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ISSN: 2456-4818

जिविी-मार्च-2023 वषच -55 अंक-1

वैज्ञानिक निन्दी नवज्ञाि सानित्य परिषद की पनिका

नवज्ञाि सानित्य परिषद की पनिका


वैज्ञानिक (त्रैमानिक) पनत्रका- िनमनि

श्री राजेश कुमार ममश्र


िंपादि –मंडल

डॉ संजय कुमार पाठक श्री राजेश कुमार श्री प्रवीण दु बे श्री कृष्ण कुमार वमाा

श्री िंजय गोस्वामी

व्यवस्थापक –मंडल

श्री िवीि नत्रपाठी श्री बी.एन. ममश्र श्री अनिल अनिरवार श्री प्रकाश कश्यप
अिुक्रमनणका
वैज्ञानिक2 w
वर्ष 55 अंक-1 संपादकीय -----1

जिवरी- मार्ष 2023 नवज्ञाि लेख


1. अनविाशकारी परीक्षण के क्षेि में एडी करं ट टे स्ट -------------------3
श्री एस.एम. गलांडे
*मुख्य संपादक*
2. कोरोिा और प्रकृनत से जु डाव ----------------------------------8
श्री राजेश कुमार नमश्र
डॉ दीपक कोिली
3. नशक्षा व नवज्ञाि में िंबरदार बिता भारत---------------------------10
*संपादि मंङल* -श्री आर पी तोमर
डॉ संजय कुमार पाठक 4.मौसम नवज्ञाि सम्वन्धी िोली के लोक सानित्य-----------------------12
श्री राजेश कुमार Mk0 osadVs’k Hkkj}kt
श्री प्रवीण दु बे 5.जल िी जीवि िै ---------------------------------------------------14
श्री कृष्ण कुमार वमाष डॉ सरोज शुक्ला
6.प्रकाश उत्सजष ि डायोड के अिुप्रयोग से नबजली की बर्त -----------16
-श्री बसंत प्रसाद साव

* मुख्य व्यवस्थापक* 7.प्रदू र्ण व उससे संबंनित कई स्वास्थ्य समस्याएं ---------------------20


MkWΠgseyrk iUr
श्री संजय गोस्वामी
8. मेड इि इं नडया' कार वाििों से सुिरें गी यातायात क्तस्थनतयां---------27
श्री िवीि निपाठी
9.अनतर्ालकता की अविारणा---------------------------------------30
*व्यवस्थापक मंङल* डॉ० दया शंकर निपाठी
श्री िवीि निपाठी 10 इसरो द्वारा मािव अंतररक्ष उडाि -गगियाि नमशि कायषक्रम------32
श्री बी.एि. नमश्र डॉ मीिाक्षी पाठक
श्री अनिल अनिरवार 11. 108वी ं भारतीय नवज्ञाि कांग्रेस का आयोजि----------------------35
- श्री संजय गोस्वामी
श्री प्रकाश कश्यप
12. मिाि वैज्ञानिक- जॉि डाल्टि-----------------------------------40
-श्री उत्तम नसंि गिरवार
आजीवि सदस्यता शुल्क
13.जे िेनटक इं जीनियररं ग की उपयोनगता-----------------------------42
व्यक्तिगत: रु 1000/-
डॉ. मिीर् मोिि गोरे
संस्थागत: रु 2000/- 14. भारत की आत्मा िै निं दी-----------------------------------------44
सदस्यता हे तु कृपया स्टे ट बैं क आफ इं डिया
डॉ संजय कुमार
खाता सं ख्या : 34185199589,
15.जीवि को समानित करती जै व नवनविता---------------------------48
IFSC : SBIN0001268 कृते : डहन्दी डिज्ञान
- श्री बी एि नमश्र
साडहत्य परिषद” ई-भु गतान की िसीद ईमेल
16. नवज्ञाि जगत् में क्राक्ति ला दी िैिो टे क्नोलॉजी---------------------49
से नीचे दी गई पते पि स्कैन कि भे जें
- श्री सत्य प्रभात प्रभाकर
17. दु लषभ रोग एवं नवकार--------------------------------------------52
* कायाा लय* - श्री प्रेमर्न्द्र श्रीवास्तव
18. भारत में वर्ष 2022 में नवज्ञाि और प्रौद्योनगकी ….…------------ 54
निं दी नवज्ञाि सानित्य पररर्द नवजय लक्ष्मी नगरी
16-सी, कंर्िजंगा, अणुशक्तििगर, 19.सुपरकंप्यूटर िे पृथ्वी की तस्वीर…….-----------------------------58
मुंबई 400094. - श्री प्रकाश कश्यप
फोि िंबर -022-25590285 नवज्ञाि कनवता------------------------------------------------------7
Email id-hvsp1968@rediffmail.com/ पररर्द समार्ार -------------------60
hvsp.india1968@yahoo.com नवज्ञाि समार्ार (संकलि:संजय गोस्वामी)---------------------------61
पुस्तक समीक्षा-----------------------------------------------46
सभी पद अिैतडनक है । निं दी नवज्ञाि सानित्य पररर्द की कायषकाररणी सनमनत-----------------63

‘वैज्ञानिक’ में छपे लेखों का दानयत्व लेखकों का िै. मिोगत ---------------- -64

- ISSN: 2456-4818
वैज्ञानिक
संपादकीय

निय पाठक ,ों


वै ज्ञानिक का िवीन अोंक (55वााँ अोंक) जिवरी-मार्च -2023 के साथ साथ ही हमिे िव वर्च 2023 में भी िवेश नकया है । िव वर्च का यह
महीिा सभी पाठक ों के निए सदै व ही खुनशयाों िेकर आता है। वै ज्ञानिक का यह अोंक है ज नवज्ञाि की जािकारी से पररपूर्च है नवज्ञाि हमेशा
ही िए- िए िय ग करता रहता है । नवज्ञाि वतच माि समय में र ब निक्स, िे क्न िॉजी, आनिच फीनसयि इों िेनिजें स आनद के क्षेत्र में ते जी से िय ग
कर रहा है । िेनकि नवज्ञाि में नकसी भी सामग्री की गु र्वत्ता बहुत मायिे रखती है ज नकसी मािक क ड के आधार पर बिाया जाता है
इसक ध्याि में रखते हुए अनविाशकारी परीक्षर् के क्षेत्र में एडी करों ि िे स्ट बी ए आर सी के भूतपूवच वररष्ठ वै ज्ञानिक श्री एस.एम. गिाों डे का
िे ख , अवश्य ही उनर्त जािकारी िदाि करे गा । नवज्ञाि िे नवगत 500 वर्ों में दु निया का िक्शा ही बदि नदया है । नवज्ञाि के िए िए
अनवष्कार िे मािव का जीवि सहज बिा नदया है । आज हम कुछ सेकोंड में दु निया के एक छ र से दू सरे छ र तक बात नर्त कर सकते है।
आज हम कुछ ही समय में एक जगह से दू सरे जगह जा सकते है। ये सब नवज्ञाि के कारर् ही सोंभव ह सका है। वर्च 1928 में सर
र्न्द्रशे खर वें कि रमि, भारतीय भौनतकनवज्ञािी के द्वारा भारत में “रमि िभाव” के आनवष्कार क याद करिे के निये हर वर्च 28 फरवरी
क बडे उत्साह के साथ पूरे भारत वर्च में राष्ट्रीय नवज्ञाि नदवस क मिाया जाता है । वर्च 1930 में भारत में नवज्ञाि के क्षेत्र में बडी सफिता
हानसि करिे के निये भौनतक नवज्ञाि में र्न्द्रशे खर वें कि रमि क ि बि पुरस्कार से पुरस्कृत कर उन्हें सम्मानित नकया गया था। नवज्ञाि के
नवकास के निये सभी मुद् ों पर र्र्ाच करिा और ियी िौद्य नगकी क िागू करिा इस नदवस का मुख्य उद् श्य है इसी से सम्बों नधत राष्ट्रीय
नवज्ञाि नदवस पर श्री आर पी त मर का नवशे र् िे ख “नशक्षा व नवज्ञाि में िोंबरदार बिता भारत” से ज्ञान अर्ज न होगा , बीते नदि ों या आज भी
क र िा का खतरा कई राज् ों में बिा हुआ है अतः इससे निपििे हे तु “क र िा और िकृनत से जु डाव “ डॉ दीपक क हिी के िे ख क
शानमि नकया गया है , िे ख के अोंतगचत क र िा और िकृनत की र र्क जािकारी िदाि की गई है ।
भारत के निए वर्ज 2023 बडे गवच का वर्ज है । 2023 में भारत जहाों 'G20' की अध्यक्षता करे गा वहीों अोंतराच ष्ट्रीय
बाजरा वर्च (आईवाईओएम)-2023 बाजरा के वै निक उत्पादि क बढािे, कुशि िसोंस्करर् और फसि र्क्रर् का बे हतर उपय ग करिे
का अवसर िदाि करे गा। िधािमोंत्री श्री िरे न्द्र म दी की पहि पर सोंयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्च 2023 क अोंतराच ष्ट्रीय बाजरा वर्च (आईवाईओएम)
घ नर्त नकया गया है । बाजरा सूक्ष्म प र्क तत् ,ों नविानमि और खनिज ों का भोंडार है । अोंतराच ष्ट्रीय बाजरा वर्च, खाद्य सुरक्षा और प र्र् के
निए बाजरे के य गदाि में जागरूकता फैिाएगा, बाजरे का उत्पादि निरों तर करिे और इसकी गु र्वत्ता में सुधार िािे के निए नहतधारक ों
क िेररत करे गा और अिुसोंधाि तथा नवकास कायों में निवेश क बढावा दे िे के निए ध्याि आकनर्चत करे गा। एनशया और अफ्रीका बाजरे के
िमुख उत्पादि और उपभ ग करिे वािे क्षेत्र हैं । भारत, िाइजर, सूडाि और िाइजीररया बाजरा के िमुख उत्पादक दे श हैं। ज्वार और ि स
बाजरा (सामान्य बाजरा) क्रमशः 112 और 35 दे श ों में सबसे ज्ादा उगाए जािे वािे बाजरा हैं। ज्वार और पिच बाजरा 90 िनतशत से
ज्ादा क्षेत्र और उत्पादि क कवर करते है । शे र् उत्पादि में रागी (नफोंगर नमिे ि्स), र्ीिा (ि स नमिेि्स), फॉक्सिे ि नमिे ि्स (काोंगिी)
और अन्य गै र-पृथक बाजरा शानमि हैं । भारत बाजरा का िमुख उत्पादक दे श है नजसमें ज्वार, बाजरा, रागी और छ िे बाजरा के साथ-साथ
कोंगिी, कुिकी या छ िा बाजरा, क ड ि, गोंग रा या बािचयाडच , र्ीिा और ब्राउि िॉप शानमि हैं । भारत के अनधकाोंश राज् एक या एक से
ज्ादा बाजरा की िजानतय ों की खेती करते हैं । नपछिे 5 वर्ों की अवनध में, हमारे दे श में 13.71 से 18 नमनियि िि से बाजरा का उत्पादि
हुआ नजसमें 2020-21 उच्चतम उत्पादि का वर्च रहा है । ऊजाच का िय ग नदि िनतनदि बढ रहा है ,अतः इसे बर्ािे हे तु श्री बसोंत िसाद
साव द्वारा निखखत िे ख “िकाश उत्सजच ि डाय ड (LED) के अिुिय ग से नबजिी की बर्त काफी उपय गी िे ख है एिईडी दे खिे में छ िे
छ िे बल् ों जै से िगते हैं , िे नकि इिकी र शिी नफिामेंि गमच ह िे से िहीों पैदा ह ती। ट्यूब या फ्ल रे सेंि बल् ों की र्मक भी इिमें भरे पारे
की भाप से धारा के िवानहत ह िे पर पैदा ह ती है । िेनकि डाय ड में ऐसा िहीों ह ता। इिकी र शिी प नजनिव और निगे निव इिैक्ट्र ड ों के
बीर् मौजूद माध्यम पर निभचर िहीों ह ती। यही वजह है नक इिमें नबजिी खपत बहुत कम ह ती है और ये नबल्कुि गमच भी िहीों ह ते ।
डाय ड ों में िाि र शिी दे िे वािा डाय ड सबसे पहिे ख जा गया और इसे पर्ास के दशक से ही सारे इिे क्ट्रानिक सनकचि ों में अपिी र शिी
नबखेरते दे खा जा रहा है । इसके दस साि बाद हरी र शिी वािा डाय ड बिाया गया। सफेद र शिी पािे के निए िीिे डाय ड का ह िा
जरूरी था नजसे पािा सबसे कनठि था िेनकि एक नदि ब्राइि िाइि की जरूरत िे वै ज्ञानिक ों क ब्लू एिईडी तक पहुोंर्ा ही नदया। ब्लू
एिईडी के आनवष्कार िे सफेद एिईडी िाइि ों क नदशा दी है । तीि ों रों ग ों की एिईडी िाइि ों क नमिा कर सफेद एिईडी िाइि का
बििा और िी वी स्क्रीि तथा कोंप्यूिर ों के निए इसका इस्ते माि करिा मुमनकि ह गया है । एक ररप िच के अिुसार, दु निया की डे ढ अरब
आबादी तक अब भी नबजिी िहीों पहुाँर् रही है । ऐसे इिाक ों में सौर ऊजाच के माध्यम से भी एिईडी िाइि ों का इस्ते माि नकया जा सकता
है । इससे ि पयाचवरर् क िुकसाि पहुाँ र्ता है और ि ही स्वास्थ्य क । इस तकिीक से उपभ क्ता और पयाच वरर् द ि ों क ही िाभ ह गा।
इससे त्र्ा क िुकसाि पहुाँ र्ािे वािी पराबैं गिी नकरर्ें िहीों निकिती। एिईडी में इस्ते माि ह िे वािे सभी पदाथों क ररसाइकि नकया जा

1 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
सकता है । इस वजह से काबच ि उत्सजच ि में भी कमी आती है । एिईडी बल् में ऊजाच का 80 िनतशत िकाश में पररवनतच त ह जाता है जबनक
बल् में केवि 20 िनतशत ऊजाच र शिी पैदा करिे के काम में आती है । शे र् ऊजाच उष्मा के रूप में बे कार ह जाती है । भारत जै से धू पदार
दे श ों के निए ब्लू एिईडी का महत्त्व अन्य दे श ों से कहीों ज्ादा है क् नों क सौर ऊजाच से सस्ती दू नधया र शिी घर-घर पहुाँर्ािे का सपिा
साकार ह सकता है एिईडी नबजिी की बर्त एिईडी व ि त्साहि के निए भारत सरकार के द्वारा उठाए गए कदम के बारे में जािकारी
िाप्त करें गे । इस बार ‘12वाों नवि नहों दी सम्मेिि’ का आय जि नफजी में नकया गया । यह पहिा मौका है जब पैनसनफक क्षेत्र के नकसी दे श
में यह सम्मेिि आय नजत नकया गया है । यह सम्मेिि इस साि 15 से 17 फरवरी तक भारतीय नवदे श मोंत्रािय और नफजी सरकार द्वारा
सोंयुक्त रूप से नकया गया । इस सम्मेिि में भारतीय नवदे श मोंत्री डॉ. एस जयशों कर भारतीय िनतनिनध मोंडि का िेतृत् नकया । यह सम्मेिि
नफजी के िाडी शहर में हुआ ।नवदे श राज् मोंत्री िे कहा नक नफजी में नहोंदी की नशक्षा क बढावा दे िे के निए भारत की ओर से एक भार्ा
िय गशािा भेंि की जाएगी नजसके माध्यम से ि ग ों क सुगमता से नहोंदी सीखिे में मदद नमिे गी।अब तक दु निया के 11 अिग-अिग दे श ों
में नवि नहों दी सम्मेिि का आय जि नकया जा र्ु का है। नफजी के साथ ही न्यूजीिैं ड, नसोंगापुर, मॉरीशस समेत कई दे श ों में नहों दी भार्ा का
बहुत ज्ादा इस्ते माि ह ता है।नफजी में नहन्दी भार्ा ि नसफच िाइमरी, सेकेंडरी स्कूि ,ों यू निवनसचिीज में पढाई जाती है, बखल्क नफजी के
सोंनवधाि में इसे आनधकाररक भार्ा का दजाच हानसि है । नफजी में नहन्दी की शुरूआत 1879 से 1916 के बीर् मािी जाती है । उस समय
नफजी और भारत पर अोंग्रेजी शासि था। बताया जाता है नक उस समय गन्ना के खेत ों में काम करिे के निए भारत से करीब 60,000
मजदू र ों क नफजी िाया गया था। इिमें अनधकतर ि ग उत्तर िदे श, मध्य िदे श और नबहार के थे। सोंयुक्त राष्ट्र (2020) के अिुसार, नफजी
की जिसोंख्या करीब 8,96,000 है और उिमें से 30 िनतशत से अनधक ि ग भारतीय मूि के हैं । केंद्र सरकार अोंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहों दी के
िर्ार-िसार के निए उल्लेखिीय ियास की नजतिी भी सराहिा की जाए उतिी कम है अतः इसक ध्याि में रखते हुए नहों दी भार्ा पर िे ख
“भारत की आत्मा है नहों दी” क स्थाि नदया गया है ज नवि नहों दी नदवस 10जिवरी की याद क ताज़ा करता है ित्ये क वर्च क 22 मार्च
“नवि जि नदवस” मिाया जाता है ।उद्े श्य है 22 मार्च ’ यािी नक ‘नवि जि नदवस’,पािी बर्ािे के सोंकल्प का नदि है ।:पुरे नवि में 2040
तक पािी की माों ग 50% तक बढ जाएगी।2050 तक 5.7 नबनियि ि ग पािी के अभावग्रस्त क्षेत्र ों में पहुोंर् जाएों गे ।नवि जि नदवस की
वै निक पहि 1992 के ररओ डी जे िेररओों में आय नजत पयाच वरर् एवों नवकास का सोंयुक्त राष्ट्र सम्मेिि (UNCED) में नकया गया था।22मार्च ,
2023 नवि जि नदवस पर इस अोंक में जि ही जीवि स्थाि नदया गया है िे ख में जि के बारे में सोंपूर्च जािकारी दी गई है हमें जि क
व्यथच िहीों करिा र्ानहए। अगर आवश्यकता ि ह त जि का िय ग ि करे । इसके अिावा इस अोंक में डॉ मीिाक्षी पाठक का िे ख मािव
अोंतररक्ष उडाि -गगियाि नमशि कायच क्रम भारत के निए क गवच है भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि सोंगठि( इसर ) के वैज्ञानिक ों िे मािव
अोंतररक्ष उडाि -गगियाि नमशि कायचक्रम आईएर्एसपी की शुरुआत 2007 में मािवयु क्त कक्षीय अोंतररक्ष याि क पृथ्वी की निर्िी
कक्षा में िक्षेनपत करिे के निए आवश्यक तकिीक नवकनसत करिे के निए की थी। गगियाि 1 िाम की पहिी नबिा र्ािक दि वािी
उडाि क एिवीएम 3 रॉकेि पर 2023 से पहिे िॉन्च िहीों नकया जािा है ।एक ऐसा वक़्त था जब मिुष् ों के निए समुन्द्र या सागर क पार
करिा भी सोंभव िहीों था िे नकि आज 21वीों सदी में मिुष् ों की नवज्ञानिक नवकास िे मिुष् ों क ब्रह्माण्ड की ख ज तक पहुर् नदया है ज
आपिे आप में अतुल्य है । अोंतररक्ष यात्रा या अोंतररक्ष अन्वेर्र् ब्रह्माण्ड की ख ज और उसका अन्वेर्र् अोंतररक्ष की तकिीक ों का उपय ग तथा
मािवीय अोंतररक्ष उडाि ों व र ब निक अोंतररक्ष याि द्वारा नकया जाता है । इसके अिावा इस अोंक में नवर्य ों पर जै से, िैि िे क्न िॉजी,
ऑि म बाइि सुपरकोंडक्ट्र, खग ि भौनतकी, अोंतररक्ष नवज्ञाि िदू र्र् व उससे सोंबोंनधत कई िे ख जै से, नवज्ञाि जगत् में क्राखि िा दी िैि
िे क्न िॉजी,मेड इि इों नडया' कार वाहि ों से सुधरें गी यातायात खस्थनतयाों ,अनतर्ािकता की अवधारर्ा,108वीों भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस का
आय जि, जीवि क समानहत करती जै नवक नवनवधता, सुपरकोंप्यू िर िे पृथ्वी की तस्वीर क िया रूप नदया. इसके साथ ही वैज्ञानिक-सोंस्मरर्
“महाि वै ज्ञानिक- जॉि डाल्टि”, पुस्तक समीक्षा, नवज्ञाि समार्ार, नवज्ञाि कनवता, पुस्तक समीक्षा, मि गत आनद क य़थावत स्थाि नदया गया
है . साथ ही यह पररर्द के निए गवच की बात है नक नहों दी नवज्ञाि सानहत्य पररर्द, मुोंबई व एस नसएशि ऑफ म्यूर्ुअि फोंड् स इि इों नडया
(एएमएफआई) के सहय ग से नदिाों क: 17.02.2023 क समय शाम 7:30 बजे “व्यखक्तगत-नवत्त िबों धि के माध्यम से धि सृजि” पर एक
नदवसीय राष्ट्रीय वेनबिार का आय जि नकया गया ।ररप िच सोंिग्न है , हमें आशा ही िहीों पूर्च नविास है नक ये सभी रर्िाएों आप सभी पाठक ों और
खासतौर पर हमारे यु वा नवज्ञाि पाठक ों क जरुर पसोंद आएगी। हमेशा की तरह आपके सुझाव और िनतनक्रयाओों की हम ितीक्षा करें गे ।
नहन्दी नवज्ञाि की ि कनिय पनत्रका, वै ज्ञानिक से जु डे आप सभी नवज्ञाि िे खक ों पाठक ों और सृजिशीि व्यखक्तय ों के निरों तर
सहय ग, स्नेह, नविास और िगाव के निए धन्यवाद ।
शु भकामिा सनहत!
राजेश कुमार ममश्र
मुख्य सम्पादक, वै ज्ञानिक
(ि ि :पनत्रका में अनधकाों श तस्वीरें गू गि से शैनक्षक उद्े श्य हे तु जिनहत में िी गई है – मुख्य-व्यवस्थापक )

2 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

अमवनाशकारी परीक्षण के क्षेत्र में एडी करं ट टे स्ट

एस.एम. गलांडे
मवशेषज्ञ(अमवनाशकारी परीक्षण NDT),

मानद सदस्य, इं मडयन सोसाइटी ऑफ नॉनडे स्टरक्टिव टे क्टस्टंग

पूवच डीजीएम (पी एं ड एम), एनआरबी, बीएआरसी, मुंबई

परीक्षर् उपकरर् रखरखाव का एक अनभन्न अोंग है । अपिे धाराओों के बदिते र्रर् ों और पररमार् में बदिाव की
उत्पाद ों और सोंपनत्तय ों की सामग्री, घिक ,ों नडज़ाइि और निगरािी एक ररसीवर-कॉइि के उपय ग के माध्यम से या
सोंरर्िा का मूल्याों कि करिा आवश्यक है । परीक्षर् नकए िाथनमक कॉइि में बहिे वािे वैकखल्पक िवाह में पररवतचि
जािे के बाद परीक्षर् नकए गए घिक की खस्थनत के आधार क मापिे के द्वारा की जाती है । भोंवर धाराएों एक र्ुोंबकीय
पर, िनक्रयाओों क नविाशकारी परीक्षर् या गैर-नविाशकारी क्षेत्र के अों दर बदिते र्ुोंबकीय क्षेत्र या कोंडक्ट्र की सापेक्ष
परीक्षर् के तहत वगीकृत नकया जा सकता है । यनद परीक्षर् गनत के कारर् कोंडक्ट्र में उत्पन्न नवद् युत िवाह के िूप
िनक्रया के दौराि घिक क्षनतग्रस्त या िष्ट् ह जाता है , त ह ते हैं । वे र्ुोंबकीय क्षेत्र की नदशा के िम्बवत् ति में
निय नजत परीक्षर् नवनध क नविाशकारी परीक्षर् के रूप में िवानहत ह ती हैं । क् नों क वे अशाों त पािी में घूमते हुए
वनर्चत नकया जाता है । इसके नवपरीत, उपकरर् ों के परीक्षर् भोंवर ों के समाि ह ते हैं , उन्हें भोंवर धाराएों कहा जाता है ।
नकए गए िु कडे क िुकसाि पहुों र्ाए नबिा गैर-नविाशकारी
फैराडे के नवद् युत र्ुम्बकीय िेरर् के नियम के कारर्,
परीक्षर् नकया जाता है ।
भाँवर धाराएाँ अपिा र्ुोंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं । िेंज के
एिडीिी का मतिब अनविाशकारी परीक्षर् है यािी िि नियम के अिुसार, धारा की नदशा ऐसी है नक वह उत्पन्न
नडस्टर खक्ट्व िे स्ट अनविाशकारी परीक्षर् ज योंत्र ों के करिे वािे र्ुोंबकीय क्षेत्र का नवर ध करे गी। िीर्े दी गई
गुर्वत्ता नियोंत्रर् के निए की जाती है इसके अिगचत छनव में, एक िे रक कुोंडिी एक र्ुोंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती
नवजुअि िे स्ट डी पी िे स्ट , रे नडय ग्राफी िे स्ट, है । एक कोंडक्ट्र क इस र्ुों बकीय क्षे त्र के पास िाया जाता
है , नजसके पररर्ामस्वरूप कोंडक्ट्र की सतह पर घूमिे
अल्टर स ि ग्राफी िे स्ट, हीनियम िीक िे स्ट आनद नकए जाते
वािी नवद् युत धाराएों ह ती हैं ।
हैं ज गुर्वत्ता मािक ों के अिुसार की जाती है भाँवर धारा
परीक्षर् कई गैर-नविाशकारी परीक्षर् नवनधय ों में से एक है
ज िवाहकीय सामग्री में द र् का पता िगािे के निए
नवद् युत र्ुोंबकत् नसद्ाोंत का उपय ग करता है ।
अल्टरिेनिों ग-करों ि के साथ सनक्रय एक नवशेर् रूप से
नडज़ाइि नकया गया कॉइि परीक्षर् सतह के निकि रखा
जाता है , नजससे एक बदिते र्ुोंबकीय क्षेत्र का निमाच र् ह ता
है ज परीक्षर्-भाग के साथ इों िरै क्ट् करता है और आसपास भाँवर धाराएों :- जब नकसी धातु की प्लेि क नकसी र्ुोंबकीय
के क्षेत्र में भाँवर धाराओों का उत्पादि करता है । इि भाँवर क्षेत्र में द िि करवाते हैं त उसमें िेररत नवद् युत वाहक बि
उत्पन्न ह जाता है नजसके कारर् प्लेि में वृत्ताकार िूप में

3 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
स्थािीय धारा उत्पन्न ह जाती है । इि धाराओों क ही भाँवर (सी) र्ािकता निरीक्षर्
धाराएों कहते हैं । भाँवर धाराएों परीक्षर् नवनभन्न िकार की
(डी) जोंग का पता िगािे
ट्यूब ों की िोंबाई के माध्यम से या सामग्री की सतह ों के साथ-
साथ उिमें खानमय ों क ख जिे के निए इिेक्ट्रॉनिक जाों र् (ई) ट्यूनबोंग निरीक्षर्
र्िािे की िनक्रया है । एक भोंवर धारा एक धारा है ज एक
वकचपीस में उत्पन्न एडी करों ि भी अपिा र्ुोंबकीय क्षेत्र बिाता
िवाहकीय सामग्री में एक जाों र् द्वारा शुरू की गई धारा के
है । वकचपीस का यह र्ुोंबकीय क्षेत्र कॉइि और उसके
नवपरीत र्िती है ।
र्ुोंबकीय क्षेत्र पर अपिा िभाव डािता है । नजसे म्यूच्यूअि
भंवर धारा का पररमाण है: इों डक्शि कहा जाता है ।यनद वकचपीस में क ई द र् है या
उसकी म िाई एक समाि िहीों है , त वकचपीस में उत्पन्न एडी
• िागू र्ुोंबकीय क्षेत्र के पररमार् के सीधे आिुपानतक
करों ि और उसका र्ुोंबकीय क्षेत्र भी बदि जाता है । वकचपीस
• िूप के क्षेत्र के सीधे आिुपानतक का एडी करों ि और र्ुोंबकीय क्षेत्र में पररवतचि, जाों र् के
कॉइि के नवद् युत िनतबाधा में पररवतचि का कारर् बिता है ,
• र्ुोंबकीय िवाह के पररवतचि की दर के सीधे
नजससे कॉइि में इिेक्ट्रॉि ों की गनत िभानवत ह ती है । इस
आिुपानतक
िकार, नवद् युत िनतबाधा में पररवतचि क दे खकर िनशनक्षत
• कोंडक्ट्र के िनतर ध के व्युत्क्रमािुपाती ऑपरे िर वकचपीस के द र् का पता िगा सकता है ।
ऑपरे िर भाँवर धारा परीक्षर् मशीि पर नवद् युत िनतबाधा
यनद धाखत्क प्लेि क द िि करवाएों त र्ुोंबकीय क्षेत्र की
के आयाम और र्रर् क र् क मापता है ।
अिुपखस्थनत में यह धातु की प्लेि अनधक समय तक द ि ों
करती हैं । नकोंतु र्ुोंबकीय क्षेत्र की उपखस्थनत में इस प्लेि के भँवर धारा परीक्षण मुख्य रूप से इन कारकों पर मनभचर
दौराि अल्प समय में अवमोंनदत ह कर रुक जाती हैं । करता है।
क् नों क प्लेि र्ुोंबकीय क्षेत्र के अोंदर या बाहर जाती हैं त
1. र्ािकता:- उच्च र्ािकता वािी सामग्री में भँवर धारा,
इससे फ्लक्स में पररवतचि ह ता है नजससे प्लेि में भाँवर धारा
सतह द र् ों के िनत बहुत सों वेदिशीि ह जाता है । । िेनकि
उत्पन्न ह जाती हैं । ज प्ले ि के द िि का नवर ध करती
सामग्री के इों िीररयर में िवेश करिे की इसकी क्षमता कम
हैं ।यनद इस प्लेि क खार्ेदार बिा दे त यह अनधक समय
ह जाती है । ।
तक द िि करती हैं क् नों क प्लेि में उत्पन्न भाँवर धाराओों
की िबिता कम ह जाती है । 2. र्ुोंबकीय पारगम्यता (परीक्षर् वस्तु सामग्री): र्ुोंबकीय
पारगम्यता में नजतिा अनधक पररवतचि ह ता है , उतिा ही
जब नकसी धातु की प्लेि क नकसी र्ुोंबकीय क्षेत्र में द िि अनधक श र ह ता है । नजससे सोंकल्प कम ह जाता है ।
करवाते हैं त उसमें िेररत नवद् युत वाहक बि उत्पन्न ह
जाता है नजसके कारर् प्लेि में वृत्ताकार िूप में नद्वतीय धारा 3. फ़्रीक्वेंसी (कॉइि का एसी करों ि):- हाई फ़्रीक्वेंसी करों ि
सतह के द र् ों के ररज़ॉल्यूशि क बढाता है िेनकि यह
उत्पन्न ह जाती है । इि धाराओों क ही भाँवर धाराएों कहते हैं ।
वकचपीस के अोंदरूिी नहस्से में कम दू री तक िवेश करता
भँवर धाराओं के उपयोग :- भाँवर धाराओों का उपय ग निम्न है । कम आवृनत्त का करों ि दू र तक यात्रा करे गा, िेनकि
सतह का ररज़ॉल्यूशि कम ह जाएगा।
िकार से नकया जाता है ।
4. ि ब कॉइि नडजाइि: - नजतिा बडा कॉइि, उतिा बडा
अिुिय ग:
एररया र्ेक करता है । कुोंडि नजतिा छ िा ह ता है , वह छ िे
(ए) वेल्ड निरीक्षर् द र् ों के िनत उतिा ही सोंवेदिशीि ह ता है ।

उपर क्त कारक ों में ऑपरे िर वकचपीस की र्ािकता और


(बी) ब ल्ट छे द निरीक्षर्
र्ुोंबकीय पारगम्यता क नियोंनत्रत िहीों कर सकता है ।

4 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
ऑपरे िर अपिे नहसाब से फ्रीक्वेंसी सेि कर सकता है और प्रमिया : नवद् युत र्ुम्बकीय िेरर् के रूप में जािी जािे
अपिी जरूरत के नहसाब से ि ब कॉइि सेि कर सकता है । वािी भौनतक नवशेर्ता पर निभचर करती है । जब एक
ि ब कॉइि क तदिुसार बदिकर, ऑपरे िर अच्छा कोंडक्ट्र के माध्यम से एक ित्यावती धारा पाररत की जाती
ररज़ॉल्यूशि िाप्त कर सकता है और कई आवृनत्तय ों का है - उदाहरर् के निए एक ताों बे का तार - एक वैकखल्पक
उपय ग करके अच्छे पररर्ाम िाप्त कर सकता है । र्ुोंबकीय क्षे त्र कुोंडि के र्ार ों ओर नवकनसत ह ता है और क्षेत्र
का नवस्तार ह ता है और बारी-बारी से करों ि बढता है और
भाँवर धारा में,िवेश की मािक गहराई (नममी) δ =
नगरता है । यनद कॉइि क नकसी अन्य नवद् युत कोंडक्ट्र के
करीब िाया जाता है , त कॉइि के आस-पास उतार-र्ढाव
वािा र्ुोंबकीय क्षेत्र सामग्री में व्याप्त ह जाता है और, िेन्जज़
के नियम द्वारा, कोंडक्ट्र में िवानहत ह िे के निए एक एडी
करों ि क िेररत करता है । यह भोंवर धारा, बदिे में, अपिा
f = िे स्ट फ्रीक्वेंसी (Hz) र्ुोंबकीय क्षेत्र नवकनसत करती है । यह 'नद्वतीयक' र्ुोंबकीय
क्षेत्र 'िाथनमक' र्ुोंबकीय क्षे त्र का नवर ध करता है और इस
μ = र्ुोंबकीय पारगम्यता (H/mm) िकार कुोंडिी में िवानहत धारा और व ल्टे ज क िभानवत
करता है ।
σ = नवद् युत र्ािकता (% IACS)

हीि एक्सर्ेंजर और बॉयिर भाग ों की पतिी धातु ट्यू ब ज


नबजिी के सोंवाहक हैं , केवि भाँवर धारा परीक्षर् द्वारा
निरीक्षर् नकया जाता है । इि ट्यूब्स के अोंदर ि ब डािकर
पता िगाया जा सकता है नक अोंदर की तरफ क ई दरार या
जोंग त िहीों है । एडी करें ि परीक्षर् में एक नवशेर् रूप से
नडज़ाइि नकए गए कॉइि का उपय ग करके नकया जाता
है ज एक वैकखल्पक िवाह के साथ सनक्रय ह ता है ज
कॉइि के आस-पास एक बदिते र्ुोंबकीय क्षेत्र बिाता है ।
कॉइि क एक परीक्षर् सतह की निकिता के भीतर रखा
जाता है जहाों बदिते र्ुोंबकीय क्षेत्र िवाहकीय सामग्री में एक िवाहकीय सामग्री में एक एसी करों ि क िेररत करिे के निए एक
िवेश करते हैं ।यनद सतह पर द र् ह गा त र्ुोंबकीय क्षेत्र कॉइि का उपय ग नकया जाता है। जाों र् की जा रही सामग्री एक
िभानवत ह गा व उस स्थाि पर द र् पकड में आते हैं वतच माि सतह पर है और िौह धातु में न्यूितम है

