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HANDWRITTEN

2023

NOTES
LATEST
EDITION

STAFF SELECTION COMMISSION


COMBINED GRADUATE LEVEL
(Pre. + Mains के लए)
SSC–CGL

Pre + Mains
भाग – 2

2023
सामान्य जागरूकता (G.K)
प्रस्तावना
प्रिय पाठकों, िस्तुत नोट्स “SSC CGL ( COMBINED GRADUATE LEVEL)” को एक
प्रिभिन्न अपने अपने प्रिषयों में ननपुण अध्यापकों एिं सहकनमियों की टीम के द्वारा तैयार
प्रकया गया है / ये नोट्स पाठकों को कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित
करायी िाने िाली परीक्षा “SSC CGL ( COMBINED GRADUATE LEVEL)” िती
परीक्षा में पूणण संिि मदद करें गें /

अंततः सतकम प्रयासों के बावजूद नोट्स र्ें कुछ कमर्यों तथा त्रुटियों के रहने की
संभावना हो सकती है / अतः आप सूचच पाठकों का सुझाव सादर आर्ंटत्रत हैं/

प्रकाशक:

INFUSION NOTES

ियपुर, 302029 (RAJASTHAN)

मो : 9887809083

ईमेल : contact@infusionnotes.com

िेबसाइट : http://www.infusionnotes.com

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र्ूल्य : संस्करण : नवीनतर् (2023)


संविधान

1. ऐतिहाससक पृष्ठभूमि 1
2. संविधान सभा 4
3. संविधान की विशेषिाएं 6
4. संघ एिं इसका राज्य क्षेत्र 10
5. भारिीय नागररकिा 11
6. िौसिक अमधकार 12
7. नीति मनदे शक ित्व 15
8. राष्ट्रपति एिं उपराष्ट्रपति 17
9. भारिीय संसद (विधामयका) 22
10. प्रधानिंत्री एिं िंवत्रपररषद 28
11. उच्चिि न्यायािय 29
12. राज्य काययपासिका 31
13. िुख्यिंत्री, राज्य िहामधिक्ता, राज्य विधानिण्डि 33
14. उच्च न्यायािय 40
15. पंचायिी राज 43
16. मनिायचन आयोग 48
17. मनयंत्रक एिं िहािेखा परीक्षक 49
18. नीति आयोग 50
19. राष्ट्रीय िानिामधकार आयोग 52
20. संविधान संशोधन 53

भारि का भूगोि
1. सािान्य पररचय 54
2. भौतिक विभाजन 57
3. नददयााँ एिं झीिें 63
4. जििायु 69
5. कृषष (agriculture) 71
6. िृदा / मिट्टी 79
7. प्राकृतिक िनस्पतियााँ 81
8. प्रिुख खमनज एिं ऊजाय संसाधनउद्योग (Industry) 84
9. उद्योग (Industry) 89
10. पररिहन िंत्र 94
विश्व भूगोि 99- 145
 ब्रह्माण्ड एिं सौरिंडि
 िहाद्वीप एिं िहत्वपूर्य स्थान
 एसशया की प्रिुख नददयां
 एसशया की प्रिुख जि संमधयां
 अफ्रीका िहाद्वीप के प्रिुख पियि एिं पठार
 पियि (Mountains) एिं पठार
 विश्व के प्रिुख िहासागर और सागर
 दे शो की संसदों के नाि

इतिहास
प्राचीन भारि का इतिहास
1. ससन्धु घाटी सभ्यिा 146
2. िैददक काि 149
3. बौद्घ धिय, जैन धिय, शैि धिय, 154
4. िहाजनपद काि 159
5. िौयय काि एिं िौयोत्तर काि 161
6. गुप्त काि एिं गुप्तोत्तर काि 165
7. कुषार् िंश एिं साििाहन राजिंश 168

िध्यकािीन भारि

1. अरबों का ससन्ध पर आक्रिर् 170


2. ददल्ली सल्तनि के प्रिुख राजिंश 172
3. भक्तक्त एिं सूफी आंदोिन 182
4. बहिनी एिं विजयनगर साम्राज्य 186
5. िुगि साम्राज्य (1526 - 1707 ई.) 189

आधुमनक भारि का इतिहास

1. यूरोपीय कम्पमनयों का आगिन 198


2. िराठा साम्राज्य 204
3. अंग्रेजों की राजनीतिक एिं प्रशासमनक नीतियााँ 206
4. 1857 की क्रांति से पूिय के जन आंदोिन 213
5. भारि िें राष्ट्रीय जागरर् या आंदोिन 218
6. गााँधी युग और असहयोग आंदोिन 222
7. क्रांतिकारी आंदोिन से आजादी िक 228

भारिीय संस्कृति

1. भारि के प्रिुख शास्त्रीय नृत्य / नियक 232


2. भारिीय क्तचत्रकिा 234
3. भारिीय नृत्य किाएाँ 236
4. िुगिकािीन प्रिुख इिारिें 238

अर्यशास्त्र
भारिीय अर्यव्यिस्था
1. अर्यशास्त्र की िूिभूि अिधारर्ाएाँ 243
2. राष्ट्रीय आय और उत्पाद 244
3. िुद्रा एिं बैंदकिं ग 246
4. बजट एिं बजट मनिायर् 249
5. कर TAX 251
6. केंद्र सरकार की योजनाएाँ 252
7. गरीबी एिं बेरोजगारी 258

विविध 261-341

 िहत्वपूर्य ददिस
 विश्व के प्रिुख दे श, राजधानी एिं उनकी िुद्राओ ं की सच
ू ी:
 पुस्तक एिं िेखक
 भारि िें सिायमधक बडा, िम्बा एिं ऊाँचा
 विश्व िें सबसे बडा छोटा, िम्बा िर्ा ऊाँचा
 भारि िें प्रर्ि पुरुष
 भारि िें प्रर्ि िरहिा
 भारि का मनम्न क्षेत्रों िें प्रर्ि एिं दद्विीय स्थान
 भारि िें विमभन पुरस्कार एिं सम्मामनि व्यक्तक्त
 विश्व के प्रिुख सग
ं ठन और उनके िुख्यािय
 आविष्कार-आविष्कारक
 भारि के प्रिुख खेि
 राष्ट्रीय खेि पुरस्कार
 भारि िें विश्व धरोहर स्थि
 भारि के राज्यों के िुख्यित्री
ं एिं राज्यपाि
 भारि के राजकीय पशु पक्षी , िृक्ष और फूि की सच
ू ी
 भारि के राष्ट्रीय उद्यान एिं अभयारण्य
 केन्द्रीय िंवत्रयों की सच
ू ी इस प्रकार है
 राज्यों की राजधानी और स्थापना ददिस
 केंद्र प्रदे शों और उनकी राजधामनयों की सूची Union

 िहारत्न कम्पमनयों के मनदे शक


 राष्ट्रीय िरहिा मनयुक्तक्तयााँ
 विश्व के प्रिुख कम्पमनयों के सीईओ (CEOs)
 शहरों / अमभयानों के पररितििि नाि
 भारिीय एयरिाइन्स एिं उनके प्रिुख
 भारि िें आए िूफान एिं चक्रिाि
 अर्द्य सैमनक बिों के प्रिुख
 राष्ट्रीय िरहिा मनयुक्तक्तयााँ
 विश्व के प्रिुख कम्पमनयों के सीईओ (CEOs)
 िहारत्न कम्पमनयों के मनदे शक
 अर्द्य सैमनक बिों के प्रिुख
 शहरों / अमभयानों के पररितिि
ि नाि
 िहोत्सि / सम्मेिन / बैठक
 प्रिुख ऑपरे शन
 भौगोसिक संकेत (GI Tags) प्राप्त उत्पाद
सामालजक तथा आतथिक लोकतंत्र की स्थािना करते अध्याय – 8
हुए लोक कल्याणकारी राज्य का मागट प्रसस्थ करना
है।
िूल किगव्य
राष्ट्रपति एिं उपराष्ट्रपति

 मूल भारतीय संटविान में नागररकों के कतटव्यों से राष्ट्रपति पद अहगिाएाँ (अनुच्छेद 58)
सम्बंधित भाग को सच्चम्मललत नहीं टकया गया था।  भारत का नागररक हो 1
 42 वें संटविान संशोिन अधिधनयम, 1976 द्वारा  न्यूनतम आयु 35 वषट हो 1
संटविान में एक नए भाग IV-A और इसके अंतगटत  वह लोक सभा का सदस्य धनवाटलचत होने की योग्यता
एक नया अनुच्छेद 51(a) जोड़ा गया । रखता हो 1
 इसके द्वारा इस भाग में 10 मूल कतटव्यों को सच्चम्मललत  वह की लाभ के िद िर कायटरत न हो 1
टकया गया।  वह िागल या डदवाललया न हो
 11वें मूल कतटव्य को 86 वें संटविान संशोिन  भारत में राष्ट्रितत का धनवाटचन अप्रत्यक्ष मतदान से
अधिधनयम, 2002 द्वारा जोड़ा गया । (आनुिाततक प्रततधनधित्व से एकल संक्रमणीय मत
 इनकी प्रेरणा भूतिूवट सोटवयत संघ(USSR) के िितत द्वारा होता है 1
संटविान से ग्रहण की गयी ।
 सरदार स्वणट लसिंह सधमतत की लसफाररशों के आिार भारि के राष्ट्रपति के चुनाि िें ििदान करने िाले
िर ही 42वें संशोिन अधिधनयम, 1976 लजसे ‘‘धमनी सदस्य –
कॉन्स ीट्यूशन’’ भी कहा जाता है , भारतीय संटविान  राज्य सभा, लोक सभा और राज्यों व केन्द्रशालसत
में मूल कतटव्यों को शाधमल टकया गया । प्रदेशों की टविान सभाओं के धनवाटलचत सदस्य शाधमल
 इसके तहत, टवणभन्न अनुच्छेदों और यहॉं तक की होते हैं 1
प्रस्तावना में भी संशोिन टकया गया ।  भारत के राष्ट्रितत उम्मीदवार के प्रस्ताव का अनुसमथटन
 सरदार स्वणट लसिंह सधमतत द्वारा 8 मूल कतटव्यों को कम से कम 50 धनवाटचको द्वारा होता है 1
जोड़े जाने और इनके अनुिालन न टकये जाने िर दंड़  भारत में राष्ट्रितत का चुनाव एकल संक्रमणीय मत
के प्राविान की लसफाररश की गयी थी । प्रणाली द्वारा होता है 1
 सवोच्च्य न्यायालय के मुख्य न्यायिीश P.N भगवती  राष्ट्रितत के धनवाटचन में टकसी राज्य का मुख्यमंत्री उस
(1985 -86) को जनडहत यालचका का जनक च्चस्थतत में मतदान करने के ललए िात्र नही होगा यडद
(father of PIL) कहा जाता है 1 वह टविान मण्डल में उच्च सदन का सदस्य हो 1
 टकसी व्यधक्त को राष्ट्रगान गाने के ललए बाध्य टकया  राज्यों की टविान सभायें राष्ट्रितत के धनवाटचक मण्डल
जा सकता है ऐसा सवोच्च्य न्यायालय ने टवजय का तो भाग है िरं तु वह उसके महाणभयोग में भाग नही
इमैनुअल बनाम केरल केरल राज्य (1986) मामले लेता है 1
में ऐसा कहा 1
 मूल कतटव्यों को मुख्यत : दो वगो -नैततक कतटव्य राष्ट्रपति की पदािमध (Term of Office)
तथा नागररक कतटव्य में रखा गया है 1  अनु. 56 के अनुसार, राष्ट्रितत की िदावधि, उसके िद
 मूल कतटव्य केवल नागररकों िर लागू होते हैं 1 िारण करने की तततथ से िांच वषट तक होती है ।
 संटविान का अततक्रमण करने िर अनुच्छेद 61 में वणणित
महाणभयोग की प्रटक्रया द्वारा उसे िदमुक्त टकया जा
सकता है ।
 अनु. 61(1) के तहत, महाणभयोग हे तु एकमात्र आिार
‘संटविान का अततक्रमण’ उस्लल्लखखत है ।
 यडद राष्ट्रितत का िद उसकी मृत्य,ु त्यागित्र, धनष्कासन
अथवा टकन्हीं अन्य कारणों से ररक्त हो तो उिराष्ट्रितत,
नये राष्ट्रितत के धनवाटलचत होने तक कायटवाहक
राष्ट्रितत के रूि में कायट करे गा ।
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 यडद उिराष्ट्रितत, का िद ररक्त हों, तो भारत का मुख्य राष्ट्रपति मनम्न दशाओ ं िें पांच िषग से पहले भी पद
न्यायािीश (और यडद यह भी िद ररक्त हो तो उच्चतम त्यार् सकिा है 1
न्यायालय का वररष्ठतम न्यायािीश) कायटवाहक  उिराष्ट्रितत को संबोधित अिने त्यागित्र द्वारा यह
राष्ट्रितत के रूि में कायट करे गा । त्यागित्र उिराष्ट्रितत को संबोधित टकया जायेगा जो
 िद ररक्त होने की तततथ से छह महीने के भीतर नए इसकी सूचना लोक सभा अध्यक्ष को देगा 1 अनु. 56
राष्ट्रितत का चुनाव करवाया जाना आवश्यक हैं । (2)
वतटमान या भूतिूवट राष्ट्रितत, संटविान के अन्य उिबंिों  महाणभयोग द्वारा ह ाये जाने िर अनु 61 महाणभयोग के
के अिीन रहते हुए इस िद के ललए िुनधनिवाटचन का ललए केवल एक ही आिार है , जो अनु. 61 (1) में
िात्र होगा । उल्लेखखत है वह है संटविान का अततक्रमण 1
 िद- िारण करने से िूवट राष्ट्रितत को एक धनिाटररत
प्रित्र िर भारत के मुख्य न्यायािीश अथवा उनटक राष्ट्रपति पर िहामभयोर् (अनु. 61) :-
अनुिच्चस्थतत में उच्चतम न्यायालय के वररष्ठतम  महाणभयोग संसद मे संिन्न होने वाली एक अिट-
न्यायािीश के संम्मुख शिथ लेनी िड़ती है 1 न्याधयक प्रटक्रया है ।
 अनुच्छेद-77 के अनुसार भारत सरकार की समस्त  राष्ट्रितत को ‘संटविान का अततक्रमण’ करने िर उसके
कायटिाललका करवाई राष्ट्रितत के नाम से की हुई खी िद से महाणभयोग प्रटक्रया द्वारा ह ाया जा सकता है ।
जाएगी 1 और अनु. 77 (3) के अनुसार राष्ट्रितत भारत  राष्ट्रितत के टवरूि संटविान के अततक्रमण का आरोि
सरकार का कायट अधिक सुटविािूवटक टकये जाने के संसद के टकसी भी सदन में प्रारं भ टकया जा सकता हैं
ललए और मंब्रत्रओं में उक्त कायट के आवं न के ललए । एक सदन द्वारा इस प्रकार का आरोि लगाए जाने
धनयम बनाएगा 1 िर दूसरा सदन उस आरोि का अन्वेषण करे गा
करवाएगा ।
राष्ट्रपति से सम्बंमधि िहत्वपूणग अनुच्छेद  संकल्प को प्रस्ताटवत करने की सूचना िर सदन की
अनु.52 : भारत का राष्ट्रितत कुल सदस्य संख्या के कम से कम एक चौथाई सदस्यों
अनु.53 : संघ की कायटिाललका शधक्त के हस्ताक्षर होंगे । इस हे तु 14 डदनों की अणग्रम सूचना
अनु.54 : राष्ट्रितत का धनवाटचक मण्डल देना आवश्यक हैं । संकल्प उस सदन की कुल सदस्य
संख्या के कम से कम दो ततहाई बहुमत से िाररत टकया
अनु.55 : राष्ट्रितत के धनवाटचन की रीतत
जाना चाडहए ।
अनु.56 : राष्ट्रितत की िदावधि  चूाँटक संटविान राष्ट्रितत को ह ाने का आिार और
अनु.57 : िुनधनिवाटचन के ललए िात्रता तरीका प्रदान करता है , अतः अनुच्छेद 56 और 61 की
अनु.58 : राष्ट्रितत धनवाटलचत होने के ललए शतों के अनुरूि महाणभयोग के अततररक्त उसे और
अहटताएाँ टकसी भी तरीके से नहीं ह ाया जा सकता है ।
अनु.59 : राष्ट्रितत िद के ललए शते
अनु.60 : राष्ट्रितत द्वारा शिथ या प्रततज्ञान अन्य आकस्मिकिाओ ं िें राष्ट्रपति के कृत्यों का
अनु.61 : राष्ट्रितत िर महाणभयोग चलाने की मनिागचन अनु. 70
प्रटक्रया  जब राष्ट्रितत एवं उिराष्ट्रितत दोनों का िद ररक्त हो
तो ऐसी आकच्चस्मकताओं में अनु.-70 राष्ट्रितत के
अनु.62 : राष्ट्रितत का िद ररक्त होने की च्चस्थतत में
कृत्यों का धनवटहन का उिबन्ध करता है 1 इसके
उसे भरने के ललए धनवाटचन करने का समय और
अनुसार संसद जैसा उलचत समझे वैसा उिबंि कर
आकच्चस्मक ररधक्त को भरने के ललए धनवाटलचत
सकती है 1 इसी उद्दे श्य से
व्यधक्त की िदावधि
 संसद ने राष्ट्रितत उत्तराधिकार अधिधनयम, 1969 ई.
अनु.72 : क्षमा आडद की और कुछ मामलों में
िाररत टकया 1 जो यह उिबंधित करता है की यडद
दंिादेश के धनलम्बन, िररहार या लघुकरण की
उिराष्ट्रितत भी टकसी कारणवश उिलब्ध नही है तो
राष्ट्रितत की शधक्त
उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायािीश या उसके
अनु.73 : संघ की कायटिाललका शधक्त का टवस्तार नही रहने िर उसी न्यायालय का वररष्टतम

