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रोड ओपनिंग पार्टी/पट्रोल R.O.P.

(Road Opening Party/Petrol)


परिचय:- आज के समय में जहा आतंकवाद तथा नक्सलवाद की गतिविधिया इतनी बढ़ गई हैं। जिससे यह
जरुरी हो गया है की सरु क्षा बल स्वयं के साथ-साथ नेताओ, VIP, आम-जनों तथा साजो-सामान को उनकी यात्रा के
दौरान रोड पर या रे ल में समचि ु त सरु क्षा कवर प्रदान करें ।
अतंकवादियो ने पहले भी कई बार पहाड़ी, जंगलो तथा मैदानी इलाको में सरु क्षाबलों, तथा VIP के कॉन्वॉय पर
हमला करके बहुत ही भारी जान और माल का नक ु सान पहुचाया है । बहुत से घटनाओं में इनके द्वारा अम्बश ु और
IED का भी इस्तेमाल किया गया है ।
इन सब बातो को ध्यान में रखते हुए सरु क्षा बालो द्वारा कॉन्वॉय के मव ू में ट को परू ी योजनाबद्ध तरीके से प्लान
किया जाता है और उसकी सरु क्षा के लिए ROP(Road Opening Party/Patrol) का इस्तेमाल किया जाता है ।
ओपनिंग पार्टी/पट्रोल (R.O.P) को अच्छी तरह से समझने के लिए हम इस विषय को निम्न बिंद ु वार जानेंगे:-
1.ROP क्या है
2.ROP क्यों लगाई जाती है
3.ROP लगाने का तरीका
4.ROP के सिद्धांत
5.रोड प्रोटे क्शन ड्रिल के लिए जरुरी बाते कौन कौन सी है ?
6.कॉन्वॉय प्रोटे क्शन के दौरान अम्बश ु और IEDs लगाने के संभावित जगह कौन कौन से हो सकते है ?
1. ROP क्या है ?(परिभाषा):
सरु क्षा बालो का वो हथियार-बन्द दस्ता जो किसी कॉन्वॉय को मव ू में ट के दौरान आतंकवाद/उग्रवाद/नक्सल
प्रभावित इलाकों से गज ु रने के दौरान सरु क्षा प्रदान करने के लिए मार्ग/रोड एवं उसके नजदीक के इलाकों को
कॉन्वॉय के लिए सरु क्षित बनाने व बनाए रखने के लिए लगाया जाता है , उसे रोड ओपनिंग पार्टी/पेट्रोल(ROP)
कहते हैं।
2. ROP क्यों लगाई जाती है ?:
कॉन्वॉय मव ू में ट जब आतंक प्रभावित इलाको में होता है तो वह कॉन्वॉय के ऊपर अतंकवादियो के और से हमला
जैसे :- आतंकवादियो द्वारा अम्बश ु करना, माइंस /बारूदी सरु ं गों (IEDs) को रिमोट या बिना रिमोट से ब्लास्ट
करना, राकेट अटै क करना, सस ु ाइड अटै क करना आदि। इन और दस ु रे किसी भी प्रकार के खतरे से कॉन्वॉय का
रक्षा करने के लिए ROP लगाई जाती है !इसको लगाने से कॉन्वॉय प्रोटे क्शन के साथ साथ एरिया डोमिनांस और
इंटेलिजेंस कलेक्शन भी हो जाता है
3.ROP लगाने का तरीका:-
आतंकवाद ग्रस्त इलाके में आतकवादी सरु क्षा बालो या उनकी कॉन्वॉय के खिलाफ अम्बश ु तथा IEDs इस्तेमाल
कर लाइन ऑफ़ कम्यनि ु केशन में बाधा उत्पन्न कर सकते है ! इसलिए जरुरी है की कॉन्वॉय मव
ू में ट या सरु क्षा
बालो के मव ू में ट से पहले रोड/रे ल तथा उनके चारो तरफ का इलाका तथा शाकीय जगह को अच्छी तरह से सर्च
किया जाय ! यह हासिल करने के लिए निम्न तरीको से रोड ओपनिंग किया जा सकता है :
1.पिकेटिंग से।
2.चनु ी हुई जगहों पर हथियार बंद टोली द्वारा।
3.फुट/मोबाइल पट्रोल द्वारा।
4.शक वाले अम्बश ु पॉइंट को कवर कर के।
5.ऊपर बताये गए तरीको के मिश्रण से।
4.ROP के सिद्धांत:-
