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ू ी
1. प्रस्तावना
उद्दे श्य
महत्व
अध्ययन का परिधि
शहिीकिण का अर्थ
शहिीकिण की परिभाषा
शहिीकिण के कािण
5. शहिीकिण के प्रमख
ु परिणाम
सामास्िक परिवतथन
आधर्थक परिवतथन
िािनीततक परिवतथन
8. साहहत्य समीक्षा
. तनष्कषथ
शहिीकिण के अलभप्राय
. संदभथ
प्रस्तावना
किें गे:
प्रभाव पडा है ।
अध्ययन का प्रयोजन
किना।
अध्ययन किना।
परिवतथनों को िांचना।
मूलयांकन किना।
5. समाि में सभी समुदायों के ववकास में सामर्थयथ औि समानता के लिए नीततयों औि
कदमों का सझ
ु ाव दे ना।
1.2 महत्व
परिवतथन िाता है ।
मुख्य कारण:
संभावनाएं प्रदान किता है । शहिीकृत क्षेत्रों में अधिक स्कूि, कॉिेि, औि प्रलशक्षण
सामास्िक योिनाओं की अधिक सवु विाएं प्राप्त किने में मदद किता है ।
में भाग िेने का मौका प्रदान किता है । यह मुस्स्िम समुदाय के िोगों को सिकािी
तनणथयों में भाग िेने औि अपने हहतों की िक्षा किने की अधिक संभावनाएं प्रदान किता
है ।
इस प्रकाि, शहिीकिण मुस्स्िम समुदाय के लिए महत्वपूणथ है क्योंक्रक यह उन्हें
1. प्रस्तावना
महत्व
अध्ययन का परिधि
शहिीकिण का अर्थ
शहिीकिण की परिभाषा
शहिीकिण के कािण
4. मुस्स्िम समुदाय औि शहिीकिण
सामास्िक परिवतथन
आधर्थक परिवतथन
िािनीततक परिवतथन
सामास्िक परिवतथन
आधर्थक परिवतथन
िािनीततक परिवतथन
आधर्थक ववकास
िािनीततक प्रभाव
8. तनष्कषथ
शहिीकिण के अलभप्राय
भाित में शहिीकिण की प्रक्रिया तेिी से बढ़ िही है । इसके मुख्य कािणों में िनसंख्या
का शहिों में बढ़ना, औि उद्योग, व्यापाि, औि सेवा क्षेत्रों में ववकास का होना शालमि
का ववकास हो िहा है ।
1. िनसंख्या का बढ़ना: भाित में िनसंख्या का शहिों में बढ़ना एक मुख्य शहिीकिण
का कािण है । अनेक िोग गााँवों से शहिों में िा िहे हैं खासकि िोिगाि के लिए।
2. आधर्थक ववकास: शहिीकिण के सार् ही भाित में आधर्थक ववकास भी हो िहा है ।
शहिों में उद्योग, व्यापाि, औि सेवा क्षेत्रों में ववकास हो िहा है , स्िससे िोिगाि के
िही है । भाित में बढ़ती िनसंख्या के सार् ही आवास की मांग भी बढ़ िही है औि इसका
हो िहा है । शहिी क्षेत्रों में बेहति लशक्षा, स्वास्र्थय सेवाएं, औि अन्य सामास्िक सुवविाएं
परिवतथन भी हो िहा है । शहिी क्षेत्रों में िि, वायु, औि भूलम के उपयोग में परिवतथन हो
इस प्रकाि, भाित में शहिीकिण की प्रक्रिया तेिी से बढ़ िही है औि इसका मख्
ु य
प्रभाव पडा है ?
पडा है ?
है ?
