å (D) हाइड्रोर्न
(D) 7500 Å 10. से गर्ु रते समय प्रकाश की गवत न्यनू तम होगी
3. वनम्नवलवखत में से वकस विवकरण में प्रवत क्िाटं म उच्चतम (A) वगलास
ऊर्ाा है? (B) िैक्यमू
(A) 320-400 nm (C) पानी
(B) 200-280 nm (D) िायु
(C) 280-320 nm 11. सयू ा के प्रकाश को पृथ्िी की सतह तक पहुचँ ने में लगने
(D) 400-600 nm िाला समय लगिग है
4. सौर विवकरण की दृश्य सीमा है (A) 4.2 सेकंड
(A) 100-400 nm (B) 4.8 सेकंड
(B) 400-700 nm (C) 8.5 वमनट
(C) 740-10000 nm (D) 3.6 िंटे
(D) None of the above 12. र्ब प्रकाश तरंगें हिा से काचं तक र्ाती हैं तो चर
5. प्रकाश के विवकरण की प्रकृ वत है प्रिावित होते हैं
(A) लहर की तरह (A) तरंग दैर्धया, आिृवत्त और िेग
(B) कण की तरह (B) िेग और आिृवत्त
(C) तरंग और कण दोनों की तरह (C) तरंगदैर्धया और आिृवत्त
(D) र्ैसे न तो तरंग की और न ही कण की (D) तरंगदैर्धया और िेग
6. प्रकाश एक सीधी रेखा में गमन करता प्रतीत होता है क्योंवक 13. र्ब प्रकाश एक मार्धयम से दसू रे मार्धयम में र्ाता है, तो
(A) इसमें छोटे कण होते हैं वनम्नवलवखत में से कौन सा नहीं बदलता है?
(B) प्रकाश का िेग बहुत बड़ा है (A) तीव्रता
(C) प्रकाश की तरंग दैर्धया बहुत छोटी है (B) िेग
(D) प्रकाश पररिेश से पररलवक्षत होता है (C) तरंगदैर्धया
7. वनम्नवलवखत में से कौन सा कथन सत्य है? (D) आिृवत्त
(A) प्रकाश का िेग अवधक होता है 14. प्रकाश संश्लेषण की प्रविया को अर्ं ाम देने में
(B) र्धिवन का िेग सबसे अवधक होता है वनम्नवलवखत में से कौन सा ऊर्ाा रूपातं रण होता है?
(C) आकाशीय वपंडों का िेग सबसे अवधक होता है (A) प्रकाश से रासायवनक ऊर्ाा
(D) रॉके ट का सबसे बड़ा िेग है (B) प्रकाश से तापीय ऊर्ाा

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भौतिकी (Physics)
(C) थमाल से र्ैि रासायवनक ऊर्ाा 21. फाइबर ऑवप्टक्स सचं ार में, वसग्नल के रूप में यात्रा करता
(D) गवतर् ऊर्ाा के वलए गमी है
15. ऑवप्टकल डेकोरेशन और विज्ञापन के वलए वडस्चार्ा (A) प्रकाश तरंग
ट्यबू में इस्तेमाल होने िाली गैस है (B) रेवडयो तरंग
(A) काबान डाइऑक्साइड (C) सक्ष्ू म तरंग
(B) अमोवनया (D) विद्यतु तरंग
(C) सल्फर डाइऑक्साइड 22. डॉक्टरों द्वारा रोगी के पेट के अदं र की र्ांच के वलए
(D) वनयॉन इस्तेमाल वकया र्ाने िाला 'एंडोस्कोप' वकस वसद्धांत पर काम
16. साबनु के पतले झाग में चमकीले रंगों का बनना करता है?
वनम्नवलवखत में से वकस िटना का पररणाम है? (A) प्रकाश का प्रवतवबंब
(A) कुल प्रवतवबंब और हस्तक्षेप (B) प्रकाश का फै लाि
(B) कुल अपितान और फै लाि (C) प्रकाश का अपितान
(C) विितान और फै लाि (D) प्रकाश का कुल आतं ररक प्रवतवबंब
(D) ध्रिु ीकरण और हस्तक्षेप 23. एक एडं ोस्कोप …. . है
17. र्ब प्रकाश से गमन करता है तो पणू ा आतं ररक पराितान (A) संकीणा दरू बीन
हो सकता है (B) कै मरे का प्रकार
(A) हीरा से काच ं (C) सरल माइिोस्कोप
(B) पानी से वगलास (D) उपरोि में से कोई नहीं
(C) हिा से पानी 24. मृगतृष्णा का कारण है
(D) हिा से कांच (A) प्रकाश का हस्तक्षेप
18. एक कटा हुआ हीरा वकसके कारण शानदार ढंग से (B) प्रकाश का विितान
चमकता है? (C) प्रकाश का ध्रिु ीकरण
(A) कुछ अतं वनावहत सपं वत्त (D) प्रकाश का कुल आतं ररक प्रवतवबंब
(B) कुल आतं ररक प्रवतवबंब 25. वमरार् गठन का एक उदाहरण है
(C) इसकी आणविक संरचना (A) अपितान
(D) प्रकाश का अिशोषण (B) फै लाि
19. आवप्टकल फाइबर वकसके वसद्धातं पर काया करता है? (C) कुल आतं ररक प्रवतवबबं
(A) कुल आतं ररक प्रवतवबंब (D) विितान
(B) अपितान
(C) वबखरना
(D) हस्तक्षेप
20. ऑवप्टकल फाइबर में वनम्नवलवखत में से वकस एक िटना
का उपयोग वकया र्ाता है?
