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CL-X - HINDI PRECTICE - PAPER
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सामान्य निर्दे श-
2. र्दोिों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। र्दोिों खंडों के प्रश्नों के उत्तर र्दे िा अनिवार्य है।
4. खंड 'अ' में उपप्रश्नों सनहत 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। नर्दए गए निर्दे शों का पालि करते हुए कुल 40 प्रश्नों
के उत्तर र्दीनिए।
5. खंड 'ब' में वर्यिात्मक प्रश्न पूछे गए हैं. आंतररक नवकल्प भी नर्दए गए हैं।
जब कोई यव
ु ा परु
ु ष अपने घर से बाहर ननकलकर बाहरी संसार में अपनी स्थिनि जमािा है, िब पहली कठिनिा उसे
ममत्र चुनने में पड़िी हैं। यठि उसकी स्थिनि बबल्कु ल एकान्ि और ननराली नहीं रहिी िो उसकी जान-पहचान के
लोग धड़ाधड़ बढिे जािे हैं और िोड़े ही ठिनों में कु छ लोगों से उसका हेलमेल हो जािा है। यही हेलमेल बढ़िे बढ़िे
ममत्रिा के रूप में पररणि हो जािा है। ममत्रों के चुनाव की उपयुक्ििा पर उसके जीवन की सफलिा ननर्भर हो जािी
है; क्योंकक संगि का गप्ु ि प्रर्ाव हमारे आचरण पर बड़ा र्ारी पड़िा है। हम लोग ऐसे समय में समाज के प्रवेश करके
अपना कायभ आरम्र् करिे हैं जब कक हमारा चचत्त कोमल और हर िरह से संथकार ग्रहण करने योग्य रहिा है, हमारे
र्ाव अपररमास्जभि और हमारी प्रवृत्तत्त अपररपक्क रहिी है। अपने मनोवेगों की शस्क्ि और अपनी प्रकृ नि की
कोमलिा का पिा हमीं को नहीं रहिा। हम लोग कच्ची ममट्टी की मूनिभ के समान रहिे हैं स्जसे स्जस रूप का चाहे
उस रूप का करे-चाहे राक्षस बनाये चाहे िेविा। ऐसे लोगों का साि हमारे मलए बुर ा हैं, जो हमसे अचधक दृढ़ संकल्प
के हैं, क्योंकक हमें उनकी हर बाि बबना त्तवरोध के मान लेनी पड़िी है, पर ऐसे लोगों का साि और र्ी बुरा हैं, जो हमारी
ही बाि को ऊपर रखिे हैं, क्योंकक ऐसी िशा में न िो हमारे ऊपर कोई ननयंत्रण रहिा है और न हमारे मलए कोई सहारा
रहिा है। िोनों अवथिाओं में स्जस बाि का र्य रहिा है, उसका पिा युवकों को प्राय बहुि कम रहिा है। यठि त्तववेक
से काम मलया जाए िो र्य नहीं रहिा, पर युवापुरूष प्रायः त्तववेक से कम काम लेिे हैं। कै से आश्चयभ की बाि है कक
लोग घोड़ा लेिे हैं िो उसके सौ गुण-िोष को परखकर लेिे हैं, पर ककसी को ममत्र बनाने में उसके पूवभ आचरण और
थवर्ाव आठि का कु छ र्ी त्तवचार और अनुसंधान नहीं करिे। वे उसमें सब बािें अच्छी ही अच्छी मानकर अपना परू ा
त्तवश्वास जमा िेिे हैं।
(i) गद्यांश के अिुसयर, ्ुर्य पुरुष के जीर्ि की सफितय ककस पर निर्वर हो जयती है?