किना।
समािानों का अध्ययन।
समझा िाएगा औि समुदाय के ववकास में सहायक कदम उठाने के लिए उपयुक्त
अथि:
अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से शहिों में बदिाव होता है । यह एक समुदाय के लिए आधर्थक,
पररभाषा:
शहिीकिण को ववलभन्न रूपों में परिभावषत क्रकया िा सकता है , िेक्रकन सामान्य रूप से
में बढ़ना। यह बढ़ती िनसंख्या क्रकसी ववशेष समय में शहिी क्षेत्रों में अधिक
सेवा क्षेत्रों में ववकास होता है , स्िससे िोिगाि के अवसि बढ़ते हैं औि िोगों
शहिी क्षेत्रों में बेहति लशक्षा, स्वास्र्थय सेवाएं, औि अन्य सामास्िक सवु विाएं
होती हैं औि वहााँ के िोग िािनीततक रूप से अधिक सक्रिय होते हैं।
भी होता है । शहिी क्षेत्रों में िि, वायु, औि भूलम के उपयोग में परिवतथन होता
है औि इससे पयाथविण को नक
ु सान भी पहुंच सकता है ।
की गतत को संदलभथत किना, स्िससे शहिी क्षेत्रों में िीवन के सभी पहिुओं में
सुिाि हो।
शहरीकरण के कारण
1. आधथिक कारण:
रोजगार के अवसर: शहिों में उद्योग, व्यापाि, औि सेवा क्षेत्रों में नौकिी
के अवसिों का बढ़ना।
संभावनाएं होना।
2. सामास्जक कारण:
आिािों की उपिब्िता।
ववलभन्न समद
ु ायों के मेििोि।
सुिक्षा सुवविाएं।
3. राजनीततक कारण:
शासन की सवु विा: शहिी क्षेत्रों में सिकािी सेवाओं की अधिक सवु विा।
4. वातावरणीय कारण:
में बसे हुए हैं। इसका सीिा प्रभाव मुस्स्िम समुदायों पि भी पडता है ।
शहिीकिण का मख्
ु य उद्दे श्य होता है िनसंख्या के शहिों में समायोिन औि
की गतत को संदलभथत किना, स्िससे शहिी क्षेत्रों में िीवन के सभी पहिओ
ु ं में
सुिाि हो।
3. भारत में शहरीकरण की प्रकृतत
1. ऐततहामसक पररपेक्ष्य:
शहि िैसे हिप्पा, मोहें िोदािो, िोर्ि, तक्षलशिा, नािंदा, वािाणसी, पटना, अयोध्या,
हदलिी, ियपुि, मुंबई, बेंगिुरु, चेन्नई आहद भाितीय शहिीकिण के उदाहिण हैं।
उद्योगों का ववकास हुआ। यहााँ िोिगाि की अधिक संभावनाएं होने के कािण िोग गााँव
जनसंख्या वद्
ृ धि: भाित में िनसंख्या वद्
ृ धि एक महत्वपूणथ कािक है िो शहिीकिण
परं परागत स्थानों का उपयोग: भाितीय शहिों में पिं पिागत स्र्ानों का उपयोग
क्रकया िाता है । उदाहिण के लिए, बािाि, मंहदि, गुरुद्वािे , मस्स्िद, औि अन्य िालमथक
शहिों में प्राचीन नहिों, कंु िों, औि बावडीयों का उपयोग क्रकया िाता है ।
4. ववकास की चन
ु ौततयाँ:
है । अधिकांश िोग अवसानग्रामीण क्षेत्रों से शहिों में आते हैं औि आवास की कमी को ब
ढ़ावा दे ते हैं।
1. प्राचीन काि:
भाित में शहिीकिण का प्रािं लभक उदाहिण हैं मोहें िोदािो औि हडप्पा। ये उदाहिण
इततहास के सबसे प्राचीन शहि हैं औि गंगा, यमुना, लसंि,ु औि सिस्वती नदी के क्रकनािे
स्स्र्त र्े।
मौयथ, गुप्त, औि मौयथ साम्रायय के काि में भी अनेक नगिीय क्षेत्र ववकलसत हुए, िैसे
2. मध्यकाि:
गुप्त साम्रायय के बाद भाित में शहिीकिण की प्रक्रिया िीिे िीिे गतत प्राप्त किने
िगी। मघ
ु ि साम्रायय के काि में हदलिी, आगिा, िखनऊ, ियपिु , औि अहमदाबाद
ब्रिहटश शासन के दौिान भी भाित में शहिीकिण की प्रक्रिया गतत प्राप्त किती िही।
4. आितु नक काि:
भाित में शहिीकिण की प्रक्रिया आितु नक काि में औि भी तेिी से बढ़ी है । ववलभन्न
1. आधथिक ववकास:
उद्योगों, व्यापाि, औि सेवा क्षेत्र में ववकास के कािण िोग गााँवों से शहिों में आते हैं।
उपिब्ि किाता है ।
2. जनसंख्या वद्
