Chand Kahji3

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Drama – Chand Khaji Ka Uddhar

Scene 1: Nimai Pandita having Sankirtana yagna

Scene 2: Brahmans Anger over Sankirtan

Scene 3: Brahman complain to Khaji

Scene 4: Kazi comes to Srivasa thakur’s house

Scene 5: Narasimha Dares Kaji in dream

Scene 6: Devotees informing Nimai Pandita

Scene 7: Nimai Pandita leads sankirtana to Kazi’s house and discussion

Cast:

Pandit 1 (P1)

Pandit 2 (P2)

Chand Khaji (CK)

Srivas Acharya (SA)

Chaitanya Mahaprabhu (CM)

Nityanand Prabhu

Lord Narasimha Dev

Devotees

Chand Khaji Solders S1 & S2

Sankirtan devotees 4-5


Scene 1: Nimai Pandit having Sankirtana yagna. After Sankirtan team exits
the stage then 2 Brahman Pandit enter

P1 - हमारे इलाके में कोई नया पंथ आ गया है, ये क्या हो रहा है?

P2 - अरे इन वैष्णव ने तो। हमारे धर्म का सत्याना कर दिया है। सत्यानाश!

P1 - धूर्त नि चरों की तरह सारी रात चिल्ला चिल्ला कर हमारी नींद हराम करते हैं। न कुछ
सोते हैं, न हमें सोने देते हैं। इनका सर्वनाश हो

P2 - इतना चिल्ला चिल्ला कर भगवान के नाम लेने की क्या आवयकता कता


य यहै? क्या धीरे से नाम लेने
वा
पर हमें लाभ नहीं होगा? इसकी वजह निमाई पंडित और रीवास रीसरी
पंडित है।

P1 - क्या सिर्फ हरि के चिल्लाने से भगवान प्रकट हो जाएंगे? क्या हमारे त्याग करने, दान
देने, पूजा करने, कठोर तपस्या करने का कोई महत्व ही नहीं है?

P2 - पहले तो सा नहीं होता था। लगता है इनका दिमाग खराब हो गया है

P1 - अरे मैं तो कहता हूं रीवास


वारीसरी
पंडित के घर को आग लगा दो।

P2 - अरे पगला हो गए हो क्या? ये क्षत्रिय सेना का काम हम क्यों करें? हम तो ब्राह्मण है ना।
खुद नहीं करते, दूसरों से करवाते हैं।

P1 - यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं हो रहा है। हमारे रीति रिवाज, हमारी परंपराएं सब कुछ धूमिल हो
जाएंगी। और और ध्यान देने वाली बात यह है कि ये लोग संकीर्तन के नाम पर क्या क्या किए जा
रहे हैं। मुझे तो लगता है कि हमें चांद काजी के पास जाकर इसका हल निकालना ही पडेगा।

Both - हां हां, चलो।

Scene 3: Brahman Pandits enter Khaji ‘s Court


S1 - जहांपनाह! हुजूर हुजूर, बाहर कुछ हिंदू ब्राह्मण आए हैं। आपसे मिलना चाहते हैं।

CK - ठीक है उन्हें आना दो।

P1 - अस्सलाम वालेकुम काजी साब।

P2 - अस्सलाम वालेकुम ।

CK - अस्सलाम वालेकुम। रहमतुल्ला बरकत। आइए। kya baath hai. नगर में सब कुल तो है।
कोई असुविधा तो नहीं।

P1 - काजी साहब, आपके आ र्वाद से सब कुल है। सभी लोग चंडी पूजा, तलामाता पूजा में लगे
हैं। लेकिन हाल ही में एक समस्या खड़ी हुई है। Aap sab jaan te hi honge

CK: Kya kehna chahate ho.


P2: आपको पता नहीं है कि आपके राज में क्या चल रहा है?

CK - Nahi.

P1 - आपकी दो दो आंखें होते हुए भी आप कुछ नहीं देख पा रहे हैं। काजी साहब कुछ नहीं
देख पा रहे हैं।

P2 - काजी साहब वैसे तारीफ करनी पडेगी आपकी।

P1- इतना कुछ होते हुए भी सहन करने कीबहुत क्ति है आपमें।

CK - अरे कहना क्या चाहते हो?