(A) हस्तक्षेप
(B) अपितान
(C) कुल आतं ररक प्रवतवबंब
(D) ध्रिु ीकरण

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भौतिकी (Physics)
26. हीरा वकस कारण से चमकदार वदखाई देता है? (A) के िल तरल पदाथा
(A) प्रवतवबंब (B) के िल वप्रज्म
(B) अपितान (C) के िल हीरे
(C) कुल आतं ररक प्रवतवबबं (D) सिी पारदशी मार्धयम
(D) वबखरना 33. र्धिवन को पनु : प्रस्ततु करने के वलए, एक सीडी (कॉम्पैक्ट
27. हीरे के कटने की असाधारण चमक के पीछे उवचत तरीके वडस्क) ऑवडयो प्लेयर का उपयोग करता है
से क्या कारण है? (A) क्िाट्ार् विस्टल
(A) क्योंवक इसमें उच्च पारदवशाता है (B) टाइटेवनयम सईु
(B) क्योंवक इसका अपितानाक ं उच्च है (C) लेर्र बीम
(C) क्योंवक यह बहुत कवठन है (D) बेररयम टाइटैवनक वसरेवमक
(D) क्योंवक इसमें एक वनवश्चत विचलन मवं र्ल है 34. र्ब एक सीडी (ऑवडयो और िीवडयो वसस्टम में प्रयि ु
28. एक कटा हुआ हीरा वकसके कारण शानदार ढंग से कॉम्पैक्ट वडस्क) को सरू र् की रोशनी में देखा र्ाता है, तो
चमकता है? इरं धनषु र्ैसे रंग वदखाई देते हैं। इसे की िटना के आधार पर
(A) कुल आतं ररक प्रवतवबबं समझाया र्ा सकता है
(B) प्रकाश का अिशोषण (A) प्रवतवबंब और विितान
(C) कुछ अतं वनावहत सपं वत्त (B) प्रवतवबंब और संचरण
(D) इसकी आणविक सरं चना (C) विितान और सचं रण
29. वत्रविमीय िस्तु के प्रवतवबम्ब को एकीकृ त और वचवन्हत (D) अपितान, विितान और सचं रण
करने की तकनीक है 35. टेलीविर्न वसग्नल एक वनवश्चत दरू ी से अवधक प्राप्त नहीं
(A) ऑवडयोग्राफी वकए र्ा सकते क्योंवक
(B) लेवक्सयोग्राफी (A) वसग्नल कमर्ोर हैं
(C) फोटोग्राफी (B) एटं ीना कमर्ोर है
(D) होलोग्राफी (C) िायु संकेतों को अिशोवषत करती है
30. वनम्नवलवखत में से वकसका प्रयोग वत्रविमीय वचत्र लेने के (D) पृथ्िी की सतह िमु ािदार है
वलए वकया र्ाता है? 36. टेलीविर्न प्रसारण में ऑटो वसग्नल प्रसाररत करने की
(A) फोटोग्राफी तकनीक है
(B) होलोग्राफी (A) आयाम मॉडुलन
(C) रेवडयोग्राफी (B) आिृवत्त मॉडुलन
(D) इनमें से कोई नहीं (C) पल्स कोड मॉडुलन
31. फॉस्फोरस लेवपत स्िीन पर एक इलेक्ट्रॉवनक बीम को (D) टाइम वडिीर्न मल्टीप्लेवक्सगं
कें वरत करके स्िीन पर उत्पन्न छवियों को कहा र्ाता है 37. रेवटना पर बनने िाला प्रवतवबम्ब है
(A) मास्टर स्कै न (A) िस्तु के बराबर लेवकन उल्टा
(B) कुल स्कै न (B) िस्तु से छोटी लेवकन सीधी
(C) रोस्टर स्कै न (C) िस्तु से छोटा लेवकन उल्टा
(D) रडार स्कै न (D) िस्तु के बराबर लेवकन सीधी
32. 'रमन प्रिाि' का संबधं प्रकाश की वकरणों से है र्ो से 38. वकसी िस्तु का प्रवतवबम्ब रेवटना के नेत्र लेंस से वकस
होकर गर्ु रती है प्रकार का बनता है?