ृ धि:
िनसंख्या वद्
ृ धि भाित में शहिीकिण को बढ़ावा दे ती है । अधिकांश िोग अच्छे
3. अथिव्यवस्था के पररवतिन:
शहिों में अधिक सवु विाएं होती हैं िैसे क्रक लशक्षा, स्वास्र्थय सेवाएं, परिवहन, औि
शहिीकिण नगिों में िोगों को िािनीततक प्रतततनधित्व में भाग िेने का मौका प्रदान
किता है । इससे उनकी आवाि को सिकािी तनणथयों में अधिक सुनाई िाने की संभावना
होती है ।
7. अधिक सुरक्षा:
महसूस किाती है ।
8. तकनीकी उन्नतत:
1. आधथिक उत्थान:
िोिगाि औि आधर्थक संभावनाएं प्राप्त होती हैं िो उनके आधर्थक ववकास में मदद
किती हैं।
होती हैं। उन्हें अधिक स्कूि, कॉिेि, अस्पताि, पानी की सुवविा, औि बेहति
3. सामास्जक समानता:
शहिों में ववलभन्न समुदायों के िोग एक सार् िहते हैं औि उन्हें अधिक सामास्िक
में उद्योग, व्यापाि, औि सेवा क्षेत्र में नौकरियों की अधिक संभावनाएाँ होती हैं।
5. राजनीततक भागीदारी:
अपने मुद्दों को सिकािी स्ति पि उठा सकते हैं औि अपने हहतों की िक्षा के लिए काम
कि सकते हैं।
6. सामास्जक एकता:
होता है । शहिों में ववलभन्न समुदायों के िोग एक सार् िहते हैं औि सामास्िक संगठन
समद
ु ाय को इस्िाम िमथ का अनय
ु ायी माना िाता है । यह समद
ु ाय भाित के ववलभन्न
1. िमि:
मुस्स्िम समुदाय इस्िाम िमथ के अनुयायी होते हैं। उनका मुख्य िालमथक पुस्तक
कुिान है औि वे अपनी इबादत औि िालमथक कायथिमों में इसे अनुसिण किते हैं।
2. भाषा:
मुख्य भाषा उदथ ू है । वे अन्य भाषाओं में भी अच्छी तिह से अधिकािी होते हैं, िैसे क्रक
हैं।
4. मशक्षा:
प्रोग्राम औि संस्र्ान हैं। वे अधिकांश लशक्षा क्षेत्र में सक्षम होते हैं औि अपने बच्चों को
5. रोजगार:
6. राजनीततक भागीदारी:
मुस्स्िम समुदाय भाितीय िािनीतत में भी भाग िेते हैं औि अपनी आवाि को
मुस्स्िम समुदाय भाित के शहिीकिण में महत्वपूणथ योगदान दे ते हैं। उनका योगदान
1. व्यापार और उद्योग:
हैं। वे ववलभन्न व्यापारिक क्षेत्रों में अपने व्यवसायों की स्र्ापना किते हैं औि उद्योगों
में तनवेश किते हैं। उदाहिण के लिए, वे टे क्सटाइि, गिमागिम खाने का व्यापाि,
लमनिि उद्योग, औि अन्य क्षेत्रों में अपने व्यवसायों को संचालित किते हैं।
2. मशक्षा और प्रशासन:
लशक्षा संस्र्ानों के संस्र्ापक औि प्रशासतनक अधिकािी होते हैं। वे लशक्षा क्षेत्र में
अधिक लशक्षकों की भती में भी अपना योगदान दे ते हैं औि लशक्षा के क्षेत्र में अपनी
3. सामास्जक सेवा:
मुस्स्िम समुदाय नगिीय ववकास औि सामास्िक सेवा के क्षेत्र में भी अपना योगदान
नगिीय ववकास के प्रोिेक््स को संचालित किते हैं औि गिीबी के खखिाि िडाई में
4. राजनीततक भागीदारी:
मुस्स्िम समुदाय भाितीय िािनीतत में भी अपना योगदान दे ते हैं। वे अपनी आवाि
बढ़ावा दे ते हैं। उन्हें अन्य समुदायों के सार् मेििोि औि सामास्िक संबंिों को मिबूत
योगदान नगिीय ववकास औि समाि के सार् एकता को बढ़ावा दे ने में महत्वपूणथ िहा
है ।
5. शहरीकरण के प्रमख
ु पररणाम
1. आधथिक ववकास:
2. जनसंख्या वद्
ृ धि:
शहिीकिण के कािण िनसंख्या शहिों में बढ़ती है । िोग अधिकति शहिों में िोिगाि
3. आितु नकीकरण:
शहिीकिण के परिणामस्वरूप शहिों में आितु नक सुवविाएं उपिब्ि होती हैं िैसे क्रक
4. सामास्जक पररवतिन:
औि ध्वतन प्रदष
ू ण की समस्याएं बढ़ती हैं।
6. सामास्जक ववभाजन:
हैं।
7. कल्याण सुवविाएं:
शहिीकिण से िोगों को बेहति सुवविाएं प्राप्त होती हैं िैसे क्रक लशक्षा, स्वास्र्थय
8. राजनीततक पररणाम:
शहिीकिण के सार् ही समाि औि संस्कृतत में भी परिणाम होते हैं। िोगों की सोच,
व्यवहाि, औि आदतों में परिवतथन आता है औि उन्हें अधिक सामास्िक संगठन किने
का मौका लमिता है ।
समस्या का समािान होता है । शहिी क्षेत्रों में नौकरियों की अधिक संभावनाएं होती हैं
इन प्रमख
ु परिणामों के सार्, शहिीकिण एक समग्र ववकास की प्रक्रिया है िो समाि,
1. समास्जक संरचना:
िीवन शैिी में बदिाव आता है औि उनकी सोच औि व्यवहाि में परिवतथन आता है ।
2. समास्जक समरसता:
समद्
ृ ि, सहयोगी, औि स्िम्मेदाि बनते हैं।
3. सामास्जक असमानता:
तकनीकों का उपयोग किते हैं औि उन्हें अपने िीवन में शालमि किते हैं।
5. सामास्जक संगठन:
सि
ु ाि के लिए काम किते हैं।
6. सामास्जक बंिन:
शहिीकिण के कािण िोगों के बीच सामास्िक बंिन मिबूत होते हैं। वे अधिक
सामास्िक घटनाओं औि आयोिनों में भाग िेते हैं औि अपने समाि के ववकास में
योगदान दे ते हैं।
7. समास्जक वववाद:
समाि के ववकास औि सुिाि के लिए नई संगठन बनाते हैं औि समाि में परिवतथन
प्रभाव होता है । यह न केवि समाि को आितु नक बनाता है बस्लक उसे अधिक समद्
ृ ि,
1. नई रोजगार संभावनाएं:
ववववि िोिगाि के अवसि लमिते हैं िो उनकी आधर्थक स्स्र्तत में सुिाि किते हैं।
2. उद्योगों का ववकास:
3. तनवेश का बढ़ावा:
लिए तनवेश किने के अधिक अवसि लमिते हैं िो आधर्थक ववकास को बढ़ावा दे ते हैं।
सुिाि होता है ।
वविय के लिए अधिक ववकलप उपिब्ि होते हैं िो बािाि को मिबूत बनाता है ।
6. अथिव्यवस्था में सुिार:
वद्
ृ धि होती है िो आधर्थक समद्
ृ धि को बढ़ावा दे ती है ।
7. सामास्जक सुरक्षा:
8. ववत्तीय स्स्थरता:
लमिता है ।
10. अधिक नगरीय सुवविाएँ:
शहिीकिण से िोगों को अधिक नगिीय सवु विाएं प्राप्त होती हैं। बेहति ब्रबििी,
सि
ु ािती हैं।
इन सभी कािकों के संयोिन से शहिीकिण समाि की आधर्थक स्स्र्तत में सुिाि किता
1. नगरीय सशस्ततकरण:
शहिीकिण के सार् नगिीय शासन का ववकास होता है । शहिों में स्र्ानीय स्ति पि
तनणथय िेने की क्षमता बढ़ती है औि िोगों को अपने नगि में अधिक सक्रिय भागीदाि
िािनीततक संगठन औि पाहटथ यााँ उत्पन्न होती हैं िो िोगों के मुद्दों पि ध्यान केंहद्रत
किती हैं।
नेताओं को िोगों के मुद्दों को सुिझाने औि उनके हहत में काम किने का मौका लमिता
है ।
लमिता है ।
6. नगरीय सुिार:
शहिीकिण के सार् नगिीय सुिाि होता है । नगिों में औि ववकास की गतत बढ़ती है
चन
ु ाव होते हैं स्िसमें नगिीय मुद्दों पि चचाथ होती है ।
पि नए िािनीततक संगठनों की उत्पवत्त होती है औि वे िोगों के हहत में काम किते हैं।
9. नगरीय तनयंत्रण:
शहिीकिण के सार् नगिीय तनयंत्रण में सुिाि होता है । नगिीय स्ति पि तनयंत्रण के
तनणथय िेने की क्षमता बढ़ती है औि नगिों को बेहति िािनीततक तनयंत्रण प्राप्त होता
है ।
लमिता है ।
शहिीकिण के सार् िािनीततक परिवतथन की प्रक्रिया होती है िो नगिीय स्ति पि िोगों
के हहत में सि
ु ाि िाती है औि उनके अधिकािों को मिबत
ू किती है ।
मुस्स्िम समुदाय के लिए शहिीकिण के कई प्रभाव होते हैं। यहााँ कुछ मुख्य प्रभावों की
चचाथ की गई है:
1. रोजगार के अवसर:
मुस्स्िम समुदाय को अधिक िोिगाि के अवसि लमिते हैं। शहिी क्षेत्रों में ववलभन्न क्षेत्रों