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न्यायािीश, जो उस समय उिलब्ध हो, राष्ट्रितत के के प्रथम सत्र के आरम्भ में सच्चम्मललत रूि से संसद
कृत्यों को सम्पाडदत करे गा 1 में अणभभाषण करने की शधक्त 1
 राष्ट्रितत का मालसक वेतन 5 लाख रूिए है 1  संसद द्वारा िाररत टविेयक राष्ट्रितत के अनुमोदन के
 राष्ट्रितत का वेतन आयकर से मुक्त होता है 1 बाद ही कानून बनता है 1
 राष्ट्रितत को धन:शुि धनवास-स्थान व संसद द्वारा  संसद में धनम्न टविेयक को िेश करने के ललए राष्ट्रितत
स्वीकृत अन्य भत्ते प्राप्त होते हैं 1 की िूवट सहमतत आवश्यक है 1 (A) नए राज्यों का
 राष्ट्रितत के कायटकाल के दौरान उनके वेतन तथा धनमाटण और वतटमान राज्य के क्षेत्रों, सीमाओं या
भत्ते में टकसी प्रकार की कमी नही की जा सकती है नामों में िररवतटन संबंिी टविेयक 1 (B)धन विधेयक
1 अनु.110 (C)संलचत धनधि में व्यय करने वाले टविेयक
 राष्ट्रितत के ललए 9 लाख रूिये वाटषिक िेंशन अनु.117 (3) (D)ऐसे कारािान िर, लजसमें राज्य-
धनिाटररत टकया गया है 1 डहत जुड़े हैं , प्रभाव िालने वाले टविेयक (E) राज्यों
के बीच व्यािार, वाणणज्य और समागम िर धनबटन्धन
राष्ट्रपति के अमधकार एिं किगव्य :- लगाने वाले टविेयक अनु.-304
 भारत के प्रिानमंत्री की धनयुधक्त करता है 1  यडद टकसी सािारण टविेयक िर दोनों सदनों में कोई
 प्रिानमंत्री की सलाह िर मंब्रत्रिररषद् के अन्य सदस्यों असहमतत है तो उसे सुलझाने के ललए राष्ट्रितत दोनों
की धनयुधक्त करता है 1 सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकता है अनु.108 के
 सवोय न्यायालयों एवं उच्च न्यायालय के मुख्य तहत 1
न्यायािीशों की धनयुधक्त 1  टकसी अनुदान की मांग राष्ट्रितत की लसफाररश िर
 भारत के धनयंत्रक एवं महालेखा िरीक्षक की धनयुधक्त ही की जाएगी, अन्यथा नही अनु.113
1  जब राष्ट्रितत को यह लगे की लोकसभा में आंग्ल
 राज्यों के राज्यिालों की धनयुधक्त 1 भारतीय समुदाय के व्यधक्तयों का समुलचत
 मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त की प्रततधनधित्व नही है , तब वह समुदाय के दो व्यधक्तयों
धनयुधक्त 1 को लोकसभा के सदस्य के रूि में नामांटकत कर
 भारत के महान्यायवादी की धनयुधक्त 1 सकता है अनु.331 के तहत 1
 राज्यों के मध्य समन्वय के ललए अन्तराटज्यीय िररसद  इसी प्रकार वह कला, साडहत्य ित्रकाररता, टवज्ञान
के सदस्य 1 तथा सामालजक कायों में ियाटप्त अनुभव एवं दक्षता
 संघीय क्षेत्रों के मुख्य आयुक्तों 1 रखने वाले 12 व्यधक्तयों को राज्य सभा में नामजद
 संघीय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य कर सकता है अनु.80 (3) के तहत
सदस्यों 1  राष्ट्रितत संसद के स्थगन के समय अनु. 123 के
 टवत्त आयोग के सदस्यों 1 तहत अध्यादे श जारी कर सकता है 1
 भाषा आयोग के सदस्यों 1  सैन्य बलों की सवोय शधक्त राष्ट्रितत के िास होती
 टिछड़ा वगट आयोग के सदस्यों 1 है 1 टकन्तु इसका वास्तटवक प्रयोग टवधि द्वारा
 अल्प संख्यक आयोग के सदस्यों 1 धनयधमत होता है 1
 भारत के राजदूतों तथा अन्य राजनधयकों1  दूसरे देशों के साथ कोई भी समझौता या संधि
 अनुसूलचत क्षेत्रों के प्रशासन के संबंि में ररिो ट दे ने राष्ट्रितत के नाम से की जाती है 1 राष्ट्रितत टवदे शों
वाले आयोग के सदस्यों आडद 1 के ललए भारतीय राजदूतों की धनयुधक्त करता है एवं
 राष्ट्रितत संसद का अणभन्न अंग होता है 1 इसे धनम्न भारत में टवदेशों के राजदूतों की धनयुधक्त का अनुमोदन
टविायी शधक्तयां प्राप्त होती है 1 करता है 1
 संसद के सत्र को आहूत करने, सत्रावसान करने तथा  संटविान के अनु.-72 के अंतगटत राष्ट्रितत को टकसी
लोकसभा भंग करने संबंिी अधिकार प्राप्त हैं 1 अिराि के ललए दोषी ठहराये गए टकसी व्यधक्त के
 संसद के एक सदन में या एक साथ सच्चम्मललत रूि दण्ड को क्षमा करने, उसका प्रटवलंबन, िररहार और
से दोनों सदनों में अणभभाषण करने की शधक्त 1 लघुकरण की शधक्त प्राप्त है 1
 लोकसभा के ललए प्रत्येक सािारण धनवाटचन के  आिातकाल से संबंधित उिबंि भारतीय संटविान के
िश्चात् प्रथम सत्र के प्रारम्भ में और और प्रत्येक वषट भाग -18 के अनु.-352 से 360 के अंतगटत धमलता

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है 1 मंब्रत्रिररषद् के िरामशट से राष्ट्रितत तीन प्रकार के 7 ज्ञानी जैल लसिंह 25.07.1982 से
आिात लागू कर सकती है 1 25.07.1987
 (A)- युि या बाह्य आक्रमण या सशस्त्र टवद्रोह के 8 आर. वेंक रमण 25.07.1987 से
कारण लगाया गया आिात (अनु.-352) 25.07.1992
 (B)- राज्यों में संटविाधनक तंत्र के टवफल होने से 9 िॉ. शंकर दयाल शमाट 25.07.1992 से
उत्पन्न आिात अनु.-356 अथागि राष्ट्रपति शासन 1 25.07.1997
 (C)-टवत्तीय आिात अनु.-360 (न्यूनतम अवधि- दो
10 के. आर. नारायण 25.07.1997 से
माह )
25.07.2002
 राष्ट्रितत टकसी सावटजाधनक महत्व के प्रशन िर
उच्चतम न्यायालय से अनुच्छेद 143 के अिीन 11 िॉ. ए. िी. जे. अब्दुल 25.07.2002 से
िरामशट ले सकता है 1 लेटकन वह यह िरामशट मानने कलाम 25.07.2007
के ललए बाध्य नही है 1 12 प्रततभा िाट ल 25.07.2007 से
 भारत में राष्ट्रितत के द्वारा संघ टवत्त आयोग की 25.07.2012
लसफाररशों धनयंत्रक –महालेखा िरीक्षक के प्रततवेदन, 13 प्रणव मुखजी 25.07.2012 से
राष्ट्रीय अनुसूलचत जातत आयोग एवं राष्ट्रीय 25.07.2017
जनजातत आयोग के प्रततवेदन को संसद के ि ल िर 14 राम नाथ कोटविंद 25.07.2017 से --
रखवाया जाता है 1 - 25.07.2022
 िॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रितत थे 1 वे
लगातार दो बार राष्ट्रितत धनवाटलचत हुए 1 15 25.07.2022 से
 िॉ. एस. रािाकृष्णन लागातार दो बार उिराष्ट्रितत श्ीमती द्रौिदी मुमूट धनरं तर ..
तथा एक बार राष्ट्रितत रहे 1
 केवल वी.वी. धगरी के धनवाटचन के समय दूसरे चक्र
की मतगणना करनी िड़ी 1  वी.वी. धगरर 3 मई 1969 से 20 जुलाई 1969 ई. तक
 केवल नीलम संजीव रे ड्डी ऐसे राष्ट्रितत हुए जो एक न्यायमूतति मुहम्मद डहदायतुल्ला 20 जुलाई 1969 से 24
बार चुनाव में हार गए, डफर बाद में धनटविरोि राष्ट्रितत अगस्त 1969 ई. तक एवं बी. िी.जत्ती 11 फरवरी 1977
धनवाटलचत हुए 1 से 25 जुलाई 1977 ई. तक कायटवाहक राष्ट्रितत के िद
 भारत की प्रथम मडहला राष्ट्रितत प्रततभा देवी लसिंह िर रहे 1
िाट ल है 1

उपराष्ट्रपति (vicepresident)
भारत के राष्ट्रितत
(अनुच्छेद 63-70 )
क्र.स. नाम कायटकाल
1 िॉ. राजेंद्र प्रसाद 26.01.1950 से
13.05.1962  संटविान में उिराष्ट्रितत से संबंधित प्राविान अमेररका
के संटविान से ललया ग्रहण टकया गया है 1
2 िॉ.एस.रािाकृष्णन 13.05.1962 से
 art-63 के अनुसार भारत का एक उिराष्ट्रितत होगा
13.05.1967
1
3 िॉ.जाटकर हुसैन 13.05.1967 से
 अनु.-64 एिं अनु -89 के अनुसार भारत का
03.05.1969
उिराष्ट्रितत राज्य सभा का िदेन सभाितत होता है 1
4 वी. वी. धगरर 24.08.1969 से  वेतन राज्यसभा के सभाितत के रूि में धमलता है 1
24.08.1974  उिराष्ट्रितत राज्य सभा का सदस्य नहीं होता है 1 अत:
5 फखरुद्दीन अली अहमद 24.08.1974 से इसे मतदान का अधिकार नहीं है टकन्तु सभाितत के
11.02.1977 रूि में धनणाटयक मत दे ने का अधिकार उसे प्राप्त है 1
6 नीलम संजीव रे ड्डी 25.07.1977 से  art-65 के अनुसार राष्ट्रितत के िद की आकच्चस्मक
25.07.1982 ररक्त के दौरान या उसकी अनुिच्चस्थतत में राष्ट्रितत के
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अधिवेशनों की तततथ तय करना तथा उसके ललए और शेष राज्यों में एकसदनीय टविानमंिल की
कायट सूची बनाना भी मुख्यमंत्री का ही अधिकार है । व्यवस्था है ।
 मंब्रत्रिररषद् के धनणटयों की राज्यिाल को सूचना दे ना  जम्मू-कश्मीर राज्य में भी टविान िररषद् है िरं तु इसकी
मुख्यमंत्री का संवैिाधनक कतटव्य है (अनुच्छेद 167)। व्यवस्था भारतीय संटविान द्वारा नहीं, जम्मू-कश्मीर
 मुख्यमंत्री मंब्रत्रिररषद् का ही नहीं बस्ि राज्य राज्य के अिने संटविान द्वारा की गई है ।
टविानमण्डल का भी नेता माना जाता है ।  लजन राज्यों में दो सदन हैं वहााँ एक को टविानसभा
 टविानमंिल में महत्त्विूणट धनणटयों की घोषणा तथा दूसरे को टविान िररषद् कहते हैं । लजन राज्यों में
मुख्यमंत्री ही करता है। एक सदन हे उसका नाम टविानसभा है ।
 टविानसभा को स्थधगत और भग टकये जाने का
धनणटय भी मुख्यमंत्री द्वारा ही टकया जाता है। राज्य व्यिस्थापपका की भूमिका -
 मुख्यमंत्री राज्यिाल को शासन संबंिी प्रत्येक मामले  राज्य की राजनीततक व्यवस्था में राज्य व्यवस्थाटिका
में िरामशट देता है। (State Legislature) की केन्द्रीय एवं प्रभावी भूधमका
 संटविान के अनुसार राज्यिाल उस समय मुख्यमंत्री होती है ।
का िरामशट नहीं लेता जब वह केंद्रीय सरकार के  संटविान के छठे भाग में अनुच्छेद 168 से 212 तक
प्रततधनधि के रूि में कायट करता है । अन्य च्चस्थततयों में राज्य टविानमण्डल का संगठन, कायटकाल,
राज्यिाल मुख्यमंत्री के िरामशट के अनुसार कायट अधिकाररयों, शधक्तयों एवं टवशेषाधिकार आडद के बारे
करता है। में बताया गया है । है ।
 राज्य में सभी महत्त्विूणट धनयुधक्तयााँ राज्यिाल,
मुख्यमंत्री के िरामशट के अनुसार ही कायट करता है । विधानिण्डल में दो सदन हैं उच्च सदन
अत: मुख्यमंत्री ही राज्य का वास्तटवक शासक होता टविानिररषद् और धनम्न सदन टविानसभा कहलाती है ।
है।  वतटमान में केवल सात राज्यों-कनाट क, उत्तर प्रदेश,
 राज्य का राज्यिाल, उच्च न्यायालय का न्यायािीश महाराष्ट्र, ब्रबहार, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश व जम्मू-
धनयुक्त होने के ललए अडहित टकसी व्यधक्त को राज्य कश्मीर में टविानिररषद् है ।
का महाधिवक्ता धनयुक्त करे गा (अनुच्छेद 165)।  संटविान के अनुच्छेद 171 के अनुसार, टकसी राज्य की
 उल्लेखनीय है टक महाधिवक्ता राज्यिाल के टविान िररषद् के सदस्यों की संख्या उस राज्य की
प्रसादियटन्त िद िारण करे गा और ऐसा िाररश्धमक टविानसभा के सदस्यों की संख्या के एक-ततहाई से
प्राप्त करे गा, जो राज्यिाल धनिाटररत करे । अधिक और टकसी भी च्चस्थतत में 40 से कम नहीं हो
 राज्य के महाधिवक्ता को यह अधिकार होगा टक वह सकती ।
उस राज्य की टविानसभा (Legislative Assembly)  भारतीय संसद कानून द्वारा टविान िररषद् की रचना
में या टविानिररषद् वाले राज्य की दशा में दोनों के संबंि में संशोिन कर सकती है ।
सदनों में बोले और उनकी कायटवाडहयों में अन्यथा  अनुच्छेद 173 के अनुसार, टविानिररषद् के सदस्यों के
भाग ले, टकन्तु उसे मतदान का अधिकार नहीं होगा ललए धनम्नललखखत योग्यताएाँ धनिाटररत की गई हैं ।
(अनुच्छेद 177)। 1. वह भारत का नागररक हो।
2. संसद द्वारा धनप्तश्चत अन्य योग्यताएाँ रखता हो।
राज्य विधानिण्डल 3. 30 वषट की आयु िूरी कर चुका हो।
 संरचना संटविान के अनुच्छेद 168 (अध्याय-III) के 4. टकसी न्यायालय द्वारा िागल या डदवाललया न
अंतगटत प्रत्येक राज्य हे तु एक टविानमण्डल की घोटषत टकया गया हो।
व्यवस्था की गई है । 5. संसद द्वारा बनाए गए टकसी कानून के अनुसार
 इसी अनुच्छेद के अनुसार राज्य टविान-मंिल में टविानसभा के ललए अयोग्य न हो। साथ ही राज्य
राज्यिाल के अततररक्त टविानमंिल के एक या दोनों टविानमण्डल का सदस्य होने की िात्रता हे तु उसका
सदन शाधमल हैं। नाम राज्य के टकसी टविानसभा क्षेत्र की धनवाटचक
 वतटमान में ब्रबहार, महाराष्ट्र, कनाट क, उत्तर प्रदेश, नामावली में होना चाडहए।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में डद्व-सदनीय टविानमंिल  टविानिररषद् एक स्थायी सदन है ।