नवद् युत र्ािकता नभन्नता, परीक्षर्-भाग की र्ुोंबकीय जाों र् की जा रही सामग्री की र्ािकता में क ई भी पररवतचि,
पारगम्यता, या नकसी भी नवखच्छन्नता की उपखस्थनत, एडी के जैसे निकि-सतह द र् या म िाई में अोंतर, एडी की धारा के
िवाह में पररवतचि और र्रर् ों में एक समाि पररवतचि और पररमार् क िभानवत करे गा। भाँवर धारा परीक्षर् निरीक्षर्
मापा वतचमाि के आयाम का कारर् ह गा। पररवतचि एक
तकिीक के आधार पर िाथनमक कॉइि या नद्वतीयक
स्क्रीि पर नदखाए जाते हैं और द र् ों की पहर्ाि करिे के
निए व्याख्या की जाती है । नडिे क्ट्र कॉइि का उपय ग करके इस पररवतचि का पता
िगाया जाता है ।पारगम्यता वह है नजसमें नकसी पदाथच क
र्ुम्बनकत नकया जा सकता है । पारगम्यता नजतिी अनधक
ह गी, िवेश की गहराई उतिी ही कम ह गी। गैर-र्ुोंबकीय
धातुओों जैसे नक ऑस्टे निनिक स्टे ििेस स्टील्स,
एल्यूमीनियम और ताों बे में बहुत कम पारगम्यता ह ती है ,
जबनक फेररनिक स्टील्स में र्ुोंबकीय पारगम्यता कई सौ गुिा
अनधक ह ती है । भाँवर धारा घित् अनधक है , और द र्
सोंवेदिशीिता सतह पर सबसे बडी है और यह गहराई के

5 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
साथ घि जाती है । कमी की दर धातु की "र्ािकता" और सकता है । दु भाच ग्य से , जैसा नक अनधक से अनधक पैठ दे िे
"पारगम्यता" पर निभचर करती है । सामग्री की र्ािकता के निए आवृनत्त कम ह जाती है , द र् का पता िगािे की
िवेश की गहराई क िभानवत करती है । उच्च र्ािकता सोंवेदिशीिता भी कम ह जाती है । इसनिए, ित्येक परीक्षर्
के निए, पैठ और सोंवेदिशीिता की आवश्यक गहराई दे िे
वािी धातुओों में सतह पर भाँ वर धारा का िवाह अनधक ह ता
के निए एक इष्ट्तम आवृनत्त है ।
है और ताों बे और एल्यूमीनियम जैसी धातुओों में िवेश में
कमी ह ती है ।

ित्यावती धारा की आवृनत्त क बदिकर भेदि की गहराई


क बदिा जा सकता है - आवृनत्त नजतिी कम ह गी, िवेश
की गहराई उतिी ही अनधक ह गी। इसनिए, निकि-सतह
द र् ों का पता िगािे के निए उच्च आवृनत्तय ों और गहरे द र् ों
का पता िगािे के निए कम आवृनत्तय ों का उपय ग नकया जा

मानक और अंशांकन: , अोंशाों कि ब्लॉक में द र् ह ते हैं ब्लॉक में अिग-अिग


म िाई ह ती है । भाँवर धारा पद्नत के निए अत्यनधक कुशि
सभी िर्ानिय ों क उपयुक्त सोंदभच मािक ों का उपय ग
ऑपरे िर की आवश्यकता ह ती है - िनशक्षर् आवश्यक है ।
करके कैनिब्रेि नकया जािा र्ानहए - जैसा नक नकसी भी
एिडीिी पद्नत के निए ह ता है और यह नकसी भी भाँवर िाभ
धारा परीक्षर् िनक्रया का एक अनिवायच नहस्सा है । अोंशाों कि
• 0.5 नममी नजतिी छ िी सतह और निकि-सतह की
ब्लॉक एक ही सामग्री, गमी उपर्ार की खस्थनत, परीक्षर् की
दरार ों का पता िगािे में सक्षम
जािे वािी वस्तु के आकार और आकार के ह िे र्ानहए।
• प्लेिर द र् ों के हस्तक्षेप के नबिा, गैर-िवाहकीय
ज द र् ों का अिुकरर् करते हैं , जबनक जोंग का पता िगािे
सतह क निों ग्स सनहत कई परत ों के माध्यम से द र् ों
के निए अोंशाों कि
का पता िगािे में सक्षम
• द र् का पता िगािे के निए गैर-सोंपकच नवनध उच्च
तापमाि सतह ों और पािी के िीर्े की सतह ों का
निरीक्षर् करिा सोंभव बिाती है

• (ए) जाों र् क परीक्षर् वस्तु क छूिे की जरूरत िहीों


है ।

• (बी) क यूिी जैसे नकसी भी कूपेंि की आवश्यकता


िहीों है ।

• (सी) गमच परीक्षर् वस्तु का निरीक्षर् भी नकया जा


सकता है

• (डी) नकसी भी र्ुोंबकीय और गैर र्ुोंबकीय सामग्री का


निरीक्षर् नकया जा सकता है ज नबजिी का अच्छा
सोंवाहक है ।

• (ई) ईिी जाों र् आसािी से स्वर्ानित ह ता है ।

6 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
पास आ गया नवि ये सारा ||
मवज्ञान कमवता डर ि से कर सकते हैं बाररश,

क्षर् ों में खे त ों क हम ज तेंगे |


इलेिरॉमनक का दौर
िहिहाते दे ख फसि ों क ,
संजय गोस्वामी
अन्नदाता कब तक र एों गे ||
इिे क्ट्रॉनिक का दौर मु झे इस कदर भाया
भू मोंडि से िभमों डि तक,
मैं भी स्मािच िीवी और स्मािच फ़ ि ख़रीद िाया।। जािा है अब बहुत आसाि |
अपिे ही द स्त ों में बेगािा सा ह गया मों गि तक भी पहुों र् गए हम,

मु झे क्ा पता था नक मैं अपि ों से दू र ह िे का सामाि खरीद बिा नदया ज मों गियाि ||
िाया।।
बच्च ों और वृद् ों तक का भी,
फ़ ि र्िािे पर मैं मि ही मि मु स्कुराया बातर्ीत, अब पिभर का काम |
उस नदि पडा मु झे पछतािा नजस नदि उसकी आाँ ख ों पर र्श्मा इन्टरिे ि का दौर यह दे ख ,
र्ढवा के आया।।
फेसबुक पर सब का िाम ||
इिे क्ट्रॉनिक का दौर मु झे इस कदर भाया
जै से बजती फ ि की घोंिी,
मैं भी स्मािच िीवी और स्मािच फ ि ख़रीद िाया।। मखम्मयाों कमर कस िे ती हैं |
बच्च ों के हे ल्थ इशू क हमिे आगे बढाया मामा, मामी, र्ार्ा, र्ार्ी से,

पहिे व पाकच में खेिा करते थे नफर हमिे उन्हें इिेक्ट्रॉनिक घोंि भी बात कर िे ती हैं ||
नडवाइस से खे ििा नसखाया।।

अपिा महत्पूर्च समय मैं िे व्हाि् सऐप फेसबुक और यूट्यूब पर


नबताया

नजस पेपर में ह िा था पास मु झे उस पेपर में मै फेि ह कर


आया।।

इिे क्ट्रॉनिक कर दौर मु झे इस कदर भाया।

मैं भी स्मािच िीवी और स्मािच फ़ ि खरीद िाया।।

िाि आाँ खें, सरददच और नर्डनर्डापि क मैं िे अपिे पास बुिाया

कि मैं िे पूरी रात फ ि र्िाया।।

इिे क्ट्रॉनिक का दौर मु झे इस कदर भाया

मैं भी स्मािच िीवी और स्मािच फ ि खरीद िाया।।

हर नवद्याथी, हर वगच क ,

नवद्याअध्ययि करवाया है ||
दु कािें समाई है जे ब ों में,
िे बि पर है बैंक तुम्हारा |
घर बैठे खे ि -खेि क ,

7 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

कोरोना और प्रकृमत से जुडाव


डॉ दीपक क हिी
सों युक्त सनर्व ,पयाच वरर् ,
वि एवों जिवायु पररवतचि नवभाग ,
उत्तर-िदे श शासि ,5 /104, नवपुि खोंड,
ग मती िगर, िखिऊ- 226010

क र िा की दू सरी िहर से दे शभर में हडकोंप मर्ा र्ाय-कॉफी से नदि की शुरुआत करिे वािे ि ग
शासि-िशासि के ि ग ों द्वारा क र िा के कहर से काढा पी रहे हैं और वह काढा, नजसमें क ई
बर्ािे के निए हर सोंभव उपाय नकए , िेनकि इि केनमकि िहीों, नसफच िाकृनतक र्ीजें हैं ।
सारी कवायद के बीर् क र िा िे ि ग ों क बहुत
कुछ नसखाया भी है । दरअसि, इस बुरे वक्त िे काढा के बढे नडमाों ड क िेकर सबसे अनधक माों ग
नगि य (गूरीर्) की ह रही है । गाों व के पेड पौधे
ि ग ों क िकृनत के करीब आिे क मजबूर कर
नदया है । असि में नजि र्ीज क ि ग ों िे बेकार और जोंगि ों पर जब बडी मात्रा में नगि य ह ता
समझिा शुरू कर नदया था, अब उसी र्ीज के था। िेनकि आधुनिक मिुष् ों िे उसे काि कर
फेंकिा शुरू कर नदया। जब क र िा वायरस आया
निए मारामारी कर रहे हैं । ि ग ों की नदिर्याच तक
त नगि य की ज र-श र से तिाश ह रही है और
बदि र्ुकी है । अब सुबह सात-आठ बजे तक स िे
वािे ि ग भी र्ार बजे उठ रहे हैं और पेड-पौध ों व्यापारी द सौ रुपये नकि बेर् रहे हैं । द सौ
वािी जगह ों पर पररक्रमा कर रहे हैं । रुपये नकि में भी बहुत स्कानसचिी ह रही है । पैसे
वािे त नकसी तरह खरीद रहे हैं , िेनकि गरीब
साों स भी खरीदिी पडी त ि ग ों का रुझाि
अर्ािक पेड ों की ओर गया।आज ऑक्सीजि के ि ग जोंगि ों का र्क्कर िगाते हुए ख ज कर िा
निए हर ओर मारामारी ह रही है िेनकि हकीकत रहे हैं और सपररवार काढा पी रहे हैं । नगि य के
यही है नक ऑक्सीजि की कमी के निए मिुष् भी बारे में कहा जाता है नक दे वताओों और दािव ों के
कम नजम्मेदार िहीों है । पेड बेनहसाब कािे गए बीर् समुद्र मोंथि के दौराि जब अमृत निकिा और
िेनकि िगाए िहीों गए, अब जब साों स भी खरीदिी इस अमृत की बूोंदें जहाों -जहाों छिकीों, वहाों -वहाों
पड रही है त ि ग ों का रुझाि अर्ािक से पेड नगि य की उत्पनत्त हुई। सौ मजच की एक दवा
िगािे की ओर गया है । नगि य क सोंस्कृत में "अमृता" िाम नदया गया
है ।
भुिा र्ुके थे जडी बूनियाों , आज ऊोंर्े दाम ों पर
भी खरीदिे क तैयार हैं ि ग।ऐसा ही हाि जडी
बूनिय ों का भी है । िार्ीि समय से तमाम बीमाररय ों
के इिाज के निए रामबार् जडी बूनिय ों क ि ग ों
िे भुिा नदया था, उसे जोंगि समझ कर बबाच द
कर रहे थे िेनकि जब क र िा कहर बरपािे िगा
त उसी जोंगि के निए ि ग जोंगि-जोंगि मारे
नफर रहे हैं , िहीों नमि रहा है त ऊोंर्े दाम ों पर
खरीद रहे हैं । इों िरिेि पर इिनमिी बूस्टप और
वायरस जनित बीमाररय ों क दू र रखिे वािे जडी-
बूनिय ों की ख ज ह रही है , आयुवेनदक तत् ों की नगि य एक ऐसी बेि है , ज व्यखक्त की र ग
ख ज रह रही है । बेड पर िनतर धक क्षमता क बढा कर उसे बीमाररय ों सेदूर
रखती है । इसमें भरपूर मात्रा में एों िीऑक्सीडें ि्स

8 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
ह ते हैं , ज शरीर से नवर्ैिे पदाथों क बाहर इों िरिेि से जब पता र्िा नक जोंगिी जिेबी
निकाििे का काम करते हैं । यह खूि क साफ िनतर धक क्षमता बढाता है , वायरस खत्म करता
करती है , बैक्ट्ीररया से िडती है । निवर और है , कैंसर के निए रामबार् है , र्मच र ग और पेि
नकडिी की अच्छी दे खभाि भी नगि य के बहुत के निए भी बहुत अनधक गुर्कारी है । इसके बाद
सारे काम ों में से एक है ।अगर नकसी क बार-बार अर्ािक जोंगिी नजिेबी की नडमाों ड बढ गई और
बुखार आता है त उसके निए नगि य का से वि यह नजिेबी आज द सौ रुपये नकि भी िहीों नमि
अर्ूक उपाय है । नगि य हर तरह के बुखार से रहा है । ि ग है राि हैं , परे शाि हैं । कुि नमिाकर
िडिे में मदद करती है । इसनिए डें गू के अिावा कहा जाय त क र िा िे बहुत कुछ नसखा नदया।
मिेररया, स्वाइि फ्लू में आिे वािे बुखार से भी बता नदया है नक िकृनत से जुड कर रह , िकृनत
नगि य छु िकारा नदिाती है । यही हाि जोंगिी में वह सब कुछ है ज आज के भागम-भाग वािे
जिेबी का है । युग के निए सबसे बडी जरूरत है ।

जोंगिी नजिेबी

9 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
राष्ट्रीय मवज्ञान मदवस पर मवशेष
मशक्षा व मवज्ञान में नंबरदार बनता भारत
आर पी तोमर
220/ 221, िीिकोंठ अपािच मेंि,
यूजी5, गिी ि. 7,
महावीर एिक्लेव, िई नदल्ली-45

नकसी भी दे श का नवकास वहााँ के ि ग ों के नवकास के कवर् िर्ािी िागू करिा, तकिीक सम्बोंधी बहुत कुछ
साथ जुडा हुआ ह ता है । नवकास ह ता है तब, जब ज्ञाि हमिे िाप्त नकया है । तकिीक और नवज्ञाि क्षेत्र में दे श
ह , ज्ञाि आता है तब, जब नशक्षा अथाच त अज्ञािता दू र की गनत दे खकर यह िगा नक सस्ते डर ि और र ब ि
ह । अतः यह ज़रूरी ह जाता है नक जीवि के हर बिािे , आनिच नफनशयि इों िेनिजेंस, मशीि िनििं ग,
पहिू में नवज्ञाि-तकिीक और श ध कायच अहम र ब निक ि सेस ऑि मेशि, एज कोंप्यूनिों ग, क्वाों िम
भूनमका निभाएाँ । नवकास के पथ पर क ई दे श तभी कोंप्यूनिों ग, वर्ुचअि ररयनििी और ऑगमेंिेड ररयनििी,
आगे बढ सकता है जब उसकी आिे वािी पीढी के ब्लॉकर्ेि, इों िरिेि ऑफ नथोंग्स और साइबर नसक् ररिी
निये सूर्िा और ज्ञाि आधाररत वातावरर् बिे और जैसी तकिीक के निए हम वैनिक मुकाबिे के निए
उच्च नशक्षा के स्तर पर श ध तथा अिुसोंधाि के पयाच प्त मजबूती के साथ तैयार ह रहे हैं । अमेररका, रूस, र्ीि,
सोंसाधि उपिब्ध ह ।ों साि २०२२ राजिीनतक दृनष्ट् से भारत के अिावा दनक्षर् क ररया, सोंयुक्त अरब अमीरात,
भी भारत का मस्तक ऊोंर्ा करता है क् नों क भारत जी- जापाि जैसे दे श ों के निए बीता साि र्ाों द की ओर
२० दे श ों का िोंबरदार बि गया है । वही जवाि, नकसाि शुरुआती कदम ों का रहा। कुछ अडर्ि ों के बाद सोंयुक्त
और नवज्ञाि के जयघ र् के साथ ही दे श िे अिुसोंधाि अरब अमीरात का पहिा िूिर नमशि 'रानशद' अमेररका
क्षेत्र में भी जयघ र् कराकर दे श का सीिा ५६ इों र्ी कर के फ्ल ररडा से िस्थाि कर गया त वहीों केप केिेडी
नदया है । नवज्ञाि और तकिीक के क्षेत्र में साि २०२२ में स्पेस सेंिर पर जापािी स्पेस स्टािच अप आईस्पेस
दे श ही िहीों पूरी दु निया में जहााँ कई शािदार इों कॉपोरे िे ड कोंपिी द्वारा निनमचत िूिर नमशि 'हाकुत
सफिताएाँ हानसि हुईों, वहीों अिेक िई शुरुआतें हुईों, आर' क िॉन्च नकया गया। दनक्षर् क ररया का
नजिके पररर्ाम आिे वािे वर्ों में दे खिे क नमिेंगे। पाथफाइों डर िूिर ऑनबचिर नमशि 'दािूरी' बीते साि के
यह साि स्पेस साइों स और आनिच नफनशयि इों िेनिजेंस आखखर में र्ाों द की ओर रवािा हुआ। अमेररका की
की फील्ड में हानसि की गई कामयानबय ों के निए याद सरकारी स्पेस एजेंसी िासा का १६ िवोंबर क कैिेडी
रहे गा। स्पेस सेंिर से र्ोंद्रमा की ओर र्िा 'आिे नमस नमशि' का
नवज्ञाि और तकिीक के क्षेत्र में भारत िे कई उपिखब्धयााँ पहिा र्रर् आिे नमस-१ त नदसम्बर में वहााँ पहुाँ र्कर
हानसि की। हमारे द्वारा कराए गए पेिेंि की सोंख्या बढी िौि भी आया। दस साि के भीतर र्ाों द पर बखस्तयााँ
त आईआईिी के ऑफसेि कोंपेंसेिेड डािा सेंनसोंग बसािे के िक्ष्य के निए यह वर्च िस्थाि नबोंदु मािा
िे खक्नक फॉर ि एिजी एों बेडेड एसआरएएम जैसे कई जाएगा। भारत की भी य जिा र्ोंद्रयाि-३ िैंडर और
श ध और सुधार अों तरराष्ट्रीय स्तर पर दजच नकए गए। र वर क र्ोंद्रमा पर भेजिे की थी िेनकि यह नमशि अब
कृनर्, यातायात, जैसे नवनभन्न क्षेत्र ों में भारतीय ों िे तमाम इस साि २०२३ में िक्षेनपत ह गा। अोंतररक्ष के क्षेत्र में हर
ऐसे तरीके नवकनसत नकए, नजन्ह ि ों े सुखखचयााँ बि री। हमिे बार की तरह इस बार भी दे श िे एक ऐनतहानसक
५ जी क अपिाया त दे श की पहिी नडनजिि मुद्रा भी उपिखब्ध हानसि की, जब 'िारों भ' अनभयाि के तहत
िय ग की। वास्तनवक और आभासी नडनजिि दु निया के श्रीहररक िा से स्वदे शी अोंतररक्ष स्टािच -अप द्वारा
बीर् की दू री नमिािे वािे मेिावसच का आगमि, िॉि नवकनसत 'नवक्रम-एस' रॉकेि के जररए तीि उपग्रह ों क
फोंनजबि ि कि यािी एिएफिी की तेज बढत और कक्षा में १८ िवोंबर क सफितापूवचक स्थानपत नकया
अोंतररक्ष क्षेत्र में एक िई सफि शुरुआत भी। सेिा में गया। द साि पहिे अोंतररक्ष नवज्ञाि के क्षेत्र में निजी
स्वदे शी शस्त्र, फाइिर डर ि की बात ह या रे िवे में कोंपनिय ों के िवेश के बाद अब माििा ह गा नक अोंतररक्ष

10 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
अिुसोंधाि के नवनभन्न क्षेत्र ों में काम करिे वािे स्टािच -अप ग्ल बि सेंिर बिािे के निए वैज्ञानिक ों क मूिभू त
कोंपनिय ों के निए इससे िए रास्ते खुिे। िमार् है नक अिुसोंधाि हे तु बडी और उच्चस्तरीय अत्याधुनिक
बीते साि दे श में १०२ स्पे स िे क्न िॉजी ररिेिेड स्टािच - सुनवधाएाँ दे िी ह ग ों ी। आजादी का अमृत अमृतकाि में
अप एखक्ट्व थे, ज रॉकेि िक्षेपर् अोंतररक्ष में वेस्ट दे श िे दू सरे क्षे त्र ों के अिावा नवज्ञाि और तकिीक के
मैिेजमेंि, िैि -सैिेिाइि स्थानपत करिे जैसे बहुत-सी क्षेत्र में भी अतीत के स्मरर्, वतचमाि क आों किे और
तकिीकी कायच कर रहे हैं , नजससे भारतीय अोंतररक्ष भनवष् की य जिा बिािे की अच्छी क नशश की है । केंद्र
अिुसोंधाि में नवदे शी निवेश के रास्ते खु ि गए हैं । इससे की सरकार जहा अन्य क्षेत्र ों में भारत क आत्मनिभचर
साफ सों केत नमिा नक २०२८ तक स्पेस ररसर्च के ६३० बिा रही है वही नशक्षा एवों नवज्ञाि क्षेत्र में भी पू री
अरब डॉिर से ज्ादा के माकेि में भारतीय कोंपनिय ों सजगता से य जिाएाँ बिा रही है । भारत अपिे कौशि के
की बडी नहस्सेदारी बिेगी। डीएिए नफोंगर निोंनिों ग कारर् ही स्वदे शी वन्दे भारत िर ै ि र्िा रहा है त रक्षा क्षेत्र
िे क्न िॉजी, आनिच नफनशयि इों िेनिजेंस और र ब निक्स में में कि तक आधुनिक हनथयार ों का नियाच त करिे वािा
भी भारत िे कुछ उपिखब्धयााँ हानसि कीों। अोंतररक्ष और भारत दे श आज नियाच तक बि गया है । यही िहीों बखल्क
एिॉनमक क्षेत्र ों में दे श इतिा आगे बढा नक प खरर् भारतीय ों िे एक दजचि से अनधक दू सरे दे श ों में भी
ऑपरे शि और मोंगि नमशि की सफिता के बाद इि अपिी कौशिता एवों ज्ञाि, नवज्ञाि का ि हा मिवाया है ।
क्षेत्र ों में हम वैनिक महाशखक्तय ों में से एक बि र्ुके हैं । वहा पर बडे वैज्ञानिक पद ों पर भारतीय नवराजमाि है ।
दे श के ७ परमार्ु ऊजाच सोंयोंत्र ों की सों ख्या बढाकर १६ भारत जहााँ नशक्षा व नवज्ञाि के क्षेत्र में अपिी उपिखब्धय ों
करिे पर काम शुरू हुआ है । ग्ल बि इि वेनिव इों डेक्स पर गवच करता है वही नवकनसत दे श ों की पहिी पोंखक्त
में भारत ४६वें स्थाि पर है , जबनक साि २०१५ में हम की ओर तेजी से बढ रहा है । यह सब नशक्षा व नवज्ञाि के
८१वें स्थाि पर थे।भारत क ररसर्च और इि वे शि कारर् ही है ।
(िेखक: वररष्ठ पत्रकार एवों नवश्लेर्क है ।)

11 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

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मौसममवज्ञान सम्वन्धी होली के लोक सामहत्य

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मौसम नवज्ञाि एवों ऋतुनवज्ञाि नवर्यक ि क सानहत्य का साधारर् उपय ग के निए ि क िर्नित और सरि भार्ा में
समाज में काफी िर्ार है और मौखखक परम्परा से यह सुिभ करिा ही रहा है और उिका यह ियास स्तुत्य और
सानहत्य अभी नवद्यमाि है । केवि मौखखक रूप से ही सफि भी है । अनधक क्ा, सोंस्कृत सानहत्य और ि क
िर्नित ह िे के कारर् ही एक ही पद के कई रूप नमिते है , सानहत्य की एकरूपता क नसद् करिे हे तु कुछ उदाहरर्
जैसे - ही काफी ह ग
ों े ।

ग्वाि कहे सुि माधजी................. 1. आशाढेे़ कृष्णपक्षे र् ह्यश्टम्याों रजिीपनतः ।

घाघ कहे सुि घाधिी ................. दृष्ते मेघमध्ये तु तदा पृथ्वी जिाप्लु ता ।।

घाघ कहे सुि भड्डरी .............. इसी क ि क सानहत्य में पद्यािुवाद दे खें -

डों क कहे सुि भड्डरी .............. आशाढै वनद अष्ट्म निसा ।

सहादे व कहे भाडिी इत्यानद र्ाों द र्ढै बादिमनह धसा ।।

नजससे यह जाििा कनठि है नक वास्तव में यह रर्िा र्ारमास वरसा िातिे ।


नकसकी है ? नकिु नफर भी रर्नयता क ई भी ह भावाथच में
तौ बरसे घि जाि घिे ।।
क ई द र् िहीों आया है , नजसकी हमें आवश्कता है ।
इससे नसद् है नक ये ि ग केवि कनव ही िहीों अनपतु
मौसम -नवज्ञाि एवों ज् नतर् नवज्ञाि के िकाण्ड नवद्ाि
थे ।

2. आशाढेे़ कृष्णपक्षस्याशृम्याों र्न्द्र दयक्षर्े ।

मेधैराच्छानदतों व्य म िीर पूर्ाच तदा मही ।।

आर्ाढ कृष्ण अष्ट्मी के नदि र्ोंद्र दय के समय आकाश


यह उल्लेखिीय है नक मौसम नवज्ञाि नवर्यक यह ि क बादि ों से ढका ह त पृथ्वी जि से पूर्च ह ।
सानहत्य कप ि-कखल्पत अथवा इि कनवय ों की अपिी उखक्त लोक आसाढ़ा धुरर आठमी, र्ांदो बादल धाय,
िहीों है , अनपतु ज् नतर्शास्त्र एवों मौसमनवज्ञाि पर सोंस्कृत
र्ार मास वरमालुआ, पाके भांडे-राय ।।
सानहत्य में उपिब्ध नसद्ाि ों के अिुसार ही तथा उसका
ि क भार्ा में पद्यात्मक अिु वाद ही है । सोंस्कृत सानहत्य और आशाढ कृष्ण अष्ट्मी की रानत्र में र्न्द्रमा बादि ों से ढका
ि क सानहत्य पर तुििात्मक दृनष्ट् से दे खिे पर द ि ों में हुआ ह त र्ार मास अच्छी वर्ाच ह और धाि् बहुत ह ।
एकरूपता दे खिे क नमिती है । अतः इि ि क कनवय ों का 3. आर्ाढ शुक्ल िनतपत् -त्रये वर्ाच यदा भवेत ।
उद्े श्य सोंस्कृत के अमूल्य एवों कनठि सानहत्य क जि- एक द्वादश र् द्र र्ाः श डर्ानप क्रमाज्जिम् ।।

12 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
आशाढ शुक्ल िनतपदा आनद तीि नतनथय ों में यनद वर्ाच ह त रूद्रदे वजी िे मेघ मािा में कहा है नक-
क्रमशः एक, बारह और स िह द्र र् जि बरसे ।
क्षुद्र पाखण्ड धुतेशु तथा ररक्त पहानस के ।
लोक
ज्ञािों ि कथ्यतामेनत यनदः शम्ुः स्वयों बदे त ।।
आर्ाढी पनडवा नदिे जइ धि गरजत बीज,
शम्ु भी आज्ञा दें त भी क्षुद्र, पाखण्ड, धुतच और व्यथच
एक द्र र् पािी पडे , बार द्र र् बि बीज ।
उपहास करिे वािे क यह नवद्या ि दें ।
द्र र् स ि पािी पडे , त्रीज तर्े नदि ह य ,
ह िी एक ऐसा रों गनबरों गा त्य हार है , नजस हर धमच के ि ग
र्ऊथे कि मोंहग करे , ज धि बरसा ह य ।। पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मिाते हैं । प्यार भरे रों ग ों से
आर्ाढी िनतपदा के नदि मेघ, गजचिा और नबजिी ह त एक सजा यह पवच हर धमच, सोंिदाय, जानत के बोंधि ख िकर
द्र र्, दू ज के नदि बारह द्र र् और तीज के नदि ह त स िह भाई-र्ारे का सोंदेश दे ता है । इस नदि सारे ि ग अपिे पुरािे
द्र र् पािी बरसे । यनद र्तु थी के नदि वर्ाच ह त धाि् मोंहगे नगिे-नशकवे भूि कर गिे िगते हैं और एक दू जे क गुिाि
हग
ों े । िगाते हैं । बच्चे और युवा रों ग ों से खेिते हैं । फाल्गुि मास
की पूनर्च मा क यह त्य हार मिाया जाता है । ह िी के साथ
4. कानतचके पुष्पनिश्पमागे स्नािों तत मतम् ।
अिेक कथाएों जुडीों हैं ।
पौशे तुशारवातोनमच निचत्यों माध धिाखन्वतः ।।
कानतचक मास में पुश्प की उत्पनत, मागचर्ीशच में स्नाि, पौर् में
तुशार और वायु ह और माघ मास बादि सनहत ह त वर्ाच
के गभच की पूर्च िाखप्त समझिा ।

ि ककाती मासह बारसी आभा त्रयर् करे य ।


बीज खखर्े बरसे सही, त र्ार मास बरसे ।।

कानतचक शुक्ल द्वादशी क आकाश में बादि ह , नबजिी


र्मके और वर्ाच ह त र्ार मास पू र्च बरसा ह ।
5. हुतार्न्या दाों खप्तकािे ऐन्द्रः स्यादनत वृशृये ।

औदीच्य धान्यनिश्पयै दु नभचक्षों दनक्षर् डनििः ।।


फाल्गुि पूनर्चमा क ह िी जिािे के समय पूवच का वायु र्िे
त बहुत वर्ाच ह , उार का वायु र्िे त धान्य की िाखप्त ह
और दनक्षर् का वायु र्िु त दु नभच क्ष ह ।

ि करज उच्छवखम्म वाओ उार बहइ,

धन्न निखफाक, पुव्वाई िीर बहुि ।

पनिम वाएर् करवरयाों औ दखिर् वायु दु काि ।।

रों ग उत्सव ( ह िी ) के नदि उत्तर नदशा का वायु र्िे त धान्य


िाखप्त अच्छी ह । पूवच का वायु र्िे त बहुत अच्छी वर्ाच ह ,
पनिम का वायु र्िे त कहीों थ डी वर्ाच और कहीों वर्ाच िहीों
और दनक्षर् का वायु र्िे त दु ष्काि पडे ।

13 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
-

22मार्च , 2023 मवश्व जल मदवस पर मवशेष


जल ही जीवन है
डॉ सरोज शुक्ला
,KA 94/628, कुरमाों र्ििगर,
इों नदरा िगर के पास,
िखिऊ--226016

जीवि की कल्पिा करिा असोंभव है , भनवष् के निए हमें


नवि जि नदवस 1993 से हर साि 22 मार्च क मिाया जि का सोंरक्षर् करिा बहुत ही महत्त्वपूर्च है ।पृथ्वी इस
जाता है , ज मीठे या ताजे पािी के महत् पर आधाररत है । ब्रह्माों ड में एकमात्र ऐसा ग्रह है जहााँ −कहीों पािी और
नवि जि नदवस, पािी क िेकर जश्न मिािे का नदि है ऑक्सीजि की उपिब्धता के कारर् ही जीवि सोंभव है ।
और सुरनक्षत पािी तक पहुों र् के नबिा रहिे वािे 2.2 जि पृथ्वी पर सभी जीनवत िानर्य ों के निए जीवि की
अरब ि ग ों के बारे में जागरूकता बढािे का नदि है । यह सबसे महत्त्वपूर्च आवश्यकता है । हािााँ नक पृथ्वी की सतह
वैनिक जि सों कि से निपििे के निए कारच वाई करिे का पर पािी की िर्ुर मात्रा, 97.5% पािी खारा है और 2.5%
भी नदि है ।पािी सबसे महत्त्वपूर्च पदाथों में से एक है , ज ताजा पािी (पीिे के िायक) है । दु निया का केवि 3%
पौध ों ,जािवर ों ,मिुष् के निए बहुत ही आवश्यक ह ता पािी एक ऐसे रूप में है नजसका हम उपय ग कर सकते
है । पािी के नबिा हम जीवि के बारे में स र् भी िहीों हैं । हम ित्येक नदि बडी मात्रा में पािी का उपय ग करते
सकते। हमारे शरीर का आधा वजि पािी से बिता है , हैं , क् नों क पािी कई अिग- अिग उद्े श्य ों क पूरा करता
पािी के नबिा दु निया में क ई भी जीव नजोंदा िहीों रह है । 2021 के निए जि सोंरक्षर् के ियास ों में उत्तर िदे श
सकते। जीवि में पािी केवि पीिे के निए ही िहीों परों तु क सवचश्रेष्ठ राज् का दजाच नदया गया है । जि शखक्त
दै निक जीवि में भी बहुत उपय गी है जैसे नक स्नाि करिा मोंत्रािय िे जि सोंरक्षर् की नदशा में उिके कायों और
,खािा पकािा ,कपडे ध िे के निए ,सफाई करिे के निए ियास ों के निए क्रमशः राजस्थाि और तनमििाडु क
आनद ऐसी बहुत सारी र्ीज ों के निए आवश्यक है ।पािी दू सरे और तीसरे स्थाि से सम्मानित नकया। दे श क
तीि रूप ों में ह ता है : 1. ठ स, बफच के रूप में, 2. तरि, अपिी कृनर्, नसोंर्ाई, उद्य ग और घरे िू आवश्यकताओों
पािी के रूप में, और गैस, जिवाष्प के रूप में जि की क पूरा करिे के निए िनत वर्च 1,000 नबनियि क्ूनबक
तीि अवस्थाएाँ ह ती है :• ठ स (solid)• द्रव्य (liquid)• गैस मीिर पािी की आवश्यकता है । पािी का उपय ग त
(gas). िगातार बढता जा रहा वहीों इसकी उपिब्धता में कमी
पृथ्वी के 70% भाग पर जि नवद्यमाि है । यह ह ती जा रही है ।
जि महासागर ों ,सागर ों में नवतररत है । जि एक पािी की इस कमी क पू रा करिे के निए सकारात्मक
रासायनिक पदाथच के रूप में भी काम आता है , यह और िभावी कदम अपिािा ह गा पर महासागर, िनदयााँ ,
रों गहीि और गोंधहीि ह ता है । जि का क्वथिाों क (boiling झीि, भूनमगत जि और वर्ाच जि के मुख्य और सबसे बडे
point) 1000 नडग्री सेखल्सयस ह ता है । जि का सतही स्र त हैं । पािी क बर्ािा और सोंरनक्षत करिा आज की
तिाव (surface tension) उच्च ह ता है , क् नों क जि के आवश्यकता है । कई गाों व पीिे के पािी की बडी समस्या
अर्ु के बीर् ह िे वािी अों त नक्रया कमज र ह ती है । जि का सामिा कर रहे हैं । पािी सभी के निए बहुत महत्त्वपूर्च
बहुत अच्छा नविायक साल्वेंि ह ता है । इसका यह मतिब है इसनिए हमें पािी बर्ािा र्ानहए। हम सभी क इस
है नक ज पदाथच अच्छी तरीके से पािी में घुि जाता है । समस्या का एहसास करिा र्ानहए और पािी बर्ािे के
जि की इस घु ििशीि िवृनत्त क हाइडर नफनिक निए ियास करिे र्ानहए। वर्ाच जि सोंर्यि जैसे कदम
(hydrophilic) का िाम नदया जाता है , जैसे नक िमक पािी बर्ािे में बडी भूनमका निभायेंगे। हम पािी के नबिा
र्ीिी ,आनद। ऐसे भी कुछ पदाथच ह ते हैं ज पािी में जीवि की कल्पिा िहीों कर सकते। पािी हमारी दु निया के
घुििशीि िहीों ह ते जैसे नक तेि और वसा। जि के नबिा अखस्तत् के निए महत्त्वपूर्च है । हमें अच्छे जीवि और आिे
वािे पीढी के निए जि का सोंरक्षर् करिा ह गा। पािी की

