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प्रेस रिलीज़

यु वाओं में बढ़ते स्ट्र ोक के मामलों पि अग्रिम इं स्ट्ीट्यूट ऑफ न्यूिो साइं सेज आटे ग्रमस अस्पताल ने आयोग्रजत
ग्रकया जागरूकता सत्र

ग्रवश्व स्ट्र ोक ग्रिवस 2023- 29 अक्टू बि

थीम - टु गेिि वी आि #िेटि िै न स्ट्र ोक (एक साथ हम #स्ट्र ोक से भी बडे हैं)

गुरुिाम, 27 अक्टू बि 2023: दु नियाभर में स्ट्रोक के मामलोों में बढ़त के चलते मेनिकल सेंटसस समय-समय पर
जागरूकता बढ़ािे के नलए कुछ प्रोग्राम करते रहते हैं . अब निश्व स्ट्रोक नदिस 2023 से पहले, अनग्रम इों स्ट्ीट्यूट ऑफ
न्यूरोसाइों सेज, आटे नमस अस्पताल के िॉक्टरोों िे हाल के नदिोों में स्ट्रोक की बढ़ती नचोंता को दू र करिे के नलए एक
जागरूकता सत्र आयोनजत नकया. इसमें यु िाओों में स्ट्रोक के मामलोों में बढ़त पर जोर नदया गया.

इस सत्र का नेतृत्व आटे ग्रमस अग्रिम इं स्ट्ीट्यूट ऑफ न्यूिो साइं सेज के स्ट्र ोक यू ग्रनट के सह प्रमुख औि न्यूिो
इं टिवेंशन के डायिे क्टि डॉक्टि ग्रवपुल गुप्ता ने डॉक्टि िाज श्रीग्रनवास पाथथ सािथी के साथ ग्रकया. इन्ोंने अपने
समय पि सही इलाज वाले एक मिीज के केस के बािे में बताया, नजसमें निशेष एआई सॉफ्टिेयर की महत्वपू र्स
भूनमका रही.

ऐसा दािा है नक यह भारत में पहली बार है , नक नकसी अस्पताल िे आनटस नफनशयल इों टेनलजेंस रे नियोलॉजी सॉफ्टिेयर
को अपिाया है जो सीटी और सीटी एों नजयोग्राफी के फोटो का स्वतोंत्र रूप से निश्ले षर् करिे में सक्षम है और अगर
मदद की जरूरत होती है तो तुरोंत मेनिकल टीम को सूनचत कर सकता है .

डॉक्टि ग्रवपुल गुप्ता ने बताया ग्रक कैसे एआई सॉफ्टवेयि ने 43 वर्षीय मिीज में स्ट्र ोक को डायग्नोज ग्रकया औि
पूिी न्यू िो टीम को तु िंत इलाज औि सचे त किने के ग्रलए अलटथ ग्रकया. निपु ल िे बताया-43 िषीय मरीज जो
िायनबटीज, हाई ब्लि प्रे शर, हाइपरथायरायनिज्म और निस्लिनपिे नमया से पीऩित थी, उसे ऊपरी अों ग में हल्की
कमजोरी का अिुभि हुआ, जो धीरे -धीरे खराब होकर उसके निचले अों ग और बोलिे की क्षमता को प्रभानित करिे
लगी. उसे एकदम आटे नमस अस्पताल लाया गया, जहाों सीटी-सीटी एों नजयोग्राफी और एमआरआई सनहत एक्यू ट स्ट्रोक
प्रोटोकॉल से पता चला नक उसके नदमाग के दानहिे नहस्से में एक इिफाक्टस था और दानहिी इों टरिल कैरोनटि आटस री
पू री तरह से बों द थी. आटे नमस अस्पताल की स्ट्रोक टीम िे एआई सॉफ्टिेयर के रूप में तेजी से काम नकया, नजसिे
मरीज के आिे के 2-3 नमिट के अों दर इमेनजोंग िे टा को प्रोसेस नकया गया और न्यूरो-इों टरिेंशनिस्ट्, स्ट्रोक
न्यूरोलॉनजस्ट्, न्यू रो-एिेस्थीनसया और निनटकल केयर टीमोों को तत्काल तैयारी करिे के नलए सचेत नकया.