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 इसके सदस्य 6 वषट के ललए चुने जाते है ।  अनुच्छेद 184 सभाितत के िद के कतटव्यों का िालन
 प्रत्येक 2 वषट िश्चात् 1/3 सदस्य अवकाश प्राप्त कर करने या सभाितत के रूि में कायट करने की
लेते हैं और उनके स्थान िर नए सदस्य चुने जाते हैं , उिसभाितत या अन्य व्यधक्त की शधक्त
 यडद कोई व्यधक्त मृत्यु या त्याग-ित्र द्वारा हुई  अनुच्छेद 185 जब सभाितत या उिसभाितत को िद
आकच्चस्मक ररधक्त को भरने के ललए धनवाटलचत होता से ह ाने का कोई संकल्प टवचारािीन है तबउसका
है, तो वह उस व्यधक्त या सदस्य की शेष अवधि के िीठासीन न होना ।
ललए ही सदस्य होगा।  अनुच्छेद 186 अध्यक्ष और उिाध्यक्ष तथा सभाितत
और उिसभाितत के वेतन और भत्ते ।
राज्य विधानिण्डल  अनुच्छेद 187 राज्य के टविानमण्डल का सलचवालय
साधारण कायट-संचालन
 अनुच्छेद 168 राज्यों के टविानमण्डलों का गठन  अनुच्छेद 188 सदस्यों का शिथ या प्रततज्ञान
 अनुच्छेद 169 राज्यों में टविान िररषदों का उत्पादन अनुच्छेद 189 सदनों में मतदान, ररधक्तयों के होते हुए
एवं सृजन भी सदनों की कायट करने की शधक्त एवं गणिूतति
 अनुच्छेद 170 टविानसभाओं की संरचना
 अनुच्छेद 171 टविान िररषदों की संरचना सदस्यों की मनरहगिाएाँ -
 अनुच्छेद 172 राज्यों के टविानमण्डलों की अवधि  अनुच्छेद 190 स्थानों का ररक्त होना
 अनुच्छेद 173 राज्य के टविानमण्डल की सदस्यता के  अनुच्छेद 191 सदस्यता के ललए धनरहट ताएाँ
ललए अहटता  अनुच्छेद 192 सदस्यों की धनरहताटओ ं से सम्बन्धन्धत
 अनुच्छेद 174 राज्य के टविानमण्डल के सत्र, प्रश्नों िर टवधनश्चय
सत्रावसान और टवघ न  अनुच्छेद 193 अनुच्छेद 188 के अिीन शिथ लेने या
 अनुच्छेद 175 सदन या सदनो में अणभभाषण का प्रततज्ञान करने से िहले या अडहित न होते हुए या
और उनको सन्देश भेजने का राज्यिाल का अधिकार धनरडहत । टकए जाने िर बैठने और मत देने के ललए
 अनुच्छेद 176 राज्यिाल का टवशेष अणभभाषण शधक्त ।
 अनुच्छेद 177 सदनों के बारे में मस्न्त्रयों और
महाधिवक्ता के अधिकार राज्यों के विधानिण्डलों और उनके सदस्यों की
शक्तियााँ, विशेषामधकार और उन्मुक्तियााँ।
राज्य के विधानिण्डल के अमधकारी  अनुच्छेद 194 टविानमण्डलों के सदनों की तथा
 अनुच्छेद 178 टविानसभा के अध्यक्ष और उिाध्यक्ष उनके सदस्यों और सधमततयों की शधक्तयों,
 अनुच्छेद 179 अध्यक्ष आर उिाध्यक्ष का िद ररक्त टवशेषाधिकार आडद
होना िदत्याग और िद से ह ाया जाना  अनुच्छेद 195 सदस्यों के वेतन और भत्ते
 अनुच्छेद 180 अध्यक्ष के िद के कतटव्यों का िालन विधायी प्रडक्रया
करने या अध्यक्ष के रूि में कायट करने की  अनुच्छेद 196 टविेयकों के िुनःस्थािन और िाररत
उिाध्यक्ष या अन्य व्यधक्त की शधक्त टकए जाने के सम्बन्ध में उिबन्ध
 अनुच्छेद 181 जब अध्यक्ष या उिाध्यक्ष को िद से  अनुच्छेद 197 िन टविेयकों से णभन्न टविेयकों के
ह ाने का कोई संकल्प टवचारािीन है तब उसका बारे में टविान िररषद् की शधक्तयों िर धनबंिन
िीठासीन न होना। अनुच्छेद 198 िन टविेयकों के सम्बन्ध में टवशेष
 अनुच्छेद 182 टविानिररषद् का सभाितत व प्रटक्रया
उिसभाितत  अनुच्छेद 199 "िन टविेयक’’ की िररभाषा
 अनुच्छेद 183 सभाितत आर उिसभाितत का िद ररक्त  अनुच्छेद 200 टविेयकों िर अनुमतत
होना िदत्याग और िद से ह ाया जाना ।  अनुच्छेद 201 टवचार के ललए आरक्षक्षत टविेयक
टवत्तीय टवषयों के सम्बन्ध में प्रटक्रया
 अनुच्छेद 202 वाटषिक टवत्तीय टववरण अनुच्छेद

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 अनुच्छेद 203 टविानमण्डल में प्रािलनों के सम्बन्ध
विधानपररषद् विधानसभा
में प्रटक्रया
 अनुच्छेद 204 टवधनयोग टविेयक अनुच्छेद
 अनुच्छेद 205 अनुिरक, अततररक्त या अधिक टविानिररषद् राज्य टविानसभा राज्य
अनुदान टविानमंिल का उच्च या टविानमंिल का धनम्न
 अनुच्छेद 206 लेखानदान, प्रत्ययानूदान और डद्वतीय सदन होता हैं अथवा प्रथम सदन
अिवादानुदान होता हैं
 अनुच्छेद 207 टवत्त टविेयकों के बारे में टवशेष
उिबन्ध टविानिररषद् के सदस्यों का टविानसभा के
धनवाटचन अप्रत्यक्ष रूि से सदस्यों का धनवाटचन
साधारण प्रडक्रया आनुिाततक प्रततधनधित्व िितत प्रत्यक्ष रूि से वयस्क
के अनुसार एकल संक्रमणीय मताधिकार के
 अनुच्छेद 208 प्रटक्रया के धनयम
मत प्रणाली के आिार िर आिार िर सािारण
 अनुच्छेद 209 राज्य के टविानमण्डल में टवत्तीय कायट
टकया जाता हैं बहुमत की मत
सम्बन्धी प्रटक्रया का टवधि द्वारा टवधनयमन
प्रणाली के आिार िर
 अनुच्छेद 210 टविानमण्डल में प्रयोग की जाने वाली
होता है ।
भाषा
 अनुच्छेद 211 टविानमण्डल में चचाट िर धनबंिन टविानिररषद् एक स्थायी टविानसभा का
 अनुच्छेद 212 न्यायालयों द्वारा टविानमण्डल की धनकाय हैं , लजसका टवघ न कायटकाल 5 वषट का
कायटवाडहयों की जााँच न टकया जाना नही टकया जा सकता, िरन्तु होता हैं । िरन्तु
 अनुच्छेद 213 टविानमण्डल के टवश्ास्न्त काल में एक ततहाई सदस्य प्रत्येक दो कायटकाल िूणट होने
अध्यादेश प्रख्याटित करने की राज्यिाल की शधक्त वषट के समाप्तप्त के बाद के िूवट मुख्यमंत्री के
सेवाधनवृत्त हो जाते हैं तथा िरामशट िर राज्यिाल
राज्य विधानिण्डलों की शक्तियों पर प्रतिबि इनके स्थान िर नये सदस्य द्वारा इसे भंग टकया
राज्य के टविानमण्डलों िर धनम्नललखखत प्रततबन्ध धनवाटलचत हो जाते हैं इसके जा सकता हैं ।
संटविान ने आरोटित टकए है 1 सदस्यों का कायटकाल 6 वषट
 राज्य सूची के कुछ टवषयों िर राज्यों के टविानमण्डल का होता हैं
राष्ट्रितत की िूवाटनुमतत के ब्रबना कानून नहीं बना सकते
टविानिररषद् के सदस्यों की टविानसभा के

संख्या अधिक से अधिक राज्य सदस्यों की संख्या
 कुछ टवषयों से जुिे हुए कानून राज्य टविानमण्डल
के टविानसभा के सदस्यों के अधिक से अधिक
द्वारा धनधमित कानून सम्बन्धन्धत राज्य के राज्यिाल
संख्या के एक ततहाई होती है , 500 तथा कम-से-
द्वारा राष्ट्रितत की स्वीकृतत हे तु भेजे जाते हैं । राष्ट्रितत
िरन्तु वह 40 से कम टकसी कम 60 हो सकती हैं
की स्वीकृतत के िश्चात् ही यह कानून प्रवतटनीय होगा।
अवस्था में नही हो सकती । (अिवाद –गोवा-
 आिातकालीन िररच्चस्थततयों में संसद राज्य सूची के
(अिवाद जम्मू- कश्मीर 36 40, धमजोरम-40,
टवषयों िर भी कानून बनाने के ललए स्वतन्त्र है । सी ) लसन्धिम-32,
टकन्ही कारणों में राज्य में संवैिाधनक तन्त्र टवफल होने िुदुचेरी- 30)
की च्चस्थतत (Failure of Constitutional Machinery
in States) में राष्ट्रितत उक्त राज्य को टविानसभा को टविानिररषद् राज्य के कुछ टविानसभा राज्य के
भंग कर सकता है , ताटक वहााँ नए चुनाव कराए जा टवशेष वगों का प्रततधनधित्व समस्त जनता का
सके। करता हैं प्रततधनधित्व करती हैं

विधानपररषद् एिं विधानसभा िुलनात्मक अध्ययन
विधानपररषद् -

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अध्याय – 3  तीन िूवी नडदयों - व्यास, रावी, सतलज का धनयंत्रण
भारत के िास है 1
 तथा 3 िप्तश्चमी नडदयों लसन्धु, झेलम, चेनाब का
नडदयााँ एिं झीलें धनयंत्रण िाटकस्तान को डदया गया है 1
1.व्यास, रावी, सतलुज 80% िानी भारत
 नडदयााँ
भारतीय अिवाह तंत्र 20% िानी िाटकस्तान

2.लसन्धु, झेलम, लचनाब


अरब सागरीय अिवाह तंत्र 80% िानी िाटकस्तान
बंगाल की
खाड़ी का 20% िानी भारत
 अपिाह िंत्र टकसी नदी एवं उसकी सहायक नडदयों ससिु नदी िंत्र
द्वारा अिवाडहत क्षेत्र को कहते हैं 1
 कुल अिवाह क्षेत्र का लगभग 77 प्रततशत भाग,  लसन्धु नदी का क्षेत्रफल 11 लाख, 65 हजार वगट km
लजसमें गंगा, िह्मिुत्र, कृष्णा आडद नडदयॉं शाधमल हैं हैं ।
। बंगाल की खाड़ी में जल टवसलजित करती हैं ,  भारत में लसन्धु नदी का क्षेत्रफल 3,21,289 वगट टकमी
 जबटक 23% भाग लजसमें लसन्धु, नमटदा, तािी, माही हैं ।
व िेररयार नडदयॉं शाधमल हैं । अिना जल अरब सागर  लसन्धु नदी की कुल लम्बाई 2,880 टकमी. है ।
में धगराती हैं ।  भारत में लसन्धु नदी की लम्बाई केवल 1,114 km हैं

