Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 25

आदर्श सं स्कृत महाविद्यालय/आदर्शसंस्कृत र्ोध संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त

संस्थानों को वित्तीय सहायता के वलए सं र्ोवधत योजना-2022

परिचय:

1. आदर्श संस्कृत महाविद्यालय /ं आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान ं के रूप में मान्यता प्राप्त संस्थान ं क वित्तीय सहायता
दे ने की य जना िर्श 1977 में भारत सरकार द्वारा संस्कृत सीखने की पारं पररक संस्थाओं क समथशन दे ने के वलए र्ुरू
की गई थी। समय-समय पर इसकी समीक्षा की गई। इस य जना की अं वतम बार िर्श 1993 में मानि संसाधन विकास
मंत्रालय द्वारा समीक्षा की गई थी। इसके बाद, इस य जना क वर्क्षा विभाग, मानि संसाधन विकास मंत्रालय, भारत
सरकार के पत्र संख्या F.8-3/94-SK-I वदनां क 16.06.1995 के तहत कायाश न्वयन के वलए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,
वदल्ली (वजसे पहले राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के नाम से जाना जाता था) क हस्ां तररत कर वदया गया था।

2. इस य जना की अं वतम समीक्षा िर्श 2012 में वर्क्षा मंत्रालय (पू िश में एमएचआरडी), भारत सरकार के वनदे र्ानुसार
उनके पत्र संख्या एफ.सं.31-4/2009-संस्कृत.I वदनां क 29.06.2012 के तहत की गई थी। िर्श 2017 में इस य जना की
समीक्षा और संर् धन के वलए कारश िाई की गई थी। हालााँ वक, इसे मूतश रूप नहीं वदया जा सका, इसवलए अब इसकी
समीक्षा और संर् धन वकया जा रहा है और इसे "आदर्श संस्कृत महाविद्यालय /ं आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान ं के रूप में
मान्यता प्राप्त संस्थान ं क वित्तीय सहायता के वलए संर् वधत य जना - 2022" कहा जाएगा। य जना के वदर्ा-वनदे र् ,ं
विश्वविद्यालय अनुदान आय ग (यू जीसी) विवनयम 2018 जारी करने, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (मावनत विश्वविद्यालय) क
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली में पररिवतशत करने, एनईपी-2020 में वनवहत वसफाररर् ं के कायाश न्वयन आवद से
संबंवधत सुझाि /ं वर्कायत यावचकाओं की प्राप्तप्त के कारण हुए नए घटनाक्रम ं के आधार पर समीक्षा और संर् धन
वकया गया है ।

योजना का नाम:

3. य जना का नाम "आदर्श संस्कृत महाविद्यालय ं (एएसएम)/आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान ं (एएसएसएस) के रूप में
मान्यता प्राप्त संस्थान ं क वित्तीय सहायता के वलए य जना - 2022" ह गा। यह य जना केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,
वदल्ली द्वारा अवधसूवचत ह ने की वतवथ से प्रभािी ह गी। यह य जना मान्यता प्राप्त सभी संस्थान ं और इन मान्यता प्राप्त
संस्थान ं में कायश रत/नावमत सभी व्यप्तिय ं पर लागू ह ता है ।

उद्दे श्य:

4. इस य जना का उद्दे श्य पारं पररक संस्कृत वर्क्षण और अनुसंधान क समथशन और बढािा दे ना है । इसके अलािा,
एनईपी-2020 में वनवहत वसफाररर् ं के अनुरूप एएसएम/एएसएसएस क संस्कृत और संबद्ध र्ास्त् /ं विर्य ं में
अं तःविर्य अध्ययन करने की संभािनाओं का पता लगाना आिश्यक है । इस उद्दे श्य के वलए, इस य जना के तहत
मान्यता प्राप्त आदर्श संस्कृत महाविद्यालय ं और आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान ं क प्राक् र्ास्त्ी/र्ास्त्ी और आचायश के
स्र पर पाठ्यक्रम संचावलत करने, डॉक्टरे ट/प स्ट-डॉक्टरे ट स्र या द न ं पर अनुसंधान आय वजत करने या
पां डुवलवपय ं और दु लशभ पु स्क ं क संपावदत करने और प्रकावर्त करने, र् ध आधाररत प्रकार्न और र् ध पवत्रकाएाँ
वनकालने, ग्रं थ ं का संस्कृत से अन्य भार्ाओं में अनुिाद करने और इसके विपरीत और कायश र्ालाएाँ /सेवमनार आवद
आय वजत करने के वलए प्रर्ासवनक और वित्तीय द न ं तरह की सहायता प्रदान की जाती है । यहां पररकप्तित
सहायता का अथश यू जीसी के वनयम ं के साथ-साथ समय-समय पर लागू भारत सरकार के वदर्ावनदे र् ं के आधार पर
इस य जना के उद्दे श्य ं क लागू करने में सामान्य प्रर्ासवनक और वित्तीय सहायता ह गी।

वित्तीय सहायता के वलए मान्यता की र्तें :

5. इस य जना के तहत वित्तीय सहायता के वलए मान्यता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालय क आदर्श संस्कृत महाविद्यालय
(एएसएम) कहा जाएगा और इस य जना के तहत वित्तीय सहायता के वलए मान्यता प्राप्त संस्कृत र् ध संस्थान क
आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान (एएसएसएस) कहा जाएगा। हालां वक, एएसएम या एएसएसएस के रूप में मान्यता वकसी
भी संस्थान क इस य जना के तहत अवधकार के रूप में वित्तीय सहायता या अनुदान जारी रखने का अवधकार नहीं
दे गी।

6. स सायटी पं जीकरण अवधवनयम के तहत स सायटी के रूप में पं जीकृत क ई भी स्वै प्तिक संगठन या टर स्ट
अवधवनयम के तहत पं जीकृत टर स्ट या कंपनी अवधवनयम के तहत पं जीकृत गै र-लाभकारी कंपनी वजसे आगे 'मूल
वनकाय' कहा जाता है , ज संस्कृत महाविद्यालय या संस्कृत र् ध संस्थान चलाती है , मान्यता के वलए
ऑनलाइन/ऑफलाइन आिेदन करने के वलए पात्र ह गी। ऑनलाइन आिेदन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (सीएसयू )
की िेबसाइट में वदए गए वनवदश ष्ट् प टश ल पर जमा वकए जा सकते हैं । एएसएम या एएसएसएस के रूप में मान्यता पर
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली द्वारा वनम्नवलप्तखत र्तों क पू रा करने के अधीन विचार वकया जाएगा:

(i) य जना के अं तगश त मान्यता के वलए आिेदन करने िाले मूल वनकाय क ऑनलाइन/ऑफलाइन आिेदन के साथ
य जना के अनुलग्नक-I में वदए गए दस्ािेज जमा करने ह ग
ं े।

(ii) महाविद्यालय क पारं पररक तरीके से प्राक् र्ास्त्ी/र्ास्त्ी और आचायश या समकक्ष पाठ्यक्रम के स्र पर पढाना
चावहए और छात्र ं के कम से कम तीन बै च ं ने वकसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/परीक्षा वनकाय से प्राक् र्ास्त्ी/र्ास्त्ी
और आचायश या समकक्ष पारं पररक वडग्री उत्तीणश की ह नी चावहए। संस्कृत र् ध संस्थान क विवभन्न पारं पररक संस्कृत
विर्य ं में सवक्रय रूप से अनुसंधान करना चावहए और कम से कम 12 विद्यािाररवध (पीएचडी) या 12 मानक र् ध
आधाररत पु स्कें तैयार करनी चावहए।

(iii) महाविद्यालय/र् ध संस्थान क ऊपर (i) में उप्तल्लप्तखत स्र पर कम से कम सात (07) िर्ों से अप्तस्त्व में ह ना
चावहए। तथावप, महाविद्यालय/र् ध संस्थान, ज पहले की य जना के अं तगश त वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे थे,
संर् वधत य जना के अं तगश त भी वित्तीय सहायता प्राप्त करते रहें गे।

(iv) मूल वनकाय के पास र्हरी क्षेत्र में कम से कम 1 एकड़ या ग्रामीण क्षेत्र में 2 एकड़ भूवम ह नी चावहए, वजस पर
संस्कृत महाविद्यालय कायश कर रहा ह और साथ ही िे इन संपवत्तय ं के एकमात्र स्वामी ह ने चावहए। हालााँ वक, जहााँ तक
संस्कृत र् ध संस्थान का संबंध है , मूल वनकाय के पास र् ध संस्थान के प्रभािी संचालन के वलए पयाश प्त बु वनयादी ढााँ चा
सुविधाओं के साथ ग्रामीण या र्हरी क्षेत्र में कम से कम आधा एकड़ भूवम का स्वावमत्व और कब्जा ह ना चावहए। इस
य जना के तहत मान्यता प्रदान वकए जाने पर, संस्कृत महाविद्यालय /ं संस्कृत र् ध संस्थान ं के मूल वनकाय
महाविद्यालय/र् ध संस्थान से संबंवधत सभी संपवत्त क आदर्श संस्कृत महाविद्यालय/आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान के
नाम पर स्थानां तररत कर दें गे । इसी तरह, वजन मूल वनकाय ं के आिेदन पर एएसएम/एएसएसएस क य जना के तहत
मान्यता दी गई थी और वजन् न
ं े संबंवधत संपवत्त एएसएम/एएसएसएस क हस्ां तररत नहीं की है , उन्ें संबंवधत संपवत्त
क तुरंत एएसएम/एएसएसएस के नाम पर हस्ां तररत करना आिश्यक है , यवद अभी तक ऐसा नहीं वकया गया है ।
जहां तक एएसएम/एएसएसएस के नाम पर भूवम के हस्ां तरण का सिाल है , संबंवधत राज्य सरकार/केंद्र सरकार द्वारा
वनधाश ररत वनयम और विवनयम लागू ह ग
ं े।

(v) संस्कृत महाविद्यालय /ं संस्कृत र् ध संस्थान ं क अपने वर्क्षण एिं गै र-वर्क्षण कमशचाररय ं क उनके बैं क खात ं में
िेतन का भुगतान करना चावहए।

(vi) इस य जना के अं तगश त मान्यता एिं वित्तीय सहायता के वलए आिेदन करने िाले पं जीकृत मूल वनकाय क
मान्यता/पद ं के सृजन के पश्चात् तथा सहायता अनुदान जारी करने से पू िश राष्ट्रीयकृत बैं क में सािवध जमा खाते में
संस्कृत महाविद्यालय /ं संस्कृत र् ध संस्थान ं के पक्ष में 15.00 लाख रुपये की धनरावर् जमा करनी ह गी। य जना के
अं तगश त मान्यता प्रदान वकए जाने पर, सािवध जमा संयुि रूप से आदर्श संस्कृत महाविद्यालय /ं आदर्श संस्कृत र् ध
संस्थान ं के प्राचायश /वनदे र्क, जैसा भी मामला ह , तथा रवजस्टर ार, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली के नाम पर
वकया जाएगा। ये द न ं प्रावधकरण पदे न प्रकृवत के हैं। पु रानी य जना के अं तगश त पहले से सहायता प्राप्त कर रहे
संस्थान, वजन् न
ं े संस्कृत महाविद्यालय /ं संस्कृत र् ध संस्थान ं के पक्ष में 1 लाख/2 लाख/10 लाख रुपए जमा वकए हैं , िे
पररपक्व रावर् क 15 लाख रुपए की सािवध जमा तक पु नः वनिेर् करें गे ।

(vii) संस्थाएाँ संसद या राज्य विधानमंडल के अवधवनयम द्वारा विवधित् स्थावपत विश्वविद्यालय से संबद्ध ह नी चावहए।
अपिाद के रूप में, उच्च प्रवतष्ठा और पारं पररक प्रकृवत का क ई भी संस्थान, ज मानक र् ध प्रकार्न आवद लाने में
सवक्रय रूप से लगा हुआ है , भी इस य जना के तहत आिेदन करने के वलए पात्र ह सकता है ।

(viii) संस्कृत महाविद्यालय में छात्र ं की संख्या कम से कम 100 ह नी चावहए और संस्कृत र् ध संस्थान ने कम से कम

12 विद्यािाररवध (पीएचडी) या 12 मानक र् ध आधाररत पु स्कें तैयार की ह ।ं इसके अलािा, इन संस्कृत


