Kaaki Notes Grade 8

You might also like

Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 3

काकी

प्रश्न- काकी कहानी का उद्दे श्य स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- श्री सियारामशरण गप्ु त जी द्वारा सिखित ‘काकी’ कहानी में एक अबोध बच्चे की पीड़ा
को व्यक्त ककया गया है, जजिका अपनी मााँ िे ववछोह हो जाता है । वह अभी मााँ के मरने
की बात को भी नह ीं िमझ पाता । मात ृ ववयोग की पीड़ा को व्यक्त करना िेिक का
उद्दे श्य है तथा िेिक बताने चाहते हैं कक बच्चों का हृदय बड़ा भावुक और कोमि होता है।
उनिे झूठ नह ीं बोिना चाहहए जजििे उनके कोमि हृदय को चोट न पहुाँचे तथा उनके िाथ
प्यार िे पेश आना चाहहए। बबना िच्चाई जाने उनके िाथ मारपीट नह ीं करनी चाहहए, जैिे
प्रस्तुत कहानी में श्यामू के वपता ववश्वेश्वर िच्चाई जाने बबना ह उिे तमाचे जड़ दे ते हैं और
बाद में िच जानकर पछ्ताते हैं ।

प्रश्न- प्रस्तुत कहानी के शीर्षक की सार्षकता स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- प्रस्तत
ु कहानी ‘काकी’ श्री सियारामशरण गप्ु त द्वारा सिखित एक िामाजजक एवीं बाि
मनोववज्ञान पर आधाररत कहानी है । इि कहानी का शीर्षक ‘काकी’ बहुत िींक्षिप्त तथा
उत्िक
ु ता उत्पन्न करने वािा है । बािक श्यामू अपनी मााँ को काकी कहता है, उिकी मााँ का
ननधन हो जाता है। वह इि बात िे अनसभज्ञ है कक मरने के बाद कोई वापि नह ीं आता पर
वह आकाश में उड़ती पतींग को दे िकर पतींग िर दता है उिमें रस्िी बााँधता है ताकक काकी
उिके िहारे नीचे उतर आए । अत: पूर कहानी काकी के इदष –गगदष घूमती है ।

कहानी में ववश्वेश्वर जब श्यामू को तमाचे मारते हैं और अींत में फट हुई पतींग पर काकी
सििा हुआ दे िकर स्तब्ध रह जाते हैं । इि प्रकार हम कह िकते हैं कक इि कहानी के सिए
इििे अच्छा शीर्षक हो ह नह ीं िकता था।

प्रश्न- इस कहानी से बच्चों के ककस स्वभाव का पता चलता है ?

उत्तर- इि कहानी में बच्चों के ह्र्दय की कोमिता, भावुकता तथा िींवेदनशीिता का पता
चिता है । वे मात ृ ववयोग की हृदय ववदारक पीड़ा को िहन नह ीं कर पाते हैं, जैिा कक इि
कहानी में दशाषया गया है । प्रस्तुत कहानी में अबोध बािक श्यामू की मात-ृ ववयोग की पीड़ा
को व्यक्त ककया गया है । जब उिे पता चिता है कक उिकी काकी राम के घर ऊपर चि
गई है, तो वह अत्यींत उदाि और गुमिुम रहने िगता है और अपनी मााँ को पतींग के
माध्यम िे राम के घर िे नीचे उतारने का प्रयाि करने िगता है ।
प्रश्न- भोला का चरित्र चचत्रण कीजिए ।

उत्तर- भोिा श्यामू का हमउम्र और घननष्ट समत्र है। वह िखु िया दािी का पत्र
ु है । वह श्यामू
िे प्यार करता है । उिकी योजना में शासमि होकर श्यामू की िहायता करता है । भोिा
श्यामू िे अगधक िमझदार बािक है । जब श्यामू पतींग की डोर िे काकी को नीचे उतारने
की बात करता है तो भोिा उिे िमझाता है कक डोर के स्थान पर रस्िी का प्रयोग करना
चाहहए क्योंकक पतींग की डोर बहुत पति है और आिानी िे टूट िकती है । भोिा बहुत
डरपोक भी है, ववश्वे श्वर की डााँट िुनकर वह िब िच बता दे ता है । वह भी श्यामू की तरह
िींवेदनशीि िीधा व भावुक हृदय बािक है ।

