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Humayuns Tomb हिस्ट्री
Humayuns Tomb हिस्ट्री
Humayuns Tomb हिस्ट्री
हुमायूँ का मकबरा वास्तु शिल्प का एक उत्क्रिस्ट नमूना है। यह भारत में बना हुआ पहला
उद्यान मकबरा है। यह मुग़ल बादशाह हुमायु का मकबरा है। इसे अब UNESCO की
हुमायूँ का मक़बरा निजामुद्दीन दरगाह के निकट और यमुना नदी के किनारे बना हुआ
है।
हुमायूँ का मक़बरा का निर्माण मुग़ल सम्राज्य के शासक अकबर ने करवाया था। मिराक
मकबरे का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 1572 में मकबरे का निर्माण कार्य पूरा हो
गया था।
इस मकबरे का का निर्माण कार्य हुमायु की पत्नी बेगम हमीदा बनो बेगम के आदेश पर
हुआ था। बेगम हमीदा बनो बेगम ने ही मकबरे के निर्माण कार्य के लिए धन राशि दी थी।
हुमायूँ के मक़बरे में हुमायूँ की कब्र के साथ साथ 150 कब्रे है। यहाँ पर हुमायूँ की पत्नी
बेगम हमीदा बानो बेगम की कब्र भी है। इन के साथ साथ यहाँ हुमायूँ के शाही नाइ की
कब्र भी है।
यहां पर हुमायूँ के द्वारा उपयोग होने वाली पगड़ी , तलवार , जूते आदि भी रखे हुए है।
हुमायूँ के मक़बरे में आपको विशेष प्रकार की कारीगरी देखने के लिए मिलेगी जो की
आज के समय में मकबरे के देख रेख आगा खान ट्रस्ट करती है साथ साथ यहाँ पुरातत्व
हुमायूँ का मकबरा मुग़ल और फारसी शैली में बना हुआ है। हुमायूँ का मकबरा करीब 27
हुमायूँ के मक़बरे का निर्माण करते वक़्त चारबाग़ शैली का ध्यान रखा गया है।
हुमायूँ के मक़बरे का निर्माण करने के लिए भारतीय कारीगरों के साथ साथ फ़ारसी
मक़बरे के चारो तरफ बगीचा बना हुआ है जिससे की चार रस्ते मक़बरे की ओर गए है।
हुमायूँ के मक़बरे में घूमने के लिए भारतीय पर्यटकों को 30 रूपए का टिकट लेना
होगा।
हुमायूँ का मक़बरा सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे का खुला रहता है। आप किसी भी समय
यदि आप सुबह सूर्य उदय के समय जाते है यहां तो यह सबसे बेहतर समय है घूमने के
लिए।
हुमायूँ के मक़बरे में फोटोग्राफी पूरी तरह से निशुल्क है। साथ साथ यही वीडियो शूटिंग
इसके अलावा आप सारे काले खान मेट्रो स्टेशन से भी यहाँ पहुं च सकते है।
आगे भी हो आप लोग के लिए ऐसे ही अद्भुत और रोचक ऐतिहासिक बातें करते रहेंगे