महाविद्यालय /ं संस्कृत र् ध संस्थान ं में छात्र ं के रहने के वलए पयाश प्त कक्षाएाँ , छात्रािास, पु स्कालय, सेवमनार हॉल
आवद संस्थान के पररसर में ह ने चावहए।

ix) संस्कृत महाविद्यालय /ं संस्कृत र् ध संस्थान ं के मूल वनकाय ं क सीएसयू की िेबसाइट में उप्तल्लप्तखत नावमत प टश ल
पर इस य जना के तहत एएसएम/एएसएसएस के रूप में मान्यता के वलए आिेदन करना चावहए। मान्यता के वलए
आिेदन करते समय, मूल वनकाय क नीचे उप्तल्लप्तखत दस्ािेज और प टश ल में सीएसयू द्वारा मां गे गए वकसी भी अन्य
दस्ािेज क प्रदान करना चावहए:-

(क़) स सायटी पं जीकरण अवधवनयम के तहत पं जीकरण प्रमाणपत्र की विवधित सत्यावपत प्रवत / टर स्ट अवधवनयम के
तहत टर स्ट डीड / कंपनी अवधवनयम के तहत वनगमन का प्रमाण पत्र, जैसा भी मामला ह ।

(ख) एएसएम/एएसएसएस के रूप में मान्यता के वलए आिेदन के समथशन में मूल वनकाय का संकि, साथ ही यह
िचन वक यह इस य जना के सभी मानदं ड ं और वनयम ं और र्तों का पालन करे गा, यवद संस्थान क
एएसएम/एएसएसएस के रूप में मान्यता प्राप्त है ।

(ग) संस्था के सभी कमशचाररय ं द्वारा य जना के अनुलग्नक-II में वदए गए प्रारूप में एक िचनबद्धता।

(घ) वपछले तीन िर्ों की लेखापरीक्षा ररप टश और भूवम आवद के अन्य प्रासंवगक अवभलेख।

(ङ) आिेदन प्रारूप में आिश्यक सभी अन्य दस्ािेज।


(च) उस वतवथ तक लागू ऐसे वनकाय ं के पं जीकरण के वलए केंद्र/राज्य सरकार की आिश्यकता के अनुपालन की पु वष्ट्।

(छ) उवचत गै र-न्यावयक स्टाम्प पे पर पर विवधित सत्यावपत िचनबद्धता वक भूवम सवहत सभी संपवत्त और अिसंरचना
क आदर्श संस्कृत महाविद्यालय/आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान क हस्ां तररत और स प
ं वदया जाएगा।

(x) मूल वनकाय से मान्यता के वलए आिेदन प्राप्त ह ने पर, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली वनम्नवलप्तखत गणमान्य
व्यप्तिय ं िाली एक विर्ेर्ज्ञ सवमवत के माध्यम से भ वतक वनरीक्षण, मूल्ां कन और सत्यापन करे गा:-

(क) कुलपवत, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली या उनके द्वारा नावमत व्यप्ति ज विश्वविद्यालय में प्र फेसर के पद से
नीचे का न ह - अध्यक्ष।

(ख) एक विश्वविद्यालय प्र फेसर/मान्यता प्राप्त स्नातक त्तर महाविद्यालय का प्राचायश या एक मान्यता प्राप्त र् ध संस्थान
का वनदे र्क वजसे केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली के कुलपवत द्वारा नावमत वकया जाए- सदस्य

(ग) कुलपवत, सीएसयू द्वारा नावमत सीएसयू की कायश कारी पररर्द का एक सदस्य- सदस्य

(घ) संबद्ध विश्वविद्यालय का एक प्रवतवनवध ज प्र फेसर के पद से नीचे का न ह /संबंवधत राज्य के वर्क्षा विभाग का
प्रवतवनवध- सदस्य

(ङ.) कुलसवचि/वनदे र्क/केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली के कुलपवत द्वारा नावमत क ई भी अवधकारी- सदस्य
सवचि

(xi) विर्ेर्ज्ञ सवमवत की ररप टश से संतुष्ट् ह ने पर, सीएसयू संस् था की अकादवमक लेखा परीक्षा करने के वलए एक
सवमवत का गठन करे गा। अकादवमक लेखा परीक्षा सवमवत की संत र्जनक ररप टश के आधार पर, केंद्रीय संस्कृत
विश्वविद्यालय, वदल्ली की कायशकारी पररर्द वित्तीय सहायता के अनुदान के वलए संस्था क मान्यता दे ने का संकि लेगी
और भारत सरकार के वर्क्षा मंत्रालय क पद ं के सृजन के वलए वसफाररर् करे गी। वर्क्षा मंत्रालय द्वारा पद ं के सृजन
क मंजूरी वदए जाने पर, सीएसयू आिेदक मूल वनकाय के पक्ष में एएसएम/एएसएसएस के रूप में मान्यता का पत्र
जारी करे गा और वनधाश ररत मानदं ड ं के अनुसार एएसएम/एएसएसएस की प्रबं धन सवमवत का गठन करे गा। आिेदक
मूल वनकाय भूवम सवहत सभी संपवत्त और बु वनयादी ढां चे क आदर्श संस्कृत महाविद्यालय/आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान
क हस्ां तररत और स प
ं दे गा।

(xii) मान्यता प्राप्त एएसएम/एएसएसएस क सहायता अनुदान की पहली वकस् सीएसयू क प्रासंवगक दस्ािेज प्रस्ु त
करने की र्तश पर जारी की जाएगी, जैसे एएसएम/एएसएसएस के नाम पर संपवत्त के हस्ां तरण का वििरण, यू जीसी
विवनयम /ं भारत सरकार के वनयम ं के अनुसार पद ं क भरने का प्रमाण, 15 लाख रुपये की सािवध जमा और सीएसयू
द्वारा मां गे गए अन्य पू िश-आिश्यक दस्ािेज।

(xiii) मान्यता प्रदान करने/पद ं के सृजन के पश्चात् तथा इस य जना के अं तगश त सहायता अनुदान जारी करने से पू िश,
संस्कृत महाविद्यालय /ं संस्कृत र् ध संस्थान ं क केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली से संबद्धता प्राप्त करनी ह गी।
पु रानी य जना के अं तगश त पहले से सहायता प्राप्त कर रहे संस्थान ं क इस य जना के प्रारं भ ह ने की वतवथ से तीन
र्ैक्षवणक िर्ों के भीतर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली से संबद्धता प्राप्त करनी ह गी। तथावप, विर्ेर् मामले में,
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली के अनुम दन से, क ई भी एएसएम/एएसएसएस, यवद चाहे त , अन्य
विश्वविद्यालय ं से संबद्धता प्राप्त कर सकता है ।

(xiv) संस्कृत वर्क्षा और अनुसंधान प्रदान करने में उच्च मानक ं क बनाए रखने के वलए, सीएसयू प्रत्येक
एएसएम/एएसएसएस के प्रदर्शन के मूल्ां कन के वलए प्रत्येक तीन िर्ों में वनधाश ररत मापदं ड ं के आधार पर
अकादवमक ऑवडट आय वजत करे गा। प्रदर्शन ररप टश के आधार पर, इन मान्यता प्राप्त संस्थान ं क चार ग्रे ड ं में
िगीकृत वकया जाएगा अथाश त ए, बी, सी और डी। इसके बाद, ए, बी और सी ग्रे ड िाले एएसएम/एएसएसएस क उस
ग्रे ड के आधार पर अनुदान प्रदान वकया जाएगा वजसके वलए ये एएसएम/एएसएसएस पात्र हैं । ग्रे ड डी में रखे गए
एएसएम/एएसएसएस क क ई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। वजन घटक ं के वलए वित्तीय सहायता दी जाएगी, िे
नीचे दी गई तावलका में वदए गए हैं :-

क्रम सं. ग्रे ड िेतन और छात्रिृवत्त िेतन और छात्रिृवत्त य जना के तहत


के वलए वनवधय ं का के अलािा अन्य मान्यता की प्तस्थवत
% (स्वीकायश रावर्) वनवधय ं का %
(स्वीकायश रावर्)*

1 A 100% 95% मान्यता प्राप्त


2 B 100% 80% मान्यता प्राप्त
3 C 100% 60% मान्यता प्राप्त
4 D र्ून्य र्ून्य मान्यता रद्द

*अवतररि व्यय के वलए धनरावर् एएसएम/एएसएसएस द्वारा दान, बं द बस्ी और दान आवद के माध्यम से जुटाई
जाएगी। ए, बी, सी और डी ग्रे ड प्रदान करने के वलए सीएसयू द्वारा विस्ृ त पै रामीटर और मानदं ड तैयार और जारी वकए
जाएं गे । एएसएम/एएसएसएस एक बार वकसी भी ग्रे ड में रखे जाने के बाद सीएसयू द्वारा वकए गए बाद के मूल्ांकन के
पररणामस्वरूप संर् वधत ग्रे ड, यवद क ई ह , में प्ले समेंट ह ने तक उसी ग्रे ड में बने रहें गे। ग्रे ड डी में रखे गए
एएसएम/एएसएसएस के प्रवत सीएसयू की क ई वित्तीय दे यता नहीं ह गी। एएसएम/एएसएसएस के म जूदा छात्र ं क
ग्रे ड डी में प्ले समेंट और इसके कारण एएसएम/एएसएसएस की मान्यता रद्द ह ने के कारण नुकसान न ह , इसके वलए
सीएसयू उनके अध्ययन के वलए आिश्यक व्यिस्था करे गा, तावक िे अपने पाठ्यक्रम ं क आगे बढा सकें, वजसके वलए
उन्ें प्रिेर् वदया गया था/पं जीकृत वकया गया था।

(xv) वकसी भी कारण से एएसएम/एएसएसएस के बं द ह ने/पररसमापन पर, एएसएम/एएसएसएस के नाम पर मूल


वनकाय द्वारा हस्ां तररत सभी प्रकार की संपवत्तय ं का स्वावमत्व संबंवधत राज्य सरकार/केंद्र सरकार द्वारा वनधाश ररत
वनयम ं और विवनयम ं का पालन करते हुए स्वचावलत रूप से केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय क हस्ां तररत ह जाएगा।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय राज्य सरकार/यू जीसी/भारत सरकार के अनुम दन से आगे उवचत कारश िाई करे गा।

(xvi) पाली/प्राकृत में विर्ेर्ज्ञता प्राप्त संस्थान तथा इनमें से वकसी भी भार्ा में र् ध/प्रकार्न गवतविवधय ं में लगे हुए
तथा ASSS के वलए वनधाश ररत मानदं ड ं क पू रा करने िाले संस्थान ं क भी इस य जना के अं तगश त मान्यता प्रदान करने
पर विचार वकया जाएगा। ऐसे मान्यता प्राप्त संस्थान ं क “आदर्श पाली र् ध संस्थान (APSS)/आदर्श प्राकृत र् ध
संस्थान (APrSS)” कहा जाएगा।
(xvii) जहां कहीं भी वकसी ASM/ASSS का मूल वनकाय म जूद नहीं है /विघवटत ह गया है , िहां ASM/ASSS के मूल
वनकाय क मान्यता दे ने का अवधकार केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के पास ह गा।

एएसएम/एएसएसएस की सवमवतयााँ:

प्रबंधन सवमवत:

7. प्रत्येक एएसएम/एएसएसएस के वलए एक प्रबं धन सवमवत ह गी, वजसके पास एएसएम/एएसएसएस का सभी
पहलुओं में प्रबं धन, रखरखाि और पयश िेक्षण करने की र्प्तियााँ ह ग
ं ी।

प्रबं धन सवमवत का गठन:

8. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली एएसएम/एएसएसएस के वलए वनम्नवलप्तखत सदस्य ं के साथ एक प्रबं धन सवमवत
का गठन करे गा: -

(i) प्रबं ध सवमवत का अध्यक्ष - अध्यक्ष

(ii) एएसएम/एएसएसएस से संबद्ध विश्वविद्यालय का एक नावमत व्यप्ति - सदस्य

(iii) एएसएम/एएसएसएस के अवधकार क्षेत्र में आने िाले राज्य सरकार द्वारा नावमत एक विद्वान - सदस्य

(iv) मूल वनकाय द्वारा नावमत एक विद्वान - सदस्य

(v) र टे र्न के आधार पर िररष्ठता के अनुसार एएसएम/एएसएसएस से अध्यक्ष द्वारा नावमत एक संकाय सदस्य -
सदस्य

(vi) सीएसयू , वदल्ली का एक नावमत व्यप्ति - सदस्य

(vii) एएसएम/एएसएसएस के कमशचारी के अलािा एक पारं पररक संस्कृत विद्वान, वजसे प्रबं ध सवमवत के अध्यक्ष द्वारा
नावमत वकया गया ह - सदस्य

(viii) एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क -सदस्य सवचि

प्रबंध सवमवत के कायश:

9. प्रबं ध सवमवत एएसएम/एएसएसएस की सिोच्च कायश कारी संस्था ह गी, वजसके वनम्नवलप्तखत कायश ह ग
ं े:

(i) इस य जना के प्रािधान ं के अनुपालन में संस्थान के प्रर्ासवनक, वित्तीय और र्ैक्षवणक प्रबं धन से
संबंवधत विवभन्न मामल ं क विवनयवमत करने के वलए वनयम ं और विवनयम ं या उनके भाग क तैयार
करना, संर् वधत करना, संर् वधत करना, हटाना या वनरस् करना, तत्पश्चात केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,
वदल्ली से अनुम दन प्राप्त करना।
(ii) य जना और उसके प्रािधान ं के कायाशन्वयन की वनगरानी करना।

(iii) सभी पद ं के कमशचाररय ं के वलए अपीलीय प्रावधकरण की र्प्ति का प्रय ग करना

(iv) वित्त सवमवत की वसफाररर् ं पर िावर्शक बजट क मंजूरी दे ना।

(v) विवभन्न सवमवतय ं द्वारा अनुर्ंवसत र्ैक्षवणक और अन्य प्रस्ाि ं क मंजूरी दे ना।

10. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली के कुलपवत केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली की कायशकारी पररर्द द्वारा
अनुम वदत पैनल में से एक एएसएम/एएसएसएस के अध्यक्ष क नावमत करें गे ।

11. (क) एएसएम/एएसएसएस की प्रबं धन सवमवत का अध्यक्ष कम से कम 5 साल का अनुभि िाला व्यप्ति ह ना
चावहए और वकसी विश्वविद्यालय/पीजी कॉलेज में संस्कृत के प्र फेसर के रूप में काम वकया ह या वकसी
विश्वविद्यालय/पीजी कॉलेज में कम से कम 15 साल के वर्क्षण अनुभि िाला एचओडी (संस्कृत) ह । नामां कन के समय
उसकी आयु 70 िर्श से कम ह नी चावहए।

(ख) प्रबं ध सवमवत के अध्यक्ष के कायश :

प्रबं ध सवमवत के अध्यक्ष के कायश वनम्नानुसार ह ग


ं े:

क. प्रबं ध सवमवत, वित्त सवमवत, र्ैक्षवणक सवमवत और भिन अिसंरचना विकास सवमवत की बै ठक ं की अध्यक्षता
करना।

ख. प्राचायश/वनदे र्क क एएसएम/एएसएसएस के कुर्ल संचालन के वलए उनके अनुर ध पर सलाह दे ना।

ग. सभी पद ं के वलए वनयु प्ति प्रावधकारी के रूप में कायश करना।

घ. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली द्वारा समय-समय पर स प


ं े गए अन्य कायश ।

कायशकाल:

12. नावमत व्यप्तिय /ं सदस्य ं का कायश काल तीन िर्श का ह गा, लेवकन अध्यक्ष सवहत वकसी भी नावमत व्यप्ति/सदस्य
क दू सरे कायश काल के वलए पु नः नावमत वकया जा सकता है । हालां वक, क ई भी नामांकन प्रावधकारी अपने वकसी भी
नावमत व्यप्ति के नामां कन क कायश काल समाप्त ह ने से पहले वबना क ई कारण बताए रद्द कर सकता है । तथावप, पू िश
में मन नीत सदस्य ं का कायश काल रद्द ह ने पर अध्यक्ष सवहत पुनः मन नीत सदस्य ं का कायश काल केिल र्ेर् अिवध के
वलए ह गा।

सदस्य की अयोग्यता:

13. यवद प्रबं ध सवमवत का क ई सदस्य वबना उवचत अनुमवत के प्रबं ध सवमवत की लगातार तीन बै ठक ं में भाग नहीं लेता
है , त िह उपर ि वनकाय का सदस्य नहीं रह जाएगा।
प्रबंध सवमवत की बैठकें:

14. प्रबं ध सवमवत की बै ठक िर्श में कम से कम चार बार ह गी। बै ठक की कायश सूची बै ठक की वतवथ से कम से कम 15
वदन पू िश सदस्य ं क दी जानी चावहए। हालां वक, मामले की गं भीरता के आधार पर वकसी भी समय आपातकालीन
बै ठक बु लाई जा सकती है । प्रबं ध सवमवत के अध्यक्ष सवहत प्रत्येक सदस्य का एक मत ह गा तथा प्रबं ध सवमवत की
बै ठक में वनणशय साधारण बहुमत से वलए जाएं गे । बराबर मत ह ने की प्तस्थवत में अध्यक्ष के पास वनणाशयक मत ह गा।
प्रबं ध सवमवत की प्रत्येक बै ठक की अध्यक्षता उसके अध्यक्ष द्वारा की जाएगी। उनकी अनुपप्तस्थवत की प्तस्थवत में
उपप्तस्थत सदस्य ं द्वारा चुना गया क ई िररष्ठ सदस्य बै ठक की अध्यक्षता कर सकता है । अध्यक्ष के वनदे र्ानुसार, बै ठक
के कायश िृत्त क सभी उपप्तस्थत सदस्य ं की सहमवत से बै ठक के सवचि द्वारा तीन वदन की अिवध के भीतर सीएसयू ,
वदल्ली क अनुम दन के वलए भेजा जाएगा। आपातकालीन मामल ं में, वकसी भी मामले पर प्रबं ध सवमवत के सदस्य ं का
प्रस्ाि संचलन के माध्यम से वलया जा सकता है । ये वनणशय केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली की मंजूरी के बाद ही
लागू वकये जायेंगे।

15. प्रबं ध सवमवत की बै ठक के वलए क रम चार ह गा।

वित्त सवमवत: वित्त सवमवत की संिचना:

16. एएसएम/एएसएसएस की एक वित्त सवमवत ह गी वजसमें वनम्नवलप्तखत सदस्य ह ग


ं े :-

(i) प्रबं ध सवमवत के अध्यक्ष - अध्यक्ष

(ii) सीएसयू , वदल्ली के कुलपवत द्वारा नावमत एक व्यप्ति - सदस्य

(iii) प्रबं ध सवमवत द्वारा नावमत वित्त के क्षेत्र में एक विर्ेर्ज्ञ - सदस्य

(iv) र टे र्न के आधार पर िररष्ठता के अनुसार एएसएम/एएसएसएस से अध्यक्ष द्वारा नावमत एक संकाय सदस्य -
सदस्य

(v) राज्य सरकार का एक प्रवतवनवध - सदस्य

(vi) एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क - सदस्य

सवचि वित्त सवमवत के कायश:

17. वित्त सवमवत के वनम्नवलप्तखत कायश ह ग


ं े-

(i) प्रबं धन सवमवत की अंवतम स्वीकृवत के वलए एएसएम/एएसएसएस के िावर्शक बजट क अनुम वदत करना।

(ii) खात ं की जां च करना और व्यय के प्रस्ाि ं की जां च करना।

(iii) यह सुवनवश्चत करना वक एएसएम/एएसएसएस में सभी व्यय बजट प्रािधान ं और भारत सरकार के वनधाश ररत
वित्तीय वनयम ं के अनुसार वकए जाते हैं ।
(iv) यह सुवनवश्चत करना वक िावर्शक खात ं का समय-समय पर वदल्ली द्वारा जारी वनयम ं और वनदे र् ं के अनुसार समय
पर ऑवडट वकया जाता है ।

पदािवध:

18. मन नीत व्यप्तिय /ं सदस्य ं का कायश काल पदे न के अलािा तीन िर्श का ह गा, लेवकन वकसी भी मन नीत
व्यप्ति/सदस्य क दू सरे कायश काल के वलए पु नः मन नीत वकया जा सकता है । हालां वक, क ई भी नामां कन प्रावधकारी
अपने वकसी भी मन नीत व्यप्ति का नामां कन कायश काल समाप्त ह ने से पहले वबना क ई कारण बताए रद्द कर सकता
है । हालां वक, पहले मन नीत व्यप्ति के कायश काल के रद्द ह ने पर अध्यक्ष सवहत सदस्य के रूप में पु नः मन नीत व्यप्ति
का कायशकाल केिल र्ेर् अिवध के वलए ह गा।

सदस्य की अयोग्यता:

19. यवद वप्रं वसपल/वनदे र्क के अलािा वित्त सवमवत का क ई सदस्य उसी एएसएम/एएसएसएस में पू णशकावलक
वनयु प्ति स्वीकार करता है या यवद िह वबना उवचत अनुपप्तस्थवत के वित्त सवमवत की लगातार तीन बै ठक ं में भाग नहीं
लेता है , त िह वित्त सवमवत का सदस्य नहीं रहे गा।

वित्त सवमवत की बैठकें:

20. वित्त सवमवत की बै ठक िर्श में कम से कम द बार ह गी। बैठक की कायश सूची बै ठक की वतवथ से कम से कम 15
वदन पहले सदस्य ं क दी जानी चावहए। हालां वक, मामले की गंभीरता के आधार पर कभी भी आपातकालीन बै ठक
बु लाई जा सकती है । वित्त सवमवत के प्रत्येक सदस्य वजसमें उसका अध्यक्ष भी र्ावमल है , के पास एक ि ट ह गा और
वित्त सवमवत की बै ठक में वनणशय साधारण बहुमत से वलए जाएं गे । बराबर मत ह ने की प्तस्थवत में अध्यक्ष के पास
वनणाश यक मत ह गा। वित्त सवमवत की प्रत्येक बै ठक की अध्यक्षता उसके अध्यक्ष द्वारा की जाएगी। उनकी अनुपप्तस्थवत
की प्तस्थवत में, उपप्तस्थत सदस्य ं द्वारा चुना गया क ई िररष्ठ सदस्य बै ठक की अध्यक्षता कर सकता है । वित्त सवमवत की
प्रत्येक बै ठक की कायश िाही अनुम दन के वलए प्रबं ध सवमवत की बै ठक में रखी जाएगी।

21. वित्त सवमवत की बै ठक के वलए क रम चार ह गा।

र्ैक्षविक सवमवत: र्ैक्षविक सवमवत का गठन:

22. एएसएम/एएसएसएस की र्ैक्षवणक सवमवत में वनम्नवलप्तखत र्ावमल ह ग


ं े:

(i) प्रबं धन सवमवत के अध्यक्ष - अध्यक्ष

(ii) संबद्ध विश्वविद्यालय का एक प्रवतवनवध, ज एस वसएट प्र फेसर के पद से नीचे का न ह - सदस्य

(iii) प्रत्येक विभाग/विर्य के प्रमुख- सदस्य

(iv) एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क- सदस्य सवचि

र्ैक्षविक सवमवत के कायश:

23. प्रत्येक एएसएम/एएसएसएस में एक र्ैक्षवणक सवमवत ह गी:


(i) संस्थान के र्ैक्षवणक मानक ं क बेहतर बनाने के तरीके सुझाना।

(ii) संस्थान के र्ैक्षवणक कैलेंडर क मंजूरी दे ना।

भिन अिसंिचना विकास सवमवत का गठन। (गैि-आिती मदें )

24. प्रत्येक एएसएम/एएसएसएस में एक भिन/अिसंरचना विकास सवमवत (गै र-आिती मदें ) ह गी, वजसमें वनम्नवलप्तखत
र्ावमल ह ग
ं े :-

(i) प्रबं धन सवमवत के अध्यक्ष- अध्यक्ष

(ii) प्राचायश /वनदे र्क द्वारा नावमत द िररष्ठ संकाय सदस्य- सदस्य

(iii) आिश्यकतानुसार ड मेन ज्ञान रखने िाले सरकारी/अधश-सरकारी स्वायत्त वनकाय ं के एक विर्ेर्ज्ञ- सदस्य

(iv) एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क- सदस्य सवचि

भिन/अिसंिचना विकास सवमवत के कायश (गैि-आिती मदें )

25. भिन/अिसंरचना विकास सवमवत (गै र आिती मदें ) वनम्नवलप्तखत कायश करे गी:

(i) एएसएम/एएसएसएस में विकास/रखरखाि/खरीद कायश आवद करने तथा एएसएम/एएसएसएस में अन्य संबंवधत
सेिाएं प्राप्त करने के वलए वदर्ा-वनदे र् तैयार करे गी।

(ii) ऐसे कायों/सेिाओं की खरीद का पयश िेक्षण और वनगरानी करे गी।

(iii) एएसएम/एएसएसएस में विकास/रखरखाि/खरीद कायश आवद के वलए वित्त सवमवत और प्रबं धन सवमवत क
प्रस्ाि भेजेगी, बर्ते वक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली से सहायता मां गने िाले ऐसे प्रत्येक प्रस्ाि के साथ
वडजाइन, यवद क ई ह , और अनुमान आवद संलग्न वकए जाएं ।