प्रश्न- ववश्वेश्वि का संक्षिप्त परिचय अपने शब्दों में ललखिए ।

उत्तर – ववश्वेश्वर श्यामू के वपता हैं, जो अपनी पत्नी उमा की आकजस्मक मत्ृ यु के कारण
अन्यमनस्क रहा करते हैं । वह अपने पत्र
ु श्यामू के दि
ु को िमझते हैं । परीं तु उििे बात
करने की कोसशश नह ीं करते । घर के मुखिया होने के कारण घर के िभी िदस्यों की
जजम्मेदार उन्हें ह उठानी पड़ती है । उनकी पत्नी की अिमय मत्ृ यु ने उन्हें तोड़ कर रि
हदया । एक हदन जब उनकी कोट की जेब िे कुछ पैिे गायब हो जाते हैं तो वे अत्यींत
क्रोगधत हो जाते हैं और श्यामू को दो तमाचे जड़ दे ते हैं और िाथ ह उिकी पतींग भी फाड़
दे ते हैं, िेककन जब पतींग पर काकी सििा दे िते हैं तो वे हतप्रभ रह जाते हैं और उनका
िारा क्रोध काफूर हो जाता है । इि प्रकार वे क्रोधी होने के िाथ-िाथ दयािु हृद्यी भी हैं ।

प्रश्न- आसमान में उड़ती पतंग को दे िकि, क्या सोचकि श्यामू का हृदय एकदम

खिल उठा ?

उत्तर- आिमान में उड़ती पतींग को दे िकर अनायाि ह श्यामू के मन में उम्मीद की एक
ककरण जाग उठती है और उिका हृद्य खिि उठता है । वह िोचता है कक वह भी एक पतींग
िाएगा और उि पर काकी नाम की गचट िगाकर आकाश में उड़ा दे गा । काकी उि पतींग को
दे िते ह उिे पकड़कर राम के यहााँ िे नीचे आ जाएगी । अब जल्द ह वह अपनी मााँ िे
समि पाएगा यह िोचकर वह बहुत प्रिन्न हो उठता है और दौड़कर अपने वपता ववश्वेश्वर िे
पतींग माँगवाने के सिए कहता है ।

प्रश्न- ‘काकी’ कहानी में एक अबोध बालक की मात-ृ ववयोग की पीड़ा व्यक्त की गई है ।
स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- ‘काकी’ कहानी में श्यामू नाम के अबोध बािक को मात-ृ ववयोग की पीड़ा िहन करनी
पड़ती है जजिे िहने की उिके अींदर शजक्त नह ीं है । वह इतना मािम
ू है कक भसू म पर पड़े
अपनी मााँ के मत
ृ शर र को दे िकर वह यह िमझता है कक मााँ भूसम शयन कर रह है । जब
िोग उिकी मााँ को शमशान िे जाने िगते हैं तो वह उपद्रव मचा दे ता है। उिे अपने हमउम्र
िागथयों िे पता चिता है कक उिकी मााँ राम के घर गई है और वह उदाि रहने िगता है ।
एक हदन आकाश में उड़ती पतींग को दे िकर उिके हदमाग में यह योजना आती है कक वह
पतींग राम के घर भेजेगा जजिे पकड़कर काकी नीचे उतरे गी । वह पतींग के सिए वपताजी की
जेब िे पैिे ननकािता है, जब वपताजी को यह पता चिता है तो वह श्यामू को दो तमाचे
जड़ते हैं और उिकी पतींग भी फाड़ दे ते हैं, तो श्यामू बहुत हताश एवीं उदाि हो जाता है।
उिकी प्रिन्न्ता गायब हो जाती है। और वह मात-ृ ववयोग की पीड़ा में डूब जाता है। इि
प्रकार श्यामू एक िींवेनशीि और कोमि हृदयी बािक है ।

प्रश्न- काकी कहानी के माध्यम से स्पष्ट कीजिए कक बालकों के िीवन में मााँ का क्या

स्र्ान है ?

उत्ति- कहानीकार ने कहानी को अत्यींत मासमषक ढीं ग िे प्रस्तत


ु ककया है । कहानी के माध्यम
िे यह दशाषया गया है कक बािकों के जीवन में उनकी मााँ का महत्त्वपूणष स्थान होता है ।
कहानी का मुख्य पात्र इतना अबोध है कक जब उिकी मााँ का अिमय ननधन हो जाता है तो
वह यह भी नह ीं िमझ पाता कक उिकी मााँ िदा के सिए उिे छोड़ गई है । मााँ के जाने िे
उिका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। उिके जीवन की चींचिता न जाने कहााँ िो गई । वह
दि
ु ी होकर आिमान की ओर ताकता रहता था। उिके वपता ववश्वेश्वर उिे प्रेम करते हैं
िेककन उिे प्रयाषप्त िमय नह ीं दे पाते । उिके जीवन में आई मााँ की कमी कोई पूर नह ीं
कर पाता । ( स्वयं कीजिए - अपना अनभ
ु व सिखिए )

1. भोला श्यामू से अचधक समझदाि र्ा । उसने कहा, "बात तो बहुत अच्छी है, पिं तु एक
कठठनता है।"

क. भोिा कौन था ?

ि. 'बात तो बहुत अच्छी है' - िे भोिा का िींकेत ककि बात की ओर था ?

ग. उिने ककि कहठनता का उल्िेि ककया ?

घ. इि कहठनता को दरू करने के सिए उिने क्या िझ


ु ाव हदया ?

You might also like