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Class Iv Work
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मौखिक
लिखित
1. झाड़ूओं की झाड़-िटकार से राज्य में इतनी धूि उड़ी कक सूरज का प्रकार् मंद हो गया।
राजा और प्रजा खााँसते-खााँसते हैरान-परे र्ान हो गए।
2. धि
ू पर जि-छिड़काव में इतना पानी खचश हुआ कक कुएाँ और तािाब सख
ू गए। राज्य के
िोग प्यासे मरने िगे।
3. क्योंकक चमशकारो के पास न तो धरती को मढ़ने के िायक चमड़ा था, न इतनी र्क्क्त।
4. बढ़
ू े चमशकार ने अपनी झोिी से थोड़ा-सा मि
ु ायम चमड़ा छनकािा और उसे काट-िााँटकर
लसि हदया। किर उसे राजा के दोनोों पैरोों पर मढ़ हदया।
कक्षा पाांचवी
मौखिक
1. ववक्रम ने राजा बनते ही लर्कार करना र्रू
ु ककया। उस नेहरे -भरे वक्ष
ृ ों को कटवाकर कई
नगर बसाए, क्जसकी वजह से पयाशवरण असंतुलित हो गया। उसके राज्य में बाररर् नही
हुई और सख
ू ा पड़ गया।
2. राजकुमार र्ौयश ने लर्कार पर परू ी रोक िगा दी। जगह-जगह पेड़ िगवाए। खािी पड़ी
जमीन पर िूिोों के बीज त्रबखरवाए।
3 राजा र्ौयश को जब यह पता चिा कक ववक्रम ने आक्रमण कर हदया है , तब अपने सैछनकों
और मासूम प्रजा का ध्यान आते ही उनके चेहरे पर चचंता की िकीरें उभर आईं।
लिखित
1. गुरु जी ने समझाया था-
क. जहााँ तक हो सके, युद्ध न करना, अहहंसा का मागश अपनाना
ख. सदा प्रकृछत की रक्षा करना।
2. पयाशवरण असंति
ु न का पररणाम यह हुआ कक बाररर् न के बराबर हुई और आए हदन
सूखा पड़नेिगा।
3. राजा ववक्रम नगर में प्रवेर् करके अचंलभत हुए क्योंकक चारों तरफ़ हरे -भरे पेड़ हवा
के साथ-साथ झम
ू रहे थे। िूि खखि रहे थे, भीनी-भीनी सग
ु ध
ं िैि रही थी। सब तरफ़
िूिों का जादई
ु संसार िैिा हुआ था।
4. राजा र्ौयश की योजना थी कक जैसे ही ववक्रम के सैछनक राज्य में घुसेंगे, वे
मधम
ु क्खखखयों के ित्तों को गि
ु ेिो से तोड़ दें गे। गस्
ु ससैि मधम
ु क्खखखयााँ राजा ववक्रम
के सैछनको पर हमिा करें गी और वे बंदी बना लिए जाएाँगे।
5. ववदा होते समय ववक्रम को बोरो में िूिो के बीज लमिे।