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Chand Kahji3
Chand Kahji3
Chand Kahji3
Cast:
Pandit 1 (P1)
Pandit 2 (P2)
Nityanand Prabhu
Devotees
P1 - हमारे इलाके में कोई नया पंथ आ गया है, ये क्या हो रहा है?
P1 - धूर्त नि चरों की तरह सारी रात चिल्ला चिल्ला कर हमारी नींद हराम करते हैं। न कुछ
सोते हैं, न हमें सोने देते हैं। इनका सर्वनाश हो
P1 - क्या सिर्फ हरि के चिल्लाने से भगवान प्रकट हो जाएंगे? क्या हमारे त्याग करने, दान
देने, पूजा करने, कठोर तपस्या करने का कोई महत्व ही नहीं है?
P2 - अरे पगला हो गए हो क्या? ये क्षत्रिय सेना का काम हम क्यों करें? हम तो ब्राह्मण है ना।
खुद नहीं करते, दूसरों से करवाते हैं।
P1 - यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं हो रहा है। हमारे रीति रिवाज, हमारी परंपराएं सब कुछ धूमिल हो
जाएंगी। और और ध्यान देने वाली बात यह है कि ये लोग संकीर्तन के नाम पर क्या क्या किए जा
रहे हैं। मुझे तो लगता है कि हमें चांद काजी के पास जाकर इसका हल निकालना ही पडेगा।
P2 - अस्सलाम वालेकुम ।
CK - अस्सलाम वालेकुम। रहमतुल्ला बरकत। आइए। kya baath hai. नगर में सब कुल तो है।
कोई असुविधा तो नहीं।
P1 - काजी साहब, आपके आ र्वाद से सब कुल है। सभी लोग चंडी पूजा, तलामाता पूजा में लगे
हैं। लेकिन हाल ही में एक समस्या खड़ी हुई है। Aap sab jaan te hi honge
CK - Nahi.
P1 - आपकी दो दो आंखें होते हुए भी आप कुछ नहीं देख पा रहे हैं। काजी साहब कुछ नहीं
देख पा रहे हैं।
P1- इतना कुछ होते हुए भी सहन करने कीबहुत क्ति है आपमें।
P1 - निमाई पंडित को तो आप जानते ही होंगे हुजूर! निमाई पंडित और उसके चेले बहुत
बड़ी समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। ये लोग रात भर चिल्ला चिल्ला कर हरे कृष्णा हरे कृष्णा
का कीर्तन करते हैं और इससे संपूर्ण नवद्वीप की ति भंग हो गई है। हमारी तो रात की नींद
भी हराम कर दी गई है।
P2 - अगर इनको नहीं रोका गया तो जल्द से संकीर्तन एक आंदोलन का रूप ले लेगा। काजी साहब
P1 - आप जानते नहीं काजी साहब, आप जानते नहीं है इन हरे कृष्ण वाले वैष्णव ने
आपके इलाके में आतंक मचा दिया है। आतंक।
CK - अरे खामो! कैसी बातें कर रहे हो तुम? तुम्हें मालूम है हम कौन है? तुम बताओ।
कौन है वो लोग?
P1 - काजी साहब, वैसे तो आपका परचम सारे दे में लहरा रहा है।
CK - हां वो तो है
CK - हां अच्छा तो तुम्हारे कहने का मतलब है कि हमारे राज्य में गड़बड़ी हो रही है।
P1 - अरे इतना ही नहीं काजी साहब। इतना ही नहीं इन लोगों ने मुसलमान भाइयों का भी
धर्म परिवर्तन कर दिया है।
CK - अरे बस कर बस इतना बडा जाल। हम अभी चलेंगे और हमें दिखाओ। कहां हो रहा है
ये सब और कौन कर रहा है? और अगर ये बात गलत निकली तो मैं तुम्हारा हल निकाल कर
हाथ में डाल दूंगा।
P2 - अरे काजी साहब, खुद चलकर देख लीजिए ना। एकदम सत्य वचन है ये सत्य वचन।
CK - हाँ क्या तुम लोग रात भर इसी तरह र करते रहते हो? क्या हो रहा है ये सब| तुम्हें
मालूम है मेरे राज्य में इस तरह से करने वाले व्यक्ति काफ़िर होते हैं। और काफ़िर
का क्या हर
र रहोता है तुम्हें मालूम है ये जानते हुए भी तुम ऐसा क्यों कर रहे हो?