रहिालयी अपिाह िंत्र  भारत में यह डहमालय की नडदयों में सबसे िप्तश्चमी
 उत्तरी भारत की नडदयॉं अिरदन से प्राप्त धमट्टी को नदी है ।
बहाकर ले जाती हैं तथा मैदानी भागों में जल प्रवाह  लसन्धु नदी का उद्गम ततब्बती क्षेत्र में च्चस्थत कैलाश
की गतत मंद िड़ने िर मैदानों और समुद्रों में जमा िवटत श्ेणी ( मानसरोवर झील ) में बोखर-चू के
कर देती हैं। धनक एक चेमयांगिु ं ग ग्लेलशयर (डहमनद) से होता
 इन्ही नडदयों द्वारा लायी गई धमट्टी से उत्तर भारत के है, जो 4,164 मी र उॅंचाई िर च्चस्थत हैं । ततब्बत में
टवशाल मैदान का धनमाटण हुआ है । इसे शेर मुख कहते हैं 1
 इंड़ो िह्म नदी:- भू-वैज्ञाधनक मानते है , टक मायोसीन
कल्प में लगभग 2.4 करोड़ से 50 लाखों वषट िहले  सिलुज, व्यास, रािी, क्तचनाब और झेलि ससिु
एक टवशाल नदी थी । लजसे लशवाललक या इं ड़ो - नदी की प्रिुि सहायक नडदयॉं ह: ।
िह्म नदी कहा गया हैं ।  अन्य सहायक नडदयॉं – जास्कर, स्यांग, लशगार,
 इंिो िह्म नदी के तीन मुख्य अिवाह तंत्र - धगलधग , श्योक, हुंजा, कुरट म, नुबरा, गास्स्टिं ग व
 1.िप्तश्चम में लसन्धु और इसकी िॉंच सहायक नडदयॉं द्रास, गोमल 1
 2.मध्य में गंगा और डहमालय से धनकलने वाली  लसन्धु नदी, कराची (िाटकस्तान) के धनक अरब
इसकी सहायक नडदयॉं सागर में जाकर धगरती है 1
 3.िूवट में िह्मिुत्र का भाग व डहमालय से धनकलने  यह नदी अ क (िंजाब प्रांत, िाटकस्तान) के धनक
वाली इसकी सहायक नडदयॉं िहाडड़यों से बाहर धनकलती हैं । जहॉं दाडहने त िर
काबुल नदी इसमें धमलती है ।
 यह नदी दक्षक्षण की ओर बहती हुई धमठनको के
भारिीय नदी प्रणाली
धनक िंचनद का जल प्राप्त करती हैं ।
1. लसन्धु नदी तंत्र
 लसन्धु जल संधि 1960 में हुई थी 1
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 िंचनद नाम िंजाब की िॉंच मुख्य नडदयों सतलज,  यह रोहतांग दरे के धनक व्यास कुंड़ से धनकलती है
व्यास, रावी, लचनाब, झेलम को संयुक्त रूि से डदया ।
गया है ।  यह नदी कुल्लू घा ी से गुजरती है ।
 लसन्धु और िह्मिुत्र नडदयों का उद्गम स्थल ततब्बत का  यह िौलािर श्ेणी में काती और लारगी में महाखण्ड़
िठार हैं । का धनमाटण करती है ।
 ततब्बत के िठार से धनकलने वाली अन्य नडदयॉं -  यह हररके बेराज के िास सतलज नदी में जाकर धमल
यांग्त्त्सी - क्यांग, लजयांग, ह्ांगहो (िीली नदी, िीत), जाती है 1
इरावदी, मेकांग एवं सतलज ।  िावटती, सैन्ज, तीथटन, ऊहल इसकी सहायक नडदयााँ
 जास्कर नदी का उद्गम डहमाचल प्रदेश और जम्मू है 1
कश्मीर की सीमा िर सरचू के उच्च अक्षांशीय िठारी
भाग से होता है । रािी नदी (परूष्णी नदी या इराििी नदी)
 यह नदी जास्कर श्ेणी में गहरे गॉजट का धनमाटण करती  यह नदी लसन्धु की महत्त्विूणट सहायक नदी हैं 1
है । तथा कठोर चट्टानी भागो से होकर बहती हैं ।  जो डहमालय की कुल्लु की िहाडड़यों में च्चस्थत रोहतांग
 यह िहले उत्तर डफर िूवट की ओर बहते हुए नेमू के दरे के िप्तश्चम से धनकलती हैं तथा चंबा घा ी से
धनक लसन्धु नदी से धमल जाती हैं । होकर बहती है ।
 िाटकस्तान में प्रवेश करने से िहले व सराय लसन्धु के
सिलज नदी - धनक लचनाब नदी में धमलने से िहले यह नदी
 यह एक िूवटवती नदी हैं 1 िीरिंजाल के दक्षक्षण-िूवी भाग व िौलािर के बीच
 यह ततब्बत में 4,555 मी र की ऊॅंचाई िर से प्रवाडहत होती है ।
मानसरोवर झील के धनक राक्षस ताल झील से  अंत में ये झांग लजले की सीमा िर लचनाब नदी में
धनकलती हैं । धमल जाती है 1
 वहॉं इसे लॉंगचेन खंबाब के नाम से जाना जाता है
।  क्तचनाब नदी (अस्कस्कनी)
 सतलज नदी का संगम स्थल किूरथला के द.- ि.  यह लसन्धु की सबसे बड़ी सहायक नदी है ।
लसरे िर व्यास नदी में तथा धमठानको के धनक  यह लाहुल में बरालाचाला दरट के टविरीत डदशा में
लसन्धु नदी में है 1 चंद्रा और भाग नामक दो सररताओं के धमलने से
 यह उत्तर - िप्तश्चम डदशा में बहते हुए इंड़ो - ततब्बत बनती है 1
सीमा के समीि लशिकी ला दरे के िास भारत में  ये सररताएाँ डहमाचल प्रदेश में केलांग के धनक तांड़ी
प्रवेश करने से िहले लगभग 400 km तक लसन्धु में आिस में धमलती हैं ।
नदी के समान्तर बहती है ।  इसललए इसे चंद्रभागा के नाम से भी जाना जाता है
 सतलज नदी की सहायक नडदयााँ है –लसप्ती, वास्पा, ।
व्यास  िाटकस्तान में प्रवेश करने से िहले भारत में इस नदी
 यह डहमालय की श्ेणणयों (महान डहमालय और का बहाव क्षेत्र 1180 टकमी हैं ।
जास्कर श्ेणी) को का कर महाखड्ड का धनमाटण  यह ब्रत्रमू के धनक झेलम नदी में जाकर धमलती है
करती हैं । 1
 सतलुज, लसन्धु नदी की महत्त्विूणट सहायक नदी हैं । झेलि नदी (वििस्ता)
यह भाखड़ा नांगल िररयोजना के नहर तंत्र का  यह लसन्धु की सहायक नदी है 1
िोषण करती है तथा आगे जाकर व्यास नदी में  जो कश्मीर घा ी के दक्षक्षण-िूवी भाग में िीरिंजाल
धमल जाती हैं । धगररिद में च्चस्थत वेरीनाग के धनक शेषनाग झरने
से धनकलती है ।
व्यास नदी (विपाशा नदी) :-  िाटकस्तान में प्रवेश करने से िहले यह नदी श्ीनगर
 यह लसन्धु की एक अन्य महत्त्विूणट सहायक नदी है 1 और वुलर झील से बहते हुए एक तंग व गहरे
महाखण्ड से गुजरती है ।

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64
 ब्रबहार में धनधमित ब्रत्रवेणी नहर में गंिक नदी से िानी  प्रायद्वीिीय नडदयााँ िप्तश्चम से िूवट डदशा में बहती है 1
आता है 1  नमटदा एवं ताप्ती इनके टविरीत बहती है 1
 कोसी नदी - इसका स्त्रोत ततब्बत में माउं एवरे स्ट  डहमालय के उत्थान के साथ नमटदा व ताप्ती नडदयों
के उत्तर में है जहााँ से इसकी मुख्य िारा अरूण का भ्रंश घाट यों का धनमाटण हुआ है 1
धनकलती है। कोसी नदी को ब्रबहार का शोक कहा
जाता है | प्रायद्वीपीय भारि की प्रिुि नडदयााँ
 इसका संगम स्थल भागलिुर जनिद में काढ़ागोला
के दक्षक्षण-िप्तश्चम में गंगा नदी में है 1
 इसकी सहायक नडदयााँ है – सनकोसी, तामू कोसी, 1. महानदी 2. गोदावरी 3. कृष्णा
ललक्षु कोसी, तलखु, दूि कोसी, अरुण, तामुर कोसी 4. कावेरी 5. नमटदा 6. ताप्ती
1 बंर्ाल की िाड़ी िें तर्रने िाली नडदयााँ
 िह्मपुत्र नदी - िह्मिुत्र नदी का उद्गम डहमालय के िहानदी –
उत्तर में च्चस्थत मानसरोवर झील के धनक
चेमयांगिु ंग ग्लेलशयर (डहमनद) से होता है ।  इसकी कुल लम्बाई लगभग 851 टकलोमी र है
 ततब्बत में िह्मिुत्र को सांग्त्िो (Tsangpo) के नाम से  यह छत्तीसगढ़ के रायिुर लजले में लसहावा के िास से
जाना जाता है। नामचा बरवा के धनक डहमालय को धनकलती हैं 1
का कर तथा “U” नट बनाते हुए गहरे गाजट  ओडड़शा में बहते हुए बंगाल की खाड़ी मे धगरती है
(महाखंि) का धनमाटण करती है और डदहांग के नाम  महानदी की द्रोणी का अिवाह महाराष्ट्र छत्तीसगढ़,
से भारत में प्रवेश करती हैं । कुछ दूर तक दक्षक्षण- ओडिशा, झारखण्ड मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में है 1
िप्तश्चम डदशा में बहने के बाद इसकी दो प्रमुख  लशवनाथ मांि और ईब बाएाँ त से तथा केन दाएाँ
सहायक नडदयााँ डदवांग और लोडहत इसके बाएाँ त से धमलने वाली महानदी की प्रमुख सहायक नदी
टकनारे िर आकर धमलती है । इसके बाद इस नदी को है 1
िह्मिुत्र के नाम से जाना जाता है ।
 इसकी अन्य सहायक नडदयााँ िनसरी, सुबनलसरी, र्ोदािरी नदी –
मानस, कामेग व संकोश, िगलाडदया आडद हैं ।  यह प्रायद्वीिीय भारत की सबसे लम्बी नदी (1465
 िह्मिुत्र नदी की कुल लम्बाई 2900 टकमी है , लजसमें टकलोमी र) है
916 टकमी. भारत में बहती है ।  इसका अिवाह तंत्र प्रायद्वीिीय नडदयों की तुलना में
 असम के िुबरी के धनक िह्मिुत्र दक्षक्षण डदशा में सबसे बड़ा है ।
बहती हुई बांग्लादेश में प्रवेश करती है । बांग्लादे श में  गोदावरी नदी नालसक महाराष्ट्र से धनकलती है 1
िह्मिुत्र को जमुना के नाम से जाना जाता है ।  तेलंगाना व आंध्र मे बहते हुए राजमुंदरी के िास कई
 जमुना में दाडहनी ओर से ततस्ता नदी आकर धमलती िाराओं में टवभक्त होकर िेल्टा का धनमाटण करती हैं ।
है। जमुना आगे जाकर िदमा में धमल जाती है तथा  इसे दक्षक्षण गंगा तथा वृि गंगा के नाम से जाना
िदमा मेघना से धमलने के बाद, मेघना नाम से बंगाल जाता है ।
की खाड़ी में धगरती है। असम घा ी में िह्मिुत्र नदी  इसकी द्रोणी का अिवाह महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़,
गुंडफत जल मागट बनाती है , लजसमें माजुली जैसे कुछ तेलंगाना, कनाट क, आंध्रप्रदे श व मध्यप्रदेश में है
बड़े नदी द्वीि भी धमलते हैं ।  इसकी प्रमुख सहायक नडदयााँ है िूणाट िेनगंगा,
 डहमालयी नदी तंत्र की तुलना में प्रायद्वीि नदी तंत्र वेनंगगा, इन्द्रावती (बाएाँ त से) मंलजरा (दक्षक्षण त
अधिक िुराना है | से) उड़ीसा से धनकलती है व बस्तर के िठार
 िप्तश्चमी घा बंगाल की खाड़ी में धगरने वाली नडदयों (छत्तीसगढ़) मे बहते हुए गोदावरी से धमलती है ।
व अरब सागर में धगरने वाली नडदयों के बीच जल
टवभाजक का कायट करती है 1  दािोदर नदी -दामोदर नदी झारखण्ड में च्चस्थत छो ा
 प्रायद्वीिीय भारत की नडदयों की प्रौढ़वस्था व नदी नागिुर िठार से धनकलती है तथा भ्रंश घा ी में बहते
घाट यों का चौड़ा व उथला होना इसके प्राचीन होने हुए िप्तश्चम बंगाल में बहने वाली हुगली नदी से
का प्रमाण है 1 धमलती है । बराकर दामोदर नदी की एक प्रमुख
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सहायक नदी है । इससे बंगाल का शोक भी कहते  कावेरी नदी को "दक्षक्षण भारत की गंगा” के नाम से
हैं/ भी जाना जाता है ।
प्रमुख सहायक नडदयााँ हैं - सुवणाटवती, भवानी,
 स्वणग रे िा नदी – यह रांची (झारखण्ड) के दक्षक्षण अमरावती, कबीनी (दाडहने त िर)हे रगी,
िप्तश्चम से धनकलती है तथा झारखंि, िप्तश्चम बंगाल हेमावती, अक्रावती (बांये त िर )
व उड़ीसा में बहते हुए यह अिना जल बंगाल की
खाड़ी मे धगराती है । जमशेदिुर नगर इसी नदी के
टकनारे बसा हुआ है । िैर्ाई नदी- यह तधमलनािु के वरशानद िहाड़ी से
 िैिरणी नदी-यह उड़ीसा के क्योंझर लजले से धनकलती तथा मदुरई शहर से बहते और िाक की
गुप्तगंगा िहाडड़यों से धनकलती है तथा बंगाल की
खाड़ी में धगरती है ।
खाड़ी में जल धगराती है ।

 िाहिणी नदी -यह रांची के िास कोयल व शंख दो िाम्रपाणी नदी - यह िालनी की िहाडड़यों से
नडदयों के धनकलने के बाद राउरकेला में धमलने से (अन्नामलाई िहाडड़यों का क्रधमक टवस्तार) से
िाह्मणी नदी कहलाती है ।
धनकलती है तथा अिना जल मन्नार की खाड़ी में
 कृष्णा नदी- धगराती हैं ।
 यह प्रायद्वीिीय भारत की दूसरी सबसे लम्बी नदी अरब सार्र िें तर्राने िाली नडदयााँ
(1401 km) है। शेिरुनीजी नदी - गुजरात के अमरावली लजले में
 यह सह्याडद्र (महाराष्ट्र) में महाबलेश्वर चो ी से से
िलकाहवा से धनकलती है तथा अिना जल खम्भात
धनकलती है 1
 कनाट क, तेलगाना व आन्ध्र प्रदेश में बहते हुए बंगाल की खाड़ी में धगराती है ।
की खाड़ी मे धगरती है यह भी िेल्टा का धनमाटण करती
निगदा नदी –
है (टवजयवाड़ा के धनक )
 इसकी प्रमुख सहायक नडदयााँ है कोयना, िचगंगा,  यह मध्य प्रदेश के मैकाल िवटत िर च्चस्थत अमरकं क
घा प्रभा, मालप्रभा, दूिगंगा, मूसीभीमा व तुगभद्रा चो ी से धनकलती है 1
(तुंगा + भद्रा)  दक्षक्षण में सतिुड़ा व उत्तर मे टविंध्याचल जोगीयों के
मध्य यह भ्रंश घा ी में बहती हुई जबलिुर में भेिा
 पेन्नार नदी - यह कनाट क के नंदी दुगट िहाड़ी से घा की संगमरमर की चट्टानों में िुंआिार जल प्रिात
धनकलती है तथा आंध्र प्रदे श में बहते हुए बंगाल की बनाती है
खािी में धगरती है।  अंत में यह भड़ौच के दक्षक्षण में अरब सागर में धगरती
है तथा ज्वारनदद्मुख का धनमाटण करती है ।
 कािेरी नदी –  यह अरब सागर में जल धगराने वाली नडदयों में सबसे
 यह कनाट क राज्य के कोिागु लजलें की िह्मधगरी की लम्बी (1312 टकलोमी र) नदी है
िहाडड़यों से धनकलती है 1  यह तीन राज्यों मध्यप्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र में
 तधमलनािु में बहते हुए बंगाल की खाड़ी में अिना प्रवाडहत होती है ।
जल धगराती है यह िेल्टा का धनमाटण करती है 1  सरदार सरोवर िररयोजना इसी नदी िर है 1
 इस नदी की कुल लम्बाई 800 टकमी. है
 इस नदी की द्रोणी का 3% भाग केरल में 41% िाप्ती (िापी) नदी –
कनाट क में व 56% भाग तधमलनािु में िड़ता है ।  इसकी उत्पलत्त मध्यप्रदेश के महादेव िहाड़ी के िास
 इसके ऊिरी जल ग्रहण क्षेत्र में (कनाट क) दक्षक्षण - बेतुल लजलें के मुलताई से धनकलती है 1
िप्तश्चम मानसून (गमी) से व धनम्न क्षेत्रों में  सतिुिा श्ेणी व अजंता श्ेणणयों के बीच भ्रंश घा ी
(तधमलनािु ) उत्तर िूवी मानसून (सदी) से वषाट प्राप्त में बहते हुए सूरत शहर के आगे खम्भात की खाड़ी में
होती है। अिना जल धगराती हैं ।

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 इसकी द्रोणी मध्यप्रदे श, गुजरात , महाराष्ट्र है 1 झील सम्बन्धिि राज्य
वेम्बंनाि केरल
लूनी नदी -लूनी नदी अजमेर के दक्षक्षण-िप्तश्चम में अष्टमुड़ी केरल
नाग िहाड़ी (अरावली श्ेणी) से धनकलती है तथा
िेररयार केरल
कच्छ के रण में टवलीन हो जाती है । लूनी राजस्थान
का सबसे बड़ा नदी तंत्र है । हुसैन सागर तेलंगाना
राकसताल उतराखंि
 साबरििी नदी -यह उदयिुर लजले (राजस्थान) के देवताल उतराखंि
िास अरावली श्ेणी से धनकलती है तथा रवम्भात की रूिकुंि उतराखंि
खाड़ी मे अिना जल धगराती है । गांिीनगर व सातताल उतराखंि
अहमदाबाद इस नदी के त िर च्चस्थत है ।
सांभर राजस्थान
उदयसागर राजस्थान
 िाही नदी - इसका उद्गम मध्य प्रदेश में टविंध्य श्ेणी
के िप्तश्चम से हुआ है । यह तीन राज्यों में मध्यप्रदेश, जयसमंद राजस्थान
राजस्थान व गुजरात में प्रवाडहत होते हुए अिना जल डििंिवाना राजस्थान
खम्भात की खाड़ी में धगराती है । यह ककट रे खा को फतेहसागर राजस्थान
दो बार का ती है। राजसमंद राजस्थान
 भादर नदी -गुजरात के राजको लजले से धनकलती लचिा ओडिशा
है तथा अिना जल अरब सागर में धगराती है ।
वुलर जम्मू-कश्मीर
 िैिरणा नदी -यह नालसक लजले (महाराष्ट्र) की
ब्रत्रब
िं क की िहाडियों से धनकलती है तथा अिना जल मानस जम्मू-कश्मीर
अरब सागर में धगराती है । नाधगन जम्मू-कश्मीर
शेषनाग जम्मू-कश्मीर
 िाण्डिी िथा जुआरी -यह गोवा की दो प्रमुख नडदयााँ िल जम्मू-कश्मीर
हैं जो अिना जल अरब सागर में धगराती है । लोनार महाराष्ट्र
सूरजकुंि हररयाणा
 कासलिंदी या काली नदी -यह कनाट क के बेलगााँव
िुलीक तधमलनािु व
लजले से धनकलती है तथा अिना जल करवाड़ की
आंध्रप्रदेश
खाड़ी में धगराती हैं ।
हमीरसर गुजरात
 शराििी नदी –यह कनाट क के लशमोगा लजले से फुल्हर उत्तर प्रदेश
धनकलती है। तथा भारत का सबसे ऊाँचा गरसोप्पा कोलेरू आध्रप्रदेश
(जोग) जल प्रिात इसी नदी िर है । लोक क मणणिुर

