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जिाहर निोदय विद्यालय िर्ाा

व्याकरण

विषय: समास

शिशिका: शिनाां क:
नीलाम्बरी खैरे अगस्त 2020
(टी.जी.टी शिन्दी)
समास की पररभाषा
िो या िो से अशिक िब्ोां को सांशिप्त करके नया िब् बनाने की प्रशिया िे ने की शिशि समास
किलाती िै । यानी समास िब् का अर्थ िै - सांिेप अर्ाथ त छोटा करना; जैसे-रसोई के शलए घर के
स्र्ान पर रसोईघर’ किना। कम से कम िब्ोां में अशिक से अशिक अर्थ प्रकट करना ‘समास’
का मुख्य उद्दे श्य िै ।

शिां िी में समास के छ: भे ि िैं :


(1) अव्ययीभाि समास
(2) तत्पुरुष समास
(3) शिगु समास
(4) िां ि समास
(5) कमथिारय समास
(6) बहुव्रीशि समास
 अव्ययीभाि समास
 इस समास में पिला पि (पू िथ पि) प्रिान िोता िै और पूरा पि अव्यय िोता िै
इसमें पिला पि उपसगथ िोता िै जैसे अ, आ, अनु, प्रशत, िर, भर, शन, शनर, यर्ा, याित आशि
उपसगथ िब् का बोि िोता िै ।

 उदाहरण:
(आजन्म) - जन्म पयथ न्त
(यर्ािशि) - अिशि के अनुसार
(यर्ािम) - िम के अनुसार
 तत्पुरुष समास
 इस समास में िू सरा पि (उत्तर पि / अांशतम पि) प्रिान िोता िै इसमें कताथ और सांबोिन कारक
को छोड़कर िेष छ: कारक शिन्ोां का प्रयोग िोता िै
जैसे - कमथ कारक, करण कारक, सम्प्रिान कारक, अपािान कारक, सम्बन्ध कारक, अशिकरण
कारक ।

 उदाहरण :
(शिद्यालय) - शिद्या के शलए आलय
(राजपुत्र) - राजा का पुत्र
(मुांितोड़) - मुांि को तोड़ने िाला
(शिड़ीमार) - शिशड़या को मारने िाला
(जन्माां ि) - जन्म से अँिा
 विगु समास
 शिगु समास में पिला पि सांख्यािािक िोता िै शिग्रि करने पर समूि का बोि िोता िै ।

 उदाहरण :
(शत्रलोक) - तीनो लोकोां का समािार
(निरात्र) - नौ राशत्रयोां का समूि
(अठन्नी) - आठ आनो का समूि
(िु सूती) - िो सुतोां का समूि
(पांितत्व) - पाां ि तत्वोां का समूि
 िं ि समास
 इसमें िोनोां पि प्रिान िोते िैं । शिग्रि करने पर बीि में 'और' / 'या' का बोि िोता िै |

 उदाहरण :
(पाप-पुण्य) - पाप और पुण्य
(सीता-राम) - सीता और राम
(ऊँि-नीि) - ऊँि और नीि
(खरा-खोटा) - खरा या खोटा
(अन्न-जल) - अन्न और जल
 कमार्ारय समास
 इसमें समस्त पि सामान रूप से प्रिान िोता िै इसके शलांग, ििन भी सामान िोते िैं इस समास
में पिला पि शििे षण तर्ा िू सरा पि शििेष्य िोता िै शिग्रि करने पर कोई नया िब् निीां
बनता|

 उदाहरण :
(िन्द्रमुख) - िन्द्रमा के सामान मुख िाला - शििेषता
(ििीिड़ा) - ििी में डूबा बड़ा - शििेषता
(गु रुिे ि) - गु रु रूपी िे ि - शििेषता
(िरण कमल) - कमल के समान िरण - शििेषता
(नील गगन) - नीला िै जो असमान - शििेषता
 बहुव्रीवह समास
 इस समास में कोई भी पि प्रिान न िोकर अन्य पि प्रिान िोता िै शिग्रि करने पर नया िब्
शनकलता िै पिला पि शििेषण निीां िोता िै शिग्रि करने पर समूि का बोि भी निीां िोता िै

नोट : बहुव्रीशि समास के अांतगथत िब् का शिग्रि करने पर नया िब् बनता िै या नया नाम
सामने आता िै

 उदाहरण :
(शत्रनेत्र) - भगिान शिि
(िीणापाणी) - सरस्वती
(श्वेताम्बर) – सरस्वती
(गजानन) - भगिान गणेि
(शगरिर) - भगिान श्रीकृष्ण
र्न्यिाद

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