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DEPARTMENT OF HINDI 2024 – 25

Prepared by: - Ravi Shukla Week: -29 – 3 May


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श ण उ दे य
 पाठ म व णत घटनाओं क सूची बनाना।
 लेख क वषयव तु को पूव म सुनी गई घटना से संब ध करना।
 नए श द के अथ समझकर अपने श द भंडार म व ृ ध करना।
 सा ह य के ग य वधा (डायर ) क जानकार दे ना।
 परतं भारत म मनाए गए दस
ू रे ‘ वतं ता दवस’ क जानकार ा त करना।
 नै तक मू य क ओर े रत करना।
 याकरण त व के मा यम से पद को समझना।
 पर ा हे तु छा को पाठ म वीण करना।

पढ़ने व समझने हेतु

मौ खक (Only for Reading)

न न ल खत न के उ र एक-दो पंि तय म द िजए-

न 1. कलक ा वा सय के लए 26 जनवर 1931 का दन य मह वपूण था?


उ र- : 26 जनवर , 1931 का दन कलक ावा सय के लए इस लए मह वपूण था, य क सन ् 1930 म गुलाम
भारत म पहल बार वतं ता दवस मनाया गया था। इस वष उसक पुनराव ृ थी, िजसके लए काफ़ तैया रयाँ
पहले से ह क गई थीं। इसके लए लोग ने अपने-अपने मकान व सावज नक थल पर रा य झंडा फहराया
था और उ ह इस तरह से सजाया गया था क ऐसा मालूम होता था, मान वतं ता मल गई हो।

न 2. सुभाष बाबू के जुलूस का भार कस पर था?


उ र- सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूण दास पर था, िज ह ने इस जल
ु ूस का परू ा बंध कया था। उ ह ने
जगह-जगह फोटो का भी बंध कया था और बाद म पु लस वारा उ ह पकड़ लया गया था।
न 3. व याथ संघ के मं ी अ वनाश बाबू के झंडा गाड़ने
हुई? पर या त या
उ र- व याथ संघ के मं ी अ वनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर पु लस ने उ ह पकड़ लया तथा अ य लोग को
मारा और वहाँ से हटा दया।

न 4. लोग अपने-अपने मकान व सावज नक थल पर रा य झंडा फहराकर कस बात का संकेत दे ना चाहते


थे?
उ र- लोग अपने-अपने मकान व सावज नक थल पर झंडा फहराकर इस बात का संकेत दे ना चाहते थे क वे
भी अपने दे श क वतं ता और रा य झंडे का पण
ू स मान करते ह।

न 5. पु लस ने बड़े-बड़े पाक तथा मैदान को य घेर लया था?


उ र- पु लस ने बड़े-बड़े पाक तथा मैदान को इस लए घेर लया था ता क लोग वहाँ एक त न हो सक। पु लस
नह ं। चाहती थी क लोग एक होकर पाक तथा मैदान म सभा कर तथा रा य वज फहराएँ। पु लस परू
ताकत से ग त लगा रह थी। येक मोड़ पर गोरखे तथा साजट मोटर-गा ड़य म तैनात थे। घड़
ु सवार पु लस
का भी बंध था।

लखने व अ यास हेतु

(क) न न ल खत न के उ र (25-30 श द म) ल खए-

न 1. 26 जनवर 1931 के दन को अमर बनाने के लए या- या तैया रयाँ क ग ?


उ र- 26 जनवर , 1931 के दन को अमर बनाने के लए न न ल खत तैया रयाँ क ग :

1. कलक ा के लोग ने अपने-अपने घर को खूब सजाया।


2. अ धकांश मकान पर रा य झंडा फहराया गया।
3. कुछ मकान और बाज़ार को ऐसे सजाया गया क मानो वतं ता ह ा त हो गई हो।
4. कलक े के येक भाग म झंडे लहराए गए।
5. लोग ने ऐसी सजावटे पहले नह ं दे खी थी।