1.रोड ओपनिंग पार्टी के लिए मक ु रर किये हुए जवानों को अपनी मव
ू में ट की सीक्रेसी और सरप्राइज को कायम
रखने के लिए अपनी पोस्ट को रात के समय ही कैम्प छोड़ दे ना चाहिए और पहले से मक ु र्रर की जगह के करीब आ
जानी चाहिए। सब ु ह की रौशनी के बाद ही रोड को क्लियर करने का काम परू ा करना चाहिए।
2.रोड के दोनों तरफ के फ्लेंक को बड़ी सावधानी के साथ सर्च कर ये यकीन कर लेना चाहिए की कोई शत्रु छुपाव
हासिल कर अम्बश ु की करवाई न कर सके।
3.विस्तार के परु े इलाके की रै की की जाये।
4.परु े इलाके को फायर तथा ऑब्जरवेशन से कवर किया जाय।
5.सभी मव ू में ट को टै क्टिकली किया जाए।
6.रोड के दोनों तरफ छोटे हथियारों की कारगर रें ज तक का एरिया को सर्च किया जाय।
7.पल ु और कलवर्ट को फिजिकली गार्ड किया जाए।
8.मिलाप के अच्छे साधन हो।
9.कॉन्वॉय चलने से कम से कम 30 मिनट पहले ROP द्वारा क्लीयरें स मिल जनि चाहिए।
5.रोड प्रोटे क्शन ड्रिल के लिए जरुरी बाते कौन कौन सी है ?:
रोड क्लीयरिंग करने के लिए अपने जाने वाली ड्रिल इलाके व जमीन की बनावट व रौशनी पर निर्भर करती है
इसलिए यह जरुरी है की ROP करते समय कमांड और कण्ट्रोल को कायम रखने के लिए पहले से ही ड्रिल के
आधार पर रूप रे खा तैयार कर ली जाए। इसके लिए कुछ जरुरी बाते इस प्रकार से है :
1.परु े इलाके को सेक्टर और सब सेक्टर में बाँट ली जाए !
2.ट्रूप्स को सब यनि
ू ट/ग्रप्ु स में बाँट कर लेनी चाहिए
3.कॉन्वॉय के चलने से 30 मिनट पहले ROP ट्रूप्स को अपनी जगह ले लेनी चाहिए !
4.कॉन्वॉय रूट के ऊपर शाकीय जगहों की पहचान काफी सोच समझकर की जनि चाहिए !
5.ROP की लोकेशन बदलते रहनी चाहिए !
6.कमांड को डीसेंट्रलाइज किया जाना चाहिए !
7.हर फ्लेंक को LMG/MMG के द्वारा कवर कर के रखना चाहिए !
8.मोबाइल रिज़र्व को पहले से ही ध्यान में रख कर डिटे ल कर रखना चाहिए !
9.ROP ट्रूप्स को सैंड मॉडल या क्लॉथ मॉडल पर ब्रीफिं ग की जाए !
6. कॉन्वॉय प्रोटे क्शन के दौरान अम्बश
ु और IEDs लगाने के संभावित जगह कौन कौन से
हो सकते है ?:
एक माइन या IEDs आतंकवादियो द्वारा किसी एक ऐसे रिफरे न्स के नजदीक लगाई जाती है जिससे ब्लास्ट
करने में आतंकवादी को मदद मिल सके ! IEDs(Improvised Explosive Device) को रोड के दोनों तरफ से
खोदकर बिलकुल बीच में भी लगाया जा सकता है ताकि रोड ऊपर से दे खने में बिलकुल सामान्य लगे। यदि
आतंकवादी जल्दीबाजी में IEDs(Improvised Explosive Device) लगते है तो कामोफ्लाज करने के लिए
पत्थरो , गोबर तथा तजि खद ु ी हुई मिट्टी या कोलतार का इस्तेमाल कर सकते है इसलिए ताजिखद
ु ी हुई मिट्टी या
पेड़ पौधे या बनस्पति के साथ छे ड़ छाड़ होना होना IEDs(Improvised Explosive Device) की संभाना की
और इंगित करती है !
IED/अम्बश ु ज्यादातर निम्न जगहों पर लगाये जा सकते है :
i.डीफाइल (defiles)
ii.पल
ु या कलवार्ट
iii.मोड़ या तरच जंक्शन पर
iv.बिल्ट-अप एरिया में
v.ऐसी छुपाव वाली जगह जो दे खनेमे एक दम इनोसेंट लगे !

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