(iv) एएसएम/एएसएसएस में विकास/रखरखाि/खरीद कायश आवद वकसी सरकारी अनुम वदत एजेंसी द्वारा वनष्पावदत
वकए जाने चावहए। गै र-आिती मद ं से संबंवधत सभी मामल ं में जीएफआर का सख्ती से पालन वकया जाना चावहए।

पुस्तकालय सवमवत: पुस्तकालय सवमवत का गठन:

26. पु स्कालय सवमवत में वनम्नवलप्तखत र्ावमल ह ग


ं े:

(i) एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क - अध्यक्ष

(ii) एएसएम/एएसएसएस के तीन िररष्ठ संकाय (प्राचायश /वनदे र्क द्वारा नावमत) - सदस्य

(iii) कॉलेज लाइब्रे ररयन/एएसएम/एएसएसएस के क्यू रेटर/सहायक लाइब्रे ररयन/लाइब्रे री के प्रभारी - सदस्य सवचि
पुस्तकालय सवमवत के कायश:

27. प्रत्येक एएसएम/एएसएसएस में संस्थान के पु स्कालय के वलए पु स्क ं और पवत्रकाओं की खरीद के वलए सूची
तैयार करने के वलए एक पु स्कालय सवमवत ह गी। पु स्कालय सवमवत पु स्कालय में पुस्क ,ं पवत्रकाओं आवद के
सामान्य रखरखाि और सत्यापन के वलए भी वजम्मेदार ह गी।

कोई अन्य सवमवत:

28. ज कायश उपर ि सवमवतय ं के कायों के अं तगश त नहीं आते हैं , उनके वलए प्रबं धन सवमवत एएसएम/एएसएसएस के
सुचारू संचालन के वलए क ई अन्य सवमवत गवठत कर सकती है । ऐसी सवमवत की वसफाररर् ं पर
एएसएम/एएसएसएस की प्रबं धन सवमवत द्वारा विचार वकया जाएगा। एएसएम/एएसएसएस की वनयवमत गवतविवधय ं
और कामकाज के वलए, यवद आिश्यक ह त एएसएम/एएसएसएस की प्रबं धन सवमवत के अध्यक्ष द्वारा स्थानीय स्र
पर सवमवतय ं का गठन वकया जा सकता है ।

छात्र कल्याि परिषद:

छात्र कल्याि परिषद का गठन:

29. छात्र कल्ाण पररर्द में वनम्नवलप्तखत र्ावमल ह ग


ं े:

(i) एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क - अध्यक्ष

(ii) छात्रािास के िाडश न, वजन्ें प्राचायश /वनदे र्क द्वारा नावमत वकया जाएगा- सदस्य

(iii) प्राचायश/वनदे र्क द्वारा नावमत तीन र्ैक्षवणक कमशचारी (तीन ं में से िररष्ठ सदस्य सदस्य सवचि ह ग
ं े ) - सदस्य

(iv) प्रत्येक कक्षा/िर्श से छात्र ं का प्रवतवनवध, वजसे एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क द्वारा य ग्यता के आधार
पर नावमत वकया जाएगा- सदस्य

छात्र कल्याि परिषद के कायश

30. प्रत्येक एएसएम/एएसएसएस में एक छात्र कल्ाण पररर्द ह गी, ज छात्र ं की गवतविवधय ं के वलए य जनाएं तैयार
करे गी और वदर्ा-वनदे र् तैयार करे गी तथा समग्र रूप से मानदं ड विकवसत करे गी।

छात्र समुदाय का विकास।

31. (i) एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क यू जीसी/भारत सरकार के मानदं ड ं के अनुसार एक एं टी-रै वगं ग
सवमवत, य न वर्कायत वनिारण प्रक ष्ठ/आं तररक वर्कायत सवमवत और अन्य सवमवतय ं का गठन करें गे ।
एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क एक िररष्ठ संकाय/वर्क्षाविद की अध्यक्षता में एक क्रय सवमवत का भी गठन
करें गे , वजसमें अनुभाग अवधकारी/लेखाकार सदस्य-सवचि ह ग
ं े । सवमवत के अन्य सदस्य ं क आिश्यकतानुसार
प्राचायश /वनदे र्क द्वारा नावमत वकया जाएगा।
(ii) र्ैक्षवणक सवमवत, भिन/बु वनयादी ढां चा विकास सवमवत, पुस्कालय सवमवत, छात्र कल्ाण पररर्द और अन्य ऐसी
सवमवतयां िर्श में कम से कम एक बार बै ठक करें गी। सभी सवमवतय ं की बै ठक ं के वलए क रम, जहां विवर्ष्ट् प्रािधान
का उल्लेख नहीं वकया गया है , 50% से कम नहीं ह गा।

एएसएम/एएसएसएस के अवधकािी:

32. एएसएम/एएसएसएस में वनम्नवलप्तखत अवधकारी ह ग


ं े (जहां भी लागू ह ):-

(i) प्राचायश/वनदे र्क

(ii) एस वसएट प्र फेसर और सहायक प्र फेसर

(iii) कॉलेज लाइब्रे ररयन/क्यू रेटर/सहायक लाइब्रे ररयन

(iv) अनुभाग अवधकारी

वप्रंवसपल/वनदे र्क के कायश

33. एएसएम/एएसएसएस के वप्रं वसपल/वनदे र्क एएसएम/एएसएसएस के प्रमुख र्ैक्षवणक और कायशकारी अवधकारी
हग
ं े और एएसएम/एएसएसएस के मामल ं पर सामान्य पयश िेक्षण या वनयं त्रण रखेंगे और एएसएम/एएसएसएस की
सभी सवमवतय ं के वनणशय ं क लागू करें गे । यवद उनकी राय है वक वकसी मामले पर तत्काल कारश िाई की आिश्यकता
है , त उन्ें उवचत कारश िाई करनी चावहए और ऐसे मामले पर उनके द्वारा की गई कारश िाई पर प्रबं धन सवमवत क ररप टश
करनी चावहए। वनयवमत आधार पर वनयु ि वप्रं वसपल/वनदे र्क एएसएम/एएसएसएस के ग्रु प सी और डी/एमटीएस
कमशचाररय ं के वलए वनयु प्ति प्रावधकारी और अनुर्ासनात्मक प्रावधकारी ह ग
ं े। एएसएम/एएसएसएस के
वप्रं वसपल/वनदे र्क का पद मृत्यु, त्यागपत्र या अन्य वकसी कारण से ररि ह ने की प्तस्थवत में और बीमारी या वकसी अन्य
कारण से उनकी अनुपप्तस्थवत की प्तस्थवत में, िररष्ठतम संकाय सदस्य वप्रं वसपल/वनदे र्क के कतशव्य ं का पालन तब तक
करे गा जब तक वक म जूदा वप्रं वसपल/वनदे र्क अपना कायश भार संभाल नहीं लेता या नया वप्रं वसपल/वनदे र्क वनयु ि
नहीं ह जाता, जैसा भी मामला ह । इस मामले में, एएसएम/एएसएसएस में प्रभारी वप्रं वसपल/वनदे र्क के पास ग्रुप सी
और डी/एमटीएस कमशचाररय ं क वनयु ि करने की व्यिस्था करने की क ई र्प्ति नहीं ह गी। ऐसी पररप्तस्थवतय ं में,
अध्यक्ष ग्रुप सी और डी/एमटीएस कमशचाररय ं के संबंध में वनयुप्ति और अनुर्ासनात्मक प्रावधकाररय ं की र्प्तिय ं का
प्रय ग करें गे और ऐसे कमशचाररय ं क संविदा/आउटस वसिंग के आधार पर भी वनयु ि करें गे । जब भी
एएसएम/एएसएसएस के वप्रं वसपल/वनदे र्क अपने व्यप्तिगत/आवधकाररक उद्दे श्य से छु ट्टी लेते हैं , त प्रबं धन सवमवत
के अध्यक्ष की पू िश अनुमवत और सीएसयू क सूचना दे ना आिश्यक है । हालां वक, असाधारण मामल ं में छु ट्टी लेते समय,
िह अध्यक्ष क उवचत सूचना दे कर कायोत्तर अनुम दन के अधीन आगे बढ सकते हैं ।

34.जब भी एएसएम/एएसएसएस के वप्रं वसपल/वनदे र्क अपने व्यप्तिगत/आवधकाररक उद्दे श्य के वलए छु ट्टी लेते हैं , त

सीएसयू क जानकारी के साथ प्रबं धन सवमवत के अध्यक्ष की पूिश अनुमवत आिश्यक है । हालााँ वक, असाधारण मामल ं
में छु ट्टी का लाभ उठाते समय, िह कायोत्तर अनुम दन के अधीन अध्यक्ष क उवचत जानकारी के साथ आगे बढ सकता
है ।
अन्य अवधकारियों के कायश:

एएसएम/एएसएसएस के अन्य अवधकाररय ं के कायश समय-समय पर उन्ें स प


ं े गए पद और कायश के कतशव्य ं के
अनुसार ह ग
ं े।

पेर् वकए जाने िाले पाठ्यक्रम:

35. (ए) नीचे उप्तल्लप्तखत पारं पररक विर्य ं में से, एक आदर्श सं स्कृत महाविद्यालय में स्नातक त्तर स्र पर और स्नातक
स्र पर अलग-अलग कम से कम तीन विर्य ह ने चावहए:

पािं परिक विषय

(i)िेदान्त

(ii)सां ख्य य ग

(iii)मीमां सा

(iv)न्याय

(v)सिश दर्शन

(vi)व्याकरण

(vii)सावहत्य

(vii)धमशर्ास्त्

(viii)पु राणेवतहास

(ix)िेद (ऋग/यजुर/साम/अथिश/िेद भाष्य)

(x)प र वहत्य (कमशकाण्ड)

36. संबद्ध विश्वविद्यालय के प्रािधान ं के अधीन, यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार र्ास्त्ी पाठ्यक्रम के सभी छात्र ं के वलए
पयाश िरण अध्ययन अवनिायश ह गा। हालां वक, छात्र अवतररि विर्य ं के रूप में य ग और कंप्यू टर वर्क्षा का विकि चुन
सकते हैं , यवद संबद्ध विश्वविद्यालय के पास इसका क ई प्रािधान है । सीएसयू , वदल्ली के मानदं ड ं के अनुसार इस
उद्दे श्य के वलए सीवमत अिवध के वलए अनुबंध/अवतवथ वर्क्षक ं क लगाया जाएगा।

आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में स्टाव ं ग पैटनश :

एएसएम/एएसएसएस में र्ैक्षविक/गैि-र्ैक्षविक कमशचारियों की वनयु क्ति के वलए मानदं ड:

37. एएसएम/एएसएसएस के प्रभािी कामकाज के वलए, सीएसयू वनम्नवलप्तखत र्ैक्षवणक/गै र-र्ैक्षवणक कमशचाररय ं के
वलए वित्तीय सहायता प्रदान करे गा। हालां वक, नए एएसएम/एएसएसएस के वलए वर्क्षा मंत्रालय के एकीकृत वित्त
प्रभाग के परामर्श से वर्क्षा मंत्रालय से अपे वक्षत संख्या में पद/पद ं का सृजन करिाया जाएगा। यवद इन संर् वधत
मानदं ड ं के कारण पु राने एएसएम/एएसएसएस क नए पद/पद ं के सृजन की आिश्यकता ह ती है त भी उपर ि
प्रवक्रया का पालन वकया जाएगा। इस य जना के तहत पद ं के सृजन के वलए आिश्यक अवतररि धनरावर् का प्रस्ाि
विर्ेर् वित्तीय िर्श के वलए संर् वधत अनुमान ं के प्रस्ाि के साथ प्रस्ु त वकया जाएगा और पद ं का सृजन वर्क्षा
मंत्रालय द्वारा उि रावर् के प्रस्ाि के अनुम दन के अधीन वकया जाएगा। सीएसयू एएसएम/एएसएसएस के वलए
स्वीकृत वकसी भी पद क वनयम ं के प्रािधान ं के अं तगश त आिश्यकतानुसार अन्य विर्य या समकक्ष/वनम्न संिगश के पद
में पररिवतशत करने का अवधकार सुरवक्षत रखता है ।

आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में स्टाव ं ग पैटनश :

37.1 एएसएम क वनम्नवलप्तखत वर्क्षण/र्ैक्षवणक पद ं के वलए सहायता प्रदान की जाएगी:-

(i) यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार प्र फेसर के िेतनमान में एक प्राचायश ।

(ii) यू जीसी िेतनमान में तीन एस वसएट प्र फेसर (तीन पारं पररक विर्य ं के वलए एक-एक)

(iii) यू जीसी िेतनमान में न सहायक प्र फेसर (तीन पारं पररक विर्य ं के वलए तीन-तीन)