14 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
कमी और पािी की उच्च जरूरत ों क दे खते हुए यह जीनवत भी रह सकता है । अगर कई नदि ों तक उसे जि
महत्त्वपूर्च है नक हमें पािी की बर्त के निए सोंरक्षर् िहीों नमिे त उसकी मृत्यु भी ह सकती है ।हाइडर जि के
कायचक्रम करिे की आवश्यकता है । एक निष्कर्च पर द अर्ु और ऑक्सीजि के एक अर्ु क नमिाकर जि
पहुाँ र्ा जाये त यह कह सकते हैं नक नबिा जि के जीवि बिता है । जि का रासायनिक िाम H2Oहै । जि से
की कल्पिा करिा व्यथच है । िारे ि ईसेिी का कहिा है नक नबजिी का उत्पादि भी नकया जा सकता है । जि हमें
“यनद इस ग्रह पर जादू है , त यह पािी में निनहत है ।”पृथ्वी नसफच पीिे के निए िहीों परों तु कई सारे काम के निए
पर हर एक जीव के निए जि का बहुत ही बडा महत्त्व है । उपय गी ह ता है जैसे नक कपडे ध िे के निए, िहािे के
जीिे के निए जि के नबिा कुछ भी सोंभव िहीों है । जि के निए ,, भ जि बिािे के निए, आनद ऐसे कई सारे र्ीज ों के
नबिा जीवि की कल्पिा िहीों कर सकते । पृथ्वी पर जि निए जेि का उपय ग ह ता है ।जि ही जीवि है इस बात
पाया जाता है इसी कारर् से इसे ब्रह्माों ड का एक अि खा का हमें ध्याि रखिा र्ानहए और हमें नजतिा ह सके
ग्रह कहा जाता है । जि के कारर् ही पृथ्वी पर मिुष् की उतिा जि क बर्ािा र्ानहए।पािी सबसे महत्त्वपूर्च
जानत नवकनसत ह रही है । जीिे के निए मिुष् पशु पेड पदाथों में से है ज पौध ों ,जािवर ों ,मिुष् के निए बहुत ही
पौध ों सभी क जि की जरूरत ह ती है ।अगर नकसी आवश्यक ह ता है शरीर का आधा वजि पािी से बिता है
कारर् जि समाप्त ह जाता है त क ई भी जीव जोंतु । पािी का रासायनिक िाम H2O ह ता है । जि की तीि
जीनवत िहीों रह पाएगा क् नों क सभी जीिे के निए जि का अवस्थाएों ह ती है । जि का क ई भी रों ग िहीों ह ता का
उपय ग करते हैं 78 परसे ण्ट भाग पृथ्वी का महासागर में क्वथिाों क 100 सेखल्सयस ह ता है । ऐसे भी कुछ पदाथच ह ते
पाया जाता है , नजसमें िमकीि जि नमिता है परों तु यह हैं ज पािी में घुििशीि िहीों ह ते जैसे नक ते ि और वसा।
पािी नकसी के य ग्य िहीों है । 2.7 % जि ही पीिे के य ग्य पृथ्वी पर हर एक जीव के निए जि का बहुत ही बडा
है , ज पृथ्वी पर रहिे वािे सभी जीव इस्तेमाि करते हैं ही महत्त्व है ।मिुष् जि क नवनभन्न कायों में िय ग करता है ।
जीवि है इस बात का हर एक मिुष् क ध्याि रखिा जैसे इमारत ,ों िहर ,ों घािी, पुि ,ों जिघर ,ों जिकुोंड ,ों
र्ानहए। मिुष् क जि के सोंरक्षर् के बारे में नवर्ार करिा िानिय ों एवों शखक्त घर ों आनद के निमाच र् में। जि का अन्य
र्ानहए क् नों क पृ थ्वी से जि तेजी से नविुप्त ह रहा है उपय ग खािा पकािे , सफाई करिे , गमच पदाथच क ठों डा
यानि नक कम ह रहा है । फैखक्ट्र य ों द्वारा िदू र्र् फेि रहा करिे , वाष्प शखक्त, पररवहि, नसोंर्ाई व मत्स्य पािि आनद
है , इिका सारा कर्रा िनदय ,ों झीि ,ों तािाब में जाकर कायों के निये नकया जाता है ।शहर ों में रहिे वािे ि ग ों के
नमि रहा हैं , नजसके कारर् जि दू नर्त ह रहा है । हमें निए त िि का पािी ही सबसे सुरनक्षत और स्वस्थ
जि क दू नर्त ह िे से र किा र्ानहए तानक आिे वािे नवकल्प है ।पािी क साफ करिे के निए इसे पीति, ताों बे
समय के निए हम जि क बर्ा सके। 65 से 80% तक या नमट्टी के बतचि में 100 नडग्री सेखल्सयस पर उबािे और
जि मिुष् के शरीर में पाया जाता है । 7% रक्त में ह ता पीिे िायक ह िे पर ही िय ग में िें। ध्याि रहे नक एक
है , सेिीि ररयम के निए साफ और शुद् जि पीिा र्ानहए। बार उबािे गए पािी क आप आठ घोंिे के भीतर िय ग
ब्लीनर्ोंग पाउडर, नफिकरी डाििे से हम जि क साफ कर िें विाच इसमें वातावरर् में मौजूद बैक्ट्ीररया की वजह
कर सकते हैं । पािी पीिे से पहिे उसे उबाििा र्ानहए, से नफर से अशुखद्यााँ आ जाती हैं ।
नजसके कारर् उसमें मौजूद बैक्ट्ीररया मर जाते हैं । मिुष्
के साथ- साथ पेड पौध ों क जि की उतिी ही पािी पृथ्वी का खूि है इसे यूों ही िा बहाएों ”
आवश्यकता ह ती है । जि के नबिा क ई भी पेड पौधे “जि ही जीवि का अमूल्य धि इसक बर्ाओ कर
नवकनसत िहीों ह सकते , वह मुरझा जाते हैं और सुख जाते जति।”
हैं । मिुष् क जीनवत रहिे के निए पेड पौध ों का जीनवत “जब आप बर्ाते हैं पािी, तब आप बर्ाते हैं नजों दनगयााँ
रहिा उतिा ही आवश्यक है । खेत में ऐसे कई सारी बच्चा, बुड्ढा और जवाि पािी क बर्ाकर बिे महाि
फसि है ज जि के द्वारा ही सोंभव ह सकती है जैसे की जि जीवि िहीों रहे गा, जि की अद् भुत मनहमा तुम जाि
गेहाँ, मक्का ,र्ावि ,आनद। पशु पनक्षय ों और अन्य जीव ों क ई इों साि पािी क बर्ाकर बिे महाि“
क भी मिुष् की तरह प्यास िगती है । रे नगस्ताि में पाए जरुरत के अिुसार पािी का कीनजए उपय ग,
जािे वािे ऊाँि क “रे नगस्ताि का जहाज ” कहते हैं । वह जि बर्ाओ में आपका ह गा सहय ग”
अपिे शरीर में एक बार में 50 िीिर तक पािी पीकर उसे “ज पािी क बर्ाएगा समझदार त कहिाएगा”
सोंनर्त कर सकता है और कई नदि ों तक नबिा पािी के जि त है स िा, इसे कभी भी िहीों ख िा.

15 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

प्रकाश उत्सजचन डायोड (LED) के अनुप्रयोग से मबजली की बर्त


बसंत प्रसाद साव
तकनीकी सेवा प्रभाग,

भाभा परमाणु अनु संधान केंद्र, मुंबई

"थर्जल पावर प्ाां टोां को कोयले की कर् आपूर्तज के कारण इन र्िनोां ऊर्ाज (इलेक्ट्रिकल) का सां कट र्ांडरा रहा है , र्र्ससे एक ऐसी क्ट्थथर्त पैिा
हो गई है - र्हााँ तक र्िर्ली की खपत का सवाल है , हर्ें िहुत सावधान रहने की आवश्यकता है । लगभग िीस/पच्चीस साल पहले, भारत र्ें,
हर् कहते थे र्क िचाई गई र्िर्ली की एक इकाई, उत्पार्ित र्िर्ली की एक इकाई के िरािर होती है । हालाां र्क, सर्य िीतने के साथ,
पररदृश्य िहुत ििल गया है । आर्, शाक्ट्िक रूप से , यह 1 यू र्नट र्िर्ली की िचत होने र्ा रही है , र्ो उत्पार्ित र्िर्ली की 1.5 यूर्नट के
िरािर है"

हालाां र्क, घर र्ें कई नए र्िर्ली के उपकरणोां के आगर्न, सांकट को सुधारने के र्लए प्रकाश क्षे त् का िहुत योगिान
कारखानोां र्ें र्ै नुअल कायों को ििलने के र्लए र्िर्ली से है । एलईडी के उपयोगसे 50% से 80% तक ऊर्ाज िचत
चलने वाली कई र्शीनरी का र्वकास, और पररवहन उद्योग प्राप्त करने र्ें र्िि र्र्ल सकती है । र्नर्ित रूप से , यह
र्ें र्िर्ली के उपयोग र्ें वृक्ट्ि आर्ि ने सभी क्षे त्ोां र्ें ऊर्ाज की क्षे त् सांकट से लडने के र्लए िहुत कुछ कर सकता है ।
र्ाां ग र्ें भारी वृक्ट्ि की है । ऐसी पररक्ट्थथर्तयोां र्ें , स्वाभार्वक भारत सरकार एलईडी लैं प पेश करने के र्लए िहुत कुछ
रूप से यह सवाल उठता है र्क क्या प्रकाश क्षे त्र भारतीय कर रही है , प्रकाश उत्सर्ज न डायोड (LED) के अनु प्रयोगसे
बबजली क्षेत्र के भार को कम करने के बलए कुछ कर र्फलार्ें ट (गरर्ागरर्)लैं प की तुलना र्ें 85% और
सकता है । उपलब्ध आां कडोां के अनु सार, सावजर्र्नक सीएफएल की तुलना र्ें 50% कर् कर् ऊर्ाज की खपत
प्रकाश व्यवथथा के र्लए र्िर्ली की खपत 10% की िर से करते हैं तार्क रोशनी की सर्ान र्ात्ा का उत्पािन र्कया
िढ़ रही है (भारत की र्िर्ली खपत र्ें 7 % की सर्ग्र वृक्ट्ि र्ा सके। हालाां र्क, एलईडी तकनीक को स्वीकार करने के
की तुलना र्ें)। भारत र्ें सावजर्र्नक प्रकाश व्यवथथा की र्लए नागररकोां को भी आगे आना होगा ।
वास्तर्वक खपत 7,753 गीगा वाट घांटा है
प्रकाश उत्सजजन डायोड(एलईडी)का बवकास

सन 1907 र्ें र्िर्टश वैज्ञार्नक एच र्े राउां ड के द्वारा र्ाकोनी


लै ब्सर्ें इलेरिो ल्यूर्र्ने सेंसकी खोर्के िाि सिसे पहली िार
एलईडी को इस िु र्नया र्ें लाया गया ।उसके िाि सन 1961
र्ें गॅरी र्पटर्न और रािटज र्ियाडज र्ि अपने अनु सांधान के
द्वारा उन्ोांने यह खोर् र्कया र्क गैर्लयर् आसेनाइड र्वि् युत
धारा के सांपकज पर आने पर इन्फ्रारे ड र्वर्करण उत्सर्ज न
करता है , र्र्से की उन्ोांने िाि र्ें इन्फ्रारे ड एलईडी के नार्
से पेटेंट िना र्लया ।

भारत र्ें प्रकाशव्यवथथा के र्लए र्िर्ली की खपत कुल


र्वकर्सत ऊर्ाज का लगभग 18% है , भारत र्ें र्ौर्ू िा ऊर्ाज

16 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

एलईडी प्रकाश व्यवस्था के लाभ


उसके िाि सिसे पहली िार दृश्यर्ान प्रकाश एलईडी
(लाल रां ग)सन 1962 र्ें आई ।इसे र्नक होलोनीक र्ू र्नयरके • अर्धक ऊर्ाज िक्षता
द्वारा र्वकास र्कया गया र्ि वो र्नरल इले क्ट्रिकर्ें कार्
• लां िा र्ीवन काल
कर रहे थे । इसर्लए होलोन्याकको “प्रकाश उत्सर्ज क
डायोड का र्नक” भी कहा र्ाता है । • लो वोल्टे र् ऑपरे शन के रूप र्ें अर्धक सुरर्क्षत

एलईडी का कायच मसद्ांत: • कर् गर्ी और कोई यूवी उत्सर्ज न नहीां

एक प्रकाश उत्सर्ज क डायोड (एलईडी) एक अधजचालक • त्वररत क्ट्स्वर्चांग


उपकरण है र्ो र्वि् युत धारा प्रवार्हत होने पर प्रकाश का • र्डर्र्ां ग क्षर्ता
उत्सर्ज न करता है । र्ि र्वि् युत धारा एक एलईडी से होकर
गुर्रता है ,तो इलेरिॉन प्रर्िया र्ें प्रकाश उत्सर्र्ज त करने डीएई र्ें एलईडी का कायाज न्वयन
वाले र्छद्ोां के साथ पुनसंयोर्र्त होते हैं । एलईडी र्वि् युत एलईडी के लाभ को िे खते हुए सरकार द्वारा र्वत्तपोर्र्त
धारा को आगे की र्िशा र्ें प्रवार्हत करने की अनु र्र्त िे ते हैं सभी सार्ु िार्यक प्रकाश पररयोर्नाओां के साथ-साथ सभी
और र्वि् युत धारा को र्वपरीत र्िशा र्ें ब्लॉक कर िे ते हैं । सरकारी भवनोां र्ें एलईडी आधाररत प्रकाश व्यवथथा करना
एलईडी पी और एन-प्रकार अधजचालक सार्ग्री को र्र्ज अर्नवायज है ।
करके िनाया र्ाता है ।र्ै सा र्क हर् र्ानते हैं , एक नॉर्ज ल
डीएई भी हर र्वभाग र्ें चरणिि तरीके से एलईडी लाइर्टां ग
सेर्ीकांडरर डायोड र्ें र्सर्लकॉन और र्र्े र्नयर् का प्रयोग
र्कया र्ाता है , लेर्कन लाइट एर्र्र्टां ग डायोड र्ें इस के कायाज न्वयन के प्रर्त गांभीर है और तेर्ी से कायाज न्वयन
सेर्ीकांडरर र्टे ररयल का प्रयोग नहीां र्कया र्ाता है सुर्नर्ित करने के र्लए डीएई ने एलईडी आधाररत लाइर्टां ग
।इसके र्गह पर गैर्लयर् आसेनाइड(GaAs) या गैर्लयर् की र्नगरानी और कायाज न्वयन के र्लए एक नोडल अर्धकारी
आसेनाइड फास्फेट (GaAsP) का प्रयोग र्कया र्ाता है ।इस र्नयुक्त र्कया है ।
र्टे ररयल का यह गुण होता है , की वोल्टे र् अप्ाई करने पर
यह गर्ी नहीां, लाइट एर्र्ट करता है । िीएआरसी र्ें तकनीकी सेवा प्रभाग आां तररक और िाहरी
पारां पररक प्रकाश र्ु डनार को र्िर्ली की िचत करने वाले
एलईडी प्रकाश र्ु डनार से ििल रहा है ।एलईडी लाइर्टां ग
प्रयुक्त अधजचालक सार्ग्री और डोर्पांग की र्ात्ा के आधार
र्फक्स्चर को ििलने से र्वि् युत ऊर्ाज की िचत िेहतर
पर,एक एलईडी एक र्वशे र् वणजिर्ीय तरां ग िै र्ध्ज पर रां गीन
रोशनी और रखरखाव कर् होता है ।
प्रकाश का उत्सर्जन करे गा र्ि आगे िायथड होगा। र्ै सा
र्क र्चत् र्ें र्िखाया गया है , एलईडी एक पारिशी आवरण
से र्घरा हुआ है तार्क उत्सर्र्जत प्रकाश िाहर आ सके।

17 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
िीएआरसी र्ें सडक प्रकाश व्यवथथा के र्लये
एलईडी का उपयोग:

तकनीकी सेवा प्रभाग (िीएआरसी) ने पूरे िीएआरसी पररसर


र्ें सभी पररधीय और स्ट्िीट लाइट का रखरखाव करता है।
डीएई के र्िशार्निे श के अनुसार तकनीकी सेवा प्रभाग ने
चरणिि तरीके से सभी पारां पररक स्ट्िीट लाइटोां को एलईडी
लाइर्टां ग र्फक्स्चर र्ें ििल र्िया है और प्रर्त वर्ज 64
र्कलोवाट या 281752 यूर्नट प्रर्त वर्ज की िचत की है । भापअ केंद्र में एलईडी आधाररत स्ट्र ीट लाइट के
एलईडी लाइर्टां ग के उपयोग से हर्ें िेहतर रोशनी र्र्लती है प्रबतस्थापन के साथ कुल बबजली की बचत
और िहुत कर् रखरखाव की आवश्यकता होती
है ।तकनीकी सेवा प्रभाग सभी इनडोर और आउटडोर र्नष्कर्ज :- सॉर्लड स्ट्े ट लाइर्टां ग (एलईडी लाइर्टां ग)
प्रकाश व्यवथथा को ऊर्ाज कुशल प्रकाश के साथ ििल रहा को प्रकाश व्यवथथा के भर्वष्य के रूप र्ें र्ाना र्ाता
है ले र्कन नीचे िी गई तार्लका र्ें िीएआरसी पररसर र्ें स्ट्िीट है ,क्ोांर्कर्नयर्र्त ऊर्ाज -िचत िल्ोां के र्वपरीत वे
लाइर्टां ग र्ें एलईडी लाइट के प्रर्तथथापन पर र्वि् युत ऊर्ाज िहुत कर् ऊर्ाज का उपयोग करते हैं , िहुत लांिे सर्य
की िचत को दशाच ता है । तक चलते है । प्रौद्योर्गकी के र्वकास के साथ,एलईडी
रोशनी की प्रभावशीलता िढ़ रही है और एलईडी

िर्ाांक पोल का र्ौर्ूिा र्ौर्ूिा पारां पररक रोशनी ििला गया एलईडी आधाररत लाइट कुलर्िर्ली
र्ववरण प्रकाश की िचत (वाट)
र्ात्ा प्रकाशकीशक्ति कुलशक्ति बलास्ट्@ 20% बदलीगई बदली हुई कुलशक्ति
(वाट) (वाट) (वाट) एलईडी एलईडी (वाट)
मेंनुकसानसबहत लाइटोंकी लाइट् स (वाट)
कुलबबजली मात्रा की शक्ति।

1 "र्े" टाइप पोल 95 150 14250 17100 95 72 6840 10260


सीए रोड

2 "र्े" टाइप पोल 337 70 23590 28308 337 36 12132 16176

3 गाडज न पोल 295 70 20650 24780 295 35 10325 14455

4 वॉल िैकेट पोल 140 35 4900 5880 140 35 4900 980

5 सीधा पोल 304 70 21280 25536 304 35 10640 14896

6 फ्लड लाइट 42 250 10500 12600 42 120 5040 7560


पोल

कुलवाट र्ें 95170 114204 49877 64327

कुल बकलोवाट 114.204 64.327

बकलोवाट में कुल बचत 64.327

एक वर्ज में कुल बकलोवाट घं टा बचत (64.327*12*365) 281752

18 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
रोशनी की लागत काफी कर् हो रही है । आर्कल
एलईडी लाइर्टां ग ल्यूर्र्नेयर की प्रभावकाररता उच्च
र्ीवन काल के साथ फ्लोरे सेंट लाइर्टां ग से कहीां अर्धक
है । र्वर्भन्न र्रूरतोां के र्लए सभी प्रकार के एलईडी
प्रकाश र्ुडनार (र्फक्चर) िार्ार र्ें उपलब्ध हैं ।
तकनीकी सेवा प्रभाग ने इस ऊर्ाज कुशल एलईडी
लाइट को अपनाया है और फेर् र्ेनर और डीएई
नोडल अर्धकारी के र्िशार्निे श र्ें िाहरी और
आां र्तरक ( इनडोर) प्रकाश व्यवथथा को प्रर्तथथार्पत
र्कया है ।

19 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

प्रदू षण व उससे संबंमधत कई स्वास्थ्य समस्याएं

MkWΠgseyrk iUr


tUrq foKku foHkkx] lhñ,eñihñfMxzh dkyst] ç;kxjkt] mRrj çns'k Hkkjr
िदू र्र् हमारे जीवि के उि िमु ख नवर्य ों में से एक है , ज इस समय हमारी पृथ्वी क व्यापक स्तर पर िकारात्मक रूप से िभानवत कर रहा है ।
यह एक ऐसा मुद्ा है ज िोंबे समय से र्र्ाच में रहा है और 21वी ों सदी में इसका हानिकारक िभाव बडे पैमािे पर महसू स नकया जा रहा है ।
हािाों नक नवनभन्न दे श ों की सरकार ों िे इसके िभाव क र किे के निए कई बडे कदम उठाए हैं , िेनकि अभी भी इस मुद्े क िेकर एक िोंबा
रास्ता तय करिा बाकी है ।

िदू र्र्, नजसे पयाच वरर् िदू र्र् भी कहा जाता है । निए, यहााँ मौजूद िशासि एक ठ स रर्िीनत तैयार
पयाच वरर् में नकसी भी पदाथच (ठ स, तरि, या गैस) या करके उसपर अमि करे ।
ऊजाच का नकसी भी रूप (जैसे गमी, ध्वनि, या
वायु प्रदू षण: वायु िदू र्र् मुख्य रूप से वाहि ों से गैस के
रे नडय धनमचता) में उसके पुििचवीिीकरर्, नकसी
उत्सजचि के कारर् ह ता है । बेहद ही हानिकारक गैस
हानिरनहत रूप में सोंग्रहर् या नवघनित करिे के स्तर से
कारखाि ों और उद्य ग ों में उप-उत्पाद के रूप में उत्पानदत
ज्ादा तेजी से फैििा ही िदू र्र् कहिाता है ।
ह ती हैं , प्लाखस्टक और पनत्तय ों जैसे जहरीिे पदाथों क
इससे कई िाकृनतक िनक्रयाओों में गडबडी आती है। खुिे में जिािे से, वाहि ों के एग्जॉस्ट से , रे फ्रीजरशि
इतिा ही िहीों, आज कई विस्पनतयाों और जीव-जोंतु या त उद्य ग में उपय ग नकए जािे वािे सीएफ़सी से वायु िदू र्र्
नविुप्त ह र्ुके हैं या नविुप्त ह िे की कगार पर हैं । में बढ तरी ह ती है । हाि के दशक में बेहतर आय की
िदू र्र् की मात्रा में तेजी से वृखद् के कारर् पशु तेजी से ि वजह से भारत में सडक ों पर वाहि ों की सोंख्या में बेतहाशा
नसफच अपिा घर ख रहे हैं , बखल्क जीनवत रहिे िायक बढ तरी दे खी गई है । ये सल्फर डाइऑक्साइड तथा काबचि
िकृनत क भी ख रहे हैं । िदू र्र् िे दु निया भर के कई म ि ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस ों क फैिािे के निए
िमुख शहर ों क िभानवत नकया है । इि िदू नर्त शहर ों में भी नजम्मेदार हैं । ये गैसें पृथ्वी के वायुमोंडि में ऑक्सीजि
से अनधकाों श भारत में ही खस्थत हैं । दु निया के कुछ सबसे की मात्रा क कम करिे के निए नजम्मेदार हैं । इिकी वजह
िदू नर्त शहर ों में नदल्ली, कािपुर, बामेंडा, मॉस्क , हे ज़, से साों स िेिे की कई समस्याएों , िसि र ग, कई िकार के
र्ेरि नबि, बीनजोंग आनद शानमि हैं । हािाों नक इि शहर ों कैंसर आनद जैसी बीमाररयााँ तेजी से पिप रही हैं ।
िे िदू र्र् पर अोंकुश िगािे के निए कई कदम उठाए हैं ,
जल प्रदू षण: जि िदू र्र् आजकि मिुष् ों के सामिे
मगर नफर भी उन्हें अभी एक िोंबा रास्ता तय करिा है ।
मौजूद बडी र्ुिौनतय ों में से एक है । सीवेज अपनशष्ट्,
इि स्थाि ों की वायु गुर्वत्ता खराब है और भूनम तथा जि
उद्य ग ों या कारखाि ों आनद के कर्रे क सीधे िहर ,ों
िदू र्र् में भी बढ तरी दे खी जा रही है । अब समय आ
िनदय ों और समुद्र ों जैसे जि निकाय ों में डािा जा रहा है ।
गया है नक इि शहर ों से िदू र्र् के स्तर क कम करिे के
इसके पररर्ामस्वरूप समुद्री जीव जोंतुओों के आवास का

20 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
िुकसाि ह रहा है और जि निकाय ों में घुिी ऑक्सीजि इसके अिावा, पिाखे , कारखाि ों के कामकाज,
का स्तर भी घि रहा है । िाउडस्पीकर की आवाज (नवशेर् रूप से समार ह ों के
मौसम में) आनद भी ध्वनि िदू र्र् में अपिी भूनमका निभाते
वायु गुणवत्ता सूर्कांक: एक्ूआई (Air Quality Index
हैं । अगर इसे नियोंनत्रत िहीों नकया गया, त यह हमारे
(AQI)) एक सूर्काों क है नजसका उपय ग सरकारी
मखस्तष्क क भी िभानवत कर सकता है ।अक्सर, नदवािी
एजेंनसय ों द्वारा वायु िदू र्र् के स्तर क मापिे के निए
के त्य हार के अगिे नदि मीनडया में यह बताया जाता है नक
नकया जाता है तानक आम ि ग वायु गुर्वत्ता क िेकर
कैसे पिाख ों की वजह से भारत के िमुख शहर ों में ध्वनि
जागरूक ह सकें। जैसे-जैसे एक्ूआई (AQI) बढता है ,
िदू र्र् में वृखद् ह ती है ।
इसका मतिब है नक एक बडी जिसोंख्या गोंभीर िनतकूि
स्वास्थ्य िभाव ों का अिुभव करिे वािी है । वायु गुर्वत्ता दरअसि, वाहि उत्सजचि से र्ार िकार के िदू र्क तत्त्व
सूर्काों क यािी एक्ूआई (AQI) ि ग ों क यह जाििे में निकिते हैं --काबचि म ि क्साइड (CO), हाइडर काबचि
मदद करता है नक स्थािीय वायु गुर्वत्ता उिके स्वास्थ्य क (HC), िाइिर जि ऑक्साइड (NO) और पानिच कुिेि
कैसे िभानवत करती है । पयाच वरर् सोंरक्षर् एजेंसी (ईपीए) मैिर (PM) ,हािााँ नक ये र्ार िमुख िकार के िदू र्र् हैं ,
पाों र् िमुख वायु िदू र्क ों के निए एक्ूआई (AQI) की जीविशैिी में बदिाव के कारर् कई अन्य िकार के
गर्िा करती है , नजसके निए सावचजनिक स्वास्थ्य की िदू र्र् भी दे खे गए हैं जैसे नक रे नडय धमी िदू र्र्,
सुरक्षा के निए राष्ट्रीय वायु गुर्वत्ता मािक स्थानपत नकए िकाश िदू र्र् अन्य। यनद नकसी स्थाि पर अनधक या
गए हैं । अवाों नछत मात्रा में मािवनिनमचत िकाश पैदा नकया जाता
है , त यह िकाश िदू र्र् में य गदाि दे ता है । आजकि,
पीिे य ग्य पािी की कमी जि िदू र्र् का एक बडा
कई शहरी क्षेत्र अनधक मात्रा में अवाों नछत िकाश का
दु ष्प्रभाव है । ि ग िदू नर्त पािी पीिे क मजबूर हैं नजससे
सामिा कर रहे हैं । हम परमार्ु युग में जी रहे हैं । र्ूोंनक
है जा, डायररया, पेनर्श आनद र ग ह िे का खतरा रहता है ।
बहुत से दे श अपिे स्वयों के परमार्ु उपकरर् नवकनसत
मृदा िदू र्र्: भारतीय आबादी का एक बहुत बडा नहस्सा कर रहे हैं , इससे पृथ्वी के वातावरर् में रे नडय धमी पदाथों
कृनर् पर निभचर है । इस काम के निए, नकसाि बहुत सारे की उपखस्थनत में वृखद् हुई है । इसे रे नडय धमी िदू र्र् के
शाकिाशी, उवचरक, कवकिाशी और अन्य समाि रूप में जािा जाता है । रे नडय धमी पदाथों का सोंर्ािि
रासायनिक यौनगक ों का उपय ग करते हैं । इिके इस्तेमाि और खिि, परीक्षर्, रे नडय धमी नबजिी सोंयोंत्र ों में ह िे
से नमट्टी दू नर्त ह ती है और इससे नमट्टी आगे फसि उगािे वािी छ िी दु घचििाएाँ रे नडय धमी िदू र्र् में य गदाि दे िे
िायक िहीों रह जाती। इसके अिावा, अगर अनधकारी वािे अन्य िमुख कारर् हैं ।
जमीि पर पडे औद्य नगक या घरे िू कर्रे क डों प िहीों
ग्ल बि वानमिंग (Global Warming) जिवायु पररवतचि
करते हैं , त यह भी नमट्टी के िदू र्र् में बडा य गदाि दे ता
का िमुख कारक है । हमारे ग्रह के र्ार ों ओर गमी क
है । इसकी वजह से मच्छर ों के िजिि में वृखद् ह ती है , ज
फोंसािे वािे िदू र्र् की परत ही मुख्य कारर् है , ज
डें गू जैसी कई बीमाररय ों का कारर् बिता है । ये सभी
आजकि ग्ल बि वानमिंग (Global Warming) क बढा
कारक नमट्टी क नवर्ाक्त बिािे के निए नजम्मेदार हैं ।
रही है । जैसे मिुष् जब जीवाश्म ईोंधि जिाते हैं ,
ध्वमन प्रदू षण: वायु िदू र्र् में य गदाि दे िे के अिावा, प्लाखस्टक जिाते हैं , वाहि से हानिकारक गैस ों का
भारतीय सडक ों पर बडी सोंख्या में मौजूद वाहि, ध्वनि उत्सजचि ह ता है , जोंगि अनधक स्तर पर जिाए जाते हैं ,
िदू र्र् में भी भरपूर य गदाि दे ते हैं । यह उि ि ग ों के निए त इिसे खतरिाक गैस का उत्सजचि ह ता है ।एक बार
खतरिाक है ज शहरी क्षेत्र ों में या राजमागों के पास रहते जब यह गैस पृथ्वी के वायुमोंडि में िवेश कर जाती है , त
हैं । यह ि ग ों में नर्ोंता और तिाव जैसे सोंबोंनधत मुद् ों का अोंततः यह पूरे नवि में फैि जाती है । ितीजति, गमी नफर
कारर् बिता है ।

21 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
से उत्सनजचत ह िे के बाद अगिे 50 या 100 वर्ों तक अिग-अिग दे श ों में ये मािक अिग-अिग ह ते हैं ,
पृथ्वी के र्ार ों ओर फोंस जाती है । जैसे-अमेररका में ये िीयर-1, िीयर-2 के रूप में ह ते हैं ,
त यूर प में इन्हें यूर मािक के रूप में िय ग नकया जाता
सबसे गोंभीर बात यह है नक काबचि डाइऑक्साइड जैसी
है । भारत में सवचिथम उत्सजचि नियम ों की शुरुआत
हानिकारक गैस का स्तर खतरिाक दर से बढा है । इससे
1991 में हुई थी और तब ये नियम केवि पेिर ि इों जि से
आिे वािी पीढी सैकड ों वर्ों तक ग्ल बि वानमिंग (Global
र्ििे वािे वाहि ों पर िागू ह ते थे।BS यािी भारत स्टे ज
Warming) के िभाव ों क महसूस करे गी।
वाहि उत्सजचि मािक ों क केंद्र सरकार िे वर्च 2000 में
प्रदू षण पर अंकुश लगाने के मलए उठाए गए प्रमुख शुरू नकया था। इसके बाद 2005 और 2006 के
कदम आसपास वायु िदू र्र् पर नियोंत्रर् के निये BS-2 और BS-
3 मािक ों की शु रुआत की गई। िेनकि BS-3 मािक ों का
पयाच वरर् िदू र्र् पर अोंकुश िगािे के निए राष्ट्रीय और
अिुपािि वर्च 2010 में शुरू नकया जा सका।
अोंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनधकाररय ों िे कई कदम उठाए हैं ।
इिमें से कुछ इस िकार हैं : राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मनगरानी कायचिम

नेशनल ग्रीन मटर ब्यूनल: भारत सरकार िे भारत में वायु गुर्वत्ता िबोंधि का एक महत्त्वपूर्च भाग है वायु
पयाच वरर् से सोंबोंनधत मुद् ों पर अोंकुश िगािे के निए NGT गुर्वत्ता की निगरािी । राष्ट्रीय वायु गुर्वत्ता निगरािी
की स्थापिा की थी। 2010 से जब कई उद्य ग एिजीिी के कायचक्रम की शुरुआत वायु गुर्वत्ता की मौजूदा खस्थनत
आदे श का पािि करिे में नवफि रहे हैं , त इसिे ऐसे एवों रुझाि ों क जाििे तथा उद्य ग ों और अन्य स्र त ों से
उद्य ग ों पर भारी जुमाच िा िगाया। इसिे कई िदू नर्त ह िे वािे िदू र्र् क नवनियनमत करिे के उद्े श्य से की
झीि ों क साफ करिे में भी मदद की है । इसिे गुजरात में गई है , तानक वायु गुर्वत्ता के मािक िाप्त नकये जा सकें।
कई क यिा आधाररत उद्य ग ों क बोंद करिे का भी यह उद्य ग ों के सामानजक-आनथचक एवों पयाच वरर् सोंबोंधी
आदे श नदया, नजससे वायु िदू र्र् में इजाफा ह रहा था। िभाव ों के आकिि और शहरी आय जिा के निये
आवश्यक वायु गुर्वत्ता डे िा भी उपिब्ध कराता है ।
ऊजाच के वैकखल्पक स्र त: नपछिे कुछ वर्ों से , भारत
सरकार ि ग ों क ऊजाच के वैकखल्पक स्र त ों की ओर जािे भारत स्टे ज उत्सजचि मािक आतोंररक दहि और इों जि
के निए ि त्सानहत कर रही है । तनमििाडु राज् के तथा स्पाकच इनग्नशि इों जि के उपकरर् से उत्सनजचत वायु
निवानसय ों के निए अपिी छत ों पर सौर पैिि और वर्ाच िदू र्र् क नवनियनमत करिे के मािक हैं ।इि मािक ों
जि सोंर्यि िर्ािी रखिा अनिवायच है । वैकखल्पक ऊजाच का उद्े श्य वाहि ों से ह िे वािे वािे वायु िदू र्र् क
के अन्य स्र त जैव ईोंधि, पवि ऊजाच , जिनवद् युत ऊजाच नियोंनत्रत करिा और वातावरर् में घुि रहे ज़हर पर र क
आनद हैं । िगािा है ।वाहि ों से ह िे वािे उत्सजचि के BS मािक के
आगे सोंख्या--2, 3 या 4 और अब 6 के बढते जािे का
बी एस -6(BS-VI) ईंधन: भारत सरकार द्वारा घ र्र्ा के
मतिब है उत्सजचि के बेहतर ह ते मािक ज पयाच वरर्
बाद दे श अब BS-VI (भारत र्रर् VI) ईोंधि का उपय ग
के अिुकूि हैं । अथाच त BS के आगे नजतिा बडा िोंबर है ,
करिे में सक्षम है । इस नियम अखस्तत् में आिे के बाद,
उस गाडी से ह िे वािा िदू र्र् उतिा ही कम।नवशेर्ज्ञ ों
वाहि ों से सल्फर के ह िे वािे उत्सजचि में 50% से अनधक
का कहिा है नक BS-4 के मुकाबिे BS-6 डीज़ि में
की कमी आिे की सोंभाविा है । यह डीजि कार ों से
िदू र्र् फैिािे वािे खतरिाक पदाथच 70 से 75% तक
िाइिर जि ऑक्साइड के उत्सजचि क 70% और पेिर ि
कम ह ते हैं ।
कार ों में 25% तक कम करता है । इसी तरह, कार ों में
पानिच कुिेि मैिर के उत्सजचि में 80% की कमी बी एस -6 (BS-6) मािक िागू ह िे से िदू र्र् में काफी
आएगी।BS मािक यूर पीय नियम ों पर आधाररत हैं । कमी ह गी, नवशेर्कर डीज़ि वाहि ों से ह िे वािे िदू र्र्

