Bhadohi Reg

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ग्रामीण कृ षि मौसम सेवा

भारत मौसम विज्ञान विभाग


भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान
वाराणसी, उत्तर प्रदेश

मौसम आधारित कृ षि परामर्श सेवाएं


दिनांक : 30-04-2024

भदोही(उत्तर प्रदेश ) के मौसम का पूर्वानुमान - जारी करनेका दिन :2024-04-30 ( अगले 5 दिनों के 8:30 IST तक वैध)

मौसम कारक 2024-05-01 2024-05-02 2024-05-03 2024-05-04 2024-05-05


वर्षा (मिमी) 0.0 0.0 0.0 0.0 0.0
अधिकतम तापमान(से.) 42.0 41.0 39.0 40.0 42.0
न्यूनतम तापमान(से.) 23.0 21.0 22.0 23.0 25.0
अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता (%) 39 41 42 40 41
न्यूनतम सापेक्षिक आर्द्रता (%) 18 16 17 17 17
हवा की गति (किमी प्रति घंटा) 18 16 15 9 10
पवन दिशा (डिग्री) 291 296 288 294 295
क्लाउड कवर (ओक्टा) 0 0 0 6 4

मौसम सारांश / चेतावनी:

इन दिनों हीट वेव का प्रभाव जनपद में देखा जा रहा है और यह अभी आगामी दो-तीन दिनों तक बना रह सकता है।
तत्पश्चात तापमान और हवाओं में थोड़ी कमी आने के आसार है। आगामी सप्ताह में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के
आसपास तथा रात का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज होने के आसार हैं। ज्यादातर मौसम साफ
और शुष्क बना रहेगा। हल्के -फु ल्के बादल किसी-किसी दिन आकाश में दिखाई दे सकते हैं। धरातलीय हवाएं 25
से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की दर से दर्ज होने के आसार है।

सामान्य सलाहकार:

फसल की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए रबी की फसल की कटाई के तुरन्त बाद गहरी जुताई कर ग्रीष्म ऋतु
में खेत को खाली रखना बहुत ही लाभदायक रहता है। ग्रीष्मकालीन जुताई रबी मौसम की फसलें कटने के बाद
शुरू होती है, जो बरसात शुरू होने पर समाप्त होती है। अप्रैल से जून तक ग्रीष्मकालीन जुताई की जाती है, जहां
तक हो सके किसान भाइयों को गर्मी की जुताई रबी की फसल कटने के तुरन्त बाद मिट्‌टी पलटने वाले हल से कर
देनी चाहिए। खेत की मृदा में नमी संरक्षित होने के कारण बैलों व ट्रैक्टर को कम मेहनत करनी पड़ती है। मृदा
पलटने वाले हल से इस माह खेतों की जुताई करना लाभदायक है। जुताई के लिए मृदा पलटने वाला हल या
ट्रैक्टरचालित यंत्र भी उपयोग में ले सकते हैं। इससे निचली परत की मृदा के साथ खरपतवारों के बीज, रोगों के
कीटाणु, अंडे आदि ऊपर आ जाते हैं, जो सूरज की गर्मी से मर जाते हैं। इससे खरपतवारों की संख्या और कीट-
पतंगे कम हो जाते हैं। इसके साथ ही मृदा में वर्षाजल का अवशोषण बढ़ जाता है तथा मृदा की उर्वराशक्ति में भी
सुधार होता है।

लघु संदेश सलाहकार:


सब्जियों की तैयार फसलों जैसे कु म्हरा, लौकी, नेनुआ, लोबिया, बैगन, भिंडी आदि की तुड़ाई करते रहे। सिंचाई पर
ध्यान दे

फ़सल विशिष्ट सलाह:

फ़सल फ़सल विशिष्ट सलाह


वैज्ञानिक तरीके से बीज व अनाज का भंडारण करने पर रोगों एवं कीटों का प्रकोप कम होता है। इससे बीज
व अनाज लंबे समय तक स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं। बीज व अनाज को भंडारण से पहले ठीक प्रकार
से सुखा लेना चाहिए, क्योंकि भंडारण के समय क्षति पहुंचाने वाले प्रमुख कीट जैसे-घुन या छोटा छिद्रक
(राइजोपरथा डोमिनिका), खपरा बीटल (ट्रोगोडरमा ग्रेरनेरियम), सूंडवाली सुरसुरी (साइटोफिलस
ओरायजी), चावल का पतंगा (कोरसायरा सिफे लोनिकी), अनाज का पतंगा (साइटोट्रोगा सिरियलेला), दाल
गेहूँ का ढोरा (कै लोसोब्रूकस मैकू लेटस) व आटे का कीट (ट्राइबोलियम कै स्टेनियम) आदि का प्रकोप होता है।
नमी की अधिकता से कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है। धान्य फसलों में नमी की मात्र 8-10 प्रतिशत, दलहनी
एवं तिलहनी फसलों में 6-8 प्रतिशत तक होने पर ही भंडारण करना चाहिए। ऐसा पाया गया है कि भंडारण
के समय धान्य फसलों के बीज में 10-12 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर कीट-मकोड़ों का प्रकोप, 14-15
प्रतिशत से अधिक होने पर फफूं दीजनित और 15 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर अच्छी तरह अंकु रण नहीं
हो पाता है।

बागवानी विशिष्ट सलाह:

बागवानी बागवानी विशिष्ट सलाह


अमरूद की नई बढ़वार, जिस पर फू ल लग रहे हों, की शाखा का 3/4 भाग काटकर निकाल दें। इससे
बरसात की फसल तो कम हो जायेगी परं तु रबी की फसल में वृद्धि हो जायेगी। अमरूद म में 10-15 दिनों
के अंतराल पर सिंचाई करते रहें। पुष्पन अवस्था पर 10 प्रतिशत यूरिया का छिड़काव 10-15 दिनों के
अमरूद
अंतर पर करने से जायद के मौसम में 3-8 गुना अधिक फसल प्राप्त होती है। अमरूद की फसल में मार्च
से मई में फू ल आते हैं। इसकी फसल अगस्त से लेकर मध्य अक्टू बर तक मिलती रहती है। अमरूद में
बहार नियंत्रण के लिए 10 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिड़काव अप्रैल व मई में फू लों पर करें ।
गर्मी के कारण उचित जल प्रबंधन आवश्यक होता है। बागवानी फसलों में 10-12 दिनों के अंतराल पर
आम
आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए। जरूरत के अनुसार कटाई-छं टाई करते रहना चाहिए

पशुपालन विशिष्ट सलाह:

पशुपालन पशुपालन विशिष्ट सलाह


तापमान को दृष्टिगत रखते हुए पशुओं को स्वच्छ ताजा जल 2 घंटे के अंतराल पर पिलाएं । दो महीने के
भेंस
बछड़े / बछिया को पाइपरजीन नामक कृ मिनाशक दवा खिलानी चाहिए।

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