P1 - निमाई पंडित को तो आप जानते ही होंगे हुजूर! निमाई पंडित और उसके चेले बहुत
बड़ी समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। ये लोग रात भर चिल्ला चिल्ला कर हरे कृष्णा हरे कृष्णा
का कीर्तन करते हैं और इससे संपूर्ण नवद्वीप की ति भंग हो गई है। हमारी तो रात की नींद
भी हराम कर दी गई है।

P2 - अगर इनको नहीं रोका गया तो जल्द से संकीर्तन एक आंदोलन का रूप ले लेगा। काजी साहब

P1 - आप जानते नहीं काजी साहब, आप जानते नहीं है इन हरे कृष्ण वाले वैष्णव ने
आपके इलाके में आतंक मचा दिया है। आतंक।

CK - अरे खामो! कैसी बातें कर रहे हो तुम? तुम्हें मालूम है हम कौन है? तुम बताओ।
कौन है वो लोग?

P1 - काजी साहब, वैसे तो आपका परचम सारे दे में लहरा रहा है।

CK - हां वो तो है

P2 - ये हरे कृष्णा वालों ने नाक में दम करके रखा है।

CK - हां अच्छा तो तुम्हारे कहने का मतलब है कि हमारे राज्य में गड़बड़ी हो रही है।

P1 - अरे इतना ही नहीं काजी साहब। इतना ही नहीं इन लोगों ने मुसलमान भाइयों का भी
धर्म परिवर्तन कर दिया है।

CK - अरे बस कर बस इतना बडा जाल। हम अभी चलेंगे और हमें दिखाओ। कहां हो रहा है
ये सब और कौन कर रहा है? और अगर ये बात गलत निकली तो मैं तुम्हारा हल निकाल कर
हाथ में डाल दूंगा।

P2 - अरे काजी साहब, खुद चलकर देख लीजिए ना। एकदम सत्य वचन है ये सत्य वचन।

P & P2 - अच्छा, हम चलते हैं काजी साहब।


CK to Solders - नामुराद तुम लोग मर क्यों नहीं गए? ये दिन देखने से पहले। अभी चल na
है और देखो देखो क्या हो रहा है हमारे इलाके में।

P1 - अब पता चलेगा हरे कृष्णा वालों को बंदू ले, लोटा।

P2 - न रहेगी, माला न रहेगा, तिलक न कर पाएंगे। Jap बाहर निकाले जाएंगे। सब

Scene 3: Kazi comes to Srivas thakur’s house


(Srivas & his friends doing loud kirtan, CK enters )

SA - प्रणाम काजी साहब।

CK - हाँ क्या तुम लोग रात भर इसी तरह र करते रहते हो? क्या हो रहा है ये सब| तुम्हें
मालूम है मेरे राज्य में इस तरह से करने वाले व्यक्ति काफ़िर होते हैं। और काफ़िर
का क्या हर
र रहोता है तुम्हें मालूम है ये जानते हुए भी तुम ऐसा क्यों कर रहे हो?

SA - हम तो भगवान के पवित्र नामों का कीर्तन कर रहे हैं। काजी साहब

CK - तुम्हारे चिल्लाने से नवद्वीप की ति भंग हो रही है। नहीं नहीं,। आज से चीखना


चिल्लाना बिल्कुल बंद हो जाना चाहिए।

SA - परंतु हम लोग तो किसी का कोई नुकसान नहीं कर रहे हैं। Hum Sirf Harinam ka jaap kar rahe hai

CK - अच्छा इनको हरि नाम बढिया से कराओ। अरे मारो नालायकों को।

SA - बचाइए, बचाइए। प्रभो! रक्षा कीजिये। प्रभु प्रभु हमारी रक्षा की रक्षा कीजिए।

CK - आज के बाद कोई कीर्तन करता हुआ दिखाई दिया तो तुम लोग जानते हो कि मैं उसके
साथ क्या कर सकता हूं। जो कोई भी कृष्ण का नाम लेते हुए पकड़ा जाएगा उसे इस्लाम में
बदलने के लिए मजबूर किया जाएगा। चलो।

