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Lachesis The Homeo
Lachesis The Homeo
Lachesis The Homeo
के (१८००-१८८० )
सोने के बाद जब वह उठता है, तो भयकर सिर-दर्द, हृदय की घडकन, मायूसी
पकडती है। उसका झरीर कष्ट से आक्रान्त हो जाता है, उसे जीवन में कही
उजाला दिखाई नही देता । जीवन अन्वकारमय, मेघाच्छन्त, कप्टो से भरा
प्रतीत होता है, और पागरूपन के विचार मन पर आक्रमण करने लगते हैं।
खासी, दर्द, दमा, अकडन--कोई भी रोग हो, सोने के वाद वढ जाता है।