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भौतिकी (Physics)
(A) सीधा और िास्तविक (B) तरंगदैर्धया
(B) सीधा और आिासी (C) तीव्रता
(C) उलटा और असली (D) िेग
(D) उलटा और आिासी 45. वकस रंग की तरंगदैर्घया सबसे लबं ी होती है?
39. एक की तल ु ना में दो आँखों का होना बेहतर होने का मख्ु य (A) हृरा
कारण यह है वक (B) पीला
(A) दो आख ं ें होने से हम आसानी से रंग िेद कर सकते हैं (C) नीला
(B) दो आँख होने से हम अँधेरे में िी आसानी से देख सकते (D) लाल
हैं मदं प्रकाश में िी 46. दृश्य स्पेक्ट्रम में सबसे कम तरंगदैर्घया िाला रंग होता है
(C) यह एक आदमी को एक प्रकार की दृवष्ट देता है वर्से (A) लाल
मोजेक दृवष्ट के रूप में र्ाना र्ाता है (B) पीला
(D) यह हम में दरू ी और गहराई की धारणा को बढाता है (C) नीला
40. पणू ा सयू ा ग्रहण के दौरान सयू ा को सीधे देखने से आखं ों को (D) िायलेट
अपरू णीय क्षवत होती है। रेवटनल बना सयू ा की वकरणों के 47. वनम्नवलवखत में से वकसमें उच्चतम ऊर्ाा है?
वनम्नवलवखत िटकों में से वकस एक के कारण होता है? (A) नीली रोशनी
(A) गमी (B) हरी बत्ती
(B) इरं धनषु प्रकाश (C) लाल बत्ती
(C) अल्ट्रा-िायलेट प्रकाश (D) पीली रोशनी
(D) इन्रा-रेड लाइट 48. िास्तविक सयू ोदय से कुछ वमनट पहले सयू ा हमें वदखाई
41. तारे का रंग इसका सचू क है देता है क्योंवक
(A) पृथ्िी से दरू ी (A) प्रकाश का प्रकीणान
(B) तापमान (B) प्रकाश का विितान
(C) चमक (C) प्रकाश का कुल आतं ररक प्रवतवबंब
(D) सयू ा से दरू ी (D) प्रकाश का अपितान
42. िायमु ण्डल में प्रकाश का विसरण वकसके कारण होता 49. सयू ा और चंरमा वक्षवतर् के वनकट अण्डाकार वदखाई देते
है? हैं क्योंवक
(A) काबान डाइऑक्साइड (A) अपितान
(B) धल ू के कण (B) ऑवप्टकल भ्रम
(C) हीवलयम (C) हस्तक्षेप िटना
(D) र्ल िाष्प (D) उनका िास्तविक आकार
43. वनकट दृवष्ट दोष के वलए वकसके द्वारा दरू वकया र्ाता है?
(A) उत्तल लेंस
(B) अितल लेंस
(C) बेलनाकार लेंस
(D) टोररक लेंस
44. प्रकाश का रंग इसके द्वारा वनधााररत वकया र्ाता है
(A) आयाम

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भौतिकी (Physics)
50. कुछ लोगों द्वारा सयू ा के प्रकाश के अदृश्य िाग का उपयोग 56. सयू ाास्त के समय सयू ा लाल वदखाई देता है
करके प्रकाश संश्लेषण वकया र्ाता है (A) प्रकाश का प्रवतवबंब
(A) पेड़ (B) प्रकाश का प्रकीणान
(B) शैिाल (C) प्रकाश का अपितान
(C) बैक्टीररया (D) प्रकाश का विितान
(D) किक 57. सयू ाास्त और सयू ोदय के समय सयू ा का लाल रंग वकसके
51. ट्रैवफक वसग्नल में लाल बत्ती का प्रयोग वकया र्ाता है कारण होता है?