SA - यह हमारे साथ क्या हो गया? हमारा मृदंग तोड़ दिया। हमें महाप्रभु के पास चलना
चाहिए। हमें महाप्रभु के पास चलना चाहिए। महाप्रभु महाप्रभु।
Scene 5: Srivas Acharya come to meet Chaitanya
Mahaprabhu
CM - रीमद्
मद्
री री
भागवत में कहा गया है कि यह कलियुग पाप का युग है। पर इसकी एक वि ष बात है कि
सिर्फ हरिनाम संकीर्तन से मनुष्य समस्त भौतिक कष्टों से छुटकारा पा सकता है।
कलेर राजन अस्त एक महत गुनाह कीर्तन देव कृष्ण मुक्त संग परम रज।

NM - क्या बात है श्रीरीवास ? तुम यहां इतने जल्दी कैसे आ गए?

CM – नित्यानंद, रीहरि
हरि
री री वा , मुकुंद आप सब
रीसरी
चाहते हैं कि हम आज सुबह जल्दी कीर्तन करें। पर रीवास
मृदंग करताल साथ में क्यों नहीं लाए? आप लोग कीर्तन में नहीं आएंगे ?

SA : महाप्रभु महाप्रभु हमारी रक्षा करो, प्रभु हमारी रक्षा करो।

CM: अरे क्या हुआ?

SA: महाप्रभु? चांद काजी संकीर्तन बंद करा दिया है। जो भी संकीर्तन में जाएगा, काजी साहब
उसका धर्म भ्रष्ट कर देंगे प्रभु। कल रात जब हम संकीर्तन कर रहे थे प्रभु तो काजी साहब अपने
सिपाहियों के साथ आए और हमारा हमारा मृदंग तोड कर चले गए। प्रभु!

CM: क्या उसने यह दुस्साहस किया? मृदंग, बलराम जी का स्वरूप होता है | उसका ये हाल!!!

ये तुम्हें चोट कैसे लगी?

SA: उन्होंने हमें मारा। महाप्रभु हरिनाम करने के लिए उन्होंने हमें बहुत मारा।

CM: हरिनाम करने वालों पर उसने हाथ उठाया। उसका इतना दुस्साहस। आज मैं उस काजी
को नष्ट कर दूंगा।

श्रीरीवास्तव मुकुंद आज हम काजी के घर ke samne कीर्तन करूंगा। देखते हैं वो क्या करता
है।

नित्यानंद सभी भक्तों को इकट्ठा करो और उनसे कहो कि करताल, मृदंग और जलती हुई म ल
लेकर आ जाएं। आज म को ही हम वि ल नगर संकीर्तन करते हुए काजी के घर जाएंगे।

Scene 6: Chaitanya Mahaprabhu marches towards Khaji’s


house
Solder1 - साहब। साहब बहुत बुरी खबर है।
CK - क्या खबर है?

S1 - अरे सभी वैष्णव सडकों पर निकल पडे हैं। और सबसे आगे तो निमाई पंडित है और
जोर जोर से हरिनाम संकीर्तन कर रहा है

S2- लाखों की संख्या में लोग हाथों में म ल लेकर आपकी ओर आ रहे हैं।

CK - क्या वो लोग इधर आ रहे हैं?

S1 - हां जहांपनाह! अरे, मुझे तो लगता है कि आप पर हमला करने आ रहे हैं।

S2 - आपकी हजामत बनाने आ रहे हैं।

S1- मैं तो भाग रहा हूं महाराज।

CK - अरे अरे रुको, कहां जा रहे हो तुम?

S1 - अरे जहांपनाह! जान बची तो लाख उपाय। Me bhag raha hu..

S2 – mai bhi bhag raha hu…

CK - अरे अरे रुको। सब तो भाग गए। मैं कहां भागा?