SA - परंतु हम लोग तो किसी का कोई नुकसान नहीं कर रहे हैं। Hum Sirf Harinam ka jaap kar rahe hai
CK - अच्छा इनको हरि नाम बढिया से कराओ। अरे मारो नालायकों को।
SA - बचाइए, बचाइए। प्रभो! रक्षा कीजिये। प्रभु प्रभु हमारी रक्षा की रक्षा कीजिए।
CK - आज के बाद कोई कीर्तन करता हुआ दिखाई दिया तो तुम लोग जानते हो कि मैं उसके
साथ क्या कर सकता हूं। जो कोई भी कृष्ण का नाम लेते हुए पकड़ा जाएगा उसे इस्लाम में
बदलने के लिए मजबूर किया जाएगा। चलो।
SA - यह हमारे साथ क्या हो गया? हमारा मृदंग तोड़ दिया। हमें महाप्रभु के पास चलना
चाहिए। हमें महाप्रभु के पास चलना चाहिए। महाप्रभु महाप्रभु।
Scene 5: Srivas Acharya come to meet Chaitanya
Mahaprabhu
CM - रीमद्
मद्
री री
भागवत में कहा गया है कि यह कलियुग पाप का युग है। पर इसकी एक वि ष बात है कि
सिर्फ हरिनाम संकीर्तन से मनुष्य समस्त भौतिक कष्टों से छुटकारा पा सकता है।
कलेर राजन अस्त एक महत गुनाह कीर्तन देव कृष्ण मुक्त संग परम रज।
CM – नित्यानंद, रीहरि
हरि
री री वा , मुकुंद आप सब
रीसरी
चाहते हैं कि हम आज सुबह जल्दी कीर्तन करें। पर रीवास
मृदंग करताल साथ में क्यों नहीं लाए? आप लोग कीर्तन में नहीं आएंगे ?
SA: महाप्रभु? चांद काजी संकीर्तन बंद करा दिया है। जो भी संकीर्तन में जाएगा, काजी साहब
उसका धर्म भ्रष्ट कर देंगे प्रभु। कल रात जब हम संकीर्तन कर रहे थे प्रभु तो काजी साहब अपने
सिपाहियों के साथ आए और हमारा हमारा मृदंग तोड कर चले गए। प्रभु!
CM: क्या उसने यह दुस्साहस किया? मृदंग, बलराम जी का स्वरूप होता है | उसका ये हाल!!!
SA: उन्होंने हमें मारा। महाप्रभु हरिनाम करने के लिए उन्होंने हमें बहुत मारा।
CM: हरिनाम करने वालों पर उसने हाथ उठाया। उसका इतना दुस्साहस। आज मैं उस काजी
को नष्ट कर दूंगा।
श्रीरीवास्तव मुकुंद आज हम काजी के घर ke samne कीर्तन करूंगा। देखते हैं वो क्या करता
है।
नित्यानंद सभी भक्तों को इकट्ठा करो और उनसे कहो कि करताल, मृदंग और जलती हुई म ल
लेकर आ जाएं। आज म को ही हम वि ल नगर संकीर्तन करते हुए काजी के घर जाएंगे।
S1 - अरे सभी वैष्णव सडकों पर निकल पडे हैं। और सबसे आगे तो निमाई पंडित है और
जोर जोर से हरिनाम संकीर्तन कर रहा है
S2- लाखों की संख्या में लोग हाथों में म ल लेकर आपकी ओर आ रहे हैं।
CM - कहां है वो चांद काजी जिसने मेरे संकीर्तन आंदोलन को रोकने का प्रयास किया।
मैंने भगवान कृष्ण के पवित्र नामों के सामूहिक जप का प्रचार करने के लिए अवतार लिया
है। तुमने मृदंग तोडने का दुस्साहस कैसे किया? अब दरवाजों को तोड दो और उस धूर्त को
बिना देर किए मेरे पास लाओ। जो तुम्हारे रास्ते में खडा हो, उसे नष्ट कर दो।
CM - काजी। मैं तुमसे मिलने आया हूं और तुम छिप रहे हो। ये किस तरह का व्यवहार है?