न 2. ‘आज जो बात थी वह नराल थी’- कस बात से पता चल रहा था क आज का दन अपने आप म


नराला है ? प ट क िजए।
उ र- 26 जनवर का दन अपने-आप म नराला था। कलक ावासी परू े उ साह परू नवीनता के साथ इस दन
को यादगार दन बनाने क तैयार म जट
ु े थे। अं ेज़ी सरकार के कड़े सरु ा बंध के बाद भी हज़ार क सं या
म लोग लाठ खाकर भी जल
ु स
ू म भाग ले रहे थे। सरकार वारा सभा भंग करने क को शश के बावजद
ू भी
बड़ी सं या म आम जनता और कायकता संग ठत होकर मोनम
ु ट के पास एक त हो रहे थे। ि य ने भी इस
आंदोलन म बढ़-चढ़कर भाग लया। इस दन अं ेज़ी कानून को खुल चुनौती दे कर कलक ावा सय ने दे श- ेम
और एकता का अपूव दशन कया।
न 3. पु लस क म नर के नो टस और क सल के नो टस म या अंतर था?
उ र- दोन म यह अंतर था क पु लस क म नर का नो टस नकल चक
ु ा था क अमक
ु -अमक
ु धारा के अनस
ु ार
कोई सभा नह ं हो सकती और जो लोग सभा म भाग लगे, वे दोषी समझे जाएँगे; जब क क सल के नो टस म
था क मोनम
ु ट के नीचे ठ क चार बजकर चौबीस मनट पर झंडी फहराया जाएगा तथा वतं ता क त ा पढ़
जाएगी। इसम सव-साधारण क उपि थ त होनी चा हए।

न 4. धमत ले के मोड़ पर आकर जल


ु स
ू य टूट गया?
उ र- सभ
ु ाष बाबू के नेत ृ व म जल
ु स
ू परू े जोश के साथ आगे बढ़ रहा था। थोड़ा आगे बढ़ने पर पु लस ने सभ
ु ाष
बाबू को पकड़ लया और गाड़ी म बठाकर लाल बाज़ार के लॉकअप म भेज दया। जल
ु स
ू म भाग लेनेवाले
आंदोलनका रय पर पु लस ने ला ठयाँ बरसानी शु
कर द थीं। बहुत से लोग बरु तरह घायल हो चकु े थे। पु लस
क बबरता के कारण जुलूस बखर गया था। मोड़ पर पचास साठ ि याँ धरना दे कर बैठ ग थीं। पु लस ने उ ह
पकड़कर लालबाज़ार भेज दया था।

न 5. डॉ० दासगु ता जल
ु स
ू म घायल लोग क दे ख-रे ख तो कर ह रहे थे, उनके फ़ोटो भी उतरवा रहे थे। उन
लोग के फ़ोटो खींचने क या वजह हो सकती थी ? प ट क िजए।
उ र- डॉ० दास गु ता जुलूस म घायल लोग क दे ख-रे ख के साथ उनके फ़ोटो भी उतरवा रहे थे, ता क पूरा दे श
अं ेज़ शासक के जु म से अवगत होकर उनका वरोध करके उ ह दे श से बाहर नकालने के लए तैयार हो
जाए।

लखने व अ यास हेतु

(ख) न न ल खत न के उ र (50-60 श द म) ल खए-

न 1. सभ
ु ाष बाबू के जल
ु स
ू म ी समाज क या भू मका थी?
उ र- सभ
ु ाष बाबू के जल
ु स
ू म ी-समाज ने एक अहम भू मका नभायी थी। ी समाज ने
जगह-जगह से जुलस
ू नकालने क तथा ठ क थान पर पहुँचने क तैयार और को शश क थी।
ि य ने मोनुमट क सी ढ़य पर चढ़कर झंडा फहरा कर घोषणा-प पढ़ा था तथा पु लस के
बहुत-से अ याचार का सामना कया था। वमल तभा, जानक दे वी और मदालसा आ द ने
जुलसू का सफल नेत ृ व कया था।

न 2. जुलस
ू के लालबजार आने पर लोग क या दशा
हुई?
उ र- जल
ु स
ू के लालबाज़ार आने पर पु लस ने एक त भीड़ पर ला ठय से हार कया। सभ
ु ाष
बाबू को पकड़कर लॉकअप म भेज दया गया। ि य का नेत ृ व करनेवाल मदालसा भी पकड़ी
गई थी। उसको थाने म मारा भी गया । इस जुलस
ू म लगभग 200 यि त घायल हुए िजसम
से कुछ क हालत गंभीर थी।

न 3. जब से कानन
ू भंग का काम शुहुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान
म नह ं क गई थी और यह सभा तो कहना चा हए क ओपन लड़ाई थी।’ यहाँ पर कौन से और
कसके वारा लागू कए गए कानून को भंग करने क बात कह गई है ? या कानन
ू भंग करना
उ चत था? पाठ के संदभ म अपने वचार कट क िजए।

