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ऱाऱ किताफ िे सिद्ध टोटिे

नानक दखु िमा सफ सॊसाय ! आज सॊसाय भें हय आदभी दि


ु ी है ! चाहे अभीय हो मा गयीफ, फडा हो मा छोटा ! हय इॊसान
को कोई न कोई ऩये शानी रगी यहती है ! ज्मोततष भें इसके लरए कई उऩाम सझ
ु ाए गए हैं ! जजनको विधध ऩि
ू क
व कयके
हभ राब उठा सकते हैं !
रार ककताफ उत्तय बायत भें िास कय ऩॊजाफ भें फहुत प्रलसद्ध है ! अफ इसका प्रचाय धीये -धीये ऩूये बायत भें हो यहा है !
इसकी रोकवप्रमता का भख्
ु म कायण इसके आसान, सस्ते औय सटीक उऩाम हैं ! इसभें कई उऩाम ग्रहों की फजाम रऺणों
से फतामे जाते हैं ! आऩके राब के लरए कुछ लसद्ध उऩाम तनम्न प्रकाय से हैं –
1. यदद आऩिो धन िी ऩरे शानी है, नौिरी मे ददक्ित आ रही है, प्रमोशन नहीीं हो रहा है या आऩ अच्छे िररयर िी
तऱाश में है तो यह उऩाय िीजजए :
ककसी दक
ु ान भें जाकय ककसी बी शक्र
ु िाय को कोई बी एक स्टीर का तारा ियीद रीजजए ! रेककन तारा ियीदते िक्त
न तो उस तारे को आऩ िद
ु िोरें औय न ही दक
ु ानदाय को िोरने दें तारे को जाॊचने के लरए बी न िोरें ! उसी तयह
से डडब्फी भें फन्द का फन्द तारा दक
ु ान से ियीद रें ! इस तारे को आऩ शुक्रिाय की यात अऩने सोने के कभये भें यि
दें ! शतनिाय सुफह उठकय नहा-धो कय तारे को बफना िोरे ककसी भजन्दय, गुरुद्िाये मा ककसी बी धालभवक स्थान ऩय यि
दें ! जफ बी कोई उस तारे को िोरेगा आऩकी ककस्भत का तारा िर
ु जामगा !
2. यदद आऩ अऩना मिान, दि
ु ान या िोई अन्य प्राऩटी फेचना चाहते हैं और वो बफि न रही हो तो यह उऩाय िरें :
फाजाय से 86 (तछमासी) साफत
ु फादाभ (तछरके सहहत) रे आईए ! सफ
ु ह नहा-धो कय, बफना कुछ िामे, दो फादाभ रेकय
भजन्दय जाईए ! दोनो फादाभ भजन्दय भें लशि-लरॊग मा लशि जी के आगे यि दीजजए ! हाथ जोड कय बगिान से प्राऩटी
को फेचने की प्राथवना कीजजए औय उन दो फादाभों भें से एक फादाभ िावऩस रे आईए ! उस फादाभ को राकय घय भें कहीॊ
अरग यि दीजजए ! ऐसा आऩको 43 हदन तक रगाताय कयना है ! योज़ दो फादाभ रेजाकय एक िावऩस राना है ! 43
हदन के फाद जो फादाभ आऩने घय भें इकट्ठा ककए हैं उन्हें जर-प्रिाह (फहते जर, नदी आहद भें) कय दें ! आऩका भनोयथ
अिश्म ऩूया होगा ! महद 43 हदन से ऩहरे ही आऩका सौदा हो जाम तो बी उऩाम को अधूया नही छोडना चाहहए ! ऩूया
उऩाम कयके 43 फादाभ जर-प्रिाह कयने चाहहए ! अन्मथा कामव भें रूकािट आ सकती है !
3. यदद आऩ ब्ऱड प्रेशर या डडप्रेशन िे ऩरे शान हैं तो :
इतिाय की यात को सोते सभम अऩने लसयहाने की तयप 325 ग्राभ दध
ू यि कय सोंए ! सोभिाय को सुफह उठ कय सफसे
ऩहरे इस दध
ू को ककसी कीकय मा ऩीऩर के ऩेड को अवऩवत कय दें ! मह उऩाम 5 इतिाय तक रगाताय कयें ! राब होगा
!
