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Pussy Lick Fuck Story
Pussy Lick Fuck Story
...”
दोतो, म राहुल
मे री सलहज एकता की चु दाई की कहानी के िपछले भाग
साले की बीवी को लं ड चु सवाया
म अब तक आपने पढ़ा था िक म अब एकता की चु दाई रािनय के जै सी करने के मूड म था
… मतलब म ने उसके साथ रफ से स करने का िवचार याग िदया था.
अब आगे पु सी िलक फक :
ू रा
एक हाथ एकता के िसर के पीछे से होता हुआ उसकी पीठ को सहला रहा था तो दस
एकता के चूच को मसल रहा था.
एकता जै से बदन की अगन म तड़प रही थी और उसके मुँ ह से मादक िससकािरयां आ रही
थीं.
िफर म और नीचे चला और एकता के चूच को चूसने और हके-हके काटने लगा. पर मे रा
हाथ अब भी एकता की चूत से खे ल रहा था.
एकता मे रे िसर को सहलाती हुई मु झे बराबर ने ह दे रही थी और उसका बदन तो ऐसे
मचल रहा था जै से म ने उसके साथ कोई बे ददी की ही ना हो.
म ने एकता की चूत रगड़ते हुए कहा- तु ह कैसे पता िक िनशान आसानी से नहीं जाते
एकता- मतलब वही, जो आप थोड़ी दे र पहले कर रहे थे … पर वो िसफ यहां वहां काटने
का काम करते ह .
म - ऐसे कहां कहां काटता है अं गद
एकता- ओह..हो … पता नहीं आपको … इन बात म या मज़ा आ रहा है … और यूँ तो
आप भी समझ गए हो िक उहने पै र के बीच म कहां काटा होगा यादा होिशयारी मत
िदखाओ. मु झे नहीं पता या कहते ह उसको
इतना कहकर एकता शमाने लगी.
म - लीज जान मे रे िलए इतना भी नहीं बोल सकती या िसफ एक बार बोलो ना ‘चूत
पर …’
एकता- हां हां … वहीं पर … अब चु प बस … लीज.
म कभी एकता की चूत की खाल को चूसता, तो कभी उसके दाने पर जीभ फेर दे ता.
बीच बीच म उसकी चूत से थोड़ा हटकर उसकी जांघ को भी चूम और काट ले ता िजससे
एकता िसहर सी जाती.
म िसफ यहीं नहीं का दोतो … जब एकता खूब मगन होती तो म उसकी टां ग हवा म
उठा कर अपनी एक उं गली को गीला करके, उसकी गांड म अदर भी पे ल दे ता.
िजससे उसके चे हरे के भाव आनद से बदल कर डर वाले हो जाते .
म ने थोड़ी दे र ही एकता की चूत म उं गली की होगी िक एकता अपनी गांड उठा उठा कर
मज़े ले ने लगी.
म उसकी बे करारी को समझ सकता था और अब तो उसका चे हरा, उसके भाव और उसकी
हरकत , सब कुछ चीख चीख कर बोल रही थीं.
इसी के साथ ही एकता ने जै से कोई चै न की सांस ली- ओह्ह राहुल … तु म बहुत नालायक
हो बे … तु मने अपनी ही सलहज पर अपनी गदी नज़र रखी और आज िसफ मु झे चोदने के
लान से यहां आए … तु मने मु झे बे ईमान कर िदया … िपछले कई साल म जब से अं गद
बाहर गए ह , मु झे अकेला दे ख कर कई लोग ने कोिशश की मे रे साथ हमिबतर होने की,
पर म ने िकसी को मौका नहीं िदया. मगर तु मने आज मु झे ऐसे रगड़ा िक म चाह कर भी बच
नहीं सकी और तु हारे लं ड का िशकार हो बै ठी … ओह्हह राहुल … अब कुछ मत सोचो
और बस अपनी रे ल चालू करो … अब और इं तज़ार नहीं होता रे
एकता थोड़ी ही दे र म हांफने लगी यूंिक वो बहुत िदन से चु दाई के अयास म नहीं थी.
अं गद को भी बाहर गए करीब 8 महीने हो चु के थे और इसी कारण एकता की चूत िकसी
सील बं द िजतनी ही टाइट थी.
एकता अभी कुछ ही घं ट पहले अपना पानी बहा चु की थी पर िफर भी एकता को दोबारा
झड़ने म यादा समय नहीं लगा और उसने अपने नाखून को मे री पीठ म धाँस िदया.
एकता को दद हुआ, पर वो कुछ नहीं बोली ; बस हकी घु टी आवाज़ उसके मुँ ह से आती
रहीं और म उसको चोदने म लगा रहा.
