Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 1

पा यपु तक के न-अ यास

कहानी से
न 1.
कंचे जब ज़ोर से नकलकर अ पू के मन क क पना म समा जाते ह, तब या होता है ?
उ र- कंचे जब ज़ार से नकलकर अ पू के मन क क पना म समा जाते ह, तब वह जार और
कंच के अलावे कुछ नह ं सोचता है । उसे क पना क द ु नया म लगता है क जैसे कंच का ज़ार
बड़ा होकर आसमान-सा बड़ा हो गया और वह उसके भीतर समा गया। वह अकेला ह कंचे चार
ओर बखेरता हुआ मज़े से खेल रहा था। आँवले सा गोल हर लक र वाले सफ़ेद गोल कंचे उसके
दमाग म पूर तरह छा गए। मा टर जी पाठ म रे लगाड़ी’ के बारे म पढ़ा रहे थे ले कन उसका
यान पढ़ाई म नह ं था। वह तो केवल कंच के बारे म सोच रहा था, इसके लए उसने मा टर
जी से डाँट भी खाई ।।

न 2.
दक
ु ानदार और ाइवर के सामने अ पू क या ि थ त है ? वे दोन उसको दे खकर पहले परे शान
होते ह, फर हँ सते ह। कारण बताइए।
उ र- दक
ु ानदार व ाइवर के सामने अ पू एक छोटा ब चा है जो अपनी ह द ु नया म म त है ।
दक
ु ानदार उसे दे खकर पहले परे शान होता है । वह कंचे दे ख तो रहा है ले कन खर द नह ं रहा।
फर जैसे ह अ पू ने कंचे खर दे तो वह हँस दया। ऐसे ह जब अ पू के कंचे सड़क पर बखर
जाते ह तो तेज़ र तार से आती कार का ाइवर यह दे खकर परे शान हो जाता है क वह दघ
ु टना
क परवाह कए बना, सड़क पर कंचे बीन रहा है । ले कन जैसे ह अ पू उसे इशारा करके अपना
कंचा दखाता है तो वह उसक बचपन क शरारत समझकर हँ सने लगता है ।

न 3.
मा टर जी क आवाज़ अब कम ऊँची थी। वे रे लगाड़ी के बारे म बता रहे थे। मा टर जी क
आवाज़ धीमी य हो गई होगी? ल खए।
उ र- जब मा टर जी ने क ा के ब च को रे लगाड़ी का पाठ पढ़ाना शु कया था, तब उनक
आवाज ऊँची थी य क वे सभी ब च का यान आक षत करना चाहते थे। यानपूवक पाठ को
सन
ु सक। जब पाठ शु हो गया तब ब चे यानपव
ू क उनक बात सन
ु ने लगे तो उनक आवाज़
धीमी हो गई।

You might also like