CM - कहां है वो चांद काजी जिसने मेरे संकीर्तन आंदोलन को रोकने का प्रयास किया।
मैंने भगवान कृष्ण के पवित्र नामों के सामूहिक जप का प्रचार करने के लिए अवतार लिया
है। तुमने मृदंग तोडने का दुस्साहस कैसे किया? अब दरवाजों को तोड दो और उस धूर्त को
बिना देर किए मेरे पास लाओ। जो तुम्हारे रास्ते में खडा हो, उसे नष्ट कर दो।

NM - प्रभु कृपा करके त हो जाएं। और उस पर दया करें।

CM - ठीक है। चांद काजी को मिलने को बुलाओ।

NM - अल्लाहू अकबर अल्लाहू। अकबर।

CM - काजी। मैं तुमसे मिलने आया हूं और तुम छिप रहे हो। ये किस तरह का व्यवहार है?
मैं तुमसे मिलने आया हूं और तुम मुझसे मिलना ही नहीं चाहते।

CK – आप इतने गुस्से में आए कि मेरे बाहर आने की हिम्मत नहीं हुई। जब मैंने सुना बहुत सारे
भक्त हरे कृष्ण महामंत्र करते हुए आ रहे हैं तो मुझे लगा कि मुझे मारने आ रहे हैं और और
मैं डर गया। पर जब आपके भक्तों ने कहा कि आप मुझे पुकार रहे हो, मुझे चैन आया। कृपया आसन
ग्रहण करें।
CM -

CK - देखो निमाई, गांव के नाते से मैं आपका मामा लगता हूं और आप मेरे भांजे। मैंने जो
अपराध किया है, वह क्षमा योग्य नहीं है। फिर भी भांजा अपने मामा की गलतियों को ध्यान नहीं
देता। निमाई आपसे मेरा घर, मेरी संपत्ति, यहां तक कि मैं भी आपके लिए हूं।
CM – Khaji, मैं एक प्रन
न नपूछना चाहता हूं। कृपया स्पष्ट जवाब दें। Agar tum jahate, aaj bhi hamara
sankirtan rok sakte the तुम तो मुसलमानों के प्रतिनिधि हो। तुम्हें तो हिंदुओं की धार्मिक
गतिविधियों को रोकने का अधिकार प्राप्त है।

Usi raat jab me so raha tha , to mere sapne me aadha insaan aur aadha sher ke jaise ek jeev aaya, jo
bahut hi khatarnaak dikh raha tha. Use dekh me kaapne laga. Wo mere chaati pe baitkar dahadti huyi
aavaaj se bola . tumne sankirtna rokne ka himmat kaise ki? Aur tumne mere bhakto ka ka mrudang kaise
thoda. Me tumhara vamsh ka nasht kar dunga.tumhe yamlok bhej doonga.yadi agali bar tum sankirtan
rokne ka himmati ki, me tumhe cheer ke rakh doonga. Wo mera chaati faad raha tha. Me bahut dar
gaya, me unse maafi maangi..

देखो, ये नाखून के नि न अभी भी छाती पर मौजूद है। निमाई कुछ लोग आपको गौर हरि पुकारते ।
मैंने महसूस किया है कि आप हिंदुओं के नारायण हो और यह भी कि आपके कृष्ण और हमारे अल्लाह
एक ही है। mere upar krupa karo.

CM - काजी, तुमने कृष्ण, हरि और नारायण का उच्चारण किया है। तुम्हारे सारे पाप तो वैसे ही धुल
गए हैं। तुम बहुत भाग्य ली हो काजी।
CK - आप ईवर
रवका रूप हैं। आपकी दया से मेरी अज्ञानता दूर हो गई। कृपया मुझे आशीर्वाद दें कि आप
मेरी भक्ति सदा बनी रहे।
CM - काजी। आपसे मेरी एक ही विनती है कि नवद्वीप में कभी भी संकीर्तन मत रुकने देना।

CK – मैं यह आदेश देता हूं कि कभी भी कोई संकीर्तन रोकने का प्रयास न करें और जो भी सा
करेगा, उसे उसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।

CM - चलो काजी, अब हम सब मिलकर हरिनाम संकीर्तन करते हैं।

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