 पेररयार नदी – यह केरल की सबसे लम्बी नदी है ।


यह अन्नामलाई की िहाडड़यों से धनकलती है तथा
 प्रिुि जल प्रपाि
वैम्बानाद के उत्तर में अिना जल अरब सागर में
जल प्रिात नदी /राज्य
धगराती है।
 भरिपूझा नदी - यह भी अन्नामलाई की िहाडड़यों से गरसोप्पा या जोग जल शरावती नदी
धनकलती है। यह केरल की सबसे बड़ी (जलग्रहण प्रिात
क्षेत्र) नदी है इसे िोंनानी ' के नाम से भी जानते हैं । िुआंिार जल प्रिात नमटदा नदी/ मध्यप्रदे श
लशव समुन्द्रम जल कावेरी नदी
भारि की प्रिुि झीलें प्रिात

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गोकक जल प्रिात कृष्णा नदी के सहायक अध्याय – 4
नदी
गोकक नदी
जलिायु
हुण्डरू जल प्रिात स्वणट रे खा नदी
कटिल िारा जल प्रिात नमटदा नदी /मध्यप्रदे श
 भारत में उष्ण कट बंिीय मानसून जलवायु िायी
दूि सागर जल प्रिात माण्डवी नदी /गोवा जाती है इस जलवायु के अंतगटत अधिकतम वषाट
चूललया जल प्रिात चम्बल नदी ग्रीष्म ऋतु में प्राप्त होती है ।
लचत्र कू जल प्रिात इन्द्रावती नदी  भारतीय मौसम टवभाग ने भारत के वषट को जलवायु
टवरदी जल प्रिात उत्तराखंि में िररच्चस्थततयों के आिार िर 4 प्रमुख ऋतुओ ं में
येना जल प्रिात महाबलेश्वर के िास टवभालजत टकया है ।
वसुंिरा जल प्रिात अलकनंदा नदी
िायकार जल प्रिात िायकारा नदी
शीत ग्रीष्म द.ि. धनवतटन
मािर जल प्रिात नमटदा नदी
ऋतु ऋतु मानसून ऋतु
कुंचीकुल जल प्रिात वारही नदी ( (लशमोंग ) ऋतु मानसून
डदस.- माचट-
बारहिानी जल प्रिात बुि बालंगा नदी ( फर. मई जुलाई- लसतम्बर-
(मयुरभंज) अगस्त नवम्बर
थोसेबर जल प्रिात सतारा ( महाराष्ट्र )

 नवम्बर के अंत से शुरू होकर डदसम्बर से फरवरी के


बीच िायी जाने वाली शीि ऋिु के दौरान डदसम्बर
तथा जनवरी सबसे ठं िे महीने होने के साथ द्रास घा ी
क्षेत्र में सबसे कम तािमान िाया जाता है ।
 इस ऋतु के दौरान सूयट के दक्षक्षण गोलािट में होने से
भारत में तािमान कम िाया जाता है ।
 उत्तर भारत में 200 डिग्री सेल्सल्सयस से कम तथा
दक्षक्षण भारत में 200 डिग्री सेल्सल्सयस से अधिक
तािमान िाया जाता है ।
 200 डिग्री सेल्सल्सयस की समताि रे खा भारत को 2
समान भागों में बां ती है । दक्षक्षण भारत में उत्तर
भारत की अिेक्षा अधिक तािमान िाया जाता है ।
क्योंटक दक्षक्षण भारत में समकारी प्रभाव रहने के साथ
टवषुवत रे खा की धनक ता है ।
 इस ऋतु के दौरान सम्पूणट भारत िर उच्च दाब की
िररच्चस्थततयााँ िायी जाती है ।
 इस ऋतु के दौरान िवनें उत्तर िूवट से दक्षक्षण िप्तश्चम
की ओर चलती है । यह िवनें स्थल से जल की ओर
चलने के कारण शुष्क होती है ।
 शीत ऋतु में सामान्यतः वषाट नहीं होती िरन्तु िप्तश्चमी
टवक्षोभ के कारण उत्तर-िप्तश्चमी भारत में मावठ के
रूि में वषाट प्राप्त होती है ।

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विश्व भूर्ोल सूयग
 यह हमारा सबसे धनक तम तारा है सूयट सौरमंिल के
बीच में च्चस्थत है । सूयट की आयु लगभग 15 अरब वषट
 िह्माण्ड एिं सौरिंिल है लजसमें से वह 5 अरब वषट लज चुका है ।
 सूयट के अंदर हाइड्रोजन का डहललयम में संलयन होता
 िह्मांि का अध्ययन खगोललकी कहलाता है । है और ईंिन प्लाज्मा अवस्था में रहता है ।
 महाटवस्फो लसिांत (big-bang theory) िह्मांि की  आंतररक संरचना के आिार िर सूयट को तीन भागों में
उत्पलत्त से संबंधित है 1 बां ते हैं ।
 िह्मांि डदखाई िड़ने वाले समस्त आकाशीय टििंि को
िह्मांि कहते हैं। िह्मांि टवस्ताररत हो रहा है िह्मांि में सूयग की बाहरी परि
सवाटधिक संख्या तारों की है ।  सूयट के बाहर उसकी तीन िरतें हैं ।
1. प्रकाश िंिल
 यह सूयट का डदखाई देने वाला भाग है इसका तािमान
िारा
6000 डिग्री सेल्सल्सयस होता है ।
 वैसा आकाशीय टििंि लजसके िास अिनी ऊष्मा तथा
2. िरुण िंिल
प्रकाश हो तारा कहलाता है ।
 यह बाहरी िरत के आिार िर मध्य भाग है इसका
 तारा बनने से िहले टवरल गैस का गोला होता है ।
तािमान 32400 डिग्री सेल्सल्सयस होता है ।
 जब ये टवरल गैंस केंडद्रत होकर िास आ जाते हैं तो
3. (corona)
घने बादल के समान हो जाते हैं लजन्हें धनहाररका कहते
 यह सूयट का सबसे बाहरी िरत होता है जो लि के
हैं।
समान होता है इसे केवल सूयट ग्रहण के समय देखा
 जब इन नेबुला में सलंयनटवधि द्वारा दहन की टक्रया
जाता है इसका तािमान 27lac डिग्री सेल्सल्सयस होता
प्रारं भ हो जाती हैं तो वह तारों का रूि ले लेता है ।
है ।
 तारों में हाइड्रोजन का सलंयन डहललयम में होता रहता
 सूयट में 75% हाइड्रोजन तथा 24% डहलीयम है ।
है । तारों में इंिन प्लाज्मा अवस्था में होता है ।
 शेष तत्व की मात्रा 1% में ही धनडहत है ।
 तारों का रं ग उसके िृष्ठ ताि िर धनभटर करता है ।
 सूयट का द्रव्यमान िृथ्वी से 332000 गुना है ।
 लाल रं ग - धनम्न ताि (6 हजार डिग्री सेल्सल्सयस)
 सूयट का व्यास िृथ्वी से 109 गुना है ।
 सफेद रं ग - मध्यम ताि  सूयट का गुरुत्वाकषटण िृथ्वी से 28 गुना है ।
 नीला रं ग - उच्च ताि  सूयट का घनत्व िृथ्वी से 20 गुना है ।
तारों का भटवष्य उसके प्रारं णभक द्रव्यमान िर धनभटर  सूयट से प्रतत सेकंि 10 26 जूल ऊजाट धनकलती है ।
करता है।  सूयट िप्तश्चम से िूरब घूणटन करता है ।
 जब तारा सूयट का ईंिन समाप्त होने लगता है तो वह  सूयट का टवषुवत रे खीय भाग 25 डदन में घूणटन कर
लाल दानव का रूि ले लेता है और लाल दानव का लेता है ।
आकार बड़ा होने लगता है ।  सूयट का ध्रुवीय भाग 31 डदन में घूणटन कर लेता है ।
 यडद लाल दानों का द्रव्यमान सूयट के द्रव्यमान के 1.44
गुना से छो ा होता है तो वह श्वेत वामन बनेगा। ग्रह
 वैसा आकाशीय टििंि लजसके िास ना अिनी ऊष्मा
सौर िंिल हो और ना ही अिना प्रकाश हो वह ऊष्मा तथा प्रकाश
 सूयट तथा उसके आसिास के ग्रह, उिग्रह तथा शुद्र के ललए अिने धनक तम तारे िर आक्षश्त हो।तथा उसी
ग्रह, िूमकेतु, उिाटििंि उनके संयुक्त समूह को का चिर लगाता हो प्रारं भ मे ग्रहों टक संख्या 9
सौरमंिल कहते हैं । थी िरं तु वतटमान में 8 ग्रह है ग्रहों केा 2 श्ंणणयों में
 सूयट सौरमंिल के केंद्र में च्चस्थत है । बां ते है ।
 सौरमंिल में जनक तारा के रूि में सूयट है ।
 सौर मंिल के सभी टििंि सूयट का चिर लगाते हैं । पातथिि
 इन्हें आंतररक ग्रह भी कहते हैं ।
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99
 यह िृथ्वी से समानता रखते हैं । 7. शधन
 इनका घनत्व अधिक होता है तथा यह ठोस अवस्था 8. वरुण
में होते हैं ।
 इनके उिग्रह कम होते हैं या होते ही नहीं है इन ग्रहों िृथ्वी से दूरी के अनुसार
की संख्या चार होती है । 1. शुक्र
2. मंगल
a. बुि 3. बुि
b. शुक्र
4. बृहस्पतत
c. िृथ्वी
5. शधन
d. मंगल
6. अरुण
7. वरुण
जोवियन ग्रह
 इसे बाह्य ग्रह कहते हैं । यह बृहस्पतत से समानता रखते
आकार के अनुसार ग्रह
हैं ।इनका आकार बड़ा होता है टकन्तु घनत्व कम होता
1. बृहस्पतत
है, यह गैस की अवस्था में िाए जाते हैं ।
2. शधन
इनके उिग्रहों की संख्या अधिक है ।
3. अरुण
4. वरुण
प्लूिो
5. िृथ्वी
 यह नौवां ग्रह था । टकन्तु 24 अगस्त 2006 को चेक
गणराज्य की राजिानी प्राण में अंतरराष्ट्रीय खगोल 6. शुक्र
खंि की बैठक हुई लजसमें प्लू ो को ग्रह की श्ेणी से 7. मंगल
धनकालकर बोना ग्रह में िाल डदया । 8. बुि
 प्लू ो को ग्रह की श्ेणी से धनकालने के तीन कारण थे
1. इसका आकार अत्यधिक छो ा था आंिों से हि पांच ग्रहों को दे ि सकिे ह: ।
2. इसकी कक्षा दीघट वतीय नहीं थी 1. बुि
3. इसकी कक्षा वरुण की कक्षा को का ती थी 2. शुक्र
3. मंगल
उपग्रह 4. बृहस्पतत
 इनके िास ऊष्मा और प्रकाश दोनों नहीं था । 5. शधन
 यह अिने धनक तम तारे से ऊष्मा और प्रकाश लेते हैं
टकन्तु यह चिर अिने धनक तम ग्रह का लगाते हैं । उल्टा घूिने िाले ग्रह पूरब से पश्चिि
 शुक्र तथा अरुण
उपग्रह दो प्रकार के होिे ह:  सवाटधिक घनत्व िृथ्वी का तथा कम घनत्व शधन का ।
1. प्राकृतिक उपग्रह -चंद्रमा  सबसे बड़ा उिग्रह बृहस्पतत का गेनीमेि और सबसे
2. कृवत्रि उपग्रह -यह मानव धनधमित होते हैं संचार तथा छो ा उिग्रह मंगल का डिवोसट है ।
मौसम की भटवष्यवाणी करता है ।  सबसे तेज घूणटन बृहस्पतत सबसे िीमा घूणटन शुक्र 249
सूयट से दूरी के अनुसार ग्रह डदन ।
1. बुि  सबसे तेज िररक्रमण वषट की अवधि बुि 88 डदन सबसे
2. िृथ्वी िीमा शुक्र 164 साल।
3. बृहस्पतत  सबसे गमट ग्रह शुक्र सबसे ठं िा ग्रह अरुण वरुण है 1
4. अरुण
5. शुक्र
6. मंगल
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100
Gold lock zone भोर िथा सांझ का िारा
 अंतररक्ष का वह स्थान जहां जीवन की संभावना िाई  भोर तथा सांझ में प्रकाश काम रहता है । इसी कारण
जाती है उसे गोल्डी लॉक्स जोन कहते हैं । सूयट से जब प्रकाश आता है तो बुि तथा शुक्र से
 केवल िृथ्वी िर जीवन संभव है । कराकर िररवततित होता है ।
 मंगल िर इसकी संभावना है ।  इस िररवततित प्रकाश के कारण बुि तथा शुक्र चमकीले
 जीवन की उत्पलत्त के ललए किास का िौिा अंतररक्ष डदखते हैं लजससे शुक्र धनक होने के कारण अधिक
िर भेजा गया । चमकीला डदखता है ।
 बुि एवं शुक्र दोनों को भोर तथा सांझ का तारा कहते
बुध ग्रह (िरकरी) हैं ।
 इसका नामकरण रोमन संदेशवाहक देवता के नाम िर
हुआ है । िंर्ल
 इस ग्रह का वायुमंिल नहीं है टकन्तु बहुत ही कम मात्रा  इस िर Tron ऑक्साइि की अधिकता है । लजस कारण
में वहां ऑक्सीजन िाई जाती है । यह लाल डदखता है
 वायुमंिल ना होने के कारण यह ऊष्मा को रोक नहीं  यह 25 डिग्री िर झुका हुआ है । लजस कारण इस िर
िाता है । लजस कारण डदन में इसका तािमान 420 िृथ्वी के समान ऋतु िररवतटन देकर जाते हैं ।
डिग्री सेल्सल्सयस तथा रात को -180 डिग्री सेल्सल्सयस  इस ग्रह िर जीवन की संभावना सवाटधिक है ।
तािमान हो जाता है अथाटत इस ग्रह िर सवाटधिक  इस ग्रह िर िूरे सौरमंिल का सबसे ऊंचा िवटत धमक्स
तािांतर 600 डिग्री सेल्सल्सयस का देखा जाता है अतः ओलंटिया है लजसकी ऊंचाई 30000 टकलोमी र है जो
यहां जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है । माउं एवरे स्ट के 3 गुना से भी अधिक ऊंचा है ।
 वायुमंिल ना होने के कारण इस ग्रह िर सवाटधिक
उिा िात हुआ है ।  बृहस्पति
 सबसे बड़ा क्रे र कोरोललस बेललस है ।  यह सबसे बड़ा ग्रह है , टकन्तु यह गैसीय अवस्था में है