क्योंवक (A) प्रकाश का प्रकीणान
(A) इसकी सबसे लबं ी तरंग दैर्धया है (B) प्रकाश का अपितान
(B) यह सदंु र है (C) प्रकाश का कुल आतं ररक प्रवतवबंब
(C) यह बरु ी नर्र िाले लोगों को िी वदखाई देता है (D) प्रकाश का फै लाि
(D) उपरोि में से कोई नहीं 58. एक अतं ररक्ष यात्री आकाश के रंग को इस रूप में देखता
52. आकाश नीला वदखाई देता है के कारण है
(A) नीला रंग सबसे अवधक वबखरा हुआ है
(B) लाल रंग सबसे ज्यादा वबखरा हुआ है (A) नीला
(C) नीली रोशनी िायमु डं ल द्वारा न्यनू तम अिशोवषत होती है (B) सफे द
(D) लाल रोशनी अतं तः िायमु डं ल द्वारा अिशोवषत होती है (C) काला
53. आकाश नीला है क्योंवक (D) लाल
(A) सयू ा के प्रकाश में नीला रंग अन्य रंगों की तलु ना में अवधक 59. र्ब हम ऊँचाई पर वकसी समतल से आकाश को देखते
होता है हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है
(B) िायमु डं ल द्वारा लंबी तरंगों की तल ु ना में छोटी तरंगें (A) नीला
अवधक वबखरी हुई हैं (B) काला
(C) नीला रंग आख ं ों को अवधक अिशोवषत करता है (C) सफे द
(D) िायमु डं ल छोटी तरंग दैर्धया की तल ु ना में लंबी तरंग दैर्धया (D) लाल
को अवधक अिशोवषत करता है 60. समरु वकसके कारण नीला वदखाई देता है?
54. रेड लाइट वसग्नल का प्रयोग खतरे के संकेत के रूप में (A) अवतररि गहराई
वकया र्ाता है क्योंवक (B) आकाश का पराितान और र्ल की बदंू ों से प्रकाश का
(A) लाल रोशनी सबसे कम वबखरी हुई है प्रकीणान
(B) यह आख ं ों के वलए आरामदायक है (C) पानी का नीला रंग
(C) यह कम से कम रासायवनक प्रवतविया पैदा करता है (D) पानी की ऊपरी परत
(D) यह हिा में सबसे कम अिशोवषत होता है 61. ब्रह्ांड के विस्तार की अिधारणा पर आधाररत है
55. आकाश का नीला रंग वकसके कारण होता है?
(A) प्रकाश का प्रकीणान (A) डॉपलर प्रिाि
(B) प्रकाश का फै लाि (B) स्टाका प्रिाि
(C) प्रकाश का हस्तक्षेप (C) र्ी मैन प्रिाि
(D) सयू ा द्वारा अन्य रंगों की तल ु ना में अवधक नीली रोशनी (D) रमन प्रिाि
का उत्सर्ान

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भौतिकी (Physics)
62. मान लीवर्ए वक एक रॉके टवशप पृथ्िी से प्रकाश के िेग 68. र्ब दपाण को कोण q से िमु ाया र्ाता है, तो परािवतात
के 2/10 िें िेग से आगे बढ रही है। रॉके टवशप में एक प्रकाश वकरण वकसके द्वारा िमू गे ी?
र्हार् पर सिार यावत्रयों को नीला वदखाई देता है। पृथ्िी पर (A) 0
एक प्रेक्षक को यह वकस रंग का वदखाई देगा? (B) q/2
(A) नीला (C) q
(B) नारंगी (D) 2q
(C) पीला 69. प्रकाश सात रंगों से बना है। रंगों को अलग करने की विवध
(D) पीला-नारंगी क्या है?
63. कार चलाते समय आप अपनी पीठ पर यातायात को (A) रंगों को वप्रज्म द्वारा अलग वकया र्ा सकता है
देखने के वलए वकस प्रकार के दपाण का उपयोग करना चाहेंगे? (B) रंगों को एक वफल्टर द्वारा अलग वकया र्ा सकता है
(A) अितल दपाण (C) रंगों को पौधों द्वारा अलग वकया र्ा सकता है
(B) गोलाकार दपाण (D) रंगों को अलग नहीं वकया र्ा सकता
(C) उत्तल दपाण 70. इन्रधनषु में रंगों का सही िम है
(D) सादा दपाण (A) नीला, हरा, बैंगनी
64. हर्ामत बनाने के वलए, एक का उपयोग करता है (B) बैंगनी, हरा, नीला
(A) अितल दपाण (C) नीला, पीला, हरा
(B) सादा दपाण (D) नीला, हरा, पीला
(C) उत्तल दपाण 71. वनम्नवलवखत में से कौन सा रंग इरं धनषु के बीच में वदखाई
(D) उपरोि में से कोई नहीं देता है?