तभी म ने पूरा लं ड एकता की चूत से बाहर िनकाला और झटके से एक बार िफर से एकता
की चूत म ठोक िदया.
इस बार एकता खु द को नहीं रोक पायी और बोली- आं ह धीरे … आराम से तो कोई काम हो
ही नहीं सकता ना तु हारा … जं गली बनना तो बहुत जरी है ना
म - इसका भी अपना ही मज़ा है एकता रानी … अभी तो तु म आगे आगे दे खो, होता है
या
एकता- थोड़ा आराम से चलो … म कहीं भागी नहीं जा रही … और मे रे को पै र तो सीधे
करने दो, दद हो रहा है
म - ये वो मु दा है , िजसम से स करने से िनिचत ही बचा ठहरता है … तू थोड़ा दद झे ल
ले यूंिक अभी मे रा लं ड भी शांत होने से कोस दरू है .
एकता- या और िकतनी दे र चले गी तु हारी गाड़ी अं गद तो एक बार के बाद बस बात
करते ह . दो बार तो बस कभी कभी ही होता है .
म हठ पर जीभ फेरते हुए बोला- कोई बात नहीं. अभी तो तू कुछ भी कह ले , पर बाद म
तु मसे सही जवाब जर लूंगा.
िफर म ने दोबारा एकता की चु दाई फुल पीड पर शु कर दी.
बीच बीच म म कभी एकता के हठ चूसने लगता तो कभी उसके चूच को मसलने लगता.
म ने एकता के घु टन को तो कध तक मोड़ ही रखा था िजससे एकता के मोटे चूचे उसकी
बां ह के बीच म उभर रहे थे और मु झे कुछ घूर से रहे थे .
एकता की सु दर सु डौल जांघ घूम कर मे री नज़र के सामने थीं तो मु झे ललक हो रही थी
और इस समय एकता ऐसी लग रही थी जै से से स की दे वी हो.
इस सबके आगे म खु द को रोक नहीं पाया और म ने धके लगाते लगाते एकता की जांघ
पर एक ज़ोरदार चपत जड़ दी.
इसके साथ ही एकता के मुँ ह से आउच िनकला और उसने अपना मुँ ह घु मा कर मे री बां ह पर
अपने दांत गाड़ िदए.
म ने एकता को बोला िक वो मे री पीठ पर थोड़ा हाथ फेरे , थोड़ा मे री िजम को चूमे- चाटे
और काटे … और मु झे थोड़ी फीिलं ग दे , िजससे म थोड़ा जदी ही खिलत हो जाऊं.
एकता को कहते ही वो तो मु झे चूमने चाटने और काटने लगी.
एकता ने एक बार िफर अपने नाखून का जलवा िदखाया और इस बार उसने मे रे कध पर
अपने नाख़ून गाड़ िदए.
ये सब मे री िलए इतना उे जक था िक म बहुत दे र तक खु द को नहीं रोक पाया और म ने
ज़ोरदार िपचकारी के साथ अपना बीज एकता के अदर डाल िदया.
म अभी धके लगा कर अपना माल झाड़ ही रहा था िक एकता ने भी अपने दांत भींचने
शु कर िदए और वो एक बार िफर झड़ने लगी.
एकता की गमी कुछ इतनी थी िक म तकरीबन पूरा झड़ने के बाद भी दोबारा से झड़ना शु
हो गया और म ने इतना पानी िगराया िक अगर कोई और होती तो उसको एक नहीं बिक
जु ड़वां बालक ठहर जाते .
हमारे मुँ ह से आवाज़ ऐसे िनकल रही थी, जै से दबी हुई कोई दहाड़ हो. खु ल कर तो हम
दोन ही कुछ नहीं कर सकते थे यूंिक घर म और लोग भी उपिथत थे .
कुछ दे र बाद हम शांत हुए और म ने एकता के पै र को आज़ाद कर िदया.
वो बोली- आपने जो 5-6 बार गाड़ी और ले टफाम वाली बात कही, म उसको मज़ाक
समझ रही थी. पर आपका लं ड तो जै से …
और इतना कहकर वो क गयी. उसके मुँ ह से लं ड जो िनकल गया था.
म - बात तो पूरी कर दो रानी … मुँ ह म आयी बात और लं ड, दोन को ही मुँ ह म नहीं रखना
चािहए
एकता- म कह रही थी िक आपका लं ड तो जै से … जै से िकसी गधे के लं ड की तरह है
एकता ने पूरा िबतर साफ़ िकया, चादर बदली ; कमरे म ेशनर िछड़का और अपने कपड़े
पहन िलए.
उसने मु झे एक पु ची दी और अपने कमरे म चल दी.