22 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
में भारी कमी आएगी। िाइिर जि डाइऑक्साइड, काबचि की सूर्ी में शानमि ह गया है । िेनकि र्ीि में केवि
म ि ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और पानिच कुिेि भारी वाहि ों में ही BS-6 ईोंधि का उपय ग ह ता है।
मैिर के मामिे में BS-6 स्तर का डीज़ि काफी बेहतर उत्सजचि मािक ों क िागू करिे के मामिे में भारत नवि
ह गा।हवा में PM2.5 का अनधकतम स्तर 60 mgcm तक के अन्य दे श ों से पीछे है । अनधकाों श दे श जहााँ उत्सजचि
ह िा र्ानहये। BS-6 में यह मात्रा 20 से 40 mgcm ह ती है , मािक-6 के स्तर का अिुपािि कर रहे हैं , वहीों भारत में
जबनक BS-4 में 120 mgcm तक ह ती है ।1 अिैि से अभी भी BS-3 स्तर के वाहि ों का िय ग ह रहा है ।
नदल्ली में BS-6 की शुरुआत के बाद सरकार 1 अिैि,
दे श में केंद्रीय िदू र्र् नियोंत्रर् ब डच (CPCB) इि मािक ों
2019 से दे श के 13 बडे शहर ों में इसे शुरू करिे की
की निगरािी करिे और इन्हें जारी करिे वािी ि डि
य जिा पर काम कर रही है । 2020 से यह पूरे दे श में
एजेंसी है ।
िागू ह जाएगा अथाच त 1 अिैि, 2020 के बाद ज भी
वाहि सडक पर आएों गे उन्हें BS-6 मािक ों पर खरा BS मािक केंद्रीय िदू र्र् नियोंत्रर् ब डच (CPCB) तय
उतरिा ह गा। करता है और दे श में र्ििे वािी हर गाडी के निये इि
मािक ों पर खरा उतरिा ज़रूरी है । इसके ज़ररये ही
राष्ट्रीय पररवेशी वायु गुणवत्ता मानकों के मलये कलर
गानडय ों से निकििे वािे धुएाँ से ह िे वािे िदू र्र् क
कोडे ड सूर्कांक
नियोंत्रर् में रखा जाता है । भारत में शुरुआत BS-2 से हुई
मािव गनतनवनधय ों के िभाव क नियोंनत्रत करिे के निये थी, ज BS-3, BS-4 से ह ती हुई अब BS-6 ह गया है ।
पररवेशी वायु गुर्वत्ता के मािक क एक िीनत नदशा- कहा जा सकता है नक दे श में नपछिे वर्ों में वाहि
निदे श के रूप में नवकनसत नकया गया है नजससे िदू र्र् घिा है और अब सरकार िे तय नकया है नक BS-4
वातावरर् में िदू र्क उत्सजचि क नियोंनत्रत नकया जा के बाद सीधे BS-6 मािक िागू नकया जाएगा यािी
सके। राष्ट्रीय पररवेशी वायु गुर्वत्ता मािक के उद्े श्य हैं -- गानडय ों के इों जि की क्वानििी और बेहतर ह गी और
जिसामान्य के स्वास्थ्य, सोंपनत्त तथा विस्पनतय ों की िदू र्र् भी कम ह गा।
सुरक्षा के निये वायु की गुर्वत्ता के स्तर क उत्तम बिाए
केंद्रीय प्रदू षण मनयंत्रण बोडच
रखिा, िदू र्र् स्तर क नियोंनत्रत करिे के निये नवनभन्न
िाथनमकताओों क तय करिा, राष्ट्रीय स्तर पर वायु की केंद्रीय िदू र्र् नियोंत्रर् ब डच CPCB एक साों नवनधक सोंगठि
गुर्वत्ता का आकिि करिे के निये एकसमाि मापदों ड है । इसका गठि जि (िदू र्र् निवारर् एवों नियोंत्रर्)
बिािा तथा वायु िदू र्र् की निगरािी के कायचक्रम ों का अनधनियम, 1974 के तहत नसतोंबर, 1974 में नकया गया
सुर्ारु सोंर्ािि करिा। था। इसके अिावा, इसे वायु (िदू र्र् निवारर् एवों
नियोंत्रर्) अनधनियम, 1981 के अधीि भी शखक्तयााँ और
वायु गुर्वत्ता सूर्िा के िसार के निये वायु गुर्वत्ता
कायच सौोंपे गए हैं । यह पयाच वरर्, वि और जिवायु
सूर्काों क में वायु गुर्वत्ता की 6 श्रेनर्यााँ हैं --अच्छी,
पररवतचि मोंत्रािय के एक फील्ड सोंघिि का काम करता
सोंत र्जिक, थ डा िदू नर्त, खराब, बहुत खराब और
है तथा मोंत्रािय क पयाच वरर् (सोंरक्षर्) अनधनियम, 1986
नवनभन्न रों ग आय जिा के साथ गोंभीर। ये सभी श्रेनर्यााँ
के उपबोंध ों के बारे में तकिीकी सेवाएाँ भी िदाि करता
स्वास्थ्य पर िभाव डाििे से जुडी हैं । वायु गुर्वत्ता
है । जि (िदू र्र् निवारर् एवों नियोंत्रर्) अनधनियम, 1974
सूर्काों क 8 िदू र्क ों (PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO,
तथा वायु (िदू र्र्, निवारर् एवों नियोंत्रर्)
O3, NH3 तथा PB) पर नवर्ार करता है ।
अनधनियम,1981 में निधाच ररत नकये गए केंद्रीय िदू र्र्
BS-6 ईोंधि का उपय ग शुरू करिे के साथ ही भारत भी नियोंत्रर् ब डच के िमुख कायों में जि िदू र्र् निवारर्,
एनशया-िशाों त राष्िर ों यथा-जापाि, दनक्षर् क ररया, नियोंत्रर् तथा न्यूिीकरर् द्वारा राज् ों के नवनभन्न क्षेत्र ों में
हाों गकाों ग, ऑस्िर े निया, न्जयूजीिैंड, नफिीपीोंस और र्ीि िनदय ों और कुओों की स्वच्छता क बढावा दे िा तथा दे श

23 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
की वायु गुर्वत्ता में सुधार करिा एवों वायु िदू र्र् का सरकार िे यह निर्चय इसनिये भी निया है नक भारत में
निवारर्, नियोंत्रर् और न्यूिीकरर् करिा शानमि है । कार बिािे वािी अनधकाों श कोंपनियाों यूर -6 के अिुरूप
इों जि बिा रही हैं और उिका नियाच त भी कर रही हैं ।
बी एस -6(BS-6) से होने वाले लाभ
उिके पास तकिीक है और 2020 तक का समय भी है ।
इसका सबसे बडा फायदा त यही है नक िदू र्र् का स्तर
BS-6 मािक ों के तहत वाहि ों में नवशेर् िकार के डीज़ि
नियोंनत्रत रहे गा नजससे सााँ स िेिे के निये स्वच्छ हवा नमि
पानिच कुिेि नफल्टर िगाए जाएों गे, नजससे 80 से 90%
सकेगी। दरअसि, वाहि उत्सजचि से र्ार िकार के
PM2.5 जैसे कर् हवा में आिे से र के जा सकेंगे।इसमें
िदू र्क तत्त्व निकिते हैं --काबचि म ि क्साइड (CO),
नसिेखक्ट्व कैिे निनिक ररडक्शि िे क्न िॉजी इस्तेमाि
हाइडर काबचि (HC), िाइिर जि ऑक्साइड (NO) और
ह गी, नजससे िाइिर जि ऑक्साइड क काबू में नकया जा
पानिच कुिेि मैिर (PM)।
सकेगा।BS-6 मािक ों के िागू ह िे पर कार ों के साथ-साथ
पेिर ि इों जि से काबचि म ि क्साइड और हाइडर काबचि िर क ,ों बस ों जैसे भारी वाहि ों में भी नफल्टर िगािे ज़रूरी
का उत्सजचि अनधक ह ता है तथा डीज़ि इों जि से हग
ों े।
िाइिर जि ऑक्साइड और पानिच कुिेि मैिसच का। BS-4
मौजूदा BS-4 और BS-3 मािक ों के तहत यह शतें िागू
मािक के मुकाबिे BS-6 मािक वािे वाहि ों के उत्सजचि
िहीों ह तीों और काफी िदू र्र् ह ता है । नफिहाि पू रे
से इि सभी िदू र्क ों की मात्रा में भारी कमी
उत्तर भारत में BS-4 ईोंधि की आपूनतच ह ती है , जबनक
आएगी।PM2.5 की वैल्यू 400 mgcm जाती है त उसमें
दे श के अन्य नहस्स ों में अब भी भारत स्टे ज-3 ग्रेड का ही
120 mgcm से ज़्यादा ज्ादा का य गदाि वाहि ों से ह िे
इस्तेमाि ह रहा है । पूरे भारत में भारत स्टे ज-4 मािक
वािे िदू र्र् कर् ों से ह ता है । BS-6 ईोंधि आिे से इसमें
2017 से िागू करिे का सरकार का िस्ताव था। इसके
इिकी नहस्सेदारी 20 से 40 mgcm रह जाएगी, िेनकि
बाद 2019 में BS-5 और 2023 में BS-6 मािक ों क िागू
इसका पूरा िाभ तब नमिेगा, जब वाहि भी पूरी तरह से
नकया जािा था।
BS-6 तकिीक पर तैयार ह िे िगेंगे। BS-6 ईोंधि में अपिे
पूवचवती BS-4 की तुििा में सल्फर का स्तर पााँ र् गुिा कम मदल्ली में वाहन प्रदू षण का स्तर बेहद मर्ंताजनक
है । इसका उपय ग करिे से सल्फर के उत्सजचि में 80%
केंद्रीय िदू र्र् नियों त्रर् ब डच के अिुसार नदल्ली में वायु
िनतशत की कमी ह िे का अिुमाि है , इसीनिये इसे
िदू र्र् का सबसे बडा कारर् वाहि ों से ह िे वािा
अत्यों त स्वच्छ ईोंधि मािा जा रहा है । इससे सडक ों पर
िदू र्र् है । राजधािी में ह िे वािे कुि वायु िदू र्र् में
र्ििे वािे वतचमाि वाहि ,ों यहााँ तक नक पुरािे वाहि ों से
िगभग 37% वाहि ों की वज़ह से ह ता है ।
ह िे वािा िदू र्र् भी काफी कम ह जाएगा।
नवज्ञाि एवों पयाच वरर् केंद्र के एक अध्ययि के अिुसार
BS-6 मानकों के अनुरूप वाहनों का मनमाच ण
वायु िदू र्र् के कारर् नदल्िी में हर वर्च 10,000-30,000
भारत में अभी कारें BS-4 उत्सजचि मािक ों पर र्िती हैं , ि ग ों की मौत ह जाती है ।
िेनकि भारत में कार बिािे वािी ज्ादातर कोंपनियाों
नदल्िी में वायु िदू र्र् की खस्थनत अत्योंत नर्ोंताजिक ह
यूर -6 के अिुरूप इों जि बिा रही हैं । सरकार द्वारा BS-5
जािे के तथ्य क ध्याि में रखते हुए राजधािी में BS-6
क छ डकर 2020 से सीधे BS-6 मािक िागू करिे के
ईोंधि का उपय ग अिैि 2020 के बजाय अिैि 2018 से
निर्चय का एक बडा कारर् यह भी है नक BS-5 और BS-6
ही करिे का निर्चय सरकार िे निया।
ईोंधि में सल्फर की मात्रा बराबर ह ती है । भारत स्टे ज-4
ईोंधि में 50 पीपीएम सल्फर ह ता है , BS-5 व 6 द ि ों तरह नदल्ली में वाहि ों से ह िे वािे वायु िदू र्र् के मद्े िज़र
के ईोंधि ों में सल्फर की मात्रा 10 पीपीएम ही ह ती है । कई िकार के कदम उठाए जाते रहे हैं :

24 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
• निजी वाहि ों के निये ऑड-ईवि य जिा वायु शोधक: वायु िदू र्र् पर अोंकुश िगािे के निए ि ग
• नदल्ली शहर में िर क ों के िवेश पर र क अब वायु श धक नवशेर् रूप से इिड र में इस्तेमाि नकए
• नदल्ली-एिसीआर में निमाचर् और कर्रा जिािे जािे वािे का उपय ग कर रहे हैं । एयर प्यूरीफायर हवा
पर िनतबोंध में मौजूद पानिच कुिेि मैिर क साफ करते हैं , हानिकारक
• िगर निगम ों द्वारा पानकिंग शुल्क र्ार गुिा नकया बैक्ट्ीररया क हिाते हैं और हवा की गुर्वत्ता में काफी
जािा हद तक सुधार करते हैं ।
• सडक ों और पेड ों पर पािी का नछडकाव
• कृनत्रम वर्ाच करािे के नवकल्प पर नवर्ार िदू र्र् पर अोंकुश िगािे में यूएिओ की भूनमका:अपिे
बैिर के तहत, सोंयुक्त राष्ट्र सोंघ िे 1972 में िदू र्र् के मुद्े
नदल्ली में 2016-17 में पेिर ि की खपत 9 िाख 6 हजार
क सोंब नधत करिे के निए सोंयुक्त राष्ट्र पयाच वरर्
िि और डीज़ि की 12.6 िाख िि हुई थी। ररफाइिररय ों
कायचक्रम (यूएिईपी) की शुरुआत की गई थी। इसिे
िे BS-3/4 ईोंधि के उत्पादि के निये 55,000 कर ड
जिवायु पररवतचि, पाररखस्थनतकी तोंत्र िबोंधि, पयाच वरर्
रुपये से ज़्यादा का निवेश नकया था और अब 2020 तक
िशासि, सोंसाधि दक्षता आनद जैसे कई मुद् ों की तरफ
इसे अपग्रेड करके BS-6 मािक का बिािे के निये
आम ि ग ों का ध्याि आकनर्चत नकया है । इसिे कई
िगभग 30 हज़ार कर ड रुपए का अनतररक्त निवेश कर
सफि सोंनधय ों क मोंजूरी दी है , जैसे नक मॉखन्टर यि
रही हैं ।
ि ि कॉि (1987) ज गैस ों के उत्सजचि क सीनमत करिे
भारत के कई शहर ों में वायु िदू र्र् बेहद खतरिाक स्तर के निए सुरक्षात्मक ओज ि परत क पतिा कर रहे थे,
तक पहुाँ र् र्ुका है और ऐसे में गानडय ों से ह िे वािे जहरीिे पारा आनद के उपय ग क सीनमत करिे के निए
िदू र्र् क नियोंनत्रत करिे की ज़रूरत िोंबे समय से नमिामाता कन्वेंशि (2012) यूएिईपी िाय नजत 'सौर
महसूस की जा रही थी। वाहि ों की सोंख्या काफी अनधक ऋर् कायचक्रम' जहाों नवनभन्न दे श ों के िाख ों ि ग ों क सौर
ह िे के कारर् राजधािी नदल्ली में वायु िदू र्र् का स्तर ऊजाच पैिि िदाि नकए गए थे।
दे श में सबसे अनधक है । नदल्ली में वाहि ों की सोंख्या 1
प्रदू षण पर अंकुश लगाने के मवमभन्न तरीके:
कर ड से अनधक है , नजिमें से 60% डीज़ि वाहि हैं । ऐसे
में नदल्ली में िदू र्र् की समस्या गोंभीर है । हािाों नक नवनभन्न शहर ों के अनधकारी िदू र्र् के मुद्े पर
अोंकुश िगािे के निए कडी मेहित कर रहे हैं । ऐसे में
इसके मद्े िज़र सरकार िे 'क्लीि फ्यूि' कहिािे वािे
िागररक ों और आम ि ग ों का भी यह कतचव्य है नक वे इस
BS-6 मािक ों क वर्च 2020 से पूरे दे श में िागू करिे की
िनक्रया में अपिा य गदाि दें । सभी िकार के िदू र्र् क
य जिा के क्रम में 1 अिैि से इसकी शुरुआत नदल्ली से
र किे के कुछ महत्पूर्च उपाय निम्ननिखखत हैं -
की है । निनित तौर पर इसका असर आिे वािे समय में
तब नदखेगा, जब BS-6 इों जि से र्ििे वािे वाहि सडक ➢ पटाखों का इस्तेमाल बंद करें : जब आप
पर आ जाएों गे। तब BS-4 की तुििा में आधे से भी कम दशहरा, नदवािी या नकसी अन्य अवसर पर
िदू र्र् ह गा। वाहि ों से ह िे वािा िदू र्र् दमा, िाों स त्य हार मिाते हैं , त पिाख ों क िा कहें । यह
र ग, हृदय र ग और कैंसर जैसी बीमाररय ों का कारर् ह ध्वनि, नमट्टी के साथ-साथ िकाश िदू र्र् का
सकता है तथा वाहि ों से निकििे वािी िाइिर जि कारर् बिता है । साथ ही इसका हमारे स्वास्थ्य
ऑक्साइड वातावरर् में मौजूद हाइडर काबचि ों के साथ पर नवपरीत िभाव पडता है ।
ररएक्शि कर जमीिी स्तर पर खतरिाक ओज़ ि गैस
➢ वाहनों का प्रयोग सीममत करें : वाहि िदू र्र् का
बिाती है । इिके निये मूि रूप से डीज़ि इों जि ही सबसे
एक िमुख कारर् है । वाहि ों का िय ग कम से कम
अनधक नजम्मेदार हैं तथा 2020 से िाए जा रहे BS-6
करें । यनद सोंभव ह , त उन्हें व्यखक्तगत उपय ग के
मािक आ जािे से िदू र्र् काफी हद तक काबू में आए।
निए इिेखक्ट्र क वाहि ों से बदििे का ियास करें ।

25 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
आिे-जािे के निए ज्ादा से ज्ादा सावचजनिक ➢ पेड लगाएं : कई कारर् ों से पेड ों की किाई जैसे
पररवहि का िय ग करें । सडक ों का र्ौडीकरर्, घर बिािा आनद के कारर्
नवनभन्न िकार के िदू र्र् में वृखद् हुई है । पौधे
➢ अपने आस-पास साफ-सफाई रखें : एक नजम्मेदार
वातावरर् में मौजूद काबचि म ि ऑक्साइड, काबचि
िागररक ह िे के िाते यह हमारा कतचव्य ह िा र्ानहए
डाइऑक्साइड आनद जैसे हानिकारक गैस ों क
नक हम अपिे घर के आस-पास के क्षेत्र क साफ-
अवश नर्त करते हैं । र्ूोंनक वे िकाश सोंश्लेर्र् की
सुथरा रखें। हमें कर्डा इधर-उधर फेंकिे की बजाय
िनक्रया के दौराि ऑक्सीजि छ डते हैं , इसनिए हमारे
कूडे दाि में फेकिा र्ानहए।
निए यह महत्पूर्च है नक हम अनधक से अनधक मात्रा
➢ ररसाइकल और पुन: उपयोग - कई गैर- में पेड िगाएों और उिकी दे खभाि करें ।
बाय नडग्रेडेबि उत्पाद जै से नक प्लाखस्टक से बिे
िदू र्र् एक ऐसी समस्या है , नजसे हमें शीघ्र अनत शीघ्र
दै निक उपय ग की वस्तुएों हमारे पयाच वरर् क
हि करिे की आवश्यकता है , तानक मिुष् इस ग्रह पर
िुकसाि पहुों र्ाती हैं । हमें या त इन्हें ठीक से
सुरनक्षत रूप से रह सकें। यह महत्पूर्च है नक हम इस
नडकम्प ज करिा ह गा या इसे ररसाइखक्लोंग के निए
मुद्े क र किे के निए सुझाए गए उपाय ों का पािि करें ।
भेजिा ह गा। आजकि सरकार प्लाखस्टक क
यह हमारी नजम्मेदारी है नक हम अपिे घर क रहिे के
ररसायकि करिे के निए बहुत सारी य जिाएों र्िा
निए एक बेहतर जगह बिाएों । पृथ्वी क जीनवत रखिे के
रही है , जहाों िागररक ि केवि अपिे प्लाखस्टक के
निए हमें इसे िदू नर्त करिा बोंद करिा ह गा।
कर्रे क दाि कर सकते हैं , बखल्क अन्य वस्तुओों के
बदिे में इसका आदाि-िदाि भी कर सकते हैं ।

26 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

वाहन इं जीमनयररं ग
मेड इन इं मडया' कार वाहनों से सुधरें गी यातायात क्टथिमतयां
नवीन मत्रपाठी

बीएआरसी सुरक्षा पररषद, बीएआरसी, मुंबई-94

कार मिुष् द्वारा बिाया गया ऐसा उपकरर् है नजसका जैसे ऐसी , म्यूनजक नसस्टम, िीवी , िाइव ि केशि,
उपय ग यातायात के निए दै निक जीवि में नकया जाता खािा खािे के निए जगह , कई सारी छ िी म िी र्ीजें
है । आज के आधुनिक युग में कार मिुष् के निए अत्योंत रखिे के निए जगह ह ती है । और बैठिे के निए त
महत्पूर्च है । कार का निमाच र् कई साि ों से हुआ है , बहुत ही आरामदायक कुनसचयाों ह ती है ज हमें यातायात
आजकि कार से यातायात करिा सुिभ ह ता है , का आिोंद दे ती है । आजकि कार में इतिी सारी
क् नों क कार में कई सारे ऐसे फीर्सच है ज मिुष् क आधुनिकता आई हुई है नक नमि ों का रास्ता कुछ समय
यातायात के दौराि आिोंद दे ते हैं । आजकि कई रों ग ों में ही पार ह जाता है । कार बिािे में भारत की सबसे
की कार नमि रही है पर सबसे पसोंदीदा रों ग सफेद, िनसद् कोंपिी िािा है ज कम दाम में अच्छी से अच्छी
कािा और िाि है । आजकि कार माकेि में कई कार दे ती है । कार एक अद् भुत वाहि मािा जाता है
िकार की कार है और उि ित्येक िकार की कार की और है , कार का उपय ग हर र ज कर ड ों ि ग करते हैं ।
कीमत अिग-अिग ह ती है । कार की कीमत कार कार की यातायात के मामिे में एक सुनवधाजिक और
बिािे वािी कोंपिी पर निभचर ह ती है । वह कोंपिी उस आरामदायी भूनमका है ।ि ग कार क खरीदिे से पहिे
कार की बिावि, रों ग, नवशेर्ता के नहसाब से कीमत काफी ररसर्च करते हैं । जब वे आिस्त ह जाते हैं नक
िगाती है । उिके बजि में नफि ह िे वािी यह सबसे बेहतरीि
कार है उसके बाद ही वे उसे खरीदते हैं तानक बाद में
हर एक कार की कीमत अिग-अिग ह ती है नजस
उन्हें क ई मिाि ि ह । अपिी पसोंदीदा क ि ग
वजह से क ई भी मतिब गरीब ह या अमीर अपिी
र्िाते भी जी भरकर हैं । जानहर तौर पर ि ग अपिी
आवश्यकता के अिुसार कार खरीदते हैं । कार का
कार की साफ-सफाई के निए भी नर्ोंनतत रहे हैं ।
आकार बडे वाहि ों जैसा नवशाि िहीों ह ता पर कार
उिसे भी ज्ादा सुनवधाजिक ह ती है । हम कार में कुछ वक्त पहिे तक गोंदी कार ों क साफ करवािे का
ज्ादा सामाि िहीों िे जा सकते जैसे िर ै क्ट्र ज्ादा मतिब उन्हें वॉनशोंग सेंिर पर िे जाकर धुिवािा हुआ
सामाि िे जा सकता है । पर हमारे सुनवधा के नहसाब से करता था। िेनकि अब इस सस्ते और नसों पि तरीके में
सामाि िे जा सकते हैं । कार आरामदाई ह िे के साथ तेजी से बदिाव आया है । अब दौर है कार नडिे निोंग
ही वर्ाच के समय में वर्ाच से बर्ाती है । कार में कई सारी सनवचस िेिे का। कार नडिे निोंग में तमाम िू ल्स और
नवशेर्ताएों ह ती है ज बडी ही आधुनिकता से बिाई गई तकिीक से कार के हर नहस्से की गहरी सफाई की
है । जैसे कार में िाइि ह ते हैं नजस वजह से कार सुबह , जाती है , उसे खूब र्मकाया जाता है । ये सफाई कार
द पहर और रात क र्िा सकते हैं । इस वजह से कार वॉश से बेहतर ह ती है ।
के सवारी का आिोंद कभी भी निया जा सकता है । आज
व नदि क ई िहीों भूि सकता, जब आपकी कार
के आधुनिक युग में कार में कई सारी सुनवधा ह ती है
श रूम से आपके घर आई थी। र्मकदार

27 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
एक्सिीररअर के साथ साफ इों िीररअर, िई गाडी की कारर् इसकी बुनकोंग बोंद कर दी गई है । सेल्ट स के
खुशबु का एहसास एक अिग खुशी दे ता है । वक्त के निए ग्राहक ों क र्ार महीिे तक इों तजार करिा पड
साथ ये सब गायब ह िे िगता है । िु कसािदायक यूवी रहा है और वेन्यू भी डे ढ-द महीिे इों तजार के बाद ही
नकरर्ें , िू ि-फूि से यह कुछ धीरे -धीरे खत्म ह िे िगता नमिती है ।
है । नडिे निोंग सनवचस करवाते रहें त गाडी की उम्र
बुमकंग में बनाया ररकॉडच
बढती है , भिे ही व िजर िहीों आती ह । आपकी
सेहत के निए भी यह जरूरी है क् नों क जब आप कार अब तक इि कार ों क अच्छा ररस्पॉन्स नमिा है । िॉन्च
में ह ते हैं त एक बोंद वातावरर् में रहते हैं । इस माहौि ह िे के 22 नदि के भीतर ही अत्यनधक माों ग के कारर्
में धूि, बैक्ट्ेररया और तमाम वायरस बसे रहते हैं । ये एमजी म िर क इसकी बुनकोंग अस्थायी तौर पर बोंद
कार वॉश से िहीों साफ ह ते, क् नों क कार के नजि करिी पडी। बुनकोंग बोंद ह िे से पहिे आखखरी 36 घोंि ों
क ि ों में इिका घर ह ता है वहाों तक की गहरी सफाई में हे क्ट्र की ररकॉडच 7,000 बुनकोंग हुई।
ह ही िहीों पाती। नडिे निोंग सनवचस में उि क ि ों की भी
अब तक 3,526 हे क्ट्र कार नबक र्ुकी है । वहीों, 22
सफाई ह ती है नजिसे कार में एक स्वस्थ वातावरर्
अगस्त क िॉन्च सेल्ट स की एक नदि में ही 6,046
बिता है ।
बुनकोंग हुई थी, जबनक वे न्यू िे सबसे तेज 60 नदि ों में
नडिे निोंग सनवचस महों गी जरूर ह ती हैं िेनकि इिका करीब 50 हजार बुनकोंग का ररकॉडच बिाया। इस कार
असर भी कार वॉश की तु ििा में काफी िोंबे समय तक क पहिे नदि करीब 2,000 बुनकोंग नमिी थी।खरीदार ों
बिा रहता है । इसके तहत वैक्ूनमोंग, वैक्स, पॉनिनशोंग, के बदिते िर ें ड के बावजूद वाहि कोंपनियाों पुरािे ढरे
सीिेंि वगैरह से ज सफाई हानसि ह ती है व हफ् ों पर ही र्ि रही हैं । वे जहाों अपिी कार में िई तकिीक
तक बिी रहती है । नडिे निोंग सनवचस के बाद आपक और िए फीर्सच दे खिा र्ाहते हैं , वहीों अनधकतर
साफ और खुशबुदार गाडी हानसि ह ती है । कोंपनियाों अब भी नडजाइि में बदिाव पर ही अिकी
हैं । इस कारर् नविारा ब्रेजा, ह्यूोंडई क्रेिा, िािा हे क्सा
अगर आप कार से िगातार नजम जाते हैं त आप यह
जैसी कार ों से खरीदार मुोंह म डिे िगे हैं , जबनक िई
साफ तौर पर महसूस करें गे नक इसकी अपह ल्स्टर ी
तकिीक और िए फीर्सच से िैस हे क्ट्र, सेल्ट स, वे न्यू
नकस कदर दु गिंध स खती है । कार में पसीिे की गोंध से
और ि य िा ग्लैंजा जैसी कारें पसोंद की जा रही हैं ।
िेकर खािे की गोंध तक, सब बस जाती है । अगर कार
नडिे निोंग सनवचस िगातार करवाते रहें गे त इि गोंध ों क बीएस-6 मानक पर जोर
कभी इन्हें महसूस िहीों करें गे। ब्रनशों ग, वैक्ूनमोंग, डीप
सरकार की ओर से सभी वाहि कोंपनिय ों क कहा जा
खक्लनिोंग और परफ्यूनमोंग से गाडी हमेशा खुशबूदार
र्ुका है नक एक अिैि, 2020 से नसफच बीएस-6 इों जि
और ताजगी भरी रहे गी।
वािी कारें ही नबकेंगी। इस कारर् कोंपनिय ों िे पुरािे
पुरािी कार ों के बाजार में साफ-सुथरी गानडय ों की इों जि वािी गानडयाों बिािा कम कर नदया है और
कीमत बेहतर नमिती है और िोंबे समय तक नडिे निोंग पुरािा स्टॉक निकाििा र्ाह रही हैं ।
सनवचस िेिे वािी गाडी आसािी से पहर्ािी जाती है ।
हािाों नक, कुछ कोंपनियाों अब भी बीएस-4 इों जि का ही
नपछिे कुछ महीि ों में िॉन्च हुईों हे क्ट्र, सेल्ट स और इस्तेमाि कर रही हैं । इसके उिि खरीदार ों का माििा
वेन्यू जैसी कारें सस्ती िहीों हैं । इिकी कीमत 8 से 17 है नक जब अगिे साि से बीएस-6 इों जि वािी गानडयाों
िाख रुपये के बीर् है । खास बात यह है नक इि कार ों आ रही हैं त क् ों थ डा इों तजार कर निया जाएगा। इस
क खरीदिे के निए ि ग सात-आठ महीिे का इों तजार बीर् ज कारें बीएस-6 इों जि पर आ रही हैं , उिकी
भी कर रहे हैं । आिम यह है नक ररकॉडच माों ग के माों ग बढ रही हैं । ि य िा की है र्बैक कार ग्लैं जा

28 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
इसका उदाहरर् है , नजसकी नबक्री की बदौित ि य िा नजमिी में 195/80 िायर के साथ 15-इों र् के व्हील्स
की बाजार नहस्से दारी बढी है । नमिेंगे। यह एसयूवी 1,190 नकि ग्राम तक का भार
उठािे में सक्षम है ।
ई-वाहनों से सुधरें गी क्टथिमतयां
इं जन और पावर
दे श में बहुत ऐसे खरीदार हैं , नजन्हें ई-वाहि ों का
इों तजार है । हािाों नक, वे र्ाहते हैं नक सरकार ई-वाहि ों 5-ड र नजमिी एसूयवी में 1.5 िीिर, 4-नसिेंडर
क बढावा दे िे के निए क ई ढाों र्ा तैयार करे । अभी ई- K15B िैर्ुरिी एस्पीरे िर्ेड पेिर ि इों जि नमिेगा। यह
इों जि 6,000 rpm पर 101 bhp का अनधकतम पावर
वाहि िेिे में कतरािे की बडी वजह र्ानजिंग स्टे शि की
और 4,000 rpm पर 130 Nm का पीक िॉकच जेिरे ि
कमी है । पेिर ि पोंप त दे श में हर जगह नमि जाएों गे,
करे गा। इस एसयूवी में िर ाों सनमशि के निए 5-स्पीड
िेनकि ई-वाहि ों के निए र्ानजिंग स्टे शि िहीों नमिेंगे। मैिुअि और 4-स्पीड ऑि मैनिक नगयरबॉक्स का
इसके अिावा ई-वाहि ों के नवकल्प भी काफी कम हैं । ऑप्शि नमि सकता है ।

भारतीय वाहि बाजार पररवतचि के दौर से गुजर रहा माइलेज


है । बदिते दौर में ि ग िई तकिीक और िए फीर्सच ररप िच के मुतानबक नजमिी में 13.6 नकि मीिर िनत
से िैस कार खरीदिा र्ाहते हैं । यही वजह है नक हाि िीिर का माइिेज नमिेगा। इसके साथ ही िीक
दस्तावेज ों में इस बात का नजक्र िहीों है नक यह एसयूवी
ही हमारी िई िॉन्च सेवि सीिर कार िर ाइबर क
(ऑि व्हीि डराइव) या 4x4 नवकल्प के साथ आएगी या
अच्छा ररस्पॉन्स नमि रहा है । नपछिे साि ऑि िहीों। िैडर फ्रेम ह िे की वजह से इसमें इों जि की
एक्सप में मारुनत सुजुकी नजमिी क पेश नकया गया प नजशि बदिी हुई ह गी, ज इसके नपछिे पनहय ों क
था। नजसके बाद से भारतीय बाजार में इस एसयूवी का पावर दे गा। हािाों नक ऐसा अिुमाि है नक हाि ही में
काफी बेसब्री से इों तजार ह रहा है । हािाों नक कोंपिी िे िॉन्च हुई न्यू मनहों द्रा थार एसूयवी की तरह स्टैं डडच 4x4
'मेड इि इों नडया' नजमिी एसयूवी के 3-ड र मॉडि का नसस्टम के साथ पे श नकया जा सकता है ।
ज्यादा लगेज स्पेस
िैनिि अमेररकी दे श ों क नियाच त शुरू कर नदया
भारत में िॉन्च ह िे वािी नजमिी 5-ड र वजचि में
है ।सयूवी का साइज और वजि
अिग से िगेज स्पेस नदया जाएगा। ररप िच के मुतानबक
'मेड इि इों नडया' 5-ड र नजमिी मारुनत सुजुकी के 3-ड र वजचि वािी गानडय ों क भारत में ज्ादा पसोंद
िहीों नकया जाता है । उिका कहिा है नक ज्ादातर
हररयार्ा के मािेसर में खस्थत प्लाों ि में बिाई जा रही
भारतीय इन्हें व्यावहाररक िहीों मािते हैं । यही वजह है
है । इसकी िोंबाई 3,850 mm, र्ौडाई 1,645 mm नक भारतीय बाजार में 3-ड र वजचि वािी गानडय ों की
और ऊोंर्ाई 1,730 mm है । इस एसयूवी का व्हीिबेस क ई खास माों ग िहीों रही है । इसनिए भारत में 5-ड र
2,550 mm और ग्राउों ि क्लीयरें स 210 mm है । वजचि िॉन्च नकया जाएगा।

29 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

अमतर्ालकता की अवधारणा

डॉ० दया शंकर मत्रपाठी


बी 2/63 सी-1के, भदै नी
वाराणसी - 221 001

“सुपरकंडिर एक ऐसी र्ीज़ है जो मक मबना मकसी रुकाव/ प्रमतरोध (Resistance) के दो परमाणुओ ं के बीर् इलेिरॉन
को टर ांस्फर करवा सकता है “। ममत्रों! सरल भाषा में समझाऊँ तो, सुपरकंडिर एक साधारण कंडिर का मवकमसत
रूप है , जहां पर इलेिरॉन का थिानांतरण (Transfer Rate) काफी ज्यादा अमधक हो जाता है ।“

आज के इस नवज्ञाि युग में, इों साि ों िे अपिे बुखद्-कौशि पदाथच नवद् युत िवाह में कुछ ि कुछ िनतर ध जरूर
से कई कारिाम ों क करके नदखाया है । नर्नकत्सा ह या नदखाता है , िेनकि र्ािक की वह खस्थनत जहाों यह िनतर ध
कृनर् का क्षेत्र, हर एक जगह आपक इों साि ों के द्वारा शून्य ह जाए सामान्य पररखस्थनतय ों में िहीों ह ता था. िए
छ डी गई छाप जरूर ही नमिेंगे। वैसे ये कहिा नबिकुि अध्ययि िे इसे समान्य तापमाि पर मुमनकि कर नदखाया
भी गित िहीों ह गा नक, इों साि िे खुद एक कृनत्रम पृ थ्वी है . आज भी सुपरकोंडक्ट्र के बारे में ऐसे बहुत सारी बाते
क ही बिा निया है । यािी नवज्ञाि से जुडे आनवष्कार ों की हैं , नजिक की हमें आज जाििा बाकी है । वतचमाि के
िाइि इतिी िोंबी है नक, इसके अोंत तक पहुों र्िा बहुत ही समय में हम सुपरकोंडक्ट्र क िेकर कई सारे र्ीज़ें बिा
मुखश्कि ह र्ुका है । खैर इन्हीों बडे -बडे आनवष्कार ों के रहें हैं । परों तु , वैज्ञानिक ों का माििा हैं की, इि
अोंदर एक िाम “सुपरकोंडक्ट्र” (superconductor in सुपरकोंडक्ट्र क आिे वािे समय में हम इिेखक्ट्र नसिी
hindi) का भी आता है । िर ाों स्फर करिे के काम में िे सकते हैं । नजससे िगभग ि के
बराबर ही रे नसस्टन्स के साथ नबिा नकसी िॉस के ऊजाच
(नबजिी) क एक से दू सरे जगह तक भेजा जा पाएगा।

कम तापमान की र्ुनौती

िनतर ध हर र्ािक पदाथच के मूि गुर् ों में एक ह ता है .