शुक्र  इस िर सल्फर िाइऑक्साइि की अधिकता है लजस
 इस ग्रह िर सवाटधिक मात्रा में काबटन िाइऑक्साइि कारण यह हिा िीला डदखता है ।
िाया जाता है ।  यह एकमात्र ग्रह है जो डहमरडहत है ।
 यह सूयट से आने वाली सभी ऊष्मा को अवशोटषत कर  यह अिने अक्ष िर सबसे तेज घूणटन करता है । जो
लेता है लगभग 9:30 घं े में िूरा कर लेता है ।
 इसे सबसे गमट तथा चमकीला ग्रह कहते है ।  बृहस्पतत के 73 उिग्रहों में से केवल 16 उिग्रहों को ही
 इसे सौरमंिल की िरी कहते हैं मान्यता प्राप्त है ।
 इस िर प्रेशर कुकर के समान च्चस्थतत िाई जाती है  इसका सबसे बड़ा उिग्रह गेनीमेि है ।
लजस कारण इसे दम घु ने वाला कहते हैं ।  बृहस्पतत के अत्यधिक टवशालता के कारण इसे तारा
 यह िृथ्वी से समानता रखता है अतः इसे िृथ्वी का सदृश्य ग्रह कहते हैं ।
सहोदर ,भधगनी ,जुड़वा बहन कहते हैं ।
 यह अिने अक्ष िर उल्टा अथाटत िूवट से िप्तश्चम घूमता शमन ग्रह
है लजस कारण यहां सूयोदय िप्तश्चम में होता है ।  यह सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है ।
 यह अिने अक्ष िर 243 डदन में घूणटन कर लेता है ।  इसका घनत्व .7gm/cm3 है ।
जबटक सूयट का िररक्रमण 224 डदन में िूरा करता है  कम घनत्व के कारण यह ह िानी में नहीं िू बेगा इस
। ग्रह के चारों ओर 7 छल्ले हैं ।
 लजन्हें ए ,बी ,सी, िी, ई ,एफ ,जी कहते हैं ।यह वलय
 अथाटत इस ग्रह का घूणटन और िररक्रमण समान है ।
इसी ग्रह का ु कड़ा है जो शधन के गुरुत्वाकषटण के
 अथाटत इस ग्रह िर एक डदन 1 वषट के बराबर होगा ।
कारण इसी के समीि रहता है
 बुि तथा शुक्र के िास उिग्रह नहीं है इसके उिग्रह को
 इन छल्लों के कारण ही शधन को आकाशगंगा सदृश
सूयट खींच लेता है ।
ग्रह कहते हैं ।

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101
 औरं गजेब ने कुरान को अिने शासन का आिार बनाया आधुमनक भारि का इतिहास
1 इसने लसिे िर कलमा खुदवाना, नवरोज का त्यौहार
मनाना, भांग की खेती करना, गाना बजाना, झरोखा
दशटन, तुलादान प्रथा (इस प्रथा में सम्रा को उसके
अध्याय – 1
जन्म डदन िर सोने, चााँदी तथा अन्य वस्तुओ ं से तौलने
की प्रथा थी 1 यह अकबर के जमाने में प्रारं भ हुई थी 1 यूरोपीय कम्पमनयों का आर्िन
)आडद िर प्रततबंि लगा डदया 1
 औरं गजेब ने दरबार में संगीत िर िाबंदी लगा दी तथा भारि िें आने िाली यूरोपीय कम्पमनयों का क्रि
सरकारी संगीतज्ञों को अवकाश दे डदया गया 1 भारतीय
शास्त्रीय संगीत िर फारसी में सबसे अधिक िुस्तकें िुतटगाली→िच→ब्रिट श→िेधनश→फ्ांसीसी→स्वीिस
औरं गजेब के ही शासनकाल में ललखी गयी 1 औरं गजेब िास्कोडिर्ािा
स्वयं वीणा बजाने में दक्ष था 1  यूरोिीय शधक्तयों में िुतटगाली कंिनी ने भारत में सबसे
 बीबी के मकबरे का धनमाटण औरं गजेब ने करवाया था 1 िहले प्रवेश टकया 1 भारत में आने के ललए इन्होंने नये
 मुगल कालीन भू-राजस्व प्रणाली समुद्री मागट की खोज की 1
 िेि बिाई – खेत में एक ही अनाज का बाँ वारा 1  िुतटगाली व्यािारी वास्कोडिगामा ने 17 मई 1498 में
 लंक बिाई – अनाज को खललयान से लाकर ब्रबना भारत के िप्तश्चमी त िर अवच्चस्थत बंदरगाह कालीक
भूसा धनकाले बाँ ाई 1 िहुाँचकर की 1
 रास बिाई – अनाज से भूसा धनकालकर बाँ ाई  बन्दरगाह िर कथिाबू नामक स्थान िर िहुाँचा |
 औरं गजेब के शासनकाल मुगल सेना में सवाटधिक डहन्दू वास्कोडिगामा का स्वागत कालीक के शासक
सेनाितत थे 1 जमोररन ने टकया 1
 फ्ांसीसी यात्री फ्ांकोइस बनीयर औरं गजेब के
लचटकत्सक थे 1  नोि :- पेरो अिेज केिोल भारि पहुाँचने िाला
दूसरा पुिगर्ाली था।
 1502 ई. में वास्कोडिगामा िुनः भारत आया था।
 िुतटगाली:- 1503 में िुतटगाललयों ने अिनी िहली फैक्टट्री
कोचीन में स्थाटित की थी।
 दूसरी फैक्टट्री की स्थािना 1505 ई. में कन्नूर में की गई
1
फ्रांससस्को िी. अल्मोड़ा [1505 - 1509]
 फ्ांलसस्को िी. अल्मोड़ा भारत में प्रथम िुतटगाली
गवनटर/वायसराय बनकर आया था।
 इसने 1509 में धमस्र, तुकी व गुजरात की संयुक्त सेना
को िरालजत कर दीव िर अधिकार कर ललया 1 इसे
िुतटगाली सरकार ने आदेश डदया था की यह भारत में
ऐसे दुगट का धनमाटण करे लजनका उद्दे श्य बस केवल
सुरक्षा न होकर डहन्द महासागर के व्यािार िर
िुतटगाली धनयंत्रण स्थाटित करना भी हो (उसके द्वारा
अिनाई धनतत नीले या शांि जल की मनति कहलाई
)
 यह िॉललसी डहन्द महासागर के व्यािार िर िुतटगीज
धनयंत्रण स्थाटित करने के ललए अल्मेड़ा ने शुरु की
थी।
 िुतटगाल की राजिानी –ललसवन

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198
अल्ांसो िी. अल्बुककग (1509 - 1515)  1661 ई. में तत्कालीन ब्रिट श सम्रा (अंग्रज
े ) चाल्सट
 भारत में िुतटगाली शधक्त की वास्तटवक नींव िालने वाला डद्वतीय ने िुतटगाली राजकुमारी कैथरीन से टववाह कर
अल्फांसो िी. अल्बुककट था। ललया और िुतटगाललयों ने चाल्सट डद्वतीय को मुम्बई
 जो सवटप्रथम 1509 ई. में भारत आया और उसी समय द्वीि दहे ज में दे डदया ।
(1509 ईस्वी) उसने कोचीन में िुतटगाललयों के प्रथम  बंगाल के शासक ‘मसूद शाह’ द्वारा िुतटगाललयों को
- दुगट का धनमाटण करवाया । च गााँव और सतगााँव में व्यािाररक कम्पधनयााँ खोलने
 1509 ई. में अल्बुककट भारत में िुतटगाललयों का गवनटर की अनुमतत दी गई।
धनयुक्त हुआ।  अकबर' की अनुमतत से हुगली में कंिनी की स्थािना
 1510 ई. िुतटगाललयों ने गोवा के बन्दरगाह िर अधिकार की गई।
कर ललया, जो उस समय बीजािुर के यूसुफ आडदल  शाहजहााँ ने िुतटगाललयों के अधिकार से 'हुगली' को
शाह सुल्तान के अिीन था। छीन ललया था।
 1511 ई. में अल्बुककट ने मलिा और 1515 ई. में फारस  का ट ज आमेिा काडफला व्यवस्था :- यह समुद्री व्यािार
की खाड़ी में अवच्चस्थत हमुटज बन्दरगाह िर अधिकार कर िर धनयंत्रण व्यवस्था थी। इसके अन्तगटत कोई भी
ललया । भारतीय या अरबी जहाज ब्रबना 'िरधम ' ललए अरब
 अल्बुककट ने अिने क्षेत्र में सती प्रथा बन्द करवा दी। सागर में नहीं जा सकता था।
 अल्बुककट राजाराम मोहन राय का िूवट गामी था।  इन जहाजों में काली धमचट व गोला बारूद ले जाना
 िुतटगीजों को भारतीय च्चस्त्रयों से टववाह के ललए मना था।
अल्बुककट ने प्रोत्साडहत टकया ।
 अल्बुककट ने िुतटगीज सेना में भारतीयों की भती प्रारम्भ पुिगर्ासलयों की भारि को दे न
की।  मध्य अमेररका से तम्बाकू, मूंगफली, आलू, मिा,
ििीता और अमरुद का भारत में प्रवेश िुतटगाललयों ने
कराया।
मनन्हो िी. कुन्हा (1529-1538)
 बादाम, लीची, संतरा, अनानास एवं काजू का प्रवेश
 अल्बुककट के बाद दूसरा महत्विूणट िुतटगाली गवनटर अन्य देशों से भारत में िुतटगाललयों के माध्यम से हुआ।
धनन्हों िी. कुन्हा था। लजसने 1529 ई. में भारत में कायट  जहाज धनमाटण तथा टप्रिंट िंग प्रेस (1556 ई.) की
भार ग्रहण टकया । स्थािना भारत में िुतटगाललयों ने प्रारम्भ की।
 कुन्हा ने 1530 ई. में शासन का प्रमुख केन्द्र कोचीन के  िुतटगाललयों द्वारा भारत में गोतथक स्थाित्य कला का
स्थान िर गोवा को बनाया। आगमन हुआ।
 कुन्हा ने दमन, सालसे , चौल, बम्बई सेन्ट ॉमस,
मद्रास और हुगली में िुन: अिने केन्द्र स्थाटित टकये। िच
 कुन्हा ने हुगली और सैनथोमा मद्रास के िास िुतग ट ाली  िच िुतटगाललयों के बाद भारत आये।
बच्चस्तयों को स्थाटित टकया 1  िच नीदरलैण्ड व हॉलैण्ड के धनवासी थे।
 भारत में प्रथम िादरी फ्ांलसस्को जेटवयर का आगमन  िचों की कंिनी का नाम यूनाइ े ि ईस्ट इप्तण्डया कंिनी
िुतटगाली गवनटर माट िन डिसूजा 1542-1545 के समय ऑफ नीदरलैण्ड था। की स्थािना 1602 में की थी 1
हुआ 1 वास्तटवक नाम वेरींगीिे ओस्त इत्कन्डशे कंिनी था 1
 मुगल शासक अकबर के दरबार में दो िुतटगाली इसाईं  िचों ने भारत में अिनी “प्रथम फैक्टट्री”1605 ई. में
िादररयों मोंसरे तथा फादर एकाब्रबवा का आगमन हुआ मसूलीिट्टनम में स्थाटित की।
1  िचों का भारत में प्रथम दल “कानेललयस िी होउ मैन
 भारत में तम्बाकू की खेती जहाज धनमाटण तथा टप्रिंट िंग के नेतृत्व में भारत आया । वह भारत आने वाला प्रथम
प्रेस की शुरुआत िुतटगाललयों के आगमन के िश्चात्य िच नागररक था 1
हुई1  िचों ने 1602 ई. में गुजरात, कोरोमण्डल त एवं
 िुतटगाललयों ने ही सन् 1556 में प्रथम टप्रिंट िंग प्रेस की बंगाल, ब्रबहार एवं उड़ीसा में व्यािाररक फैल्क्टट्रयााँ
स्थािना की 1 स्थाटित की।