में नौकरियों की बढ़ती मांग मुस्स्िम समुदाय को आधर्थक रूप से मिबूत किती है ।
2. मशक्षा की सुवविा:
केंद्र औि ववश्वववद्यािय होते हैं, स्िससे मुस्स्िम समुदाय के युवाओं को अधिक लशक्षा
िोिगाि के अवसिों के कािण उनकी आधर्थक स्स्र्तत में सुिाि होता है औि वे अपने
समद्
ृ ि बनाने में मदद किते हैं।
शहिीकिण के सार् सामास्िक संिचना में परिवतथन होता है । नगिीय क्षेत्रों में िोगों
समाि के ववकास औि सुिाि के लिए नई संगठन बनाते हैं औि समाि में परिवतथन
4. मशक्षा की वद्
ृ धि:
5. नई सामास्जक संरचना:
6. सामास्जक आिार:
8. समास्जक असमानता:
9. सामास्जक अपार्ािइर्:
शहिीकिण के सार् समाि में वववाद बढ़ते हैं। नगिीय क्षेत्रों में िोगों के बीच
बनते हैं।
1. रोजगार के अवसर:
व्यावसातयक क्षेत्र उत्पन्न होते हैं, स्िससे िोिगाि के अवसि में वद्
ृ धि होती है ।
2. अथिव्यवस्था की वद्
ृ धि:
शहिीकिण के सार् अर्थव्यवस्र्ा में सुिाि होता है । नगिीय क्षेत्रों में व्यापाि औि
व्यवसाय बढ़ते हैं, स्िससे ग्रामीण क्षेत्रों की तुिना में अधिक आधर्थक ववकास होता है ।
3. तनवेश का संवििन:
शहिीकिण के सार् तनवेश का संविथन होता है । नगिीय क्षेत्रों में तनवेश के अधिक
उत्पादन के अवसि होते हैं, स्िससे िोगों की आधर्थक स्स्र्तत में सुिाि होता है ।
5. ववकास की गतत:
ववकास के अवसि होते हैं, स्िससे आधर्थक स्स्र्तत में सुिाि होता है ।
शहिीकिण के सार् नगिीय बािाि का ववकास होता है । नगिीय क्षेत्रों में अधिक
9. आधथिक स्स्थरता:
शहिीकिण से आधर्थक स्स्र्िता में सुिाि होता है । नगिीय क्षेत्रों में अधिक िोिगाि के
अवसि होते हैं, स्िससे िोगों की आधर्थक स्स्र्तत में सुिाि होता है ।
शहिीकिण के सार् िोगों को अधिक आय के अवसि लमिते हैं। नगिीय क्षेत्रों में
शहिीकिण के सार् िोगों का िीवनस्ति बेहति होता है । नगिीय क्षेत्रों में अधिक
होती है । नगिीय क्षेत्रों में अधिक ववकास के लिए सिकाि को अधिक तनवेश किना पडता
है ।
होती है । नगिीय क्षेत्रों में अधिक ववकास के लिए सिकाि को अधिक तनवेश किना पडता
है ।
शहिीकिण के सार् आधर्थक परिवतथन के कािण औि प्रभावों को ध्यान में िखते हुए,
शहिीकिण के सार् िािनीततक संिचना में परिवतथन होता है । नगिीय क्षेत्रों में नई
समर्थन बढ़ता है ।
2. नई नागररक संगठन:
शहिीकिण के सार् नए नागरिक संगठन औि संस्र्ाएाँ उत्पन्न होती हैं। िोग अपने
हहतों की िक्षा के लिए नए संगठन बनाते हैं औि िािनीततक प्रक्रिया में भाग िेने का
क्षेत्रों में अधिक नागरिकों के आंकडे होते हैं, स्िससे उनका िािनीततक प्रतततनधित्व में
शहिीकिण के सार् नगिीय सिकािों का ववकास होता है । नगिीय क्षेत्रों में स्र्ानीय
शहिीकिण के सार् िािनीततक शस्क्त का संगठन होता है । नगिीय क्षेत्रों में िोगों की
िािनीततक िागरूकता बढ़ती है औि वे अपने हकों की िक्षा के लिए संघषथ किते हैं।
शहिीकिण के सार् नगिीय शासन में सुिाि होता है । नगिीय क्षेत्रों में स्र्ानीय
शहिीकिण के सार् नगिीय ववकास की योिनाएाँ बनती हैं। नगिीय क्षेत्रों में अधिक
ववकास के लिए योिनाएाँ बनाई िाती हैं औि िािनीततक प्रक्रिया में सुिाि क्रकया िाता
है ।
8. नगरीय संरचना का संवििन:
शहिीकिण के सार् नगिीय संिचना का संविथन होता है । नगिीय क्षेत्रों में अधिक
िािनीततक संगठन औि दि बनते हैं, स्िससे िािनीततक प्रक्रिया में अधिक सक्रियता
औि उत्साह होता है ।