िेनकि िनतर ध क शून्य तक िे जािे के निए अब तक
श धकताच ओों क तापमाि बहुत ही ज्ादा कम करिा
पडता था. िेनकि अब पहिी बार श धकताच ओों िे ऐसा
पदाथच नवकनसत नकया है ज नवद् युत िवाह का िनतर ध
केवि 15 नडग्री में ही शून्य कर दे ता है . यानि वह इसी
वैसे, सुपरकोंडक्ट्र के नवर्य में जाििा एक तरह से तापमाि पर ही सुर्ािक ह जाता है . सुर्ािकता के
नवज्ञाि के स्वनर्चम इनतहास के पन्न ों क खोंगाििे के समाि
निहाज से यह एक बहुत ही बडी ख ज सानबत ह सकती
ही है अनतर्ािकता (Superconductivity) की अवधारर्ा
है . इसकी वजह यह है नक यह पररघििा अब तक केवि
नवज्ञाि के निए िई िहीों है . िेनकि इसे सामान्य
बहुत कम तापमाि पर ही सोंभव मािी जाती थी. यह ररप िच
पररखस्थनतय ों में सोंभव बिािा बहुत पहिे से अब तक एक हाि में िेर्र में िकानशत हुई है . सुर्ािक ों की बहुत ही
सपिा ही बिा रहा था. अनतर्ािक (Superconductor)
नवस्तृत उपय नगता है . इसमें एमआरआई मशीि से िेकर
वह पदाथच ह ता है ज नवद् युत िवाह में क ई भी िनतर ध
म बाइि फ ि िावर तक शानमि हैं . श धकताच इसका
(Resistance) िहीों नदखाता है . आमतौर पर हर र्ािक

30 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
परीक्षर् पवि िरबाइि के निए बिाए जािे विे उच्च की श्रेर्ी वािे पदाथच कॉपरऑक्साइड के नसरे नमक पदाथच
निष्पादि वािे जेिेरेिसच पर करिा र्ाहते हैं . मािे जाते रहे हैं . ज कम से कम -140 नडग्री सेखल्सयस के
तापमाि पर सुर्ािता की अवस्था क िाप्त करते हैं .

नकसी भी पदाथच का सामान्य या उसके आसपास के


तापमाि में सुर्ािक क्षमता नदखािे के बहुत ज्ादा
तकिीकी फायदे हैं . इससे हमारे इिेक्ट्रॉनिक उपकरर्
सुर्िाकता की अवस्था क हानसि करिा आसाि िहीों हैं .
बहुत ही ज्ादा तेज ह जाएों गे और वह भी नबिा नकसी
अब तक वे केवि बहुत ही कम तापमाि में ही अपिी
ओवरहीनिों ग के, यानि इससे हमारे उपकरर् गमच भी िहीों
क्षमता हानसि कर पाते थे . अब तक बहुत अच्छे सुर्ािक
हग
ों े.
दबाव की र्ुनौती सल्फर और हाइडर डि ह ते हैं . इसमें एक यौनगक सल्फर
आमतौर पर सामान्य तापमाि में सुर्ािकता सोंभव है , हाइडराइड के अिावा काबचि क पदाथच है .
िेनकि उस मामिे में दबाव बहुत ही ज्ादा िगािा
पडता है . इस दबाव की मात्रा अभी नजतिा दबाव पृथ्वी काबचन ने जगाई उम्मीद:
के केंद्र में हैं उसकी तीि र्ौथाई दबाव हमें िगािे ह गा.
साि 2015 में एक ऐसा िय ग नकया था नजसमें दर्ाच या काबचि के रूप में तीसरे तत् की उपखस्थनत िे अनतर्ािक
गया था नक सुर्ािकता की अवस्था वास्तव में सामान्य पदाथच की ख ज में काफी उम्मीदें जगाई थीों. और अोंततः
तापमाि पर िाई जा सकती िेनकि तब बहुत ही अनधक उसिे काम नकया िेनकि असि मुद्ा अब भी उच्च दबाव
मात्रा का दबाव बिािा ह गा. की खस्थनत का पैदा करिा था. ताजा अध्ययि के मुतानबक
बढ़ता गया तापमान काबचि वािे सल्फर हाइडराइड वािे पदाथच में
इस िय ग में श धकताच ओों िे दबाव की मात्रा 155 अनतर्ािकता हानसि करिे के निए दबाव 267 गीगा
गीगापास्कल्स निकािी थी और सुर्ािकता का तापमाि - पास्कि दबाव की जरूरत थी. श धकताच के अिुसार इस
70 नडग्री तक िा नदया था. मैक्स प्लैंक इों स्टीट्यूि ऑफ मामिे मे ितीजे हानसि करिा नविसिीय था. िेनकि िीम
कैमेस्टरी के नमखाइि अिेस्ट और उिकी इसी िीम िे तीि क इसके निए अनतर्ािक पदाथच की सिीक सोंरर्िा क
साि बाद की इस तापमाि क -23 नडग्री तक बढा नदया सुनिनित करिा था.
िेनकि इसके निए उन्ह ि
ों े िैंथेिम युक्त हाइडर जि बहुि
यौनगक का उप यग नकया था. िेनकि जैसे ही दबाव हिाया
गया, सब कुछ ढह गया था.

मफर इस पदािच ने बढ़ाया तापमान:इसके बाद साि


2019 के बाद एक उच्च दबाव वािे हाइडर जि और
िैंथेिम के यौनगक िे -13 नडग्री पर सुर्ािकता नदखाई थी.
िेनकि ताजा ररप िच में बताया गया है नक इसमें काबचि,

31 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

इसरो द्वारा मानव अंतररक्ष उडान -गगनयान ममशन कायचिम


डॉ मीनाक्षी पाठक
आईआईटी, मुंबई

आज के समय पूरा नवि अोंतररक्ष नवज्ञाि क जाििे में गगियाि नमशि एक तरीके से मािव अोंतररक्ष उडाि की
अपिा समय व्यतीत कर रहा है । और नवनभन्न िकार के एक पररकल्पिा है , नजसे सत्यता में साकार करिे के निए
ियास ों के द्वारा अोंतररक्ष के कई राज क जाििे की भारत के महाि नवद्वाि वैज्ञानिक अपिी पूरी मेहित कर
क नशश कर रहा है । इसमें से अभी तक 3 दे श ों िे नजिका रहे हैं । इसके अोंतगचत मािव अोंतररक्ष उडाि एक पृथ्वी की
िाम अमेररका, र्ीि, और रूस है , उन्ह ि ों े अब तक पृ थ्वी निर्िी कक्षाओों के निए उडाि भरे गी। निए मूि रूप
से अोंतररक्ष में ऐसे रॉकेि भेजे हैं ज नक मािव के द्वारा से सतत भारतीय मािव अोंतररक्ष अन्वेर्र् कायचक्रम की
सोंर्ानित नकए जा रहे हैं , यािी नक रॉकेि में मािव क एक मजबूत िीोंव रखेगा।गगियाि नमशि के अोंतगचत 3
नबठाकर के अोंतररक्ष में भेजा गया है और इसे सुरनक्षत रूप अोंतररक्ष यानत्रय ों क स्पेस फ्लाइि में भेजा जाएगा ज नक
से वापस भी िाया गया है । पृथ्वी के निर्िी ऑनबचि का र्क्कर िगाएों गे। इस नमशि
भारत भी इस दौड में पीछे िहीों है । भारत अगस्त 2022 के शुरुआत के निए ही भारत सरकार िे द मािव रनहत
तक अपिे गगियाि नमशि ज नक पहिा ह्यूमि स्पेस नमशि क भी अिूव नकया है , नजसके बाद में 3 अोंतररक्ष
नमशि ह िे वािा था, उसे इस क र िावायरस के कारर् यानत्रय ों क एक ही अोंतररक्ष नवमाि के अोंदर अोंतररक्ष में
थ डा स्थनगत कर नदया गया िेनकि अब इसका निधाच ररत भेजकर के नमशि क पूर्च नकया जाएगा।
समय सि 2023 तक रखा गया है । यनद भारत इस
गगियाि नमशि के अोंतगचत तीि अोंतररक्ष यानत्रय ों क पृथ्वी
गगियाि नमशि में पूर्च रूप से सफिता िाप्त करता है त
से 400-500 नकि मीिर की दू री पर 5 से 7 नदि ों के निए
भारत वह र्ौथा दे श ह जाएगा ज नक सफितापूवचक एक
र्क्कर िगाएगा। इस गगियाि नमशि का मुख्य उद्े श्य
मािव द्वारा सोंर्ानित स्पेस फ्लाइि के द्वारा अपिा अोंतररक्ष
यह जाििा है नक क्ा भारत भी अोंतररक्ष में अोंतररक्ष
नमशि पूर्च करे गा।
यानत्रय ों क भेज सकता है या िहीों। और इसके निए सबसे
यह नमशि 2023 तक पूर्च ह जािे की सोंभाविा है । पहिे निर्िी पृथ्वी की कक्षा में तीि अोंतररक्ष यानत्रय ों क
इसीनिए पूरे नवि की िजरें भारत पर गडी हुई है । अतः भेजा जाएगा और इसके निए गगियाि नमशि का शुभारों भ
गगियाि नमशि भारत के निए बहुत जरूरी ह जाता है । नकया गया है ।
और आपके निए भी गगियाि नमशि के बारे में जाििा
सि 2018 में ही गगियाि के बारे में बातें बाहर आिे िगी
बहुत ही ज्ादा जरूरी ह जाता है । इसीनिए आज के निए
थी, िेनकि 2020 में इसकी मुख्य तारीख बाहर आ गई थी,
हम आपक बताएों गे नक गगियाि नमशि क्ा है , नमशि
नजसमें यह बताया गया था नक अगस्त 2022 तक भारत 3
2022 क्ा था, और गगियाि नमशि 2023 क्ा है ।
स्पेस फ्लाइि क अोंतररक्ष में भेजेगा। िेनकि नवज्ञाि और
गगियाि नमशि का इनतहास क्ा है , गगियाि नमशि की
िे क्न िॉजी के निए भारत सरकार के केंद्रीय मोंत्रािय से
शुरुआत कब हुई, तथा गगियाि नमशि की िर े निोंग से
यह ि निनफकेशि जारी नकया गया नक अब इस नमशि की
िेकर के, गगियाि अनभयाि की सबसे ताज़ा न्यूज़ तक
िई तारीख सि 2023 में दी जाएगी यािी नक अब यह
हम आपक सारी जािकारी दे िे का ियास करें गे।
गगियाि नमशि 2023 में पूरा नकया जाएगा।

32 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
भारत िे अोंतररक्ष नवज्ञाि क िेकर के कई महाि काम कैपेनबनििी क सानबत नकया। अब इसके बाद में र्ाइिा
नकए हैं , नजसकी वजह से भारत की इों नडयि स्पेस ररसर्च के अपिा स्पेस स्टे शि भी तैयार नकया है ।
ऑगेिाइजेशि एक महाि स्पेस आगेिाईजेशि के तौर पर
इसी क िेकर के भारत से भी उम्मीदें िगाई जा रही थी
उभरकर के सामिे आई है ।
नक भारत भी मािव स्पेसक्राफ्ट क अोंतररक्ष में भेजेगा।
इसीनिए पूरे नवि क भारत से यह उम्मीद है नक भारत और इस से िेकर के 2018 से ही बातें शुरू हुई थी।
अपिी क्षमता जरूर पहर्ािेगा और इस नमशि में गगियाि नमशि के बारे में 2018 से ही अिकिे िगिा
कामयाब ह गा। गगियाि नमशि के अोंतगचत भारत 3 स्पेस शुरू ह गई थी। और ि ग ों िे बातें करिा शुरू कर नदया
फ्लाइि क अोंतररक्ष में भेजेगा। नजसमें से द मािव रनहत था। िेनकि जब 2020 में र्ाइिा िे अपिा अोंतररक्ष याि
हग ों ी तथा एक में तीि एस्टर िॉि क 5 से 7 नदि ों के निए पृथ्वी के Lower Orbit में भेज करके अपिे मािव अोंतररक्ष
पृथ्वी की आों तररक कक्षा में र्क्कर िगाया जाएगा। यात्रा के कायच क्रम क पूर्च नकया था, उसके बाद में भारत
िे भी अपिे मािव अोंतररक्ष यात्रा क साथचक रूप दे िे के
गगियाि नमशि भारत का एक मुख्य अोंतररक्ष यात्रा नमशि
निए गगियाि के ऊपर ज र श र से काम करिा शुरू कर
है , नजसमें 2 मािव ों क एक अोंतररक्ष याि में नबठाकर के
नदया था।
पृथ्वी की निर्िी ऑनबचि में यािी नक पृथ्वी की सतह से
तकरीबि 400 से 500 नकि मीिर दू र भेजा जाएगा, और यह गगियाि सि 2022 तक पूर्च सफिता के साथ में
वहाों से वे पृथ्वी के र्क्कर िगाते हुए तकरीबि 5 से 7 नदि समाप्त भी ह जािा था, िेनकि क र िावायरस के कारर्
का समय व्यतीत करें गे। यह करके भारत यह दे खिा इस समय अवनध क स्थनगत नकया गया और अब इसे
र्ाहता है नक क्ा भारत भी अोंतररक्ष मािव नमशि क कर 2023 में कोंप्लीि नकया जाएगा।
पािे में सक्षम है या िहीों।
गगियाि नमशि नमशि की की कुि िागत के बारे में बहुत
सि 2020 में इसके निए भारत के नवज्ञाि व तकिीकी सी बातें कही जा रही है कुछ ि ग कह रहे है की इसमें
मोंत्रािय के द्वारा यह गैजेि ि निनफकेशि जारी नकया गया 9000 कर ड खर्च हुए है और कुछ तथ्य यह कहते है की
था नक सि 2022 के शुरुआत में भारत की ओर से इों नडयि इसमें 1200 कर ड से अनधक का खर्ाच आया है िेनकि,
स्पेस ररसर्च ऑगेिाइजेशि 3 स्पेस फ्लाइि क िॉन्च इसर की आनधकाररक वेबसाइि के अिुसार गगियाि
करे गी, नजसमें से द मािव रनहत ह ग ों ी तथा एक में तीि ि ग्राम की कुि िागत 9023 कर ड रुपए की है । तथा
अोंतररक्ष यात्री बैठे ह गों े। िेनकि क नवड-19 की वजह से 9023 कर ड रुपए में इस गगियाि नमशि क पूर्च रूप से
यह तारीख थ डी आगे खखसक गई। और बताया जा रहा है गनतमाि नकया जाएगा। भारत यनद इस गगियाि नमशि
नक ज गगियाि नमशि 2022, सि 2022 के शुरुआती क सफितापूवचक पूरा कर िेता है त भारत पूरे नवि में
नदि ों में ह िा था उसे सि 2022 के अोंनतम नदि ों में या नफर वह र्ौथा दे श ह जाएगा, नजसिे अमेररका रूस और
सि 2023 के शुरुआती नदि ों में जािे की सोंभाविा है । र्ाइिा के बाद में अोंतररक्ष में अपिे अोंतररक्ष यानत्रय ों क
भेजा है ।
गगनयान ममशन का इमतहास (Gaganyaan Mission
history) भारत के केंद्र सरकार में इिफामेशि िे क्न िॉजी के मोंत्री
डॉक्ट्र नजतेंद्र नसोंह िे राज्सभा के शीतकािीि सत्र में यह
गगियाि नमशि का इनतहास इतिा ज्ादा भी पुरािा िहीों
जािकारी दी नक अोंतररक्ष गगियाि नमशि 2023 में िाों र्
है , क् नों क रूस िे काफी बार मािव स्पेसक्राफ्ट क
नकया जाएगा। और ज द मािवरनहत याि क इस नमशि
अोंतररक्ष में भेजा है । इसके बाद में अमेररका िे भी पृथ्वी के
के अोंतगचत िाों र् नकया जािा था, उसे सि 2022 के अोंत
Lower Orbit में मािव स्पेसक्राफ्ट क भेजा है । यहाों तक
तक र ब ि व्य नमत्र नमशि के द्वारा भेजा जाएगा, और
की अमेररका िे अपिा मािव स्पेसक्राफ्ट र्ाों द पर भी भेजा
नमशि क सि 2023 के अोंत तक पूरा कर निया जाएगा।
है , और इसके बाद में 5 मई 2020 क र्ाइिा िे पृथ्वी के
इस गगियाि नमशि क कर िा की महामारी के कारर्
ि अर ऑनबचि में अपिे याि क भेज करके अपिे
कुछ समय के निए स्थनगत नकया गया है ।

33 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
गगनयान ममशन की टर े मनंग सें िर द्वारा नकया जाएगा। यह सूि ऑल्टर ावाइिेि सूयच के
िकाश, अोंतररक्ष के कठ र वातावरर् में स्पेस यानत्रय ों की
सि 2019 के जूि के महीिे में ह्यूमि स्पेस फ्लाइि सेंिर
रक्षा करे गा। इसमें िगे ऑक्सीजि सेिेंडर से एक घोंिे की
ज नक इसर की एक शाखा है , तथा रूस सरकार के द्वारा ऑक्सीजि िी जा सकती है।
अनधकृत ग्लवक समॉस िे एक िर े निोंग कॉन्टर ै क्ट् पर
हस्ताक्षर नकए। नजसमें इस इस गगियाि नमशि के निए व्योमनोट :भारतीय अोंतररक्ष यानत्रय ों क व्य मि ि िाम
समझौते पर हस्ताक्षर नकए गए थे नक रूस भारत की मदद नदया गया है , यह शब्द सोंस्कृत से निया गया है नजसमे
गगियाि नमशि की िर े निोंग के निए करे गा। क् नों क रूस िे व्य म का अथच अोंतररक्ष है ।
पहिे भी मािव ों क अोंतररक्ष में भेजा है । इसके निए रूस
की मदद से यह िर े निोंग ि ग्राम कोंप्लीि नकया गया। नजसमें
क्षेत्र स युज एयरक्राफ्ट की सहायता से भारतीय अोंतररक्ष
यानत्रय ों िे इस अोंतररक्ष यात्रा की िर े निोंग क पूरा नकया। इस
एयरक्राफ्ट का िाम स यूज है नजसे स यूज स्पेसक्राफ्ट के
िाम से भी जािा जाता है ।

इसर ों िे भारतीय अोंतररक्ष यानत्रय ों क िनशनक्षत करिे की


नजम्मेदारी अोंतररक्ष एजेंसी र सक सम स(Roskosmos) क
सौोंपी है इसके निये द ि ों के बीर् में अिुबोंध भी नकया गया
है । इस नमशि से पहिे मािवरनहत नमशि ह ग ों े नजसमें द
मािव की शक्ल वािे ह्यूमि र ब ि भेजा जाएगा, नजसका
सभी अोंतररक्ष यानत्रय ों क वायु सेिा से निया जायेगा। इसके िाम ‘व्य मनमत्र’ का िाम रखा गया है । इसी के तहस पहिे
निये 25 क शॉिच निस्ट भी नकया गया है । इिक एक वर्च
के दे श ों िे िर ॉयि के तौर पर पशुओों व नवनभन्न जीव ों क
के निये रुस में िर े निोंग भी दी जाएगी।
अोंतररक्ष में भेजा था।
गगनयान ममशन का स्पेस सूट
िेनकि भारत इस िर ॉयि नमशि के निये र ब ि का
गगियाि के अोंतररक्ष यानत्रय ों के सूि क सोंतरी रों ग इस्तेमाि करे गा। यह र ब ि ऑनिफीनशयि इों िेनिजेंस की
(Orange) का ह गा, नजसका निमाच र् नवक्रम साराभाई स्पेस मदद से मािव की तरह व्यवहार व कायच करें गे।

34 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

108वी ं भारतीय मवज्ञान कांग्रेस का आयोजन

सोंजय ग स्वामी
यमुिा G/13,अर्ुशखक्त िगर, मुोंबई-94

भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस की शुरुआत 1914 में की गई थी, तकिीकी सत्र में कृनर् और वानिकी नवज्ञाि, पशु , पशु
नजसके बाद से यह हर साि की शुरुआत में आय नजत नर्नकत्सा और मत्स्य नवज्ञाि, मािव नवज्ञाि और व्यवहार
की जाती है । इस वर्च , 108वी ों भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस का नवज्ञाि, रसायि नवज्ञाि, पृथ्वी िर्ािी नवज्ञाि, इों जीनियररों ग
आय जि 3-7 जिवरी 2023 क आर.िी.एम. िागपुर नवज्ञाि, पयाच वरर् नवज्ञाि, सूर्िा और सोंर्ार नवज्ञाि और
नविनवद्यािय, िागपुर, महाराष्ट्र, भारत में नकया ग। बता दें िौद्य नगकी, सामग्री नवज्ञाि, गनर्तीय नवज्ञाि, नर्नकत्सा
नक िधाि मोंत्री िरें द्र म दी 3 जिवरी क वीनडय नवज्ञाि, िई जीव नवज्ञाि, भौनतक नवज्ञाि और पादप नवज्ञाि
कॉन्जफ्रेंनसोंग के माध्यम से इस भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस के में पथ-िदशचक और अिुियुक्त अिुसोंधाि का िदशचि
उद् घािि सत्र का उद् घािि नकया। उद् घािि सत्र की नकया। इस आय जि का एक नवशेर् आकर्चर् मेगा
श भा बढािे वािे शीर्च गर्मान्य ि ग ों में महाराष्ट्र के एक्सप "िाइड ऑफ इों नडया" था, नजसमें नक िमुख
राज्पाि और महाराष्ट्र सावचजनिक नविनवद्यािय ों के नवकास, िमुख उपिखब्धयाों और समाज के निए भारतीय
कुिानधपनत, भगत नसोंह क श्यारी, केंद्रीय मोंत्री और नवज्ञाि और िौद्य नगकी के महत्पूर्च य गदाि क िदशचिी
आरिीएमएियू शताब्दी समार ह की सिाहकार सनमनत में िदनशचत नकया । ज वैज्ञानिक दु निया के पूरे कैिवास क
के अध्यक्ष, निनति गडकरी, केंद्रीय राज् मोंत्री (स्वतों त्र) कवर करिे वािे सैकड ों िए नवर्ार ,ों िवार्ार ों और
नवज्ञाि और िौद्य नगकी और पृथ्वी नवज्ञाि के निए, डॉ. उत्पाद ों क एक साथ िाता है और िदनशचत करता है ।
नजतेंद्र नसोंह, महाराष्ट्र के मुख्यमोंत्री एकिाथ नशोंदे, और िाइड ऑफ इों नडया पूरे दे श में सरकार, कॉपोरे ि,
महाराष्ट्र के उप मुख्यमोंत्री दे वेंद्र फडर्वीस शानमि थे । सावचजनिक उपक्रम ,ों शैक्षनर्क और अिुसोंधाि एवों
नवकास सोंस्थाि ,ों िविवतचक ों और उद्यनमय ों की ताकत
दरअसि, 108वी ों भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस के तकिीकी
और उपिखब्धय ों क िदनशच त करता है ।
सत्र ों क 14 वगों में नवभानजत नकया गया, नजसके तहत
नविनवद्यािय के महात्मा ज नतबा फुिे शैनक्षक पररसर में केंद्रीय मोंत्री डॉ नजतेंद्र नसों ह िे '2023 नवज्ञाि दृनष्ट्' के बारे
नवनभन्न स्थाि ों पर समािाों तर सत्र आय नजत नकए । इि 14 में मीनडया क जािकारी दी, 1 जिवरी 2023 क डॉ नजतेंद्र
वगों के अिावा, एक मनहिा नवज्ञाि काों ग्रेस, एक नकसाि नसोंह िे '2023 नवज्ञाि दृनष्ट्' के बारे में मीनडया क जािकारी
नवज्ञाि काों ग्रेस, एक बाि नवज्ञाि काों ग्रेस, एक जिजातीय दे ते हुए कहा नक वर्च 2023 भी नपछिे 25 वर्ों में से पहिा
सम्मेिि, नवज्ञाि और समाज पर एक खोंड और एक नवज्ञाि या कैिेंडर की अोंनतम नतमाही है , इससे पहिे स्वतोंत्र भारत
सोंर्ारक नवज्ञाि काों ग्रेस थी । भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस के 2047 में 100 साि का ह जाता है और अपिे सदी के
इस पूर्च सत्र में अोंतररक्ष, रक्षा, आईिी और नर्नकत्सा सपि ों क साकार करता है । मोंत्री िे कहा, यह वह वर्च भी
अिुसोंधाि सनहत नवनभन्न िकार के क्षेत्र ों के ि बेि पुरस्कार है , जब िधािमोंत्री िरें द्र म दी के िेतृत् में भारत
नवजेता, िमुख भारतीय और नवदे शी श धकताच , नवशे र्ज्ञ अोंतरराष्ट्रीय मोंर् ों पर जी-20 के मेजबाि के रूप में और
और िे क्न क्रेि शानमि थे । साथ ही उस राष्ट्र के रूप में अपिा कद द हराता है ,
नजसके िस्ताव पर दु निया अं तरराष्ट्रीय कदन्न वषच
(INTERNATIONAL MILLET YEAR-2023) मिा रही है ।

35 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
डॉ नजतेंद्र नसोंह िे कहा, "भनवष् उिका है नजिके पास
िवीि नवर्ार और िीक से हिकर िक्ष्य हैं , और उन्हें िाप्त
करिे का दृढ नविास और साहस है ।

नवज्ञाि और िौद्य नगकी से सोंबोंनधत नवभाग ों िे पहिे ही वर्च


2023 के निए अपिे फ कस और थ्रस्ट क्षेत्र ों की रूपरे खा
तैयार कर िी है । · पीएम म दी के हस्तक्षेप पर अोंतररक्ष क्षेत्र
क निजी िनतभानगय ों के निए ख ििे के बाद इसर के
पास आज बहुत कम समय में 100 से अनधक स्टािच अप हैं ।
वहीों, इसका फ कस 2024 में वैज्ञानिक अन्वेर्र् नमशि,
िौद्य नगकी िदशचि नमशि और मािव अोंतररक्ष उडाि
कायचक्रम 'गगियाि' पर है । · जैव िौद्य नगकी नवभाग
मोंत्री नजतेंद्र नसोंह िे कहा नक आज हमारे पास एक ऐसा (डीबीिी) मौजूदा और उभरती बीमाररय ों के िीक ों के
िधािमोंत्री है , ज ि केवि िीक से हिकर स र्ता है , सुधार में निवेश करके क नवड-19 वैक्सीि नमशि की
बखल्क 130 कर ड भारतीय ों क दृढ नविास के साथ निर्चय सफिताओों क आगे बढाएगा। गौरतिब है नक बाजरा के
िेिे के निए िेररत करता है । · "िवार्ार" के निए अोंतराच ष्ट्रीय वर्च में बाजरा और पादप नवर्ार्ुओों के पैथ -
िधािमोंत्री िरें द्र म दी की िगि का उल्लेख करते हुए, डॉ. जीि नमक्स पर भी िमुख नमशि शुरू नकए जाएों गे। 2023
नजतेंद्र नसोंह िे अपिे स्वतोंत्रता नदवस के सोंब धि की ओर में सीएसआईआर ग्रीि हाइडर जि पर भी ध्याि केंनद्रत
इशारा नकया, जहाों उन्ह ि
ों े कहा था, "आज तक हम अपिे करे गा क् नों क यह स्वच्छ ऊजाच नमशि के नहस्से के रूप में
श्रद्े य िाि बहादु र शास्त्री जी क उिके जय जवाि जय स्वदे शी ग्रीि हाइडर जि में पहिे ही िगनत कर र्ुका है । ·
नकसाि के िेरक उद् घ र् के निए हमेशा याद करते हैं । पृथ्वी नवज्ञाि मोंत्रािय (एमओईएस) गहरे समुद्र नमशि और
बाद में अिि नबहारी वाजपेयी जी िे जय नवज्ञाि की एक िौद्य नगनकय ों पर ध्याि केंनद्रत करे गा ज आिे वािे वर्ों में
िई कडी ज डी। िेनकि इस िए र्रर् में अब अमृत काि भारत की अथचव्यवस्था में मूल्य ज ड दे गा। 2023 में ब्लू
क ज डिा अनिवायच है । जय अिुसोंधाि अथाच त "जय इक िॉमी में भारत आगे बढिे का गवाह बिेगा।
िवार्ार"। "जय जवाि जय नकसाि जय नवज्ञाि जय
अिुसोंधाि।" · डॉ. नजतेंद्र नसोंह िे रे खाों नकत नकया नक
नसतोंबर, 2022 में आय नजत केंद्र-राज् नवज्ञाि कॉन्जक्लेव में
भी पीएम म दी िे इस बात पर िकाश डािा था नक इस
अमृत काि में भारत क अिुसोंधाि और िवार्ार का
वैनिक केंद्र बिािे के निए हमें एक साथ कई म र्ों पर
काम करिा ह गा और नवज्ञाि और िौद्य नगकी से सोंबोंनधत
अिुसोंधाि क स्थािीय स्तर पर िे जािे की आवश्यकता भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस की उपिखब्धयाों भारतीय नवज्ञाि
पर बि दे िा ह गा। काों ग्रेस सोंघ सामान्य रूप से नवज्ञाि और नवशेर् रूप से
राष्ट्रीय नवज्ञाि िीनत के नवकास में य गदाि दे रहा है ।

36 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
उपर क्त अवनध के दौराि बाि नवज्ञाि काों ग्रेस, मनहिा (िीआरसी) स्थानपत नकए हैं । डीएसिी िे इों पैखक्ट्ों ग ररसर्च
नवज्ञाि काों ग्रेस, नकसाि केंनद्रत नवज्ञाि काों ग्रेस, नवज्ञाि इि वेशि एों ड िे क्न िॉजी (इखरोंि) ि जेक्ट् में मािव
िदशचिी और नवज्ञाि सोंर्ारक ों की बैठक भी आय नजत की सोंसाधि नवकास मोंत्रािय (एमएर्आरडी) के साथ भी
गई। नवज्ञाि क ि कनिय बिािे और भारत के ि ग ों के सहय ग नकया है । यह पहि समाधाि नवकास की अनधक
बीर् वैज्ञानिक स र् पैदा करिे के निए सम्मेिि की माों ग-सोंर्ानित रर्िीनत क अपिाकर कायाच न्वयि सोंस्थाि ों
कायच वाही, पनत्रकाओों, ररप िच और अन्य सामनग्रय ों क के आकर्चर् का नवस्तार करती है और भारत के राज् ों की
िनतभानगय ों के बीर् पररर्ानित नकया गया। ि बेि नवनशष्ट् बाहरीताओों क शानमि करती है तानक अोंत-
पुरस्कार नवजेताओों, वैज्ञानिक ,ों बुखद्जीनवय ,ों नशक्षानवद ,ों उपय गकताच अिुवाद और िौद्य नगकी अपिािे क आसाि
िीनत निमाच ताओों, श धकताच ओ,ों छात्र ों और नवनभन्न सोंस्थाि ों बिाया जा सके। जैव िौद्य नगकी नवभाग (डीबीिी)
के िनतनिनधय ों सनहत िगभग 15,000 िनतभानगय ों िे अिुसोंधाि सोंस्थाि ,ों वैज्ञानिक सोंगठि ों और नविनवद्यािय ों
108वी ों भारतीय नवज्ञाि काोंग्रेस में भाग निया। कृनर् और के माध्यम से जैव िौद्य नगकी के क्षेत्र में िवीि अिुसोंधाि
वानिकी नवज्ञाि, पशु , पशु नर्नकत्सा और मत्स्य नवज्ञाि, और नवकास गनतनवनधय ों क बढावा दे ता है । नवभाग अपिे
मािव नवज्ञाि और व्यवहार नवज्ञाि (पुरातत्, मि नवज्ञाि, सावचजनिक क्षेत्र के उपक्रम बाय िे क्न िॉजी इों डस्टर ी ररसर्च
नशक्षा और सैन्य नवज्ञाि सनहत), रासायनिक नवज्ञाि, पृथ्वी अनसस्टें स काउों नसि (बीआईआरएसी) के माध्यम से
िर्ािी नवज्ञाि, इों जीनियररों ग नवज्ञाि, पयाच वरर् नवज्ञाि, िर ाों सिेशिि ररसर्च क भी बढावा दे ता है । बीआईआरएसी
सूर्िा और सोंर्ार के नवर्य ों पर 14 अिुभागीय बैठकें नवनभन्न कायचक्रम ों के माध्यम से जैव िौद्य नगकी के क्षेत्र में
नवज्ञाि और िौद्य नगकी (कोंप्यूिर नवज्ञाि सनहत), सामग्री िवीि अिुसोंधाि और नवकास गनतनवनधय ों का समथचि
नवज्ञाि, गनर्तीय नवज्ञाि (साों खख्यकी सनहत), नर्नकत्सा करता रहा है । उत्पाद नवकास के सभी र्रर् ों में समथचि
नवज्ञाि (नफनजय िॉजी सनहत), िई जीव नवज्ञाि (जैव िदाि नकया जाता है , नजसमें नवर्ार, अवधारर्ा का िमार्,
रसायि, बाय नफनजक्स, आर्नवक जीव नवज्ञाि और जैव ि ि िाइप, पायिि स्केि नवकास, सत्यापि और उत्पाद
िौद्य नगकी सनहत), भौनतक नवज्ञाि और पादप नवज्ञाि, के नवकास शानमि हैं । वैज्ञानिक और औद्य नगक अिुसोंधाि
दौराि आय नजत नकए गए थे। काों ग्रेस के पररर्ाम के रूप पररर्द (सीएसआईआर) नवनभन्न क्षेत्र ों जैसे एयर स्पेस,
में इि बैठक ों की नसफाररश ों क ग्रामीर् और छात्र इिेक्ट्रॉनिक्स और इों स्टूमेंिेशि और रर्िीनतक क्षेत्र में
समुदाय ों क सोंवेदिशीि बिािे के निए िनतभानगय ों के अत्याधुनिक नवज्ञाि और नवकासशीि िौद्य नगनकय ,ों
बीर् पररर्ानित नकया गया। 107वी ों आईएससी की 14 उत्पाद ों और ज्ञाि आधाररत सेवाओों का अिुसरर् कर रहा
अिुभागीय बैठक ों की नसफाररश ों क 28 भारतीय नवज्ञाि है ; नसनवि इन्जफ्रास्टर क्चर और इों जीनियररों ग; खिि, खनिज,
काों ग्रेस एस नसएशि (आईएससीए) क्षेत्रीय अध्याय ों में धातु और सामग्री; रसायि (र्मडे सनहत) और पेिर रसायि;
पररर्ानित नकया गया था। इि अध्याय ों में वर्च भर नवज्ञाि ऊजाच (पारों पररक और गैर-पारों पररक); ऊजाच उपकरर्;
क ि कनिय बिािे और उसकी उन्ननत के निए रर्िात्मक पाररखस्थनतकी, पयाच वरर्, पृथ्वी नवज्ञाि और जि; कृनर्,
कायच की पररकल्पिा की गई । नवज्ञाि और िौद्य नगकी प र्र् और जैव िौद्य नगकी; और हे ल्थकेयर। िर ाों सिेशिि
मोंत्रािय िे िर ाों सिेशिि साइों स और नकफायती और ररसर्च पर अनधक ज र दे िे के निए और कदम उठाते हुए,
निकाऊ िवार्ार ों क बढावा दे िे के निए कई कदम उठाए सीएसआईआर द िकार की पररय जिाओों क िागू कर
हैं । रहा है , अथाच त् फास्ट िर ै क िर ाों सिेशिि ि जेक्ट््स और
नमशि म ड ि जेक्ट््स। भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस का अभी
इस नदशा में कुछ िमुख पहिें इस िकार हैं :
तक का सफर इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि
नवज्ञाि और िौद्य नगकी नवभाग (डीएसिी) िे िर ाों सिेशिि (आईएससीए) की उत्पनत्त द नब्रनिश रसायिज्ञ ,ों ि फेसर
अिुसोंधाि क सुदृढ करिे के निए नवभाग के मौजूदा जे .एि. नसम स ों ेि और ि फेसर पी.एस. मैकम हि की
स्वायत्त सोंस्थाि ों में पाों र् तकिीकी अिुसोंधाि केंद्र दू रदनशचता और पहि के कारर् हुई है । उिके मि में यह