(iv) यू जीसी िेतनमान में तीन सहायक प्र फेसर (तीन आधुवनक विर्य ं के वलए एक-एक) उपर ि पद ं पर वनयु प्तियां
भारत सरकार द्वारा पद ं के सृजन के बाद की जा सकती हैं । हालां वक, पारं पररक विर्य ं और आधुवनक विर्य ं में
अवतवथ संकाय ं क लगाया जा सकता है जहां वनयवमत पद ररि हैं । यह व्यिस्था तब तक जारी रहे गी जब तक ऐसी
ररप्तियां भरी नहीं जातीं। पयाश िरण अध्ययन, य ग और कंप्यू टर वर्क्षा जैसे अन्य अवतररि आधुवनक विर्य ं के वलए,
सीएसयू वदर्ावनदे र् ं के अनुसार और सीएसयू की पू िश स्वीकृवत के साथ अवतवथ संकाय ं क लगाया जा सकता है ।

37.2 एक एएसएम क वनम्नवलप्तखत अन्य र्ैक्षवणक/गै र-वर्क्षण पद ं के वलए समथशन वदया जाएगा:-

(i) यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार एक कॉलेज लाइब्रे ररयन

(ii) सीएसयू में अनुभाग अवधकारी के िेतनमान में एक अनुभाग अवधकारी

(iii) सीएसयू में सहायक के िेतनमान में एक लेखाकार

(iv) सीएसयू में सहायक के िेतनमान में एक सहायक

(v) सीएसयू में यू डीसी के िेतनमान में एक उच्च श्रेणी वलवपक

(vi) सीएसयू में एलडीसी के िेतनमान में द वनम्न श्रेणी वलवपक

(vii) सात एम.टी.एस. (लाइब्रे री अटें डेंट-01, ऑवफस अटें डेंट-01, हाउसकीपर-02 और च कीदार-03) - केिल
आउटस वसिंग के माध्यम से वनयु ि वकए जाएं गे ।

(viii) यवद एएसएम में छात्रािास है त तीन एमटीएस (हॉस्टल अटें डेंट-02 और हाउसकीपर-01) - केिल आउटस वसिंग
के माध्यम से वनयु ि वकए जाएं गे ।
न ट 1: उपर ि (i) से (v) तक के पद ं पर वनयु प्तियां भारत सरकार द्वारा पद ं के सृजन के बाद की जा सकती हैं ।
उपर ि (vi) और (vii) के पद ं पर वनयु प्ति भारत सरकार द्वारा पद ं के सृजन के बाद की जा सकती है ।

न ट 2: क्यू रेटर के पद के पदनाम क यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार िेतनमान और पदनाम में कॉलेज लाइब्रे ररयन के
पद के पदनाम में बदल वदया जाएगा, क्य वं क यह पद अन्य र्ैक्षवणक प्रकृवत का है।

आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान ं में स्टावफंग पै टनश:

38.1 एक आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान क वनम्नवलप्तखत वर्क्षण/र्ैक्षवणक पद ं द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी:-

(i) एक वनदे र्क (यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार कॉलेज वप्रं वसपल/प्र फेसर ग्रे ड में)।

(ii) यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार द एस वसएट प्र फेसर (र् ध)।

(iii) यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार द सहायक प्र फेसर (र् ध)।

(iv) यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार एक सहायक प्र फेसर (संपादन और प्रकार्न)।

(v) यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार पां च प स्ट डॉक्टरल फेल

न ट 1: उपर ि (i) से (iv) तक के पद ं पर वनयु प्तियां भारत सरकार द्वारा पद ं के सृजन के बाद की जा सकती हैं ।
हालााँ वक, जहााँ वनयवमत पद ररि हैं , िहााँ अवतवथ संकाय ं क लगाया जा सकता है । यह व्यिस्था तब तक जारी रहे गी
जब तक वक ऐसी ररप्तियााँ भर नहीं जातीं।

न ट 2: भारत सरकार द्वारा ऊपर (v) में उप्तल्लप्तखत पद ं के सृजन के बाद, चयवनत उम्मीदिार ं क यू जीसी के मानदं ड ं
के अनुसार पां च साल के कायशकाल के वलए प स्ट डॉक्टरल फेल वर्प प्रदान की जा सकती है , वजसमें आगे विस्ार का
क ई प्रािधान नहीं है। उम्मीदिार ं का चयन गवठत विर्ेर्ज्ञ सवमवत के माध्यम से वकया जाएगा। पां च साल के
कायश काल की समाप्तप्त के बाद या ररप्ति के मामले में, बाद के कायश काल के वलए नए उम्मीदिार ं का चयन वकया
जाएगा।

न ट 3: जहां तक म जूदा उप वनदे र्क ं का संबंध है , वजन्ें वर्क्षण/र्ैक्षवणक पद ं के तहत ऊपर वदए गए यू जीसी
मानदं ड ं के अनुरूप एस वसएट प्र फेसर का िेतनमान नहीं वदया गया है , उन्ें एस वसएट प्र फेसर (र् ध) के रूप में
समाय वजत वकया जाएगा, यवद िे एस वसएट प्र फेसर के पद पर सीधी भती के वलए यू जीसी द्वारा वनधाश ररत सभी पात्रता
र्तों क पू रा करते हैं । इसके अलािा, म जूदा पीजीटी/संपादक ं क यू जीसी के मानदं ड ं के अनुसार सहायक प्र फेसर
का िेतनमान नहीं वदया गया है , उन्ें संबंवधत विर्य के सहायक प्र फेसर/सहायक प्र फेसर (संपादन और प्रकार्न) के
रूप में सहायक प्र फेसर के वनधाश ररत िेतनमान में समाय वजत वकया जाएगा, इस र्तश के अधीन वक िे सहायक
प्र फेसर के पद के वलए यू जीसी द्वारा वनधाश ररत सभी पात्रता र्तों क पू रा करते हैं । उनकी पात्रता र्तों का मूल्ां कन
सीएसयू के कुलपवत द्वारा गवठत एक विर्ेर्ज्ञ सवमवत द्वारा वकया जाएगा, वजसकी वसफाररर् ं पर सीएसयू की
कायश कारी पररर्द द्वारा अनुम दन हे तु विचार वकया जाएगा।

न ट 4: एएसएसएस में वनदे र्क के पद का नामकरण यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार कॉलेज वप्रं वसपल/प्र फेसर ग्रे ड में
वनदे र्क के रूप में रहे गा। म जूदा उप वनदे र्क ं का नामकरण, ज एस वसएट प्र फेसर के पद पर सीधी भती के वलए
पात्रता की र्तों क पू रा नहीं करते हैं , उन्ें यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार सहायक प्र फेसर के पद के वलए वनधाश ररत
िेतनमान के साथ सहायक प्र फेसर (र् ध) में बदल वदया जाएगा। इसी तरह, संपादक के पद का नामकरण सहायक
प्र फेसर (संपादन और प्रकार्न) के पदनाम में बदल वदया जाएगा। उपर ि नामकरण में पररितशन यू जीसी विवनयम,
2018 में उप्तल्लप्तखत अनुसार वकया गया है क्य वं क ये पद र्ैक्षवणक प्रकृवत के हैं ।

न ट 5: आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान ं में पहले से स्वीकृत पद ं पर म जूदा पदावधकारी अपने पद ं पर कायश करना जारी
रखेंगे। यवद वकसी कारण से उनमें से क ई भी पद ररि ह जाता है , त विर्ेर् म जूदा पद तब तक अप्तस्त्व में रहे गा
जब तक वक वर्क्षण / अन्य र्ैक्षवणक / गै र-वर्क्षण पद ं के तहत उप्तल्लप्तखत पद स्वीकृत नहीं ह जाते। वर्क्षण/अन्य
र्ैक्षवणक/गै र-वर्क्षण पद ं के अं तगश त उप्तल्लप्तखत विर्ेर् पद स्वीकृत ह ने के बाद, समतुल् प्रकृवत का विद्यमान
स्वीकृत पद समाप्त ह जाएगा।

38.2 अन्य र्ैक्षविक/गैि-वर्क्षि पद:

(i) यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार एक कॉलेज लाइब्रे ररयन

(ii) सीएसयू में अनुभाग अवधकारी के िेतनमान में एक अनुभाग अवधकारी

(iii) सीएसयू में सहायक के िेतनमान में एक सहायक

(iv) सीएसयू में यू डीसी के िेतनमान में एक उच्च श्रेणी वलवपक

(v) सीएसयू में एलडीसी के िेतनमान में एक वनम्न श्रेणी वलवपक

(vi) छह एम.टी.एस. (लाइब्रे री अटें डेंट-01, कायाश लय अटें डेंट-01, हाउसकीपर-01 और च कीदार-03) - केिल
आउटस वसिंग के माध्यम से वनयु ि वकए जाएं गे ।

(vii) एएसएसएस में छात्रािास ह ने पर तीन एम.टी.एस. (छात्रािास अटें डेंट-02 और हाउसकीपर-01) - केिल
आउटस वसिंग के माध्यम से वनयु ि वकए जाएं गे ।

न ट 1: उपर ि (i) से (v) तक के पद ं पर वनयु प्तियां भारत सरकार द्वारा पद ं के सृजन के बाद की जा सकती हैं ।
उपर ि (vi) एिं (vii) पद ं पर वनयु प्ति भारत सरकार द्वारा पद ं के सृजन के पश्चात की जा सकती है ।

न ट 2: क्यू रेटर के पद के पदनाम का नामकरण यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार िेतनमान और पदनाम में कॉलेज
लाइब्रे ररयन के पद के पदनाम में बदल वदया जाएगा, क्य वं क यह पद अन्य र्ैक्षवणक प्रकृवत का है ।

39. एएसएम/एएसएसएस के सुचारू संचालन के वलए, कुलपवत, सीएसयू सीएसयू की कायश कारी पररर्द के अनुम दन
से अवतवथ संकाय ं क वनयु ि कर सकते हैं और विर्ेर् पररप्तस्थवतय ं में जहां भी लागू ह , संविदात्मक/आउटस सश
व्यिस्था कर सकते हैं , ज वक वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक/गै र-वर्क्षण पद ं की उपर ि संख्या तक सीवमत है , जब तक वक
पद ं का वनयवमत आधार पर सृजन नहीं ह जाता।

40. आदर्श संस्कृत महाविद्यालय /ं आदर्श संस्कृत र् ध संस्थान ं में वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक/गै र-वर्क्षण पद ं के वलए
भती प्रवक्रया यू जीसी/सीएसयू के वनयम /ं अध्यादे र् ं के अनुसार केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली द्वारा केंद्रीय रूप
से संचावलत की जाएगी। कुलपवत, सीएसयू यू जीसी/सीएसयू के वनयम /ं अध्यादे र् ं के अनुसार चयन सवमवतय ं का
गठन करें गे । चयन सवमवतय ं की वसफाररर् ं के आधार पर, सीएसयू संबंवधत एएसएम/एएसएसएस में वर्क्षण/अन्य
र्ैक्षवणक/गै र-वर्क्षण पद ं की आिश्यकता के अनुसार सीएसयू की कायशकारी पररर्द के विचार और अनुम दन के
वलए मेररट पै नल तैयार करे गा। इसके अनुम दन पर, सीएसयू संबंवधत एएसएम/एएसएसएस की प्रबं धन सवमवत के
अध्यक्ष क मेररट पै नल में से चयवनत उम्मीदिार ं के नाम प्रदान करे गा, ज इसे प्रबं धन सवमवत क ररप टश करे गा।
संबंवधत एएसएम/एएसएसएस की प्रबं धन सवमवत की सहमवत से, अध्यक्ष चयवनत उम्मीदिार ं क य जना के प्रािधान ं
के अनुसार वनयम ं और र्तों के साथ वनयु प्तिय ं का प्रस्ाि जारी करें गे । हालां वक, अवतवथ संकाय ं की वनयु प्ति और
संविदात्मक/आउटस सश व्यिस्था एएसएम/एएसएसएस की संबंवधत प्रबं धन सवमवत द्वारा वनधाश ररत मानदं ड ं के
अनुसार कुलपवत, सीएसयू की पू िश स्वीकृवत के साथ की जा सकती है ।

वित्तीय प्रबंधन:

41. एएसएम/एएसएसएस अपने वित्तीय मामल ं का प्रबं धन एक एकीकृत खाते के माध्यम से करें गे । यह खाता वकसी
राष्ट्रीयकृत बैं क में ख ला जाएगा। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, स सायटी/टर स्ट अं र्दान और दान से प्राप्त सभी
अनुदान इस खाते में जमा वकए जाएं गे । हालां वक, उपर ि अनुदान ं के अलािा,
स सायटी/टर स्ट/कंपनी/एएसएम/एएसएसएस अवतररि संसाधन जुटा सकते हैं तावक आरवक्षत वनवध बनाई जा सके
वजसे राष्ट्रीयकृत बैं क में एक अलग बैं क खाते के माध्यम से संचावलत वकया जा सकता है । खाता(खाते)
वप्रं वसपल/वनदे र्क और प्रबं धन सवमवत द्वारा नावमत द िररष्ठ संकाय ं द्वारा संयुि रूप से संचावलत वकए जाएं गे ।
हालां वक, चेक पर हस्ाक्षर करने की र्प्ति वप्रं वसपल/वनदे र्क और उपर ि द नावमत व्यप्तिय ं में से वकसी एक
द्वारा प्रय ग की जानी है । इसके अवतररि, एएसएम/एएसएसएस एएसएम/एएसएसएस के विकास के वलए नकद या
िस्ु के रूप में उपकार, दान, अनुदान, पर पकार, अं र्दान, बं द बस्ी, उपहार स्वीकार कर सकते हैं और सीएसयू के
अनुम दन से इसे प्राप्त कर सकते हैं । इन लेनदे न के खाते ऊपर िवणशत प्रवक्रया के अनुसार संचावलत वकए जाएं गे ।

42. (ए) इन वदर्ावनदे र् ं के खंड 6 (xiv) में िगीकृत मान्यता प्राप्त एएसएम/एएसएसएस क वनम्नवलप्तखत मद ं के वलए
सीएसयू द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी:- (i) सीएसयू /यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार 100% िेतन अनुदान (िेतन
- मूल िेतन सवहत प्लस डीए, टीए और एचआरए वनयम ं के तहत स्वीकायश )। (ii) वनयवमत क्षमता में काम करने िाला
प्रत्येक कमशचारी भारत सरकार के वदर्ावनदे र् ं के अनुसार राष्ट्रीय पें र्न य जना (एनपीएस) का हकदार ह गा। म जूदा
कमशचाररय ं क सीपीएफ य जना जारी रखने या वनधाश ररत प्रवक्रया के अनुसार एनपीएस चुनने का एक बार विकि
वदया जाएगा। (iii) र् ध छात्रिृवत्त के अलािा अन्य छात्रिृवत्त उन छात्र ं क प्रदान की जाएगी ज वपछली परीक्षा में
न्यूनतम 60% अं क प्राप्त करते हैं , ज केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा अपने छात्र ं के वलए वनधाश ररत दर ं के अनुसार
है । आरवक्षत श्रेवणय ं के छात्र ं के वलए छात्रिृवत्त प्रदान करने के वलए अं क ं के प्रवतर्त में छूट के संबंध में यू जीसी/भारत
सरकार द्वारा वनधाश ररत वनयम, यवद क ई ह , लागू ह ग
ं े । एएसएम/एएसएसएस में विद्यािाररवध/पीएचडी के वलए
पं जीकृत सभी र् ध छात्र ं क सीएसयू में प्रचवलत र्तों के अनुसार र् ध छात्रिृवत्त प्रदान की जाएगी। (iv) आकप्तिक
व्यय वजसमें वबजली, पानी, टे लीफ न, स्टे र्नरी, िेबसाइट रखरखाि, इं टरनेट, राष्ट्रीय त्य हार और कायश क्रम
(सां स्कृवतक/खेल/आउटरीवचंग गवतविवधयााँ आवद) सीएसयू द्वारा अनुम वदत, ए, बी और सी श्रेणी के
एएसएम/एएसएसएस के वलए वनधाश ररत प्रवतर्त के अनुसार टीए/डीए आवद र्ावमल हैं , वबल ं की प्रस्ु वत के अधीन।
आकप्तिक अनुदान अवधकतम 15 लाख रुपये प्रवत िर्श तक सीवमत ह गा। हालां वक, कीमत ं में िृप्तद्ध और िस्ुओं और
सेिाओं की दर ं में संभावित िृप्तद्ध क ध्यान में रखते हुए, सीएसयू प्रत्येक द साल के बाद गवठत सवमवत के माध्यम से
आकप्तिक अनुदान में िृप्तद्ध की समीक्षा कर सकता है । सवमवत की वसफाररर् ं पर सीएसयू की वित्त सवमवत और
कायश कारी पररर्द द्वारा अनुम दन के वलए विचार वकया जाएगा। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली की पू िश स्वीकृवत
के वबना एएसएम/एएसएसएस क क ई कानूनी व्यय नहीं वदया जाएगा। (v) पु स्कालय के वलए पुस्कें, ए, बी और
सी श्रेणी के एएसएम/एएसएसएस के वलए वनधाश ररत प्रवतर्त के अनुसार अवधकतम 50,000/- रुपये प्रवत िर्श।

(ख) संस्थान की विकासात्मक गवतविवधय ं से संबंवधत वनम्नवलप्तखत अनािती मद ं के वलए वित्तीय सहायता ए, बी और
सी श्रेणी के एएसएम/एएसएसएस के वलए वनधाश ररत प्रवतर्त के अनुसार प्रदान की जाएगी, ज अवधकतम 10.00 लाख
रुपये प्रवत िर्श ह गी:-

(i) वनमाश ण/विकास/रखरखाि और मरम्मत।

(ii) उपकरण/फनीचर/वफक्सचर आवद।

(ग) विर्ेर् पररप्तस्थवतय ं में, छात्रािास सुविधाओं सवहत एएसएम/एएसएसएस की विकासात्मक गवतविवधय ं के वलए
सीएसयू /भारत सरकार द्वारा अवतररि अनुदान स्वीकृत वकया जा सकता है ।

(घ) ए, बी और सी श्रेणी के एएसएम के वलए वनधाश ररत प्रवतर्त के अनुसार प्रकार्न अनुदान, ज अवधकतम 5.00 लाख
रुपये प्रवत िर्श तक ह गा, बर्ते वक एएसएम अपने प्रकार्न ं में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का नाम अिश्य र्ावमल
करे ।

43. अवनिायश समूह बीमा तभी लागू वकया जाएगा जब पयाश प्त संख्या में कमशचारी इसका विकि चुनेंगे और इसका खचश
कमशचाररय ं क उठाना ह गा। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली द्वारा समय-समय पर वनधाश ररत वदर्ा-वनदे र् ं के
अनुसार एएसएम/एएसएसएस द्वारा संबंवधत कमशचाररय ं क वचवकत्सा समूह बीमा पॉवलसी का लाभ वदया जा सकता
है ।

44. केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय एएसएम/एएसएसएस क परम्परागत संस्कृत विद्वान ं क व्याख्यान श्रृंखला दे ने के
वलए आमंवत्रत करने के वलए अवधकतम 1,00,000/- (एक लाख) प्रवत िर्श की सीमा तक सहायता भी दे गा, भले ही
उनके पास औपचाररक वडग्री न ह । कुल रावर् में से अवधकतम 20,000/- रुपये आकप्तिक व्यय पर खचश वकए जा
सकते हैं । र्ेर् रावर् टी.ए., विद्वान ं के मानदे य और व्याख्यान ं के प्रकार्न पर खचश की जाएगी। एक विद्वान अवधकतम
2 व्याख्यान दे सकता है । प्रवत व्याख्यान 2500/- रुपये मानदे य स्वीकायश ह गा।

45. विद्यािाररवध/पीएचडी: वर्क्षण, अनुसंधान और विस्ार वर्क्षक ं की तीन आयामी गवतविवधयााँ हैं ।
एएसएम/एएसएसएस से जुड़े वर्क्षक /ं र्ैक्षवणक कमशचाररय ं क गु णित्तापू णश अनुसंधान करने के वलए पयाशप्त सुविधाएाँ
प्रदान की जाएाँ गी। इस उद्दे श्य के वलए, एएसएम/एएसएसएस क यू जीसी विवनयम, 2018 या समय-समय पर इसके
संर् धन ं के अनुसार संबद्ध विश्वविद्यालय द्वारा अनुसंधान केंद्र के रूप में उवचत मान्यता के बाद विद्यािाररवध/पीएचडी
कायश क्रम र्ुरू करने की अनुमवत दी जाएगी। विद्यािाररवध/पीएचडी की वडग्री संबद्ध विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की
जाएगी।

46. एएसएम/एएसएसएस क अपने खात ं का लेखा परीक्षण चाटश डश अकाउं टेंट या केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा
नावमत लेखा परीक्षा प्रावधकरण से कराना ह गा। खाते हर साल केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के लेखा परीक्षक ं और
वनरीक्षण अवधकाररय ं या भारत के वनयं त्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा अवधकृत वकसी अवधकारी के वनरीक्षण के
वलए खुले रहें गे और इस ररप टश क खात ं के वििरण के साथ अगले िर्श 30 जून तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय क
प्रस्ु त करना ह गा। खात ं का वििरण, वपछले िर्श में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा जारी अनुदान के उपय ग
प्रमाण पत्र और चाटश डश अकाउं टेंट की ररप टश 30 जून तक जमा करने में चूक ह ने पर एएसएम/एएसएसएस क केंद्रीय
संस्कृत विश्वविद्यालय से क ई और वित्तीय सहायता प्राप्त करने से िंवचत कर वदया जाएगा। इसके अलािा, केंद्रीय
संस्कृत विश्वविद्यालय वकसी भी समय आं तररक परीक्षण लेखा परीक्षा और स्टॉक/वित्तीय लेनदे न का भ वतक सत्यापन
करने का अवधकार सुरवक्षत रखता है ।

सेिा र्तें :

47. इस य जना के अं तगश त वित्तीय सहायता प्राप्त करने िाले एएसएम/एएसएसएस में वर्क्षण और गै र-वर्क्षण पद ं पर
कायश रत सभी व्यप्ति उस विर्ेर् एएसएम/एएसएसएस के कमशचारी ह ग
ं े , न वक भारत सरकार/केंद्रीय संस्कृत
विश्वविद्यालय के। वकसी भी पररप्तस्थवत में उनकी तुलना भारत सरकार या केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कमशचाररय ं
से नहीं की जाएगी। विश्वविद्यालय की वजम्मेदारी एएसएम/एएसएसएस क अनुदान/वित्तीय सहायता प्रदान करने और
इस य जना में वनधाश ररत मुद्द ं पर प्रर्ासवनक वनयं त्रण तक सीवमत ह गी। प्रत्येक एएसएम/एएसएसएस क इस केंद्रीय
य जना और समय-समय पर जारी वदर्ा-वनदे र् /ं वनदे र् ं में वनधाश ररत र्तों क पू रा करना ह गा।

48. एएसएम/एएसएसएस के सभी नए वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक कमशचाररय ं की भती विर्य पर प्रचवलत यू जीसी
विवनयम ं द्वारा वनधाश ररत प्रवक्रया और चयन सवमवत के माध्यम से की जाएगी। उन्ें अवनिायश रूप से यू जीसी द्वारा
वनधाश ररत य ग्यताएं रखनी ह ग
ं ी। सभी म जूदा वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक कमशचाररय ं की पात्रता और उपयु िता की जां च
यू जीसी विवनयम ं के प्रकार् में की जाएगी। यवद िे पात्र पाए जाते हैं , त उन्ें केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के अनुम दन
से यू जीसी िेतनमान वदया जाएगा। यू जीसी की कैररयर एडिां समेंट य जना (सीएएस) के तहत उनकी बाद की पद न्नवत
यू जीसी विवनयम ं के तहत उनके उपयु ि/पात्र पाए जाने पर वनभशर करे गी। िे म जूदा वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक कमशचारी,
ज म जूदा यू जीसी विवनयम ं के अनुसार पात्र नहीं पाए जाते हैं , उन्ें पु रानी य जना के तहत म जूदा िेतन वमलता
रहे गा। वनयवमत आधार पर वनयु ि एएसएम/एएसएसएस के प्रधानाचायश/वनदे र्क भी यू जीसी मानदं ड ं के अनुसार
विर्ेर् भत्ते के हकदार ह ग
ं े।

49. यू जीसी के सीएएस के तहत एएसएम/एएसएसएस में वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक पद ं पर पद न्नवत की प्रवक्रया केंद्रीय
संस्कृत विश्वविद्यालय, वदल्ली द्वारा यू जीसी/सीएसयू के वनयम /ं अध्यादे र् ं के अनुसार केंद्रीय रूप से संचावलत की
जाएगी। कुलपवत, सीएसयू यू जीसी/सीएसयू के वनयम /ं अध्यादे र् ं के अनुसार स्क्रीवनंग-सह-मूल्ांकन सवमवत/चयन
सवमवतय ं का गठन करें गे ।