(क) जो हमारी कोई बाि नहीं मानिे हैं। (ख) जो हमारी ही बाि को ऊपर रखिे हैं
(ग) जो हमारा त्तवरोध करिे हैं (घ) जो िूसरों की ननंिा करिे हैं
(क) ये घमंड में रहिे हैं (ख) ककसी की बाि नहीं सुनिे
(ग) त्तववेक से काम नहीं लेिे (घ) काम से जी चुर ािे हैं
किन (A) ऐसे लोगों का साि अच्छा है जो हमसे अचधक दृढ़ संकल्प है।
किन (R) हमें उनकी बाि बबना त्तवरोध के मान लेनी पड़िी है।
(क) किन (A) ििा कारण (R) िोनों गलि हैं।
(ख) किन (A) गलि है लेककन कारण (R) सही है।
(ग) किन (A) सही है लेककन कारण (R) उसकी गलि व्याख्या करिा है।
(घ) किन (A) ििा कारण (R) िोनों सही हैं ििा कारण (R) किन (A) की सही व्याख्या करिा है।
2) निम्िलिखित गद्यांश को ध््यिपूर्वक पढ़कर इसके आधयर पर सर्यवधधक उप्ुक्त उत्तर र्यिे वर्कल्प चुिकर
लिखिए (1x5=5)
मनुष्यों को बड़ा बनने के मलए त्तवशाल काम करने की जरूरि नहीं होिी, बस्ल्क प्रत्येक काम में त्तवशालिा के चचह्न
खोजने पड़िे हैं। अपने अंिमभन में सिैव स्जज्ञासा को जन्म िेना होिा है। िनु नया में ज्ञान का जो बोलबाला है, उसमें
हमारे कौिूहल की कें द्रीय र्ूममका है। अल्बटभ आइंथटीन ने एक बार अपने साक्षात्कार में कहा िा कक हमारी स्जज्ञासा
ही हमारे अस्थित्व का आधार है। बबना प्रश्न के हमारे जीवन में न गनि जाएगी और न कोई रस होगा जब हम चचंिन
करिे हैं, िब नई बािें सामने आिी हैं। सवाल करने का ही पररणाम है कक नई िकनीक ऑटोमेशन और
आठटभकफमशयल इंटेमलजेंस जैसी चीजें आज िुननया में आ रही हैं। जब हम कहिे हैं क्यों, कै से, क्या, िब हमारे अंिर
की थनायु प्राण ऊजाभ और संकल्प एक नई गनि और उत्साह के साि नवीनिा की यात्रा करने लगिे हैं। हमें इस
िुननया की इिनी आिि पड़ चुक ी है कक लीक से हटकर सोचना नहीं चाहिे। कोई त्तवमर्न्निा नहीं, न ही कोई नवीनिा
है। यह कै सा जीवन है, स्जसमें कोई कौिूहल नहीं, कोई आश्चयभ नहीं है? इस जगि में हमारी स्थिनि एक कीटाणु या
त्तवषाणु की िरह है, जो अपनी सुखमयी व्यवथिा में पड़े रहिे हैं, वे हृिय की आवाज सुनिे हैं जो बड़ा होना चाहिे हैं,
इस िुननया और इसकी प्रत्येक घटना, वथिु एवं स्थिनि पर अपना आश्चयभ प्रकट करिे हैं। प्रत्येक घटना और वथिु
से परे हटकर सोचने और उसको िेखने की कोमशश जो करिे हैं, वही बड़ा बनिे हैं। स्जज्ञासु मन और बुद्चध ही िशभन
और त्तवज्ञान की िुननया बनािे हैं।
(I) प्रत््ेक कयम में वर्शयितय के धचह्ि िोजिे से िेिक कय अलर्प्रय् है-
(क) बड़ी सोच व्यस्क्ि को बड़ा बनने की प्रेर णा िेिी है
(ग) प्रत्येक काम को करने के मलए सिैव ित्पर रहे
(ख) प्रत्येक काम को महत्तव िेकर गहराई से समझें
(घ) प्रत्येक काम का आयोजन बड़े पैमाने पर करें
3) निदेशयिस
ु यर 'पदबांध' पर आधयररत पयाँच बहुवर्कल्पी् प्रश्िों में से ककनह ां चयर प्रश्िों के उत्तर द स्जए-
(1x4=4)
(I) 'चयजीि िे चय् तै्यर करके हमयरे सयमिे रि द । इस र्यक्् में रेियांककत पदबांध है-
(क) संज्ञा पिबंध (ख) त्तवशेषण पिबंध (ग) किया पिबंध (घ) किया त्तवशेषण पिबंध
(II) 'उड़ती हुई धचडड़्य अचयिक धगर गई।' इस र्यक्् में वर्शेषण पदबांध है-
(क) चचडड़या (ख) अचानक (ग) चगर गई (घ) उड़िी हुई
(III) कि्य पदबांध कय उदयहरण छयाँहटए-
(क) ठिन-राि पररश्रम करने वाले सफल हो जािे हैं।
(ख) उसने अंगीिी सुलगाकर चायिानी उस पर रख िी।
(ग) सिा सच बोलने वाला वह आज ककस कारण झूि बोलने पर मजबूर हो गया है।
(घ) वे थवर्ाव से बड़े अध्ययनशील िे।
(IV) "फै िते हुए प्रदूषण िे पांनछ्ों को बस्तत्ों से र्गयिय शुरू कर हद्य रेियांककत पदबांध कय र्ेद है-