37 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
नवर्ार आया नक यनद नब्रनिश एस नसएशि फॉर द नवज्ञाि और जैव िौद्य नगकी सनहत), भौनतक नवज्ञाि, पादप
एडवाों समेंि ऑफ साइों स की तजच पर कुछ हद तक नवज्ञाि और एक सनमनत नवज्ञाि और समाज। रजत जयोंती
श धकनमचय ों की एक वानर्चक बैठक आय नजत की जा नवज्ञाि काों ग्रेस का रजत जयोंती सत्र 1938 में िेल्सि के
सकती है त भारत में वैज्ञानिक अिुसोंधाि क बढावा नमि िॉडच रदरफ डच की अध्यक्षता में किकत्ता में आय नजत
सकता है । बता काों ग्रेस की पहिी बैठक 15-17 जिवरी, नकया गया था, िेनकि उिकी अर्ािक मृत्यु के कारर्, सर
1914 क एनशयानिक स साइिी, किकत्ता के पररसर में जेम्स जीन्स िे कुसी सोंभािी। इसी जयोंती सत्र में पहिी बार
किकत्ता नविनवद्यािय के तत्कािीि कुिपनत, माििीय भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस के सत्र में नवदे शी वैज्ञानिक ों की
न्यायमूनतच सर आशुत र् मुखजी के अध्यक्ष के रूप में भागीदारी शुरू की गई थी। स्वर्च जयोंती नवज्ञाि काों ग्रेस िे
आय नजत की गई थी। भारत और नवदे श ों के नवनभन्न नहस्स ों अपिी स्वर्च जयोंती अक्ट्ू बर, 1963 में नदल्ली में ि .
से एक सौ पाों र् वैज्ञानिक ों िे भाग निया और 35 की सोंख्या डी.एस. क ठारी क महासनर्व बिाया। इस अवसर पर द
वािे पेपर क छह अिुभाग -ों विस्पनत नवज्ञाि, रसायि नवशेर् िकाशि निकािे गए: (1) ए शॉिच नहस्टर ी ऑफ द
नवज्ञाि, िृवोंशनवज्ञाि, भूनवज्ञाि, भौनतकी, जूिॉजी में छह इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि और (2) नफफ्टी इयसच
अिुभागीय अध्यक्ष ों के तहत नवभानजत नकया गया। पहिे ऑफ साइों स इि इों नडया (12 खोंड ों में, ित्येक खोंड में
सत्र में पढिे के निए भेजे गए सौ पाों र् सदस्य ों और पैंतीस नवज्ञाि की नवशेर् शाखा की समीक्षाएों हैं )। हीरक जयोंती
पत्र ों के साथ इस मामूिी शुरुआत से, इों नडयि साइों स नवज्ञाि काों ग्रेस का हीरक जयोंती सत्र 3-9 जिवरी, 1973
काों ग्रेस एस नसएशि आज तक साठ हजार से अनधक क डॉ. एस. भगवोंतम की अध्यक्षता में र्ोंडीगढ में
सदस्य ों के साथ एक मजबूत खस्थनत में नवकनसत ह गया है । आय नजत नकया गया था।
नजसमें नक पढिे के निए सोंिेनर्त पत्र ों की सोंख्या बढकर
इस अवसर पर द नवशेर् िकाशि निकािे गए:
िगभग द हजार ह गई है । सि् 2000 तक इसमें स िह
खोंड, द सनमनतयाों और छह फ रम थे , अिुभाग- कृनर् (1) ए नडकेड (1963-72) इों नडयि साइों स काों ग्रेस
नवज्ञाि, िृनवज्ञाि और पुरातत्, जैव रसायि, जैवभौनतकी एस नसएशि (जिरि िेनसडें ि के जीवि-रे खाओों के साथ)
और आर्नवक जीव नवज्ञाि, विस्पनत नवज्ञाि, रसायि और (2) ए नडकेड (1963-72) ऑफ साइों स इि इों नडया
नवज्ञाि, कोंप्यूिर नवज्ञाि, पृथ्वी िर्ािी नवज्ञाि, इों जीनियररों ग (1963-72) अिुभागवार)।
नवज्ञाि, सामग्री नवज्ञाि, गनर्त, नर्नकत्सा और पशु
प्लेनििम जयोंती इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि िे
नर्नकत्सा नवज्ञाि, भौनतकी, शरीर नवज्ञाि, मि नवज्ञाि और
1988 में ि .सी.एि.आर.राव के साथ जिरि िेनसडें ि के
शैनक्षक नवज्ञाि, साों खख्यकी, जूिॉजी, एों ि म िॉजी और
रूप में अपिी स्थापिा के पर्हत्तरवें वर्च , नजसे प्लेनििम
मत्स्य पािि; सनमनतयाों -गृह नवज्ञाि, नवज्ञाि और समाज;
जुबिी के िाम से भी जािा जाता है , मिाया। इसे ध्याि में
मोंर्-सोंर्ार और सूर्िा नवज्ञाि, पयाच वरर् नवज्ञाि, फ रें नसक
रखते हुए, "इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि-ग्र थ एों ड
नवज्ञाि, नवज्ञाि नशक्षा, स्कूिी छात्र ों के निए नवज्ञाि और
एखक्ट्नविीज" िामक एक नवशेर् ब्र शर िकानशत नकया
मनहिा और नवज्ञाि। अब कृनर् और वानिकी नवज्ञाि, पशु ,
गया था तानक वर्ों से एस नसएशि के कायचक्रम ों क
पशु नर्नकत्सा और मत्स्य नवज्ञाि, मािव नवज्ञाि और
उजागर नकया जा सके। मुख्य कायचक्रम थे: (i) प्लेनििम
व्यवहार नवज्ञाि (पुरातत् और मि नवज्ञाि और शैनक्षक
जुबिी के अवसर पर नवशेर् िकाशि निकाििा (ii)
नवज्ञाि सनहत), रसायि नवज्ञाि, पृथ्वी िर्ािी नवज्ञाि,
एस नसएशि के जिरि अध्यक्ष ों क पनट्टकाओों की िस्तुनत
इों जीनियररों ग नवज्ञाि, पयाच वरर् नवज्ञाि, सूर्िा और सोंर्ार
(iii) वानर्चक सत्र के दौराि ित्येक अिुभाग में आय नजत
नवज्ञाि और र्ौदह खोंड हैं। िौद्य नगकी (कोंप्यूिर नवज्ञाि
ह िे वािे प्लेनििम जुबिी व्याख्याि ों की स्थापिा नवज्ञाि
सनहत), सामग्री नवज्ञाि, गनर्तीय नवज्ञाि (साों खख्यकी
काों ग्रेस और (iv) इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि की
सनहत), नर्नकत्सा नवज्ञाि (नफनजय िॉजी सनहत), िई जीव
हाि की गनतनवनधय ों का नवस्तार और वैज्ञानिक स र् पैदा
नवज्ञाि (जैव रसायि, बाय नफनजक्स और आर्नवक जीव
करिे और नवज्ञाि क ि कनिय बिािे के निए इसका और

38 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
नवनवधीकरर्। शताब्दी सत्र इों नडयि साइों स काोंग्रेस में काों ग्रेस के दौराि नवर्ार-नवमशच की िवृनत्त में एक
एस नसएशि िे 2 जूि, 2012 क अपिी स्थापिा का सौवाों महत्पूर्च िस्थाि हुआ। कुछ समय से यह महसूस नकया
वर्च मिाया और शताब्दी सत्र 2013 में भारत के माििीय जा रहा था नक वैज्ञानिक और तकिीकी निनहताथच वािे
िधाि मोंत्री डॉ. मिम हि नसोंह की अध्यक्षता में क िकाता राष्ट्रीय मुद् ों पर व्यापक स्पेक्ट्रम क कवर करिे वािे
में आय नजत नकया गया था। इस अवसर पर भारत में वररष्ठ वैज्ञानिक ों का ऐसा जमावडा ह िा र्ानहए। 1976 में,
वैज्ञानिक ों क सम्मानित करिे और ि त्सानहत करिे के इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि के तत्कािीि
निए दस आशुत र् मुखजी फैि नशप की स्थापिा की गई। महासनर्व डॉ.एम.एस.स्वामीिाथि िे राष्ट्रीय िासोंनगकता
नवज्ञाि, िौद्य नगकी और िवार्ार िीनत 2013 जारी की गई। के फ कि नवर्य की शुरुआत की, नजस पर अब वानर्चक
शताब्दी समार ह के निए डाक नवभाग द्वारा भारतीय डाक सत्र के दौराि हर वगच, सनमनत और फ रम में र्र्ाच की
निकि जारी नकए गए। · "भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस राष्ट्रव्यापी जाती है । इिके अिावा, फ कि थीम के नवनभन्न पहिुओों
समार ह का शताब्दी सत्र" िामक एक नवशेर् पु स्तक के आसपास कई पूर्च सत्र आय नजत नकए जाते हैं नजसमें
िकानशत की गई तानक भारत में अपिे नवनभन्न अध्याय ों के वैज्ञानिक और िौद्य नगकीनवद के साथ-साथ िीनत निमाचता
माध्यम से शताब्दी समार ह के निए भारतीय नवज्ञाि और िशासक एक दू सरे के साथ बातर्ीत करते हैं । इस
काों ग्रेस एस नसएशि की पहि के बारे में जािकारी िस्तुत िकार इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि एक ऐसा मोंर्
की जा सके। नवदे शी वैज्ञानिक ों की भागीदारी भारतीय बि गया है जहााँ नवनभन्न नवर्य ों और जीवि के नवनभन्न क्षेत्र ों
नवज्ञाि काों ग्रेस का 34वाों वानर्चक सत्र 3-8 जिवरी, 1947 के सदस्य फ कि थीम पर र्र्ाच में य गदाि कर सकते हैं ।
क नदल्ली में भारत के िधाि मोंत्री पोंनडत जवाहरिाि िास्क फ सच 1980 में एक और महत्पूर्च सफिता नमिी
िेहरू के महासनर्व के रूप में आय नजत नकया गया था। जब नवज्ञाि और िौद्य नगकी नवभाग, भारत सरकार िे
पोंनडत िेहरू की नवज्ञाि काों ग्रेस में व्यखक्तगत रुनर् तभी से इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि के िनतनिनधय ों और
बिी रही और शायद ही क ई सत्र ऐसा रहा ह नजसमें सनर्व, डीएसिी की अध्यक्षता में नवनभन्न एजेंनसय ों और
उन्ह ि
ों े भाग ि निया ह । उन्ह ि
ों े दे श में, नवशेर्कर युवा स्वैखच्छक सोंगठि ों के िमुख ों क शानमि करते हुए एक
पीनढय ों के बीर् वैज्ञानिक वातावरर् के नवकास में अपिी स्थायी कायच बि का गठि नकया, ज फ कि थीम पर
निरों तर रुनर् से काों ग्रेस की गनतनवनधय ों क अत्यनधक नवनभन्न नसफाररशें अिुवती कारच वाई के निए नजम्मेदार था।
समृद् नकया है । वास्तव में 1947 से नवज्ञाि काों ग्रेस में नवज्ञाि काों ग्रेस के दौराि डीएसिी द्वारा आय नजत एक
नवदे शी समाज ों और अकादनमय ों के िनतनिनधय ों क सामान्य सत्र में हर साि नपछिी नवज्ञाि काों ग्रेस में की गई
आमोंनत्रत करिे का कायच क्रम शानमि नकया गया था। यह नसफाररश ों पर अिुवती कारच वाई पर र्र्ाच की जाती है । इस
िवृनत्त अभी भी नवज्ञाि और िौद्य नगकी नवभाग, भारत िनक्रया के माध्यम से , भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस सोंघ सामान्य
सरकार के समथचि से जारी है । नवदे शी वैज्ञानिक रूप से नवज्ञाि के नवकास और नवशेर् रूप से राष्ट्रीय
अकादनमय ों / सोंघ ों के साथ बातर्ीत स्वतोंत्रता के बाद नवज्ञाि िीनत में य गदाि दे रहा है । युवा वैज्ञानिक पुरस्कार
इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि क नवनभन्न नवदे शी कायचक्रम भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस एस नसएशि िे 1981 में
वैज्ञानिक अकादनमय /ों सोंघ ों में सनक्रय रूप से िनतनिनधत् भारतीय नवज्ञाि काों ग्रेस के 68वें सत्र से युवा वैज्ञानिक ों के
नकया गया है , जैसे नक नब्रनिश एस नसएशि फॉर द निए कायचक्रम शुरू नकया। यह कायचक्रम युवा वैज्ञानिक ों
एडवाों समेंि ऑफ साइों स, अमेररकि एस नसएशि फॉर द क अपिे समकक्ष ों और नवशेर्ज्ञ ों के साथ िासोंनगक
एडवाों समेंि ऑफ साइों स, फ्रेंर् एकेडमी ऑफ साइों स, वैज्ञानिक समस्याओों में नवर्ार ों के आदाि-िदाि के
बाों ग्लादे श एकेडमी ऑफ साइों सेज, श्रीिोंका एस नसएशि अवसर ों के साथ अपिे श ध कायच क िस्तुत करिे में
फॉर द एडवाों समेंि ऑफ द एडवाों समेंि ऑफ साइों स सक्षम बिाता है । इों नडयि साइों स काों ग्रेस एस नसएशि योंग
पारस्पररक रुनर् के नवर्य ों पर ित्यक्ष ज्ञाि िाप्त करिे की साइों निस्ट अवाड्च स सवचश्रेष्ठ िस्तुनतयाों दे िे वािे उम्मीदवार ों
दृनष्ट् से नवज्ञाि आनद। फ कि थीम का पररर्य वर्च 1976 क नदए जाते हैं ।

39 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

सोंस्मरर्
महान वैज्ञामनक- जॉन डाल्टन

उत्तम मसंह गहरवार


205, समता कॉलोनी, रायपुर

जॉि डाल्टि का जन्म 6 नसतोंबर, 1766 क इों ग्लैंड के एक क िकानशत करा दे नजसके फिस्वरुप उन्हें मैिर्ेस्टर की
गाों व इगिसनफल्ड में हुआ था। इिका पररवार आनथच क रूप ‘सानहत्यक एक दाशच निक ों की ग ष्ट्ी’ के सदस्य के रुप में
से बहुत गरीब था इिके नपता जु िाहा थे । उिकी िारों नभक आमों नत्रत कर निया गया। सारा जीवि डाल्टि का सोंबोंध इस
नशक्षा ‘कुकज़च ’ स्कूि में हुई जहाों उन्ह ि
ों े धमच नशक्षा के ग ष्ट्ी के साथ बिा रहा, और अपिे जीवि के 50 सनक्रय वर्ों
अनतररक्त गनर्त, नवज्ञाि, तथा अोंग्रेजी ग्रामर भी पढी।
में डाल्टि िे 100 से ऊपर वैज्ञानिक निबोंध ग ष्ट्ी के सदस्य ों
डाल्टि बर्पि से ही बहुत तेज थे नजस कारि उन्हें बारह वर्च के सम्मुख पढें । डाल्टि िे मै िर्ेस्टर नविनवद्यािय से
की आयु में एक स्कुि में नशक्षक की िौकरी नमि गयी। सात इस्तीफा दे नदया तानक वे अपिा पूरा ध्याि अध्ययि
साि बाद वह एक स्कूि के निोंनसपि बि गए। सि् 1793 में अिु सोंधाि में िगा सके।
जॉि कािेज में गनर्त, भौनतकी एवों रसायि शास्त्र पढािे के
डाल्टि िे अपिे निष्कर्च क अनभव्यक्त नकया की (नजसे
निए मै िर्ेस्टर र्िे गए। इसी वक्त से उन्हें ऋतु अध्ययि में
दु निया आज गैस ों का आों नशक दबाव का नसद्ाों त’ करके
एक िया शौक पैदा हुआ है ज नक उम्र भर बिा रहा सतत
सोंघर्च और िकृनत के अध्ययि के दौराि वे एक महाि नवद्वाि जािती है ) – ‘एक गैस के कर्, दू सरी गैस के कर् क िहीों,
गफ के सोंपकच में आए। अपिी ही कर् क पर धकेिते हैं ।’ नजसके आधार पर
डाल्टि िे एक धारर्ा ही बिा िी की गैस में बडे छ िे -छ िे
कर् ह ते हैं और उिके द कर् में नवभाजि दू री भी पयाच प्त
ह ती है । और यह नसद्ाों त नवज्ञाि जगह क आज भी मान्य है ।
सि 1808 में इन्ह ि ों े अपिे परमार्ु नसद्ाों त क िस्तु त नकया,
ज द्रव्य ों के अध्ययि के निए एक महत्पूर्च नसद्ाों त सानबत
हुआ।

रसायि नवज्ञाि और भौनतकी में डाल्टि का नियम' या


डाल्टि का आों नशक दाब का नियम, परस्पर नक्रया ि करिे
वािी गैस ों के कुि दाब तथा उि गैस ों के आों नशक दाब के
सम्बन्ध में है । इस नियम के अिु सार, परस्पर नक्रया ि करिे
वािी गैस ों का कुि दाब उि गैस ों के आों नशक दाब ों के य ग
के बराबर ह ता है । डाल्टि िे यह िाय नगक नियम १८०१ में
नदया था।
नवज्ञािी जीवि – डाल्टि िे वायु के कई िमू िे इों ग्लैंड की
नवनभन्न जगह ों से इकट्ठा नकए। इि सभी के नवश्लेर्र् उन्ह ि
ों े डाल्टि िे द्रव्य ों की िकृनत के बारे में एक आधारभू त नसद्ाों त
नकए। पता िगा नक वायु िायः इन्ही अव्यय से और िायः िस्तु त नकया। डाल्टि िे द्रव्य ों की नवभाज्ता का नवर्ार
इिही अिु पात ों में हर कही बिती है । उन्ह ि
ों े एक ब ति में िदाि नकया नजसे उस समय तक दाशच निकता मािा जाता
एक हल्की गैस भर के, उसे उल्टा कर, द ि ों ब ति ों के मुोंह था। ग्रीक दाशच निक ों के द्वारा द्रव्य ों के सूक्ष्मतम अनवभाज्
क नमिा नदया। ब ति ों में भारी और हल्की गैस अिग-अिग कर्, नजसे परमार्ु िाम नदया था, उसे डाल्टि िे भी परमार्ु
िहीों रही – कुछ ही दे र बाद नमिकर एक ह गई। गफ िे िाम नदया। डाल्टि का यह नसद्ाों त रासायनिक सोंय जि के
डाल्टि क िेररत नकया नक वह अपिे ऋतू सोंबोंधी अध्ययि ों नियम ों पर आधररत था। डाल्टि के परमार्ु नसद्ाों त िे

40 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
द्रव्यमाि के सोंरक्षर् के नियम एवों निनित अिु पात के नियम यह हुआ नक द्रवमात्र के िनत हमारा दृनष्ट्क र् नवघूिमुल्क
की युखक्तसोंगत व्याख्या की। डाल्टि के परमार्ु नसद्ाों त के बि गई- हर वस्तु मू ि मे नवधूिमय हैं , नवद् युत नवनिनमच त हैं ।
अिु सार सभी द्रव्य र्ाहे तत्, यौनगक या नमश्रर् ह , सूक्ष्म अिु -बम त वह भी इसी क एक नक्रयात्मक रुप दे कर। और
कर् ों से बिे ह ते हैं नजन्हें परमार्ु कहते हैं । डाल्टि के अिु शखक्त के शाों नतनिय िय ग ों के मू ि में िेररका पृष्ठभू नम भी
नसद्ाों त की नववेर्िा निम्न िकार से कर सकते हैं : त इसी की ही हैं। 27 जु िाई, 1844 क इों ग्लैंड में (77 की उम्र
में ) डाल्टि का निधि ह गया।
• सभी द्रव्य परमार्ुओों से बिे ह ते हैं ।

• परमार्ु अनवभाज् सूक्ष्मतम कर् ह ते हैं ज


रासायनिक अनभनक्रया में ि त सृनजत ह ते हैं और
ि ही उिका नविाश ह ता है ।

• नकसी भी नदए गए तत् के सभी परमार्ुओों का


द्रव्यमाि एवों रासायनिक गुर् समाि ह ते हैं ।

• नभन्न-नभन्न तत् ों के परमार्ुओों के द्रव्यमाि एवों


रासायनिक गुर्धमच नभन्न-नभन्न ह ते हैं ।

• नभन्न-नभन्न तत् ों के परमार्ु परस्पर छ िीपूर्च सोंख्या


के अिु पात में सोंय ग कर यौनगक नियनमत करते हैं।

• नकसी भी यौनगक में परमार्ुओों की सापेक्ष सोंख्या


एवों िकार निनित ह ते हैं ।

• एक रासायनिक िनतनक्रया परमार्ुओों की एक


पुिव्यच वस्था है ।

शु रू से ही डाल्टि की आों ख में कुछ नदक्कत था, नजसकी


वजह से रों ग ों में फकच कर सकिे में असमथच और आों ख के इस
िु स्क के बारे में उन्ह ि
ों े कुछ परीक्षर् भी नकए थे । वर्ाच न्धता
क आज भी ‘डॉििनिज्म’ ही कहा जाता है ।

डाल्टि के आों नशक दबाव के नियम के अिु सार, गैस ों के


नमश्रर् का कुि दबाव ित्येक घिक गैस ों के आों नशक दबाव ों
के य ग के बराबर ह ता है ।

डाल्टि के अिु सोंधाि का एक पररर्ाम त यह हुआ नक


नवज्ञाि में , नवशे र्त: रसायि में, इससे गर्िाओ में सही-सही
िाप-त ि की िवृनत्त आ गई। दू सरे , भौनतक और रासायनिक
द ि ों एक दू सरे के िजदीक आ गई। इसका एक पररर्ाम

41 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
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M‚- euh"k eksgu xksjs
वररष्ठ वैज्ञानिक, राष्ट्रीय नवज्ञाि सोंर्ार एवों िीनत अिुसोंधाि सोंस्थाि,
वैज्ञार्नक एवां औद्योर्गक अनुसांधान पररर्ि (सी.एस.आई.आर)
िई नदल्ली-110012

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42 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
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43 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
भारत की आत्मा है महंदी

डॉ संजय कुमार
संयुक्त कुलसमर्व-(सामान्य प्रशासन)
काशी महंदू मवश्वमवद्यालय
वाराणसी-221005

भारत की आत्मा के रूप में नकया गया है । दे श में नहों दी का अत्योंत महत् है ऐसे में
िर्नित नहों दी दे श के सभी भूभाग ों में वृहद् स्तर पर ब िी मातृभार्ा के रूप में नहों दी के महत् के बारे में नहों दी के
जाती है । दे श की राजभार्ा के रूप में स्थानपत नहों दी िे अमर कनव भारतेन्जदु हररिों द्र की निम्न पखक्तयााँ सिीक
दे श के नवनभि राज् ों के बीर् महत्पूर्च सेतु के रूप में बैठती है :- नवि नहों दी नदवस का उद्े श्य
कायच नकया है । स्वतोंत्रता आों द िि के दौराि भी दे श के
नवि नहों दी नदवस क वर्च 2006 से िनतवर्च 10 जिवरी
सभी भूभाग के निवानसय ों क एक साथ िाकर स्वतोंत्रता
क मिाया जा रहा है । नवि नहों दी नदवस के िमुख
आों द िि क गनत दे िे में नहों दी की महती भूनमका है । दे श
उद्े श्य निम्न िकार से है :-
की सीमाओों के बाहर वैनिक स्तर पर नहों दी के िर्ार
िसार के निए िनतवर्च नवि नहों दी नदवस का आय जि ➢ वैनिक स्तर पर नहों दी के िर्ार िसार क बढावा
नकया जाता है । िनतवर्च 10 जिवरी क मिाये जािे वािे दे िा
नवि नहों दी नदवस के माध्यम से नहों दी के वैनिक स्तर पर
➢ सोंयुक्त राष्ट्र सोंघ में नहों दी भार्ा क आनधकाररक
िर्ार िसार के निए व्यापक ियत्न नकए जाते है । आज के
भार्ा के रूप में स्थानपत करिा
इस आनिच कि के माध्यम से हम आपक नवि नहों दी नदवस
(World Hindi Diwas) के इनतहास, उद्े श्य एवों इसे ➢ नहों दी के िनत जागरूकता पै दा करिे हे तु कायच
मिाये जािे के कारर् ों के बारे में नवस्तृत जािकारी िदाि
करिे वािे है । साथ ही इस आनिच कि के माध्यम से ➢ नहों दी क िमुख वैनिक भार्ा के रूप में स्थानपत
आपक नवि नहों दी नदवस से सम्बोंनधत अन्य महत्पूर्च करिा
नबोंदुओों के बारे में भी जािकारी िदाि की जाएगी।भारत ➢ नहों दी की त्रुनिय ों क दू र करके नहों दी भार्ा में
क सोंस्कृनतय ों का घर कहा जाता है । दे श में नवनभि सुधार करिा
राज् ों में नवनभि भार्ाओ क ब ििे वािे दे शवासी रहते
है । हािाों नक यनद कश्मीर से िेकर कन्याकुमारी एवों ➢ वैनिक स्तर पर नहों दी के महत् क बढािा एवों
असम से िेकर गुजरात तक नकसी भार्ा का सबसे िसार करिा
िर्नित िय ग नमिता है त वह निसोंदेह ही नहों दी भार्ा
नवि नहों दी नदवस (World Hindi Diwas) के अवसर पर
है । दे श के िार्ीि इनतहास से िेकर स्वतोंत्रता सोंग्राम एवों
नहों दी के िर्ार िसार के निए नवनभि कायच क्रम आय नजत
आधुनिक समय तक नहों दी िे दे श के क िे -क िे से सभी
नकए जाते है । इस अवसर पर भारत सरकार एवों नवनभि
निवानसय ों के मध्य सेतु के रूप में कायच नकया है । वर्च
राज् सरकार के द्वारा सरकारी कायच क नहों दी में करिे
2011 की जिगर्िा के मुतानबत भारत में नहों दी ब ििे
का सों कल्प निया जाता है एवों नहों दी क बढावा दे िे के
वाि ों की सोंख्या 43.63 फीसदी है ज की दे श की सभी
निए नवनभि कायचक्रम का सोंर्ािि नकया जाता है । साथ
भार्ाओ में सवाच नधक है ।भारत में व्यापक रूप से
ही दे श या नवदे श में इस नदवस पर एक िमुख कायच क्रम
िर्नित नहों दी दे श के बाहर िेपाि, सूरीिाम, मॉरीशस,
का आय जि भी नकया जाता है । निबोंध िनतय नगता,
नत्रनिदाद और ि बैग , गुयािा एवों नफजी में भी ब िी
सेनमिार, वाद-नववाद, बैठक, र्र्ाच एवों अन्य माध्यम ों से
जाती है । दे श में नहों दी क राजभार्ा के रूप में स्वीकार
इस नदि नहों दी के िर्ार हे तु ियास नकए जाते है ।भारत के

44 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
सोंनवधाि िे दे विागरी निनप में निखखत नहों दी क 1950 के आनधकाररक भार्ाओों में से एक है । यह नदि हमें यह
अिुच्छेद 343 के तहत दे श की आनधकाररक भार्ा के याद नदिािे का एक छ िा सा ियास है नक नहों दी हमारी
रूप में 1950 में अपिाया। इसके साथ ही भारत सरकार आनधकाररक भार्ा है और बहुत अनधक महत् रखता
के स्तर पर अोंग्रेजी और नहों दी द ि ों भार्ाएों औपर्ाररक है ।
रूप से इस्तेमाि हुईों। 1949 में भारत की सोंनवधाि सभा
जहााँ अोंग्रेजी एक नविव्यापी भार्ा है और इसके महत्
िे दे श की आनधकाररक भार्ा के रूप में नहों दी क
क अिदे खा िहीों नकया जा सकता है वही ाँ हमें यह िहीों
अपिाया। वर्च 1949 से ित्येक वर्च 14 नसतोंबर क नहों दी
भूििा र्ानहए नक हम पहिे भारतीय हैं और हमें हमारी
नदवस मिाया जाता है ।
राष्ट्रीय भार्ा का सम्माि करिा र्ानहए। आनधकाररक
महंदी मदवस का महत्व भार्ा के रूप में नहों दी क अपिािे से सानबत ह ता है नक
सत्ता में रहिे वािे ि ग अपिी जड ों क पहर्ािते हैं
नहों दी नदवस क उस नदि क याद करिे के निए मिाया
और र्ाहते हैं नक ि ग ों द्वारा नहों दी क भी महत् नदया
जाता है नजस नदि नहों दी हमारे दे श की आनधकाररक
जाए।
भार्ा बि गई। यह हर साि नहों दी के महत् पर ज र दे िे
और हर पीढी के बीर् इसक बढावा दे िे के निए मिाया
जाता है ज अोंग्रेजी से िभानवत है । यह युवाओों क
अपिी जड ों के बारे में याद नदिािे का एक तरीका है ।
इससे क ई फकच िहीों पडता नक हम कहााँ तक पहुों र्े हैं
और हम क्ा करते हैं अगर हम अपिी जड ों के साथ
मैदाि में डिे रहे और समन्वनयत रहें त हम अपिी
पकड मजबूत बिा िेंगे।

यह नदि हर साि हमें हमारी असिी पहर्ाि की याद


नदिाता है और दे श के ि ग ों क एकजुि करता है ।
जहाों भी हम जाएाँ हमारी भार्ा, सोंस्कृनत और मूल्य हमारे
साथ बरक़रार रहिे र्ानहए और ये एक अिुस्मारक के
रूप में कायच करते है । नहों दी नदवस एक ऐसा नदि है ज
हमें दे शभखक्त भाविा के निए िेररत करता है ।

आज के समय में अों ग्रेजी की ओर एक झुकाव है नजसे


समझा जा सकता है क् नों क अोंग्रेजी का इस्ते माि दु निया
भर में नकया जाता है और यह भी भारत की
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45 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

पु स्तक समीक्षा

पुस्तक का नाम- वैमदक एवं पौरामणक सामहत्य में मवज्ञान

ले खक- डॉ दया शंकर मत्रपाठी (एम.एससी., पीएर्.डी., मडप्लोमा इन


योगा)
संपादन- प्रो. उपेन्द्र कुमार मत्रपाठी, समन्वयक, वैमदक मवज्ञान केन्द्र,
काशी महन्दू मवश्वमवद्यालय, वाराणसी।
प्रकाशक- वैमदक मवज्ञान केन्द्र, काशी महन्दू मवश्वमवद्यालय,
वाराणसी- 221005
संस्करण- प्रिम, वषच 2021,
मूल्य- ₹175/- मात्र
आईएसबीएन- 978-81-951360-6-3
पृष्ों की कुल संख्या- कुल 98 पृष्.