4. माईग्रेन या आधा िीिी िा ददद िा उऩाय :
सुफह सूयज उगने के सभम एक गुड का डरा रेकय ककसी चौयाहे ऩय जाकय दक्षऺण की ओय भुॊह कयके िडे हो जाॊम !
गुड को अऩने दाॊतों से दो हहस्सों भें काट दीजजए ! गुड के दोनो हहस्सों को िहीॊ चौयाहे ऩय पेंक दें औय िावऩस आ जाॊम
! मह उऩाम ककसी बी भॊगरिाय से शुरू कयें तथा 5 भॊगरिाय रगाताय कयें ! रेककन….रेककन ध्मान यहे मह उऩाम कयते
सभम आऩ ककसी से बी फात न कयें औय न ही कोई आऩको ऩुकाये न ही आऩ से कोई फात कये ! अिश्म राब होगा !
5. पींिा हुआ धन वापऩि ऱेने िे सऱए :
महद आऩकी यकभ कहीॊ पॊस गई है औय ऩैसे िावऩस नहीॊ लभर यहे तो आऩ योज़ सुफह नहाने के ऩश्चात सूयज को जर
अऩवण कयें ! उस जर भें 11 फीज रार लभचव के डार दें तथा सूमव बगिान से ऩैसे िावऩसी की प्राथवना कयें ! इसके साथ
ही “ओभ आहदत्माम नभ् “ का जाऩ कयें !

6. आर्थदि िमस्या िे छुटिारे िे सऱए :


महद आऩ हभेशा आधथवक सभस्मा से ऩये शान हैं तो इसके लरए आऩ 21 शुक्रिाय 9 िषव से कभ आमु की 5 कन्मामों को
िीय ि लभश्री का प्रसाद फाॊटें !
घय औय कामवस्थर भें धन िषाव के लरए :
इसके लरए आऩ अऩने घय, दक
ु ान मा शोरूभ भें एक अरॊकारयक पव्िाया यिें ! मा
एक भछरीघय जजसभें 8 सुनहयी ि एक कारी भछ्री हो यिें ! इसको उत्तय मा उत्तयऩूिव की ओय यिें ! महद कोई
भछ्री भय जाम तो उसको तनकार कय नई भछ्री राकय उसभें डार दें !
3. ऩये शानी से भुजक्त के लरए :
आज कर हय आदभी ककसी न ककसी कायण से ऩये शान है ! कायण कोई बी हो आऩ एक ताॊफे के ऩात्र भें जर बय कय
उसभें थोडा सा रार चॊदन लभरा दें ! उस ऩात्र को लसयहाने यि कय यात को सो जाॊम ! प्रात् उस जर को तुरसी के
ऩौधे ऩय चढा दें ! धीये -धीये ऩये शानी दयू होगी !
4. कॊु िायी कन्मा के वििाह हे तु :
१. महद कन्मा की शादी भें कोई रूकािट आ यही हो तो ऩज
ू ा िारे 5 नारयमर रें ! बगिान लशि की भत
ू ी मा
पोटो के आगे यि कय “ऊॊ श्रीॊ िय प्रदाम श्री नाभ्” भॊत्र का ऩाॊच भारा जाऩ कयें कपय िो ऩाॊचों नारयमर लशि जी के
भॊहदय भें चढा दें ! वििाह की फाधामें अऩने आऩ दयू होती जाॊमगी !
२. प्रत्मेक सोभिाय को कन्मा सफु ह नहा-धोकय लशिलरॊग ऩय “ऊॊ सोभेश्ियाम नभ्” का जाऩ कयते हुए दधू लभरे
जर को चढामे औय िहीॊ भॊहदय भें फैठ कय रूद्राऺ की भारा से इसी भॊत्र का एक भारा जऩ कये ! वििाह की सम्बािना
शीघ्र फनती नज़य आमेगी
5. व्माऩाय फढाने के लरए :
१. शुक्र ऩऺ भें ककसी बी हदन अऩनी पैक्री मा दक
ु ान के दयिाजे के दोनों तयप फाहय की ओय थोडा सा गेहूॊ
का आटा यि दें ! ध्मान यहे ऐसा कयते हुए आऩको कोई दे िे नही !
२. ऩूजा घय भें अलबभॊबत्रत श्र ्यी मॊत्र यिें !