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199
 िचों ने मसूलीिट्टनम, िुलीक , सूरत, कराइकल, trading into the east Indies नामक कंिनी की
बालासोर, नागिट्टनम और कोचीन में कोडठयााँ खोली। स्थािना िूवट के दे शों के साथ व्यािार करने हे तु की।
 िचों ने बंगाल में िहली फैक्टट्री ‘1627’में िीिली-(स्थाई  31 डदसम्बर 1600 ई. में ब्रि े न की महारानी एलीजाबेथ
कंिनी)में स्थाटित की। प्रथम ने एक शाही फरमान देकर इस कंिनी को ‘15
 ‘1653’ में िचों ने हुगली के धनक लचनसुरा में अिनी वषों’ के ललए िूवट के देशों के साथ व्यािार करने की
फैल्क्टट्रयां स्थाटित की । अनुमतत प्रदान की।
 लचनसुरा (बंगाल) में िचों ने गुस्ताबुस नामक टकले  ईस्ट इंडिया कंिनी ने '1608 ई.' में सूरत में एक
का धनमाटण टकया। व्यािाररक कोठी खोली।
 इसके बाद िचों ने 'कालसमबाजार' और ि ना' में फैक्टट्री  जेम्स प्रथम के एक ित्र के साथ कैिन हॉटकन्स को
स्थाटित की। ‘1608’ में भारत भेजा।
 कोचीन और कन्नानोर िचों के प्रमुख व्यािाररक केन्द्र  1609 ई.’ में कैिन हॉटकन्स बादशाह जहााँगीर से
थे। आगरा में धमला था।
 1690 ई. के बाद िुलीक के बदले नागिट्टनम िचों का  जहााँगीर ने हॉटकन्स को चार सौ का मनसब तथा एक
मुख्य केन्द्र बन गया। जागीर और ‘खान की उिाधि’ दी।
 िच मुख्यतः मसालों, नील, कच्चे रे शम, वस्त्र, अफीम व  कैिन हॉटकन्स तुकी और फारसी भाषा का ज्ञाता था।
शोरा का व्यािार करते थे।  ‘1611 ई.’ में हॉटकन्स इंग्लैण्ड लौ गया।
 िचों की व्यािाररक व्यवस्था सहकाररता (Cartel) िर  ‘1613 ई.’ में जहााँगीर ने अंग्रेजों को सूरत में स्थाई
आिाररत थी। रूि से एक कोठी खोलने की अनुमतत दी।
 ‘1759’ में अंग्रेजों एवं िचों के मध्य बेदरा का युि हुआ,  हॉटकन्स के वािस जाने के बाद '1615 ई.' में जैम्स
लजसमें िच िरालजत हुए और उनका भारत से अस्न्तम प्रथम ने सर ॉमस रो को मुगल दरबार में भेजा।
रुि से ितन हो गया।  10 जनवरी 1616 ई. में ॉमस रो जहााँगीर से अजमेर
 बेदरा के युि में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व लॉिट क्लाइव में धमला था।
ने टकया।  सर ॉमस रो 3 वषट तक 'राजदूत' के रूि में अजमेर,
 नो :- 'मसूलीिट्टनम और सूरत से’ िच ‘नील’ का माण्डू , इलाहाबाद में रहा।
धनयाटत करते थे । भड़ौच बन्दरगाह से िच किड़े का  फरवरी 1619 में सर ॉमस रो इंग्लैण्ड वािस चला
धनयाटत करते थे। गया।
 िुलीक में िच अिने स्वणट िैगोिा (लसिे) िालते थे  1640 ई. में अंग्रेजों ने मद्रास नगर की स्थािना की
। और आत्मरक्षा के ललए वहााँ एक दुगट का धनमाटण
 भारत में अफीम उचों द्वारा जावा और चीन में धनयाटत कराया और उसका नाम 'सें जाजट का टकला' ('फो ट
टकया जाता था। सें जाजट) रखा।
 िच फैल्क्टट्रयों के प्रमुखों को फैक्टर कहा जाता था।  हुगली के बाद कालसम बाजार, ि ना तथा राजमहल
 िच कंिनी के धनदे शकों को भद्रजन XVII कहा जाता में अंग्रेजी फैल्क्टट्रयााँ स्थाटित की ।
था।  1661 ई. में ही चाल्सट डद्वतीय को िुतटगाली राजकुमारी
केथरीन से टववाह करने के उिलक्ष्य में दहे ज के रूि
अंग्रेज में बम्बई बन्दरगाह धमला था।
 भारत आने वाला प्रथम अंग्रेज यात्री जॉन धमल्डे न हॉल  चाल्सट डद्वतीय ने 1668 ई. में बम्बई बन्दरगाह को
था जो स्थल मागट से ‘1597’ में आया था। दस-िोंि वाटषिक टकराये िर ईस्ट इंडिया कंिनी को दे
 भारत में कैिन हॉटकन्स ‘1608 ई.’में समुद्री मागट से डदया ।
होकर (Red Dragon) नामक व्यािाररक जहाज से सूरत  बम्बई का वास्तटवक संस्थािक 'गेराल्ड आंधगयार' को
बन्दरगाह िर आया। माना जाता है ।
 हॉटकन्स प्रथम अंग्रेज था लजसने भारत की भूधम िर  ईस्ट इंडिया कंिनी की स्थािना के समय भारत में
समुद्री मागट से प्रवेश टकया था 1 सम्रा अकबर (1600 ई.) का शासन था।
 1599 ई. में लन्दन में व्यािाररयों के एक समूह ने The  अंग्रेजों ने हामुटज बन्दरगाह को िुतटगाललयों से 1604
Governor and company of merchants of ई. में जीता था।
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200
 औरं गजेब की मृत्यु के िश्चात् 1715 में कंिनी ने मुगल  लजसका नाम कम्पने देस इन्डे स ओररयन्टलेस रखा
दरबार में जॉन सारमन की अध्यक्षता में एक लशष्ट गया। इस कंिनी का धनमाटण फ्ांस की सरकार द्वारा
मण्डल भेजा | टकया गया 1
 लशष्ट मण्डल में टवललयम है धमल्टन शल्य लचटकत्सक था  1667 ई. में फ्ेंलसस केरॉन या फ्ेंको कैरो की अध्यक्षता
लजसने फरुखलसयर को एक भयंकर रोग से स्वस्थ्य में एक दल भारत आया 1 इस दल ने 1668 में सूरत
टकया। में िहली फैक्टट्री (फ्ांसीसी) स्थाटित की।
 फ्ांसीलसयों ने 1669 ई. में मसूलीिट्टनम में दूसरी फैक्टट्री
बंर्ाल िें तिविश फैक्ट्ररयों की स्थापना स्थाटित की।
 1686 ई. में अंग्रेजों एवं औरं गजेब की णभड़न्त हुई  1673 ई. में फ्ेंलसस माट ि न ने सूबेदार शेर खााँ लोदी से
(कारण हुगली में अंग्रेजों द्वारा लू ) लड़ाई में अंग्रेजों िुंिूचेरी नामक एक गााँव प्राप्त टकया जो बाद में
की हार हुई एवं अंग्रेजों को हुगली छोड़ना िड़ा। िाप्तण्डचेरी नाम से जाना गया।
 औरं गजेब ने अंग्रज
े ों से 1,50,000 रु. हजाटना लेकर िुनः  फ्ेंलसस माट ि न ने िाप्तण्डचेरी में फो ट लुई का धनमाटण
व्यािार की छू प्रदान कर दी। कराया ।
 1698 ई. में बंगाल के सूबेदार अजीम-उस-शान ने  इसीललए फ्ेंलसस माट िन को भारत में फ्ांसीसी बच्चस्तयों
सूतानती, कोलकाता व गोटविंदिुर की जमींदारी अंग्रेजों का वास्तटवक संस्थािक माना जाता है ।
को सौंि दी।  बंगाल में फ्ांसीलसयों ने मुगल सूबेदार शाइस्ता खााँ से
 जॉब चॉरनाक ने सूतानती, कोलकाता एवं गोटविंदिुर को भूधम प्राप्त करके 1690-92 में चंद्रनगर, नामक प्रलसि
धमलाकर एक नये नगर ‘कलकत्ता’ की स्थािना की। केन्द्र स्थाटित टकया ।
 1700 ई. में कलकत्ता में फो ट टवललयम टकले की  1693 ई. में िचों ने अंग्रेजों की सहायता से फ्ांसीलसयों
स्थािना की गई। इसका गवनटर- चाल्सट आयर को से िाप्तण्डचेरी को छीन ललया टकन्तु 1697 ई. की ररजटवक
बनाया गया। की संधि द्वारा फ्ांसीलसयों को िाप्तण्डचेरी दोबारा दे डदया
 सूरत में 10,000 रु. वाटषिक देने िर कंिनी के समस्त गया।
आयात-धनयाटत को कर मुक्त कर डदया गया।  1721 ई. में फ्ांसीलसयों ने मॉररशस िर अधिकार कर
ललया।
िेमनस या िेन कंपनी  1724 ई. में मालाबार समुद्र त िर च्चस्थत माहे िर
 अंग्रेजों के बाद भारत में िेधनस व्यािारी 1616 ई. में अधिकार कर ललया |
आये।  1739 ई. में फ्ांसीलसयों ने कररकाल िर अधिकार कर
 िेन लोगों ने अिनी प्रथम फैक्टट्री 1620 ई. में तंजौर के ललया ।
ट्रानकोबार (Tamil Nadu) में स्थाटित की |
 िेन लोगों ने दूसरी फैक्टट्री 1676 ई. में बंगाल के अंग्रेज, फ्रांसीसी संघषग
सेरामिुर में स्थाटित की ।  भारत में अंग्रेज-फ्ेंच युि ऑल्स्व्चट्रया के उत्तराधिकार के
 िेधनशों ने भारत में लगभग '25 वषों तक व्यािार टकया। युि से आरम्भ हुआ था ।
 इनके व्यािार में लगातार धगराव होने के कारण 1745  उस समय फ्ांसीलसयों का मुख्यालय िाप्तण्डचेरी में था
ईस्वी में इन्होंने अिनी सभी फैल्क्टट्रयााँ अंग्रेजों के हाथों तथा मछलीिट्टनम, कररकाल , माहे , सूरत एवं चन्द्रनगर
कम दामों में बेच दी एवं भारत छोड़कर चले गये। में उि - कायाटलय थे।
 अंग्रेजों की मुख्य बच्चस्तयााँ - मद्रास, बम्बई और
फ्रांसीसी कलकत्ता में थीं।
 भारत में व्यािाररक दृखष्ट से सबसे अन्त में फ्ांस के  अंग्रेजों एवं फ्ांसीलसयों का भारत में संघषट कनाट क से
व्यािारी आये । प्रारम्भ हुआ था।
 फ्ांस के सम्रा लुई चौदहवें के मंत्री कॉलब ट के कनागिक का प्रथि युद्ध [1746-48 ई.]
लगातार प्रयासों के बाद 1664 ई. में फ्ेंच ईस्ट इंडिया  कारण :- यह युि 1740 में आरं भ हुए ऑल्स्व्चट्रया के
कंिनी की स्थािना हुई। उत्तराधिकार के युि का टवस्तार मात्र था। इसके
तात्काललक कारण धनम्नललखखत थे –

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201
 अंग्रेज कैिन बने के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना द्वारा कुछ  औरं गजेब की मृत्यु के समय मुगल साम्राज्य में कुल
फ्ांसीसी जलिोतों िर कब्जा कर ललया जाना । 21 प्रान्त थे।
 फ्ांसीसी गवनटर िू प्ले ने मॉरीशस के फ्ांसीसी गवनटर
लाबुिोने की सहायता से मद्रास िर अधिकार कर बहादूर शाह प्रथि (1707-1712 ई.)
लेना।  1707 ई. में’63 वषीय’ बहादूर शाह प्रथम, लजसे शाह
 सेन्ट थोमे का युि (अियार नदी के टकनारे ):- आलम -I भी कहा जाता है , मुगल सम्रा बना|
 यह फ्ांसीसी सेना एवं कनाट क के नवाब अनवरुद्दीन  बहादूर शाह ने औरं गजेब द्वारा लगायी गई जलजया कर
के बीच लड़ा गया | की वसूली बन्द कर दी।
 इस युि में फ्ांसीसी सेना का नेतृत्व कैिन िैरािाइज  बन्दा बहादूर ने 1710 में ही गुरुनानक व गुरु गोटवन्द
ने टकया 1 लजसमें फ्ांसीसी सेना की जीत हुई। लसिंह के नाम के लसिे जारी टकये।
 युि की समाप्तप्त : - यूरोि में ऑल्स्व्चट्रया के उत्तराधिकार  बहादूर शाह प्रथम को शाहे बेखबर की उिाधि खफी खााँ
युि की समाप्तप्त एक्स -ला-शािेल की सन्धन्ध (1748 ने दी।
ई.) से हुई। इसके प्रभाव स्वरूि से भारत में भी युि
समाप्त हो गया । जहााँदर शाह (1712-13 ई.)
 कनाट क का डद्वतीय युि (1749-54.ई.)  51 वषट की आयु में 29 माचट 1712 को शासक बने
 कनाट क का तृतीय युि (1756 -1763 ई.) जहााँदरशाह ने "जुन्धल्फकार खााँ" को अिना ‘वजीर’ और
 िुतटगाली वायसराय वास्कोडिगामा की समाधि कोचीन उसके टिता ‘असद खााँ’ को अिना ‘वकील’ धनयुक्त
में हैं । टकया ।
 िुतटगाली दूत अन्ताधनयो कैिाल, अकबर के शासनकाल  ‘ज़ुन्धल्फकार खााँ’ की सलाह िर जहााँदर शाह ने अिने
में भारत आया था। शासन काल में ‘जलजया कर’ को समाप्त कर डदया।
 भारत में िुतटगाली सामुडद्रक साम्राज्य को एस्तादो द  जहााँदर शाह ने जयलसिंह को मालवा का खूबेदार धनयुक्त
इंडिया की उिमा दी जाती है । टकया, और 'धमजाट राजा' की उिाधि दी।
 कालीक का मलयाली नाम कोटषिोि है ।'  मारवाड़ के अजीतलसिंह को गुजरात का सूबेदार धनयुक्त
 मद्रास का संस्थािक फ्ांलसस िे था। टकया, और 'महाराजा' की उिाधि दी।
 नील की सबसे अच्छी टकस्म बयाना में तैयार होती थी।  जहााँदर शाह ने राजाराम के िुत्र लशवाजी डद्वतीय को
 जॉन सरमन धमशन फरुटखलशयर के दरबार में आया था। 5000 का मनसब तथा 'अनूि लसिंह' का खखताब डदया।
 इं रिोलर कौन थे ?  जहााँदर शाह एक कमजोर व टवलासी शहजादा था तथा
 एलशया में मुफ्त व्यािार करने वाले अंग्रेज व्यािारी । शासन के प्रतत उदासीन व लािरवाह था इस कारण
 लाई राब ट क्लाइव को ‘स्वणट से उत्पन्न सेना नायक’ लोग उसे ‘लम्पिग िूि’ग कहते थे।
कहा गया है।  फरुटखलशयर 11 जनवरी 1713 को मुगल लसिंहासन िर
 ॉमस रो जहााँगीर से धमलने अजमेर से मांिू आया था बैठा ।
1  उसने अब्दुलाह खााँ को वजीर और कुतुबुल मुि की
 1505 ई. में फ्ांलसस्को िी अल्मेिा भारत में प्रथम उिाधि दी ।
िुतटगाली वायसराय बनकर भारत आया था 1  फरुटखलशयर की सबसे बड़ी उिलन्धब्ध बन्दा बहादूर के
 1596 ई. में भारत आने वाला प्रथम िच नागररक नेतृत्व में“लसक्खों की हार” थी।
कानेललयस िी हाउ मैन था 1  फरुटखलशयर एक दुबटल, कायर, सम्रा था इसललए इसे
 भारत में गोतथक स्थाित्य कला की स्थािना का श्ेय मुगल वंश का 'घ्रणणत कायर सम्रा ' कहा जाता था।
िुतटगाललयों को जाता है 1  रफी उद दरजात यह नाम मात्र का और सबसे कम
 अल्बुककट सती प्रथा का टवरोि करने वाला यूरोिीय समय (3 माह 4 डदन) तक शासन करने वाला मुगल
व्यधक्त था 1 सम्रा था|
 कैिन हॉटकन्स को मुगल बादशाह जहााँगीर ने 400 का  रफी-उद-द्दोला इसकी िेलचश रोग के कारण 17 लसतम्बर
मनसब प्रदान टकया था 1 1719 को फतेहिुर सीकरी में मृत्यु हो गई।
 भारत में यूरोिीय शधक्तयों द्वारा िहला टकला गोवा में
धनधमित टकया गया 1
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202
रं र्राजन विशेषज्ञ सिूह 2014 की ररपोिग के विविध
अनुसार मनधगनिा अनुपाि
सिागमधक मनधगनिा अनुपाि िाले राज्य
िहत्वपूणग डदिस
राज्य प्रततशत ( % )
राष्ट्रीय और अंतराटष्ट्रीय डदवस 2021
छत्तीसगढ़ 47.9
मणणिुर 46.7 सिारोह की
जनिरी
तितथ
ओडिशा 45.9
सबसे कि मनधगनिा अनुपाि िाले राज्य प्रवासी भारतीय डदवस 09 जनवरी
गोवा 6.3
राष्ट्रीय युवा डदवस 12 जनवरी
डहमाचल प्रदेश 10.9
केरल 11.3 सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 - 17 जनवरी
सिागमधक मनधगनिा अनुपाि िाले केन्द्रशाससि सेना डदवस 15 जनवरी
राज्य
दादर एवं नगर हवेली 35.6 राष्ट्रीय बाललका डदवस 24 जनवरी
चंिीगढ़ 21.3 सुभाष चन्द्र का जन्मडदन 23 जनवरी
डदल्ली 15.6
सबसे कि अनुपाि मनधगनिा िाले केन्द्रशाससि गणतंत्र डदवस - 26 जनवरी 26 जनवरी
राज्य शहीद डदवस 30 जनवरी
अंिमान एवं धनकोबार द्वीि समूह 6.0
लक्ष्यद्वीि 6.5 सिारोह की
फरिरी
तितथ
दमन और दीव 13.7
टवश्व कैंसर डदवस 4 फरवरी
 सधमतत ने लसफाररश की टक –
 आय टवधि के स्थान िर उियोग टवधि का उियोग टकया वेलें ाइन्स िे 14 फरवरी
जाए ।
संत रटवदास जयंती 27 फरवरी
 गरीबी की मौडद्रक िररभाषा में समायोजन के ललए WPI
आिाररत महंगाई के आंकड़े के स्थान िर CPI आिाररत राष्ट्रीय टवज्ञान डदवस 28 फरवरी
महंगाई के आंकड़े का उियोग टकया जाए ।
सिारोह की
िाचग
तितथ

राष्ट्रीय सुरक्षा डदवस 4 माचट

अंतराटष्ट्रीय मडहला डदवस 8 माचट

ऑिटनेंस फैक्टट्री िे 18 माचट

टवश्व जल डदवस 22 माचट

23 माचट and
शहीद डदवस
30 जनवरी

सिारोह की
अप्रैल
तितथ

टवश्व स्वास्थ्य डदवस 7 अप्रैल

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261
जललयांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल सद्भावना डदवस 20 अगस्त