वैनदक नवज्ञाि शाित है । अखखि ब्रह्माों ड में ज कुछ भी है नवनधवत अध्ययि कर इस िकार से वर्चि नकया है नक
और ह सकता है , वह हमारे ऋनर्-मुनिय ों द्वारा पहिे ही आज का आधुनिक नवज्ञाि भी उन्हें पढ कर हतिभ ह
नकसी ि नकसी रूप में श्रुनत एवों ज्ञाि परम्परा में निनपबद् जाता है और उन्हें गित भी नसद् िहीों कर सकता। यह
कर मािव कल्यार् हे तु िस्तुत नकया गया है । वैनदक पढकर आियच ह ता है नक उन्ह ि ों े शरीर में हनड्डय ों की
नवज्ञाि और आधुनिक नवज्ञाि के मध्य सोंबोंध स्थानपत करिे सोंख्या, िानडय ों और धमनिय ों के सोंख्या का सिीक
के उद्े श्य से हािही में काशी नहों दू नविनवद्यािय में वैनदक नववरर् िस्तुत नकया है । हमारे ऋनर्य ों द्वारा पृथ्वी पर
नवज्ञाि केंद्र की स्थापिा की गई है , ज इस नदशा में ऋतु , वर्ाच , पोंर्महाभूत आनद का नवस्तृत नववरर् नदया
कायचरत है । िस्तुत पुस्तक "वैनदक एवों पौरानर्क गया है ज मोंत्र ों और श्ल क ों के माध्यम से निनपबद् हैं ।
सानहत्य में नवज्ञाि" हमारे दे श के नवनभन्न वैनदक और दू सरी तरफ हमारे वेद ों और पौरानर्क ग्रोंथ ों में अखखि
पौरानर्क सानहत्य में उपिब्ध कुछ नवनशष्ट् मोंत्र ों और उस ब्रह्माों ड, सूय्च, पृथ्वी, उिका घूर्चि, भ्रमर् और ग्रहर् आनद
ि ग ों का सोंग्रह है ज आज के पररपेक्ष में वैज्ञानिक का भी वर्चि नमिता है । ऋग्वेद में पृथ्वी के आकार का
समुदाय के निए पठि और नर्ोंति-मिि के निए िेररत वर्चि नदया गया है , उसमें निखा है नक पृथ्वी ग ि है तथा
करिे वािा है । यह सब इस बात का िमार् है नक हमारा सूयच के आकर्चर् पर निकी हुई है । शतपथ में ज भी
अतीत नकतिा समृद् और िनतभाशािी रहा है । पररमोंडि रूप है वह भी पृथ्वी के ग िाकार आकृनत का
ितीक है । हमारे ऋनर्-मुनिय ों क पृथ्वी द्वारा सूयच की
इस पुस्तक क तैयार करिे का उद्े श्य हमारे वैज्ञानिक ,ों पररक्रमा करिे का भी ज्ञाि था। यजुवेद में निखा है नक
नर्नकत्सक ों और सोंस्कृत सानहत्य से इधर नशक्षानवद ों हे तु पृथ्वी जि सनहत सूयच के र्ार ों ओर घूमती है । वेद में सू यच
अध्ययि और नर्ोंति के निए है ज यह बतिाता है नक क वृघ्न कहते हैं अथाच त् पृथ्वी से सैकड ों गुिा बडा व
हमारे ऋनर्-मुनिय ों िे जिनहत में क्ा-क्ा और नकस- कर ड ों क स दू र। ऋग्वेद में निखा है नक सूयच की सात
नकस िकार के कायच नकए हैं । उन्ह ि ों े सोंपूर्च धरा पर नकरर्ें हैं ज नदि क उत्पन्न करती हैं । आधुनिक नवज्ञाि िे
नवद्यमाि नजतिी भी विस्पनतयाों नमि सकीों उिका भी निज्म के िय ग से सूयच की नकरर् ों के साथ रों ग ों क
अध्ययि और तकचसोंगत िामकरर् तथा उिकी अिग-अिग करके सानबत कर नदया है । यह भी निखा है
उपय नगता भी निनपबद् की। उिके द्वारा र ग ों का नक जब र्ोंद्रमा पृथ्वी और सूयच के बीर् में आ जाता है त
निदािस्वस्थ रहिे के निए जीविर्याच आनद का भी वर्चि सूयच पूरी तरह से स्पष्ट् नदखाई िहीों दे ता। र्ोंद्रमा द्वारा सूयच
नकया गया है । इिके साथ ही उन्ह ि ों े मािव शरीर का

46 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

क घेरकर अोंधकार पैदा कर दे िा ही सूयच ग्रहर् कहिाता पर पढाया गया नक यनद वह दू सरे क पढाएों गे त उिका
है । नसर काि निया जाएगा। तब अििीकुमार िे दधीनर् ऋनर्
के नसर क कािकर अि का नसर िगा नदया और उिसे
यजुवेद में सूयच की ऊजाच के बारे में निखा है "अपाों मधु नवद्या पढ िी। इसके बाद जब भगवाि इों द्र क ज्ञात
रसम् उदवयसों", इस मोंत्र का अथच है जि का सार भाग हुआ त उन्ह ि ों े दधीर् के नसर क काि कर अपिा शतच
अथाच त हाइडर जि और उदवयसों शब्द का अथच है ऊजाच पूरा कर निया, बाद में अनििीकुमार िे दधीनर् का पहिा
या गैस। आधुनिक नवज्ञाि भी मािता है नक पृथ्वी और सूयच वािा नसर ज डकर उन्हें पूवच की भाों नत कर नदया।
पर सबसे अनधक मात्रा में नवद्यमाि तत् हाइडर जि ही है । इस पुस्तक में एक स्थाि पर वायु का वर्चि नकया गया
हमारे सूयच से ज ऊजाच र्ार ों तरफ नवसनजचत ह ती है और है नजसमें बताया गया है नक वायु द िकार के ह ते हैं और
नजस का कुछ अोंश हमारी धरती क िाप्त ह ता है वह इन्हें दे वदू त भी करते हैं । वायु का पहिा िकार समुद्र के
हाइडर जि और हीनियम की नक्रया-िनतनक्रया के ऊपर र्िता है और दू सरा पृथ्वी के ऊपर। समुद्र का वायु
पररर्ामस्वरूप िाप्त ह ता है । ऋग्वेद में नबिा ईोंधि उडिे बिदाता है , जबनक पृथ्वी का वायु हमारे नवकार ों क अपिे
वािे नवमाि का भी वर्चि नकया गया है ज नवमाि शास्त्र साथ िे जाता है । इस िकार के अिेक मोंत्र हमारे वैनदक
के अिगचत आता है । इस पुस्तक में ऐसे भी सोंदभच नदए और पौरानर्क सानहत्य में नमि जाएों गे। आज आवश्यकता
गए हैं नजसमें यक्ष्मा र ग से मुखक्त, िेत कुष्ठ निवारक है नक ऐसे सोंदभों क ख ज-ख ज कर उिमें नछपे वैज्ञानिक
और्नध, शल्य कायच द्वारा िसव एवों िौह शिाका द्वारा तथ्य ों क आधुनिक सोंदभच में िस्तुत नकए जाएों , नजससे
मूत्रावर ध क दू र करिे का वर्चि है । अथवचवेद में कुष्ठ हमारे ज्ञाि नवज्ञाि समृखद् अतीत पर गवच करिे का मागच
र ग के निवारर् हे तु कुष्ठा और्नध का नजक्र है , और कुष्ठा िशस्त ह सके और हमारा मािव समाज िाभाखन्वत ह
और्नध के िाखप्तस्थि का भी वर्चि है । आधुनिक नवज्ञाि सकें।
िे भी कुष्ठा की पहर्ाि की है । इसकी और भी कई
िजानतयाों ख जी गई हैं । सूयच रखश्म द्वारा नर्नकत्सा, जि िेखक िे निखा है नक हमारे शास्त्र ों में इस िकार के
और वायु, आहार आनद जीवि पय गी सोंदभों के नववरर् अिेक वर्चि नमि जाएों गे, नजन्हें एक साथ िस्तुत करिा
भी नदए गए हैं । हमारे शास्त्र ों में रसायि नर्नकत्सा के असोंभव है । उिका सुझाव है नक नजन्हें इस तरह के सों दभच
माध्यम से च्यवि ऋनर् क जरा अवस्था (बुढापा) से मुखक्त में रुनर् ह और नवस्तार से पढिा र्ाहते ह ,ों उन्हें नकसी
नदिािे का वर्चि है । एक स्थाि पर दधीनर् क अि का शास्त्र के जािकार व्यखक्त नमिकर पढिे और समझिे का
नसर िगाकर मधु नवद्या पढिे का वर्चि इस िकार नमिता ियास करिा र्ानहए और इस नदशा में अिुसोंधाि भी
है - भगवाि इों द्र द्वारा महनर्च दधीनर् क मधु नवद्या इस शतच करिा र्ानहए।

पु स्तक मवमोर्न का दृश्य


(डॉ दया शंकर मत्रपाठी,,बी एर् यू, वाराणसी द्वारा प्रस्तुत)

47 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

जीवन को समामहत करती जैव मवमवधता

बी एन ममश्र
एनआरबी, बीएआरसी, मुंबई-85

िर्ानिय ों की आशा भी िहीों कर सकते हैं । ये सभी


पाररखस्थनतकी तोंत्र में अहम भूनमका निभाते हैं । ऐसी बहुत
जैव नवनवधता: पौध ,ों जीव सी र्ीजें हैं नजसके निए हम जैव नवनवधता पर निभचर
जोंतुओों में पाई जािे वािी अिग-अिग िकार की करते हैं और हमारे निए इसे सोंरनक्षत करिा महत्पूर्च
नवशेर्ताएों जैव नवनवधता कहिाती है । जैव नवनवधता है । उदाहरर् के निए कृनर् क ही िे िीनजए
हमारे ग्रह पर सभी जीनवत र्ीज ों से बिी है । यह सभी अकशेरूकीय पर अनविसिीय रूप से निभचर है , वे नमट्टी
तरह के जीवि क समानहत करती है नजसे अरब ों साि ों के स्वास्थ्य क बिाए रखिे में मदद करते हैं , जबनक कई
के नवकास िे आकार नदया गया है । इसमें सबसे छ िे फि, िि और सखियाों कीि ों द्वारा परानगत ह ती हैं ।
बैक्ट्ीररया से िेकर सबसे बडे पौध ों और जािवर ों तक,
दु निया के एक नतहाई फसि उत्पादि में परागर्कताच
यहाों तक नक हमारी अपिी िजानतय ों भी शानमि हैं । जै व (प नििे िर) जैसे पक्षी, मधुमिी और अन्य कीडे अहम
नवनवधता तीि िकार की ह ती है - आिुवोंनशक नवनवधता:
भूनमका निभाते हैं । सूक्ष्म जीव मृदा में प र्क तत् ों क
यह गुर्सूत्र ों पर आधाररत है ज जीव ों के आिुवोंनशक मुक्त करिे के निए महत्पू र्च हैं । महासागर ों में, मछिी
सोंरर्िा के बीर् नभन्नता क नदखाता है । नकसी नवशेर्
और समुद्री जीवि के अन्य रूप िगभग एक अरब ि ग ों
िजानत के जीव अपिे आिुवोंनशक सोंरर्िा में एक दू सरे
के निए ि िीि का मुख्य स्र त िदाि करते हैं ।राष्ट्रीय जैव
से अिग ह ते है । यही वजह है नक हर जीव एक-दू सरे से
नवनवधता िानधकरर् के अिुसार, भारत दु निया के 17
अिग नदखता है । इसी तरह, र्ावि, गेहों, मक्का, जौ,
सबसे अनधक जैव नवनवधता वािे दे श ों में से एक है ।
आनद की एक ही िजानत में अिग-अिग नकस्में ह ती हैं । भारत में दु निया भर की 7-8 फीसदी िजानतय ों रहती हैं ।
बॉिनिकि सवे ऑफ इों नडया और जूिॉनजकि सवे ऑफ
इों नडया द्वारा अब तक दे श में 46,000 से अनधक पौध ों
और 81,000 िजानतय ों के जािवर ों क दजच नकया गया
है । भारत में फसि नवनवधता का एक स्वीकृत केंद्र है
और कई जोंगिी जािवर ों और घरे िू जािवर ,ों मछनिय ों
की िस् ों के अिावा कर ड ों माइक्र नबयि नवनवधता,
कीडे और अन्य िजानतयाों हैं । दु निया के अन्य दे श ों की
प्रजातीय मवमवधता: यह एक नवशेर् क्षेत्र में पाई जािे तुििा में भारत की पाररखस्थनतकी तोंत्र नवनवधता भी
वािी नवनभन्न िकार की िजानतय ों में नवनवधता क अिूठी है ।
नदखाता है । इसमें पौध ों से िेकर नवनभन्न सूक्ष्मजीव जैसे
बैक्ट्ीररया तक सभी िजानतयाों शानमि हैं ।

पाररक्टथिमतक मवमवधता: नकसी खास पाररखस्थनतकी तोंत्र


में पाई जािे वािी नवनवधता क पाररखस्थनतक नवनवधता
कहते हैं । जीनवत से िेकर ज जीनवत िहीों है यह उिका
एक सोंग्रह है ।जैव नवनवधता का महत् पृथ्वी पर जीवि क
बिाए रखिे के निए इसका रखरखाव करिा बहुत
महत्पूर्च है । जािवर ,ों पौध ों और सूक्ष्मजीव ों की एक
नवस्तृत श्रृोंखिा के नबिा, हम स्वस्थ पाररखस्थनतकी

48 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

मवज्ञान जगत् में िाक्टि ला दी नैनो टे क्नोलॉजी


सत्य प्रभात प्रभाकर
समर्व, महंदी मवज्ञान सामहत्य पररषद, मुंबई-94

आज से कुछ समय पूवच तक सामग्री, वस्त्र उद्य ग, घरे िू उपकरर् वैज्ञानिक उपकरर्,
मािव कल्पिा भी िहीों कर सकता था नक आिे वािे समय खाद्य कागज और पैनकोंग उद्य ग, नर्नकत्सा, स्वास्थ्य, खेि,
में ऐसी तकिीक नवकनसत की जा सकेगी, नजसकी ऑि म बाइल्स, कॉस्मेनिक्स, अिररक्ष नवज्ञाि, कम्प्प्यूिर,
सहायता से स्वतः निर्चय के आधार पर कायच करिे बािे सूर्िा िौद्य नगकी के साथ-साथ अिुसन्धाि एवों नवकास
अिररक्ष याि या युद् के दौराि रासायनिक एवों जैनवक जैसे क्षेत्र ों में िैि िे क्न िॉजी का उपय ग नकया जा रहा है ।
हनथयार ों से बर्ाव करिे वािे बाय सेंसरयुक्त वस्त्र या
िैि िे क्न िॉजी क आखबबक स्तर पर कायचरत िर्ानिय ों
र गकारक कीिार्ुओों पर िजर रखिे हे तु हमारे शरीर के
की इों जीनियररों ग के रूप में पररभानर्त नकया जा सकता है
अन्दर िगाए जािे वािे सेंसरयुक्त बॉय नर्प या नफर अपिे
। यह िैि स्केि पर आधाररत नवज्ञाि है । िैि स्केि के
में नविभर की जािकाररयााँ समेिे रे त के कर् के आकार
अिगचत वैसी वस्तुएाँ आती है , नजिका मापि िैि मीिर
वािे का हर निनमचत नकए जा सकेंगे, नकिु आज िैि
द्वारा सम्व है । 1 से 100 िैि मीिर तक की वस्तुओों क
िे क्न िॉजी िे यह सब कर नदखाया है ।
िैि स्केि के अिगचत रखा जाता है ।
दु नियाभर में ‘आधुनिक थॉमस अल्वा एनडसि’ के रूप में
िैि स्केि से सम्बद् कुछ नवशेर् तथ्य- एक िैि मीिर
नवख्यात अमेररकी भनवष्वादी वैज्ञानिक रे कुजचवीि का बराबर ह ता है एक मीिर के अरबवें भाग के अथाचत् 1
कहिा है - ”मैं और बहुत से अन्य वैज्ञानिक मािते हैं नक
िैि मीिर = 10-9 मीिर, वर्च 1959 में अमेररकि
मात्र 20 वर्ों के पिात् िैि िे क्न िॉजी के जररये हमारे
नफजीकि स सायिी की बैठक में िनसद् भौनतकशास्त्री
पास अपिे शरीर क पुि: ि ग्रानमोंग करिे के तरीके आ
ररर्डच नफिमैि िे ‘दे यर इज प्लेंिी ऑफ रूम एि बॉिम’
जाएगी नजसके सहारे हम बुढापे क र क सकेंगे और उसे
शीर्चक से एक व्याख्याि नदया था, नजसमें उन्ह ि ों े एक ऐसी
पीछे कर सकेंगे । रक्त की क नशका के बराबर िैि बाि् स
िनक्रया के बारे में नवस्तारपूवचक समझाया था, नजसके
का पशुओों पर पहिे ही परीक्षर् नकया जा र्ुका है और
माध्यम से आिे बािे समय में ित्येक अर्ु एवों परमार्ु का
इन्हें जल्द ही ि् यूमर ठीक करिे खूि के थक्के बििे से
नियन्त्रर् एवों अिुिय ग सम्व था । नफिमैि के इसी
र किे एवों नबिा निशाि डािे ऑपरे शि करिे में िय ग
व्याख्याि क िैि िे क्न िॉजी तथा िैि साइों स की
नकया जाएगा ।”
अवधारर्ा का िारम् मािा जाता है । उन्ह ि ों े कहा था- ”मैं
िैि िे क्न िॉजी द शब्द -ों िैि और िे क्न िॉजी के मेि से एक साथ नबनियि छ िे कारखािे स्थानपत करिा र्ाहता
बिा है , जहााँ िैि का शाखब्दक अथच हैं -बौिा और हाँ ।”
िे क्न िॉजी का तकिीक । इस िकार, िैि िे क्न िॉजी का
इसके एक दशक से भी अनधक समय बीतिे के पिात्
सामान्य अथच हुआ ‘सूक्ष्म तकिीक’ । वास्तव में, िैि
जापाि के वैज्ञानिक ि ररय तानिगुर्ी िे ‘िैि िे क्न िॉजी’
िे क्न िॉजी ऐसा िाय नगक नवज्ञाि है , नजसमें 100
शब्द िस्तुत नकया, परिु वास्तव में वर्च 1981 में ‘स्कैनिोंग
िैि मीिर से भी छ िे कर् िय ग में िाए जाते हैं ।
ििनिोंग माइक्र स्क प’ के नवकास के पिात् ही अकेिे
इस तकिीक में िय ग नकए जािे बािे पदाथच
परमार्ु क दे ख पािा सम्व ह पाया और आधुनिक िैि
िैि मैिेररयल्स कहिाते हैं । इस अत्याधुनिक तकिीक िे
िे क्न िॉजी की शुरूआत हुई । िैि िे क्न िॉजी के नबकास
नवज्ञाि जगत् में क्राखि िा दी है । आज भवि निमाच र्
में सूक्ष्मदनशचय ों के नवकास से महत्पूर्च सहायता नमिी ।

49 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
जहााँ स्कैि ििनिोंग माइक्र स्क प से िैि स्केि पर कर् ों क सयनमत करिे में भी नकया जाता है , नजससे उत्पादि
क नियखन्त्रत करिा एवों नवनिमाच र् करिा सम्व हुआ, वहीों खर्च एवों िदू र्र् क कम करिे में मदद नमिती हे । कृनर्
एिनमक फ सच माइक्र स्क प का निमाच र् ह िे पर सूक्ष्म क्षेत्र ों में भी इस तकिीक का उपय ग बढता जा रहा है ।
कर् ों की सतह का याखन्त्रक अिुभव करिे की सुनवधा िाप्त
िैि सैिूि ज एवों िैि उवचरक आनद का निमाच र् कर कृनर्
हुई । िैि िे क्न िॉजी की क्षमता का पूर्च िाभ िेिे हे तु िै ि
उत्पादि में क्राखि िाई जा सकती है । प र्क पदाथच
उपकरर् ,ों िैि पदाथों क आवश्यकता के अिुकूि
ग्राहक क्षमता व र गिनतर धक क्षमता बढािे बािे िैि
नडजाइि करिा आवश्यक है ।
ि डक्ट्् स नकसाि ों के निए वरदाि सानबत ह ग ों े स्वास्थ्य व
इस सन्दभच में तीि घिक महत्पूर्च हैं : नर्नकत्सा नवज्ञाि के क्षेत्र ों में भी िैि िे क्न िॉजी का सार
नसद् ह रही है ।
1. ित्येक परमार्ु क यथाथचत: सही स्थाि पर रखा जाए ।
2. सोंरर्िा का निमाच र् भौनतकशास्त्री नसद्ाि ों के अिुरूप इससे स्मािच दवाओों के निमाच र् में सहायता नमि सकती है ,
ही नकया जाए, तानक आखिक स्तर पर इिकी व्याख्या ज र ग ों क नबिा दु ष्प्रभाब के तेजी से समाप्त कर सकती
तथा अिुिय ग सम्व ह । है । इस तकिीक से निनमचत िैि ि शि क नशकाओों क
3. नकसी भी वस्तु के निमाच र् की िागत उसमें ियुक्त पदाथच जवाि व तन्जदुरुस्त रखिे के साथ-साथ बुढापे व र ग ों से भी
एवों ऊजाच से अनधक ि ह । बर्ाव करिे में सहायक है । िैि ट्यूब कैंसर जैसे र ग ों के
उपर्ार में भी काफ़ी उपय गी है । इसके साथ-साथ
वैनिक स्तर पर िैि िे क्न िॉजी के बढते कार बार के कॉनडच य -वैस्कुिर, स्किेर नसस, एल्जाइमर, पानकिंसोंस,
आधार पर ऐसा अिुमाि िगाया जा रहा है नक आिे बािे मधुमेह आनद र ग ों में भी इस तकिीक के िय ग की
दस वर्ों में नवि बाजार में इस क्षेत्र की भागीदारी 340 व्यापक सम्ाविा दे खी जा रही है । इजराइि की तेि
नवनियि डॉिर की ह गी । इस तकिीक के िय ग के क्षेत्र ों अवीव यूनिवनसचिी के नवशेर्ज्ञ ों िे मात्र एक परमार्ु की
का नदि नों दि नवस्तार ह ता जा रहा है । म िाई वािा िैि र ब ि तैयार नकया है , ज शरीर की
धमनिय ों और नशराओों द्वारा और्नधय ों क शरीर के नकसी
िैि िे क्न िॉजी के द्वारा नर्नकत्सा उपकरर् ों व सेंसर का
भी भाग ों तक पहुाँ र्ा सकता है । ग्रीि िैि िे क्न िॉजी के
निमाच र् कर सैन्य क्षेत्र सनहत सामान्य ि ग ों क भी सहायता
माध्यम से पयाच वरर्ीय समस्याओों के समाधाि में भी काफी
पहुाँ र्ाई जा सकती हे । पािी की सफाई करिे , रासायनिक
मदद नमि सकती है ।
व जैनवक हनथयार ों से त्र्ा की रक्षा करिे बािे वस्त्र ,ों
ग्राफीि के िय ग वािे इिेक्ट्रॉनिक कण्डक्ट्र, िर ाों नजस्टर िैि िे क्न िॉजी के क्षेत्र में भारत िे भी नवकनसत दे श ों की
आनद के निमाच र् में िैि िे क्न िॉजी का िय ग सम्व है । श्रेर्ी में स्वयों क स्थानपत करिे में सफिता पाई है । इस
क्षेत्र में हमारा दे श र्ौथे स्थाि पर है । भारत में िैि
ऊजाच के क्षेत्र ों में भी इसका व्यापक िय ग ह सकता है
िे क्न िॉजी के जिक ‘भारत रत्न’ से सम्मानित महाि्
जैसे-िैि आधाररत ईोंधि सेि, िैि ट्यूब वािे फ्लाईव्हीि
के निमाच र् के साथ-साथ सूयच िकाश क ऊजाच में पररवनतचत वैज्ञानिक डॉ. सीएिआर राव क मािा जाता है ।
करिे में । खखडनकय ,ों कम्प्प्यूिर ,ों र्श्म ,ों कैमर ों इत्यानद इस क्षेत्र में िैि ि् यूब्स व ग्राफीि के अिावा इन्ह ि ों े
की सतह ों पर िैि स्केि पतिी परत ों का िय ग स्वतः िर ाों जीशि मेिि ऑक्साइड नसस्टम, मेिि इों सुिेिर
सफाई करिे हे तु एवों जिर धी, कुहासार धी, खाँर र्र धी, िर ाजीशि, सीएमआर मैिेररयि, सुपर कण्डखक्ट्नविी,
नवद् युतर धी, पराबैंगिी नकरर्र धी आनद रूप ों में नकया मल्टीफेरीक्सी, हाईनब्रड मैिेररयि आनद पर महत्पू र्च
जाता है । श ध नकए है । नवज्ञाि एवों िौद्य नगकी नवभाग के तत्ावधाि
खाद्य पदाथच निमाच र्, सोंसाधि सुरक्षा और नडब्बाबन्दी के में वर्च 2007 में राष्ट्रीय िैि नवज्ञाि एवों िौद्य नगकी नमशि
सभी र्रर् ों में यह तकिीक वतचमाि समय की मााँ ग बि (एिएसिीएम) की स्थापिा की गई ।
र्ुकी है । िैि पानिच कल्स का उपय ग उत्प्रेरक के निमाच र् वैज्ञानिक तथा औद्य नगक अिुसन्धाि पररर्द
के साथ-साथ आवश्यकतािुसार उत्येरक पदाथच की मात्रा (सीएिआईआर) िे नवनभन्न क्षेत्र ों में िैि िे क्न िॉजी के

50 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
अिुिय ग हे तु अिुसन्धाि व नबकास कायच िारम् नकए हैं । भारी क्षनत पाई गई । िसि के द्वारा काबचि िैि िू यूब्श के
न्यू नमिेनियम इखण्डयि िे क्न िॉजी िीडरनशप अनधक मात्रा में शरीर में जािे पर मीज थेनिय मा िामक
इनिनशएनिव (एिएमआईिीएिआई) इस पररर्द का कैंसर ह िे का खतरा बढ जाता है ।िे निस रै केि से हवाई
फ्लैगनशप ि ग्राम है , नजसके अिगचत िैि िे क्न िॉजी से जहाज तक में िय ग नकए जािे वािे िैि फाइबसच के भी
सम्बद् कायचक्रम र्िाए जा रहे है । ित्येक िवीि अन्वेर्र् िकारात्मक िभाव दे खे जा र्ुके है । िैि िे क्न िॉजी के
की तरह ही िैि िे क्न िॉजी के अिुिय ग ों का भी असेम्बिसच व नडअसेम्बिसच का िय ग तबाही मर्ािे वािे
िकारात्मक स्वरूप है । हनथयार ों के निमाच र् में भी नकया जा सकता है ।

िैि िे क्न िॉजी के सम्ानवत खतर ों क दे खते हुए हमें इस


क्षेत्र में फूाँक-फूाँक कर कदम रखिे की जरूरत है । ऐसी
िीनतयााँ बिाई जािी र्ानहए, नजिसे िैि िे क्न िॉजी के
खतरिाक िभाव ों पर काबू पाया जा सके । तभी यह
तकिीक मािव सनहत सम्पूर्च सजीव जगत् व पयाच वरर् के
निए बरदाि नसद् ह सकेगी ।जीव-जगत् के कल्यार् और
िकृनत के नहत क ध्याि में रखकर ही हमारे दे श के महाि्
वैज्ञानिक व पूवच राष्ट्रपनत डॉ. एपीजे अक्ल किाम िे कहा
हैं - ‘सू र्िा और सोंर्ार िौद्य नगनकय ों क पहिे ही से स्वयों में
समानहत करिे वािी िैि िे क्न िॉजी भनवष् का क्षेत्र ।’

-------------------------------XX-----------------------------

वैज्ञानिक श ध ों में यह तथ्य सामिे आया है नक िैि कर्


मािव व अन्य जीव-जिुओों के स्वास्थ्य हे तु हानिकारक
नसद् ह सकते है । जुराब ों क दु गचन्धमुक्त रखिे में िय ग
नकए जािे वािे िैि कर् जुराब ों क ध िे के क्रम में
तािाब, िदी आनद में पहुाँ र्कर कृनर् व पयाच वरर् क
िुकसाि पहुाँ र्ा सकते है ।

िैि कर् ों वािे वातावरर् में रखे गए र्ूह ों में सूजि, जिि, अोंतरराष्ट्रीय मनहिा नदवस 2023 की हानदच क शुभकामिाएों
तिाव जैसी समस्या दे खी गई है । िैि िाइिे नियम
ऑक्साइि ग्रहर् करिे वािे र्ूह ों के डीएिए व गुर्सूत्र में

51 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
नर्नकत्सा
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52 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
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53 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक

भारत में वषच 2022 में मवज्ञान और प्रौद्योमगकी में नई सफलताओं और उपलक्टियों की झलक

मवजय लक्ष्मी मगरी

वाघ िी, पु र्े

साि 2022 में भारतीय नवज्ञाि िगातार िई सफिताओों जिवरी में ही राजेिरी र्िजी की जन्मशती मिाई गई।
और उपिखब्धय ों की ओर अग्रसर रहा। वैज्ञानिक ों और 24 जिवरी 1922 क जन्मी राजेिरी र्िजी क किाचिक
अिुसोंधािकताच ओों िे अोंतररक्ष नवज्ञाि से िेकर िीका से पहिी मनहिा इों जीनियर ह िे का नवशेर् सम्माि िाप्त
निमाच र् में आत्मनिभचरता का पररर्य नदया। है । उन्ह ि
ों े माइक्र वेव और एों िीिा इों जीनियररों ग में नवशेर्
य गदाि नकया। राजेिरी र्िजी के श धकायच का
वर्च 2022 के दौराि छह भारतीय वैज्ञानिक ों की जन्मशती उपय ग अोंतररक्ष िौद्य नगकी में नकया गया।
मिाई गई। शुरुआत ि बेि पुरस्कार नवजेता डॉ.
हरग नवन्द खुरािा की जन्मशती से हुई। 9 जिवरी 1922 30 जिवरी क नवख्यात न्यूर सजचि ि . बी. रामामूनतच की
क जन्मे डॉ. खुरािा क क नशकाओों में ि िीि जन्मशती पर नवनभन्न आय जि हुए और उन्हें याद नकया
सोंश्लेर्र् में जेिेनिक क ड की भूनमका पर मौनिक गया। भारत में उन्हें न्यू र सजचरी के नपतृ पुरुर् का
अिुसोंधाि के निए 1968 में नर्नकत्सा नवज्ञाि के ि बेि सम्माि िाप्त है । उन्हें भारतीय राष्ट्रीय नवज्ञाि एकेडमी
पुरस्कार से सम्मानित नकया गया था। आज नवि भर में (इन्सा) का मािद सदस्य नियुक्त नकया गया था।
ियुक्त ह रही जीि म सीक्वेंनसोंग तकिीक के पुर धा डॉ.
ि . जी. एस. िड्ढा का जन्मशती के मौके पर स्मरर्
हरग नवन्द खुरािा थे।
नकया गया। 26 अगस्त 1922 क जन्मे केनमकि
इों जीनियर जी. एस. िड्ढा िे आज़ादी के पहिे दे श में
अिेक रासायनिक उद्य ग ों की स्थापिा में महत्पूर्च
य गदाि नकया था। ि . िड्ढा िे भौनतकी में नक्रस्टि ग्र थ
में नवशेर् श धकायच नकया था।

भारत में नपछिे वर्च अोंतररक्ष क निजी क्षेत्र के निए


ख ि नदया गया नजसकी झिक 2022 में नदखाई दी।
गुज़रे साि िवोंबर में दे श का पहिा िाइवेि रॉकेि
िॉन्च नकया गया। इस रॉकेि का िाम महाि वैज्ञानिक
नवक्रम साराभाई के िाम पर ‘नवक्रम एस’ रखा गया
है । यह दु निया का पहिा ऑि कम्प नज़ि रॉकेि है ।
इसका निमाच र् है दराबाद की स्टािच अप कोंपिी
स्कायरूि एयर स्पेस िे नकया िे नकया है ।

भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि सोंगठि (इसर ) के र्ोंद्रयाि-


2 ऑबाच इिर िे र्ोंद्रमा पर पहिी बार िर्ुर मात्रा में
स नडयम का पता िगाया। यह काम ऑबाच इिर में िगे
एक्स-रे स्पेक्ट्र मीिर िे कर नदखाया। इससे र्ोंद्रमा पर
स नडयम की सिीक मात्रा का पता िगािे का मागच
िशस्त ह गया है । र्ोंद्रयाि-2 श्रीहररक िा से 22 जुिाई
2019 में िॉन्च नकया गया था।

दे श के वैज्ञानिक ों िे पहिी बार मोंगि ग्रह पर भवि


निमाच र् के निए अोंतररक्ष ईोंि बिाई। इसर और भारतीय

54 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
नवज्ञाि सोंस्थाि बेंगिूरू के अोंतररक्ष वैज्ञानिक ों िे गया। इसका उद्े श्य महासागर ों के बारे में जागरूकता
अोंतररक्ष ईोंिें बिािे के निए मोंगि की िनतकृनत नमट्टी पैदा करिा था।
यूररया और एक बैक्ट्ीररया (स्प र सारसीिा पािुरी) का
इसी साि जैव िौद्य नगकी उद्य ग अिुसोंधाि सहायता
उपय ग नकया।
पररर्द (बाइरै क) की स्थापिा का एक दशक पूरा
इसर िे 23 अक्ट्ू बर क जीएसएिवी-एमके-3 के ज़ररए हुआ। इस नसिनसिे में 09-10 जूि के दौराि िई नदल्ली
36 व्यावसानयक उपग्रह ों का एक साथ सफि िक्षे पर् के िगनत मैदाि में बाय िे क स्टािच अप एक्सप का
कर िया इनतहास रर्ा। इसी वर्च 26 िवोंबर क आय जि नकया गया था। यहाों जैव िौद्य नगकी के अब
‘ओशिसेि उपग्रह का सफि िक्षेपर् नकया गया और तक के सफर और िवीितम उपिखब्धय ों की झिक
जम्मू में उत्तर भारत का पहिा अोंतररक्ष केंद्र शुरु हुआ। नदखाई दी।
राज् सभा में बताया गया नक इसर अोंतररक्ष में पयच िि
जम्मू की ‘पल्ली दे श की पहिी काबचि उदासीि
क्षमताओों का नवकास कर रहा है ।
पोंर्ायत बि गई। गुज़रे साि दे श की पहिी स्वदे शी
फरवरी में ’नवज्ञाि सवचत्र पूज्ते ’ उत्सव भारत की हाइडर जि ईोंधि सेि आधाररत बस िॉन्च की गई। इसी
वैज्ञानिक उपिखब्धय ों का गवाह बिा। इसका आय जि साि मध्यिदे श नहों दी में नर्नकत्सा नवज्ञाि (एमबीबीएस
22 से 28 फरवरी के दौराि दे श के 75 स्थाि ों पर नकया पाठ्यक्रम शुरु करिे वािा दे श का पहिा राज् बि
गया था। इस उत्सव की थीम थी ‘दीघचकािीि भनवष् गया।16अक्ट्ू बर क एमबीबीएस िथम वर्च के निए
के निए नवज्ञाि एवों िौद्य नगकी में एकीकृत दृनष्ट्क र् की नहों दी में िकानशत तीि पुस्तक ों का नवम र्ि हुआ।
ज़रूरत।
भारत की पहिी िाइि स्काई सेंक्चूरी िद्ाख में बिाई
सोंसद में पररपािी से दू र नडनजिि बजि पेश नकया जाएगी। गुजरात में दे श का पहिा से मीकोंडक्ट्र सोंयोंत्र
गया। सौर ऊजाच और रसायि मुक्त खेती क नवशेर् स्थानपत नकया जा रहा है । सेमीकोंडक्ट्र का उपय ग
िाथनमकता दी गई। नवज्ञाि से जुडे नवभाग ों - डीएसिी, कार ों से िेकर म बाइि फ ि और एिीएम काडच के
डीबीिी और डीएसआईआर के बजि में द हज़ार निमाच र् में नकया जाता है । अिुमाि है नक 2026 तक
कर ड रुपए की बढ तरी की गई। इि तीि ों मोंत्रािय ों िे भारत का सेमीकोंडक्ट्र बाज़ार 64 अरब डॉिर तक
क नवड-19 महामारी से निपििे में अहम भूनमका निभाई पहुों र् जाएगा।
है । पृथ्वी नवज्ञाि मोंत्रािय क 2653.51 कर ड रुपए
17 नसतोंबर क िामीनबया से िाए गए आठ र्ीत ों क
आवोंनित नकए गए। महासागरीय नमशि क बढावा दे िे
मध्यिदे श के कुि राष्ट्रीय उद्याि में छ डा गया। बडे
के निए 650 कर ड रुपए का आवोंिि नकया गया। दे श
माों साहारी जोंगिी जािवर ों के अोंतर महाद्वीपीय
के गगि याि सनहत र्ोंद्रयाि और आनदत्य एि-1 जैसे
स्थािाों तरर् की यह नवि की पहिी पररय जिा है । इसी
बडे अनभयाि ों क ध्याि में रखते हुए इसर क 13,700
साि र्ीत ों क भारत िािे के निए एक एमओयू पर
कर ड रुपए आवोंनित नकए गए। स्टािच अप क
हस्ताक्षर नकए गए थे।
ि त्सानहत करिे के निए नवज्ञाि बजि में धिरानश बढाई
गई। जिवरी 2022 में है दराबाद में दे श के िथम ओपि रॉक
म्यूनज़यम का शुभारों भ हुआ। इस म्यूनज़यम में भारत के
इसी साि भारत िे मनहिाओों क गभाच शय-ग्रीवा
नवनभन्न भाग ों से एकनत्रत की गई 35 अिग-अिग िकार
(सरवाइकि) कैंसर से बर्ािे के निए क्वानडरवेिेंि
की र्ट्टािें िदनशचत की गई हैं । म्यूनज़यम का उद्े श्य जि
एर्पीवी वैक्सीि िॉन्च की। इस स्वदे शी वैक्सीि क
सामान्य क र र्क भू -वैज्ञानिक जािकाररय ों से पररनर्त
सीरम इों स्टीट्यूि ऑफ इों नडया और जैव िौद्य नगकी
करािा है ।
नवभाग िे नमिकर बिाया है । भारत िे 18 महीि ों के में
द सौ कर ड क नवड िीके िगाए और ऐनतहानसक साइों स नसिी अहमदाबाद में पहिी बार दे श के सभी
उपिखब्ध हानसि की। राज् ों के नवज्ञाि और िौद्य नगकी मोंनत्रय ों का सम्मे िि
हुआ, नजसमें वर्च 2047 का वैज्ञानिक र डमैप तैयार
गुज़रे साि आज़ादी के अमृत मह त्सव के अवसर पर 5
करिे पर नवमशच हुआ।
जुिाई से 17 नसतोंबर के बीर् 75 नदवसीय ‘स्वच्छ
सागर सुरनक्षत सागर महाअनभयाि आय नजत नकया