३. शुक्र्िाय की यात को सिा ककरो कारे चने लबगो दें ! दस
ू ये हदन शतनिाय को उन्हें सयसों के तेर भें फना रें !
उसके तीन हहस्से कय रें ! उसभें से एक हहस्सा घोडे मा बैंसे को खिरा दें ! दस
ू या हहस्सा कुष्ठ योगी को दे दें औय
तीसया हहस्सा अऩने लसय से घडी की सूई से उल्टे तयप तीन फाय िाय कय ककसी चौयाहे ऩय यि दें ! मह प्रमोग 40 हदन
तक कयें ! कायोफाय भें राब होगा !
6. रगाताय फुिाय आने ऩय :
१. महद ककसी को रगाताय फुिाय आ यहा हो औय कोई बी दिा असय न कय यही हो तो आक की जड रेकय उसे
ककसी कऩडे भें कस कय फाॊध रें ! कपय उस कऩडे को योगी के कान से फाॊध दें ! फि
ु ाय उतय जामगा !
२. इतिाय मा गुरूिाय को चीनी, दध
ू , चािर औय ऩेठा (कद्दू-ऩेठा, सब्जी फनाने िारा) अऩनी इच्छा अनुसाय रें
औय उसको योगी के लसय ऩय से िाय कय ककसी बी धालभवक स्थान ऩय, जहाॊ ऩय रॊगय फनता हो, दान कय दें !
३. महद ककसी को टामपाईड हो गमा हो तो उसे प्रततहदन एक नारयमर ऩानी वऩरामें ! कुछ ही हदनों भें आयाभ हो
जामगा !
7. नौकयी जाने का ितया हो मा राॊसपय रूकिाने के लरए :
ऩाॊच ग्राभ डरी िारा सुयभा रें ! उसे ककसी िीयान जगह ऩय गाड दें ! ख्मार यहे कक जजस औजाय से आऩने जभीन
िोदी है उस औजाय को िावऩस न रामें ! उसे िहीॊ पेंक दें दस
ू यी फात जो ध्मान यिने िारी है िो मह है कक सयु भा डरी
िारा हो औय एक ही डरी रगबग 5 ग्राभ की हो ! एक से ज्मादा डलरमाॊ नहीॊ होनी चाहहए !
8. कायोफाय भें नक
ु सान हो यहा हो मा कामवऺेत्र भें झगडा हो यहा हो तो :
महद उऩयोक्त जस्थतत का साभना हो तो आऩ अऩने िज़न के फयाफय कच्चा कोमरा रेकय जर प्रिाह कय दें ! अिश्म
राब होगा !
9. भक
ु दभें भें विजम ऩाने के लरए :
महद आऩका ककसी के साथ भुकदभा चर यहा हो औय आऩ उसभें विजम ऩाना चाहते हैं तो थोडे से चािर रेकय
कोटव /कचहयी भें जाॊम औय उन चािरों को कचहयी भें कहीॊ ऩय पेंक दें ! जजस कभये भें आऩका भक
ु दभा चर यहा हो
उसके फाहय पेंकें तो ज्मादा अच्छा है ! ऩयॊ तु माद यहे आऩको चािर रे जाते मा कोटव भें पेंकते सभम कोई दे िे नहीॊ
ियना राब नहीॊ होगा ! मह उऩाम आऩको बफना ककसी को ऩता रगे कयना होगा !
10. धन के ठहयाि के लरए :
आऩ जो बी धन भेहनत से कभाते हैं उससे ज्मादा िचव हो यहा हो अथावत घय भें धन का ठहयाि न हो तो ध्मान यिें
को आऩके घय भें कोई नर रीक न कयता हो ! अथावत ऩानी टऩ–टऩ टऩकता न हो ! औय आग ऩय यिा दध
ू मा चाम
उफरनी नहीॊ चाहहमे ! ियना आभदनी से ज्मादा िचव होने की सम्बािना यह्ती है !
11. भानलसक ऩये शानी दयू कयने के लरए :
योज़ हनुभान जी का ऩज
ू न कये ि हनुभान चारीसा का ऩाठ कयें ! प्रत्मेक शतनिाय को शतन को तेर चढामें ! अऩनी
ऩहनी हुई एक जोडी चप्ऩर ककसी गयीफ को एक फाय दान कयें !
