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पतंज ल ऋ षकु ल

क ा-5
वषय -सं कृ त
पाठ 4 -वचन प रचय:
बोधनम्
वचनम्-सं ा ,सवनाम एवं या आ द श द के जस प ारा उनसे संबं धत ा णय एवं व तु क सं या का बोध होता
है, उसे वचनम् कहते ह। ये वचन तीन कार के होते ह- एकवचनम्, वचनम् एवं ब वचनम्।
एकवचनम् - श द के जस प से कसी ,व तु अथवा या क एक क सं या का बोध होता है उसे एकवचना कहते
ह जैसे बालक:, बा लका , फलम्,पत त आ द।
वचनम् - श द के जस प से दो य , व तु अथवा या का बोध होता है ,उसे वचन कहते ह ।जैसे --
बा लका बाली के भले आ द
ब वचनम् - श द के जस प से कसी , व तु अथवा या क 2 से अ धक क सं या का बोध होता है, उसे
ब वचनम् कहते ह ।जैसे -बालका:,बा लका: ,फला न पत त आ द।
क ठन श दा: (अ यास पु तका काय)
म का
अ :
गदभा:
उलूका:
प ाण
च म्
आ ाण
पु पम्
उ ानम्
क का न
गृहा ण
श दाथा: (अ यास पु तका काय पेज नंबर 32)
इकाई दो
अ यास २
अधो ल खतानाम् ह ाम् अनुवादम् कु त। ( अ यास पु तका काय)
अ यास 3
ब वचने प रवतयत। (अ यास पु तका काय)
इकाई 3
अ यास 4
र ाना न पूरयत। (पु तक काय)
अ यास 5
सृजना मकता (पु तक काय)
उ रमाला
अ यास २ अ यास पु तका काय
क दो गधे
ख दो मालाएंँ
ग अनेक मोर
घ अनेक बतन
ङ दो कोयल
च एक कबूतर
छ एक घड़ी
ज दो उ लू
झ अनेक बगीचे
ञ दो आंँख
अ यास 3
ब वचन म बद लए - अ यास पु तका काय
क सहा:
ख गा यका:
ग ह रणा:
घ नौका:
ङ मयूरा:
च का लका:
छ आ ाण
ज गृहा ण
झ प ाण
ञ वानरा:
अ यास 4 र ाना न पूरयत--पु तक काय
श दा: लगम् एकवचनम् वचनम् ब वचनम्
कपोत: पु लंगम् कपोत: कपोतौ कपोता:
पु पम् नपुंसक लगम् पु पम् पु पे पु पा ण
गज: पु लंगम् गज: गजौ गजा:
अजा ी लगम् अजा अजे अजा:
गृहम् नपुंसक लगम् गृहम् गृहे गृहा ण
नौका ी लगम् नौका नौके नौका:
मयूर: पु लंगम् मयूर : मयूरौ मयूरा:
अ यास 5 सृजना मकता - छा वयं करगे।

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