55 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
अक्ट्ू बर में वैज्ञानिक और औद्य नगक अिुसोंधाि पररर्द इसी वर्च रुडकी खस्थत भारतीय िौद्य नगकी सोंस्थाि के
(सीएसआईआर) की श ध िय गशािाओों के िमुख ों की 175 वर्च पूरे हुए। यह 1847 में स्थानपत दे श का पहिा
बैठक में अिाज और बाजरे की िई नकस्म ों में पौनष्ट्कता इों जीनियररों ग कॉिेज था। भारतीय िौद्य नगकी सों स्थाि,
बढािे के निए तकिीकी समाधाि पर नवर्ार नकया रुडकी का नवि स्तरीय नशक्षा दे िे के साथ श धकायों में
गया। सोंयुक्त राष्ट्र िे वर्च 2023 क ‘इों िरिेशिि ईयर भी अहम य गदाि रहा है । यह वही सोंस्थाि है , नजसिे
ऑफ नमिेि्स (आईवाईएम) घ नर्त नकया है । भारत दे श क नसनवि इों जीनियररों ग के क्षेत्र में नवनभन्न िवार्ार
म िे अिाज पैदा करिे वािे अग्रर्ी दे श ों में शानमि है । नदए हैं ।
नवि पैदावार में भारत का अिुमानित य गदाि िगभग
41 फीसदी है । इसी वर्च ह शोंगाबाद नवज्ञाि नशक्षर् कायचक्रम
(एर्एसिीपी के 50 वर्च पूरे हुए। यह कायचक्रम 1972 में
इसी वर्च भारत की पहिी तरि दपचर् दू रबीि उत्तराखोंड नकश र भारती और फ्रेंड् स रूरि सेंिर िे नमिकर
में आयचभि ररसर्च इों स्टीट्यूि ऑफ आब्ज़वेशिि शुरू नकया था, नजसका उद्े श्य ग्रामीर् इिाक ों के
साइों सेज़ की दे वस्थि वेधशािा पररसर में स्थानपत की स्कूिी बच्च ों के नवज्ञाि नशक्षर् में िवार्ार ों क बढावा
गई। इसे भारत सनहत तीि दे श ों के वैज्ञानिक ों के दे िा था। नवज्ञाि नशक्षर् के इस अनभिव कायचक्रम में
सहय ग से स्थानपत नकया गया है । वैज्ञानिक ों का कहिा मध्यिदे श के 14 नज़ि ों की िगभग 600 माध्यनमक
है नक तरि दपच र् दू रबीि खग िीय दृश्य ों के अवि कि शािाओों के बच्च ों के बच्चे शानमि थे।
के साथ ही अोंतररक्ष मिबे, क्षुद्रग्रह आनद पररवतचिशीि
वस्तुओों की पहर्ाि में भी मददगार ह गी। मौनिक नर्ोंतक और वैज्ञानिक डॉ. अनिि सद्ग पाि और
उिके सहय नगय ों िे इस कायचक्रम से िािा इों स्टीट्यूि
9 अक्ट्ू बर क गुजरात का म ढे रा गाों व दे श का पहिा ऑफ फोंडामेंिि ररसर्च और उच्च नवज्ञाि नशक्षर्
ऐसा गाों व बि गया ज पूरी तरह सौर ऊजाच से र्िेगा। सोंस्थाओों क ज डिे में सफिता िाप्त की। बाद में
नदि में स िर पैिि से और रात क बैिरी से नबजिी मध्यिदे श सरकार िे इस कायचक्रम से िभानवत ह कर
की आपूनतच की जाएगी। ह शोंगाबाद नजिे की सभी सरकारी/निजी माध्यनमक
शािाओों क इससे ज ड नदया। जिवरी में रॉकेि नवज्ञाि
नवज्ञाि एवों िौद्य नगकी नवभाग की मेज़बािी में दू सरी
के नवशेर्ज्ञ डॉ. एस. स मिाथ क इसर का र्ेयरमैि
सोंयुक्त राष्ट्र भू-स्थानिक सूर्िा काों ग्रेस 10-14 अक्ट्ू बर
नियुक्त नकया गया। उन्ह ि ों े स्वदे शी क्रॉय जेनिक इों जि
के दौराि है दराबाद में सों पन्न हुई नजसमें 120 दे श ों के
और पीएसएिवी के ग्यारह सफि िक्षेपर् ों में अहम
िगभग 700 िनतनिनधय ों िे भाग निया। इस आय जि में
भूनमका निभाई है । इसी वर्च वररष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एि.
नवर्ार मोंथि का मुख्य नवर्य ‘नजय इिेबनिोंग दी
किैसेल्वी क सीएसआईआर का महानिदे शक नियुक्त
ग्ल बि नविेज, ि वि शुड बी िेफ्ट नबहाइों ड’ र्ुिा
नकया गया। वे इस पद पर पहुों र्िे वािी पहिी मनहिा
गया था। भू-स्थानिक यािी नजय स्पेनशयि डै िा सभी
वैज्ञानिक हैं । नवज्ञाि जगत की अोंतराच ष्ट्रीय पनत्रका िेर्र
क्षेत्र ों में नवकास रर्िीनतय ों और जिनहत य जिाओों क
िे वर्च 2023 के निए र्ुिे गए पाों र् नवनर्ष्ट् व्यखक्तय ों की
तैयार करिे में बेहद उपय गी है । यही िहीों नपछडे क्षेत्र ों
सूर्ी में डॉ. एि. किैसेल्वी क भी शानमि नकया है ।
की पहर्ाि करके उिके आनथचक और सामानजक
केंद्रीय नवद् यु त रासायनिक अिुसोंधाि सों स्थाि
नवकास में इसकी अहम भूनमका सामिे आई है । सिीक
कराईकुडी में निदे शक और वररष्ठ वैज्ञानिक रह र्ुकी
भू -स्थानिक सूर्िाओों िे क नवड-19 महामारी से कारगर
डॉ. किैसेल्वी िे िीनथयम आयि बैिरी के क्षेत्र में श ध
ढों ग से निपििे में बहुत सहायता की थी।
कायच के निए ख्यानत िाप्त की है ।
साि 2022 में जेिेनिक इों जीनियररों ग मूल्याों कि सनमनत
िेशिि साइों स फाउों डेशि की ररप िच के एक अिु सार
(जीईएसी) िे जेिेनिक रूप से पररवनतचत (जीएम) सरस ों
भारत वैज्ञानिक िकाशि ों की ग्ल बि रैं नकोंग में सातवें
क मोंज़ूरी दे दी। हमारे यहाों जीएम फसि ों का
पायदाि से तीसरे पायदाि पर पहुों र् गया है । एक
पयाच वरर् पर पडिे वािे कुिभाव ों क िेकर नवर ध ह
ररप िच के अिुसार नपछिे तीि वर्ों में भारतीय वैज्ञानिक
रहा है । दे श में नपछिे द दशक ों से जीएम फसि ों की
पेिेंि दु गिे ह गए।
खेती की अिुमनत क िेकर नवनभन्न मोंर् ों पर बहस
जारी है ।

56 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
गुज़रे साि एक पायिि ि जेक्ट् के तहत जयपुर से नवज्ञाि पनत्रकाओों में िगभग तीि हज़ार आिेख निखे।
दै निक वैज्ञानिक दृनष्ट्क र् समार्ार पत्र का ऑििाइि नवज्ञाि भारती और नवज्ञाि वैर्ाररकी पनत्रकाओों का
सोंस्करर् िकानशत नकया गया। सोंपादि भी नकया। शुकदे व िसाद िे नवज्ञाि कथाओों पर
केंनद्रत छह खोंड ों में िकानशत नवज्ञाि कथा क श का
नसतोंबर में सूरत में आय नजत एक कायच क्रम में दे श की सोंपादि नकया। उन्हें कई िनतनष्ठत सम्माि नमिे, नजिमें
सबसे ि कनिय नवज्ञाि पनत्रका नवज्ञाि िगनत क राष्ट्रीय स नवयत िैंड िेहरू पुरस्कार डॉ. आत्माराम और
राजभार्ा कीनतच पुरस्कार िदाि नकया गया। इसका मेघिाथ साहा पुरस्कार उल्लेखिीय हैं ।
िकाशि 1952 में सीएसआईआर के िकाशि
निदे शािय िे आरों भ नकया था। यह पनत्रका दे श भर के वर्च 2022 में वैज्ञानिक येिावती िायुडम्मा की जन्मशती
नवज्ञाििेमी पाठक ों द्वारा पढी जाती है , नजिमें नवद्यानथचय ों पर सीएसआईआर की मद्रास खस्थत केंद्रीय र्मडा
से िेकर अिुसोंधािकताच और वैज्ञानिक तक सखम्मनित अिुसोंधाि िय गशािा में नवर्ार ग नष्ठय ों का आय जि
हैं । हुआ। िायुडम्मा का जन्म 10 नसतोंबर 1922 के नदि हुआ
था। उन्ह ि ों े केंद्रीय र्मडा अिुसोंधाि िय गशािा में एक
राष्ट्रीय नवज्ञाि नदवस पर नपछिे साि नवज्ञाि सोंर्ार और छ िे से पद से अपिा कररयर शुरू नकया और आगे
नवज्ञाि ि कनियकरर् के क्षेत्र में नवशेर् य गदाि करिे र्िकर इसी सोंस्थाि के निदे शक और बाद में
वािी द सोंस्थाओों और िौ ि ग ों क पुरस्कृत नकया सीएसआईआर के महानिदे शक पद तक पहुों र्े। उन्हें
गया। नवज्ञाि एवों िौद्य नगकी सोंर्ार में नवशेर् य गदाि के पद्मश्री सनहत अिेक राष्ट्रीय सम्माि नमिे।
निए केरि की पी. एि. पनर्क्कर फाउों डेशि क राष्ट्रीय
पुरस्कार िदाि नकया गया। िवार्ार ों और परों परागत इसी साि अक्ट्ू बर में डॉ. जी. एि. रामर्ोंद्रि की
तरीक ों से नवज्ञाि एवों िौद्य नगकी सोंर्ार में नवशेर् जन्मशती मिाई गई। वे उि कुछ र्ुनिोंदा भारतीय
य गदाि के निए उत्तरिदे श के िेशिि एस नसएशि वैज्ञानिक ों में शानमि थे , नजन्हें ि बेि पुरस्कार के निए
फॉर वािोंिरी इनिनशएनिव एों ड क ऑपरे शि क िामाों नकत नकया गया था। वे पहिे व्यखक्त थे , नजन्ह ि ों े
पुरस्कृत नकया गया। क िेजि की निर पि हे निकि सोंरर्िा का नवर्ार िस्तुत
नकया था। इस महत्त्वपूर्च ख ज िे उन्हें नवि भर में
23 मई2022 क वररष्ठ नवज्ञाि िेखक शुकदे व िसाद िनसखद् नदिाई थी। उन्हें 1961 में शाों नतस्वरूप भििागर
का दे हाों त ह गया। इिाहाबाद में जन्मे शुकदे व िसाद पुरस्कार से सम्मानित नकया गया था।
िे स्वतोंत्र नवज्ञाि पत्रकाररता के क्षेत्र में नवशेर् पहर्ाि
बिाई। उन्ह ि ों े समार्ार पत्र ,ों सोंवाद एजेंनसय ों और

57 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
रोर्क जानकारी

सुपरकंप्यू टर ने पृ थ्वी की तस्वीर को नया रूप मदया


प्रकाश कश्यप

सीडीएम, बीएआरसी, मुंबई-85

अमतर्ालक (Superconductors):
हाि ही में श धकत्ताच ओों िे एक ऐसी सामग्री बिाई है ज एक सुपरकोंडक्ट्र ऐसी सामग्री है ज नबिा नकसी
कमरे के तापमाि पर अनतर्ािकता िनतर ध के एक परमार्ु से दू सरे में नबजिी या
(Superconducting) का गुर् िदनशचत करती है , इिेक्ट्रॉि ों का सोंर्ािि कर सकती है ।
हािााँ नक यह केवि 267 गीगा पास्कि (GPa) के दाब इसका मतिब है नक "क्राों नतक तापमाि" पर पहुों र्िे पर
पर काम करती है , ज पृ थ्वी के केंद्र के िगभग तीि- गमी, ध्वनि या ऊजाच का क ई अन्य रूप उस सामग्री से
र्ौथाई दबाव (360 GPa) के बराबर है । मुक्त िहीों ह गा।
प्रयुक्त सामग्री (Material Used): काबचि, हाइडर जि सुपरकोंडक्ट्सच का क्राों नतक तापमाि (Critical
और सल्फर के नमश्रर् क श धकत्ताच ओों िे द हीर ों Temperature) वह तापमाि ह ता है नजस पर धातु की
(DIAMONDS) के अनतसू क्ष्म ि क के बीर् में रखा और नवद् युत िनतर धकता शून्य ह जाती है ।
रासायनिक िनतनक्रया जाििे के निये उस पर िेज़र इसमें िमुख रूप से एल्युमीनियम, िाइओनबयम,
िकाश का उपय ग नकया। मैग्नीनशयम नडब राइड आनद शानमि हैं ।
प्रमिया (Process): अनुप्रयोग:
जब उन्ह ि
ों े िय गात्मक तापमाि (Experimental इसका िय ग मैग्नेनिक ररज़ िेंस इमेनजोंग (Magnetic
Temperature) क कम नकया, त नवद् युत धारा का Resonance Imaging- MRI), मशीि ,ों नबजिी िाइि ,ों
िनतर ध शून्य ह गया, ज यह दर्ाच ता है नक िमूिा शखक्तशािी अनतर्ािक र्ुम्बकत् (Ultra Powerful
(Sample) अनतर्ािक बि गया है । Superconducting Magnets), म बाइि-फ ि िावर ों
अनतर्ािकता के निये िमूिे का सोंक्रमर् 267 GPa पर में ह ता है ।
िगभग 15°C के सोंक्रमर् तापमाि (Transition श धकत्ताच इसे पवि आधाररत िरबाइि के निये ियु क्त
Temperature) में सबसे अच्छा हुआ। उच्च-िदशचि जिरे िर में भी िय ग कर रहे हैं ।
सत्यापि (Verification): यह सत्यानपत करिे के निये सीमाएँ :
नक यह र्रर् वास्तव में एक सुपरकोंडक्ट्र था, समूह िे इिकी उपय नगता अभी भी ‘बल्की क्राय जेनिक्स’
पता िगाया नक सुपरकोंडक्ट्र की यह र्ुोंबकीय (Bulky Cryogenics- बहुत कम तापमाि पर सामग्री
सोंवेदिशीिता िनत-र्ुोंबकीय (Diamagnet) थी। के उत्पादि और व्यवहार) की आवश्यकता द्वारा
श धकत्ताच ओों िे कुछ सबूत भी पाए नक नक्रस्टि िे अपिे सीनमत है क् नों क सामान्य सुपरकोंडक्ट्र वायुमोंडिीय
र्ुोंबकीय क्षेत्र क सोंक्रमर् तापमाि पर निष्कानसत कर दबाव ों पर काम करते हैं , िेनकि केवि तब तक जब
नदया, ज अनतर्ािकता का एक महत्त्वपूर्च परीक्षर् है । तक नक उन्हें बहुत ठों डा रखा जाता है ।
इसे मैस्नर िभाव (Meissner Effect) भी कहा जाता है यहााँ तक नक ताों बे के ऑक्साइड आधाररत नसरे नमक
नजसका सीधा अथच है नक र्ुों बकीय िाइिें सुपरकोंडक्ट्सच सामग्री (Ceramic Materials) जैसे सबसे पररष्कृत
से िहीों गुजरती हैं । तत्त्व भी केवि -140°C से िीर्े काम करते हैं ।

58 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
अनुसंधान का महत्त्व: से जािा जाता है - यह तस्वीर नकसी व्यखक्त द्वारा िी गई
यनद श धकत्ताच व्यापक दबाव पर सामग्री क खस्थर कर पृथ्वी की पहिी पूरी तरह से स्पष्ट् रों गीि तस्वीर थी।
सकते हैं , त कमरे के तापमाि पर अनतर्ािकता के अब, वैज्ञानिक ों िे इस तस्वीर क अत्याधुनिक नडनजिि
अिुिय ग ों क िाप्त नकया जा सकता है । जिवायु मॉडि के परीक्षर् के दौराि नफर से बिाया है ।
िनतर्ुोंबकत् (Diamagnetism) यह जिवायु मॉडि सामान्य अिुकृनत मॉडि की तु ििा
जब इि पदाथों क असमाि र्ुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाए में 100 गुिा अनधक आवधचि क्षमता, एक नकि मीिर
त ये पदाथच अनधक िबि र्ुम्बकीय क्षेत्र से कम िबि तक की नवभेदि क्षमता के साथ तू फाि और समुद्री
र्ुम्बकीय क्षेत्र की ओर गनत करते हैं । तूफाि जैसी जिवायु सम्बोंधी घििाओों क दर्ाच सकता
यह र्ुोंबकत् गैर-स्थायी है और केवि एक बाहरी क्षे त्र है ।
की उपखस्थनत में रहता है ।िेररत र्ुोंबकीय क्षर् ब्लू माबचल की र्िवाती हवा- नजसमें नहों द महासागर
(magnetic moment) का पररमार् बहुत कम ह ता है पर बिा एक र्क्रवात भी शानमि है - क नफर से बिािे
और इसकी नदशा िागू क्षेत्र के नवपरीत ह ती है । के निए श धकताच ओों िे वर्च 1972 के मौसम सम्बोंधी
मैस्नर प्रभाव (Meissner Effect) आों कडे सुपर कोंप्यूिर-सों र्ानित सॉफ्टवेयर में डािे।
जब क ई पदाथच अपिे क्राों नतक ताप से िीर्े आकर पररर्ामी तस्वीर में क्षेत्र की अिग-अिग नवशेर्ताएों
अनतर्ािक अवस्था क िाप्त ह ता है त इसके अों दर नदखाई दे रही थीों। जैसे नक िामीनबया के ति से उमडते
र्ुोंबकीय क्षेत्र शून्य ह जाता है । इसे मैस्नर िभाव पािी (जि उत्सरर्) और िोंबे, बेंतिुमा बादि ों का
(Meissner effect) कहते हैं । आच्छादि।
नवशेर्ज्ञ ों का कहिा है नक ये किाबानज़याों दर्ाच ती हैं नक
उच्च-आवधचि क्षमता वािे जिवायु मॉडि पररष्कृत ह ते
जा रहे हैं । उम्मीद है नक ये मॉडि युर पीय सों घ के
डे खस्टिेशि अथच ि जेक्ट् का केंद्र बिेंगे। इस ि जेक्ट् का
उद्े श्य पृ थ्वी की नडनजिि ‘जुडवाों पृथ्वी’ बिािा है तानक
र्रम मौसम पररघििाओों का बेहतर पूवाच िुमाि नकया
जा सके और बेहतर तै यारी में मदद नमिे।

जलवायु मॉडल :एक सुपरकोंडक्ट्र के अोंदर शू न्य


र्ुोंबकीय क्षेत्र के निये यह बाधा पूर्च िनतर्ुोंबकत् से
अिग है ज इसके शून्य नवद् युत िनतर ध से उत्पन्न
ह गी।आज से पर्ास साि पहिे 7 नदसों बर 1972 क ,
अप ि -17 में सवार अोंतररक्ष यानत्रय ों िे र्ोंद्रमा की ओर
जाते हुए करीब 30,000 नकि मीिर की दू री से पृ थ्वी
की एक सुिनसद् तस्वीर िी थी। गौरतिब है नक
अप ि -17 नमशि यानत्रय ों समेत र्ोंद्रमा पर िासा का
आखखरी नमशि था। इस तस्वीर क ‘ब्लू माबचि' के िाम

59 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
पररर्द समार्ार धन्यवाद ज्ञापि नदया व उन्ह ि
ों े बताया नक फाइिेंनशयि नवश्लेर्र्
में नवत्त नवनधय ों का अवि कि कर ऩए उद्यमी क ज खखम और
उद्यम का उनर्त तरीके से नवनत्तय िबों धि करिे की व्यवस्था िदाि
राष्ट्रीय वेमबनार का आयोजन
करता है । नवत्तीय रूप से समझ रखिे वािे उद्यमी के िेतृत्
नहों दी नवज्ञाि सानहत्य पररर्द, मुोंबई व एस नसएशि ऑफ म्यूर्ुअि कौशि पर आधार िदाि करता है । आज का जीडीपी का वर्चि
फोंड् स इि इों नडया (एएमएफआई) के सहय ग से नदिाों क: और भनवष् के निए सों भाविाओों का नवश्लेर्र् करिा व
17.02.2023 क समय शाम 7:30 बजे “व्यखक्तगत नवत्त िबों धि के िनतभू नतय ,ों बीमा और बैं नकोंग उद्य ग ों की दु निया के कामकाज क
माध्यम से धि सृ जि” पर एक नदवसीय राष्ट्रीय वे नबिार का आय जि समझिे के निए ज खखम िबों धि और नवत्त नसद्ाों त ों से अवगत
नकया गया ।इस कायच क्रम के निदे शक डॉ सों जय अग्रवाि थे इस एक ह िा जरूरी है । उन्ह ि
ों े मु ख्य वक्ता श्री. सू यचकाों त शमाच क पररर्द
नदवसीय राष्ट्रीय वे नबिार के मुख्य वक्ता श्री. सू यचकाों त शमाच ज वररष्ठ की ओर से आभार िकि नकया व सभी िनतभानगय ों क राष्ट्रीय
सिाहकार , एएमएफआई, व भारतीय िनतभूनत और नवनिमय वे नबिार में शानमि ह िे के निए बहुत बहुत धन्यवाद नदया.
ब डच (SEBI) के पूवच उप महािबों धक हैं ।इस कायच क्रम के मु ख्य
अनतनथ डॉ डी के असवाि थे ज निदे शक, एर्एस एों ड ईजी,
बीएआरसी व एिपीएि सीएसआईआर के पूवच निदे शक हैं । राष्ट्रीय
वे नबिार की शुरुआत इस कायच क्रम के निदे शक डॉ सों जय अग्रवाि
िे की उन्ह ि
ों े बताया नक नहों दी नवज्ञाि सानहत्य पररर्द, मुोंबई व
एस नसएशि ऑफ म्यूर्ुअि फोंड् स इि इों नडया के सहय ग से इस
राष्ट्रीय वे नबिार में इस दे श के वै ज्ञानिक, इों जीनियर, िे क्न क्रेि
नवज्ञाि के नवद्याथी बु नियादी व्यखक्तगत नवत्तीय िबों धि से पररनर्त
हगों े राष्ट्रीय वे नबिार के इस राष्ट्रीय वे नबिार के मुख्य अनतनथ डॉ डी
के असवाि िे बताया नक नवत्तीय िबों धि में कोंपिी की
पररसों पनत्तय ों और दे िदाररय ों क समझिा और नवत्तीय आय व्यय
क ठीक से नियों नत्रत करिा व फोंड क सही तरीके से आवों नित
करिा और आय िाप्त करिा आनद शानमि है , और वतच माि नवत्तीय
से वाओों क िागू करिे के निए बजि बिािा िाभ हानि का
नहसाब रखिा और िए पररय जिाओों में नवत्तीय उत्पाद ों क
नवकनसत करिे के निए गनर्त का ऊपय ग नकया जाता है । नहोंदी
नवज्ञाि सानहत्य पररर्द, मुोंबई व एस नसएशि ऑफ म्यूर्ुअि फोंड् स
इि इों नडया (एएमएफआई) के सहय ग की जा रही सराहिा की व
शुभकामिाएों दी इसके बाद नहों दी नवज्ञाि सानहत्य पररर्द के सनर्व
श्री सत्य िभात िभाकर िे मुख्य वक्ता श्री. सू यचकाों त शमाच का
पररर्य नदया व बताया नक नवत्तीय िबों धि तीि िकार के ह ते हैं
यथा कैनपिि बजनिों ग, कैनपिि स्टर क्चर और वनकिंग कैनपिि
मुख्य वक्ता श्री. सू यचकाों त शमाच
मैिेजमेंि आनद शानमि है ।नवत्तीय िबों धि में आय, व्यय, राजस्व,
िाप्य खात ों और िाप्य, िकदी िवाह और िाभिदता जैसी
पररर्ािि नवत्तप र्र् मद ों की निगरािी करिा शानमि है ज गनर्त
से सों बोंनधत है और गनर्त नवज्ञाि का नहस्सा है । इसके बाद राष्ट्रीय
वे नबिार के मुख्य वक्ता श्री. सू यचकाों त शमाच िे बु नियादी व्यखक्तगत
नवत्तीय िबों धि , बु नियादी निवे श कौशि जाििे के निए स्मािच
फाइिेंस से जु डे बाजार में िए र्िि की जािकारी व निवे श के निए
व्यवखस्थत तरीके के बारे में बताया व शेयर माकेि, अकाउों निों ग और
अथचव्यवस्था का अच्छा ज्ञाि नदया। फाइिेंनशयि नवश्ले र्र्,स्टॉक
ब्र नकोंग मुख्य रूप से नकसी निवे शक क रर्िीनतक निर्च य िेिे
और निवे श की सिाह व ज खखम नवश्लेर्र् आनद की महत्पूर्च
जािकारी िदाि की । अोंत में नहोंदी नवज्ञाि सानहत्य पररर्द की मुख्य
पनत्रका “वै ज्ञानिक” के मुख्य सोंपादक श्री राजेश कुमार नमश्र िे -सों जय ग स्वामी

60 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
मवज्ञान समार्ार

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61 जनवरी- मार्च,2023
वैज्ञानिक
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62 जिवरी मार्च-2023
वैज्ञानिक
र्हां िी र्वज्ञान सार्हत्य पररर्ि् (र्ुम्बई)
र्हां िी नवज्ञाि की अखखि भारतीय स्तर पर एक शीर्च सोंस्थाि
(पांर्ीकृत सांख्या: BOM/64/70/G.B.B.S. F-2005)
पत्रार्ार का पता: 16-सी. कोंर्िजों गा. अर्ु शखक्तिगर. मुोंबई 400094
फ ि िोंबर-022-255592205. Mob. 9869306364. email id: hvsp1968@rediffmail.com/hvsp.india1968@yahoo.com
नई कायचकाररणी समममत(2022-24)
अर्ध्क्ष उपार्ध्क्ष सर्चव

श्रीमती क्टिता मनोहर, डॉ राकेश कुमार बाजपेयी श्री सत्य प्रभात प्रभाकर
मनदे शक, एनआरजी, बीएआरसी
सह सर्चव कोर्ार्ध्क्ष संयुक्त कोषाध्यक्ष

श्री कृष्ण कुमार वमाच श्री बी.एन. ममश्र


श्री राजेश कुमार

पदे न सदस्य सदस्य सदस्य


(र्ुख्य सां पािक, वै ज्ञार्नक)

श्री प्रकाश कश्यप श्री अममत मटकाररया


श्री रार्ेश कुर्ार र्र्श्र
सदस्य सदस्य सदस्य

श्री संजय गोस्वामी श्री राजेश कुमार सर्ान श्री शेर मसंह मीना
सदस्य सदस्य सदस्य

श्री डी एस राजापुरे श्री मनमतन वी र्ौगुले श्री के डी गुप्ता

63 जिवरी मार्च-2023
वैज्ञानिक

म नो ग त िवीितम व ज्ञािवधच क अों क

वैज्ञानिक अक्ट्ू बर - नदसोंबर 22 के अोंक में िकानशत सभी िेख वास्तव में बहुत ही ज्ञािवधचक और
उत्कृष्ट् हैं। वैज्ञानिक के अच्छे अोंक के निए आपक धन्यबाद व बधाई ।
डॉ दीपक कोहली, लखनऊ

काफ़ी अच्छी है पमत्रका

अं क ममली खु शी हुई
वैज्ञानिक अक्ट्ू बर - नदसोंबर 2022 का अोंक पढिे क नमिी काफी अच्छा िगा पनत्रका
नवज्ञाि सोंबोंनधत है सारे िेख अच्छे हैं और किेवर भी अच्छा िगा आप और आपकी पनत्रका
जिमािस में नवज्ञाि के िनत
जागरूक पैदा करिे का अि खा ियास निरों तर जारी रखें है ऐ आपकी छात्र ों के निए बहुत
बडी बात है इस हेतु आभार व्यक्त करता हों व नवज्ञाि के नवकास के निए आपके ियास क
सिाम करता हों।

/kU;okn!
डा राजीव रों जि, फैजाबाद
मवज्ञान के प्रमत जागरूक अं क

वै ज्ञामनक पमत्रका अिू बर - म दसं बर 2022 अं क में लगभग सभी ले ख


पढ़े । ले ख अत्यं त उच्च स्तरीय, सराहनीय तिा सारगमभच त हैं ।
शु भकामनाएं समहत! वै ज्ञामनक पमत्रका का ज्ञानवद्च क अं क

डॉ सरोज शु क्ला
वैज्ञानिक का िया अोंक, अक्ट्ू बर - नदसोंबर 2022 िाप्त ह गया है। आिेख िकाशि के निये धन्यवाद।
नवज्ञाि की जािकारी से पररपू र्च इस अोंक में हमेशा की तरह ज्ञािवद्च क िेख ों का िकाशि हुआ है। पनत्रका निरों तर िकानशत ह ते हुए
नवज्ञाि सोंर्ार का कायच नबिा नवराम के करती रहेगी।
वैज्ञानिक पनत्रका अक्ट्ू बर - नदसोंबर 2022 अोंक व नवज्ञाि की नवनभन्न जािकारी से पररपूर्च है
आपकी पनत्रका जिमािस में नवज्ञाि के िनत जागरूक पैदा करिे का अि खा ियास निरों तर धन्यवाद!
जारी है ।इस हेतु आभार व्यक्त करता हों व ज्ञाि के नवकास के निए आपके ियास सराहिीय मिीर् श्रीवास्तव, भ पाि,ि
तथा सारगनभचत है।
मवज्ञान सं बं मधत पमत्रका
शुभकामिाएों सनहत!
श्री उत्तम नसोंह गहरवार, रायपुर
पनत्रका अक्ट्ू बर - नदसों बर 20 22अों क में सारे िेख अत्योंत र र्क व नवज्ञाि की नवनभन्न जािकारी से
आकर्च क और िई स ामग्र ी से सों पन्न पररपूर्च है िूफ भी काफ़ी अच्छा है. पनत्रका के महत्पूर्च अोंक क निरिरता बिाये रखें अोंक में िकानशत
वै ज्ञानिक पनत्रका का अक्ट्ू बर - नदसों बर 2 022 अों क आकर्च क और िई हुई सभी िेख कानफ रूनर्कर व ज्ञािवधचक जािकारी दी गई है
सामग्री से सों पन्न है ।पनत्रका क ा कवर बे हद आकर्च क है । सभ ी िे ख बे हद
शुभकामिाएों सनहत!
पठिीय और ज ािकारीपरक है ।
डॉ नदिेश कुमार आशीर् िसाद , पििा
उच्च स्तरीय पमत्रका
मवज्ञान छात्रों की पमत्रका

वैज्ञानिक पनत्रका का अक्ट्ू बर - नदसोंबर 22 के अोंक क पढ कर हम सभी क बहुत ख़ुशी हुई सभी िेख
अच्छे हैं आपिे कुछ िेख नवज्ञाि छात्र ों क पनत्रका के माध्यम से ज ज जािकारी दी हैं व हम सभी के
उत्साह क बढाई सोंपादक क मेरी तरफ से बधाई.

शुभकामिा सनहत! ए के सन्याि, रायपुर

वै ज्ञानिक जािकार ी से पररपू र्च

'वैज्ञानिक' का अक्ट्ू बर - नदसोंबर 2022 का e कॉपी अोंक पढा इस अोंक में सभी िेख वैज्ञानिक जािकारी से
पररपूर्च है. पनत्रका जिमािस में नवज्ञाि के िनत जागरूक पैदा कर नवज्ञाि सोंर्ार का अि खा काम कर रही
है
सभी बधाई के पात्र है शुभकामिा सनहत!
उमेश कुमार नसोंह, एिआरबी, मुोंबई

64 जिवरी मार्च-2023
वैज्ञानिक (त्रैमानिक) RNI. No.:18862/70 निल्ली, ियी निल्ली, महाराष्ट्र, नहमाचल प्रिे श, राजस्थाि व उ.प्र. के नशक्षा
नवभाग ों द्वारा स्कूल ों व कॉलेज ों के नलए स्वीकृत।

भारत के वततमान प्रधान मंत्री श्री नरें द्र मोदी सोमवार यानी 6 फरवरी, 23 को बेंगलु रु में इं डिया एनर्जी वीक
का उद् घाटन करने पहं चे थे । यहां इं डियन ऑयल कॉपोरे शन (IOCL) ने पीएम को यह र्जैकेट डगफ्ट की थी।
इस र्जै केट को तडमलनािु के करूर की कंपनी श्री रें गा पॉलीमसत ने तै यार डकया है । यह र्जै केट प्लास्टिक की
बोतलों पॉलीथीन टै रीडपथाले ट को ररसाइकल कर बनाई गई है , डर्जसे पहनकर संसद भी गए थे।

वैज्ञाडनक’ में लेखकों द्वारा व्यक्त डवचारों से संपादन मं िल का सहमत होना आवश्यक नहीं है . वैज्ञाडनक में प्रकाडशत
समस्त सामग्री के सवात डधकार डहं .डव.सा.पररषद के पास सुरडित हैं . ‘वैज्ञाडनक’ एवं डहं .डव.सा.पररषद से संबंडधत सभी डववादों का
डनर्तय मुं बई के न्यायालय में ही होगा. ‘वैज्ञाडनक’ में प्रकाडशत सामग्री का आप डबना अनुमडत डलए उपयोग कर सकते हैं . परं तु इस
बात का उल्ले ख करना अडनवायत होगा डक अमु क सामग्री ‘वैज्ञाडनक’ से साभार

नहों िी नवज्ञाि िानहत्य पररषि् , मोंबई के नलए मख्य िोंपािक श्री राजेश कमार नमश्र द्वारा िम्पानित,
मख्य व्यवस्थापक : श्री िोंजय ग स्वामी द्वारा प्रकानशत. मद्रण- ऑिलाइि

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