(क) संज्ञा पिबंध (ख) सवभनाम पिबंध (ग) किया पिबंध (घ) त्तवशेषण पिबंध
(V) कबूतर परेशयिी में इधर-उधर फड़फड़य रहे थे। रेियांककत पदबांध कय प्रकयर है-
(क) सवभनाम पिबंध (ख) किया पिबंध
(ग) किया त्तवशेषण पिबंध (घ) त्तवशेषण पिबंध
4) निदेशयिुसयर 'रचिय' के आधयर पर र्यक्् र्ेद' पर आधयररत पयाँच बहुवर्कल्पी् प्रश्िों में से ककनह ां चयर प्रश्िों के
उत्तर द स्जए- (1 x 4 = 4)
(I) जापान में चाय पीने की एक त्तवचध है, स्जसे चा-नो-यू कहिे हैं।' वाक्य का सरल वाक्य में रूपांिरण होगा-
(क) जापान में चाय पीने की त्तवचध को चा-नो-यू कहिे हैं
(ख) जापान में चाय पीने की त्तवचध है और उसे चा-नो-यू कहिे हैं।
(ग) जापान में जो चाय पीने की त्तवचध है, उसे चा-नो-यू कहिे हैं
(घ) उपयभक्
ु ि में से कोई नहीं
(II) बयत करिे में सब एक-से-एक बढ़कर हैं, िेककि सह बयत कोई िह ां बतयतय।" र्यक्् कय र्ेद है-
(क) ममश्र वाक्य (ख) सरल वाक्य (ग) सयुंक्ि वाक्य (घ) प्रधान वाक्य
(III) पढ़िे की इच्छय होिे पर ह तुम ्हयाँ से जयओ। 'र्यक्् कय लमश्र र्यक्् में रूपयांतरण होगय-
(क) पढ़ने की इच्छा हो िो यहााँ से जाओ (ख) जब पढ़ने की इच्छा हो िर्ी िम
ु यहााँ से जाओ
(ग) पढ़ने की इच्छा होगी िो यहााँ से जाना (घ) उपयुभक्ि में से कोई नहीं
(IV) निम्िलिखित र्यक््ों में से सां्ुक्त र्यक्् है-
(क) जैसे ही उसने मुझे िेखा, वह खखसक गया (ख) जब उसने मुझे िेखा िो वह खखसक गया
(ग) उसने मुझे िेखा और वह खखसक गया (घ) मुझे िेखिे ही वह खखसक गया
(V) कॉिम को कॉिम 2 के सयथ सम
ु ेलित कीस्जए और सह वर्कल्प चि
ु कर लिखिए-
कॉिम 1 कॉिम 2
1 ििााँरा ने प्रश्न ककया और वामीरो ने बेरुखी से जवाब ठिया। i सरल वाक्य
2 जब ििााँर ा ने प्रश्न ककया िब वामीरो ने बेरुखी से जवाब ठिया। ii संयक्
ु ि वाक्य
3 ििााँरा के प्रश्नों का जवाब वामीरो ने बेरुखी के साि ठिया। iii ममश्र वाक्य
त्तवकल्प
(क) 1-iii, 2-i, 3-i (ख) 1-ii 2-iii, 3-i
(ग) 1-ii, 2-i, 3-iii (घ) 1-iii, 2-ii, 3-i
5) निदेशयिुसयर 'समयस' पर आधयररत पयाँच बहुवर्कल्पी् प्रश्िों में से ककनह ां चयर प्रश्िों के उत्तर द स्जए- (1X4=4)
(I) 'जगनियथ' में समयस है-
(क) बहुव्रीठह समास (ख) कमभधारय समास (ग) ित्पुरूष समास (घ) द्वंद्व समास
(II) ‘प्रनतहदि' कय समयस-वर्ग्रह है-
(क) प्रनि और ठिन (ख) प्रत्येक के मलए ठिन (ग) ठिन के अनुसार (घ) ठिन-ठिन
(III) निम्िलिखित ्ुग् मों पर वर्चयर कीस्जए-
समततपद समयस
i सधमभ i कमभधारय समास
ii िोपहर ii अव्ययीर्ाव समास
iii मािा-त्तपिा iii द्वंद्व समास
6) निदेशयिुसयर'मुहयर्रे'पर आधयररत छह बहुवर्कल्पी् प्रश्िों में से ककनह ां चयर प्रश्िों के उत्तर द स्जए- (1x4=4)
(I) अनिवृस्ष्ट के कारण कु छ शहर बाढ़ से ग्रथि है। वहााँ के ननवामसयों की सहायिािभ सामग्री एकत्र करने हेिु एक
त्तवज्ञापन लगर्ग 40 शब्िों में िैयार कीस्जए।
अथर्य
(II) आपके शहर में एक नया वाटर पाकभ खल
ु ा है, स्जसमें पानी के खेल, रोमांचक झल
ू ों, मनोरंजक खेलों और खान-
पान की व्यवथिा है। इसके मलए एक त्तवज्ञापन का आलेख लगर्ग 40 शब्िों में िैयार कीस्जए।
18. (1) बुर य करिे कय फि बुर य होतय है' वर्ष् पर िघु कथय िगर्ग 100 शब्दों में लिखिए। (5x1=5)
अथर्य
(2) आपके क्षेत्र में कोई र्ी टे लीत्तवजन सहजिा से िूर िशभन के कायभिम नहीं पकड़ पािा। बहुि संर्व है यह के वल
ऑपरेटरों की कारथिानी हो। िूर िशभन के महाननिेशक को लगर्ग 100 शब्िों में एक ई-मेल मलखकर इस ओर
उनका ध्यान आकृ ष्ट कीस्जए।