उ र- जब पु लस क म नर का नो टस नकला क अमक
ु -अमक
ु धारा के अनुसार कोई सभा नह ं
हो सकती और सभा म भाग लेने वाल को दोषी समझा जाएगा, तो क सल क तरफ़ से भी
नो टस नकाला गया क मोनुमट के नीचे ठ क चार बजकर चौबीस मनट पर झंडा फहराया
जाएगा तथा वतं ता क त ा पढ़ जाएगी। इस तरह से पु लस क म नर वारा सभा थ गत
करने जैसे लागू कानन
ू को क सल क तरफ़ से भंग कया गया था; जो क उ चत था, य क
इसके बना आज़ाद क आग व लत न होती।

न 4. बहुत से लोग घायल हुए, बहुत को लॉकअप म रखा गया, बहुत-सी ि याँ जेल ग , फर
भी इस दन को अपव
ू बताया गया है। आपके वचार म यह सब अपव
ू य है ? अपने श द
म ल खए।

उ र- हमारे वचार म 26 जनवर 1931 का दन अ भुत था य क इस दन कलक ावा सय को


अपनी दे शभि त, एकता व साहस को स ध करने का अवसर मला था। उ ह ने दे श का दस
ू रा
वतं ता दवस परू े जोश और उ साह के साथ मनाया। अं ेज़ शासक ने इसे उनका अपराध
मानते हुए उनपर और वशेष प से म हला कायकताओं पर अनेक अ याचार कए ले कन
पु लस वारा कया गया ू रतापण
ू यवहार भी उनके इराद को बदल नह ं सका और न ह
उनके जोश कम कर पाया । एकजुट होकर रा य झंडा फहराने और वतं ता क त ा
करने का जो संक प उन सबने मलकर लया था, उसे उ ह ने यातनाएँ सहकर भी उस दन
परू ा कया।

भाषा अ ययन
न 1. रचना क ि ट से वा य तीन कार के होते ह-
सरल वा य – सरल वा य म कता, कम, पूरक या और या वशेषण घटक या इनम से कुछ घटक का योग
होता है । वतं प से यु त होने वाला उपवा य ह सरल वा य है ।
उदाहरण- लोग टो लयाँ बनाकर मैदान म घूमने लगे।

संयु त वा य – िजस वा य म दो या दो से अ धक वतं या मु य उपवा य समाना धकरण योजक से जड़


ु े ह,
वह संयु त वा य कहलाता है । योजक श द - और, परं तु, इस लए आ द।

उदाहरण- मोनम
ु ट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और वतं ता क त ा पढ़ जाएगी।

म वा य – वह वा य िजसम एक धान उपवा य हो और एक या अ धक आ त उपवा य ह , म वा य


कहलाता है ।

उदाहरण- जब अ वनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तब पु लस ने उनको पकड़ लया।

न न ल खत वा य को सरल वा य म बद लए-

I.(क) दो सौ आद मय का जल
ु स
ू लाल बाजार गया और वहाँ पर गर तार हो गया।
(ख) मैदान म हजार आद मय क भीड़ होने लगी और लोग टो लयाँ बना-बनाकर मैदान म घम
ू ने लगे।
(ग) सभ
ु ाष बाबू को पकड़ लया गया और गाड़ी म बैठाकर लाल बाजार लॉकअप म भेज दया गया।

II. बड़े भाई साहब’ पाठ म से भी दो-दो सरल, संयु त और म वा य छाँटकर ल खए।

उ र-
I.(क) दो सौ आद मय का जुलूस लाल बाज़ार जाकर गर तार हो गया।
(ख) मैदान म हजार आद मय क भीड़ टो लयाँ बना-बनाकर घूमने लगी।
(ग) सभ
ु ाष बाबू को पकड़ कर गाड़ी म बठाकर लालबाज़ार लॉकअप म भेज दया गया।

II. सरल वा य-

(क) वह वभाव से बड़े अ ययनशील थे।


(ख) उनक रचनाओं को समझना मेरे लए छोटा मुँह बड़ी बात थी।

संयु त वा य-
(क) म पास हो गया और दरजे म थम आया।
(ख) भाई साहब ने मानो तलवार खींच ल और मुझ पर टूट पड़े।

म वा य-

(क) मेर शाल नता इसी म थी क उनके हु म को कानून समझ।


(ख) म इरादा करता क आगे से खूब जी लगाकर पढ़े गा।

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