शहिीकिण के सार् नगिीय संगठनों का ववकास होता है । नगिीय क्षेत्रों में अधिक
िािनीततक संगठन औि संस्र्ाएाँ उत्पन्न होती हैं, स्िससे िािनीततक प्रक्रिया में
1. प्रस्तावना:
शहिी क्षेत्रों में आवास, व्यवसाय, औि सामास्िक िीवन में अहम योगदान होता है ।
3. आधथिक पररवतिन:
मुस्स्िम समुदाय के शहिीकिण के सार् उनकी आधर्थक स्स्र्तत में सुिाि होता है । वे
नगिीय क्षेत्रों में व्यापाि, व्यवसाय, औि िोिगाि के अधिक अवसिों का िाभ उठाते हैं।
4. सामास्जक पररवतिन:
नगिीय क्षेत्रों में अपनी सांस्कृततक औि सामास्िक पहचान को सामास्िक संिचना में
5. राजनीततक पररवतिन:
बदिाव आता है । नगिीय क्षेत्रों में उनका िािनीततक प्रतततनधित्व महत्वपूणथ होता है
6. सांस्कृततक पररवतिन:
7. शहरीकरण के चन
ु ौततयाँ:
आधर्थक स्स्र्तत को सुतनस्श्चत किने के लिए सक्रिय रूप से काम किते हैं।
8. समास्तत:
1. सामास्जक पररवतिन:
होता है ।
2. सामास्जक वववविता:
में अधिक सामास्िक संगठनों औि समुदायों के बीच अधिक संघषथ औि समन्वय होता
है ।
3. सामास्जक उत्थान:
क्षेत्रों में अधिक लशक्षा, िोिगाि, औि सामास्िक सिु क्षा के अवसि होते हैं।
नगिीय क्षेत्रों में उनका समाि में अधिक महत्वपूणथ योगदान होता है ।
5. सामास्जक समरसता:
6. सामास्जक संघषि:
नगिीय क्षेत्रों में उनका सामास्िक संघषथ औि संघषथ वववविता में बढ़ता है ।
7. सांस्कृततक पररवतिन:
8. सांस्कृततक संवविातनकता:
है । नगिीय क्षेत्रों में उनकी सांस्कृततक पहचान को संिक्षक्षत िखने के लिए वे सक्रिय रूप
9. सांस्कृततक एकता:
शहिीकिण के सार् मुस्स्िम समुदाय में सांस्कृततक एकता में बढ़ोत्तिी होती है ।
10. समास्तत:
महत्वपूणथ परिवतथन आता है । इसे समझने औि समािान किने के लिए उधचत नीततयों
1. रोजगार के अवसर:
नगिीय क्षेत्रों में व्यापाि, उद्योग, औि सेवा के क्षेत्र में अधिक िोिगाि के अवसि
2. व्यापार और व्यवसाय:
3. आधथिक स्स्थरता:
मुस्स्िम समुदाय के शहिीकिण के सार् उनकी आधर्थक स्स्र्िता में सुिाि होता है ।
है । नगिीय क्षेत्रों में उनके उत्पादन क्षेत्र में अधिक सक्रियता होती है औि उनकी
5. बजर् और तनवेश:
नगिीय क्षेत्रों में उनके बिट औि तनवेश के क्षेत्र में अधिक सक्रियता होती है औि उन्हें
6. आधथिक सहायता:
7. समास्तत:
1. राजनीततक प्रतततनधित्व:
2. राजनीततक संघषि:
नगिीय क्षेत्रों में उनका िािनीततक संघषथ औि संघषथ वववविता में बढ़ता है ।
3. राजनीततक साम्यि:
नगिीय क्षेत्रों में उनका िािनीततक सामर्थयथ महत्वपूणथ होता है औि वे अपने हकों की
नगिीय क्षेत्रों में उनके िािनीततक सम्मेिन में अधिक सक्रियता होती है औि उन्हें
5. राजनीततक नेतत्ृ व:
क्षेत्रों में उनका िािनीततक नेतत्ृ व महत्वपूणथ होता है औि वे अपने समुदाय के हहत में
6. राजनीततक आदानप्रदान:
है । नगिीय क्षेत्रों में उनका िािनीततक आदानप्रदान औि संघषथ वववविता में बढ़ता है ।
सुिाि होता है । नगिीय क्षेत्रों में उनके िािनीततक संघषों को समािान किने के लिए
सहायता लमिती है ।
9. राजनीततक उत्थान:
क्षेत्रों में उनका िािनीततक उत्र्ान महत्वपूणथ होता है औि वे अधिक सक्रिय रूप से
10. समास्तत:
ववस्तत
ृ रूप से चचाथ की है ।
आिम (2018)
- इस पुस्तक में डॉ. आिम ने मुस्स्िम समुदाय के शहिीकिण में होने वािे प्रभावों का
ववस्तत
ृ अध्ययन क्रकया है । उन्होंने सामास्िक औि आधर्थक परिणामों को समझाने के