65. सरू र् की रोशनी से बचने के वलए, छतरी के वलए (एक नीला
वनम्नवलवखत में से कौन सा रंग संयोर्न सबसे उपयि ु है? (B) हरा
(A) शीषा काला और वनचला सफे द (C) लाल
(B) शीषा सफे द और नीचे काला (D) पीला
(C) के िल काला 72. इरं धनषु के टवमानल रंग बैंड हैं
(D) के िल सफे द (A) नीला और नारंगी
66. खगोलीय दरू दशी द्वारा वनवमात प्रवतवबम्ब है (B) हरा और लाल
(A) आिासी और कम (C) पीला और हरा
(B) आिासी और आिवधात (D) बैंगनी और लाल
(C) िास्तविक और कम 73. दोपहर 12 बर्े इरं धनषु वकस वदशा में वदखाई देता है?
(D) िास्तविक और आिवधात (A) पवश्चम में
67. दो समान्तर दपाणों के बीच रखी िस्तु के प्रवतवबम्बों की (B) दवक्षण में
सख्ं या है (C) पिू ा में
(A) दो (D) इसे देखा नहीं र्ा सकता
(B) एक
(C) छह
(D) अनंत

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भौतिकी (Physics)
74. पानी में एक हिा का बल ु बल
ु ा …. . की तरह काम करेगा (C) वनकट िस्तओ ु ं की छवि रेवटना के पीछे कें वरत है
(A) उत्तल दपाण (D) इस दोष को ठीक करने के वलए अितल लेंस का उपयोग
(B) उत्तल लेंस वकया र्ाता है
(C) अितल दपाण 81. मायोवपया को कम करने के वलए वनम्नवलवखत में से वकस
(D) अितल लेंस लेंस का उपयोग वकया र्ाता है?
75. पानी के अदं र एक हिा का बल ु बलु ा के रूप में व्यिहार (A) उत्तल लेंस
करता है (B) अितल लेंस
(A) वबफोकल लेंस (C) बेलनाकार लेंस
(B) अविसारी लेंस (D) उपरोि में से कोई नहीं
(C) अपसारी लेंस 82. र्ब कोई व्यवि तेर् रोशनी िाले क्षेत्र से अधं ेरे कमरे में
(D) बेलनाकार लेंस प्रिेश करता है, तो िह कुछ समय के वलए स्पष्ट रूप से नहीं
76. वकसी व्यवि का पणू ा आकार का प्रवतवबम्ब देखने के वलए देख पाता है। बाद में िह धीरे -धीरे चीर्ों को देखने लगता है।
समतल दपाण की न्यनू तम ऊँचाई वकसके बराबर होती है? यह है क्योंवक
(A) व्यवि की ऊंचाई (A) छात्र के आकार में पररितान
(B) व्यवि की आधी ऊंचाई (B) लेंस के व्यास और फोकल लंबाई में पररितान
(C) एक चौथाई व्यवि की ऊंचाई (C) रोडोवप्सन का विरंर्न और सधु ार
(D) व्यवि की ऊंचाई को दोगनु ा (D) आख ं ें समय के साथ अधं रे े से पररवचत हो र्ाती हैं
77. समतल दपाण की ििता वत्रज्या है 83. रीवडंग ग्लास वकस प्रकार के लेंस से बनते हैं?
(A) शन्ू य (A) अितल
(B) एक (B) उत्तल
(C) अनंत (C) सादा
(D) एक और अनतं के बीच (D) इनमें से कोई नहीं
78. 1.50 मीटर ऊंचाई िाले व्यवि की सपं णू ा स्टैंड अप छवि 84. आँख में फोकस वकसके द्वारा वकया र्ाता है?
देखने के वलए आिश्यक दपाण की न्यनू तम ऊंचाई होगी (A) लेंस की उत्तलता में पररितान
(A) 0.75 metre (B) लेंस के आगे और पीछे आदं ोलन
(B) 1.00 metre (C) रेवटना के आगे और पीछे आदं ोलन
(C) 1.50 metre (D) नेत्र रि के अपितानाक ं में पररितान
(D) 3.00 metre 85. वनम्नवलवखत में से कौन सा कथन सही नहीं है?