12. फच्चे के उत्तभ स्िास््म ि दीघावमु के लरए :
१. एक कारा ये शभी डोया रें ! “ऊॊ नभो् बगिते िासद ु े िाम नभ्” का जाऩ कयते हुए उस डोये भें थोडी थोडी दयू ी
ऩय सात गाॊठें रगामें ! उस डोये को फच्चे के गरे मा कभय भें फाॊध दें !
२. प्रत्मेक भॊगरिाय को फच्चे के लसय ऩय से कच्चा दध
ू 11 फाय िाय कय ककसी जॊगरी कुत्ते को शाभ के सभम
वऩरा दें ! फच्चा दीघावमु होगा !
13. ककसी योग से ग्रलसत होने ऩय :
सोते सभम अऩना लसयहाना ऩूिव की ओय यिें ! अऩने सोने के कभये भें एक कटोयी भें सेंधा नभक के कुछ टुकडे यिें !
सेहत ठीक यहे गी !
14. प्रेभ वििाह भें सपर होने के लरए :
महद आऩको प्रेभ वििाह भें अडचने आ यही हैं तो :
शुक्र ऩऺ के गुरूिाय से शुरू कयके विष्णु औय रक्ष्भी भाॊ की भत
ू ी मा पोटो के आगे “ऊॊ रक्ष्भी नायामणाम नभ्” भॊत्र
का योज़ तीन भारा जाऩ स्पहटक भारा ऩय कयें ! इसे शक्
ु र ऩऺ के गुरूिाय से ही शरू
ु कयें ! तीन भहीने तक हय
गरू
ु िाय को भॊहदय भें प्रशाद चढाॊए औय वििाह की सपरता के लरए प्राथवना कयें !
15. नौकय न हटके मा ऩये शान कये तो :
हय भॊगरिाय को फदाना (भीठी फद
ूॊ ी) का प्रशाद रेकय भॊहदय भें चढा कय रडककमों भें फाॊट दें ! ऐसा आऩ चाय भॊगरिाय
कयें !
16. फनता काभ बफगडता हो, राब न हो यहा हो मा कोई बी ऩये शानी हो तो :
हय भॊगरिाय को हनभ
ु ान जी के चयणों भें फदाना (भीठी फॊद
ू ी) चढा कय उसी प्रशाद को भॊहदय के फाहय गयीफों भें फाॊट दें
!
17. महद आऩको सही नौकयी लभरने भें हदक्कत आ यही हो तो :
१. कुएॊ भें दध
ू डारें! उस कुएॊ भें ऩानी होना चहहए !
२. कारा कम्फर ककसी गयीफ को दान दें !
३. 6 भुिी रूद्राऺ की भारा 108 भनकों िारी भारा धायण कयें जजसभें हय भनके के फाद चाॊदी के टुकडे वऩयोमे
हों !
18. अगय आऩका प्रभोशन नहीॊ हो यहा तो :
१. गुरूिाय को ककसी भॊहदय भें ऩीरी िस्तम
ु े जैसे िाद्म ऩदाथव, पर, कऩडे इत्माहद का दान कयें !
२. हय सुफह नॊगे ऩैय घास ऩय चरें !
19. ऩतत को िश भें कयने के लरए :
मह प्रमोग शुक्र ऩऺ भें कयना चाहहए ! एक ऩान का ऩत्ता रें ! उस ऩय चॊदन औय केसय का ऩाऊडय लभरा कय यिें !
कपय दग
ु ाव भाता जी की पोटो के साभने फैठ कय दग
ु ाव स्ततु त भें से चॉडी स्त्रोत का ऩाठ 43 हदन तक कयें ! ऩाठ कयने के
फाद चॊदन औय केसय जो ऩान के ऩत्ते ऩय यिा था, का ततरक अऩने भाथे ऩय रगामें ! औय कपय ततरक रगा कय ऩतत
के साभने जाॊम ! महद ऩतत िहाॊ ऩय न हों तो उनकी पोटो के साभने जाॊम ! ऩान का ऩता योज़ नमा रें जो कक साफत

हो कहीॊ से कटा पटा न हो ! योज़ प्रमोग ककए गए ऩान के ऩत्ते को अरग ककसी स्थान ऩय यिें ! 43 हदन के फाद उन
ऩान के ऩत्तों को जर प्रिाह कय दें ! शीघ्र सभस्मा का सभाधान होगा !

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