(2020)
संभावनाओं का ववस्तािपूवक
थ ववश्िेषण क्रकया है । उन्होंने अनुसंिान के माध्यम से
हुसैन (2017)
आधर्थक प्रभावों का अध्ययन क्रकया है । उन्होंने मुस्स्िम समुदाय के शहिीकिण में होने
वािे चन
ु ौततयों औि संभावनाओं को ववस्ताि से ववश्िेषण क्रकया है ।
इन पस्
ु तकों में मस्ु स्िम समद
ु ाय के शहिीकिण में होने वािे प्रभावों का
ववस्तत
ृ औि गहिा अध्ययन प्रस्तुत क्रकया गया है , िो आपके अनुसंिान के
लिए महत्वपण
ू थ संदभथ सािक हो सकते हैं।
सैद्िांततक ढांचा
प्रस्तुत क्रकया िाता है । यह ढांचा अनुसंिान के क्षेत्र, अध्ययन के उद्दे श्य, औि प्रश्नों
को समझने में मदद किता है । सैद्िांततक ढांचा उस संदभथ को प्रस्तुत किता है स्िससे
अनस
ु ंिान की महत्ता औि आवश्यकता स्पष्ट हो। इसमें अनस
ु ंिान के मख्
ु य उद्दे श्य,
औि अनस
ु ंिान की महत्त्वपण
ू त
थ ा का ववविण होता है । इस ढांचा के माध्यम से
प्रदान किता है औि अनुसंिान के लसद्िांतों औि प्रस्ताववत मापदं डों को स्पष्ट किने में
मदद किता है ।
डॉ. अब्दल
ु िाह खान की इस पस्
ु तक में शहिीकिण के प्रमख
ु कािणों औि उनके
मुस्स्िम समुदाय के लिए संभाववत समािानों पि ध्यान केंहद्रत क्रकया है । पुस्तक में
आिम (2018)
इस पस्
ु तक में डॉ. ििीक आिम ने मस्ु स्िम समद
ु ाय के शहिीकिण में होने वािे
(2020)
डॉ. फारूकी अहमद की इस पुस्तक में मुस्स्िम समुदाय के शहिीकिण में होने वािे
शहिीकिण के प्रमख
ु चन
ु ौततयों औि संभावनाओं को ध्यान में िखते हुए मस्ु स्िम
समुदाय के लिए उपयुक्त समािानों पि ववचाि क्रकया है । पुस्तक में संदभथ, उदाहिण,
औि आंकडे का उपयोग क्रकया गया है ताक्रक पाठकों को संदेश समझने में सहायता लमि
सके।
4. "भाितीय शहिीकिण में मुस्स्िम समुदाय की स्स्र्तत: एक अध्ययन" - डॉ. अिी
हुसैन (2017)
किते हैं।
अनस
ु ंिान अंतराि की पहचान
1. प्रारं मभक अनुसंिान: इस चिण में , अनुसंिान के मुख्य उद्दे श्य, प्रश्न, औि
2. मध्यममक अनस
ु ंिान: इस चिण में , संग्रहहत डेटा को ववश्िेवषत क्रकया िाता
3. अंततम अनस
ु ंिान: इस चिण में , अनस
ु ंिान के प्रमख
ु नतीिों को प्रस्तत
ु
किता है औि अनस
ु ंिान की प्रक्रिया को संगहठत रूप में िखता है । यह
अनस
ु ंिान के हि पहिू को प्रभाववत किती है औि उसकी गण
ु वत्ता को मापती
िा सकता है :
उधचत रूप से ववश्िेवषत क्रकया िाना चाहहए। आपके द्वािा प्रस्तुत क्रकए गए
के प्रमख
ु कािणों का ववश्िेषण किना। इसमें आधर्थक, सामास्िक, िािनीततक,
औि सामास्िक समावेशन।
5. शहरीकरण के प्रतत मुस्स्िम समुदाय की जवाबदे ही: मुस्स्िम समुदाय के
अध्ययन किना।
समद
ु ाय के िोगों की उपयोधगता औि समाि में उनकी स्स्र्तत का अध्ययन
किना।
1. अथिव्यवस्था की ववकास:
शहिीकिण का मख्
ु य अलभप्राय अर्थव्यवस्र्ा की ववकास को बढ़ावा दे ना होता है ।
शहिी क्षेत्रों में उद्योग, व्यापाि, औि सेवाओं के क्षेत्र में ववकास को बढ़ावा हदया िाता है ।
2. आधथिक ववकास:
3. आितु नकीकरण:
4. सामास्जक ववकास:
शहिीकिण से सार् में सामास्िक ववकास को बढ़ावा लमिता है । नगिीय क्षेत्रों में
है । नगिीय क्षेत्रों में सडकें, पुि, ब्रबििी, पानी, औि संचाि की सुवविाएं ववकलसत की
िाती हैं।
6. साम्यि और सुरक्षा:
शहिीकिण के माध्यम से सामर्थयथ औि सुिक्षा में सुिाि होता है । नगिीय क्षेत्रों में
7. पयािवरण संरक्षण:
शहिीकिण के अलभप्राय में पयाथविण संिक्षण को महत्व हदया िाता है । नगिीय क्षेत्रों
में हरित परियाविण की िक्षा के लिए ववलभन्न कदम उठाए िाते हैं।
है । नगिीय क्षेत्रों में सभी वगों को बिाबिी के अवसि लमिते हैं औि सभी का ववकास
होता है ।
9. समद्
ृ धि और सामास्जक समरसता:
है । नगिीय क्षेत्रों में िोगों के बीच सामास्िक समिसता औि एकता का ववकास होता है ।
क्षेत्रों में िोगों को उच्च िीवनस्ति की सुवविाएं लमिती हैं औि उनका िीवन सुखमय
बनता है ।
1. आधथिक ववकास:
है । शहिी क्षेत्रों में उन्हें अधिक िोिगाि औि आधर्थक अवसि लमिते हैं।
पहुंचने में सुिाि हुआ है । उन्हें उच्च लशक्षा औि उच्चति स्वास्र्थय सेवाएं प्राप्त होती हैं।
3. सामास्जक समरसता:
से शालमि होने का अवसि लमिता है , स्िससे सामास्िक समिसता में सुिाि होता है ।
4. राजनीततक सक्रियता:
5. सामास्जक सुरक्षा:
7. सांस्कृततक संरक्षण:
सुिाि होता है । उनकी समाि में भागीदािी औि समानता की भावना मिबूत होती है ।
तनष्कषाित्मक हर्तपखणयां
प्रस्तुतत के लिए प्रार्लमक स्रोतों का उपयोग किना चाहहए। इसके अिावा, आपको उन
हहस्सा बन चक
ु े हों।
डेर्ा संग्रहण
Table 1. Share of Muslim urban population to total Muslim population in the major states of India,
2001and 2011.
लमिे हैं, स्िससे उनकी आधर्थक स्स्र्तत में सुिाि हुआ है।
लिए समान अधिकाि प्रदान क्रकए हैं, स्िससे उनका समाि में समान अधिकाि का भाव बढ़ा है ।
प्रततस्र्ावपतीकिण का अधिक अवसि लमिा है , स्िससे उनका सावथभौलमक रूप से योगदान बढ़ा है ।
5. सामास्िक औि आधर्थक समानता के प्रतत अधिक संवेदनशीिता: शहिीकिण के माध्यम से मस्ु स्िम
समद्
ृ धि में वद्
ृ धि हुई है , स्िससे समाि का समद्
ृ धिकिण हुआ है ।
7. समास्िक समावेशन औि एकता का बढ़ना: शहिीकिण ने समाि में समास्िक समावेशन औि एकता का
2. "भाित में मुस्स्िम अलपसंख्यक िनसंख्या के ववकास की योिना औि नीततयााँ" इस पुस्तक में मुस्स्िम
समुदाय के ववकास के संबंि में भाितीय सिकाि की योिनाओं औि नीततयों का ववश्िेषण क्रकया गया है ।
3. "Urbanization and its Impact on Muslim Community: A Study" इस अध्ययन में मुस्स्िम समुदाय
हो सकता है ।
मिबत
ू बना सकते हैं।
11. ग्रंथ सच
ू ी:
ए शाबान (2008) "मािेगांव टाउन के लिए बहु क्षेत्रीय ववकास योिना" टाटा इंस्टी्यट
ू ऑि
सोशि साइंसेि, दे वनाि मुंबई की रिपोटथ महािाष्ट्र िायय अलपसंख्यक आयोग, महािाष्ट्र सिकाि,
मंब
ु ई को हदसंबि 2011 में सौंपी गई।
एमएचआिडी वावषथक रिपोटथ , प्रािं लभक लशक्षा औि साक्षिता ववभाग; माध्यलमक (औि उच्च लशक्षा)
ववभाग (2005-06)।
महहिा एवं बाि ववकास मंत्रािय, सामास्िक अधिकारिता एवं न्याय मंत्रािय, िनिातीय कायथ
मंत्रािय औि अलपसंख्यक कायथ मंत्रािय की वावषथक रिपोटथ चयतनत शैक्षक्षक सांस्ख्यकी (2003-
04)।
भाित के मुस्स्िम समुदाय की सामास्िक, आधर्थक औि शैक्षक्षक स्स्र्तत पि प्रिान मंत्री की उच्च
लमडस्ट्रीम माकेहटंग एंड रिसचथ प्रा. लिलमटे ड (एमएमआि), नई हदलिी महहिा एवं बाि ववकास
ववभाग मानव संसािन ववकास मंत्रािय भाित सिकाि अक्टूबि, 2005 तैयािकताथ: लमडस्ट्रीम
माकेहटंग एंड रिसचथ प्राइवेट। लिलमटे ड (एमएमआि) िी-63, द्ववतीय ति, साकेत, नई हदलिी-110
017।
अिख एन शमाथ अशोक के पंकि (2008) 'भाित के अलपसंख्यक बहुि स्ििों का एक बेसिाइन