79. दरू दृवष्ट दोष दरू करने के वलए प्रयोग करता है (A) वमरार् प्रकाश के पणू ा आतं ररक पराितान के कारण
(A) अितल लेंस उत्पन्न होने िाला एक ऑवप्टकल भ्रम है
(B) उत्तल दपाण (B) सचालाइट में अितल दपाण का उपयोग वकया र्ाता है
(C) उत्तल लेंस (C) गवमायों में, आमतौर पर गहरे रंग के कपड़े सफे द या हल्के
(D) अितल दपाण रंग के कपड़े पसंद वकए र्ाते हैं
80. हाइपरमेट्रोवपया से पीवड़त व्यवि के वलए वनम्नवलवखत में (D) एक छोटे एपचार िाले उत्तल दपाण का उपयोग डॉक्टरों
से कौन सा कथन सत्य नहीं है? द्वारा रोगी के कान, नाक या गले की र्ाच ं के वलए वकया र्ाता
(A) व्यवि दरू की िस्तओ ु ं को स्पष्ट रूप से देख सकता है है
(B) लेंस की फोकल लंबाई बड़ी है 86. वमरर, र्ो सचालाइट में प्रयोग वकया र्ाता है, है

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भौतिकी (Physics)
(A) अितल दपाण (D) 4 डायोप्टर
(B) उत्तल दपाण 93. लेंस की शवि को में मापा र्ाता है
(C) सरल दपाण
(D) उपरोि में से कोई नहीं (A) डायोप्ट्रे
87. स्पष्ट दृवष्ट की न्यनू तम दरू ी (सेमी में) में (B) कल्प
(A) 25 (C) लमु ने
(B) 5 (D) कैं डेला
(C) 75 94. कै मरे के एपचार और शटर स्पीड का वनम्नवलवखत में से
(D) 100 कौन सा सयं ोर्न अवधकतम एक्सपोर्र की अनमु वत देगा?
88. सामान्य आँखों के वलए स्पष्ट दृवष्ट के वलए न्यनू तम दरू ी (A) एफ -22, 1/60
वकतनी होती है? (B) एफ -16, 1/125
(A) 10 cm (C) एफ -8, 1/250
(B) 15 cm (D) एफ-5.6, 1/1000
(C) 20 cm 95. आख ं की रेवटना की तल ु ना पारंपररक कै मरे के
(D) 25 cm वनम्नवलवखत में से वकस िाग से की र्ा सकती है?
89. र्ब लाल, नीली और हरी बवत्तयों की वकरणें एक ही (एक वफल्म
स्थान पर पड़ती हैं, तो प्रकाश का रंग बन र्ाता है (B) लेंस
(A) िायलेट (C) शटर
(B) लाल (D) किर
(C) पीला 96. मानि नेत्र में िस्तु का प्रवतवबम्ब बनता है
(D) सफे द (A) कॉवनाया
90. वकसी नेत्र लेंस की फोकस दरू ी में पररितान वकसकी विया (B) आईररस
के कारण होता है? (C) छात्र
(एक वशष्य (D) रेवटना
(B) रेवटना 97. एक अपारदशी िस्तु का रंग उसके रंग के कारण होता है
(C) वसवलअरी मासं पेवशयां (A) अिशोवषत
(D) आईररस (B) अपितान
91. यवद काचं की लेंस क्षमता 2 डायोप्टर है, तो इसकी (C) प्रवतवबवं बत करता है
फोकस दरू ी होगी (D) स्कै टर
(A) 200 cm
(B) 100 cm
(C) 50 cm
(D) 2 cm
92. धपू के चश्मे की शवि है
(A) 0 डायोप्टर
(B) 1 डायोप्टर
(C) 2 डायोप्टर

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भौतिकी (Physics)
98. रंगीन टेलीविर्न में रंग तीन मल ू रंगों के सयं ोर्न से बनता 5. आकाश में वदखाई दे रहा ध्रिु तारा
है, िे हैं: उपरोि में से कौन-सा प्रकावशक भ्रम है?
(A) लाल, नीला और नारंगी (A) 1, 2 और 3
(B) लाल, हरा और नीला (B) 3, 4 और 5
(C) लाल, पीला और हरा (C) 1, 2 और 4
(D) लाल, हरा और िरू ा (D) 2, 3 और 5
99. मनष्ु य की सामान्य स्िस्थ आँख के वलए स्पष्ट दृवष्ट की 105. वनम्नवलवखत कथनों पर विचार करें।
न्यनू तम दरू ी माना र्ाता है 1. फाइबर ऑवप्टक्स पणू ा आतं ररक पराितान के वसद्धांत पर
(A) 50 cm आधाररत है।
(B) 10 cm 2. एक ऑवप्टकल फाइबर संचार प्रणाली में, वबर्ली की
(C) 15 cm खपत बेहद कम होती है।
(D) 25 cm 3. ऑवप्टकल फाइबर सचं ार रेवडयो रीक्िेंसी हस्तक्षेप से मि

100. कौन सा प्राथवमक रंग नहीं है? हैं।
(A) काला 4. िारत में, ररलायसं ग्रपु ऑफ इडं स्ट्रीर् ऑवप्टकल फाइबर
(B) पीला के वनमााण में लगी हुई है।
(C) लाल इनमें से कौन से कथन सही हैं?