अम्बेिकर जयंती 14 अप्रैल अंतराटष्ट्रीय वररष्ठ नागररक


21 अगस्त
डदवस
टवश्व िृथ्वी डदवस 22 अप्रैल
राष्ट्रीय खेल डदवस 29 अगस्त
टवश्व िुस्तक डदवस 23 अप्रैल
सिारोह की
सिारोह की ससिंबर
िई तितथ
तितथ
राष्ट्रीय िोषण सप्ताह 1-7 लसतंबर
अंतरराष्ट्रीय श्धमक डदवस 1 मई
लशक्षक डदवस 5 लसतंबर
टवश्व प्रेस स्वतंत्रता डदवस 3 मई
अंतराटष्ट्रीय साक्षरता डदवस 8 लसतंबर
राष्ट्रीय प्रौद्योधगकी डदवस 11 मई
डहन्दी डदवस 14 लसतंबर
मातृ डदवस 09 मई
टवश्व ओज़ोन डदवस 16 लसतंबर
अंतराटष्ट्रीय िररवार डदवस 15 मई
टवश्व ियट न डदवस 27 लसतंबर
टवश्व तम्बाकू धनषेि डदवस 31 मई
सिारोह की
सिारोह की अक्टू बर
जून तितथ
तितथ
राष्ट्रीय स्वैम्भच्छक रक्तदान डदवस 1 अक्टू बर
टवश्व दुग्ध डदवस 1 जून
छुआछूत टवरोिी सप्ताह 2 अक्टू बर
टवश्व ियाटवरण डदवस 5 जून
गांिी जयंती 2 अक्टू बर
टवश्व रक्त दाता डदवस 14 जून
अंतराटष्ट्रीय िशु डदवस 4 अक्टू बर
अंतराटष्ट्रीय योग डदवस 21 जून
14 अक्टू बर
दवाओं के दुरूियोग और अवैि अंतराटष्ट्रीय दृखष्ट डदवस
(2nd गुरुवार)
तस्करी के खखलाफ़ अंतराटष्ट्रीय 26 जून
डदवस प्राकृततक आिदा धनवारण के
13 अक्टू बर
ललए अंतराटष्ट्रीय डदवस
सिारोह की
जुलाई
तितथ टवश्व टवद्याथी डदवस 15 अक्टू बर

राष्ट्रीय लचटकत्सक डदवस 1 जुलाई टवश्व खाद्य डदवस 16 अक्टू बर

टवश्व जनसंख्या डदवस 11 जुलाई टवश्व बचत डदवस 31 अक्टू बर

सिारोह की सिारोह की
अर्स्त निंबर
तितथ तितथ

अंगदान डदवस 13 अगस्त टवश्व सुनामी जागरूकता डदवस 5 नवंबर

स्वतंत्रता डदवस 15 अगस्त बाल अधिकार डदवस 20 नवंबर

अंतराटष्ट्रीय फो ोग्राफी डदवस 19 अगस्त बाल डदवस 14 नवंबर

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262
17. अणभज्ञानशाकुत्तलम काललदास
लचली सेंट यागो िीसो
18. स्वप्नवासवदत्ता भास
कोलस्म्बया बोगो ा िीसो 19. हषटचररत बाणभट्ट
20. रत्नावली हषटविटन
फ्ेंच गुयाना कोयेन्ने यूरो 21. कादम्बरी बाणभट्ट
22. टप्रयदलशिका हषटविटन
िैराग्वे असुस्लन्सयोन गुआरानी 23. नागानन्द हषटविटन
24. मृच्छक ीकम शूद्रक
िेरू लीमा न्यवोसोल 25. िृथ्वीराज रासो चन्द्रबरदाई
26. कयूटरमंजरी राजशेखर
उरुग्वे मों े वीडियो िीसो 27. इप्तण्डका मेगास्थनीज
28. िंचतंत्र टवष्णु शमाट
वेनेजुएला कराकस बोललवर
29. प्रबंि कोष राजशेखर
30. रसमाला सोमेश्वर
ओसशआमनया क्षेत्र के दे श
31. टकराताजुटनीयम भवभूतत
32. न्याय भाष्य वात्स्यायन
ऑस्व्चट्रेललया कैनबरा िॉलर
33. कामसूत्र वात्स्यायन
डफजी सूवा िॉलर 34. मालती मािव भवभूतत
35. कीतति कौमुदी सोमेश्वर
न्यूजीलैंि वेललिंग्त् न िॉलर 36. उत्तर रामचररत भवभूतत
37. कोकशास्त्र कोका िंडित
38. नीततसार कमण्डक
 पुस्तक एिं लेिक
39. काव्य मीमांसा राजशेखर
40. न्याय मंजरी जयन्त
क्र.स. पुस्तक लेिक
41. श्ृंगार शतक भतृटहरर
1. रामायण वाल्मीटक
42. काव्य प्रकाश मम्म
2. महाभारत वेदव्यास
43. रसरत्नाकर नागाजुटन
3. अष्टाध्यायी िाणणनी
44. अमरकोष अमर लसिंह
4. अथटशास्त्र कौट ल्य
45. लशशुिाल वि माघ
5. बुिचररत अश्वघोष
46. चरक सडहिंता चरक
6. सौन्दरानन्द अश्वघोष
47. सतसई हाला
7. मुद्राराक्षस टवशाखदत्त
48. नाट्यशास्त्र भरत
8. देवीचन्द्रगुप्तम् टवशाखदत्त
49. धमललन्दिन्हो नागसेन
9. महाभाष्य ितंजलल
50. धमताक्षरा टवज्ञानेश्वर
10. ऋतुसंहार काललदास
51. सूयट लसिांत आयटभट्ट
11. रघुवंशम् काललदास
52. सुश्ुत सडहिंता सुश्ुत
12. राजतरं धगणी कल्हण
53. माध्यधमका सूत्र नागाजुटन
13. टवक्रमांकदेव चररत टवल्हण
54. गीत संग्रह यमुनाचायट
14. टवक्रमोवटशीयम् काललदास
55. इलाहाबाद स्तम्भ हररषेण
15. कुमारसम्भवम् काललदास
प्रशच्चस्त
16. मालटवकाणम्नधमत्रम् काललदास 56. अणग्न िरीक्षा आचायट तुलसी
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266
 विश्व िें सबसे बड़ा छोिा, लम्बा िथा ऊाँचा सबसे बड़ा धगरजाघर वेलसललका ऑफ सें
िी र वेट कन (इ ली)
सबसे बड़ा महाद्वीि एलशया सबसे ऊाँची मीनार कुतुबमीनार (भारत )
सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर सबसे बड़ा संग्रहालय ब्रिट श संग्रहालय
सबसे बड़ा प्रायद्वीि अरब प्रायद्वीि (लंदन)
सबसे बड़ी नदी (लम्बाई नील नदी सबसे बड़ा हवाई अड्डा टकिं ग फहद अंतराटष्ट्रीय
में ) हवाई अड्डा ( सऊदी अरब
सबसे बड़ी कृब्रत्रम झील कैरीबा झील (ज़ास्म्बया ))
तथा लज़म्बाब्वे ) सबसे बड़ी जलसंधि ा ाटर जलसंधि
सबसे बड़ा महाकाव्य महाभारत सबसे बड़ा सड़क िुल महात्मा गााँिी सेतु (भारत
सबसे बड़ा महल िूनेई का शाही महल )
सबसे बड़ा द्वीि ग्रीनलैंि सबसे बड़ा िठार ततब्बत का िठार
सबसे बड़ा देश क्षेत्रफल रूस सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पतत गृह
में सबसे बड़ा उिसागर हिसन उि सागर
सबसे बड़ा ािुओ ं का इंिोनेलशया सबसे बड़ा व भारी ब्लू ह्े ल
समूह जानवर
सबसे बड़ी मूतति स्टै यू ऑफ यूधन ी भारत सबसे बड़ा डदन उत्तरी 21 जून
में गोलािट में
सबसे बड़ी दीवार चीन की दीवार सबसे बड़ा ज्वालामुखी मोनाललया (हवाई द्वीि )
सबसे बड़ा लचडड़या घर क्रुगर नेशनल िाकट सबसे बड़ी मूंगे की चट्टान ग्रे बेररयर रीफ
(दक्षक्षण अफ्ीका ) (ऑस्व्चट्रेललया )
सबसे बड़ी नदी अिवाह अमेजन नदी सबसे बड़ा जलप्रिात ग्वायरा (एल्टो िराना
क्षेत्र में नदी )
सबसे बड़ा रे धगस्तान सहारा मरुस्थल सबसे बड़ा जलिमरूमध्य िेटवस जलिमरूमध्य
सबसे बड़ा अंतस्थलीय भूमध्य सागर सबसे बड़ा सागर दक्षक्षणी चीन सागर
सागर सबसे बड़ा लैगून लैगोआ िॉस िै ोस
सबसे बड़ी ताजे जल की सुिीररयर झील (िाजील )
झील सबसे बड़ा घं ाघर द ग्रे बेल ऑफ मॉस्को
सबसे बड़ी खारे जल की कैन्धस्पयन सागर झील सबसे बड़ा िुस्तकालय कांग्रेस िुस्तकालय
झील (लंदन )
सबसे बड़ा िेल्टा सुंदरवन का िेल्टा (भारत सबसे ऊाँची मस्लिद सुल्तान हसन मस्लिद,
में ) काडहरा (धमस्र )
सबसे बड़ा िाकट वुि बुफेलो नेशनल िाकट सबसे बड़ी मस्लिद जामा मस्लिद (भारत )
कनाड़ा सबसे बड़ा राजमागट राजमागट 1 (ऑस्व्चट्रेललया )
सबसे बड़ी लसिंचाई वोल्गा बास्ल्टक कैनाल लम्बाई-14500 टकमी.
िररयोजना सबसे ऊाँचा िठार िामीर का िठार (ततब्बत
सबसे बड़ा अजायबघर अमेररकन म्यूलजयम ऑफ )
नेचुरल डहस्व्चट्री न्यूयॉकट सबसे ऊाँचा झरना एं लजल (वेनेजुएला )
सबसे बड़ा गुम्बद एस्व्चट्रो िोम े क्सास सबसे अधिक गहराई में बुटक ामसन (िुनेई )
(यू.एस.ए.) च्चस्थत िहाड़ी
सबसे बड़ा िक्षी ऑल्स्व्चट्रच (शुतुरमुगट ) सबसे अधिक वषाट का मॉलसनराम (भारत )
सबसे छो ा िक्षी हधमिंग बिट स्थान
सबसे बड़ी खाड़ी मैक्सक्सको की खाड़ी सबसे अधिक ठण्डा प्रदेश बखोयांनस्क (रूस)
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270
ििततयों के टवकास, उियोग या ियाटवरणीय समस्या का
हल धनकालने में महत्त्विूणट भूधमका धनभाई हो।

राजीव गााँिी ियाटवरण 1993 ियाटवरण स्वच्छ प्रौद्योधगकी के क्षेत्र में महत्त्विूणट योगदान िर
िुरस्कार (₹2 लाख + मन्त्रालय औद्योधगक संस्थानों द्वारा
ट्रॉफी + प्रशच्चस्त-ित्र) स्वच्छ प्रौद्योधगकी को अिनाने िर

राजीव गााँिी वन्यजीव 1998 ियाटवरण एवं वन्यजीव संरक्षण में योगदान देने वाले व्यधक्त या संस्था को
संरक्षण अवािट (₹ 1 वन मन्त्रालय
लाख + प्रशच्चस्त -ित्र)

मेडदनी िुरस्कार (₹ 2007 ियाटवरण एवं ियाटवरण एवं इससे जुड़े टवणभन्न टवषयों; जैसे- वन,
15000 से 31000) वन मन्त्रालय वन्यजीव, प्रदूषण, जल संसािन
आडद िर डहन्दी में मौललक िुस्तक लेखन िर डदया जाता है

अमृता देवी ब्रबश्नोई - राजस्थान वन्य जीव सुरक्षा हे तु कायट करने वाले
वन्यजीव सुरक्षा सरकार का
िुरस्कार (₹। लाख) वन्य टवभाग

 विश्व के प्रिुि संर्ठन और उनके िुख्यालय –

क्रिांक विश्व के प्रिुि संर्ठन िुख्यालय

1. अंतराटष्ट्रीय िरमाणु ऊजाट एजेंसी ( IAEA ) टवयना, ऑल्स्व्चट्रया

2. अंतराटष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) वालशिंग न िी. सी., अमेररका

3. अंतराटष्ट्रीय न्यायालय हे ग, नीदरलैंि

4. अंतराटष्ट्रीय श्म संगठन ( ILO ) जेनेवा, न्धस्वट्जरलैंि

5. आतथिक सहयोग और टवकास संगठन ( OECD ) िेररस, फ्ांस

6. अंतराटष्ट्रीय ओलप्तम्पक सधमतत ( IOC ) लुसाने, न्धस्वट्जरलैंि

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290
7. अफ़्ीकी आतथिक आयोग ( ECA ) आडदस – अबाबा, इथोटिया

8. अफ़्ीकी एकता संगठन ( OAU ) आडदस – अबाबा, इथोटिया

9. अरब लीग काडहरा, धमस्र

10. अंतराटष्ट्रीय सौर गठबंिन ( ISA ) हररयाणा, भारत

11. उत्तरी अ लांट क संधि संगठन / ना ो ( NATO ) िुसेल्स, बेस्लल्जयम

12. दक्षक्षण िूवी एलशयाई राष्ट्रों का संघ ( ASEAN ) जकाताट, इंिोनेलशया

13. यूरोटियन िरमाणु ऊजाट समुदाय ( EURATON ) िुसेल्स, बेस्लल्जयम

14. यूरोिीय आतथिक समुदाय ( EEC ) जेनेवा, न्धस्वट्जरलैंि

15. यूरोटियन स्पेस ररसचट आगेनाईजेशन ( ESRO ) िेररस, फ्ांस

16. यूनेस्को ( UNESCO ) िेररस, फ्ांस

17. यूधनसेफ ( UNICEF ) न्यूयॉकट, अमेररका

18. यूरोिीय कॉमन माके ( ECM ) जेनेवा, न्धस्वट्जरलैंि

19. यूरोिीय मुक्त व्यािार संघ ( ECTA ) जेनेवा, न्धस्वट्जरलैंि

20. यूरोिीय संसद लक्टज़मबगट

21. यूरोिीय ऊजाट आयोग ( EEC ) जेनेवा, न्धस्वट्जरलैंि

22. रे िक्रॉस जेनेवा, न्धस्वट्जरलैंि

23. राष्ट्रमंिल ( COMMONWEALTH ) लंदन, इंग्लैण्ड

24. राष्ट्रमंिलीय राष्ट्राध्यक्ष सम्मेलन ( CHOGM ) स्व्चट्रांसबगट

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291
प्रिय दोस्तों, अब तक हमारे नोट्स में से अन्य परीक्षाओ ं में आये हुए
िश्नों के पररणाम दे खने के लिए क्लिक करें - (Proof)

RAS PRE. - https://www.youtube.com/watch?v=p3_i-3qfDy8&t=1253s

VDO PRE. - https://www.youtube.com/watch?v=gXdAk856WI8&t=202s

Patwari - https://www.youtube.com/watch?v=X6mKGdtXyu4&t=2s

PTI 3rd grade - https://www.youtube.com/watch?v=iA_MemKKgEk&t=5s

VDO Pre. - https://www.youtube.com/watch?v=gXdAk856WI8

EXAM (परीक्षा) DATE हमारे नोट्स में से


आये हुए िश्न

RAS PRE. 2021 27 अक्तूबर 74 प्रश्न आये

SSC GD 2021 16 नवम्बर 68 (100 में से)

SSC GD 2021 30 नवम्बर 66 (100 में से)

SSC GD 2021 01 दिसम्बर 65 (100 में से)

SSC GD 2021 08 दिसम्बर 67 (100 में से)

राजस्थान S.I. 2021 14 ससतम्बर 119 (200 में से)

राजस्थान S.I. 2021 15 ससतम्बर 126 (200 में से)

RAJASTHAN PATWARI 2021 23 अक्तूबर (Ist सिफ्ट) 79 (150 में से)

whatsapp-https://wa.link/6z7do2 1 web.- https://cutt.ly/9NCBSnA


RAJASTHAN PATWARI 2021 23 अक्तूबर (2nd सिफ्ट) 103 (150 में से)

RAJASTHAN PATWARI 2021 24 अक्तूबर (2nd सिफ्ट) 91 (150 में से)

RAJASTHAN VDO 2021 27 दिसंबर (1st सिफ्ट) 59 (100 में से)

RAJASTHAN VDO 2021 27 दिसंबर (2nd सिफ्ट) 61 (100 में से)

RAJASTHAN VDO 2021 28 दिसंबर (2nd सिफ्ट) 57 (100 में से)

U.P. SI 2021 14 नवम्बर 2021 1st सिफ्ट 91 (160 में से)

U.P. SI 2021 21नवम्बर2021 (1st सिफ्ट) 89 (160 में से)

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