मैं तुमसे मिलने आया हूं और तुम मुझसे मिलना ही नहीं चाहते।
CK – आप इतने गुस्से में आए कि मेरे बाहर आने की हिम्मत नहीं हुई। जब मैंने सुना बहुत सारे
भक्त हरे कृष्ण महामंत्र करते हुए आ रहे हैं तो मुझे लगा कि मुझे मारने आ रहे हैं और और
मैं डर गया। पर जब आपके भक्तों ने कहा कि आप मुझे पुकार रहे हो, मुझे चैन आया। कृपया आसन
ग्रहण करें।
CM -
CK - देखो निमाई, गांव के नाते से मैं आपका मामा लगता हूं और आप मेरे भांजे। मैंने जो
अपराध किया है, वह क्षमा योग्य नहीं है। फिर भी भांजा अपने मामा की गलतियों को ध्यान नहीं
देता। निमाई आपसे मेरा घर, मेरी संपत्ति, यहां तक कि मैं भी आपके लिए हूं।
CM – Khaji, मैं एक प्रन
न नपूछना चाहता हूं। कृपया स्पष्ट जवाब दें। Agar tum jahate, aaj bhi hamara
sankirtan rok sakte the तुम तो मुसलमानों के प्रतिनिधि हो। तुम्हें तो हिंदुओं की धार्मिक
गतिविधियों को रोकने का अधिकार प्राप्त है।
Usi raat jab me so raha tha , to mere sapne me aadha insaan aur aadha sher ke jaise ek jeev aaya, jo
bahut hi khatarnaak dikh raha tha. Use dekh me kaapne laga. Wo mere chaati pe baitkar dahadti huyi
aavaaj se bola . tumne sankirtna rokne ka himmat kaise ki? Aur tumne mere bhakto ka ka mrudang kaise
thoda. Me tumhara vamsh ka nasht kar dunga.tumhe yamlok bhej doonga.yadi agali bar tum sankirtan
rokne ka himmati ki, me tumhe cheer ke rakh doonga. Wo mera chaati faad raha tha. Me bahut dar
gaya, me unse maafi maangi..
देखो, ये नाखून के नि न अभी भी छाती पर मौजूद है। निमाई कुछ लोग आपको गौर हरि पुकारते ।
मैंने महसूस किया है कि आप हिंदुओं के नारायण हो और यह भी कि आपके कृष्ण और हमारे अल्लाह
एक ही है। mere upar krupa karo.
CM - काजी, तुमने कृष्ण, हरि और नारायण का उच्चारण किया है। तुम्हारे सारे पाप तो वैसे ही धुल
गए हैं। तुम बहुत भाग्य ली हो काजी।
CK - आप ईवर
रवका रूप हैं। आपकी दया से मेरी अज्ञानता दूर हो गई। कृपया मुझे आशीर्वाद दें कि आप
मेरी भक्ति सदा बनी रहे।
CM - काजी। आपसे मेरी एक ही विनती है कि नवद्वीप में कभी भी संकीर्तन मत रुकने देना।
CK – मैं यह आदेश देता हूं कि कभी भी कोई संकीर्तन रोकने का प्रयास न करें और जो भी सा
करेगा, उसे उसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।