(D) नीला (A) 1, 2 और 3
101. तीन रंग प्राथवमक रंग हैं। ये हैं (B) 1, 2 और 4
(A) नीला, पीला और लाल (C) 1, 3 और 4
(B) नीला, हरा और लाल (D) 2, 3 और 4
(C) पीला, हरा और लाल 106. वनम्नवलवखत प्राकृ वतक िटनाओ ं पर विचार करें।
(D) नीला, पीला और लाल 1. स्थलीय ताप
102. सयू ा के प्रकाश में वनवहत रंगों की संख्या है 2. प्रकाश का पराितान
(A) 3 3. प्रकाश का अपितान
(B) 5 4. प्रकाश का विितान
(C) 6 इनमें से वकस िटना के कारण मृगतृष्णा का वनमााण होता है?
(D) 7 (A) 1 और 2
103. वनम्नवलवखत विकल्पों में से विषम रंग ज्ञात कीवर्ए। (B) 2, 3 और 4
(A) हृरा (C) 1 और 3
(B) ब्राउन (D) के िल 4
(C) लाल
(D) पीला
104. वनम्नवलवखत पररिटनाओ ं पर विचार कीवर्ए।
1. सयू ाास्त के समय सयू ा का आकार
2. िोर के समय सयू ा का रंग
३. िोर के समय चंरमा वदखाई देना
4. आकाश में तारों का वटमवटमाना

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भौतिकी (Physics)
107. नीचे दो कथन वदए गए हैं, एक को अविकथन (A) और(B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही
दसू रे को कारण (R) के रूप में लेबल वकया गया है। व्याख्या नहीं है
अविकथन (A) : एक हीरा एक ही आकार में काटे गए कांच(C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है
की नकल की तल ु ना में अवधक चमकता है। (D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है
कारण (R) : हीरे का अपितानाक ं कांच के अपितानांक से कम
110. वनम्नवलवखत कथनों पर विचार करें।
होता है। 1. यवद मैर्ेंटा और पीले रंग के िृत्त प्रवतच्छेद करते हैं, तो
उपरोि दो कथनों के संदिा में, वनम्नवलवखत में से कौन-सा
प्रवतच्छे वदत क्षेत्र का रंग लाल होगा।
एक सही है? 2. यवद वसयान और मैर्ेंटा रंग के िृत्त प्रवतच्छेद करते हैं, तो
(A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही प्रवतच्छे वदत क्षेत्र का रंग नीला होगा।
व्याख्या है ऊपर वदए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही
(A) के िल 1
व्याख्या नहीं है (B) के िल 2
(C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है (C) दोनों 1 और 2
(D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है (D) न तो 1 और न ही 2
108. वनम्नवलवखत कथनों पर विचार करें। 111. अविकथन (A) : प्रकाश के दृश्य स्पेक्ट्रम में लाल
1. लंबी तरंगदैर्घया के प्रकाश का प्रकीणान छोटी तरंगदैर्घया के
प्रकाश हरे प्रकाश की तल ु ना में अवधक ऊर्ाािान होता है।
प्रकाश की तल ु ना में बहुत अवधक होता है। कारण (R) : लाल प्रकाश की तरंगदैर्घया हरे प्रकाश की
2. पानी में दृश्य प्रकाश की गवत वनिाात में गवत से 0.95 गनु ा
तरंगदैर्घया से अवधक होती है।
है। कोड
3. रेवडयो तरंगें विद्यतु धाराओ ं के तीव्र दोलन से उत्पन्न होती
(A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही
हैं। व्याख्या है
4. अवधक गवत िाले िाहनों का पता लगाने के वलए पवु लस
(B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही
परािवतात लिु रेवडयो तरंगों के डॉप्लर प्रिाि का उपयोग
व्याख्या नहीं है
करती है। (C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है
इनमें से कौन से कथन सही हैं? (D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है
(A) 1 और 2 112. अविकथन (A) : खतरे का संकेत लाल रंग से बना होता
(B) 1 और 3 है।
(C) 2 और 4 कारण (R) : लाल रंग का प्रकीणान सबसे कम होता है।
(D) 3 और 4 नीचे वदए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चवु नए।
109. दािा (ए): एक चलवचत्र में, आमतौर पर 24 रे म वफल्म
(A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही
की परू ी लंबाई में हर सेकेंड पेश वकए र्ाते हैं। व्याख्या है
कारण (R) : आँख की रेवटना पर बनने िाला प्रवतवबम्ब(B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही
उद्दीपन को हटाने के बाद लगिग 0.1s तक बना रहता है।
व्याख्या नहीं है
(C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है