पू री टीम इस प्रनिया के नलए तेजी से तैयार थी. दानहिी सामान्य कैरोनटि आटस री में एक कैथेटर था, नजससे इों टरिल
कैरोनटि आटस री के लगातार बों द हो रही थी. एक स्ट्ें ट ररनटर िर उपकरर् को सािधािीपू िसक लगािे और क्लॉट को
हटािे के नलए लगाया गया, नजससे ब्लि सकुसलेशि सही हो गया. नफर एों नजयोग्राफी में नदमाग की ब्लि िेसल में
कोलेस्ट्रॉल जमा होिे की पहचाि की गई, नजससे खूि को पतला करिे िाली दिाएों दी गईों.

यह प्रनिया तब की गई जब मरीज जाग रही थी, और बाद में इों टेंनसि केयर यू निट में उसकी निगरािी की गई. स्ट्रोक के
चलते शुरुआती िुकसाि के बािजूद मरीज िे कुछ ही समय में बे हतर सुधार नकया और आम न ोंदगी नफर से शुरू
करिे की राह पर आया.
िॉक्टर निपु ल गु प्ता िे स्ट्रोक ररिससल प्रनिया में समय की महत्वपू र्स भूनमका पर जोर दे ते हुए कहा, ''हर नमिट की दे री
से दो नमनलयि ब्रे ि सेल्स का िुकसाि हो सकता है , नजससे चलते समय पर इलाज बे हद जरूरी है . इि मामलोों में सबसे
ब़िी चुिौती तुरोंत पहचाि करिे और इलाज शुरू करिे में है , खासतौर से यह दे खते हुए नक मरीज नदि के नकसी भी
िक़्त आ सकते हैं (जैसे इस केस में मरीज सुबह 3:45 बजे सुबह आया था). यहाों तक नक आधे घों टे की दे री से भी मरीज
के ठीक होिे की सोंभाििा काफी कम हो सकती थी. एआई सॉफ्टिेयर को लागू करके, आटे नमस अस्पताल िे प्रनिया
के समय को कम कर नदया है और छोटे शहरोों तक अपिी पहुोंच का निस्तार नकया है , इमरजेंसी कोंिीशि की स्लस्थनत में
जरूरत िाले लोगोों की तुरोंत पहचाि करिे के नलए एआई सॉफ्टिेयर से लैस स्थािीय स्ट्रोक केंद्र स्थानपत नकए हैं . यह
रर्िीनतक दृनिकोर् यह सुनिनित करता है नक एक्यू ट इों टरिेंशि/मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी की जरूरत िाले मरीजोों को
आटे नमस अस्पताल में स्थािाों तररत नकया जाता है , जबनक अन्य को स्थािीय केंद्रोों में उपचार नमलता है .''

आटे नमस अस्पताल स्ट्रोक के इलाज को बेहतर बिािे, अत्याधुनिक तकिीक का उपयोग करिे और छोटे शहरोों तक
अपिी पहुों च बढ़ािे की प्रनतबद्धता ि रोगी के पररर्ामोों में सुधार लािे का उदाहरर् है , नजससे स्ट्रोक के मरीजोों को पू री
तरह ठीक नकया जा सके. आटे नमस अस्पताल की स्ट्रोक यू निट को हाल ही में 'बे स्ट् यू निट इि मैिेजमेंट ऑफ स्ट्रोक'
के नलए निश्व स्ट्रोक सोंगठि द्वारा िायमोंि स्ट्े टस अिािस से सम्मानित नकया गया था.

For more information contact –

Ayush Tondak - 9354714636

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