50. एएसएम/एएसएसएस में गै र-वर्क्षण कमशचाररय ं की भती प्रवक्रया केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा अपने गै र-
वर्क्षण कमशचाररय ं की भती के वलए वनधाश ररत प्रवक्रया और पात्रता र्तों/य ग्यताओं के अनुसार सीएसयू द्वारा केंद्रीय
रूप से संचावलत की जाएगी। एएसएम/एएसएसएस के गै र-वर्क्षण कमशचाररय ं का िेतनमान केंद्रीय संस्कृत
विश्वविद्यालय में संबंवधत पद ं के वलए लागू समान ह गा।

51. एएसएम के म जूदा वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक कमशचारी और एएसएसएस के र्ैक्षवणक कमशचारी यानी सहायक
वनदे र्क/उप वनदे र्क/क्यू रेटर यू जीसी विवनयम ं के अनुसार िेतनमान और कैररयर एडिां समेंट स्कीम के तहत
पद न्नवत जैसे अन्य लाभ ं के साथ-साथ उच्च य ग्यता प्राप्त करने पर िेतन िृप्तद्ध के हकदार ह ग
ं े । वर्क्षण/कायश घं टे,
र्ैक्षवणक सुधार आवद के संबंध में वजम्मेदाररयां ज समय-समय पर यू जीसी द्वारा वनधाश ररत की जा सकती हैं , उन पर
लागू ह ग
ं ी।
52. एएसएसएस में म जूदा र् ध सहायक सहायक प्र फेसर (र् ध) के रूप में आिास के वलए पात्र ह ग
ं े , यवद िे यू जीसी
विवनयम ं के अनुसार सहायक प्र फेसर के पद के वलए य ग्य हैं और र् ध सहायक के पद पर कम से कम 8 साल की
वनयवमत सेिा प्राप्त कर चुके हैं । उनकी पात्रता र्तों का मूल्ां कन सीएसयू के कुलपवत द्वारा गवठत एक विर्ेर्ज्ञ
सवमवत द्वारा वकया जाएगा, वजसकी वसफाररर् ं पर सीएसयू की कायश कारी पररर्द द्वारा अनुम दन के वलए विचार वकया
जाएगा।

53. वर्क्षण/कायश समय और र्ैवक्षक सुधार ं के संबंध में वजम्मेदाररयााँ समय-समय पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की
स्वीकृवत से प्रबं ध सवमवत द्वारा वनधाश ररत की जाएाँ गी। हालााँवक, पाठ्यक्रम, परीक्षा य जना और छु वट्टयााँ संबद्ध
विश्वविद्यालय ं के वनयम ं के अनुसार लागू ह ग
ं ी।

54. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय समय-समय पर एएसएम/एएसएसएस के कामकाज/प्रदर्शन की वनगरानी के वलए


वनयम बनाएगा और भारत सरकार/यू जीसी के वनदे र् ं आवद की प्रय ज्यता के बारे में भी मागश दर्शन करे गा। यह
सुवनवश्चत करना प्रबं ध सवमवत और प्राचायश /वनदे र्क की वजम्मेदारी ह गी वक इस य जना और वनयम ं में वनधाश ररत र्तों
का अक्षरर्ः पालन वकया जाए।

उपयुिता:

55. (क) वकसी भी व्यप्ति क सीधी भती द्वारा वकसी भी पद पर तब तक वनयु ि नहीं वकया जाएगा जब तक वक:-

i. िह भारत का नागररक न ह ।

ii. उसे सरकारी अस्पताल/और्धालय के वसविल सजशन रैं क के वचवकत्सा अवधकारी द्वारा वचवकत्सकीय रूप से स्वस्थ
घ वर्त न वकया गया ह और

iii. वनयु प्ति प्रावधकारी संतुष्ट् ह वक उसका नैवतक चररत्र अिा है और उसके वपछले जीिनिृत्त का सत्यापन ह चुका
है ।

(ख) सहायक वचवकत्सा अधीक्षक/सहायक वचवकत्सा अधीक्षक में वनयु प्ति के समय सहायक वचवकत्सा
अधीक्षक/सहायक वचवकत्सा अधीक्षक और संबंवधत कमशचारी के बीच सेिा अनुबंध वनष्पावदत वकया जाएगा और
उसकी एक प्रवत प्राचायश /वनदे र्क के पास जमा कराई जाएगी। ऐसे सेिा अनुबंध पर लागू सरकारी दर ं के अनुसार
विवधित मुहर लगाई जाएगी।

वनयुक्तियााँ:

56. यू जीसी के वदर्ा-वनदे र् ं और सीएसयू के भती वनयम ं के आल क में कुलपवत, सीएसयू द्वारा गवठत चयन सवमवतय ं
के माध्यम से वनयु प्तियााँ की जाएाँ गी।

57. अवतवथ वर्क्षक ं की वनयु प्ति और संविदा/आउटस सश व्यिस्था एएसएम/एएसएसएस की संबंवधत प्रबं धन सवमवत
द्वारा वनधाश ररत मानदं ड ं के अनुसार कुलपवत, सीएसयू की पू िश स्वीकृवत से की जा सकती है । जहााँ भी आिश्यक ह ,
उपर ि व्यिस्था करने के वलए चयन सवमवतय ं का गठन कुलपवत, सीएसयू द्वारा वकया जाएगा।
58. ररि पद ं के विरुद्ध ऐसी अस्थायी व्यिस्थाएाँ एक िर्श से अवधक अिवध के वलए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की
स्वीकृवत से की जाएाँ गी। एएसएम/एएसएसएस के प्राचायश /वनदे र्क की वजम्मेदारी ह गी वक िे भविष्य में सेिावनिृवत्त
आवद के कारण उत्पन्न ह ने िाली ररप्तिय ं क भरने के वलए कम से कम छह महीने पहले कारश िाई र्ुरू करें ।

59. प्रबं धन सवमवत के अनुम दन के बाद, एएसएम/एएसएसएस य जना में वदए गए स्टावफंग पै टनश के मद्दे नजर
आिश्यकतानुसार पद ं के सृजन के वलए सीएसयू क प्रस्ाि प्रस्ु त करें गे , तावक उन पद ं के सृजन के वलए उन्ें आगे
भारत सरकार के वर्क्षा मंत्रालय क प्रस्ु त वकया जा सके।

60. (i) केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के माध्यम से भारत सरकार द्वारा वित्त प वर्त ह ने के कारण, भारत सरकार और
यू जीसी की आरक्षण नीवत एएसएम/एएसएसएस पर यथाित लागू ह गी।

परििीक्षा:

(ii) एएसएम/एएसएसएस भारत सरकार द्वारा वनधाश ररत वनयम ं के अनुसार आरक्षण र स्टर बनाए रखेंगे।

61. वकसी पद पर वनयु ि प्रत्येक वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक स्टाफ यू जीसी विवनयम ं में उप्तल्लप्तखत अिवध के वलए
पररिीक्षा पर ह गा। पद ं पर वनयु ि प्रत्येक गै र-वर्क्षण कमशचारी संबंवधत पद ं के वलए सीएसयू के भती वनयम ं के
अनुसार एक अिवध के वलए पररिीक्षा पर रहे गा। पररिीक्षा अिवध के सफलतापू िशक पू रा ह ने पर, उसे सेिा में पु वष्ट् कर
दी जाएगी।

हालााँ वक, प्रबं धन सवमवत क संबंवधत कमशचारी के प्रदर्शन के आधार पर पररिीक्षा क एक िर्श की अवतररि अिवध के
वलए बढाने का अवधकार ह गा। पररिीक्षा की र्तश य जना के तहत मान्यता प्रदान करने के बाद एएसएम/

एएसएसएस की सेिा में समावहत म जूदा कमशचाररय ं पर भी लागू ह गी।

सेिा की सामान्य र्तें :

62. (i) एएसएम/एएसएसएस के कमशचारी एएसएम/एएसएसएस के अधीन ह ग


ं े और उन्ें ऐसे कतशव्य ं के वलए
वनय वजत वकया जा सकता है ज उन्ें स प
ं े जाएं । (ii) प्रत्येक एएसएम/एएसएसएस क एपीएआर (िावर्शक प्रदर्शन
मूल्ां कन ररप टश )/एसीआर (िावर्शक ग पनीय ररप टश ), वनधाश ररत प्रारूप में सेिा पु प्तस्का और उनसे संबंवधत सभी
कमशचाररय ं का व्यप्तिगत ररकॉडश /फाइल बनाए रखना आिश्यक ह गा।

(iii) एक एएसएम/एएसएसएस से दू सरे एएसएम/एएसएसएस में या एक एएसएम/एएसएसएस से केंद्रीय संस्कृत


विश्वविद्यालय की सेिाओं में या इसके विपरीत या वकसी भी केंद्रीय/राज्य सरकार/केंद्रीय स्वायत्त/राज्य
स्वायत्त/पीएसयू संस्थान /ं संगठन से उनके स्थानां तरण/वनयुप्ति पर र्ैक्षवणक और गै र-वर्क्षण कमशचाररय ं के िेतन क
लागू प्रािधान ं के अधीन संरवक्षत वकया जा सकता है ।

छु वियााँ एिं अिकार्:

63. एएसएम/एएसएसएस के वर्क्षण/अन्य र्ैक्षवणक कमशचारी यू जीसी विवनयम ं के अनुसार सभी प्रकार की छु वट्टय ं के
हकदार ह ग
ं े । एएसएम/एएसएसएस के गै र-वर्क्षण कमशचारी सीएसयू के गै र-वर्क्षण कमशचाररय ं के वलए स्वीकायश सभी
प्रकार की छु वट्टय ं के हकदार ह ग
ं े।
64.क इ कमशचारी ऐसी छु वट्टय ं और छु वट्टय ं का लाभ उठा सकता है ज प्रबं धन सवमवतयााँ स्थानीय आिश्यकताओं क
ध्यान में रखते हुए तय कर सकती हैं । हालााँ वक, उनसे आम त र पर संबद्ध विश्वविद्यालय के कमशचाररय ं पर लागू
छु वट्टय /ं छु वट्टय ं के कायशक्रम का लाभ उठाने की अपेक्षा की जाएगी।

अनु र्ासनात्मक औि अपील कायशिाही:

65. (ए) भारत सरकार के केंद्रीय वसविल सेिा (सीसीएस), िगीकरण वनयं त्रण और अपील (सीसीए) वनयम और
सीसीएस आचरण वनयम कमशचाररय ं द्वारा अिे आचरण के पालन और वनपटान के वलए एएसएम/एएसएसएस के
कमशचाररय ं पर लागू ह ग
ं े।

(बी) सीसीएस (सीसीए) वनयम ं के तहत अनुर्ासनात्मक कायशिाही के प्रय जन ं के वलए:-

(i) एएसएम/एएसएसएस के सभी कमशचाररय ं के वलए अनुर्ासनात्मक प्रावधकारी प्रबं धन सवमवत का अध्यक्ष

ह गा।

(ii) एएसएम/एएसएसएस के सभी कमशचाररय ं के वलए अपीलीय प्रावधकरण प्रबं धन सवमवत ह गी।

(सी) सीएसयू एएसएम/एएसएसएस के कमशचाररय ं के वलए सरप्लस सेल बनाए रखेगा। यवद वकसी कमशचारी क छात्र ं
की कमी के कारण पद समाप्त करने, संस्थान के पररसमापन या वकसी विभाग क बं द करने या विर्ेर्
एएसएम/एएसएसएस में उसकी सेिा की आिश्यकता न ह ने के कारण वकसी एएसएम/एएसएसएस में अवधर्ेर्
घ वर्त वकया गया ह , यवद उस एएसएम/एएसएसएस में क ई ररप्ति वनकलती है त उसकी सेिाओं का उपय ग वकसी
अन्य एएसएम/एएसएसएस में वकया जा सकता है । ऐसे मामल ं में, भारत सरकार में प्रचवलत अवधर्ेर् कमशचाररय ं के
वलए नीवत अपनाई जाएगी अनुर्ासनात्मक कारश िाई के तहत, एएसएम/एएसएसएस के वकसी भी कमशचारी क
एएसएम/एएसएसएस
की प्रबं धन सवमवत की वसफाररर् ं पर कुलपवत, सीएसयू द्वारा दं ड के रूप में वकसी अन्य एएसएम/एएसएसएस में
स्थानां तररत वकया जा सकता है ।

(डी) अवधर्ेर् कमशचारी के आिास की प्रवक्रया के तहत एएसएम/एएसएसएस में समाय वजत कमशचारी के संबंध में,
उस कमशचारी का अनुर्ासनात्मक और अपीलीय प्रावधकारी क्रमर्ः एएसएम/एएसएसएस की अध्यक्ष और प्रबं धन
सवमवत ह गी, वजसमें िह र्ावमल है । समाय वजत कर वदया गया है ।