कोड (D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है
(A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही 113. वनम्नवलवखत कथनों पर विचार कीवर्ए।
व्याख्या है 1. कम प्रकीणान के कारण आकाश नीला वदखाई देता है।

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भौतिकी (Physics)
2. इन्रधनषु के सात रंगों का मख्ु य कारण प्रकाश का प्रकीणान (A) 1 और 2
है। (B) 2 और 3
3. सयू ोदय के समय सयू ा प्रकाश के प्रकीणान के कारण लाल (C) 1 और 3
वदखाई देता है। (D. उपरोि सिी
वनम्नवलवखत कथनों से। 116. अविकथन (A) : एक छड़ी को पानी में वतरछी वस्थवत
(A) के िल 1 सच है में डुबोया र्ाता है। यवद बग़ल में देखा र्ाए, तो छड़ी छोटी
(B) 1 और 3 सत्य हैं और पानी की सतह पर मड़ु ी हुई वदखाई देती है।
(C) के िल 2 सच है कारण (R) : छड़ी से आने िाला प्रकाश पानी के अणओ ु ं से
(D) 2 और 3 सत्य हैं प्रकीणान से गर्ु रता है वर्ससे छड़ी छोटी और मड़ु ी हुई वदखाई
114. अविकथन (A) : ट्रैवफक वसग्नलों पर लगे काचं के छोटे देती है।
मोती र्ब प्रकाश उन पर पड़ते हैं तो िे चमकते हैं। कोड
कारण (R) : र्ब आपतन कोण एक वनवश्चत िावं तक मान से (A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही
अवधक हो र्ाता है और सिन मार्धयम में यात्रा करने िाला व्याख्या है
प्रकाश विरल मार्धयम से परािवतात हो र्ाता है तो प्रकाश परू ी (B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही
तरह से परािवतात हो र्ाता है। व्याख्या नहीं है
कोड (C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है
(A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही (D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है
व्याख्या है 117. वनम्नवलवखत कथनों पर विचार करें।
(B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही 1. यवद कोई व्यवि पानी की बाल्टी में रखे वसक्के को देखता
व्याख्या नहीं है है, तो वसक्का िास्ति में वर्तना है उससे अवधक वनकट प्रतीत
(C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है होगा।
(D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है 2. यवद कोई व्यवि पानी के नीचे एक वसक्के को पानी की
115. र्ब सयू ा का प्रकाश िषाा की बदंू ों पर पड़ता है तो सतह के ऊपर देखता है, तो वसक्का िास्ति में वर्तना है उससे
इरं धनषु उत्पन्न होता है, इसके वलए वनम्नवलवखत में से कौन अवधक उच्च स्तर पर वदखाई देगा।
सी िौवतक िटनाएँ वर्म्मेदार हैं? उपरोि में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
1. फै लाि (A) 1 और 2
2. अपितान (B) के िल 1
3. आतं ररक प्रवतवबंब (C) के िल 2
नीचे वदए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चवु नए। (D) न तो 1 और न ही 2

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भौतिकी (Physics)
ANSWER SHEET
1. (D) 2. (B) 3. (B) 4. (B) 5. (C) 6. (C) 7. (A) 8. (B) 9. (C) 10. (A)
11. (C) 12. (D) 13. (D) 14. (A) 15. (D) 16. (A) 17. (A) 18. (B) 19. (A) 20. (C)
21. (A) 22. (D) 23. (D) 24. (D) 25. (C) 26. (C) 27. (B) 28. (A) 29. (D) 30. (B)
31. (C) 32. (D) 33. (C) 34. (A) 35. (D) 36. (B) 37. (C) 38. (C) 39. (D) 40. (C)
41. (B) 42. (B) 43. (B) 44. (B) 45. (D) 46. (D) 47. (A) 48. (D) 49. (A) 50. (C)
51. (A) 52. (A) 53. (B) 54. (A) 55. (A) 56. (B) 57. (A) 58. (C) 59. (B) 60. (B)
61. (A) 62. (C) 63. (C) 64. (A) 65. (B) 66. (B) 67. (D) 68. (D) 69. (A) 70. (D)
71. (B) 72. (D) 73. (D) 74. (D) 75. (C) 76. (B) 77. (C) 78. (A) 79. (C) 80. (D)
81. (B) 82. (D) 83. (B) 84. (A) 85. (D) 86. (A) 87. (A) 88. (D) 89. (D) 90. (D)
91. (C) 92. (A) 93. (A) 94. (A) 95. (A) 96. (D) 97. (C) 98. (B) 99. (D) 100. (A)
101. (B) 102. (D) 103. (B) 104. (C) 105. (A) 106. (C) 107. (C) 108. (D) 109. (C) 110. (C)
111. (D) 112. (A) 113. (B) 114. (A) 115. (D) 116. (C) 117. (A)

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