सेिाओं की समाक्तप्त:

66. पररिीक्षा अिवध के द रान वनयु प्ति प्रावधकारी द्वारा कमशचाररय ं की सेिाएाँ वकसी भी समय एक माह के न वटस पर
या वबना वकसी न वटस के वकसी भी समय केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय. की पू िश अनुमवत से न वटस के बदले में एक
माह का िेतन भुगतान करने पर समाप्त की जा सकती हैं ।

67. यवद वनयु प्ति/वनयु प्ति वनवदश ष्ट् अिवध के वलए वकया गया है त अिवध समाप्त ह ने पर वनयु प्ति/वनयु प्ति स्वतः ही
समाप्त ह जाये गी।
68. (ए) केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय वकसी भी पद क समाप्त करने या वकसी पद क अन्य विर्य के वलए पद में
पररिवतशत करने और/या ऐसे पद(पद )ं की सहायता में अनुदान क र कने/वनलंवबत करने का अवधकार सुरवक्षत रखता
है यवद एएसएम व्यप्तिगत विर्य में छात्र ं की आिश्यक संख्या क लगातार तीन िर्ों तक बनाए रखने मे विफल रहता
हैं । िेद, मीमां सा, सां ख्य य ग, न्याय, धमशर्ास्त्, पाली और ब द्ध धमश, प्राकृत और जैन धमश के दु लशभ विर्य ं में वर्क्षक-
छात्र अनुपात न्यूनतम 1:4 ह सकता है । अन्य सभी विर्य ं में यू जीसी रे गु लेर्न द्वारा वनधाश ररत वर्क्षक-छात्र अनुपात
लागू ह गा। पद समाप्त ह ने पर, उस पद पर कायश रत कमशचारी के िेतन, भत्ते और अन्य सहायक लाभ ं के वलए
अनुदान के भुगतान के संबंध में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सभी दे नदाररयां तुरंत समाप्त ह जाएं गी। ऐसा केंद्रीय
संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा एएसएम की प्रबं धन सवमवत क जारी कारण बताओ न वटस के जिाब पर विचार करने के
बाद अपनी कायशकारी पररर्द की मंजूरी से वकया जाएगा।

(बी) इसी प्रकार, यवद वकसी भी एएसएसएस में प्रकार्न ं और/या र् ध छात्र ं के वलए आिश्यक र् ध कायश की मात्रा
वकसी भी कारण से लगातार तीन साल की अिवध के वलए अनुपप्तस्थत रहती है , त केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय
एएसएसएस की प्रबं धन सवमवत क जारी कारण बताओ न वटस के जिाब पर विचार करने के बाद, केंद्रीय संस्कृत
विश्वविद्यालय की कायश कारी पररर्द की मंजूरी के साथ संबंवधत पद के संबंध में सहायता अनुदान क र क / वनलंवबत
कर दे गा।

69.वकसी कमशचारी की सेिाएं समाप्त की जा सकेंगी, यवद विभागीय जां च के पररणामस्वरूप, एएसएम/एएसएसएस
की प्रबं ध सवमवत के अध्यक्ष, अनुर्ासनात्मक प्रावधकारी ह ने के नाते, एएसएम/एएसएसएस की प्रबं ध सवमवत के
अनुम दन से और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपवत की सहमवत से सेिा से हटाने/बखाश स्गी के वलए क ई बड़ा
दं ड लगाते हैं ।

70. क ई कमशचारी एक महीने का न वटस दे कर वलप्तखत रूप से एएसएम/एएसएसएस की सेिाओं से इस्ीफा दे


सकता है । हालााँ वक, वनयु प्ति प्रावधकारी अपने वििेक से एक महीने के न वटस की र्तश क हटा सकता है ।

सेिावनिृ वत्त औि संबंवधत लाभ:

71. यू जीसी वदर्ावनदे र् ं का पालन करते हुए वनयु ि एएसएम/एएसएसएस में वर्क्षण और अन्य र्ैक्षवणक कमशचाररय ं
की सेिावनिृवत्त की आयु और यू जीसी िेतनमान का आनंद लेने िाले कमशचाररय ं की सेिावनिृवत्त की आयु यू जीसी द्वारा
वनधाश ररत की जाएगी। ज ल ग यू जीसी य ग्यता पू री नहीं करते हैं /ज राज्य सरकार के िेतनमान के अनुसार िेतन ले रहे
हैं , िे पु रानी य जना के प्रािधान ं के अनुसार सेिावनिृत्त ह ग
ं े। गै र-वर्क्षण कमशचाररय ं की सेिावनिृवत्त की आयु सीएसयू
के संबंवधत गै र-वर्क्षण कमशचाररय ं के वलए लागू सेिावनिृवत्त की आयु के अनुसार ह गी।

72. वनयवमत क्षमता में काम करने िाला प्रत्येक कमशचारी भारत सरकार के वदर्ावनदे र् ं के अनुसार राष्ट्रीय पें र्न
य जना (एनपीएस) का हकदार ह गा। हालां वक, कवठनाई क दू र करने के वलए म जूदा कमशचाररय ं क सीपीएफ
य जना जारी रखने या वनधाश ररत प्रवक्रया के अनुसार एनपीएस चुनने का एक बार विकि वदया जाएगा। कमशचारी
भविष्य वनवध (ईपीएफ) य जना के अं तगश त चुने गए म जूदा कमशचारी इसमें अं र्दान करना जारी रख सकते हैं ।
हालां वक, सीएसयू की दे यता एनपीएस य जना के अं तगश त अं र्दान तक ही सीवमत रहे गी। ईपीएफ का विकि चुनने से
उत्पन्न अवतररि रावर् के मामले में, अवतररि अं र्दान रावर् संबंवधत कमशचारी द्वारा िहन की जाएगी।

73. प्रत्येक कमशचारी सेिावनिृवत्त पर ग्रे च्युटी का भी हकदार ह गा।


74. प्रत्येक कमशचारी भारत सरकार के वनयम ं के अनुसार अिकार् नकदीकरण का भी हकदार ह गा।

75. क ई पें र्न स्वीकायश नहीं ह गी।

76. भारतीय जीिन बीमा वनगम/बीमा कंपवनय ं की समूह बीमा य जना के वलए प्रबं ध सवमवत अपने सदस्य सवचि के
माध्यम से ऐसे कमशचाररय ं के वलए बातचीत करे गी ज इसके वलए स्वे िा से आगे आएं गे और सेिावनिृवत्त पर उन्ें
उवचत लाभ वमलेगा।

सूचना का अवधकाि अवधवनयम, 2005 के अं तगशत प्रावधकािी:

77. एएसएम/एएसएसएस के वप्रं वसपल/वनदे र्क ल क सूचना अवधकारी ह ग


ं े और प्रबं धन सवमवत के अध्यक्ष प्रथम
अपीलीय प्रावधकारी ह ग
ं े

कानू नी कायशिाही:

78.(i) केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अवधवनयम, 2020 की धारा 5 (7) (एफ) के प्रय जन के वलए, िह व्यप्ति वजसके नाम
पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय मुकदमा कर सकता है या उस पर मुकदमा चलाया जा सकता है , िह केंद्रीय संस्कृत
विश्वविद्यालय, वदल्ली का रवजस्टर ार ह गा और क ई भी मुकदमा या कानूनी कायश िाही वदल्ली में माननीय न्यायालय ं के
अवधकार क्षेत्र में ह गी।

(ii) इस य जना के वकसी प्रािधान के अनुसरण में वकए गए या वकए जाने का इरादा या वकए जाने के संबंध में केंद्र
सरकार या यू जीसी या केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय या सीएसयू के वकसी अवधकारी या सीएसयू के प्रावधकरण के वकसी
सदस्य के प्तखलाफ क ई मुकदमा या कानूनी कायश िाही नहीं ह गी।

समीक्षा एिं पुनमूशल्यांकन:

79. इस य जना के तहत सहायता प्राप्त एएसएम/एएसएसएस से अपे क्षा की जाती है वक िे स हादश पू णश र्ैक्षवणक माह ल
में पाठ्यक्रम/अनुसंधान क सख्ती से आगे बढाएं गे । यह अपेक्षा की जाएगी वक एएसएम/एएसएसएस में प्रत्येक छात्र
और विद्वान संबंवधत र्ास्त्ी वर्क्षण और अनुसंधान और अं तःविर्य विर्य ं में अकादवमक उत्कृष्ट्ता और दक्षता प्राप्त
करने में सक्षम ह । एएसएम/एएसएसएस से संस्कृत सीखने की म प्तखक परं परा क आगे बढाने की भी उम्मीद की
जाती है , वजसमें संस्कृत ग्रं थ ं के सही और पारं पररक उच्चारण और स्वर-र्ैली भी र्ावमल है ।

80. प्रत्येक एएसएम/एएसएसएस की समीक्षा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा तीन िर्ों में कम से कम एक बार
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपवत द्वारा नावमत विर्ेर्ज्ञ ं के एक पै नल के माध्यम से की जाएगी। संस्थान ं का
अकादवमक ऑवडट वकया जाएगा और इन वदर्ावनदे र् ं के खंड 6 (xiv) में उप्तल्लप्तखत अनुसार ग्रे ड प्रदान वकए जाएं गे ।
ग्रे ड ए और बी के रूप में िगीकृत एएसएम/एएसएसएस क राष्ट्रीय प्रत्यायन ब डश (एनबीए) राष्ट्रीय मूल्ां कन प्रत्यायन
पररर्द (एनएएसी) से प्रत्यायन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के वलए आिेदन करने के वलए प्र त्सावहत वकया जाएगा।

81. समीक्षा सवमवत इस य जना के प्रािधान ं और र्तों के पालन और य जना के उद्दे श्य ं क इष्ट्तम स्र तक प्राप्त
करने के संदभश में एएसएम/एएसएसएस के र्ैक्षवणक मानक ं और प्रदर्शन का आकलन करे गी। विश्वविद्यालय उवचत
कारश िाई के वलए प्रबं धन सवमवत क समीक्षा ररप टश पर अपने विचार बताएगा। ज एएसएम/एएसएसएस कुर्लता से
काम नहीं कर रहा है या जहां उनके र्ैक्षवणक मानक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के िां छनीय स्र तक नहीं हैं , त
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय संबंवधत एएसएम/एएसएसएस क एक वनवश्चत अिवध या अवनवश्चत अिवध के वलए वित्तीय
सहायता में कट ती या बंद करने की कारश िाई र्ुरू करे गा। एएसएम/एएसएसएस वजनकी वित्तीय सहायता बंद कर दी
गई है , िे इस य जना के दायरे में आने के वलए आिश्यक सुधार ं और र्ैक्षवणक मानक ं के साथ नए वसरे से आिेदन
कर सकते हैं ।

82. एक एएसएम/एएसएसएस अनुदान सहायता के वलए पात्र ह गा यवद उसका मूल वनकाय इस य जना में वनधाश ररत
र्तों का
पू री तरह से पालन करने का िचन दे ता है । सहायता अनुदान जारी करने से पहले, प्रबं धन सवमवत क केंद्रीय संस्कृत
विश्वविद्यालय क वलप्तखत रूप में भी दे ना ह गा वक एएसएम/एएसएसएस य जना में वनधाश ररत सभी र्तों का पालन
करे गा। इस य जना में वनधाश ररत वकसी भी र्तश का उल्लंघन करने पर एएसएम/एएसएसएस के रूप में मान्यता प्राप्त
संस्थान ं क वित्तीय सहायता य जना के तहत अनुदान सहायता प्राप्त करने से र क वदया जाएगा।

83. इस य जना के कायाश न्वयन या वकसी भी एएसएम/एएसएसएस में इसके वकसी प्रािधान में क ई विसंगवत उत्पन्न
ह ने की प्तस्थवत में, इसे वनम्नवलप्तखत से वमलकर बनी एक सवमवत द्वारा हल वकया जाएगा: -

(i) कुलपवत, सीएसयू , वदल्ली - अध्यक्ष

(ii) उप सवचि (भार्ाएं ), एमओई - सदस्य

(iii) सीएसयू की कायश कारी पररर्द से एक Using (कायश कारी पररर्द द्वारा नावमत) - सदस्य

(iv) रवजस्टर ार, सीएसयू , वदल्ली - सदस्य

(v) वप्रं वसपल/वनदे र्क या संबंवधत एएसएम/एएसएसएस की प्रबं धन सवमवत का क ई नावमत व्यप्ति - सदस्य

(vi) वनदे र्क (केंद्रीय य जनाएं ), सीएसयू , वदल्ली - सदस्य सवचि सवमवत की वसफाररर्ें सीएसयू की कायश कारी पररर्द
क अनुम दन के वलए प्रस्ु त की जाएं गी।

You might also like